केले का सेवन करने के बाद यदि आप गर्म पानी पिएंगी तो निश्चित ही आप अपने वजन से छुटकारा पा सकती हैं । नेचुरल डिटॉक्स ड्रिंक फॉर हेल्दी लिवर, लिवर को स्वस्थ रखने के लिए डिटॉक्स ड्रिंक्स पेट की चर्बी डेली करनी चाहिए । कुछ ऐसे व्यायाम हैं, जिन्हें आप हर दिन कर सकते हैं । इन्हें करना भी काफी आसान है । एक बार कुछ महीनों के लिए इन एक्सरसाइज को करके देखें, आपको लाभ होगा । मॉर्निंग वॉक पर जाएं सुबह का नाश्ता ज़रूर खाएं गुनगुना पानी पीएं ऐसे योगासनों का अभ्यास करें जिनसे वेट लॉस होता है जैसे- भुजंगासन, सूर्य नमस्कार, और प्राणायाम रात में खाना खाने के 2-3 घंटे बाद ही सोएं । हेल्दी, बैलेंस्ड, लो फैट डायट लें । दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में 6 मील खाएं । दही और ताज़े फल-सब्ज़ियों का करें सेवन हफ्ते में एक दिन करें फास्टिंग भोजन स्किप ना करें । बल्कि, हल्का और लो-फैट फूड खाएं । ठंड में अक्सर लोगों का वजन बढ़ने लगता है । क्यों होता है ऐसा, किन कारणों से सर्दियों में वजन बढ़ने लगता है और वजन को नियंत्रित रखने के उपाय क्या हैं? जानें यहां... वजन कम करने के लिए डाइट में कॉफी शामिल करने को ''कॉफी डाइट'' नाम दिया गया है । क्या है कॉफी डाइट ?   शरीर से अतिरिक्त कैलोरी, चर्बी और वजन कम करने के लिए आपको प्रत्येक दिन एक से तीन कप कॉफी अपनी डाइट में शामिल करना होगा । वजन कैसे करती है कम  - इस डाइट प्लान में आपको प्रत्येक दिन लगभग 3 कप हल्‍की रोस्‍ट कॉफी का सेवन करना होगा । - साथ ही खानपान भी हेल्दी लें । भूख करे कम कॉफी डाइट आपकी भूख को कम करने के साथ कैलोरी की मात्रा कम करने में मदद करती है । मेटाबॉलिज्‍म बढ़ाए कैफीनयुक्त कॉफी शरीर द्वारा बर्न की जाने वाले कैलोरी और वसा की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है । बढ़ते वजन को रोकना चाहते हैं तो खानपान के तरीकों में करें ये 5 सिंपल बदलाव, हमेशा रहेंगे फिट लंबे समय तक काम करने, आलस्‍यपूर्ण जीवन शैली और अत्‍यधिक तनाव के कारण वर्किंग प्रोफशनल्‍स महिलाओं और पुरुषों की सेहत खराब होती जा रही है । लगातार बैठकर काम करने वाले लोगों में मोटापा बढ़ता जा रहा है । परिणामस्वरूप, अधिक वजन या मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ रहे हैं । शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि थकान, एसिडिटी से लेकर जीवन की खतरनाक बीमारियों जैसे , स्लीप एपनिया, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं । हालांकि, अपने खाने की आदतों में बदलाव लाना मोटापे से निपटने की दिशा में पहला कदम हो सकता है । यहां हम आपकों खानपान के कुछ स्‍वस्‍थ तरीकों के बारे में बता रहे हैं । 1- शहद और नींबू का सेवन करें अपने दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म पानी से करें और इसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाएं । यह आपके शरीर को डिटॉक्स करने और ताज़ा महसूस करने में मदद करता है । 2- सुबह का नाश्ता कभी न छोड़ें ब्रेकफास्ट शरीर को दिन की शुरुआत में ही आवश्यक कैलोरी देता है, जिससे अवांछित कैलोरी की मात्रा कम होती है । के बजाय पौष्टिक फलों और सब्जियों का सेवन करें । 3- हर दिन मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स खाएं ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है और है जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । 4- चीनी को कहें ना शहद या गुड़ की तरह प्राकृतिक मिठास के साथ चीनी बदलें अगर आप परीक्षा में महसूस करते हैं । 5- भोजन पर कंट्रोल रखें थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर कम मात्रा में भोजन करें । अवांछित चीजों को खाने से बचें । इस पर नियंत्रण रखने के लिए अपना एक डाइट चार्ट बनाएं और रूटीन को फॉलो करें । अनहेल्‍दी चीजों को खाने से बचें । इन सब के अलावा, आप रोजाना योग कर सकते हैं । , तैराकी, साइकिल चलाना या कार्डियो वर्कआउट जैसी गतिविधियों का चुनाव कर सकते हैं । एक्‍सरसाइज नियमित रूप से करें । भारतीय मसाला चाय को देसी चाय के नाम से भी जाना जाता है । इस मसाला चाय को भारतीय मसाला चाय इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इसमें उपयोग किये जाने वाले सारे मसाले भारतीय हैं । ऐसे मसाले हैं जो आपके किचन में आसानी से उपलब्ध होते हैं । वजन घटाने के लिए अगर आप रोजाना ग्रीन टी पीते हैं तो अब आपको अपनी राय बदल लेनी चाहिए । वजन घटाने के लिए एक ऐसी चाय है जो वजन को बहुत तेजी कम करती है । वजन घटाने के लिए आप अक्सर लोगों से सुनते होंगे की ग्रीन टी पी रहा हूं लेकिन हेल्दी व टेस्टी भारतीय मसाला चाय के बारे में आप नहीं जानते होंगे । भारतीय मसाला चाय मानी जाती है । अगर आप भी वजन कम कर रहे हैं तो अपनी डाइट में भारतीय मसाला चाय को आज से ही शामिल करें । अगर आपको इस चाय को आजमाना है तो आपको इसके बनाने के बारे में जरूर जानना चाहिए । आइए जानते हैं वजन कम करने वाली भारतीय मसाला चाय के बारे में……. वजन कम करने वाली मसाला चाय के लिए जरूरी सामग्री लौंग इलायची काली मिर्च सौंफ के बीज दालचीनी अदरक वजन कम करने वाली मसाला चाय बनाने का तरीका सबसे पहले सभी मसालों को लगभग 2 मिनट तक भूनना है । अगर एक इंसान के लिए चाय बना रहे हैं तो 5 लौंग, 3 इलायची, 5 काली मिर्च, आधा चम्मच सौंफ के बीज, आधा चम्मच दालचीन पाउडर, छोटा टुकड़ा अदरक या आधा चम्मच अदरक पाउडर ले सकते हैं । सभी सामग्री को हल्का भूनने के बाद ठंडा होने के लिए छोड़ दें । ठंडा होने के बाद सभी मसालों को ठीक से पीसकर रख लें । जब भी चाय पीना हो उसमें इस पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं । अगर आप चाय नहीं पीते हैं तो एक कप गर्म पानी में एक चम्मच मसाला डालकर सेवन कर सकते हैं । मसाला चाय वजन कम कैसे करती है मसाला चाय में उपयोग किये जाने वाले मसाले अपने आप में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने वाले होते हैं । इस मसालों में पाचन तंत्र को बेहतर करने का गुण पाया जाता है । ये सभी मसाले ऐसे हैं जो शरीर में अतिरिक्त फैट को कम करने का काम करते हैं । आइए जानते हैं इन मसालों के अलग-अलग फायदे । दाल चीनी शरीर में ग्लूकोज का स्तर जब बढ़ता है तो शरीर में फैट का निर्माण होता है और इंसान मोटापा का शिकार होने लगता है । दालचीनी में पाये जाने वाले तत्व ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं । दाल चीनी के सेवन से मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है जो वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी होता है । लौंग लौंग एक ऐसा भारतीय मसाला है जो सेहत के लिए कई मायनों में बहुत लाभकारी है । लौंग के सेवन से पाचन तंत्र बेहतर होता है, कब्ज, एसिडिटी की परेशानी ठीक होती है । लौंग के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी नियंत्रित रहता है । काली मिर्च काली मिर्च वजन घटाने के लिए सबसे कारगर मसाला माना जाता है । काली मिर्च में पाया जाने वाला पोपेरिन शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है । शरीर में फैट को बढ़ने से रोकने में काली मिर्च काफी कारगर होता है । सौंफ सौंफ इंसान के शरीर में जमा होने वाले विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है । सौंफ में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो इंसान की भूख को भी नियंत्रित करता है । अगर आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो सौंफ आपके वजन को बहुत तेजी से कम करने में मददगार होता है । इलायची भारतीय मसालों में सबसे अच्छा मसाला माना जाता है जो सुगंध के साथ-साथ पाचन तंत्र को ठीक करने का काम करता है । शरीर में किसी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए इलायची का उपयोग किया जाता है । इलायची में पाया जाने वाला मेलाटोनिन शरीर को कई बीमारियों से बचाता है । अदरक अदरक में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण पाये जाते हैं । किसी प्रकार की पाचन समस्या होने पर वजन काफी तेजी से बढ़ता है । अगर आपको वजन कम करना है तो अदरक का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए । मसाला चाय वजन घटाने में क्यों है मददगार  इस चाय में उपयोग किये जाने वाले मसाले फैट को जलाने वाले होते हैं । अदरक, इलायची, सौंफ, काली मिर्च, लौंग और दालचीनी इंसान के मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाते हैं और शरीर में एकत्र हुए अतिरक्त फैट को कम करने का काम करते हैं । चाय का सेवन करते समय एक महत्वपूर्ण बात को कभी न भूलना चाहिए, वो यह है कि आपको मसाला चाय में चीनी का सेवन नहीं करना है । अगर आपको स्वाद नहीं मिलता है तो गुड़ या शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं । ऐसा इसलिए, क्योंकि छोटे लोगों का मेटाबॉलिज्म लंबे लोगों से उतना अधिक बेहतर नहीं होता है । लंबे लोगों का मेटाबॉलिज्म इसलिए भी बेहतर होता है, क्योंकि उनमें मांसपेशियां अधिक होती हैं । ऐसे में वो कम समय में ही अधिक कैलोरी बर्न कर पाते हैं । जो लोग लंबे होते हैं, उनकी मांसपेशियां भी काफी लचीली होती हैं, इस वजह से भी कैलोरी तेजी से और आसानी से बर्न होती है । दरअसल, शरीर की मांसपेशियां जितनी पतली होती हैं, मेटाबॉलिज्म उतना ही अच्छा होता है । मेटाबॉलिज्म अच्छा होने का मतलब है कि आप काफी तेजी से वजन कम कर सकते हैं । एक बात और है कि जो लोग लंबे होते हैं वो कम कद वालों की तुलना में एक्सरसाइज भी तेजी से और अधिक एक्सरसाइज कर पाते हैं, ऐसे में उन्हें वजन घटाने में आसानी होती है । परेशान होने की जरूरत नहीं है, यदि आपका कद कम है, तो आप नीचे बताए गए कुछ बातों को फॉलो करके वजन कम कर सकते हैं । कम कद वालों यूं करें वजन कम 1 यदि आप छोटी हाइट के हैं, तो अपने खाने में नमक थोड़ा कम ही डालें । सोडियम का सेवन अधिक करने से कई तरह की शारीरिक समस्याएं आपको घेर सकती हैं । रात में मेटाबॉल्जिम फंक्शन काफी धीरे हो जाता है, ऐसे में कम खाएं और लो सोडियम युक्त डिनर ही करें । 2 लंबाई कम है, तो अपनी फास्ट फूड और जंक फूड खाने की आदत पर लगाम लगाना शुरू कर दें । वजन घटाने के लिए यह बेहद जरूरी है । शुगरी फूड्स जैसे पेस्ट्री, कुकीज, केक आदि का सेवन भी कम कर दें । एक हेल्दी अनाज होने के कारण बाजरा आमतौर पर सेफ ही होता है । लेकिन,  बाजरे के बहुत अधिक सेवन से थायरॉयड ग्लैंड्स के एक्टिव होने का डर होता है । जिससे,  गले में थायरॉयड हो सकता है । दिन में 3- 4 बार गुनगुना पानी शरीर की बहा देगी चर्बी और होंगे ये 7 फायदे, महिला और पुरुष दोनों के लिए कई फायदों से भरा है पानी आपने अक्सर देखा होगा, जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे होते हैं सुबह उठकर एक गिलास गर्म या फिर गुनगुना पानी जरूर पीते हैं । गर्म पानी पीना ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं होता लेकिन इसके ऐसे कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जो आपको इसे पीने के लिए जरूर मजबूर कर सकते हैं । यूं तो दिन में 2 से 3 लीटर पानी यानी के 8 से 10 ग्‍लास शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है लेकिन अगर आप दिन में तीन से 4 बार तक गुनगुना पानी पीने की आदत डाल लेते हैं तो आप अपने शरीर को कई बीमारियों से आसानी से बचा सकते हैं । तो आइए जानते हैं कि गर्म पानी पीने से होने वाले फायदे । वजन होता है कम अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और एक्सरसाइज व डाइट में बदलाव के बाद भी शरीर पर कुछ फर्क नहीं देख पा रहे हैं तो एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर लगातार तीन महीने तक पिएं । नियमित रूप से इस प्रक्रिया को दोहराने पर आपको फर्क जरूर होता दिखाई देगा । सर्दी-जुकाम से मिलती है राहत बदलता मौसम अक्सर अपने साथ कई समस्याएं लेकर आता है, जिसमें छाती में जकड़न और सर्दी-जुकाम शामिल है । इस समस्या से बचने के लिए गर्म पानी पीना आपके लिए रामबाण नुस्खा साबित हो सकता है । गर्म पानी पीने से न सिर्फ छाती में जकड़न दूर होती है बल्कि आपका गला भी ठीक रहता है और आराम भी मिलता है । पीरियड्स का दर्द होता है दूर महिलाओं को होने वाला पीरियड्स का दर्द उनके सारे कामों पर ब्रेक लगा सकता है लेकिन अगर आप पीरियड्स के दौरान गर्म पानी पीती हैं तो आपको दर्द से फौरी राहत मिल सकती है । इस दौरान गर्म पानी से पेट की सिंकाई करने पर भी आपको दर्द से राहत मिल सकती है । बॉडी को डिटॉक्‍स करने में करता है मदद गर्म पानी पीने से न सिर्फ शरीर की चर्बी कम होती है बल्कि आपको बॉडी को डिटॉक्‍स करने में मदद मिलती है । गर्म पानी पीने से शरीर की सारी अशुद्धियां बाहर निकालने में मदद मिलती है । दरअसल गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीना आना शुरू हो जाता है, जिसके जरिए भी शरीर की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं । झुर्रियां होती हैं कम कम उम्र में चेहरे पर पड़ती झुर्रियां किसी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती है लेकिन आप इन्हें रोक सकते हैं । आप दिन में से 3 से 4 बार तक गर्म पानी पीकर कुछ ही हफ्तों में चेहरे से झुर्रियां दूर होती हुई देखेंगे । गर्म पानी पीने से त्‍वचा में कसावट आने लगती है चेहरे पर चमक आती है । ब्‍लड सर्कुलेशन होता है सही शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए जरूरी होता है कि रक्त का संचार पूरी बॉडी में बिल्कुल सही रहे । इसलिए गर्म पानी पीना बहुत फायदेमंद रहता है क्योंकि ये आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रहता है । जोड़ों का दर्द करे दूर गर्म पानी आपके जोड़ों में चिकनाहट बढ़ाता है और जोड़ों के दर्द को दूर करने का काम करता है । दरअसल हमारी मांसपेशियों का 80 प्रतिशत भाग पानी से बना होता है, इसलिए पानी पानी से मांसपेशियों की ऐंठन दूर होती है और साथ ही दर्द से आराम मिलता है । हैशटैग मलाइकामूवऑफदवीक में जानें हैंडस्टैंड कैसे करें फर्श पर लेट जाएं । अपनी हथेलियों को फर्श पर फैला लें । अब दोनों हथेलियों के बल अधो मुख श्वानासन के पोज में आएं । धीरे-धीरे अपने पैरों या फूट को उठाने की कोशिश करें । इस दौरान सारा भार आपके तलवे पर हो । जब दोनों पैर ऊपर की तरफ उठ जाएं, तो धीरे-धीरे पैरों को कैंची की तरह बाहर की तरफ फैलाने की कोशिश करें । इस दौरान लगातार डीप सांस लेते और छोड़ते रहें । पहले दाएं पैर को और फिर बाएं पैर को नीचे धीरे-धीरे लाएं । थोड़ी देर के लिए चाइल्ड पोज यानी बालासन में आराम करें । एक एनर्जी से भरपूर दिन और सप्ताह की शुरुआत करने के लिए इसका अभ्यास जरूर करके देखें । मलाइका ने इस योग को सभी महिलाओं को करने के लिए भी आग्रह किया है । हैंडस्टैंड योग के फायदे यह योगा पोज सिर और गर्दन की ओर रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है । यह योग मन को स्फूर्ति देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ाता है । यह मल त्याग और श्वास-प्रश्वास पर भी नियंत्रण रखता है । मलाइका अरोड़ा के इस पोस्ट को हैंडस्टैंड स्टेप्स के लिए फॉलो कर सकते हैं । इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए कैसे करें एप्पल सिडर विनेगर का इस्तेमाल, जानें किस टाइम पिएं ताकि रोगों से हमेशा रहें दूर बदलते वक्त में एप्पल साइडर विनेगर लोगों के बीच एक ट्रेंड बन चुका है फिर चाहे बात वजन घटाने की हो या फिर अपनी बॉडी को टोन करना हो एप्पल साइडर विनेगर सबमें आपकी मदद करती है । एप्पल साइडर विनेगर, एप्पल को क्रश कर बिना कुछ मिलाए फर्मेटेंड तरीके से बनाया जाता है । ये विनेगर प्रकृति में अत्यधिक अम्लीय होता है और इसकी गंध बरसों से रखी शराब के समान होती है । इस पेय में विटामिन सी और फाइबर की अत्यधिक मात्रा होती है, जिसे इम्यूनिटी को बढ़ाने के सबसे शक्तिशाली स्त्रोत माना जाता है और ये आपको सर्दी से होने वाले बलगम को कम करता है । एप्पल साइडर विनेगर विभिन्न तरीके से आपकी इम्यूनिटी को बढ़ा सकता है । इस फर्मेंटेड ड्रिंक में लाभकारी बैक्टीरिया और प्री-बायोटिक्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं । एप्पल साइडर विनेगर प्रकृति में एंटी-बैक्टीरियल होता है और शरीर में पनप रहे रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है । यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने का काम करता है । इस पूरी प्रक्रिया के दौरान शरीर में मौजूद कीड़े को जल्दी से मारने में मदद मिलती है । तो आइए जानते हैं कि कैसे इन 3 तरीकों से एप्पल साइडर विनेगर आपकी इम्यूनिटी को बढ़ा सकता है और सर्दी से राहत देने में मदद कर सकता है । सुबह लें विनेगर के शॉट एप्पल साइडर विनेगर आपके शरीर के पीएच को संतुलित करने का एक बेहतरीन नुस्खा है । हमारे शरीर का पीएच 1 से 14 तक होता है और यह 7.3 से 7.45 के बीच के पीएच स्तर को अच्छा माना जाता है । 7.3 से कम पीएच का मतलब बहुत अधिक एसिडिक है और 7.45 से अधिक को बहुत एल्कलाइन माना जाता है । सुबह के वक्त विनेगर को पीने से आंत के सूक्ष्मजीव को बेहतर तरीके से संतुलित रखने में मदद मिल सकती है, जो आखिर आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं । शहद के साथ लें एप्पल साइडर विनेगर शहद के साथ एप्पल साइडर विनेगर लेने से सर्दी को दूर करने का एक अचूक उपाय माना जाता है । इस उपाय का उपयोग बरसों से किया जा रहा है ताकि सर्दी का इलाज किया जा सके और इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सके । सर्दी से राहत पाने के लिए आपको बस एक ढक्कन एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास से कुछ कम गर्म पानी और 2 बड़े चम्मच शहद के साथ मिलाना है और उस मिश्रण को गटक जाना है । एप्पल साइडर विनेगर पिल्स अगर आपको एप्पल साइडर विनेगर का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसकी गोलियां खरीदने पर भी विचार कर सकते हैं । हालांकि गोलियों में विटामिन सी की समान मात्रा नहीं होती है, लेकिन ये गोलियां एप्पल साइडर विनेगर के समान लाभ प्रदान कर सकती हैं । ध्यान देने वाली बात एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से पहले इसमें हमेशा पानी मिलाना सुनिश्चित करें क्योंकि इसके सीधे सेवन से आपकी भोजन नलिका और इनर फूड लाइनिंग को नुकसान पहुंच सकता है । जब भी बात वजन घटाने की होती है तो स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करने और इंटेंस वर्कआउट करने के बाद भी हमें वैसे परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं, जिसकी हम शायद ही कल्पना करते हैं और काफी वक्त से इंतजार कर रहे होते हैं । इस लेख में हम आपको ऐसे 5 हेल्दी घरेलू नुस्खों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप आसानी से कर सकते हैं । यह काम की टिप दी, इंद्राणी ने जो,  एक इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी में काम करती हैं । उनका कहना है कि, गुस्सा आने पर एक्सरसाइज़ करनी चाहिए । इससे,  स्ट्रेस और गुस्से को रिलीज़ करने में मदद होती है । दरअसल,  फिजिकल एक्सरसाइज़ जैसे-वॉक, रनिंग या दिमाग को भटकाने का भी काम करता है । इससे, शरीर में बढ़े कॉर्टिसोल हार्मोन्स के लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है । इसीलिए, गुस्सा महसूस होने पर  पहनें अपने स्पोर्ट्स शूज़ और निकल पड़े एक रनिंग सेशन के लिए । इससे, ज़रूर फायदा होगा । हम जिन फलों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उनमें एंथोसाइनिन्स फ्लेवोनॉएड्स मौजूद होते हैं, जो बेली फैट को तेजी से कम करने में मदद करते हैं । इन फलों में ना तो फैट और ना ही कैलोरी होती है । जानना चाहते हैं कैसे, तो जानें इसे इस्तेमाल करने का तरीका... हम नीचे बता रहे हैं कि किस तरह आप अपने डाइट में नारियल तेल को शामिल करें... कुकिंग ऑयल की तरह करें इस्तेमाल नारियल तेल एक ऐसा तेल है, जो वसा को तेजी से बर्न करने में मदद करता है । कॉफी में मिलाएं नारियल तेल जब वजन घटाने की बात आती है, तो क्या पीना चाहिए और क्या नहीं समझ नहीं आता है । सावधानी से करें नारियल तेल का इस्तेमाल जिस तरह इस तेल में वजन को कम करने के फायदे और गुण मौजूद होते हैं, वहीं इसमें दूसरे फॉर्म के फैट्स भी मौजूद होते हैं । मोटापा कम करने के उपाय आपको अक्सर सोशल साइट पर मिल जाते हैं । अगर आप फेसबुक, इंस्टाग्राम पर वजन घटाने वाली डाइट के बारे में देखते हैं तो अक्सर चिया सीड वजन घटाने के बारे में जानकारी मिल जाती है । चीया सीड से बनने वाली तरह तरह की रेसिपी के बारे में भी तमाम जानकारियां आपको मिलती ही रहती हैं । लेकिन क्या आपने इस बारे में सोचा कि क्या वास्तव में चिया सीड वजन घटाने में मदद करता है ? डाइट से वजन घटाना जितना आसान लगता है उतना आसान होता नहीं है । हम यहां पर चिया सीड के बारे में विस्तार से समझेंगे कि आखिर यह कैसे काम करता है और क्यों वजन घटाने की सबसे अच्छी डाइट मानी जाने लगी है । चिया सीड क्या है चीया सीड वास्तव में छोटे काले बीज हैं । चीया सीड को हिंदी में तकमरिया या तुकमलंगा के नाम से भी जाना जाता है । भारत ही नहीं चिया सीड विश्व में सबसे अधिक वजन घटाने वाली डाइट के रूप में प्रसिद्ध है । चिया सीड कैसे वजन कम करता है चिया सीड के सेवन से क्या वजन आसानी से घटने लगता है ? अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन द्वारा प्रकाशित एक अकादमिक मेडिकल जर्नल एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन के अनुसार फाइबर और प्रोटीन से भरपूर डाइट या भोजन करने से वजन घटाने में मदद मिलती है । जो लोग अपनी डाइट में 30 प्रतिशत तक प्रोटीन डाइट या फूड लेते हैं उनके फूड की कैलोरी कम होती है और वजन को तेजी से घटाने में मदद मिलती है । क्या सिर्फ चिया सीड खाने से वजन कम हो सकता है ? यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी एक चीज के खाने से वजन घट जाना तार्किक नहीं है । अगर हम डाइट एक्सपर्ट्स की मानें तो वजन घटाने के लिए सही डाइट और वर्कआउट दोनों जरूरी हैं । किसी एक चीज को अधिक या कम खाने से वजन घटाना संभव नहीं है । मेडिकल एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि कोई एक खाद्य पदार्थ या फूड वजन कम नहीं कर सकता है । क्या चिया सीड के साइड इफेक्ट नहीं हैं ? कोई भी हेल्थ टिप्स या हेल्थ केयर की चीज जब हम उपयोग करते हैं तो सबसे पहला सवाल होता है कि क्या इसका साइड इफेक्ट है ? लेकिन जैसे की किसी आयुर्वेदिक या खाने की चीज के बारे में बात करते हैं तो यह देखते हैं कि इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है । लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी एक चीज की मात्रा अचानक बढ़ा देने से शरीर पर अचानक प्रभाव पड़ता है जो किसी नुकसान को जन्म दे सकता है । चिया सीड में भी फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है अगर आप अचानक फाइबर की मात्रा बढ़ा देते हैं तो शरीर का तरल पदार्थ कम होने की संभावना बढ़ जाती है । चिया सीड खाने से लोगों का पेट भरा-भरा सा रहता है जो फाइबर की वजह से ही होता है । चिया सीड के सेवन में इन बातों का रखें ध्यान अगर आप चिया सीड का सेवन वजन घटाने के लिए कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है । सबसे पहली बात तो यह की इसकी कितनी मात्रा लेनी है इसके बारे में किसी डाइट एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें । चिया सीड का सेवन करने के लिए किसी जरूरी पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थ को न छो़ड़ें । अपने खाद्य पदार्थ की विविधता को बनाएं रखें ऐसा न करें कि चिया सीड्स के सेवन को बढ़ा दें और अन्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें । शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व देने वाले खाद्य पदार्थों को अपने खाने में जरूर शामिल करें । चिया सीड वजन घटाने में मदद करता है यह बात सच है लेकिन इसे लेकर सतर्कता भी जरूरी है । जिन लोगों को अपना वज़न घटाना है उनके लिए शतावरी का सेवन बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है । दरअसल, शतावरी में सोल्यूबल और नॉन-सोल्यूबल डायटरी फाइबर होते हैं । जो फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज़ करते हैं । यह लो कैलोरी-फूड होने की वजह से वज़न भी तेज़ी से करता है । अघुलनशील फाइबर, जो भोजन को आपके पाचन तंत्र से गुजरने में मदद करता है और जो पानी में घुलता नहीं है । वहीं दूसरी तरह का फाइबर घुलनशील होता है, जो फैट और लो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को खत्म करने में मदद करता है और पानी में आसानी से घुल जाता है । फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट होता है जिसे शरीर डाइजेस्‍ट नहीं कर सकता, हालांकि जहां अधिकांश कार्बोहाइड्रेट चीनी के कणों में टूट जाते हैं, वहीं फाइबर को चीनी के कणों में तोड़ा नहीं जा सकता । फाइबर कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है । अगर आप वजन कम कर रहे हैं तो अपको अपनी फाइबर डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है । फाइबर डाइट इंसान के पाचन तंत्र को बेहतर तो करती ही है साथ में यह शरीर के बढ़ने का काम करती है । आइए जानते हैं वजन कम करने के लिए फाबर डाइट कैसे लेनी चाहिए । फाइबर बॉडी में शूगर के उपयोग को कंट्रोल करने में मदद करता है, भूख और ब्‍लड शूगर को कंट्रोल रखता है । फाइबर का पर्याप्त सेवन पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है । लेने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है, आंतों के स्वास्थ्य में सुधार होता है, वजन कम होता है, हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है और गुर्दे की पथरी और के विकास के जोखिम से भी कुछ हद तक छुटकारा मिलता है । फाइबर दो तरह के होते हैं अघुलनशील फाइबर, जो भोजन को आपके पाचन तंत्र से गुजरने में मदद करता है और जो पानी में घुलता नहीं है । फाइबर युक्त डाइट आपके लिए बेहद आवश्यक है क्योंकि यह पाचन में मददगार होता है और आपको कब्ज, सूजन और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी अन्य डाइजेशन से जुड़ी समस्‍याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है । फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से बवासीर और फैटी लिवर की बीमारी होने का खतरा भी कम होता है । चूंकि फाइबर पेट और आंतों से होकर गुजरता है, यह पानी को अवशोषित करता है और आपको कब्‍ज जैसी समस्‍या में आराम देता है । डायबिटीज रोगी के लिए जरूरी है फाइबर डाइट  हालांकि, जो लोग डायबिटीज से परेशान हैं उन्‍हें अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर खाने को शामिल जरूर करना चाहिए, क्‍योंकि यह शूगर को अवशोषित करने और ब्‍लड शूगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है । जिन खाद्य पदार्थों में घुलनशील फाइबर होते हैं, वे आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं । ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं । साथ ही, बीन्स, ओट्स, फ्लैक्स सीड और ओट ब्रान जैसे खाद्य पदार्थ जो घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं, आपके हार्ट को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं । वजन घटाने में फाइबर डाइट कैसे मदद करती है  फाइबर का सबसे इम्‍पॉर्टेंट हेल्‍थ बेनिफिट यह है कि ये वजन घटाने में मदद करता है । हाई फाइबर फूड लेने से आपका पेट लम्‍बे समय तक भरा हुआ रहता है । क्योंकि ये पेट और आंतों में विस्तार करते हैं । यह आपको कम खाने और लंबे समय तक संतुष्ट रहने में मदद करता है । फाइबर से युक्‍त खाद्य पदार्थ भूख को कंट्रोल करने में मदद करते हैं जिससे आप अगले भोजन में ओवरईटिंग से बच जाते हैं । इसके साथ ही फाइबर आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से आपकी बॉडी को मिली कैलोरी को अवशोषित करने से रोकने में भी मदद करता है । क्या कहता है शोध जापान के क्योटो मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने उन कारकों की जांच की, जो धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों में वजन बढ़ाते हैं । नतीजा यह था कि एक व्यक्ति को अधिक भारी आदी निकोटीन था, जितना वजन वह छोड़ने के बाद हासिल करता है । अध्ययन में लगभग 60 की औसत आयु वाले 186 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था जिन्होंने एक दिन में एक से अधिक पैक धूम्रपान किया था । तीन महीने के बाद, इन लोगों ने धूम्रपान छोड़ दिया, जो लोग निकोटीन पर अधिक निर्भर थे, उन्होंने 2.5 पाउंड अधिक वजन प्राप्त किया । यही कारण है कि कई लोगों द्वारा धूम्रपान छोड़ने की इच्छा को इस तथ्य से बाधित किया जाता है कि इससे उनका वजन बढ़ेगा । धूम्रपान छोड़ने के बाद कितना वजन बढ़ सकता है धूम्रपान छोड़ने के बाद वजन बढ़ना, भूख में वृद्धि, चयापचय में कमी, शारीरिक गतिविधियों में कमी और लिपोप्रोटीन लाइपेस गतिविधि को बढ़ाने वाले विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार है, जो शरीर में वसा के परिवहन को प्रभावित करता है । इसी अध्ययन में पाया गया कि औसतन, पुरुषों ने धूम्रपान छोड़ने के बाद केवल छह पाउंड वसा प्राप्त की, जबकि महिलाओं ने केवल आठ पाउंड प्राप्त किए । हालांकि, धूम्रपान छोड़ने के बाद प्राप्त वजन सिर्फ तीन साल तक रहता है, जबकि धूम्रपान छोड़ना लंबे समय तक स्वास्थ्य निर्णय के लिए अच्छा रहता है । धूम्रपान करने के समय वजन कम क्यों रहता है ? किसी भी रूप में तम्बाकू का उपयोग उनके चयापचय को बढ़ाकर किसी व्यक्ति के वजन को प्रभावित करता है । इसके अलावा, निकोटीन की खपत कैंसर, अंधापन, अपक्षयी डिस्क रोग और नपुंसकता की एक सरणी के साथ पंक्तिबद्ध है । धूम्रपान छोड़ते समय क्या करना चाहिए ? अध्ययन के शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित व्यायाम और धूम्रपान के बाद के आहार में स्वस्थ आहार को शामिल करने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है । डाइटिंग और एक्सरसाइज से न केवल वजन बढ़ने से रोका जा सकेगा बल्कि दिल की समस्याओं और ग्लूकोज असहिष्णुता के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी । इसलिए, यदि आप धूम्रपान छोड़ने से जुड़े वजन बढ़ने से चिंतित हैं, तो इसे अभी करें । जितना अधिक आप निर्भर होते हैं, उतने ही अधिक वजन आप एक परिणाम के रूप में प्राप्त करेंगे । वजन कम करने के लिए खाएं ये फूड कॉम्बिनेशन, जल्द दिखेगा फर्क । वजन कम करने का राज छिपा है आयुर्वेद में, करें ये बातें फॉलो आयुर्वेद के अनुसार, वजन में वृद्धि अक्सर अनुचित पाचन के कारण होती है । पाचन वृद्धि बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ वजन घटाने में मदद करते हैं । पाचन को बढ़ावा देने और पाचन में वृद्धि करने वाले खाद्य पदार्थों में अदरक, पपीता, कड़वा, लहसुन, काली मिर्च आदि शामिल हैं । इनका नियमित रूप से सेवन करें । स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कैसे करना चाहिए. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज वजन कम में फायदेमंद है. क्या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भूख कंट्रोल होती है. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भूख कंट्रोल करने में लाभदायक है. बॉडी डिटॉक्स गैस से राहत कॉन्स्टिपेशन से मिलता है आराम क्रेविंग्स होती हैं कम । पवित्रा पुनिया को हुआ डेंगू, अस्पताल में भर्ती । जानें, डेंगू के लक्षण और हेल्दी डाइट । © IANS टेलीविजन धारावाहिक ‘बालवीर रिटर्न्‍स में काम कर रहीं अभिनेत्री पवित्रा पुनिया की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है । अभिनेत्री के करीबी सूत्र के अनुसार, चार दिन पहले उपचार के दौरान बीमारी का पता चला था और तब से वह अस्पताल में हैं । सूत्र ने कहा, “पवित्रा अभी ठीक नहीं हैं । पिछले चार-पांच दिनों से अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है । पवित्रा ‘बालवीर रिटर्न्‍स में काल लोक की तानाशाह की भूमिका में हैं । बढ़ रहा है डेंगू का कहर मौसम चाहे बरसात का हो, गर्मी का या फिर सर्दियों का, मच्छरों की संख्या कभी कम नहीं होती है । मच्छर कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं, इन्हीं में से एक है डेंगू । गर्मी खत्म होने और सर्दी शुरू होने से पहले का जो समय होता है, उसमें भी मच्छरों की संख्या काफी बढ़ जाती है । ये मलेरिया के अलावा डेंगू और चिकनगुनिया का भी कारण बनते हैं । एक बार डेंगू होने पर यदि समय रहते उसका इलाज ना कराएं तो जान भी जा सकती है । डेंगू के लक्षणों को समय रहते पहचानें यह बुखार होने पर तेज बुखार होता है, जिसमें शरीर का तापमान 103 से 104 तक जा पहुंचता है । हाथ-पैर में दर्द रहना, भूख ना लगना, उल्टी जैसा महसूस होना, सिर और आंखों में तेज दर्द होना, गंभीर स्थिति में आंख और नाक से खून आना, त्वचा पर लाल निशान पड़ना, जोड़ों में दर्द, कमजोरी होना और प्लेटलेट्स कम होना । जब आपका ब्लड प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार से नीचे चला जाए, तो हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत आ जाती है । बेहतर यही है कि बुखार को एक या दो दिन से अधिक नजरअंदाज ना करें । डेंगू हो जाए, तो जल्द ठीक होने के लिए खाएं ये चीजें डेंगू के दौरान ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से घटता है । ऐसे में डेंगू बुखार के दौरान सही डायट लेने से आप आसानी से प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ा सकते हैं । कुछ हेल्दी चीजें होती हैं तेजी से प्लेटलेट्स को बढ़ाते हैं । जानें, प्लेटलेट्स बढ़ाने और डेंगू से उबरने के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए… गिलोय और पपीते का रस बादाम का दूध गाय के दूध का सबसे अच्छा विकल्प होता है । दुग्धशर्करा असहिष्णु लोगों के लिए बादाम का दूध सबसे लोकप्रिय पेय माना जाता है । दूध के तरह ही इसमें सारे मिनरल पाये जाते हैं । इसलिए का दूध न सिर्फ गाय के दूध के जगह को पूर्ण करता है वरन् मासंपेशियों और आँखों को शक्ति प्रदान करने में भी मदद करता है । इसके नियमित सेवन से अल्जाइमर रोग होने की संभावना कुछ हद तक कम होती है साथ ही त्वचा में एक अलग ही तरह का निखार आता है । इन सबके अलावा आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बादाम का दूध वज़न घटाने में भी बहुत मदद करता है । आपको विश्वास नहीं हो रहा हैं तो चलिए इसके बारे में जानते हैं- लो कैलोरी- वज़न घटाने के लिए ज़रूरी होता है कि आप कम कैलोरी वाला खाद्द पदार्थ का ही सेवन ज़्यादा करें । बिना चीनी डालें बादाम के दूध में सिर्फ 43 कैलोरी होता है जो स्किमड् मिल्क की तुलना में कम होता है हेल्दी फैट- गाय के दूध की तुलना में बादाम के दूध में फैट की मात्रा कम होती है । एक कप बिना चीनी वाले बादाम के दूध में 3.5 ग्राम फैट होता है । लेकिन इसमें फैट की मात्रा स्किमड् मिल्क की तुलना में ज़्यादा होती है । लेकिन वज़न घटाने वालों को डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि इसमें अनसैचुरेटेड फैट होता है जो फैट को जमने नहीं देता है । साथ ही इसमें लो कोलेस्ट्रोल होता है जो वज़न को घटाने के साथ-साथ दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है । लो कार्बोहाइड्रेड- वज़न घटाने के लिए लो कार्बोहाइड्रेड खाद्द पदार्थ का सेवन भी ज़रूरी होता है । स्किम्ड मिल्क में 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेड होता है जबकि बादाम दूध में सिर्फ 2 ग्राम कार्बोहाइड्रेड होता है । साथ ही यह शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में भी मदद करता है । विटामिन से भरपूर- बादाम के दूध में विटामिन ए, डी, और बी12 होता है जो चयापचय के दर को बढ़ाकर कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है । यह प्रक्रिया स्वभावतः वज़न को घटाने में बहुत मदद करता है । विटामिन ए और डी को उन्नत करने के साथ-साथ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है । टिप- बाजार में बहुत तरह से फ्लेवर और ब्रांड के बादाम दूध पाये जाते हैं लेकिन इसको खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह मीठा न हो । बादाम का दूध घर पर कैसे बनायेंगे जानने के लिए इस वीडियो को देखें- नाश्ते में ज्यादा मात्रा में प्रटीन का सेवन करना चाहिए इस बात को अक्सर डाइट एक्सपर्ट बताते रहते हैं । लेकिन समस्या लोगों में तब आती है जब वो ये तय नहीं कर पाते हैं कि कौन-कौन से खाद्य पदार्थ सुबह के नाश्ते में शामिल करें तो पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल जायेगा । ©pixabay वजन कम करना हो या हमेशा फिट रहना हो इसके लिए नाश्ते की भूमिका सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है । समय पर नाश्ता न करने का असर शरीर पर नकारात्मक होता है । अगर नाश्ते में आप हेल्दी खाद्य पदार्थ नहीं लेते हैं तो मोटापा के शिकार होने लगते हैं । नाश्ते में ज्यादा मात्रा में प्रटीन का सेवन करना चाहिए इस बात को अक्सर डाइट एक्सपर्ट बताते रहते हैं । लेकिन समस्या लोगों में तब आती है जब वो ये तय नहीं कर पाते हैं कि कौन-कौन से खाद्य पदार्थ सुबह के नाश्ते में शामिल करें तो पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल जायेगा । सुबह के नाश्ते का असर सबसे ज्यादा शरीर के मेटबॉलिज्म पर पड़ता है । अगर सुबह का नाश्ता अच्छा नहीं होता तो मेटबॉलिज्म धीमा पड़ने लगता है । मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ने से शरीर का वजन बढ़ने लगता है और कई तरह की बीमारियां भी होने लगती हैं । तो देर किस बात की आइए जानते हैं नाश्ते में प्रोटीन वाली हेल्दी डाइट के लिए कौन से खाद्य पदार्थ शामिल करना चाहिए । ब्रेकफास्ट में अंडे आपके ब्रेकफास्ट का सबसे अहम हिस्सा अंडा ही होना चाहिए । अंडे में विटामिन बी, डी के अलावा कई पोषक तत्व भरे होते हैं । ये रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं । अंडा हृदय के लिए भी अच्छा माना जाता है । नसों और मस्तिष्क को सही तरीके से कार्य में मदद भी करता है । अंडा प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है और ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी बहुत कारगर है । यदि आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आप केवल सफेद हिस्सा खाएं । नाश्ते में दूध आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के अलावा दूध मांसपेशियों के निर्माण और वेट घटाने में सबसे सहायक चीज है । दूध में विटामिन बी 3 की मात्रा भी अधिक होती है, जो वेट को मैनेज रखने के के साथ ही एनर्जी लॉस होने से भी बचाता है । सुबह की डाइट में ग्रीक योगर्ट ग्रीक योगर्ट दही ही है, लेकिन फर्क इतना है कि इस दही में पानी बिलकुल नहीं होता । ये प्यारे प्रोटीन होता है । यानी आप दही से पानी निकाल दें तो वह ग्रीक योगर्ट ही बन जाएगा । इसमें सामान्य दही की तुलना में दोगुना प्रोटीन और आधी कार्ब्स होती हैं । इसलिए ये उन लोगों के लिए भी बहुत अच्छा है जिनके शरीर में वाटर रिटेंशन की दिक्कत होती है । सादा ग्रीक योगर्ट आपको न पसंद आए तो आप इसमें जामुन, ब्रेरीज, स्ट्राब्रेरीज, सूरजमूखी के बीज और नट्स मिला सकते हैं । ओट्स नाश्तें में खाएं ओट्स सिर्फ प्रोटीन से भरा हुआ नहीं होता बल्कि इसमें फाइबर भी खूब होता है । फाइबर को पचने में समय लगता है और आपके सिस्टम में लंबे समय तक रहने से आपकी भूख नियंत्रित रहती है । नट और बीज हेल्दी नाश्ता बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स जैसे नट्स और बीज प्रोटीन के बेहतरीन शाकाहारी स्रोत हैं । इन्हें आप दिन में कभी भी खा सकते हैं । इन नट और बीजों के साथ अपने दिन की शुरुआत आपके ऊर्जा स्तरों को एक किक-स्टार्ट दे सकते हैं । ये आपको भीतर से गर्म भी रख सकती है । गर्मी का सुपर कूल ड्रिंक है आम पन्ना, पिएंगे तो होंगे ये 5 टॉप फायदे । आप स्वस्थ आहार और एक्सरसाइज के जरिए पेट की चर्बी कम कर सकती हैं । साथ ही कुछ आदतों को दूर करके भी बेली फैट को कम करने में मदद मिल सकती है । जानें, आप किन आदतों को दूर करके पा सकती हैं सुडौल और आकर्षक बेली । सूप एक ऐसी डिश है जो व्यक्ति को अंदर से मजबूत करने का काम करती है । सुपर हेल्दी और जल्दी बनने वाला सूप लो कैलोरी वाला होता है जो वेट लॉस में तेजी से मदद करता है । सूप पीने का एक लाभ यह भी है कि यह इम्युनिटी को मजबूत करता है । ऐसे में यदि आप एक ही समय में ऐसी डाइट लेना चाहते हैं जो हेल्दी होने के साथ ही वजन घटाने में भी मदद करे तो आपको सूप का विकल्प चुनना चाहिए । अगर आप अपने खानपान में थोड़ा सा भी ध्यान दें तो आपका वजन मेनटेन हो सकता है । इसलिए लिए आपको कोई हाई फाई डाइट को फॉलो करने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसके लिए आपको सिर्फ उन चीजों पर ध्यान देना है जो आप खा रहे हैं । अगर आप सही चीजों का सेवन करें तो आप 300 कैलोरी तक घटा सकते हैं । आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बता रहे हैं जो वजन बढ़ाने में काफी बड़ी भूमिका निभाती हैं और ज्यादातर लोग इस तरह ध्यान ही नहीं देते हैं । जिससे, जिम जाकर वर्कआउट करने और वेट लॉस प्लान्स को भी  कंटिन्यू करना मुश्किल हो जाता है । अगर, आपकी परेशानी भी है तो, घर में मौजूद चीज़ों के सेवन से वेट लॉस करने और हेल्दी वेट मेंटेन करने की कोशिश करें । क्योंकि इन चीज़ों से नैचुरली वेट लॉस में मदद होती होती है । इनके साइड-इफेक्ट्स भी नहीं होते । इसीलिए, ज़्यादातर लोगों के लिए इनका सेवन सेफ ही माना जाता है । करना है वजन कम तो करें लहसुन का सेवन- वेट लॉस के लिए लहसुन भी एक कारगर नुस्खा है । इसके सेवन से एक्स्ट्रा फैट बर्न करना आसान हो जाता है । तो वहीं इससे मौसमी एलर्जी भी कम होती है । सर्दी-ज़ुकाम जैसी परेशानियां लहसुन के सेवन से कम होती हैं । कैंसर जैसी बीमारियों से सुरक्षा से लेकर पेट की छोटी-मोटी प्रॉब्लम्स को कम करना हो, लहसुन का सेवन इन सभी तरीकों से फायदेमंद  माना जाता है । दरअसल, इसमें, एंटी बायोटिक तत्व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं । जो हमारी सेहत के लिए कई तरीकों से बहुत लाभदायक होते हैं । ये तत्व इम्यूनिटी बढ़ाने से का काम करते हैं । साथ ही सेक्सुअल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए भी लहसुन की चाय पी जा सकती है । गार्लिक टी बनाने के लिए इन चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी चम्मच शहद आधा चम्मच कटा हुआ अदरक 2 लहसुन की कलियां 100 मिली पानी नींबू का रस ऐसे बनाएं गार्लिक टी सबसे पहले किसी बर्तन में आधा कप या 100 मिली पानी उबलने के लिए रखें । जब, पानी उबलने लगे तो इसमें अदरक और लहसुन के टुकड़े काट कर डाल दें । 5-8 मिनट इसे अच्छी तरह पकने दें । फिर, इसे आंच से उतार लें । अब इसे ढंक कर 5 मिनट के लिए रखें थोड़ी देर बार,  इस मिश्रण को छान लें । इसमें, स्वादानुसार शहद या हनी मिलाएं । आधा नींबू का रस निचोड़ कर भी इस चाय में डालें । एक चम्मच की मदद से  सारी चीज़ों को अच्छी तरह मिक्स होने दें । फिर, इस धीरे-धीरे पीएं । वजन बढ़ना आज की तारीख में एक कॉमन सेहत समस्या बनती जा रही है । इतना ही नहीं, मोटापा कई बीमारियों का भी कारण बनता है । ऐसे में आपका भी पेट बाहर की तरफ तेजी से निकल रहा है, तो इन पांच उपायों को आज से ही आजमाना शुरू कर दें । 1. मीठी चीजें खाएं कम  वजन कम करना चाहते हैं, सबसे पहले अपने खानपान से चीनी युक्त चीजों को निकाल दें । 2. प्रोटीन हो डाइट में अधिक मोटापा कम करना चाहते हैं, तो डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें । 3. ग्रीन टी पिएं हर दिन ग्रीन टी पीने से भी वजन कम होता है । 4. एक्‍सरसाइज करना कर दें शुरू सारा दिन बैठे रहेंगे, तो पेट बाहर होने के साथ ही कमर, जांघों पर फैट जमा होगा ही । 5. गर्म पानी से बनेगी बात गर्म पानी पीने से शरीर में मौजूद गंदगी आसानी से निकलता है । बेली फैट यानी पेट में चर्बी बढ़ने से पूरा शरीर बैडॉल से नजर आने लगता है । ना तो कोई पैंट फिट आती है और ना ही कोई ड्रेस जंचता है । पेट की चर्बी को घटाने के लिए लोग घंटों एक्सरसाइज, योग, रनिंग, डायटिंग आदि का अभ्याय करना शुरू कर देते हैं, पर कुछ लोगों की पेट की चर्बी एक इंच भी कम नहीं होती । निराश होकर वे वजन कम करने और चर्बी गलाने वाले सप्लिमेंट्स का सेवन करने लगते हैं । पर किसी भी तरह की दवाओं का सेवन अंत में आपको नुकसान ही पहुंचाता है । बेहतर है कि आप बेली फैट कम करने के लिए कोई प्राकृतिक तरीका अपनाएं । इसके लिए आप अपनी डायट में कुछ फलों को शामिल करना शुरू कर दें । हां, जब आप इन फलों को सेवन करें, तो बाहर का खाना, जंक फूड्स, अनहेल्दी स्नैक्स, फैटी और कैलोरी युक्त चीजों का सेवन कम कर दें । एवोकेडो न केवल आपके समग्र स्वास्थ्य के लिएअच्छे होते हैं, बल्कि ये आपकी स्किन के लिए असाधारण रूप से काम करते हैं । विटामिन ई और हेल्दी ऑयल का भंडार एवोकेडो सेलुलर लेवल से हमारी स्किन को पोषण देने का काम करते हैं । एंटीऑक्सिडेंट से लैस होने के कारण एवोकेडो आपकी स्किन को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचा सकते हैं । इसके साथ ही ये आपको अंदर से गर्मी पहुंचाने का भी काम करते हैं । डाइट प्लान के अनुसार, वे पौष्टिक भोजन लेते हैं । इससे वे खुद को फिट रख पाते हैं । इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट के लिए वह कच्ची सब्जियां खाना पसंद करते हैं । प्रत्येक दिन 2 से 3 लीटर पानी पीते हैं । वेजीटेबल जूस और वर्कआउट करने के बाद प्रोटीन ड्रिंक पीना नहीं भूलते हैं । शाहरुख मीठे का सेवन कम ही करते हैं । वह मीठा खाने की बजाय फ्रूट्स खाना पसंद करते हैं । तली-भुनी चीजों से भी वे परहेज करते हैं । वह बाहर का खाना बहुत ही कम खाना पसंद करते हैं । पार्टी में भी वह कम ही खाते हैं । उनका मानना है कि डायट रूटीन को घर के साथ-साथ बाहर भी फॉलो करनी चाहिए । टमाटर खाने से होने वाले ये 7 नुकसान भी जान लें टमाटर के बीज सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं । अगर आप टमाटर सलाद में खा रहे हैं तो कोशिश करें कि कम से कम बीज आपके पेट में जाए । दरअसल, ये बीज आसानी से पचते नहीं हैं और अक्सर किडनी में पथरी की वजह बनते हैं । कुछ लोगों को भोजन का स्वाद तब तक नहीं आता जब तक कि उसमें अदरक और लहसुन का पेस्ट ना मिलाया जाए । अदरक ना केवल खाने की लज़्ज़त बढ़ाता है, बल्कि, यह खाने को पचने में आसान भी बनाता है । अदरक डायजेशन के लिए हमेशा से प्रयोग की जाने वाला एक कॉमन नुस्खा भी है । यह डायजेशन से जुड़े समस्याएं जैसे, गैस, पेट दर्द,  पेट फूलना या ब्लोटिंग, खट्टी डकारें और पेट में भारीपन आदि से आराम दिलाता है । इसके अलावा यह कुछ मौसमी बीमारियों को भी कम करता है । खासकर, ठंड के मौसम में जब सर्दी-ज़ुकाम और एलर्जिक रिएक्शन्स बढ़ जाते हैं । तब, अदरक का सेवन फायदेमंद साबित होता है । आइए जानते हैं सर्दियों में अदरक किन समस्याओं को करता है कम और क्या हैं अदरक के स्वास्थ्य लाभ । अदरक के सेवन के हेल्दी फायदे कैंसर से सुरक्षा कुछ स्टडीज़ का दावा है कि अदरक का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर का ख़तरा कम होता है । यही नहीं, अदरक इन बीमारियों के उपचार और जल्द रिकवरी में मदद करता है । कुछ समय पहले जर्नल ऑफ बायोमेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी में एक रिसर्च पेपर के परिणाम छापे गए । इस रिसर्च के अनुसार, अदरक के पौधे में कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो, ब्रेस्ट कैंसर को फैलने से रोकते हैं । यह हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचने से भी रोकता है । ब्लड शुगर लेवल करे कंट्रोल सर्दियों का मौसम डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए मुश्किलभरा होता है । इसीलिए, इस मौसम में आपको अदरक का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है । कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च में बताया गया कि, अदरक के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज़ को ब्लड शुगर मैनेजमेंट में आसानी होती है । कुछ स्टडीज़ के अनुसार, अदरक डायबिटीज़ से जुड़ी कॉम्प्लिकेशन्स को भी कम करता है । साथ ही नर्वस सिस्टम, किडनी और लिवर को भी हाई ब्लड शुगर के दुष्परिणामों से बचाता है । दिल की बीमारियों का रिस्क करे कम हेल्दी हार्ट के लिए भी अदरक का सेवन कारगर है । सदियों से दिल की सेहत अच्छी रखने के लिए अदरक का सेवन किया जाता रहा है । चीन की पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों में अदरक को कई बीमारियों के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है । दिल की बीमारियों का रिस्क कम करने के लिए अदरक के तेल का सेवन किया जाता है । कुछ स्टडीज़ में यह भी कहा गया है कि अदरक का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है । साथ ही यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने का भी काम करता है । जिससे, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है । इसके अलावा सर्दियों में अदरक का सेवन इन समस्याओं से भी आराम दिलाता है- सर्दी-खांसी होने पर अदरक वाली चाय पीने से आराम मिलता है । अदरक सर्दियों में होने वाले जॉइंट पेन और आर्थराइटिस के लक्षणों से आराम दिलाता है । पाचन तंत्र को उत्तेजित कर सर्दियों में यह पेट की समस्याएं कम करता है । अकड़न और दर्द से आराम दिलाता है । वजन कम करने के लिए आसान उपाय आप भी कुछ महीने आजमाकर देखें । आज जिसे देखो वह बढ़ते वजन से परेशान है । उल्टा-सीधा खानपान, बैठे-बैठे घंटों टीवी देखना, ऑफिस में काम करना जैसी आदतें उनके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है, जिनका वजन तुरंत बढ़ने लगता है । इन आदतों से आपको कई शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं । यदि आपका भी पेट बाहर की तरफ तेजी से निकल रहा है, तो पांच उपायों को आज से ही आजमाना शुरू कर दें । एक महीने में ही आपको फर्क नजर आने लगेगा । 1. मीठी चीजें खाएं कम वजन कम करना चाहते हैं, सबसे पहले अपने खानपान से चीनी युक्त चीजों को निकाल दें । मोटापा कम करने के लिए मिठाई, बिस्किट, चॉकलेट, मीठे पेय पदार्थों से दूरी बना लें । अधिक मीठा खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्‍म धीमा होने लगता है । 2. प्रोटीन हो डाइट में अधिक मोटापा कम करना चाहते हैं, तो डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें । प्रोटीन आपको दही, दूध, दाल, पनीर, राजमा आदि से मिल जाएगा । प्रोटीन के सेवन से भूख कम लगती है, साथ ही शरीर में प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों से भी आप बचे रह सकते हैं । 3. ग्रीन टी पिएं हर दिन ग्रीन टी पीने से भी वजन कम होता है । ग्रीन टी  पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्‍म रेट बढ़ता है, इससे आप अपना वजन कम कर सकते हैं । दिन भर में दो-तीन बार ग्रीन टी पिएंगे, तो तेजी से शरीर का फैट बर्न होगा । 4. एक्‍सरसाइज करना कर दें शुरू सारा दिन बैठे रहेंगे, तो पेट बाहर होने के साथ ही कमर, जांघों पर फैट जमा होगा ही । ऐसे में खुद को जितना हो सके एक्‍टिव रखें । सुबह-शाम टहलें, जॉगिंग करें । लिफ्ट की बजाय सीढ़‍ियों से ऊपर-नीचे जाएं । इससे फैट बर्न करने में मदद मिलेगी । 5. गर्म पानी से बनेगी बात गर्म पानी पीने से शरीर में मौजूद गंदगी आसानी से निकलता है । शरीर डिटॉक्‍स होगा, तो मेटाबॉलिज्‍म दर भी बढ़ने लगेगा । इससे वजन भी कंट्रोल में रहेगा । सुबह खाली पेट नहीं खाएं ये 3 चीज़ें । सुबह खाली पेट   खायी जानेवाली चीज़ों का सीधा असर पड़ता है हमारी सेहत पर । इसीलिए, ऐसा कहा जाता है कि, दिन की सही शुरुआत ना केवल हेल्थ बनाती है । बल्कि, लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बीमारियों से बचाने में भी यह मदद करती है । एक्सपर्ट्स का कहना है कि, हर व्यक्ति को इस बात की जानकारी  होनी चाहिए कि, सुबह  खाली पेट कौन-सी चीज़ें नहीं खानी चाहिए । क्योंकि, कुछ खाद्य पदार्थ सेहत और पेट को बुरी तरह गड़बड़ा  सकते हैं । . वजन घटाने के लिए डाइट प्लान वजन घटाने के लिए आप एक्सरसाइज करते हैं, जिम में घंटों वर्कआउट करके पसीना बहाते हैं, लेकिन जब तक आपका डाइट सही नहीं होगा वजन कम नहीं होगा । आप तमाम तरह के उपाय कर लें, वजन कम करने के लिए आपको वेट लॉस डाइट प्लान को फॉलो करना ही होगा । वजन घटाने के लिए डाइट प्लान यदि सही नहीं होगा, तो वजन नहीं घट सकता है । वजन घटाने के लिए हेल्दी व टेस्टी खाना जरूरी होता है । वजन तेजी से घटाने के लिए आप ओट्स को अपनी वेट लॉस डाइट प्लान में शामिल करें । ओट्स की कुछ हेल्दी रेसिपी हम आपको बता रहे हैं, जो वजन घटाने के लिए बहुत कारगर हैं । जानें, ओट्स से बनने वाले इन फूड्स के बारे में…… इसीलिए, लोग अपने किचन में मौजूद छोटी-छोटी चीज़ों के भी फायदे जानकर लोग उनकी मदद से वेट लॉस करने की कोशिश करते हैं । ऐसे ही मसाले हैं जीरा , जिन्हें वेट लॉस के लिए अच्छा माना जाता है । जी हां, वेट लॉस कम करने के लिए इन दोनों मसालों का सेवन कर सकते हैं आप । क्योंकि, आयुर्वेद करने में सहायक बताया गया है । साथ ही ये ब्लोटिंग और इनडायजेशन जैसी पेट से जुड़ी समस्याओं को भी कम करते हैं । जिससे, बेली फैट कम दिखायी पड़ता है । इसीलिए, ज़्यादातर पाचक और वेट लॉस ड्रिंक्स में इन दोनों चीज़ों को मिलाया जाता है । कैसे करते हैं जीरा-अजवायन वेट लॉस प्रोसेस में मदद वैसे अजवायन और जीरा दोनों ही वेट लॉस करते हैं । आप चाहें तो इन्हें, अलग-अलग भी ले सकते हैं । लेकिन,  अगर इन दोनों नैचुरल चीज़ों को एकसाथ मिला दिया जाए, तो, दोनों चीज़ों के गुण एक-दूसरे के साथ मिलकर शरीर को ज़्यादा फायदा पहुंचाते हैं । इसीलिए, इन दोनों का सेवन एकसाथ करें । सुबह खाली पेट इन दोनों मसालों का सेवन करने से बूस्ट होता है । ऐसे बनाएं यह मैजिकल वेट लॉस ड्रिंक रोज़ाना आप यह ड्रिंक आसानी से तैयार कर सकते हैं और रोज़ाना फ्रेश ड्रिंक पी सकते हैं । यह वेट लॉस ड्रिंक बनाने के लिए एक-एक चम्मच जीरा और अजवायन के दाने लें । फिर, इसे 2 गिलास पानी के साथ उबलनें रखें । 5-10 मिनट उबालने के बाद मिश्रण को आंच से उतारकर ठंडा होने दें । ध्यान रखें इस मिश्रण को पूरी तरह ठंडा नहीं करना है । पानी जब हल्का गुनगुना हो तब इसे छानकर पीएं । अगर आप जीरा-अजवायन को चबाना चाहें, तो बिना छानें भी इस ड्रिंक को पी सकते हैं । क्रीमी स्मूदी से घटाएं अपना वजन । कुछ लोग तो हमेशा यही सवाल करते मिल जाते हैं कि थकान क्यों होती है ? वहीं कुछ लोगों को पैरों की थकान बार-बार होती है. शारिरिक थकान के अलावा लोगों को मानसिक थकान भी होती है. कुछ लोगों में थकान कमजोरी की वजह से होती है. Lethargy in Hindi – थकान की जब बात आती है तो अक्सर लोगों को इसकी शिकायत मिल जाती है. कुछ लोगों की शिकायत होती है कि वो हमेशा थकान महसूस करते हैं. कुछ लोग तो हमेशा यही सवाल करते मिल जाते हैं कि थकान क्यों होती है ? वहीं कुछ लोगों को पैरों की थकान बार-बार होती है. शारिरिक थकान के अलावा लोगों को मानसिक थकान भी होती है. कुछ लोगों में थकान कमजोरी की वजह से होती है. तो कुछ लोगों को काम करने की वजह से थकान होती है. थकान की वजह से शरीर में सुस्ती महसूस होती है. थकान के मुख्य कारण ज्यादातर लोगों में थकान कमजोरी की वजह से होती है. तो वहीं कुछ लोगों को डायबिटीज और थायरॉइड की वजह से थकान होती है. अगर आपको भी अक्सर थकावट लगती है या सुस्ती महसूस होती है तो जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए. ज्यादा मेहनत करने वालों में मांसपेशियों में थकान महसूस होती है. पैरों में थकान उन लोगों को ज्यादा होती है जो ज्यादा पैदल चलते हैं या उम्र की वजह से भी थकान लगती है. थकान दूर करने के उपाय जब हम थकान दूर करने के उपाय के बारे में बात करते हैं तो हमें अलग-अलग थकान के बारे में सोचना होगा. शरीर की थकान कैसे दूर करें ? अगर आपका यह सवाल है तो आपके लिए अलग उपाय होंगे. अगर आपको मानसिक थकान है तो उसके लिए अलग उपाय करने होंगे. आइए जानते हैं थकान दूर करने के कुछ आसान से उपाय. हेल्दी नाश्ता जरूरी अगर आपको बार-बार थकान या सुस्ती लगती है तो आपको अपने नाश्ते पर ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि जब आप नाश्ता हेल्दी नहीं करते हैं तो शरीर को थकान तो लगती ही है. साथ में आप मानसिक थकान के भी शिकार होने लगते हैं. नाश्ते में अंकुरित अनाज के साथ फाइबर और प्रोटीन वाली डाइट शामिल करके थकान की परेशानी दूर कर सकते हैं. मानसिक थकान दूर करने का तरीका अगर आप ज्यादा तनाव या स्ट्रेस लेते हैं तो मानसिक थकान लगती है. इसके अलाव जिनके खाने में विटामिन की मात्रा कम होती है उनको भी मानसिक थकान का अनुभव होता है. मानसिक तनाव और मानसिक थकान दूर करने के लिए आपको पर्याप्त नींद लेने के साथ हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. मांसपेशियों की थकान कैसे दूर करें जो लोगो रोजाना एक्सरसाइज करते हैं उनको कभी-कभी मांसपेशियों की थकान का अनुभव होता है. इसके लिए आपको अपने डाइट में तरल पदार्थों के सेवन पर ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर आपको मांसपेशियों की थकान बार-बार लगती है तो एक्सरसाइज और तरल पदार्थों पर ध्यान जरूर दें. क्या थकान और कमजोरी की दवा होती है ? ज्यादातर लोग सोचते हैं कि थकान और कमजोरी दूर करने की कोई दवा होती है. जबकि ऐसा नहीं होता है, क्योंकि शरीर में अगर पोषक तत्वों की कमी है तो उनकी पूर्ति करना ही असली दवा है. अगर आप भी सुस्ती और थकान के शिकार होते हैं तो अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें. एक्सरसाइज करें रोजाना एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित रहता है । इसके साथ ही एक्सरसाइज से शरीर के हर अंग में ऑक्सीजन प्रदान करती है. जिसकी वजह से हम हमेशा सक्रिय रहते हैं और थका हुआ महसूस नहीं करते हैं. थकावट दूर करने के लिए आप योग, एरोबिक्स, स्वीमिंग कर सकते हैं. तरल पदार्थ और पानी पिएं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 8-9 गिलास पानी पीना जरुरी होता है । इससे शरीर हाइड्रेट रहता है और ऊर्जावान बनते हैं । जब भी आपको शरीर में ऊर्जा की कमी हो तो एक गिलास पानी पी लें । इससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है. पर्याप्त नींद लें सुबह ताजा और ऊर्जावान उठने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरुरी होता है । व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए 7-8 घंटे सोना चाहिए । यह शरीर की खोई ऊर्जा को वापिस लाने में मदद करती है । अगर आप दिन में थका हुआ महसूस करते हैं तो नींद की एक झपकी ले सकते हैं. हेल्दी फूड अगर आप कम ऊर्जावान या थका हुआ महसूस करते हैं तो फल या सूखे मेवों का सेवन कर लें । इससे आपको तुरंत ऊर्जा मिलती है और आप ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं. थकान क्यों होती है. पैरों की थकान दूर करने के उपाय. मानसिक थकान मिटाना. थकान कमजोरी. थकान और कमजोरी की दवा. सुस्ती दूर करने के उपाय. मांसपेशियों में थकान. ये सब सवाल ऐसे हैं जो आसानी से दूर किये जा सकते हैं. । बाजरा खाने के फायदे और नुकसान । हेल्दी ग्रेन्स को डायट में शामिल करना एक अच्छा फैसला हो सकता है । क्योंकि,  इन साबुत अनाज़ों की मदद से कई पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने में सहायता होती है । ऐसा ही एक हेल्दी अनाज है । जिसके,  सेवन से सेहत को बेहतर बनाने में कई प्रकार से मदद होती है । भारतीय रसोइयों में गेहूं के आटे के अलावा जिन अनाजों का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है । उनमें,  बाजरा भी एक प्रमुख अनाज है । बाजरे को एक समय पर गरीबों का अनाज कहा जाता था । लेकिन,  हेल्दी इटिंग के नये ट्रेंड्स मे बाजरे को अब बहुत महत्व मिल रहा है । दरअसल,  बाजरे से होने वाले स्वास्थ्य लाभ ही इस अनाज को खास और पौष्टिक बनाते हैं । मिनरल, विटामिंस, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स की दैनिक ज़रूरत इनसे पूरी की जा सकती है । तो वहीं, जूसेस पीने से आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वेट लॉस होता है । विभिन्न स्टडीज़ में ऐसा बताया गया है कि फाइबर से फैट बर्न होता है और वेट लॉस में मदद होती है । आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसी सब्ज़ियां जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, वे शरीर से पानी सोखती हैं और डायजेशन में मदद करती हैं । इसके साथ ही यह, देर तक पेट को भरा हुआ महसूस कराती हैं और आपको भूख भी देर तक नहीं लगती । कैलोरीज़ बर्न करने और वेट लॉस के लिए कई सब्ज़ियों और फलों का जूस पीने से फायदा होता है । इस गैलरी में पढ़ें कुछ ऐसे ही फलों और सब्ज़ियों के बारे में जो वजन कम करने में आती हैं काम । सुबह उठकर करें ये 3 काम एक महीने में घट जाएगा वजन मोटापा घटाने में सुबह उठकर ये तीन काम करना जरूरी होता है । सुबह उठने के बाद अगर आपने इन तीन काम को करना रोजाना शुरू कर दिया तो यकीनन आपको मोटापे से मुक्ति मिल जाएगी । शादी है नजदीक और डबल चिन करनी है जल्दी कम? तो रोज 5 मिनट करें फिश फेस एक्सरसाइज क्या आप बस किसी भी तरह से डबन चिन से छुटकारा पाना चाहते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो आज आप एकदम सही जगह पर आ गए हैं । क्योंकि डबल चिन को कम करने के लिए आपको किसी नुस्खे की नहीं बल्कि हल्की फुल्की एक्सरसाइज की जरूरत होती है । असल में डबल चिन जिनती जिद्दी दिखती है, उतनी होती नहीं है । अगर आप सही तरीके और सही एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें तो आप कुछ ही दिनों में डबल चिन से छुटकारा पा सकते हैं । डबल चाइन तब बनती है जब आपके जबड़े और कॉलर बोन के बीच की मांसपेशी फैट को स्टोर करने लगती है । डबल चिन होने से आप अपनी उम्र से काफी बड़े भी लग सकते हैं । नियमित व्यायाम और उचित आहार आपको इस जगह के फैट को करने में मदद कर सकता है और आपकी चिन को टोन में ला सकता है । आज हम आपको डबल चिन को कम करने के लिए जो फिश फेस एक्सरसाइज बता रहे हैं तह तभी फायदेमंद होंगी जब आप उन्हें बार बार करेंगे । तो आइए जानते हैं क्या हैं फिश फेस एक्सरसाइज समेत 3 अन्य एक्सरसाइज और- फिश फेस यह व्यायाम आपके गाल और ठोड़ी की मांसपेशियों को टोन करने का एक प्रभावी तरीका है । यह आपके गाल की मांसपेशियों को खींचकर आपके गर्दन के क्षेत्र में होने वाली अकड़ को काफी कम करने में मदद करती है । इसे करने के लिए एक जगह पर आराम से बैठें और फिर अपने गालों में हवा भरकर अपने मुंह को मछली की तरह आगे की ओर करें । इस मुद्रा में कम से कम 5 सेकंड तक रुकें । जब आप ऐसा कर रहे होंगे तो आपको अपने गाल और जबड़े में अकड़न या जलन महसूस होगी, जो इस एक्सरसाइज के दौरान होनी भी चाहिए । इस व्यायाम को जितना हो सके उतनी बार दोहराएं । आपको रिजल्ट बहुत जल्दी दिखेगा । नेक रोटेशन गले की चर्बी को कम करने के लिए नेक रोटेशन कमाल का फायदा करती है । इस एक्सरसाइज से डबल चिन कम होने में भी मदद मिलती है । इस करना भी बेहद आसान है और किसी इक्यूपमेंट की जरूरत भी नहीं पड़ेगी । इसे करने के लिए अपनी गर्दन को घड़ी की तरह गोल गोल घुमाएं । एक बार में एक तरफ कम से कम 10 फेर करें । उसके बाद​ फिर दूसरी तरफ करें । इससे आपके कंधों और गर्दन में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छी तरह से होगा और कंधे से संबंधित समस्याएं भी नहीं होंगी । बॉल एक्सरसाइज क्या अपनी घिसी पिटी फेशियल एक्सरसाइज से बोर आ गए हैं और कुछ मजेदार करना चाहते हैं? अगर हां तो बॉल एक्सरसाइज करना शुरू करें । ये आपके ​फेशियल फैट को कम करने के साथ ही आपको इंट​रेस्टिंग भी लगेगी । इसे करने के लिए एक छोटी, आसानी से पकड़ने वाली बॉल लें । अब इस गेंद को अपनी ठोड़ी के नीचे रखें और गेंद पर दबाव डालते हुए धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को नीचे की ओर करें । एक बार में इसे 20 से 30 बार करें । च्यूइंग गम चबाना आपने भी कभी कभी जरूर सुना होगा कि च्यूइंग गम चबाना डबल चिन या गालों को कम करने में मदद करता है । आपको बता दें कि आपने एकदम सही सुना है । जब आप च्यूइंग गम चबाते हैं तो आपके मुंह की एक्सरसाइज होती है । यह एक्सरसाइज आपके फेस और जॉ मसल्स के लिए भी काफी अच्छी होती है । बेली फैट और वजन कम करना है, तो पिएं त्रिफला चाय, घर पर ऐसे बनाएं हर कोई चाहता है कि उसका शरीर टोन और फिट दिखे और वजन कंट्रोल में रहे । वजन को कंट्रोल में रखने के लिए लोग अक्सर जिम जाते हैं या फिर डाइटिंग करते हैं । वजन कंट्रोल करने के लिए आप अपने खानपान की आदतों को सुधार कर देखें, क्योंकि कई बार अधिक वजन का कारण बेतरतीब खानपान होता है । आप अपने डायट में कुछ चीजों को नियमित रूप से शामिल करके भी आसानी से अपना वजन कंट्रोल में रख सकती हैं । ऐसा करके ना सिर्फ आप शारीरिक रूप से हेल्दी रहेंगी, बल्कि काफी हद तक बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में आप सफल भी होंगी । फलों का सेवन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आप जितना अधिक सेब, बेरिज आदि का सेवन करेंगे, आपको वजन कम करने में उतनी ही कम समय लगेगा । ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें एंटी-इंफ्लामेटोरी और एंटीऑक्सीडेंट्स तत्व मौजूद होते हैं । फाइबर से भरपूर हो आहार ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जैसे अनाज, फल, हरी सब्जियां आदि वजन को कम करने में काफी मदद करते हैं । इनका सेवन करेंगे, तो आपको भूख कम लगेगी । कार्बोहाइड्रेट्स भी खूब खाएं वजन कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर चीजों को भी डाइट में शामिल करना चाहिए । नाश्ता ना करें स्किप अधिकतर लोगों को लगता है कि नाश्ता करने से वजन बढ़ता है, पर ऐसा नहीं है । नाश्ता नहीं करने से आपको दिन भर की एनर्जी नहीं मिलेगी और आप शरीर से कमजोर भी होने लगेंगे । नाश्ता करना कभी ना छोड़ें । चीनी की विकल्प ढूढें चीनी का सेवन करना बंद नहीं कर सकते हैं, तो आप शहद या गुड़ का सेवन करें । ये सेहत के लिए काफी हेल्दी होते हैं । इनके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है, त्वचा भी हेल्दी होता है । आप अधिक चीनी खाएंगे, तो वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है । हर दिन एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित करने के लिए शरीर में एनर्जी होना जरूरी है, इसलिए आपको हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए । इससे आपके शरीर में मौजूद कैलोरी बर्न हो जाएंगी और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ेगा । पर्याप्त नींद है जरूरी कम सोने से भी वजन बढ़ता है । आप जिनता कम सोएंगे शरीर को उतनी ही भूख लगेगी, जिससे आप कुछ भी खाने लगती हैं । ऐसे में जरूरी है कि आप हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अपनी नींद पूरी करें । भूखी ना रहें कुछ लोग सोचते हैं कि भूखे रहने से वजन कम किया जा सकता है । ऐसा करने से आपका वजन और भी बढ़ जाएगा, इसलिए कभी भी आप वजन कम करने के लिए यह गलती ना करें । कमर, पैरों के आसपसा जमी चर्बी को कम करने के लिए इन तीन बातों का रखें ध्यान । नारियल पानी है हेल्‍थ और ब्‍यूटी दोनों के लिए फायदेमंद अगर आप ग्लोइंग स्किन और फिट बॉडी दोनों चाहते हैं तो आपको नारियल पानी जरूर पीना चाहिए । नारियल पानी बॉडी को प्राकृतिक तरीके से डिटॉक्स करता है और खूबसूरती भी बढ़ाता है । सोने से पहले खाए ये 5 फूड्स, कुछ ही दिनों में कम हो जाएगा बेली फैट कई लोग वेट लॉस के लिए रात में भोजन नहीं करते । लेकिन, यह तरीका वेट लॉस में मदद नहीं करता । क्योंकि कई बार लोग डिनर ना करने की वजह से ठीक से सो नहीं पाते । इसी तरह बहुत-से लोगों को रात में भूख भी लग जाती है और वे कई बार हाई कैलोरी स्नैक्स खा लेते हैं । ऐसे में आप रात में ऐसी चीज़ों का सेवन करें जो आपका वज़न कम करने में मदद करती हैं । यहां पढ़ें कुछ ऐसी ही चीज़ों के बारे में जिनका रात में सेवन करने से आपका वेट लॉस होता है । वेट लॉस में प्रोटीन डाइट का बहुत महत्‍व होता है । प्रोटीन बेस डाइट एक महीने में करीब दो किलो तक वेट कम क‍िया जा सकता है । पोस्टवर्क आउट के बाद अगर प्रोटीन शेक लिया जाए तो उसके काफी पॉजिटिव रिजल्ट सामने आते हैं । बॉडी बिल्डिंग ही नहीं बल्कि वेट लॉस प्रोग्राम में भी प्रोटीन की जरूरत होती है । वर्कआट के बाद प्रोटीन शेक लेना चाहिए, लेकिन बाजार में मिलने वाले प्रोटीन शेक महंगे भी होते हैं और कई बार नकली भी मिलते हैं । ऐसे में प्रोटीन शेक घर पर ही बनाना सही होगा । कई बार सही तरीके और सही प्रपोर्शन में प्रोटीन शेक नहीं बन पाता है । प्रोटीन पाउडर बना कर भी आप रख सकते हैं और किसी भी शेक में इसे डाल कर प्रोटीन की जरूरत पूरी कर सकते हैं । तो आइए जाने इन प्रोटीन शेक को कैसे बनाएं और इसके लिए क्या जरूत होगी । जरूरी सामग्री 100 ग्राम बादाम 100 ग्राम सोयाबीन 100 ग्राम मूंगफली 100 ग्राम मिल्क पाउडर इन सभी चीजों को मिक्सर ग्राइंडर में महीन पीस लें । इस प्रोटीन पाउडर को आप किसी भी शेक पर डाल कर पी सकते हैं । चाहें तो खाली दूध में भी इसे मिला कर पीएं । प्रोटीन की सारी जरूरत पूरी हो जाएगी । इसे एयरटाइट डिब्बे में 15 से 20 दिन तक रख कर यूज कर सकते हैं । जानिए घर में बने प्रोटीन शेक को लेने का सही तरीका प्रोटीन शेक का सेवन कैसे करें ? सुबह और शाम दिन में दो बार एक गिलास दूध के साथ इसे पिएं । पोस्टवर्कआउट और सोने से पहले इसे पिया जा सकता है । जिम जाने वाले या किसी अन्य तरह की एक्सरसाइज करने वाले इस पाउडर को 5 से 6 चम्मच ले सकते हैं । बच्चों को दूध 3 से 4 ही चम्मच मिला कर दिया जा सकता है । बुजुर्ग भी इस पाउडर को दिन में 4 से 5 चम्मच लेंगे तो उनकी हड्डियों को कैल्शियम की कमी दूर होगी । गर्भवती महिलाओं को भी ये पाउडर 4 से 5 चम्मच मिलाकर लेना चाहिए । दो से तीन चम्मच प्रोटीन पाउडर लेने से मह‍िलाओं को पीरियड्स से परेशानी में न‍िजात मिलती है । बनाना शेक एक गिलास दूध में एक केले को ग्राइंड कर लें । इसमें शहद और करीब चार चम्मच प्रोटीन शेक मिला लें । बेरीज शेक ब्लू और रेड बेरीज को ग्राइंड कर लें । चाहे तो इसे दूध में मिला लें या सीधे इसमें प्रोटीन पाउडर मिला कर पी सकते हैं । बेर और वेजी शेक बेर और वेजी शेक को तैयार करने के लिए दूध में ब्रोकली, एक केला, बेर, ऑलिव ऑयल और प्रोटीन पाउडर मिला कर ग्राइंड कर लें । सर्दियों में खांसी-ज़ुकाम और फ्लू से आराम दिलाएगा अदरक, जानें इस आयुर्वेदिक औषधि के अन्य हेल्दी फायदे लॉकडाउन में घर बैठे-बैठे वजन बढ़ने लगा है, तो परेशान ना हों । हम आपको बता रहें हैं 5 ऐसे घरेलू उपाय जो दो सप्ताह के अंदर आपके बढ़ते वजन को कर देंगे कंट्रोल । शरीर को डिटॉक्स रखने के लिए जरूर खाएं ये 4 फूड चुकंदर में मौजूद बीटेन गॉलब्लैडर और डिटॉक्स फंक्शन के लिए बहुत फायदेमंद होता है । रनिंग और वॉकिंग कम से कम 30 मिनट के लिए दिन में 2 बार दौड़ने की आदत बनाएं, पसंदीदा समय सुबह और शाम को होना चाहिए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दौड़ने के बाद हार्ड भोजन न करें, बल्कि अपनी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए फलों का रस लें । स्वीमिंग एक 155 पाउंड का व्यक्ति एक घंटे तक तैरकर 704 कैलोरी बर्न कर सकता है । यह सबसे अच्छा व्यायाम है, यह पूरे शरीर के आकार पर विकसित होता है और आपकी सहनशक्ति का निर्माण करता है । साइकिल चलाना 13 से 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से साइकिल चलाने से एक घंटे में लगभग 500 कैलोरी बर्न की जा सकती है । साइकिलिंग आपके पैरों की मांसपेशियों का निर्माण करती है और ये पैर के फैट को बर्न करने की सबसे अच्छी एक्सरसाइज है । रस्सी कूदना आप प्रत्येक दिन में दो बार 10 मिनट के सेशन में 200 से अधिक कैलोरी बर्न कर सकते हैं । पेट के आसपास चर्बी हद से ज्यादा जमा हो जाए , तो यह खतरनाक बीमारियों के होने का कारण बन सकता है । कुछ मुख्य कारण आप भी जान लें, जो पेट पर अतिरिक्त चर्बी यानी बेली फैट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं... आपने अब तक लेमन राइस या राइस से बनने वाली कई नमकीन डिशेज खाई होंगी पर क्या कभी मैंगो राइस खाया या बनाया है? यदि नहीं बनाया, तो हम बताते हैं इसे बनाने की विधि । मैंगो राइस चावल को एक हेल्दी और टेस्टी फ्लेवर देता है । मैंगो राइस बनाने की विधि काफी आसान है । इसे कच्चे आम के साथ बनाया जाता है । इसे मैंगाई सदाम भी कहते हैं । इसे आप कभी भी बनाकर अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों के मुंह का स्वाद बदल सकती हैं । जानें, मैंगो राइस बनाने की विधि- मैंगो राइस बनाने के लिए आपको चाहिए 500 ग्राम- उबला हुआ चावल इससे, अच्छा और आसान नुस्खा शायद ही कुछ और हो । जब, गुस्सा आता है तो मैं 2 से ढ़ाई गिलास ठंडा पानी पीता हूं । इससे, मुझे खुद को शांत करने और गुस्सा काबू करने में  मदद होती है । यह कहना है, प्रतिक अनुसुया का । लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि ग्रीन टी को सही समय पर पीने से ही आप वजन कम कर सकते हैं । तो आइए जानते हैं ग्रीन टी पीने का सही समय । शरीर से फैट कम करने के लिए करें ये 5 एक्सरसाइज प्लैंक एक्सरसाइज पेट की चर्बी कम करने के लिए असरकारक है । कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रोज एक्सरसाइज करते हैं लेकिन फिर भी उनका बैली फैट कम नहीं होता है । आपको बता दें कि इसके पीछे कुछ कारण जिम्मेदार होते हैं । आज हम आपको वही कारण बता रहे हैं जो बढ़े हुए बैली फैट के पीछे के कारण हो सकते हैं । शकरकंद, चावल, पास्ता या ब्रेड ! वजन घटाने में कौन सा कार्बोहाइड्रेट फूड है आपके लिए बेस्ट, जानें बेस्ट हेल्दी कार्ब फूड जब बात कार्ब्स और बॉडी कंपोजीशन की आती है, तो सबसे उपयुक्त प्रकार कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट को माना जाता है । ये कई एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जो सूजन को कम करने और मुक्त कणों को हटाने के लिए आवश्यक हैं । ब्रेड, आलू, चावल और पास्ता में से अगर बात की जाए बेस्ट कार्ब फूड की तो निस्संदेह स्वीट पोटेटो यानी की शकरकंद आपके लिए कार्बोहाइड्रेट का सबसे अच्छा रूप है । न केवल वजन घटाने के लिए, बल्कि संतुलित आहार में भी यह आपकी मदद कर सकता है । शकरकंद क्यों? शकरकंद में फाइबर होता है, जो स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है, साथ ही साथ यह कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग के खतरे को कम करता है । कार्ब्स आपके डिनर में शामिल करने के लिए बहुत अच्छे हैं, क्योंकि वे तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को कम करते हैं, जिससे अधिक आरामदायक नींद आती है । जब प्रदर्शन की बात होती है, तो जिम में आपकी मेहनत और एथलेटिक प्रदर्शन को बढ़ाने में कॉम्पलेक्स कार्ब्स आपकी मदद करते हैं, क्योंकि ये मांसपेशियों के ग्लाइकोजन स्टोर की पुनःपूर्ति में सुधार करते हैं । और हम सभी जानते हैं कि कार्ब्स का सेवन हमें अच्छा महसूस कराता है, हमारे मूड को बेहतर बनाता है और हमें प्रदर्शन के लिए ऊर्जा देने का काम करता है । शकरकंद बढ़ाता है आपकी उम्र इस बात को शोधकर्ता भी प्रमाणित कर चुके हैं । जापान के ओकिनावा में रहने वाले लोग ग्रह पर सबसे लंबे समय तक रहने वाली आबादी में से एक हैं । ऐसा क्यों है आप पूछ सकते हैं? शोधों में इसके पीछे एक अनूठी डाइट को जिम्मेदार ठहराया है । यहां के लोग कम से कम 70% कैलोरी शकरकंद और यम जैसी चीजों से प्राप्त करते हैं । शकरकंद में विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जिससे ये एक प्रकार का पावरहाउस भोजन बन जाता है । वजन कम करने के लिए कौन से कार्ब्स फायदेमंद होते हैं डायटिंग करते समय विविधता महत्वपूर्ण है और केवल शकरकंद खाना किसी के लिए भी उबाऊ हो सकता है । इसलिए, हमने अच्छे कार्ब स्रोतों की एक सूची तैयार की है जिसमें आप नियमित रूप से भोजन के साथ स्वैप कर सकते हैं । याद रखें कि केवल वही खाएं जो आपके पाचन के लिए प्रबंधनीय हो, क्योंकि कुछ लोग फलियों को अच्छी तरह से नहीं पचा पाते हैं । अपने आहार में शामिल करें ये 5 कार्ब्स शकरकंद सबसे अच्छा विकल्प हैः अपने भोजन के दौरान इसका अधिकतर उपयोग करें । क्विनोआ एक्सरसाइज के बाद एक अच्छा फूड, लेकिन इसे प्रेशर कूकर में पकाने के कारण इसके लेक्टिन गुण खत्म हो जाते हैं इसलिए यह पाचन समस्या वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है । फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स में उच्च दाल और फलियां उन लोगों के लिए अच्छे हैं, जो अधिक शाकाहारी प्रोटीन विकल्प खाना पसंद करते हैं । फल और केले केले में नींद हार्मोन मेलाटोनिन को बढ़ाने और साथ ही रक्त एंटीऑक्सीडेंट के स्तर में सुधार करने की क्षमता है । एक बात, जो ज्यादातर लोगों को पता नहीं है कि केले में प्री-बायोटिक्स होते हैं, ये ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं जो आपके पेट पर पनपते हैं । आप पके हुए हरे केले को अपने आटे में डाल सकते हैं । ओट्स ये अत्यधिक पौष्टिक होते हैं, जिनमें फाइबर, बीटा ग्लूकन होता है । ओट्स में स्टार्च का एक अनूठा रूप होता है जो उन्हें ऊर्जा भंडार को फिर से भरने और ब्लड शुगर के प्रबंधन के लिए अच्छा बनाता है । आप हर ओट्स को दिन के दौरान स्नैक्स के रूप में अपने बेक्ड चीजों में उपयोग कर सकते हैं । चीनी के प्राकृतिक विकल्पों में आप ब्राउन शुगर, गुड़, शहद, घर पर बनें फलों का रस पिएं । डाइट प्लान बनाएं वजन कम करने के लिए एक डाइट प्लान बनाना बेहद जरूरी है । डाइट प्लान बनाकर उसे फॉलो करके ही आप वजन घटा सकते हैं । डाइट प्लान बनाने का मतलब कम खाना नहीं होता है । इसमें न्यूट्रीशन से भरपूर फूड्स को शामिल करना होता है । मोटापा घटाने के लिए न्यूट्रीशनल डायट में 50% कार्बोहाइड्रेट, 20% प्रोटीन और 30% फैट युक्त खाना खाएं । कभी भूखे ना रहें आप देर तक भूखे रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में चटपटा, मीठा या जंक फूड खाने की तलब बढ़ जाती है । यह सभी चीजें अनहेल्दी होती हैं । भूख लगने पर जब आप खाना खातें हैं, तो जल्दबाजी मैं जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं । दोनों ही कारणों से आप कैलोरीज का उपभोग अधिक कर लेते हैं, इसलिए कमर पतली करने के लिए थोड़ा-थोड़ा खाते रहें । दिन में 6 बार खाएं मतलब हर 3 घंटो में कुछ खाएं, ताकि कभी जोर की भूख ही ना लगे । वेट लॉस करने में बहुत मेहनत लगती है और टाइम भी । लेकिन कई बार वेट लॉस गोल अचीव होने के कुछ दिन बाद ही फिर से वेट बढ़ जाता है । हेल्दी वेट लॉस एक अच्छी अचीवमेंट मानी जाती है । लेकिन कई बार वेट लॉस गोल अचीव होने के कुछ दिन बाद ही फिर से वेट बढ़ जाता है   बहुत से लोगों के साथ ऐसा होता है । वेट लॉस और वेट गेन का यह सिलसिला कई लोगों के साथ अक्सर चलता रहता है । 26 नवंबर को हर साल एंटी-ओबेसिटी डे मनाया जाता है । आज इस मौके पर हम आपको वजन नियंत्रित करने के कुछ उपाय बता रहे हैं । आइए विस्‍तार से जानते हैं । बदलती जीवनशैली और खान-पान में लापरवाही की वजह से लोग मोटापा के शिकार हो जाते हैं । भारत में हर चौथा इंसान मोटापे से परेशान हैं । मोटापा सिर्फ एक परेशानी नहीं है इसकी वजह से शरीर में कई बीमारियां भी आ जाती हैं । मोटापा की वजह से डायबिटीज, कैंसर, हार्ट अटैक और हड्डियों की बीमारी जल्द हो जाती हैं । बढ़े हुए फैट को अगर जल्द काबू न किया जाय तो फिर मोटापा कम करना मुश्किल हो जाता है । आज हम आपको एक ऐसे ड्रिंक के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपके शरीर में बढ़े हुए फैट को एक कटर की तरह बहुत जल्द काट कर कम कर देता है । इस ड्रिंक को खाना-खाने के 1 घंटे पहले रोजाना सेवन करने से इसका असर एक सप्ताह में ही नजर आने लगता है । फैट कटर ड्रिंक नींबू के प्रयोग से बनाया जाता है । नींबू के छिलके के इस्तेमाल से इस ड्रिंक को तैयार किया जाता है । नींबू में पाया जाने वाला विटामिन सी, विटामिन बी 6, विटामिन ए और विटामिन ई शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं । इस ड्रिंक के सेवन से शरीर को तांबा, कैल्शियम, आयरन, मैग्निशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स भी मिलते हैं जो शरीर की ऊर्जा को बनाये रखते हैं । आइए जानते हैं कैसे बनाना है फैट कटर ड्रिंक अच्छी तरह से पके रस वाले पीले रंग के 4 से 5 नींबू ले और इसका पूर रस निकाल लें । रस निकालकर छिलकों को अलग करके रख लें । अब एक बर्तन में लगभग 2 लीटर पानी में नींबू के छिलकों को डालकर 30 मिनट तक उबाल लें । उबलने के बाद पानी से छिलके निकालकर बाहर कर दें । उबले हुए पानी में नींबू के रस को मिला दें । उबले पानी में नींबू का रस मिलाने के बाद तैयार ड्रिंक को किसी बोतल में रख दें । रोजाना खाना खाने से 1 घंटे पहले 1 गिलास इस फैट कटर ड्रिंग का सेवन करें । कुछ ही दिनों में मोटापा कम होने लगेगा । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होने के कारण? 3 योगासन जो रक्त संचार को बनाते हैं बेहतर । आज जिसे देखो वह कमर और पीठ दर्द से परेशान रहता है । इसकी मुख्य वजह है आज की भागदौड़ भरी जिंदगी । इसके कारण लोगों की जीवनशैली बहुत अधिक प्रभावित हुई है, जिसकी वजह से कमर दर्द, शरीर में अकड़न जैसी समस्याएं आम हो गई हैं । जिन लोगों को सर्वाइकल की समस्या है, उनमें भी गलत तरीके से उठने-बैठने के कारण यह समस्या बढ़ जाती है । आज की हेल्थ टिप्स से आपको मिल सकती है राहत… कमर दर्द दूर करने के टिप्स लगातार ऑफिस में घंटों एक ही पोजिशन में बैठकर काम करने से कमर पर दबाव पड़ता है । बैठे रहने पर हमारी स्पाइन पर खड़े होने के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा दबाव पड़ता है । कमर दर्द को हम बेशक आम समस्या मानते हों , लेकिन इसे बार-बार नजरअंदाज करना ठीक नहीं है । अगर हम थोड़ी सी सावधानी के साथ अपनी जीवनशैली को सुधार लें तो इस दर्द से आराम पा सकते हैं । कई योगासन के अभ्यास से भी कमर और सर्वाइकल के दर्द को कम किया जा सकता है । इन्हीं में से एक है भुजंगासन । भजुंगासन के फायदे भुजंगासन हमारे विशुद्धि, अनाहत, मणिपुर और स्वाधिष्ठान चक्र को प्रभावित करता है । यह सर्वाइकल और कमर दर्द के अलावा अस्थमा में भी लाभकारी है । इसमें पेट पर बल पड़ने के कारण पाचन प्रजनन अंग संबंधी रोग भी दूर होते हैं । कैसे करें भुजंगासन पेट के बल लेट जाएं । सांस भरते हुए कमर से ऊपर वाला हिस्सा आगे की ओर उठाएं । पैर आपस में मिले रहें । गर्दन को पीछे की ओर मोड़ें और कुछ पल इसी अवस्था में रखें । सांस को सहज हो जाने दें और कुछ देर रुकें ताकि दबाव रीढ़ के निचले हिस्से पर पड़े । सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस आएं । गर्दन पीछे ही रखें और धीरे-धीरे पहले छाती तथा बाद में सिर को भी जमीन से लग जाने दें । लगातार इस आसन को करने से कमर दर्द से छुटकारा मिल सकता है । बहुत ज्यादा सर्वाइकल की समस्या होने पर किसी भी आसन को करने से पहले विषेशज्ञ की सलाह ले लें । फलियां, दाल व बीन्स आदि आप के लिए वजन कम करने का एक मंत्र है । कुछ शोध में बताया है कि यदि आप कम कैलोरी वाली डाइट लेना चाहते हैं तो फलियां आप के लिए एक बेस्ट ऑप्शन है । यह आप को वजन कम करने में पूरी मदद करेगा । जो लोग फलियां खाते हैं उनका बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी होती है । छठ पूजा 2020 कब है? जानें छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले इन 6 प्रसाद के फायदे । छठ पर्व एक महापर्व है, जिसमें सूर्य भगवान की उपासना की जाती है । छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला पर्व है । इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में मनाया जाता है, लेकिन अब दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में भी लोग छठ पूजा पर्व को धूमधाम से मनाते हैं । हालांकि, कोरोना महामारी में इस बार छठ पूजा को सेलिब्रेट करने को लेकर भी कई राज्यों में प्रतिबंध लगा दिए गए हैं । हालांकि, श्रद्दालू फिर भी छठ को सच्ची श्रद्धा भक्ति से मनाएंगे । छठ पूजा का जितना महत्व है, उतना ही इस पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का भी होता है । सूर्य की उपासना के दौरान छठ के सूप में कई तरह के प्रसाद जैसे ठेकुआ, नारियल, केला, डाभ नींबू, गन्ना आदि रखे जाते हैं, जिनके सेहत पर कई लाभ होते हैं । जानें, कब है छठ पूजा और छठ के प्रसाद के सेहत लाभ क्या होते हैं… छठ पूजा 2020 कब है? देश भर में छठ का पर्व श्रद्धाभाव से मनाया जाता है । यह पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तारीख को की जाती है । दिवाली के छह दिनों बाद छठ पूजा होती है । व्रत करने वाले सुबह और शाम का अर्घ्य देते हैं । सुबह अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा समाप्त हो जाती है । व्रती व्रत का समापन  करते हैं । इस वर्ष 2020 में छठ पर्व की शुरुआत 20 नवंबर से हो रही है । 20 को पहला अर्घ्य है और दूसरा 21 नवंबर को है । 4 दिनों के इस पर्व में पहले दिन नहाय-खाय होता है, जो 18 नवंबर को है । छठी मइया पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के फायदे चावल के लड्डू होते हैं पौष्टिक और टेस्टी छठ पूजा में चावल के आटे का लड्डू बनाया जाता है । सूर्य भगवान की पूजा करते समय अर्घ्‍य में चावल के लड्डू चढ़ाए जाते हैं । चावल शरीर को हाइड्रेट रखता है । यह पचता भी जल्दी है । चावल में विटामिन, मिनरल्स, कैल्श‍ियम, फाइबर, नियासिन, विटामिन डी, आयरन, राइबोफ्लेविन अधिक मात्रा में होते हैं । चावल से बना लड्डू और भी अधिक हेल्‍दी होता है । चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शरीर को ऊर्जा देता है । शरीर में पर्याप्त ऊर्जा की मदद से ही मस्तिष्क शरीर का संचालन करता है । चावल में मौजूद फाइबर कुछ कैंसर से भी बचाते हैं । कैंसर कोशिकाओं को विकसित नहीं होने देते हैं । आयरन से भरपूर ठेकुआ है हेल्दी ठेकुआ के बिना छठ पूजा अधूरी है । बिहार का प्रसिद्ध व्यंजन ठेकुआ गुड़ और आटे को साथ मिलाकर तैयार होता है । सर्दी के मौसम में गुड़ खाना सेहत के लिए बहुत हेल्दी माना गया है । गुड़ के सेवन से ठंड में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है । आयरन से भरपूर गुड़ शरीर में खून की कमी नहीं होते देता है । ठेकुआ थोड़ा चोकर युक्त आटे से तैयार हो, तो शरीर को फाइबर का लाभ भी होता है । ठेकुआ के सेवन से शरीर में कैल्शियम की कमी भी दूर होती है । आप इसे छठ पूजा के अलावा भी कभी भी बनाकर स्वीट स्नैक्स के तौर पर भी खा सकते हैं । नारियल बूस्ट करे इम्यूनिटी नारियल का इस्तेमाल कई पूजा में किया जाता है । नारियल और इसका पानी सेहत के लिए काफी हेल्दी होता है । नारियल में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण मौजूद होते हैं । इसके फायदे सौंदर्य के लिए भी काफी हैं । छठ पूजा में नारियल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है । नारियल खाने से मौसमी फ्लू, सर्दी-जुकाम की समस्या से बचाव होता है । नारियल इम्यूनिटी भी बूस्ट करता है । डाभ नींबू या चकोतरा भी है फायदेमंद छठ प्रसाद के सूप में एक बड़ा सा नींबू होता है, जिसे डाभ नींबू या चकोतरा कहते हैं । डाभ नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है । इसमें कई पोषक तत्व होते हैं । इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है । सर्दियों के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव करता है । केला दे भरपूर एनर्जी फलों में डाभ नींबू के अलावा केला भी प्रसाद में चढ़ाया जाता है । केले में रिबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, हेल्दी स्टार्च आदि पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को कई लाभ देते हैं । इसे खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है । इसमें कैल्शियम होने के कारण बच्‍चों के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है । केला खाने से शरीर को तुरंत ही एनर्जी मिलती है । गन्ना, सिंघाड़ा, सेब भी होता है प्रसाद में मौजूद छठ पूजा के सूप में केला और डाभ नींबू के साथ ही सेब, सिंघाड़ा, गन्ना भी होता है । अर्घ्य देते समय सूप में गन्ना होना भी आवश्यक है । छठ पूजा में सूर्य भगवान को नई फसल का प्रसाद चढ़ाने का रिवाज है । गन्ना इन्हीं दिनों तैयार होता है, इसलिए इसे सूर्य देवता को अर्पण किया जाता है । गन्ने का जूस पीलिया होने पर पीने से फायदा पहुंचता है । गन्ना कैंसर, हार्ट डिजीज जैसे रोगों के होने की संभावना को कम करता है । इसका जूस पीने से वजन कम होता है । पाचन शक्ति मजबूत होती है । वजन कम करना है, तो इन सेक्स पोजीशन को जरूर करें ट्राई । महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी इसके लिए जिम्मेदार हैं । माहवारी, गर्भावस्था और मेनोपॉज तक उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं । जिसका असर बोन हेल्थ पर भी पड़ता है । मौजूदा समय में अगर आप मिताहार का पालन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको मोबाइल फोन बगल में रखना पड़ेगा । जी हां, यह थोड़ा मुश्किल लग रहा है ना? मिताहार में किसी भी तरह से भोजन से ध्यान भटकने से बचाना होता है । इसीलिए टीवी और मोबाइल फोन या लैपटॉप जैसी चीज़ों के सामने बैठकर आप भोजन करने से बच जाते हैं । इस पारम्परिक पद्धति से भोजन करते समय भोजन की तरफ देखते हुए, उसका टेक्स्चर और स्वाद को महसूस करते हुए भोजन करना होता है । ओवरइटिंग से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । मिताहार जैसे भोजन खाने से आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं, क्योंकि मिताहार में भूख से अधिक भोजन करना मना होता है । लोकल और मौसम के अनुसार उगने वाली चीज़ें शरीर के लिए अच्छी होती हैं । स्थानीय भोजन खाना भी मिताहार का एक हिस्सा है । इस तरह मिताहार से आपको मौसमी फल और सब्ज़ियों का लाभ होता है । खरबूजा, तरबूज, खीरा, ककड़ी के सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है । इन दिनों शरीर में पानी की कमी होने से आप डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं । इन सभी फलों में पानी के अलावा कई पोषक तत्व होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं । कोविड-19 लॉकडाउन के कारण आप जिम में जाकर एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं, तो घर पर हल्के-फुल्के व्यायाम करना ना भूलें । साथ ही डायट में इन फलों को शामिल करके आप अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं । ये सभी फल वजन कम करने साथ ही त्वचा में भी निखार लाते हैं । इनके नियमित सेवन से आपका मेटाबॉल्जिम लेवल बढ़ता है, जो वजन कम करने के लिए जरूरी है । इन फलों को खाने से आप गर्मी में होने वाली बीमारियों से भी बचे रहते हैं । शरीर अंदर से ठंडा रहता है । जानें, कुछ फलों के बारे में, जो घर पर रहकर भी आपका वजन तेजी से कम करने में आपकी मदद करेंगे… 1 खरबूजा खरबूजा खाने में मीठा होता है । इसे खाने से वजन कम होता है । खरबूजा में विटामिन सी होता है, जो वजन कम करने में सहायक होता है । आप शुगरी फूड्स खाने की बजाय प्राकृतिक मिठास लिए इस फल को खाएं । रोजाना खरबूजा खाकर देखें, वजन तेजी से कम होने लगेगा । 2 अनानास क्या आपको पता है कि अनानास भी वजन कम करता है? अगर आप इस फल को खाना पसंद नहीं करते हैं, तो जरूर खाएं । खासकर वे लोग, जिनका वजन अधिक है । अनानास में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है । यह पाचन को स्वस्थ रखता है । मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है । 3 तरबूज तरबूज गर्मी में मिलने वाला फल है । इस फल को अधिकतर लोग खाना पसंद करते हैं । इसमें पानी लगभग 92 प्रतिशत होता है । पानी अधिक होने के बावजूद भी यह फल वजन कम करने में मदद करता है । पानी अधिक होने के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है । भूख कम लगती है, जिससे आप अधिक खाने से बचे रहते हैं । तरबूज में विटामिन ए, बी 6 और सी के साथ अमीनो एसिड और डाइट्री फाइबर होता है । 