From db6f9060884a232b5d48fafb155e9fa3cba0cfc6 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Nayan Ranjan Paul Date: Mon, 19 Sep 2022 23:17:54 +0530 Subject: [PATCH] Upload New File --- .../Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_28_pmo_1 | 255 ++++++++++++++++++ 1 file changed, 255 insertions(+) create mode 100644 Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_28_pmo_1 diff --git a/Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_28_pmo_1 b/Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_28_pmo_1 new file mode 100644 index 0000000..4c386aa --- /dev/null +++ b/Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_28_pmo_1 @@ -0,0 +1,255 @@ +पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री के संदेश का मूल पाठ +नमस्कार ! +इस विशेष आयोजन में उपस्थित दुर्गा जसराज जी, सारंगदेव पंडित जी, पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन के सह-संस्थापक नीरज जेटली जी, देश और दुनिया के सभी संगीतज्ञ और कलाकारगण, देवियों और सज्जनों ! +हमारे यहाँ संगीत, सुर और स्वर को अमर माना गया है । +कहा जाता है कि स्वर की ऊर्जा भी अमर होती है, उसका प्रभाव भी अमर होता है । +ऐसे में, जिस महान आत्मा ने संगीत को ही जिया हो, संगीत ही जिसके अस्तित्व के कण-कण में गूँजता रहा हो, वो शरीर त्यागने के बाद भी ब्रह्मांड की ऊर्जा और चेतना में अमर रहता है । +आज इस कार्यक्रम में संगीतज्ञों, कलाकारों द्वारा जो प्रस्तुतियाँ दी जा रही हैं, जिस तरह पंडित जसराज जी के सुर, उनका संगीत हमारे बीच आज गूँज रहा है, संगीत की इस चेतना में, ये एहसास होता है जैसे पंडित जसराज जी हमारे बीच ही उपस्थित हैं, साक्षात् अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं । +मुझे खुशी है कि उनकी शास्त्रीय विरासत को आप सब आगे बढ़ा रहे हैं, उनकी विरासत को आने वाली पीढ़ियों और सदियों के लिए सुरक्षित कर रहे हैं । +आज पंडित जसराज जी की जन्मजयंती का पुण्य अवसर भी है । +इस दिन, पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन की स्थापना के इस अभिनव कार्य के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूँ । +विशेष रूप से मैं दुर्गा जसराज जी और पंडित सारंगदेव जी को शुभकामनाएँ देता हूँ । +आपने अपने पिता की प्रेरणा को, उनकी तपस्या को, पूरे विश्व के लिए समर्पित करने का बीड़ा उठाया है । +मुझे भी कई बार पंडित जसराज जी को सुनने का, उनसे मुलाकात करने का सौभाग्य मिला है । +साथियों, +संगीत एक बहुत गूढ़ विषय है । +मैं इसका बहुत जानकार तो नहीं हूँ, लेकिन हमारे ऋषियों ने स्वर और नाद को लेकर जितना व्यापक ज्ञान दिया है, वो अपने-आप में अद्भुत है । + हमारे संस्कृत ग्रन्थों में लिखा है- +नाद रूपः स्मृतो ब्रह्मा, नाद रूपो जनार्दनः । +नाद रूपः पारा शक्तिः, नाद रूपो महेश्वरः॥ +अर्थात्, ब्रह्मांड को जन्म देने वाली, पालन करने वाली और संचालित करने वाली और लय करने वाली शक्तियाँ, नाद रूप ही हैं । +नाद को, संगीत को, ऊर्जा के इस प्रवाह में देखने की, समझने की ये शक्ति ही भारतीय शास्त्रीय संगीत को इतना असाधारण बनाती है । +संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमें सांसारिक कर्तव्यों का बोध भी कराता है और सांसारिक मोह से मुक्ति भी करता है । +संगीत की खासियत यही है कि आप उसे छू भले ही नहीं सकते लेकिन वो अनंत तक गूंजता रहता है । +मुझे बताया गया है कि पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय विरासत, कला और संस्कृति की रक्षा होगा, इसका विकास और प्रचार करना होगा । +मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि ये फाउंडेशन, उभरते हुये कलाकारों को सहयोग देगा, कलाकारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए भी प्रयास करेगा । +संगीत के क्षेत्र में शिक्षा और शोध को भी आप लोग इस फ़ाउंडेशन के जरिए आगे बढ़ाने का काम सोच रहे हैं । +मैं मानता हूँ कि पंडित जसराज जी जैसी महान विभूति के लिए ये जो आपकी कार्य योजना है, आपने जो रोडमैप बनाया है, ये अपने-आप में बहुत बड़ी श्रद्धांजलि है । +और मैं ये भी कहूंगा कि अब उनके शिष्यों के लिए एक तरह से ये गुरूदक्षिणा देने का समय है । +साथियों, +आज हम एक ऐसे समय में मिल रहे हैं जब टेक्नोलॉजी, संगीत की दुनिया में काफी प्रवेश कर चुकी है । +मेरा इस कल्चरल फाउंडेशन से आग्रह है कि वो दो बातों पर विशेष फोकस करे । +हम लोग ग्लोबलाइजेशन की बात तो सुनते हैं, लेकिन ग्लोबलाइजेशन की जो परिभाषाएं हैं, और वो सारी बातें घूम-फिर करके अर्थ केन्द्रित हो जाती हैं, अर्थव्‍यवस्‍था के पहलुओं को ही स्‍पर्श करती हैं । +आज के ग्लोबलाइजेशन के जमाने में, भारतीय संगीत भी अपनी ग्लोबल पहचान बनाए, ग्लोबली अपना प्रभाव पैदा करे, ये हम सबका दायित्व है । +भारतीय संगीत, मानवीय मन की गहराई को आंदोलित करने का सामर्थ्य रखता है । +साथ- साथ, प्रकृति और परमात्मा की वन-नेस के अनुभव को भी बल देता है । +इंटरनेशनल योगा डे- अब सारी दुनिया में योगा एक प्रकार से सहज अस्तित्‍व उसका अनुभव होता हे । +और उसमें एक बात अनुभव में आती है, कि भारत की इस विरासत से पूरी मानव जाति, पूरा विश्‍व लाभान्वित हुआ है । +विश्व का हर मानवी, भारतीय संगीत को जानने-समझने, सीखने और लाभान्वित होने का भी हकदार है । +ये हमारा दायित्व है कि हम इस पवित्र कार्य को पूरा करें । +मेरा दूसरा सुझाव है कि जब टेक्नोलॉजी का प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में है, तो संगीत के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी और आईटी का रिवॉल्यूशन होना चाहिए । +भारत में ऐसे स्टार्ट अप तैयार हों जो पूरी तरह संगीत को डेडिकेटेड हों, भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हों, भारत के संगीत की परंपराओं पर आधारित हों । +भारतीय संगीत की जो पवित्र धारा है, गंगा जैसी पवित्र धाराएं हैं, उनको आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित कैसे करें, इस पर बहुत कुछ करने की आवश्यकता है । +जिसमें हमारी जो गुरू-शिष्‍य परंपरा है वो तो बरकरार रहनी चाहिए, लेकिन टेक्‍नोलॉजी के माध्‍यम से एक वैश्विक ताकत प्राप्‍त होनी चाहिए, value addition होना चाहिए । +साथियों, +भारत का ज्ञान, भारत का दर्शन, भारत का चिंतन, हमारे विचार, हमारे आचार, हमारी संस्कृति, हमारा संगीत, इनके मूल में, ये सारी बातें मानवता की सेवा का भाव लिए हुए सदियों से हम सबके जीवन में चेतना भरती रहती हैं । +पूरे विश्व के कल्याण की कामना सहज रूप से उसमें प्रकट होती है । +इसीलिए, हम भारत को, भारत की परम्पराओं और पहचान को जितना आगे बढ़ाएँगे, हम मानवता की सेवा के उतने ही अवसर प्रशस्त करेंगे । +यही आज भारत का मन्तव्य है, यही आज भारत का मंत्र है । +आज हम काशी जैसे अपनी कला और संस्कृति के केन्द्रों का पुनर्जागरण कर रहे हैं, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम को लेकर हमारी जो आस्था रही है, आज भारत उसके जरिए विश्व को सुरक्षित भविष्य का रास्ता दिखा रहा है । +विरासत भी, विकास भी इस मंत्र पर चल रहे भारत की इस यात्रा में 'सबका प्रयास' शामिल होना चाहिए । +मुझे विश्वास है, पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन अब आप सभी के सक्रिय योगदान से सफलता की नई ऊंचाई प्राप्त करेगा । +ये फाउंडेशन, संगीत सेवा का, साधना का, और देश के प्रति हमारे संकल्पों की सिद्धि का एक महत्‍वपूर्ण माध्यम बनेगा । +इसी विश्वास के साथ, आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद और इस नवतर प्रयास के लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं ! +धन्‍यवाद! +प्रधानमंत्री ने करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी रैली को संबोधित किया +"मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है" +“हमने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 1 लाख नए कैडेट्स बनाए हैं” +“हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियाँ शामिल हों” +"जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे कोई दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती" +"एनसीसी कैडेट अच्छी डिजिटल आदतों में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं और गलत सूचना और अफवाहों के खिलाफ लोगों को जागरूक कर सकते हैं" +"एनसीसी हो, एनएसएस हो, आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें" +प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने करियप्पा ग्राउंड में राष्ट्रीय कैडेट कोर रैली को संबोधित किया । +प्रधानमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया, एनसीसी टुकड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की सलामी ली और एनसीसी कैडेटों को सेना की कार्रवाई, स्लेदरिंग, माइक्रोलाइट फ्लाइंग, पैरासेलिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए देखा । +सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को प्रधानमंत्री की ओर से मेडल और बैटन भी प्रदान किए गए । +सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और जब एक युवा देश, इस तरह के किसी ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनता है, तो उसके उत्सव में एक अलग ही उत्साह दिखता है । +यही उत्साह मैं अभी इस कार्यक्रम में देख रहा हूं । +प्रधानमंत्री ने खुद एनसीसी से जुड़े होने पर गर्व महसूस करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आपकी तरह ही एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूं । +मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है ।” +प्रधानमंत्री ने लाला लाजपत राय और फील्ड मार्शल करियप्पा को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी । +भारत के दोनों वीर सपूतों की आज जयंती है । +प्रधानमंत्री ने ऐसे दौर में देश में एनसीसी को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में चर्चा की, जब देश नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है । +इसके लिए देश में एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का गठन किया गया है । +उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में देश के सीमावर्ती इलाकों में एक लाख नए कैडेट बनाए गए हैं । +प्रधानमंत्री ने बालिकाओं और महिलाओं के लिए रक्षा प्रतिष्ठानों के दरवाजे खोलने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से बताया । +उन्होंने बड़ी संख्या में बालिका कैडेटों की उपस्थिति की चर्चा करते हुए इसे राष्ट्र के बदलते रवैये का प्रतीक बताया । +उन्होंने बालिका कैडेटों से कहा, "देश को आपके योगदान की जरूरत है और उसके लिए पर्याप्त अवसर हैं ।" +उन्होंने कहा कि अब देश की बेटियां सैनिक स्कूलों में एड्मिशन ले रही हैं , सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिल रही हैं । +एयरफोर्स में देश की बेटियां फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं । +ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियां शामिल हों । +कैडेटों के युवा प्रोफाइल के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां एनसीसी में हैं, एनएसएस में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं ,आपको ही भारत को 2047 तक लेकर जाना है । +” उन्होंने कहा, “इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी । +” प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे कोई दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती । +आज खेल के मैदान में, स्टार्टअप का वातावरण तैयार करने में, भारत की सफलता भी इसका एक बड़ा उदाहरण है । +प्रधानमंत्री ने कैडेटों का आह्वान करते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में, आज