4 आड़ू के साथ ही पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है । त्वचा में निखार लाता है । इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर से टॉक्सिन पदार्थ को बाहर निकालने में भी आड़ू मदद करता है । आडू में कैलोरी और फैट की मात्रा कम होती है । रोज 1 आड़ू खाएंगे, तो वजन घटाने में मदद मिल सकती है । इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है, इसलिए वजन कम करना आसान हो जाता है । इसमें उच्च मात्रा में विटामिन और मिनरल होते हैं, जिसके कारण हर किसी को इसका सेवन करना चाहिए । 5 लीची लीची मार्केट में कब आती है और कब गायब हो जाती है, इसका पता ही नहीं चलता । ऐसे में जब भी आपको लीची दिखे, जरूर खरीदें, क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण यह वजन कम करने में मदद करती है । लीची इम्यूनिटी पावर भी बढ़ाती है, जिससे वजन तो कम होता ही है, आप जल्दी-जल्दी रोगों से संक्रमित होने से बचे रहते हैं । 6 संतरा स्वाद में खट्टा संतरा विटामिन सी से भरपूर होता है । इसके 100 ग्राम टुकड़े में लगभग 47 कैलोरी होती है, इसलिए वजन कम करने वालों के लिए बहुत उपयोगी फल है । वजन कम करने के लिए प्राकृतिक तरीका है बेहतर ऐसे में वजन कम करने के लिए सेहतमंद और प्राकृतिक तरीकों से बेहतर कुछ नहीं है । कीवी स्मूदी से करें वजन कम आपको यह जानकर वास्तव में खुशी होगी कि कीवी स्मूदी से आप वजन कम कर सकते हैं । यूं बनाएं कीवी स्मूदी सिंपल कीवी स्मूदी बनाने के लिए कुछ ताजे कीवी, दही, शहद और कुछ बादाम लें । ब्लड ग्रुप डाइट के बारे में सुना है? वजन घटाने के आता है काम, जरूर करें इसे फॉलो वजन घटाने के लिए आपने कई तरह के डायट को फॉलो किया होगा । क्या कभी ब्लड ग्रुप आधारित डाइट को फॉलो करके वजन घटाने की कोशिश की है? अगर आप वजन घटाने के लिए तैयारी कर रहे हैं या वजन घटाने के प्रयास में असफल रहे हैं तो अपको हम कुछ खास बातें बता रहें हैं जो वजन घाटाने में सहायक होती हैं । आप इस डाइट और फिटनेस प्लान को एक महीने तक ठीक से अपनाएं तो आपका वजन 3 से 4 किलो तक घट सकता है । एक महीने में कितना वजन घटाया जा सकता है ? दरअसल ये बात विभिन्‍न कारकों पर निर्भर करती है । एक्‍सरसाइज का वजन घटाने में रोल  बहुत से लोग वजन कम करने के लिए केवल डाइट का सहारा लेते हैं । सप्ताह में कितने दिन वर्कआउट करें  ज्‍यादा कैलोरी बर्न करने के लिए रोजाना 30 से 40 मिनट वर्कआउट ज़रूर करें । कार्डियो एक्सरसाइज क्यों है जरूरी  ये निर्भर करता है कि आप कितना वजन कम करना चाहते हैं । कार्डियो के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग  कार्डियो के साथ-साथ स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से वजन घटाने में ज्‍यादा मदद मिलती है । योग से कैसे वजन घटाएं  कार्डियों और वेट ट्रेनिंग के साथ-साथ योग भी कर सकते हैा । वजन कम करने के लिए डाइट का रोल  अगर आपको बॉड़ी की सही शेप चाहिए तो आपको अपनी लाइफस्‍टायल और डाइट बदलनी पड़ेगी । मीठा कितना खाएं  वजन कम करने की क्रिया के दौरान मीठा और ज्‍यादा तेल वाला खाना ना खाएं । सोडियम वाले फूड कम खाएं सोडिमम और ज्‍यादा नमक वाले फूड खाने से बचें । खाने में करे बदलाव  वजन घटाने के क्रिया में सबसे पहला काम मेटाबॉलिज्‍म को सही रखना ज़रूरी है । वर्कआउट के बाद की डाइट  वर्कआउट के बाद खाना ज़रूरी होता है । ग्रीन टी को करें शामिल  रोजाना दो कप पीने से वजन घटाने में सहायता मिलती है । मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं  पर्याप्‍त नींद से आपका मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है और वजन कम होता है । नाश्‍ते की डाइट और वजन घटाना  अपना दिन गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पीने से शुरु करें । लंच की डाइट  सही और संतुलित खाना खाएं । डिनर में क्‍या खाएं रात को हल्‍का खाना खाएं । क्या आप अपना वजन कम करने की कोशिश महीनों से कर रहे हैं, लेकिन एक इंच भी दुबले नहीं हुए? कहीं आपकी हाइट कम तो नहीं? दरअसल, छोटे कद वालों का वजन लंबे लोगों के मुकाबले देर से कम होता है । जानना चाहते हैं क्यों होता है ऐसा, तो ये हैं कारण... मोटापा न केवल आपकी पर्सनैलिटी को खराब करता है बल्कि कई तरह की बीमारियों जैसे डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, ब्‍लड प्रेशर और किडनी का शिकार भी बना देता है । खाने की गलत आदतें, खराब लाइफस्‍टाइल और गलत आदतों के चलते आज हम मोटापे के शिकार हो रहे हैं । इसलिए हमें मोटापा कम करने के उपायों की खोज करनी चाहिए । लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि नॉर्मल रूटीन में थोड़ा सा बदलाव करके आप आसानी से अपना वजन तेजी से कम कर सकती हैं । जी हां आज हम आपको कुछ नॉर्मल टिप्‍स के बारे बताने जा रहे हैं, जिसकी हेल्‍प से आप 3 दिन में 1 किलो तक कम कर सकती हैं । वेट कम करना इतना भी मुश्किल नहीं है जितना हमें लगता है । अगर आप यहां दिए टिप्‍स को अच्‍छे से फॉलो करेंगी तो बहुत ही आसानी से 3 दिन में ही अपने वजन में फर्क महसूस करेंगी । गर्म पानी पिएं जैसा ही हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि गर्म पानी पीने से आप अपना वजन तेजी से कम कर सकती हैं । डॉक्‍टर अबरार मुल्तानी का कहना हैं कि जब आप गर्म पानी पीती हैं, तो इससे बॉडी में जमा फैट दूर होता है । जिससे आपका वेट कम होने लगता है । साथ ही बॉडी को डिटॉक्‍स करने के लिए गर्म पानी पीना बेहद जरूरी है । जी हां जब आपकी बॉडी डिटॉक्‍स होगी तब मेटाबॉलिज्‍म बढ़ने लगेगा और आप पतली होने लगेगी । रोज करें एक्‍सरसाइज वजन कम करने के लिए डाइट के साथ एक्‍सरसाइज करना भी बेहद जरूरी होता है । जी हां फैट बर्न करने के लिए बॉडी को एक्‍टिव रखना बेहद जरूरी है । आपको एक्‍सरसाइज करने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है आप घर में ही वॉकिंग, जॉगिंग या सीढि़यों को चढ़ कर अपना फैट बर्न कर सकती हैं । जी हां एक्सरसाइज से ज्यादा यह बात मायने रखती है कि आप वर्कआउट कैसे करती हैं । जब आप छोटी-छोटी एक्सरसाइज करती हैं और इसके बात बीच में आसान एक्सरसाइज करती हैं तो आपकी बॉडी को सबसे ज्यादा फायदा होता है क्योंकि बीच में तरोताजा होने के लिए शरीर को पर्याप्त रेस्ट मिल जाता है । शुगर से बचें वजन कम करने के लिए शुगर वाली चीजे खाने से बचें । जी हां मोटापा कम करने के लिए आपको शुगर से बनी मिठाइयों और चॉकलेट से दूरी बना कर रखना चाहिये क्‍योंकि ये आपके शरीर का मेटाबॉलिज्‍म धीमा कर देते हैं । इसके अलावा कुछ भी ऐसा न खाएं जिसमें आर्टिफिशियल शुगर मौजूद हो । इसे खाने से एक ओर जहां वजन बढ़ता है वहीं ऐसी चीजें मीठे की क्रेविंग बढ़ाने का भी काम करती है । प्रोटीन लें मोटापा कम करने में प्रोटीन का अहम रोल होता है । प्रोटीन से बॉडी को सही शेप में लाया जा सकता है । प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से बॉडी में मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है । साथ ही प्रोटीन का सेवन पेट को भरा रखता है जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है और बार-बार खाने की इच्‍छा कम होती है । यह कई तरह के वजन कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स में भी बदलाव लाता है । अगर आप नॉन वेज नहीं खाती हैं तो प्रोटीन के लिए पनीर, दही, दालें और राजमा का सेवन करें । हर्बल टी, जिन्हें पीकर आप कम कर सकते हैं अपना बेली फैट । कुछ लोगों का बेली फैट यानी पेट में कुछ ज्यादा ही चर्बी जम जाती है । पेट लटका हुआ सा नजर आने लगता है । कोई भी ड्रेस बॉडी को सूट नहीं करता है । काफी एक्सरसाइज करने के बाद भी बेली फैट कम नहीं होता । यदि आप भी बेली फैट से परेशान हैं, तो आप हर्बल टी पीनी शुरू कर दें । आप अपने दिन की शुरुआत दूध वाली चाय पीकर करते होंगे, लेकिन अब इस आदत को बदल दें । हम आपको यहां 4 ऐसी चाय के बारे में बता रहे हैं, जो बेली फैट कम करने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं । 1.ग्रीन टी ग्रीन टी का सेवन अब बहुत से लोग करने लगे हैं, क्योंकि यह वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । ग्रीन टी में कैटाचीन नाम का एक एंटीऑक्सीडेंट तत्व होता है, जो बेली फैट कम करने में आपकी मदद कर सकता है । इसे दिन में दो बार पिएं । 2. ओलोंग टी ओलोंग टी मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मदद करता है । इसके अलावा इस चाय को पीने से शरीर में मौजूद फैट भी तेजी से बर्न होता है । बेली फैट कम करने के लिए ओलोंग टी प्रतिदिन सुबह में पी सकते हैं । 3. व्हाइट टी आप सोच रहे होंगे कि ये व्हाइट टी कैसी चाय होती है । दरअसल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स से भरपूर व्हाइट टी फैट को बहुत तेजी और कम समय में ही कम करती है । आप इसका सेवन बेली फैट बर्न करने के लिए जरूर करें । 4. हर्बल टी हर्बल टी का सेवन भी अधिकतर लोग कई चीजों को मिलाकर जैसे तुलसी, अदरक, गुड़हल आदि जड़ी-बूंटियों को मिलाकर तैयार करते हैं । हर्बल टी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वजन नहीं बढ़ता । साथ ही बेली फैट भी कम होता है । वजन घटाने के हालांकि बहुत से उपाय अपनाए जा सकते हैं, जिनका आप अपनी सहुलियत के अनुसार चयन कर सकते हैं । धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल की सीनियर डायटीशियन एंड कंसल्टेंट, न्यूट्रीशिनिस्ट पायल शर्मा आपको कुछ ऐसे उपाय के बारे में बता रही हैं जिन्हें ध्यान में रखकर वजन घटाने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है । स्टीम्ड फूड जैसे इडली और ढोकला जैसे फूड आपको हेल्दी और स्लीम रहने में मदद कर सकते हैं । 5 हेल्दी कार्ब्स जिन्हें खाकर पुरुष जल्दी वजन कम कर सकते है! कार्ब्स को अक्सर हमारे लिए अस्वस्थ माना जाता है । लेकिन पुरुषों द्वारा भी प्रभावी ढंग से वजन कम करने के लिए स्वस्थ कार्ब्स को आपके आहार योजना में शामिल किया जाना चाहिए । कार्ब्स भी दो प्रकार के होते हैं हेल्दी व गैर हेल्दी । यदि आप हेल्दी कार्ब्स खाते हैं तो आप को ऊर्जा भी मिलेगी और आप का वजन भी कम होने में मदद मिलेगी । तो आइए जानते हैं कि वजन कम करने के लिए कौन कौन से हेल्दी कार्ब्स आप के पास उपलब्ध हैं । कुछ ब्राउन चीजें जैसे ब्राउन राइस या ब्राउन होल व्हीट पास्ता आप की सेहत के लिए अच्छा होती हैं । ऐसा इसलिए है क्योंकि होल व्हीट में तीन प्रकार के फाइबर उपलब्ध होते हैं जो कि न्यूट्रिएंट्स व फाइबर्स से भरपूर होते हैं । इस पास्ता के साथ साथ आप दाल, चिक पीस, ब्लैक बीन आदि भी ट्राई कर सकते हैं । इसके अलावा अन्य कार्ब्स डाइट निम्न प्रकार हैं । वजन होगा कम झटपट, जब डाइट में शामिल करेंगी ये चीजें अपनी डाइट में कॉम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स वाली चीजें जैसे चौकर, ज्वार, गेहूं, बाजरा आदि को शामिल करें । सीजनल फ्रूट्स तथा सब्जियों को खाएं । ऐसी डाइट लेने पर आपका वजन जल्दी ही काम होने लगता है । वेट लॉस टिप्स इन हिंदी, सुबह उठते करें ये काम कम होगा वजन कीटो डायट प्लान में आपको उन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करना होता है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है । वेट लॉस एक्सरसाइज की बात जब आती है तो लोग जिम में घंटों पसीना बहाना ही समझते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है सिर्फ तीन ऐसी एक्सरसाइज है जो आसानी से वजन कम करने का काम करती हैं. हड्डियां बनती हैं मज़बूत रागी वेट लॉस से लेकर शरीर की प्रोटीन और कैल्शियम की दैनिक ज़रूरत को पूरा करने में मदद करती है । महिलाओं और बच्चों के लिए रागी बहुत फायदेमंद होती है । इसके सेवन से बच्चों के विकास के लिए ज़रूरी आयरन, प्रोटीन और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा उन्हें मिलती है । जिससे हड़्डियां मज़बूत बनती हैं । वेट लॉस नाचनी यानि रागी में आयरन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है । अगर वज़न घटाना चाहते हैं तो यह आपके लिए अच्छा विकल्प होगा क्योंकि इसमें फैट ज़्यादा नहीं होता है । डायबिटिक-फ्रेंडली फूड इसी तरह डायबिटिक्स के लिए भी रागी यानि नाचनी एक अच्छा भोजन है क्योंकि, इसमें डायबिटीज़ कंट्रोल करने वाले पॉलिफेनॉल्स होते हैं । जो, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में सहायता करते हैं । इसी तरह नियमित रुप से रागी का सेवन करने से ग्लाइसेमिक रिस्पॉंनस भी कम होता है । ठंड से सुरक्षा सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए रागी का भी सेवन करना चाहिए । रागी आपके सिस्‍टम को वार्म रखता है । जैसा कि सर्दियों में शरीर को अतिरिक्‍त पोषण की ज़रूरत होती है । ये फूड पोषक तत्‍वों को अवशोषित करने और मसल्‍स के टिशू के निर्माण में मदद करता है । लॉकडाउन में बच्चों के लिए बनाए हेल्दी रागी पैनकेक बच्चों के लिए चूंकि रागी एक हेल्दी और बहुत ही पौष्टिक अनाज है । लेकिन, इसके स्वाद की वजह से बहुत से बच्चे इसे खाना पसंद नहीं करते । ऐसे में बच्चों को रागी के फायदे पाने के लिए उन्हें यह स्वादिष्ट पैनकेक बनाकर खिलाएं । बहुत ही कम और आसानी से घर में मौजूद चीज़ों के साथ बन सकती है यह रेसिपी । इसीलिए, इसे आप लॉकडाउन के दौरा बच्चों के आसानी से बनाकर खिला सकते है । हेल्दी रागी पैनकेक रेसिपी एक पका हुआ केला लेकर उसे चम्मच की मदद मैश कर लें । अब इसमें, 2-3 चम्मच रागी का आटा मिलाएं । इस मिश्रण में एक चम्मच शहद, चुटकीभर इलायची पाउडर मिलाएं । अब, आधा गिलास दूध मिलाएं और अच्छी तरह फेंटकर इसका एक गाढ़ा घोल तैयार करें । ज़रूरत के अनुसार इसमें थोड़ा और दूध या पानी मिला सकते हैं । 10 मिनट के लिए इस मिश्रण को एक तरफ रखें । पैनकेक बनाने के लिए एक तवे पर घी गर्म करें । फिर, इसमें रागी के आटे का घोल किसी कटोरी या बड़ी कलछी की मदद से फैलाएं । इसे, पलट कर दोनों तरफ से पका लें । स्वाद और बच्चे की पसंद के अनुसार, इसे ऊपर से शहद, शक्कर, मैपल सिरप या किसी अन्य मीठी चीज़ के साथ परोस सकते हैं । प्रेग्नेंसी में खाएंगी ये 4 फूड्स, तो बच्चा होगा स्वस्थ, सुंदर और गोरा गर्भवास्था में अगर कोई महिला केसर का दूध पीती हैं तो उससे बच्चे का रंग तो गोरा होता ही है और साथ मां के रंग में भी निखार आता है । तूलिका ने मां बनने के 7 साल बाद कैसे 35 किलो वजन कम किया पुरुषों में लो स्पर्म काउंट की समस्या को दूर करेंगे ये दो आसन । इन तरीकों को अपनाकर अपना वजन रख सकती हैं कंट्रोल । प्रोटीन न केवल आपको वजन कम करने में मदद करता है, बल्कि यह मांसपेशियों के नुकसान को होने वाले नुकसान को भी रोकता है, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है । आपके शरीर में जितनी अधिक मांसपेशियां होंगी फैट के जमा होने की संभावना उतना ही कम होगी । जो लोग मांसाहारी हैं वे आसानी से उनसे पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो शाकाहारी भोजन पसंद करते हैं । हम वजन कम करने और पेट की चर्बी को बर्न करने के लिए सबसे अच्छे शाकाहारी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करते हैं । 3 दिन में घट जाएगा 1 किलो वजन अगर कर लेंगे रोजाना ये 5 चीजें, जानें कौन सी चीज घटाएगी तेजी से आपकी चर्बी वजन कम करना कोई आसान काम नहीं है और इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है । वजन घटाना एक बहुत ही धीमी प्रक्रिया है, जिसमें निरंतर प्रयास की आवश्यकता होती है । लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि आपके जीवन में कुछ सरल बदलाव करने से आप अपने वजन घटाने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं? खाने की गलत आदतें, गतिहीन जीवन शैली और कई अन्य कारणों से लोगों के शरीर पर अतिरिक्त वजन बढ़ जाता है । अधिक वजन होने से बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे डायबिटिज, जोड़ों का दर्द, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं । अगर आपने नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए सही खाने से लेकर हर चीज की कोशिश की है, तो यहां कुछ छोटे बदलाव हैं, जिन्हें आप अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं और इन अतिरिक्त बीमारियों को दूर कर सकते हैं । इस लेख में हम आपको पांच आसान टिप्स बता रहे हैं, जो आपको 3 दिनों में 1 किलो वजन तक कम करने में मदद कर सकते हैं । जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा । तो आइए जानते हैं इन आसान टिप्स के बारे में, जो आपको तेजी से वजन कम करने में मदद कर सकते हैं । एक्सरसाइज आप केवल सही डाइट का पालन करके अपना वजन कम नहीं कर सकते । नियमित रूप से एक्सरसाइज करना आपको फिट और स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । जरूरी नहीं कि आप जिम ही करें, आप बस जॉगिंग के लिए जा सकते हैं, पैदल चल सकते हैं या कुछ अन्य व्यायाम कर सकते हैं । गर्म पानी पिएं गर्म पानी पीना सबसे आसान चीजों में से एक है जो वजन कम करने के लिए आप कर सकते हैं । गर्म पानी शरीर में जमा चर्बी को घटाने में मदद करता है, जो आगे चलकर वजन कम करने में मदद करता है । गर्म पानी पीने से शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है । सुबह उठने के बाद सबसे पहले एक गिलास गर्म पानी पीना आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है, जो वजन कम करने के लिए बुनियादी आवश्यकताओं में से एक है । मीठा खाना बंद करें अपने आहार से शुगर को कम करना वजन कम करने के सबसे तेज तरीकों में से एक है । आयुर्वेद के बताए गए इन नुस्खों को एक बार कुछ दिनों के लिए जरूर ट्राई करके देखें, वजन कम होने लगेगा । क्या आपका वजन लगातार बढ़ रहा है? यदि हां, तो एक्सरसाइज, योगासन आदि करके करने की कोशिश करें । इसके साथ ही आप कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे भी आजमाकर देख सकते हैं । आयुर्वेदिक नुस्खे वनज कम करने के लिए बेहतर होते हैं, क्योंकि इसका कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता है । वजन मुख्य रूप से खराब जीवनशैली और अनहेल्दी ईटिंग हैबिट के कारण बढ़ता है । आयुर्वेद के नीचे बताए गए इन नुस्खों को एक बार कुछ दिनों के लिए जरूर ट्राई करके देखें, । त्रिफला चूर्ण शरीर का वजन लगातार बढ़ रहा है, तो आप त्रिफला का सेवन करना शुरू कर दें । त्रिफला चूर्ण तीन चीजों आंवला, बहेड़ा और हरड़ से मिलकर बनता है । त्रिफला आपको आयुर्वेदिक दुकान में आसानी से मिल जाएगा । रात में त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर रख दें । सुबह इसमें शहद डालकर पी जाएं । एक से दो महीने में ही आपका वजन तेजी से घटने लगेगा । दालचीनी दालचीनी तो आपके किचन में होगी ही । इसे भोजन में डालने के अलावा वजन कम करने के लिए भी यूज कर सकते हैं । दालचीनी खाने से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होता है । वजन कम करने के लिए दालचीनी डली हुई चाय पिएं । मेटाबॉलिज्म तेज होने से वजन घटाने में मदद मिलती है । दालचीनी की चाय में कैलोरी की मात्रा ना के बराबर होती है । इस चाय को पीने से शरीर का फैट तेजी से कम होने लगता है । गुग्गुल गुग्गुल वजन कम करने लिए बेहतर आयुर्वेदिक नुस्खा है । यह शरीर में जमे फैट को कम करता है । मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, जिससे वजन नहीं बढ़ता है । पाचन क्रिया भी ठीक रहती है । गुग्गुल को आप गर्म पानी के साथ लें, वजन कम होगा साथ ही पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहेगी । एलोवेरा एलोवेरा जिस तरह चेहरे के लिए हेल्दी होता है, उससे कहीं ज्यादा काम यह वजन कम करने के आता है । एलोवेरा जेल, जूस और स्मूदी पिएं । वजन बहुत जल्दी कम होने लगेगा । इसमें कार्बोहाइड्रेट, अमीनो एसिड, मल्टी विटामिन्स, एंजाइम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं । डेढ़ चम्‍मच शहद डालें जिनका वजन कम होता है, वह काफी परेशान रहते हैं । वजन कम करने के लिए हर परेशानियों, हर तरह की मेहनत करने को जैसे तैयार रहते हैं । वजन कम करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है । एक्सरसाइज, डाइटिंग, घंटों जिम में वर्कआउट, योग करने के साथ ही कई तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं । कई बार मन मुताबिक परिणाम नहीं मिलने से लोग निराश भी हो जाते हैं । क्या आप जानते हैं जल्दबाजी में वजन कम करने के लिए कुछ भी करना आपकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है ? जल्दी वजन कम करने से सेहत को होने वाले नुकसान डिहाइड्रेशन वेटलॉस करने के चक्कर में जो डाइट आप लेते हैं, उनसे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है । शरीर में पानी की कमी होने से कब्ज, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और एनर्जी की कमी होने लगती है । पानी की कमी होने से इसका असर त्वचा पर भी दिखता है । स्किन अधिक ड्राई हो जाती है । शरीर में न्यूट्रिशन की कमी वजन कम करने के लिए लोग अक्सर कैलोरी फ्री डाइट लेते हैं, जिससे शरीर में न्यूट्रिशन की कमी हो जाती है । कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है, जो शरीर में एनर्जी बनाए रखने के लिए जरूरी होता है । यही कारण है कि जिन लोगों की डाइट में कार्बोहाइड्रेट की कमी होती है, उन्हें जल्दी थकान महसूस होती है । ऐसे लोगों का मूड भी तेजी से स्विंग होता है । कुछ लोगों को शरीर में खून की कमी भी हो जाती है । दिमाग पर पड़ता है गलत असर वेट लॉस से शरीर के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी बुरा असर होता है । डाइट के बिगड़ने और शरीर में न्यूट्रिशन की कमी होने से कई प्रकार की मानसिक समस्याएं हो सकती हैं । बिगड़ सकता है मेटाबॉलिज्म  मोटापे से परेशान लोग वजन कम करने के चक्कर में अक्सर भूल जाते हैं कि वजन कम करने से मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर होता है । डाइट में कैलोरी की कमी होने से मेटाबॉलिज्म के काम करने की क्षमता धीमी हो जाती है । मेटाबॉलिज्म के सही ढंग से काम ना करने की वजह से वजन कम होने की बजाय बढ़ने लगता है । मांसपेशियां होती हैं कमजोर वजन कम करने वाली डाइट से कई बार मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं । लंबे समय तक इस डाइट का सेवन मांसपेशियों के लिए ठीक नहीं होता है । डायबिटीज़ की समस्या दक्षिण भारतीय लोगों में तेज़ी से फैल रही है औऱ यह काफी व्यापक स्तर पर लोगों को प्रभावित भी कर सकती है । हाई फैट फूड और शारीरिक सक्रियता की कमी वो लाइफस्टाइल फैक्टर्स हैं जो हम भारतीयों को इस बीमारी की चपेट में आने का रास्ता दे रहे हैं । लेकिन डायबिटीज़ केवल एक बीमारी नहीं है । यह अपने साथ और भी कई स्वास्थ समस्याएं लेक र आती है । हाई ब्लड शुगर या खून में ग्लूकोज़ की मात्रा अधिक होने से आपका शरीर कई तरह से प्रभावित होता है । आइए जानते हैं कि ब्लड ग्लूकोज़  बढ़ने पर आपके दूसरों अंगों पर कैसा प्रभाव पड़ता है । 1. त्वचा – ब्लड शुगर बढ़ने पर सबसे पहले आपकी त्वचा पर प्रभाव पड़ता है । आपको अचानक खुजली महसूस होने लगेगी और स्किन की ड्राईनेस बढ़ जाएगी । ब्लड शुगर के बढ़ने से ऐसी स्थिति बन जाती है । यह स्थिति शरीर में बैक्टीरिया पनपने के अनुकूल बन जाती है, जो स्किन इंफेक्शन्स का खतरा पैदा करती है । 2. प्राइवेट पार्टस- प्राइवेट पार्ट्स में इंफेक्शन भी डायबिटीज़ के मरीज़ों में काफी आम है । स्किन पर होने वाले एलर्जिक रिएक्शन्स हर्पिस और वैजिनाइटिस जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं । कुछ महिलाओं ने शिकायत की है कि डायबिटीज़ की शुरुआत में उन्हें प्रो-लॉन्गड् पीरियड्स की भी समस्या झेलनी पड़ी है । इस स्थिति में उनके पीरियड्स जो आमतौर पर 5-7 दिनों तक के होते हैं, वह 4-5 हफ्तों तक चलते रहे । 3. पैर-  डायबिटीज के मरीज़ों को एक लक्षण के तौर पर उनके पैरों में भी बदलाव दिखायी पड़ता है । डायबिटीक फुट नामक इस समस्या में मरीज़ों के पैरों में सूजन, कालापन, बहुत अधिक पसीना, चिपचिपापन जैसे बदलाव आने लगते हैं । 4. इम्यूनिटी- डायबिटीज़ में मरीज़ का इम्यून सिस्टम भी कमज़ोर हो जाता है । नतीज़तन आपके स्किन इंफेक्शन्स और चोट वगैरह ठीक होने में समय लगने लगता है । 5. आंखों की रोशनी- ब्लड शुगर हाई होने पर आपकी आंखों की रोशनी कम होने लगती है । जी हां, हाई ब्लड शुगर में आंखों की रक्त नलिकाएं कमजोर पड़ जाती हैं और रेटिना के आसपास कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है । इसकी वजह से धीरे -धीरे आपकी नज़र धुंधली और कमज़ोर होने लगती है और अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो आप अंधेपन का भी खतरा होता है । मौसम बदलने पर सबसे ज्यादा लोग सर्दी-जुकाम और बुखार से परेशान होते हैं । आयुर्वेद में बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए कई नेचुरल जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जिसका उपयोग कर बुखार को जड़ से ठीक किया जा सकता है... यह तेल वजन भी घटा सकते हैं । जान कर चौंक तो नहीं गए? जी हां, नारियल तेल के इस्तेमाल से आप बढ़ते वजन को भी कम कर सकते हैं । जानना चाहते हैं कैसे, तो जानें इसे इस्तेमाल करने का तरीका… दूसरे तेलों की तुलना में नारियल तेल का स्वाद उतना अच्छा नहीं होता । फिर भी, आप चाहते हैं कि आपका वजन कम हो, तो आपको नारियल तेल का इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए । यदि आप इसे सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो आप वजन कम करने के अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से हासिल कर लेंगे । हम नीचे बता रहे हैं कि किस तरह आप अपने डाइट में नारियल तेल को शामिल करें… कुकिंग ऑयल की तरह करें इस्तेमाल नारियल तेल एक ऐसा तेल है, जो वसा को तेजी से बर्न करने में मदद करता है । इसे अपने आहार में शामिल करने का एक तरीका यह है कि नारियल तेल का उपयोग खाना पकाने के लिए करें । इस दौरान नॉन-हेल्दी कुकिंग ऑयल, जैसे परिष्कृत या बटर के सेवन से बचें । नारियल तेल प्रकृति में थर्मोजेनिक है, जिसका अर्थ है कि यह वसा जलने की प्रक्रिया को तेज करता है । इसमें मौजूद एमसीटी तेल भी वजन घटाने में मदद कर सकता है । कॉफी में मिलाएं नारियल तेल जब वजन घटाने की बात आती है, तो क्या पीना चाहिए और क्या नहीं समझ नहीं आता है । हालांकि, अगर आपको कॉफी पीना पसंद है, तो इसमें नारियल तेल या घी जैसे पौष्टिक वसा को शामिल कर सकते हैं । इससे यह एक हेल्दी ड्रिंक में बदल सकता है । यह भूख को बढ़ाने वाले हार्मोन के उत्पादन को कम कर सकता है । पाचन को धीमा करता है । इससे आपको भूख अधिक नहीं लगेगी, मीठी चीजों के खाने की तलब को भी कम कर देगा । सावधानी से करें नारियल तेल का इस्तेमाल जिस तरह इस तेल में वजन को कम करने के फायदे और गुण मौजूद होते हैं, वहीं इसमें दूसरे फॉर्म के फैट्स भी मौजूद होते हैं । नारियल का तेल मेडियम-चेन ट्राईग्लिसराइड ऑयल का मुख्य स्रोत है, जो वजन कम करने में मदद करता है । चूंकि, इसमें अन्य तरह के भी फैट्स होते हैं, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही डाइट में शामिल करना चाहिए । कैलोरी काउंट पर नजर नहीं रखने से वजन कम होने की बजाय बढ़ सकता है । प्रतिदिन 110-120 कैलोरी नारियल तेल के स्रोतों से प्राप्त करने से वजन कम होगा और सेहत भी अच्छी रहेगी । दालचीनी का इस्तेमाल अधिकतर भारतीय खाने में किया जाता है । यह एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है । इसकी मदद से खून के जमाव को रोकने में मदद मिलती है । इसके अलावा ये हानिकारण बैक्टीरिया पर लगाम कसने में काम आता है । वहीं, अगर आप रोजाना दालचीनी का पानी पीते हैं, तो वजन कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है । दूध की तुलना में दही में अधिक कैल्शियम होता है । इसके अलावा दही में कई तरह के गुड बैक्टीरिया और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में  मदद करता है । दही में कई तरह के विटामिन्स, प्रोटीन, लैक्टोज, फॉस्फोरस, कैल्शियम जैसे अनेक तत्व पाए जाते हैं । अगर आप रोजाना दही का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा । अलसी अलसी कई गुणों से भरपूर होता है । इसे इम्यूनिटी बूस्टर भी कहते हैं । अगर आप नियमित रूप से अलसी का सेवन करते हैं, तो कई बीमारियों से दूर रहेंगे । विशेषज्ञों के अनुसार, अलसी में ओमेगा थ्री, अल्फा लिनोलेनिक और फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । हमारे शरीर में ओमेगा थ्री का निर्माण नहीं होगा, बल्कि यह आहार के जरिए शरीर को प्राप्त होता है । इसलिए शाकहारी लोगों को अलसी का सेवन करना चाहिए, ताकि उनमें ओमेगा थ्री और फैटी एसिड की कमी ना हो । हेल्दी लीवर पाने के लिए कॉफी का सेवन किया जा सकता है । टाइप 2 डायबिटीज़ कंट्रोल करने के लिहाज से कॉफी का सेवन मददगार होता है । कॉफी पीने से लालच या क्रेविंग्स कम होती हैं । इस तरह आप अनहेल्दी इटिंग या ओवर इटिंग नहीं करते । कैफीन का सेवन करने से मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है । इससे बीएमआई और फैट बर्निंग प्रोसेस तेज़ होता है । जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में पब्लिश इस स्टडी में कहा गया है कि, कॉफी ब्राउन एडिपॉज़ टिश्यूज़ पर सीधे प्रभाव डालता है । ये टिश्यूज़ फैट बर्न करते हैं और शरीर का तापमान बढ़ाने का काम करते हैं । कम बीएमआई वाले लोगों के शरीर में इस तरह के फैट की मात्रा अधिक होता है । एक्सपर्ट्स और स्टडीज़ यह बताती हैं कि कॉफी पीने से  ब्राउन टिश्यूज़ एक्टिव होते हैं । जिससे,  ब्लड शुगर लेवल बेहतर तरीके से नियंत्रित हो सकता है और ब्लड लिपिड लेवल भी सही रहता है । लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक दिन में कई कप कॉफी पी जाएं । ज़्यादा मात्रा में कॉफी पीने से आपको एंग्जायटी, नींद में गड़बड़ी और बेचैनी बढ़ सकती है । एक दिन में कितनी कॉफी पीनी चाहिए? पीएलओएस बायोलॉजी में छपी एक स्टडी में कहा गया कि दिनभर में 4-5 कप कॉफी पीना ठीक है । लेकिन, इससे अधिक मात्रा में कॉफी पीने से हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं । वजन कम करने के घरेलू उपाय । यह हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन आदि से खुद को बचाए रखने का सबसे बेहतरीन उपाय है । आम पन्ना में मौजूद पोषक तत्व आम पन्ना एक कूलिंग एजेंट की तरह काम करता है, जो शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है । इसे पीने से शरीर को जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स मिलता है । इसमें विटामिन, मिनरल और पोटैशियम होता है, जो शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते हैं । चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं के कारण हमारी त्वचा झुलस जाती है । ऐसे में हमें अपने चेहरे का विशेष ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि गर्मी में स्किन काफी संवेदनशील होता है । इस सीजन में चेहरे पर रैशेज और टैनिंग होने की संभावना अधिक होती है । इसके अलावा आंखों में संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है, इसलिए गर्मियों में इससे बचने के उपाय अपनाने चाहिए । आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप झुलसती गर्मी में स्किन का ख्याल रख सकते हैं । बाहर जाते समय कैसे रखें चेहरे का ख्याल? गर्मियों में आप जब भी अपने घर से बाहर निकलें, तो चेहरा जरूर ढकें । ऐसे सीजन में आंखों में इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है । इसलिए धूप का चश्मा लगाएं । इससे धूल-मिट्टी से भी बचा जा सकता है । गर्मियों के सीजन में टैनिंग और सन बर्न की समस्‍या काफी ज्यादा होती है । सन बर्न से बचाव के लिए जब भी घर से बाहर निकलें, चेहरे पर सन स्क्रीन का प्रयोग ज़रूर करें । गर्मियों में अपनाएं ये घरेलू टिप्स चेहरे पर लगाएं सेब का फेसपैक अगर आप चाहते हैं कि गर्मियों में आपकी त्वचा चमकदार रहे तो चेहरे पर सेब का पैक लगाएं । पहले सेब को अच्छी तरह से मैश करें । इसमें शहद और हल्दी मिलाएं । इस पैक को लगाने से चेहरे को विटामिंस मिलता है । इस पैक को लगाने से चेहरे की नमी बरकरार रहती है । धूप की जलन को कम करने के लिए चेहरे पर लगाएं बर्फ गर्मियों में धूप की वजह से चेहरे पर काफी जलन होती है । ऐसे में आप चेहरे पर बर्फ के कुछ टुकड़ों से सिकाई करें । इससे आपको काफी सुकून मिलेगा । इसके साथ ही  खोई हुई नमी लौटेगी । बर्फ के साथ आप गुलाब जल भी लगा सकते हैं । इससे चेहरे की चमक बढ़ेगी । चेहरे पर लगाएं खीरे और टमाटर का पेस्ट ऑयली स्किन के लिए खीरे को मैश करके अपने चेहरे पर लगाएं । इस पेस्ट को करीब 15 मिनट तक चेहरे पर लगाकर छोड़ें । इसके बाद चेहरे को ठंडे पानी से अच्छी तरह से धो लें । इस पेस्ट से चेहरे पर मौजूद एक्ट्रा तेल निकल जाते हैं । गर्मियों में सन बर्न की समस्या काफी ज्यादा होती है । ऐसे में आप इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए  टमाटर का पेस्ट लगा सकते हैं । नहाने के पानी में नींबू का रस डालें गर्मियों में नहाने के पानी में नींबू के रस का इस्तेमाल करें । इससे दिनभर ताजगी महसूस होगी । साबुन का इस्तेमाल कम से कम करें । साबुन के स्थान पर आप शहद युक्त शॉवर जेल का इस्तेमाल कर सकते हैं । इसके अलावा मसूर दाल, हल्दी और शहद का उबटन आप अपने शरीर पर लगा सकते हैं । इससे गर्मियों में स्किन पर होने वाले निशान दूर होंगे । चेहरे को टॉवल से पोंछने के बजाए अपने आप सूखने दें । इससे चेहरे पर ठंडक बनी रहेगी । साथ ही गंदगी भी जमा नहीं होगी । मौसम बदलने के कारण शरीर में हो रहा है दर्द, तो काम आएंगे ये 4 घरेलू नुस्खे । सिक्स पैक एब्स पाना चाहते हैं, तो उसके लिए खूब मेहनत भी करनी होगी । इसके अलावा आपको अपने खानपान का भी विशेष ध्यान रखना होगा । कुछ लोगो ऐसे भी होते हैं, जो वर्षों मेहनत करने के बाद भी एब्स बनाने में फेल हो जाते हैं । सिक्स पैक एब्स बनाना चाहते हैं, तो जितनी मेहनत आप जिम जाकर या घर पर एक्सरसाइज करने के दौरान करते हैं, उससे कहीं ज्यादा आपको अपने लाइफस्टाइल और खानपान में भी बदलाव करना होगा । अगर आप अपनी डाइट पर कंट्रोल नहीं करेंगे, तो सिक्स पैक एब्स कभी भी नहीं बना सकते हैं । खाने-पीने से जुड़ी इन बातों और टिप्स को फॉलो करना शुरू कर दें, आप आसानी से सिक्स पैक एब्स प्राप्त कर सकेंगे । प्रोटीन युक्त डायट लें सिक्स पैक एब्स बनाना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा को अधिक शामिल करें । ऐसा करेंगे, तो वजन आसानी से कम होगा । साथ ही पेट की मांसपेशियों को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी । नाश्ते में भरपूर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें । अनहेल्दी फैट से रहें दूर जंक फूड, ट्रांस फैट और मसालेदार चीजों के सेवन से बचें । वजन कम नहीं होगा तो आप कभी भी एब्स नहीं बना सकेंगे, इसके लिए शरीर का लीन होना जरूरी है । खाना-पीना ना छोड़ें और हेल्दी फूड्स का सेवन करें । साबुत अनाज है जरूरी अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट के सेवन से भी बचें । साबुत अनाज में ब्राउन राइस, बार्ले आदि का सेवन अधिक करें । इससे शरीर को अधिक ऊर्जा प्राप्त होगी और शरीर में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम होगी । प्रोसेस्ड फूड को कहें नो प्रोसेस्ड फूड खाने से भी बचना होगा, क्योंकि इस तरह की चीजों में में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ाने में योगदान करते हैं । पानी पिएं खूब पानी तो सभी को हर दिन पर्याप्त पीना चाहिए । पानी पिएंगे, तो सिक्स-पैक एब्स पाने में मदद मिलेगी । इससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी और अतिरिक्त सोडियम शरीर से बाहर निकल जाएगा । खासकर विटामिन सी जैसे तत्व को स्टीमिंग से बरकरार रखने में मदद होती है । डीप फ्राइग, बॉइलिंग और आम तरीकों से पकाने से भोजन के कई पोषक तत्व नष्ट हो जाती है । भाप में पकाए जाने की वजह से इस तरह के भोजन में तेल बहुत कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है । लो-फैट होने के साथ-साथ स्टीम्ड फूड लो-कैलोरी भी होता है । स्टीम्ड फूड पचने में भी आसान होता है । डाइट प्लान की खास बातें साधारण नमक की जगह सेंधा नमक चीनी के स्थान पर शहद का उपयोग रिफाइंड ऑयल की जगह ऑलीव ऑयल या सरसो का तेल रोजाना एक चम्मच देशी घी 4-6 लीटर पानी रोजाना किसी भी प्रकार की फ्रिज आइटम का सेवन नहीं ताजा पका हुआ ही भोजन करना फ्रिज की जगह मटके के पानी का उपयोग तूलिका का वर्कआउट प्लान तूलिका बताती हैं कि शुरूआत में मैं अपने डायट प्लान के साथ 6-7 किमी का वॉक करती थी और सप्ताह में 3 दिन डांस क्लास करती थी । डाइट में स्पेशल बातें तूलिका कहती हैं की एक्सरसाइज के दौरान मुझे दो नींबू के साथ एक लीटर पानी को खत्म करना रहता है । तेजी से वजन कम करने के लिए लो कार्ब डायट प्लान फॉलो करें । इस डायट प्लान को वजन कम करने के लिए सबसे आसान और बेहतर माना गया है । हालांकि, यह असर तभी करेगा जब आप लो कार्ब डायट प्लान के तीन स्टेप्स को सही ढंग से फॉलो करेंगे । लो कार्ब डायट के 3 फायदे 1 भूख को कम करता है । 1 वजन कम करने के लिए कार्ब्स कम लें वजन कम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी डायट से कार्ब्स इनटेक की मात्रा कम करनी होगी । 2 प्रोटीन, फैट और सब्जियों का करें सेवन यदि आपको वजन कम करना है, तो आप आज से ही अपने भोजन में प्रोटीन, फैट और लो कार्ब सब्जियां शामिल करना शुरू कर दें । प्रोटीन युक्त फूड्स बीफ, चिकन, मछली जैसे सैल्मन, अंडा, बींस, लिगम्स, सोया, दालें आदि । लो कार्ब वेजिटेबल्स जितना हो सके लो कार्ब वेजिटेबल्स को अपनी प्लेट में जगह दें । हेल्दी फैट्स अधिकतर लोग सोचते हैं कि फैट के सेवन से वजन घटने की बजाय बढ़ने लगेगा, पर ऐसा हेल्दी फैट्स के साथ नहीं है । 3 प्रत्येक सप्ताह तीन बार वेट लिफ्ट करें वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज , वर्कआउट करना बहुत जरूरी है । क्या आप वजन कम करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं, तो जान लें आप खुद अपने शरीर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । इससे आपका वजन तो कम नहीं होगा, बल्कि आपको कई अन्य साइट एफेक्ट जरूर नजर आने लगेंगे । ऐसे में बेहतर है कि आप मोटापा घटाने के लिए किसी भी तरह की दवाओं पर निर्भर ना रहें । आप आसान से कुछ घरेलू उपायों को नियमित रूप से फॉलो करें, तो वजन एक से तीन महीने के अंदर कम हो जाएगा । तो देर किस बात की, जानें कौन से हैं वो ईजी होम रेमडीज… चीनी से दूरी यदि आप चाहते हैं कि आपका वजन एक से दो महीने में कम होने लगे, तो चीनी और मीठी चीजों से दूरी बना लें । आप चाहें तो इसके बदले स्‍टेविया जड़ी बूटी का उपयोग करें । चीनी की जगह इसका यूज करना सेहत के लिए अच्छा होगा । इसे आप अपने गार्डन में भी उगा सकते हैं । यह एक शून्य कैलोरी स्वीटनर है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है । नींबू-शहद  नींबू के रस में वजन घटाने के आयुर्वेदिक गुण मौजूद होते हैं । नींबू वजन कम करने में काफी मदद करती है । इसे सुबह खाली पेट एक चम्मच नींबू के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ पिएं । ऐसा करने से वजन तेजी से घटता है । खाते वक्त पानी ना पिएं गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में खूब पानी पीना चाहिए । पानी कई रोगों को दूर भगाने का रामबाण इलाज है । कुछ लोगों की बहुत गलत आदत होती है कि जब वो खाना खाते हैं, तो बीच-बीच में पानी भी पीते रहते हैं । इससे भी वजन बढ़ता है । इसका सीधा असर पाचन शक्ति पर होता है, इसलिए पानी हमेशा खाना खाने से एक घंटा पहले या खाना खाने के एक घंटे बाद ही पिएं । प्‍याज और लहसुन भोजन में करें शामिल जो लोग खेतों में काम करते हैं या मजदूर काफी दुबले-पतले होते हैं । उनका पेट बिल्‍कुल भी नहीं निकला होता है । ऐसा प्‍याज, लहसुन और हरी मिर्च के सेवन के कारण होता है । आपने देखा होगा कि उनके खाने में प्याज जरूर होता है । अगर आप भी इन तीनों चीजों का सेवन कच्‍चा या चटनी के रूप में करें, तो मोटापा कम होगा और चर्बी भी गायब हो जाएगी । कम खाएं कुछ लोग ओवर-ईटिंग करते हैं । इससे बचें । कम खाने से वजन कम होगा । हां, बिल्कुल ही खाना ना छोड़ दें । अगर आप दिन में 10 रोटियां खाते हैं तो पहले हफ्ते में 10 प्रतिशत की कमी करें और लगभग 9 रोटियां खाएं । फिर ऐसे ही लगातार अपने भोजन में हर हफ्ते में 10 प्रतिशत तक कटौती करना शुरू करें । वजन कम करने के लिए आप खाएं ओट्स से बनी ये 4 रेसिपी... मोटापा और अधिक वजन से कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है । अगर आपका भी वजन लगातार बढ़ रहा है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए । वजन की वजह से आप अपने दैनिक जीवन की काम भी सही ढ़ंग  से नहीं कर पाते हैं । अगर आपका वजन बहुत ज्यादा हो गया है तो डायट में बदलाव और नियमित एक्सरसाइज के साथ 3 खास ड्रिंक्स का सेवन करते हैं तो आपका वजन नियंत्रित होकर कम होने लगता है । इन 3 ड्रिंक्स को कैसे पीना है इसका भी एक खास तरीका है । अगर आप बेहतर परिणाम चाहते हैं तो आपको इन 3 ड्रिंक्स को बताए गये नियम से पीना होगा । ये तीनों ड्रिंक्स हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं इनका कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होता है । तो आइए जानते हैं 3 खास ड्रिंक्स के बारे में जो वजन कम करने में है मददगार । पुदीना के साथ ग्रीन टी आपको यह तो पता ही होगा कि ग्रीन टी में एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं, जो आपको हमेशा फ्रेश रखते हैं. लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि इसमें मौजूद कैफीन से वजन जल्‍द घटता है । दरअसल, कैफीन शरीर में स्टिम्‍युलेंट की तरह काम करता है, जिससे फैट जलता है और वर्जिश करने की क्षमता बढ़ती है । ग्रीन टीम में कैटचिन भी होता है, जो वजन घटाने का काम करता है । वहीं पुदीना डाइजेशन दुरुस्‍त रखता है. दोनों का मिश्रण जल्‍द वेट घटाएगा । दो चम्‍मच ग्रीन टी पत्‍ती लें 7 पुदीना की पत्‍ती 1 कप गरम पानी बनाने का तरीका पैन में पानी व पुदीना की पत्‍ती डालकर उबालें । इसे 5 मिनट उबलने दें और उसके बाद ग्रीन टी की पत्तियां डालें । फिर 5 मिनट और उबलने दें । फिर उसे प्‍याले में छान लें और सेवन शुरू कर दें । मौसमी व अनार के ड्रिंक अमेरिका में हुए एक शोध में साबित हुआ है कि मौसमी के इस्‍तेमाल से भी वजन घटता है । इसके सेवन से न सिर्फ आप ज्‍यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं बल्कि भूख भी बढ़ती है । वहीं अनार भी सेहत को काफी फायदा पहुंचाता है । इसमें बी-कॉम्‍प्‍लेक्‍स विटामिन होता है । साथ ही फाइबर भी होता है, जिससे पाचन क्रिया दुरुस्‍त होती है । एंटी-बायोटिक दवाओं की जगह यूं बचाएं खुद को पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से मानसून के दिनों में पानी से फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए अक्सर लोग डाॅक्टर की सलाह के बिना एंटी-बायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं । ऐसा करने से आप अन्य बीमारियों के लिए अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, क्योंकि इससे शरीर में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं । ऐसे में पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को पहचान कर उनका उचित इलाज जरूरी है । रोज एक्सरसाइज करने और अच्छी डाइट लेने पर भी नहीं घट रहा है बैली फैट? आज ही सुधार लें ये 4 आदतें वजन घटाना है तो पिएं हेल्दी और टेस्टी कीवी स्मूदी वजन कम करने वाले विटामिन, प्रोटीन व पोषक तत्वों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. वजन घटाने के सारे उपाय नाकाम हैं तो वजन कम करने वाले विटामिन डाइट लें. वजन कम करने वाली एक्सरसाइज, वजन कम करने वाली डाइट, वजन कम करने वाले फल. जी कुछ ऐसे ही सर्च करते हैं लोग. लेकिन जो तत्व वजन कम करने में सहायक होते हैं उनके बारे में लोग बहुत कम सर्च करते हैं. अगर आप भी वजन कम करने या घटाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको वजन कम करने वाले विटामिन और प्रोटीन के बारे में सोचना होगा. जी हां वजन कम करने के लिए विटामिन, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व सबसे ज्यादा जरूरी होते हैं. वजन घटाना वास्तव में आसान काम नहीं है । रोजाना वर्कआउट और सही डायट से वजन को कम किया जा सकता है । वजन कम करते समय सबसे महत्वपूर्ण होता है कि आप अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें । अगर वजन घटाने के समय आप खान-पान पर उचित ध्यान नहीं देते हैं तो आपका या तो वजन कम नहीं होता या फिर आप शारिरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं । वजन घटाने के दोरान कुछ विटामिन इसमें खास रोल निभाते हैं । आज हम बात ऐसे ही कुछ खास विटामिन और मिनरल की करने जा रहे हैं जो वजन घटाने में महत्व रखते हैं । हम इसमें यह भी बताने की कोशिश करेंगे की कैसे और कौन से विटामिन वजन घटाने में सहायक होते हैं । ओमेगा 3 फैटी एसिड वजन घटाता है कई तथ्यों में इस बात का खुलासा हुआ है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड वजन घटाने मेें सहायक हो सकता है । हलांकि वजन घटाने के लिए पूर्णरूप से ओमेगा 3 फैटी एसिड पर निर्भर नहीं रहा जा सकता । ओमेगा 3 फैटी एसिड हेल्थ के लिए लाभदायक होता है । मजबूत हार्ट के लिए यह आवश्यक होता है । ओमेगा 3 खान-पान में शामिल करने के लिए आप मछली को अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं । विटामिन बी 12 वजन कम करने में मददगार वजन घटाने वजन घटाने में सहायक होता है ऐसा दावा तो नहीं किया जा सकता लेकिन यह शरीर के नसों की मजबूती के लिए आवश्यक होता है । नसों और ब्लड कोशिकाओं के क्षमता को बढ़ाने में यह सहायक होता है । जब आप वजन कम करने के लिए वर्कआउट करते हैं तो इसकी शरीर को जरूरत होती है । विटामिन बी12 को आप डायट में शामिल करने के लिए डेयरी उत्पाद, अंडे का उपयोग कर सकते हैं । कैल्शियम डाइट से वजन कम करना आसान एक्सपर्ट की माने तो कैल्शियम कोशिकाओं में फैट को कम करने की प्रक्रिया को बढ़ाता है । कैल्शियम का उपयोग वजन घटाने में सहायक हो सकता  है । शरीर की हेल्दी बोन के लिए कैल्शियम का उपयोग फायदेमंद होता है । वर्कआउट के समय मांसपेशियों की मजबूती के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है । कैल्शियम सामान्यतया डेयरी उत्पाद, पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है । वजन कम करने के लिए विटामिन डी शरीर की मजबूत हड्डियों के लिए सबसे जरूरी विटामिन डी और कैल्शियम ही होता है । जब आप वजन कम कर रहे होते हैं तो आपके शरीर को मजबूत हड्डियों को बनाये रखना सबसे जरूरी होता है । कई शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि विटामिन डी की मदद से पोस्टमेनोपॉजल के बाद महिलाओं के वजन घटाने में सहायक है । विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य की रोशनी को माना जाता है । विटामिन डी के अन्य स्रोत मुख्य रूप से मछली को माना जाता है । उपरोक्त विटामिन का उपयोग करके आप अपने शरीर को वजन घटाने के समय आवश्यक पोषण दे सकते हैं । इसके उपयोग से वजन घटता है ऐसा नहीं कहा जा सकता है । इनके उपयोग से आप वजन घटाने के दौरान कुपोषण के शिकार नहीं होते है । वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी है नियमित व्यायाम और संतुलित डायट के साथ दिन में कैलोरी को खर्च करना । वजन कम करने वाले विटामिन, प्रोटीन व पोषक तत्वों के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. वजन घटाने के सारे उपाय नाकाम हैं तो वजन कम करने वाले विटामिन डाइट लें. । ग्रीन एप्पल एंड एप्पल सिडर वेनेगर बनाने के लिए आपको चाहिए पालक के पत्ते एप्पल साइडर वेनेगर हरे सेब पीसी हुई दालचीनी लौंग बर्फ पानी यूं बनाएं ग्रीन एप्पल एंड एप्पल सिडर वेनेगर पालक को अच्छी तरह से साफ कर लें । सेब को भी धो लें । अब पालक, सेब और बाकी सभी ऊपर बताए गई सामग्रियों को एक बाउल में मिला दें । अब इन्हें ब्लेंडर में डालें । अच्छी तरह से इन्हें ब्लेंड कर दें । इसका सेवन आप तुरंत कर सकते हैं या फिर फ्रिज में एक घंटा ठंडा होने के लिए रख दें । उसके बाद ठंडा इसे पीने का मजा लें । तैयार है वजन कम करने के लिए हेल्दी ड्रिंक । इन्हें पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक । आहार से पोषण मिल रहा है या नहीं ? यह सवाल सभी के मन में आना चाहिए । लोग किसी भी उम्र के हों लेकिन पोषण की जरूरत लोगों को हर उम्र में पड़ती है और जब शरीर को पूर्ण मात्रा में आहार से पोषण नहीं मिल पाता तो उसमें कई तरह के विकार उत्पन्न हो जाते हैं. यह विकार शारीरिक या मानसिक परेशानियों के कारण उत्पन्न होते हैं. हालांकि, पोषक तत्वों से न केवल हमारा शरीर मजबूत होता है बल्कि इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता का भी विकास होता है. इसके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आप सही और पा रहे हैं या नहीं. आहार से पोषण बच्चों को कम मिल रहा है नेशनल सेंटर फार बायोटेक्नॉलॉजी इंफोर्मेशन के आंकड़ों के मुताबिक, का खामियाजा सबसे अधिक बच्चे भुगतते हैं, क्योंकि अपर्याप्त पोषण के कारण विकासशील देशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में से 45 फीसदी की मौत हो जाती है. एक आम आदमी के लिए इस बात का आकलन काफी कठिन होता है कि उसे क्या खाना है और कितना खाना है. ऐसे कई साधन हैं, जिनके माध्यम से कोई भी यह जान सकता है कि उसे कब, क्या और कितना खाना है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, पोषण की कमी के कारण शरीर कमजोर होता है और इस कारण बीमारियों का हमला होता है और ऐसे में दुनियाभर में हर साल करीब 60 लाख बच्चों की मौत हो जाती है. जयपुर के मशहूर क्लिनिकल न्यूट्रीनिस्ट, डाइटिशियन और ‘हील योर बॉडी के संस्थापक रजत त्रेहन का कहना है कि आपको अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दैनिक आधार पर कुछ तय चीजें खानी होंगी. आहार से पोषण और प्रोटीन का महत्व त्रेहन ने कहा, “प्रोटीन हमारे प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत रखते हैं. दुग्ध उत्पादों और अंडों में प्रोटीन होता है. इन्हें अपने भोजन में हर हाल में शामिल करना चाहिए. बीमारी फैलाने वाले कारकों से बचने के लिए विटामिन सी, ई और बेटा-कारोटीन की हमें जरूरत होती है और इसी कारण इन्हें अपने भोजन में शामिल करना जरूरी है. उन्होंने कहा, “एंटीआक्सीडेंट्स एक तरह के माइक्रोन्यूट्रीएंट्स होते हैं और ये हमारे शरीर की रक्षा करते हैं. वे खाद्य पदार्थो को विशेष रूप से ऑक्सीकरण और खराब होने से रोकते हैं. उम्र के साथ शरीर की बदलती हैं जरूरतें त्रेहन कहते हैं कि जब हम जीवन के विभिन्न चरणों में जाते हैं तो हमारे शरीर की पोषण संबंधी आवश्यकताएं बदल जाती हैं. उन्होंने कहा, “हमारे आहार में उम्र और अवस्था की परवाह किए बिना बहुत सारे पोषण-सघन खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए. एनसीबीआई के अनुसार, जिन लोगों का आहार अलग-अलग होता है, उनकी प्रतिरक्षा क्षमता संतुलित आहार लेने वाले लोगों से 5 से 10 प्रतिशत तक कमजोर होती है. इसके अलावा, व्यायाम करना कभी न भूलें. सक्रिय होना चाहिए और सप्ताह में 5 दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए. शरीर को आहार से पोषण मिले उसके लिए क्या खाएं-पीएं त्रेहन के मुताबिक, इनके अलावा कुछ अन्य खाद्य पदार्थ भी हैं, जिनका सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए. उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति को रोजाना 4-5 लीटर पानी पीना चाहिए. ऊर्जा के लिए किलोजूल । वजन घटाने के लिए तरह-तरह की वेट लॉस डाइट टिप्स और हेल्थ टिप्स के बारे में आप पढ़ते रहते हैं. आजकल एक ऐसी ही हेल्थ टिप्स बहुत चर्चा में है । 21 दिन में डाइट को विशेष तरीके से कंट्रोल करके आप वजन कम कर सकते हैं. इस 21 दिन चैलेंज डाइट प्लान अपनाने से पेट की चर्बी और मोटापा 3 सप्ताह में कम हो सकता है. 21 डे वेट लॉस डाइट प्लान में मीट, चिकन को अधिक से अधिक शामिल किया जाता है. चिकन, मीट और मछली प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोत हैं. इसे कंट्रोल डाइट प्लान के नाम से भी जाना जाता है. तेजी से वजन घटाने में 21 दिन में वेट लॉस करने में यह मददगार है. जो लोग जल्दी या तेजी से वजन घटाना चाहते हैं उनके लिए यह 3 सप्ताह का सबसे अच्छा वेट लॉस डाइट प्लान है. जो लोग बढ़ते वजन से बहुत ज्यादा चिंतित हैं उनके लिए भी यह डाइट प्लान लाभदायक है. क्या 21 डे वेटलॉस डाइट प्लान हेल्दी है ? 21 डे वेट लॉस चैलेंज के बारे में अलग-अलग हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय रही है । डाइट एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि डाइट के माध्यम से हेल्थ को ठीक रखा जा सकता है तो वजन भी नियंत्रित किया जा सकता है । डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार यह वजन घटाने का प्लान काम तो करता है लेकिन किसी भी इंसान को एक ही तरह की डाइट पर ज्यादा दिन नहीं रहना चाहिए । कई अध्ययनों में मीट के सेवन से फैट बढ़ने की संभावना को नकारा नहीं गया है । डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार इससे अच्छा तो साबुत आनाज, नट्स, दाल और सब्जियों को आहार में शामिल करके वजन को नियंत्रित किया जा सकता है । मीट और चीकन से मिलने वाले फैट से बचने का सबसे कारगर उपाय यह माना जा सकता है । यह 21 डे वेट लॉस डाइट प्लान क्या है ? इस 21 दिन के वेट लॉस डाइट प्लान में खाने पर कंट्रोल और टाइम का विशेष ध्यान देना पड़ता है. इस वेट लॉस डाइट प्लान का यही मुख्य चैलेंज होता है. वजन घटाने के लिए सबसे अच्छा सुझाव यही माना जाता है कि आप एक सुनियोजित और अच्छा खाना खाते हैं. वजन कम करने वाली इस डाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर को शामिल किया जाता है । इस डाइट में जो फैट या कार्बोहाइड्रेड शामिल किया जाता है वो वजन कम करने में मदद करता है । वजन कम करने के लिए इस वेट लॉस डाइट प्लान में दिन के भोजन को कई टुकड़ों में बांटा जाता है । सप्ताह के हिसाब से डाइट को चार्ट आउट किया जाता है और उसे कड़ाई से पालन करना होता है । इस डाइट चैलेंज में रात के खाने को विशेष तौर पर नजर में रखा जाता है । कई शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि जो लोग रात में ज्यादा हैवी खाना खाते हैं उनका वजन जल्दी बढ़ता है । जो लोग रात में हल्का भोजन या उपवास रखते हैं उनका वजन रात में ज्यादा खाने वालों की तुलना में बेहतर रहता है । भारतीय भोजन पद्धति में आयुर्वेद और वैज्ञानिक सिद्धांतों का ध्यान रखा जाता है । भोजन शरीर का पोषण करता है और यह शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू तरीके से चलाने में मदद करता है अपनाएं जाते हैं । इन सभी तरीकों का वैज्ञानिक, पारम्परिक और सांस्कृतिक महत्व है । शाकाहार, सात्विक भोजन से लेकर भोज, लंगर और उपवास ऐसी ही परम्पराएं हैं जो भोजन में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों के शरीर पर प्रभाव और उनकी अहमियत को दर्शाती हैं । ऐसी ही एक पद्धति है मिताहार । ये सिंड्रोम मूड स्विंग, टेंडर ब्रेस्ट, फूड क्रेविंग, थकान, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसे लक्षणों को बढ़ा सकता है । ब्रोकली के अलावा, गोभी परिवार की सब्जियां जैसे कि ब्रसेल्स स्प्राउट, बॉक चॉय और गोभी भी हार्मोनल संतुलन में आपकी मदद कर सकती हैं । सैल्मन, मैकेरल जैसी फैट फिश न केवल आपके दिल को हेल्दी दिल बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, बल्कि हेल्दी हार्मोन संतुलन भी सुनिश्चित करती हैं । फैटी फिश ओमेगा -3 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो महिलाओं में मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने के लिए जाना जाती हैं । इतना ही नहीं यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से भी निपटने में मदद करता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन बिगड़ सकता है । एवोकेडो अगर आप हाल ही में बहुत अधिक तनाव का सामना कर रहे हैं, तो एवोकेडो के सेवन से आप अपने तनाव हार्मोन को संतुलित करने में मदद पा सकते हैं । इसके अलावा, एवोकाडो हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावनाओं को भी कम कर सकते हैं और तो और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम कर सकता है । अनार एंटीऑक्सिडेंट गुणों से समृद्ध अनार शरीर में एस्ट्रोजन के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है । इसके अलावा, अगर आप नियमित रूप से अनार का सेवन करते हैं तो यह एस्ट्रोजेन से जुड़े स्तन कैंसर के रूपों को भी रोकता है । अलसी का बीज फ्लैक्स सीड्स यानी की अलसी के बीज लिग्नन्स का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो पौधों में पाया जाने वाला फाइटोएस्ट्रोजन का एक प्रकार है । यह न केवल हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है, बल्कि इसमें मौजूद एस्ट्रोजेनिक और एंटी-एस्ट्रोजेनिक घटक महिलाओं को हार्मोन से संबंधित स्तन कैंसर से बचाने में भी मदद कर सकते हैं । इससे, न केवल गुस्सा बल्कि, अन्य भावनाओं को भी संतुलित करने में मदद होती है । ग्राफिक डिज़ायनर अरूप अय्यर कहते हैं कि, उन्हें अपने काम में लोगों की छोटी-मोटी छेड़छाड़ भी पसंद नहीं आती । इसीलिए, वह अक्सर बहुत गुस्सा करते थे । इससे, राहत पाने के लिए अरूप ने योगासनों की मदद ली । इसके लिए, अरूप शक्ति चालिनी मुद्रा और ज्ञान मुद्रा की सलाह देते हैं । ज्ञान मुद्रा से रूट चक्र सक्रिय होता है और दिमाग शांत होता है । तो वहीं, शक्ति चालिनी मुद्रा से सुस्ती, उन्माद और बेचैनी जैसी भावनाओं से बचा जा सकता है । हर कोई चाहता है कि वह फिट और स्लिम-ट्रिम रहे । लेकिन आजकल की बेतरतीब लाइफस्टाइल और खानपान से मोटापा बढ़ने से हर व्यक्ति परेशान है । वजन कम करने के लिए आप भी कई तरह के फिटनेस टिप्स, वेट लॉस टिप्स अपना रहे हैं, फिर भी कोई लाभ नहीं हो रहा है, तो इन फूड्स कॉम्बिनेशन पर ध्यान दें । कुछ ऐसे फूड्स होते हैं, जिन्हें आप दूसरी चीजों के साथ मिलाकर । जानें, उन फूड्स कॉम्बिनेशन के बारे में जो वजन कम करने के लिए आवश्यक होते हैं । अंडा और काली मिर्च अंडा प्रोटीन का मुख्य स्रोत है । जब आप इसे काली मिर्च के साथ खाते हैं, तो इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं । अंडे और काली मिर्च का कॉम्बिनेशन वजन तेजी से कम करता है । काली मिर्च में विटामिन सी और अंडे में प्रोटीन होता है और जब इनका सेवन साथ में करते हैं, तो शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा फैट कम करके वजन कम करने में मदद करते हैं । कॉफी-दालचीनी अब आप सोच रहेंगे होंगे कि कॉफी में भला दालचीनी कैसे डाली जा सकती है । तो हम बताते हैं कि आपको कैसे इन दोनों को साथ में तैयार करना है । सबसे पहले आप कॉफी बना लें, फिर उसमें दालचीनी पाउडर मिलाएं । एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर होती है दालचीनी । यह इंसुलिन को संतुलित करता है । कॉफी में इसे मिलाकर पीने से शरीर में एकत्रित फैट कम होने लगता है । केला के साथ पालक केला एनर्जी प्रदान करता है । इसे पालक के साथ खाने का शायद ही कोई सोचे, लेकिन जब आप इसे पालक के साथ कोई रेसिपी बनाकर खाते हैं, तो वजन कम हो सकता है । इनमें मौजूद पोषक तत्व और गुण जब साथ मिलते हैं, तो शरीर से फैट और कैलोरी कम होने लगती है । आपका वजन घटने लगता है । पालक में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो फैट बर्न करते हैं । तरबूज और सेब तरबूज के साथ भी शायद ही आपने कभी सेब खाया होगा । कभी नहीं खाया तो जरूर खाएं । दोनों को आप सलाद के रूप में खा सकते हैं । तरबूज और सेब में फाइबर काफी होता है । जब दोनों मिलते हैं, तो शरीर में एकत्रित फैट कम होने लगता है । दही और रैस्पबेरी पेट के आसपास चर्बी जमा हो गई है, तो दही और रैस्पबेरी को साथ में मिलाकर खाने से भी लाभ होता है । रैस्पबेरी शरीर के कार्ब्स को जलाने में मदद करता है । दही भी सेहत के लिए काफी हेल्दी होती है । जो लोग वजन घटाते हैं उन्हें लगता है कि खाना छोड़ने से उनका वजन नहीं बढ़ेगा । ऐसे लोग फिर सुबह ब्रेकफास्ट करने के बजाय दूसरे विकल्प तलाशते हैं, जैसे कि जूस, चाय, कॉफी या फ्लेवर्ड मिल्क आदि । आप सोच रहे होंगे कि आपकी सुबह की ड्रिंक वेट लॉस में आपकी मदद करेंगे । जबकि ऐसा नहीं है । वास्तव में, कुछ मॉर्निंग ड्रिंक्स ऐसी होती हैं जो वजन घटाने के बजाय बढ़ाने का काम करती हैं । आज हम आपको कुछ ऐसे पेय पदार्थ बता रहे हैं जिन्हें सुबह के समय अवॉइड करना चाहिए । 3… जल्दी वजन करने के भी होते हैं सेहत को कई नुकसान । वेट लॉस के दौरान कार्ब्स और प्रोटीन की मात्रा बहुत ज़रूरी है । लेकिन जंक फूड खाने या ओवर इटिंग जैसी ग़लतियां हम वेट लॉस के दौरान भी कर जाते हैं । वेट लॉस की कोशिश कर रहे लोगों में ज़्यादातर लोग एक सही डायट फॉलो नहीं करते, इसीलिए वेट लॉस होने के बाद अचानक से उनका वजन बढ़ जाता है । जानें वेट लॉस के लिए हर्बल टी पीने का सही तरीका, नहीं करेंगे ये ग़लतियां तो होगा पूरा फायदा आहार और व्यायाम वजन कम करने का स्वास्थ्यवर्धक जरिया है, लेकिन किसी को यह नहीं पता है कि उनकी रसोईघर में ही कुछ ऐसी चीजें हैं, जो उनका वजन कुछ किलोग्राम तक कम करने में मदद कर सकते हैं । प्रतिष्ठित आयुर्वेदाचार्य और जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने कहा, आहार और व्यायाम वजन कम करने का स्वास्थ्यवर्धक जरिया है, लेकिन किसी को यह नहीं पता है कि उनकी रसोईघर में ही कुछ ऐसी चीजें हैं, जो उनका वजन कुछ किलोग्राम तक कम करने में मदद कर सकता है । काली मिर्च  आयुर्वेद के अनुसार, काली मिर्च वजन कम करने में काफी प्रभावी है । अदरक  आयुर्वेद का यह जादुई तत्व मेटाबॉलिज्म को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है, यह पेट को स्वस्थ रखता है, चर्बी को घटाता है और शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है । नींबू  खाने में इस्तेमाल से या सलाद पर डालकर नींबू के सेवन से वजन काफी जल्द कम होता है । कीटोजेनिक डाइट के क्या दुष्प्रभाव होते हैं, जानें । जल्दी से जल्दी वजन कम करने के लिए आजकल लोग कई तरह के वेट लॉस डायट प्लान फॉलो करते हैं । उन्हीं में से एक ही कीटोजेनिक या कीटो आहार । वजन कम समय में कम करने के लिए कीटो डायट का बड़ा हाथ होता है । कई लोगों पर यह असर कर जाता है, तो कुछ को लाभ होने की बजाय नुकसान भी पहुंचने लगता है । कीटो डाइट वजन कम करने के साथ ही डायबिटीज, अल्जाइमर जैसे रोगों को भी दूर रखता है । जब आप इस डायट प्लान को फॉलो करते हैं, तो आपके लिवर में कीटोन बनाता है, इसे ही शरीर ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है । हालांकि, कीटो डाइट के फायदे हैं, तो इसके नुकसानों को भी जरूर जान लें… कीटो डायट प्लान क्या है? कीटो डायट प्लान में आपको उन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करना होता है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है । इस डायट के सेवन से लिवर में कीटोन बनता है, जिससे शरीर ऊर्जा का निर्माण करता है । कीटो डायट को कीटोजेनिक डायट, लो कार्ब डायट या फिर फैट डायट भी कहते हैं । अधिक कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर ग्लूकोज और इंसुलिन का निर्माण होता है । ऐसे में शरीर ग्लूकोज को प्राथमिक ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है, इसलिए भोजन में मौजूद फैट शरीर संग्रहित कर लेता है । कीटो डायट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके फैट से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है । यह एक तरह की प्रक्रिया है, जिसे ‘कीटोसिस का नाम दिया गया है । कीटो डायट प्लान में 70 % फैट, 25 % प्रोटीन और 5 % कार्बोहाइड्रेट ही शामिल करना चाहिए । कीटो डायट के दुष्प्रभाव शरीर में इंसुलिन लेवल करे कम जो लोग भी कीटो डायट फॉलो करते हैं, उनमें इंसुलिन लेवल कम हो सकता है । इंसुलिन लेवल कम होना आपके लिए ठीक नहीं है । सांस से बदबू आने की समस्या कीटोजेनिक डायट के सेवन से आपके मुंह से दुर्गंध आ सकती है । ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि इस डायट को फॉलो करने के समय शरीर एसीटोन नाम का एक कीटोन उत्पन्न करता है । यही कीटोन मुंह से दुर्गंध आने का कारण बनता है । कब्ज से हो सकते हैं परेशान आप कीटो डायट का लगातार सेवन करते हैं, तो पाचन तंत्र को भी नुकसान हो सकता है । पाचनशक्ति में असुविधा हो सकती है । कब्ज की समस्या हो सकती है । इस डायट प्लान में फाइबर कम होता है । ऐसे में कब्ज से छुटकारा पाने के लिए फाइबर का सेवन जरूरी है । कर सकते हैं थकान महसूस कीटोजेनिक डायट से आपको थकान महसूस हो सकती है । हालांकि, ऐसा अधिक दिनों तक नहीं होता, क्योंकि जब आपको कीटो डायट की आदत पड़ जाएगी, तो आपका शरीर इस कीटो आहार के अनुसार खुद को ढाल लेगा या अनुकूलित कर लेगा, तो आपको थकान महसूस नहीं होगी । यह तो आप जानते ही होंगे कि केले के अंदर बहुत एनर्जी व बहुत अधिक मात्रा मे पोटेशियम उपलब्ध होता है । यदि आप को वर्क आउट करने व स्लिम होने के लिए किसी चीज की जरूरत है तो वह है केला । आप इसे 60 दिन तक प्री वर्क आउट मील में शामिल कर सकते हैं । यह आप को भरपूर एनर्जी देगा और इस के द्वारा आप के अंदर फैट भी ज्यादा नहीं बनेगा । कई लोगों को हर्बल टी का स्वाद पसंद नहीं आता । कुछ लोग हर्बल टी के कसैले या कड़वे स्वाद को पसंद नहीं करते । इसीलिए, वो इसकी लज़्ज़्त बढाने के लिए इसमें शहद या चीनी मिलाते हैं । लेकिन,  शहद मिलाना जहां वेट लॉ स के लिहाज से थोड़ा मददगार साबित हो सकता है वहीं, शक्कर या चीनी मिलाने से आप एक्स्ट्रा कैलोरी कंज्यूम कर लेते हैं । जो, आपके वेट लॉस प्लान को विफल कर सकता है । हर्बल टी स्टॉक करना ऐसे भी कुछ लोग होते हैं जिनके पास समय की कमी होती है । इसीलिए,  वे अपनी हर्बल चाय  ज़्यादा मात्रा में बनाकर रखते हैं । जिसे,  वह अपनी ज़रूरत के हिसाब से गर्म करके पीते हैं । लेकिन, ऐसा करने से चाय में मिलायी जाने वाली नैचुरल चीज़ों के गुण और तत्व नष्ट हो जाते हैं । जिससे, आपको कोई फायदा नहीं मिलता । इसीलिए, हमेशा एक कप ही चाय बनाएं और उसे तुरंत पीएं । इसी तरह  ठंडी हो चुकी हर्बल टी को बार-बार गर्म करते हुए पीना भी इसे ख़राब बना सकता है । बहुत अधिक मात्रा में सेवन भले ही हर्बल टी सेहत के लिए फायदेमंद होती है । इसीलिए,  एक कप से अधिक हर्बल टी पीना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है । पर,  फास्ट रिज़ल्ट्स के लिए हर घंटे हर्बल टी पीने से बचें । क्योंकि, यह सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है । जैसा कि हर चीज को एक सीमित मात्रा में ही खाना या पीना चाहिए । इसीलिए, हर्बल टी पीते समय भी इसकी मात्रा का ख्याल रखें । अपने डायटिशियन से पूछें कि आपके लिए दिन भर में कितने कप हर्बल टी पीना ठीक है । मिताहार में भोजन को साफ-सुथरे और साधारण तरीके से खाने में विश्वास किया जाता है । इस पद्धति के पीछे भोजन के सम्पूर्ण पोषण को प्राप्त करने की कोशिश की जाती है । मिताहार में इसीलिए चुपचाप भोजन किया जाता है और भोजन करने वाले व्यक्ति का पूरा ध्यान अपनी थाली में रखे भोजन पर होता है । ड्राई फ्रूट्स खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है । कोई भी ड्राई फ्रूट्स हो, ये सभी सेहत के लिए काफी हेल्दी माने गए हैं । इन्हें एक हेल्दी स्नैक्स माना गया है । बाहर का ऑयली चाट-टिक्की, आलू चिप्स या फिर मैदे से बने हुए बिस्किट्स खाने से बेहतर है कि आप एक मुट्ठी सूखे मेवे खा लें । ड्राई फ्रूट्स में कई तरह के पोषक तत्व, विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं । इन्हें खाते ही शरीर को भरपूर ऊर्जी प्राप्त होती है । लेकिन, उन लोगों को इन्हें खाने में खास सावधानी बरतनी चाहिए जो अपना वजन कम करने में लगे हुए हैं । दरअसल, ये हेल्दी स्नैक्स कैलोरी से भरपूर होते हैं । यदि आप वजन कम कर रहे हैं, तो इनका सेवन करने से पहले ये जान लें कि किस नट में कितनी कैलोरी होती है । जानें, किस ड्राई फ्रूट में होती है कितनी कैलोरी… किसमें होती है कितनी कैलोरी ? एक खुबानी में लगभग 3.1 कैलोरी होती है । एक पिस्ता में 4.4 कैलोरी । एक किशमिश में लगभग 3.1 कैलोरी होती है । एक अखरोट में 14.4 कैलोरी होती है । एक काजू  में भी लगभग 6 कैलोरी होती है । एक बादाम में लगभग 7  कैलोरी होती है । एक अंजीर में 14 कैलोरी होती है । वजन कर रहे हैं कम तो लो कैलोरी नट्स ही खाएं अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपको नट्स में मौजूद कैलोरी की मात्रा को ध्यान में रखना होगा । हर दिन ड्राई फ्रूट्स खाते हैं, तो कम कैलोरी वाले नट्स ही खाएं । सबसे ज्यादा अखरोट में कैलोरी होती है, तो यदि आप वजन कम करने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो अखरोट बिल्कुल ना खाएं । हालांकि, अखरोट कई बीमारियों जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोगों से बचाता है, इसलिए जिनका वजन अधिक नहीं है, उन्हें अखरोट का सेवन जरूर करना चाहिए । खजूर में भी कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे भी सीमित मात्रा में ही खाएं । यदि आप हर दिन वर्कआउट करते हैं, तो तुरंत एनर्जी पाने के लिए खजूर खाएं । रोजाना की डाइट में अगर आप Apple को शामिल करते हैं तो आप आसानी से वजन कम कर पाते हैं. एप्पल डाइट वेट लॉस कैसे करती है इसके लिए कुछ टिप्स जानना जरूरी है. …20 जब भी बात वजन कम करने की होती है तो एक्सरसाइज का शरीर पर से चर्बी घटाने में एक बहुत बड़ा हाथ होता है । एक सही वर्कआउट रूटीन का चुनाव करना वास्तव में आपके लक्ष्य को पूरा करने में आपकी काफी मदद कर सकता है । अपनी जरूरतों के अनुरूप वजन कम करने वाली एक्सरसाइज का चुनाव लंबे समय तक आपको सही वजन बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है । लेकिन कभी-कभार सब कुछ सही करते हैं हुए भी आपका वजन कम नहीं हो पाता । वजन कम करने के लिए व्यायाम व एक्सरसाइज तो फायदेमंद है ही, लेकिन गर्मी के मौसम में यदि खान पान का ध्यान रखा जाए तो इसे जल्दी और कम समय में कंट्रोल किया जा सकता है । वजन कम करना चाहते हैं तो आपके लिए गर्मी से अच्छा मौसम नहीं हो सकता । गर्मी को वजन कम करना एक तरह से फ्रैंडली मौसम माना गया है क्योंकि सूर्योदय जल्दी होने की वजह से एक तो सुबह जल्दी उठा जाता है और दिन में पड़ने वाली गर्मी के चलते पूरा दिन प्यास खूब लगती है । साथ ही खाने की मात्रा भी ठंडे दिनों की तुलना में कम हो जाती है । ऐसे में केवल थोड़ी सी मेहनत से आप अधिक वजन कम करना शुरू कर सकते हैं । वजन कम करने के लिए आपको अपनी डाइट में कुछ चीजों को जोड़ना चाहिए जो पाचन तो सही रखती हैं ही, साथ में काफी देर तक भूख भी नहीं लगने देती । डायटिशियन आशु गुप्ता जल्दी वजन कम करने के लिए कुछ खास टिप्स बता रही हैं । इस गर्मी में अगर आप भी वजन कम करना चाहते हैं तो इन टिप्स को जरूर ध्यान में रखें । तरबूज और खरबूज गर्मी के मौसम में आमतौर पर लोगों में पानी की कमी हो जाती है । चूंकि खरबूज और और पानी से भरपूर होते हैं तो इनका सेवन व्यक्ति में पानी की कमी को दूर करने मदद करता है । साथ ही इसके सेवन से काफी देर तक भूख पर भी नियंत्रण रहता है और शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी भी नहीं होती । इसलिए वजन कम करने के लिए तरबूज और खरबूज का सेवन अच्छा है । गर्मी में जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो तरबूज और खरबूज को अपनी नियमित डाइट में शामिल करें । टमाटर गर्मी में जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो टमाटर को डाइट में शामिल करना चाहिए । टमाटर भी तरबूज की तरह ही पानी से भरपूर होता है । इसमें प्रचूर मात्रा में पोटाशियम होता है । यह भी आपको वजन कम करने में काफी मददगार साबित हो सकता है सलाद गर्मी में जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो डाइट में सलाज जरूर रखें । सलाद का सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा । गर्मी के मौसम में खीरा, ककड़ी आदि चीजें सलाद में लेने से आपको पोषण मिलेगा और शरीर में पानी की कमी पूरी होगी । सलाद खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहेगा और आपको कम भूख लगेगी । वजन कम करने के लिए सलाद बेहद फायदेमंद है । दही व लस्सी गर्मी में जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो डेयरी पदार्थ का सेवन जरूर करें । गर्मियों में दही और लस्सी का भरपूर सेवन करना चाहिए । इस मौसम में दही का सेवन आपको पोषण देने के साथ साथ शरीर को कूल रखने में मदद करेगा और वजन भी कम करेगा । दही व लस्सी का सेवन अकेले या भोजन के साथ किया जा सकता है । सब्जियां गर्मी में जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो डाइट में सब्जियों को जरूर शामिल करें लेकिन हल्की सब्जी का सेवन करना चाहिए । अगर आप वेट कंट्रोल और बेहतर पाचन चाहते हैं तो घीया, तोरी, कद्दू जैसी सब्जियों का सेवन करें । तोरी को हरी सुंदरी भी कहा जाता है । इसमें पानी भरपूर होता है, इसलिए इसकाे खाने में शामिल करना अच्छा है । घीया को सब्जी के रूप में तो खाया ही जाता है, साथ ही दही व लस्सी में इसको डालकर रायता भी बनाया जाता है । नींबू और मौसमी नींबू और मौसमी साइट्रिक एसिड होने की वजह से खट्‌टे होते हैं । दोनों का सेवन ही वजन कम करने में लाभदायक है । नींबू का सेवन नींबू पानी बनाकर किया जा सकता है । नींबूपानी में अगर चीनी के स्थान पर शहद डाला जाए तो अधिक लाभ करता है । इसी प्रकार मौसमी के जूस का सेवन भी वजन कम करने में फायदेमंद है । गर्मी में वजन कम करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान गर्मी में वजन कम करने के लिए हमें ऐसे पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो पौष्टिक हों और शरीर को फैट देने वाले ना हों । जैसे आम और केले का निरंतर सेवन शरीर में फैट को बढ़ाता है । इसलिए वजन कम करना है तो इनका सेवन करने से बचना होगा । अपनी दिनचर्या को डिसीप्लीन में रखें और भूख से थोड़ा कम मात्रा में ही खाएं । तले हुए भोजन से परहेज करें, सुबह या शाम को कुछ देर सैर करें । यह मौसम ऐसा है, जिसमें थोड़ी सी सतर्कता से ही वजन को कंट्रोल में लाया जा सकता है । वजन कम करने के लिए कीटो डाइट फॉलो कर रहे हैं तो इन 4 बातों का रखें खास ख्याल कीटो डाइट वह डाइट होती है जिसमें कार्ब यानि कि कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है । इसमें बॉडी लिवर के अंदर कीटोन्स प्रड्यूस करती है जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है । कीटो डाइट को कीटोजेनिक डाइट, लो कार्ब डाइट और लो कार्ब हाई फैट के नामों से भी जाना जाता है । इस डाइट को वजन घटाने के लिए बेस्ट माना जाता है । कई बॉलीवुड और हॉलीवुड स्टर भी ऐसे हैं जिन्होंने इस डाइट को फॉलो कर अपना वजन कम किया है । बेहद पॉपुलर और फायदेमंद होने के साथ ही इस डाइट की कुछ शर्ते होती हैंं यदि आप उन्हें फॉलो करते हैं तो आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे । जबकि उनकी अनदेखी आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है । ऐसा इसलिए क्योंकि कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट के इस्तेमाल को लेकर लगाई गई पाबंदियां इसे अन्य डाइट प्लान्स से बेहद अलग बनाती है । तो आइए जानते हैं कीटो डाइट को फॉलो करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए । कीटो डाइट में क्या खा सकते हैं? 1. मांस- मछली, गोमांस, भेड़, चिकन, अंडे, आदि । 2. पत्तेदार साग- पालक, केल, आदि । 3. सब्जियां- ब्रोकली, फूलगोभी, आदि । 4. हाई फैट डेयरी- हार्ड चीज, हाई फैट वाली क्रीम, मक्खन, आदि । 5. मेवे और सीड्स- मैकडामिया, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, आदि । 6. एवोकैडो और जामुन- रसभरी, ब्लैकबेरी और अन्य कम ग्लाइसेमिक वाली बेरिज़ 7. मीठा- स्टेविया, एरिथ्रिटोल, और अन्य कम कार्ब वाली मिठास 8. अन्य फैट- नारियल तेल, हाई फैट वाले सलाद ड्रेसिंग, से​टुरेटिड फैट्स, आदि । कीटो डाइट में क्या नहीं खा सकते हैं? 1. अनाज- गेहूं, मक्का, चावल, अनाज, आदि । 2. चीनी- शहद, एगेव, मेपल सिरप, आदि । 3. फल- सेब, केला, संतरा आदि । 4. कंद- आलू, रतालू, आदि । कीटो डाट लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान 1. इस बात का ध्यान रखें कि कीटो डाइट के दौरान आपको अधिक पानी पीना चाहिए । अगर आपको सादा पानी अच्छा नहीं लग रहा है तो फल, जूस, लस्सी, छाछ और अन्य लिक्विड चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें । इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट भी रहेगी और एक्स्ट्रा कैलोरी भी नहीं मिलेगी । 2. क्योंकि कीटो डाइट में कॉर्बोहाइड्रेट नहीं होता है इसलिए इसे गंभीरता से फॉलो करें । अक्सर कॉर्ब लोगों को आकर्षित करता है लेकिन आपको इसके सेवन से बचना चाहिए । 3. अगर आप अंडा खाते हैं तो इस डाइट के दौरान अंडा खाना फायदेमंद होता है । आप अंडे को उबालकर, भुजिया बनाकर और आमलेट किस भी रूप में खा सकते हैं । आप इसकी लो-कार्ब सैंडविच बनाकर भी खा सकते हैं । 4. कीटो डाइट में मक्का, आलू, मटर और कद्दू के सेवन से बचें । यानि कि ऐसी चीजों के सेवन से बचना है जिसमें स्टार्च की मात्रा हो । कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जिन्हें एक साथ मिलाकर खाने से वजन तेजी से कम होता है । जानें, उन फूड्स कॉम्बिनेशन के बारे में जो वजन कम करने में कर सकते हैं आपकी मदद । अंडा और काली मिर्च अंडा प्रोटीन का मुख्य स्रोत है । कॉफी-दालचीनी अब आप सोच रहेंगे होंगे कि कॉफी में भला दालचीनी कैसे डाली जा सकती है । केला के साथ पालक केला एनर्जी प्रदान करता है । तरबूज और सेब तरबूज के साथ भी शायद ही आपने कभी सेब खाया होगा । दही और रैस्पबेरी पेट के आसपास चर्बी जमा हो गई है, तो दही और रैस्पबेरी को साथ में मिलाकर खाने से भी लाभ होता है । Lack of oxygen supply can make you more prone to lung problems or even heart diseases. Practising regular deep breathing exercises can help strengthen your lungs as well as clear out toxins that may have built up in the organs. कोविड-19 के पीड़ितों की संख्या खतरनाक स्तर से बढ़ रही है । अब तक दुनिया भर में 42 हजार लोगों की मृत्यु इंफेक्शन से हो चुकी है । कोरोना वायरस अब एक महामारी का रूप ले चुका है और यह लगातार फैलता ही जा रहा है । ऐसे में, खुद को कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सभी सुरक्षा कदम उठाना ज़रूरी है । प्रोटीन - बालों के लिए प्रोटीन बहुत जरूर है । ये बालों को टूटने से बचाते हैं । इससे बालों में पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है । ऐसे में अपने आहार में प्रोटीनयुक्त भोजन शोमिल करना चाहिए । बालों को सुंदर, घना और चमकदार बनाने के लिए प्रोटीन मीट, मछली, अंडे, बींस और मेवों के जरिए पा सकते हैं । कंगना रनौत ने कैसे 10 दिनों में 5 किलो वजन कम किया वेट लॉस डाइट प्लान जो 1 महीने में 4 से 5 किलो वजन कम करता है अगर आप अपने पेट की चर्बी यानी की बैली फैट को कम करना चाहते हैं और अपने शरीर को उचित आकार में बदलना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि आपको अपने आहार और दैनिक व्यायाम से जुड़े 2 पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता होती है । इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कैसी होनी चाहिए आपकी डेली डाइट और बिना जिम के कैसे घटाएं वजन । एक वक्त था, जब एक्ट्रेस जरीन खान का वजन 100 किलो हो गया था । लेकिन, कुछ पाने की ख्वाहिश और जिद ने जरीन को पूरी तरह से फैट टू फिट में ट्रांसफॉर्म कर दिया । जरीन वजन कम करने के मामले में युवाओं के लिए प्रेरणा से कम नहीं हैं । बकौल जरीन खान इस वीडियो में देखें-सुने उनकी दिलचस्प वेट लॉस जर्नी और कोरोना काल में फिट रहने के खास टिप्स... जिनका भी वजन अधिक है, वह खुद को स्लिम एंड ट्रिम दिखाने के लिए काफी मेहनत करते हैं । कई तरह के नए-नए फंडे अपनाते हैं । कई बार ये फंडे किसी के शरीर पर असर कर जाते हैं, तो कई बार कुछ लोगों को निराशा हाथ लगती है । डाइटिंग, जिमिंग, वर्कआउट तो आप बेशक करते रहें, लेकिन एक-दो व्यायाम ऐसे हैं, जिन्हें आपको जरूर अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करना चाहिए । जानें, मोटापा कम करने वाले उन दो आसान से व्यायामों के बारे में । उठक-बैठक वजन कम करने के लिए उठक-बैठक सबसे आसान और बेहतरीन व्यायाम है । इससे शारीरिक क्षमता भी बढ़ती है । इसे दंडक भी कहते हैं । इसमें बिना किसी सहारे के खड़े होकर बैठना होता है । इससे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और चर्बी भी कम होती है । जांघों के आस-पास जमी अतिरिक्त चर्बी को आप कम कर सकते हैं । उठक-बैठक पेट के आसपास की चर्बी को कम करने के साथ ही कुछ ही दिनों में ओवरऑल शरीर का वजन कम करता है । शुरुआत में सिर्फ 5 दंडक ही लगाएं । आपको कोई समस्या नहीं हुई तो इनकी संख्या दोगुना कर दें । एक सप्ताह तक ऐसे ही करें फिर तीन गुना इनकी संख्या बढ़ा दें । दंडक के समय बैलेंस पर नियंत्रण रखना बहुज जरूरी है । जोर से हंसना जोर-जोर से हंसने को भी हेल्दी रहने के लिए बहुत ही अच्छा व्या‍याम माना गया है । लगातार जोर-जोर हंसने से भी आप वजन कम कर सकते हैं । हंसना भी एक कला है । व्यायाम करते हुए आपको हंसना है तो आपको खुली हवा में ठहाके लगाने होंगे । इसके लिए आपको सीधे खड़े होकर दोनों पैरों को खोलकर जोर से सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर हवा में ले जाना है । ग्रुप में भी हंस सकते हैं । आपको यह सोचकर नहीं हंसना कि आप व्यायाम कर रहे हैं बल्कि यह सोचें कि आप बुहत खुश हैं, इसलिए हंस रहे हैं । सेहतमंद रहने और वजन कम करने का यह आसान तरीका है । सकारात्मक सोच के साथ आपको जोर-जोर से हंसना चाहिए । हंसने से भी चर्बी कम होती है । पेशाब के रंग से जानें अपनी सेहत का हाल पेशाब का सामान्य रंग हल्के पीले से थोड़ा गहरा पीला हो सकता है, लेकिन इसका किसी अन्य रंग में होना खतरे की घंटी हो सकती है । आप यूरिन के रंग से अपने स्वास्थ्य का हाल जान सकते हैं । जानें, किस रंग का पेशाब आपकी सेहत के बारे में क्या बताता है... तेजी से वजन कम करने के लिए फॉलो करें ये तीन लो कार्ब डायट टिप्स । वजन कम करने के कई तरीके होते हैं । कुछ लोग घंटों वर्कआउट करते हैं, तो कोई वेट लॉस डायट फॉलो करता है । हालांकि, वेट लॉस डायट को फॉलो करना हर किसी के बस की बात नहीं । कई ऐसे डायट प्लान हैं, जो आपको असंतुष्ट या भूखा महसूस कराते हैं । ऐसे में अधिकतर लोग वेट लॉस डायट प्लान को सही ढंग से फॉलो नहीं कर पाते । आप चाहते हैं तेजी से वजन कम करना वह भी बिना भूख महसूस किए, तो लो कार्ब डायट प्लान फॉलो करें । इसे वजन कम करने के लिए सबसे आसान और बेहतर माना गया है । वजन कम करने के लिए आप लो कार्ब डायट प्लान के तीन स्टेप्स को फॉलो करना शुरू कर दें । लो कार्ब डायट के 3 फायदे 1 भूख को कम करता है । 2 तेजी से वजन कम करता है । 3 मेटाबॉलिक हेल्थ को भी सुधारता है । 1 वजन कम करने के लिए कार्ब्स कम लें वजन कम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी डायट से कार्ब्स इनटेक की मात्रा कम करनी होगी । शुगर, स्टार्च, कार्बोहाइड्रेट्स के अधिक सेवन से बचें । जब आप ऐसा करेंगे, तो आपको भूख कम लगेगी, इससे आप दिन भर बहुत कम कैलोरी का सेवन कर पाएंगे । ऊर्जा के लिए कार्ब्स बर्न करने की बजाय आपका शरीर एनर्जी के लिए शरीर में एकत्रित फैट को बर्न करेगा । मोटापे से ग्रस्त स्वस्थ महिलाओं पर हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लो फैट डायट के मुकाबले लो कार्ब डायट वजन घटाने के लिए अधिक प्रभावी है । शोधकर्ताओं का कहना है कि लो कार्ब डायट भूख को कम कर सकता है, जिससे आप बहुत कम कैलोरी का सेवन करते हैं । ऐसे में आपको जल्दी-जल्दी भूख भी नहीं लगती है । डायट में कार्ब को कम करने से इंसुलिन लेवल भी कम होता है, जिससे आपकी किडनी अधिक सोडियम और वाटर शरीर से निकालने का काम करती है । इससे ब्लोटिंग या सूजन और वाटर वेट में कमी आती है । 2 प्रोटीन, फैट और सब्जियों का करें सेवन यदि आपको वजन कम करना है, तो आप आज से ही अपने भोजन में प्रोटीन, फैट और लो कार्ब सब्जियां शामिल करना शुरू कर दें । हर दिन दो या तीन बार ही खाएं । यदि आपको दोपहर में भूख लगती है, तो चौथी बार खा सकते हैं । इस तरीके से खाना खाएंगे, तो आप प्रतिदिन 20-25 ग्राम कार्ब का सेवन कम कर सकेंगे । डायट में अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें । प्रतिदिन प्रोटीन का सेवन अधिक करने से 80-100 कैलोरी कम होता है । प्रोटीन युक्त फूड्स बीफ, चिकन, मछली जैसे सैल्मन, अंडा, बींस, लिगम्स, सोया, दालें आदि । लो कार्ब वेजिटेबल्स जितना हो सके लो कार्ब वेजिटेबल्स को अपनी प्लेट में जगह दें । ये न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं । ब्रोकली, फूलगोभी, साग, टमाटर, केल, पत्तागोभी, खीरा आदि लो कार्ब वेजिटेबल्स हैं । हेल्दी फैट्स अधिकतर लोग सोचते हैं कि फैट के सेवन से वजन घटने की बजाय बढ़ने लगेगा, पर ऐसा हेल्दी फैट्स के साथ नहीं है । हेल्दी लो फैट के लिए आप ऑलिव ऑयल, नारियल तेल, एवोकाडो ऑयल, बटर आदि का सेवन कर सकते हैं । 3 प्रत्येक सप्ताह तीन बार वेट लिफ्ट करें वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज , वर्कआउट करना बहुत जरूरी है । इसके लिए आप वेट लिफ्ट करें । इससे आप अधिक कैलोरी बर्न कर पाएंगे और अपने चयापचय को धीमा होने से भी रोक पाएंगे, जो वजन कम करने का एक कॉमन साइड एफेक्ट होता है । आप सप्ताह में तीन-चार बार जिम जाकर वेट लिफ्टिंग का अभ्यास करें । जिम में नए हैं, तो अपने ट्रेनर से इस बारे में सलाह लें । जिम नहीं जा पाते हैं, तो कार्डियो वर्कआउट्स जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, रनिंग, साइकलिंग, स्विमिंग करने से भी तेजी से वजन कम किया जा सकता है । डाइट प्लान की खास बातें साधारण नमक की जगह सेंधा नमक चीनी के स्थान पर शहद का उपयोग रिफाइंड ऑयल की जगह ऑलीव ऑयल या सरसो का तेल रोजाना एक चम्मच देशी घी 4-6 लीटर पानी रोजाना किसी भी प्रकार की फ्रिज आइटम का सेवन नहीं ताजा पका हुआ ही भोजन करना फ्रिज की जगह मटके के पानी का उपयोग तूलिका का वर्कआउट प्लान तूलिका बताती हैं कि शुरूआत में मैं अपने डायट प्लान के साथ 6-7 किमी का वॉक करती थी और सप्ताह में 3 दिन डांस क्लास करती थी । यह सब मैं अपने खो चुके स्टेमिना को बढ़ाने के लिए कर रही थी । डाइट प्लान को साथ वॉक और डांस करते रहने के साथ सीढ़ियों में उतरना और चढ़ना भी शामिल किया । इतना सब करते हुए मेरा वजन 15 किलो कम हो चुका था और अब इससे ज्यादा कम नहीं हो रहा था । फिर वर्कआउट के लिए मुझे जिम ज्वाइन करना पड़ा । मेरा हमेशा से फोकस वेटलॉस पर था इसीलिए जिम में मेरा वर्कआउट भी उसी के हिसाब से रहता था । मैं क्रॉसफिट, कार्डियो और कुछ फ्लोर एक्सरसाइज करती थी । शुरूआत में मैंने वजन उठाने वाली कोई एक्सरसाइज नहीं की लेकिन जब १० किलो वजन और कम हुआ तो मैं अपना स्टेमिना बढ़ाने के लिए उसे भी शामिल किया । सप्ताह मैं 6 दिन जिम में अलग-अलग तरह के एक्सरसाइज के प्लान को फॉलो करती हूं । दो दिन, पैरों के लिए एक्सरसाइज । जैसे लेग एक्सटेंसन दो दिन, वेट एक्सरसाइज करती हूं । जो हाथ, पैर, कंधों के लिए होता है । एक दिन, किक, मुक्केबाजी और कुछ एडवांस एक्सरसाइज । एक दिन, मैं बेली एरिया को फिट रखने के लिए वर्कआउट करती हूं । डाइट में स्पेशल बातें तूलिका कहती हैं की एक्सरसाइज के दौरान मुझे दो नींबू के साथ एक लीटर पानी को खत्म करना रहता है । कसरत करने से पहले मैं ब्लैक कॉफी लेना पसंद करती हूं जो मुझे एक्सरसाइज के लिए ऊर्जा देता है । एक्सरसाइज के बाद मैं हमेशा ग्रीन टी लेती हूं । तूलिका बताती हैं की मैं अपना वजन सामान्य कर चुकी हूं अब मैं अपना स्टेमिना बनाए रखने तथा अपने आपको फिट रखने के लिए डेली वर्कआउट करती हूंं । अब मैं आपने आपको ताकतवर महसूस करती हूं । क्या प्रेग्नेंसी में नारियल पीना सेहतमंद होता है, जानें नारियल पानी के स्वास्थ्य लाभ । हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर गौरी कुलकर्णी के अनुसार, कोरोना वायरस से बचने के लिए इम्यूनिटी को बढ़ाना बहुत ही ज़रूरी होता है । बातचीत के दौरान उन्हें कहा इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए राइट डायट लेना बहुत ही ज़रूरी होता है । हमारे भोजन में  मिनरल, विटामीन-सी, विटामिन- डी अधिक होना चाहिए । इसके साथ ही जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स को भी भोजन में ज़रूर शामिल करें । इसके अलावा डॉक्टर कुलकर्णी ने कहा कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए डायट के साथ-साथ एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना जरूरी होता है । इसके अलावा उन्होंने समय-समय पर पानी पीने की सलाह दी है । ताकि बॉडी में पानी की कमी ना हो । शरीर में पानी की कमी से कई तरह की समस्या हो सकती है । कुछ ऐसे फूड्स के बारे में भी डॉक्टर गौरी ने बताया है, जिससे आप   कर सकते हैं । इन्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स विटामिन सी और ए के काफी प्रचूर मात्रा  पाई जाती है ब्रोकली में । इसमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं । ये सभी पोषक तत्व हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में हमारी सहायता करता है । रोज़मर्रा की जिंदगी में इस सब्जी को आप शामिल कर सकते हैं । खट्टे फल नींबू, संतरा चकोतरा और अनन्नास जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है । इन फलों से हर तरह के संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है । खट्टे फल ब्लड सेल्स के निर्माण में सहायक होते हैं । इसके सेवन से एंटी बॉडीज कोशिकाओं की सतह पर एक लेयर बनती है, जो बॉडी के अंदर वायरस को जाने से रोकती है । हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर रूप से होता है । हल्दी बॉडी में इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है, इस बात से हर को वाकिफ है । ये हमारे ब्लड को शुद्ध करने में सहायक है । हल्दी के सेवन से शरीर के रूप और रंग में भी निखार आता है । हल्दी में पाए जाने वाले गुण कैंसर और गठिया जैसे बीमारियों से बचाने में कारगर है । इसमें करक्यूमिन तत्व मौजूद होता है, जो ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है । The gentle rhythmic breathing involved in this pose will help you relax. लैपटॉप और डेस्कटॉप पर काम करने वाले लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठकर काम करते हैं । ऐसे लोगों को मसल्स दर्द  की समस्या ज्यादा होती है । इसके कारण हमारे शरीर की हड्डियां और मसल्स भी काफी सख्त हो सकते हैं । इस दर्द को कम करने और इससे छुटकारा पाने के लिए अपने मसल्स टेंशन को रिलीज करना बहुत ही जरूरी हो जाता है । चलिए जानते हैं, कौन-कौन से हैं वो आसान से स्ट्रेचिंग को दूर करते हैं । सिट एंड रोटेट सिट एंड रोटेट में आपके अपने शरीर को घुमाना होता है । यह स्ट्रेचिंग बहुत ही सिंपल होती है । इसे आप रोजाना काम खत्म होने के बाद या फिर सुबह आसानी से कर सकते हैं । इस एक्सरसाइज को करने का तरीका - सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं । अपने दोनों पैरों को सामने फैला लें । फिर आप अपने दाहिने घुटने को मोड़ते हुए अपने बाएं पैर के ऊपर लाएं । इसके बाद अपने दाहिने हाथ को पीठ के पीछे ले जाएं और फिर इसे दाहिने घुटने के पास ले जाने की कोशिश करें । अब अपने बाएं हाथ को अपने दाहिने घुटने के ऊपर से ले जाते हुए पैरों के बीच से बाहर निकालें और अपने दूसरे हाथ को पकड़ें । इसके बाद सिर को दाहिनी ओर पीछे देखने के लिए मोड़ें । कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर नॉर्मल पोजिशन में वापस आ जाएं । इसे आप कम से कम 10 बार जरूर दोहराएं । नी-टू-चेस्ट मूव नी-टू-चेस्ट मूव में आपको अपने घुटने को छाती के पास लाना होगा । यह स्ट्रेचिंग भी बहुत ही आसान होता है । इसे आप कहीं भी कर सकते हैं । इसके करने का तरीका- जमीन पर लेट जाएं । अब अपने पैरों को सीधा फैला लें । फिर अपने एक पैर को मोड़ते हुए अपने घुटने को छाती के पास लाएं । इसके बाद दूसरे पैर को भी इसी तरह अपनी छाती के पास लाएं । अब आप अपने हाथों का इस्तेमाल करके अपने घुटनों को पकड़ें । फिर अपनी छाती को छूने की कोशिश करें । लोअर बैक रोटेशन लोअर बैक रोटेशन में आपको अपने शरीर के निचले हिस्से को मोड़ना होगा । चलिए जानते हैं इसे करने का सही तरीका- इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधा लेट जाएं । इसके बाद आप अपने हाथों को फैला लें । फिर अपने घुटनों को हल्का सा मोड़ें । अब आप अपने घुटनों को मोड़कर अपने हिप्स और पैरों को पहले बाईं ओर ले जाएं और गर्दन को दाईं ओर मोड़ें । शरीर का निचला हिस्सा मोड़ते समय कोशिश करें कि आपका घुटना जमीन को छुए । फिर इसे दूसरी ओर दोहराएं । ध्यान रखें कि आप जिस ओर शरीर को मोड़ रहे हों, आपकी गर्दन उसके अपोजिट डायरेक्शन में रहे । हाल ही में एक रिसर्च हुआ था । खाने की गलत आदतें, गतिहीन जीवन शैली और कई अन्य कारणों से लोगों के शरीर पर अतिरिक्त वजन बढ़ जाता है । एक्सरसाइज आप केवल सही डाइट का पालन करके अपना वजन कम नहीं कर सकते । गर्म पानी पिएं गर्म पानी पीना सबसे आसान चीजों में से एक है जो वजन कम करने के लिए आप कर सकते हैं । मीठा खाना बंद करें अपने आहार से शुगर को कम करना वजन कम करने के सबसे तेज तरीकों में से एक है । भोजन को भाप में पकाने से उनमें मौजूद फाइबर नरम हो जाता है । फलों और सब्ज़ियों का फाइबर नरम होने से उनके लिए इसे पचाना आसान हो जाएगा । फाइबर की मदद से शरीर को सभी पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद होती है । मोटापा कम करने में रोबोटिक सर्जरी एक लोकप्रिय विकल्प । बढ़ते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के साथ गतिहीन जीवनशैली के कारण मोटापा महामारी का रूप लेता जा रहा है । आजकल मध्यम आयु वर्ग के लोगों में मोटापे की समस्या आम हो गई है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, नींद की बीमारी, जोड़ों में दर्द, बांझपन और कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है । ऐसे में समय रहते के लिए  कुछ बातों और नई तकनीकों पर गौर करना चाहिए । वजन बढ़ने के प्रमुख कारण अनुवांशिक, पोषण, जीवनशैली, नींद के पैटर्न और साइकोलॉजी आदि सब वजन बढ़ाने में प्रमुख योगदान देते हैं । वजन मैनेज करना कैलोरी संतुलन से भिन्न लोग अक्सर कहते हैं, ‘अपने मुंह को मंद रखें, खुद पर कंट्रोल रखें, मोटीवेटेड रहें, लेकिन ज्यादातर ऐसी सलाह सभी पर काम नहीं करती हैं । खुद के जीवन को संतुलित करना एक कठिन काम है, जो लगभग सभी के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं है । वजन को मैनेज करना कैलोरी संतुलन से परे है, क्योंकि कई अन्य कारक हैं, जिन्हें समझने और इससे निपटने की आवश्यकता है । वजन कम करने में ये चीजें निभाती हैं मुख्य भूमिका मैक्स हॉस्पिटल और बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि एक अहम भूमिका निभाती है । गलत समय पर सोने की आदत के कारण गलत समय पर खाने की लालसा बढ़ती है, जिससे चयापचय में गड़बड़ी होती है । हर दिन 7 से 9 घंटों की नींद सही समय पर पूरी करना जरूरी है । “ मोटापा लाइलाज नहीं मोटापे का इलाज संभव है, लेकिन इसमें सिर्फ दवा खाने या डाइटिंग करने से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है । यह इन सब चीजों से बिल्कुल अलग है । इसके लिए एक बहु-विषयक मूल्यांकन की आवश्यकता है, जैसे आहार विशेषज्ञ, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक, कार्डियोलॉजिस्ट, परिवार चिकित्सक, बैरिएट्रिक शल्य चिकित्सक । इसमें सर्जिकल मैनेजमेंट यानी बैरियाट्रिक सर्जरी निरंतर वजन घटाने और मोटापे से संबंधित सभी बीमारियों के सुधार के लिए सबसे प्रभावी उपचार विकल्प साबित हुआ है । “ वजन कम करने में उपयोगी बैरियाट्रिक सर्जरी डॉ. वशिष्ठ कहते हैं कि बैरियाट्रिक सर्जरी या वजन कम करने की सर्जरी में विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल होती हैं । इस प्रक्रिया में मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति के पेट का कुछ हिस्सा काट कर बाहर कर दिया जाता है । रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी की सलाह उन मरीजों को दी जाती है, जिनका बॉडी मास इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है । इसकी सलाह उन्हें भी दी जाती है, जिनको मोटापे के कारण अन्य गंभीर बीमारियां होने लगती हैं । इस सर्जरी के अच्छे परिणामों के कारण यह अधिक लोकप्रिय हो रही है । गैस्ट्रिक बाइपास के साथ इस सर्जरी के फायदे अधिक देखने को मिलते हैं । जानें, कैसे टमी टक सर्जरी पेट के आसपास ढीली और अतिरिक्त चर्बी करे कम मोटापा कम करने के लिए हर्बल तरीके नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, ऐसा ज्यादातर देखा गया है । हर्बल तरीकों में ज्यादातर वजन घटाने के लिए डाइट में बदलाव के लिए होते हैं । अगर आप भी हर्बल तरीके से तेजी से वजन कम करना चाहते हैं, तो कुछ ऐसे हर्ब हैं जिनको अपनी डाइट में रोजाना शामिल करना होता है । वेट लॉस के लिए हर्बल चीजों का सेवन करने का तरीका सबसे महत्वपूर्ण होता है । अगर आप सही तरीके से हर्बल चीजों का सेवन नहीं करते हैं वो वजन कम करने में मदद नहीं करते हैं । हम यहां पर कुछ ऐसे ही वजन घटाने वाले हर्बल और नेचुरल उपाय बता रहे हैं… काली मिर्च वैसे तो काली मिर्च के फायदे अनेक हैं, लेकिन जब तेजी से वजन कम करने की बात आती है तो काली मिर्च एक तरह से बूस्टर का काम करती है, क्योंकि काली मिर्च का सेवन शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करती है । शरीर का मेटाबॉलिक रेट जब अच्छा होता है, पाचन तंत्र बेहतर होता है और वेट लॉस तेजी से होता है । वजन घटाने की दवा के तौर पर भी काली मिर्च को जाना जाता है । अदरक अदरक एक आयुर्वेदिक औषधि है, क्योंकि इसका सेवन कई बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है । सर्दी-जुकाम-खांसी से लेकर पाचन तंत्र को बेहतर करने में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है । अदरक में पाए जाने वाले तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते हैं. शरीर में जमा फैट अगर कम करना हो, बेली फैट को तेजी से जलावा हो तो अदरक का इस्तेमाल बहुत लाभदायक होता है । सौंफ तेजी से वजन कम करने में सौंफ के पानी की कोई बराबरी नहीं है । बढ़ते मोटापे को रोकने के लिए सुबह के समय खाली पेट सौंफ के पानी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है । अगर आप पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं, तो सौंफ के पानी का सेवन जरूर करें । पेट की चर्बी कम करने और बेली फैट कम करने में सौंफ का पानी बेहद कारगर माना जाता है । शहद और नींबू बढ़ते मोटापा को कम करने के लिए शहद के सेवन के बारे में सभी जानते हैं. सुबह के समय गुनगुने पानी के साथ नींबू और शहद का सेवन वजन घटाने में बेहद कारगर होता है । अगर आप रोजाना नींबू और शहद का सेवन करते हैं तो तेजी से वजन कम होता है । स्टीमिंग का एक और बड़ा फायदा है फलों के रंग और आकार को बनाए रखना । इससे सब्ज़ियां और फल ज़्यादा क्रंची और स्वादिष्ट नज़र आते हैं । इससे भोजन चिपचिपा नहीं महसूस होगा, और भोजन का स्वाद भी बरकरार रहता है । मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है । यानी ये इतनी पौष्टिक है जितना कि बादाम । जबकि इसके रेट इतने कम होते हैं कि कोई भी इसे आराम से खरीद सकता है । इसलिए लोग मूंगफली को बड़े शौक से खाते हैं । है । इसे आहार विशेषज्ञ हेल्‍दी स्‍नैक्‍स मानते हैं, जिससे सेहत के साथ-साथ वेट मेंटेन रखने में भी मदद मिलती है । ये है मूंगफली की पौष्टिकता प्रोटीन का हेल्‍दी और हाई सोर्स है मूंगफली । प्रोटीन के साथ ही इसमें विटामिन डी, विटामिन ई, मिनरल्‍स, फोलेट, पोटेशियम, नियासिन और थियामिन भी पाया जाता है । जो अन्‍य किसी आहार में इतनी ज्‍यादा मात्रा में उपलब्‍ध नहीं होते हैं । इसमें मौजूद विटामिन डी बोन हेल्‍थ को बनाए रखने में भी काफी मददगार है । जिससे ये बढ़ते बच्‍चों और महिलाओं के लिए बहुत जरूरी मानी जाती है । हेल्‍दी स्‍नैक्‍स है मूंगफली लंच के बाद और डिनर से पहले एक लंबा अंतराल होता है । इस दौरान । पर डीप फ्राईड फूड या जंक फूड खाने से बेहतर है कि आप इस दौरान मूंगफली का सेवन करें । इसमें मौजून मोनोअनसैचुरेटेड फैट आपका वजन नहीं बढ़ने देते । जबकि सेहत भी बनाए रखते हैं । इनडोर जॉब करने वाले लोगों में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो जाती है । जिससे उनमें मानसिक अवसाद बढ़ने का खतरा भी हो जाता है । उससे बचने के लिए मूंगफली का सेवन किया जा सकता है । मूंगफली के साथ करें वेट लॉस इसमें मौजूद फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड फैट कैलोरी बर्न करने में काफी मददगार साबित होते हैं । इससे आपका मेटाबॉलिज्‍म सुधरता है । पाचन तंत्र ठीक होने से आप जो भी आहार ग्रहण करते हैं, वह जल्‍दी ही पच जाता है और वजन नहीं बढ़ने देता । अगर आप वेटलॉस करना चाहते हैं तो फ्राइड मूंगफली की बजाए । ये है बेस्‍ट ऑप्‍शन मूंगफली को अपनी डाइट में शामिल करने का बेस्‍ट ऑप्‍शन है कि आप भुनी हुई मूंगफली का चयन करें । हालांकि मूंगफली का सेवन करने के कई तरीके हो सकते हैं । इसे पोहा, उपमा, नमकीन आदि में भी मिक्‍स किया जा सकता है । पीनट बटर भी एक हेल्‍दी ऑप्‍शन है । कुछ लोग मूंगफली को मसाले के साथ फ्राई करके खाना भी पसंद करते हैं । पर भुनी हुई बिना मसाले की मूंगफली सबसे हेल्‍दी विकल्‍प है । चाय का सेवन लगभग हर भारतीय करता है. लेकिन सही तरीके और सही चाय का सेवन किया जाए तो कई हेल्थ लाभ हो सकते हैं. हम यहां ऐसी ही कुछ चाय के बारे में बता रहे हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं. वजन कम करने वाली डाइट के बारे में आप सब पढ़ते ही रहते हैं. लेकिन अगर कब्ज की परेशानी और पाचन तंत्र भी खराब रहता है तो यह सूप बहुत फायदेमंद होता है. आपके घर वाले 9 दिनों का व्रत करते हैं बस यही सोचकर आप भी व्रत करना शुरु ना कर दें । अगर आप प्रेगनेंट हैं, डायबिटिक हैं या किसी ऐसी नौकरी में हैं जहां आपको अलग-अलग शिफ्ट्स में काम करना पड़ता है , तो व्रत करने से पहले डॉक्टर से बात करें । पता करें कि आपकी बॉडी इस तरह के व्रत के लिए तैयार है या नहीं । साथ ही किन बातों का ध्यान व्रत के समय रखना चाहिए, वह भी पता कीजिए । रेड या लाल रंग जीवन, ऊर्जा और उन्माद का प्रतिक माना जाता है । साथ ही इस प्यार का रंग भी कहा जाता है । लाल रंग को देखकर शरीर में एनर्जी का संचार होता है, एक्टिविटी बढ़ती है और हम फूर्ति महसूस करते हैं । स्ट्रेस और डिप्रेशन कम करने के लिए पीले रंग को प्रभावी माना जाता है । यह उम्मीद का रंग है । साथ ही यह खुशहाली का भी रंग माना जाता है । शांति के प्रतिक सफेद रंग से एंग्जायटी और स्ट्रेस कम होता है । हरी घास पर नंगे पैर चलने की हेल्थ टिप आपको भी कई लोगों ने दी ही होगी । जी हां, ग्रीनरी और हरा रंग हमारी आंखों की सेहत को सुधारते हैं । इस रंग को देखने से भी मन शांत होता है और सम्पन्नता प्राप्त करने वाली खुशी भी मिलती है । ऑरेंज या केसरिया रंग ऊर्जा का प्रतिक है । यह चटक पीले या लाल रंगों की तुलना में अधिक प्रेरणादायक माना जाता है । यह एक एंटी-डिप्रेसेंट रंग है जो खुशी देने के साथ निराशा और स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है । यह भी पढ़ें- ,खीर और आलू-फ्राई की जगह लें हेल्दी डायट । कीटो डाइट वजन कम करने के लिए जरूर करें फॉलो वजन कम करने के लिए कीटो डाइट फायदेमंद है, लेकिन इसे फॉलो कर रहे हैं, तो कुछ खास पदार्थों से दूरी बना लें । इसमें गेंहू, मक्का, चावल व अनाज का सेवन करना वर्जित होता है । साथ ही चीनी, सेब, केले, नांरगी, आलू आदि खाने से भी बचें । इस खास चाय को पिएं और देखें कैसे वजन होता है कम जो लोग वर्कआउट नहीं कर पाते, जीवनशैली ठीक नहीं है या फिर वर्कआउट के बाद भी वजन नहीं घटता, वे लोग शरीर की चर्बी कम करने और वजन घटाने के लिए वेट लॉस टी पी सकते हैं । मौसम बदलते ही कई तरह की शारीरिक समस्याएं नजर आने लगती हैं, इसमें मुख्य समस्या है शरीर में दर्द होना । अक्सर, सर्दी के मौसम रहने लगता है । कई बार चोट लगने से भी शरीर में दर्द होता है, तो कई बार शरीर में दर्द के कई अन्य कारण भी होते हैं । अधिक काम करने, एक्सरसाइज करने, तेज दौड़ने से भी शरीर में दर्द का अनुभव होता है । इसके अलावा, शरीर में दर्द फ्लू, इंफेक्शन आदि होने पर भी हो सकता है । वैसे बदन या शरीर दर्द की समस्या आज कॉमन होती जा रही है । इसके पीछे बेतरतीब जीवनशैली भी जिम्मेदार है । इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं । बार-बार दर्द से पीछा छुड़ाने के लिए पेनकिलर खाने के कुछ साइड एफेक्ट्स भी हो सकते हैं । हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जिसके सेवन से आप शरीर के दर्द से राहत पा सकते हैं । शरीर में दर्द होने के कारण 1 क्रोनिक फटीग सिंड्रोम होने पर भी थकान महसूस होता है । इसमें मांसपेशियों, गले और सोते समय शरीर के कई हिस्सों में दर्द महसूस हो सकता है । 2 हाइपोथाइरॉइड होने पर भी शरीर में दर्द, सूजन और थकान होती है । 3 जब शरीर में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन ना हो, तो आपको हाथ-पैर, अन्य मांसपेशियों में दर्द होने लगता है । 4 सीजनल फ्लू होने पर भी बुखार में शरीर में दर्द होने लगता है । मसल्स में दर्द होने लगता है । 5 इंफ्लेमेटरी डिसऑर्डर पोलिमेल्जिया रुमेटिका रोग होने पर भी गर्दन, कंधों, कूल्हों और जांघों में दर्द होता है । हल्दी हल्दी कई रोगों का इलाज करती है । इसमें सूजन को दूर करने के गुण मौजूदि होते हैं । आयुर्वेद में हल्दी को प्राकृतिक दर्द निवारक दवा बताया गया है । यदि मौसम बदलने के कारण, बुखार में या मांसपेशियों में चोट लगने के कारण दर्द हो रहा है, तो आप हल्दी का सेवन करें । शरीर में दर्द हो या कोई चोट या घाव हो गया हो, आप हल्दी को दूध में मिलाकर पिएं या इसका लेप लगाएं । सेब के सिरके से भी शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा पा सकते हैं । बाल्टी में गर्म पानी डालकर उसमें एक से दो कप सेब का सिरका मिलाएं । पैरों में दर्द है, तो बाल्टी में पैरों को डुबाकर रखें । आप सिरका मिला पानी से स्नान करेंगे,  तो सर्दियों में होने वाले बदन दर्द से छुटकारा मिलेगा । अदरक सूजन को कम करता है । बदन दर्द होने पर आप अदरक वाली चाय पी सकते हैं । अदरक के पेस्ट को भी दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द कम होता है । अदरक आपको कई अन्य रोगों से बचाकर रखता है । इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं । सर्दी-खांसी, गले में खराश होने पर अदरक की चाय या काढ़ा पीना फायदेमंद होता है । वेट लॉस के लिए रोज़ धूप में टहलें । लेकिन, त्योहारों के बाद लोगों को बढ़े हुए वजन को कम करने की कोशिशें करेंगे । जश्न और दावत के बाद लोग एक बार फिर अपनी नॉर्मल लाइफ रूटीन की तरफ लौट रहे हैं । ऐसे में लोग वेट लॉस और डिटॉक्स के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके आज़माते हैं ताकि जल्द से जल्द उनका वजन पहले की तरह हो जाए । लेकिन, कई बार लोग ग़लत तरीकों से वेट लॉस और बॉडी डिटॉक्सीफिकेशन की कोशिश करते हैं जिससे उन्हें फायदे की बजाय नुकसान होता है । मूंग की दाल शरीर को कई रोगों से बचाने के साथ ही वजन को संतुलित रखने में भी मदद करती है । ऐसे में जो लोग अपने वजन को लेकर काफी कान्शियस रहते हैं उन्हें अपनी डाइट में मूंग की दाल को शामिल करना चाहिए । यह दाल वजन को मेनटेन रखने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य रखने के साथ ही एनर्जी लेवल को भी तेजी से बढ़ाने में मदद करती है । कॉर्न फ्लेक्स एक पॉप्युलर ब्रेकफास्ट आइटम है । यह शक्ति देता है और पेट भरता है । लेकिन जो लोग इसे खाना नहीं पसंद करते या जिन्हें दूध के साथ रोज़-रोज़ कॉर्नफ्लेक्स खाकर बोरियत हो गयी है उनके लिए हम लिख रहे हैं एक एक्सपर्ट रेसिपी -जो है कॉर्नफ्लेक्स शेक । शादी के लिए करना है वेट लॉस तो आज से ही खाना शुरू कर दें ये 4 चीजें, कमर हो जाएगी स्लिम वजन बढ़ाना तो आसान है लेकिन कम करना बहुत मुश्किल है । हालांकि यदि कोई किसी रुटीन को गंभीरता से फॉलो करें और अपने खानपान पर ध्यान दे तो वजन कम करना मुश्किल नहीं है । एक्सपर्ट कहते हैं कि लोग इसलिए वजन कम नहीं कर पाते हैं क्योंकि वह अपने रुटीन को या नियम को नियमित रूप से फॉलो नहीं कर पाते हैं । खाने के साथ खाएं सलाद सलाद को डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए । सलाद सीधे तौर पर फाइबर, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और कई पोषक तत्वों का सीधा स्त्रोत होता है । यह आपको दिनभर फिल रखने के साथ ही वेट लॉस में मदद करता है । आप अपने सलाद में खीरा, टमाटर, ब्रोकली, एवाकाडो और प्याज एड कर सकते हैं । ये जहां आपकी भूख को तुरंत शांत करेंगे वहीं आपके पेट और स्किन को भी कई तरह के लाभ देंगे । संतरे और फ्रूट संतरा स्वाद में तो जबरदस्त होता ही है साथ यह फाइबर और विटामिन सी का भी मुख्य स्त्रोत दो मध्यम आकार के संतरे या एक बड़ा संतरे के सेवन करने से मात्र 60 कैलोरी मिलती है । ऐसे में अगर आप डाइट पर हैं और भूख लगे तो संतरे से बेहतर शायद ही कुछ और होगा । वैसे तो संतरा मार्किट में बहु​त ही आराम से मिल जाता है । लेकिन यदि आपको यह नहीं मिलता है तो आप इसकी जगह नींबू का भी सेवन कर सकते हैं । कैसे? नींबू पानी बनाकर! जी हां, नींबू पानी आपकी भूख को भी शांत करेगा और आपको हाइड्रेट भी रखेगा । साथ ही यह बालों और स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है । बादाम का करें सेवन बादाम जल्दी से भूख से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं । आप एक बार में 14 बादाम का सेवन कर सकते हैं और यकीन मानिए आपको 100 कैलोरी से ज्यादा नहीं मिलेगी । साथ ही ये आपको एनर्जी देने के साथ ही पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करता है । बादाम शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य, हृदय स्वास्थ्य और ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने के लिए भी कारगार होता है । भूख लगने पर आप बादाम का सेवन कर परफेक्ट बॉडी के साथ वेट लॉस कर सकते हैं । एंटी एजिंग है ड्रेगन फ्रूट, जानें इसके फायदे नारियल और नारियल का तेल भारतीय परम्परा का हिस्सा हैं । देश के हर हिस्से में नारियल के तेल का इस्तेमाल बालों को काला और घना बनाने के लिए किया जाता है । वहीं देश के एक बड़े हिस्से में नारियल का तेल रसोई में तड़का, ड्रेसिंग और अन्य तरीकों से भोजन तैयार करने के लिए भी मिलाया जात है । पूजा और हिंदू धर्म से जुड़े अनुष्ठानों में नारियल के फल को विशेष महत्व दिया जाता है । नारियल के प्रति अपना सम्मान ज़ाहिर करने के लिए जहां भारत में नारियल पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है । वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोकोनट डे भी मनाया जाता है । नारियल का सेवन करने से शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं । वहीं नारियल का तेल हमारी त्वचा और बालों से जुड़ी लगभग हर समस्या में काम आता है । यहां पढ़ें कुछ ऐसी ही ब्यूटी प्रॉब्लम्स के बारे में जिनमें नारियल के तेल लगाने से आपको फायदा हो सकता है । वजन कम करने के लिए आप घर में मौजूद उन चीज़ों का सेवन कर सकते हैं जो वजन कम करने में कारगर हैं । ऐसा ही एक फूड है लहसुन , जिसे खाने से वेट लॉस आसानी से और तेज़ी से होता है । एक बार वजन बढ़ने लग जाए, तो उसे कम करना आसान नहीं होता है । एक्सरसाइज, डाइटिंग, वर्कआउट के जरिए लोग अपने वजन को कम करने में लग जाते हैं । कुछ लोग तो वजन कम करने वाली दवाइयों को भी सेवन करने लगते हैं, जिसके शरीर पर कई साइड एफेक्ट्स भी हो सकते हैं । कई बार इन उपायों को आजमाने से भी वजन बहुत अधिक कम नहीं होता है, ऐसे में वो निराश हो जाते हैं । आप इन चीजों को तो फॉलो करे हीं, साथ में कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को भी ट्राई करके देखें । ये कुछ ऐसे नुस्खे हैं, जो फैट बर्न करके वजन कम करने में मदद करते हैं । वजन को कम ना किया जाए तो आप कई गंभीर रोगों की चपेट में आ सकते हैं । शरीर में फैट जमा होने से आपको दिल के रोग हो सकते हैं । कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है । डायबिटीज की समस्या हो सकती है । मोटापे से बचना है, तो सबसे पहले अपनी लाइफस्‍टाइल में सुधार करें । साथ ही नीचे बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खों को भी आजमाकर देखें… वजन घटाने के आयुर्वेदिक नुस्खे 1 एक गिलास गर्म पानी लें । उसमें एक चम्मच काली मिर्च पाउडर, दो चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद मिला  दें । हर रोज सुबह के समय इसे पिएं । वजन कम होने लगेगा । सुबह के समय खाली पेट यदि आप गर्म पानी में नींबू का रस और शहद डालकर पीते हैं, तो इससे भी वजन कम होगा । 2 गोभी का सीजन आने ही वाला है । आप इसके पत्तों का सेवन करें । इससे भी वजन कम होता है । चाहें, तो सलाद में मिला लें या फिर इसके पत्तों को उबाल कर सूप पिएं । 3 आप खाना खाने से पहले टोमैटो सूप या फिर कच्चा टमाटर खाएं । 4 भोजन में सभी तरह की ग्रीन लीफी वेजिटेबल्स शामिल करें । इनके सेवन से ना तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जाएगी और ना ही पोषक तत्वों की कमी होगी । 5 नाश्ता हमेशा हल्का करें, लेकिन कुछ ऐसे पोषक तत्वों को शामिल करें, जिनसे आप दिन भर ऊर्जावान रहें । फैट भी ना बढ़े । दिन में खाना भर पेट खाएं, क्योंकि दोपहर के समय पाचन तंत्र अधिक सक्रिय होता है । 6 रात में खाना सोने से 2 घंटे पहले जरूर खा लें । रात में जब आप सोते हैं, तो पाचन तंत्र को भोजन पचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है । रात में आप लो कैलोरी डाइट ही लें । 7 जब भी खाना खाएं आराम से चबाते हुए खाएं । जल्दबाजी में खाना खाने से बचें । ऐसा करेंगे तो वजन कंट्रोल में रहेगा । ठंडा नहीं बल्कि गर्म खाना खाएं । गर्म खाना आसानी से पच जाता है । 8 पानी कम पीते हैं, तो आज से ही पीना शुरू कर दें । इससे शरीर तो हाइड्रेट रहेगा ही, साथ ही खाना भी पचाने में आसानी होती है । हर समय थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें । पानी की कमी होगी, तो भोजन पचाना मुश्किल हो जाएगा । हां, खाते समय पानी पीने से बचें । 9 बासी खाना, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें । आजकल यह ट्रेंड बन गया है कि कुछ घर पर बनाने का मन नहीं किया तो बाहर से जंक फूड ऑर्डर कर दिया । इनसे वजन बढ़ता है, क्योंकि ये ठीक से रात में सोते समय पचते नहीं हैं । इनमें मौजूद फैट शरीर को नुकसान पहुंचाता है । बाजरा  में स्टार्च अधिक होता है । जो,  कि एक हाई-एनर्जी फूड है । जैसा कि स्टार्च के विघटन में अधिक समय लगता है । इसीलिए,  बाजरे का सेवन करने से देर तक आपको एनर्जी मिलती रहेगी । इसके सेवन से बहुत देर तक पेट भरा हुआ होता है । जिससे,  आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगती । हीट स्ट्रोक का रामबाण इलाज मौसम चाहे कोई भी हो, शरीर के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है । गर्मी में पसीने के जरिए शरीर से इलेक्ट्रोलाइट्स बहुत निकल जाता है, खासकर सोडियम । शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने के लिए आप आम पन्ना पिएं । इम्यूनिटी करे मजबूत आम पन्ना में काफी मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं । गर्मी में बीमार नहीं पड़ने के लिए आप इस कूल ड्रिंक को जरूर पिएं । इसमें कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर में मौजूद माइक्रोब्स से लड़ने में मदद करते हैं । आंखों को रखे स्वस्थ विटामिन-ए और एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह आंखों की सेहत का भी ख्याल रखते हैं । इसे पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है । आंखों की रेटिना के डिजेनेरेशन को रोकने के लिए अत्यधिक प्रभावी होता है । आंतें भी रहें हेल्दी आम पन्ना पिएंगे, तो पेट की तकलीफ नहीं होगी । पाचन शक्ति मजबूत होगी । गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल से जुड़ी समस्याएं भी दूर होंगी । आम में एसिड होते हैं, जो पित्त के स्राव को बढ़ाते हैं । यह आंतों के लिए हीलिंग एजेंट की तरह काम करता है । एनीमिया से बचाए अधिक महिलाएं एनीमिया से पीड़ित होती हैं । आम पन्ना को एनीमिया के खिलाफ लड़ने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है । यह रक्त में लाल रक्त कोशिका को बढ़ाता है । तेजी से वजन कम करने कम करने के लिए डाइट प्लान जरूरी होता है. लेकिन डाइट प्लान में कौन सा फूड कब खाना है यह बहुत जरूरी होता है. कमर, जांघ और पैरों के आसपास जमी चर्बी से अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं । रोज ट्रेडमिल पर दौड़ती हैं, फिर भी बात नहीं बनती । कमर और जांघों के आसपास जमी चर्बी और कैलोरी बर्न करने के लिए खास योजना बनानी होगी । महिलाओं को खासकर इन भागों के वजन घटाने की योजना शुरू करने से पहले खास बातों को ध्यान रखना होगा । यदि आप स्थायी रूप से फिट शरीर पाना चाहती हैं, तो लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाएं । इन तीन टिप्स को फॉलो कर आप कमर, जांघ और पैरों के फैट को कम कर सकती हैं… डाइट पर ध्यान दें हेल्दी और फिट शरीर तभी पा सकती हैं, जब डाइट और न्यूट्रिशन पर ध्यान देंगी । डाइट आपके शरीर की संरचना, वजन और स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव डालता है । अधिक फाइबर वाले फल और सब्जियां खाएं । मछली, लीन मीट, नट्स, बीजों से हेल्दी वसा प्राप्त करें । साबुत अनाज पेट और जांघों सहित पूरे शरीर के फैट को कम करने में मदद करेंगे । हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पिएं । इससे टॉक्सिन बाहर निकालता है और पाचन तंत्र सुचारू रूप से चालू रहता है । वर्कआउट करें स्मार्ट तरीके से व्यायाम करें । वजन कम करने, पेट या निचले शरीर को टोन करने के लिए वर्कआउट करें । ऐसे कई वर्कआउट हैं जो पैरों और बट की चर्बी कम करते हैं । प्रति सप्ताह 2-3 कार्डियो इंटरवल-ट्रेनिंग सेशंस करें । यह हार्मोनल प्रतिक्रिया को बढ़ाकर तेजी से फैट कम करता है । ये टोन्ड करने में मदद करता है । पैरों को टोन करने के लिए आप स्क्वैट, डेडलिफ्ट, लंग्स और लेग प्रेस आदि व्यायाम करें । नींद पूरी लें पर्याप्त नींद लेने से शरीर की पुरानी सेल्स ठीक होती हैं । फैट बनाने वाले हार्मोन को बाहर निकालता है । आप जो खाती हैं और जैसा व्यायाम करती हैं, इससे भी शरीर के आकार को प्रभावित कर सकती हैं । रनिंग के बाद क्या खाना चाहिए ? अगर आप दस किलोमीटर से अधिक चलते हैं, तो आपको इसके बाद कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फूड्स खाने चाहिए । आप आलू, केला और जैकफ्रूट खा सकते हैं । फ्रूट्स स्मूदी भी बेहतर विकल्प है । आपकी दूसरी डायट प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होनी चाहिए । आप ट्रेनिंग के बाद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर फूड्स खा सकते हैं । टोस्ट, पनीर, चिकन सैंडविच और अंडा अच्छा विकल्प हैं । आप वर्तमान में एक अलग डाइट ले रहे हैं, तो इसमें वो सब कुछ जोड़ सकतें हैं जो छुट गया है । तेज दौड़ने के लिए नाश्ते में क्या खाना चाहिए ? वैसे तो नाश्ते, दोपहर के खाने और रात के खाने में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ लेना चाहिए. नाश्ते में आपको ज्यादा से ज्यादा हेल्दी खाद्य पदार्थ को शामिल करना चाहिए. तेज दौड़ने के लिए आप नाश्ते में निम्नलिखित खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं. रोटी या मल्टीग्रेन ब्रेड, उपमा, पोहा, जई, और मुस्ली आदि को शामिल कर सकते हैं । प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, चिकन, दही, टोफू, पनीर, अंकुरित चीजें खा सकते हैं । तेल का इस्तेमाल  कम करें । खाने में सलाद ज़रूर शामिल करें । पानी का सेवन किसी भी इंसान को पानी के सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए. पानी की समुचित मात्रा शरीर को ऊर्जा देती है. अगर आप दौड़ने के लिए तैयारी कर रहे हैं तो शरीर को हमेशा हाइड्रेट रखना चाहिए. अपनी बॉडी को हाईड्रेट रखें । यानि जब प्यास लगे, तब ही पानी न पियें बल्कि नियमित अंतराल में पानी पीते रहें । हर एक घंटे बाद एक गिलास पानी पिएं । लम्बी दौड़ से पहले सुनिश्चित कर लें कि यूरिन का रंग साफ़ और कम पीला हो । अगर आप भी तेज दौड़ने के लिए क्या खाना चाहिए के सावल से गुजर रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें । अगर आपकी डाइट ठीक नहीं होती है तो आप तेज दौड़ने के लिए तैयार नहीं होते हैं । कुट्टू का या फिर सिंगाड़े का नवरात्रों में बॉडी को फिट और शेप में रखने के लिए कौन सा आटा खाएं! जानें कौन सा आटा है बेस्ट क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि नवरात्रि हमेशा मौसम में बदलाव के आसपास ही क्यों पड़ते हैं? ऐसा माना जाता है कि साल में इस वक्त के दौरान उपवास रखने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं । नवरात्रि में उपवास के दौरान हमें कुछ खाद्य पदार्थों को बिल्कुल छोड़ने और उन्हें हल्के फूड के साथ बदलना होता है । नवरात्रि में व्रत रखने वाले पुरुष और महिलाएं कुट्टू के आटे और सिंघाड़े के आटे का उपयोग कर उनकी रोटियां और पूरियां तैयार करते हैं । और इन दोनों आटे का प्रयोग इस त्यौहार के दौरान सबसे अधिक किया जाता है । लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों प्रकार के आटे में ऐसे पौष्टिक गुण पाए जाते हैं, जो आपको वजन घटाने में मदद कर सकते हैं । अगर आप इन दोनों के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख में हम आपको कुट्टू के आटे और सिंघाड़े के आटे में कौन ज्यादा हेल्दी है और कौन सा आटा आपको वजन घटाने में मदद कर सकता है इस बारे में बता रहे हैं । तो आइए जानते हैं कौन सा आटा ज्यादा हेल्दी है । कुट्टू का आटा कुट्टू एक प्रकार का फल बीज है, इसीलिए इसे उपवास के दौरान सेवन करने की अनुमति होती है । इस आटे में नट्स जैसा स्वाद होता है और यह सफेद आटे की तुलना में ग्लूटन मुक्त होता है । कुट्टू का आटा शरीर में गर्मी पैदा करता है और इसीलिए इस मौसम में इसे अच्छा माना जाता है । वजन कम करने की कोशिश कर रहे किसी भी व्यक्ति के लिए और तो और हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल से पीड़ित लोगों के लिए भी ये आटा अच्छा होता है । इसके अलावा, यह फास्फोरस, विटामिन, मैग्नीशियम और जिंक से भी समृद्ध होता है । सिंघाड़े का आटा सिंघाड़े एक ऐसा फल है जो पानी के नीचे पैदा होता और बढ़ता है । सिंघाड़ा सर्दियों में खाया जाने वाला एक प्रसिद्ध फल है, लेकिन सिंघाड़े का आटा पूरे वर्ष उपलब्ध रहता है । ये आटा घने पोषक तत्वों से भरपूर है और इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों को बनाने के लिए किया जा सकता है । वजन घटाने के लिए कुट्टू का आटा कुट्टू का आटा वजन घटाने के लिए अद्भुत तरीके से काम करता है क्योंकि इसमें 75 प्रतिशत तक कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और 25 प्रतिशत तक हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन होता है, जो इसे वजन कम करने वाले लोगों के लिए एक आदर्श भोजन विकल्प बनाता है । कुट्टू का आटा खाने से वजन कम होता है और इसमें गेहूं के आटे की तुलना में कम कैलोरी भी होती है । इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल और सैच्यूरेटेट फैट और फाइबर व प्रोटीन से भरपूर होता है । कुट्टू का आटा आयोडीन, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी 1 और बी 6 से भी समृद्ध होता है । इतना ही न हीं यह ग्लूटेन मुक्त होता है, जो इसे हमारे पाचन के लिए भी अच्छा बनाता है । अपनी डाइट में से ग्लूटेन को हटाना कुछ व्यक्तियों के लिए वजन घटाने के रूप में अद्भुत तरीके से काम कर सकता है । वजन घटाने के लिए सिंघाड़े का आटा सिंघाड़े का आटा फाइबर से भरपूर होता है । दरअसल होता यूं है कि फाइबर को पचाने में अधिक समय लगता है और इस तरह आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं । सिंघाड़े का आटा पोटेशियम से भी समृद्ध होता है और इसमें सोडियम की मात्रा भी कम होती है, जो शरीर में वॉटर रिटेंशन में मदद करती है । इतना ही नहीं, सिंघाड़े का आटा कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और अन्य ऊर्जा बढ़ाने वाले पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक और फास्फोरस का एक उत्कृष्ट स्रोत भी है । व्रत के दौरान ऊर्जा का अभाव होना स्वाभाविक है क्योंकि आप जो भोजन खाते हैं वह आपके नियमित भोजन से अलग होता है । अपनी व्रत की डाइट में सिंघाड़े को शामिल करने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ा रहता है । इस आटे में किसी प्रकार का कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और ये विभिन्न खनिजों, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध होता है । यह कॉपर, राइबोफ्लेविन से भरा होता है और आपकी थायराइड की समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है । दोनों के बीच बेहतर कौन कुट्टू और सिंघाड़े का आटा दोनों ही स्वस्थ हैं और हमारे शररी को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं । कुट्टू का आटा शरीर को गर्मी प्रदान करता है, वहीं सिंघाड़े का आटा शरीर को ठंडा रखने वाले गुण होते हैं । दोनों ही आटे पोषक तत्वों से भरपूर हैं और वजन कम करने के लिए बढ़िया हैं । बस सुनिश्चित करें कि आप इनका सीमित मात्रा में उपभोग करें । वजन और पेट की चर्बी कम करने के लिए कई हर्बल टी पीने के बाद भी फायदा नहीं हुआ, तो ट्राई करें त्रिफला चाय । कुछ ही दिनों में आपको अपने वजन में फर्क नजर आने लगेगा । जानें, त्रिफला चाय पीने से सेहत पर होने वाले इन आठ फायदों के बारे में... यदि आप वजन कम करने की तमाम कोशिशें करके हार चुके हैं, तो कुछ दिनों के लिए डायट में कद्दू शामिल करके देखिए । इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर के अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करते हैं । यह रिसर्च आइरिश मेडिकल जनर्ल में प्रकाशित हुआ था । इस रिसर्च के अनुसार, विटामिन डी कोरोना वायरस की गंभीरता को कम कर सकता है । इसके साथ ही इस रिसर्च में युवा वर्ग को एक दिन में 20 से 50 माइक्रोग्राम विटामिन-डी खाने की सलाह दी गई है । इसके अलावा इंग्लैंड पब्लिक हेल्थ ने भी कोरोना वायरस से बचने के लिए गर्मियों और वसंत के सीजन में विटामिन-डी खाने की सलाह दी है । वजन कम करने के लिए आपको कई तरह के टिप्स मिलते ही रहते हैं लेकिन डायट को लेकर आप हमेशा परेशान रहते हैं कि क्या खाएं और क्या न खाएं । इस तरह की परेशानी सही भी होती है लेकिन आप उसे आसानी से पूरा भी नहीं कर पाते हैं । दिन में सबसे महत्वपूर्ण भोजन अगर माना जाय तो सुबह का नाश्ता होता है और अगर अपने नाश्ता सही समय और सही फूड करना शुरू कर दिया तो आपको वजन जरूर कम होने लगता है । नाश्ते को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां भी हैं कोई कहता है कि कम कैलोरी का नाश्ता होना चाहिए तो कोई कहता है ज्यादा कैलोरी का नाश्ता होना चाहिए । आइए हम आपको आज 5 ऐसे आसान डायट बता रहें हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर आपके हेल्थ के लिए बेहतर नाश्ता हो सकते हैं । चीज और एप्पल स्लाइस नाश्ते के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं । वो लोग जो वजन घटाना चाह रहें हैं उन लोगों के लिए ये नाश्ते का एक बेहतरीन विकल्प हैं क्योंकि इस नाश्ते से आपको प्रचुर मात्रा में फाइबर मिलेगा साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा कम होगी । भुना चना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है तथा नाश्ते के रूप में अच्छा विकल्प होता है । भुने चने में प्रोटीन और फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है वहीं इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है । इसकी ये विशेषता इसे नाश्ते का अच्छा विकल्प बनाती है । इसे बनाने की जरूरत नहीं होती और ये रखने में भी आसान होता है । ज्यादा देर तक उबला अंडा और संतरा नाश्ते का एक बेहतरीन और पोषक विकल्प है । इस नाश्ते के सेवन से शरीर को दिनभर के लिए जरुरी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं तथा वजन भी नहीं बढ़ता है । पनीर प्रोटीन का एक बेहद अच्छा स्रोत होता है । पनीर के साथ केले का सेवन अन्य कई तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करता है । नाश्ते का ये कॉम्बिनेशन सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है तथा इसके सेवन से वजन भी नियंत्रित रहता है । सुबह शरीर को दोबारा से रिचार्ज करने के लिए एक कटोरी कम वसा वाली दही और एक कटोरी स्ट्रॉबेरी नाश्ते के लिए एक बेहतरीन विकल्प होता है । स्ट्रॉबेरी और दही के इस कॉम्बिनेशन से प्रोटीन और शरीर के लिए जरुरी आवश्यक तत्वों की पूर्ति होती है इसलिए सुबह के नाश्ते के लिहाज से ये नाश्ता बेहद ही फायदेमंद होता है । अच्छी बात ये है की इसके सेवंन से वाजान बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती । दो सप्ताह में वजन कम करने के लिए आजमाएं ये 5 टिप्स । इसीलिए अलग-अलग रंग देखकर हमारी भावनाएं अलग-अलग तरीके से उत्तेजित होते हैं, और इन भावनाओं के आधार पर हमारा मूड बनता और बिगड़ता है । प्रोटीन की सही मात्रा का करें सेवन वेट लॉस के लिए प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन भी आवश्यक होता है । यह एक ऐसा माइक्रोन्यूटिएंट्स है जो वेट लॉस के लिए मददगार होता है । साथ ही मसल्स ग्रोथ के लिए प्रोटीन आवश्यक है । वेट लॉस के लिए आप अपनी डायट में दूध, अंडे, बीन्स, चिकन और  दालों को शामिल करें । इनसे आपका पेट भरेगा और आपको आवश्यक मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी प्राप्त होगी । 6 मील्स का नियम करें फॉलो दिन में छोटे-छोटे 6 मील्स खाएं और अपना डायट प्लान पहले से बनाएं । इससे, आप हेल्दी फूड्स को अपने मील में शामिल कर सकेंगे और एक बार में बहुत अधिक खाने से भी बच सकते हैं । बढ़ते मोटापे से आज काफी लोग परेशान हैं । बढ़ते वजन से शरीर काफी बेडौल हो जाता है । शरीर की फिनटनेस के लिए हम ना जाने क्या-क्या उपाय करते हैं, पर मोटापा और पेट की बढ़ रही चर्बी से छुटकारा पाने में असमर्थ ही रहते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि घर पर रखी उपयोगी चीजों को खाकर आप घर बैठे ही आराम से शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को कम कर सकते हैं? वजन कम करना चाहते हैं, तो फिर केला खाने के बाद गुनगुना पानी पिएंगे, तो निश्चित ही आप अपने वजन से छुटकारा पा सकते हैं । यूं करें गुनगुने पानी के साथ केले का सेवन – यदि आप पूरे दिन केले का सेवन करें तो, इसका प्रभाव आपके शरीर के वजन पर नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि आप सुबह इसका सेवन करेंगे, तो इससे सेहत पर काफी अच्छा असर पड़ता है । सुबह के समय खाली पेट एक केले को खाने के बाद गुनगुने पानी का सेवन करें । इससे जल्द ही पेट की बढ़ती चर्बी से आपको छुटकारा मिल सकता है । – केले का सेवन सुबह करने से यह आपके शरीर पर काफी अच्छा असर डालता है । इसे आप बहुत आसानी के साथ रोज की दिनचर्या में शामिल कर इसका पालन कर सकते हैं । इसका सेवन रोज सुबह करने से ये आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाता है और आपके पाचन में सुधार करता हैं । केले में ग्लाइसेमिक और स्टार्च की मात्रा पाई जाती है, जो हमारे आहार को पचानें में सहायता करती है । इसका सेवन करने से शरीर में दिन भर ताजगी बनी रहती है । केला ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है । – जो इस आहार का सेवन करना चाहते हैं, उन्हे कुछ नियमों का पालन करना काफी आवश्यक है । केले का सेवन आप हमेशा सुबह 8 बजे से पहले ही करें । इसके बाद खाना खाने के लिए सलाह दी जाती है । रात के खाने के बाद आप मीठे का सेवन ना करके एक ताजा केले का सेवन करें । इसके अलावा नीचे दिए गए नमूने को अमल करें । – यदी आप केले का सेवन करने का बाद गुनगुने पानी पी रहे हैं, तो ये आपके सेहत पर सही असर करेगा पर यदि आप केले के साथ ठंडे पानी के सेवन के बारें में सोच रहे हैं, तो इससे आपकी पाचन क्रिया धीमी गति से काम करेगी । इससे वजन भी कम नहीं होगा । यह आपके पाचन क्रिया को भी धीमा कर देती है । हाइड्रेटेड रहने से भी वेट लॉस में सहायता होती है । पानी पीने से नसों में तनाव भी कम महसूस होता है । साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपका पाचनतंत्र भी सही तरीके से काम करता है । डायजेस्टिव सिस्टम सही रहने से आपको पेट से जुड़ी तकलीफें कम होती हैं । ब्लोटिंग, गैस और नींद ना आने की समस्याएं भी पानी पीने से कम होती हैं । हेल्दी कार्ब्स का भी करें चुनाव वेट लॉस के लिए हेल्दी कार्बोहाइड्रेट्स और हेल्दी फैट्स का भी सेवन करना चाहिए । इसीलिए, जब आप त्योहारों के बाद वेट लॉस की तैयारी करें तो  अपनी डायट में मौसमी फल, ताज़ी सब्ज़ियां, बीन्स, नट्स और हेल्दी सीड्स को शामिल करें । समय पर सोएं और जागें कम सोना सेहत को नुकसान पहुंचाता है और मोटापा बढ़ाता है । इसीलिए, त्योहारों की धूमधाम के बीच अपने स्लीपिंग पैटर्न का भी ख्याल रखें । इसी तरह त्योहारों के बाद भी सोने-जागने का समय फिक्स करें । इससे वेट लॉस की प्रक्रिया तेज़ होगी । हेल्दी ड्रिंक जिसे पिएंगे लगातार 5 दिन, तो वजन होने लगेगा कम आपको इस ड्रिंक का सेवन पांच दिनों के लिए लगातार करना है । बीच में एक दिन भी इसे ना छोड़ें । अगर आप बीच में एक भी दिन इसे नहीं पी पाते हैं तो इस विधि को फिर से शुरू करें । क्या है कीटो डाइट प्लान, डाइट फूड और इसके फायदे दरअसल, इस रिसर्च के मुताबिक धूप में फैट बर्न करने की के गुण होते हैं । इसका पूरा फायदा उठाने के लिए धूप में टहलें । फैट बर्न के लिए सुबह की धूप सबसे अच्छी बतायी जाती बै । इसकी तरह, यह स्टडी यह भी बताती है कि आप जितनी देर धूप में रहेंगे , उतना ही वेट लॉस की संभावना बढ़ जाती है । कुछ समय पहले आयोजित एक स्टडी में पता चला की सूरज की किरणों से मोटापा के लक्षण कम हो जाते है । स्टडी में बताया गया है कि धूप में टहलने से  शरीर से नायट्रिक ऑक्साइड निकलता है । इससे, शरीर का मेटाबॉलिज़्म तेज़ होता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है । इसीलिए, धूप में टहलने से वजन कम करने के साथ हेल्दी हार्ट मिलने का भी फायदा होता है । आज के दिन ऐसे मेनटेन करें सोशल डिस्टेंसिंग, हंसते हंसते मनेगा रक्षाबंधन राखी का त्योहार इस बार 15 अगस्त 2019 को मनाया जायेगा. इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार बेहद खास है, क्योंकि यह स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहा है. भाई-बहन का यह त्योहार भारतीय सेना के लिए भी खास है. क्योंकि इस दिन पूरे भारत से लोग सेना के लिए राखी भेजते हैं. रक्षाबंधन के त्योहार में बहन भाई को राखी बांधने के साथ मिठाई और पकवान भी खिलाती है. इस रक्षाबंधन में अपने भाई के लिए 5 स्वीट जो स्वीट होे के साथ हेल्दी भी हैं. सूर्य नमस्कार सेहत के लिए बहुत ही अधिक फायदेमंद योगाभ्यास माना गया है । इसमें एक शांत जगह पर खड़े होकर सूर्य को नमस्कार करना होता है । यदि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार का अभ्यास करेंगे, तो मन को शांति प्राप्त होगी । आप मानसिक रूप से रिलैक्स महसूस करेंगे । इसका अभ्यास प्रत्येक दिन करने से शरीर में मौजूद विषैले विजातीय तत्वों का नाश होता है । आपका शरीर, मन, बुद्धि सभी रोग से कोसों दूर रहते हैं । सूर्य नमस्कार में होते हैं 12 आसन सूर्य नमस्कार में 12 तरह के आसन होते हैं । इन सभी का शरीर पर अलग-अलग तरीके से लाभ होता है । इम्यून सिस्टम मजबूत होता है । शरीर में ऊर्जा की कमी नहीं होती है । सूर्य नमस्कार के फायदों को पाना है, तो इसे सही ढंग से करने का तरीका भी आपको पता होना जरूरी है । अधिक से अधिक इसका लाभ पाना है, तो इस योग को सही तरीके से अभ्यास करना जरूरी है । साफ और हेल्दी स्किन के लिए घर पर ही करें ये 3 स्टेप वाला फेशियल, स्किन दिखाई देगी जवां दुनियाभर में कोरोना से मची तबाही के कारण लगे लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉक की प्रक्रिया ने लोगों को नए तरीके से सोचने के लिए मजबूर किया है । इस नई जिंदगी में सैलून तक सीमित पहुंच के साथ अपने घर पर ही आराम से फेशियल रूटीन को फॉलो करना क्या आपके लिए अच्छा नहीं होगा? जब हम जीवनशैली में बदलाव की बात करते हैं, तो हम बेसिक स्किन केयर रूटीन की अनदेखी नहीं कर सकते हैं । आपकी स्किन को एक सप्ताह में 3 स्टेप स्किन केयर रूटीन की आवश्यकता होती है, ताकि आपका चेहरा अच्छा दिखे और आापकी स्किन पहले से अच्छी महसूस करे । कोरोना के कारण जीवन में नए बदलावों को स्वीकार करने से आपकी स्किन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है । इन बदलावों से आपकी त्वचा सुस्त और रूखी हो सकती है या सूख सकती है । इन सबके अलावा तनाव, विटामिन डी की कमी, आहार में बदलाव, शारीरिक कसरत की कमी, सही से नींद न लेना और सबसे जरूरी बात, अपनी स्किन की देखभाल की दिनचर्या में बदलाव के कारण ये सभी समस्याएं पैदा हो सकती हैं । इसके अलावा सप्ताह के अंत में ये 3 स्टेप वाला ब्यूटी रूटीन चेहरे की सफाई और स्किन को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है । इसके साथ ही, प्राकृतिक अवयवों जैसे नीम के बने उत्पादों के साथ रोजाना की स्किन केयर रूटीन त्वचा की सेहत सुधारने में मदद कर सकता है । आइए जानते हैं कौन सा है ये 3 स्टेप वाला ब्यूटी रूटीन । 3 स्टेप वाला ब्यूटी रूटीन रखेगा स्किन को साफ और हेल्दी चेहरे की गंदगी को धोएं त्वचा की देखभाल का सबसे बेसिक और जरूरी कदम है अपने चेहरे को सौम्य, साबुन रहित फेस वॉश से धोना । यह न सिर्फ चेहरे की गंदगी को हटाता है बल्कि चेहरे की अशुद्धियों को दूर करता है, जिससे त्वचा को ताजा और साफ महसूस कराने में मदद मिलती है । आप अशुद्धियों को प्रभावी ढंग से हटाने के लिए नीम और हल्दी के साथ एक फेस वॉश का विकल्प चुन सकते हैं । इन अवयवों को उनके एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है जो, चेहरे पर मौजूद दानों को कम करते हैं और त्वचा की अन्य सामान्य स्थिति बरकरार रखने में मदद करते हैं । त्वचा को साफ करने के लिए अपने तरीके का स्क्रब चुनें अपने चेहरे को साफ करने और धोने के अलावा त्वचा की देखभाल की प्रक्रिया में स्क्रबिंग अगला सबसे महत्वपूर्ण कदम है । एक्सफोलिएट करने से ब्लैकहेड्स और डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है, साथ ही बंद छिद्रों को खोलने में भी आसानी होती है । स्क्रब प्रभावी रूप से मृत त्वचा कोशिकाओं और त्वचा की गहराई में छिपी अशुद्धियों को एक्सफोलिएट करता है । गहराई में छिपी अशुद्धियों को दूर करने के लिए फेस पैक एक अच्छे मास्क का उपयोग करने से चेहरे की स्किन की गहराई में छिपी अशुद्धियों को दूर करने और त्वचा को फिर से जीवंत बनाने में मदद मिलती है । इसके अलावा फेस पैक से त्वचा के रोमछिद्रों को साफ करने में मदद मिलती है । आप चाहें तो मुल्तानी मिटटी का होममेड फेस पैक आज़मा सकती हैं । मुल्तानी मिट्टी एक सुपर ऑब्जर्बेंट है, जो अतिरिक्त तेल और गहराई में छिपी अशुद्धियों को हटाता है । The ICS said that the long working hours and continuous exposure to high risk patients is the cause behind the increasing risk of contracting Covid-19. ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है । इस वायरस से अब तक लाखों लोग संंक्रमित हो चुके हैं । वहीं, बहुत ही बड़ी तादाद में इस वायरस से लोगों की जान चली गई है । ऐसे में कई विशेषज्ञ इससे बचने की सलाह दे रहे हैं । हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, वे वायरस की जकड़ में जल्दी आते हैं । अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो आप कई बीमारियों के शिकार जल्दी ही हो सकते हैं । जानें क्या कहती हैं हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. गौरी कुलकर्णी लंचः सफेद मक्खन के साथ मशरूम और पालक का सूप पिएं । डिनरः हरी सब्जियों का सलाद या सब्जियों और पनीर का सलाद रात में खाने में शामिल करें । कीटो डाइट हेल्थ बेनिफिट्स कीटोजेनिक डाइट प्लान को लोग वजन घटाने के लिए सबसे ज्यादा फॉलो करते हैं । इसमें शरीर ऊर्जा के स्रोत के रूप में फैट का इस्तेमाल करता है । इस वजह से वजन घटाना आसान हो जाता है । आप भी चाहते हैं फॉलो करके अपना वजन घटाना, तो किसी डाइटिशियन से सलाह लेकर कीटो मील प्लान फॉलो करना शुरू कर दें । डाइटिशियन आपको जिस तरह से दिशा-निर्देश दे, वैसा ही करें वरना वजन कम नहीं हो पाएगा । कई शोध भी यह बताते हैं कि जो लोग दलिया खाते हैं. उनमें मोटापा का खतरा कम होता है. लेकिन क्या दलिया वजन घटाने में मदद कर सकती है ? वजन घटाने के लिए तरह-तरह की डाइट की सलाह आप पढ़ते रहते हैं. लेकिन कुछ लोगों के सवाल यह रहते हैं कि दलिया वजन घटाने में मदद करती है कि नहीं ? दलिया का नाम पोष्टिक नाश्ते के लिए सबसे ज्यादा लिया जाता है. नाश्ते में दलिया खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं. कई शोध भी यह बताते हैं कि जो लोग दलिया खाते हैं. उनमें मोटापा का खतरा कम होता है. लेकिन क्या दलिया वजन घटाने में मदद कर सकती है ? दलिया और वजन घटाने पर क्या कहते हैं शोध कई शोधों में यह पाया गया है कि नाश्ते में दलिया खाना फायदेमंद है. जो लोग सुबह के नाश्ते में दलिया खाते हैं उनको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है. अमेरिका में हुए एक शोध के अनुसार दलिया खाने से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है. जब भूख नहीं लगती है तो कम कैलोरी का सेवन करते हैं. जिससे वजन घटाने और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है. दलिया वजन कम करने में मदद कैसे करता है दलिया वजन घटाने में मददगार होता है यह तो हम जान गये. लेकिन वजन घटाने में मदद कैसे करता है. इसे जानना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कुछ खास बातें. फाइबर से भरपूर गेहूं की भूसी और गेहूं के बीज की मौजूदगी के कारण दलिया फाइबर का बहुत अच्‍छा स्रोत होता है । फाइबर पाचन स्‍वास्‍थ्‍य और शरीर के कार्य को सही तरीके से करने में मददगार होता है, जिससे आपका शरीर स्‍वस्‍थ रहता है । इसके अलावा, आपके भोजन में मौजूद फाइबर चीनी में परिवर्तित नहीं होता है, जिससे दलिया खाने से आप आसानी से वजन कम कर सकते हैं । एंटी-ऑक्‍सीडेंट युक्‍त अनाज दलिया में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्‍सीडेंट होते है जो शरीर से विषैले तत्‍वों को निकाल शरीर में स्‍फूर्ति लाते है । इसके सेवन से शरीर में अनावश्‍यक तत्‍वों में भी कमी आती है और शरीर के सभी कार्य सुचारू रूप से चलते है । एंटी ऑक्‍सीडेंट के कारण आपका चयापचय अच्‍छा रहता है और वजन कम करने में मदद मिलती है । कम कैलोरी होती है दलिया में दलिया में अन्‍य आहार की अपेक्षा कम कैलोरी होती है जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है । लेकिन इससे मोटापा नहीं बढ़ता है । दलिया, बहुत कम घनत्‍व वाला फूड है जिससे शरीर का वजन घटाने में आसानी होती है । नियमित आधार पर दलिया खाने से आपको बहुत कम मात्रा में कैलोरी मिलती है । लेकिन यह आपकी पोषण संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करता है । धीरे-धीरे अवशोषित होना यह बहुत आम धारणा है, कि तेजी से पचने वाले आहार वजन घटाने में अधिक फायदेमंद होते है, हालांकि यह धारणा गलत है । क्‍योंकि तेजी से पचने वाले आहार से आपको तेजी से भूख लगती है और यह शरीर में शर्करा की अधिक भंडारण का कारण बनते है । दलिया खाने से वजन इसलिए कम होता है क्‍योंकि यह शरीर द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होता है । लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स किसी विशेष भोजन से कितनी चीनी परिवर्तित होती है, यह मापने के लिए प्रयोग किया जाता है । इाई इंडेक्‍स अधिक चीनी को इंगित करता है और लो इंडेक्‍स वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए सबसे अच्‍छे होते हैं । और दलिया ऐसा ही एक आहार है । यह धीरे-धीरे अवशोषित होता है और ब्‍लड शुगर को संतुलन करने में मदद करता है । उच्च प्रोटीन का स्रोत दलिया प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है । आपको वजन घटाने के लिए दलिया खाना चाहिए क्‍योंकि यह प्रोटीन से भरपूर होता है, लेकिन इसमें फैट बिल्‍कुल भी नहीं होता है । इसलिए इस सुरक्षित, प्रोटीन के फैट फ्री स्रोत को अपने आहार में शामिल करना चाहिए । भूख कम करना और वजन घटाना न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित शोध की रिपोर्ट के अनुसार, नाश्ते में दलिया खाने से दिनभर कम भूख लगती है । वजन घटाने के लिए अब आपको अपनी भूख मारकर डाइटिंग करने की जरूरत नहीं होती है । नए शोध की मानें तो नाश्ते में गर्म दलिया का सेवन करने वाले लोगों के लिए वजन घटाना, अन्य लोगों की अपेक्षाकृत अधिक आसान होता है । दलिया से न सिर्फ भूख संतुष्ट होती है, बल्कि दिन भर स्नैक्स लेने की इच्छा भी कम होती है । इन 5 ट्रिक्स से डबल चिन की समस्या को करें हाइड, गाल और गर्दन की चर्बी नहीं आएगी नजर खूबसूरत और निखरी त्वचा हर कोई चाहता है । लेकिन कई छोटे-मोटे कारणों से हमारी खूबसूरती खराब हो जाती है । जिसके कारण चेहरे पर कई सारी समस्याएं होने लगती हैं । इन्हीं समस्याओं में से एक है डबल चिन की समस्या । इस समस्या से अधिकतर पुरुष और महिलाएं परेशान रहती हैं । डबल चिन का मुख्य कारण चेहरे के आसपास जमा चर्बी है । चेहरे पर इस चर्बी के कारण ही गाल के नीचे मांस लटकने लगते हैं, जिसे लोग ‘डबल चिन का नाम दे देते हैं । वजन को कम करके डबल चिन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है । लेकिन कुछ ऐसे भी कारण होते हैं, जिससे मोटापा कम नहीं होता है । इनमें अनुवांशिक कारण शामिल हैं । ऐसे में हम कुछ टिप्स और ट्रिक्स अपनाकर अपने डबल चिन को छुपा सकते हैं । आइए जानते हैं कुछ ऐसे स्मार्ट तरीके, जिससे डबल चिन को सकता है हाइड- सही ड्रेस का करें चयन ड्रेसअप सही तरीके से किया जाए, तो वे आपके शरीर के कई कमियों को छुपा सकता है । इसलिए जब भी ड्रेस पहनें, तो ऐसे कलर का चुनाव करें, जिससे आपके ड्रेस से लोगों की नजर ना हटे । इसके साथ ही थोड़ी ढीली ड्रेस पहनें, जिससे आपका लुक बेहतर नजर आए । आप चाहें, तो कॉलर वाली ड्रेसेज पहनें । इससे चेहरे के फैट को कुछ हद तक छिपाया जा सकता है । हेयरस्टाइल का भी पड़ता है असर हेयरस्टाइल से भी डबल चिन को छुपाया जा सकता है । यदि आपके बाद आपके गर्दन के आस-पास झूलते हैं, तो इससे डबल चिन आसानी से दिखने लगते हैं । ऐसे में आपको अपने डबल चिन से ध्यान हटाने के लिए कई तरीके अपनाने चाहिए, जिससे डबल चिन को हाइड किया जा सके । खुले बालों की जगह आप पोनीटेल कर सकती हैं । इसके साथ ही आप चाहें, तो बॉब कट हेयर स्टाइल से भी डबल चिन को छुपा सकती हैं । लिप्स को बनाएं अट्रैक्टिव डबल चिन से लोगों का ध्यान हटाने के लिए आप अपने लिप्स को अट्रैक्टिव बनाएं । इसके लिए आप सही लिपस्टिक और मेकअप का इस्तेमाल करें । यदि आप बोल्ड कलर की लिपस्टिक लगाएंगी, तो इससे आपको होंठ काफी आकर्षक दिखेंगे । इसके साथ ही डबल चिन भी छिप जाएगी । लिपस्टिक लगाने के बाद लिप्स पर शाइनी लिप ग्लॉस लगाना ना भूलें । मेकअप से आंखों और गालों को करें हाइलाइट आंखों और गालों को हाइलाइट करके आप अपने डबल चिन की समस्या को काफी हद तक छुपा सकते हैं । अगर आपके गर्दन के आसपास भी डबल चिन नजर आते हैं, तो अपने गाल को सटल ब्लशर की मदद से थोड़ा ज्यादा हाइलाइट करें । इसके साथ ही आंखों को हाइलाइट करने से भी गर्दन के हिस्से का मोटापा कम नजर आता है । दरअसल, बोल्ड मेकअप करने से आपके ये हिस्से अधिक हाइलाइट होते हैं, इसलिए लोगों की नजर आपको चिन पर नहीं जाती है । फेस एक्सरसाइज करें इन ट्रिक्स को अपनाने के साथ-साथ आप डबल चिन को कम करने के भी उपाय अपनाएं । ताकि परमानेंट आप इसे खत्म कर करें । इसके लिए रोजाना फेस एक्सरसाइज करें । इन एक्सरसाइजेस से गाल और गर्दन पर जमा चर्बी खत्म हो जाती है । अगर, सुबह सबसे पहले कोई व्यक्ति तीखा या मसालेदार खाना खाता है । तो, इससे गट की हेल्थ पर बुरा असर पडता है । इससे पेट की अंदरूनी लाइनिन में भी असंतुलन हो जाता है । जिससे, एसिडिक रिएक्शन्स और पेट में मरोड़े होने लगती हैं । इसी तरह, मिर्च जैसे मसाले इनडायजेशन भी बढ़ा सकते हैं । जिससे, पूरा दिन लोगों को परेशानी हो सकती है । आपकी कमर मोटी है और उसे पतली करने के लिए उपाय ढूंढ रही हैं । आप कमर की चर्बी को कम करने और उसे पतली बनाने के लिए योगासन का सहारा लें । इससे आपकी कमर पतली नजर आने लगेगी । पेट और कमर के मोटापे को कम करने का आसान तरीका । मोटापा पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है । पेट का मोटापा सबसे ज्यादा लोगों को परेशान करता है । पेट का मोटापा अगर आप कम कर लें तो हाइपरटेंशन , मेटाबोलिक सिंड्रोम, हार्ट डिजीज, मेमोरी लॉस, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं । हम यहां 8 ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जो पेट के मोटापे को कम करते हैं । सेब जब बात पेट का फैट घटाने की आती है तो किसी भी किस्म का सेब उपयोगी होता है । इसमें ढेर सारा फाइबर है इसलिए इन्हें बहुत ज्यादा न भी खाएं तो पेट भरा हुआ महसूस होगा । टमाटर टमाटर में विटामिन और खनिज सामग्री प्रचुर मात्रा में हैं । आपके सामान्य स्वास्थ्य के लिए यह बहुत फायदेमंद है । यही कारण है कि टमाटर कैंसर जैसी बीमारियों को रोकने में मददगार होने के लिए जाना जाता हैं । इसमें मौजूद एसिडिक प्रकृति और लाइकोपिन की मेहरबानी से टमाटर पेट के फैट को कम करने के लिए आदर्श है । इसके अलावा, हम जो फैट खाते हैं उसे ये एनर्जी में बदलने में मददगार हैं । इसलिए यदि आप नियमित रूप से टमाटर खायेंगे तो आपको कम समय में पॉजिटिव नतीजे दिखाई देंगें । पेट व कमर का मोटापा करने वाले ये 7 फूड हेल्दी भी होते हैं । लहसुन लहसुन एक और सेहतमंद फूड है जो आपको पेट का फैट को कम करने में मदद करेगा । यह इसमें मौजूद एलिसिन की ऊँची मात्रा के कारण है । यह केमिकल खराब कोलेस्ट्रॉल को हटाता है । एलिसिन फैट के संचय को भी रोकता है । आपको पॉजिटिव नतीजे देखने के लिए हर सुबह केवल दो लहसुन की कलियां खाने की ज़रूरत है । बादाम बादाम आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करके फैट को जलाने में आपकी मदद करते हैं । यह ड्राई फ्रूट फाइबर और ट्रिप्टोफेन से भरपूर है जो आपको ज्यादा जल्दी ज्यादा भरा हुआ महसूस कराते हैं और आपको ज़रूरत से ज्यादा खाने से बचने में मदद करते हैं । इसके अलावा, बादाम में प्रोटीन की ऊँची मात्रा होती है इसलिए वह लीन मसल मास, भोजन को बेहतर पचाने और स्वस्थ बाउल मूवमेंट में मदद करता है । खीरा यह फल हमारी त्वचा और आंखों के लिए बहुत उपयोगी है । यह वजन घटाने की गति बढ़ाता है । खीरे फाइबर से समृद्ध हैं और आपको जल्दी भरा हुआ महसूस करायेंगे । इसके अलावा, इनमें पानी की ज्यादा मात्रा के कारण कैलोरी कम होती है । एक पूरे खीरे में लगभग 45 कैलोरी होती है । इसलिए पेट के फैट को कम करने के मामले में खीरे आदर्श होते हैं । महिलाओं के पेट की चर्बी कम करने में ये फूड बहुत कारगर हैं । हरी बीन्स इस किस्म की बीन प्रचुर विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन और फाइबर देती है । जब पेट का फैट कम करना है, तो हरी बीन्स आपको एक्स्ट्रा कैलोरी के बगैर पेट भरा हुआ महसूस कराने में मदद करती हैं । लेकिन इसमें प्रोटीन की ऊँची मात्रा के कारण आपका कैलोरी सेवन बढ़ जाता है । शहद बिस्तर पर जाने से पहले एक चम्मच शहद खाने से पेट का फैट घटाने में मदद मिलेगी । हीलिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री में शहद सबसे पुरानी है । शहद मीठी होने के बावजूद आपको याद रखना चाहिए कि यह चीनी जैसी नहीं है । क्योंकि चीनी शहद की तरह कोई न्यूट्रीशन वैल्यू नहीं देती है । सुबह जब सूर्योदय होता है, तो अधिकतर लोगों को आपने देखा होगा सूर्य भगवान के सामने हाथ जोड़कर कुछ शारीरिक क्रियाएं करते हैं । इस क्रिया को सूर्य नमस्कार कहते हैं । यदि आप वास्तव में स्थायी रूप से फिट शरीर को प्राप्त करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अपनी जीवनशैली को सुधारने की जरूरत है । हम यहां आपको तीन टिप्स दे रहे हैं जिसे फॉलो कर आप जांघ, पेट और कमर की चर्बी को कम कर सकते हैं । जांघ, पेट और कमर की चर्बी को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा परेशानी देखी जाती है । अपने वजन घटाने की शुरुआत करने से पहले, आपको इस बात को समझने की आवश्यकता है कि लाइफस्टाइल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है । लाइफस्टाइल में बदलाव और एक्सरसाइज की मदद से आप शरीर में बढ़े फैट को आसानी से कम कर सकते हैं । शरीर में बढ़ी हुयी चर्बी धीरे-धीरे कम होती है । डाइट पर ध्यान दें याद रहे कि एक स्वस्थ और फिट शरीर तब प्राप्त होता है जब आप अपने डाइट और न्यूट्रिशन पर बहुत ध्यान करते हैं । आपका डाइट आपके शरीर की संरचना, वजन और स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है । अधिक फाइबर वाले फल और सब्जियां, मछली और लीन मीट से प्रोटीन, नट्स और बीजों से स्वस्थ वसा खाने पर ध्यान केंद्रित करना, साबुत अनाज आपके पेट और जांघों सहित आपके शरीर के फैट को कम करने में मदद करेंगे । आप हाइड्रेटेड रहने में मदद करने के लिए पर्याप्त पानी पीते हैं, टॉक्सिन को बाहर निकालते हैं, और अपने पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चालू रखते हैं । वर्कआउट करें पहले तो हमें स्मार्ट तरीके से व्यायाम करने की आवश्यकता है – चाहे आप 10 किलो वजन कम करना चाहते हो या अपने पेट या निचले शरीर को टोन करना चाहते हों । ऐसे कई वर्कआउट हैं जो आपके पैरों और बट को कम करने में मदद कर सकते हैं । यह कहा जाता है कि प्रति सप्ताह 2-3 कार्डियो इंटरवेल-ट्रेनिंग सेशंस करना काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह एक हार्मोनल प्रतिक्रिया को बढ़ाता है जो तेजी से फैट को कम करता है, जो आपको टोन्ड करने में मदद करेगा । अपने पैरों को टोन करने के लिए, आप स्क्वाट, डेडलिफ्ट, लंग्स और लेग प्रेस आदि जैसे व्यायामों को कर सकते हैं । नींद पूरी लें पर्याप्त नींद लेने से यह आपके शरीर की पुराने सेल्स को ठीक करने में मदद करता है और फैट बनाने वाले हार्मोन को बाहर निकालता है । यह भी निर्भर करता है कि आप कैसे खाते हैं और आप कैसे व्यायाम करते हैं, जिसका अर्थ है कि यह आपके शरीर के आकार को प्रभावित कर सकता है । पर्याप्त नींद कम से कम 7 घंटे होना चाहिए । हां यह सच है कि ओट्स में बहुत से कार्ब्स होते हैं परन्तु उन की वजह से आप के शरीर द्वारा शुगर का रिलीज होना कम हो जाता है और ओट्स में 10 ग्राम प्रोटीन भी होता है जोकि आप की सेहत के लिए अच्छा होता है । इससे आप को वर्क आउट करने की एनर्जी भी मिलेगी । लोगों का मानना है कि बहुत देर तक भूखे रहने या मील स्किप करने से वेट लॉस में मदद होती है । लेकिन सच यह है कि बहुत देर तक भूखे रहने से हमारी भूख बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है । जिसके चलते हम ज़्यादा खा लेते हैं, और इस तरह ज़्यादा कैलोरी हमारे भोजन के साथ हमारे शरीर में पहुंच जाती है । यह भी पढ़ें- । वेजाइनल ओडर यानी महिलाओं की योनि से दुर्गंध आना । कई महिलाएं वेजाइनल ओडर की समस्या से परेशान रहती हैं । यह कई बार शर्मिंदगी का कारण भी बन जाता है । योनि से दुर्गंध आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे वेजाइनल इंफेक्शन । यदि बार-बार आपको यह समस्या हो तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा । डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है । वेजाइनल ओडर कई प्रकार के हो सकते हैं । जानें, वेजाइनल ओडर से आने वाले दुर्गंध के प्रकार और इस समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय ... ग्रीन टी हैं जो, वेट लॉस के लिए पी जाती हैं । नैचुरल इंग्रीडिएंट्स से बनी इस प्रकार की चाय ना केवल वजन कम  करती है । बल्कि, साथ ही पेट की समस्याओं को भी कम करती है । साथ ही, मेटाबॉलिज़्म और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सही रखते हुए यह वेट मैनेजमेंट और दिल की सेहत बेहतर रखने में भी सहायक मानी जाती है । लेकिन, हर्बल टी के ये सारे फायदे आपको तभी मिलेंगे, जब आप इसका सेवन सही तरीके से करेंगें । दरअसल,  बहुत से लोग नियमित हर्बल टी का सेवन तो करते हैं । लेकिन,  उनको उसके सेवन का सही तरीका नहीं पता होता । जिससे,  उन्हें इसके फायदे नहीं मिल पाते और वजन में कोई बदलाव नज़र नहीं आता । इसीलिए,  हर्बल टी पीते समय यह ग़लतियां करने से बचें । सूर्य स्नान क्या है ? जानें इसे करने के नियम और सेहत लाभ सूर्य स्नान करते समय व्यक्ति का सिर छांव में हो । आप चाहें तो इसे ढक भी सकते हैं । ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि सूर्य स्नान करते समय सूर्य की किरणें सीधे सिर पर नहीं पड़नी चाहिए । प्लैंक एक्सरसाइज करने से आपके पेट की मसल्स को मजबूती मिलती है । इस एक्सरसाइज को अगर आप रोजाना 45 सेकेंड कर लेती हैं तो कुछ ही हफ्तों में आपको इसका असर नजर आने लगेगा । अच्छी बात ये है कि इस एक्सरसाइज को आप कहीं भी आसानी से कर सकती हैं । इसमें आपको कुछ देर के लिए पैरों के पंजों और कोहनी पर शरीर का भार रखना होता है और उसके बाद नॉर्मल पोजिशन में आना होता है । स्‍क्‍वैट्स से फिगर साइज मेंटेन रहता है पैरों की मसल्‍स को मजबूत बनाने के लिए यह बेहतर वर्कआउट है । इसे रेगुलर करने से पैर की मसल्‍स मजबूत होती हैं । इस एक्‍सरसाइज से ना केवल आपकी थाई की मसल्‍स मजबूत होती हैं । बल्कि आपका वजन भी कम होता है । इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाइए, फिर अपने दोनों हाथों को सामने की तरफ कीजिए । फिर नीचे झुकिये, नीचे झुकते वक्‍त आपके हाथ ऊपर की तरफ जाने चाहिए । इस क्रिया को दोहरायें । स्‍क्‍वैट्स ऐसा वर्कआउट है जिसके जरिये आप स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकती हैं । यानि आप इससे बॉडी की मसल्‍स को मजबूत कर सकती हैं । पुश-अप्स चेस्ट, कंधे और रीढ़ को मजबूत बनाने के लिए रोजाना पुश-अप्स करें । यह बहुत ही नॉर्मल एक्‍सरसाइज है जिसे आप कभी भी और कहीं भी आसानी से कर सकती हैं । यह सांसों की बीमारियों को भी दूर करता है । जी हां एक्सरसाइज से होने वाली बोरियत से बचने के लिए महिलाएं अलग-अलग तरह के पुशअप्स कर सकती हैं । इससे शरीर के हर अंग को मजबूत बनाया जा सकता है । लेकिन पुश-अप्‍स करने से पहले वार्मअप करना जरुरी होता है । क्रंचेज इसे करने के लिए सीधा मुंह ऊपर की तरफ करके जमीन पर लेट जाइए, अब अपने सिर का भार दोनों हाथों पर रखकर उसे थोड़ा ऊपर की तरफ उठायें । पैरों को थोड़ा ऊपर करके कमर के ऊपर के हिस्‍सों को हाथों के सहारे आगे की तरफ ले जाइए, इससे पेट, रीढ़ की हड्डी, पैरों की मसल्‍स मजबूत होती हैं । और साथ ही आप फिट भी रहती हैं । ट्राइसेप्स डिप्‍स ट्राइसेप्‍स डिप्‍स को करने से आपके कंधे और पीठ मजबूत होती है और आपको फिट रहने में हेल्‍प मिलती है । इसे करने के लिए किसी कुर्सी या कम ऊंचाई वाले टेबल का प्रयोग कीजिए, टेबल की ऊंचाई एक फिट से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए । इसे करने के लिए अपने टेबल पर दोनों हाथों को पीछे करके पूरी बॉडी का भार हाथों पर रखकर ऊपर से नीचे की तरफ जाइए । इसके अलावा और भी बहुत सी एक्‍सरसाइज और योगासन जैसे बर्पी, ईगल पोज, बालसान आदि हैं जिनको आप कभी भी और कहीं भी कर सकती हैं । पीयूष अग्रवाल का यह भी कहना है कि ‘आपको फिट रहने के लिए एक्‍सरसाइज के साथ-साथ अपनी डाइट का भी ख्‍याल रखना होगा । हार्मोनल असंतुलन की समस्या को दूर करते हैं ये 5 फूड, रोजाना सेवन से नहीं होंगे हार्मोन इम्बैलेंस के शिकार हार्मोनल असंतुलन एक ऐसी सामान्य मेडिकल कंडीशन है, जिससे पुरुष और महिलाएं दोनों ही सामना करने के लिए मजबूर होते हैं । हालांकि बहुत से लोग अपने जीवन में कई बार हार्मोन से संबंधित समस्याओं का अनुभव करते हैं । इसलिए सभी को इनके लक्षणों और संकेतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए, जो उनके शरीर में हार्मोनल समस्याओं की ओर इशारा करते हैं । हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन यह निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि हम कैसा महसूस करते हैं, हम जीवन में आने वाली विभिन्न परिस्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और हमारा शरीर विभिन्न परिवर्तनों पर कैसा महसूस करता है । इन सभी समस्याओं में डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी होती है । हालांकि कभी-कभी, हमारे हार्मोन हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ से भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं । अगर आप अपने हार्मोन को संतुलित करने के लिए आसान भोजन विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको ऐसे 5 फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो हार्मोन संतुलन में आपकी मदद कर सकते हैं । तो आइए जानते हैं इन 5 फूड्स के बारे में । 5 फूड, जो हार्मोनल संतुलन में करेंगे आपकी मदद ब्रोकली ब्रोकली ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, साथ ही ये एस्ट्रोजन संतुलन को बनाए रखने में भी मदद कर सकती है । पेट में गुड़गुड़ और पेट फूलने पर पिएं ये 4 मसालों वाला हर्बल ड्रिंक, मिलेगा आराम और पास होगी गैस खाना अगर स्वादिष्ट बना हो तो जरूरत से ज्यादा खा लेना, जल्दबाजी में अधपका भोजन करन, अधिक शुगर वाले फूड्स का सेवन और शुगर वाले पेय पदार्थ आपको कुछ देर का मजा दिला सकते हैं । इस तरह के भोजन आपके मन को जरूर भा सकते हैं लेकिन सेवन के बाद शरीर को जो हानि पहुंचती है उसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा । पेट में ऐंठन, दर्द, ऊर्जा की कमी और जरूरत से ज्यादा खाने से होने वाली मिचली की भावना अक्सर आपको बाद में दोषी और असहज महसूस कर सकती है । वो तो खुशी की बात ये है कि दादी-नानी के नुस्खे के कुछ नुस्खे आज भी कामयाब हैं और हमारे आस-पास मौजूद प्रभावी जड़ी बूटियां कुछ स्थितियों में होने वाले पेट दर्द से तुरंत राहत प्रदान कर सकती हैं, जिसके कारण आपका फूला हुआ पेट अंदर हो सकता है और मिचली की भावना से राहत दिला सकता है । हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और पेट फूलने जैसी स्थति को रोकने के लिए हर्बल काढ़ा बेहद फायदेमंद माना जाता है । इस हर्बल काढ़े से न सिर्फ हमारा पेट का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि पेट से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर होती हैं । आइए जानते हैं पेट फूलने से बचने के लिए पिएं जाने वाले हर्बल काढ़े के बारे में । हर्बल काढ़ा ये हर्बल काढ़ा कई जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण है, जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और शारीरिक गतिविधियों में सुधार के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर हमें संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है । कब्ज और पेट में किसी भी प्रकार की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर सिर्फ इन चार चीजों, हरी इलायची, अदरक, जीरा और सौंफ का उपयोग करके काढ़ा बना सकते हैं । हर्बल काढ़े के स्वास्थ्य लाभ 1. प्रकृति में वातहर और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर इलायची पाचन को तेज करने में मदद करती है, एसिडिटी से राहत देती है, पेट की परत में सूजन को कम करती है, सीने में होने वाली जलन और मतली से लड़ती है । 2. अदरक पाचन अग्नि को बढ़ाकर काम करती है, जो भोजन को सही तरीके से तोड़ने और खाने के साथ पाचन में मदद करती है । इसके अलावा, अदरक आंत को भी बचाती है और ठीक करती है, जिससे ऐंठन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है । वहीं जीरा लिवर से पित्त को रिलीज करने में बढ़ाकर सामान्य पाचन को बेहतर बनाता है । 3. उच्च फाइबर से समृद्ध होने के कारण जीरा जठरांत्र संबंधी मार्ग को दुरुस्त करता है और एंजाइम स्राव को उत्तेजित कर ऐंठन का इलाज करता है । 4. सौंफ के बीज भी अपने इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण पाचन के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं । सौंफ के बीजों का सेवन करने से पेट की मांसपेशियां सुचारू रूप से काम करती हैं, गैस कम होती है, पेट फूलने के साथ अपच की समस्या दूर होती है । क्योंकि इस काढ़े में जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण होता है, इसलिए इस काढ़े को सीमित मात्रा में पीना सुनिश्चित करें । धनिए के बीजों का मिश्रण अगर आप लगातार पेट फूलने की समस्या से परेशान हैं तो एक चम्मच धनिया के बीज को पांच मिनट के लिए पानी में उबालें और नियमित रूप से इस काढ़े को पिएं । धनिए के बीज के मूत्रवर्धक गुण हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर में वॉटर रिटेंशन को भी कम करते हैं । यहां तक कि खूब पानी पीना और खाने के बाद टहलना भी पाचन समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है । इसके लिए कुछ पावरफुल एनर्जी से भरपूर ड्रिंक्स पीने की जरूरत होती है, जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देते । जिनमें मौजूद मिनरल्स, पोषक तत्व गर्मी में होने वाली समस्याओं से आपको बचाए रखते हैं । नारियल पानी एक ऐसा ही हेल्दी ड्रिंक है, जिसे आपको गर्मी के मौसम में जरूर पीना चाहिए । अक्सर, प्रेग्नेंट महिलाओं के मन में उलझन रहती है कि क्या उन्हें नारियल पानी क्या-क्या हैं… नारियल पानी में मौजूद पोषक तत्व यह एक स्वादिष्ट पेय पदार्थ है । इसे पीने से शरीर को ताजगी और शीतलता का अहसास होता है । शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है । नारियल पानी में कैलोरी काफी कम होती है । इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एमिनो एसिड, एंजाइम्स, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन जैसे मिनरल्स काफी होते हैं । इसमें मौजूद माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करते हैं । नारियल पानी पीने से सेहत को कई लाभ होते हैं । प्रेग्नेंसी में जरूर पिएं नारियल पानी गर्भावस्था के दिनों में शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं । नारियल पानी में मौजूद प्राकृतिक विटामिन और खनिज गर्भावस्था के लिए जरूर पोषक तत्व हैं । जब आप प्रेग्नेंट होती हैं, तो शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों के कारण आसानी से आपका शरीर डिहाइड्रेटेड हो जाता है । ऐसे में डिहाइड्रेशन, उल्टी, कब्ज और संक्रमण से बचाव के लिए नारियल पानी पीना किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए एक हेल्दी ड्रिंक साबित हो सकता है । प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्याओं को दूर करे नारियल पानी गर्भावस्था के दिनों में शरीर में पर्याप्त मात्रा में लिक्विड जाना जरूरी है, क्योंकि कई महिलाओं को उल्टी काफी होती है । ऐसे में गर्मी के दिनों में लिक्विड कम लेने से आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है । आप नारियल पानी हर दिन पिएं, आपके साथ आपके शिशु के लिए भी यह एक फायदेमंद तरल पदार्थ है । इसमें किसी भी तरह का कोई केमिकल और प्रिजर्वेटिव नहीं होता है । नारियल पानी में मौजूद पोषक तत्व जैसे मैंगनीज, कैल्शियम, फाइबर, राइबोफ्लेविन, विटामिन सी आदि प्रेग्नेंट लेडी के लिए बहुत जरूरी हैं । प्रेग्नेंसी में कब्ज से बचाए नारियल पानी कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या होती है । ऐसा शरीर में प्रोजेस्टेरॉन लेवल के बढ़ने के कारण होता है । कई बार सही खानपान ना करने से भी कब्ज की समस्या होती है । नारियल पानी में फाइबर काफी होता है । प्रतिदिन इसके सेवन से आप कब्ज से परेशान नहीं होंगी । फाइबर इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को साफ करने में मदद करता है, जिससे पेट से संबंधित समस्याओं से राहत मिलती है । सीने में जलन करे कम प्रेग्नेंसी के दौरान सीने में जलन की समस्या से भी महिलाएं बहुत परेशान रहती हैं । कोई भी दवा बिना डॉक्टर से पूछे इन दिनों लेना भी सही नहीं है । ऐसे में आप नारियल पानी का सेवन करके सीने में जलन, गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकती हैं । शरीर में हार्मोनल बदलाव और पेट में पल रहे बच्चे के भार की वजह से जलन, गैस की समस्या हो सकती है । नारियल पानी में राइबोफ्लेविन और विटामिन सी होता है, जो पेट में बनने वाले एसिड लेवल को भी कम करता है । गर्मी में शरीर को रखे हाइड्रेटेड गर्मी में आप खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए कई पेय पदार्थ पीते होंगे । नारियल पानी भी उस लिस्ट में शामिल कर लें, क्योंकि इसे एक अच्छा हाइड्रेटर माना गया है । नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट कम्पोजिशन काफी होता है, जो शरीर को डायरिया, उल्टी और अधिक पसीना निकलने के कारण होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाए रखता है । इसे पीते ही शरीर दोबारा से रिहाइड्रेट हो जाता है । इसमें कार्बोहाइड्रेट भी अधिक होता है, जो गर्मी में शरीर की एनर्जी लेवल को बनाए रखता है । वजन घटाए नारियल पानी नारियल पानी पीने से आप अपना वजन भी कम कर सकते हैं । एक कप नारियल पानी में लगभग 45 कैलोरी होती है । इसे पीने से काफी समय तक आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे आप जल्दी और कुछ भी फैटी चीजें, अनहेल्दी स्नैक्स खाने से बचते हैं । इसमें दूसरे पेय पदार्थों की तुलना में अतिरिक्त शुगर भी नहीं होता है । कम कैलोरी होने के कारण वजन नियंत्रित रहता है । मेटाबॉलिज्म कम होने से लोग मोटापे का शिकार जल्दी हो जाते हैं । नारियल पानी पानी से शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जो मोटापे से लड़ने में मदद करता है । इससे पाचन तंत्र भी मजबूत होता है और पेट की समस्याओं से भी बचे रहते हैं । त्वचा पर लाए ग्‍लो सेहत के साथ ही नारियल पानी त्वचा की समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है । इसके सेवन से स्किन को खूबसूरत बना सकते हैं । यदि आपको मुंहासे होते हैं, तो आप नारियल के गूदे से तैयार पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए रखें । फिर चेहरा पानी से धो लें । ऐसा करने से मुंहासों की समस्या से जल्द छुटकारा मिल जाएगा । नारियल पानी पीने से स्किन पर चमक आती है । एंजी-एजिंग, झुर्रियों, झाइयों की समस्या भी कम उम्र में परेशान नहीं करती है । भुजंगासन पेट की चर्बी को कम करने के लिए भुजंगासन बहुत फायदेमंद है । इस आसन को करने से वजन बहुत जल्दी वजन घटने लगता है । भुजंगासन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं । अब अपने दोनों हाथों को माथे के नीचे टिकाएं । दोनों पैरों के पंजों के साथ रखें । फिर अपने माथे को ऊपर ऊठाएं और दोनों बाजुओं को कंधों के समान लाएं । ऐसा करने पर शरीर का सारा भार बाजुओं पर पड़ेगा । अब शरीर के अगले भाग को बाजुओं के सहारे ऊपर उठाएं । शरीर को स्ट्रेच करके लंबी सांस लें । कुछ समय तक इस आसन को करें । फिर दोबारा पेट के बल लेट जाएं । बालासन मन को शांत करना हो या पेट की चर्बी को कम करना हो दोनों के लिए बालासन बहुत फायदेमंद है । इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और कमर बिल्कुल सीधी रखें । अब गहरी सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को सामने की ओर झुकाएं । दोनों हाथ पीछे की ओर रखें और कोशिश करें कि सिर सामने जमीन को छुए । अब जितना हो सके उतनी देर इसी अवस्था में रहने की कोशिश करें । फिर सांस छोड़ते हुए शरीर के ऊपरी भाग को उठाते हुए फिर से वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं । हम आपको यहां 4 ऐसी चाय के बारे में बता रहे हैं, जो बेली फैट कम करने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं । 1.ग्रीन टी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । 2. ओलोंग टी ओलोंग टी मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मदद करता है । 3. व्हाइट टी आप सोच रहे होंगे कि ये व्हाइट टी कैसी चाय होती है । 4. हर्बल टी हर्बल टी का सेवन भी अधिकतर लोग कई चीजों को मिलाकर जैसे तुलसी, अदरक, गुड़हल आदि जड़ी-बूंटियों को मिलाकर तैयार करते हैं । बेली फैट कम करने और फ्लैट पेट के लिए खाने-पीने की तमाम सलाह आपको मिलती ही रहती हैं । लेकिन सोने से पहले क्या पीना है इसका ध्यान ज्यादातर लोग नहीं देते हैं । रात का खान-पान हमारे हेल्थ पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है । फ्लैट पेट के लिए ज्यादातर डाइट एक्सपर्ट रात के खान-पान पर विशेष ध्यान देने की बात करते हैं । पेट की चर्बी कम करके फ्लैट पेट के लिए रात के समय हल्के भोजन और ड्रिंक्स का सेवन करना चाहिए । रात में सोने से पहले यह ध्यान देना चाहिए की रात के सोते समय शरीर को पर्याप्त तरल पदार्थ की आपूर्ति हमारे खान-पान में हो रही है या नहीं । हम यहां 4 ऐसे हेल्दी ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं जो आपको रात में हाइड्रेट रखने के साथ-साथ हेल्दी लाइफ देते हैं । ये चार हेल्दी ड्रिंक वेटलॉस और फ्लैट पेट के लिए भी जरूरी होते हैं । इन हेल्दी ड्रिंक्स की मदद से आप अपने पेट का मोटापा कम कर सकते हैं । फ्लैट पेट के लिए नींबू पानी सामाग्री 5 नींबू, 1 लीटर Carbonated वाटर, पुदीना, बर्फ कैसे सेवन करें चार नींबू से रस निचोड़ें । एक जार में रस और कार्बोनेटेड वाटर को मिलाएं । बर्फ के साथ नींबू पानी सर्व करें । खीरा-नारंगी और नींबू ड्रिंक सामग्री 1 नींबू, 2 खीरे, 1 बड़ा नारंगी, स्वाद के अनुसार शहद, स्वाद के अनुसार टकसाल, 1 लीटर स्पार्कलिंग पानी कैसे सेवन करें एक ब्लेंडर में एक खीरे को पीस लें । नारंगी और नींबू से रस निचोड़ें । खीरे, रस और शहद को एक बड़े पिचर में मिलाकर मिलाएं । सोडा जोड़ें और ताजा टकसाल के पत्तों के साथ गार्निश करें । खीर-अजमोद-एलोवेरा जूस वेट लॉस डाइट प्लान जो 1 महीने में 4 से 5 किलो वजन कम करता है. लोग बहुत मेहनत करते हैं लेकिन कुछ लोगों में वजन कम करना आसान नहीं होता है । मोटापा विश्व में सबसे ज्यादा लोगों की बीमारी का कारण बन रहा है । खराब खान-पान और जीवनशैली में हो रहे बदलाव मोटापा के मुख्य कारण हैं । का होना सबसे जरूरी होता है । अगर आप वजन कम करने के लिए तैयारी कर रहे हैं या वजन घटाने के प्रयास में असफल रहे हैं तो अपको हम कुछ खास बातें बता रहें हैं जो वजन कम करने के लिए सहायक होती हैं । 1 महीने में वजन कम करने के लिए अगर आप टिप्स खोज रहे हैं तो आपको इन वेटलॉस टिप्स के बारे में जरूर जानना चाहिए । आप इस डाइट और  को एक महीने तक ठीक से अपनाएं तो आपका वजन 3 से 4 किलो तक घट सकता है । वजन कम करने के लिए आपको बहुत ज्यादा प्रयास नहीं करना है आपको कुछ खास नियमों का पालन करना है । आइए जानते हैं वजन कम करने के लिए खास नियम जो एक महीने में वजन घटाते हैं । जब आप 1 महीनें में वजन कम करने के टिप्स के बारे में पढ़ रहे हैं तो इनको अपनी लाइफ स्टाइल में जरूर अपनाएं एक महीने में कितना वजन घटाया जा सकता है ? दरअसल ये बात विभिन्‍न कारकों पर निर्भर करती है । मसलन आपका वर्तमान शरीर का वजन, डाइट और व्‍यायाम की तीव्रता । आप दैनिक शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ अपने आहार और कैलोरी की मात्रा में संशोधन करके एक महीने में 3-4 किलो वजन कम कर सकते हैं । अगर आप एक हफ्ते में एक किलो वजन कम कर रहे हैं तो, इसका मतलब ये हुआ कि आपका फैट कम नहीं हो रहा बल्कि मांसपेशियाँ दुबली हो रही हैं और शरीर में पानी कम हो रहा है । तेजी से वजन घटने से आप कमजोर और बीमार हो सकते हैं । इसलिए आदर्श रूप में वजन घटाने से पहले अपनी  BMI की गणना सुनिश्चित कर लें । एक्‍सरसाइज का वजन घटाने में रोल बहुत से लोग वजन कम करने के लिए केवल डाइट का सहारा लेते हैं । लेकिन इसके लिए एक्‍सरसाइज बहुत ज़रूरी होती है । एक्‍सरसाइज से ना केवल आपका मोटापा कम होता है बल्कि आप मजबूत भी रहते हैं और आपकी स्किन पर चमक भी आती है । सप्ताह में कितने दिन वर्कआउट करें ज्‍यादा कैलोरी बर्न करने के लिए रोजाना 30 से 40 मिनट वर्कआउट ज़रूर करें । रोजाना जिम जाएं । 30 मिनट योग और वॉक करने से भी आपको एक महीने में वजन घटाने में मदद मिलेगी । कार्डियो एक्सरसाइज क्यों है जरूरी ये निर्भर करता है कि आप कितना वजन कम करना चाहते हैं । आप पहले हफ्ते 10 से 15 मिनट कार्डियो कर सकते हैं । अगले दो हफ्ते में समय को बढ़ाकर 30 से 45 मिनट कर लें । अगर आप पहली बार एक्‍सरसाइज की शुरुआत कर रहे हैं, तो आप वॉकिंग और जॉगिंग कर सकते हैं । कार्डियो के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कार्डियो के साथ-साथ स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से वजन घटाने में ज्‍यादा मदद मिलती है । इससे आपकी मसल्‍स शेप में आएंगी और ज्‍यादा कैलोरी बर्न होगी । इसके लिए आप शोल्‍डर प्रेस, बेंच प्रेस, पुल-अप्स, स्‍क्‍वैट्स और डीडलिफ्ट्स कर सकते हैं । योग से कैसे वजन घटाएं कार्डियों और वेट ट्रेनिंग के साथ-साथ योग भी कर सकते हैा । विभिन्‍न योग से शरीर की विभिन्‍न मांसपेशियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी । इससे आपकी मसल्‍स में दर्द भी दूर होगा । आप अर्ध चंद्रासन, वीरभद्रासन, उत्‍कटासन, वृक्षासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन आसन कर सकते हैं । वीरभद्रासन से जांघों के आसपास वसा कम होगा । इसके अलावा आप रोजाना 20 राउंड सूर्य नमस्‍कार भी कर सकते हैं । वजन कम करने के लिए डाइट का रोल अगर आपको बॉड़ी की सही शेप चाहिए तो आपको अपनी लाइफस्‍टायल और डाइट बदलनी पड़ेगी । वजन घटाने में 20 फीसदी भूमिका एक्‍सरसाइज और 80 फीसदी भूमिका डाइट की होती है । मीठा कितना खाएं वजन कम करने की क्रिया के दौरान मीठा और ज्‍यादा तेल वाला खाना ना खाएं । अपनी चाय और कॉफी में चीनी का कम इस्‍तेमाल करें । मिठाई और बिस्‍कुट भी ना खाएं । सोडियम वाले फूड कम खाएं सोडिमम और ज्‍यादा नमक वाले फूड खाने से बचें । कम नमक खाने से ना केवल वजन घटाने में मदद मिलती है बल्कि आप स्‍वस्‍थ भी रहते हैं । इसके बजाय आप पोटेशियम युक्‍त फूड जैसे केला और शकरकंदी खा सकते हैं । खाने में करे बदलाव वजन घटाने के क्रिया में सबसे पहला काम मेटाबॉलिज्‍म को सही रखना ज़रूरी है । इसके लिए दिन में एक  जैसे फूड ना खाएं । नाश्‍ते में ज्‍यादा कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन वाला आहार, लंच में फाइबर और कम वसा वाला और डिनर में कम कार्बोहाइड्रेड और अधिक खाएं । वर्कआउट के बाद की डाइट वर्कआउट के बाद खाना ज़रूरी होता है । कई लोग ऐसा मानते हैं कि कसरत के बाद ज्‍यादा खाया जाता है । ये कथन सत्‍य नहीं है । वर्कआउट के बाद कितना खाना चाहिए ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितनी मेहनत की है । ग्रीन टी को करें शामिल रोजाना दो कप पीने से वजन घटाने में सहायता मिलती है । इसमें मौजूद कैफीन, थियोब्रोमाइन, सैपोनिन, थियोफाइलिइन और विटामिन आपके मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाते हैं और भूख कम कर देते हैं । मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं पर्याप्‍त नींद से आपका मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है और वजन कम होता है । इसलिए 8 घंटे सोएं । भूखा ना रहें । इससे आप कुछ भी उल्‍टा-सीधा खाना खा लेंगे । एक साथ ज्‍यादा ना खाकर थोड़ा-थोड़ा खाएं । लगाातार पानी पीते रहें । इससे आपको ज्‍यादा भूख नहीं लगेगी और आपके शरीर के टॉक्सिन भी बाहर निकलेंगे । नाश्‍ते की डाइट और वजन घटाना अपना दिन गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पीने से शुरु करें । दूध और पोहा खाएं । इसके अलावा आप कम तेल वाला परांठा खा सकते हैं । इनके अतिरिक्‍त इडली, डोसा और उथप्‍पा खा सकते हैं । लंच की डाइट सही और संतुलित खाना खाएं । इसमें सब्जियां, सलाद और , चावल, दाल, रोटी और दही शामिल हो । नॉन वेज में अंडे, मछली और चिकन खा सकते हैं । अचार और पापड़ से बचें । स्‍नैक्‍स में सूखे मेवे और फल खा सकते हैं । डिनर में क्‍या खाएं रात को हल्‍का खाना खाएं । इसमें सब्‍जी, दाल और दो रोटी हो सकती है । इसके अलावा एक कटोरी सूप भी पी सकते हैं । ऊपर दिये गये सारे वेटलॉस टिप्स अगर आप अपनाते हैं तो . इसके अलावा यह 1 महीने में वजन कम करने वाला प्लान आपको वजन नियंत्रित करने में भी मदद करता है. । अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो यह उन खाने की चीजों में से एक है जिन्हें आपको छोड़ना चाहिए । जब हम वजन कम करने के बारे सोचते हैं, तो आमतौर पर हमारा ध्यान सिर्फ इस बात पर होता है कि हम क्या-क्या खा सकते हैं । लेकिन यह भी बहुत जरूरी है कि आप खाने की उन चीजों पर भी ध्यान दें जिन्हें आपको खाना छोड़ देना चाहिए । इससे आपको हफ़्ते भर के अपने घर के मेन्यू और बाहर के खाने के आइटम का सही चुनाव करने में मदद मिलेगी । क्या आपने इस बारे में सोचा है ? इसके बाद, हम आपको उन खाने की चीजों की एक लिस्ट देंगे जिन्हें अगर आप कुछ समय के लिए छोड़ दें तो अच्छा होगा । किसी भी समय अगर आपको उन्हें खाने की बहुत इच्छा होती है या आपके पास और कोई दूसरा विकल्प नहीं है, तो कोई बात नहीं । लेकिन इसको आदत नहीं बनाना है । तैयार हैं? ध्यान दीजिये और इन खाने की चीजों को लेने से बचें । पोटैटो चिप्स अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो यह उन खाने की चीजों में से एक है जिन्हें आपको छोड़ना चाहिए । क्योंकि वजन के मामले में इन्हें बहुत बुरा माना गया है । सच तो यह है कि आलू को आपके मैन्यू से बाहर करने की जरूरत नहीं है । उबला हुआ, भाप में पकाया हुआ या बेक किया हुआ आलू आपको ताकत और फाइबर दोनों देगा । फ्रेंच फ्राइज ज्यादा नमक और मसालों में बनने वाले चिप्स, इनके साथ समस्या यह है कि इनका एक छोटा सा टुकड़ा भी बहुत ज्यादा कैलोरी लिए होता है । इसके अलावा, इस तरह की चीजें आकार में इतनी कम होती हैं कि आप इन्हें बहुत ज्यादा खा लेते हैं । बहुत सी स्टडी में बताया गया है कि ऐसी चीजों को खाने से आपके पूरे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है । इससे बहुत कम समय में ही आपका वजन बहुत ज्यादा बढ़ सकता है । अगर आपको चिप्स खाने का मन हो, तो बेहतर होगा इसे ओवन में खुद तैयार करें । इन्हें स्वादिष्ट बनाने के लिए थोड़े मसाले मिलाएं और इनके नए-नए फ्लेवर तैयार करें । अगर आपको यह पुराने तरीके से ही पसंद है, तो इसमें बस नमक और काली मिर्च मिलाएं । ज्यादा कैलोरी खाये बिना और अपनी सेहत को जोखिम में डाले बिना आपको बिल्कुल वही स्वाद मिलेगा । स्नैक्स जिनमें सिर्फ कार्बोहाइड्रेट हो वजन कम करने के लिए आपको कार्बोहाइड्रेट से भरी चीजों से भी बचना चाहिए । इसमें कुकीज, राइस केक, अनाज, अनाज से बनी हुई चॉकलेट बार, ब्रेड वगैरह शामिल है । वैसे तो ये बहुत ही सस्ती और आसानी से मिलने वाली चीजें हैं । इनमें शुगर होता है जो ग्लूकोज में गड़बड़ी का कारण बनता है । इसके अलावा, इन्हें खाने से आपका पेट थोड़ी देर के लिए ही भरता है । इसका मतलब है, थोड़ी देर बाद आप को फिर भूख लगेगी और आप अपने शरीर को पोषण नहीं दे पायेंगे । दोपहर और सुबह के बीच लगने वाली हल्की भूख़ या खाने की इच्छा को शांत करने का सबसे अच्छा तरीका पौष्टिक खाना है । इनमें फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है । इसके कुछ अच्छे विकल्प ये हैं । शुगर से भरपूर ड्रिंक वजन घटाने के लिए जिन-जिन चीजों को आपको छोड़ना देना चाहिए उनमें शुगर से भरे ड्रिंक्स भी हैं । यहां हम केवल सॉफ्ट ड्रिंक की बात नहीं कर रहे हैं । आपको मशीन की कॉफी, पैकेट वाले जूस और रिफाइंड शुगर से बने दूसरे पेय भी छोड़ना होगा । यह देखा गया है कि इनको बहुत ज्यादा पीने से वजन तेजी से बढ़ता है । इसलिए यह बहुत जरूरी है कि जितना हो सके, बच्चे और बड़े दोनों ही शुगर से बनी हुई ड्रिंक को पीने से बचें । सबसे अच्छा तरीका यह है कि हमेशा पानी की बोतल अपने साथ रखें । अगर आप इसमें कोई स्वाद चाहें, तो कुछ फल, पुदीना और दालचीनी का इस्तेमाल करके इसे अपना मनपसंद स्वाद दे सकते हैं । मशीन से बनी कॉफी के बजाय घर पर बनी कॉफी को चुनें । इस तरह से आप चीनी की मात्रा को काबू में कर सकते हैं और यह ज्यादा अच्छी कॉफी बनेगी । वाइट ब्रेड, कुकीज और ऐसी दूसरी चीजें आज की लिस्ट में यह आखरी चीज है जिससे वजन कम करने के लिए आपको बचना चाहिए । रिफाइंड आटे से तैयार चीजें । आमतौर पर वाइट ब्रेड में ज्यादा मात्रा में शुगर होता है, जो खून में ग्लूकोज लेवल में बदलाव कर देता है । रिफाइंड आटे से बनाए जाने की वजह से इनमें फाइबर की मात्रा बहुत ही कम होती है । दिन में वाइट ब्रेड के दो टुकड़े खाने से ही मोटापे का खतरा बढ़ सकता है । कुकीज, केक और दूसरी चीजों में सेहत के लिये नुकसानदायक फैट मौजूद होता है । हालांकि ये बहुत स्वादिष्ट हो सकते हैं, फिर भी उनसे दूरी बनाये रखना ही बेहतर है । अगर आपको केक या कुकीज खाने की इच्छा हो रही है, तो आप होल मील आजमा सकते हैं । इसके बारे में कम ही जानते हैं और इसका स्वाद अच्छा लगने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद होता है । अच्छा होगा जो आप गेहूं के आटे, बीज और चॉकलेट का इस्तेमाल करके मीठी चीजें अपने घर पर ही बनाएं । इस तरह वजन बढ़ाएं बिना और अपनी सेहत को खतरे में डाले बिना आप अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं । क्या कभी आपने वेजिटेबल कबाब बनाया या खाया है? यदि नहीं, तो हम आपको बताते हैं सब्जियों से बनने वाली वेजिटेबल शामी कबाब की रेसिपी । यह हेल्दी तो है ही साथ ही टेस्टी इतनी कि आप इसे बार-बार बनाकर खाना चाहेंगी । जानें, वेजिटेबल शामी कबाब की रेसिपी... डाइट और एक्सरसाइज वेट लॉस प्रोग्राम का सबसे अहम हिस्सा होता है । 