से लेकर अगले 25 वर्ष, आपको अपनी प्रवृतियों को, अपने कार्यों को देश के विकास के साथ, देश की अपेक्षाओं के साथ जोड़ना है । +प्रधानमंत्री ने उस प्रमुख भूमिका के बारे में बताया जो आज के युवा 'वोकल फॉर लोकल' अभियान में निभा सकते हैं । +उन्होंने जोर देकर कहा, "यदि आज का युवा केवल उन्हीं सामानों का उपयोग करने का संकल्प लेता है जो एक भारतीय के श्रम और पसीने से बनाए गए हैं, तो भारत का भाग्य बदल सकता है ।" +प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक ओर डिजिटल टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन से जुड़ी अच्छी संभावनाएं हैं, तो दूसरी ओर मिस-इंफॉर्मेशन के खतरे भी हैं । +उन्होंने कहा कि हमारे देश का सामान्य मानव, किसी अफवाह का शिकार न हो ये भी जरूरी है । +उन्होंने प्रस्ताव करते हुए कहा कि एनसीसी कैडेट इसके लिए एक जागरूकता अभियान चला सकते हैं । +प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जिस स्कूल-कॉलेज में एनसीसी हो, एनएसएस हो वहां पर ड्रग्स कैसे पहुंच सकती है । +उन्होंने कैडेटों को सलाह दी कि आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें । +उन्होंने जोर देकर कहा कि आपके साथी, जो एनसीसी- एनएसएस में नहीं हैं, उन्हें भी इस बुरी आदत को छोड़ने में मदद करिए । +प्रधानमंत्री ने कैडेटों को सेल्फ4सोसाइटी पोर्टल से जुड़ने को कहा जो देश के सामूहिक प्रयासों को नई ऊर्जा देने का काम कर रहा है । +पोर्टल से 7 हजार से ज्यादा संस्थाएं और 2.25 लाख लोग जुड़े हैं । +नई दिल्ली के करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी रैली में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ +कार्यक्रम में उपस्थित देश के रक्षामंत्री श्रीमान राजनाथ सिंह जी, एनसीसी के DG लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह जी, यहां उपस्थित सभी महानुभाव, अधिकारीगण, गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेने वाले कलाकार, NSS-NCC के साथियों! +इस समय देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है । +और जब एक युवा देश, इस तरह के किसी ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनता है, तो उसके उत्सव में एक अलग ही उत्साह दिखता है । +यही उत्साह मैं अभी करियप्पा ग्राउंड में भी देख रहा था । +ये भारत की उस युवा शक्ति के दर्शन हैं जो हमारे संकल्पों को पूरा करेगी, जो 2047 में जब देश आजादी के सौ साल पूरे करेगा, 2047 के भव्य भारत का निर्माण करेंगी । +मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आप ही की तरह एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूँ । +लेकिन जो सौभाग्‍य आपको मिला है वो मुझे नहीं मिला था । +मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उन संस्‍कारों से, उस ट्रेनिग से असीम ताकत मिलती है । +अभी कुछ ही समय पहले मुझे एनसीसी alumni का कार्ड भी मिला था । +आज देश के प्रधानमंत्री के साथ साथ मैं उस नाते भी आपका साथी हूँ, आपसे जुड़ा हूँ । +मैं एनसीसी के सभी पदाधिकारियों को, और सभी फ़ेलो कैडेट्स को इस अवसर पर salute करता हूँ । +आज जिन कैडेट्स को पुरस्कार मिला है, उन्हें भी मैं अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ । +आज महान स्वतंत्रता सेनानी, पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी की जयंती भी है । +आज ही फील्ड मार्शल करियप्पा की भी जयंती है । +राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले देश के इन वीर सपूतों को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं । +साथियों, +आज जब देश नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है, तब देश में एनसीसी को मजबूत करने के लिए भी हमारे प्रयास जारी हैं । +इसके लिए देश में एक हाई लेवेल रिव्यू कमेटी की स्थापना की गई है । +पिछले दो सालों में हमने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 1 लाख नए कैडेट्स बनाए हैं । +मुझे खुशी है कि एनसीसी कैडेट्स की ट्रेनिंग में सिमुलेशन जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है । +हमारे एजुकेशन सिस्टम को एनसीसी से जोड़ने के लिए भी देश कई कदम उठा रहा है । +पूरी तरह से self-financing scheme के तहत 1 लाख कैडेट्स का विस्तार देश के कॉलेजों में किया गया है । +1 लाख कैडेट्स को लेकर यही प्रयास अब स्कूलों में भी शुरू किया गया है । +नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत देश की 90 universities ने NCC को elective subject के रूप में भी शुरू किया है । +मैं आज यहाँ बड़ी संख्या में girl cadets को देख रहा हूँ । +ये देश के बदलते मिजाज का प्रतीक है । +देश को आज आपके विशेष योगदान की जरूरत है । +देश में आपके लिए आज अपार अवसर मौजूद हैं । +अब देश की बेटियाँ सैनिक स्कूलों में एड्मिशन ले रही हैं । +सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियाँ मिल रही हैं । +एयरफोर्स में देश की बेटियाँ फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं । +ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियाँ शामिल हों । +जिन बेटियों ने खुद एनसीसी ज्वाइन किया है, वो इसके लिए एक प्रेरणा बन सकती हैं । +साथियों, +देश के प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की कविता और उस कविता की पंक्तियों में उन्‍होंने कहा- +भूखंड बिछा, आकाश ओढ़, नयनोदक ले, मोदक प्रहार, +ब्रह्मांड हथेली पर उछाल, अपने जीवन-धन को निहार । +ये पंक्तियां, सामर्थ्य की पराकाष्ठा का वर्णन करती हैं । +शक्ति ऐसी हो कि भूखंड को बिछा सकें, आकाश को ओढ़ सकें, ब्रह्मांड को हथेली पर उछाल सकें । +ताकत ऐसी हो कि कठिन से कठिन परिस्थिति का भी हंसकर, डटकर मुकाबला कर सकें । +आज मां भारती, भारत के युवाओं से यही आह्वान कर रही है । +भूखंड बिछा, आकाश ओढ़, नयनोदक ले, मोदक प्रहार, +ब्रह्मांड हथेली पर उछाल, अपने जीवन-धन को निहार । +आने वाले 25 साल का अमृतकाल, देशभक्ति के ज्वार का है । +और आज चुनौती इस बात की नहीं है कि दुनिया में कोई इसे स्वीकार करेगा या नहीं । +आज महत्व इस बात का है कि जब दुनिया भारत को इतनी उम्मीदों के साथ देख रही है, इतने भरोसे के साथ देख रही है, तो भारत अपने प्रयासों में कहीं से भी कमजोर तो नहीं पड़ जाएगा । +आज आजादी के अमृत महोत्सव में भारत ने जो संकल्प लिए हैं, जो अभियान शुरू किए हैं, वो निरंतर नई ऊर्जा पाते रहें, इसका बहुत बड़ा दायित्व हमारे देश के कोटि-कोटि नौजवानों पर है । +आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां NCC में हैं, NSS में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं । +आपको ही भारत को 2047 तक बड़े आन-बान-शान के साथ लेकर जाना है । +इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी । +राष्ट्रभक्ति से बड़ी कोई भक्ति नहीं होती, राष्ट्रहित से बड़ा कोई हित नहीं होता । +देश को सर्वोपरि रखते हुए, आप जो भी करेंगे, वो देश के विकास में मदद करेगा । +आज हमारे युवाओं ने भारत को स्टार्ट-अप की दुनिया में टॉप तीन में पहुंचा दिया है । +कोरोना के इस संकट काल में जितने यूनिकॉर्न बने हैं, वो भारत के युवाओं का शक्ति प्रदर्शन है । +आप कल्पना कर सकते हैं- 50 से ज्यादा यूनिकॉर्न कोरोना काल के दौरान अस्तित्व में आए हैं । +और आपको तो पता ही होगा, एक-एक यूनिकॉर्न, एक-एक स्टार्ट अप की पूंजी साढ़े सात हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है । +ये क्षमता, ये सामर्थ्य बहुत बड़ा विश्वास जगाता है । +और जानते हैं, इसमें सबसे बड़ी बात क्या है? ये हजारों स्टार्ट-अप्स, देश की किसी ना किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए बने हैं । +कोई कृषि क्षेत्र में नया कर रहा है, कोई सप्लाई चेन सुधारने के लिए नया कर रहा है । +कोई शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए कुछ नया कर