25 प्रतिशत एक्सरसाइज और 75 प्रतिशत डाइट प्लान मायने रखता है । वेट लॉस के लिए जरूरी है एक्सरसाइज के साथ-साथ अपनी डाइट में कुछ बदलाव लाया जाए । इसके अलावा एक्सरसाइज में भी बदलाव हो । इसके लिए बस कुछ नियम फॉलो करने होंगे । केवल डाइट कंट्रोल कर के वेट लॉस करना मुश्किल है । ये भी पढ़ेंः सुबह सबसे पहले संतरे के जूस में दो चम्मच इसबगोल को मिक्स कर लें । इसे लेने के एक घंटे बाद एक्सरसाइज के लिए निकले । शुरुआत में चाहे आप एक्सरसाइज कम करें । लेकिन बाद में इसका समय बढ़ा दें । एक्सरसाइज में आप स्किपिंग करना शुरू करें । लेकिन उससे पहले वार्मअप जरूर हों । एक्सरसाइज से आने के बाद गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीएं । इसके अलावा चिया सीड को हल्का सा भून कर पीस लें । इसे दूध या दही में एक चम्मच मिक्स पर लें । ये वेट लॉस तेजी से करेगा । ये भी पढ़ेंः  नाश्ते में लें प्रोटीनः डाइट की बात करें तो दिन में दो बार ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी लें । ब्रेकफास्ट में अंडे या पनीर लें । नाश्ते में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें । खासकर ओट्स या मुसली को नाश्ते में शामिल करें । वहीं, दूध की जगह दही का यूज ज्यादा करें । खाना खाने से एक घंटे पहले या एक घंटे बाद ही पानी पीएं । खाना खाने के तुंरत बाद बैठे नहीं बल्कि कुछ देर टहलें । दरअसल यदि खाने के वक्त आपने अतिरिक्त कैलोरी खाई भी है तो टहलने से वह बर्न हो जाएगी । ये भी पढ़ेंः  बॉडी को करें डिटॉक्सः बॉडी को डिटॉक्स करने और वेट लॉस के लिए नारियल पानी, संतरे का जूस, एलोवेरा और आंवले का जूस मिला कर पीएं । सलाद में गाजर, खीरा, ककड़ी और मूल का यूज खूब करें । ये भी पढ़ेंः  रात में करें ये उपायः रात को सोने से कम से कम डेढ़-दो घंटे पहले खाना खाएं और खाने के बाद टहलना न भूलें । इन टिप्स को अपनाकर फॉलो कर आप एक महीने में तीन किलो तक कम कर सकते हैं । ये भी पढ़ेंः । Hasta Uttanasana in hindi, पीठ-कंधे का दर्द करे दूर हस्त उत्तानासन, जानें लाभ बेली फैट कम करने के लिए दो हर्बल चाय जरूर पिएं । वजन घटाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अपनी डाइट पर ध्यान देना होगा । आप 4 सप्ताह में अपना वजन घटा सकते हैं, लेकिन उसके लिए खास इंडियन डाइट प्लान फॉलो करना होगा । जब आप इस इंडियन डाइट प्लान का सही तरीके से अनुसरण करेंगे तो परिणाम भी दो सप्ताह के अंदर नजर आने लगेगा । इस डाइट में वो सभी पौष्टिक चीजें शामिल होती हैं, जिससे शरीर कमजोर नहीं होता और वजन भी घटने लगता है । इससे फैट भी बर्न होता है । जानें, इस डाइट प्लान में क्या शामिल करके आप 4 सप्ताह में घटा सकते हैं अपना वजन... सुबह में क्या खाएं सुब आप जूस पिएं । वजन कम करने में मदद करता है । इसके लिए आप फलों या फिर सब्जियों से बना जूस पिएं । आप अपना पसंदीदा फल भी खा सकते हैं । नाश्ते में क्या लें नाश्ते में आप स्प्राउटेड पोहा लें । ओट्स, इडली व सांभर लें । आप चाहें तो लो फैट दही के साथ मेथी पराठा भी एक या दो खा सकते हैं । 11-12 बजे क्या लें आपको जो भी फल पसंद है, वो खाएं । मुठ्ठी भर नट्स । दिन का लंच करने से पहले  एक कटोरी स्प्राउटेड सलाद खाएं । आप चाहें तो वेजिटेबल सूप भी एक बाउल पी सकते हैं । लंच में क्या करें शामिल दोपहर के भोजन में आप मल्टीग्रेन आटे से बनी दो रोटी और एक कटोरी सब्जी  या फिर मछली, चिकन, सी फूड्स खा सकते हैं । एक कटोरी दाल, एक कटोरी चावल भी खा सकते हैं । आप चाहें तो दाल की जगह पर एक कटोरी सांभर या लो फैट दही का भी सेवन कर सकते हैं । शाम में स्नैक्स तिल, मूंगफली से बनी चिक्की, 1 कप वेजिटेबल जूस का सेवन करें । रात के खाने में डिनर हमेशा सुपाच्य, लाइट और हेल्दी होना चाहिए । इसमें मिक्स वेज सलाद हो । एक कटोरी सब्जी के साथ 2 रोटी शामिल करें । आप एक कटोरी दाल भी पी सकते हैं । डिनर लेने के थोड़ी देर बाद प्रोटीन शेक चाहें तो पिएं, इससे भी वजन कम होता है । देर रात तक काम करना हो, तो भूख लगने पर उल्टा-सीधा खाने की बजाय आप प्रोटीन शेक पी सकते हैं । तूलिका कहती हैं कि 'आज मेरे पास सैकड़ों की संख्या में लोग है जो वेट लॉस के लिए मेरी काउंसलिंग सेवा लेते हैं । तूलिका ने अपने वेटलॉस के लिए क्या डाइट प्लान अपनाया उसे आप यहां जान सकते हैं । तुलीका का डेली वर्कआउट प्लान क्या था वह भी उन्होंने साझा किया है । ' वजन घटाना एक मुश्किल काम है । डाइट प्लान और वर्कआउट से वजन घटाना आसान भी है । कभी-कभी यह कुछ मामलों में खतरनाक भी हो जाता है । क्योंकि लोगों को पता नहीं होता कि उनके शरीर की क्षमता क्या है और किस तरह के डाइट प्लान को फॉलो करना है और कितना वर्कआउट करना है । वजन कम करने की कहानियों में ज्यादातर सेलिब्रेटी की कहानियों को आप पढ़ते हो और जानते हो । लेकिन किसी आम इंसान को किस तरह के स्टेप्स लेने चाहिए वो आपको पता नहीं होता है । सेलिब्रेटी का लाइफ स्टाइल सामान्य इंसान से बहुत अलग होता है । मां बनने के बाद वजन घटाना आज हम आपको एक ऐसी ही सामान्य महिला की वेट लॉस जर्नी के बारे में बताने जा रहे हैं । तूलिका ने 9 महीने के डायट और वर्कआउट प्लान से 35 किलो वजन कम किया है । हम बात कर रहे हैं तूलिका सिंह की जो एक काउंसलर भी है । तुलिका डिप्रेशन और वेट लॉस की काउसलिंग करती हैं । तूलिका की वेटलॉज जर्नी इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने यह बेहद मुश्किल टास्क तब शुरू किया जब वो एक 7 साल के बच्चे की मां भी है । तूलिका बताती हैं कि यह मेरे लिए इतना आसान नहीं था लेकिन जहां चाह वहां राह को मैं फॉलो करती हूं और मैं इसमें सफल भी रही । तूलिका कहती हैं कि ‘आज मेरे पास सैकड़ों की संख्या में लोग है जो वेट लॉस के लिए मेरी काउंसलिंग सेवा लेते हैं । तूलिका ने वजन घटाने के लिए इस डाइट प्लान को अपनाया सुबह की शुरुआत सौंफ का पानी शहद मिलाकर 20 मिनट के बाद 4 भीगे हुए बादाम नाश्ते में ओट्स दूध के साथ स्वाद के लिए शहद । एक सेब और ग्रिन टी । मीड टाइम स्नैक्स में एक कटोरी कोई फल जैसे पपीता, जामुन या खरबुजा । लंच में मल्टी ग्रैंड दलिया, साबुत मूंग और सब्जियों के साथ एक चम्मच देशी घी और एक कटोरी दही । इस जड़ी-बूटी का आकार बेल जैसा होता और पारम्परिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में शतावरी को काफी इस्तेमाल किया जाता है । शतावरी को खास बनाते हैं इसके पोषक तत्व । जी हां, शतावरी में फाइबर और कैल्शियम के अलावा विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई, प्रोटीन,विटामिन के, आयरन और फोलेट मिलता है । इन पोषक तत्वों के आधाक पर यह कई हेल्थ प्रॉब्लम्स के घरेलू नुस्खे के तौर पर प्रयोग किया जाता है । आइए जानते हैं शतावरी के हेल्दी फायदे । खूश्बूदार की पंखुड़ियों को ठंडाई की लज़्ज़त बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है । गुलाब की पंखुड़ियां डायजेशन और पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां कम करती है । सूखे मेवे यानी ड्राय फ्रूट्स वजन कंट्रोल करने का हेल्‍दी विकल्‍प हैं । पर अगर इनका जरूरत से ज्‍यादा सेवन किया जाए तो इनसे वजन बढ़ने लगता है । साथ ही और भी कई तरह की समस्‍याएं हो सकती हैं । बाजरे में महत्वपूर्ण अमिनो एसिड होते हैं । जो, बाजरे को की तुलना में आसानी से पचने वाला अनाज बनाते हैं । बाजरे में इनसोल्यूबल फाइबर होता है जो,  कब्ज़ यानि से बचाता है । जब आपकी योनि स्वस्थ होती है, तो इसकी गंध आपकी गतिविधि के स्तर के आधार से अलग हो सकती है । जब आप तीव्र स्पिन करती हैं तो महिलाओं को इसके आस-पास के क्षेत्र में कसूरी जैसी गंध महसूस करते हैं ऐसा पसीने की ग्रंथियों के मॉइश्चर रिलीज करने की वजह से होता है । नहाने के बाद यह गंध दूर हो जाती है । सिट्रस फ्रूट्स के सेवन से शरीर में क्रिस्टल्स डिसॉल्व होते हैं, जिससे शरीर साफ भी होता है । नींबू पानी पिएं । यह शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को नष्ट करता है, जिससे यूरिक एसिड भी कम होता है । कौन से फूड्स के सेवन से बचना चाहिए शेल फिश, रेड मीट, मसूर, चना, राजमा, छोले, अन्य साबुत दाल, मटर, पालक, फूल गोभी, फ्रेंच बीन्स, बैगन, फूल गोभी, चीकू, शरीफे आदि खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, खासकर तब जब यूरिक एसिड की मात्रा आपके मेडिकल रिपोर्ट में बहुत ज्यादा हो । वजन कम करने और कॉफी पीने के फायदे के बारे में आप बहुत पढ़ चुके हैं लेकिन क्या आपने यह पढ़ा है कि कॉफी के साथ नींबू का रस मिलाकर पीने से वजन कम होने लगता है ? अगर नहीं पढ़ा है तो आपको पढ़ना चाहिए क्योंकि कुछ शोधों में यह पाया गया हा कि नींबू का रस अगर कॉफी के साथ मिलाकर पीया जाय तो यह शरीर के बढ़ते वजन को रोकने के साथ-साथ वेटलॉस में भी मदद करता है । आइए जानते हैं इसके बारे में कुछ खास तथ्य । कॉफी ही क्‍यों कॉफी एक उत्तेजक पदार्थ है जो आपको कई घंटों तक एक्‍सरसाइज करने के लिए मदद करता है । इसके अलावा कॉफी में कैफीन, थियोब्रोमाइन, थियोफाइलिइन और क्‍लोरोजेनिक एसिड जैसे जैविक रूप से सक्रिय पदार्थ शामिल हैं, जो वजन करने में बहुत प्रभावी हैं । कैफीन आपके सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम को बढ़ाकर आपकी फैट सेल्‍स को टूटने के लिए संकेत भेजता है । इसके अलावा ये एपिनेफ्रिन या एड्रेनालाईन हार्मोन को तेजी से जारी करने में सहायक है । ये ब्रेक डाउन सेल को गतिशील करने और उन्‍हें और फ्री फैटी एसिड के रूप में आपके शरीर द्वारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध बनाता है । इसके अलावा ये तत्‍व आपके मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाकर ज्‍यादा कैलोरी बर्न करने में भी सहायक है । क्‍लोरोजेनिक एसिड आपके शरीर से कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को रोकने में मदद करता है । आप अपने कॉफी के कप में थोड़ा से नींबू का रस भी मिला सकते हैं । इससे फैट बर्न करने की प्रक्रिया तेज होती है । क्‍योंकि नींबू आपकी बॉडी को डिटॉक्‍सीफाई करने में मददगार है । ये आपकी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और पेट को साफ करने में सहायक है । इसका इस्‍तेमाल कैसे करें एक कप गर्म पानी में कॉफी मिला लें । इसे दिन में एक बार एक्‍सरसाइज करने से पहले पिएं । दूसरा तरीका ये है कि गर्म पानी में कॉफी मिलाकर एक चम्‍मच नींबू का रस मिला लें । हालांकि इसका टेस्‍ट अच्‍छा नहीं होता है, लेकिन गर्म-गर्म पीने में ज्‍यादा बुरा नहीं लगता है । इस बात का रखें ख्‍़याल कॉफी पीकर वजन कम किया जा सकता है, ये बात अध्‍ययनों में बताई गई है । लेकिन ध्‍यान रहे कि कॉफी का ज्‍यादा आपके शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है । इसलिए ये उपाय इस्‍तेमाल करने से पहले डॉक्‍टर की सलाह ज़रूर लें । पीठ और कंधे के दर्द से हैं परेशान, तो करें हस्त उत्तानासन, जानें अन्य लाभ पीठ या कंधे के दर्द से परेशान हैं, तो आप हस्त उत्तानासन करें । यह एक मात्र ऐसा आसन है, जिसके नियमित अभ्यास से आप इन शारीरिक दर्द को दूर कर सकते हैं । जानें, हस्त उत्तानासन करने के लाभ... स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सटीक देखरेख के अभाव में सर्जरी के बाद कई सालों तक मरीजों को कुपोषण और अन्य कई सारी शारीरिक दिक्कतें आ सकती हैं । संतुलित जीवन, पोषक तत्वों का सेवन और व्यायाम के साथ बात बन सकती है । मोटापे से ग्रस्त युवक-युवतियों के लिए बैरिएट्रिक सर्जरी करना पड़ सकता है । क्या है बैरिएट्रिक सर्जरी का मतलब वजन कम करने के एक ऑपरेशन से है । अक्सर काफी लंबे समय से मोटापे का सामना करने वाले या मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगों को यह सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है । वैसे तो बैरिएट्रिक सर्जरी कई तरह के हैं, लेकिन सर्जन सामान्यतौर पर तीन का उपयोग करते हैं - रॉक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास, वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टॉमी और लैप्रोस्कोपिक एडजेस्टेबल गैस्ट्रिक बैंडिंग । कैसे करती है बैरिएट्रिक सर्जरी असर सर्जरी से जठरांत्र क्षेत्र की संरचना में परिवर्तन लाया जाता है, जिसमें पेट और पाचनतंत्र भी शामिल रहता है । इस सर्जरी के बाद भूख कम लगने लगती है, जिससे लोग भोजन का कम मात्रा में उपयोग करते हैं, जिससे वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है । बैरिएट्रिक सर्जरी के दुष्प्रभाव हैं । दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में मिनिमली इन्वेसिव सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार फैजल मुमताज के मुताबिक, बैरिएट्रिक सर्जरी या मेटाबॉलिक सर्जरी मूल रूप से वजन कम करने वाली एक सर्जरी है और डायबिटीज को ठीक करने में भी यह मददगार है । मुमताज ने बताया कि ये या तो प्रबंधक या प्रतिबंधक का एक संयोजन और पोषण तत्वों का कम मात्रा में अवशोषक हो सकता है । प्रतिबंधित बैरिएट्रिक सर्जरी पेट के आकार को कम कर देती है, जिससे उपयोग की जाने वाली भोजन की मात्रा कम हो जाती है और कम खाने से ही पेट भरने लग जाता है । किशोरों को बचना चाहिए ऐसी सर्जरी से मुमताज ने आगे कहा, मैलेबसोप्र्शन बैरिएट्रिक सर्जरी शरीर में पोषण को सीमित करती है और मरीजों को पोषण सप्लीमेंट दिया जाता है । हाल ही में क्लीनिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपेटोलॉजी में छपे एक लेख के अनुसार, शोधकर्ताओं को पता चला है कि रूक्स-एन-वाई गैस्ट्रिक बाईपास और वर्टिकल स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी से विटामिन बी12 और आयरन की कमी होती है । विटामिन बी12 से ग्रसित लोग न सिर्फ एनीमिया से जूझते हैं, बल्कि अवसाद, चिड़चिड़ापन और भूलने की समस्या भी उन्हें परेशान करती है । वहीं नई दिल्ली स्थित सरोज सुपर स्पेशियलटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट आर. पी. सिंह का कहना है कि किशोरों को इस तरह की सर्जरी से बचना चाहिए । सर्जरी के बाद जीवनशैली में बदलाव लाना है जरूरी मुमताज ने आगे बताया, बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद, जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी हो जाता है । इसमें स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन किया जाना चाहिए और एक संतुलित जीवनशैली अपनाई जानी चाहिए । वैसे और कोई खास सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है, लेकिन बस एक बात दिमाग में रखने की जरूरत है और वह है व्यायाम व स्वास्थ्यवर्धक जीवनयापन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना । बेली फैट और वजन कम करना है, तो पिएं त्रिफला चाय, घर पर ऐसे बनाएं । वजन कम करने के लिए अधिकतर लोग ग्रीन टी का सेवन करते हैं । कई शोध में यह बात साबित भी हो चुकी है कि ग्रीन टी बहुत तेजी से वजन कम करती है । हालांकि, कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें ग्रीन टी का स्वाद अच्छा नहीं लगता है । आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है । कई ऐसे हर्बल टी और मोटापा कम करने में मदद करते हैं । ऐसी ही एक हर्बल चाय है त्रिफला से तैयार चाय । त्रिफला टी पेट की चर्बी कम करने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करती है । त्रिफला तीन फलों आंवला, बहेड़ा और हरड़ को साथ में मिलाकर तैयार किया जाता है । यह हर राशन या आयुर्वेदिक दुकानों पर आपको मिल जाएगा । इसके चूर्ण को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं । हर तरह से यह सेहत के लिए फायदेमंद ही होता है । त्रिफला चाय बनाने का तरीका यदि आप चाहते हैं कि आपकी पेट की चर्बी के साथ ही आपका वजन भी तेजी से घटने लगे, तो आप त्रिफला से तैयार चाय पीना शुरू कर दें । त्रिफला में मौजूद आंवला, हरड़ बालों की सेहत को भी बरकरार रखते हैं । चाय बनाने के लिए आपको चाहिए त्रिफला पाउडर और पानी । एक कप पानी को गर्म करने के लिए गैस पर रख दें । इसमें आधा या एक चम्मच त्रिफला पाउडर डालें । कप बहुत छोटा ना हो । इसमें उबलने दें । साथ ही साथ चलाती भी रहें । आंच बंद कर दें और इसे चाय की तरह पिएं । आप मीठा करने के लिए थोड़ा सा शहद भी डाल सकते हैं । रात में पीने की बजाय सुबह खाली पेट पीने से लाभ अधिक होगा । दरअसल, रात में त्रिफला वाली चाय इसलिए भी नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि यह मूत्रवर्धक होता है । त्रिफला टी के 8 फायदे 1 इस चाय को पीने से पेट में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है । 2 शरीर में जमी अनहेल्दी फैट को बर्न करती है । 3 इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म में सुधार आता है, जिससे वजन तेजी से कम होता है । 4 जिनका पाचन तंत्र हमेशा खराब रहता है, उन्हें भी इस चाय का सेवन करना चाहिए । 5 कब्ज की समस्या से जो लोग परेशान रहते हैं, उन्हें भी यह चाय जरूर पीनी चाहिए । ऐसा इसलिए क्योंकि त्रिफला एक नेचुरल लैक्सेटिव  की तरह काम करता है । वजन घटाना चाहते हैं, तो पाचन की सेहत दुरुस्त होनी चाहिए । 6 इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी होता है, जो फ्री रेडिकल्स से शरीर को बचाता है । पेट में सूजन की समस्या भी नहीं होने देती यह चाय । 7 त्रिफला टी पीने से नींद ना आने की समस्या भी दूर होती है । पर्याप्त नींद लेने से संपूर्ण सेहत अच्छी बनी रहती है । 8 कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना है । त्रिफला टी आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है । साथ ही तनाव और चिंता भी दूर करने में मदद करती है । रनिंग और वॉकिंग कम से कम 30 मिनट के लिए दिन में 2 बार दौड़ने की आदत बनाएं, पसंदीदा समय सुबह और शाम को होना चाहिए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दौड़ने के बाद हार्ड भोजन न करें, बल्कि अपनी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए फलों का रस लें । स्वीमिंग एक 155 पाउंड का व्यक्ति एक घंटे तक तैरकर 704 कैलोरी बर्न कर सकता है । साइकिल चलाना 13 से 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से साइकिल चलाने से एक घंटे में लगभग 500 कैलोरी बर्न की जा सकती है । रस्सी कूदना आप प्रत्येक दिन में दो बार 10 मिनट के सेशन में 200 से अधिक कैलोरी बर्न कर सकते हैं । वजन कंट्रोल में रखना है, तो इन 8 टिप्स को ना करें नजरअंदाज वजन कम करने के लिए रनिंग बेहतर है या वॉकिंग, जानें यहां रनिंग और वॉकिंग करने वाले लोगों का डाटा इकट्ठा किया गया । लंबे वक्त के बाद इसमें देखा गया कि जो लोग दौड़ लगाते हैं, वह वॉकिंग करने वाले लोगों की तुलना में खुद को ज्यादा फिट रखते हैं । रनिंग करने वाले लोग लंबे समय तक एक समान फिट और तंदरुस्त रहते हैं । सूप जो पेट का मोटापा और वजन घटाता है क्या सच में कम खाने की वजह से लोगों का मोटापा कम होता है ? अगर यह इतना आसान होता तो हर कोई कुछ दिन खाना कम खाकर पेट की चर्बी कम कर सकता है । सही समय पर अगर बॉडी डिटॉक्स किया जाता है तो उसका अधिक फायदा होता है. शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर करने का समय आ गया है उसे जानने के लिए इन लक्षणों के बारे जरूर जानना चाहिए. क्या आप बढ़ते वजन, बाहर निकलते हुए तोंद, बेली फैट, कब्ज, गैस जैसी समस्याओं से परेशान हैं? यदि हां, तो अजवायन-जीरा पानी पीकर अपनी इन समस्याओं समाधान कर सकते हैं । यह एक खास औषधि पेय है, जिसे पीते ही आपका वजन और तोंद कम होने लगेगा । यकीन नहीं, तो एक महीने के लिए इस पेय पदार्थ को पीकर देखें । जीरा और अजवायन पानी शरीर पर जादुई असर करता है । यह मोटापा, वजन, बेली फैट घटाने के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों को जड़ से मिटाने में सहायक है । कब पिएं यह अजवायन और जीरा पानी अजवायन और जीरा पानी रोज सुबह खाली पेट पिएं । लगातार 20 से 25 दिन पीने पर ही असर दिखने लगेगा । जीरा-अजवायन पानी पीकर कोई भी शरीर के बढ़ते वजन पर काबू पा सकता है । यदि आप इसे लगातार 2-3 महीने पी लिए, तो शरीर पहले जैसा दुबला-पतला हो जाएगा । तेजी से वजन घटाने में अजवायन और जीरा मिला हुआ पानी का सेवन अचूक औषधि रूप है । आपको चाहिए जीरा  1 चम्मच 1 चम्मच अजवायन 1 गिलास पानी बनाने का तरीका अजवायन और जीरा को रात में 1 गिलास पानी में भिगो कर रख दें । सुबह उठकर हल्की आंच में उबालें । फिर उबले हुए इस पानी को छान लें । इसे गुनगुना होने पर पिएं । अजवायन और जीरा को चबाएं नहीं सिर्फ पानी ही पिएं । अजवायन-जीरा पानी पीने के 1 घंटे के बाद ही हेल्दी चाय, काॅफी आदि पिएं । जल्दी फायदे के लिए जीरा-अजवायन पानी दिन के खाने से 1 घंटे पहले भी पी सकते हैं । इस पानी को पीने के साथ तलीभुनी चीजें, जंकफूड, फास्टफूड्स, शराब, बीयर, आलू, चावल अधिक मीठी चीजें खाना कम कर दें । सुबह शाम सैर, योग, व्यायाम, वर्कआउट करें । भोजन सीमित मात्रा में खाएं । भूख से 20 प्रतिशत तक कम खाएं । रात में हल्का भोजन करें । हरी सब्जियां, फल, फलों का जूस, संतुलित आहार डाइट में शामिल करें । वजन घटाने के लिए डाइट प्लान वजन घटाने के लिए आप एक्सरसाइज करते हैं, जिम में घंटों वर्कआउट करके पसीना बहाते हैं, लेकिन जब तक आपका डाइट सही नहीं होगा वजन कम नहीं होगा । जानें, ओट्स से बनने वाले इन फूड्स के बारे में...... ओट्स पालक पनीर खाएं, वजन घटाएं आपके रोज के पालक पनीर में कुछ नयापन लाने के लिए इस रेसिपी को ट्राइ कीजिए । ओट्स उपमा भी है लाभदायक यह उपमा लो फैट, पौष्टिकता से भरपूर और स्वादिष्ट होता है । ओट्स और कॉर्नफ्लेक्स का लड्डू ओट्स कॉर्नफ्लेक्स को साथ मिलाकर जो लड्डू बनेगा वह यम्मी और हेल्दी के सिवा कुछ भी नहीं हो सकता । ओट्स चाट स्नैक टाइम में छोटे भूख के लिए इससे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है । उपरोक्त सामग्री का जूस तैयार कर लें और सोने से पहले ड्रिंक का पी लें । आप इसे एक महीने तक जारी रख सकते हैं और फिर एक सप्ताह का ब्रेक ले सकते हैं । यदि आपको आवश्यकता है, तो आप फिर से चक्र शुरू कर सकते हैं । अंगूर और दालचीनी ड्रिंक 500 मिलीलीटर अंगूर का रस , 1 गिलास पानी, 2 दालचीनी छड़ें, 1 एनीज बीज, पुदीने की पत्तियां, बर्फ, थोड़ी चीनी कैसे सेवन करें एक पैन में चीनी, पानी और दालचीनी को मिलाएं और सिरप बनाएं । चीनी पिघलने तक इसे पांच से दस मिनट तक उबाल लें । इसे ठंडा होने दें । एक मटकी में रस, सिरप और पानी को मिलाएं । बर्फ जोड़ें और इसे टकसाल और अनाज के साथ गार्निश करें । शकरकंद क्यों? शकरकंद में फाइबर होता है, जो स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है, साथ ही साथ यह कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग के खतरे को कम करता है । शकरकंद बढ़ाता है आपकी उम्र इस बात को शोधकर्ता भी प्रमाणित कर चुके हैं । वजन कम करने के लिए कौन से कार्ब्स फायदेमंद होते हैं डायटिंग करते समय विविधता महत्वपूर्ण है और केवल शकरकंद खाना किसी के लिए भी उबाऊ हो सकता है । अपने आहार में शामिल करें ये 5 कार्ब्स शकरकंद सबसे अच्छा विकल्प हैः अपने भोजन के दौरान इसका अधिकतर उपयोग करें । क्विनोआ एक्सरसाइज के बाद एक अच्छा फूड, लेकिन इसे प्रेशर कूकर में पकाने के कारण इसके लेक्टिन गुण खत्म हो जाते हैं इसलिए यह पाचन समस्या वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है । दाल और फलियां फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स में उच्च दाल और फलियां उन लोगों के लिए अच्छे हैं, जो अधिक शाकाहारी प्रोटीन विकल्प खाना पसंद करते हैं । फल और केले केले में नींद हार्मोन मेलाटोनिन को बढ़ाने और साथ ही रक्त एंटीऑक्सीडेंट के स्तर में सुधार करने की क्षमता है । ओट्स ये अत्यधिक पौष्टिक होते हैं, जिनमें फाइबर, बीटा ग्लूकन होता है । अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त होने से आपको कम उम्र में ही थायरॉइड, पीसीओडी और डायबिटीज जैसी बीमारियों के होने का खतरा बढ़ सकता है । पेट की चर्बी यानी पेट में वसा का इकट्ठा होना शरीर के लिए किसी भी रूप में सही नहीं होता है । पेट में चर्बी जमा होने से ब्लड लिपिड डिसऑर्डर, डायबिटीज और हार्ट डिजीज के होने का रिस्क भी बढ़ता है । ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते ही बेली फैट कम करने के तरीके आजमाएं । हालांकि, बेली फैट को कम करना आसान नहीं होता है । यदि आप भी कई तरकीबें आजमाकर हार चुके हैं, तो अब ट्राई करें 2 मिनट जापानी टेक्नीक कम करने में मदद करती है । हाल के दिनों में यह टेक्नीक वजन कम करने वालों के बीच काफी पॉपुलर हई है । जापानी तकनीक जो पेट की चर्बी यूं करे कम बेली फैट को कम करने की इस जापानी टेक्नीक ने । इस तकनीक के जरिए माइक ने कुछ ही हफ्तों के अंदर लगभग 13 किलोग्राम वजन और 4.7 इंच कमर की चौड़ाई कम करने में सफलता हासिल की । सबसे हैरानी की बात तो यह थी कि माइक वजन कम करने से राहत पाने के लिए यह एक्सरसाइज कर रहे थे । इस टेक्नीक को करने में सिर्फ 2 मिनट लगते हैं और इसे करना काफी आसान है । बेली फैट कम करने के नाम से जाना जाता है । पेट की चर्बी कम करने की इस जापानी तकनीक में आपको एक निश्चित स्थिति में खड़े रहना होता है, जिसमें 3 सेकेंड तक सांस लेना और 7 सेकेंड के लिए जोर से सांस बाहर छोड़ना शामिल है । कई शोधों में भी यह बात सामने आई है कि ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से भी वजन कम होता है । पेट की चर्बी कम करने के लिए जापानी एक्सरसाइज कैसे करें? पेट की चर्बी को जल्दी कम करने के लिए आपको हर दिन 2 से 10 मिनट के लिए इस बेली फैट एक्सरसाइज को करनी होगी । जब हम सांस लेते हैं, तो ऑक्सीजन वसा कोशिकाओं तक पहुंचती हैं और पानी और कार्बन में टूट जाती हैं । शरीर जितना अधिक ऑक्सीजन का उपयोग करता है, उतना ही अधिक आप वसा जलाने में सक्षम होंगे । सीधे खड़े हो जाएं । एक पैर आगे और दूसरा पैर पीछे रखें । अपने बट को तानें और शरीर के पूरे भार को पीछे वाले पैर पर डालें । अपनी दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं । धीरे-धीरे 3 सेकेंड के लिए सांस लें । अपने शरीर की सभी मांसपेशियों को तानते या खींचते हुए 7 सेकेंड के लिए जोर से सांस छोड़ें । इस प्रक्रिया को आप 2 से 10 मिनट तक जितनी बार कर सकते हैं करने की कोशिश करें । इस एक्सरसाइज को करने से ना सिर्फ पेट की चर्बी तेजी से कम होगी, बल्कि शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी, मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा । बेली फैट कम करने के लिए डायट टिप्स बेली फैट कम करने के लिए 2 मिनट की जापानी टेक्नीक करने के साथ ही आपको अपनी डायट का भी खास ख्याल रखना होगा । जानें, पेट की चर्बी कम करते समय क्या खाएं और क्या ना खाएं- बैली फैट कम करते समय क्या ना खाएं डीप फ्राइड और जंक फूड शुगरी ड्रिंक, फ्रूट जूस व्हाइट ब्रेड पास्ता एल्कोहल, बीयर शुगरी फूड्स और डेजर्ट्स बैली फैट कम करते समय क्या खाएं केला दही बेरीज ताजे फल और सब्जियां नट्स और सीड्स फैटी फिश दाल और फलियां लीन मीट । वजन को नियंत्रित और सेहत को दुरुस्‍त रखने के लिए दिन भर में एक मुट्टी नट्स और ड्राय फ्रूट्स काफी होते हैं । इनमें आप सीड्स भी शामिल कर सकते हैं । यह हर व्‍यक्ति के लिए बढि़या पैमाना है । आपकी जितनी बड़ी मुट्ठी हो बस उतने ही मेवे आपको दिन भर में खाने हैं । अगर आप डायबिटीज या हाइपरटेंशन से पीडि़त हैं, तो आपको इनके लिए अपने डॉक्‍टर से परामर्श करना चाहिए । कुछ ड्राय फ्रूट्स संतृप्‍त और असंतृप्‍त वसा एवं शुगर की मात्रा ज्‍यादा होती है । जबकि कुछ की तासीर गर्म होती है । इन्‍हें बिना भिगोए नहीं खाना चाहिए । Coconut oil contains medium-chain fatty acids which oil have antimicrobial properties that can help protect against harmful skin infections like acne वजन घटाने के समय भूख को कंट्रोल करने के लिए कई डाइट टिप्स आप पढ़ते रहते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज ऐसी हैं जो भूख को कंट्रोल करने में आपकी मदद करती हैं । 5 ऐसी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज होती हैं जो आपको फिट रखने के साथ भूख कंट्रोल करने में भी मदद करती हैं । इन 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के मदद से शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने के साथ भूख को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं । भूख कंट्रोल करने में स्ट्रेचिंग कैसे मदद करती है ? स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज का मुख्य काम होता शरीर के पूरे अंग को संचालित करना और लचीलेपन को बढ़ाना । खराब और अनहेल्दी खाने की आदत को कंट्रोल करने में स्ट्रेचिंग  एक्सरसाइज मददगार होती है । कई शोधों में यह पाया गया है कि स्ट्रेचिंग करने से अधिक खाने की आदत को कंट्रोल करने में यह मददगार होती है । अगर आप में भी अधिक खाने की आदत है तो स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें । आइए जानते हैं उन 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में जो भूख को कंट्रोल करती हैं । ब्रिज स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जब आप  करते हैं तो यह पेट के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करता है । अधिक खाने की वजह से पेट के बढ़े हुए आकार को नियंत्रित करता है और भूख को कंट्रोल करने में मदद करता है । कैसे करें ब्रिज स्ट्रेचिंग  अपने हाथों से अपनी पीठ के बल लेट जाएं और हथेलियां फर्श पर सपाट रहें । अपने पैरों को हिप-चौड़ाई से अलग रखें और अपने घुटनों को मोड़ें । आपके पैरों को जमीन पर सपाट रखा जाना चाहिए । अब अपने बट और चेस्ट को छत की तरफ ऊपर ले जाएं । हमारे कंधे और पैरों के पीछे अपने शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें । कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और साँस अंदर और बाहर करते रहें । स्पाइनल ट्विस्ट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज यह व्यायाम तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है और आपको ओवरईटिंग से बचाता है । यह आपके महत्वपूर्ण अंगों के माध्यम से रक्त प्रवाह को बेहतर करने में भी मदद करता है । स्पाइनल ट्विस्ट स्ट्रेचिंग कैसे करें जमीन में अपनी पीठ के बल लेट जाएं । अपने हाथों को एक टी-आकार में फैलाएं और अपने दाहिने घुटनों को अपने पैरों को जमीन पर फ्लैट करें । अपने बाएं पैर को सीधा रखें और अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं तरफ इस तरह मोड़ें कि आपके दोनों पैर एक-दूसरे के ऊपर रहें । पैरों को जमीन पर सपाट रखें । अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर खींचें, सुनिश्चित करें कि आपके कंधे जमीन पर सपाट हैं । पैरों को वापस बीच में लाएं और दूसरी तरफ उसी तरह दोहराएं । एबीएस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कोर और पेट की मांसपेशियों को एबीएस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज मजबूत करता है । बेली फैट को अगर कम करना है तो यह सबसे बेहतर स्ट्रेचिंग होती है । एबीएस स्ट्रेचिंग कैसे करें अपने घुटनों को मोड़कर और कूल्हे-चौड़ाई को अलग रखते हुए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं । अब अपने दोनों हाथों को अपने सिर के पीछे रखें और अपनी कोहनी को छत की तरफ ले जाएं । इसके बाद दोनों पैर को साथ में जोड़ते हुए छत की तरफ ले जाएं । इस स्थिति में कुछ देर रूके और वापस नार्मल स्थिति में आ जाएं । जब आप यह करें तो सांस अंदर की तरफ लें और नार्मल होने पर सांस को छोड़ें । वारियर 2 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज छाती और पैरों की मजबूती के लिए वारियर 2 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज सबसे अच्छी होती है । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने के लिए वारियर 2 स्ट्रेचिंग फायदे वाली होती है. कैसे करें वारियर 2 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज  पैरों को जितना संभव हो उतना सीधा खड़ा करें । अब अपने दाहिने पैर की उंगलियों को दाईं ओर मोड़ें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर झुकें । बाएं पैर को लगभग 15 डिग्री तक अंदर की ओर मोड़ें । सुनिश्चित करें कि आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र से जुड़ी हुई है । अपने दोनों हाथ बग़ल में उठाएं, ताकि वे आपके कंधे के स्तर पर हों । आपकी हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए । अब एक गहरी साँस लें और साँस छोड़ें । अपने सिर को देखें और अपने दाईं ओर देखें । धीरे से अपने श्रोणि को जितना हो सके उतना नीचे धकेलने का प्रयास करें । कोबरा पोज स्ट्रेचिंग कोर और शरीर को मजबूत करने के लिए कोबरा पोज स्ट्रेचिंग अच्छी होती है. रीढ़ और तंत्रिका तंत्र को बेहतर संचालित करने में मदद करता है । कैसे करें कोबरा पोज स्ट्रेचिंग जमीन पर अपने पैर की उंगलियों के साथ अपने पेट के बल लेट जाएं और आपका माथा जमीन पर टिका हुआ है । अपने दोनों पैरों को साथ रखें । अपने हाथों को अपने कंधों के पास इस तरह रखें कि आपकी कोहनी समानांतर और आपके धड़ के करीब हो । श्वास लें और धीरे-धीरे अपने सिर, छाती और पेट को ऊपर उठाएं, जिससे आपकी नाभि जमीन पर टिका रहे । अपने हाथों के सहारे अपने धड़ को पीछे खींचें । अपनी रीढ़ को मोड़ते हुए सांस लेते रहें और अपने हाथों को सीधा रखें । अपने सिर को पीछे झुकाएं और ऊपर देखें । अपने आप को ओवरस्ट्रेन न करें । कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं । वजन कम करने के लिए क्या नहीं खाना चाहिए. वजन कम करने के लिए भोजन. मोटापा कम करने के लिए सुबह नाश्ते में क्या खाना चाहिए. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट. पेट कम करने के लिए क्या खाना चाहिए. वजन कम करने वाले आहार. कैसे 2 सप्ताह 10 किलो में तेजी से वजन कम करने के लिए. वजन कम करने के लिए घरेलू उपाय. चावल और रोटी भारतीय खान-पान का सबसे महत्वपूर्ण भोजन हैं । लगभग हर भारतीय रोजाना चावल और रोटी दोनों का सेवन करता है । लेकिन जो लोग मोटापा के शिकार हो जाते हैं उनको जब वजन घटाना हो या वजन कम करना होता है तो इन दोनों की खाद्य पदार्थों को बंद कर देते हैं । वजन घटाने के लिए सामान्य नियम यह है कि आपको कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों को कम खाना है या बिल्कुल नहीं खाना होता है । हेल्थ एक्सपर्ट्स और डाइट एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि भारतीय खान-पान में बहुत ज्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है । कार्बोहाइड्रेट के साथ अगर तुलना करें तो भारतीय खान-पान में प्रोटी की मात्रा बहुत कम पायी जाती है । जबकि वजन घटाने या वजन कम करने के लिए प्रोटीन की मात्रा अधिक और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करना होता है । रोटी में सिर्फ कार्बोहाइड्रेट पाया जाता ऐसा नहीं है, रोटी में कार्ब के अलावा अन्य पोषक तत्व भी पाये जाते हैं जिनमें प्रोटीन और फाइबर प्रमुख हैं । प्रोटीन और फाइबर शरीर के लिए सबसे जरूरी हैं । रोटी में देखा जाय तो सामान्य रोटी में लगभग 15 ग्राम कार्ब्स, 3 ग्राम प्रोटीन, 0.4 ग्राम फैट और लगभग 71 कैलोरी काउंट होता है । चावल में कितनी कैलोरी और पोषक तत्व चावल में अगर देखा जाय तो कार्बोहाइड्रेट ज्यादा पाया जाता है । एक छोटी कटोरी चावल में 1 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम फैट और लगभग 18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है । कैलोरी के हिसाब से भी यह रोटी से अधिक लगभग 80 कैलोरी देता है । रोटी और चावल में क्या ज्यादा फायदेमंद रोटी और चावल दोनों में पर्याप्त ऊर्जा देने वाले पोषक तत्व होते हैं । दोनों में विटामिन बी पाया जाता है जो शरीर में नई कोशिकाओं को बनाने और डीएनए को संचालित करता है । आयरन के हिसाब से देखा जाय तो दोनों में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है । चावल और रोटी में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम और फास्फोरस की मात्रा होती है जो शरीर में ब्लड बनाने की भूमिका निभाते हैं । रोटी क्यों है ज्यादा फायदेमंद ? डाइट एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर चावल और रोटी में किसी एक को चुनना हो तो रोटी ज्यादा फायदेमंद है । रोटी ज्यादा फायदेमंद इसलिए भी है, क्योंकि इसमें चावल के मुकाबले ज्यादा फाइबर पाया जाता है । भारत में ज्यादातर सफेद चावल का उपयोग होता है जिसमें बहुत कम पोषक तत्व और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है । चावल का अधिक सेवन शरीर में ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम करता है । अगर डाइट में चावल ज्यादा पसंद है तो ब्राउन राइस का उपयोग ज्यादा बेहतर होता है । वजन घटाने के लिए कितने कार्ब्स वाली डाइट जरूरी अगर आप वजन घटाना चाहते हैं या वजन कम करने पर काम कर रहे हैं तो आपको अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित करना होता है । कैलोरी की हिसाब से देखा जाय तो रोजाना के हिसाब से अगर 2000 कैलोरी वाला आहार लेते हैं तो आपको 225 से 325 ग्राम कार्ब्स का सेवन करना चाहिए । यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि अगर आप तेजी से वजन कम करना चाहते हैं या जल्दी वजन घटाना चाहते हैं तो आपको एक दिन में मात्र 50 से 150 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए । एक दिन में कितनी रोटी खा सकते हैं ? एक दिन में रोटी कितनी खाएं यह आपके पूरे भोजन के तुलना पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है । अगर आप दोपहर के भोजन में एक कटोरी चावल खा रहे हैं तो आपको 2 रोटी से ज्यादा नहीं खाना चाहिए । एक कटोरी चावल में लगभग 400 कैलोरी पाया जाता है । अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर के लिए साबूत अनाज या अंकुरित अनाज को शामिल कर सकते हैं । खाने में पर्याप्त मात्रा में सब्जियों को भी जगह दें । रात के समय चावल खाने से बचना चाहिए । रात में एक पराठा खा सकते हैं जिसमें कुछ हेल्दी चीजें भरी गयी हों । अगर वजन कम करने पर काम कर रहे हैं तो आप रात का भोजन छोड़ भी सकते हैं । चावल और रोटी को कम कर रहे हैं तो ऊर्जा के लिए क्या खाएं चावल और रोटी में भले ही कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है लेकिन पूरे दिन के लिए शरीर को ऊर्जा भी इसी से मिलती है । अगर हम चावल और रोटी को अपने खाने से कम कर रहे हैं तो ऊर्जा के लिए हमें और खाद्य पदार्थों को शामिल करना होगा । इसके लिए आपको रोटी के प्रकार को बदलना होगा । आम रोटी की जगह आपको कम प्रोसेस्ड आटे वाली रोटी खानी चाहिए जिसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है । इसके अलावा आप अपने खाने में साबूत अनाज को जगह दे सकते हैं जो आपको ऊर्जा के साथ पोषण देने का काम करते हैं और वजन घटाने में भी मदद करते हैं । जानिए वजन घटाने के लिए कौन सी डाइट है ज्‍यादा फायदेमंद बॉडी को डिटॉक्स करके मोटापा कम करती हैं ये 2 ग्रीन स्मूदी ग्रीन स्मूदी पूरे विश्व के डाइट एक्सपर्ट डाइट में शामिल करने के लिए बोलते हैं । हरी सब्जी और फल शरीर को सिर्फ डिटॉक्स नहीं करते बल्कि जरूरी पोषक तत्व भी देते हैं । फल और सब्जियों से बनी हरी स्मूदी में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल की ऊँची मात्रा होती है जो आपके पाचन और उत्सर्जन प्रणाली पर हर तरह के पॉजिटिव असर डालती है । मोटापा कई रोगों का जड़ होता है । हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, याद्दाश्त कमजोर होना, जोड़ों में दर्द , हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि का खतरा बढ़ जाता है । आपको भी लग रहा है कि आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है या आप पहले से ही मोटापे का काम शुरू कर दें । आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए, जो तेजी से शरीर में जमी चर्बी यानी फैट गलाते हैं । इन एक्सरसाइज को करने के लिए आपको जिम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । घर या पार्क में भी इन सभी एक्सरसाइज को किया जा सकता है । हम आपको 5 ईजी वेट लॉस एक्सरसाइजेज मोटापा को कम कर सकते हैं… मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए 5 ईजी एक्सरसाइज 1 साइकिलिंग से घटाएं मोटापा मोटापा तेजी से कम करने के लिए साइकिल चलाना शुरू कर दें । मोटापा हार्ट अटैक आने, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज जैसे रोगों को बढ़ाने का मुख्य कारण होता है । चाहते हैं कि आपको कम उम्र में ये रोग ना हों, तो आज से ही रोज साइकिल चलाना शुरू कर दें । साइकिल चलाने से कैलोरी तेजी से बर्न होती है । साथ ही पैरों और जांघों के फैट बर्न होने से वे दोबारा शेप में आएंगे । 2 रोज सुबह 30 मिनट करें रनिंग दौड़ने से कई शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं । इससे हड्डियों और मांशपेशियों को मजबूती मिलती है । शरीर लचीला बनता है । शरीर में रक्त का प्रवाह सही तरीके से बना रहता है । हार्ट अपना काम प्रॉपर तरीके से करता है । 3 मोटापा कम करना है तो जॉगिंग भी है जरूरी चाहे मोटापे से ग्रस्त लोग हों या दुबले-पुतले लोग, हर किसी को जॉगिंग करनी चाहिए । यह तेजी से वजन कम करने और फिट रहने में मदद करती है । जॉगिंग आसानी से कैलोरी बर्न करती है । सुबह के समय 30 मिनट जॉगिंग करना सबसे बेहतर माना गया है । इससे आप कई रोगों से बचे भी रह सकते हैं । 4 एरोबिक्स से घटाएं वजन मोटे होने पर हेवी वर्कआउट करना आसान नहीं, ऐसे में आप एरोबिक्स और डांस का अभ्यास करें । इससे आपका शरीर पूरी तरह से मूव करता है । जुम्बा, एरोबिक्स, कोई भी डांस फॉर्म या वेट ट्रेनिंग का अभ्यास दिन में 15 से 20 मिनट जरूर करें । 5 स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी जरूरी है । इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है । शरीर को ताकत मिलती है । शरीर के सभी अंग सही तरीके से अपना कार्य कर पाते हैं । सेब फैट-बर्निंग फल होता है जो आपके बेली फैट को कम करता है । इसके अलावा सेब में फाइबर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आपको अधिक भूख नहीं लगती है । इसके अलावा सेब में कैलोरी भी कम मात्रा में होता है । गर्मी के दिनों में आप अपने शरीर को जितना हाइड्रेट रखने की कोशिश करेंगे, उतने ही आप इन दिनों होने वाली समस्याओं से बचे रहेंगे । शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि शरीर में पानी की कमी के कारण आप डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं । डॉक्टर भी गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करने की सलाह देते हैं । आप भी सादा पानी खूब पीते होंगे लेकिन खुद को एनर्जी से भरपूर रखना है, तो सिर्फ पानी पीने से काम नहीं बनेगा । आपको एनर्जी देने वाला ड्रिंक का सेवन करना होगा । आपने नारियल पानी, जूस, आम पन्ना तो पिया ही होगा, अब खस का शर्बत पीकर देखें । बढ़ते तापमान में खस का शर्बत आपको अंदर से कूल रखेगा । यह ऐसा पेय पदार्थ है, जो टेस्टी और हेल्दी दोनों होता है । अपनी दिनचर्या में खस का शर्बत जरूर शामिल करें । इससे दिमाग को ठंडक तो मिलेगी ही साथ ही शरीर भी हाइड्रेट रहेगा । यदि आप नहीं जानते हैं कि खस क्या है और कैसे यह हमें फायदा पहुंचाता है, तो आपको बता दें कि खस एक प्रकार की सुगंधित घास होती है, जिसका इस्तेमाल कई खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है । खस में मौजूद कई पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गर्मियों में शरीर को कई बीमारियों से दूर रखते हैं । जानें, खास का शर्बत पीने के फायदे- देता है इंस्टेंट एनर्जी खस का शर्बत आपको इंस्टेंट एनर्जी देता है । इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी । शरीर को गर्मियों में होने वाले हीट स्ट्रोक से भी खस का शर्बत बचाता है । ब्लड सर्कुलेशन होता है ठीक खस का शर्बत आपके ब्लड सर्कुलेशन को भी कंट्रोल करके रखता है । खस के अंदर, आयरन, मैंगनीज और विटामिन बी 6 होता है । आयरन जहां खून को साफ करता है वहीं मैग्नीज शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है । आंखों की जलन हो दूर गर्मी में आंखों में जलन और इनके लाल होने की समस्या अक्सर बढ़ जाती है । ऐसा तभी होता है जब शरीर के भीतर गर्मी बढ़ जाती है । इससे निजात पाने के लिए आप रोजाना खस के शर्बत का इस्तेमाल कीजिए । आंखों के लाल होने और जलन की समस्या आसानी से दूर हो जाएगी । इम्यूनिटी करे बूस्ट खस का शर्बत आपके शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने में मदद करता है । इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑर्गन और टिशूज को भी फ्री रेडिकल्स की समस्या से बचाते हैं । सर्दियों में हमें भले ही मजा आता हो और गर्मागर्म फूड खाने का मन करता हो लेकिन ये मौसम हमारी स्किन के लिए बहुत कठोर समय लेकर आता है । इस मौसम में हमें खुद को गर्म रखने के लिए ऐसे फूड्स का चयन करना चाहिए, जो हमें गर्मी प्रदान करें और साथ ही हमारी स्किन में नमी को बरकरार रखें । अगर आप चाहते हैं कि आप इस सर्दी में खुद से अंदर से गर्म रखें और आपकी स्किन पूरी तरह से समस्या-मुक्त रहे तो आपको सर्दियों में अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करना चाहिए, जो ये दोनों काम एक साथ करते हों । ठंड में सिर्फ अपने स्किनकेयर उत्पादों को बदलने के बजाय आपको अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करना चाहिए, जो हेल्दी भी हों और आपकी स्किन को भी हेल्दी रखें । तो आइए जानते हैं ऐसे 5 फूड्स के बारे में जो आपको ठंड के दिनों में गर्मी के साथ-साथ हेल्दी स्किन भी देने का काम करेंगे । आपने सोया मिल्क, कोकोनट मिल्क का सेवन किया होगा, लेकिन क्या कभी ओट मिल्क पिया है? यदि नहीं, तो इसे डायट में जरूर शामिल करें । ओट मिल्क लैक्टोज फ्री होता है, जिसे फिटनेस फ्रीक लोग ज्यादा पसंद करते हैं । अब अधिकतर लोग दूध की जगह वेगन डाइट में ओट मिल्क को शामिल कर रहे हैं । एक शोध के अनुसार गाय और भैस की दूध की जगह ओट मिल्क का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह काफी हेल्दी होता है । जो लोग वजन कम करने के लिए डायटिंग कर रहे हैं, उनके लिए भी ओट मिल्क एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें फैट की मात्रा बहुत कम होती है । इस मिल्क को वेगन मिल्क भी कहते हैं । जानें, ओट मिल्क के फायदे और इसे बनाने का तरीका… क्या है ओट मिल्क? अन्य नॉन-डेयरी पेय पदार्थों की तरह, ओट मिल्क गाय के दूध का एक वेगन विकल्प है । ओट मिल्क को जई से बनाया जाता है । पानी और ओट या जई को एक साथ ब्लेंड करके तैयार किया जाता है । उसके बाद इसे छान लिया जाता है । इसे किसी जार में रख दें । यह बिल्कुल दूध की तरह दिखता है । इसे आप एक से दो दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं । वेगन डाइट प्लान या शाकाहारी डाइट प्लान में ओट मिल्क का सेवन किया जाता है । बाजार में ओट मिल्क अलग-अलग फ्लेवर में उपलब्ध होता है । ओट मिल्क में मौजूद न्यूट्रिशन कैलोरी- 100 फैट- 7 ग्राम सोडियम- 100 एमजी कार्बोहाइड्रेट्स- 9 ग्राम शुगर- 2 ग्राम फाइबर- 1 ग्राम प्रोटीन- 2 ग्राम कैल्शियम- 254 एमजी कैसे करें ओट मिल्क का इस्तेमाल ओट मिल्क की खासियत ये है कि इसका फ्लेवर माइल्ड और टेक्सचर स्मूद होता है । इस दूध में आप चाय और कॉफी दोनों बनाकर पी सकते हैं । स्मूदीज, बेक्ड गुड्स बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है । ध्यान रखें यह बात जो लोग डेयरी, सोया या नट्स का सेवन नहीं करते हैं, उनके लिए ओट मिल्क एक बेहतर नॉन-डेयरी या गाय के दूध की जगह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है । हां, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-12 और विटामिन डी की कमी होती है, इसलिए अन्य स्रोतों से अपने आहार में इन पोषक तत्वों को प्राप्त करना ना भूलें । ओट मिल्क के फायदे 1 यह एक डेयरी उत्पाद का विकल्प है । जो लोग वेगन डाइट प्लान अपनाते हैं, उनके लिए बेस्ट है । 2 ग्लूटेन फ्री डाइट वाले लोगों के लिए भी ओट्स मिल्क सबसे अच्छा होता है । 3 वेट लॉस डाइट प्लान के लिए भी बेस्ट दूध होता है । ओट मिल्क में फैट की मात्रा नहीं होती है । इसमें फाइबर और कैल्शियम की मात्रा भी बहुत अधिक होती है । 4 जिन्हें डेयरी उत्पादों से एलर्जी होती है, उनके लिए बेस्ट है ओट मिल्क । 5 डायबिटीज रोगियों को भी इसका सेवन करने से फायदा होता है । योगासन, पेट कम करने के उपायों में से एक है । दो योगासनों के नियमित अभ्यास से दो-तीन महीने के अंदर पेच की चर्बी कम होने लगेगी । जिसे घटाने में वक़्त और मेहनत ज़्यादा लगती है । आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं थकान की वजह से सुस्त हो जाती हैं । जिसके चलते वे एक्सरसाइज़ करने से बचती हैं । इसी तरह, बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के लिए वे हाई-फैट, हाई-कैलोरी डायट भी लेती हैं । जिससे, उनका वज़न और अधिक बढ़ने लगता है । नतीजतन पोस्ट-प्रेगनेंसी पीरियड में बेली फैट निकलने लगता है और महिलाओं की फिगर भी बिगड़ जाती है । लेकिन, डायट पर ध्यान देने और कुछ योगासनों की मदद से यह प्रेगनेंसी वेट कम करने में मदद हो सकती है । कोविड-19 महामारी कम होने का नाम नहीं ले रही है । दिन-ब-दिन इस संक्रमण के मरीज़ों की संख्या बढ़ती ही जा रही है । जिसके कारण लोगों को अपनी सेहत को लेकर चिंता भी होने लगी है । वहीं, आर्थिक नुकसान को काबू में करने के लिए सरकार ने धीरे-धीरे अब लॉकडाउन में ढील देने की शुरुआत कर दी है । लेकिन, सरकार के इस कदम से फायदा कम और नुकसान ज़्यादा हुआ है । क्योंकि, अनलॉक और बरसात का मौसम शुरु होने के बाद, कोविड-19 के मामलों में फिर से उछाल देखा गया । अब देश में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 10 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है । अस्पतालों में इलाज के लिए सुविधाओं की भारी कमी है । जिससे, मरीज़ों को बहुत अधिक परेशानी हो रही है । ऐसे में व्यक्तिगत स्तर पर जितना भी हो सके । इस संक्रमण की चपेट में आने से बचना चाहिए । इसीलिए, हाथ धोते रहें, मास्क पहनकर ही बाहर निकलें । साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों और ड्रिंक्स का सेवन करें । ये रहे कुछ ऐसे ही हेल्दी और नैचुरल ड्रिंक्स, जो आपके इम्यून सिस्टम को काम करने में सहायता करते हैं । प्याज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं जो आपकी गट हेल्थ को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं । जब आपकी गट हेल्थ मजबूत होती है तो वजन घटाने में आसानी होती है । प्याज एक प्रोबॉयोटिक फूड है जिसे कच्चा खाने से वजन तेजी से कम होता है । वैसे तो प्याज का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, लेकिन आज हम आपको 2 ऐसे खास तरीके बता रहे हैं जो वजन घटाने में काफी प्रभावी हैं । Cryotherapy Benefits in hindi, मसल्स के खिंचाव, वजन भी कम करती है क्रायोथेरेपी, जानें इसके लाभ फिट और स्वस्थ रहना समय की जरूरत बन गया है । आज लोग वजन घटाने के लिए कई तरह की दवाओं और सप्‍लीमेंट्स जैसे आसान तरीकों को अपनाने लगे हैं । इनका इस्‍तेमाल करने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि इस तरह की चीजों के दुष्‍प्रभाव भी होते हैं । बेशक कहा जाए कि वजन घटाने की गोलियां और सप्‍लीमेंट्स सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि इनकी वजह से कई अन्‍य स्वास्थ्य विकार पैदा हो जाते हैं । वजन कम करने के लिए प्राकृतिक तरीका है बेहतर ऐसे में वजन कम करने के लिए सेहतमंद और प्राकृतिक तरीकों से बेहतर कुछ नहीं है । विशेषज्ञों के अनुसार, वजन कम करने का एक हेल्‍दी तरीका उपरोक्‍त समाधानों की तुलना में अधिक कारगर है । ऐसे कई प्राकृतिक तरीके हैं, जिनकी मदद से आप वजन घटा सकते हैं । अपने डेली रुटीन में कुछ बदलाव लाकर और व्‍यायाम को अपनी नियमित जीवनशैली में शामिल करके आप जल्दी वजन कम कर सकते हैं । पर, क्या आपने कभी सुना है कि टेस्‍टी कीवी स्मूदी से भी वेट लॉस किया जा सकता है? कीवी स्मूदी से करें वजन कम आपको यह जानकर वास्तव में खुशी होगी कि कीवी स्मूदी से आप वजन कम कर सकते हैं । हालांकि, एक स्थायी तरीके से वजन कम करने में समय लगता है लेकिन व्यायाम और सक्रिय जीवनशैली की मदद से आप इस काम को जल्‍दी कर सकते हैं । कीवी में विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ई, फोलेट और पोटैशियम प्रचुर मात्रा में होता है । ये सब चीजें मिलकर कीवी को सेहत के लिए फायदेमंद बनाती हैं । कीवी न सिर्फ मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ाता है, बल्कि पाचन में भी सुधार लाता है । कीवी में एसटिनिडेन नामक एंजाइम मौजूद होता है, जिसकी वजह से यह प्रोटीन को पचाने और वसा के अणुओं को तोड़ने में मदद करता है । इससे पेट भरा रहता है और कई बीमारियां भी दूर होती हैं । यूं बनाएं कीवी स्मूदी सिंपल कीवी स्मूदी बनाने के लिए कुछ ताजे कीवी, दही, शहद और कुछ बादाम लें । कीवी स्‍मूदी को हेल्‍दी बनाने के आप अपनी पसंद की चीजें भी इसमें डाल सकते हैं । इस स्मूदी से लंबे समय तक पेट भरा रहता है । अगर आप इसे और भी ज्‍यादा हेल्‍दी बनाना चाहते हैं तो इसे बादाम के दूध के साथ तैयार कर सकते हैं । बाद में बादाम पीसकर स्‍मूदी को गार्निश कर सकते हैं । इस हेल्दी अनाज के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है । जो,  हार्ट डिज़िज़ेज़ की संभावना कम करता है । बाजरा में पाए जाने वाले मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल्स ब्लड प्रेशर कम करते हैं । इसी तरह बाजरे में मौजूद लिगनिन नामक फाइटोकेमिकल्स कार्डियाक अरेस्ट के खतरे को कम करते हैं । पेट में रहता है दर्द कहीं कारण पेट के कीड़े तो नहीं, ये हैं घरेलू इलाज पेट में कीड़े हो तो कद्दू की सब्जी भी उपयोगी रहती है । एक सप्ताह तक खाली पेट ही कद्दू के आठ-दस बीज खाएं । इसका अभ्यास बैठकर या खड़े रहते हुए भी किया जा सकता है । अपनी कमर पर हाथ रखें, फिर आराम से धीरे-धीरे गहरी सांस लें । थोड़ी देर के लिए सांस रोक कर रखें । फिर, धीरे-धीरे सांस छोड़ें । फिर, दोहराएं । दिन में 3-4 बार इसका अभ्यास करें । अनुलोम विलोम प्राणायाम इससे, आपको अपनी सांसों की गति को कंट्रोल करने में मदद होगी । इसके नियमित अभ्यास से इम्यूनिटी भी बढ़ती है और फेफड़े मज़बूत बनते हैं । अभ्यास का तरीका आराम दायक मुद्रा में बैठें । फिर, सांस छोड़ते हुए फेफड़ों में भरी हवा को बाहर निकालें । अब, दाहिने हाथ के अंगूठे को दाहिनी तरफ नाक पर रखें, और बायीं तरफ से सांस खींचें । फिर अनामिका उंगली नाक की बायी तरफ रखें और अब दाहिनी तरफ से सांस लें । ऐसा 10 बार करें । वे लोग, जिन्हें जिम जाना पसंद नहीं या फिर जिन्हें इंटेंस वर्कआउट करना अच्छा नहीं लगता उनके लिए फिट और स्वस्थ रहना का सबसे अच्छा तरीका है वॉकिंग । इन सबमें दिलचस्प बात यह है कि एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि भोजन के बाद टहलना आपको अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है । फैमिली हिस्‍ट्री बहुत सारी बीमारियां हमें अपने माता-पिता से भी अनुवांशिक तौर पर मिलती हैं । इसलिए ऐसे लोगों को अपनी बोन हेल्‍थ के प्रति ज्‍यादा सतर्क रहना चाहिए । खानपान आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि बीमारियां भी परिवार में क्‍यों जुड़ी होती हैं । इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारी ईटिंग हेबिट । एक परिवार के ज्‍यादातर लोगों की ईटिंग हेबिट एक सी होती है । ऑस्टियोपोरोसिस के लिए भी हमारा खानपान बहुत हद तक जिम्‍मेदार है । अगर हम ऐसी डाइट ले रहे हैं जिसमें केल्शियम की मात्रा बहुत कम है तो हमारे लिए ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम ज्‍यादा बढ़ जाता है । जब हमारी बोन्‍स को हमारा बहुत ज्‍यादा वजन उठाना पड़ता है तो वह समय से पहले कमजोर हो जाती हैं । पीरियड्स में अच्छा महसूस करने के लिए अपनाएं ये टिप्स पर्याप्त नींद लेने से आप पीरियड्स में अच्छा महसूस कर सकती हैं । यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो आप को अधिक मसल्स की जरूरत होगी क्योंकि मसल्स कैलोरी को फैट से अधिक बर्न करती हैं । अतः आप को अपना मेटाबॉलिज्म मजबूत करने की और अपने अंदर एनर्जी लाने की आवश्यकता होती है । अतः इस के लिए आप लो फैट वाला चॉकलेट मिल्क पी सकते हैं । इसे अपने वर्क आउट से पहले पिएं और आप को वर्क आउट करने की पूरी एनर्जी मिलेगी । एक अध्ययन में कहा गया है कि किस करने से मोटापा कम होता है । यदि आप एक मिनट किस करते हैं, तो शरीर की 2-6 कैलोरी तेजी से बर्न होती है । इतना ही नहीं, किस करने के सेहत पर कई अन्य लाभ भी होते हैं... परफेक्‍ट फि‍गर चाहिए तो फॉलो करें ये दस टिप्‍स परफेक्‍ट फि‍गर हर महिला की चाहत होती है । पर उम्र बढ़ने, गर्भावस्‍था, किसी बीमारी या मीनोपॉज के कारण कभी-कभी वजन बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है । फि‍र भी अगर आप परफेक्‍ट फि‍गर पाना चाहती हैं तो इन दस टिप्‍स को जरूर फॉलो करें । क्या छोटे कद वालों के लिए वजन कम करना होता है मुश्किल? जानें कारण । कुछ लोगों की दिनचर्या इनती व्यस्त होती है कि उन्हें ना तो वर्कआउट करने का समय मिलता है और ना ही घर पर एक्सरसाइज करने के लिए आधा घंटा निकाल पाते हैं । वजन बढ़ता चला जाता है फिर भी इस बात की चिंता नहीं होती कि वे आगे चलकर कई बीमारियों के शिकार के हो सकते हैं । वजन कंट्रोल करने का सबसे आसान उपाय लोगों को सिर्फ डायटिंग ही समझ में आता है । बिना सोचे-समझे डायटिंग करना भी सेहत के लिए ठीक नहीं होता है । इससे आप शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं । यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो कुछ बातों को गांठ बांध लें । ये कुछ ऐसी हेल्दी आदते हैं, जिन्हें सही तरीके से रूटीन में लाया गया, तो अपना वजन काबू में रख सकते हैं । वजन कम करने के 6 आसान टिप्स फैट बर्निंग फूड्स करें डाइट में शामिल भोजन में उन चीजों को शामिल करें जिनमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है । कुछ फूड्स ऐसे होते हैं जो फैट बर्न करने का काम करते हैं । ये फैट बर्निंग फूड्स मेटाबॉलिक प्रक्रिया को तेज करते हैं और भूखे होने का एहसास नहीं कराते हैं । ओट्स, बादाम, अंडे, हरी सब्जियां, ग्रीन टी, दालें जैसे राजमा, चना दाल, मूंग दाल, छिलके वाले अनाज, हरी मिर्ची आदि आप खूब खाएं । नींबू का जूस पिएं नींबू का रस पिएं । इसे पानी में मिलाकार सुबह या दिन में कभी भी पी सकते हैं । यह शरीर के मेटबॉलिक प्रक्रिया को तेज करता है, जिससे शरीर अधिक कैलोरी बर्न कर पाता है । इसमें मौजूद विटामिन सी  शरीर में फैट नहीं जमने देता है । आप चाहें तो नींबू के रस को गुनगुने पानी और थोड़े से शहद में मिलाकर पी सकते हैं । यह वजन जल्दी कम करता है । खाना खाएं चबा कर अक्सर लोग कहते हैं कि भोजन करते समय जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए । जब आप जल्दबाजी में खाना खाते हैं, तो अधिक खा लेते हैं । मोटापा बढ़ने का यह एक मुख्य कारण है । आराम से चबा-चबा कर खाने से खाना भी जल्दी पचेगा और आपका वजन भी नहीं बढ़ेगा । चीनी खाना कम कर दें विशेषज्ञ अक्सर सफेद चीनी को मीठा जहर कहते हैं । 1 चम्मच चीनी में 16 कैलोरी होती हैं, जो अधिक नही हैं । आप जिस तरीके से चीनी का उपयोग करते हैं, वह अधिक नुकसानदायक होता है । चीनी का उपयोग दूध, मैदा, मावा आदि के साथ करने पर वजन बढ़ता है । ऐसे में इनका उपयोग कम कर दें । शाहरुख खान फिट रहने के लिए करते हैं ये काम, जानें उनका वर्कआउट और डाइट प्लान. शाहरुख खान के एक्टर-एक्ट्रेस खुद को फिट रखने के लिए खूब मेहनत करते हैं । के बादशाह यानी अपने शाहरुख खान भी खुद को खूब मेहनत करते हैं । 54 साल में भी शाहरुख यंग एक्टर्स को भी टक्कर देते हैं । आखिर क्या है शाहरुख का फिटनेस और वर्कआउट प्लान, जानें । इसे अपनी रूटीन में शामिल करके आप भी उनकी तरह फिट और स्वस्थ रह सकते हैं । किंग खान का वर्कआउट प्लान शाहरुख खान कितने भी बिजी क्यों न हों, वह वर्कआउट करना कभी नहीं भूलते । खान अपनी फिटनेस को लेकर काफी अवेयर रहते हैं, इसलिए उन्‍होंने अपने घर में ही जिम बना रखा है, ताकि वह अपनी रूटीन को कभी मिस न कर पाएं । मिस नहीं करते वर्कआउट शाहरुख हर दिन एक घंटा जरूर करते हैं । खुद को फिट रखने के लिए वे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, सस्पेंशन और वेट ट्रेनिंग भी अपने ट्रेनर से लेते हैं । इतना ही नहीं स्टमक क्रंचेज भी हर दिन करते हैं । 10 मिनट कार्डियो उनकी ट्रेनिंग में पावरप्ले तकनीक और 10 मिनट का कार्डियो भी शामिल है । इसके अलावा फिट रहने के लिए वह वेट लिफ्टिंग, वाइब्रेटिंग डंबल्स और कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज करते हैं । साथ ही बेली डांसिंग भी करते हैं । 100 पुशअप्स एक एंटरटेनमेंट साइट को दिए गए इंटरव्यू में शाहरुख ने बताया कि वे अपने एब्स मेंटेन करने के लिए हर दिन 100 पुशअप्स और 60 पुलअप्स करते हैं । वर्कआउट के बाद वह प्रोटीन शेक लेना नहीं भूलते हैं । उनकी डाइट में रिच प्रोटीन फूड, नॉन फैट मिल्क, स्किनलेस चिकन, फिश, अंडे आदि शामिल होते हैं । तेज दौड़ने के लिए क्या खाना चाहिए यह सवाल बहुत लोग पूछते हैं । रनिंग या दौड़ना सबसे बेहतर एक्सरसाइज है । हाल के रिसर्च में भी यह बात आयी है कि रहने के लिए रनिंग सबसे बेहतर एक्सरसाइज है । रोजाना दौड़ना इंसान की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है । अक्सर लोगों के मन में सवाल रहता है कि तेज दौड़ने के लिए क्या खाना चाहिए ? दौड़ने वालों का खान-पान या डाइट कैसी होनी चाहिए ? एक्सपर्ट्स के अनुसार जो लोग रनिंग करते हैं उनकी डाइट भी बहुत संयमित होनी चाहिए । दौड़ने से शरीर की फिटनेस और क्षमता तभी बढ़ती है जब हेल्दी डाइट भी होती है । हेल्दी डाइट के साथ सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के खाने का भी विशेष ध्यान रखना होता है । डाइट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खाली पेट दौड़ने से बचना चाहिए । लेकिन दौड़ने के बाद क्या खाना है इस पर भी विचार किया जाना चाहिए । रनिंग करने वाले को कितना कार्बोहाइड्रेट चाहिए और कितना प्रोटीन यह भी ध्यान में रखना चाहिए । आइए जानते रनिंग करने वालों के डाइट के बारे में…… मोटापा कई रोगों का जड़ है । ऐसे में इन रोगों से बचने के लिए आप कुछ आसान एक्सरसाइज करना शुरू कर दें । कुछ ऐसे एक्सरसाइजेज जिन्हें आप बिना जिम गए ही आसानी से कर सकते हैं । 1… कोरोनावायरस अपडेट्सCOVID-19 से रहें अप-टू-डेट दिन का वो समय जब आप सबसे अधिक कैलौरी बर्न करते हैं कैलोरी बर्न करने में सबसे अधिक रोल सर्कैडियल लय का होता है । सर्कैडियन लय को शरीर की आंतरिक घड़ी के साथ-साथ जैविक घड़ी के नाम से भी जाना जाता है । सर्कैडियल लय हमारे शरीर की अधिकांश गतिविधि को निर्धारित करती है । त्रिफला टी के 8 फायदे 1 इस चाय को पीने से पेट में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है । 2 मिनट की जापानी टेक्नीक से घटाएं शरीर से एक्स्ट्रा चर्बी और बेली फैट, जानें करने का सही तरीका । कई अध्ययन में यह भी पाया गया है कि आप सेक्स के दौरान जो भी मूव्स करते हैं, वह आपको पेट की चर्बी कम करने में काफी मदद कर सकती है । बेड पर 25 मिनट सेक्स करने से 68 किलो वजन की महिला लगभग 88 कैलोरी बर्न कर सकती है, जबकि 82 किलो वजन वाला एक व्यक्ति 106 कैलोरी बर्न कर सकता है । सेक्स करने से आपका ऑक्सीटोसिन लेवल भी बढ़ता है, जिससे वजन कम होता है । जानें कौन से सेक्स पोजीशन वजन कम करने में करते हैं मदद कुछ सेक्स पोजीशन ऐसे हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं । इन्हें करने से आप अधिकतम कैलोरी बर्न कर सकते हैं । यदि आपको भी करना है अपना वजन कम, तो जरूर ट्राई करें ये सेक्स पोजीशन… डॉगी स्टाइल डॉगी स्टाइल के बारे में आप नहीं जानते हैं, तो जरूर जानें । इस पोजीशन में सेक्स करने से आपके ग्लूटल मसल्स की अच्छी एक्सरसाइज होती है । क्वॉड्रिसेप मसल्स भी मजबूत होती है । यह पोजीशन बिल्कुल पुशअप्स करने जैसा होता है । इसमें लगभग वह सारे फायदे मिलते हैं, जो पुशअप्स करने से मिलते हैं । अब पुशअप्स करेंगे तो वजन तो कम होगा ही । लोटस ‍ लोटस पोजीशन करने के दौरान शरीर का अधिक पसीना बहता है । इसमें महिला, अपने पार्टनर की ओर मुंह करके उसकी गोद में बैठती है । इसमें बैठ कर सेक्स करना होता है । यह ग्लूटल मसल्स, बट्स और जांघों को मजबूती देने के लिए एक ‌बढ़िया एक्सरसाइज है । मिशिनरी मिशिनरी एक ऐसी पोजीशन है, जो कपल्स के द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है । आमतौर पर ज्यादातर लोग इसी पोजीशन में सेक्स करना आसान समझते हैं । इस पोजीशन में सेक्स करना आपके नितंबों के लिए एक बेहतरीन व्यायाम साबित होता है । ग्लूटल मसल्स, जांघों के अंदरूनी हिस्से और कोर मसल्स इस पोजीशन में सबसे ज्यादा मजबूत होते हैं । यह पेल्विक एरिया और पीठ के निचले हिस्से का भी ख्याल रखती है । स्टैंडिंग यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो स्टैंडिंग पोजीशन को ट्राई करके देखें । खड़े-खड़े सेक्स करना कई कपल्स के लिए काफी रोमांचक होता है । जब आप स्टैंडिंग पोजीशन में सेक्स करते हैं, तब आपके कोर मसल्स की एक्सरसाइज होती है । इस पोजीशन को सेक्स रूटीन में शामिल करेंगे, तो पैरों की मांसपेशियां भी मजबूत होंगी । इसमें पसीना भी खूब निकलता है, क्योंकि इसमें अधिक शारीरिक मेहनत की जरूरत होती है । इससे स्टैमिना भी बढ़ता है । आधा चम्‍मच अलसी का बीज एक कप गरम पानी कॉफी कप में गरम पानी और कॉफी डालें । उसे ठीक से मिलाएं और अलसी का बीज डाल दें । दोबारा मिलाएं और उसमें ग्रेटेड डार्क चॉकलेट डालकर पीएं । कुछ लोगों का मेटाबॉलिक रेट वाकई काफी अच्छा होता है, लेकिन कुछ लोगों को अपनी मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने के लिए उस पर काम करना होता है । पर कैमोमाइल हर्बल टी के सेवन से ना सिर्फ अपना मेटाबॉलिक रेट बढ़ा सकते हैं, बल्कि इससे वजन भी कम कर सकते हैं । दस दिन या एक महीने में वजन कम करने का कोई नायाब तरीका नहीं होता । यह सिर्फ एक मिथ है । यदि आपको लगता है कि कोई भी प्रोडक्ट कम समय में ही वजन कम करने का दावा करती है, तो यह पूरी तरह से असंभव है । वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है गुड मेटाबॉलिक रेट का होना । हेल्दी और बैलेंस डायट लेना, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, प्रत्येक दिन अच्छी नींद लेना एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी बाते हैं । मसल्स के खिंचाव और वजन को कम करती है क्रायोथेरेपी, जानें इसके अन्य लाभ क्रायोथेरेपी एक ऐसी थेरेपी होती है, जिसे मसल्स यानी मांसपेशियों का दर्द कम करने और नसों को आराम देने के लिए प्रयोग में लाया जाता है । यह एनर्जी को बढ़ाने के लिए भी उपयोगी होती है । एथलीट और खिलाड़ियों की नसों में आने वाले खिंचाव और दर्द को दूर करने के लिए इस थेरेपी का प्रयोग किया जाता है । साइट्रस फ्रूट्स या खट्टे फल खाली पेट खाने से एसिडिटी हो सकती है । इसीलिए, इनके सेवन से सुबह बचना चाहिए । साथ ही फलों में मौजूद फाइबर और फ्रूक्टोज़ की अधिक मात्रा भी पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने से रोकते हैं । बढ़ानी है मेमोरी, तो हर रोज करें 30 मिनट व्‍यायाम व्यायाम सिर्फ आपकी सेहत ही ठीक नहीं रखता, बल्कि इससे ब्रेन पावर और मेमोरी में भी इजाफा होता है । ये हैं तीन वेट लॉस हार्मोंस, शरीर में इन्हें बढ़ाकर कम करें अपना वजन । वजन कम करना काफी मुश्किलों भर काम होता है । रातों-रात वजन नहीं कम होता, इसके लिए आपको काफी मेहनत करने की जरूरत होती है । बढ़ते वजन पर काबू नहीं पाएंगे, तो कई तरह की शारीरिक बीमारियां आपको घर सकती हैं । वजन कम करने के लिए जहां डाइट, वर्कआउट का सहारा लिया जाता है, तो वहीं कुछ हार्मोंस ऐसे होते हैं, जो वजन कम करने का काम करते हैं । तो जब आप एक्सरसाइज करते हैं और उसके बाद भी वजन कम नहीं होता है, तो आप इन हार्मोंस को सक्रिय करके पतला हो सकते हैं । जानें, कौन-कौन से हैं वो वजन कम करने वाले हार्मोंस और उन्हें आप कैसे बढ़ा सकते हैं । लेप्टिन हार्मोन लेप्टिन हार्मोन भूख कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है । यह आपको महसूस कराता है कि आपका पेट भरा हुआ है । इसके अलावा, यह भूख बढ़ाने वाले हॉर्मोन घ्रेलिन का उत्पादन भी कम कर देता है, जिससे आप अधिक खाने से बचते हैं । बढ़ाने का तरीका चाहते हैं वजन कम करना, तो पर्याप्त सोएं । कम सोने से लेप्टिन का स्तर कम होने लगता है । 7-8 घंटे की नींद हर दिन लें । टी3 और टी4 हार्मोन थाइरॉएड से उत्पादित टी3 और टी4 हार्मोन कैलोरी बर्न करने की क्षमता बढ़ाता है । वजन बढ़ रहा है, तो हो सकता है कि आपका थाइरॉएड हार्मोन प्रभावित हो रहा हो । आयोडीन की कमी शरीर में होने ना दें, क्योंकि इसी के कारण थाइरॉएड हॉर्मोन कम काम करता है । आयोडीन युक्त नमक और सी फूड्स का सेवन अधिक करें । टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में मसल्स का विकास करता है टेस्टोस्टेरोन हार्मोन , पर क्या आप जानते हैं कि यह हार्मोन   हैं । इस हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ने से शरीर में इंसुलिन सहनशीलता बढ़ती है । शरीर कैलोरी को फैट की जगह ऊर्जा के लिए ज्यादा इस्तेमाल करता है । मसल्स ग्रोथ और फैट घटाने के लिए टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को हवी वेट के साथ वर्कआउट करने पर बढ़ाया जा सकता है । आपके शरीर में कार्ब्स की कमी से कब्ज, थकान, पेट में दर्द और मरोड़व सांसों की बदबू सहित कई जटिलताएं हो सकती हैं । इसलिए आपको अपनी डाइट में कार्ब्स को शामिल करना चाहिए । भले ही आप अपने वजन घटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हों । केवल एक चीज जो आपको ध्यान में रखने की आवश्यकता है, वह है स्वास्थ्यवर्धक कार्ब्स । चावल और चपाती जैसे स्टेपल कार्ब स्रोतों के लिए न जाएं क्योंकि वे कैलोरी से भरपूर होते हैं । इसलिए आपको ऐसे आटे का चुनाव करना चाहिए जो वजन घटाने के लिए जाने जाते हैं । आज हम आपको आटे के कुछ ऐसे विकल्प दे रहे हैं जो वजन घटाने के लिए काफी मददगार हैं । मोटापा घटाने के आसान उपाय । ब्‍लेंडर की मदद से मौसमी और अनार का जूस निकाल लें. फिर उसे ग्‍लास में डालकर शहद मिलाएं और जरूरत मुताबिक नमक डाल लें । उसे कसकर मिला लें और रोज पीना शुरू कर दें । कॉफी और डार्क चॉकलेट कॉफी में कैफीन होता है जो मेटाबॉलिज्‍म को मजबूत करता है । इससे भूख भी बढ़ती है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉफी में क्‍लोरोजेनिक एसिड भी होता है जिससे वजन जल्‍दी घटता है । विभिन्‍न शोधों में यह तथ्‍य सामने आया है कि डार्क चॉकलेट में काफी ऊर्जा प्रदान करने वाले इन्‍ग्रेडिएंट होते हैं । इनमें फैटी एसिड होता है, जो फैट बर्न करने में मददगार होते हैं । 1 चम्‍मच ब्‍लैक कॉफी लें बेली फैट कम करने के लिए करें ये 4 आसन । बेली फैट बढ़ने से आपका पूरा शरीर बेडौल सा नजर आने लगता है । बेली फैट कम करने के लिए आप कई तरीके आजमाते होंगे, पर अधिक असर नहीं हो रहा है, तो अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर देखें । बेली फैट कम करने के कठीन उपाय आजमाने की बजाय कुछ आसन का अभ्यास करना शुरू कर दें । अधिक मुश्किल तरीके अपनाएंगे, तो आप खुद ही उसे फॉलो करना छोड़ देंगे । कुछ लोग आलस में भी इन उपायों को फॉलो नहीं करते । लेकिन, योगासन का नियमति अभ्यास ना सिर्फ आपको बेली फैट से छुटकारा दिलाएगा, बल्कि सेहत को भी कई लाभ होंगे । जानें, कौन-कौन से आसन करके आप कुछ ही महीनों में बेली फैट कम कर सकते हैं । शलभासन शलभासन करने से भी आप बेली फैट को तेजी से बर्न कर सकते हैं । इस आसन को करने से पेट के साथ ही कमर के आसपास जमी चर्बी भी कम होने लगती है । ऑब्लीक मसल्स पर काम करके वेस्टलाइन फैट को कम कर देता है । अधोमुख शवासन अधोमुख शवासन के सेहत पर कई लाभ होते हैं । इसे करने से बालों का विकास भी तेजी से होता है । यह सिर के भागों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे हेयर फॉलिकल्स को पोषण मिलता है । पेट के निचले हिस्से की चर्बी को कम करना चाहते हैं, तो इसका अभ्यास नियमित रूप से करें । यह आसन बांह, कमर, कूल्हों, कंधों और जांघों की चर्बी कम करके इन सभी हिस्सों को टोन करता है । वीरभद्रासन बेली फैट कम करने में वीरभद्रासन भी प्रभावी आसन है । इसे करने से नितंबों, पेट और जांघों में खिचाव आता है और मजबूती मिलती है । इससे शरीर का बैलेंस भी बेहतर होता है । कुंभकासन कुंभकासन करने से नितंबों, जांघों, पीठ, बांह, कंधों और एब्स को मजबूती मिलती है । इन हिस्सों से तेजी से चर्बी कम करने के लिए कुंभकासन करें । इससे एब्स भी बना सकते हैं । पेट के आसपास का फैट तुरंत होगा दूर, बस करने होंगे ये 3 आसान काम इसलिए जरूरी है कि आप पेट को कम करने के लिए मेहनत करें । यूं तो वजन को मेनटेन रखने का सबसे अच्छा तरीका वर्कआउट होता है । जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी पूरी बॉडी फिट रहती है । लेकिन अगर आपको नहीं पता कि बैली फैट को कम करने के लिए कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए तो आजज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं । आइए जानते हैं पेट की चर्बी कम करने के आसान तरीके । नियमित रूप से कूदें रस्सी आप घर पर ही रोजाना कम से कम आधे घंटे रस्सी कुदने और पुश अप्स वाली एक्सरसाइज कर सकती हैं । पहले पांच मिनट आप रस्सी कूदें और कुछ देर के बाद पुश अप्स करें । ऐसा आप कई बार कर सकती हैं । शुरु में अगर ज्यादा नहीं कर पा रही हैं तो धीरे-धीरे बढ़ाएं । फिर आपको आदत हो जाएगी तो रस्सी कूदना और पुश अप्स करना आसान हो जाएगा । इस ड्रिंक का करें सेवन आप अपने पेट की चर्बी को कम करने के लिए घर में नेचुरल ड्रिंक बना सकती हैं । इसके लिए आपको 4 लहसुन की कलियां, आधा नींबू, छोटा अदरक का टूकड़ा चाहिए होगा । अब ड्रिंक बनाने के लिए सबसे पहले अदरक, लहसुन, नींबू के छिलके को एकसाथ कद्दूकस कर लें । आपको बता दें कि नींबू हमारा पाचन क्रिया को अच्छा रखता है । ये स्किन और बालों के लिए भी काफी अच्छा होता है । चलने का पॉस्चर रखें सही छोटी छोटी चीजों का हमारी हेल्थ पर काफी असर पड़ता है । एक्सरसाइज करने के साथ आप अपने बैठने और चलने के पॉस्चर पर भी ध्यान दें । अगर आप सही तरीके से बैठती नहीं हैं तो आपका पेट बाहर आने लगता है । जब भी बैठें तो पीठ को सीधा रखें । जब चलना हो तो सीधा और तेज चाल चलें । छुककर या सुस्त होकर न चलें । इन टिप्स को भी जरूर करें फॉलो 1. पेट कम करने वाले व्यायामों को नियमित रूप से करें । उनमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें । 2. चर्बी घटाने के लिए चाय और कैफीन का सेवन कम करें । 3. बाहर के भोजन को ज्यादा तरजीह ना दें । 4. ग्रीन टी का सेवन करें । इंटरमिटेंट फास्टिंग से सिर्फ वजन ही नहीं घटता बल्कि घटती है शरीर की ये चीज भी, जानें कौन सा अंग होता है कमजोर अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपने इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में जरूर सुना होगा । जी हां, इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डाइट प्लान है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में लोगों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है । जी हां, आपने बिल्कुल ठीक सुना इस अध्ययन का दावा है कि अगर आप लगातार इस डाइट प्लान को फॉलो करेंगे तो आपका मसल्स मास कम हो सकता है । क्या कहता है अध्ययन सैन फ्रांसिस्को स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में ये सामने आया है कि अन्य डाइट पैटर्न के मुकाबले सिर्फ इंटरमिटेंट फास्टिंग भी अधिक फायदेमंद नहीं है और इस डाइट के परिणामस्वरूप आपके मसल्स मास को काफी नुकसान पहुंच सकता है । अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के दो समूहों की तुलना की । जिसमें से एक समूह को नियमित डाइट और स्नैक दिए गए जबकि दूसरे समूह में शामिल प्रतिभागियों ने सीमित कैलोरी का सेवन किया, जिन्होंने दोपहर और 8 बजे के बीच कुछ भी नहीं खाया-पिया । क्या निकला अध्ययन का निष्कर्ष 12 सप्ताह तक चले इस अध्ययन के अंत में शोधकर्ताओं ने पाया कि दोनों समूहों के बीच वजन घटाने, फैट मास, ब्लड शुगर कंट्रोल और कोलेस्ट्रॉल के स्तर के मामले में कोई बड़ा अंतर नहीं है । अगर बात करें संक्षेप में तो ये पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वास्तव में मेटाबॉलिक स्वास्थ्य या वजन घटाने में ज्यादा सुधार नहीं करती है । शोधकर्ताओं ने ये पाया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वाले प्रतिभागियों के समूह ने थोड़ा अधिक वजन कम किया, लेकिन यह थोड़ा सा वजन उनके लिए अधिक परेशान करने वाली समस्या अपने साथ लेकर आया । इंटरमिटेंट फास्टिंग समूह वाले प्रतिभागियों में कुल वजन का लगभग 65 प्रतिशत मसल्स मास होता है । यह उन लोगों में बहुत अधिक है जो नियमित रूप से सीमित कैलोरी वाली डाइट लेते हैं, जिनका मसल्स मास लगभग 20-30 प्रतिशत होता है । अध्ययन में शामिल लोगों को एक विशिष्ट कैलोरी डाइट, मैक्रोज या एक्सरसाइज रूटीन को बनाए रखने के निर्देश नहीं दिए गए थे । उन्हें बस 8 घंटे की समयावधि में अपने सभी कैलोरी सेवन को फिट करने के लिए कहा गया था, जिसका उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ खासकर उन लोगों की तुलना में जिन्होंने इस तरह के कठोर नियम का पालन नहीं किया था । क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग फायदेमंद है? शरीर पर चढ़े अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए इस तरह के सख्त उपाय करने का निर्णय लेने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि फास्टिंग के लाभों को प्राप्त करने के लिए आप क्या और कितना खा सकते हैं और मसल्स लॉस को कैसे रोक सकते हैं । जे. जयललिता की भूमिका के लिए कंगना ने अपना वजन 20 किलो तक बढ़ा लिया है । अब अपने पुराने शेप में आने के लिए मेहनत कर रही हैं । कद्दू खाकर घटाएं वजन, जानें कद्दू खाने के फायदे । सेब का जूस पीने से सेहत को होते हैं कई फायदे । कहते हैं, एक सेब हर रोज खाने से आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । जी हां, सेब ऐसा फल है, जो आपको कई रोगों से बचाए रखता है । आप सेब तो खूब खाते होंगे, पर क्या कभी इसका जूस पीते हैं? सेब खाने के साथ ही इसका जूस पीना भी आपकी सेहत के लिए हेल्दी हो सकता है । सेब में एंटीऑक्सीडेंट्स काफी होता है, जो सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाता है । हर दिन एक सेब खाने से आप जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे, ठीक उसी तरह से एक गिलास एप्पल जूस पीने से भी आप कई रोगों से बचे रहेंगे । नाश्ते में आप चाहें तो कभी-कभी सेब खाने की बजाय इसका जूस पीकर देखें । सेब का जूस शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है । इसे पीने से आपकी त्वचा पर अलग तरह का निखार नजर आने लगता है । जानें, सेब का जूस पीने से सेहत को किस तरह से लाभ होता है । सेब के जूस के फायदे 1 इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कंट्रोल में रहता है । चूंकि यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, इसलिए हर दिन एक सेब का रस पीने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बैलेंस में रहता है । 2 विटामिन ए होने के कारण यह आंखों को भी हेल्दी बनाए रखता है । प्रतिदिन सेब का जूस पीने से आंखों की कई तरह की समस्याओं से बचे रहेंगे और आंखों की रोशनी भी कमजोर नहीं होगी । 3 सेब एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है । इसमें पॉली-फिनॉएल और फ्लेवेनॉएड्स भी होते हैं, जो हार्ट के लिए हेल्दी माने गए हैं । इस जूस को पीने से शरीर में पोटैशियम की कमी नहीं होती है । ऐसे में दिल के लिए सेब का जूस पीना लाभकारी होता है । 4 इम्यून सिस्टम कमजोर होने से आप जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं । इसे मजबूत बनाने के लिए सेब खाने के साथ ही सेब का जूस भी पीना शुरू कर दें । इसमें विटामिन सी मौजूद होता है । विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देती है । 5 सेब का जूस शरीर के पीएच लेवल को बैलेंस करता है । इससे टॉक्सिन्स भी बाहर निकल जाता है । प्रतिदिन एक या आधा गिलास सेब का जूस पिएंगे तो लिवर भी अच्छी तरह से काम करेगा । वजन नहीं हो रहा कम, तो सूप क्यों नहीं पीते ? शोधकर्ताओं का कहना है कि डॉक्टर्स की निगरानी में सूप और शेक पीकर 800 कैलोरी आहार प्रतिदिन लेते हैं तो केवल चार महीनों में दस प्रतिशत तक वजन कम कर सकते हैं । हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि आपके द्वारा किए गए मामूली से बदलाव भी आपके जीवन पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकते हैं । आयुर्वेदिक दवाओं से बढ़ेगी इम्यूनिटी । आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेद की दवाओं और नुस्खे का सेवन किया जा सकता है । इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है । आयुष इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन की मानें, तो आयुर्वेद में तमाम ऐसी दवाइयां मौजूद हैं, जिनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है । वायरस या बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश होने के बावजूद शरीर में रोग का संक्रमण नहीं हो पाता है । उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पाराशर ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के लिहाज से लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए । इसके लिए आयुर्वेद में दवाएं भी हैं और कुछ ऐसे नुस्खे भी, जिनका घर पर इस्तेमाल किया जा सकता है । रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से संक्रमण ही नहीं, अन्य तरह की बीमारियों से भी बचा जा सकता है । इसी तरह की दवा फीफाट्रोल पर भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने अध्ययन में पाया कि फीफाट्रोल एक मल्टी ड्रग कॉम्बिनेशन है, जिसमें मृत्युंजय रासा, संजीवनी बूटी, तुलसी और गिलोई का इस्तेमाल किया गया है । ये औषधियां वायरल संक्रमण से बचाव के लिए शरीर की रक्षात्मक शक्ति को बढ़ावा देती है । केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 महामारी के इस वक्त में आयुर्वेद के जरिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रमण से बचाव किया जा सकता है । वहीं विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोनावायरस एक इन्फ्लुएंजा है, जिसके लक्षण एक फ्लू की भांति ही हैं । आमतौर पर बुखार, सर्दी, जुकाम, नजला, सूखी खांसी जैसी परेशानियों से निपटने में आयुर्वेद के नुस्खे काफी मददगार साबित होते हैं । इसके अलावा खाद्य पदार्थों से भी इम्यूनिटी को बूस्ट किया जा सकता है । इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थ इसमें विटामिन सी और ए काफी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है । इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं । रोजमर्रा की जिंदगी में इस सब्जी को आप शामिल कर सकते हैं । नींबू, संतरा, चकोतरा और अनानास जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है । इसके सेवन से एंटी बॉडीज कोशिकाओं की सतह पर एक लेयर बनाती है, जो बॉडी के अंदर वायरस को जाने से रोकती है । हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर होता है । हल्दी शरीर में इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करती है । हल्दी शरीर में मौजूद खून को शुद्ध करने में भी सहायक है । हल्दी के सेवन से रूप-रंग में भी निखार आता है । हल्दी में पाए जाने वाले गुण कैंसर और गठिया जैसे बीमारियों से बचाने में कारगर हैं । अदरक का सेवन करें ऐसे, वजन होगा झटपट कम क्या आप यह जानते हैं कि अदरक में ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं? जी हां, यह पाचन को उत्तेजित करता है और भूख को दबाता है, जिससे आपकी अधिक खाने की इच्छा समाप्त होती है । वजन कंट्रोल करने के 7 सबसे आसान टिप्स ज्यादतर लोग वजन जब बढ़ रहा होता है तब ध्यान नहीं देते हैं । अक्सर ऑफिस में भूख लगने पर लोग स्टार्च से भरी हुई चीज़ें खा लेते हैं । बर्गर, पिज़्जा या डोनट जैसी चीज़ों में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है । जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ जाता है । वेट लॉस टिप्स, जरूर करें फॉलो । प्रोटीन हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है, खासकर जब आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हों । प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने, भूख को कम करने और कई वजन को कंट्रोल करने वाले हार्मोन को बदलने में मदद करने का काम करता है । प्रोटीन शरीर में तृप्ति के स्तर को बढ़ाता है, जबकि आपके हंगर हार्मोन के स्तर को कम करता है । प्रोटीन अपने उच्च थर्मिक प्रभाव और कई अन्य कारकों के कारण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जो आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करते हैं । इसके अतिरिक्त, प्रोटीन रात के वक्त होने वाली क्रेविंग और स्नैक की इच्छा दोनों पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालता है । इसलिए, अगर आप नाश्ते के दौरान पर्याप्त प्रोटीन लेते हैं तो संभावना है कि आपको दिन भर में कम भूख लगेगी और आपके बेवजह का अनहेल्दी चीजें नहीं खानी होंगी । अब, जब आप जान चुके हैं कि आपके शरीर के लिए प्रोटीन कितना जरूरी है, खासकर जब आप पेट के उभार को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो हम आपको इस पोषक तत्वों के मुख्य स्रोत बताते हैं और आपको उन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए । ऐसे कई अमीनो एसिड होते हैं जो शरीर में उत्पन्न होते हैं, जबकि दूसरों को आपके भोजन के साथ सेवन करने की आवश्यकता होती है । यही कारण है कि शाकाहारियों को उनके लिए उपलब्ध प्रोटीन युक्त आहार स्रोतों की विविधता के बारे में पता होना चाहिए । प्रोटीन के स्रोत सबसे ज्यादा प्रोटीन मीट, चिकन और मछली में पाया जाता है । वजन घटाने के लिए शाकाहारी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ 1.दाल लगभग एक कप पकी हुई दाल में 18 ग्राम प्रोटीन होता है । दाल को न केवल तरी के रूप में पिया जा सकता है, बल्कि सलाद और सूप में भी डाला जा सकता है । दाल में धीरे-धीरे पचने वाले कार्ब्स की अच्छी मात्रा होती है और इसे फाइबर के अच्छे स्रोत के रूप में जाना जाता है, जो आपके वजन घटाने की कोशिश के लिए महत्वपूर्ण है । इसके अलावा इनमें फोलेट, मैंगनीज और आयरन भी होता है, जो सभी को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं । 2. चना चना फलियों की श्रेणी में आता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है । एक कप पके या उबले हुए चने में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन होता है । इसके अलावा ये आयरन, कॉम्पलेक्स कार्ब्स, फाइबर, फोलेट, फास्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज और कई अन्य प्लांट कम्पाउंड का एक बड़ा स्रोत हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं । 3. अमरनाथ और क्विनोआ ये ग्लूटन मुक्त अनाज दिन के लिए पर्याप्त प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए जाना जाता है । अमरनाथ और क्विनोआ प्रोटीन का पूर्ण स्रोत हैं और कहा जाता है कि यह आपको अधिक समय तक फुल रखता है, जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं । 4. पालक क्या आप जानते हैं कि पालक में उबले हुए अंडे जितना प्रोटीन होता है और वो भी सिर्फ आधी कैलोरी के साथ? कच्चा खाने के बजाय इसे भाप देकर उबाल लें और इसके पोषक मूल्य को अधिकतम कर सकते हैं । उबले हुए पालक विटामिन को बनाए रखने में मदद करते हैं, कैल्शियम के अवशोषण में मदद करते हैं और सूजन को दूर कर सकते हैं । 5. बादाम बादाम, प्राकृतिक रूप से वजन घटाने की प्राकृतिक गोलियां हैं । रोजाना बस कुछ बादाम का सेवन करने से प्रभावी रूप से वजन कम करने में मदद मिल सकती है । जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिम जाने से ठीक पहले आप बादाम खा सकते हैं क्योंकि ये एमिनो एसिड एल-आर्जिनिन से भरपूर होते हैं, जो वर्कआउट के दौरान अधिक फैट और कार्ब्स को बर्न करने में मदद करते हैं । 6. पनीर पनीर कैलोरी और फैट में बहुत कम होते है, और प्रोटीन में उच्च । इसके अलावा, यह कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन बी 12, राइबोफ्लेविन, और कई अन्य पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है जो स्वस्थ तरीके से वजन कम करने के लिए आवश्यक है । 7. ब्रोकोली ब्रोकोली एक सुपर-हेल्दी सब्जी है, जो विटामिन सी, प्रोटीन, विटामिन के और फाइबर से भरी होती है, ये सभी वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं । आप इसे उबालें, भाप देकर या इसे बेक कर खा सकते हैं, जो आपके वजन घटाने के लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकती है । सुनिश्चित करें कि आप इन शाकाहारी उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें, जो आपको स्वस्थ तरीके से वजन कम करने में मदद करेंगे । सुनिश्चित करें कि आप व्यायाम और एक फिट जीवन शैली के साथ इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें । क्योंकि,  इसमें फिजिकल एक्टिविटीज़ के अलावा डायट पर भी काफी ध्यान देना पड़ता है । सही समय पर और सही मात्रा में वेट लॉस में मददगार फूड्स खाने से ही वेट लॉस में सहायता होती है । इसके अलावा मॉर्निग वॉक और खासकर धूप में टहलने से भी वेट लॉस होता है । जी हां, कुछ स्टडीज़ में दावा किया गया है कि जो लोग सुबह धूप में टहलते हैं उनका वेट लॉस आसानी से होता है । जैसा कि, वेट लॉस इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप दिन में किस समय और कितनी देर धूप में रहते हैं । मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए 5 ईजी एक्सरसाइज । वजन घटाने के लिए महिलाएं जरूर करें इस डाइट चार्ट को फॉलो रात में खाना कैसे और कब खाएं, रात का खाना फिटनेस के लिए क्यों है जरूरी ? रात का खाना इंसान की सेहत से तो जूड़ा ही है साथ में रात का खाना फिटनेस के लिए जरूरी होता है । रात में अगर कम खाना खाया जाय तो वह इंसान को फिट रखने में मदद करता है । रात का खाना इंसान की फिटनेस पर कैसे असर करता है इसके लिए शोध में बहुत ही सरलतम तरीके से बताया गया है । पेट की चर्बी ब्लड लिपिड डिसऑर्डर, डायबिटीज और हार्ट डिजीज होने के रिस्क को बढ़ाती है । ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते ही बेली फैट कम करने के तरीके आजमाएं । हम आपको बता रहे हैं 2 मिनट की जापानी टेक्नीक, जो शरीर से एक्स्ट्रा चर्बी और बेली फैट को करती है कम, जानें करने का सही तरीका... आज अधिकतर लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं । वजन बढ़ने से कई सारी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है । आप वजन कम करने के लिए कई तरीके आजमाते हैं, डायटिंग करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ता है । निराश होने की जरूरत नहीं । वजन कम करने के लिए दवाइयों का सहारा न लें । आप योग के कुछ आसान से आसनों के जरिए भी अपना वजन कम कर सकते हैं । प्रतिदिन इन आसनों को सिर्फ 10 मिनट करें और मोटापे की समस्या से निजात पा सकते हैं । जानें, कौन से हैं वे आसन जो वजन को कम करते हैं । हस्तपादासन हस्तपादासन करने के लिए पैरों को साथ में जोड़े हुए सीधे खड़े हो जाएं । हाथों को शरीर के साथ लगाएं । शरीर के वजन को दोनों पैरों पर सामान रूप से डालें । फिर सांस को बाहर छोड़ते हुए कमर के ऊपरी भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं । घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें । सांस छोड़ते समय छाती को घुटनों की तरफ ले जाएं । शुरुआत में इस स्थिति में 10 सेकेंड तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आकर 5 सेकेंड आराम करें और इस आसन को कम से कम 5-6 बार करें । भुजंगासन । इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डाइट प्लान है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में लोगों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है । हालांकि, इंटरमिटेंट फास्टिंग पर हुआ ये हालिया अध्ययन आपको इस डाइट प्लान को फॉलो करने का फैसला करने से पहले दो बार सोचने के लिए मजबूर कर सकता है । जी हां, फास्टिंग से आपके शरीर से चीज भी घटने लगती है । आप चाहें तो बिना जिम गए ही चलकर अपना 9 से 10 किलो वजन घटा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको चलने का सही तरीका पता होना चाहिए । अभिनेत्री उसे ‘एग्जॉटिक सनसेट ड्रिंक कहती हैं । उन्होंने लिखा, “मेरा एग्जॉटिक सनसेट ड्रिंक । जब मुनमुन मेरा खाना प्लान करती हैं तो मेन्यू में कोई खाना साधारण नहीं हो सकता । इस फैट बर्न करने वाले पावरहाउस ड्रिंक में कच्चा अनफिल्टर्ड एप्पल साइडर विनेगर है । वजन कम करना  कोई आसान काम नहीं है खासकर तब जब किसी का वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया हो । इसके लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज, डाइटिंग, हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना पड़ती है । यदि आपका भी वजन काफी बढ़ गया है, तो इन चीजों की तरफ तो ध्यान देना ही होगा साथ ही आप कुछ हेल्दी फूड्स के सेवन से भी अपने बढ़ते पा सकते हैं । यदि आप चाहते हैं कि आपके शरीर की चर्बी जल्दी कम हो जाए, तो एक्सरसाइज करने के बाद कुछ फूड्स को जरूर खाएं । नीचे बता रहे हैं कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जिन्हें डेली करें सेवन । 1. ग्रीन टी ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होता है । यह सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हर्बल टी है । खासकर, वजन कम करने में यह सबसे उपयोगी चाय मानी जाती है । इसे पीने से मेटाबॉलिज्म का कार्य बेहतर होता है । आप हर दिन ग्रीन टी पीना शुरू कर दें । अतिरिक्त वजन कम होने लगेगा । 2. सेब सेब में फाइबर अधिक होने के कारण इसका सेवन हर दिन करना चाहिए । इसे खाने से आपका पेट देर तक भरा हुआ रहता है, जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है । इसमें कैलोरी भी अधिक नहीं होता, ऐसे में वजन बढ़ने का डर भी नहीं । सेहत के लिए यह काफी हेल्दी फ्रूट है, जो पाचन तंत्र भी दुरुस्त रखता है । शरीर में आयरन की कमी नहीं होना देता है । एक्सरसाइज करने के बाद आप एक सेब जरूर खाएं । 3. बादाम बादाम में प्रोटीन और फाइबर काफी होता है, यदि आप प्रतिदिन एक्सरसाइज के बाद इसे खाते हैं, तो जल्दी भूख नहीं लगेगी । यह हेल्दी भी है, जिससे शरीर कमजोर नहीं होगा । एक मुट्ठी बादाम खाने से पेट भरा रहता है और आप एनर्जेटिक भी महसूस करेंगे । 4. अंडे का सफेद भाग अंडा तो आप खाते ही होंगे, लेकिन वजन कम करना है, तो अंडे का सफेद भाग खाएं, क्योंकि इसमें वसा की मात्रा काफी कम होती है । अंडे के व्हाइट हिस्से में कोलेस्ट्रॉल अधिक नहीं होता है । साथ ही इसमें प्रोटीन भी होता है, जो आंखों, बाल, त्वचा के लिए भी जरूरी है । एक्सरसाइज करने के बाद आप एक अंडा जरूर खाएं, खासकर जब आप सुबह के समय एक्सरसाइज करते हैं । 5. दही इस दही में कैल्शियम के साथ प्रोटीन भी होता है । ग्रीक योगर्ट में नॉर्मल दही की तुलना में प्रोटीन काफी अधिक मात्रा में होता है । कार्बोहाइड्रेट आधा होता है, इसलिए यह वजन कम करने के लिए हेल्दी विकल्प है । कई बार तो ऐसा होता है कि जब आप वजन कम कर लेते हैं तो चर्बी कम होने के कारण बॉडी पर स्‍ट्रेच मार्क्‍स भी पड़ जाते हैं । अगर आप भी वजन कम करने में सफल हो चुके हैं लेकिन आपकी स्किन लटकी हुई और ढीली हो गई है तो इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी ढीली त्वचा में कसाव पैदा कर सकते हैं । कीटो डाइट प्लान फॉर वीमेन महिलाओं के लिए कीटो डाइट प्लान । फ्रिज में रखे आटे से बनी रोटियां खाएंगे तो हो जाएंगे बीमार, जानें कारण इस बारे में आयुर्वेद में भी स्पष्ट कहा गया है कि फ्रिज में आटा गूंदकर नहीं रखना चाहिए । बासी आटे की रोटी का स्वाद ताजे गूंदे आटे की रोटी जैसा नहीं होता है । 3 जितना हो सके अपने भोजन में सलाद को शामिल करें । हरी सब्जियों, स्प्राउ्टस युक्त सलाद खाएं । ब्रोकली सलाद में जरूर डालें । यह वजन घटाने में मदद करती है । सलाद खाने से आप कई तरह की शारीरिक समस्याओं से बचे रहते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन और फाइबर काफी होता है । फाइबर खाने से पेट साफ होता है, जिससे पेट अधिक निकला हुआ नजर नहीं आएगा । 4 सुबह गर्म पानी पिएं । शरीर में एकत्रित फैट कम होने लगती है । साथ ही हर दिन एक्सरसाइज, वर्कआउट करना होगा । डाइट पर कंट्रोल करना होगा । साइकिल चलाएं, रोज सुबह-शाम टहलने जाएं । इन उपायों को अपनाकर कम कद वाले लोग भी जल्दी वजन घटा सकते हैं । आज हम कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वजन को कंट्रोल करने के लिए काफी प्रभावी उपाय हो सकते हैं । इन आसनों की मदद से आप अपने पेट पर जमा जिद्दी फैट को तेज़ी से कम कर सकते हैं । आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में- क्या कभी आपने सोचा कि कुछ लोग बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी वजन घटाने में नाकाम रहते हैं । वहीं कुछ लोग बहुत ही आसानी से कई किलो अपना वजन कम कर लेते हैं । भारत में मोटापा के शिकार लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है । कुल आबादी का अधिकांश हिस्सा वजन घटाने के लिए संघर्ष कर रहा है । वजन घटाने के लिए तमाम तरह के डाइट टिप्स और एक्सरसाइज टिप्स लोग लेत रहते हैं । लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि कुछ लोग बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी वजन घटाने में नाकाम रहते हैं । इसके बारे में आपको ज्यादा अब परेशान होने की जरूरत नहीं है । हेल्थ रिपोर्ट और शोध में यह पाया गया है कि दो ब्लड ग्रुप ऐसे होते हैं जो वजन कम करने की प्रक्रिया को बहुत धीमा कर देते हैं । न्यूट्रिशनिस्ट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इंसान में पाये जाने वाले AB+ और AB- ब्लड ग्रुप ऐसे हैं जो वजन कम करने की प्रक्रिया को बहुत मुश्किल बना देते हैं । न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट एक्सर्ट्स की मानें तो ये दोनों ब्लड ग्रुप ऐसे होते हैं जो इंसान को खाने की आदत बदलने नहीं देते हैं । जो लोग अपने खाने की आदत को आसानी से बदल नहीं पाते हैं वो अपना वजन भी नहीं घटा पाते हैं । वहीं जो लोग अपने खाने की आदत को आसानी से बदल लेते हैं वो आसानी से वजन कम कर लेते हैं । आसानी से वजन घटाने वाले लोगों में O+ और B+ ब्लड ग्रुप वाले लोग होते हैं । B+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों का वजन भी बहुत कम बढ़ता है । हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि B+ ब्लड ग्रुप वालों का बेसल मेटाबॉलिक रेट बहुत अधिक होता है । BMR अधिक होने की वजह से इन लोगों का वजन बहुत अधिक नहीं बढ़ पाता है । वहीं A+ ब्लड ग्रुप वालों का वजन उनके अनुवांशिक लक्षणों पर निर्भर करता है । इस समस्या से कैसे छुटकारा पाएं ब्लड ग्रुप के अनुसार वजन कम या ज्यादा होने की समस्या को देखते हुए इससे कैसे निपटा जाय यह सवाल आपके भी मन में आ रहा होगा । इसके लिए भी आजकल हल निकाल लिया गया है । ब्लड ग्रुप के अनुसार खान-पान करके आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकते हैं । वजन नियंत्रित करने के साथ वजन कम करना हो तो आपको अपने ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइट का चयन कर सकते हैं । ब्लड ग्रुप के अनुसार डाइट बताने वाले एक्सपर्ट्स की मानें तो डाइट इंसान की प्रकृति के हिसाब से हो तो सेहत अच्छी रहने के साथ इंसान मोटापे जैसी परेशानी का शिकार भी नहीं होता है । ब्लड ग्रुप के हिसाब से जो डाइट बनाई गयी हैं वो पचने में आसान होने के साथ शरीर को जरूरी पोषण देती हैं । ब्लड ग्रुप के हिसाब से खान-पान में बदलाव करने से इंसान ज्यादा समय तक जीवित रहने के साथ-साथ हमेशा स्वस्थ्य रह सकता है । आइए जानते हैं अलग-अलग ब्लड ग्रुप वालों को कैसे अपने खान-पान को नियंत्रित करना चाहिए । O ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ, बहुत सारी सब्जियां और मछली खाना चाहिए लेकिन सीमित बीन्स, फलियां और अनाज खाने चाहिए । वजन कम करने के लिए इन लोगों को समुद्री भोजन, रेड मीट, ब्रोकोली, पालक और जैतून का तेल खाना चाहिए । उन्हें डेयरी, मक्का और गेहूं खाने से बचना चाहिए । A ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को सब्जियां, फल, टोफू, टर्की, साबुत अनाज और समुद्री भोजन चुनना चाहिए और मांस से बचना चाहिए । वजन कम करने के लिए, आपको अधिक अनानास, जैतून का तेल, समुद्री भोजन, सब्जियां और सोया खाना चाहिए । आपको डेयरी, मक्का, किडनी बीन्स और गेहूं खाने से भी बचना चाहिए । B ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  बी रक्त समूह के लोगों को एक विविध आहार का विकल्प चुनना चाहिए जिसमें मांस, फल, समुद्री भोजन, डेयरी और अनाज शामिल हैं । वजन कम करने के लिए आपको हरी सब्जियां, जिगर, अंडे और नद्यपान का अधिक सेवन करना चाहिए और मकई, चिकन, गेहूं और मूंगफली खाने से बचना चाहिए । AB ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों को डेयरी, मेमने, टोफू, मछली, फल, सब्जियां और अनाज खाने चाहिए । वजन कम करने के लिए आपको अधिक टोफू, समुद्री भोजन, हरी सब्जियां और केल्प खाना चाहिए । चिकन, मकई, किडनी बीन्स और एक प्रकार का अनाज बचना चाहिए । क्या आप जानते हैं वजन कम करने के लिए भी बॉडी का मेटाबॉलिज्म मजबूत होना जरूरी है विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह लेख । गर्मी में वजन घटाने के लिए आप डाइट तो स्पेशल करते ही हैं साथ में आपको अपनी एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना होता है । अगर आप गर्मी के मौसम में वजन घटाने की सोच रहे हैं तो पर्याप्त समय एक्सरसाइज को भी देना होगा । आजकल जिस तरह लोगों का लाइफस्टाइल हो गया है इसमें वजन कम करना किसी चुनौती से कम नहीं है । हर कोई चाहता है कि वह फिट रहे और उसका वजन भी उसकी हाईट के अनुसार हो । लकिन हर बार ऐसा हो नहीं पाता है । अगर आप अपने बैली फैट को कम करने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाकर परेशान हो गए हैं और कुछ फर्क नहीं दिख रहा है तो आज आपकी ये समस्या हमेशा के लिए दूर होने वाली है । आज हम आपको 3 ऐसी ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें पीने से आपको काफी फायदा दिख सकता है । आपने कितनी बार कहा है कि आपके पास कसरत करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है? लेकिन अगर आप वाकई अपनी पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं तो आपको एक्सरसाइज के लिए समय निकालने की आवश्यकता है । खीर, एनर्जी बार और अन्य स्वीट डिशेज़ में मुनक्का या किशमिश के दाने मिलाए जाते हैं, ताकि, उसका स्वाद और न्यूट्रिशन लेवल बढ़ जाए । किशमिश बच्चों को भी खूब पसंद आती है इसीलिए, बच्चों के लिए तैयार स्नैक्स में भी किशमिश मिलायी जाती है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर किशमिश कई बीमारियों से भी बचाते हैं । कॉर्नफ्लेक्स शेक बनाने के लिए इन चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी- 100ग्राम या एक कटोरी कॉर्नफ्लेक्स एक गिलास दूध शहद पुदीने के पत्ते इलायची पाउडर चिरौंजी-पिस्ते और बादाम कॉर्नफ्लेक्स शेक बनाने का तरीका- एक मिक्सी या ब्लेंडर में कॉर्नफ्लेक्स, शहद, पुदीने के पत्ते और ड्राईफ्रूट्स डालें । इसमें एक गिलास दूध मिलाएं और अच्छी तरह ब्लेंड करें । अब इसमें अपनी पसंद के अनुसार, शहद, इलायची पावडर और प्रून्स डालकर एक बार और ब्लेंड करें । यह  हेल्दी शेक एक प्रोटीन से भरपूर नाश्ता हो सकता है जो काफी देर तक आपको एनर्जी देगा और आपका पेट भी भरेगा । वजन कम करने के लिए कई तरीके अपनाना जरूरी होता है । एक्सरसाइज, डायटिंग और योगा जैसी कई चीजों को नियमित रूप से करना जरूरी होता है । यह सब चीजें वजन कम करने में मददागर होती हैं । इन सभी के साथ कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी वजन कम किया जा सकता है । इन घरेलू उपायों की मदद से जल्दी फैट बर्न करने में मदद मिलती है और आसानी से वजन कम होता है । कुछ घरेलू उपायों की मदद से बहुत जल्द वजन कम किया जा सकता है । जानें, कैसे 2 हफ्तों में वजन कम किया जा सकता है । सेब के सिरके में एसिटिक एसिड होता है जो शरीर में सूजन और मोटापे को कम करने में मदद करता है । इससे वजन कम करने में मदद मिलती है । इसका सेवन करने के लिए 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पिएं । आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं । वजन कम करने के लिए नींबू का शहद का सेवन फायदेमंद होता है । वजन कम करने के लिए नींबू का रस और शहद बहुत फायदेमंद माना जाता है । नींबू में मौजूद विटामिन सी फैट ऑक्सीडेशन में मदद करता है तो वहीं शहद लिपिड-कम करने वाली गतिविधियों को प्रदर्शित करता है । इसके लिए दिन में 3-4 बार 1 गिलास गरम पानी में आधा नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पिएं । वजन कम करने के लिए ग्रीन टी का सेवन फायदेमंद होता है । ग्रीन टी कैचीन का स्रोत होती है जो वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इसके लिए रोजाना दिन में 2-3 बार ग्रीन टी का सेवन करें । कैमोमाइल टी कैसे करती है वजन कम कैमोमाइल टी पीने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है । केला किसी पावरहाउस से कम नहीं है और ये आपके दिल के स्वास्थ्य, डायबिटीज, पाचन और वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है । इस लेख में हम आपको केले के ऐसे फायदों के बारे में बता रहे हैं, जिसको साइंस भी मानती है । होम्योपैथी और वेटलॉस । तमाम एक्सरसाइज़ या डायट प्लान के बावजूद भी अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो आप होम्योपैथी भी ट्राई कर सकते हैं । यूरोप और दक्षिण एशिया में वजन घटाने के लिए कई सालों से होम्योपैथी का सहारा लिया जा रहा है । विचित्र होम्यो एंड योगा क्लिनिक, नोएडा के डायरेक्टर  के अनुसार, वास्तव में वजन कम करने के लिए होम्योपैथी कोई चमत्कार इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए सही खान-पान और व्यायाम ज़रूरी है । होम्योपैथी ही क्यों आमतौर पर चिकित्सक सिर्फ लक्षणों की पहचान के आधार पर अन्य परंपरागत दवाओं का इस्तेमाल करते हैं । लेकिन होम्योपैथी में मोटापे के लिए गड़बड़ी का पता लगाने के लिए केस हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री की जरूरत होती है । डॉक्टर के अनुसार, चिकित्सक होम्योपैथी के इलाज के दौरान मरीज से उसके खानपान, जीवनशैली संबंधी आदतों और अन्य स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं । अधिक मात्रा में खाना, खाने में वसा का अधिक उपयोग और शरीर में वसा को आसानी से पचाना आदि सभी आदतें आनुवंशिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं । किसी व्यक्ति का फूडी होना और मोटापे से संबंधित परिस्थिति भी आनुवंशिक हो सकती है । ये भी पढ़ेंः  होम्योपैथी वजन घटाने के लिए कैसे काम करता है ? होम्योपैथिक उपचार पौधों के रस, जड़ी बूटियों और अन्य प्राकृतिक पदार्थ से तैयार किये जाते हैं । इसलिए वजन घटाने की गोलियाँ या उपचार के दौरान इनका शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है । विचित्र होम्यो एंड योगा क्लिनिक, नोएडा के डायरेक्टर डॉक्टर डी.डी. विचित्र के अनुसार, होम्योपैथी पाचन संबंधी विकार को दूर करने, चयापचय में मदद करने में सहायक है । वजन कम करने के लिए इन तीनों चीजों का सही होना बहुत ज़रूरी है । चिकित्सक रोगी में लक्षणों के पहचान करने के बाद ही दवाओं की सलाह देता है । दूसरी दवाएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रतिबंधित करके आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती हैं लेकिन होम्योपैथी दवाएं वजन बढ़ने के लक्षणों का इलाज करती हैं । डॉक्टर के डी.डी. विचित्र अनुसार, होम्योपैथी एक जादू नहीं है । वजन कम करने के लिए आपको उचित आहार और व्यायाम की भी जरूरत होती है । होम्योपैथिक उपचार बहुत ज्यादा जरूरत पर ही लेना चाहिए । यह हैं होम्योपैथिक दवाएं कैल्केरिया कार्बोनिका ये भी पढ़ेंः  ये भी पढ़ेंः । ऑस्टियोपोरोसिस को बढ़ाने वाले कारण विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस आपको इन 6 कारणों के बारे में जरूर जानना चाहिए. क्योंकि यही मुख्य वजह होती है हड्डियों के कमजोर होने की और जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होती है. उम्र के बदलाव यह ऑस्टियोपोरोसिस का एक बड़ा कारण है । 30 वर्ष की उम्र के बाद ज्‍यादातर महिलाओं की बोन हेल्‍थ प्रभावित होने लगती है । बोन्‍स टिश्‍यूज जो बोन्‍स को मजबूती देते हैं, ये टूटते तो हैं पर नए टिश्‍यू उस गति से नहीं बन पाते । यानी अब उनकी बोन्‍स कमजोर होना शुरू हो जाती हैं । जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है बोन्‍स का कमजोर होना जारी रहता है । 60 की उम्र तक पहुंचते ज्‍यादातर पुरुषों और महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो चुकी होती हैं । हॉर्मोनल बदलाव महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं । माहवारी, गर्भावस्‍था और मेनोपॉज तक उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं । जिसका असर बोन हेल्‍थ पर भी पड़ता है । यही वजह है कि महिलाओं में जहां हड्डियों में दर्द और फ्रेक्‍चर की समस्‍या 40 की उम्र में ही शुरू हो जाती है, वहीं पुरुषों की बोन हेल्‍थ 50 के बाद भी अच्‍छी रहती है । अगर परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या रही है तो बच्‍चों में इसके होने का जोखिम और ज्‍यादा बढ़ जाता है । वजन कम करने में कॉफी डाइट कैसे है सहायक, जानें । फलों का सेवन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आप जितना अधिक सेब, बेरिज आदि का सेवन करेंगे, आपको वजन कम करने में उतनी ही कम समय लगेगा । फाइबर से भरपूर हो आहार ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जैसे अनाज, फल, हरी सब्जियां आदि वजन को कम करने में काफी मदद करते हैं । कार्बोहाइड्रेट्स भी खूब खाएं वजन कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर चीजों को भी डाइट में शामिल करना चाहिए । नाश्ता ना करें स्किप अधिकतर लोगों को लगता है कि नाश्ता करने से वजन बढ़ता है, पर ऐसा नहीं है । चीनी की विकल्प ढूढें चीनी का सेवन करना बंद नहीं कर सकते हैं, तो आप शहद या गुड़ का सेवन करें । हर दिन एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित करने के लिए शरीर में एनर्जी होना जरूरी है, इसलिए आपको हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए । पर्याप्त नींद है जरूरी कम सोने से भी वजन बढ़ता है । भूखी ना रहें कुछ लोग सोचते हैं कि भूखे रहने से वजन कम किया जा सकता है । आयरन से भरपूर होने के कारण रागी या नाचनी को बच्चों के लिए एक बहुत ही फायदेमंद फूड माना जाता है । आमतौर पर रागी का इस्तेमाल भोजन में थोड़ा कम ही होता है । लेकिन,  इसके फायदे जानकर विशेष डायट्स और वीनिंग फूड्स में अब लोग इसको शामिल करने लगे हैं । आइए जानते हैं इस अनाज की खूबियां जो इसे बनाती हैं एक इंडियन सुपरफूड । मेक्सिको और मध्‍य एशिया में ज्‍यादा खाया जाने वाला यह ड्रेगन फ्रूट सुपर फ्रूट माना जाता है । यह सेहत को कई लाभ देता है, साथ ही इसे एंटी एजिंग भी माना जाता है । वर्कआउट करना अच्छी बात है और हमें आपने वर्कआउट सेशन में तरह-तरह की एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए । लेकिन अगर आप वेट लॉस करने के हिसाब से एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आपको कुछ एक्सरसाइज को अपने रुटीन से बाहर रखना चाहिए । क्योंकि ये एक्सरसाइज आपको न मात्र का लाभ देती हैं । इसलिए बेहतर होगा कि आप उन एक्सरसाइज पर फोकस करें जो आप कम समय में अच्छा रिजल्ट दें । तो आइए जानते हैं क्या हैं ये एक्सरसाइज- Consumption of fewer carbohydrates, especially sugar, can cause headaches in keto dieters. कुछ सालों में कीटो या कीटोजेनिक डायट का चलन काफी तेजी से बढ़ा है । कीटोजेनिक डायट में कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है । कई लोग इस फूड का सेवन खुद को फिट रखने के लिए करते हैं । एक स्टडी में कीटोजेनिक डायट के दुष्परिणाम भी सामने आए हैं । इस अध्ययन में बताया गया है कि जब भी लोग अपना वजन कम करने के लिए कीटोजेनिक डायट लेते हैं, तो उनमें शुरुआत के कुछ ही सप्ताह में फ्लू जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं । कीटोजेनिक डायट के दुष्प्रभाव हैं ‘कीटो फ्लू कीटोजेनिक डायट पर आधारित यह स्टडी फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन नामक जर्नल में प्रकाशित हुई है । इस स्टडी के अनुसार, कीटो फ्लू के लक्षण पहले सात दिनों में ही अपने चरम पर होते हैं । करीब चार सप्ताह बाद धीरे-धीरे फ्लू के लक्षण कम होने लगते हैं । ऑस्ट्रेलिया की तस्मानिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इमैनुएल बोस्तेक ने कहा,  “कीटो डायट से होने वाले फ्लू की रिपोर्ट वैसे तो सामान्य ही रहती हैं पर फिर भी इससे मतली, चक्कर आना, थकान, बेहोशी, ऊर्जा में कमी और दिल की धड़कन में बदलाव आदि देखने को मिलता है । अध्ययनकर्ताओं  ने कीटो डायट के दुष्प्रभावों को ‘कीटो फ्लू का नाम दिया है । अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इसके लक्षणों के विकसित होने का पता लगाने के लिए 43 ऑनलाइन मंचों की सहायता ली । इसमें 101 लोगों के पर्सनल एक्सपीरियंस के तहत एक मैन्युअल तैयार किया । इस स्टडी के परिणाम में उन्होंने पाया कि सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोगों ने इसके दुष्प्रभावों के बारे में पोस्ट किया था । हालांकि, कीटोजेनिक डायट की आदत होने पर कीटो फ्लू के लक्षण अपने आप कम होने लगता है । कीटोजेनिक डायट का क्यों बढ़ा चलन? कार्बोहाइड्रेटयुक्त भोजन के सेवन से शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन का उत्पादन अधिक होता है । इससे हमारे शरीर में फैट काफी जमा होने लगता है । वहीं, कीटोजेनिक डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम किया जाता है । इसमें वसायुक्त फूड्स का सेवन करते हैं,  ये फैट शरीर को ऊर्जा उत्पादन करने में हमारी सहायता है । कीटो डायट से बढ़ती है हृदय रोगों की संभावना कीटो डायट को लेकर कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि कीटो डायट के सेवन से बढ़ते वजन को जल्दी घटाया जा सकता है । लेकिन अगर लंबे समय तक इन फूड्स का सेवन किया जाए, तो ये अन्य आहारों की तुलना में ज्यादा प्रभावी नहीं माने जाते हैं । कुछ डॉक्टर्स इसे चिंताजनक भी मानते हैं । क्योंकि उच्च वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से हृदय रोगों की संभावना बढ़ सकती है । पाचन तंत्र पर भी असर कीटोजेनिक डायट के फायदे हैं, तो वहीं कुछ नुकसान भी हैं । इस डायट को अपना हिस्सा बनाने वाले व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में फाइबर और पोषक तत्व नहीं मिल पाता है । इसके साथ ही कम कार्बोहाइड्रेटयुक्त आहार लेने से इसका सीधा असर हमारे पाचनतंत्र पर पड़ता है । इसके सेवन से व्यक्ति को पाचन संबंधी परेशानियां होने लगती हैं । इसके सेवन से मांसपेशियों में अकड़न, खिंचाव और थकान जैसी समस्याएं हो सकती है, जिसका प्रमुख कारण इलेक्ट्रोलाइट में गड़बड़ी होना है । ये समस्याएं शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण होता है । बदलती जीवनशैली और घर के कामों में कमी के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए हल्का-फुल्का व्यायाम करना आवश्यक हो गया है । डॉक्टर द्वारा बताए गए व्यायाम को नियमित रूप से करने से न केवल गर्भ सुरक्षित रहता है, बल्कि नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं 90% बढ़ जाती हैं । सिजेरियन डिलीवरी के कारण महिला के स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचता है, जो एनेस्थेसिया की समस्या से शुरू होता है । डिलीवरी के बाद रिकवरी में देरी के कारण महिला को बार-बार बुखार और पूरे शरीर में दर्द हो सकता है । इन सभी समस्याओं से बचने के लिए बेहतर है कि आप प्रेग्नेंसी के दौरान लाइट एक्सरसाइज करें । नॉर्मल डिलीवरी है बेहतर चूंकि, नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में सिजेरियन में महिला का खून अधिक मात्रा में बह जाता है, इसलिए उसे लंबे समय तक कमजोरी का अनुभव हो सकता है और नसों में थक्के बनने की संभावना भी रहती है । यदि पहली बार में सिजेरियन डिलीवरी होती है, तो दूसरी बार भी सिजेरियन डिलीवरी करने से समस्याएं और अधिक बढ़ जाती हैं । हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए लाइट एक्सरसाइज है बेहतर नई दिल्ली में साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक और हेड डॉ. मंजू खेमानी ने बताया कि, “चूंकि अधिकतर कामकाजी महिलाओं के पास शारीरिक गतिविधि के लिए शायद ही कोई समय बचता है, इसलिए उन्हें नॉर्मल डिलीवरी के लिए नियमित हल्का-फुल्का व्यायाम अवश्य करना चाहिए । स्वस्थ गर्भावस्था के लिए मध्यम तीव्रता वाली एरोबिक्स जैसे ब्रिस्क वॉक, साइकलिंग, योग आदि नियमित रूप से करना चाहिए । हर रोज 5 मिनट के लिए टहलें और फिर धीर-धीरे आधे घंटे की वॉक करना शुरू कर दें । डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए व्यायाम के बाद ढेर सारा पानी पीना चाहिए । दर्द से बचने के लिए सिजेरियन करवाना ठीक नहीं हालांकि, डिलीवरी से पहले होने वाले दर्द का कारण अज्ञात है, लेकिन अधिकांश महिलाएं दर्द से बचने लिए सिजेरियन करवाती हैं । राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2018 के हालिया डाटा के अनुसार, पिछले एक दशक में सिजेरियन डिलीवरी के मामलों में दोगुनी वृद्धि हुई है । इसके अलावा सरकारी अस्पतालों की तुलना में प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन की फीस बहुत ज्यादा है । एक्सरसाइज से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है लोगों में एक गलत धारणा बनी हुई है कि गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम करने से बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है, जबकि वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गर्भावस्था के दौरान हफ्ते में 3-4 दिन आधे से एक घंटे की एरोबिक एक्सरसाइज करने से न केवल गर्भ स्वस्थ रहता है, बल्कि इससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाओं को भी बढ़ावा मिलता है । डॉ. खेमानी ने आगे बताया, “अध्ययनों ने यह साबित किया है कि प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने वाली अधिकतर महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी होती है । इसके अलावा एक्सरसाइज की मदद से वजन को संतुलित रखा जा सकता है । मोटी महिलाओं में गर्भावस्था की डायबिटीज का रिस्क कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है । सीजेरियन डिलीवरी के बाद फिट और हेल्दी होने के टिप्स । नॉर्मल डिलीवरी से कहीं ज्यादा कष्टदायक सीजेरियन डिलीवरी होती है । नॉर्मल डिलीवरी में बेशक आपको प्रसव के दौरान दर्द अधिक झेलना पड़ता है, लेकिन आप एक-दो दिन में ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाते हैं । घर पर भी आप आराम से दो-तीन दिनों के अंदर ही चलने-फिरने लगते हैं, काम कर सकते हैं । लेकिन, सीजेरियन डिलीवरी के बाद आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी होती हैं । आप जल्दी काम नहीं कर पाते, कोई भारी सामान नहीं उठा सकते, दवाओं का सेवन करना पड़ता है, रेस्ट करना होता है आदि । ऐसे में यदि आप चाहती हैं कि सीजेरियन डिलीवरी के बाद जल्द से जल्द शारीरिक रूप से स्वस्थ, ताकत महसूस कर सकें, शारीरिक कमजोरी को दूर कर सकें, तो हेल्दी और पौष्टिक चीजों का सेवन करके आप फिर से स्वस्थ और फिट हो सकती हैं । सीजेरियन डिलीवरी के कारण शुरू हुई किसी भी तरह की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए डाइट में इन चीजों को जरूर शामिल करें… 1.डाइट में शामिल करें आयरन सर्जरी के बाद अक्सर थकान अधिक महसूस होती है । ऐसा शरीर में आयरन की कमी से होता है । एनिमिया से बचना चाहती हैं, तो डाइट में आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें । आयरन युक्त मल्टी विटामिन सप्लीमेंट लें । इसके अलावा, अंडा, रेड मीट, हरी सब्जियां, पालक, ड्राई फ्रूट्स खाकर शरीर में आयरन की कमी को दूर कर सकती हैं । 2.विटामिन बी, सी और ई युक्त हो आहार फॉलिक एसिड और विटामिन बी 12 शरीर में कम ना हो, इसके लिए मीट, अंडा, दूध खाएं-पिएं । विटामिन सी शरीर में आयरन को अवशोषित करता है । आयरन युक्त टैबलेट लें । हर दिन संतरे का जूस पिएं । आयरन खून में कमी और विटामिन सी इंफेक्शन से लड़ने के साथ कमर दर्द भी दूर करता है । 3.मैग्नीशियम लेना ना भूलें मैग्नीशियम रिच फूड के सेवन से मांसपेशियां की लचक बनी रहती है । भोजन में मैग्नीशियम शामिल करने से सीजेरियन डिलीवरी के बाद जल्दी रिकवर करने में आसानी होती है । केला, एवोकाडो, टोफू, काजू, डार्क चॉकलेट, बादाम खाएंगी, तो शरीर में मैग्नीशियम की कमी दूर होगी । 4. हड्डियों का सूप सीजेरियन डिलीवरी से आपने अपने बच्चे को जन्म दिया है, तो हड्डियों की सेहत का भी ख्याल रखें । इसके लिए बोन ब्रोथ यानी हड्डियों का सूप पिएं । इससे जल्दी रिकवरी होने में मदद मिलेगी । बोन ब्रोथ में मौजूद प्रोलाइन व ग्लाइसिन नामक अमीनो एसिड त्वचा को हील करते हैं । यह पाचन क्रिया को भी सुधारता है । सीजेरियन के बाद कब्ज की समस्या परेशान करे, तो यह सूप जरूर पिएं । 5. एलोवेरा भी है हेल्दी एलोवेरा से सर्जरी वाला टांका, घाव, इंफेक्शन और त्वचा की परेशानी जल्दी ठीक होती है । सीजेरियन के बाद आप घाव को भरने के लिए एलोवेरा जेल के साथ भी ड्रेसिंग कर सकती हैं या फिर एलोवेरा क्रीम भी एक बेहतर ऑप्शन है, घावों को जल्दी भरने के लिए । सभी इस बात को जानते होंगे और मानते भी होंगे कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए वजन को नियंत्रण में रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी है । डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट भी इस बात को अक्सर कहते हैं कि ज्यादातर बीमारियां वजन के बढ़ने के कारण होती है । आपके पेट पर मौजूद चर्बी ही ढेरों बीमारियों की वजह है । वजन घटाने के लिए लोग यूं तो कई तरीके अपनाते हैं लेकिन उन्हें सही से फॉलो नहीं कर पाते हैं । बस आपको जरूरत है इन्हें डेली बेसिस पर अपनाने की । तो आइए जानते हैं कौन से तरीके आपको वजन घटाने में मदद कर सकते हैं । 1.अपने बीएमआई की जांच करें सबसे पहले अपना वजन बीएमआई के अनुसार तय करें, इसकी जानकारी बहुत से इन्टरनेट के विश्वसनीय स्रोतों से भी मिल जायेगी । आपके मौजूदा कद के अनुसार कितना वजन होना चाहिए यह आपको बताता है । वजन कम करने की एवज में गुमराह न हों । 2.तले-भुने और कार्ब्स की मात्रा कम करें अपने खान पान में तले भुने व्यंजनों और कार्ब्स की मात्रा कम करें और प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें, इसके लिए दालें, पनीर, टोफू आदि का सेवन करें । आप जितनी तली-भुनी चीजों का सेवन करेंगे आपके शरीर में फैट की मात्रा उतनी ही बढ़ेगी । इसलिए अगर आप चाहते हैं कि शरीर में फैट की मात्रा न बढ़ें तो आप तली-भुनी चीजों का सेवन और कार्ब की मात्रा पर ध्यान दें । 3. हरी सब्जियों का चयन करें खान पान में ही सलाद, हरी सब्जियां आदि को अधिक तवज्जो दें, और दिन के कोई एक या दो मौसमी फल खाने की आदत डालें । साथ ही फाइबर युक्त भोजन करें, जैसे मटर, राजमा और रेशे वाली सब्जियां, ये वजन नियंत्रण में रखने में मददगार होते हैं । मिठाइयों की जगह ड्राई फ्रूट या फल आदि के सेवन की धीरे धीरे आदत डालें । 4.पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं प्रचुर मात्रा में पानी पियें, प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी का लक्ष्य रखें । शरीर में तरलता बनाए रखें । पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है और आपका शरीर हेल्दी रहता है । पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में विषैले पदार्थ भी जमा नहीं होते हैं । 5. रोजाना व्यायाम करें व्यायाम का वजन नियंत्रण में रखने और सम्पूर्ण स्वास्थ्य में बहुत योगदान होता है, इसलिए व्यायाम या किसी मनपसंद खेल आदि की आदत डालें । योग में ऐसे बहुत से व्यायाम हैं जो वजन घटाने में बहुत मदद करते हैं । सबसे जरूरी बात किसी भी तरह की डाइट प्लान बनने से पहले किसी पेशेवर न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें । यदि पहले से किसी शारीरिक समस्या या बीमारी से जूझ रहे हैं तो संबंधित डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसे बनायें । जानें, इंडियन डाइट प्लान में क्या शामिल करके आप 4 सप्ताह में घटा सकते हैं अपना वजन... वजन घटाने के लिए ईजी टिप्स । मैंगो राइस बनाने की रेसिपी । मां बनने के बाद वजन घटाना  आज हम आपको एक ऐसी ही सामान्य महिला की वेट लॉस जर्नी के बारे में बताने जा रहे हैं । ' तूलिका ने वजन घटाने के लिए इस डाइट प्लान को अपनाया  सुबह की शुरुआत सौंफ का पानी शहद मिलाकर 20 मिनट के बाद 4 भीगे हुए बादाम नाश्ते में ओट्स दूध के साथ स्वाद के लिए शहद । वॉकिंग और रनिंग में आपके लिए कौन सा बेहतर है, यह आपके फिटनेस गोल पर निर्भर करता है । इन दोनों के फायदे क्‍या हैं, जानिए । क्या अचानक से कुछ वक्त पहले तक अच्छी तरह से फिट आने वाली जींस तंग सी महसूस होने लगी? ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति कमर के पास चढ़ी चर्बी को कम करने के बारे में सोचता है और गूगल पर वजन घटाने के तरीके ढूंढता है, जो कम से कम समय में काम कर सकते हैं । हालांकि वजन कम करने के लिए जीवन शैली में बदलाव की आवश्यकता होती है, इसका मतलब यह नहीं है कि छोटे-छोटे कदम मदद नहीं करते हैं । जैसा कि हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि आपके द्वारा किए गए मामूली से बदलाव भी आपके जीवन पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकते हैं । इस लेख में हम आपको मात्र पांच 5 मिनट में होने वाले ऐसे चमत्कार के बारे में बता रहे हैं, जो आपको अपने वजन घटाने के लक्ष्य के करीब लाने में मदद कर सकते हैं । सबसे अच्छी बात ये है कि ये उपाय उन लोगों के लिए एकदम सही साबित हो सकते हैं, जिन्हें हमेशा कम समय होने की शिकायत होती है । तो आइए जानते हैं कौन से उपाय कम समय में आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं । सोशल मीडिया पर रहें हमेशा पॉजिटिव सुबह उठते ही सोशल मीडिया फीड देखे बिना नहीं रह सकते? खैर, अब अपने फोन का बेहतर उपयोग करने का समय आ गया है! अपने सोशल मीडिया फीड को ‘रिफ्रेश करें और पॉजिटिव, प्रेरक पोस्ट से भरने का लक्ष्य बनाएं, जो वास्तव में आपको वजन घटाने के लिए प्रेरित करेगा । उन पोस्ट को स्क्रॉल करें, जो # वर्कआउट करने के बारे में बताते हों, आपको हेल्दी भोजन के बारे में आपको अलग-अलग चीजें बताते हों या आपको पॉजिटिविटी की भावना पैदा करती हो । इस तरह आप अपने सोशल मीडिया को आपके लिए अच्छा बना सकते हैं । इस तरह के 5 अन्य तरीके, आपको फ्लैब और फिट बना सकते हैं । सोने से पहले अपने नाश्ता के बारे में सोचें नाश्ता दिन के सबसे महत्वपूर्ण भोजन में से एक है जो वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है । अगर आप सुबह उठकर अपना नाश्ता तैयार करने के लिए संघर्ष करते हैं, तो परेशानी से बचने का एक तरीका यह है कि आप रात में बिस्तर पर सोने से पहले इसके लिए तैयार रहें । 5 मिनट का एक सरल भोजन आपकी सभी परेशानियों को हल कर सकता है और बेहतर तरीके से दिन की योजना बनाने में मदद कर सकता है । रात भर ओट्स भिगोना और सुबह उठकर खाना नाश्ते का अच्छा विकल्प हो सकता है, इसके साथ ही आप स्मूदी का भी चुनाव कर सकते हैं, जो दिन की शुरुआत के लिए एक हेल्दी विकल्प हो सकता है । वॉक करें, जब भी आपका मन करें वजन कम करने के लिए चलना सबसे प्रभावी और उल्लेखनीय अभ्यासों में से एक है । अगर आपको किसी वर्कआउट प्लान से चिपके रहने के दौरान संघर्ष करना पड़ता है तो वास्तव में कुछ कदम चलना शुरू करें । यह पूरे दिन शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का एक अच्छा तरीका है । हर 30-45 मिनट में पांच मिनट तक चलने का लक्ष्य बनाएं । आपको ऐसा करने से तुरंत फर्क देखकर आश्चर्य होगा । वर्कआउट से पहले कॉफी पिएं कई फिटनेस ट्रेनर और मशहूर हस्तियों ने कॉफी को प्री-वर्कआउट ड्रिंक के रूप में अपनाया है और वजन कंट्रोल के लिए ऐसा करते आ रहे हैं । कॉफी आपके शरीर में फील-गुड उत्तेजक को रिलीज करने में मदद करती है और आपको कसरत के माध्यम से ऊर्जा और समर्थन देती है । यह आपकी क्रेविंग को भी रोक कर रख सकती है । साथ ही, यह कैलोरी में कम होती है, जो इसे वजन घटाने के लिए आदर्श पेय बनाती है । कुछ प्रकार के सेंट सूंघें अध्ययन बताते हैं कि सेंट या फिर एशेंशियल ऑयल को सूंघने जैसी एक सरल गतिविधि भी वजन घटाने को बढ़ावा दे सकती है । दालचीनी, अंगूर और पुदीना इसके अच्छे उदाहरण हैं । कुछ खाद्य पदार्थों में GABA के रूप में जानें जाने वाली शक्तिशाली न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो आपकी भूख को स्थिर कर सकते हैं, पाचन धीमा कर सकते हैं और तनाव के स्तर पर कार्य कर सकता है । एक और चीज है जिसे आप कर सकते हैं एक किशमिश को बहुत धीरे-धीरे और मन से खाएं । अगर आपको 5 मिनट का ब्रेक मिलता है तो आप भूख के दर्द को कम करने के लिए कुछ फल भी खा सकते हैं । चाय तो आप हर सुबह पीते होंगे । इससे मूड फ्रेश होने के साथ ही ताजगी का अहसास होता है । चाय पीते ही जैसे शरीर की सारी थकान दूर हो जाती है । चाय को सबसे ज्यादा पसंदीदा पेय पदार्थ भी कहा जाता है । लेकिन, अधिकतर लोग दूध वाली चाय पीते हैं, पर इससे कहीं ज्यादा सेहत के लिए हेल्दी हर्बल टी होती हैं । कुछ हर्बल टी पीने से वजन और बेली फैट भी कम किया जा सकता है । यदि आप वजन कम करने की कोशिशों में लगे हुए हैं, तो जानें कौन सी दो हर्बल चाय इसमें आपकी मदद करेगी । बेली फैट कम कर देंगी ये चाय ओलोंग टी ओलोंग टी के बारे में शायद आपने सुना हो । यदि आप वजन और बेली फैट कम करना चाहते हैं, तो ओलोंग टी पिएं । यह चाय मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है । इसके नियमित सेवन से बहुत जल्दी शरीर में जमा वसा बर्न होने लगता है । बेली के पास भी फैट जमा होने से पेट बाहर की तरफ निकला लगता है, तो इस चाय का सेवन करना आपको लाभ पहुंचा सकता है । व्हाइट टी व्हाइट टी में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स मौजूद होता है । फैट कम करना है, तो व्हाइट टी पीने से शरीर में जमा फैट तेजी से कम होने लगता है । लगातार, दो महीने इस चाय को जरूर पीकर देखें, बेली फैट बर्न करने में मदद मिल सकती है । जल्दी वजन कम करने के लिए जरूर खाएं ये 4 चीजें भोजन की शुरुआत सूप के साथ करें । असल में यह भूख को नियंत्रण में रखता है । भोजन करने की गति को भी कम कर देता है । क्रीम युक्त सूप न लें, क्योंकि उसमें वसा अधिक होती है । जो लोग जिम जाकर घंटों वर्कआउट करते थे, उनके लिए अपनी फिटनेस को बरकरार रखना मुश्किल हो रहा है । अधिकतर लोग घर से ऑफिस का काम कर रहे हैं । सारा दिन घर में पड़े रहने से वजन बढ़ने की चिंता सताने लगती है । एक बार वजन बढ़ जाए, तो उसे कम करना भी आसान नहीं है । आप चाहें तो घर पर योग, एक्सरसाइज और कुछ घरेलू उपायों की मदद से अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल कर सकते हैं । हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो फैट को जल्दी बर्न करने में मदद करते हैं । सेब का सिरका सेब के सिरके में मौजूद एसिटिक एसिड शरीर में फैट जमा नहीं होने देता है, जिससे आप मोटापे से बचे रहते हैं । इसे इस्तेमाल में लाने के लिए आप 1 गिलास पानी लें । इसमें 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं और इसे पी जाएं । आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं । ग्रीन टी ग्रीन टी को वजन कम करने के लिए बेस्ट माना गया है । इन दिनों आप घर से ही काम कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप ग्रीन टी पिएं । इसमें कैचीन अधिक होता है, जो वजन को बढ़ने नहीं देता है । दिन भर में आप दो या तीन कप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं । इसके सेहत पर कई अन्य लाभ भी होंगे । शहद, नींबू और पानी को एक साथ मिलाकर पीने से भी आप अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते हैं । नींबू में विटामिन सी होता है, जो फैट ऑक्सीडेशन में मदद करता है । शहद में भी ऐसे गुण होते हैं, जो वजन को कंट्रोल में रखता है । आप एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस एक चम्मच और शहद दो चम्मच मिलाकर दिन भर में दो-तीन बार पिएं । काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन फैट कम करता है । इसे अधिक से अधिक अपने भोजन में इस्तेमाल करें । वजन निश्चित रूप से काबू में रहेगा । एलोवेरा जूस एलोवेरा जूस मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे वजन कम होता है । एलोवेरा जूस पाचन को भी बेहतर बनाता है, जिससे आपके पेट की सेहत भी दुरुस्त रहेगी । मोटापा घटाने की बात जब आती है तो पानी कितना पीना है यह महत्वपूर्ण हो जाता है. लेकिन पानी कब पीना है यह उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि जब आप सही समय पर पानी पीते हैं तो तेजी से वजन घटाने में कामयाब रहते हैं. ढेर सारा पानी पीएं, खुद को हाइड्रेट रखें । यह आपके पाचन तंत्र की सफाई में मदद करेगा और शरीर में पड़े विषैले तत्वों को बाहर निकालने और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद होगी । यह भी पढ़ें- परिवार, अनुशासन,लगन और समानता जैसी हैं । ओट्स पालक पनीर खाएं, वजन घटाएं आपके रोज के पालक पनीर में कुछ नयापन लाने के लिए इस रेसिपी को ट्राइ कीजिए । पालक में विटामिन होता है तो ओट्स में फाइबर और पनीर प्रोटीन से भरपूर होता है । ओट्स उपमा भी है लाभदायक यह उपमा लो फैट, पौष्टिकता से भरपूर और स्वादिष्ट होता है । इसको बनाने के लिए जिन सब्ज़ियों का इस्तेमाल किया जाता है वे विटामिन, मिनरल और एन्टीऑक्सिडेंट का स्रोत होते हैं । इसे और ज्यादा टेस्टी बनाने के लिए आप बादाम और किशमिश भी डाल सकते हैं । ओट्स और कॉर्नफ्लेक्स का लड्डू ओट्स कॉर्नफ्लेक्स को साथ मिलाकर जो लड्डू बनेगा वह यम्मी और हेल्दी के सिवा कुछ भी नहीं हो सकता । ये लड्डू न सिर्फ आपके मीठा खाने की इच्छा को संतुष्ट करता है बल्कि कैलोरी काउन्ट को भी कंट्रोल में रखता है । इस लड्डू को गुड़ डालकर बनाया जाता है और इसको बार-बार खाने से आप खुद को रोक नहीं पायेंगे । रेसिपी के लिए यहाँ क्लिक करें । ओट्स चाट स्नैक टाइम में छोटे भूख के लिए इससे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है । ये चाट लो कैलोरी, फाइबर और विटामिन से भरपूर होता है । जब भूख लगे तब ओट्स, सब्जी, चना, दही और चटनी डालकर इस चाट को बना लें और चाट खाने के लुत्फ उठाएं । ज़्यादातर फल और सब्ज़ियों को पकाने के लिए स्टीमिंग एक अच्छा तरीका है । इसीलिए यह एक फायदेमंद और हेल्दी तरीका है कूकिंग का । स्टीम्ड फूड के चुनाव का एक बड़ा फायदा है, कि इसे तैयार करने में ज़्यादा ईंधन की ज़रूरत नहीं पड़ती । यह एक सस्ता और फायदेमंद तरीका साबित हो सकता है । हमारे आसपास के परिसर में मौजूद चीज़ों का रंग देखकर हमारे दिमाग को एक विशिष्ट संदेश मिलता है । इन रंगों का हम पर मानसिक, भावनात्मक और साइकोलॉजिकल प्रभाव पड़ता है । नवरात्री 9 रातों 10 दिनों का त्योहार है । इन 9 रातों में देवी  दुर्गा से जुड़ी कहानियों के आधार पर उनका श्रृंगार होता है । इसी तरह लोग अपने कपड़ों में भी इन रंगों को शामिल करने की कोशिश करते हैं । अब तो कॉर्पोरेट ऑफिसेस में भी इन रंगों के आधार पर थीम बनायी जाती है औऱ लोग उसी थीम के आधार पर कपड़े पहनकर आते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों का हमारी सेहत भी कनेक्शन है । सर्दियों में आपको गर्माहट देंगी ये जड़ी-बूटी । एमवाई 22 बीएमआई की संस्थापक और प्रमुख हेल्थ कोच प्रीति त्यागी ने सर्दियों के मौसम में खुद को चुस्त-दुरुस्त व स्वस्थ रखने के लिए कुछ खास जड़ी बूटियों के बारे में बताया है, जो आसानी से आपकी रसोई में ही आपको मिल जाएंगे । आइए जानते हैं उनके फायदों के बारे में… 1. तुलसी तुलसी को एलर्जी, सांस संबंधी समस्या और ब्रोंकाइटिस की समस्या से निजात पाने में कारगार बताया गया है । प्रतिदिन आप दो पत्तियों का सेवन सीधे या फिर चाय में डालकर कर सकते हैं । इस पौधे के हर्बल सप्लीमेंट भी आसानी से मिल जाते हैं । 2. अदरख अदरख को भी जड़ी बूटी के तौर पर देखा जाता है । एक हालिया शोध में यह तथ्य सामने आए हैं कि अदरख के मौखिक सेवन से अस्थमा में काफी आराम मिलता है । इसके साथ ही चाय के साथ इसका सेवन कर इसका सेवन डिटॉक्स ड्रिंक के तौर पर किया जा सकता है । अदरख को काली मिर्च और शहद के साथ मिलाकर लेने पर सांस संबंधी एलर्जी में काफी आराम मिलता है, इससे नाक की नली भी साफ होती है । 3. बटरबर यह माइग्रेन की समस्या में लाभदायक है । शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि यह अनचाहे एलर्जी के लक्षणों में लाभदायक है । हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं । किसी भी मामले में इसका अतिरिक्त सेवन हानिकारक है । 4. बिच्छू बूटी यह एक बारहमासीय पौधा है, जिसका प्रयोग उम्र के लिए औषधी के तौर पर किया जाता है । मौसमी एलर्जी में यह काफी लाभदायक है । 5. रोजमेरी ताजे और सूखे रोजमेरी का प्रयोग कई व्यंजनों में किया जाता है । शोध में यह प्रमाणित हुआ है कि रोजमेरी में एलर्जी से लड़ने की क्षमता होने के साथ ही यह अस्थमा से ग्रसित लोगों को आराम पहुंचाती है । इस जड़ी बूटी में रोजमेरिनिक एसिड होता है, जिसमें एंटीफ्लेमेंटॉरी और एंटीऑक्सिडेंट दोनों गुण होते हैं । वहीं अगर आप रोजमेरिनिक एसिड को एक सप्लिमेंट के तौर पर लेते हैं तो इसे खाने के साथ ले, इससे पेटदर्द में राहत मिलेगी । 6. ऑर्गेनो यह एक इतालवी जड़ी बूटी है । यह कई स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए सप्लीमेंट के तौर पर भी उपलब्ध रहता है । ऑर्गेनो तेल के तत्व गोली और सॉफ्टजेल कैप्सूल के तौर पर उपलब्ध रहते हैं । इसे सीधे गोली के तौर पर भी लिया जा सकता है, वहीं इसे काटकर इसके तेल को चेहरे पर भी लगाया जा सकता है । व्रत, उपवास और वेट लॉस के कुछ नियम होते हैं । अगर आपने एक का भी पालन नहीं किया है तो हो सकता है कि फास्टिंग के बाद भी आपका वजन घटने की बजाए बढ़ना शुरू हो जाए । आज छठा नवरा‍त्र है । अगर पांच दिन के उपवास के बाद भी आपको अपने शरीर में भारीपन महसूस हो रहा है, तो निश्चित ही आपने कुछ गलतियां की होंगी । पर घबराएं नहीं अभी कुछ दिन शेष हैं, जिनमें आप इन ग‍लतियों को दूर कर अपने वेट लॉस के लक्ष्‍य को पा सकते हैं । फास्टिंग मिस्‍टेक्‍स ज्‍यादा फ्राइड खाना अगर नवरात्रि का लाभ के लिए लेना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कुछ नियम फॉलो करने होते हैं । वेट लॉस के लिए आपको बैलेंस्‍ड डाइट की जरूरत है । जिसमें फाइबर, फल, सलाद और लिक्विड का सही संतुलन होना चाहिए । इसे भूलकर कुछ लोग नवरात्रि के दौरान डीप फ्राइड फूड का ही सेवन करते रहते हैं । कुट्टू  की पूडि़यां, चिप्‍स और टिक्‍की में काफी ज्‍यादा फैट होता है । इनका सेवन सीमित मात्रा में करें । इनकी जगह फल, सूखे मेवे और सलाद को अपनी डाइट में स्‍थान दें । लिक्विड की उपेक्षा व्रत में अकसर ऐसा होता है कि लोग जब भी भूख लगती है चाय या कॉफी पीना शुरू कर देते हैं । ये दिखने में तो लिक्विड हैं पर आपके शरीर के लिए जरूरी लिक्विड की आवश्‍यकता को पूरा नहीं करते । इनमें मौजूद कैफीन आपके शरीर में खुश्‍की बढ़ा देता है । इनके ज्‍यादा सेवन से वजन भी बढ़ने लगता है । इससे बचने के लिए आपको लिक्विड को ज्‍यादा से ज्‍यादा स्‍थान देना चाहिए । के लिए खूब पानी पिएं । दिन भर में दो कप चाय या कॉफी पर्याप्‍त है । इससे ज्‍यादा होने पर नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, फ्रेश जूस आदि को चुनें । यह बॉडी को डिटॉक्‍स करने में मदद करते हैं । वर्कआउट छोड़ देना क्‍या आपको ऐसा लगता है कि नवरात्रि व्रत के दौरान आपको वर्कआउट की जरूरत नहीं हैं? तो इस तरह आप वेट लॉस के लिए की गई अपनी अब तक की सारी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं । उपवास यानी व्रत का अर्थ भूखे रहना नहीं है, बल्कि डाइट में थोडा सा बदलाव ही है । यकीनन आप नवरात्रि उपवास में भी भूखे नहीं हैं । तो फि‍र वर्कआउट स्किप करने से आपका वजन बढ़ सकता है । व्रत उपवास के दौरान में सैर करें, योगा-प्राणायाम के लिए समय निकालें और अपने ट्रेनर से वर्कआउट के लिए एडवाइज लें । बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू ने शुक्रवार को एक ड्रिंक की रेसिपी शेयर की जो शरीर में बढ़ी चर्बी को कम करने में मदद करती है । आप भी जानें, तापसी की इस हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक की रेसिपी... हम आपको तीन हेल्दी ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन करके ना सिर्फ शारीरिक कमजोरी दूर कर सकती हैं, बल्कि वजन कम करके दोबारा आकर्षक फिगर भी पा सकती हैं । ये हैं वो 4 चाय, जिन्हें पिएंगे तो तेजी से कम होगा बेली फैट वजन कम करना आसान नहीं है । इसके लिए कई तरीके अपनाना जरूरी होता है । वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज, डायटिंग और योग जैसी कई चीजों को करना जरूरी होता है । इन सभी के साथ कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी वजन कम किया जा सकता है । कुछ घरेलू उपायों की मदद से दो हफ्तों में वजन कम किया जा सकता है । जानें, डेली हेल्थ टिप्स के बारे में जिन्हें आजमाकर आप सिर्फ 2 सप्ताह में ही अपना वजन कम कर सकते हैं । वजन कम करने के लिए पिएं नींबू-शहद पानी वजन कम करने के लिए नींबू का शहद का सेवन फायदेमंद होता है । इसके लिए दिन में 3-4 बार 1 गिलास गर्म पानी में आधा नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पिएं । काली मिर्च भी है वजन कम करने में कारगर काली मिर्च में पाइपरिन नामक कंपाउंड होता है जो खाने में स्वाद बढ़ाने में मदद करता है । पाइपरिन में फैट कम करने वाले गुण होते हैं जिसकी वजह से यह । इसके लिए अपने भोजन में 1 चम्मच काली मिर्च मिलाएं । एलोवेरा जेल से घटाएं वजन मेटाबोलिक एक्टिविटी को बढ़ाकर एलोवेरा जेल वजन कम करने में मदद करता है । इसके साथ ही यह पाचन को बेहतर बनाकर वजन कम करने में मदद करता है । सेब का सिरका वजन करे कम ग्रीन टी पिएं हर दिन ग्रीन टी कैचीन का स्रोत होती है जो वजन कम करने में महत्वपूरण भूमिका निभाती है । कुछ ड्राई फ्रूट्स वजन कम करने में मदद करते हैं । जानें, कौन से हैं वो ड्राई फ्रूट्स । 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भूख कंट्रोल करके वजन घटाएं अगर आपका पेट बहुत अधिक टाइट रहता है तो यह आंत में अधिक फैट की निशानी है । जब आंत में बहुत अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है तो यह पेट को बाहर की तरफ धक्का देती है । पेट टाइट रहता है तो इसे आप इग्नोर न करें । पेट में मोटापा होना और पेट बहुत ज्यादा टाइट होना अक्सर लोगों में देखा जाता है । कुछ लोगों को लगता है कि यह बहुत ही सामान्य सी बात है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट अगर बहुत टाइट है तो यह किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकते है । पेट में मोटापा की वजह से डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है लेकिन पेट अगर टाइट रहता है तो यह और भी कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है । हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो पेट का टाइट होना धूम्रपान से भी ज्यादा खतरनाक होता है । लेकिन पेट बहुत ज्यादा टाइट क्यों होता है ? क्या पेट का टाइट होना मतलब अधिक कोलेस्ट्राल है या फैट बढ़ने की वजह से पेट टाइट हो जाता है । अगर आपका पेट बहुत ज्यादा टाइट है तो आपको कुछ बातों को जरूर जानना चाहिए । अगर पेट बहुत ज्यादा टाइट रहता है तो इसके कारणों के बारे में जानना भी जरूरी है । आइए जानते हैं पेट टाइट होने के मुख्य कारण और उसे ठीक करने के उपाय के बारे में….. आंत में अधिक फैट की वजह से पेट होता है टाइट जी हां, अगर आपका पेट बहुत अधिक टाइट रहता है तो यह आंत में अधिक फैट की निशानी है । पेट मैं चारों तरफ तनाव बढ़ने लगता है और पेट बहुत अधिक टाइट रहने लगता है । आंत में फैट की अधिक मात्रा बढ़ने पर पाचन तंत्र ठीक नहीं रहता है और पेट की और भी गंभीर बीमारियों की संभावना बढ़ने लगती है । पारिवारिक कारणों से पेट टाइट हो सकता है कुछ लोगों में यह परेशानी अनुवांशिक वजह से होती है । अगर आपके परिवार में माता-पिता के खानदान में पेट का मोटापा अधिक होता है तो यह परेशानी आपको भी हो सकती है । लेकिन इसे आप अपनी डाइट और एक्सरसाइज के द्वारा नियंत्रित कर सकते हैं । पुरुषों का पेट हो सकता है टाइट पेट टाइट होने की परेशानी सबसे ज्यादा पुरुषों में देखी जाता है । अगर आप रोजाना वर्कआउट करते हैं तो भी यह हो सकता है लेकिन यह किसी बीमारी का संकेत नहीं है । लेकिन अगर आप कोई एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो पेट टाइट होना किसी बीमारी की निशानी मानी जाती है । सारा दिन बैठकर काम करना अगर आप पूरा दिन बैठकर काम करते हैं और किसी प्रकार की कोई एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो यह परेशानी आपको हो सकती है । जब इंसान सारा दिन बैठकर काम करता है तो पूरे शरीर का प्रेशर पेट पर पड़ता है और वहां पर वसा एकत्र होने लगती है जो बाद में पेट टाइट होने की परेशानी को भी पैदा करता है । महिलाओं में यह परेशानी अक्सर मेनोपाज के बाद देखने को मिलती है । मेनोपाज के बाद महिलाओं के पेट की कसरत या क्रिया कम हो जाती है और उनका भी पेट टाइट होने लगता है । खराब खान-पान की वजह से भी पेट टाइट होता है अमेरीकी जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध के अनुसार जो लोग प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करनते हैं उनका भी पेट टाइट होने लगता है । प्रोसेस्ड फूड में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो पेट और आंत में फैट जमा करती है । पेट के आस-पास की चर्बी भी खराब खाने की वजह से बढ़ने लगती है जो बाद में पेट टाइट होने की समस्या को जन्म देता है । पेट टाइट होने की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करें । सक्रिय जीवनशैली आपकी इस समस्या को ठीक करती है । खाने में साबुत अनाज, फल और सब्जियों को शामिल करें । रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें । अगर एक्सरसाइज नहीं कर सकते हैं तो कम से कम 30 मिनट तेज गति से पैदल चलें । सेलिब्रिटी शेफ रणबीर ब्रार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लोगों को यह कॉर्नफ्लेक्स से बने इस शेक  तैयार करने की रेसिपी और इसके हेल्दी फायदे भी बताएं । कुछ जूस का सेवन नियमित रूप से करने से पेट की चर्बी कम होने लगती है । जानें, कौन से जूस या हेल्दी ड्रिंक्स बेली फैट कम करने में मदद करती हैं । कोलेस्ट्रॉल के लिए रेड मीट और चिकन अच्छा नहीं अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि रेड मीट और सफेद मीट का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है । इसकी बजाय वनस्पति से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन ज्यादा मुफीद है । चावल को पका लें । आप इसके लिए बचा हुआ चावल भी इस्तेमाल में ला सकती हैं । एक पैन में तेल गर्म करके सरसों के बीज, पत्तियां, दालें, मूंगफली, मिर्च और सॉस डालकर भूनें । अब इसमें हल्दी और  अदरक पेस्ट, कद्दूकस किया हुआ कच्चा आम डालें और कुछ देर तक पकाएं । अब इसमें नारियल डालकर मिक्स करें । इसे थोड़ी देर तक और भूने । अब उबले हुए चावल डालकर बैलेंस करके टॉस करें । इसमें मसाला मिलाकर गरमा-गर्म परोसें । आप चाहें तो इसमें ड्राई फ्रूट्स भी मिला सकती हैं । टमी टक एक प्लास्टिक सर्जरी होती है, जिसमें पेट के आसपास से अतिरिक्त फैट और चर्बी को हटाया जाता है । इसे मेडिकल भाषा में ''एब्डोमिनोप्लास्टी'' कहते हैं । टमी टक सर्जरी उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है, जो डाइट और एक्सरसाइज की मदद से पेट की अतिरिक्त चर्बी नहीं घटा पाते हैं । इसे मेडिकल भाषा में ''एब्डोमिनोप्लास्टी'' कहते हैं । टमी टक सर्जरी उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है, जो डाइट और एक्सरसाइज की मदद से पेट की अतिरिक्त चर्बी नहीं घटा पाते हैं । बच्चे को जन्म देने के बाद क्षतिग्रस्त और कमजोर हुई एब्डोमिनल मसल्स को रिपेयर करने के लिए महिलाएं टमी टक सर्जरी करवा सकती हैं । हालांकि, इसे करवाने से पहले कुछ बातें जान लेना जरूरी है । टमी टक सर्जरी कराने के बाद कैसे करें रिकवर  एब्डोमिनोप्लास्टी की प्रक्रिया छोटी नहीं होती है । इसके बाद शरीर को रिकवरी करने के लिए दो हफ्तों से ज्यादा का समय लग सकता है । ऐसे में इस सर्जरी को करवाने के बाद शरीर को रिकवर और स्वस्थ होने के लिए पर्याप्त समय देने का प्लान बनाएं । 3 हफ्ते से 6 महीने के बीच की योजना बनाएं । लें पोषक आहार  सर्जरी करवाने के बाद सर्जिकल घाव जल्दी ठीक नहीं होते हैं । इसके लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश करें । सर्जरी के बाद शरीर को पोषण की जरूरत होती है । डाइट में स्वस्थ अनाज, लीन प्रोटीन और फल-सब्जियों को शामिल करें । निशान पेट के आसपास ढीली और अतिरिक्त चर्बी को हटाने और टाइट करने के लिए त्वचा पर चीरा लगाना होता है, जिससे त्वचा पर उसका निशान रह जाता है । समय के साथ यह निशान लाल से हल्के गुलाबी रंग का हो सकता है, लेकिन यह आपके शरीर पर मौजूद रहता है । नतीजे होते हैं स्थायी टमी टक के नतीजों और पेट को हमेशा सपाट रखने के लिए आपको अपने शारीरिक वजन में किसी भी बड़ा या अचानक वाले बदलाव से दूर रहना चाहिए । जैसे गर्भधारण करना या मस्कुलर बॉडी के लिए प्रोटीन का सेवन आदि करना, इन चीजों से शरीर के वजन में अचानक बदलाव आ जाता है । वजन में नहीं पड़ता फर्क इस सर्जरी में आपके पेट के आसपास की ढीली और क्षतिग्रस्त मसल्स को सिर्फ टाइट किया जाता है । कई बार अतिरिक्त मसल्स होने पर थोड़ा सा हटाया जाता है । यह शारीरिक वजन पर ज्यादा फर्क नहीं डालता है । शारीरिक वजन जैसा पहले था, वैसा ही रहता है । इससे सिर्फ पेट सपाट बनता है । 50 पार उम्र होने के बाद भी नीता अंबानी देश के करोड़ों लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं । स्वस्थ रहने के लिए उनका फिटनेस लेवल और समर्पण भी 40 के बाद वाली महिलाओं को प्रेरित करता है । इस लेख में हम आपको नीता अंबानी के ऐसे दो राज के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वजन घटाने में आपकी भी मदद कर सकते हैं । Cycling) होती है । वॉकिंग रोज सुबह-शाम आधा घंटा पैदल चलें । इससे भी पेट की चर्बी कम होने लगती है । तेज कदमों से चलें । पेट कम करने के उपाय में इसे आसान और सुरक्षित माना गया है । वेट ट्रेनिंग अगर जिम जाते हैं, तो वहां वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज करना शुरू कर दें । भार उठाने से शरीर को आकर्षक शेप मिलेती है, साथ ही आपकी पाचन क्रिया भी मजबूत होगी । Waterborne Diseases in hindi, पानी से फैलने वाली बीमारियों के रोकथाम के उपाय सेब का सिरका सेब के सिरके में मौजूद एसिटिक एसिड शरीर में फैट जमा नहीं होने देता है, जिससे आप मोटापे से बचे रहते हैं । ग्रीन टी ग्रीन टी को वजन कम करने के लिए बेस्ट माना गया है । शहद और नींबू शहद, नींबू और पानी को एक साथ मिलाकर पीने से भी आप अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते हैं । काली मिर्च काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन फैट कम करता है । एलोवेरा जूस एलोवेरा जूस मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे वजन कम होता है । क्या आप ये जानते हैं कि सिर्फ 30 मिनट की सैर आपकी जिंदगी के 7 साल बढ़ा देती है । अगर आप यह बात नहीं जानते हैं तो आप अपनी उम्र कम कर रहे हैं । एक्सरसाइज को लेकर हुए शोध में यह पाया गया है कि उम्र बढ़ाने का यह सबसे अच्छा तरीका है । एक्सरसाइज करना हेल्थी होता है । ये सभी करते है और इससे उनकी सेहत को काफी लाभ भी पहुँचता है । बड़े-बुजुर्ग भी आज की युवा पीढ़ी को सुबह की सैर और रोजाना वॉक करने की सलाह देते हैं । कसरत करना हर किसी के लिए अच्छा होता है । रोजाना टहलने से आप सेहतमंद रहते हैं । रोजाना की लाइफ में आप अगर एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं तो आप अपनी उम्र भी कम कर रहे हैं । ऐसा नहीं है कि एक्सरसाइज सिर्फ आपकी उम्र बढ़ाती है बल्कि यह आपको ताउम्र फिट रखने के साथ सेहतमंद भी रखती है । आइए जानते हैं एक्सरसाइज के बारे में कुछ खास तथ्य । एक्सरसाइज पर क्या कहता है शोध दरअसल, यह स्टडी जर्मनी के सारलैंड यूनिवर्सिटी में 30 से 60 साल के 69 स्वस्थ लोगों पर शोध करके किया गया, जो रोज व्यायाम नहीं करते थे । वहीं बता दें शोधकर्ताओं के अनुसार केवल 30 मिनट सैर कर आपकी उम्र सात साल तक बढ़ सकती है । शोधकर्ताओं के अनुसार रोजाना थोड़ी सी कसरत कर दिल का दौरा पड़ने की संभावना को काफी कम किया जा सकता है । आज हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह के लाभ होते हैं थोड़ी देर के व्यायाम से । उम्र बढ़ाने में एक्सरसाइज कैसे मदद करती है परिश्रम कर बुढ़ापे को भी कम किया जा सकता है । रोजाना के व्यायाम से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम किया जा सकता है । इस तरह लोग 70 की उम्र में भी जवान दिख सकते हैं और 90 से 95 साल तक जी सकते हैं । खाने का तरीका और फूड खान-पान से शरीर पर सबसे ज्यादा असर होता हैं इसलिए अच्छा व स्वस्थ खान-पान लेना चाहिए । इस शोध के अनुसार सभी को रोजाना कम से कम 30 मिनट तक टहलना चाहिए ताकि आपकी उम्र बढ़ सकें । टमाटर खूब खाएं, क्योंकि शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को टमाटर बहुत जल्दी कम करता है । विटामिन-सी से भरपूर टमाटर यूरिक एसिड लेवल को कम करने और उसे तोड़ने में मदद करता है । इसे खाने से जोड़ों में दर्द भी कम होता है । वजन कम करने के लिए करें ये दो आसान व्यायाम । खानपान में अगर प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में ना हो, तो वज़न कम करने में खासी मुश्किल आ सकता ही । वेट लॉस के लिए प्रोटीन की भूमिका इसलिए महत्वपूर्ण है । क्योंकि, यह पाचन तंत्र को बेहतर रखता है । प्रोटीन धीरे-धीरे डायजेस्ट होता है । जिससे, आपको जल्दी भूख नहीं लगती है । साथ ही प्रोटीन से मेटाबॉलिज्म भी सही तरीके से काम करता है । तेज़ मेटाबॉलिक रेट से कैलोरी बर्न भी तेज़ी से होती है । जिससे, वज़न कम होने की प्रक्रिया भी तेज़ बनती है । यदि आप अपना डाइट प्लान बना रहे हैं तो उसे सिर्फ शुरुआत के कुछ दिन नहीं बल्कि तय समय तक फॉलो करें । जब कोई व्यक्ति वजन घटाने के लिए डाइट पर होता है तो उसे भूख लगने पर ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जो हेल्दी होने के साथ कैलोरी में भी कम हों । आज हम आपको 4 ऐसी चीजों के नाम बता रहे हैं जो तेजी से वजन कम करने में आपकी मदद करेंगे । जंक फूड खाने से अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है । इसका एक प्रमुख कारण लोगों की आज की जीवनशैली है । दौड़ते-भागते और तेज-रफ्तार जीवन के कारण अक्सर लोग सुबह नाश्ता नहीं कर पाते और दिन के बाकी समय अस्वास्थ्यकर और फटाफट वाला भोजन खाते हैं । जंक फूड और फास्ट फूड को हम अक्सर एक समझ लेते हैं. जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार दोनों तरह के फूड में बहुत अंतर है. जंक फूड खाने के नुकसान अलग हैं, तो फास्ट फूड खाने के फायदे और नुकसान अलग हैं.  और फास्ट फूड में अंतर को समझना बेहद जरूरी है । एक नए अध्ययन में संकेत मिला है कि जो कर्मचारी कार्यस्थल पर अस्वास्थ्यकर भोजन खाते हैं, ऐसे लोगों में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा अधिक होता है । चिकित्सक की सलाह है कि ऑफिस में जंक फूड और फास्ट फूड में से फास्ट फूड को तरजीह देना चाहिए । जंक फूड और फास्ट फूड में अंतर अगर आप समझते हैं तो हेल्दी डाइट लेते हैं । अस्वास्थ्यकर भोजन के विकल्प भी समय के साथ मोटापे का कारण बन सकते हैं । इस तथ्य पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां के चलते ऑफिस में अनुपस्थिति, कम उत्पादकता की शिकायतें झेलनी पड़ सकती हैं । हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि जंक फूड खाने से अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है । जंक फूड की जगह ऑफिस में खाएं फास्ट फूड उन्होंने कहा कि काम के दौरान जंक फूड की जगह लेना चाहिए । लोगों को कैफेटेरिया या वर्कप्लेस में फल और सब्जियां स्टॉक करना, मिठाई की जगह फल पर अधिक जोर देना चाहिए । अधिक खाने से कैसे बचें डॉ. अग्रवाल ने कहा, “किसी को भी जरूरत से अधिक भोजन नहीं करना चाहिए । स्वाद कलिकाएं केवल जीभ के सिरे और किनारे पर होती हैं । यदि आप जल्दी-जल्दी भोजन करते हैं, तो मस्तिष्क को संकेत नहीं मिलेंगे । छोटे ग्रास बनाकर खाने और उन्हें ठीक से चबाने से स्वाद कलियों के माध्यम से संकेत दिमाग को मिलते हैं । मस्तिष्क को केवल तभी संकेत मिलता है, जब पेट 100 प्रतिशत भरा होता है । इस प्रकार, कोई कितना खा सकता है, यह पेट की परिपूर्णता पर निर्भर करता है । डॉ. अग्रवाल के कुछ सुझाव कम खाएं और धीरे-धीरे खाकर अपने भोजन का आनंद लें । अपनी आधी थाली फल और सब्जियों से भरें । बड़े कौर न खाएं, उनकी वजह से वजन बढ़ सकता है । कम से कम आधा अनाज साबुत होना चाहिए । ट्रांस फैट और चीनी की अधिकता वाली चीजें न खाएं । स्वस्थ वसा चुनें । वसा रहित या कम वसा वाले दूध और डेयरी उत्पादों का उपयोग करें । खूब पानी पिएं । शर्करा युक्त पेय से बचें । उन खाद्य पदार्थों से बचें, जिनमें सोडियम का स्तर उच्च होता है, जैसे स्नैक्स और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ । इस सबसे बढ़कर, अपनी गतिविधि के हिसाब से अपने भोजन के विकल्पों को संतुलित करें । प्रोटीन पाउडर और शेक घर पर कैसे बनाएं ? फिलहाल, अभी तक कोरोना वायरस इंफेक्शन के इलाज के लिए किसी इंजेक्शन को उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है । इसीलिए, इससे बचने के लिए सावधानी बरतना ही सुरक्षा का तरीका साबित हो सकता है । एक्सपर्ट्स द्वारा बार-बार हाथ धोने, सोशल डिस्टेंसिंग और सेल्फ आइसोलेशन जैसे काम कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण हैं । लेकिन, सावधानियां बरतने के अलावा ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास भी आपको इंफेक्शन से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है । ब्रीदिंग एक्सरसाइज या प्राणायाम का अभ्यास करने से फेफड़े मज़बूत बनेंगे और उनकी फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ेगी । इंफेक्टेड लोगों को जल्द ठीक होने में भी ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास मददगार साबित हो सकता है । इससे, फेफड़ों को होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकता है । डॉ. गौरी कुलकर्णी के अनुसार ब्रीदिंग एक्सरसाइज स्ट्रेस कम करने का भी एक अच्छा तरीका है । जैसा कि, लॉकडाउन और घर में लगातार बैठे रहने जैसी स्थितियों में लोगों को कई बातों को लेकर तनाव महसूस होने लगता है और चिंता बढ़ने लगती है । ऐसे में डॉ. गौरी ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ के अलावा, योगा, सूर्य नमस्कार और जैसी एक्टिविटीज़ से खुद को व्यस्त और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने की सलाह देती हैं । कोविड-19 से सुरक्षित रहने के लिए करें इन ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास डीप ब्रीदिंग इस प्राणायाम का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इससे, लंग्स यानि फेफड़े मज़बूत बनते हैं । इसके अभ्यास के समय आपके शरीर में ऑक्सीज़न बहुत अधिक मात्रा में पहुंच पाता है । जिससे, फेफड़ों का विस्तार होता है और उसके मसल्स भी मज़बूत बनते हैं । चिया सीड एक तरह से पोषण तत्व से भरपूर खाद्य पदार्थ है क्योंकि चियी सीड में प्रोटीन, ओमेगा 3 और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है । प्रोटीन की मात्रा के साथ फाइबर भी पाया जाता है इसलिए इसे वजन घटाने के समय सबसे बेहतर डाइट के तौर पर उपयोग किया जाता है । स्पर्म काउंट कम हो जाने की वजह से पुरुषों का यौन जीवन प्रभावित होता है । इससे इंफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है । स्पर्म काउंट कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं । जेनेटिक प्रॉबल्म, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, अत्यधिक मात्रा में एल्कोहल का सेवन, विषाक्त पदार्थ, धूम्रपान जैसे कई चीजें स्पर्म काउंट कम होने के कारण बनते हैं । इस समस्या को दूर करने में योग मदद करता है । योग आपके पेल्विक फ्लोर, लोअर बैक और एब्डोमिन को मजबूती प्रदान करने के साथ पेल्विक रीजन में रक्त का संचार और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है । योग की मदद से तनाव कम होता है और रिप्रोडक्टिव ग्लैंड के स्वास्थ्य में सुधार होता है जो स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है । जानें, कौन से योगासन स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करते हैं । हलासन तेजी से बढ़ाए स्पर्म काउंट हलासन करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं । उस दौरान आपके हाथ फर्श पर होने चाहिए । अब सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाते हुए सिर के ऊपर से लाते हुए फर्श से पंजे को टच कराएं । इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रुकें । यह योगासन पेल्विक एरिया में रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है । नौकासन करने से लो स्पर्म काउंट में होती है वृद्धि नौकासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं । उसके बाद पैरों को जितना ऊपर ला सकते हैं लेकर आएं । फिर कमर को सीधा रखते हुए शरीर को आगे की तरफ लेकर आइए और हाथों से पैर की उंगली छूने की कोशिश करें । नौकासन आपके कूल्हों, पैरों और एब्डॉमिन को मजबूत बनाने में मदद करता है । यह पेल्विक मसल्स को भी टोन करता है । जायफल जिसे अंग्रेजी में नटमेग कहते हैं, एक लोकप्रिय मसाला है जिसका प्रयोग न केवल व्यंजनों में किया जाता है बल्कि इसकी सुगंध और स्वाद भी लोगों को खूब आकर्षित करती है । दरअसल, जायफल के पेड़ द्वारा दो जबरदस्त मसाले बनते हैं । एक है जायफल और दूसरा है जायत्री । आयुर्वेद में इस पेड़ को औषधीय गुणों का खजाना भी कहते हैं । जायफल का सेवन अर्थराइटिस के दर्द को कम करने के साथ ही वजन घटाने में भी लाभकारी है । आज हम आपको जायफल के कुछ ऐसे फायदे बता रहे हैं जिनके बारे में पढ़कर आप चौंक जाएंगे । तरबूज़ के बीज होते हैं ठंडाई में । जैसा कि, तरबूज़ के बीज प्रोटीन, आयरन और हेल्दी फैट्स का भंडार हैं । इसीलिए, इनके सेवन से तुरंत शक्ति मिलती है । तो वहीं, पम्पकिन सीड्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और मैग्नीशियम होते हैं जो, दिल की सेहत को बेहतर रखते हैं । मोटापा कम करने के लिए हर दिन दबाएं अपने शरीर के ये 5 एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स तेजी से मोटापा कम करने के लिए नाभि के निचले हिस्से पर दो-दो उंगुलियों से प्रेशर दें । इसके बाद एक उंगुली की मदद से पिंडली की हड्डी को 1 मिनट तक दबाकर रखें । इस प्वाइंट को दबाने से डाइजेशन सिस्टम सुधरता है और वजन भी कम होता है । महिलाओं के लिए डाइट चार्ट यदि आप अपना वजन घटाने की कोशिश कर रही हैं, तो सुबह उठकर सबसे पहले 2 गिलास गुनगुना पानी पीजिए । इसके बाद जब आप नाश्ता करने जाएं तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि नाश्ता भारी न हो बल्कि हल्का-फुल्का हो । नाश्ते में आप पोहा, इडली या सूप ले सकती हैं । इसके अलावा 2 से 3 उबले अंडे भी खा सकती हैं । चाय के स्थान पर बिना चीनी की शिकंजी पिएं । लंच के समय ब्राउन राइस, 1 कटोरी दाल लें । साथ में सलाद भी खा सकती हैं । शाम को डिनर में आप एक बाउल फ्रूट्स या सलाद ले सकती हैं । 1 बाउल सूप भी शरीर को आवश्यक कैलरी देने के लिए पर्याप्त रहेगा । इसके अलावा आप एक बाउल उबली हुई सब्जियां भी ले सकती हैं । इन बातों का रखें ध्यान सुबह सोकर उठती हैं तो नाश्ता करने में बहुत ज्यादा देरी ना करें । 30 से 45 मिनट के बीच ही नाश्ता कर लें । दिन में 10 से 12 गिलास पानी पिएं । खाने के बाद पानी न पिएं । लिक्विड में आप पानी की जगह छाछ, दूध या नींबू पानी भी ले सकती हैं । यदि आप जिम जा सकती हैं, तो अच्छा है, पर यदि आपके पास जिम जाने के लिए समय नहीं है तो कम से कम 45 मिनट तक शाम व सुबह को वॉक जरूर करें । इस प्रकार से आपका वजन जल्दी ही घट जाएगा । गर्मी में भी बढ़ सकता है वजन, अगर खाएंगे ये चीजें एक गिलास शेक में 300 से 500 कैलोरी की संख्या होती है, इसलिए इनका सेवन कम से कम करें, जिससे जरूरत से ज्यादा कैलोरी शरीर में एकत्रित न हो और आपका वजन भी ना बढ़ने पाए । गुस्से पर काबू पाने के लिए टिप्स । गुस्सा बिगाड़ता है । बल्कि, यह सेहत को प्रभावित  भी करता है । पल्स रेट, ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट बढ़ने की वजह बनता है लोगों का अपना गुस्सा । इसके अलावा, थकान और सिर दर्द जैसी कई परेशानियां भी गुस्से  की वजह से बहुत अधिक महसूस होती हैं । इसीलिए, गुस्से को कंट्रोल करना और इससे बचना महत्वपूर्ण है । हमने कुछ लोगों से बात की और जानने की कोशिश की, कि क्या करते हैं वो, जब उन्हें आता है बहुत ज़्यादा गुस्सा । इसी तरह, एक्ट्रेस मिष्टी मुखर्जी की किडनी फेल होने से मौत, क्या वाकई खतरनाक है कीटो डाइट? साल 2020 में बॉलीवुड से कई बुरी और हैरान करने वाली खबरें आ चुकी हैं । इस साल कई सितारों की अलग अलग कारणों से मौत हो चुकी है । अब इस लिस्ट में एक और एक्ट्रेस का नाम जुड़ गया है । 2013 की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म ‘मैं कृष्णा हूं की अभिनेत्री मिष्टी मुखर्जी का किडनी फेल होने के कारण निधन हो गया । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिस्टी कई सालों से किडनी की बीमारी से पीड़ित थी । एक बयान मे कहा जा रहा है कि मिष्टी मुखर्जी की मौत का एक बड़ा कारण कीटो डाइट भी है । अभिनेत्री के परिवार की ओर से आए एक बयान में कहा गया है कि कीटो डाइट के कारण, बैंगलोर में उनकी किडनी फेल हो गई और शुक्रवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली । अपनी मौत के चंद मिनट पहले वह बहुत ही दर्द में थी । उसकी आत्मा को शांति मिले । अब उनके परिवार में उनके माता पिता और भाई हैं । बता दें कि एक्ट्रेस मिष्टी मुखर्जी अपनी एक्टिंग का लोहा कई फिल्मों और म्यूजिक वीडियो में दिखा चुकी थी । क्या होती है कीटो डाइट? कीटो या किटोजेनिक डाइट एक हाई फैट, पर्याप्त प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट होती है जो वेट लॉस करने के हिसाब से बनाई गई है । इस डाइट में 75% तक फैट, 20% तक प्रोटीन और केवल 5% तक कार्बोहाइड्रेट हो सकता है । इस डाइट का मकसद बॉडी से कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह से खत्म कर उसकी जगह पर फैट लाना होता है । इस आहार का सेवन आमतौर पर तेजी से वजन घटाने के लिए किया जाता है । यह डाइट बॉडी में कार्बोहाइड्रेट के बजाय फैट बर्न करने में मदद करती है । क्या किडनी पेशेंट को नहीं लेनी चाहिए कीटो डाइट? एक्सपर्ट के अनुसार, कीटो डाइट का सेवन 6 महीने से ज्यादा वक्त के लिए नहीं करना चाहिए । गुरुग्राम के नारायण अस्पताल में वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ परमीत कौर कहती हैं कि जब कोई व्यकित कीटो डाइट फॉलो करता है तो उसका असर 1 हफ्ते में दिखने लगता है । यह डाइट तेजी से काम करती है क्योंकि शरीर कार्बोहाइड्रेट के अधिक ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए शरीर में फैट का उपयोग करना शुरू कर देता है । लेकिन लंबे समय तक फैट के सेवन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का उच्च जोखिम होता है और उच्च प्रोटीन किडनी पर एक्स्ट्रा दबाव डालता है । कुछ ऐसे लोग जो केटो डाइट पर होते हैं वे लो ब्लड प्रेशर भी महसूस करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक वक्त के बाद हृदय रोगों का खतरा रहता है । पढ़ें, लेटेस्ट स्टडी अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन से पता चला कि किटोजेनिक डाइट के कई जोखिम हैं । किडनी प्रोटीन को मेटाबॉलाइज करने में मदद करती हैं, और कीटो आहार उनपर ओवरलोड हो जाती है । यह खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है । जब वजन घटाने के लिए व्यायाम करने की बात आती है, तो आमतौर पर यह माना जाता है कि आपका प्रयास और नियमितता किसी भी अन्य चीज से ज्यादा मायने रखती है । इसके अलावा जो दूसरी चीज सबसे अहम होती है वह है आपकी एक्सरसाइज करने का समय । हालांकि इसे पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता है । लेकिन कुछ स्टडी में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है कि वजन घटाने के लिए सुबह की तुलना में शाम को वर्कआउट करना ज्यादा फायदेमंद होता है । वजन घटाने के लिए नियमित एक्सरसाइज के साथ भूख को कंट्रोल करना होता है । अगर आप एक्सरसाइज करने के साथ भूख को कंट्रोल नहीं करते हैं तो आप वजन नहीं घटा पाते हैं । स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में क्या आप ठीक से जानते हैं ? बढ़े हुए वजन को घटाने के लिए शुरुआत में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज की जाती है । लेकिन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भूख को भी कंट्रोल किया जा सकता है । वजन घटाना जब आप शुरु करते हैं तो सबसे बड़ी समस्या भूख को कंट्रोल करने की आती है । अगर आप अपनी भूख को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं वजन नहीं घटता है । भूख को कंट्रोल करने का यह मतलब नहीं है कि आप भूखे रहें । स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज आपके शरीर को लचीला बनाने के साथ भूख को कंट्रोल करने में मदद करती हैं । आइए जानते हैं स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कैसे करें. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के फायेद के बारे में… स्ट्रेचिंग एक्ससाइज के फायदे तेजी से वजन करना है कम, तो हर दिन फॉलो करें ये ईजी टिप्स हमेशा फिट और स्लिम-ट्रिम रहना चाहते हैं, तो अपने लिए किसी अच्छी डायटिशियन से अपना डायट चार्ट बनवाएं या फिर ऐसी डायट लें, जो आपको तेजी से वजन घटाने में मदद करे । अगर आप अपने लिए घर में ऐसी हर्बल टी तैयार करना चाहते हैं जो, फ्लेवर से भरपूर हो और वेट लॉस में भी मदद करें । तो, आप ट्राई कर सकते हैं अजवायन, अदरक और नींबू से बनी यह खास चाय । प्लैंक एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे करना हर किसी के लिए आसान नहीं है । इसके रोजाना अभ्यास करने से आपको कई फायदे मिलते हैं, जो कि कोई और एक्सरसाइज नहीं दे पाती । इसके नियमित अभ्यास से ही संतुलन और मजबूती प्राप्त की जा सकती है । जो कि शरीर को फिट बनाने के लिए बहुत जरूरी है । प्लैंक एक्सरसाइज करने बेहतर तरीका सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं । इसके बाद धीरे-धीरे अपने शरीर का भार दोनों कोहनी और पैरों के पंजों पर टिका लें । दोनों कोहनी को कंधों की ठीक नीचे रखें । अब अपनी गर्दन, कमर और कूल्हों को एक सीध में रखें । इसी पोजिशन में जितनी देर हो सके उतना रहने की कोशिश करें । जितनी देर इस पोजिशन में बने रहेंगे, आपको उतना ही फायदा मिलेगा । प्लैंक मुख्य प्रकार लो प्लैंक हाई प्लैंक वन साइड प्लैंक प्लैंक एक्सरसाइज को लेकर कई लोगों में तरह-तरह के भ्रम रहते हैं । प्लैंक एक्सरसाइज करना आसान नहीं होता है लेकिन इसके फायदे जानकार आप जरूर प्लैंक एक्सरसाइज करना चाहेंगे । आइए जानते हैं मुख्य फायदों के बारे में । कोर को मजबूती मिलती है इस एक्सरसाइज को करने से आपके कोर को मजबूती मिलती है । जिससे अतिरिक्त फैट बर्न होता है और आप पतले होते हैं । साथ ही इसकी मदद से आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में ज्यादा वेट उठा पाते हैं । मेटाबॉलिज्म बढ़ता है प्लैंक एक्सरसाइज में कई मसल्स एक साथ सक्रिय रहती हैं । जिससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और शरीर पर अतिरिक्त चर्बी नहीं चढ़ पाती । इसके साथ ही आपको गैस, अपच जैसी समस्याएं भी नहीं होती । लचीलापन बढ़ता है मांसपेशियों का लचीला होना काफी जरूरी है, क्योंकि इससे क्रैंप और चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है । प्लैंक आपके कंधों, हैमस्ट्रिंग और कोलरबोन को स्ट्रेच करके लचीला बनाता है । वेट लॉस में जो चीज़ें आड़े आती हैं, उनमें से एक है अनहेल्दी इटिंग और ओवरइटिंग । लोग लालच में आकर कई बहुत कुछ अनहेल्दी खा लेते हैं और फिर उनका मोटापा बढ़ने लगता है । लेकिन, किशमिश भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स लेप्टिन के लेवल को संतुलित करती है । जिससे, आपको क्रेविंग कम होती है और वेट लॉस में मदद होती है । गाजर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और यह शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करता है । साथ ही हड्डियों में होने वाली सूजन को भी कम करता है । एंटीऑक्सीडेंट से शरीर में एन्जाइम्स का उत्पादन भी काफी हद तक कम होता है, जिससे यूरिक एसिड कम होता है । पेट की चर्बी को कम कर उसे सुडौल और आकर्षक बनाने के लिए आप नियमित रूप से ताड़ासन, वृक्षासन और त्रिकोणासन करें । जो महिलाएं अपना वजन कम करने के लिए कई तरीके अपना चुकी हैं, फिर भी शरीर में फर्क नजर नहीं आया है, तो खास डाइट चार्ट फॉलो करें । यदि आप जिम जा सकती हैं, तो अच्छा है, पर यदि आपके पास जिम जाने के लिए समय नहीं है तो कम से कम 45 मिनट तक शाम व सुबह में वॉक जरूर करें । जानें, इस डाइट चार्ट के बारे में... महिलाओं के लिए डाइट चार्ट यदि आप अपना वजन घटाने की कोशिश कर रही हैं, तो सुबह उठकर सबसे पहले 2 गिलास गुनगुना पानी पीजिए । इन बातों का रखें ध्यान सुबह सोकर उठती हैं तो नाश्ता करने में बहुत ज्यादा देरी ना करें । वजन घटाने के लिए नींबू पानी में कौन सा नमक मिलाएं सफेद या गुलाबी ? जानें कौन सा नमक चर्बी कम करने में करेगा मदद दुनियाभर में सभी जगह बनने वाली आम सब्जियों या फिर व्यंजनों में एक चीज जो कॉमन है वह है नमक । नमक के बिना आप सब्जी या फिर किसी भी खाई जाने वाली चीज की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । एक चुटकी नमक न केवल आपके भोजन को स्वाद देने का काम करता है बल्कि आपके खाने को और अधिक पौष्टिक व हेल्दी भी बनाता है । नमक यानी की सोडियम-क्लोराइड, हमारे शरीर में मौजूद पोषक तत्वों को एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने और उन्हें अवशोषित करने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने और तंत्रिका संकेतों को प्रसारित करने जैसे कई कार्यों को करने के लिए एक आवश्यक मिनरल्स है । दुनियाभर में सफेद नमक सबसे आम प्रकार का नमक है, जिसका उपयोग भोजन बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो पिंक नमक को हमेशा बेहतर माना जाता है । इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो इन दोनों में से कौन से रंग का नमक आपके लिए सबसे अच्छा माना जाता है । नमक और वजन घटाने के बीच क्या है संबंध अच्छे स्वास्थ्य के लिए नमक को हमेशा से बेहतर माना जाता है, बशर्ते इसे सीमित मात्रा में लिया जाए । नमक का अधिक सेवन या अपने भोजन के ऊपर छिड़कने से वजन बढ़ने जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं । भोजन में अत्यधिक सोडियम के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे आपके वजन का स्तर कम हो सकता है । लेकिन यह एकमात्र तरीका नहीं है जब अधिक नमक का सेवन आपके शरीर को प्रभावित करता है । अध्ययनों से पता चलता है कि डाइट में नमक की अधिक मात्रा लेने से शरीर में फैट प्रतिशत बढ़ सकता है, खासकर कमर के आसपास । पिंक सॉल्ट वहीं दूसरी ओर, पिंक सॉल्ट कम रिफाइन्ड होता है और इसमें अधिक पोषक तत्व होते हैं । यह हिमालय की तलहटी से निकाला जाता है और प्राकृतिक रूप से गुलाबी रंग का होता है, जो आयरन की उपस्थिति के कारण होता है । यही कारण है कि इसे हिमालयी गुलाबी नमक या हिमालयन नमक के नाम से भी जाना जाता है । यह अनुमान लगाया जाता है कि गुलाबी नमक में 84 विभिन्न खनिज और ट्रेस तत्व होते हैं । इस प्रकार के नमक का उपयोग खाना पकाने के बाद उसके स्वाद और कुरकुरा बनाने के लिए किया जाता है । सफेद नमक सफेद नमक आमतौर पर आयोडीन युक्त होता है और हर घर में पाया जाता है । इसका मतलब यह है कि यह आयोडीन के साथ फोर्टिफाई किया जाता है ताकि गोइटर और थायरॉइड जैसी बीमारियों से बचाव के लिए इस सामान्य पोषक तत्व की कमी को दूर किया जा सके । लेकिन एक और सच्चाई यह है कि यह नमक अत्यधिक संसाधित होता है । इस नमक को निकाले जाने के बाद, यह आपके टेबल पर पहुंचने से पहले एक एंटी-केकिंग, ब्लीचिंग और कई अन्य प्रक्रियाओं से गुजरता है । इन सभी प्रक्रियाओं के दौरान, इसके अधिकांश प्राकृतिक खनिजों खत्म हो जाते हैं । वजन घटाने के लिए कौन सा नमक है बेहतर इसमें कोई संदेह नहीं है, पिंक सॉल्ट सफेद नमक की तुलना में अधिक हेल्दी होता है क्योंकि यह कम रिफाइन्ड होता है और इसमें अधिक पोषक तत्व होते हैं । पिंक नमक का सेवन करने से आपको जिंक, आयरन, कैल्शियम और यहां तक ​​कि आयोडीन मिलेगा । अगर हम केवल स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें, तो पिंक नमक अधिक पौष्टिक और बेहतर है । हालांकि, जब वजन घटाने की बात आती है, तो इन दोनों में मामूली अंतर है । दोनों प्रकार के नमक में वजन के हिसाब से समान मात्रा में सोडियम होता है । इसका मतलब है कि अगर आप नमक का सेवन अधिक करते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तरह के नमक का सेवन कर रहे हैं । हां, सीमित मात्रा में नमक का उपभोग करने की कोशिश करें और इसे अपने पके हुए भोजन के ऊपर छिड़कने से बचें । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक व्यक्ति को दिन में 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए, जो कि एक चम्मच के बराबर है । चलिए अब जानते हैं आखिर विटामिन डी क्या है? क्या है विटामिन-डी? विटामिन-डी को बहुत से लोग सनशाइन विटामिन भी कहते हैं । क्योंकि यह विटामिन सूर्य के प्रकाश की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा उत्पन्न होता है । यह एक घुलनशील विटामिन के ग्रुप में शामिल है । ये हमारी वसा कोशिकाओं में एकत्रित होता है और लगातार कैल्शियम के मेटाबोलिज्म और हड्डियों के निर्माण में हमारी मदद करता है । यह हमारे शरीर में फॉस्फेट और कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है । इससे इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है । विटामिन डी का प्रमुख स्त्रोत दालें, मच्छली, अंडे और मटन इत्यादि है । कोरोना से क्या विटामिन डी कर सकता है बचाव? प्रतिरक्षा प्रणाली के सभी कार्यों में विटामिन डी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । विटामिन डी शरीर में वायरस और कीटाणुओं के खिलाफ सबसे पहले बचाव करता है । रिसर्च की मानें तो इसमें इम्यूनो रेगुलेटर की और एंटी-इंफ्लामेटरीके गुण पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं । अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो इससे संक्रमण और प्रतिरक्षा संबंधी स्थितियों का खतरा बढ़ता है । कई रिसर्च में इस बात को साबित किया गया है कि विटामिन डी से सांस संबंधी इंफेक्शन से बचा जा सकता है । क्या लॉकडाउन में होगी विटामिन डी की कमी? सूर्य की किरणें विटामिन डी का प्रमुख स्त्रोत मानी जाती हैं । लॉकडाउन के कारण लोगों को घर में लॉक होना पड़ रहा है । घर में रहने की वजह से उन्हें पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पा रही है । ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि शरीर में विटामिन डी की कमी हो रही है । लॉकडाउन नहीं होता तो लोग ज्यादातर घर से बाहर निकल जाते हैं । कोई ऑफिस के काम से, तो कोई अपने घरेलू काम से, लेकिन इस दौरान ऐसा नहीं हो रहा । यही कारण है कि बहुत से लोगों में विटामिन-डी की कमी हो सकती है । पिएं ये 5 नेचुरल डिटॉक्स ड्रिंक और लिवर को रखें हेल्दी यदि आप लिवर की बीमारियों से खुद को बचाए रखना चाहते हैं, तो लिवर को हेल्दी रखना जरूरी है । शरीर का यह अंग सही तरह से अपना कार्य कर सके इसके लिए जरूरी है कि इसे डिटॉक्स किया जाए । आप लिवर को कुछ नेचुरल हेल्दी ड्रिंक्स के सेवन से हेल्दी रख सकते हैं । जानें, कुछ हेल्दी ड्रिंक्स के बारे में, जो लिवर की सफाई प्राकृतिक तरीके से कर सकते हैं । विटामिन ई और एंटी-ऑक्सिडेंट्स का भी स्रोत होते हैं बादाम , जो स्किन और इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनाते हैं । इनसे,  हेल्दी फैट्स मिलते हैं । साथ ही, इसमें  और लौंग का पाउडर भी मिलाया जाता है । ब्लैक पेपर या काली मिर्च को उसके औषधिय गुणों के कारण मसालों में बहुत अहम स्थान मिला है । पिपैरिन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, ज़िक, आयरन औऱ विटामिन ए जैसे तत्वों से भी भरी होती हैं काली मिर्चें । आपके किचन में मौजूद कई ऐसी खाने-पीने की चीजें हैं, जो वजन तुरंत कम करने में मदद करती हैं । जानें, कौन सी हैं वो चीजें जो वजन कम करने में आपकी मदद करती हैं... यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो सफेद ब्रेड को त्याग दें व होल व्हीट ब्रेड को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर लें । पास्ता की तरह इस ब्रेड से भी आप को तीनों प्रकार के फाइबर्स मिलेंगे । परन्तु आप ब्रेड को किस चीज के साथ खा रहे हैं उसका ध्यान रखें क्योंकि यहां आप कुछ कैलोरी से युक्त चीजें अपनी डाइट मे एड कर सकते हैं जिससे आप को दिक्कत हो सकती है । जैसा कि शरीर के लिए पानी कई लिहाज से फायदेमंद माना जाता है । इसीलिए, आप इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी इस ड्रिंक की मदद ले सकते हैं । रोज़ाना 8-10 गिलास पानी पीना ना भूलें । यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है । जिससे, आपकी इंफेक्शन से बचने में मदद होती है । जब भी किसी व्यक्ति का वजन बढ़ता है जो सबसे पहले उसके पेट के आसपस फैट जमा होता है । वर्तमान समय में करीब 90 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो पेट की चर्बी से परेशान है । बढ़ा हुआ पेट न सिर्फ दिखने में भद्दा लगता है बल्कि यह कई रोगों का कारण भी बनता है । कॉफी की खूश्बू से नींद खुल जाती है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपको फ्रेश रखने के अलावा कॉफी वेट लॉस में भी मदद करती है । जी हां,  हाल में सामने आयी एक स्टडी में कहा गया कि है कि कॉफी के सेवन से मोटापे और डायबिटीज़ को कम किया जा सकता है । कुछ लोग वजन कम करने के लिए अदरक वाली चाय पीते हैं, तो कुछ हल्दी वाली चाय । पर, दोनों में से जल्दी वजन कम करने में असरदार कौन है, ये जानना भी है जरूरी । अभी से ही दिन के समय में धूप में थोड़ी देर रहने से ही गर्मी लगनी शुरू हो गई है । जरा सोचिए, अप्रैल आते-आते क्या हाल होगा । गर्मी अधिक पड़ने से सबसे ज्यादा प्यास लगती है, लेकिन यह मौसम अपने साथ कई समस्याएं भी लाता है । ऐसे में सिर्फ पानी पीने से कुछ नहीं होगा । इसके लिए कुछ समर हेल्दी कूल ड्रिंक पीने की जरूरत होती है । लू या हीट स्ट्रोक , डिहाइड्रेशन से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं । वजन घटाना एक चुनौती है, उन लोगों के लिए जो खुद के प्रति अनुशासित नहीं हैं । जी हां, और वजन घटाना बेहद आसान है उन लोगों के लिए जिन्‍हें हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल और हेल्‍दी डाइट के बारे में पता है । वजन घटाने के लिए आहार विशेषज्ञ अकसर   खाने की सलाह देते हैं । पर क्‍या आप जानते हैं कि ड्राय फ्रूट्स के ज्‍यादा सेवन से वजन घटने की बजाए बढ़ भी सकता है । आइए जानते हैं कैसे । हेल्‍दी विकल्‍प हैं ड्राय फ्रूट्स सूखे मेवे यानी ड्राय फ्रूट्स वजन घटाने के लिए हेल्‍दी विकल्‍प हैं । यह शरीर को कई तरह के पोषक तत्‍व प्रदान करते हैं । जिससे आपको अपने शरीर के लिए जरूरी एनर्जी तो मिलती है, पर आपका वजन नहीं बढ़ता । इसलिए आहार विशेषज्ञ दिन में थ्री मील्‍स के अलावा स्‍नैक्‍स में ड्राय फ्रूट्स का सेवन करने की सलाह देते हैं । पोषक तत्‍वों से भरपूर सूखे मेवों में विटामिन A, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन B6 और फॉलिक एसिड पाया जाता है । इसलिए इन्‍हें पोषण से भरपूर माना जाता है । इसे अलावा इनमें संतृप्‍त और असंतृप्‍त वसा भी पाई जाती है । पर इन्‍हें बनाने में जिस प्रक्रिया का इस्‍तेमाल होता है उसके कारण इनमें विटामिन सी नष्‍ट हो जाता है । जबकि खनिज लवण जैसे फास्‍फोरस, मैग्‍नीशियम, सोडियम, मैंगनीज और सेलेनियम पाए जात हैं । ओमेगा 3 होने के कारण इन्‍हें मांसाहार का अच्‍छा विकल्‍प माना जाता है । सीमित मात्रा में ही करें सेवन यह सही है कि ड्राय फ्रूट्स सेह‍त और सौंदर्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं । पर इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए । वरना इससे कई तरह की समस्‍याएं पैदा हो जाती हैं । सबसे बड़ी बात कि अगर आप वजन घटाने के उद्देश्‍य से ड्राय फ्रूट्स का सेवन कर रहे हैं तो इनका ज्‍यादा सेवन करने से वजन घटने की बजाए बढ़ भी सकता है । इसकी वजह इनमें मौजूद संतृप्‍त और असंतृप्‍त वसा के साथ ही अन्‍य तत्‍व भी हैं । रूखी-सूखी त्वचा पर नारियल का तेल लगाने से वह नर्म और हेल्दी नज़र आने लगती है । अगर, आपको लॉकडाउन में अपनी स्किन का ख्याल रखने के लिए ज़्यादा समय नहीं मिल रहा है तो, ऐसे में त्वचा पर नारियल का तेल लगाएं । नारियल के तेल में विटामिन ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे हेल्दी फैट्स होते हैं । जिससे, स्किन पर नैचुरल ग्लो आता है और स्किन हेल्दी बनती है । रात में सोने से पहले या नहाने से पहले गुनगुने नारियल तेल से त्वचा की मसाज करें । इससे, आपको फायदा होगा । अगर आप भी अपनी बॉडी को सेप में रखना है तो देर न करें । आपको जनना चाहिए कि कान्स जाने से पहले कंगना रनौत ने 10 दिनों में 5 किलो वजन कैसे कम किया है । कंगना रनौत हों या अन्य सेलेब्रिटी फिटनेस के लिए हमेशा प्रेरणा देने वाले होते हैं । सेलेब्रिटी अपनी फिटनेस को बनाये रखने के लिए बहुत मेहनत करते हैं । हलांकि यह बात भी सही है कि सेलेब्रिटी की फिटनेस के लिए निजी प्रशिक्षक और डाइट एक्सपर्ट्स काफी मेहनत करते हैं । अगर आप भी अपनी बॉडी को सेप में रखना चाहते हैं तो देर न करें । कंगना रनौत ने वजन कैसे घटाया है इसके लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी है । वजन कम करने के लिए उन्होंने अपने पर्सनल ट्रेनर योगेश भटेजा के मार्गदर्शन में यह मुश्किल काम किया है । क्या कहते हैं कंगना रनौत के ट्रेनर  पर्सनल ट्रेनर के अनुसार फिल्मों मे काम करने के लिए कई बार वजन बढ़ाने के लिए अधिक कैलोरी वाली डाइट लेने पड़ती है । लेकिन जब अचानक वजन कम करना हो तो कैलोरी घटानी होती है जो बहुत मुश्किल होती है । अचानक से अधिक कैलोरी वाली डाइट से कम कैलोरी वाली डाइट में आना कठिन काम है । हलांकि वो काफी मेहनती हैं और मुश्किल काम को भी आसान कर सकती हैं । कंगना रनौत का वर्कआउट  इंस्टाग्राम से शेयर किये गये वर्कआउट वीडियो में आप वजन घटाने वाले वर्कआउट को देख सकते हैं । कंगना ने इन वर्कआउट को अपनाकर अपना वजन घटाया है । एब्स के लिए कंगना की एक्सरसाइज  लोकप्रिय सेलेब्रिटी ट्रेनर और पिलेट्स ट्रेनर नम्रता पुरोहित ने भी फोटो शेयर की है । इस फोटो में आप कंगना के एब्स को देखकर हैरान हो सकते हैं । एब्स को फिट रखने के लिए पिलेट्स ट्रेनिंग बहुत फायदेमंद होती है । अगर आप भी अपने एब्स को फिट रखना चाहती हैं तो पिलेट्स ट्रेनिंग कर सकती हैं । ज़्यादातर लोग डिनर के बाद सीधा सोने चले जाते हैं । इसीलिए, डिनर से प्राप्त कैलोरी बर्न नहीं होती और वेट लॉस भी नहीं होता । इसीलिए, ज़रूरी है कि आप सही तरीके से डिनर खाएं । एक्सपर्ट्स के अनुसार डिनर हमेशा, हल्का, पोषक तत्वों से भरपूर और पेट के लिए आराम देने वाला होना चाहिए । यहां हम लिख रहे हैं कुछ ऐसी ही डायट टिप्स, जो, आप डिनर के समय फॉलो कर सकते हैं । इन टिप्स की मदद से आप अपने लिए सही तरीके के भोजन का प्लान कर सकते हैं, जो आपको वेट लॉस में मदद करेगा । सूरजमुखी के बीज स्वस्थ रहने के लिए काफी गुणकारी होते हैं । इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं । इसमें जिंक, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, फोलेट, विटामिन बी-6, बी-1, ई, कॉपर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं । सूरजमुखी के बीज से होने वाले लाभ के बारे में बात करें, तो यह शरीर की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं । इस बीज में सेलेनियम होता है, जो कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है । जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें भी सूरजमुखी का बीज जरूर खाना चाहिए । अधिकतर लोग सनफ्लावर ऑयल का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन इसके बीजों के इस्तेमाल के बारे में कम ही जानते हैं । यदि आपने इन बीजों का सेवन नहीं करते हैं, तो अब से जरूर इनका सेवन करना शुरू कर दें । यह शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है । आपको कई बीमारियों से बचाते हैं । आप इन बीजों को भूनकर, पानी में उबालकर, पाउडर की तरह या फिर सब्जी आदि में डालकर सेवन कर सकते हैं । जिन लोगों को वजन कम करना है, उन्हें हर दिन किसी न किसी रूप में सनफ्लावर सीड्स का सेवन करना चाहिए । जानें, सूजरमुखी के बीज के सेवन से शरीर को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं- वजन कम करना है, तो खाएं ये 5 शाकाहारी भोजन सोयाबीन से बनी सामग्रियों का सेवन करें । इससे शरीर भी स्वस्थ रहेगा । सोयाबीन में प्रोटीन, फाइबर के गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में वसा की मात्रा को कम करने में सहायक होते हैं । मल्लिका शेरावत ने प्रशंसकों संग साझा किए डायट और फिटनेस टिप्स । बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत को देखकर किसी को भी यह महसूस हो सकता है कि उम्र महज एक संख्या है । अपनी इस खूबसूरत काया के बारे में खुलासा करते हुए मल्लिका ने कहा कि ऐसा स्वास्थ्यवर्धक भोजन और अयंगर योग की वजह से है । मल्ल्किा पिछले कुछ समय से नियमित तौर पर इंस्टाग्राम पर अयंगर योग करने की अपनी तस्वीरें और वीडियो साझा करती आ रही हैं । 43 वर्षीय इस अभिनेत्री ने कहा, “मैं पिछले पांच-छह सालों से अयंगर योग का अभ्यास कर रही हूं । मुझे यह काफी पसंद है क्योंकि यह शरीर के अलाइनमेंट पर आधारित है और यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा है । यह एक प्रकार से ध्यान की तरह है जिससे तनाव से मुक्ति मिलती है और शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है, जो मुझे बहुत अच्छा लगता है । अयंगर योग करने की यही खास वजह है । इससे प्राप्त शारीरिक लाभ दूसरे नंबर पर आता है । उन्होंने अयंगर योग के लाभों के बारे में कहा, “मुझे शांति महसूस होती है, यह मानसिक तौर पर आपको सशक्त बनाता है । आप किसी भी चीज का सामना कर सकते हैं । मैं अकसर सफर करती रहती हूं और मुझे लंबे समय तक की उड़ान पसंद नहीं है, तो जब भी कभी मैं दस घंटे की लंबी उड़ान ले रही हूं, तो मैं काफी परेशान हो जाती हूं, लेकिन मैंने महसूस किया कि अयंगर योग से मुझे इसमें मदद मिली है । अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा, “इससे मुझे खाने की तीव्र इच्छा पर भी अंकुश लगाने में मदद मिली है । मुझे मीठा बहुत पसंद था, लेकिन जब से मैंने अयंगर योग शुरू किया है तब से इसे खाने की इच्छा भी दूर हो गई है । जिस दिन मैं इनका अभ्यास करती हूं उस दिन मुझे गहरी नींद भी आती है । मेरी रोजमर्रा की जिंदगी में इन छोटी-छोटी चीजों से काफी मदद मिली है । अपने खान-पान के बारे में अभिनेत्री ने बताया, “मैं हमेशा से ही शाकाहार थी और पिछले दस सालों से मैं वेगन हूं । मैं दुग्ध उत्पादों का भी इस्तेमाल नहीं करती हूं । खान-पान की मेरी शैली बेहद ही साधारण है, ज्यादातर मैं ‘घर का खाना खाती हूं । मुझे लगता है कि यह सबसे स्वास्थ्यवर्धक चीज है । मेरा मानना है कि हमारे दादा-दादी या नाना-नानी असली भोज्य पदार्थो का इस्तेमाल करते थे जिनमें पोषण की भरपूर मात्रा होती थी । अब तो बस प्रदूषण और कीटनाशक ही है, खाने की गुणवत्ता भी कम हो गई है, ऐसे में हम जो कुछ भी खाते हैं उसमें सावधानी बरतने की जरूरत है । मल्लिका ने अंत में अपने प्रशंसकों के लिए कहा कि एक स्वस्थ शरीर और मन के लिए कसरत बेहद जरूरी है । आप इसे कभी भी शुरू कर सकते हैं । अगर आप इसे कल से करने की सोच रहे हैं, तो आज ही करना शुरू कर दें । प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए ताजे पपीते की दो पत्तियों को पीसकर जूस बनाकर पिएं । सुबह या रात में दो चम्मच पत्तों का रस भी पी सकते हैं । इतना ही नहीं, बुखार दूर करने के लिए पपीते की पत्तियों को चाय की तरह बनाकर पिएंगे तो डेंगू बुखार जल्दी ठीक होगा । वहीं गिलोए सफेद ब्लड सेल्स को जल्दी बढ़ाता है । गिलोए का जूस पीने से प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है । पानी भी है जरूरी डेंगू के मरीज को कोशिश करनी चाहिए कि अधिक से अधिक पानी पिएं या ओआरएस का घोल पिएं । इससे मरीज डिहाइड्रेशन से बच पाएगा । फलों का करें सेवन डेंगू के दौरान मरीज को विटामिन की बहुत जरूरत पड़ती है । ऐसे में मरीज को विटामिन युक्त फल देने चाहिए । इससे शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी । विटामिन सी युक्त फलों में संतरा, पपीता, अमरूद, कीवी और स्ट्रॉबेरी इत्यादि दे सकते हैं । डेंगू के वायरस और बैक्टीरिया को मारने के लिए आलू बुखारा, तरबूज और चेरी भी दे सकते हैं । पाचन क्रिया मजबूत करने और बुखार जल्दी ठीक करने के लिए मरीज को संतरे का जूस और खूब सारे संतरे खाने चाहिए । सब्जियां खाएं खूब डेंगू बुखार होने पर शरीर के साथ ही इम्यून सिस्टम भी कमजोर पड़ जाता है । ऐसे में सब्जियों का सेवन अधिक करें । हल्का पकाकर या फिर उबालकर खाना सही होता है । मरीज को विटामिन, मिनिरल्स और एंटी ऑक्सिडेंट्स से भरपूर सब्जियां खानी चाहिए जैसे टमाटर, कद्दू, गाजर, खीरा, चुकंदर इत्यादि । इससे ब्लड प्लेटलेट्स भी बढ़ती हैं और रोगी जल्दी ठीक होता है । ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ाने के लिए एक गिलास गाजर के जूस में 2-3 चम्मच चुकंदर का रस मिलाकर देना चाहिए । 2 चम्मच शहद और आधा गिलास कद्दू का रस मिलाकर पीने से भी प्लेटलेट्स बढ़ने लगती हैं । नारियल पानी पिएं डेंगू वायरस होने पर घटती प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए नारियल पानी पीना चाहिए । नारियल पानी में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जिससे शरीर मजबूत होता है । बेली फैट कम कर देंगी ये चाय ओलोंग टी   ओलोंग टी के बारे में शायद आपने सुना हो । व्हाइट टी व्हाइट टी में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स मौजूद होता है । दरअसल शुगर, मेटाबॉलिज्म दर को धीमा कर देती है, जिससे आपको वजन कम करने में मुश्किल आती है । उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें शुगर होती है । अगर आपको कुछ मीठा खाने का मन करता है तो अपनी क्रेविंग को शांत करने के लिए गुड़ और शहद जैसे विकल्प चुनें । ग्रीन टी पिएं हर दिन तीन कप ग्रीन टी पीने से आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो सकता है । ग्रीन टी शरीर की चर्बी को बर्न करने में मदद करती है । यह एंटीऑक्सिडेंट से भरी हुई होती है, जो आपको स्वस्थ रखता है और आपको आकार में वापस लाने में मदद करता है । अपने भोजन में प्रोटीन शामिल करें प्रोटीन आपको तृप्त रखता है और आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है, जो अंततः आपको वजन कम करने में मदद करता है । प्रोटीन युक्त आहार लेने से भूख के दर्द को नियंत्रित करने में मदद मिलती है । अगर आप शाकाहारी हैं, तो आप राजमा, दालें, दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर अपने आहार में प्रोटीन को शामिल कर सकते हैं । क्योंकि कई लोग वेट लॉस के लिए नुस्खे अपनाते हैं या एक्सरसाइज़ करते हैं तो उनके शरीर का वेट लॉस तो हो जाता है । लेकिन, कई बार पेट और कमर के आसपास जमा फैट कम नहीं होता । इसीलिए, वेट लॉस के ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिससे, आपके बॉडी फैट के साथ-साथ बेली फैट भी कम हो सके । ऐसा ही एक तरीका है सही कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करना । क्या कार्बोहइड्रेट्स करते हैं वेट लॉस में मदद? वैसे तो कार्बोहाइड्रेट्स के अधिक सेवन से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है । इसीलिए, डायबिटीज़ और वेट लॉस की कोशिश में हाई कार्ब्स डायट नुकसानदायक साबित हो सकती है । लेकिन, जैसा कि कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को ग्लूकोज़ के तौर पर एनर्जी देने का काम करता है । इसीलिए, शरीर को एक निश्चित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स की ज़रूरत होती है । जब शरीर हाई कार्ब डायट से प्राप्त एनर्जी को इस्तेमाल नहीं कर पा सकता तो यह एक्स्ट्रा एनर्जी फैट के रुप में जमा होने लगती है और मोटापा बढ़ने लगता है । दरअसल, जिन खाद्य पदार्थों में कार्ब्स की मात्रा कम होती है, उन्हें वेट लॉस के लिहाज से अच्छा माना जाता है । इस तरह के फूड्स बॉडी फैट बर्न करने में मदद करते हैं । इसीलिए अगर आप भी फ्लैट टमी और अच्छा बॉडी शेप पाने के लिए वेट लॉस करना चाहते हैं तो, अपनी डायट में इस तरह के फूड शामिल करें, जो लो-कार्ब हों । वेट लॉस के लिए खाएं ये लो-कार्ब्स फूड्स जो लोग लो कार्ब डायट लेना चाहते हैं पर उन्हें इस तरह के फूड्स के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है । वे, यहां लिखी इन कुछ चीज़ों का सेवन कर सकते हैं- ककड़ी, मशरूम, टमाटर, प्याज़ और हरी पत्तेवाली सब्जियां फूल गोभी और ब्रोकोली अंडे, मछली ड्राईफ्रूट्स, नट्स और सीड्स एवोकाडो नारियल का तेल । क्या आप जानते हैं कि स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर किशमिश कई बीमारियों से भी बचाते हैं । आप रोज़ाना बस कुछ किशमिश के दाने पानी में भिगोकर खाएं । इससे, आपको कई बीमारियों से आराम मिलेगा । आइए जानते हैं किन हेल्थ प्रॉब्लम्स में आराम दिलाता है किशमिश । त्योहारों के बाद वेट लॉस के लिए आज़माएं ये 5 ट्रिक्स, हेल्दी तरीके से होगा वजन कम और बॉडी डिटॉक्स अजवायन और जीरा पानी पीकर घटाएं तोंद, जानें बनाने का तरीका पानी के अलावा फाइबर से भरपूर खीरा आप हर दिन सलाद के रूप में खाएं । यह यूरिक एसिड कम करने का एक बेहतरीन तरीका है । मोटापा किसी भी चीज पर अगर आप जरूरत से ज्‍यादा बोझ डालेंगे तो वह समय से पहले खराब होगी ही । हमारी सेहत के साथ भी ऐसा ही है । आंकड़ें बताते हैं कि मोटे लोगों में फ्रेक्‍चर और हड्डी टूटने के मामले सबसे ज्‍यादा सामने आते हैं । दवाओं का असर कुछ खास दवाओं के साइड इफैक्‍ट के रूप में भी कई बार ऑस्टियोपोरोसिस को कैरी करना पड़ता है । इनमें कोर्टिकोस्टेरोइड सबसे प्रमुख है । इसका इस्‍तेमाल अमूमन पुरुषों द्वारा शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है । वहीं एड्स और कैंसर की रोकथाम में भी कई बार इनका इस्‍तेमाल किया जाता है । लंबे समय तक इस दवा का सेवन करने से हड्डियों का स्‍वास्‍थ्‍य बुरी तरह प्रभावित होता है । ठंड के मौसम में कैसे घटाएं वजन ? आयुर्वेद में एलो वेरा को एक बहुत ही अच्छी औषधि बताया गया है । वहीं, पिछले कुछ वर्षों में एलो वेरा जूस पीने का ट्रेंड भी आया है । लोगों को जैसे-जैसे इस औषधि के फायदे पता चल रहे हैं, लोग  इसे अपनी डायट में जगह देने लगे हैं । खासकर,  वेट लॉस और बेली फैट कम करने के लिए एलो वेरा जूस पीने की आदत बहुत से लोगों ने अपनायी है । क्या एलो वेरा जूस पीने से होता है वेट लॉस ? आमतौर पर ब्यूटी प्रॉब्लम्स के लिए इस्तेमाल होने वाले एलो वेरा का सेवन भी किया जा सकता है । एलोवेरा की पत्तियों से एक सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलता है । इसे ही एलो वेरा जेल कहते हैं । यह जेल कई एंटीऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर होता है । इसीलिए, इसके सेवन से शरीर को कई प्रकार के फायदे हो सकते हैं । वेट लॉस के लिए भी एलोवेरा जूस काफी मददगार है । रोज़ रात में सोने से पहले 20-50 मिली एलो वेरा जूस पीने से वेट लॉस तेज़ी से होता है । एलो वेरा जूस पीने से फैट बर्निंग प्रोसेस तेज़ होता है । साथ ही यह पेट की समस्याओं को भी कम करने और  डायजेशन बढ़ाने का भी काम करता है । इससे, गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं, जो कि, पेट को फूला हुआ और बड़ा दिखाने का काम करती हैं । ऐसे बनाएं एलो वेरा जूस पौधे से एलो वेरा की एक पत्‍ती तोड़ कर लें । फिर, इसे पानी से अच्छी तरह धो कर साफ कर लें । फिर, एक चाकू की मदद से पत्ती को बीच में चीरा लगाते हुए काटें । पत्तियों के बीच में जो सफेद जेल होता है , उसे कि चम्मच या चाकू की मदद से निकालकर एक कटोरी में रखें । अब इस जेल के दो चम्‍मच लें । आधा गिलास पानी के साथ इसे मिक्सी या ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें । इस मिश्रण को किसी गिलास में पलट लें और ताज़ा ही पीएं । अगर आपको एलो वेरा का स्वाद पसंद ना आए  तो आप इसमें थोड़ा-सा शहद भी मिला सकते हैं । एलो वेरा जूस पीने के अन्य फायदे वॉटर रिटेंशन कम होता है । बॉडी डिटॉक्स में होती है मदद पाचन तंत्र ठीक तरीके से काम करता है । चाइल्डहुड ओबेसिटी बच्चों में बढ़ा सकता है हाई ब्लड प्रेशर, यूं बचाएं बच्चों को ओवरवेट होने से विश्व स्वास्थ्य संगठन 21वीं सदी की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है । यह समस्या वैश्विक है और इसकी व्यापकता खतरनाक दर से बढ़ रही है । तापसी पन्नू ने बताया चर्बी घटाने का प्राकृतिक तरीका, पीती हैं ये हेल्दी ड्रिंक । बिना कुछ खाए या पानी के बिना उपवास करने की भी प्रथा हमारे त्योहारों से जुड़ी है । लेकिन ऐसा ना करें । पूरा दिन खाली पेट रहना किसी के भी शरीर के लिए अच्छा नहीं होता । कम मात्रा में ही सही हेल्दी फूड खाते रहें, इससे आपके शरीर को सही तरीके से काम करने में मदद होगी । पीनट बटर-बनाना प्रोटीन शेक इसे बनाने के लिए 2 केले, 2 टेबलस्पून पीनट बटर, 2 कप योगर्ट, 100 मि.ली. दूध, 1 टेबलस्पून सब्जा, आधा टीस्पून कोको पाउडर को मिलाकर ब्लेंड कर लें । चॉकलेट प्रोटीन शेक यदि आप वेट कम करना चाहते हैं, तो चॉकलेट प्रोटीन शेक पिएं । प्रोटीन शेक पीने के फायदे – वेट लॉस के दौरान प्रोटीन अधिक मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि प्रोटीन खाने से आप हेल्दी रहते हैं और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं । कब पिएं प्रोटीन शेक? प्रोटीन शेक एनर्जी बूस्टर का काम करता है, इसलिए वर्क आउट करने के 30-45 मिनट बाद प्रोटीन शेक पी लेना चाहिए । लंच- बीएलटी लेटिस रैप कीटो डाइट फूड बनाने के लिए आपको चाहिए 3 बड़े पत्ते रोमनिक लेटिस बेकन के 6 टुकड़े ग्रिल्ड चिकन 5 छोटे चेरी टमाटर चीज मेयोनीज 3 चम्मच इस लंच में 632 कैलोरी, फैट 48 ग्राम, कार्ब 8 ग्राम और प्रोटीन 42 ग्राम होती है । कीटो डाइट फूड में दिन में तीन टाइम इन चीजों का सेवन करें । साथ ही नीचे बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खों को भी आजमाकर देखें... वजन घटाने के आयुर्वेदिक नुस्खे 1 एक गिलास गर्म पानी लें । पर्वतासन इस योग आसन में शरीर की मुद्रा पर्वत की चोटी जैसी बनानी पड़ती है । वैसे इस योगासन की प्रैक्टिस करना बहुत ही सरल है । इसीलिए, इसके अभ्यास के लिए बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती । पर्वतासन से रीढ़ की हड्डी, कमर और पीठ पर असर होता है । जिससे, बेली फैट कम होता है । साथ ही कमर, पीठ और शोल्डर में महसूस होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है । ऐसे करें पर्वतासन का अभ्यास- ज़मीन पर योगा मैट बिछाकर व्रजासन में बैठें । फिर अपनी दोनों हथेलियों को जोड़ते हुए नमस्कार की मुद्रा में रखें । अब धीरे-धीरे दोनों हाथों को अपने चेस्ट तक ले आएं । फिर, अपनी हथेलियों को आहिस्ता-आहिस्ता सिर के ऊपर की ओर ले जाएं । हाथों को सीधा रखते हुए ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें । ऐसे में आपके हाथों का ऊपरी हिस्सा कानों के पास सटा हुआ होना चाहिए । अपनी एड़ियों को ज़मीन पर टिकाए रखें और हिप्स को धीरे-धीरे उठाएं । अब धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे लाएं । हथेलियों को चेस्ट के पास ले आते हुए पूर्व मुद्रा में आ जाएं । इस योगासन में पीठ को सीधे रखें और अपनी सुविधा के अनुसार रीपिट करें । पाद प्रसार पश्चिमोत्तनासन यह योगासन प्रेगनेंसी के बाद सबसे ज्यादा फैट डिपॉजिट वाले एरिया, जैसे पेट और पेल्विक भाग पर असर करता है । इस योगासन का अभ्यास आसान है और इससे पीठ में दर्द होने की संभावना भी कम ही होती है, जो आमतौर पर प्रेगनेंसी के बाद एक्सरसाइज़ करने पर महिलाओं को महसूस होती है । अभ्यास का तरीका- इस आसन को शुरु करने के लिए समस्ती मुद्रा में बैठ जाएं । फिर, अपने पैरों को सीधा रखें, और धीरे-धीरे उन्हें फैलाएं । अब सांस अंदर खींचते हुए, दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं । गर्दन सीधी रखें । फिर सांस बाहर निकालते हुए अपने हाथों को पैरों की तरफ ले जाएं । पैर के अंगूठे को हाथों से पकड़ने की कोशिश करें । फिर, इस मुद्रा में रहते हुए  धड़ से ज़मीन को छूने की कोशिश करनी चाहिए । फिर धीरे-धीरे सिर को नीचे ले आएं, जिससे सिर से ज़मीन को छुआ जा सके । फिर, धीरे-धीरे शरीर को पूर्व मुद्रा में ले जाएं । यदि आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो कीटो मील प्लान और कीटो डाइट फूड को नियमित रूप से फॉलो करना होगा, तो ही आपको लाभ होगा । जानें, क्या है कीटो डाइट प्लान , कीटो मील प्लान, कीटो डाइट फूड के बारे में सबकुछ यहां... यदि आपको लगता है कि कार्ब्स खाना छोड़ देने से जल्दी वजन कम होता है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है । वजन घटाने के लिए पुरूषों के लिए कुछ कार्ब्स का सेवन भी जरूरी है, जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल । जानें, नारियल तेल को डाइट में शामिल करने का तरीका... 1 सूर्य नमस्‍कार में शामिल होने वाले  12 आसनों को करने से पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है । बेली फैट भी इससे कम कर सकते हैं, लेकिन यह तभी संभव है, जब आप इसे लगातार करेंगे । 2 सूर्य नमस्कार का सेहत पर संपूर्ण रूप से लाभ होता है । शरीर के लिए यह एक संतुलित व्यायाम है । 3 इसे करने से याद्दाश्त क्षमता में वृद्धि होती है । नर्वस सिस्टम शांत होता है । इससे चिंता, तनाव की समस्या पर काबू पा सकते हैं । यह थायरॉएड ग्लैंड की क्रिया को नॉर्मल करता है । 4 शरीर की सभी कोशिकाओं को अच्छी तरह से ऑक्सीजन सप्लाई होता है । शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बनाता है । 5 इसके नियमित अभ्यास से शरीर से दूषित पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं । मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती देने के लिए भी यह एक बेहतर योग है । 6 इससे उदर के अंगों की स्ट्रेचिंग होती है, जिससे पाचन तंत्र सुधरता है । कब्ज, अपच या पेट में जलन की समस्या से ग्रस्त हैं, तो सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार करना फायदेमंद होगा । गर्मियों में वजन घटाना आसान होता या नहीं इसको लेकर लोग बहुत सर्च करते हैं । एक्सपर्ट्स की मानें तो गर्मियों में वजन घटाना आसान होने के साथ-साथ वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है । गर्मियों में जितना आसान होता है उतनी ही सतर्कता की जरूरत होती है । अगर आप भी कुछ किलो वजन घटाना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखें । वजन घटाना तब और आसान हो जाता है जब आप डाइट में ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेते हैं । गर्मी के मौसम में इंसान खुद भी ज्यादा हैवी खाना नहीं खाना चाहता है । जब आप गर्मी के मौसम में ज्यादा तरल पदार्थ उपयोग करते हैं और वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज करते हैं तो वजन कम करने का प्रोसेस आसान हो जाता है । आइए जानते हैं गर्मी में वजन घटाने के लिए कौन-कौन सी बातें जरूरी होती हैं । गर्मी के मौसम में वजन घटाने के लिए स्पेशल डाइट गर्मी के मौसम में वजन घटाने के लिए स्पेशल डाइट रूल बनाना होता है । इस डाइट में आपको कोई भी चीज को बहुत ज्यादा हैवी नहीं बनाना है । तेल और अन्य फैट वाले खाद्य पदार्थों को कम से कम खाना है । ऐसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना है जो तरह होने के साथ आपको पर्याप्त पोषण भी देने वाली हो । आइए जानते हैं 5 ऐसे फूड के बारे में जो गर्मी के मौसम में वजन घटाने में आपकी मदद करती हैं । गर्मी में वजन घटाने के लिए दही का सेवन अगर आप गर्मियों में वजन घटाना चाह रही हैं तो आपको दही का सेवन जरूर करना चाहिए । दही का सेवन आप वैसे भी रोजाना डाइट में कर सकते हैं. अगर आप वजन नहीं घटा रहे हैं. दही का सेवन पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए भी किया जाना जरूरी होता है । दही में पर्याप्त प्रोबायोटिक तत्व पाये जाते हैं जो शरीर में वजन बढ़ाने वाले तत्वों को भी कम करते हैं । वजन घटाने में छाछ का सेवन है फायदेमंद वजन घटाना चाहते हैं तो आपको गर्मी के मौसम में छाछ का सेवन जरूर करना चाहिए । छाछ में पर्याप्त मात्रा में पानी तो होती ही है साथ में पाचन तंत्र को ठीक करने में भी मददगार होता है । छाछ ऐसा तरल खाद्य पदार्थ है जो पोषण देने के साथ आपको गर्मियों में हाइड्रेट भी रखता है । गर्मियों में वजन घटाना आसान करती है लौकी गर्मियों में सबसे ज्यादा लौकी की सब्जी पैदा होती है । गर्मी के मौसम में लौकी का सेवन आपको गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों से भी बचाता है । अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं तो आपको सप्ताह में 2 दिन लौकी की सब्जी जरूरी खाना चाहिए । गर्मी के मौसम में आप लौकी के जूस का भी सेवन कर सकते हैं । नींबू पानी गर्मी में वजन घटाता है गर्मियों में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाल नींबू आपका वजन भी घटा सकता है । लेकिन इसके लिए आपको नींबू के उपयोग के बारे में सतर्क होना पड़ेगा । गर्मी के मौसम में सुबह खाली पेट नींबू पानी पी सकते हैं । खाने में सलाद के साथ और खाने में मिलाकर भी आप नींबू का उपयोग कर सकते हैं । सलाद का सेवन गर्मियों में वजन घटाना करता है आसान ज्यादा हैवी खाना खाने से बचना चाहिए । ज्यादा खाना खाने की आदत है तो आप खाना खाने से पहले पर्याप्त मात्रा में सलाद खाएं । सलाद की वजह से शरीर हाइड्रेट तो रहेगा ही साथ में आपका वजन भी घटने लगेगा । गर्मी में वजन घटाने वाली एक्सरसाइज आप डाइट तो स्पेशल करते ही हैं साथ में आपको अपनी एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना होता है । अगर आप नियमित एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो पैदल चलने से शुरुआत कर सकते हैं । पैदल चलने की एक्सरसाइज को धीर-धीरे बढ़ाएं और 3 सप्ताह के बाद उसे दौड़ने में बदल दें । रोजाना कम से कम 40 मिनट का वर्कआउट करें । गर्मियों में वर्कआउट और एक्सरसाइज में पर्याप्त पसीना आता है जो फैट को कम करने का काम करता है । एक्सरसाइज के बाद पर्याप्त पानी और एनर्जी जूस पीना न भूलें । मक्के के दाने और कॉर्न फ्लेक्स कार्बोहाइड्रेड से भरपूर होते हैं, जो कि एनर्जी का स्रोत है । कॉर्न फ्लेक्स खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में एनर्जी मिलती है साथ ही पेट को देर तक भरा हुआ रखता है । कॉर्न में जो फाइबर होता है वह मलाशय या कोलन में जमे हुए खाद्द पदार्थों को निकालने में सहायता कर कब्ज़ के कष्ट से राहत दिलाता है । भुट्ठे या कॉर्न में बीटा-कैरोटीन होता है जो विटामिन ए के उत्पादन में सहायता करता है । यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ शरीर में खून की कमी जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है । ज़िंक, फॉस्फोरस, मैग्नेशियम और आयरन  जैसे मिनरल्स से भरपूर मक्के हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं । प्रेगनेंट महिलाओं, स्कूल जाने वाले बच्चों के अलावा गठिया या अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से परेशान लोगों के लिए मक्का एक अच्छा भोजन साबित हो सकता है । बहुत ज़्यादा ग्रीन टी पीना भी एक बड़ी ग़लती है जो लोग वेट लॉस के चक्कर में कर लेते हैं । दो कप से अधिक ग्रीन टी ना पीएं । ज़्यादा ग्रीन टी या ग्रीन कॉफी पीने से शरीर में वॉटर रिटेंशन हो जाता है और आपका शरीर फूला हुआ नज़र आता है । होली में ठंडाई पीने के हेल्दी फायदे । होली का त्योहार धीरे-धीरे मौसम में बढ़ रही गर्मी से राहत दिलाता है । रंगों और अपनों के साथ के अलावा इस त्योहार में पानी और खूश्बूदार ऑर्गेनिक कलर्स सूकून दिलाते हैं । लेकिन,  होली में परोसी जाने वाली ठंडाई पीने जो राहत मिलती है उसका कोई जोड़ नहीं । ठंडाई होली का मुख्य ड्रिंक है जिसे, खासतौर पर उत्तर भारत से होते हुए अब पूरे देश में होली के जश्न का हिस्सा बन गयी है । ठंडाई में कई फलों और सब्ज़ियों के बीज यानि हेल्दी सीड्स, बादाम-पिस्ते जैसे ड्राई-फ्रूट्स के अलावा केसर और दूध जैसी पौष्टिक चीज़ें मिलायी जाती हैं । इसीलिए, ठंडाई एक हेल्दी ड्रिंक बन जाती है । गले और पेट को आराम दिलाने के साथ-साथ ठंडाई के कुछ और भी हेल्दी फायदे होते हैं । लेमन कॉफी और वेट लॉस का क्या है संबंध ? क्या आप जानते हैं कि दिन की शुरुआत यदि हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ हो तो आप आसानी से वजन कम सकते हैं । जानिए कैसे? बोन हेल्‍थ पूरे शरीर की सक्रियता और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अपरिहार्य है । इसके प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है । ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों का एक गंभीर रोग है । जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे इतनी कमजोर हो जाती हैं कि व्‍यक्ति चलने-फि‍रने और अपने रूटीन वर्क निपटाने से भी लाचार हो जाता है । महिलाओं में यह समस्‍या पुरुषों से ज्‍यादा होती है । आइए जानें आखिर क्‍यों । वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों से संबंधित बीमारी है । सही पोषण न मिल पाने और विभिन्‍न शारीरिक बदलावों के कारण इस बीमारी में हड्डियों की सेहत को बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचता है । इस गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्‍यान दिलाने के लिए वर्ष 1999 से इंटरनेशनल ओस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन हर वर्ष 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जा रहा है । हालांकि इस दिवस की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम में 1996 में नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसायटी द्वारा की गई थी । महिलाओं को होता है ज्‍यादा जोखिम पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम ज्‍यादा रहता है । आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में हर तीन सैकेंड में एक फ्रैक्‍चर ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होता है । आंकड़े बताते हैं कि हर साल 10 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित होते हैं । हॉर्मोनल बदलाव के कारण इनमें बड़ी संख्‍या महिलाओं की होती है । पर ऐसा नहीं है कि पुरुषों पर इस बीमारी का प्रकोप नहीं होता । बल्कि उम्र के साथ होने वाले कई बदलावों में उनकी बोन हेल्‍थ पर भी असर पड़ता है । कब्ज दूर करने के लिए इन होम रेमेडीज को जरूर आजमाकर देखें कई बार शरीर में मैग्नीशियम की कमी से भी कब्ज की समस्या बढ़ जाती है । ऐसे में मैग्नीशियम से भरपूर चीजों के सेवन से शरीर में मैग्नीशियम की कमी दूर होती है । कुछ समय से मिलिट्री डायट को भी काफी लोगों ने फॉलो करना शुरु कर दिया है । इस तरह की डायट को वेट लॉस के लिहाज से बहुत कारगर माना जा रहा रहै । ताज़े ऑरेंज़ जूस का ना केवल स्वाद अच्छा होता है । बल्कि, यह आपके वजन को कम करने में भी सहायक हो सकता है । संतरे को एंटी-कैलोरी फ्रूट भी कहा जाता है । क्योंकि, इसमें बहुत कम कैलोरीज़ होती हैं और इसे पीने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं । कैमोमाइल टी पीने का एक और लाभ यह है कि यह चाय संभवतः पहले से ही आपके किचन कैबिनेट में बैठी है - कैमोमाइल चाय । इसका अधिक लाभ पाने के लिए हर रात सोने से पहले कैमोमाइल चाय पिएं । वजन घटाने के अलावा इसके कई फायदे हैं । जानें, उनके बारे में... वजन करे कम कैमोमाइल चाय वजन कम करने के आपके प्रयासों को बढ़ावा देती है । यह स्वस्थ खाने का पूरक है और सूजन को भी कम करती है । यह चाय गैस्ट्रिक रस को उत्तेजित करती है, जो भोजन को तोड़ने में मदद करती है, जिससे पाचन तेज होता है । डिटॉक्सिफिकेशन कैमोमाइल चाय कैल्शियम और पोटैशियम में समृद्ध होता है । यह शरीर को डिटॉक्स करती है । अतिरिक्त वाटर रिटेंशन से भी छुटकारा दिलाती है । कैमोमाइल टी पेट को शांत करने और भूख पर अंकुश लगाने के लिए अद्भुत काम करती है । यह आपके वजन घटाने की यात्रा को आसान बनाता है । इम्यूनिटी करे बूस्ट कैमोमाइल टी पीने से शरीर की इम्यून पावर मजबूत होती है । स्ट्रेस कम करके रात में अच्छी नींद दिलाती है । सर्दी-खांसी से परेशान रहते हैं, तो यह चाय जरूर पिएं । पीरियड्स के दिनों में होने वाले पेट दर्द और ऐंठन को भी काफी हद तक कम करती है । डाइजेस्टिव सिस्टेम करे ठीक डाइजेस्टिव सिस्टेम ठीक करना यानी गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, दस्त, बदहजमी, उल्टी या मतली का एहसास, पेट में गैस की तकलीफ जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है । एक अध्ययन के अनुसार, इस चाय को पीने से गैस्ट्रिक निकलता है, जो फैट और कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने में मदद करता है । ये चाय ग्लूकोज को एब्जॉर्ब  करने में बाधा उत्पन्न करता है, जो वजन बढ़ने नहीं देता है । एक नए शोध से पता चलता है कि निकोटीन पर किसी व्यक्ति की निर्भरता यह निर्धारित करती है कि उसे छोड़ने के बाद उसका वजन कितना बढ़ सकता है. खस का शर्बत पीने के फायदे बैली फैट कम न होने के कारण- बैली फैट से हमारे देश में कम से कम 80 प्रतिशत लोग परेशान हैं । जब भी किसी व्यक्ति का वजन बढ़ता है तो उसका असर सबसे पहले हमारे पेट पर पड़ता है । बैली फैट जितनी आसानी से बढ़ जाता है उतनी आसानी से कम नहीं होता है । बल्कि इसे घटाने के लिए ​काफी पसीना बहाना पड़ता है । आपने वजन कम करने के लिए अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल जरूर किया होगा, जो वजन जल्दी से कम करने में मदद करते हैं । क्या आपने कभी कॉफी को डाइट में शामिल किया है? यदि नहीं, तो जरूर शामिल करके देखें । वजन कम करने के लिए कॉफी काफी मदद करती है । वजन कम करने के लिए डाइट में कॉफी शामिल करने को कॉफी डाइट नाम दिया गया है । क्या है कॉफी डाइट ? शरीर से अतिरिक्त कैलोरी, चर्बी और वजन कम करने के लिए आपको प्रत्येक दिन एक से तीन कप कॉफी अपनी डाइट में शामिल करना होगा । इसे ही कॉफी डाइट नाम दिया गया है । इसमें कॉफी को डाइट में शामिल करने के लिए अधिक जोर दिया जाता है । इससे वजन घटाने में काफी मदद मिलती है । हां, इसका सेवन सीमित मात्रा में करें, क्‍योंकि कैफीन का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है । एक शोध में यह दावा किया गया है कि हर दिन एक कप कॉफी पीने से मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ावा मिलता है । इससे वसा कम होने के साथ ही कैलोरी भी बर्न होती है । दरअसल, कॉफी में भूख कम करने की क्षमता होती है । वजन कैसे करती है कम – इस डाइट प्लान में आपको प्रत्येक दिन लगभग 3 कप हल्‍की रोस्‍ट कॉफी का सेवन करना होगा । हल्‍की रोस्‍ट कॉफी डार्क रोस्‍ट की तुलना में अधिक पॉलीफेनोल एंटीऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर होती है । कॉफी डाइट में आपको हल्की भुनी, साबुत बीन वाली कॉफी पीनी होती है । इसे आप चाहें तो घर पर पीसकर और फिल्टर्ड पानी का उपयोग करके तैयार कर सकते हैं । तीन कप एक दिन में पिएं पर चीनी और क्रीम का उपयोग ना करें । – साथ ही खानपान भी हेल्दी लें । इसमें हाई फाइबर युक्‍त भोजन, फल व सब्जी से बनी स्‍मूदी लें । लो कैलोरी और वसा वाले हेल्‍दी स्नैक्स, साबुत अनाज, फाइबर युक्‍त फलों और सब्जियों को डाइट में अधिक मात्रा में शामिल करें । प्रोसेस्‍ड और फ्रोजन फूड्स का सेवन बंद कर दें । टोफू, ब्राउन राइस, ग्रिल्‍ड चिकन, सलाद आदि भी शामिल कर सकते हैं । भूख करे कम कॉफी डाइट आपकी भूख को कम करने के साथ कैलोरी की मात्रा कम करने में मदद करती है । आप चाहते हैं जल्दी वजन कम हो, जो खाना खाने से थोड़ी देर पहले एक कप कॉफी पी लें । इससे आपकी भूख कम हो जाएगी और आप कम खाना खाएंगे । मेटाबॉलिज्‍म बढ़ाए कैफीनयुक्त कॉफी शरीर द्वारा बर्न की जाने वाले कैलोरी और वसा की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है । शोध के अनुसार, अधिक कैफीन का सेवन कम वजन, बॉडी मास इंडेक्स और वसा के साथ जुड़ा हुआ होता है । जब कैफीन की मात्रा दोगुनी हो जाती है, तो उनका वजन, बीएमआई और वसा 17 से 28% तक घट जाता है । तेज बुखार का घरेलू उपचार हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, जरूर करें सेवन इसे आप कई चीजों के साथ मिलाकर हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक बना सकते हैं । हरा सेब, पालक, एप्पल सिडर वेनेगर खाने से सेहत को कई तरह से लाभ होता है । पालक और सेब में भरपूर आयरन होता है । एप्पल सिडर वेनेगर भी वजन कम करने में काफी उपयोगी होता है । एप्पल सिडर वेनेगर बना सकते हैं । यह ड्रिंक काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है । पाचन में भी मदद करता है । कैलोरी की मात्रा काफी कम होने के कारण यह वजन कम करने में बहुत मदद करता है । वजन कम करने के लिए एप्पल सिडर वेनेगर ड्रिंक्स कैसे बनाएं, जानें यहां… यदि पिछले 5-6 महीनों में कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से आपकी शारीरिक एक्टिविटी, जिम जाना, मॉर्निंग वॉक सबकुछ बंद हो गया है और इससे वजन बढ़ रहा है, तो सूरजमुखी का बीज आपके लिए फायदेमंद हो सकता है । वेट लॉस सीड्स में सूरजमुखी के बीज को सबसे अच्छा माना जाता है । वेट लॉस डायट में सूरजमुखी के बीज को शामिल कर रहे हैं, तो इसके सेवन का खास तरीका होता है । इसमें फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है । पेट की चर्बी कम करने के लिए सूरजमुखी के बीज को आप अपनी सब्जी में डालकर पकाएं । आप इसे पाउडर की तरह पीसकर आटे में डालकर गूंद लें और इस आटे से बनी रोटी खाएं । वेट लॉस स्नैक्स में मखाना, बादाम के साथ इन बीजों को भी डालकर रोस्ट करके सेवन कर सकते हैं । एक बार वजन बढ़ जाए, तो इसे कम करना आसान नहीं होता । महीनों जिम जाकर लोग वर्कआउट करते हैं, वेट लॉस डायट फॉलो करते हैं, लेकिन बावजूद इसके कुछ लोगों का वजन कम नहीं होता । अधिक वजन शरीर के शेप को तो बिगाड़ता ही है, सेहत संबंधित कई समस्याओं को भी जन्म देता है । वजन अधिक होने से आप कई रोगों जैसे डायबिटीज, मोटापा , हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त हो सकते हैं । वजन कम करने के लिए आप जिम जाएं, वेट लॉस डायट भी फॉलो करें, लेकिन इस डायट में एक चीज और शामिल करके देखें । वह एक चीज है कद्दू यानी पम्पकिन । इसका सेवन आप 1 से 2 महीना करें, क्योंकि कद्दू और इसके बीजों में मौजूद पोषक तत्व शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करते हैं । साथ ही कद्दू खाने से आपको कई और सेहत लाभ भी होंगे, जो इस प्रकार हैं । कद्दू खाकर घटाएं वजन कैलोरी होती है कद्दू में कम कद्दू में फाइबर अधिक और कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है । कम कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता है । ऐसे में वजन घटाना चाहते हैं, तो कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ में कद्दू और इसके बीजों का सेवन करना लाभकारी होता है । फाइबर होने से वजन हो कम जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि कद्दू में फाइबर की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, ऐसे में इसके सेवन से आपको जल्दी भूख नहीं लगती है । यह पेट को देर तक भरा रखता है । जब आपको भूख जल्दी नहीं लगेगी तो कुछ भी उल्टा-सीधा खाने से बचे रहेंगे । फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ओवरईटिंग से बचा जा सकता है । यह वजन को कंट्रोल में करने का सबसे बेहतर तरीका है । कद्दू खाएं, इम्यूनिटी बढ़ाएं कद्दू में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जैसे मैग्निशियम, पोटैशियम, विटामिन्स आदि । ये सभी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाते हैं । इससे शरीर में मौजूद फैट तेजी से बर्न होता है । इस तरह वजन घटाना आसान हो जाता है । प्रोटीन से भरपूर होता है कद्दू इसमें प्रोटीन होने से वजन कंट्रोल में रहता है । वजन घटाने के लिए हाई-प्रोटीन डायट फॉलो करने पर कद्दू को भी इसमें शामिल किया जा सकता है । यह शरीर के फैट को जलाता है । वजन कम करने के लिए आप कद्दू की सब्जी को दूध या पानी में मिलाकर पीने से भी लाभ होता है । शरीर को इसके सेवन से कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि कई लाभ होते हैं । एक महीने के लिए अजवायन-जीरा पानी पीकर देखें । जीरा और अजवायन मिला पानी शरीर पर जादुई असर करता है । कब पिएं यह अजवायन और जीरा पानी अजवायन और जीरा पानी रोज सुबह खाली पेट पिएं । आपको चाहिए जीरा  1 चम्मच 1 चम्मच अजवायन 1 गिलास पानी बनाने का तरीका अजवायन और जीरा को रात में 1 गिलास पानी में भिगो कर रख दें । सिक्स पैक एब्स बनाने के लिए डायट में जरूर शामिल करें ये चीजें । 1. अपने दैनिक आहार का लगभग आधा सेवन करने की कोशिश करें, उदाहरण के लिए अगर आप एक दिन में आधा किलो भोजन लेते हैं, तो इसे धीरे-धीरे लेने की कोशिश करें, ताकि आपका शरीर आसानी से बदलाव को अपना सके और ऐसा करने से आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी । 2. दिन में दो बार, नाश्ते के एक घंटे बाद और अपने दोपहर के भोजन के बाद 15 मिनट तक ग्रीन टी लेने पीने की कोशिश करें । 3. साथ ही नींबू का रस स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है और ये वजन नियंत्रण के लिए भी दिन में आधा नींबू लेने की कोशिश करें । 4. कार्बोहाइड्रेट खाने की बजाय भरपूर मात्रा में प्रोटीन खाएं । प्रोटीन खाने से वर्कआउट के दौरान मांसपेशियों को रिकवर करने में मदद मिलती है । साथ ही आपका शरीर भी फिट रहता है । 5. गम चबाने की आदत बनाएं क्योंकि इससे आपकी कैलोरी बर्न करने में मदद मिल सकती है । वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में ये पाया गया है कि भोजन से आधा घंटा पहले आधा लीटर पानी पीने से भूख कम हो जाती है और उन्हें कम कैलोरी खाने में मदद मिलती है । इन ड्रिंक्स में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज होता है जो फैट को विकसित करने में मदद करता है । वजन कम करने के लिए रात में क्या खाएं । रोज करेंगे ये तीन आसान से आसन तो वजन होगा कम । आपकी डाइट- वजन कम न करने के कई कारणों में से एक आपकी डाइट भी है । हमारी डाइट का असर हमारी सेहत पर सीधा दिखता है । यानि कि आपकी डाइट कैसी है ये आपकी सेहत को देखकर पता चल जाता है । जब आपके खानपान में पोषण तत्वों की कमी होती है जो वजन बढ़ने लगता है । जब पेट की चर्बी कम करने की बात आती है तो आपके कैलोरी पर बारीक नजर रखने की जरूरत होती है । ऐसी स्थिति में आप अधिक फाइबर का सेवन कर सकते हैं । कोरोना वायरस के प्रसार की घोषणा की गयी है । जिससे, ज़्यादातर लोग घरों में बंद रह रहे हैं । इस वायरस इंफेक्शन में फ्लू जैसे लक्षण दिखायी पड़ते हैं और इसमें रेस्पेरटरी सिस्टम पर भी असर पड़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है । तो वहीं, अधिक उम्र के लोगों, और ऐसे व्यक्ति जिन्हें अस्थमा या हायपरटेंशन जैसी कोई हेल्थ प्रॉब्लम है तो यह कोरोना वायरस इंफेक्शन का ख़तरा उसके लिए और अधिक बढ़ जाता है । आज हर व्यक्ति आकर्षक लुक और बॉडी पाने के लिए काफी सजग हो गया है । जो लोग अधिक मोटे हैं, उनमें यह चिंता अधिक देखने को मिलती है । ऐसे में वे अपना वजन कम करने के लिए कीटो डाइट प्लान फॉलो करते हैं । वजन कम करने के लिए कीटो डाइड फूड प्लान में काफी कुछ है, जिसे अपनाकर पुरुष और महिलाएं अपना वजन कम कर सकती हैं । जानें, क्या है ,  कीटो मील प्लान, कीटो डाइट फूड के बारे में सबकुछ यहां... क्या है कीटो डाइट प्लान  कीटो डाइट लो कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट होती है । इस डाइट के सेवन से शरीर ऊर्जा के उत्पादन के लिए लीवर में कीटोन पैदा करता है । कीटो डाइट प्लान को कीटोजेनिक डाइट, लो कार्ब डाइट, फैट डाइट भी कहा जाता है । जब आप अधिक कार्बोहाइड्रेट अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो शरीर ग्लूकोज और इंसुलिन का उत्पादन करता है । चूंकि, शरीर ग्लूकोज को प्राथमिक ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करता है, इसलिए भोजन में मौजूद फैट आपका शरीर संग्रहित कर लेता है । इसमें कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके फैट से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है । इस प्रक्रिया को कीटोसिस कहा जाता है । में फैट का सेवन अधिक, प्रोटीन का मीडियम और कार्बोहाइड्रेट का कम सेवन किया जाता है । कीटो डाइट प्लान में लगभग 70 फीसदी फैट, 25 फीसदी प्रोटीन, और 5 फीसदी कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए । नवरात्री का त्योहार 9 रातों तक चलता है और हमारी सोशल लाइफ, फैमिली लाइफ और भक्ति के अलावा हमारी सेहत को भी कई तरीकों से प्रभावित करता कुछ लोग नवरात्री के दिनों में खुद को हेल्दी बनाने के लिए  किसी खास तरीके की डायट प्लान करते हैं, तो कुछ गरबा में हिस्सा लेकर थोड़ी एक्सरसाइज़ करने का मौका भी तलाश लेते हैं । तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इस समय खूब खा-पीकर अपनी सेहत बिगाड़ लेते हैं । तो क्या आप भी नवरात्री में पूरी तरह बेपरवाह हो जाते हैं, और अपनी डायट या फिटनेस पर ध्यान नहीं देते तो थोड़ा संभल जाएं । - वेट लॉस के लिए पीएं एलो वेरा जूस, बेली फैट होगा कुछ दिनों में ही कम इस बात में कोई दो राय नहीं कि चाय और कॉफी के बाद, ग्रीन टी दुनिया भर में सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पेय है । यह न केवल अपने वजन घटाने के गुणों के लिए लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है, बल्कि इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । यह न सिर्फ आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है बल्कि इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ-साथ आपके दिमाग को भी शांत रखता है । ग्रीन टी आपके हृदय और मस्तिष्क दोनों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी मानी जाती है । आपने दिन भर लोगों को ग्रीन टी पीते देखा होगा । सोने के लिए बिस्तर पर जाने से पहले कुछ लोग रात में एक कप ग्रीन टी भी पीते हैं । हालांकि आम जनता के बीच एक गलत धारणा यह भी है कि आप जितना अधिक आप इसे पीएंगे, उतनी ही जल्दी वजन कम होगा । क्या आप भी इसी धारणा पर विश्वास करते हैं । अगर हां, तो ये लेख पढ़ना आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है । आपको पता होनी चाहिए ये बातें यहां समझने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ग्रीन टी पारंपरिक चाय या कॉफी की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक होती है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे दिन भर पीते ही रहें । चौंकाने वाली बात ये है कि जब आप इस पेय को अपना विकल्प चुनते हैं, तो आप किस समय पर इसे पी रहे हैं यह निर्धारित कर सकता है कि आपको इसके सकारात्मक प्रभाव होंगे या फिर दुष्प्रभाव । ग्रीन टी पीने का सबसे अच्छा समय ग्रीन टी के अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए, सही समय पर इसका सेवन करना महत्वपूर्ण है । अध्ययन बताते हैं कि ग्रीन टी पीने का सबसे अच्छा समय सुबह और वर्कआउट सेशन से पहले होता है । ग्रीन टी के साथ अपने कप कॉफी की अदला-बदली अपने दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है । कॉफी की तरह, ग्रीन टी में भी कैफीन और एल-थीनिन की कुछ मात्रा होती है । दोनों एक साथ मिलकर आपके मूड को बेहतर बनाने और आपके एकाग्रता स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं । अगर आपका मकसद फैट बर्न करना है, तो अपने वर्कआउट सेशन से पहले ग्रीन टी पीना आपके लिए सबसे अच्छा है । कई अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसा करने से एक्सरसाइज के दौरान फैट बर्न करने की प्रक्रिया को बढ़ा सकते हैं । ग्रीन टी पीने का सबसे खराब समय भोजन के बाद और रात में सोने से पहले ग्रीन टी पीना आपके लिए सबसे बुरा हो सकता है । ग्रीन टी में विभिन्न प्रकार के यौगिक पाए जाते हैं, जो भोजन में मौजूद खनिजों से बंध कर आपके शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को अवरुद्ध कर सकते हैं । आयरन, कॉपर और क्रोमियम कुछ ऐसे मिनरल्स हैं जो आपके भोजन के तुरंत बाद ग्रीन टी पीने पर शरीर द्वारा अवशोषित नहीं हो पाते हैं । सोने के लिए बिस्तर पर जाने से पहले एक गर्म कप चाय पीना एक अच्छा विचार हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है । ग्रीन टी में फिर से कैफीन की मात्रा होने से आपके लिए सो जाना मुश्किल हो सकता है । इससे चिंता, उच्च रक्तचाप और घबराहट भी हो सकती है । ग्रीन टी को कैसे बनाएं हेल्दी ग्रीन टी हेल्दी होती है । लेकिन अगर आप ग्रीन टी के सकारात्मक प्रभावों को अधिक करना चाहते हैं और एक ही समय में इसे बेहतर बनाना चाहते हैं, तो यहां कुछ चीजें हैं जो आप कर सकते हैं । ग्रीन टी के लिए आप जो पानी इस्तेमाल करते हैं वह बहुत गर्म या बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए । पानी का तापमान जो कि 160 और 180 डिग्री के बीच है, ग्रीन टी बनाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है । 2-3 मिनट से अधिक ग्रीन टी को न उबालें । कम समय चाय की पत्तियों को उनके स्वाद को जारी रखने से रोक देगा जबकि अधिक समय आपकी चाय को कड़वा बना देगा । चाय को हेल्दी और स्वादिष्ट बनाने के लिए आपको 177 मिलीलीटर पानी में 2 ग्राम चाय की पत्तियों को डालना ही परफेक्ट होता है । इसके स्वाद को बेहतर बनाने के लिए आप अपनी ग्रीन टी में कुछ पुदीने की पत्तियां, नींबू का रस और एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं । कोरोना वायरस का अबतक कोई इलाज नहीं मिला है, ऐसे में इस बीमारी से बचकर रहना ही हमारे लिए अच्छा है । कई एक्सपर्ट और डॉक्टर्स द्वारा सलाह दी गई है कि अगर कोरोना वायरस से बचना है तो इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करना बहुत ही जरूरी है । क्या आप अपना वजन कुछ किलोग्राम घटाना चाहते हैं? तो आपको यहां-वहां देखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आपकी रसोईघर में ही कुछ ऐसे तत्व आपको मिल जाएंगे जो वजन कम करने में आपकी मदद करेंगे । प्रतिष्ठित आयुर्वेदाचार्य और जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने कहा, “आहार और व्यायाम वजन कम करने का स्वास्थ्यवर्धक जरिया है, लेकिन किसी को यह नहीं पता है कि उनकी रसोईघर में ही कुछ ऐसी चीजें हैं, जो उनका वजन कुछ किलोग्राम तक कम करने में मदद कर सकता है । प्रतिदिन के आहार में रसोईघर के उन कुछ तत्वों को शामिल करना आपके करने में काफी प्रभावी हो सकता है । उन्होंने रसोईघर में आसानी से मिलने वाले पांच तत्वों के बारे में बताया, जो आपके मेटाबॉलिज्म और पाचन को दुरुस्त करता है । दालचीनी आयुर्वेद में दालचीनी का प्रयोग इसके कीटाणुनाशक, जलन कम करने, एंटी-बैक्टिरियल गुणों के कारण किया जाता है । जब बात वजन कम करने की आती है, तो मीठी सुगंध वाला यह तत्व मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है । सुबह उठने के बाद सबसे पहले दालचीनी मिला पानी का सेवन करने से यह भूख कम करने में मदद करने के साथ बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है । आयुर्वेद के अनुसार, काली मिर्च वजन कम करने में काफी प्रभावी है । यह शरीर के ब्लॉकेज को घटाता है, सर्कुलेशन को सुचारु करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है । यह शरीर को डिटॉक्स करने के साथ चर्बी को भी कम करता है । आयुर्वेद का यह जादुई तत्व मेटाबॉलिज्म को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है, यह पेट को स्वस्थ रखता है, चर्बी को घटाता है और शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है । इसमें ज्वलन कम करने वाले और एंटी-बैक्टीरियल तत्व हैं । इसके निरंतर सेवन से न सिर्फ आपका वजन कम होता है, बल्कि यह आपके पूरे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखता है । नींबू खाने में इस्तेमाल से या सलाद पर डालकर नींबू के सेवन से वजन काफी जल्द कम होता है । नींबू में विटामिन सी और घुलने वाली फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जिससे कई स्वास्थयवर्धक फायदे होते हैं । नींबू से हृदय संबंधी बीमारी, एनीमिया, किडनी में पथरी, सुचारु पाचन और कैंसर में फायदा मिलता है । बिस्तर पर जाने के ठीक पहले शहद के सेवन से नींद के शुरुआती घंटों में कैलोरी कम होती है । शहद में शामिल फायदेमंद हार्मोन से भूख कम लगती है और तेजी से वजन कम होता है । इसके इस्तेमाल से पेट की चर्बी आसानी से कम होती है । यह आदत भी कई लोगों में देखी जाती है कि वो उपवास के समय फल, भोजन और दूध-दही नहीं खाते लेकिन चाय पी लेते हैं । यह व्रत रखने का एक बहुत ग़लत तरीका है । आपको सबसे पहले यह समझना होगा कि खाली पेट रहने वाले लोगों को कमजोरी, एसिडिटी और सिर दर्द जैसी बीमारियां परेशान करती हैं । और अगर आप खाली पेट चाय पीएंगे को आपकी बॉडी में एसिड्स की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाएगी । जिसके चलते उल्टी, चक्कर आना और पेट दर्द जैसी परेशानियां होने लगेंगी । दीवाली पर मीठा खाने से नहीं बढ़ेगा वजन बस करें ये 6 काम, खूब खाएं-पिएं और रहें फिट दीवाली न सिर्फ एक रोशनी का त्यौहार है बल्कि इस दिन मीठा खाने का अपना अलग ही मजा होता है । हालांकि बहुत से लोग जो वजन घटाना चाहते हैं मीठे से दूरी बनाते हैं लेकिन इस दिन खुद को नहीं रोक पाते हैं और जमकर मीठा खाकर अपना वजन बढ़ा लेते हैं । लेकिन अगर आप चाहते हैं इस दीवाली आपका वजन संतुलित रहे और मिठाईयां भी न छोड़नी पड़े तो इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिसके साथ आप आसानी से अपनी बॉडी फिट रख सकते हैं और जमकर मिठाईयां भी सकते हैं । तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये टिप्स । सुबह उठकर पिएं नींबू पानी अपने दिन की शुरुआत अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर करें और इसके लिए आपको एक गिलास गर्म पानी और नींबू का रस पीने की जरूरत है । ये पेय आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है । सुबह सबसे पहले गर्म नींबू पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है और शरीर को हाइड्रेटे रखने में मदद मिल सकती है । नींबू पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पेक्टिक फाइबर, पोटेशियम का एक समृद्ध स्रोत है, जो आपको क्रेविंग्स से लड़ने और वजन घटाने में मदद कर सकता है । नाश्ता बिल्कुल न छोड़ें सभी जानते हैं कि सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है । स्वस्थ और पौष्टिक नाश्ता खाने से थर्मोजेनेसिस सक्रिय हो जाते हैं और आपके मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करने का काम करते हैं । हां इस बात का ध्यान रखें कि आपका नाश्ता महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का मिश्रण होना चाहिए । आप टोंड दूध, अंडे, साबुत गेहूं की रोटी, ताजा रस और कुछ फल अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं । प्रोटीन और फाइबर लें अपनी डाइट में प्रोटीन और फाइबर की अच्छी मात्रा शामिल करें, जो आपको तृप्त रखने में मदद करता है और आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है । यह सब आखिरकार आपको अपने वजन घटाने के लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करता है । अंडे, चिकन, मछली या यहां तक ​​कि प्रोटीन पाउडर के रूप में लीन प्रोटीन अपनी डाइट में शामिल करें । बिना स्टार्च वाली, कम फैट वाली सब्जियां जैसे कि पालक, ब्रोकोली, प्याज, बोक चोय और फूलगोभी चुनें । ये सभी सब्जियां फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं । सेब, संतरे, केले जैसे फल अपनी डाइट में शामिल करें और ज्यादा तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से बचें । तले हुए भोजन के बजाए बेक्ड फूड चुनें और सॉस-बेस्ड व्यंजनों से बचें । मीठा इस दीवाली अपनी पसंदीदा मिठाईयां बिल्कुल भी न छोड़ें । आप अपनी पसंदीदा मिठाइयों का लुत्फ जरूर उठाएं लेकिन थोड़ी मात्रा में ही खाएं और उनका स्वाद चखें । ऐसा करने से आपके मुंह में स्वाद रहेगा । बाजार से बनी मिठाईयां लाने के बजाए आप घर की बनी मिठाईयां ही चुनें । अपने शुगर और नमक के सेवन को प्रतिबंधित करें । हाइड्रेटेड रहें जब आप एक साथ कई व्यंजनों का सेवन करते हैं, तो अपने आप को हाइड्रेटेड रखना बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है । लो-कैलोरी स्मूदी, जूस और नारियल पानी पीकर आप खुद को हाइड्रेट रख सकते हैं । आप पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा पानी पीकर भी खुद को हाइड्रेट रख सकते हैं । अपना वर्कआउट न छोड़ें त्यौहारों पर अक्सर वर्कआउट को हमेशा से नजरअंदाज किया जाता रहा है ऐसा न होने दें । हालांकि नियमित रूप से जिम जाना आपको मुश्किल सा दिखाई दे सकता है इसलिए घर पर ही कुछ आसान और तेजी से होने वाले वर्कआउट करें । वजन कम करने के लिए ट्राई करें ये 9 आसान घरेलू नुस्खे... वजन कम करने के लिए पिएं ये तीन हेल्दी जूस । सर्दी के मौसम में लोग आलसी हो जाते हैं । ठंड के मारे घर से क्या कंबल से भी बाहर जल्दी निकलने का मन नहीं करता । ऐसे में आलस करने की ये आदत उन लोगों के लिए भारी पड़ सकती है, जिनका वजन पहले से ही अधिक है । वजन कम करने के लिए वो घर में एक्सरसाइज, पार्क में घंटों दौड़ना और जिम में जाकर वर्कआउट करते थे, लेकिन कड़ाके की सर्दी ने उनकी सभी वर्कआउट रूटीन पर पानी फेर दिया है । ऐसे में आपका वजन बढ़ना तय है । यदि आपको भी लग रहा है कि आपकी सारी मेहनत बेकार हो रही है, तो परेशान ना हों । आप, पूरी सर्दी ये तीन जूस पीते रहें । वजन बढ़ना कंट्रोल हो जाएगा । ये जूस ऐसे हैं कि इन्हें पीने से आपको कई सेहत लाभ भी होंगे । गाजर का जूस इन दिनों गाजर की कोई कमी नहीं है सब्जी के बाजार में, तो आप हर दिन गाजर खरीद कर जूस पीना शुरू कर दें । गाजर आंखों के लिए भी काफी अच्छी होती है । गाजर खाने से भी आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं । गाजर में मौजूद कई पौष्टिक तत्व और फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं । गाजर खाएं या फिर इसका जूस पिएं, वजन जल्द कम होगा । गाजर का जूस बनाते समय आप चाहें तो इसमें चुकंदर और आंवले का जूस भी मिला सकते हैं । टमाटर का जूस टमाटर भी सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाता है । टमाटर का जूस पीने से वजन कंट्रोल में रहता है । टमाटर में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है । वजन कम करने के लिए इसे एक बेस्ट जूस माना गया है । इसमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है । टमाटर का जूस बहुत खट्टा लगे, तो आप इसमें चुकंदर का रस मिलकार भी पी सकते हैं । इससे चुकंदर के भी फायदे आपको प्राप्त होंगे । सेब का जूस सेब बहुत ही हेल्दी और पोषत तत्वों से भरपूर फल है । इसके नियमित सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है । सेब में भी कौलोरी काफी कम होती है, ऐसे में वजन कम करते समय सेब का सेवन जरूर करें । इसका जूस पिएं या फिर ऐसे ही खाएं, लाभ होगा । सेब का सिरका भी वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है । इस टेस्टी ड्रिंक ठंडाई में में ढेर सारे मसाले और हेल्दी सीड्स मिलाए जाते हैं । जैसा कि दूध प्रोटीन, कैल्शियम और ज़िंक जैसे पोषक तत्व होते हैं । जैसा कि ठंडा दूध नैचुरल एंटासिड के तौर पर प्रभाव डालता है । इसीलिए , पेट में एसिडिटी का निर्माण कम होता है । तो,  ठंडाई में मिलाए जाने वाले सौंफ के बीजों में नैचुरल ऑयल्स और एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं । इसके साथ ही सौंफ में पेट की गैस करने वाले और पेट को ठंडक दिलाने वाले तत्व होते हैं । जिससे, गैस की परेशानी कम होती है । कई बार लोग ग़लत तरीकों से वेट लॉस और बॉडी डिटॉक्सीफिकेशन की कोशिश करते हैं जिससे उन्हें फायदे की बजाय नुकसान होता है । हेवी मील और दावतों के बाद हेल्दी तरीके से वेट लॉस के लिए आप इन तरीकों की मदद ले सकते हैं । ग्रीन टी पिएं हर दिन तीन कप ग्रीन टी पीने से आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो सकता है । अपने भोजन में प्रोटीन शामिल करें प्रोटीन आपको तृप्त रखता है और आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है, जो अंततः आपको वजन कम करने में मदद करता है । लेकिन नाश्ते में क्या खाएं और क्या नहीं इस बात को लेकर हम हमेशा में असमंजस रहते हैं । हालांकि जब आपके दिमाग में एक बेहतरीन नाश्ते का ख्याल आता है तो आपको अपने सामने मिक्स फ्रूट जूस का एक गिलास और साथ में बटर टोस्ट से ज्यादा अच्छा कुछ नहीं लग सकता है । लेकिन जब भी बात वजन कम करने और शरीर पर चढ़ी थुलथुली चर्बी को हटाने की आती है तो आपको अपने नाश्ते में हाई शुगर और हाई कार्ब फूड्स को शामिल करने से बचना चाहिए । अगर आप सोच रहे हैं कि अच्छा नाश्ता कौन सा हो सकता है इस लेख में हम अपकी इस दुविधा को क्लीयर करने जा रहे हैं । कैसे बनाएं अपने नाश्ते को हेल्दी अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपके नाश्ते में कॉम्पलेक्स कार्ब, हेल्दी फैट, फाइबर और प्रोटीन जरूर होना चाहिए । जी हां, हेल्दी नाश्ता इन्हीं सब चीजों को मिलाकर बनता है और ये सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है । इसलिए सुनिश्चित करें कि आप जो नाश्ता हर दिन खा रहे हैं उसमें ये सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व हों । क्यों महत्वपूर्ण है नाश्ता? हाल ही में कुछ अध्ययनों में ये पाया गया है कि जो लोग किंग साइज नाश्ता करते हैं उन्हें उन लोगों की तुलना में अधिक वजन कम करने में मदद मिलती, जो हल्का नाश्ता करते हैं या फिर नाश्ता स्किप करते हैं । अच्छा और किंग साइज नाश्ता आपको ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है और आपको बेहतर तरीके से काम करने में सहायता प्रदान करता है । ऐसे करें अपने नाश्ते में जरूरी पोषक तत्वों को शामिल कॉम्पलेक्स कार्ब्स दरअसल, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स वे कार्ब्स होते हैं, जिनमें से प्राकृतिक फाइबर और स्टार्च को नहीं निकाला जाता है । इस प्रकार के कार्ब्स में शुगर मॉलिक्यूल बहुत ज्यादा होते हैं, जिन्हें पचाने में बहुत अधिक समय लगता है, जिसके कारण आप अधिक समय तक ऊर्जावान महसूस करते हैं और आपका पेट ज्यादा देर तक फुल रहता है । कॉम्पलेक्स कार्ब के कुछ सामान्य उदाहरणों में आलू, मक्का, सेम, छोले और दाल शामिल हैं । हेल्दी फैट आपने फैट के बारे में बहुत सी ऐसी बुरी बातें सुनी होंगी, जिसके बाद आपको फैट से चिढ़ हो गई होगी लेकिन फैट को डाइट का हिस्सा होना बहुत ही जरूरी है । अपने भोजन में अनसैच्यूरेटेड फैट को शामिल करें, जो आपके खराब कोलेस्ट्रॉल यानी की एलडीएल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी की एचडीएल को बढ़ाने में मदद कर सकता है । हेल्दी फैट के कुछ उदाहरणों में एवोकाडो, नट बटर, नट्स, बीज और कुछ तेल शामिल हैं । प्रोटीन आपके नाश्ते में प्रोटीन का होना बहुत ही जरूरी है ये आपके शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व में शामिल है । अंडा, ग्रीक योगर्ट, बेकन, पनीर और पीनट बटर प्रोटीन के कुछ सामान्य स्रोत हैं । फाइबर अगर आप अपने नाश्ते में ऊपर दिए गए सभी तीन पोषक तत्वों को शामिल करते हैं, तो आप किसी न किसी रूप में फाइबर को प्राप्त कर लेंगे । लेकिन फाइबर इनटेक बढ़ाने के लिए आपको अपने नाश्ते में फल, सब्जियां और बेरी को शामिल करना चाहिए । लौकी से बनी ये डिश हफ्तेभर में घटाएगी 5kg वजन वाटर वर्कआउट करें, तेजी से कम होगी पेट की जर्बी और वजन वाटर वर्कआउट को नियमित रूप से करने से शरीर के सभी अंगों की कसरत होती है और वजन भी बड़ी तेजी से कम होने लगता है । यदि आप चाहते हैं कि आपके शरीर की चर्बी जल्दी कम हो जाए, तो नीचे बताए गए इन खाद्य पदार्थों का डेली करें सेवन । ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनमें कैलोरी काफी कम होती है । इनका सेवन आप एक्सरसाइज के बाद जरूर करें... हेल्दी डाइट के साथ कम करें कमर पर जमा थुलथुली चर्बी, जानें कौन सी चीजें डाइट में शामिल करने से घटेगा आपका वजन क्योंकि अगर आप सिर्फ डाइट के लिए जाते हैं तो आपके वजन में कटौती करने में बहुत लंबा समय लगेगा इसलिए हमारा सुझाव है कि समानांतर तरीके से चलें । इस लेख में हम आपको ऐसा सुझाव दे रहे हैं कि कुछ आहार और व्यायाम के सुझाव कम से कम 3 महीने के अंदर आप निश्चित रूप से अपने शरीर के आकार में सकारात्मक बदलाव पाएंगे । कुछ लोगों को सुबह सबसे पहले फ्रूट जूस  पीने की आदत होती है । भले ही फ्रूट जूस हेल्दी ड्रिंक है । लेकिन, खाली पेट इसका सेवन हेल्दी नहीं है । एक्सपर्ट्स का कहना है कि,  शक्कर वाले ड्रिंक्स पीने से आपके पैंक्रियाज़ पर अतिरिक्त दबाव बनता है । जिससे, आपकी सुस्ती दूर होने में समय लगता है । साथ ही, खाली पेट फ्रूट जूस पीने से फलों में मौजूद फ्रूक्टोज़ लीवर का कार्य करना मुश्किल बना देता है । पेटी की चर्बी और शरीर के बढ़ते वजन को कम करने के लिए आप घंटों जिम जाकर या फिर घर पर एक्सरसाइज करते होंगे । एक्सरसाइज करने की आपकी यह आदत बहुत अच्छी है, इससे शरीर से पसीना निकलता है, जिससे वजन कम होने की प्रक्रिया में तेजी आती है । आपका शरीर भी शेप में आता है । पर जब आप वजन घटाने के लिए कुछ लो कैलोरी युक्त जूस का भी सेवन करेंगे, तो वजन और भी तेजी से कम होगा । कुछ ऐसे ही जूस के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जिसे आप पीना शुरू कर दें । इन्हें आसानी से आप घर पर बना सकते हैं । जानें, उन पांच वेट लॉस जूस के बारे में जो बेली फैट और बॉडी वेट को कर देते हैं कम… गाजर से बना जूस गाजर का जूस पीना शुरू कर दें, क्योंकि इसमें विटामिन ए और फाइबर की मात्रा काफी अधिक होती है । गाजर के जूस में कैलोरी नहीं होती है । गाजर का जूस लगातार एक महीना पीकर देखें, वजन कम होने लगेगा । इससे सेहत से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी नहीं होंगी । आंखों की रोशनी तेज होगी । गाजर का सीजन भी है, तो आप गाजर का जूस नाश्ते में एक गिलास जरूर पिएं । करेले से बना जूस करेला स्वाद में भले कड़वा होता है, लेकिन यह डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत हेल्दी होता है । यह शरीर के खून को साफ साफ करता है । शरीर से टॉक्सिन पदार्थ को बाहर निकालता है । करेले के रस में भी कैलोरी अधिक नहीं होती है, जिससे वजन कम करना आसान हो सकता है । आंवले से बना जूस आंवला इस मौसम में खूब मिल रहा है । इसकी चटनी खाएं, कच्चा चबाकर खाएं या फिर जूस पिएं, हर तरीके से यह सेहत को लाभ पहुंचाने वाला होता है । आंवला का जूस फैट तेजी से बर्न करता है । इससे मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है । आंवला जूस पीना शुरू कर दें, वजन तो कम होगा ही बालों और त्वचा को भी फायदा होगा । आंवले में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होती है । अनार से बना जूस अनार एक ऐसा फल है, जो शरीर में खून की कमी नहीं होने देता है । इसमें आयरन काफी होता है । वजन कम करने में भी अनार का जूस फायदेमंद है । इसमें कैलोरी भी अधिक नहीं होती है । एक गिलास अनार का जूस पीने से सेहत को कई फायदे होते हैं, साथ ही वजन भी कम होने लगता है । खीरे से बना जूस बॉडी से फैट बर्न करना है, तो खीरे से बना जूस पिएं । इसमें फाइबर अधिक और कैलोरी कम होती है । बढ़ते वजन को काबू में रखने के लिए खीरे के जूस बेहद फायदेमंद है । अधिकतर महिलाओं को अपना वजन घटाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वजन घटाने के लिए कई महिलाएं तरह-तरह के घरेलू नुस्खों ट्राई करती हैं । डाइटिंग पर चली जाती हैं । कुछ तो जिम में घंटो पसीना बहाती हैं । समय निकाल कर कई तरह के प्रयास करती हैं, ताकि वजन कम हो जाए । अब आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है । आप एक खास डाइट चार्ट को कुछ दिनों के लिए नियमित रूप से फॉलो करके देखें । इससे आपका वजन बहुत जल्द कम हो जाएगा । जानें, इस डाइट चार्ट के बारे में… लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब वे धूम्रपान छोड़ने के बारे में सोचते हैं तो लोगों की एक आम चिंता वजन बढ़ने की होती है । लेमन टी या ग्रीन टी, जानें सुबह खाली पेट कौन-सी चाय पीना है ज़्यादा फायदेमंद ठंडियों की सुबह गर्मागर्म चाय का एक पीना आपा मूड एक रिफ्रेश कर जाता है । दूध और चीनी से बननेवाली चाय हर घर में और दिन में कई बार पी जाती है । वहीं, कई लोगों को हर्बल चाय का स्वाद पसंद आता है । इसीलिए, लोग घर में काली मिर्च की चाय, नींबू की चाय और ग्रीन टी जैसी हर्बल चाय बनाकर पीते हैं । ग्रीन टी को जहां वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर खूब पसंद किया जाता है । तो वहीं, देश के कई हिस्सों में मौसम बदलते ही नींबू की चाय पी जाती है । लेकिन, कई बार लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि कौन-सी चाय ज़्यादा हेल्दी है । खासकर जो लोग सुबह चाय पीना पसंद करते हैं, उन्हें कौन-सी चाय पीनी चाहिए? इसी बात को समझने की कोशिश की हमने । आइए जानते हैं कौन-सी चाय है आपकी हेल्थ के लिए बेस्ट । लेमन टी या ग्रीन टी, जानें कौन-सी चाय पीना है फायदेमंद ? देश के कई हिस्सों में मौसम बदलते ही नींबू की चाय पी जाती है । लेमन टी पीने के फायदे साइट्रस फ्रूट्स में शामिल नींबू इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाता है । नींबू बॉडी डिटॉक्स के लिए फायदेमंद होता है । नींबू लो-कैलोरी फूड होता है जो  वेट लॉस में मददगार साबित होता है । इसी तरह लेमन टी डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी फायदेमंद है जो, इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाता है । नींबू वाली चाय पीने से कार्डियोवैस्कुलर डिज़िज़ेज़ का रिस्क कम होता है । एंटी-बैक्टेरियल इंफेक्शन और वायरस इंफेक्शन से भी मिलती है सुरक्षा । ग्रीन टी पीने के फायदे पिछले कुछ वर्षों में ग्रीन टी सबसे हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर पहचाना जाने लगा है । ग्रीन टी पीने से वायरस और इंफेक्शन्स के प्रति शरीर का इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनती है । यह दिल की बीमारियों और ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई बीमारियों का खतरा कम करती है । विभिन्न स्टडीज़ और रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ग्रीन टी पीने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से भी शरीर सुरक्षित रहता है । ग्रीन टी एक नैचुरल ब्लड थिनर के तौर पर भी काम करता है और यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है । ग्रीन टी को हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर खूब पसंद किया जाता है । क्या है बेस्ट-लेमन टी या ग्रीन टी ? जैसा कि दोनों ही प्रकार की चाय नैचुरल और हर्बल हैं । इसीलिए, इन दोनों का ही सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है । नींबू के रस में एंटी-बैक्टेरियल, एंटी-वायरल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं । जिससे, यह विभिन्न प्रकार के संक्रमण का सामना करने के लिए शरीर को सक्षम बनाता है । वहीं, कई लोगों को सुबह एसिडिक फूड्स का सेवन करने से एसिडिटी और गैस की समस्या होती है । इसीलिए, उन लोगों को यह चाय पीने से परेशानी हो सकती है । ग्रीन-टी पाए जाते हैं । यह एक ऐसा तत्व है जो एंटी-बैक्टेरियल, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-वायरल और एंटीथ्रैटिक गुण होते हैं । इसीलिए, जब आप ग्रीन टी पीते हैं तो आपके शरीर पर इसके बेहतर परिणाम हो सकते हैं । कीटो डाइट फूड लिस्ट में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन आप कर सकते हैं, जो आपकी पसंद का हो । कीटो मील प्लान में मांसाहारी व्यक्ति मछली, मटन, चिकन और अंडे शामिल कर सकते हैं । शाकाहारी लोग पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, मशरूम, शिमला मिर्च, फ्रेंच बीन्स, फूलगोभी का सेवन कर सकते हैं । चूंकि, कीटो डाइट मील प्लान में फैट हाई मात्रा में होता है, इसलिए कीटो डाइट मेन्यू में मुख्य रूप से पनीर, उच्च वसायुक्त क्रीम और मक्खन का इस्तेमाल करना चाहिए । का सेवन करने के दौरान मूंगफली का तेल, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, नारियल तेल, जैतून के तेल, उच्च वसा वाले सलाद का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है । इन खाद्य पदार्थों का करें सेवन कीटो डाइट फूड फॉलो करने जा रहे हैं, तो अपने कीटो डाइट मेन्यू में फैटी नट्स, काजू, पंपकीन सीड्स, एवोकाडो, अंडा, फुल-फैट चीज आदि शामिल करें । जो लोग शाकाहारी हैं, वे सब्जियों में पालक, ब्रोकली, बंदगोभी, मशरूम, शिमला मिर्च और हरी सब्जियां का सेवन कर सकते हैं । इसके अलावा ऑलिव ऑयल, बटर, क्रीम के साथ ही नॉनवेज फूड्स में फैटी फिश जैसे साल्मन मछली, बेकन आदि खाना हेल्दी होगा । किटोसिस डाइट शुरू करने वालों के लिए कीटो डाइट मेन्यू नाश्ता- जो लोग पहली बार कीटो डाइट प्लान अपना रहे हैं, वो नाश्ते में बेकन और सब्जियों के साथ फ्राई किया हुआ अंडा खाएं । इस यूरिक एसिड एक तरह का वेस्ट केमिकल प्रोडक्ट है, जो शरीर में तब रिलीज होता है, जब शरीर खाद्य पदार्थों को ब्रेकडाउन करता है । जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो जोड़ों में दर्द होने की शिकायत रहने लगती है । गाउट रोग भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से होता है । बढ़ता मोटापा भी यूरिक एसिड के बढ़ने का कारण होता है । वजन बढ़ने से शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण हो सकते हैं । जोड़ों में दर्द होने से गांठ भी बन जाता है, जिसके कारण हड्डियों में दर्द और सूजन की समस्या शुरू हो सकती है । ऐसे में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षणों और कारणों को जल्द से जल्द पता करना जरूरी है । यूरिक एसिड जब शरीर में सामान्य से अधिक बढ़ जाए, तो इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है । अपने डाइट में आप कुछ फूड्स को शामिल करके भी यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं । जानें, उन खाद्य पदार्थों के बारे में जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करते हैं । यूरिक एसिड कम करने के लिए क्या खाएं मखाना खीर भारतीय खान-पान में खीर का खास महत्व है. मखाना के फायदे के बारे में आप सभी अवगत भी हैं. मखाना बड़े से लेकर बच्चों तक को पसंद आता है. टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होती है. तो देर किस बात की इस बार रक्षाबंधन में अपने भाई को राखी बांधने के साथ मखाने की खीर जरूर खिलाएं. घेवर उत्तर भारत में बनने वाली यह मिठाई पूरे भारत में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है. में घी और दूध का उपयोग किया जाता है. हेल्द की नजर से देखें तो ये दोनों ही चीजें लाभदायक होती है. बाजार से घेवर खरीदने की जगह इसे घर पर ही बनाएं. अपने भाई को अपने हाथों से बने घेवर का स्वाद जरूर चखाएं. फिरनी भारत में ईद और रक्षाबंधन और ईद थोड़ा आगे पीछे ही आते हैं. फिरनी वैसे तो ईद की खास मिठाई है. लेकिन इसका सेवन रक्षाबंधन में हेल्दी मिठाई के तौर पर किया जा सकता है. रक्षाबंधन में अपने भाई को का टेस्ट जरूर दें. यह हेल्दी होने का टेस्टी भी होती है. बेसन के लड्डू भारत में सबसे ज्यादा पंसद किया जाने वाला लड्डू बेसन का लड्डू है. अगर आप भी इसे पसंद करती हैं तो इसे इस रक्षाबंधन पर जरूर बनाएं. बेसन का लड्डू सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इस लड्डू को आप कई दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं. बेसन लड्डू के साथ भी बना सकती है. बेसन लड्डू में ड्राई फ्रूट मिलाकर इसे और ज्यादा हेल्दी बनाया जा सकता है. काजू कतली सेहत की नजर से देखें तो काजू का अपना एक स्थान है. हैं. भाई की कलाई में राखी बांधने के साथ काजू कतली जरूर खिलाएं. हेल्दी औ टेस्टी मिठाई के लिए इस घर पर ही बनाएं. घर पर बनी मिठाई रक्षाबंधन पर आपको विशेष सुख देती है. इन पांच रक्षाबंधन हेल्दी रेसिपी को घर पर ही बनाएं. घर पर बनाने से रिश्ते में मिठास के साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होगीं । साइंस ने माना वेट लॉस, डायबिटीज जैसी इन 4 बीमारियों में फायदेमंद है केले, जानें हरे या पीले कौन से केले फायदेमंद अक्सर फिट रहने के लिए लोग डाइट के ऐसे तरीके ढूंढते हैं, जो सस्ते और उपभोग में काफी आसान हो, जिसमें केला हर किसी का पसंदीदा फल है । बच्चा हो या बड़ा सभी को केले खाना पसंद होता है क्योंकि अपने विभिन्न पोषक तत्वों के कारण केला किसी पावरहाउस से कम नहीं है और ये आपके दिल के स्वास्थ्य, डायबिटीज, पाचन और वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है । जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा और अब विज्ञान भी इस बात से सहमत है कि अगर केले को नियमिय रूप से खाया जाए तो ये आपको अपने शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है । केले में मौजूद पोषक तत्व एक सामान्य आकार के केले में लगभग 110 कैलोरी होती है और यह आपको निम्नलिखित पोषक तत्व प्रदान करता है । 1 ग्राम 28 ग्राम 3 ग्राम 450 मिलीग्राम 32 मिलीग्राम 10.3 मिलीग्राम 0.4 मिलीग्राम केले विटामिन बी 6 और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं । एक सामान्य आकार के केले से आपको पोटेशियम की दैनिक मात्रा का 9 प्रतिशत और मैग्नीशियम का 8 प्रतिशत मिलता है । इतना ही नहीं, यह आपकी रोजाना की विटामिन सी मात्रा की जरूरत का 11 प्रतिशत भी प्रदान करता है । वजन कम करने में मदद करता है केला वजन घटाने के संबंध में बहुत लंबे समय से केले को दोषी माना जाता रहा है । केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा लोगों को इसके प्रति संवेदनशील रह जाता है । लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केला वास्तव में आपको तेजी से फुल महसूस कराने में मदद कर सकता है । इसमें मौजूद पेक्टिन पेट खाली करने में देरी करता है, जो आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है । हरे केले वजन घटाने के लिए बेहतर होते हैं क्योंकि पके केलों में पेक्टिन नहीं होता है । केले में मौजूद कार्ब्स अधिक सेरोटोनिन का उत्पादन करने में मदद करते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में आपकी मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा के स्तर हाई रखते हैं । अध्ययनों से साबित हुआ है कि हरे केले को किसी भी रूप में ताजा, पकाया, सूखा कर खाया जा सकता है या फिर इसे आप आटे के रूप में भी खा सकते हैं । ये आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करता है । पाचन में सहायता करता है केला हरे केले खाने से दस्त जैसी समस्या ठीक होती है और इसे एक प्रभावी घरेलू उपचार का रूप दिया गया है । केले में मौजूद अघुलनशील फाइबर जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित करता है जबकि घुलनशील फाइबर शरीर के लिए पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है । हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है केला पोटेशियम और हृदय स्वास्थ्य बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं । पोटेशियम सोडियम के स्तर को संतुलित करके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है । सोडियम की बहुत कम या बहुत अधिक मात्रा का मतलब है रक्तप्रवाह में अधिक तरल पदार्थ और उच्च रक्त की मात्रा, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के अतिरिक्त जोखिम के साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है । 2017 के एक अध्ययन में ये पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में पोटेशियम की खुराक ब्लडप्रेशर को कम कर सकती है । एफडीए के मुताबिक, ऐसे खाद्य पदार्थ, जो पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होते हैं और सोडियम की कम मात्रा रखते हैं, वे हाई बीपी और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं । ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करते हैं केले ज्यादातर लोग सोचते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को केले जैसे मीठे फल खाने से बचना चाहिए । लेकिन केले में पेक्टिन और रेजिस्टेंट स्टार्च होता है, जो वास्तव में आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं । पेक्टिन फाइबर आपको संतृप्त रखता है और जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है और पाचन धीमा कर देता है । डायबिटीज रोगियों के लिए, केले का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका इसे फैट और प्रोटीन के साथ मैश करके खाने से है । इसलिए केले को अंडे, दही या पीनट बटर के साथ खाएं । बालों का झड़ना आज हर किसी के लिए एक परेशानी का कारण बन चुकी है । बाल आखिर झड़ते क्यों हैं, क्या आप इसकी मुख्य वजह बता सकते हैं? यदि आपका जवाब है दूषित पर्यावरण और खराब जीवनशैली, तो आप बिल्कुल सही हैं । इन दोनों ही कारणों से बालों में पोषण की कमी हो जाती है । बाल रूखे और बेजान होने के साथ बालों की ग्रोथ भी रुक जाती है । बालों के गिरने की इस परेशानी से निजात पा सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको कुछ आसान तरीकों को नियमित रूप से फॉलो करना होगा । अपनी डायट में कुछ पोषण से भरपूर चीजों को शामिल करना होगा, जिससे बालों की ग्रोथ अच्छी होगी । साथ ही प्राकृतिक चमक भी बालों की बरकरार रहेगी । जानें, कौन से हैं वे पोषक तत्व जो बालों में नई जान डाल सकते हैं । ब्राउन राइस के कई फायदे हैं. अगर आप वेट लॉस डाइट ले रहे हैं तो आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. डायबिटीज के खतरे से बचकर रहना है तो ब्राउन राइस को को डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं. वजन घटाने के लिए महिलाएं ट्राई करें ये डाइट चार्ट । वजन कम करने के लिए मेटाबॉलिज्‍म का ठीक होना जरूरी, जानिए मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए कौन-कौन से खाद्य पदार्थ लेने चाहिए यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो आप के लिए आप का मेटाबॉलिज्म मजबूत बनाना बहुत आवश्यक है । हो सकता है आप खाना न खा कर अपना वजन कम कर पाने में सफल हो जायें । पर यह आप केवल कुछ ही समय के लिए कर पाएंगे । पर जब आप फिर से खाना शुरू करेंगे तो आप दोबारा वजन बढ़ा लेंगे । लेकिन वहीं यदि आप का मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा तो आप वजन आसानी से कम कर सकने में सफल हो पाएंगें । इससे आप स्वस्थ भी रहेंगे और एक्सरसाइज आदि करना भी आप के लिए आसान हो जाएगा । इन कुछ खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट मे शामिल करके आप अपना मेटाबॉलिज्म बढ़ा सकते हैं । आयोडीन से भरपूर भोजन का चुनाव करें आप का बढ़ाने, आप की कैलोरीज़ को बर्न करने व आप की भूख को नियंत्रित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है । अपना काम करने के लिए थायराइड ग्लैंड को आयोडीन की आवश्यकता पड़ती है । अतः अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजें शामिल करें जो आयोडीन से भरपूर हों । आप नमक, अंडे, दूध व अन्य डेयरी उत्पाद, मछली आदि को खा सकते हैं । फलियों को अपनी डाइट मे शामिल करें कुछ फलियां जैसे दाल, मटर व बीन्स आदि फाइबर से युक्त होती हैं । इनको खाने से आप को जल्दी भूख नहीं लगती और आप का पेट भरा रहता है । अतः दाल आदि खाने से आप का वजन कम होने में भी आप को मदद मिलती है । बीन्स में रेसिस्टेंट स्टार्च नामक पदार्थ होता है, जो आप के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में आप की मदद करता है । खूब पानी पिएं क्या आप जानते हैं कि पानी भी एक प्रकार से आप का मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है । अतः आप को जितना बाकी दिन पानी पीते हैं उससे ज्यादा पानी पीना शुरू कर देना चाहिए । साथ ही आप कोल्ड ड्रिंक या अन्य ऐसी ड्रिंक जिनमे कैलोरीज़ होती हैं, उन की बजाए सादा पानी पीयें । पानी से आप के शरीर के अंदर कम कैलोरीज़ जाएंगी और कैलोरीज़ बर्न होंगी । अपनी कैल्शियम की कमी को पूरी करें यदि आप को मजबूत हड्डियां व अच्छा मेटाबॉलिज्म चाहिए तो आप को ध्यान रखना होगा कि आप की कैल्शियम की मात्रा पूरी हो । कुछ रिसर्च दर्शाती हैं कि कैल्शियम आप के शरीर से कुछ कैलोरीज़ को बर्न करने में भी सहायता पहुंचता है । इस के लिए आप साल्मन, लो फैट डेयरी उत्पाद, ब्रोकली, आदि चीजों को अपनी डाइट मे शामिल कर सकते हैं । अदरक को अपनाएं कुछ अध्ययनों ने यह भी साबित किया है कि अदरक हमारा वजन कम करने में काफी सहायक है । अपने मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए आप अदरक की ड्रिंक्स जैसे अदरक को पानी में उबाल कर पी सकते हैं । यह आप की भूख को नियंत्रण करने के साथ साथ आप की को भी नियंत्रित रखता है । अतः अदरक को जैसे हो सके वैसे अपनी डाइट मे जरूर शामिल करें । इसका सेवन मेटाबॉलिक रिएक्शन के लिए बहुत लाभदायक है । कुछ ऐसे प्रोटीन शेक हैं, जिसे आप आसानी से घर पर बना सकते हैं । इसे प्रतिदिन या सप्ताह में एक-दो बार डायट में शामिल करके देखें, आपका वजन धीरे-धीरे   कम होने लगेगा । पीनट बटर-बनाना प्रोटीन शेक इसे बनाने के लिए 2 केले, 2 टेबलस्पून पीनट बटर, 2 कप योगर्ट, 100 मि.