रहा है । +इनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा है, कुछ कर गुजरने का जज्बा है । +साथियों, +जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती है । +आज खेल के मैदान में, भारत की सफलता भी इसी का एक बड़ा उदाहरण है । +खिलाड़ी की प्रतिभा, खिलाड़ी का संकल्प, उन सारी बातों का अपना महत्‍व तो है ही, खिलाड़ी के परिश्रम का भी बहुत महत्‍व है, लेकिन अब उसकी हार-जीत के साथ 130 करोड़ देशवासी जुड़ जाते हैं । +भारत का युवा, किसी भी मैदान में किसी से टक्कर ले रहा है, तो पूरा देश उसके पीछे एकजुट हो जाता है । +खिलाड़ियों में भी ये भावना प्रबल है कि मैं पुरस्कार के लिए नहीं, अपने देश के लिए खेल रहा हूं । +इसी भावना के साथ हर क्षेत्र में भारत के युवाओं को, देश की भावी पीढ़ी को आगे बढ़ना है । +साथियों, +कोरोना के इस काल ने, पूरी दुनिया को हम भारतीयों के अनुशासन, हम भारतीयों की समाज शक्ति का परिचय दिया है । +जब जनता कर्फ्यू के दौरान पूरा देश कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट हो गया, तो पूरा विश्व हैरान रह गया था । +कुछ लोग हमारे समाज को कोसते हैं लेकिन इसी समाज ने दिखा दिया कि जब बात देश की हो, तो उससे बढ़कर कुछ नहीं । +जब सही दिशा मिले, सही उदाहरण मिले, तो हमारा देश कितना कुछ करके दिखा सकता है, ये उसका उदाहरण है । +आप NCC और NSS के युवाओं ने भी कोरोना के इस संकट में अपने सेवाभाव से सभी का दिल जीता है । +अब आपके ये भी दायित्व है कि जो कुछ आपने NCC में सीखा है, वो सिर्फ जब यूनिफॉर्म पहना हो तभी काम में आए, ऐसा नहीं होता है । +वो आपके पूरे जीवन में, इसी तरह कैसे बना रहे, समय-समय पर कैसे प्रकट होता रहे । +आपको ये भी सोचना चाहिए कि एक कैडेट के तौर पर जो सीखा है, उसका समाज को कैसे लाभ होगा । +जैसे आप अगर किसी गांव में रहते हैं, तो आप पता कर सकते हैं कि कहीं उस गांव में कोई विद्यार्थी स्‍कूल छोड़ करके Dropout तो नहीं है । +आप उससे मिलेंगे, उसकी दिक्कत समझेंगे, उसकी पढ़ाई फिर से शुरू हो, इसके लिए प्रयास करेंगे, तो NCC की भावना को आप आगे बढ़ाएंगे । +आप स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिए भी अपने गांव-मोहल्ले, अपने शहर-कस्बे में अलग-अलग टीमें बना सकते हैं । +क्‍योंकि आपने यहां पर लीडरशिप के गुण सीखे हैं, अब उसको apply करना है समाज में । +जिस तरह आपने समुद्री तटों की सफाई के लिए ‘पुनीत सागर अभियान’ चलाया था, बहुत प्रशंसा पाई थी, वो NCC के कार्यकाल के बाद भी जारी रहनी चाहिए । +जैसे आजकल देश में Catch the Rain, इसका एक जनआंदोलन चल रहा है । +बारिश के पानी को हम कैसे बचाएं, जो हमारे तालाब हैं, जो झीलें हैं, उन्हें कैसे साफ रखें, इस दिशा में भी आप लोगों को जागृत कर सकते हैं । +साथियों, +आजादी की लड़ाई में, महात्मा गांधी ने देश के सामान्य मानवी को ऐसी-ऐसी प्रवृत्तियों से जोड़ा था, जिनसे लोगों की रोजी-रोटी भी चलती थी, लेकिन साथ-साथ देशभक्ति का आंदोलन भी गति पकड़ता था । +जैसे कोई सूत कातने का काम करता था, कोई प्रौढ़ शिक्षा से जुड़ा था, कोई गौ-पालन से जुड़ कर काम करता था, कोई स्वच्छता का काम करता था, इन सारे विषयों को गांधी जी ने आजादी के आंदोलन से जोड़ दिया था । +इसी तरह आजादी के अमृतकाल में, आज से लेकर अगले 25 वर्ष हम सबको, आपको अपनी प्रवृतियों को, अपने कार्यों को देश के विकास के साथ, देश की अपेक्षाओं के साथ, देश की आकांक्षाओं के साथ जोड़ना है । +आज देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ चल रहा है । +आप सभी युवा, वोकल फॉर लोकल के अभियान में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं । +अगर भारत के युवा ठान लें कि जिस चीज के निर्माण में किसी भारतीय का श्रम लगा है, किसी भारतीय का पसीना बहा है, सिर्फ वही चीज इस्तेमाल करेंगे, तो भारत का भाग्य तेज गति से बदल सकता है । +वोकल फॉर लोकल का मंत्र सीधे-सीधे देश के युवाओं से भी जुड़ा हुआ है । +जब लोग स्थानीय उत्पादों को खरीदेंगे, तो स्थानीय उत्पादन भी बढ़ेगा, उसकी क्‍वालिटी भी improve होती जाएगी । +जब स्थानीय उत्पादन बढ़ेगा तो इस वजह से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए साधन भी बढ़ेंगे । +साथियों, +ये समय technology और innovation का है । +ये समय डिजिटल क्रांति का है । +इस युग का अगर कोई नायक है, तो वो आप मेरे सभी युवा साथी हैं । +इसलिए, बदलाव के इस दौर में बतौर कैडेट कई नई जिम्मेदारियाँ आपके पास हैं । +आपको इस क्रांति में भारत को लीडर बनाने के लिए देश को अपना नेतृत्व देना है और साथ ही इसकी चुनौतियों का मुक़ाबला भी करना है । +आज एक ओर डिजिटल टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन से जुड़ी अच्छी संभावनाएं हैं, तो दूसरी ओर misinformation के खतरे भी हैं । +हमारे देश का सामान्य मानवी, किसी अफवाह का शिकार न हो ये भी जरूरी है । +NCC कैडेट्स इसके लिए एक जागरूकता अभियान चला सकते हैं । +एक और चैलेंज जो आज के युवाओं के सामने है, वो है virtual और real life में बिगड़ता सामंजस्य! NCC अपने कैडेट्स के लिए इस सामंजस्य की ट्रेनिंग के तरीके तैयार कर सकती है, जो बाकी लोगों के लिए भी मददगार हों । +साथियों, +एक और विषय को मैं आपके सामने उठाना चाहता हूं । +ये विषय है ड्रग्स का, नशे का । +नशा हमारी युवा पीढ़ी को कितना बर्बाद करता है, ये आप भली-भांति जानते हैं । +तो फिर जिस स्कूल-कॉलेज में NCC हो, NSS हो वहां पर ड्रग्स कैसे पहुंच सकती है । +आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें । +आपके साथी, जो NCC-NSS में नहीं हैं, उन्हें भी इस बुरी आदत को छोड़ने में मदद करिए । +साथियों, +देश के ऐसे ही सामूहिक प्रयासों को नई ऊर्जा देने के लिए कुछ वर्ष पहले एक पोर्टल भी शुरू किया गया था । +ये पोर्टल है- Self4Society portal. इस पोर्टल पर अलग-अलग व्यक्ति आकर, अलग-अलग कंपनियां आकर, अलग-अलग संगठन आकर, समाज सेवा के जो काम होते हैं, उन कार्यों में वो सहयोग करते हैं । +विशेषकर भारत की IT और टेक कंपनियों ने इस दिशा में बहुत अच्छा काम किया है । +आज इससे 7 हजार से ज्यादा संगठन और सवा दो लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, जो कुछ न कुछ समाज सेवा करते हैं । +NCC-NSS के लाखों युवाओं को भी इस पोर्टल से जरूर जुड़ना चाहिए । +भाइयों बहनों, +हमें एक ओर एनसीसी कैडेट्स का विस्तार करना है, तो दूसरी ओर कैडेट स्पिरिट को भी आगे बढ़ाना है । +ये स्पिरिट जन-जन तक पहुंचानी है, गांव-गावं तक उसकी गूंज पहुंचानी है, ये हम सबका दायित्‍व है । +और मैं समझता हूं, इसमें, एनसीसी alumni की बहुत बड़ी भूमिका है । +NCC alumni association इस काम में एक ब्रिज की, एक नेटवर्क की भूमिका निभाएगा । +चूंकि मैं खुद इस association का सदस्य हूँ, इसलिए मेरी देश विदेश में फैले सभी alumni साथियों से अपील है कि इस मिशन का सक्रिय हिस्सा बनें । +क्योंकि, Once a cadet, always a cadet! +हम जहां कहीं भी हैं, जिस किसी क्षेत्र में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं, हमारे अनुभव देश और नई पीढ़ी के बहुत काम आ सकते हैं । +हमारे अनुभव एक संगठन के रूप में एनसीसी को भी पहले से बेहतर बनाने का माध्यम बन सकते हैं । +इससे एनसीसी की स्पिरिट और कर्तव्य की भावना का समाज में भी विस्तार होगा । +मुझे पूरा भरोसा है, आज़ादी के अमृत महोत्सव में हमारे ये प्रयास नए भारत के निर्माण की ऊर्जा बनेंगे, और एनसीसी के कैडेट्स इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे । + इसी विश्वास के साथ, आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ! +भारत माता की, जय! +भारत माता की, जय! +भारत माता की, जय! +वंदे मातरम, वंदे मातरम! +पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन +"संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमें हमारे सांसारिक कर्तव्यों से अवगत