ली. दूध, 1 टेबलस्पून सब्जा, आधा टीस्पून कोको पाउडर को मिलाकर ब्लेंड कर लें । चॉकलेट प्रोटीन शेक यदि आप वेट कम करना चाहते हैं, तो चॉकलेट प्रोटीन शेक पिएं । इसे बनाने के लिए 1 सेब, 1 टेबलस्पून ऑमंड बटर, 1-1 टेबलस्पून डार्क चॉकलेट को मिलाकर ब्लेंड कर लें । इसे सप्ताह में दो-तीन बार पिएं । प्रोटीन शेक पीने के फायदे – वेट लॉस के दौरान प्रोटीन अधिक मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि प्रोटीन खाने से आप हेल्दी रहते हैं और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं । – शोधकर्ताओं के अनुसार, वेट लॉस के दौरान नियमित रूप से प्रोटीन शेक पीने से वजन बहुत जल्दी घटता है । – यदि आप जल्दी वेट लॉस करना चाहते हैं, तो प्रोटीन पाउडर भी ले सकते हैं । – वेट लॉस के लिए सोया मिल्क बेस्ट ऑप्शन है । नियमित रूप से प्रोटीन शेक पीने से आपका वजन जल्द ही नियंत्रित होने लगेगा । – अगर आप वेट लॉस करने के लिए प्रोटीन शेक पी रहे हैं, तो 1 गिलास से ज्यादा न पिएं । कब पिएं प्रोटीन शेक? प्रोटीन शेक एनर्जी बूस्टर का काम करता है, इसलिए वर्क आउट करने के 30-45 मिनट बाद प्रोटीन शेक पी लेना चाहिए । चाहें तो इसे वर्कआउट करने के आधे घंटे पहले भी पी सकते हैं । आधे घंटे पहले पीने से स्टैमिना बूस्ट होता है । मोटापा कम करने के लिए तमाम तरह के डाइट टिप्स बरसात में नहीं अपनानी चाहिए. क्योंकि इस मौसम में तमाम तरह के इंफेक्शन और वायरल संक्रमण का खतरा होता है. मोटापा घटाने के लिए इस मौसम में ऐसी डाइट लेनी चाहिए जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने वाली हो. आइए जानते हैं स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कैसे करें. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के फायेद के बारे में... स्ट्रेचिंग एक्ससाइज के फायदे वजन घटाने के समय भूख को कंट्रोल करने के लिए कई डाइट टिप्स आप पढ़ते रहते हैं । उन्होंने बताया, “इसके साथ मेंथी, हल्दी और अदरक भी है । गोलियों की बजाय हल्दी और अदरक इन्फ्लेमेशन से लड़ने में बहुत असरदार होते हैं । ये दर्द और मसल्स की सूजन में आराम देते हैं, जो कि मेरी ट्रेनिंग की वजह से हुई है । फिल्म ‘रश्मि रॉकेट के अलावा तापसी ‘शाबाश मिट्ठू और ‘हसीन दिलरुबा में भी दिखाई देंगी । नींबू पानी खाली पेट रोजाना पीने से होने वाले साइड-इफेक्ट । वजन कम करने के लिए नींबू पानी का उपयोग सुबह खाली पेट करना चाहिए ये तो आप सभी लोग जानते हैं लेकिन क्या इस बात से वाकिफ हैं की रोजाना खाली पेट नींबू पानी का सेवन घातक भी हो सकता है ? अगर नहीं जानते हैं तो आपको इस बात की जानकारी जरूर रखना चाहिए । हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजाना खाली पेट नींबू पानी का सेवन हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है । विटामिन सी की मात्रा नींबू में बहुत अधिक होती है इसकी वजह से अगर आप दिन में अन्य खाद्य पदार्थों से भी विटामिन सी प्राप्त करते हैं तो विटामिन सी की अधिक मात्रा शरीर में की तरह के साइड-इफेक्ट्स पैदा कर सकती है । अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट नींबू पानी पीते हैं और आपको एसिडिटी जैसी समस्या दिखती है तो इसका प्रयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए । नींबू पानी से होने वाला नुकसान इसलिए भी ज्यादा असर करता है क्योंकि एक साथ ज्यादा मात्रा में विटामिन सी शरीर में जाता है । नींबू में ज्यादा मात्रा में साइट्रिक एसिड होता है जो हमारे दांतों को नुकसान पहुंचाता है । इसलिए नींबू पानी को सीधा ग्लास से ना पिए हमेशा इसे पीने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें । इस तरीका से पीना आपके दांतों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा । कुछ लोग नीबूं को अपने फेश पर भी लगाते हैं । ऐसा लगातार करने से उनके चेहरे की प्राकृतिक चमक जा सकती है । नींबू को इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में पता करें फिर इस्तेमाल करें । नींबू पानी का ज्यादा सेवन कब होता है घातक ? एसिडिटी वाले मरीजों के लिए है घातक  एसिडिटी कि समस्या वाले लोगों को गलती से भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपके पेट में असर डालता है और आपको खट्टी डकार जैसी समस्या हो जाती है । अल्सर की परेशानी में रहें दूर  जिन लोगों को अलसर की समस्या हो उन्हें इसका सेवन गलती से भी नहीं करना चाहिए । यह उनके स्वास्थ और भी खराब कर सकता है और फिर अल्सर जैसी समस्या से छुटकारा पाना मुश्किल हो जाएगा । खाने के बाद भी नींबू पानी का सेवन कर सकता है नुकसान  अगर आपको नींबू-पानी का सेवन करके खाना पचाने की आदत है तो इसे जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें क्योंकि यह आपके पेट को खराब कर सकते हैं । जितना ज्यादा हो सके इसे खाने में मिलाकर खाएं । यह आपके शरीर के लाभदायक साबित हो सकता है । कैसे करें उपयोग ?  नींबू का उपयोग आप खाने में कई अन्य तरीकों से कर सकते हैं । खाने में आप सलाद के साथ नींबू का उपयोग करते हैं तो इसके साइड-इफेक्ट का खतरा कम रहता है । आप चाहें तो नींबू के अचार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं । जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का इस्तेमान नुकसानदेह होता है । फिगर साइज मेंटेन करने वाली एक्सरसाइज के बारे में हर महिला को पता होना चाहिए. फिगर साइज मेंटेन रखने के लिए बहुत कम महिलाएं ही जिम ज्‍वाइन कर पाती हैं । ज्‍यादातर महिलाएं तो अपनी इस इच्‍छा को मार देती हैं । लेकिन ये किसने कहा कि जिम जाकर ही आपको फिटनेस मिलती है और आपकी बॉडी शेप में आती है । आप कुछ एक्‍सरसाइज को घर पर खुद से करके भी फिगर साइज मेंटेन रख सकती हैं । आपको जिम जाने की जरूरत नहीं है और सबसे अच्‍छी बात आप इसे कहीं भी बिना किसी उपकरण के कर सकती हैं । फिगर साइज मेंटेन रखने के लिए प्लैंक वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाए ''सॉल्ट थेरेपी'' जानें यह थेरेपी कैसे करती है काम । हर साल सर्दियों में वायु प्रदुषण दिल्लीवासियों को मदद करेगी । इसमें नमक के उपचारात्मक लाभों का उपयोग किया जा रहा है । रिपोर्ट्स बताते हैं कि दिल्ली की हवा में जहर घुलता जा रहा है, जिससे एलर्जी, अस्थमा, सीपीओडी और ब्रोंकायटिस जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं । टाटा सॉल्ट की अनोखी मोबाइल ‘सॉल्ट थेरेपी हौज खास, जनकपुरी जिला केंद्र और दिल्ली के अन्य प्रमुख इलाकों में उपलब्ध कराई गई है । क्या है सॉल्ट थेरेपी नमक थेरेपी को हैलो थेरेपी भी कहा जाता है । यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसमें मरीज को कोई भी दवाई लेने की जरूरत नहीं होती । सांस फूलना, नाक और गले में जलन, एलर्जी, शरीर पर एलर्जी के लक्षणों से आराम दिलाने में यह नमक थेरेपी लाभकारी होती है । सॉल्ट या हैली थेरेपी में एक कमरे में नमक की गुफा की तरह वातावरण बनाकर, उसमें मरीज को बिठाकर सूखे नमक के बहुत ही छोटे-छोटे कणों को सुंघाया जाता है । रिसर्च में पता चला है कि हैलो थेरेपी से सांस की नालियों की सूजन कम होती है, ब्रोन्कायल अस्थमा, ब्रोन्काइटिस और सीपीओडी के लक्षणों को कम करने में यह लाभकारी साबित हुआ है । सॉल्ट थेरेपी के सेहत लाभ नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ रेस्पिरेटरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के कन्सल्टन्ट डॉ. निखिल मोदी ने बताया, “नमक को सांस के साथ इनहेल करने से सांस की नलियों को खोलता है, बलगम को ढीला कर सांस लेने में आराम दिलाता है । इससे कफ को साफ किया जा सकता है, इंफेक्शन का खतरा कम होता है और बीमारी के लक्षणों से आराम मिलता है । रिसर्च में पता चला है कि नमक थेरेपी यानी सॉल्ट थेरेपी से श्वसन क्रिया और मरीजों की प्रतिरक्षा स्थिति में सुधार होता है । सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है सॉल्ट थेरेपी सांस की बीमारियों से पीड़ितों के लिए यह खास फायदेमंद है । अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, एलर्जी और सीपीओडी जैसी सांस की गंभीर बीमारियों से पीड़ितों के लिए नमक थेरेपी प्राकृतिक उपचार का एक गुणकारी विकल्प है । यह बीमारियां वायु प्रदुषण की वजह से होती और बढ़ती हैं । मोबाइल ‘सॉल्ट थेरेपी से लोगों को वायु प्रदुषण के बुरे प्रभावों से लड़ने और सांस की बीमारियों को बढ़ने से रोकने के लिए एक सुविधाजनक विकल्प है । नमक से कई उपचारात्मक लाभ मिलते हैं और कई प्रकारों से उन्हें घर पर भी लिया जाता है । नमकीन भाप को सांस के जरिए इनहेल करना या नमक मिलाए हुए पानी से कुल्ला करना यह इनमें से कुछ आम इलाज हैं । कब तक करें सॉल्ट थेरेपी नमक थेरेपी का एक आमतौर पार लगभग 45 मिनट से एक घंटे तक चलता है । सत्र के दौरान व्यक्ति को बस एक कुर्सी में आराम से बैठकर सांस लेते रहना होता है । नमक के छोटे-छोटे कण सांस के जरिए फेफड़ों में पहुंचकर सांस की नलियों को खोलते हैं और व्यक्ति को सांस लेने में आराम महसूस होता है । स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट 2019 के एक सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा पांचवा कारण वायु प्रदुषण है । यह कुपोषण, शराब की वजह से होने वाले रोग, शारीरिक निष्क्रियता से भी अधिक घातक साबित हुआ है । हर साल सड़क दुर्घटनाओं या मलेरिया से भी होने वाली मौतों से भी ज्यादा मौतें वायु प्रदुषण से होने वाली बीमारियों की वजह से होती हैं । शरीर में रक्त का संचार बेहतर रूप से होते रहना बेहद जरूरी है । ब्लड सर्कुलेशन सही होता है, तो शरीर के महत्वपूर्ण अंग अपना कार्य अच्छी तरह से कर पाते हैं । दिल की सेहत अच्छी रहती है, तो आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज नहीं होते हैं । सिर से लेकर पांव तक जब लगातार बिना रुकावट के खून आपकी नसों में दौड़ता रहता है, तो आप कई बीमारियों से भी बचे रहते हैं । जब ब्लड सर्कुलेशन किसी भी तरीके से प्रभावित होता है, तो हृदय रोग जैसे हार्ट अटैक, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा आदि का खतरा बढ़ जाता है । खून के जरिए शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन, मिनरल्स, पोषक तत्वों का संचार होता है । इससे शरीर के महत्वपूर्ण अंग अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं और आप स्वस्थ रहते हैं । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होने के कारण आजकल की सेडेंटरी लाइफस्टाइल से नहीं होता है । सेडेंटरी लाइफस्टाइल यानी अधिक देर तक बैठे रहना । इसके अलावा, एक्सरसाइज नहीं करना, स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स जैसे जंक और फास्ट फूड का अधिक सेवन आदि शरीर में रक्त संचार को प्रभावित करते हैं । ब्लड सर्कुलेशन कई बार नसों और धमनियों में ब्लड क्लॉट जमने या ब्लॉकेज होने से भी प्रभावित होता है । नसों में रक्त का थक्का जमना जानलेवा साबित हो सकता है । दिल की धमनियां जब ब्लॉक हो जाती हैं, तो दिल को ब्लड पंप करके पूरे शरीर में पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है । हार्ट की आर्टरीज में किसी भी तरह की ब्लॉकेज हार्ट अटैक, हृदय गति का रुकना, स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकता है । आप चाहते हैं कि शरीर में रक्त का संचार सही तरीके से होता रहे, तो योगासन का भी सहारा ले सकते हैं । कुछ योग ऐसे हैं, जो नसों को साफ करके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं । 1 त्रिकोणासन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन हो बेहतर यदि आप करते हैं, तो ब्लड सर्कुलेशन शरीर में सही होता है । साथ ही अन्य रोग जैसे कब्ज, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से भी आप बचे रहते हैं । प्रेग्नेंसी में भी महिलाएं त्रिकोणासन का अभ्यास कर सकती हैं । त्रिकोणासन करने का तरीका दोनों पैरों को कंधों के समान एक समान अंतर पर फैलाकर खड़े हो जाएं । अब दाहिने तरफ झुकें और अपने पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें । दूसरे हाथ को उसी दिशा में ऊपर की ओर उठाकर रखें । हथेली खुली हुई होनी चाहिए । इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रहें । इसी तरह से अब बाईं तरफ झुकें । पैरों के उंगलियों को नहीं छू पा रहे हैं, तो घुटनों को छू सकते हैं । जिन लोगों को स्लिप डिक्स, पेट की कोई सर्जरी हुई है या साइटिका दर्द है, तो इस योगासन को करने से बचें । 2 उष्ट्रासन करें रक्त संचार होगा बेहतर उष्ट्रासन करने से शरीर में ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बेहतर होता है । जिन लोगों को सांस से संबंधित कोई रोग है, उन्हें भी इस योग का अभ्यास करना चाहिए । उष्ट्रासन करने के लिए पैरों को लंबाई में फैलाकर बैठें । दाएं पैर के घुटने को मोड़ते हुए, दाईं एड़ी को दाएं नितंब के नीचे रखें । इसी तरह बाएं पैर को मोड़ते हुए बाईं एड़ी को बाएं नितंब के नीचे रखें । घुटनों के बल खड़े हो जाएं । ध्यान रहे कि दोनों घुटने और पैरों के पंजे समान दूरी पर खुले हों । लंबी सांस लें और सांस छोड़ते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर ले जाएं । दाईं हथेली से दाईं एड़ी को और बाईं हथेली से बाईं एड़ी को पकड़ने की कोशिश करें । ध्यान रहे, पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे । 3 रक्त परिसंचरन होगा तेज जब करेंगे नौकासन इस योगासन से पेट के अंगों को मजबूती मिलती है, जिससे पाचन प्रणाली बेहतर होती है । इसे करने से शरीर में रक्त संचार तेज होता है । नौकासन करने के लिए सीधे लेट जाएं । एड़ी और दोनों पंजे आपस में जुड़े हों । गहरी सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर 45 डिग्री के एंगल में उठाएं । दोनों हाथों को घुटनों की सीध में स्थापित करें । धड़ को भी धीरे-धीरे ऊपर उठाएं । सांस छोड़ते हुए उसी अवस्था में वापस आएं । यह प्रक्रिया 5 बार दोहराएं । एक्सपर्ट्स के अनुसार वज़न धीरे-धीरे और हेल्दी तरीके से होना चाहिए । एक सप्ताह में आधे से एक किलो तक वजन कम होना सही और हेल्दी होता है । इस तरह, आपकी सेहत पर इसके साइड-इफेक्ट्स भी नहीं दिखते । लेकिन, अगर आपका वज़न अचानक से बहुत कम हो गया है तो, इस प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं आपको । एंटी-ऑक्सीडेंट और सूजन रोधी गुणों से भरपूर होती है दालचीनी । गठिया और जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं । जब भी आपके शरीर में दर्द हो, तो एक गिलास गर्म दूध लें । उसमें शहद आधा चम्मच और दालचीनी पाउडर मिला लें । इसे दिन में दो बार पिएं, शारीरिक दर्द से छुटकारा मिल जाएगा । गर्मी में खाए जाने वाले कुछ फल, जो वजन करते हैं तेजी से कम । ऐसा माना जाता है कि वजन कम करने के लिए गर्म पानी पीना एक अद्भुत नुस्खा है, जिसका असर आपके शरीर पर बहुत जल्दी दिखाई देता है । लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि कितने गिलास गर्म पानी आपको और तेजी से वजन घटाने में मदद कर सकता है । जी हां, अगर आप रोज गर्म पानी पीते हैं तो ये आपके पूरे शरीर को लाभ प्रदान करता है । सेक्स से सिर्फ मूड फ्रेश, मानसिक स्ट्रेस, ब्लड सर्कुलेशन, दिल ही दुरुस्त नहीं होता, बल्कि इससे वजन भी कम होता है । यह सुनकर हैरान तो नहीं हो गए? जी हां, कई अध्ययन में सेक्स को वजन घटाने का भी एक बेहतर जरिया माना जाता है । यदि आप वजन घटाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं, तो कुछ हसीन पल अपने पार्टनर के साथ भी बिताकर देखें । आमतौर पर, एक्सरसाइज और डाइट ही वजन घटाने के दो मुख्य पहलू हैं, जिसे हर वजन घटाने वाला सबसे पहले फॉलो करता है । हालांकि, ये वजन कम करने के एकमात्र तरीके नहीं हैं । आप बेड पर भी अपने साथी के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हुए शरीर के उन अतिरिक्त कैलोरी और चर्बी को कम कर सकते हैं । जी हां, आपने सही सुना । अपने पार्टनर के साथ रात में बिताए गए रोमांचक पल कैलोरी बर्न करने के लिए सबसे बेहतर मेकैनिज्म हो सकते हैं । क्या कहते हैं अध्ययन कई अध्ययनों से पता चला है कि जब आप सेक्स करते हैं, तो आपका शरीर ऑक्सीजन की समान मात्रा खर्च करता है जैसा कि साइकिल चलाने जैसी गतिविधियों के दौरान होता है । वजन घटाने की कोशिश में लगे हुए लोगों के लिए इस बात को जानना बेहद जरूरी है कि कुछ फूड्स को एक साथ मिलाकर लेने से आपको अपने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद मिल सकती है, और यही चीज आपको तेजी से वजन घटाने में बहुत मदद करती है । इन्हीं फूड्स कॉम्बिनेशन में से एक है, काला नमक वाला नींबू पानी पीना । इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि आपको वजन कम करने के लिए एक अच्छे नाश्ते के बारे में पता होना चाहिए । मज़बूत हड्डियों से शरीर का ना केवल पॉस्चर सही रहता है । बल्कि, इससे जोड़ों मे दर्द, पीठ में दर्द और अन्य कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का रिस्क भी कम होता है । अच्छी बोन हेल्थ के लिए कई चीज़ें महत्वपूर्ण हैं जैसे, पारिवारिक मेडिकल हिस्ट्री, अनुवांशिक कारण, उम्र, लिंग, शरीर का वज़न आदि । ये सभी कारण आपकी हड्डियों की सेहत पर असर डाल सकती हैं । जैसा कि हड्डियों के टिश्यूज़ सजीव होते हैं इसीलिए, आप अपने शरीर का पॉस्चर जैसा रखते हैं, वह उसी आकार में ढलने लगते हैं । अगर आप हमेशा बैठे रहते हैं और कसरत नहीं करते तो, हड्डियों का आकार बिगड़ जाता है और वह कमज़ोर भी हो सकती हैं । जानिए बीमार होने पर ज्यादा आती है मुंह से बदबू, ऐसे मेनटेन रखें ओरल हाइजीन कोई भी व्यक्ति कभी भी बीमार पड़ सकता है । हालांकि वर्तमान समय में कोरोनावायरस के चलते इसकी संभावना ज्यादा बढ़ गई है । बीमार पड़ने पर मुंह से बदबू की समस्या होना बहुत आम बात है । हालांकि हमारे देश में लोग ओरल हेल्थ को उतने गंभीर नहीं हैं जितना की होना चाहिए । अगर बीमारी के चलते आप भी मुंह से बदबू को झेल रहे हैं तो आज हम आपको इससे निपटने के लिए कुछ जबरदस्त टिप्स दे रहे हैं । आपकी डाइट होनी चाहिए हेल्दी हम जो भी खाते हैं उसका हमारी सेहत पर गहरा असर पड़ता है । खासकर जब हमारी सेहत खराब होती है । जब व्यक्ति किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझता है तो उसे अपना आहार बहुत सोच समझकर चुनना चाहिए । बीमार होने पर अपने आहार में गैर-स्टार्च फूड को शमिल करें । ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों का सेवन करें । सेब ऐसा फल है जो सेहत के लिए वरदान तो है ही साथ ही यह नेचुरल टूथब्रश का भी काम करता है । इसके सेवन से दांतों पर लगी प्लेग की एक्स्ट्रा लेयर भी हट जाती है । मीठे कफ और कोल्ड सिरप से बचें जब भी किसी व्यक्ति को खांसी या फ्लू होता है तो डॉक्टर खांसी के लिए सिरप जरूर लेने के लिए कहते हैं । लेकिन ये चीनी से भरे सिरप कैविटीज का कारण बन सकते हैं और ओरल कैविटी को और नुकसान पहुंचा सकते हैं । ऐसा इसलिए क्योंकि इसे लेने से ये आपके मुंह के चारों ओर चिपकते हैं और बैक्टीरिया का प्रवाह पैदा करते हैं । यदि संभव हो तो शुगर फ्री सिरप चुनें । जितना हो सके खुद को हाइड्रेटेड रखें । खुद को हाइड्रेट रखने के लिए अन्य लिक्विड के बजाय पानी आपकी पहली पसंद होनी चाहिए । इससे आप पेट संबंधी रोगों से तो बचते ही हैं साथ ही दांतों पर लगे एक्स्ट्रा पार्टिकल्स भी हट जाते हैं । साथ ही इससे लार की गुणवत्ता में सुधार होता है, मुंह का सूखापन नहीं होता और मुंह की बदबू भी दूर होती है । दिन में 2-3 बार गरारा करें यदि आपके पास कोई अच्छा माउथवॉश नहीं है तो दिन में 2-3 बार गरारा करें । इसके साथ ही आप घर भी एक अच्छा माउथवॉश बना सकते हैं । आप काली मिर्च, अदरक, हल्दी, और तुलसी के पत्तों को पानी में डालकर और उबाल कर एक अच्छा माउथवॉश बना सकते हैं । यह आपके ओरल हेल्थ की सफाई करने के साथ ही आपकी इम्युनिटी को भी बढ़ाएगा । दिन में 2 बार ब्रश करें यदि बीमारी के दौरान आपके लिए संभव हो तो दिन में 2 बार ब्रश करें । इस दौरान अपनी जीभ को साफ करना न भूलें । क्योंकि ज्यादातर बैक्टीरियां दांतों के बजाय जीभ में बैठते हैं, जो बदबू का कारण बनते हैं । कोरोना के इलाज में आयुर्वेदिक दवा एंटीबायोटिक फीफाट्रोल, आयुष क्वाथ, संशमनी वटी और लक्ष्मीविलासा रस कारगर । Ayurvedic treatment & कोरोनावायरस का इलाज आयुर्वेद पद्दति से सम्भव है । 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन किया था और अब इसी संस्थान ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना का इलाज आयुर्वेदिक दवाओं से किया जा सकता है । सरिता विहार स्थित आयुर्वेद संस्थान के जर्नल ऑफ आयुर्वेद केस रिपोर्ट में प्रकाशित एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस के इलाज में आयुर्वेदिक दवाएं कारगर सिद्ध हो रही हैं । रिपोर्ट में बताया गया कि आयुर्वेदिक एंटीबॉयोटिक फीफाट्रोल ने छह दिन में कोरोना वायरस को निगेटिव कर दिया । फीफाट्रोल के साथ-साथ मरीज को आयुष क्वाथ, संशमनी वटी और लक्ष्मीविलासा रस का भी सेवन कराया गया । रिपोर्ट के अनुसार एक 30 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी को एक महीने पहले टाइफाइड हुआ था । इसके बाद वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गया था । एंटीजन जांच में संक्रमण की पुष्टि होने के महज दो दिन में ही मरीज को बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, आंखों में दर्द, स्वाद न आना और सुंगध खोने के लक्षण मिले थे । इसके चलते मरीज को भर्ती कराया गया था । अध्ययन पत्र में रोग निदान एवं विकृति विज्ञान के डॉ. शिशिर कुमार मंडल ने कहा कि यह चिकित्सीय अध्ययन कोविड उपचार में आयुर्वेद चिकित्सा का सबूत है । उक्त मरीज को पूरी तरह से आयुर्वेद का उपचार दिया गया था । महज छह दिन में ही न सिर्फ मरीज स्वस्थ्य हो गया बल्कि उसे माइल्ड से मोडरेट स्थिति में जाने से भी रोका गया । उनका कहना है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों पर इस उपचार का अध्ययन किया जाना चाहिए । उन्होंने यह भी बताया कि पहले दिन से ही मरीज को 500-500 एमजी फीफाट्रोल की दो डोज रोजाना दी गईं । भर्ती होने के ठीक छह दिन बाद मरीज की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद उसे डिस्चॉर्ज किया गया । एमिल फॉर्मास्युटिकल की फीफाट्रोल दवा पर भोपाल एम्स के डॉक्टर भी अध्ययन कर चुके हैं जिसके बाद उन्होंने इस दवा को आयुर्वेद एंटीबॉयोटिक का उपनाम दिया था । दरअसल फीफाट्रोल दवा में सुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस व मत्युंजय रस का मिश्रण है । वहीं तुलसी, कुटकी, चिरायता, गुडुची, करंज, दारुहरिद्रा, अपामार्ग व मोथा भी हैं । ठीक इसी प्रकार आयुष क्वाथ में दालचीनी, तुलसी, काली मिर्च और सुंथी है । कोरोना के इलाज में आयुर्वेदिक दवा एंटीबायोटिक फीफाट्रोल, आयुष क्वाथ, संशमनी वटी और लक्ष्मीविलासा रस कारगर ऑयल पुलिंग- ऑयल पुलिंग करने के कई लाभ होते हैं । यह स्किन के लिए फायदेमंद होने के साथ ही ओरल हाइजीन के लिए लाभदायक होता है । नियमित रूप से ऑयल पुलिंग करने से कै​विटी, मुंह की दुर्गंध, दांतों में दर्द और दांतों के पीलेपन से छुटकारा मिलता है । आपको बस इसे करने का सही तरीका पता होना चाहिए । आज इस लेख में हम आपको ऑयल पुलिंग करने का सही तरीका और इसके लाभ के बारे में बता रहे हैं । ऑयल पुलिंग करने का सही तरीका- ऑयल पुलिंग के लिए आप नारियल का तेल, सरसों का तेल या तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं । सुबह उठकर उनमें से किसी भी एक तेल की एक चम्मच को मुंह में डालें और अंदर अंदर ही इसे घुमाएं । इसे आपको न ही थूकना है और न ही निगलता है । बल्कि मुंह के अंदर ही घुमाना है । लगभग 20 से 25 मिनट तक ऐसा करते रहें । जब मुंह के अंदर मौजूद तेल पतला और दूध की तरह सफेद हो जाए तो उसे थूक दें । यह ऑयल पुलिंग करने का सबसे बेस्ट और आसान तरीका है । लॉकडाउन के दौरान बच्चों में बढ़ी आंखों की समस्याएं, इन एक्सपर्ट टिप्स के साथ रखें आंखों को हेल्दी Eye Care during Covid-19: कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा की गयी और तब से बच्चों का घर से निकलना पूरी तरह बंद हो गया है । बच्चे खेलने-कूदने के लिए बाहर नहीं जाते और ना ही स्कूल जाने की इज़ाज़त है उन्हें । हालांकि, बच्चों की पढ़ाई का नुकसान कम से कम हो, इसके लिए बच्चों को अब ऑनलाइन क्लासेस   के ज़रिए पढ़ाया जा रहा है । ऐसे में बच्चों की पढ़ाई घर में ही हो जाती है वे सुरक्षित अपने घरों में भी रह पाते हैं । भले ही यह तरीका बच्चों को इस जानलेवा संक्रमण से सुरक्षा प्रदान कर रहा है लेकिन, इससे बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत पर असर पड़ रहा है । लॉकडाउन के दौरान बच्चों में बढ़ी आंखों की समस्याएं पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लासेज और घर से बाहर ना निकलने की स्थिति में बच्चे अब गेमिंग में अपना बहुत अधिक समय बिता रहे हैं । स्क्रीन के सामने इतना वक़्त बिताने से बच्चों की आंखों पर इसका असर पड़ रहा है । एक्सपर्ट्स के अनुसार लॉकडाउन के दौरान बच्चों की आंखों को बहुत नुकसान पहुंचा है । वहीं पिछले कुछ सप्ताह में 40 फीसदी से अधिक बच्चों को आंखों में तकलीफ और दृष्टि से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है । आईएएनएस से बातचीत में मशहूर नेत्र विशेषज्ञ अनिल रस्तोगी ने बताया कि, इनमें से अधिकतर बच्चों में अभिसरण अपर्याप्तता की समस्या देखी गई – यह एक ऐसी अवस्था है, जहां निकट स्थित किसी चीज को देखने के दौरान आंखें एक साथ काम करने में असक्षम रहती हैं । इस स्थिति के चलते एक आंख के अंदर रहने के दौरान दूसरी बाहर की ओर निकल आती है, जिससे चीजें एक से अधिक संख्या में दिखायी पड़ती हैं या फिर नज़र धुंधली महसूस होने लगती है । इसी तरह बच्चों को ये समस्याएं भी हो रही हैं- कंप्यूटर के सामने बहुत देर तक बैठने से आंखों में खुजली और जलन फोकस और एकाग्रता में कमी सिर दर्द आंखों में दर्द कैसे करें बच्चों के आंखों की देखभाल : आई स्पेशलिस्ट शिखा गुप्ता ने भी आईएएनएस से बातचीत में बताया कि उन्हें भी इस तरह के केसेस देखने को मिल रहे हैं जहां बच्चे दिन में कई घंटें कम्प्यूटर या स्मार्टफोन के सामने बिताते हैं । जिससे, बच्चों की आंखों में तकलीफ होने लगी है । डॉ. शिखा के अनुसार, बच्चे जब 8-10 घंटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस देखते रहे हैं  तो इससे उनकी आंखों को नुकसान पहुंचता है । इसीलिए माता-पिता को इस तरफ ध्यान देना चाहिए । ऐसी स्थिति में बच्चों की आंखों को आराम दिलाने के लिए कुछ इस तरह के उपाय अपनाए जा सकते हैं- बच्चों की आंखों की देखभाल के लिए टिप्स : आंखों की एक्सरसाइज करें टीवी,कंप्यूटर, मोबाइल फोन पर पढ़ाई करते समय थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लें हेल्दी डायट लें ठंडे पानी से आंखों को छींटे मारें । बिहार में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 5016 , रिकवरी रेट 97.30 फीसदी बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2,31,697 पहुंच गई है । बिहार में मंगलवार को 653 नए मामले सामने आए । राज्य में फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या 5,016 है, जबकि संक्रमितों के ठीक होने की दर 97.30 प्रतिशत तक पहुंच गई है । बिहार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 653 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें सबसे अधिक पटना जिले के 194 मरीज शामिल हैं । पिछले 24 घंटों के दौरान 746 संक्रमित स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं । राज्य में अब तक 2,25,447 संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं । बिहार राज्य में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के स्वस्थ होने की दर 97.30 प्रतिशत पहुंच गया है । पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 1,27,704 नमूनों की जांच हुई है । स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 6 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है । इस तरह राज्य में अब तक कुल 1,233 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है । उत्तर प्रदेश आयुष सोसायटी ने कहा, 'आयुर्वेद किट' कोरोना के इलाज में मददगार । आयुष सोसायटी ने कहा कि इस किट का निर्माण केंद्रीय आयुष मंत्रालय के निर्देश पर किया जा रहा है । इसका प्रयोग कोरोना मरीजों के साथ-साथ संक्रमण के लक्षण वाली अन्य बीमारियों में भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता निर्देश का पालन करते हुए राज्य का आयुर्वेद विभाग सभी जिलों में किट्स उपलब्ध करा रहा है । अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की एक टीम को ये दवाएं दिए जाने के सात दिन के बाद ही उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई । यह दवाएं रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रभावी हैं । मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ये दवाएं गले की खराश और सांस लेने की समस्याओं को ठीक करती हैं । इस किट में आयूष-64 टैबलेट, संशमनी वटी, अणु तेल और अगस्त्य हरीतकी शामिल हैं । आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निरंकार गोयल ने कहा कि आयूष -64 और संशमनी वटी सभी प्रकार के बुखार को ठीक कर सकते हैं । संशमनी वटी और अनु तेल के फायदे संशमनी वटी वायरस के संक्रमण के लिए प्रभावी उपाय है । अनु तेल के एक बूंद को दोनों नासिका छिद्रों में डालने से बंद नाक खुल जाती है, गले का संक्रमण और आंखों की समस्या ठीक हो जाती है । अगस्त्य हरितिकी अवलेह सांस लेने की समस्याओं, टीबी, अस्थमा और बुखार को ठीक करता है । दवाओं का पहले ही परीक्षण किया जा चुका है । डॉक्टर के मार्गदर्शन के अनुसार, उन्हें सात दिनों के लिए लिया जाना चाहिए । उत्तर प्रदेश आयुष सोसायटी ने कहा, 'आयुर्वेद किट' कोरोना के इलाज में है मददगार संशमनी वटी और अनु तेल के फायदे संशमनी वटी वायरस के संक्रमण के लिए प्रभावी उपाय है । बच्‍चों को दें वे जरूरी विटामिन जिनसे बढ़ती है आंखों की रोशनी अगर आपके बच्चे को कम उम्र में ही चश्मा लग गया है, तो आपको उसके डेली रूटीन और आहार पर खास ध्यान देना होगा । लाइफस्टाइल और आहार संबंधी कुछ ऐसी आदतें हैं जिनके कारण आंखों की रोशनी लगातार कम हो रही है । सुंदाल एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है जिसे आम-तौर पर एक साइड डिश के तौर पर परोसा जाता है । बारिश के मौसम में यह पौष्टिक नाश्ते के तौर पर आप अपने परिवार वालों को खिला सकते हैं । चने से बनने वाली यह रेसिपी प्रोटीन से भरपूर है और साथ ही साथ यह आसानी से तैयार हो सकती है । खाने-पीने में आनाकानी करने वाले बच्चों के टिफिन के लिए भी एक बढ़िया पर्याय है । मैंने हाल ही में यह रेसिपी ट्राई की और अब अक्सर शनिवार की शाम चाय के साथ मैं यही खाती हूं । सुंदाल बनाने के लिए आवश्यक सामग्री 1 कप काले चने 1 लाल मिर्च 2 चम्मच उड़द दाल 2 चम्मच तेल 1 चुटकी हींग 1 हरी मिर्च नमक 2 चम्मच चना दाल 2 चम्मच धनिया के बीज 1 चम्मच राई के दाने 5 करी पत्ते 1 चम्मच नारियल सुंदाल बनाने का तरीका काले चने को रात भर भिगोकर प्रेशर कुकर में 3-4 सीटी देने तक पकाएं । अब एक कड़ाही गरम करें और उसमे लाल मिर्च, चना दाल, उड़द दाल, धनिया के बीच सुनहरा होने तक भूनें । अब आंच बंद कर दें और इस मिश्रण को ठंडा होने दें । ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को मिक्सर या में पीसें और एक पतला पावडर बनाकर एक तरफ रख लें । अब एक बर्तन में थोड़ा तेल गर्म करें और उसमें हींग, राई और करी पत्ते का तड़का लगाएं । जब राई के दाने चटकने लगें तो इसमें उबले चने, पीसकर रखा गया मसाला, हरी मिर्च और नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं । अब कद्दूकस किए गए नारियल से इसे सजाएं और परोसें । कब्ज और पेट की मरोड़ को तुंरत ठीक करता है वर्जिन कोकोनट ऑयल, जानें कैसे करता है ये काम कब्ज एक आम समस्या है जो कभी भी किसी को भी हो सकती है । लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें अक्सर कब्ज की दिक्कत रहती है तो आपको दवाओं की जगह घरेलू नुस्खों को अपनाना चाहिए । अजवाइन, लहसुन, नींबू पानी और सेन्ना के पते कई ऐसे नुस्खे हैं जो कब्ज से राहत दिला सकते हैं । लेकिन अगर आप इन सब नुस्खों को अपना चुके हैं और आराम नहीं मिलता तो आपको यकीनन वर्जिन कोकोनट ऑयल ट्राई करना चाहिए । वर्जिन कोकोनट ऑयल से मल त्याग में तो आसानी होती ही है साथ ही इससे आपकी पाचन शक्ति में भी सुधार होता है । कोकोनट ऑयल और कब्ज नारियल तेल एक ऐसा सुपरफूड है जो हमारी स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है । बालों के विकास से लेकर वजन कम करने तक, यह तेल कई तरह से लाभदायक है । लेकिन बहुत कम लोगों को पता होता है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल कब्ज की समस्या को भी दूर कर सकता है । यह माना जाता है कि इस तेल में मध्यम-श्रृंखला फैटी एसिड की बहुतायत होती है, जो मल त्याग को प्रोत्साहित करने और मल को ढीला करने में मदद करता है । MCFAs मध्यम-श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स में पाए जाते हैं और फैटी एसिड का एक रूप होते हैं जिनमें स्वास्थ्य लाभ की एक सीमा होती है । कब्ज को किस तरह सही करता है कोकोनट ऑयल? नारियल का तेल आंत में मौजूद मल को ढीला कर उसे चिकना करता है । जब आप नारियल के तेल का सेवन करते हैं तो इससे आंत में लूब्रिकेंट बनता है तो आंतों में चिपके पदार्थ को ढीला कर जल्दी निकलने में मदद करता है । इसके साथ ही कोकोनट ऑयल के सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट हेाता है जिससे शरीर में मौजूद एक्सेस वेस्ट को निकलने में भी आसानी होती है । हालांकि, कब्ज और नारियल तेल के सेवन के बीच स्पष्ट संबंध स्थापित करने के लिए कई अध्ययन होने अभी बाकी हैं । इस तरह करें वर्जिन कोकोनट ऑयल का सेवन वर्जिन कोकोनट ऑयल को फ्रेश कोकोनट मिल्क से निकालकर तैयार किया जाता है जो 100 प्रतिशत नेचुरल होता है । आप दिन में कोकोनट तेल की 1 से 2 चम्मच को ले सकते हैं । अगर आप चाहते हैं कि आपको कब्ज से तुरंत आराम मिले तो सुबह उठते ही खाली पेट 1 चम्मच वर्जिन कोकोनट ऑयल लें या फिर आप इसे अपनी मॉर्निंग टी, कॉफी या जूस में भी ले सकते हैं । इसे लेना बहुत आसान है और इसके साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं । Diwali 202 पटाखों के प्रदूषण से आंखों को बचाने के 5 टिप्स । दीपावली हिंदु धर्म का सबसे खास त्योहार है । इस दिन चारों तरफ खुशियों, हर्षोल्लास का मौहाल नजर आता है । हालांकि, जब से कोरोनावायरस का प्रकोप फैला है, सभी पर्व-त्योहार फीके-फीके से बीत रहे हैं । हर किसी को दिवाली का इंताजर होता है । इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान, मिठाइयां बनती हैं, लोग लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं । पटाखे भी ढेरों जलाए जाते हैं, लेकिन सभी चीजें अच्छी होने के बाद भी पटाखों के धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता है । पटाखे के धुएं ना सिर्फ फेफड़ों को प्रभावित करते हैं, बल्कि ये आपकी आंखों में भी डायरेक्ट जाते हैं । पटाखों में मौजूद बारूद और केमिकल्स ना सिर्फ वातावरण को प्रदूषित करते हैं, बल्कि आपकी स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक होते हैं । पटाखों से होने वाले प्रदूषण का बुरा असर आंखों पर भी होता है । आंखों को पानी से धोएं दिवाली के समय हवा में जहरीली गैसे घुल जाती है । पटाखों में मौजूद केमिकल्स, छोटे पार्टिकल्स आंखों की कॉर्निया को नुकसान पहुंचाते हैं । पटाखे जलाते समय बीच-बीच में आंखों को पानी से साफ करते रहें । आंखों पर पानी के छपाके मारने से आंखों में मौजूद गंदगी निकल जाएगी । आई ड्रॉप बीच-बीच में डालें दिवाली के दिन प्रदूषण लेवल काफी अधिक बढ़ जाता है । दूषित धूल-कण आंखों में जाने से कई समस्याएं हो सकती हैं । इनमें जलन, आंखों में एलर्जी, ग्लैंड्स के अंदर स्राव, ड्राई आंखें, लाल आंखें, आंखों में दर्द की समस्या बेहद कॉमन है, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा । आप आंखों की जलन, एलर्जी, रेडनेस से बचने के लिए तुरंत आई ड्रॉप डालें । जलन होने पर आंखों को ना रगड़ें दिवाली पर यदि आंखों में धूल-गंदगी या धुआं जाने से जलन हो तो आंखों को बार-बार रगड़ने से बचें । पटाखों में मौजूद रासायन और कई हानिकारक तत्व आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं । बेहतर होगा कि आप पटाखे जलाते समय चश्मा पहन लें । हाथों को भी धोते रहें ताकि  पटाखों के बारूद धुल जाएं । कॉन्टैक्ट लेंस की जगह चश्मा पहनें कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो पटाखे जलाते समय इन्हें उतारकर साधारण चश्मा पहनें । इससे आंखों में इर्रिटेशन नहीं होगी । पटाखे जलाते समय दूर खड़े रहें ना कि उसके ऊपर झुककर जलाएं । पटाखों में आग लगाते समय बारूद या चिंगारी सीधा ऊपर की तरफ निकलती है, जो आपके आंखों में लग सकती है । बच्चों की आंखों की रखें खास ख्याल बच्चों को अकेले पटाखे ना छोड़ने दें । उनकी आंखें अधिक संवेदनशील होती हैं । बच्चों की आंखों में कुछ चला जाए, तो तुरंत ठंडे पानी से धोएं । आंखों में खुजली हो, तो उसे रगड़नें ना दें वरना खुजली और संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है । चेहरे के निशान को मिटाने में बहुत माहिर है नाइट जैसमीन, जानें इसके अन्य औषधीय लाभ पारिजात को नाइट जैस्मिन और हरसिंगार भी कहते हैं । यह एक सुंदर फूल है, जो ज्यादातर पूजा स्थलों पर पाया जा सकता है और पाठ पूजा में इसका इस्तेमाल होता है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह फूल न केवल सुंदर दिखता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है? जी हां, हरसिंगार के फूल के साथ इसके पत्तों में भी चिकित्सीय गुण होते हैं जो आंख, भूख आदि से जुड़ी समस्याओं को के मुद्दों को ठीक करते हैं । हिंदू धर्म में इस पौधे से जुड़ी कई मान्यताएं और कहानियां हैं, जो इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं । आज हम इस खास फूल से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं । घाव या स्किन के निशान अगर आपको लगता है कि कि इस पौधे का त्वचा से कोई लेना-देना नहीं है तो हो सकता है ये आपकी गलतफहमी हो । यह औषधीय पौधा घाव और त्वचा के दाने को ठीक करने के लिए बहुत अच्छा है । नाइट जैस्मीन में मॉजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण किसी भी अन्य एंटीसेप्टिक की तरह घाव को भरने में मदद करते हैं । नाइट जैस्मिन के अर्क में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जिसे आप पेस्ट रूप में अपने घाव पर लगा सकते हैं । इसके साथ ही, नाइट जैस्मिन की ताजी धुली पत्तियों को पीसकर भी घाव पर लगाया जा सकता है । उसी तरह पारिजात के पेड़ के पत्तों को त्वचा पर रगड़ने से त्वचा संबंधी रोग ठीक हो सकते हैं । पारिजात के पत्तों से बना हर्बल तेल भी त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है । कोल्ड, कफ और फीवर नाइट जैस्मिन एक कफ़ोत्सारक के रूप में भी हमारे शरीर के लिए काम करती है, जिससे गले से बलगम को हटाने और खांसी को ठीक करने में मदद मिलती है । साथ ही, इसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज भी मौजूद होते हैं, जो खांसी और सर्दी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने की क्षमता रखती है । यदि आप लंबे समय से खांसी से जूझ रहे हैं लेकिन इलाज नहीं मिल रहा है तो नाइट जैस्मिन की कुछ पत्तियां लें, इसके रस को निचोड़ें और इसे पानी में मिलाकर सेवन करें । अगर आपको इसका स्वाद अच्छा न लगे तो इसमें 1 चम्मच शहद मिला लें । साथ ही, इसकी जड़ और पत्तियों में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो आपको बुखार से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं । अधिक पर्याप्त प्रभाव के लिए आप इसमें अदरक का रस भी मिला सकते हैं । जोड़ो में दर्द यहां हमारा जोड़ों के दर्द से मतलब शरीर के किसी भी हिस्से के जोड़ में खिंचाव, दर्द और जकड़न आदि से है । हालांकि जोड़ों के दर्द का इलाज सामान्य घरेलू उपचार से किया जा सकता है । लेकिन यदि इनसे आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर जांच कर इसका इलाज करते हैं । लेकिन यह विशेष पौधा यानि कि नाइट जैस्मिन, जोड़ों में दर्द को कम करने से राहत देने में काफी मदद कर सकता है । इसके लिए पको नाइट जैस्मीन की 6 से 7 पत्तियों को पीसकर पानी में मिलाना है और अब इसे तब तक उबालें जब तक कि मात्रा आधी न हो जाए । अब इसे ठंडा करके सुबह खाली पेट पीएं । इसका नियमित रूप से सेवन करने से जोड़ों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएंगी । अस्थमा नाइट जैस्मिन की पत्तियां एंटी-एलर्जिक गुणों से लैस होती हैं, जिन्हें लीव्ज़-साइटोस्टेरॉल नामक एक रासायनिक यौगिक के साथ उतारा जाता है । इसके अलावा, इसकी पत्तियों से अर्क नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ाकर नाक की नली को आराम देने में मदद करता है । वास्तव में अस्थमा में नाक की नली सूज जाती है और इसके आसपास की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, जिससे सांस लेना बेहद मुश्किल हो जाता है । घाव या स्किन के निशान अगर आपको लगता है कि कि इस पौधे का त्वचा से कोई लेना-देना नहीं है तो हो सकता है ये आपकी गलतफहमी हो । कोल्ड, कफ और फीवर नाइट जैस्मिन एक कफ़ोत्सारक के रूप में भी हमारे शरीर के लिए काम करती है, जिससे गले से बलगम को हटाने और खांसी को ठीक करने में मदद मिलती है । जोड़ो में दर्द यहां हमारा जोड़ों के दर्द से मतलब शरीर के किसी भी हिस्से के जोड़ में खिंचाव, दर्द और जकड़न आदि से है । अस्थमा नाइट जैस्मिन की पत्तियां एंटी-एलर्जिक गुणों से लैस होती हैं, जिन्हें लीव्ज़-साइटोस्टेरॉल नामक एक रासायनिक यौगिक के साथ उतारा जाता है । लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है गोखरू, जानें इस आयुर्वेदिक बूटी के गुण ब्यूटिया पलाश को अंग्रेजी में Butea monosperma के नाम से जाना जाता है । पज़लग्रास पज़लग्रास जिसे हिंदी में पहेलीग्रास भी कहते हैं, इसमें एक अल्कलॉइड होता है, जो गुर्दे के स्वास्थ्य को बेहतर करता है और साथ ही गुर्दे की प्रणाली में भी सुधार करता है । गोखरू यूटीआई संक्रमण और मूत्र संबंधी जलन सहित किडनी के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए गोक्षुरा वृक्ष की छाल बहुत उपयोगी मानी जाती है । गुड्डुची और गिलोय ये दिल के आकार की पत्तियों वाली बेलें हैं । अदरक हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करने के लिए, अदरक का उपयोग कई देशों में और सदियों से किया जाता है । Salt For Oral क्या नमक से दांतों की सफाई करना है फायदेमंद आंखों की थकान व जलन दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय आंखों की थकान और जलन की समस्या हर 3 में से दो लोगों में देखी जा सकती है । हम यहां कुछ खास टिप्स बता रहें हैं जो आंखों की थकान और जलन को ठीक करने में सहायक हैं । यौन समस्या करनी हो दूर या पेट साफ करें हरड़ का सेवन, जानें इसके 4 चमत्कारी फायदे हरड़ के फायदे   1 माना जाता है कि हरड़ अधिकांश रोगों का हरण करने की क्षमता वाली होती है, इसलिए इसे हरीतकी कहा जाता है । अक्सर लोग सेक्स समस्याओं को छुपाने की कोशिश करते हैं । ऐसा इसलिए क्योंकि आज भी हमारा समाज सेक्स टॉपिक पर खुलेआम या परिवार, दोस्तों यहां तक कि खुद पति-पत्नी आपस में साझा करने से हिचक महसूस करते हैं । सेक्स के प्रति बढ़ती अरुचि, कोई सेक्सुअल समस्या , इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याओं से ग्रस्त रहेंगे, लेकिन कभी किसी से इसके बारे में बताएंगे नहीं । इससे शादीशुदा जिंदगी में खटास आने लगती है । कुछ भारतीय अपनी सेक्सुअल समस्याओं को डॉक्टर से बताने की बजाय कुछ सुनी-सुनाई बातों, विज्ञापनों, टोटकों, मिथकों पर भरोसा करके, उन्हें ही अपनाने लगते हैं, जिसका लाभ होने की बजाय सेक्सुअल सेहत को नुकसान ही पहुंचता है । ऐसे तेल का इस्तेमाल कुछ लोग अक्सर पेपर में आने वाले विज्ञापनों को पढ़कर करते हैं । लोगों को लगता है कि उनकी खोई हुई सेक्स क्षमता दोबारा वापस आ जाएगी । सच तो यही है कि ऐसे तेल से कुछ नहीं होता है । क्या आपको इनफर्टिलिटी की समस्या है? अगर हां तो तुंरत बदल लें ये 5 आदतें, न​​हीं होगी कंसीव करने में दिक्कत क्या आप इनफर्टिलिटी का सामना कर रहे हैं? अगर हां तो आप अकेले नहीं हैं । बता दें कि ​करीब 15 प्रतिशत कपल ऐसे हैं जो इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं । इनफर्टिलिटी उस स्थिति को कहते हैं जब लंबे समय तक सेक्स करने के बाद भी कोई कपल कंसीव नहीं कर पाता है । बार बार मिसकैरेज होना और गर्भ में ही शिशु का मर जाना भी इनफर्टिलिटी कहलाता है । माता पिता न बन पाने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं । आज इस लेख में हम आपको 5 ऐसी बातें बता रहे हैं जो इनफर्टिलिटी के शिकार लोगों को जरूर फॉलो करनी चाहिए । किसी चमत्कार का इंतजार न करें अगर आप बहुत समय से या सालोंं से कंसीव करने का ट्राई कर रहे हैं लेकिन हो नहीं पा रहा है तो किसी चमत्कार का इंतजार करने के बजाय डॉक्टर से संकर्प करें । कई बार शरीर में ऐसी दिक्कतें हो जाती हैं जिनका समाधान सिर्फ डॉक्टर कर सकते हैं । इसलिए इनफर्टिलिटी का असली कारण जानने के लिए फर्टिलिटी टेस्ट कराना बहुत जरूरी है । खुद को दोष देना बंद करें इनफर्टिलिटी के कई ऐसे कारण हैं जो हमारे हाथ में नहीं होते हैं । इसके बावजूद अगर आप इस चीज के लिए खुद को कोसते हैं तो ये गलत है । ऐसा करने से तनाव बढ़ेगा जिससे आपकी शारीरिक और मानसिक हेल्थ प्रभावित होगी । ऐसे में आपकी इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम में सुधार होने के बजाय वह और भी ज्यादा खराब हो सकती है । इसलिए अपनी एनर्जी का सही दिशा में इस्तेमाल करें ताकि आपकी ये प्रॉब्लम सही हो सके । आशा न छोड़ें इनफर्टिलिटी की समस्या आजकल जैसे आम हो गई है । इसलिए यह सोचना छोड़ दें कि आप ऐसे अकेले हैं । आपको आशाहीन होने के बजाय उम्मीद रखनी चाहिए कि आप भी कंसीव करेंगी । आपको यह नहीं भूलना चाहिए ​कि आप बिना बच्चे को जन्म दिए भी माता पिता बन सकते हैं । हालांकि इस स्थिति में ये बच्चा आपके द्वारा जन्मा नहीं होगा, लेकिन आप किसी बच्चे को गोद लेकर और उसे अच्छे संस्कार देकर अपने जैसा बना सकता है । इसके साथ ही आप एग डोनर, स्पर्म डोनर और एम्ब्रो डोनर जैसी अन्य संभावनाएं भी आपके पास हैं । इसलिए आशाहीन होने के बजाय आप उन चीजों के बारे में सोचे जिनसे आपको उम्मीद मिल सकती है । सिर्फ कंसीव करने के लिए अपने पार्टनर के साथ सोना छोड़ दें जब कोई इनफर्टिलिटी का शिकार होता है तो उसकी सेक्स के प्रति रुचि कम हो जाती है । जब आप सिर्फ कंसीव करने की मंशा से अपने पार्टनर के साथ सोएंगे तो जाहिर है कि आपका उनमें इन्टरेस्ट कम हो जाएगा । सेक्स करने का मकसद सिर्फ बेबी पैदा करना नहीं होता है बल्कि इससे आपका स्ट्रेस दूर होता है और आप अच्छा महसूस करते हैं । इसलिए अब आप जब भी अपने पार्टनर के साथ सोएं तो उस पल को पूरी तरह से इन्ज्वॉय करें । खुद को नजरअंदाज न करें अगर आप ये सोचकर खुद को लगातार नजरअंदाज कर रही हैं कि कंसीव न कर पाने में पूरी तरह से आप दोषी हैं तो शायद आप गलत हैं । इस वक्त आपको खुद को इग्नोर करने के बजाय अपनी हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए । आपको अपने खानपान और लाइफस्टाइल को लेकर अधिक सीरियस होने की जरूरत है । अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज़ है तो आप छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखते होगें । आपको अपनी डायट के साथ अपनी लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना पड़ता है । ताकि, आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकें । जहां पूरा दिन आप डायबिटीज़ और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं । वहीं, आपको रात में भी एक विशेष रूटीन फॉलो करना चाहिए । जिससे, आपको किसी प्रकार के कॉम्प्लिकेशन्स ना हों । ऐसी ही कुछ बातों के बारे में लिख रहे हैं हम- क्या आपको डायबिटीज़ है? तो सोने से पहले दोहराएं ये हेल्दी आदतें : पौष्टिक डिनर खाएं डायबिटीज़ में हेल्दी भोजन खाना ज़रूरी होता है । खासकर, डिनर का खास ख्याल रखना चाहिए । क्योंकि, डिनर के बाद आप कई घंटों तक कुछ नहीं खाते । अपने रात के भोजन में लीन मीट, मछली, नट्स और हेल्दी ऑयल्स शामिल करें । इसी तरह कम स्टार्च वाली सब्ज़ियां जैसे ब्रोकोली, और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन करनें । इसी तरह, शकरकंद, ब्राउन राइस, बीन्स, और किनवा जैसी चीज़ें खाएं । एक्सरसाइज़ करें रात का खाना खाने के बाद थोड़ी देर वॉक करें । अपने घर के आसपास आधे घंटे की वॉक करें । इससे, आपकी सुस्ती दूर होगी और खाना भी आसानी से पच जाएगा । जिससे, आप रात में अच्छी तरह सो सकेगें । मुंह की सफाई करें हाई ब्लड शुगर वाले लोगों को ओरल हाइजिन का भी ध्यान रखना चाहिए । क्योंकि, डायबिटीज़ में मसूड़ों और दांतों से जुड़ी परेशानियों का ख़तरा अधिक होता है । इसीलिए, रात में ब्रश करें और फ्लॉस का इस्तेमाल करें । ताकि, आपके दांतों में फंसे भोजन के कण और बैक्टेरिया साफ हो सकें । इससे, आप दांतों से जुड़ी बीमारियों और गम प्रॉब्लम्स से बच सकेंगे । पैरों की जांच करें डायबिटिक्स को अक्सर नर्व डैमेज़ की समस्या होती है । इससे, शरीर का कोई विशेष हिस्सा सुन्न हो सकता है । ऐसो में हो सकता है आपको शरीर के किसी हिस्से और खासकर, पैरों में चोट लग जाए और आपको पता ना चले । इसीलिए, रोज़ सोने से पहले अपने पैरों की जांच करें । अगर, किसी प्रकार की चोट या छाले दिखायी दें तो, तुरंत उनका इलाज करें । क्योंकि, इन्हें नज़रअंदाज़ करने से इंफेक्शन हो सकता है । लेमन टी या ग्रीन टी, जानें सुबह खाली पेट कौन-सी चाय पीना है ज़्यादा फायदेमंद ठंडियों की सुबह गर्मागर्म चाय का एक पीना आपा मूड एक रिफ्रेश कर जाता है । दूध और चीनी से बननेवाली चाय हर घर में और दिन में कई बार पी जाती है । वहीं, कई लोगों को हर्बल चाय का स्वाद पसंद आता है । इसीलिए, लोग घर में काली मिर्च की चाय, नींबू की चाय और ग्रीन टी जैसी हर्बल चाय बनाकर पीते हैं । ग्रीन टी को जहां वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर खूब पसंद किया जाता है । तो वहीं, देश के कई हिस्सों में मौसम बदलते ही नींबू की चाय पी जाती है । लेकिन, कई बार लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि कौन-सी चाय ज़्यादा हेल्दी है । खासकर जो लोग सुबह चाय पीना पसंद करते हैं, उन्हें कौन-सी चाय पीनी चाहिए? इसी बात को समझने की कोशिश की हमने । आइए जानते हैं कौन-सी चाय है आपकी हेल्थ के लिए बेस्ट । लेमन टी या ग्रीन टी, जानें कौन-सी चाय पीना है फायदेमंद ? देश के कई हिस्सों में मौसम बदलते ही नींबू की चाय पी जाती है । लेमन टी पीने के फायदे साइट्रस फ्रूट्स में शामिल नींबू इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाता है । नींबू बॉडी डिटॉक्स के लिए फायदेमंद होता है । नींबू लो-कैलोरी फूड होता है जो  वेट लॉस में मददगार साबित होता है । इसी तरह लेमन टी डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी फायदेमंद है जो, इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाता है । नींबू वाली चाय पीने से कार्डियोवैस्कुलर डिज़िज़ेज़ का रिस्क कम होता है । एंटी-बैक्टेरियल इंफेक्शन और वायरस इंफेक्शन से भी मिलती है सुरक्षा । ग्रीन टी पीने के फायदे पिछले कुछ वर्षों में ग्रीन टी सबसे हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर पहचाना जाने लगा है । ग्रीन टी पीने से वायरस और इंफेक्शन्स के प्रति शरीर का इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनती है । यह दिल की बीमारियों और ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई बीमारियों का खतरा कम करती है । विभिन्न स्टडीज़ और रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ग्रीन टी पीने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से भी शरीर सुरक्षित रहता है । ग्रीन टी एक नैचुरल ब्लड थिनर के तौर पर भी काम करता है और यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है । ग्रीन टी को हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर खूब पसंद किया जाता है । क्या है बेस्ट-लेमन टी या ग्रीन टी ? जैसा कि दोनों ही प्रकार की चाय नैचुरल और हर्बल हैं । इसीलिए, इन दोनों का ही सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है । नींबू के रस में एंटी-बैक्टेरियल, एंटी-वायरल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं । जिससे, यह विभिन्न प्रकार के संक्रमण का सामना करने के लिए शरीर को सक्षम बनाता है । वहीं, कई लोगों को सुबह एसिडिक फूड्स का सेवन करने से एसिडिटी और गैस की समस्या होती है । इसीलिए, उन लोगों को यह चाय पीने से परेशानी हो सकती है । ग्रीन-टी यह एक ऐसा तत्व है जो एंटी-बैक्टेरियल, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-वायरल और एंटीथ्रैटिक गुण होते हैं । इसीलिए, जब आप ग्रीन टी पीते हैं तो आपके शरीर पर इसके बेहतर परिणाम हो सकते हैं । सर्दियों में गुनगुने पानी से नहाने से ना केवल ठंड कम लगती है बल्कि, इससे थकान और सुस्ती दूर होती है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्टीम बाथ लेने से डायबिटीज का रिस्क भी कम होता है । कुछ समय पहले आयी एक स्टडी में दावा किया गया कि भाप लेने या स्टीम बाथ से डायबिटीज का खतरा कम होता है । स्टीम बाथ लेने के लिए भाप से भरे रूम में व्यक्ति को एक निश्चित समय तक बैठना होता है । स्टीम बाथ आमतौर पर 15-30 मिनट तक लेने की सलाह दी जाती है । लेकिन, कुछ विशेष बीमारियों के इलाज के लिए भी स्टीम बाथ की मदद ली जाती है, जिसमें डॉक्टर मरीज़ को एक निश्चित समय तक भाप लेवे क सलाह देता है । स्टीम बाथ परम्परागत इलाज का एक पुराना तरीका है । आयुर्वेदिक और चीनी चिकित्सा पद्धतियों में स्टीम बाथ को काफी अहमियत दी गयी हैं । वहीं, मौजूदा समय में भी स्टीम बाथ के सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों को समझा है और कई बीमारियों के इलाज के लिए इसकी सलाह भी दी जाती है । आइए जानते हैं क्या है स्टीम बाथ लेने का सही तरीका और किस तरह यह सेहत को पहुंचाता है लाभ । गुड़ भारतीय घरों में इस्तेमाल होने वाली एक देसी चीज़ है । गुड़ का मीठा स्वाद बड़ों से लेकर बच्चों तक को पसंद आता है । संदेश और खीर जैसी कई पारम्परिक मिठाइयों में मिठास बढ़ाने के लिए गुड़ को मिलाया जाता है । तो वहीं, गुड़ की चाय पीने का एक ट्रेंड हाल के कुछ वर्षों में खूब आगे बढ़ा है और बकायदा कई आउटलेट्स अब गुड़ की बनी चाय परोस रहे हैं । गर्मियों में गुड़ के साथ ठंडा पानी पीने से जहां तन और मन को ठंडक मिलती है । वहीं, सर्दियों में गुड़ का सेवन करने से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद होती है । आइए जानते हैं सर्दियों में गुड़ का सेवन करने के हेल्दी फायदे 28 शरीर को मिलती है ऊष्मा: शक्कर का एक हेल्दी पर्याय है गुड़ । इसीलिए, जो लोग शक्कर नहीं खा सकते हैं उन्हें गुड़ का सेवन करना चाहिए । ठंड के मौसम में गुड़ खाने से शरीर को ऊष्मा मिलती है । जिससे, शरीर का तापमान सर्दियों में ठीक रहता है । माउथ अल्सर यानि मुंह के छाले देखने में तो मामूली-सी समस्या होती है । लेकिन, इसकी वजह से लोगों के लिए ठीक तरीके से खाना-पीना भी मुश्किल हो जाता है । साथ ही मुंह के छालों में दर्द भी होता है, जो कुछ खाने के साथ और बढ़ जाता है । कई बार कुछ बहुत गर्म या बहुत ठंडा खा लेने, पेट की समस्याओं या ब्रश करते समय चोट लगने से भी मुंह में छाले पड़ जाते हैं । इसी तरह, माउथ अल्सर होने की एक वजह कमज़ोर इम्यून सिस्टम भी हो सकता है । मुंह के छाले दांतों से मुंह के अंदर की त्वचा या जीभ कटने से भी हो जाते हैं । इस समस्या से आराम के लिए आप घर में मौजूद छोटी-मोटी चीज़ों की मदद से भी इससे आराम पा सकती हैं । बर्फ: माउथ अल्सर का एक बहुत ही आसान और कारगर तरीका है आइस क्यूब का प्रयोग करता है । हालांकि, बर्फ का टुकड़ा रखने से छाले ठीक नहीं होते । लेकिन, छालों में होने वाले तेज़ दर्द से आराम ज़रूर मिलता है । हर्षवर्धन ने की आयुष उपचारों की वकालत, कहा- कोरोनावायरस के बचाव के लिए करें अश्वगंधा, गुडुची, पिप्पली का सेवन इस पर हर्षवर्धन ने कहा, आयुर्वेद में रोग प्रबंधन को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण है, जिसमें सलुटोजेनेसिस नाम की एक प्रमुख एप्रोच है, जो रोग की स्थिति और इसके रोकथाम के उपचार के लिए काम करती है । आयुर्वेद से संभव है कोरोना का इलाज  या रोकथाम में शामिल किया गया है । अश्वगंधा, गुडुची, पिप्पली का सेवन कोरोना से करे बचाव  गुडुची, अश्वगंधा, गुडुची और पिप्पली कॉम्बिनेशन और आयुष 64 को लेकर पर्याप्त संख्या में अध्ययन किए गए हैं, जो उनके इम्युनो-मॉड्यूलेटरी, एंटी-वायरल, एंटीपीयरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को साबित करते हैं । आयुर्वेद और योग के जरिए हल्के से मध्यम कोविड-19 मामलों की रोकथाम संभव हर्षवर्धन का बयान तब आया है, जब हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष आधारित नेशनल क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी करने को लेकर कड़ी आलोचना की थी । आईएमए ने सबूत-आधारित दवाओं की बजाय 'प्रायोगिक दवाओं' को बढ़ावा देने के लिए मंत्री की कड़ी आलोचना की थी । सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखने के लिए करें गोंद का सेवन, इम्यूनिटी बूस्ट होने के साथ ये हैं गोंद के अन्य फायदे । गोंद का लड्डू तो आप खाते ही होंगे । नहीं खाते हैं, तो सर्दियों में इसका सेवन जरूर करें । गोंद कई तरह के पेड़ से प्राप्त होता है, जिसके सेहत लाभ भी काफी होते हैं । गोंद या गोंद कतीरा की तासीर गर्म होती है, ऐसे में सर्दियों के मौसम में इसका सेवन करने से शरीर अंदर से गर्म रहता है । गोंद का इस्तेमाल कई तरह की आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में भी किया जाता है । गोंद में कई पोषक तत्व ऐसे होते हैं, जो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं । गोंद के सेवन से शरीर को ताकत मिलती है । प्रेग्नेंसी के साथ ही स्तनपान कराते समय भी इसका सेवन करना मां के साथ शिशु के लिए फायदेमंद होता है । गोंद एक औषधि की तरह काम करता है । खांसी, गले में खराश, डायरिया, जैसी समस्याओं में इसका इलाज करना फायदेमंद होता है । गोंद के सेवन से मजबूत हो इम्यून सिस्टम कोरोना काल में इम्यूनिटी का कमजोर होना खतरे से खाली नहीं है । रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आप गोंद का सेवन कर सकते हैं । एक गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच गोंद मिलाकर सेवन करें । पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाए गोंद गोंद परुषों में प्रजनन से संबंधित समस्याओं के इलाज के काम भी आता है । भारत में गोंद मुख्य रूप से बाबूल से प्राप्त होता है । कमजोर तंत्रिका तंत्र, चिंता, डिप्रेशन, विटामिन डी की कमी होने पर गोंद का सेवन करना फायदेमंद है । त्वचा को भी हेल्दी रखता है । गोंद को रात भर पानी में डालकर पौष्टिक पेस्ट बनाएं । इस पेस्ट को पानी, दूध या किसी भी खाद्य पदार्थ के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं । गोंद दूर करे शारीरिक कमजोरी यदि आपको दिनभर थकान, शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होती है, तो गर्म दूध में गोंद और मिश्री मिलाकर पिएं । इससे शरीर को अंदरूनी शक्ति मिलेगी । रात में कुछ दिनों के लिए गोंद वाला दूध पीने से शरीर में ऊर्जा का भी संचार होता है । वजन कम करने के लिए खाएं गोंद कतीरा वजन कुछ दिनों से बढ़ रहा है, तो गोंद का सेवन करें । गोंद खासकर बबूल के पेड़ का गोंद वसा को कम करने में मदद करता है । बबूल पेड़ का गोंद यदि आप 4-5 सप्ताह खाएंगे, तो बॉडी मास इंडेक्स में कमी आएगी । इसमें डायटरी फाइबर भी अधिक होता है, जिससे वजन कम होता है । गोंद को आप दूध या पानी में मिलाकर पी सकते हैं । गोंद से हाथों-पैरों का जलन हो कम कुछ लोगों को हर समय हाथ-पैरों में जलन, कंपन की समस्या रहती है । इन्हें ठीक करने के लिए 1 चम्मच गोंद कतीरा को एक गिलास पानी में मिलाएं और सोने से पहले पी जाएं । गोंद हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को भी कम करता है । डायरिया, पेट संबंधित समस्याओं का गोंद करे इलाज गोंद खासकर बबूल के पेड से प्राप्त होने वाला गोंद डायरिया ठीक करता है । बबूल का गोंद शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट को एब्जॉर्ब करता है । दही में बबूल गोंद को मिलाकर खाते हैं, तो आपको पेट संबंधी परेशानियों से जल्द राहत मिल सकती है । पेट की समस्याओं से रहते हैं परेशान, तो इसे दही में मिलाकर खाएं । इससे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम पेट में दर्द, पेट फूलना, सूजन, कब्ज आदि समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं । आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है 'इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा', काढ़ा पीने से पहले पढ़ें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की ये सलाह कोरोनावायरस महामारी ने लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सावधान कर दिया है । शायद यही वजह है कि हम अब खुद की ज्यादा देखभाल करते हैं । इस महामारी ने ही हमें ये महसूस कराया कि ‘इम्यूनिटी कितनी महत्वपूर्ण है । यही वजह है कि हम इम्यूनिटी बूस्ट करने के घरेलू विकल्पों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं । अधिकांश लोग दिन में कई-कई बार काढ़ा पी रहे हैं । मगर, क्या आप जानते हैं, गलत और अधिक मात्रा में काढ़ा पीना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है । गलत तरीके से काढ़ा पीने के नुकसान किसी भी चीज की अधिकता हानिकारक है और यही बात काढ़े के लिए भी लागू होती है । आशा आयुर्वेदा क्लिीनिक की डॉक्‍टर चंचल ने कहा कि बहुत से लोग सोचते हैं कि वे जितना अधिक आयुर्वेदिक पेय पीएंगे या जितना अधिक वे सामग्री उबालेंगे, उतना ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा । जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है! यदि काढ़े को सही तरीके से नहीं लिया जाता है, तो य​ह कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं । काढ़ा पीने का सही तरीका क्या है? बिना किसी साइड-इफ़ेक्ट के अधिकतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए काढ़ा सेवन करने के नियम हैं । एक्सपर्ट के अनुसार, इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े का सेवन करते समय आपको कुछ चीजें जरूर करनी चाहिए, यहां हम आपको आपके ही सवालों और उनके जवाबों के माध्यम से सही जानकारी दे रहे हैं । जैसे: 1. दिन में कितनी बार काढ़ा पीना चाहिए? काढ़ा पीने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि आप दिन में कई—कई बार काढ़ा पीएं । काढ़ा एक औषधि है जिसे संतुलित मात्रा में लेना ही फ़ायदेमंद होता है अगर आप अलग—अलग सामग्रियों के मिश्रण वाले काढ़े का सेवन करते हैं तो आपको दिन में एक या दो बार सीमित मात्रा में काढ़ा पीना चाहिए । 2. काढ़ा कितनी देर तक उबालना चाहिए? अगर आप कई औषधियों के मिश्रण से निर्मित काढ़े को बना रहे हैं तो आपको तब तक काढ़े को उबालना है जब तक बर्तन में पानी की मात्रा आधी न हो जाए! जैसे, यदि आप एक ग्लास पानी में काढ़े को उबाल रहे हैं तो पानी को तब तक उबालें जब तक पानी आधा न हो जाए । काढ़े का सेवन करते समय इन बातों का रखें ध्यान काढ़े का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है । जब आप काढ़े का सेवन कर रहे हों तो नियमित रूप से इस फल और सब्ज़ियों का सेवन करते रहे ताकि शरीर का बैलेंस बना रहे । काढ़े को बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली सामग्रियों को संतुलित मात्रा में ही मिक्स करना चाहिए । गर्म और ठंडी तासीर वाली औषधियां समान रूप से होनी चाहिए । कई अच्छी कंपनियां और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट भी स्वनिर्मित काढ़े का मिश्रण उपलब्ध करा रहे हैं जिसे लेकर आप काढ़ा बना सकते हैं और उसका सेवन कर सकते है इनका कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं है । काढ़े को रोजाना या लंबे समय तक सेवन करने से बचें । 3 सप्ताह के नियमित सेवन के बाद, 2 सप्ताह का ब्रेक लें और फिर से शुरू करें! अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए सरल तरीकों का चयन करें । सिर्फ काढ़े पर जोर देने के बजाए, संतुलित आहार लें, रोजाना एक्सरसाइज और योगाभ्यास जरूर करें । किडनी की बीमारी से पीड़ित से वाजिद फिल्मबीट डॉट कॉम ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, “वाजिद पिछले कुछ सालों से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे और हाल ही में अस्पताल में भर्ती होने के बाद वह वेंटिलेटर पर थे । साजिद-वाजिद ने हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के लिए गाने तैयार किए, जिनमें से एक ‘प्यार करोना था । सभी लोगों को कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए प्रेरित करने को लेकर यह पॉप एंथम बनाया गया था । अप्रैल में रिलीज हुए इस गाने को सलमान ने गाया है । क्या कमज़ोर किडनी बन सकती है कोविड-19 इंफेक्शन का कारण? जी हां, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि किडनी डिज़िज़ेज़ के मरीज़ों को कोविड-19 इंफेक्शन का ख़तरा अधिक है । गौरतलब है कि कोरोना वायरस के ‘हाई रिस्क ग्रुप्स में ऐसे लोगों को अधिक ख़तरा बताया गया है जिन्हें, डायबिटीज़ , ब्लड प्रेशर या अन्य किसी प्रकार की बीमारियां हैं । दरअसल, इन हेल्थ कंडीशन्स की वजह से इन मरीज़ों की इम्यूनिटी कम हो जाती है । जिससे, ऐसे लोग आसानी से इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं । कुछ सप्ताह पहले सामने आयी एक रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया कि किडनी रोगी कोविड-19 इंफेक्शन के प्रति ज़्यादा संवेदनशील हो सकते हैं । रिसर्चर्स के मुताबिक किडनी रोगियों में कोविड-19 के नैदानिक लक्षणों और संक्रामकता में अधिक विविधता देखने को मिल सकती है । यह रिसर्च चीन और भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों के वैज्ञानिकों नें मिलकर की थी । जिसे, जर्नल किडनी इंटरनेशनल में छापा गया था । पीले दांतों को सफेद करने के तरीके । दांतों का पीलापन दूर करने के लिए आज़माएं ये 5 घरेलू चीज़ें कई बार चाय-कॉफी के अधिक सेवन, स्मोकिंग और कोला जैसी चीज़ों के सेवन से दांतों की रंगत बिगड़ जाती है । तो वहीं कई बार लोग ओरल हाइजिन का ख्याल ना रखने की वजह से भी दांत पीले हो जाते हैं । दांतों का पीलापन कम करने के लिए आप घरेलू स्तर पर भी कुछ उपाय कर सकते हैं । इस फोटो गैलरी में पढ़ें कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खों के बारे में जो आपके पीले दांतों को मोतियों-सा चमका देगें । सबसे खास बात, ये सभी चीज़ें आसानी से घर में मिल जाती हैं और ओरल हेल्थ सुधारने में मदद भी करती हैं । इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से पाचनशक्ति को बनाएं मजबूत पाचनशक्ति को बेहतर बनाने के उपाय 1 जब आपको भूख लगे तो ही खाएं । ओवेरियन सिस्ट का लक्षण है अचानक पीठ में तेज दर्द होना, जानें रोग के अन्य शुरुआती लक्षण ओवेरियन सिस्ट महिलाओं में होने वाली एक आम लेकिन गंभीर बीमारी है । यदि इस रोग के होने पर लापरवाही बरती जाए या समय पर इलाज न कराया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है । इस रोग में महिलाओं की ओवरी में सिस्ट यानि कि पानी की थैलियां बन जाती हैं । डॉक्टर्स कहते हैं कि हर महिला को अपने जीवनकाल में यह रोग कभी न कभी जरूर होता है । हर महिने पीरियड के दौरान इस थैली के आकार की एक संरचना उभरती है, जो फॉलिकल के नाम से जानी जाती है । अक्सर ओवेरियन सिस्ट की समस्या महिलाओं को मेनोपॉज से पहले हो जाती है । हालांकि कुछ महिलाओं को यह मेनोपॉज के बाद भी होती है । आज इस लेख में हम आपको इस रोग के मुख्य लक्षण बता रहे हैं । यदि निम्न लक्षणों में से कोई भी 2 लक्षण आप महसूस करें तो बिना देरी के आपको डॉक्टर से मिलकर जांच करावानी चाहिए । पेशाब का रंग बदलना ओवेरियन सिस्ट होने पर पेशाब में कई तरह के बदलाव महसूस किए जा सकते हैं । जब ​कोई महिला इस रोग की चपेट में होती है तो उसे बार-बार पेशाब आता है । यह इतनी स्पीड से आता है कि रोकना मुश्किल हो जाता है । साथ ही पेशाब के बाद लोवर एबडोमन के आसपास जलन भी हो सकती है । अगर आपको ऐसे लक्षण महसूस हों तो बिना देरी के डॉक्टर से तुरंत संपर्क कर जरूरी जांच शुरू करानी चाहिए । लगातार पेट और पीठ में दर्द होना इस लक्षण को बहुत आसानी से देखा जा सकता है । यदि आपको बिना किसी कारण के पैर और पीठ में दर्द होता है तो ये ओवेरियन सिस्ट का एक लक्षण हो सकता है । इसमें दर्द लगातार रहता है और आम तौर पर एक या दो दिन या उससे भी अधिक समय तक तक भी जारी रहता है । ऐसी स्थिति में आपको दर्द के पीछे के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए । भूख की कमी जब पेट में सिस्ट होता है तो महिलाओं को भूख की कमी हो सकती है । आपको हर वक्त अपना पेट भरा हुआ महसूस होगा । ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सिस्ट पेट में जगह घेर लेता है जिससे आपको पेट में भारीपन महसूस हो सकता है । अगर आप दिनभर काम करती हैं लेकिन फिर भी भूख नहीं लगती है तो डॉक्टर से इस बारे में खुलकर बात करें । यह ओवेरियन सिस्ट का संकेत हो सकता है । मतली और उल्टी मतली और उल्टी गर्भावस्था के सामान्य संकेत हैं लेकिन अगर आप गर्भवती नहीं हैं तो यह ओवेरियन सिस्ट का संकेत भी हो सकता है । इस स्थिति के पीछे हार्मोनल असंतुलन संभावित कारण हो सकता है । डॉक्टर जांच के बाद बता देंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है । आसामान्य ब्लीडिंग जब महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट की समस्या होती है तो उन्हें आसामान्य ब्लीडिंग हो सकती है । इसके अलावा ब्लीडिंग सिस्ट और फंक्शनल सिस्ट सबसे आzम हैं । शोधकर्ताओं का कहना है कि कॉर्पस लुटेअल सिस्ट अधिक ब्लीडिंग का कारण बनता है । लंग्स इम्युनिटी को बूस्ट करेंगे ये 3 आसान तरीके, प्रदूषण से नहीं होंगे फेफड़े खराब यह सच है कि कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया के नाक में दम किया हुआ है । लेकिन इस वायरस के आने का फायदा यह हुआ कि लोग हेल्थ को लेकर सीरियस हुए हैं । अब बच्चे से लेकर बड़े तक खुद को हेल्दी और फिट रखने की ओर काम कर रहे हैं । शरीर के अन्य अंगों के साथ ही फेफड़ों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है । प्रदूषण और खराब लाइफस्टाइल का सीधा असर अपने लंग्स पर पड़ता है । इसलिए हमें जरूरत है कि हम अपने लंग्स को सही रखने के लिए इनकी एक्स्ट्रा केयर करें । आज हम आपको 3 ऐसे आसान तरीके बता रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आप अपने फेफड़ों की इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं । नियमित प्राणायाम का अभ्यास नियमित प्राणायाम का अभ्यास फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । प्राणायाम फेफड़ों को डिटॉक्स करने के साथ ही इनकी क्षमता को भी बढ़ाती है । इसके साथ ही लंग्स को हेल्दी रखने के लिए मन का शांत होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि जब हम तनावग्रस्त या चिंतित होते हैं, तो हमारा रेस्पिरेट्री सिस्टम प्रभावित होता है और श्वसन दर बढ़ जाती है, जिससे फेफड़ों पर दबाव पड़ता है । प्राणायाम करने से मन भी शांत होता है और फेफड़े भी स्वस्थ बनते हैं । इसलिए प्रणायाम का नियमित अभ्यास करें । नेचुरल फूड का करें सेवन अधिक मिर्च मसाले या हार्ड फूड का असर आपके लिवर के साथ ही आपके फेफड़ों पर भी पड़ता है । ऐसी चीजों को अवॉइड करना चाहिए जो शरीर में बलगम को बढ़ाते हैं । फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमेशा लाइट और नेचुरल फूड का सेवन करना चाहिए । आंवला, अश्वगंधा, ऐलोवेरा और गिलोय ऐसी चीजें हैं जिनमें प्रचुर मात्रा में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होता है इसलिए इनका सेवन किया जाना चाहिए । प्रदूषित स्थानों से बचें जब से देशभर से लॉकडाउन हटा है उसके बाद से प्रदूषण के स्तर में भी वृ़द्धि देखी गई है । इसलिए कोशिश करें कि आप प्रदूषण के संपर्क में कम से कम आए । जब भी आप घर से बाहर जाए तो मास्क पहनें या अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करें । सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से बचें । तो वहीं, फलों के सेवन से फाइबर भी मिलता है । फाइबर अच्छे पाचन और वेट लॉस के लिए अच्छा होता है । इसीलिए वेट लॉस डायट में फलों को शामिल करना चाहिए । ऐसा ही फल है नाशपाती यानि पियर , यह एक मौसमी फल है जो भारत में बरसात के मौसम में मिलता है । इस रसीले और कुरकुरे फल को खाने से वज़न तो नियंत्रित होता है । साथ ही इससे आपको बालों और स्किन की हेल्थ में भी सुधार होता है । पौष्टिकता से भरपूर है नाशपाती: इस मीठे फल में न्यूट्रिशन से भरपूर कहा जाता है । क्योंकि, इसमें कुछ इसेंशियल और फायदेमंद पोषक तत्व पाए जाते हैं । नाशपाती में पोटैशियम, फिनालिक कम्पाउंड, फोलेटस, कॉपर, मैंगनीज़ जैसे मिनरल्स होते हैं । तो वहीं विटामिन सी का भी इअच्छा स्रोत है नाशपाती । इसमें, विटामिन के, विटामिन बी भी होता है । ये सभी तत्व हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं । क्योंकि, भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है । पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र को डायबिटीज़ की वैश्विक राजधानी कहा जाने लगा है । इससे, इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भविष्य में भारत में डायबिटीज़ की समस्या और गम्भीर हो सकती है । डायबिटीज़ के साथ अन्य कई बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है । जिससे, शरीर की कार्यप्रणालियां प्रभावित होती हैं । डायबिटीज़ के मरीज़ों में किडनी फेलियर, मोटापा और दिल की बीमारियों का रिस्क बहुत अधिक होता है । जैसा कि, हार्ट पेशेंट्स और हार्ट अटैक के मामले भी भारत में बहुत अधिक है । इसीलिए, डायबिटीज़ को कंट्रोल करने के लिए जल्द-से-जल्द और सभी सभी ज़रूरी कदम उठाने चाहिए । क्या हैं डायबिटीज़ के कारण ? डायबिटीज़ के 2 प्रकार हैं-टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज़ । टाइप 1 डायबिटीज़ जन्मजात या अनुवांशिक होते हैं जबकि, टाइप 2 डायबिटीज़ लाइफस्टाइल से जुड़ी ग़लतियों की वजह से होता है । मोटापा, एक्सरसाइज़ ना करना, अनहेल्दी डायट, नींद की कमी और तनाव टाइप 2 डायबिटीज़ के मुख्य कारण बनते हैं । अनहेल्दी लाइफस्टाइल, हायपरटेंशन और डायबिटीज़ दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है । यही वजह है कि डायबिटिक्स को हमेशा ऐसी हेल्दी आदतें अपनाने के लिए कहा जाता है जिनसे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो । हाई ब्लड शुगर वाले लोगों को सबसे पहले अपना ब्लड शुगर नियंत्रित रखने के प्रयास करने चाहिए । इसके लिए नियमित जांच और अन्य डॉक्टरी सलाह माननी चाहिए । वजन कम करें, क्योंकि मोटापा ब्लड शुगर बढ़ाने कंट्रोल करने में एक बड़ी बाधा है । स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए योग-प्राणायाम, खुली हवा और धूप में टहलें । शरीर में विटामिन डी की कमी और विटामिन बी12 की कमी ना होने दें । एक्टिव रहें  दवाइयों का सही समय पर सेवन करें । वर्ल्ड हार्ट डे 202 स्वस्थ हृदय के लिए समय पर एक्सरसाइज और पौष्टिक खानपान का सेवन है जरूरी । World Heart Day 202 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस 2020 मनाया जाता है । इस दिन को सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरूक करना है । हृदय रोग के मरीजों की संख्या दुनियाभर में लगातार बढ़ती जा रही है । डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना महामारी के इस काल में दिल की बीमारी लोगों को ज्यादा नुकसान पंहुचा रही है, जिसकी वजह से कोविड-19 के डर से दिल के मरीज घर में ही रहने के लिए मजबूर हैं । आज हालात ऐसे हो गए कि हार्ट पेशेंट अपना रेगुलर चेकअप करवाने भी हॉस्पिटल नहीं जा पा रहें हैं । गलत खानपान, हर वक्त तनाव में रहना और समय पर एक्सरसाइज न करने की वजह से हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है । युवाओं में बढ़ रहा है हृदय रोग का खतरा 35 से ज्यादा उम्र के युवाओं में भी इनएक्टिव लाइफस्टाइल और खाने की खराब आदतों के कारण दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ रहा है । पिछले 5 साल में दिल की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है । इनमें से अधिकांश 30-50 साल आयु वर्ग के पुरुष और महिलाएं हैं । ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज करनी चाहिए । थोड़ा बाहर घूमना चाहिए, लेकिन कोविड-19 से बचने के उपाय के साथ । साथ ही, नमक, चीनी और ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से बचें । इससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता है । लॉकडाउन में वजन से बढ़ सकता है हार्ट डिजीज कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. डी.के. झांम्ब ने बताया, “लॉकडाउन के दौरान देखा गया था कि लोग तरह-तरह के खाना पकाने और खाने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे थे । नतीजतन, उनका वजन भी बढ़ रहा है । चूंकि, कोरोनवायरस की वैक्सीन या इलाज आने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं, इसलिए हमें आने वाले महीनों में अपने हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए सभी सावधानियों का पालन करना होगा । को समझते हुए आपको उन आहारों को चुनना चाहिए, जो आपके दिल के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए सही हो । फास्ट फूड, जंक फूड, सिगरेट और शराब से दूरी बनाकर रहना चाहिए । कभी भी हो सकता है हार्ड डिजीज सीनियर कार्डियोलोजिस्ट डॉ. संजीव गुप्ता का कहना है कि हार्ट डिजीज किसी भी उम्र में हो सकती है । हालांकि, इनएक्टिव लाइफस्टाइल के कारण हमनें 22 साल के व्यक्ति में हार्ट अटैक का केस देखा है, लेकिन जो लोग कम उम्र में हार्ट अटैक का सामना करते हैं, उनमें बहुत ज्यादा रिस्क फैक्टर होते हैं । इसलिए, हार्ट अटैक को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है 45 मिनट रोज एरोबिक, फिजिकल एक्टिविटी, ताजा फल और सब्जियों से भरपूर डाइट और धूम्रपान से बचने सहित हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं । मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए इन 3 आयुर्वेदिक औषधियों का करें सेवन । शिलाजीत एक शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक औषधि है । 16 आयुर्वेद में सफेद मूसली को बेहद ही फायदेमंद जड़ी-बूटी माना गया है । खासकर, सफेद मूसली पुरुषों में होने वाली कई सेक्सुअल समस्याओं को दूर करती है । इसे एक शक्तिशाली कामोत्तेजक जड़ी-बूटी कहा जाता है । इसका सांइंटिफिक नाम क्लोरोफाइटम बोरीविलियेनम है । इसमें एंटी-माइक्रोबियल, एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं । सफेद मूसली के जड़ से चूर्ण तैयार किया जाता है और इसका ही इस्तेमाल आयुर्वेद में कई रोगों को दूर करने में किया जाता है । मूसली के सेवन से पुरुषों में होने वाली शारीरिक कमजोरी, स्तंभन दोष , नाइट फॉल, नपुंसकता, वीर्य में कमी, प्रीमैच्योर एजैकुलेशन आदि कई सेक्सुअल समस्याओं का इलाज संभव है । जानें, सफेद मूसली के सेहत लाभ क्या-क्या होते हैं.... 26 सफेद मूसली रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है । यदि आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है । ऐसे में इसे मजबूत करने के लिए आप सफेद मूसली के चूर्ण का सेवन दूध के साथ कर सकते हैं । शरीर में ऊर्जा का संचार भी करती है मूसली । कोरोना काल में हम सभी को जरूरी है कि इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखें । इसके लिए उन चीजों का सेवन जरूर करना चाहिए, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं । ये 4 आयुर्वेदिक हर्ब्स इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ ही दूर करती हैं कई शारीरिक और सेक्सुअल समस्याएं आयुर्वेदिक हर्ब्स या जड़ी-बूटियां शारीरिक और मानसिक सेहत को दुरुस्त रखती हैं । हालांकि, कुछ ही जड़ी-बूटियां आसानी से मिल पाती हैं, जिनमें शामिल हैं गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी, आंवला आदि । जानें, इन चारों हर्ब्स के सेहत लाभ... 20-40, 40-60, 60-80 साल के लोगों के लिए हेल्दी हार्ट टिप्स, इन टिप्स से बढ़ेगी उम्र और घटेगा हार्ट अटैक का खतरा एक तरफ, जहां युवा लोग घर के कामकाज में व्यस्त रहते हैं और छोटा सा ब्रेक मिलने के बाद थोड़ी देर के लिए एक्सरसाइज कर लेते हैं वहीं बुजुर्ग लोगों पर घर के भीतर ही रहने का दबाव महसूस कर रहे हैं । इसी दबाव के कारण वह अपनी दैनिक गतिविधियां करने भी बाहर नहीं जा सकते हैं । इसलिए जरूरी हो जाता है कि आप एक नई योजना के साथ अपनी सेहत का ख्याल रखें, खासकर जब महामारी को देश में अभी और लंबे समय तक चलने वाली है । अपने दिल को स्वस्थ रखना बहुत ही जरूरी है क्योंकि हृदय आपके शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसका कार्य उचित पोषण और शारीरिक फिटनेस पर निर्भर करता है । अगर आप सोच रहे हैं कि 20 से लेकर 70 साल की उम्र तक कैसे अपने दिल को फिट रखना है तो इस लेख में हम आपको पूरा प्लान बताने जा रहे हैं । इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप घर पर रहते हुए भी अपने दिल को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं । तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये तरीके । 20-30 साल के लोगों के लिए हेल्दी हार्ट टिप्स * लॉकडाउन डाइट: उम्र चाहे जो भी हो, स्वस्थ दिल के लिए स्वस्थ आहार बहुत जरूरी है । साग, फलों का ज्यादा सेवन और जंक फूड व रेड मीट का सेवन सीमित करना, दिल के लिए अच्छा हो सकता है । पर्याप्त पानी पीना भी उतना ही महत्वपूर्ण है । * एक रूटीन करें फॉलो: सुबह जल्दी उठने, 7 से 8 घंटे की नींद, दिन के दौरान पर्याप्त ब्रेक लेना और सप्ताहांत के दौरान शरीर को आराम देना, आपके जीवन में सामान्यता की भावना लाएगा । * डिजिटली रूप से जुड़े: अलग रहना आपको अवसाद का शिकार बना सकता है, जो आपके दिल को भी प्रभावित करता है । अपने करीबी लोगों को वीडियो कॉल करना, वर्चुअल गेट-अप होना, वर्चुअल लर्निंग सेशन में शामिल होना, ध्यान और योग आपके तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं । * धूम्रपान और शराब से बनाएं दूरी: धूम्रपान से धमनियों में रुकावट के कारण ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है । अत्यधिक शराब पीने से आपकी इम्यूनिटी कम हो जाती है और आपको संक्रमण होने का खतरा होता है । 30-49 साल के लोगों के लिए हेल्दी हार्ट टिप्स * अपने वजन पर नजर दौड़ाएं सप्ताह में एक बार अपना वजन जरूर तोलें और कमर के साइज को सही रखने की कोशिश करें । अपना बीएमआई 18.5 और 24.9 के बीच रखें । * अपने दिल को अधिक पंप करें: कोई भी एक्सरासइज, एक्सरसाइज न करने से कही ज्यादा बेहतर है । अगर आप परिवार के साथ रहते हैं, तो काम के बीच ही कुछ ऐसा करें, जिससे आपका काम और मजेदार हो जाए । दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए सीमित एक्सरासइज करें । * नियमित रूप से ब्रेक लें: समय पर ब्रेक लेना और बागवानी, नई भाषा पढ़ना या सीखना जैसे सरल शौक आपको आराम देने में मदद कर सकते हैं । 50-69 वर्ष के लोगों के लिए हेल्दी हार्ट टिप्स * एक्टिव रहें: लंबे समय तक बैठने से बचें । साधारण घरेलू एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग आपके दिल को एक्टिव रखने में मदद करती है । * जरूरत पड़ने पर चिकित्सीय मदद लें: सीने में दर्द, सांस फूलना, पैरों में सूजन या चक्कर आना को नजरअंदाज न करें । ये हृदय संबंधी बीमारी की शुरुआत का संकेत दे सकते हैं । 70 साल से ऊपर के लोगों के लिए हेल्दी हार्ट टिप्स * निर्धारित दवाएं जारी रखें: जिन लोगों को हृदय संबंधी समस्याएं, डायबिटीज, हाईबीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत है उन्हें अपनी दवाएं जारी रखनी चाहिए । नियमित ऑनलाइन परामर्श की व्यवस्था करें और घर पर ब्लड प्रेशर, शुगर के स्तर को मापने पर विचार करें । * दिल के प्रति जागरूक रहें: दिल का दौरा पड़ने के चेतावनी संकेत जानें । शुरुआत में ही जागरूक रहने से हृदय की आपात स्थितियों में बचाव को मदद मिल सकती है । आयोडीन की कमी के बारे में विस्तार से बात करने से पहले जानते हैं कि आयोडीन का हमारे शरीर में क्या कार्य होता है? आयोडीन एक खनिज है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । यह थायरॉइड ग्रंथि के लिए महत्वपूर्ण खनिज है, जो शरीर के विकास और चयापचय क्रिया को नियंत्रित करता है । हमारा शरीर आयोडीन नहीं बनाता है, इसलिए हमें इसकी पूर्ति बाहर से करनी पड़ती है । शरीर में आयोडीन की आवश्यकता उम्र के आधार पर अलग-अलग होती है । नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, वयस्कों को प्रतिदिन 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है और गर्भावस्था और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रतिदिन 220 से 290 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है । आयोडीन युक्त नमक के सेवन से शरीर को आयोडीन प्राप्त होता है । इसके साथ ही दूध, पनीर, अंडे और सब्जियां भी आयोडीन के अन्य स्रोत हैं । जब से आयोडीन युक्त नमक की शुरुआत हुई है, तब से आयोडीन की कमी बहुत ही कम हो चुकी है । लेकिन रिसर्च के अनुसार, अभी भी कुछ लोगों में आयोडीन की कमी हो सकती है । अमेरिकी थायरॉइड एसोसिएशन के अनुसार, दुनियाभर की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा अभी भी आयोडीन की कमी से जूझ रहा है । लगातार कमजोरी और थकान आयोडीन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो शरीर के हर ऊतक में पाया जाता है । आयोडीन का कार्य थायरॉइड हार्मोन, थायरोक्सिन ट्राईआयोडोथायरोनिन का उत्पादन है । आयोडीन की कमी से थायरॉइड अंडरएक्टिव हो जाता है, जिससे शरीर में थायरॉइड हार्मोन पर्याप्त रूप से नहीं बन पाता है । इसलिए, व्यक्ति हाइपोथायरॉयडिज्म का शिकार हो जाता है । इससे थकान, कब्ज और वजन बढ़ने की समस्या होने लगती है । ड्राई स्किन हाइपोथायरॉयडिज्म के कारण ड्राई स्किन, बालों का झड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी और ठंड जैसी संवेदनशील महसूस होती है । पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हाइपोथायरॉयडिज्म होने का खतरा 8 गुना अधिक होता है, इसलिए यह मुख्य रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता का प्रमुख विषय है । किसी भी उम्र में महिलाएं हाइपरथायरॉयडिज्म की शिकार हो सकती है । हालांकि, पीरियड्स के बाद इसकी संभावना अधिक होती है । गोइटर घेघा, गलकंड या गोइटर एक ऐसी समस्या है, जहां थायरॉयड ग्लैंड का आकार बढ़ जाता है । आयोडीन की कमी के कारण थायरॉयड हार्मोन्स की अधिक जरूरत पड़ने लगती है और उसका उत्पादन भी होता है । इस समस्या से जूझ रहे लोगों को भोजन या पानी निगलने में परेशानी, सांस फूलने और विशेषकर लेटने पर दम घुटने की शिकायत होती है । गर्भावस्थ के दौरान समस्या गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को थायरॉइड हार्मोन की अधिक आवश्यकता होती है । ये थायरॉइड हार्मोन माइलिन बनाते हैं, जो तंत्रिका कोशिकाओं को घेरते हैं और उनकी रक्षा करते हैं, जिससे उन्हें ठीक से संचार करने में मदद मिलती है । आयोडीन की कमी के कारण गर्भपात और स्टिलबर्थ होने का खतरा अधिक होता है । आयोडीन की कमी भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि यह भ्रूण के न्यूरोलॉजिकल विकास को बाधित करता है । गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी के कारण शिशु को मस्तिष्क क्षति होने की संभावना होती है । असामान्य वजन बढ़ाना शरीर में आयोडीन की कमी के कारण शरीर का वजन बढ़ सकता हैं । ऐसे में अधिकतर समय थकान महसूस होने लगती है । भले ही आप ठीक क्यों ना दिखें, लेकिन इससे शरीर पर बहुत ही बुरा असर पड़ने लगता है । आयोडीन से भरपूर फूड्स छिलका सहित आलू खाएं, क्योंकि इसके छिलके में आयोडीन, पोटैशियम और विटामिन अधिक होता है । दूध में कैल्शियम के अलावा आयोडीन और विटामिन डी दोनों होता है । इनसे हड्डियों को मजबूती मिलती है । मुन्नका भी आयोडीन का एक बेहतर स्रोत है । प्रतिदिन 4-5 मुन्नका खाने से विटामिन ए, आयोडीन और फाइबर प्राप्त होगा । दही में भी कैल्शियम के अलावा आयोडीन होता है, जो दिन भर आयोडीन की जरूरतों को पूरा करता है । साथ ही इसमें गुड बैक्टीरिया भी होते हैं, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं । व्हाइट राइस की जगह ब्राउन राइस खाएं । इसमें घुलनशीन फाइबर होता है, जो रक्त में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है । ब्राउन राइस खाने से शरीर में आयोडीन की कमी नहीं होगी । Proven Side Effects of Ashwagandha in Hindi अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है । इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है । कई आयुर्वेदिक नुस्खों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है । यह सेक्स पावर को भी बढ़ता है । इसके सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है । इतना ही नहीं यह अर्थराइटिस और डाइजेशन की समस्या से भी राहत दिलाता है । हालांकि, इसके जितने फायदे हैं, उतने ही इसके नुकसान भी हैं, खासकर तब जब आप इसका अधिक सेवन करने लगते हैं । अश्वगंधा के नुकसान क्या हैं – इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से यह गैस, उल्टी, दस्त, ज्यादा नींद आना जैसी समस्या पैदा कर सकता है । -अश्वगंधा में मौजूद कम्पाउंड दिमाग को एक्टिव करते हैं । यदि आपको नींद नहीं आती या आप इन्सोम्निया की समस्या है तो रात के समय अश्वगंधा खाने से बचें । यह नींद में बेचैनी या नींद न आने की समस्या उत्पन्न कर सकता है । – इससे आप बेशक कई बीमारियों से बचे रहते हैं लेकिन अधिक इस्तेमाल से आपके अंदर बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम भी हो सकती है । कई बार दवाओं का असर भी नहीं होता यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है । – जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उन्हें अश्वगंधा लेने से बचना चाहिए । ऐसा इसलिए, क्योंकि यह बीपी को और कम कर सकता है । – डायबिटीज के रोगियों के लिए अश्वगंधा बहुत फायदेमंद होता है लेकिन तब, जब आप डायबिटीज की दवाएं नहीं ले रहे हैं । अगर आप दवाओं के साथ अश्वगंधा का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह काफी नुकसानदायक हो सकता है । उन्हें भी अश्वगंधा लेने से बचना चाहिए जिनका शुगर लेवल कम हो । इससे शुगर लेवल और भी ज्यादा कम हो सकता है । – अश्वगंधा की पत्तियों का ज्यादा इस्तेमाल आपके पेट के लिए हानिकारक हो सकता है । इससे पेट में दर्द, दस्त, उल्टियां, पेट गैस जैसी समस्यां हो सकती हैं । – कुछ लोगों के शरीर पर इसका उल्टा रिएक्शन होता है । इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिस कारण आपको बुखार, शरीर दर्द, हो सकता है । अगर आपको ऐसी समस्याएं हो रही हैं, तो आप अश्वगंधा के इस्तेमाल को बंद कर दें । – थाइरॉयड में अश्वगंधा के सेवन से हार्मोन के लेवल को बढ़ा सकता है । अगर थाइरॉयड के मरीज इसे लेते हैं तो प्रॉब्लम और बढ़ सकती है । – प्रेगनेंसी में कुछ भी खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लेना ही समझदारी है । गर्भावस्था में अश्वगंधा के सेवन से बचें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है । प्रेग्नेंसी में अश्वगंधा लेने से एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जो ब्लीडिंग या सिरदर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है । अदरक के सेवन के हेल्दी फायदे यही नहीं, अदरक इन बीमारियों के उपचार और जल्द रिकवरी में मदद करता है । ब्लड शुगर लेवल करे कंट्रोल सर्दियों का मौसम डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए मुश्किलभरा होता है । दिल की बीमारियों का रिस्क करे कम हेल्दी हार्ट के लिए भी अदरक का सेवन कारगर है । क्या हरी घास पर टहलने से बढ़ती है आंखों की रोशनी? जानें नज़र तेज़ करने के कुछ आयुर्वेदिक तरीके हमारी आंखें ना केवल शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है बल्कि, यह हमारी सेहत का आइना भी कहा जा सकता है । लाइफस्टाइल और डायट से जुड़ी अच्छी आदतें आंखों की सेहत को भी बेहतर रखती हैं । लेकिन, काम की भागदौड़ और व्यस्त लाइफस्टाइल के बीच लोग कई बार अपनी आंखों की हेल्थ के बारे में नहीं सोचते । हेल्दी आंखों के लिए टिप्स संतुलित डायट लें: डायट हमारी आंखों को सेहतमंद रखती हैं । घर में मौजूद साधारण सी चीज़ों के सेवन से ही आपकी आंखों को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो सकते हैं । बस सावधानी से अपने भोजन का चयन करें । आप अपने दैनिक आहार में पालक, शलजम, ब्रोकोली,  मक्का, मटर और एवोकाडो जैसी चीज़ें शामिल करें । दरअसल, इनमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों की सेहत बढ़ाते हैं । हरी घास पर चलें आपने भी अक्सर घर के बड़े-बुज़ुर्गेो से सुना ही होगा कि सुबह-शाम घास पर चलना सेहत के लिए अच्छा होता है, खासकर हमारी आंखों के लिए । दरअसल, हमारे पैरों में मौजूद प्रेशर पाइंट्स सीधे आंखों की नसों से जुड़े होते हैं । जब आप नंगे पांव घास पर चलते हैं तो ये प्रेशर पॉाइंट्स एक्टिवेट हो जाते हैं । जिससे, आंखों की सेहस में सुधार होता है । आंखों को छूने बचें बार-बार आंखों को छूने, रगड़ने या हाथ लगाने से आंखों को नुकसान हो सकता है । यह आदतें कोविड-19 संक्रमण का भी रिस्क बढ़ाती हैं । वहीं, आंखों में इंफेक्शन होने का भी डर बढ़ता है । इसीलिए ऐसा करने से बचें । स्क्रीन टाइम रखें कम वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों को बहुत अधिक समय लैपटॉप, मोबाइल और कम्प्यूटर के सामने बिताना पड़ रहा है । वहीं, बहुत देर तक टीवी देखने की आदत भी आंखों पर बुरा असर डालती हैं । इससे, ड्राई आईज़ की समस्या हो सकती है । साथ ही जलन, आंखों में लाली और चुभन जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं । हेल्दी आंखों के लिए ऐसा करने से बचें । काम करते समय थोड़ी-थोड़ी देर बाद ब्रेक लें, आंखों को 2 मिनट बंद करके शांति से बैठें । साथ ही ज़रूरत से अधिक समय तक मोबाइल या टीवी ना देंखें । तेजी से वजन घटाना है तो रोज करें इस दाल का करें सेवन, शरीर को मिलेंगे और भी कई लाभ भारत में दाल का सेवन बहुत सामान्य है । आमतौर पर दाल का सेवन चावल और रोटी के साथ किया जाता है । दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कई तरह के विटामिंस सहित पोषक तत्व पाए जाते हैं । मूंग की दाल एक ऐसी दाल है जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं । अमूमन बच्चे दाल खाने से आनाकानी करते हैं, लेकिन मूंग की दाल को बच्चे भी बड़े चाव से खाते हैं । यह दाल शरीर को कई रोगों से बचाने के साथ ही वजन को संतुलित रखने में भी मदद करती है । ऐसे में जो लोग अपने वजन को लेकर काफी कान्शियस रहते हैं उन्हें अपनी डाइट में मूंग की दाल को शामिल करना चाहिए । यह दाल वजन को मेनटेन रखने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य रखने के साथ ही एनर्जी लेवल को भी तेजी से बढ़ाने में मदद करती है । वजन कम करने के लिए मूंग की दाल मूंग की दाल मैंगनीज, फोलेट, फास्फोरस, आयरन, जिंक और पोटेशियम से भरपूर होती है । इसमें फाइबर की भी उच्च मात्रा होती है जो आपको ओवरईटिंग से बचाती है । इसकी प्रोटीन सामग्री मांसपेशियों के निर्माण और आपकी हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करती है । आपको बता दें कि दाल और चावल का मिश्रण हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है, क्योंकि इनमें सभी अमीनो एसिड होते हैं और ये बॉडी को पूरी तरह से प्रोटीन देते हैं । इसके अलावा, मूंग दाल पाचन के लिए भी अच्छी होती है । अगर आप वजन कम करना चाहते हैं आपको अपनी डाइट में मूंग की दाल को शामिल करना चाहिए । अगर आपको इसकी दाल पसंद नहीं है तो आप मूंग दाल को स्प्राउट्स या चीले के रूप में भी खा सकते हैं । मूंग की दाल के अन्य लाभ 1. मूंग की दाल के सेवन से ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद मिलती है । इस दाल में भरपूर मात्रा में फाइबर, पोटेशियम और मैग्नेशियम होता है । फाइबर आंतों से गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है । इसके साथ ही अगर आपको पेट से संबंधित कोई भी समस्या होती है, तो डॉक्टर्स भी आपको मूंग की दाल खाने की सलाह देते हैं । क्योंकि इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है । 