कराता है और यह हमें सांसारिक आसक्तियों को पार करने में भी मदद करता है" +"योग दिवस के अनुभव ने संकेत दिया है कि दुनिया को भारतीय विरासत से लाभ हुआ है और भारतीय संगीत में भी मानव मन की गहराई में उतरने की क्षमता है" +"दुनिया में हर व्यक्ति भारतीय संगीत के बारे में जानने, सीखने और लाभ पाने का हकदार है, इसका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है" +"आज के युग में जब प्रौद्योगिकी का प्रभाव व्यापक है, संगीत के क्षेत्र में भी प्रौद्योगिकी और आईटी क्रांति होनी चाहिए" +"आज हम काशी जैसे अपनी कला और संस्कृति के केन्द्रों का पुनर्जागरण कर रहे हैं" +प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक पंडित जसराज की जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की । +प्रधानमंत्री ने पंडित जसराज के संगीत को अमर ऊर्जा का मूर्त रूप बताया और उस्ताद की गौरवशाली विरासत को जीवित रखने के लिए दुर्गा जसराज और पंडित शारंग देव की सराहना की । +प्रधानमंत्री पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन के शुभारंभ पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बोल रहे थे । +प्रधानमंत्री ने भारतीय संगीत परंपरा के संतों द्वारा प्रदान किए गए वृहद ज्ञान के बारे में चर्चा की । +श्री मोदी ने कहा कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा को महसूस करने की शक्ति और ब्रह्मांड के प्रवाह में संगीत को देखने की क्षमता ही भारतीय शास्त्रीय संगीत परंपरा को इतना असाधारण बनाती है । +प्रधानमंत्री ने कहा, "संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमें हमारे सांसारिक कर्तव्यों से अवगत कराता है और यह हमें सांसारिक आसक्तियों को पार करने में भी मदद करता है ।" +प्रधानमंत्री ने भारत की कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लक्ष्य के लिए पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन की प्रशंसा की । +उन्होंने फाउंडेशन से प्रौद्योगिकी के इस युग के दो प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा । +सबसे पहले उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत को वैश्वीकरण के इस युग में अपनी पहचान बनानी चाहिए । +उन्होंने कहा कि योग दिवस के अनुभव ने संकेत दिया है कि भारतीय विरासत से दुनिया को फायदा हुआ है और भारतीय संगीत में भी मानव मन की गहराई में उतरने की क्षमता है । +उन्होंने कहा, "दुनिया में हर व्यक्ति भारतीय संगीत के बारे में जानने, सीखने और लाभ पाने का हकदार है । +इसका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है ।” +दूसरी बात, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब टेक्नोलॉजी का प्रभाव हर क्षेत्र में है, तो संगीत के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी और आईटी का रिवॉल्यूशन होना चाहिए । +भारत में ऐसे स्टार्ट अप तैयार हों जो पूरी तरह संगीत को डेडिकेटेड हों, भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हों, भारत के संगीत की परंपराओं पर आधारित हों । +उन्होंने काशी जैसे संस्कृति और कला के केंद्रों को पुनर्जीवित करने के हाल के प्रयासों के बारे में भी बताया । +प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम को लेकर हमारी जो आस्था रही है, आज भारत उसके जरिए विश्व को सुरक्षित भविष्य का रास्ता दिखा रहा है । +उन्होंने कहा, "विरासत के साथ विकास की इस भारतीय यात्रा में, 'सबका प्रयास' को शामिल किया जाना चाहिए ।" +प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लाला लाजपत राय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है । +प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा; +"पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जयंती पर सादर नमन । +स्वतंत्रता आंदोलन में उनके साहस, संघर्ष और समर्पण की कहानी देशवासियों के लिए सदैव स्मरणीय रहेगी ।" -- GitLab