2. मूंग की दाल का सेवन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो अपना वजन तेजी से कम करना चाहते हैं । वजन को कम करने के लिए डाइट में हाई प्रोटीन को शामिल करना जरूरी होता है । ऐसे में मूंग की दाल आपके लिए काफी अच्छा डाइट हो सकता है । हाई प्रोटीन भोजन करने से भूख कम लगती है । इससे आप अपने बढ़ते वजन को काफी कंट्रोल में कर सकते हैं । 3. जब बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से नहीं होता है तो कई तरह की दिक्कतें होने लगती है । मूंग की दाल का सेवन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है । इसमें, आयरन की मात्रा अधिक होती है और आयरन की मौजूदगी से रेड ब्लड सेल्स का निर्माण तेज़ होता है । जिससे एनिमिया, थकान और कमज़ोरी जैसी परेशानियां कम होती हैं । 4. यह ऐसी दाल है जिसके नियमित सेवन से डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी भी दूर होती है । यह एक एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है । इसका मतलब है कि मूंग खाने से शरीर में इंसुलिन, ब्लड शुगर और फैट लेवल कम होता है । 5. मूंग दाल से इम्युनिटी भी बढ़ती है और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है । ऐसे में मूंग की दाल आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है । मूंग की दाल मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में काफी मददगार होता है । जिससे एसिडिटी, कब्ज, मरोड़ और अपच की समस्या को कंट्रोल में रहती है । खाली पेट गुड़-पानी पीने के हेल्दी फायदे दरअसल, गुण में विटामिन बी1, विटामिन बी6, विटामिन सी के अलावा मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम जैसे तत्व होते हैं । डायजेस्टिव सिस्टम होता है बूस्ट कमज़ोर पाचन की वजह से लोगों को पेट से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं । ओरल हेल्थ में होता है सुधार जिन लोगों को मसूड़ों में अक्सर दर्द और सूजन की शिकायत होती है उन्हे गुड़ खाना चाहिए । नींद न आने की परेशानी होगी कम कई लोगों को रात में ठीक से सोने में बहुत अधिक परेशानी होती है । देखने में छोटे-छोटे मेथी के दाने गुणों का खजाना होते हैं । मेथी का यूज ज्यादातर सब्जी, तड़का मारने, मछली आदि बनाने में किया जाता है । मेथी के सौंदर्य लाभ भी कई हैं । यह बालों को जड़ से मजबूत बनाता है । रूसी की समस्या दूर होती है । बेशक मेथी का स्वाद कड़वा या तीखा होता है, लेकिन इसे अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए । खासकर, डायबिटीज रोगियों को शुगर लेवल कम करने के लिए इसका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए । मेथी दाना, मेथी का पानी, मेथी का साग या पत्ते ये सभी पौष्टिक होते हैं । मेथी में कई तरह के औषधीय गुण और सेहत लाभ होते हैं, जिन्हें आप जरूर जानें । मेथी में होते हैं कई पोषक तत्व- मेथी में प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, पोटैशियम, विटामिन सी, आयरन आदि अधिक मात्रा में होते हैं । इसमें गैलेक्टोमैनन और डाओस्जेनिन नाम का कम्पाउंड होता है, जो सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन को बढ़ाता है । इस तरह से मेथी पुरुषों में होने वाली कई सेक्सुअल समस्याओं को भी दूर करती है । यौन क्षमता को बढ़ाती है । वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन स्टडी पहुंचा रहा है लोगों की आंखों को नुकसान, बढ़ रही है कम्प्यूटर विज़न सिंड्रोम की समस्या लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपनी ज़िंदगी अपने कमरे और अपने घर तक ही सीमित कर ली है । अब लोग वर्क फ्रॉम होम करते हैं और घर पर ही कम्यूटर की मदद से अपने दफ्तर के काम और कारोबार को आगे बढ़ाते हैं, लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं । साथ ही मनोरंजन के लिए मल्टीप्लेक्स जाना संभव ना होने की वजह से लोग घर टीवी और आनलॉइन प्लेटफॉर्म्स पर फिल्में देख रहे हैं । इस सबकी मदद से सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से सुरक्षित रहने में तो मदद हो रही है । लेकिन, इतनी देर ऑनलाइन रहने से लोगों को कम्प्यूटर विज़न सिंड्रोम जैसी समस्याएं होने लगी हैं । क्या है कम्प्यूटर विज़न सिंड्रोम ? कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम आंखों से जुड़ी समस्या है । जो, बहुत अधिक स्क्रीन टाइम की वजह से होती है । फोन, टीवी और कम्प्यूटर के सामने बहुत अधिक समय बिताने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है । एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोरोना वायरस के बाद बनी स्थितियों की वजह से ऑनलाइन रहने वालों की संख्या में 75 फीसदी बढ़ोतरी हुई है । इसीलिए, लॉकडाउन के दौरान इस समस्या से परेशान लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है । क्या हैं कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम के लक्षण : आंखों में लाली और जलन महसूस होना आंखों में तकलीफ, दर्द और तनाव भारी सिर दर्द या लगातार धीरे-धीरे महसूस होने वाला दर्द नज़र में धुंधलापन ड्राई आईज़ बैक पेन गर्दन और कंधों में दर्द और भारीपन ध्यान केंद्रित करने में दिक्कतें ऐसे रखें आंखों का ध्यान जब भी कम्प्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप के सामने जब भी काम करें तो, एंटी-ग्लेयर चश्में पहनें । अपने लैपटॉप की स्क्रीन को थोड़ा दूर ही रखें ताकि, आंखों पर लैपटॉप की रोशनी कम से कम पड़े । आंखों को बार-बार पलकें झपकाएं । इस तरह पलकें झपकाने से ड्राई आइज़ की समस्या कम होती है । जितना ज़रूरी हो उतनी ही देर कम्प्यूटर का प्रयोग करें । कम्प्यूटर के सामने बैठते समय अपने बॉडी पॉश्चर का भी ध्यान रखें । काम करते समय एक बार में 30-35 मिनट के लिए ही लगातार स्क्रीन पर देखें । उसके बाद 3-4 मिनट का ब्रेक लें । 2 घंटे लगातार स्क्रीन पर देखने के बाद खुद को15 मिनट का आराम अवश्य दें । काम के दौरान बीच-बीच में थोडी देर उठें और आसपास टहलें । बाल्कनी के बाहर पेड़-पौधों को देखें । भारत में कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है । स्वास्थ मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में मरीजों की संख्या पहुंचकर 92,22,216 चुकी है, जिसमें कुल एक्टिव केसेज 4,44,746  हैं । अब तक 1,34,669 लोगों की मौत और 8,642,771 लोगों का उपचार हो चुका है और उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है । Diwali 202 दिवाली पर सभी ढेर सारी मिठाइयों की खरीदारी करते हैं, लेकिन कई बार फेस्टिव सीजन में मिलावटी मिठाइयों की बिक्री भी खूब होती है । नमक से दांत साफ करने से मिलती है दांत दर्द और बैक्टेरिया से राहत, यह है दांतों पर नमक लगाने के फायदे और नुकसान अक्सर दांतों मे दर्द होने पर लोग अपने टूथपेस्ट पर नमक छिड़ककर दांतों की सफाई करते हैं । इसके अलावा भी नमक कई प्रकार से ओरल हेल्थ को बेहतर बनाता है । आपने भी कई बड़ी कम्पनियों को यह दावा करते देखा होगा कि उनके टूथपेस्ट में नमक है । इसके पीछे सदियों पुराने वह आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे है जिनमें नमक को दांतों और ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से आराम के लिए इस्तेमाल किया जाता था । दरअसल, नमक से दांतों या मुंह की सफाई करने से मुंह का पीएच लेवल बेहतर बनता है जिससे, मुंह में बैक्टेरिया नहीं जम पाते । इसके अलावा भी नमक और पानी से मुंह साफ करने के कई फायदे हैं जैसे- सांसों की बदबू से राहत पाने के लिए नमक को एक गिलास पानी में घोलें और इससे गार्गल करें । दांतों के दर्द से मिलता है आराम, नमक और पानी से गार्गल करने से दांतों का दर्द कम होता है । इंफेक्शन्स का खतरा भी कम करता है नमक और पानी का मिश्रण । खासकर, किसी किसी प्रकार की डेंटल सर्जरी कराने के बाद पानी और नमक से गरारे करने से आराम मिलता है और इंफेक्शन का खतरा भी कम होता है । दांतों का पीलापन भी कम करता है नमक । इसके लिए आप बेकिंग सोडा और नमक के मिश्रण से दांतों की सफाई करें । इसके लिए टूथब्रश की मदद से दांतों को हल्के-हल्के मलें । इससे दांतों के ऊपर जमी पीली परत धीरे-धीरे कम होने लगेगी । दांतों में नमक लगाने से दांतों को फायदे के साथ-साथ नुकसान का भी डर होता है । नमक का अधिक इस्तेमाल हो सकता है नुकसानदायक भले ही घरेलू नुस्खों में दांतों की सफाई के लिए नमक का इस्तेमाल होता है । लेकिन, रोज़-रोज़ दांतों की सफाई नमक से करने से मुंह की अंदरूनी त्वचा को नुकसान पहुंचता है । दरअसल, हमारे मुंह में एक बहुत ही पतली झिल्ली होती है, जो मुंह के अंदर मौजूद नाजुक सेल्स और हमारे मसूड़ों को नर्म और हेल्दी रखते हैं । लेकिन, जब आप नमक से बार-बार मुंह की सफाई करते हैं तो यह लेयर सूख जाती है और वहां की त्वचा को नुकसान पहुंचता है । जैसा कि दांतों को स्ट्रॉन्ग बनाए रखने में कैल्शियम ज़रूरी है । जब आप बहुत अधिक नमक दांतों पर घिसते हैं तो इससे, दांतों की को नुकसान पहुंचाता है और कैल्शियम की मात्रा भी कम होने लगती है और दांत कमज़ोर होने लगते हैं । इसी तरह कई बार नमक से मसूड़ों में घाव हो जाते हैं या मसूड़ो छिल जाते हैं । कई बार इनमें दर्द भी होता है और ठंडा पानी पीने, गर्म चाय पानी पीने या कुछ खाने से इन घावों में दर्द होने लगता है । रोज सुबह खाली पेट लहसुन क्‍यों खाना चाहिए? जानिए क्‍या है लहसुन खाने का सही तरीका और फायदे जब भारतीय व्यंजनों के बारे में बात की जाती है, तो लहसुन की बात करना जरूरी हो जाता है । लहसुन को भोजन में स्वाद जोड़ने के लिए व्‍यापक रूप से उपयोग किया जाता है । इसका तीखा स्वाद और विशिष्ट सुगंध मुख्य रूप से ऑलिसिन और एज़ीन सहित ऑर्गोसल्फ़र यौगिकों की उपस्थिति के कारण होती है । लेकिन लहसुन का उपयोग केवल खाना पकाने तक सीमित नहीं है । यह प्राचीन और आधुनिक इतिहास के माध्यम से एक दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया गया है । सर्दी, खांसी, उच्च रक्तचाप, गठिया, दांत दर्द, कब्ज और संक्रमण जैसे स्वास्थ्य समस्‍याओं से निपटने के लिए लहसुन की लौंग का विभिन्न तरीकों से सेवन किया जाता है । लहसुन खाने का सबसे अच्छा तरीका दो कली लहसुन लें, उनकी स्किन को छीलें और सिल बट्टे पर या ओखली में कूट लें । रोजाना उन्हें सुबह खाली पेट लें और उसके बाद एक गिलास पानी पिएं । खाली पेट 2 लौंग से ज्यादा लहसुन का सेवन न करें और अगर आपको उल्टी, मतली और कब्ज जैसा महसूस होता है तो सुबह लहसुन खाने से बचें । गर्भवती महिलाओं, बच्चों, रक्तस्राव विकार, डायबिटीज, निम्न रक्तचाप और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस घरेलू उपचार की कोशिश नहीं करनी चाहिए । सुबह खाली पेट लहसुन क्‍यों खाना चाहिए: लहसुन के स्वास्थ्य लाभ कच्चे लहसुन का सेवन करने से सांसों में बदबू और जलन हो सकती है । लेकिन इससे आप अपनी इम्‍यूनिटी को बढ़ा सकते हैं । यह कैलोरी में कम और विटामिन सी, विटामिन बी 6 और मैंगनीज में समृद्ध है । जब एक लहसुन की लौंग को काटा, कूटा या चबाया जाता है तो इसके अधिकांश स्वास्थ्य लाभ इसके यौगिकों द्वारा उत्पन्न होते हैं । यह यौगिक पाचन तंत्र से शरीर में प्रवेश करता है और पूरे शरीर में पहुंचता है, जहां यह अपने जैविक प्रभाव डालता है । प्रतिरक्षा को बढ़ाता है सुबह 4-5 लहसुन लौंग खाने से आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है । इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मुक्त कणों और बीमारी पैदा करने वाले विदेशी रोगजनकों से लड़ने में मदद करते हैं । कुचल लहसुन में एलिसिन होता है, लहसुन में मुख्य सक्रिय तत्व होता है जो आपके आंतरिक रक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है । आंतों को स्वस्‍थ रखता है अच्छा आंत स्वास्थ्य और वजन घटाने एक दूसरे से जुड़े हुए हैं । आपके आंत में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या में सुधार के लिए लहसुन से बेहतर कुछ नहीं है । एक स्वस्थ आंत वजन घटाने की प्रक्रिया को गति देता है और दस्त और कब्ज जैसे पेट से संबंधित मुद्दों को रोकता है । शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए कच्चे लहसुन का सेवन आपके डिटॉक्स जूस से बेहतर है । इसमें मौजूद सल्फहाइड्रील यौगिक शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाल सकता है और टाइफस, मधुमेह, अवसाद और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी बीमारियों को होने से पहले ही रोक सकता है । अपनी त्वचा को बेहतर बनाएं सर्दियां में सूखी और खुजली वाली त्वचा आम है । त्वचा से संबंधित बीमारियों से बचाव का एक प्रभावी तरीका है कि सुबह खाली पेट लहसुन खाया जाए । साफ और कोमल त्वचा के लिए रोज सुबह लहसुन खाएं । उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है कच्चा लहसुन भी उच्च रक्तचाप के लक्षणों से लड़ने में मदद कर सकता है । इस औषधि में एलिसिन, डायलील डाइसल्फ़ाइड, डायलील ट्राईसल्फ़ाइड जैसे सल्फर युक्त यौगिकों की मौजूदगी आपके रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है । सर्दियों में खांसी-ज़ुकाम और फ्लू से आराम दिलाएगा अदरक, जानें इस आयुर्वेदिक औषधि के अन्य हेल्दी फायदे Ginger कुछ लोगों को भोजन का स्वाद तब तक नहीं आता जब तक कि उसमें अदरक और लहसुन का पेस्ट ना मिलाया जाए । अदरक ना केवल खाने की लज़्ज़त बढ़ाता है, बल्कि, यह खाने को पचने में आसान भी बनाता है । अदरक डायजेशन के लिए हमेशा से प्रयोग की जाने वाला एक कॉमन नुस्खा भी है । यह डायजेशन से जुड़े समस्याएं जैसे, गैस, पेट दर्द,  पेट फूलना या ब्लोटिंग, खट्टी डकारें और पेट में भारीपन आदि से आराम दिलाता है । इसके अलावा यह कुछ मौसमी बीमारियों को भी कम करता है । अदरक के सेवन के हेल्दी फायदे कैंसर से सुरक्षा कुछ स्टडीज़ का दावा है कि अदरक का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर का ख़तरा कम होता है । यही नहीं, अदरक इन बीमारियों के उपचार और जल्द रिकवरी में मदद करता है । कुछ समय पहले जर्नल ऑफ बायोमेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी में एक रिसर्च पेपर के परिणाम छापे गए । इस रिसर्च के अनुसार, अदरक के पौधे में कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो, ब्रेस्ट कैंसर को फैलने से रोकते हैं । यह हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचने से भी रोकता है । ब्लड शुगर लेवल करे कंट्रोल सर्दियों का मौसम डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए मुश्किलभरा होता है । इसीलिए, इस मौसम में आपको अदरक का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है । कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च में बताया गया कि, अदरक के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज़ को ब्लड शुगर मैनेजमेंट में आसानी होती है । कुछ स्टडीज़ के अनुसार, अदरक डायबिटीज़ से जुड़ी कॉम्प्लिकेशन्स को भी कम करता है । साथ ही नर्वस सिस्टम, किडनी और लिवर को भी हाई ब्लड शुगर के दुष्परिणामों से बचाता है । दिल की बीमारियों का रिस्क करे कम हेल्दी हार्ट के लिए भी अदरक का सेवन कारगर है । सदियों से दिल की सेहत अच्छी रखने के लिए अदरक का सेवन किया जाता रहा है । चीन की पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों में अदरक को कई बीमारियों के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है । दिल की बीमारियों का रिस्क कम करने के लिए अदरक के तेल का सेवन किया जाता है । कुछ स्टडीज़ में यह भी कहा गया है कि अदरक का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है । साथ ही यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने का भी काम करता है । जिससे, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है । इसके अलावा सर्दियों में अदरक का सेवन इन समस्याओं से भी आराम दिलाता है- सर्दी-खांसी होने पर अदरक वाली चाय पीने से आराम मिलता है । अदरक सर्दियों में होने वाले जॉइंट पेन और आर्थराइटिस के लक्षणों से आराम दिलाता है । पाचन तंत्र को उत्तेजित कर सर्दियों में यह पेट की समस्याएं कम करता है । अकड़न और दर्द से आराम दिलाता है । एंग्जाइटी या बेचेनी होने पर इस तरह करें अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल का यूज़, तुरंत मिलेगा आराम अश्वगंधा को आयुर्वेद में एक जादुई जड़ी बूटी कहा जाता है, क्योंकि इसमें कई रोगों को खत्म करने की क्षमता होती है । अश्वगंधा के औषधीय गुण कई विकारों से छुटकारा दिलाते हैं । कई सालों से इस आयुर्वेदिक बूटी का इस्तेमाल तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी और शरीर के दर्द के लिए किया जा रहा है । इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, आयरन और अमीनो एसिड की प्रचुरता विकारों को दूर करने का काम करती है । अश्वगंधा की तरह ही, अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल भी बहुत प्रभावी होता है । इसमें मौजूद गुण नर्व्स को रिलैक्स कर शरीर को तुरंत आराम देते हैं । तनाव, नींद की समस्या और एंग्जाइटी होने पर इस तेल को लगाने से तुरंत आराम मिलता है । अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल का रंग हल्का भूरा होता है और इसे अश्वगंधा की जड़ को सुखाकर बनाया जाता है । लेकिन आपको ये बाजार में आसानी से मिल जाएगा । आज हम आपको इस तेल के एंग्जाइटी में लाभ के साथ ही इसके अन्य लाभों के बारे में भी बता रहे हैं । स्ट्रेस के लिए अश्वगंधा या अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल यूं तो अश्वगंधा के कई लाभ है जिनमें से एक है स्ट्रेस या एंग्जाइटी से छुटकारा दिलाना । अश्वगंधा कोर्टिसोल के उच्च स्तर को रोकता है, जो कि एक तनाव पैदा करने वाला हार्मोन है । अश्वगंधा का प्रयोग ट्रैंक्विलाइज़र और अवसादरोधी दवाओं में उपयोग किया जाता है । इसके सेवन से सिर दर्द, एंग्जाइटी और बेचेनी को दूर करने में मदद मिल सकती है । अश्वगंधा के साथ ही अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल का प्रयोग भी लोग सालों से स्ट्रेस और एंग्जायटी दूर करने के लिए करते आते हैं । जब आप स्किन पर अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल लगाते हैं तो ये इसके गुण मसल्स और टिशूज को रिलैक्स कर तुरंत ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं । इस प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति का स्ट्रेस और शरीर की बेचेनी तुरंत कम हो जाती है । इस तरह करें अप्लाई जब आप अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल को अपनी ​स्किन पर लगाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपको इसे डायरेक्ट नहीं लगाना है बल्कि किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर लगाना है । उदाहण के लिए एक चम्मच नारियल के तेल में 5 से 6 बूंदें अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल की मिलाएं और फिर इसे स्किन पर अप्लाई करें । जब इसे लगाएं तो हल्के हाथों से कुछ देर तक मसाज करें । आपको कुछ देर में ही आराम मिल जाएगा । अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल के अन्य लाभ 1. अश्वगंधा में नेचुरल एंटी इन्फ्लामेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं जो जोड़ों और मांसपेशियों की सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं । इसका प्रयोग ​गठिया मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है । इस तेल से प्रभावित क्षेत्र के आसपास की त्वचा में मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है । 2. बिना महंगे विटामिन और खनिजों का सेवन किए बिना भी आप नेचुरल तरीके से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकते हैं । और इस चीज को पूरा करने में अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल आपकी मदद कर सकता है । अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल आपकी बॉडी से टॉक्सिंस और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है, जो बीमारी का कारण बन सकता है । 3. अनिद्रा के इलाज में भी अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल को काफी प्रभावी माना जाता है । यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, तनाव कम करता है और नींद से छुटकारा दिलाता है । आप सोने से पहले 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर को दूध के साथ ले सकते हैं । या आप अश्वगंधा एसेंशियल ऑयल को किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर अपने माथे की हल्की मालिश भी कर सकते हैं । सर्दियों में खाली पेट पीएं तुलसी का पानी, बढ़ेगी इम्यूनिटी और फेफड़े बनेंगे हेल्दी Tulsi Water विभिन्न रिसर्च और स्टडीज़ में यह पाया गया है कि तुलसी कई वायरल बीमारियों और हेल्थ प्रॉब्लम्स के इलाज में कारगर है । सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने के फायदे बॉडी डिटॉक्स का नैचुरल तरीका भोजन के साथ शरीर में बहुत-से नुकसानदायक तत्व भी पहुंच जाते हैं । इन विषैले तत्वों से शरीर के अंदरूनी अंग जैसे किडनी, आंत और रक्त में जमने लगते हैं । सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने सि आपके शरीर में अटके विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद होती है । तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स डायजेस्टिव सिस्टम और किडनियों को हेल्दी रखते हैं, उनकी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं और शरीर को इंफेक्शन्स से बचाते हैं । फेफड़े बनते हैं स्वस्थ सांस से जुड़ी बीमारियों और फेफड़ों की समस्याएं कम करती है तुलसी । आयुर्वदिक औषधिय गुणों से भरपूर तुलसी के अर्क वाला पानी पीने से  छाती में जमा बलगम साफ होता है । इसी तरह सर्दी-ज़ुकाम, खांसी, गले में खिचखिच या दर्द को भी कम करता है तुलसी का सेवन । तुलसी का पानी पीने से सांस लेने से जुड़ी परेशानियों और अस्थमा जैसी बीमारियों से भी आराम मिलता है । दरअसल, तुलसी में एलर्जी रोकने वाले तत्व होते हैं जो सर्दियों में होने वाली एलर्जिक बीमारियों से आराम दिलाते हैं । तनाव होता है कम स्ट्रेस लोगों की ज़िंदगी का एक हिस्सा बनता जा रहा है । ऑफिस का काम, पैसों की तंगी,  घर की ज़िम्मेदारियों के अलावा रोज़मर्रा के कई कारणों से लोगों को तनाव महसूस होता है । ऐसे में तुलसी का पानी पीने से आपको आराम हो सकता है । कुछ रिसर्च का दावा है कि तुलसी की पत्तियों में तनाव और चिंता कम वाले तत्व होते हैं । ब्रेन फंक्शन तुलसी का पानी पीने से मानसिक तनाव से राहत तो मिलती ही है । साथ ही यह  ब्रेन फंक्शन भी बढ़ाता है । खाली पेट तुलसी का पानी पीएं या तुलसी की कुछ पत्तियां चबाएं । इससे, आपके  मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ेगी । इसी तरह रोज़ाना सुबह तुलसी का पानी पीने से ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर लेवल्स को भी नियंत्रित करने में मदद होती है । जिससे, आपके लिए स्वस्थ और चिंतामुक्त रहना आसान होता है । सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने के फायदे बॉडी डिटॉक्स का नैचुरल तरीका भोजन के साथ शरीर में बहुत-से नुकसानदायक तत्व भी पहुंच जाते हैं । फेफड़े बनते हैं स्वस्थ सांस से जुड़ी बीमारियों और फेफड़ों की समस्याएं कम करती है तुलसी । तनाव होता है कम स्ट्रेस लोगों की ज़िंदगी का एक हिस्सा बनता जा रहा है । ब्रेन फंक्शन तुलसी का पानी पीने से मानसिक तनाव से राहत तो मिलती ही है । लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है गोखरू, जानें इसे आयुर्वेदिक बूटी के गुण क्या बार-बार पेशाब करते समय आपको जलन या दर्द होता है? यदि हां, तो यह साफ संकेत करता है कि आपकी किडनी सही नहीं है या आपको यूटीआई, गुर्दे की पथरी या फिर गुर्दे से संबंधी कोई बीमारी है । आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के लिए कई प्रकार की जड़ी-बूटियां हैं । आइए हम आपको कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं जो किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं । आज हम आपको कुछ ऐसी जड़ी बूटी बता रहे हैं जो न केवल किडनी और लिवर फंक्शन को बेहतर करेंगी बल्कि किडनी और लिवर से संबंधित समस्याओं का इलाज भी कर सकती हैं । ब्यूटिया पलाश को अंग्रेजी में Butea monosperma के नाम से जाना जाता है । यह एक ऐसा पेड़ है जिसके फूल लाल-नारंगी शेड के साथ चमक वाले होते हैं, जिन्हें किडनी के कार्य को बेहतर बनाने के लिए हर्बल चाय के रूप में लिया जा सकता है । ब्यूटा एक पेड़ है, जिसके फूलों को सूखने पर जड़ी-बूटियों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है । इन चमकीले लाल-नारंगी फूलों में एक ऐसा तत्व भी होता है जो पेशाब के प्रवाह को नियंत्रित कर जलन को कम करता है । पज़लग्रास पज़लग्रास जिसे हिंदी में पहेलीग्रास भी कहते हैं, इसमें एक अल्कलॉइड होता है, जो गुर्दे के स्वास्थ्य को बेहतर करता है और साथ ही गुर्दे की प्रणाली में भी सुधार करता है । इतना ही नहीं, पज़लग्रास किडनी में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालने में भी मदद करता है । गोखरू यूटीआई संक्रमण और मूत्र संबंधी जलन सहित किडनी के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए गोक्षुरा वृक्ष की छाल बहुत उपयोगी मानी जाती है । यह गुर्दे की पथरी को खत्म करने के लिए रक्त परिसंचरण में सहायक है । गुड्डुची और गिलोय ये दिल के आकार की पत्तियों वाली बेलें हैं । ये किडनी और लिवर के कार्य में सुधार करके शरीर से सभी टॉक्सिंस को निकालने में मदद करती हैं । गुड्डुची में कसैले गुण होते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं । आयुर्वेद में, इस जड़ी बूटी को गुर्दे और उसके कार्यों के लिए आश्चर्यजनक रूप से परिभाषित किया गया है । डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है और आपके शरीर में कुछ छोटे प्रतिकूल परिवर्तनों का कारण बन सकता है । अदरक हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करने के लिए, अदरक का उपयोग कई देशों में और सदियों से किया जाता है । यह गुर्दे और जिगर से विषाक्त पदार्थों को हटाने और प्रकृति में विरोधी भड़काऊ में मदद करता है । अदरक का उपयोग एक सफाई घटक के रूप में किया जाता है जो यकृत और गुर्दे को डिटॉक्स करता है । इसके विरोधी भड़काऊ गुण एक यूटीआई संक्रमण के कारण गुर्दे में दर्द और सूजन का मुकाबला करने में मदद करते हैं । पपीते के पत्ते का जूस पीने के 4 सेहत लाभ इम्यूनिटी और प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर पिएं पपीते के पत्ते का जूस, जानें इस जूस के 4 फायदे आप सप्ताह में दो दिन एक से दो चम्मच पपीते के पत्ते का जूस पिएंगे, तो पेट की समस्याओं जैसे पेट दर्द, पेट में सूजन, कब्ज आदि से बचाव होगा । जानें, पपीते के पत्तों का जूस या काढ़ा पीने से और क्या-क्या फायदे होते हैं... दिवाली पर खाएं-खिलाएं सोंठ, तुलसी, अजवाइन, अश्वगंधा से बनी इम्यूनिटी बूस्टर मिठाई, त्योहारी सीजन में बढ़ी इनकी मांग । दिवाली पर सभी ढेर सारी मिठाइयों की खरीदारी करते हैं, लेकिन कई बार फेस्टिव सीजन में मिलावटी मिठाइयों की बिक्री भी खूब होती है । ऐसे में तबीयत खराब होने की संभावना बढ़ जाती है । साथ ही कोरोनावायरस के के कारण लोग किसी भी चीज की खरीदारी करने में संभल कर कदम बढ़ा रहे हैं । लोग दिवाली 2020 पर लोकल मिठाई की दुकान से मिठाइयां लेने से बच रहे हैं । ऐसे में कोरोना के कहर को कमजोर करने की कोशिश में हलवाइयों ने इम्यूनिटी बूस्टर मिठाइयां इन इम्यूनिटी बूस्टर मिठाइयों में सोंठ, तुलसी, अजवाइन, इलायची, काली मिर्च, अदरख, कलोंजी, अश्वगंधा के साथ-साथ गिलोई और हल्दी का भी इस्तेमाल लोकल से लेकर ब्रांडेड स्वीट्स शॉप में उपलब्ध इम्यूनिटी बूस्टर स्वीट्स कोरोना काल में बदलते हालात में सेहत के प्रति लोग ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं और वे खाने-पीने की चीजों की सामग्री में इम्यूनिटी बूस्टर यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले लिहाजा छोटे हलवाइयों की दुकानों से लेकर ब्रांडेड स्वीट्स शॉप में इम्यूनिटी बूस्टर मिठाइयां खासतौर से लाई गई हैं और कारोबारी बताते हैं कि त्योहारी सीजन में इनकी खूब मांग है । फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैनुफैक्चर्स डायरेक्टर फिरोज नकवी का कहना है कि इस बार दिवाली पर इम्यूनिटी बूस्टर मिठाइयों की जबरदस्त मांग है । हल्दी, गिलोय, गोंद, इलायची आदि से बनी हैं इम्यूनिटी बूस्टर मिठाइयां फिरोज नकवी के अनुसार, “मिठाइयों में हल्दी, गिलोय, इलायची, नारियल, गोंद से लेकर इम्यूनिटी बूस्टर तमाम मसालों और ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल छेना की मिठाई से लेकर काजू कतली और लड्डू समेत तमाम मिठाइयों में इस्तेमाल किया जा रहा है । ब्रांडेड मिठाई के कारोबारी बताते हैं कि खासतौर से इम्यूनिटी बूस्टर लड्डू की मांग ज्यादा हो रही है । नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मिठाई के ब्रांड मिठास ने तरह-तरह के इम्यूनिटी बूस्टर लड्डू बनाए हैं । यहां उपलब्ध आटा लड्डू, बेसन लड्डू, पंजीरी लड्डू, गोंद लड्डू, ड्राई फ्रूट्स लड्डू में इम्यूनिटी बूस्टर सामग्री का इस्तेमाल किया गया है । इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर मिठाइयों में सोंठ, तुलसी, अजवाइन, इलायची, काली मिर्च, अदरक, कलोंजी, अश्वगंधा, देसी घी, केसर आदि का इस्तेमाल किया जाता है । 'ससुराल सिमर का' के एक्टर की किडनी फेल होने से मौत, जानिए किडनी फेल होने के कारण और संकेत बॉलीवुड से एक बार फिर से बुरी खबर आई है । टीवी सीरियल ‘ससु राल सिमर का के एक्टर की किडनी फेल होने से मौत हो गई है । ‘ससुराल सिमर का के फेम एक्टर आशीष रॉय का किडनी फेल होने जाने के कारण निधन हो गया है । इनकी उम्र 55 साल थी । वह लंबे समय से किडनी परेशानी से जूझ रहे थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था । कुछ वक्त पहले ही उन्हें डायलिसिस के लिए आईसीयू में शिफ्ट किया गया था । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आशीष ने कुछ समय पहले फैंस को बताया था कि वे लंबे समय से अस्पताल में हैं और चारों तरफ COVID-19 फैला है इसलिए वे एक कमरे में आइसोलेटेड हैं और काफी खराब स्थिति में हैं । एक्टर की मौत के मौके पर आइए जानते हैं किन कारणों से फेल होती है किडनी और क्या हैं किडनी होने के संकेत । किडनी रोग होने के कारण किडनी रोग किसी को भी हो सकता है । एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले किडनी डिजीज महिलाओं को अधिक होती है, क्योंकि महिलाओं में यूटीआई अधिक होता है । इसके साथ ही कम पानी पीना, डायबिटीज भी गुर्दा रोग होने का कारण बनता है । अल्कोहल या शराब के सेवन से भी किडनी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है । कुछ लोगों में अधिक मात्रा में नमक के सेवन से भी यह समस्या हो जाती है । किडनी फेल होने के लक्षण वजन बढ़ना या कम होना सिरदर्द होना, जी मिचलानाशरीर में खून की कमी होना पेशाब में खून आना, पेशाब कम होना हाई ब्लड प्रेशर, थकान, अनिद्रा भूख ना लगना मांसपेशियों में दर्द व ऐंठन पेशाब में प्रोटीन की मात्रा अधिक आना किडनी रोग से बचने के उपाय 1. रक्तचाप की निगरानी करें । यह गुर्दे की क्षति का सबसे सामान्य कारण है । अपनी जीवनशैली और आहार में परिवर्तन करने चाहिए । 2. अपने ब्लड शुगर लेवल पर नियंत्रण रखें, क्योंकि डाइबिटीज के आधे रोगियों को गुर्दे की बीमारी हो सकती है । 3. फिट और सक्रिय रहें, इससे आपके रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है और किडनी के स्वास्थ्य के लिए कदम उठाने में मदद मिलती है । 4. स्वस्थ खाएं और अपना वजन जांचते रहें । इससे मधुमेह, हृदय रोग और सीकेडी से जुड़ी अन्य स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है । नमक का सेवन कम करें । दिन में 5 से 6 ग्राम नमक काफी होता है । 5. प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर पानी पीएं तरल पदार्थों का सेवन अधिक करने से गुर्दे को सोडियम, यूरिया और विषैले पदार्थो को शरीर से बाहर करने में मदद मिलती है 6. धूम्रपान न करें । इसके कारण किडनी की ओर खून का दौरा कम हो जाता है । धूम्रपान करने पर किडनी में कैंसर का खतरा भी 50 प्रतिशत बढ़ जाता है । इस दिवाली लोगों को दें ये हेल्दी गिफ्ट्स: दिवाली का त्योहार नज़दीक है और इसके साथ ही लोग एक-दूसरे को गिफ्ट्स देने की तैयारियों में जुट गए हैं । हर साल लोग तोहफे को तौर पर कपड़े, मिठाइयां और क्रॉकरी जैसी चीज़ें एक-दूसरे को देते हैं । लेकिन, कोरोना वायरस महामारी ने इस बार हर सामाजिक गतिविधियों और त्योहारों को मनाने का तरीका बदल दिया है । कोविड-19 की वजह से लोगों में अपनी इम्यूनिटी और हेल्थ के प्रति अधिक जागरूकता आयी है । ऐसे में अगर आप भी अपने दोस्तों और प्रियजनों को कुछ गिफ्ट देना चाहते हैं तो उनके लिए कुछ हेल्दी चीज़ें चुनें । इस तरीके से उनकी रोग-प्रतिरोधक शक्ति विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स सेहत के लिए ताज़े-मौसमी फलों से अच्छी खुराक और क्या हो सकती है । सर्दियों के मौसम में हेल्दी, रसीले, मीठे और स्वादिष्ट फलों आप भी मौसम और पौष्टिकता के आधार पर फलों की टोकरी तैयार करें । सेब, पीच, आंवला, अंगूर, अमरूद और कच्चे खजूर से लेकर ड्रैगन फ्रूट्स,कीवि और अन्य एक्जॉटिक फ्रूट्स इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं । दरअसल, फलों से एंटीऑक्सीडेंट्, विटामिन सी और बीटा केरोटिन जैसे पोषक तत्वों की मात्रा काफी अधिक होती है जो आपके शरीर को इंफेक्शन्स और वायरल बीमारियों से बचने में सक्षम बनाता है । फलों से एंटीऑक्सीडेंट्, विटामिन सी और बीटा केरोटिन जैसे पोषक तत्वों की मात्रा काफी अधिक होती है जो आपके शरीर को इंफेक्शन्स और वायरल बीमारियों से बचने में सक्षम बनाता है । ड्राईफ्रूट्स हेल्दी फाइबर, विटामिंस, ज़िंक, हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर ड्राई फ्रूट्स ना केवल इम्यूनिटी बढ़ाते हैं । बल्कि, ये वेट लॉस और मेमरी बूस्ट करने में भी मदद करते हैं । बादाम, किशमिश, पिस्ता, काजू, अखरोट जैसे ड्राईफ्रूट्स तोहफे के तौर पर पेश कर सकते हैं । इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बाज़ार में कई अच्छी कम्पनियों के हर्बल टी पैकेट्स उपलब्ध हैं । ग्रीन टी के अलावा आप हिबिस्कस टी, इलांग इलांग टी, रेड टी, व्हाइट टी जैसे पर्याय चुन सकते हैं । साथ ही आयुर्वेदिक औषधियों जैसे-तुलसी, लेमन टी, जिंजर टी भी आपको आसानी से मिल जाएंगे । दिवाली गिफ्ट के तौर पर इम्यूनिटी बढ़ाने वाली हर्बल टी एक अच्छा ऑप्शन्स हैं । गरम मसाले केरल के स्पाइस गार्डन में मिलने वाले गरम मसालों की मांग देश-विदेश में हैं । इसी तरह देश के अलग्-अलग हिस्सों में ऑर्गैनिक और नैचुरली उगाए जानेवाले भारतीय मसाले अपनी गुणवत्ता, औषधिय गुणों और फ्लेवर की वजह से आयुर्वेदिक औषधियों   में गिनी जाती हैं । इस दिवाली आप भी अपने दोस्तों को लौंग, दालचीनी, तेजपत्ता, चक्रफूल और हरी इलायची जैसे खूश्बूदार और हेल्दी साबुत मसाले गिफ्ट करें । सेक्स पॉवर करनी है बूस्ट तो करें शिलाजीत का ऐसे सेवन, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या भी होगी दूर यह लो सेक्स ड्राइव और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज है, जिसका सेवन इन समस्याओं से परेशान लोग करते रहे हैं । हिमालय क्षेत्र में मिलने वाली इस औषधि का ना केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी लोग सेवन करते हैं । लेकिन, उससे पहले  पहले जानें क्या है इसके सेवन का सही तरीका क्या सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने के लिए शिलाजीत का सेवन है फायदेमंद? सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने के लिए रात में सोने से पहले एक शिलाजीत का दूध के साथ सेवन करें । इसके लिए एक गिलास दूध को उबालें । इसमें, आधा चम्मच शिलाजीत का पाउडर मिलाएं और इसे पीएं । हालांकि, शिलाजीत का सेवन करने से पहले किसी एक्सपर्ट्स से इसके सेवन से जुड़ी सही जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए । क्योंकि शिलाजीत के सेवन के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं । साधारणत:  इस औषधि का दिनभर में 300 मिग्रा से 500 मिग्रा सेवन करने की सलाह दी जाती है । इसके अलावा किसी भी अन्य प्रकार की दवाइयों के साथ सेवन नहीं करना चाहिए । इसीलिए, इसका सेवन बहुत ही सावधानी से करना चाहिए । शिलाजीत के सेवन से ये सेक्सुअल प्रॉब्लम्स होती हैं कम पुरुषों की तरह ही महिलाओं के लिए भी शिलाजीत का सेवन फायदेमंद माना जाता है । शिलाजीत  के सेवन से महिलाओं में बांझपन यानि इफंर्टिलिटी की समस्या कम होती है । विभिन्न स्टडीज़ का दावा है कि, शिलाजीत का सेवन करने से पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ता है । साथ ही इससे, टेस्टोस्टेरॉन लेवल और स्पर्म मोटिलिटी भी बढती है । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और सेक्सुअल अराउजल की कमी जैसी समस्याएं भी शिलाजीत के सेवन से ठीक होती हैं । दरअसल, इसको सेवन से जेनाइटल एरिया में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे, यह समस्याएं धीरे-धीरे ठीक होने लगती हैं । तनाव का भी सेक्सुअल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है । शिलाजीत स्ट्रेस कम करता है जिससे, यह समस्या सेक्स लाइफ पर असर नहीं डालती और सेक्सुअल प्रॉब्लम्स धीरे-धीरे कम होती हैं । आयुर्वेदिक औषधि शिलाजीत का सेवन ना केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी किया जाता है । लेकिन, उससे पहले  पहले जानें क्या है इसके सेवन का सही तरीका क्या सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने के लिए शिलाजीत का सेवन है फायदेमंद? सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने के लिए रात में सोने से पहले एक शिलाजीत का दूध के साथ सेवन करें । माइंड और बॉडी को रिलेक्स करेंगी ये 3 आयुर्वेदिक मसाज, शरीर का दर्द और पैरों की जलन होगी दूर आयुर्वेद हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है । बीमारियों के उपचार से लेकर चेहरे को साफ और निखरा हुआ बनाने तक, आयुर्वेद अपनी सेवाओं को युगों-युगों से प्रदान करता रहा है । लोग आयुर्वेदिक उपचार की ओर इसलिए भी रुख करते हैं क्योंकि एक तो इसका इलाज पक्का होता है और साथ ही किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है । ऑलिव ऑयल स्किन की मसाज करने के लिए ऑलिव ऑयल सबसे बेस्ट माना जाता है । ऑलिव ऑयल स्किन को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करने के साथ ही सॉफ्ट और चमकदार भी बनाता है । जैतून के तेल में मौजूद पोषक तत्व स्किन को नमी भी प्रदान करता है । इस तेल से मालिश करने पर बॉडी पेन से राहत मिलती है । बादाम का तेल बादाम के तेल में कई गुण होते हैं । यह तेल स्किन को पोषण देने के साथ ही सेल्स को मजबूत कर बॉडी पेन से राहत दिलाता है । बादाम के तेल से मालिश करने से स्किन में चमक आती है और स्किन के कई तरह के विकार भी दूर होते हैं । बादाम के तेल से नियमित मालिश करने से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम होता है । बादाम के तेल से मालिश करने से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है । जिन लोगों को एनिमिया की शिकायत होती है बादाम के तेल से वह भी सही होती है । सरसों का तेल सरसों के तेल में कई एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व होते हैं । यह तेल शरीर की थकान और मासपेशियों के दर्द को दूर करने में भी लाभकारी होता है । जब सरसों के तेल से मालिश की जाती है तो हड्डियां मजबूत होती है और बॉडी को पोषण भी मिलता है । जोजोबा ऑयल जोजोबा ऑयल में जबरदस्त एंटी बैक्‍टीरियल होते हैं जो स्किन को पोषण देते हैं । जिन लोगों को स्किन प्रॉब्लम होती है जैसे कि मुंहासे, पिग्मेंटेशन और टैनिंग जैसी चीजें भी दूर होती है । यह तेल त्‍वचा को पोषण देता है, उसे टाइट करता है और उसमें नमी भरता है । हेल्दी रहने के लिए पोषक तत्वों का सेवन करना बेहद जरूरी है । शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी होने से आपको कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं । ऐसे में अपने खानपान में अनाज, अंडा, मीट, मछली, हरी सब्जियों से लेकर फल और इससे तैयार हेल्दी जूस का सेवन जरूर करना चाहिए । इन सभी चीजों में मौजूद न्यूट्रिशन शरीर को भरपूर प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, आयरन, मिनरल्स आदि प्रदान करते हैं । फलों से तैयार जूस पीने से भी आप हेल्दी रह सकते हैं और शरीर को हर तरह के जरूरी पोषक तत्व जूस के जरिए प्राप्त होते हैं । जूस पीने से शरीर हाइड्रेट भी रहता है । इसके अलावा जूस पीने से सेहत को कई फायदे नाश्ते में अक्सर लोग कभी-कभार जूस पीते हैं, लेकिन यदि आप इसे सप्ताह के सात दिन तक डायट में शामिल करें तो आप लंबी उम्र तक हेल्दी बने रह सकते हैं । हम आपको सात दिनों के लिए सात जूस प्लान के बारे में बता रहे हैं । इसमें हर दिन आपको अलग-अलग फलों से बने जूस का सेवन करना है । इन सभी जूस के जरिए आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिशन्स पहुंचते हैं । 28 कोरोना में इम्यूनिटी को मजबूत करना बहुत जरूरी है । ऐसे में आप पालक, पार्सले, सैलेरी जैसी हरी सब्जियों से बना जूस पिएं । इन्हें मिक्सी में डालकर ब्लेंड कर लें । स्वाद के लिए आप नमक, नींबू का रस, चाट मसाला भी डाल सकते हैं । इन सभी सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स काफी भरपूर मात्रा में होता है । लेकिन, यह खूश्बूदार मसाला आपकी सेक्स पॉवर भी बढ़ा सकता है । कमज़ोर सेक्स पॉवर लोगों की शादीशुदा ज़िंदगी के साथ-साथ मानसिक सेहत को भी बिगाड़ देता है । सेक्स पॉवर की कमी का असर लोगों को मेंटली तनाव महसूस कराता है । क्या हींग से बढ़ती है सेक्स पॉवर? आयुर्वेदिक नुस्खों में सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए हींग का इस्तेमाल लम्बे समय से होता रहा है । पुरुषों को सेक्स लाइफ से जुड़ी परेशानियों जैसे, कामोत्तेजना की कमी, सेक्स पॉवर में कमी, कमज़ोरी और लो सेक्स ड्राइव आदि का आयुर्वेदिक इलाज है हींग । दरअसल, हींग एक कामोत्तेजक गुणों से भरपूर मसाला है । इसीलिए, प्रीमैच्योर इजैक्युलेशन और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी परेशानियां होती हैं उन्हें, हींग के सेवन की सलाह दी जाती है । सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए हींग का सेवन कैसे करना चाहिए? एक्सपर्ट्स सेक्स स्टैमिना बढ़ाने के लिए हींग के सेवन के कई तरीके सुझाते हैं । लेकिन, जो बात सबसे महत्वपूर्ण है वह है इस औषधि की सही मात्रा । आयुर्वेद पर आधारित पुस्तकों में  पुरुषों तो रोज़ान केवल 6 सेंटीग्राम हींग खाना फायदेमंद माना जाता है । हींग का सेवन करने के लिए ये तरीके आज़मा सकते हैं आप- रोज़ाना सुबह खाली पेट हींग को घी के साथ खा सकते हैं । इसके लिए घी में हींग को भूनें । फिर, इसमें बरगद के पेड़ की छाल के पाउडर के साथ मिक्स करें । सुबह उठने के बाद इसे खाली पेट ही आधा चम्मच खाएं । गुनगुने पानी में चुटकीभर हींग को मिक्स करें और इसे खाली पेट पी जाएं । अपने भोजन में हींग को जगह दें । सब्ज़ी, दाल में हींग का तड़का लगाएं । परांठे और रोटी में हींग का पाउडर मिलाकर खाएं । इससे आपकी सेक्स पॉवर बढ़ेगी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या कम होगी और स्टैमिना भी बढ़ेगा । सीबीडी ऑयल भांग के पौधे से निकाला गया तेल है । यह कैनबिस पौधे का 40% अर्क होता है । इस ऑयल की मदद से पुराने दर्द और मानसिक तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है । भारत के साथसाथ दुनिया के कई देशों में CBD ऑयल की बिक्री वैध है । हाल ही में सुशांत सिंह केस में सीबीडी ऑयल का जिक्र हुआ था, जिसमें कहा गया है कि रिया, सुशांत को सीबीडी ऑयल देती थी । भारत में इसकी बिक्री वैध है और इसका इस्तेमाल यहां काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है । CBD ऑयल कैसे करता है काम? सीबीडी ऑयल या कैनाबिडियोल सबसे पहले मष्तिष्क को प्रभावित करता है । हालांकि, इसके प्रभावों के स्पष्ट कारणों का खुलासा नहीं हुआ है । कैनबिडिओल मस्तिष्क के केमिकल्स को टूटने से रोकता है, जो मनोदशा,  दर्द और मानसिक कार्य को प्रभावित करता है । आइए जानते हैं CBD ऑयल के फायदे दर्द को करता है दूर 2900 ई.पू से ही इस तेल का इस्तेमाल शरीर में होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए किया जाता है । हाल ही के रिसर्च से पता चला है कि सीबीडी सहित मेरुआना में कुछ ऐसे घटक होते हैं, जो दर्द को ठीक करने के काम आते हैं । चिंता और अवसाद को करता है कम सीबीडी ऑयल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है । यह चिंता और अवसाद को कम करने में आपकी मदद कर सता है । इस ऑयल का दवाओं में इस्तेमाल कर  चिंता और अवसाद का इलाज किया जाता है । इसके कई साइडइफेक्ट्स भी होते हैं । जैसे चिड़चिड़ापन, नींद आना, सिर दर्द और यौन रोग जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं । कैंसर से संबंधित लक्षणों को करे कम कैंसर से संबंधित लक्षणों को कम करने में सीबीडी ऑयल आपकी मदद कर सकता है । कैंसर के इलाज के दौरान होने वाले दुष्प्रभाव जैसे उल्टी, मतली और दर्द में राहत दिलाने में यह आपकी मदद कर सकता है । दिल की सेहत को पहुंचाता है फायदा सीबीडी ऑयल दिल और संचार प्रणाली के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है । हाल ही के रिसर्च में इस बात का खुलासा भी हुआ है । इस ऑयल में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने की क्षमता होती है, जो दिल के लिए काफी अच्छा साबित होता है । डायबिटीज रोगियों के लिए भी है फायदेमंद एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि सीबीडी ऑयल डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है । इस रिसर्च के दौरान डायबिटीक चूहों का इस्तेमाल किया गया था । इन चूहों का इलाज सीबीडी तेल किया गया, जब परिणाम देखे गए, तो 56% डायबिटीज में कमी आई । इसके साथ ही शरीर में इंफ्लामेशन भी काफी कम हो गई । CBD ऑयल के नुकसान हालांकि, सीबीडी ऑयल को सुरक्षित माना जाता है, कुछ लोगों के लिए यह लाभकारी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को यह नुकसान भी पहुंचा सकता है । अध्ययनों में इस तेल के कुछ साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं दस्त वजन और भूख में बदलाव सीबीडी तेल का इस्तेमाल करने से पहले एक बार इसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर्स से जरूर सलाह लें । खासतौर पर अगर आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं । खाली पेट इन 3 तरीकों से करें हींग का सेवन, सेक्स पॉवर बढ़ जाएगी कई गुना क्या हींग से बढ़ती है सेक्स पॉवर? आयुर्वेदिक नुस्खों में सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए हींग का इस्तेमाल लम्बे समय से होता रहा है । सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए हींग का सेवन कैसे करना चाहिए? एक्सपर्ट्स सेक्स स्टैमिना बढ़ाने के लिए हींग के सेवन के कई तरीके सुझाते हैं । कद्दू खाकर घटाएं वजन, जानें कद्दू खाने के फायदे । एक बार वजन बढ़ जाए, तो इसे कम करना आसान नहीं होता । महीनों जिम जाकर लोग वर्कआउट करते हैं, वेट लॉस डायट अधिक वजन शरीर के शेप को तो बिगाड़ता ही है, सेहत संबंधित कई समस्याओं को भी जन्म देता है । वजन अधिक होने से आप कई रोगों जैसे डायबिटीज, मोटापा , हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त हो सकते हैं । वजन कम करने के लिए आप जिम जाएं, वेट लॉस डायट भी फॉलो करें, लेकिन इस डायट में एक चीज और शामिल करके देखें । वह एक चीज है कद्दू यानी पम्पकिन । इसका सेवन आप 1 से 2 महीना करें, क्योंकि कद्दू और इसके बीजों में मौजूद पोषक तत्व शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करते हैं । कद्दू खाकर घटाएं वजन कैलोरी होती है कद्दू में कम कद्दू में फाइबर अधिक और कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है । कम कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर में एक्स्ट्रा फैट जमा नहीं होता है । फाइबर होने से वजन हो कम जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि कद्दू में फाइबर की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, ऐसे में इसके सेवन से आपको जल्दी भूख नहीं लगती है । यह पेट को देर तक भरा रखता है । जब आपको भूख जल्दी नहीं लगेगी तो कुछ भी उल्टासीधा खाने से बचे रहेंगे । फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से ओवरईटिंग से बचा जा सकता है । यह वजन को कंट्रोल में करने का सबसे बेहतर तरीका है । कद्दू खाएं, इम्यूनिटी बढ़ाएं कद्दू में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जैसे मैग्निशियम, पोटैशियम, विटामिन्स आदि । ये सभी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाते हैं । इससे शरीर में मौजूद फैट तेजी से बर्न होता है । शरीर में ऊर्जा की कमी नहीं होती है । इस तरह वजन घटाना आसान हो जाता है । प्रोटीन से भरपूर होता है कद्दू इसमें प्रोटीन होने से वजन कंट्रोल में रहता है । वजन घटाने के लिए हाईप्रोटीन डायट फॉलो करने पर कद्दू को भी इसमें शामिल किया जा सकता है । यह शरीर के फैट को जलाता है । वजन कम करने के लिए आप कद्दू की सब्जी , कद्दू के बीजों से तैयार पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर पीने से भी लाभ होता है । शरीर को इसके सेवन से कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि कई लाभ होते हैं । दांतों में कीड़े लगने के कारण और दूर करने के 4 जबरदस्त घरेलू इलाज । दांतों में कीड़े यानी कैविटी की समस्या बच्चों में अधिक देखने को मिलती है । हालांकि, बड़े भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं । दांत में कीड़े तब लगते हैं, जब आप कुछ भी खाने के बाद सही से कुल्ला नहीं करते । भोजन के छोटे-छोटे कण दांतों के बीच फंसे रह जाते हैं, जिससे दांतों में कैविटी बन जाती है । अधिक मीठा खाने से भी बच्चों में यह समस्या होती है । यदि आपको भी कुछ ठंडा खाने-पीने से दांतों में झनझनाहट हो रही है, तो सावधान हो जाएं । कई बार कीड़े लगने के कारण भी यह समस्या होती है । दांतों में कीड़े लगने के कारण – चॉकलेट, मांस का टुकड़ा, चिपचिपे खाद्य पदार्थ दांतों पर चिपके रहने से भी ये सड़ सकते हैं । – खाने खाने के बाद बिना ब्रश किए सोने की आदत या फिर कुल्ला ना करना । – अच्छी तरह से दांतों को ब्रश नहीं करना । दांतों की कैविटी दूर करने के लिए आजमाएं ये घरेलू नुस्खे 1 नीम से दातुन करने से कैविटी की समस्या दूर होती है । आज भी गांव में लोग नीम से दातुन करते हैं, तभी उनके दांत काफी मजबूत होते हैं । दातुन से मसूड़ों और दांतों से संबंधित दूसरी समस्याएं भी नहीं होती हैं । नीम में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण दांतों में लगने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं । 2 लौंग खाने से सेहत को कई लाभ होते हैं । लौंग का तेल भी फायदेमंद होते हैं, खासकर दांतों की सेहत के लिए । जिस दांत में कीड़े लगे हुए हैं, वहां लौंग का तेल लगाएं । इससे दांतों में होने वाला दर्द भी दूर होगा । एन-हेक्सेन नामक तत्व लौंग के तेल में होता है, जो कैविटी बनने नहीं देता है । 3 जैसा कि आप जानते हैं सुबह खाली पेट लहसुन की दो कली चबाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है । लहसुन दांतों में कीड़े भी नहीं बनने देता है । इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो कैविटी को दूर करने में सक्षम है । लहसुन चबाने से मसूड़ों की समस्या भी दूर होती है । 4 हल्दी का इस्तेमाल आप भोजन में करते हैं । सर्दी-जुकाम और किसी भी तरह के संक्रमण से खुद को बचाय रखने के लिए हल्दी को दूध में डालकर पीते हैं । पर क्या आप जानते हैं कि हल्दी को आप मंजन की तरह भी यूज कर सकते हैं? हल्दी पाउडर को अपने ब्रश पर लगाकर, उससे दांतों को साफ करें । इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण दांतों में लगे कीड़ों को मारता है । साथ ही मसूड़ों में होने वाली सूजन की समस्या से भी आपको बचाता है । इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रोज़ पीएं अदरक का पानी, आयुर्वेद के अनुसार इन 5 समस्याओं में भी कारगर है अदरक अदरक एक ऐसा मसाला है जो हमारी रसोइयों में बहुत अधिक इस्तेमाल होता है । खाने में अदरक -लहसुन का पेस्ट हो या अदरक वाली चाय, हर तरीके से अदरक हमारे भोजन की लज़्ज़त बढ़ाता है । इसके अलावा पेट की समस्याओं से परेशान लोगों के लिए अपनी परेशानियों से आराम पाने का अदरक एक कारगर तरीका है । जिसे, बदहजमी, गैस और खट्टी डकार आने की परेशानियों में घरेलू नुस्खों में मिलाकर सेवन किया जाता रहा है । इन सब फायदों के बीच कोरोना काल में अदरक का एक और गुण लोगों की सेहत को फायदा पहुंचा सकता है । दरअसल, अदरक के सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है । अदरक के आयुर्वेदिक फायदे : मौसमी बीमारियों से सुरक्षा: जैसा कि अदरक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी –बैक्टेरियल तत्वों से भरपूर है । इसीलिए, अदरक वाला पानी पीने से आपको ये सभी फायदे प्राप्त होते हैं । अदरक आपकी इम्यूनिटी बढ़ा देता है । जिससे, सर्दी-ज़ुकाम, ख़राब गला और सिर दर्द जैसी मौसमी परेशानियों को कम करता है । गौरतलब है कि ये समस्याएं इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण का भी मुख्य लक्षण बतायी जा रही हैं । इसीलिए, अदरक का पानी पीने से आप कोविड-19 इंफेक्शन से भी सुरक्षित रह सकते हैं । डायजेशन होता है बूस्ट: सुबह खाली पेट अदरक वाला पानी पीने से पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है । जिससे, भोजन पचने में आसानी होती है और आपको कॉन्स्टिपेशन, एसिडिटी या गैस जैसी समस्याएं नहीं होतीं । वेट लॉस: जो लोग अपना बढ़ता वज़न कंट्रोल में रखना चाहते हैं । उन्हें, अदरक वाला पानी पीना चाहिए । इससे, ना केवल वज़न कम होगा बल्कि, शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट भी बर्न होगा । कैंसर से बचाव स्टडीज़ और रिसर्च की माने तो अदरक कैंसर से भी सुरक्षित रहने में सहायता करता है । क्योंकि, इन स्टडीज़ के अनुसार, अदरक में ऐसे कम्पाउंड्स मौजूद होते हैं जो, कैंसर के रिस्क को कम करते हैं । अदरक के आयुर्वेदिक फायदे : मौसमी बीमारियों से सुरक्षा: जैसा कि अदरक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी –बैक्टेरियल तत्वों से भरपूर है । डायजेशन होता है बूस्ट: सुबह खाली पेट अदरक वाला पानी पीने से पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है । वेट लॉस: जो लोग अपना बढ़ता वज़न कंट्रोल में रखना चाहते हैं । कैंसर से बचाव स्टडीज़ और रिसर्च की माने तो अदरक कैंसर से भी सुरक्षित रहने में सहायता करता है । नीम पेस्ट से दूर करें मुंहासों की समस्या, ये हैं नीम से होने वाले स्किन को फायदे । आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल वर्षों से कई रोगों के इलाज में किया जाता रहा है । इस हेल्दी जड़ी-बूटी के सेवन से कई रोग दूर होते हैं । घाव पर नीम का लेप लगाने से घाव जल्दी भर जाते  हैं । नीम में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं । स्किन पर होने वाले मुंहासों या एक्ने की समस्या को भी नीम दूर करती है । एक्ने को दूर करने के लिए आप त्वचा पर नीम का पेस्ट लगा सकते हैं । नीम के पेस्ट में एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी फंगल गुण होने के कारण त्वचा पर हुए कील-मुंहासों की समस्या को एक से दो दिनों में ही ठीक कर देते हैं । नीम पेस्ट से त्वचा को होने वाले फायदे मुंहासों की समस्या नीम पेस्ट से करें दूर यदि आपको एक्ने की समस्या है, तो आप नीम का पेस्ट एक्ने या मुंहासों पर लगाना शुरू कर दें । इस पेस्ट को बनाने के लिए कुछ नीम की पत्तियों को मिक्सी में पीस लें । इस पेस्ट को 10 मिनट के लिए मुंहासों पर लगाकर छोड़ दें । यह पेस्ट स्किन से एक्ने के धाग-धब्बे कम कर देगा । मुंहासों के बैक्टीरिया को मारता है । आप इस पेस्ट में गुलाब जल भी मिला सकते हैं । त्वचा को निखारे नीम निखरी त्वचा का राज छिपा है नीम की पत्तियों और इससे तैयार पेस्ट में । त्वचा में निखार लाना है, तो सप्ताह में तीन दिन नीम का पेस्ट चेहरे पर लगाएं । आप गुलाबजल भी डाल सकते हैं । जब पेस्ट सूख जाए तो ठंडे पानी से चेहरे को साफ कर लें । नीम से त्वचा रहे मॉइश्चराइज नीम का पेस्ट चेहरे के तेल को अवशोषित करता है । त्वचा को मॉइश्चराइज करता है । नीम का पेस्ट तैयार कर लें । उसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं । इस पेस्ट को 15 मिनट तक स्किन पर लगा रहने दें । त्वचा हाइड्रेट रहती है । तेल का निर्माण अधिक नहीं होता है । जिनकी त्वचा ऑयली है उन्हें नीम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए । ऑयली त्वचा वाले नीम के पेस्ट में नींबू का रस, दही मिलाकर लगाएं । 10 मिनट सूखने दें, फिर चेहरा पानी से साफ कर लें । त्वचा को रखे जवां नीम नीम पेस्ट त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है । इसके लिए नीम पेस्ट में थोड़ा सा चंदन पाउडर मिलाएं । इसे त्वचा पर लगाएं । कई तरह की स्किन से संबंधित समस्याएं दूर होंगी । तेज बुखार का घरेलू उपचार हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, जरूर करें सेवन मौसम बदलने पर सबसे ज्यादा लोग सर्दी-जुकाम और बुखार से परेशान होते हैं । आयुर्वेद में बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए कई नेचुरल जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जिसका उपयोग कर बुखार को जड़ से ठीक किया जा सकता है... सुस्त लाइफस्टाइल बढ़ाती है डायजेशन से जुड़ी परेशानियां, इस आयुर्वेदिक नुस्खे से बनाएं पाचनतंत्र मज़बूत कोरोना वायरस  से बचाव के लिए दुनियाभर में लॉकडाउन  का फैसला लेने के बाद लोगों की सेहत भी प्रभावित हुई है । लॉकडाउन की वजह से लोगों ने अब खुद को घरों में ही बांध लिया है । लोग ना केवल सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं बल्कि, दफ्तर का काम भी घर से कर रहे हैं । वर्क फ्रॉम होम अब न्यू नॉर्मल कहा जा रहा है । लेकिन, लगातार बैठकर काम करने और फिजिकल एक्टिविटीज़ की कमी के कारण शरीर की कार्यप्रणालियां भी प्रभावित हो रही हैं । ऐसे में, वर्क फ्रॉम होम के दौरान लोगों की पेट से जुड़ी समस्याएं होने लगी है । डायजेस्टिव सिस्टम सुस्त हो जाने से ब्लोटिंग, गैस, अपच, एसिडिटी और खट्टी डकारें आने जैसी कई समस्याएं लोग इस दौरान महसूस कर रहे हैं । इसी तरह समय पर खाना ना खाने, सोने-जागने का वक़्त बदलने और यहां तक खान-पान की वस्तुओं के ग़लत चुनाव यानि अनहेल्दी इटिंग्स की वजह से भी लोगों को भी पेट से जुड़ी कई परेशानियां हो रही हैं । जब आप सही समय पर भोजन नहीं करते तो आपकी परेशानियां बढ़ जाती है जिससे, क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन या  इरिटेबल बाउल सिंड्रोम   जैसी गम्भीर समस्याएं भी होने लगती हैं । ऐसे बनाएं अदरक, सेंधा नमक और नींबू से पाचनतंत्र मज़बूत: कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक चीज़ों का सेवन करें तो आपकी पेट से जुड़ीं ये दिक्कतें काफी हद तक कम हो जाती हैं । जिससे, डायजेशन को बेहतर बनाने वाली ये साधारण चीज़ें आपकी रसोई में ही उपलब्ध होती हैं । ऐसी ही एक चीज़ है अदरक । जब, भी इनडायजेशन की समस्या हो तो थोड़ी-सी अदरक या सोंठ का सेवन करें । इसे आप सेंधा नमक और नींबू के रस के साथ मिलाकर भी पी सकते हैं । इन तीनों का मिश्रण पाचन से जुड़ी सभी समस्याओं को खत्म कर देगा और आपके पेट को आराम भी दिलाएगा । अदरक, सेंधा नमक और नींबू का यह मिश्रण पेट में पहुंचकर पाचक रसों के उत्पादन में मदद करता है । इसीलिए, भोजन से पहले इसके सेवन से आपको लाभ हो सकता है । ऐसे में जो लोग अक्सर पेट की गैस या अपच जैसी परेशानियां महसूस करते हैं, वे  भोजन से पहले यह मिश्रण तैयार करें और चाटें । क्यों है यह मिश्रण फायदेमंद: अदरक- पाचक होने के साथ-साथ मतली और उल्टी जैसी परेशानियां कम करता है । यह डायजेशन बढ़ाता है जिससे, आपका भोजन आसानी से पच जाता है और आपको पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम मिलता है । सेंधा नमक- शरीर का मेटाबॉलिज़्म बढ़ाता है । जिससे, शरीर में पीएच बैलेंच बनाने और इलेक्ट्रोलाइट्स के निर्माण में सहायता होती है । जिससे शरीर की सभी कार्यप्रणालियां सुचारू ढंग से काम करती हैं । नींबू– विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के कारण यह ना केवल डायजेशन सुधारता है बल्कि, आपके इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत बनाता है । लगातार बैठकर काम करने और फिजिकल एक्टिविटीज़ की कमी के कारण शरीर की कार्यप्रणालियां भी प्रभावित हो रही हैं । ऐसे बनाएं अदरक, सेंधा नमक और नींबू से पाचनतंत्र मज़बूत: कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक चीज़ों का सेवन करें तो आपकी पेट से जुड़ीं ये दिक्कतें काफी हद तक कम हो जाती हैं । Consuming certain beverages before bedtime can improve sleep and enhance क्या आप जानते हैं कि आप सोते वक्त किस मुद्रा में होते हैं? अगर आपका जवाब नहीं है तो ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है बहुत से लोग इस बात से इत्तेफाक रखते होंगे कि उन्हें सोते वक्त अपनी पोजिशन के बारे में पता ही नहीं होता है । आपने देखा होगा कि हर कोई अपनी मर्जी से ही सोना चाहता है । जिसे जैसा ठीक लगता है वह वैसा ही सोना पसंद करता है और उसी पोजिशन में सोने की कोशिश भी करता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके सोने की खराब पोजिशन आपके स्वास्थ्य को किस तरीके से प्रभावित कर सकती है । जी हां, ऐसी कुछ मुद्राएं होती हैं, जिनमें सोने पर आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है । इन्हीं पोजिशम में से एक है पेट के बल सोना । अगर आप पेट के बल सोना पसंद करते हैं तो आपको इससे जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानना जरूरी है । इस लेख में हम आपको पेट के बल सोने के ऐसे नुकसान के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आपको तुरंत अपनी ये आदतें बदल देनी चाहिए । पेट के बल सोने से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभावः रीड की हड्डी में हो सकता है दर्द अगर आप नियमित रूप से पेट के बल सोते हैं तो आपको कमर में दर्द व रीड की हड्डी में दर्द जैसी समस्याओं का शिकार होना पड़ सकता है । इसलिए अगली बार इस स्थिति में सोने से बचें । पाचन क्रिया होती है बाधित लगातर पेट के बल सोने से पाचन क्रिया पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है । जी हां, अगर आप खाना खाने के बाद तुरंत पेट के बल सो जाते हैं तो आपको अपच, गैस, कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । मांसपेशियों में होता है दर्द नियमित रूप से पेट के बल सोने वाले लोगों को मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है । दरअसल पेट के बल सोने से पेट के आस-पास मौजूद मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और इसमें दुखन होने लगती है । इसलिए ऐसा करने से बचें । शरीर में होती है अकड़न लगातर पेट के बल सोने वाले लोगों के शरीर में अकड़न की समस्या भी रहती है । दरअसल ऐसा खाना सही ढंग से नहीं पचा पाने के कारण होता है । इसलिए पेट के बल सोना हानिकारक माना जाता है । चेहरे पर आती है झुर्रियां दरअसल पेट के बल सोने से हमारा चेहरा नीचे की ओर दब जाता है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं । अगर आप कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियों की समस्या से परेशान रहते हैं तो पेट के बल सोना तुरंत बंद कर दें । ऊपर दिए गए सभी कारणों के आधार पर ये कहना गलत नहीं होगा कि पेट के बल सोना सोने की सही स्थिति बिल्कुल भीनहीं है । भले ही आप इस स्थिति को आरामदायक मानते हों लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से ये मुद्रा आपके लिए बेहद हानिकारक है । मानसून में फंगल इंफेक्शन से बचाते हैं ये तीन हर्ब्स दांतों के हिलने की समस्या को दूर करने के ईजी टिप्स । अक्सर ऐसा होता है कि आपका कोई भी दांत हिलने लगता है । जाहिर सी बात है बड़ी उम्र में दांतों का हिलना आपको चिंतित कर सकता है । कई बार दांतों का हिलना दांतों और मसूड़ों में हुई समस्या के कारण भी होने लगता है । पैरीयोडोंटम नाम की एक बीमारी के कारण भी दांत हिलने लगते हैं । कई बार जब दांतों के चारों तरफ मौजूद टिशू ढीले पड़ जाते हैं, तो दांत हिलने लगते हैं । इसके अलावा, दांतों की सफाई ठीक से ना करना, ओरल हाइजीन की कमी, फ्लॉस नहीं करना, दांतों में बैक्टीरिया जमा होने आदि से भी दांतों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं, जिससे दांत हिलने लगते हैं । कई बार कुछ भी सख्त चीज खाने में भी डर लगता है कि कहीं हिलने वाला दांत टूट ना जाए । दांत हिलने की समस्या को दूर करने के उपाय 1. नमक में सरसों तेल को दूर करने के लिए आप थोड़ा सा नमक और सरसों तेल को मिलाकर दांतों की सफाई करें । नमक को वैसे भी आयुर्वेद में ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद कहा गया है । नमक में एंटी-सेप्टीक गुण मौजूद होते हैं, ऐसे में नमक के पानी से कुल्ला करें । इससे मसूड़ों में सूजन होने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा । 2. काली मिर्च और हल्दी काली मिर्च पाउडर और हल्दी के इस्तेमाल से दांतों में मौजूद बैक्टीरिया का सफाया होता है । इससे मसूड़ों को मजबूती मिलती है । दोनों को एक-समान मात्रा में लें । इससे दांतों को ब्रश करें । थोड़ा जलेगा पर दांतों के हिलने की समस्या कुछ ही दिनों में दूर होने लगेगी । 3. खूब खाएं हरी सब्जियां अपने खानपान में जितना हो सके हरी सब्जियां शामिल करें । हरी सब्जियों में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं । हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से इंफेक्शन भी नहीं होता है और दांत जड़ों से मजबूत होते हैं । बच्चों के भी दांत कई बार हिलने लगते हैं, उन पर भी आप इन सभी उपचारों का इस्तेमाल कर सकते हैं । 4. एसिड थोड़ा कम ही लें एसिड युक्त चीजों का सेवन अधिक करते हैं, तो दांतों के हिलने की समस्या पर इसका सेवन कम कर दें । इससे दांतों के एनामल को हानि पहुंचता है । दांत कमजोर होकर ढीले हो सकते हैं । अपनी डाइट में एसिड युक्त चीजों और ड्रिंक्स को कम ही शामिल करें । पुरुषों की सिर्फ 1 गलती से महिलाएं नहीं बन पाती हैं मां! जानिएं क्या है कारण और उपचार हर महिला के लिए मां बनना बहुत ही अनोखा अनुभव होता है, लेकिन कई बार महिलाओं को मां बनने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है । इसके अलावा कुछ महिलाएं लाख परेशानियां सहने के बावजूद मां नहीं बन पाती हैं और इसका जिम्मेदार वो खुद को ठहरा देती हैं । लेकिन आपको बता दें कि मां ना बनना सिर्फ आपकी गलती नहीं, बल्कि इसके पीछे पिता भी कारण हो सकते हैं । दरअसल, पुरुषों में इनफर्टिलिटी एक ऐसी प्रमुख वजह है, जिसके कारण महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं । वहीं, इसके साथ ही पुरूषों में स्खलित शुक्राणु कम हो या फिर गुणवत्ता में कमी के कारण महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं । पुरुष इनफर्टिलिटी क्या है? पुरुषों के पिता ना बनने की परिस्थिति को मेल इनफर्टिलिटी करहते हैं । अगर साधारण भाषा में समझें, तो इनफर्टिलिटी का अर्थ है स्पर्म का उत्पन्न सही से ना हो पाना या फिर स्पर्म काफी कमजोर होना हाता है । इसकी वजह से पति के कारण पत्नी को संतान सुख प्राप्त नहीं हो पाता है । इनफर्टिलिटी के प्रकार खराब गुणवत्ता वाले स्पर्म स्पर्म का आकार सही ना होना स्पर्म काउंट कम होना । पुरुष बांझपन के लक्षण हार्मोंन का अंतुलित होने के कारण भी पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या होती है । ऐसे में समय रहते इलाज की आवश्यकता होती है । खराब जीवनशैली के कारण भी पुरुषों में बांझपन की शिकायत हो सकती है । अधिक धूम्रपान और शराब का सेवन करने से इनफर्टिलिटी की परेशानी हो सकती है । सूंघने की क्षमता कमजोर होना भी इसके लक्षण हो सकते हैं । अगर आपके सूंघने की शक्ति कमजोर हो गई है, तो फौरन डॉक्टर्स से संपर्क करें । क्या हैं इसके उपचार दवाओं के जरिए संक्रमण को दूर किया जा सकता है । इसके साथ ही स्पर्म काउंट बढ़ाने की दवाएं भी उपबल्ध हैं । जीवनशैली में बदलाव और संतुलित आहार के लिए भी आप इनफर्टिलिटी की समस्या को कम कर सकते हैं । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की परेशानी पुरुषों की एक सेक्सुअल प्रॉब्लम है । भारत पुरुषों की एक बड़ी संख्या इस सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी समस्या से पीड़ित है । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कई कारण हो सकते हैं । जिनमें, खान-पान की ग़लत आदतें और ग़लत लाइफस्टाइल जैसी वजहें प्रमुख हैं । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह से लोगों की सेक्स लाइफ पर बुरा असर पड़ता है जो, उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को भी बिगाड़ देती है । तो वहीं, पार्टनर के साथ झगड़े और मानसिक दबाव जैसी स्थितियां है भी इस तरह की सेक्सुअल हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ सामने आती हैं । इस तरह की सेक्सुअल हेल्थ प्रॉब्लम्स से आराम पाने के लिए हेल्दी फूड्स और आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन कर सकते है । जिससे, आपकी समस्या कम हो सकती है । शतावरी: इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन आप दूध मिलाकर कर सकते हैं । इसके अलावा शतावरी की हरी ठंडलियों को सब्ज़ी के तौर पर खा सकते हैं । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की प्रॉब्लम से परेशान पुरुषों के लिए शतावरी का सेवन बहुत लाभदायक होता है । रोज़ रात में सोने से पहले शतावरी का पाउडर दूध में मिलाकर पीएं । महीनेभर में फर्क दिखने लगेगा । शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना ना सिर्फ हृदय रोग सहित कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है । खानपान की स्वस्थ आदतें अपनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया सकता है । आप कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक तरीके अपना सकते हैं । आयुर्वेद के अनुसार, अधपचा भोजन शरीर में जहरीले अम्ल का निर्माण करता है, जो कि हृदय संबंधित बीमारियों का कारण बनता है । अपने हृदय की तंदुरुस्ती के लिए सुपाच्य, नियमित और संतुलित भोजन करें । आज तक, शोधकर्ताओं के वैज्ञानिक समुदाय ने पहले ही 40+ प्रकार के लाइसोसोमल स्टोरेज विकारों की पहचान की है और संख्या अभी भी बढ़ती रहती है । हालांकि, व्यक्तिगत रूप से लिया जाने पर विभिन्न प्रकार  के एलएसडी के मामलों की संख्या काफी कम होती है । वे लगभग 7,700 जन्मों में 1 को प्रभावित करते हैं । अनुवांशिक संरचना को बदला नहीं जा सकता है, लेकिन पंचकर्म और अन्य डिटॉक्सिफिकेशन थेरेपी द्वारा समस्या का अच्छी तरह से प्रबंधन जोखिम को कम कर सकता है । यह पुरानी बीमारियों के प्रकट होने में विलंब कर सकता है । कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक तरीके अपनाकर देखें । आयुर्वेद के अनुसार, वजन में वृद्धि अक्सर अनुचित पाचन के कारण होती है । पाचन वृद्धि बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ वजन घटाने में मदद करते हैं । पाचन को बढ़ावा देने और पाचन में वृद्धि करने वाले खाद्य पदार्थों में अदरक, पपीता, कड़वा, लहसुन, काली मिर्च आदि शामिल हैं । इनका नियमित रूप से सेवन करें । तनाव ना केवल दिमाग को परेशान करता है बल्कि यह आपके शरीर को भी प्रभावित करता है । तनाव को कम करने के लिए अपने मन और शरीर को शांत करें । इसके लिए प्राणायाम, ध्यान, व्यायाम और योग का सहारा लें । कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के इलाज में भी कारगर बताया गया है । साथ ही रोजाना इसका सेवन शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है । ऐसे में आप भी इसे अपनी में जरूर शामिल करें । इस मौसम में कई रोगियों के घुटने का दर्द, अकड़न और असहजता बढ़ जाती है क्योंकि वातावरणीय दबाव के कारण रक्तसंचार में बाधा होती है । आयुर्वेद और योग का गहरा नाता है । आयुर्वेद स्वस्थ रहने के लिए योग को अपनाने की सलाह देता है । साइंस और मेडिसिन जनरल द्वारा प्रमाणित तीन प्रकार के प्राणायाम शरीर के लिए रामबाण हैं । अनुलोम-विलोम, कपालभाति तथा भस्त्रिका प्राणायाम के जरिए शरीर का पूर्ण शोधन करते हुए स्वस्थ शरीर का निर्माण किया जा सकता है । अतिरिक्त शर्करा एवं ऊर्जा को शारीरिक श्रम द्वारा अर्थात् व्यायाम से पचाया जा सकता है, इसीलिए व्यायाम आवश्यक है । इससे चयापचय क्रिया में सुधार होता है तथा शर्करा का पाचन होता है । ठंड के मौसम में बालों की सही देखभाल हो जाये तो इनमें अच्छी ग्रोथ हो जाती है । मजबूत व घने बालों के लिए ठंड के मौसम में कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है । आयुर्वेद के ये 4 आसान उपाय आपको सिगरेट और तम्बाकू की लत छोड़ने में मददगार ही नहीं है बल्कि शरीर को एक बार पुनः पहले जैसा भी बनाते हैं । मदार के फूलों को सुखा कर रोजाना इसका चूर्ण खाने से अस्थमा, फेफड़ों के रोग और शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है । लंबे उपचार या तत्‍काल उपचार, जरूरत के हिसाब से तय करें चिकित्‍सा । फंगल इंफेक्शन का सही से इलाज न किया जाय तो वह बड़ी बीमारी का कारण बन जाता है । वजन कम करने के लिए आपको इससे हेल्दी तरीका कुछ नहीं है! योग आपके शरीर की ऊर्जा को जमाकर सर्दियों में सुस्ती से दिलाता है राहत हम बता रहे हैं कि आपको हर दिन कैसे जागना चाहिए । क्या सचमुच गोमूत्र का कैंसररोधी गुण कैंसर को बढ़ने से रोकता है? कोराना से लड़ने में मदद करेगा गिलोय का काढ़ा, जानें इस काढ़े को बनाने का तरीका । कोरोनावायरस से बचने के लिए आज लोग आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं । आयुर्वेद में कई ऐसे इलाज मौजूद हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है । काढ़ा, घरेलू उपचार, जड़ी-बूटियों के सेवन से इम्यूनिटी मजबूत रहती है । जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती, इससे बचाव करने के लिए आयुर्वेद ही बेहतर तरीका है । आयुर्वेदिक इलाज के कोई साइड एफेक्ट्स भी नहीं होते हैं । अधिकतर लोग इन दिनों गिलोय का सेवन भी कर रहे हैं, क्योंकि मानसून सीजन में डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है और गिलोय इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है । सीजनल बीमारियों जैसे बुखार, सर्जी-खांसी आदि से बचे रहने के लिए भी आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं । जानें, गिलोय का काढ़ा बनाने की रेसिपी- गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सामग्री गिलोय का तना- छोटे टुकड़ों में कटा हुआ नीम की पत्तियों का डंठल- 5-7 तुलसी की पत्तियां- 8-10 गुड़- 20 ग्राम गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गियोल का तना लें । उसे अच्छी तरह से कुचल लें । अब एक बर्तन में रखें । इसमें नीम और तुलसी की पत्तियों और गुड़ को भी डाल दें । अब इसमें 3-4 कप पानी डालकर मीडियम आंच पर उबलने दें । इसे तब तक खौलने दें, जब तक यह पानी आधा ना हो जाए । अब इसे छान लें । गर्म नहीं बल्कि गुनगुना इसका सेवन करें । गिलोय का काढ़ा नॉर्मल या सीजनल बुखार में दो दिनो तक पीने से लाभ होता है । क्या गिलोय का काढ़ा कोरोना से बचा सकता है? कोरोनावायरस से संक्रमित होने वालों में बुजुर्गों और किसी रोग से पीड़ित लोगों की संख्या अधिक है । ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है । ऐसे लोगों में मरने की संख्या भी अधिक है । गिलोय का काढ़ा पीने से आप रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं । इस तरह आप कोरोना से जल्दी संक्रमित होने से बचे रहेंगे । गिलोय का काढ़ा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी साबित हो सकता है । हालांकि, अभी तक इस बात की कोई पुष्टि या प्रमाणिकता नहीं है कि गिलोय का काढ़ा कोरोना के मरीज को लाभ पहुंचाती है या नहीं । कब तक पीना चाहिए गिलोय का काढ़ा ? आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय का काढ़ा बहुत अधिक नहीं पीना चाहिए । इसकी तासीर गर्म होती है । गर्मी के दिनों में आधा कप या उससे भी कम लेना चाहिए । बुखार में इस काढ़े को पीने से बुखार दो दिन में ठीक हो सकता है । रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है गिलोय का काढ़ा । ऐसे में किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन अधिक नहीं । आप चाहें, तो किसी एक्सपर्ट की सलाह पर भी इसका सेवन कर सकते हैं । कोरोना वायरस महामारी की चपेट में आए लोगों की संख्या हमारे देश में 81 लाख से अधिक हो गयी है । देश के कुछ स्थानों पर जहां संक्रमण के मामलों में कमी आते दिख रही है वहीं, कई स्थानों पर स्थिति अभी भी गम्भीर है । इसी बीच एक्सपर्ट्स ने आशंका जतायी है कि इन सर्दियों के मौसम में देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आएगी । साथ ही एक्सपर्ट्स ने स्पैनिश फ्लू से तुलना करते हुए यह भी कहा है कि, स्पैनिश फ्लू की तरह कोविड-19 की दूसरी लहर भी जानलेवा साबित हो सकती है । क्या स्पैनिश फ्लू और कोरोना महामारियां हैं एक जैसी? वैज्ञानिकों की राय है कि स्पैनिश फ्लू और कोरोना वायरस में काफी समानताएं हैं । इसीलिए, पूर्व में हुए अनुभव और घटनाओं के आधार यही डर है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर घातक हो सकती हैं । दोनों बीमारियों में इस प्रकार की समानताएं हैं- दोनों ही बीमारियां श्वसन तंत्र से जुड़ी हुई हैं । दोनों ही संक्रामक हैं । स्पैनिश फ्लू के बारे में एक्सपर्ट्स को समझ नहीं आया था कि यह किस प्रकार या किस गति से फैली थी । वहीं, कोरोना वायरस के बारे में भी वैज्ञानिकों कुछ पता नहीं चल पा रहा । फ्लू की तरह कोरोना में भी नहीं पता कि महामारी का प्रसार कैसे व कितनी तेजी से हो रहा है । स्पैनिश फ्लू से मई 1 सरकारें थोड़ी ढीली हुईं तो साल के अंत में इसकी दूसरी लहर ने तबाही मचा दी । जहां केवल डेढ़ साल की अवधि में लगभग 10 करोड़ लोगों की स्पैनिश फ्लू के कारण मृत्यु हो गयी थी । स्पैनिश फ्लू से अमेरिका में साढ़े 6 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी । वहीं भारत में एक करोड़ से अधिक लोगों की जान स्पैनिश फ्लू के चलते चली गयी थी । एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक अक्सर दावा करते रहे हैं कि स्पैनिश फ्लू के बारे में जिस प्रकार के जानकारियां और आंकड़ें उपलब्ध हैं, वास्तविक स्थिति उससे कहीं अधिक डरावनी थी । गौरतलब है कि कोविड-19 के मामले जैसे ही कम होने लगते हैं, उसके तुरंत बाद आंकड़ों में अचानक से बढ़ोतरी होने लगती है । चीन को छोड़कर पूरी दुनिया में कोविड-19 इंफेक्शन के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है । फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका में कोविड-19 की दूसरी लहर के ख़तरे के प्रति लोगों को चेताया गया है । वहीं, इन देशों में दूसरे लॉकडाउन की घोषणा भी कर दी है । जबकि, भारतीय उपमहाद्वीप क्षेत्र में भी कोविड-19 संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है । क्यों मानी जा रही कोविड-19 की दूसरी लहर को घातक दुनिया के कई देशों में सर्दियों का मौसम आरंभ होते ही कोविड-19 संक्रमण भी फैलने लगता है । जहां यूरोप के कई देशों ने सार्वजनिक स्तर पर घोषणा कर दी है कि उनके देश में  कोविड-19 संक्रमण बहुत तेज़ी से फैल रहा है । वहीं, स्पैनिश फ्लू ने भी सर्दियों में दोबारा ज़ोर पकड़ा था और गम्भीर तरीके से लोगों को संक्रमित किया था । दूसरी बात जो चिंताजनक है वह है हवा में कोरोनावायरस का देर तक सक्रिय रह जाना । कोरोना वायरस हवा में घुलकर बहुत देर तक सक्रिय रहता है । जिस वजह से यह कम समय में भी बहुत अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है । कोरोना वायरस श्वसन मार्ग पर सीधा हमला करता है । इसी तरह सर्दियों में जब नाक के अंदर का म्यूकस सूख जाता है तो, इंफेक्शन से लड़ने में श्वसन तंत्र कमज़ोर पड़ जाता है । जिससे, शरीर कोविड-19 संक्रमण की सर्दियों में नाक की झिल्ली सूख जाती है व संक्रमण से मुकाबला करने के लिए कमजोर पड़ने लगती है । इसलिए जब भी वायरस हमला करता है तो वह बचाव नहीं कर पाती । इससे तेजी से संक्रमण फैलता है । सेब, अनार से लेकर फूलगोभी तक कौन सी सब्जी है ताजी और कौन सी बासी? ऐसे लगाएं पता, हेल्दी चुनें और हेल्दी रहें हमेशा से ऐसा कहा जाता रहा है कि हमें ताजी फलों और सब्जियों का ही सेवन करना चाहिए लेकिन इनके ताजेपन का अंदाजा कैसे लगाया जाए ये शायद ही किसी को लगाना आता हो । इस लेख में हम आपको ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको कुछ मदद मिल सकती है । आप इन तरीकों का उपयोग करके यह पहचानने की कोशिश कर सकते हैं कि फल और सब्जियां ताजी है या नहीं । इसके अलावा कई दुकानदार फलों और सब्जियों को ताजा दिखने के लिए जड़ों और फलों के सिरे को काट देते हैं । आमतौर पर सेब और अनार जैसे महंगे फलों के साथ ऐसा ही होता है । और तो और कई सब्जियों पर पानी छिड़कते हैं ताकि वे नमी से अधिक ताजा दिखाई दें । आमतौर पर पत्तेदार सब्जियों के साथ ऐसा होता है । मिट्टी के निशान जड़ आधारित सब्जियों के लिए समान रूप से काम करते हैं । 1.सेब सेब फाइबर सहित कई पोषक तत्वों से भरा होता है इसलिए लोग इसे खूब खाना पसंद करते हैं । लेकिन सेब ताजा हो तभी आपको ज्यादा फायदा मिलेगा । जी हां, सेब ताजा है या नहीं इसका पता आप उसकी जड़ यानी की ऊपरी सिरे से लगा सकते हैं । सेब के सिरे को देखकर ही इसकी ताजगी का पता लगाया जा सकता है । अगर इसका सिरा सूख गया है तो इसका मतलब है कि यह ताजा नहीं है । ताजे सेब का सिरा सूखा नहीं होता है । इसके अलावा सेब की बाहरी त्वचा अगर सिकुड़ी हुई है तो सेब ताजा नहीं है । 2. अनार खून की कमी को पूरा करने वाला अनार भी ताजा ही खाना चाहिए क्योंकि बासी अनार में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है । इसके ताजेपन का पता लगाने के लिए आप इस फूल के भी सिरे को देखें । ताजे अनार की सभी पंखुड़ियां ऊपर की ओर होती हैं साथ ही वे टूटती भी नहीं हैं और आसानी से झुक भी जाती हैं । जबकि अनार अगर ताजा नहीं हैं तो इस फल का सिरा टूटा हुआ होगा, मुड़ा हुआ होगा और सूखा हुआ भी होगा । साथ ही इसका छिलका बहुत सख्त और खुरदरी दिखाई देगा । 3. गाजर गाजर के छिलके और जड़ों को देखें । ताजी गाजर का छिलका एक समान दिखाई देता है जबकि बासी गाजर या फिर काफी दिन की रखी हुई गाजर के छिलके पर सफेद धब्बे नहीं होते हैं । 4. फूलगोभी ताजी फूलगोभी का रंग बिल्कुल सफेद होता है । लेकिन जब गोभी को लंबे समय तक स्टोर कर रखा जाता है तो कभी-कभी फूलगोभी पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं और ऐसा ऑक्सीकरण के कारण होता है खासकर जब गोभी को लंबे समय तक स्टोर कर रखा जाता है । लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि कभी-कभी ये भूरे रंग के धब्बे आम होते हैं । लेकिन ये भूरे रंग के धब्बे काले धब्बों में बदल जाते हैं । इसलिए इस तरह की गोभी को नहीं खरीदा जाना चाहिए क्योंकि ये बिल्कुल ताजी नहीं होती है । 5. पपीता पपीते को खरीदते वक्त हमेशा चमकीले रंग का ही चुनाव करें । अगर पपीते का छिलका हल्का और टूटा हुई दिखाई दे तो उसे न लें । मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए इन 3 आयुर्वेदिक औषधियों का करें सेवन, कई अन्य रोगों से भी होगा बचाव Sex Po दौड़ने में जितनी शारीरिक ऊर्जा की खपत होती है, उतनी ही ऊर्जा एक व्यक्ति सेक्स के दौरान खर्च करता है । सेक्स पावर, सेक्स स्टैमिना या फिर सेक्स के प्रति रुचि में कमी, लिबिडो में कमी होने से आप ठीक तरह से सेक्स लाइफ को आनंद नहीं उठा पाते हैं । परेशान होने की जरूरत नहीं है । आयुर्वेद में लो लिबिडो, लो सेक्स पावर, लो सेक्स ड्राइव या स्टैमिना, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याओं का रामबाण इलाज मौजूद है । हम आपको यहां तीन ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन करके आप कुछ ही दिनों में सेक्सुअल समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं । इसके सेवन से यौनशक्ति बढ़ती है । शिलाजीत की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका अधिक सेवन करने से बचें । शारीरिक ताकत में कमी महसूस हो, तो शिलाजीत का सेवन करें । इसके चूर्ण के सेवन से लो सेक्स ड्राइव और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी पुरुषों की सेक्सुअल समस्याएं दूर होती हैं । रात में सोने से पहले एक गिलास दूध में शिलाजीत चूर्ण को मिलाकर अच्छी तरह से उबालें । इस दूध को पी जाएं । सफेद मूसली पुरुषों में स्‍पर्मकाउंट, टेस्टोस्टेरॉन बढ़ाए सफेद मूसली एक ऐसी हर्ब है, जिसे वियाग्रा की तरह फायदेमंद माना गया है । यह पुरुषों की सभी सेक्सुअल समस्याओं का रामबाण इलाज है । सफेद मूसली को व्हाइट मूसली भी कहते हैं । पुरुषों की सेक्स समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली कामोत्तेजक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है । आयुर्वेद में सफेद मूसली जड़ के पाउडर का उपयोग किया जाता है । मूसली पुरुष कमजोरी, शारीरिक दुर्बलता, स्तंभन दोष, रात का उत्सर्जन आदि के उपचार में उपयोगी मानी जाती है । स्‍पर्मकाउंट, पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन लेवल बढ़ाए । इतना ही नहीं नाइटफॉल, सेक्स ड्राइव, प्रीमैच्योर इजैकुलेशन, इरेक्‍टाइल डिसफंक्‍शन, नपुंसकता, पुरुषों में बांझपन की समस्या आदि को दूर करती है । कौंच के बीज से दूर करें शारीरिक कमजोरी कौंच के बीज सेक्स संबंधित सभी समस्याओं को आसानी से ठीक करने के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा होती है । कौंच के बीज को वेलवेट बीन भी कहते हैं । इससे सेक्स पावर बढ़ता है । इसे आप कुछ दिनों तक इस्तेमाल करेंगे, तो कमजोरी, नामर्दी, ढीलापन और शीघ्रपतन जैसी समस्याएं बहुत जल्दी दूर हो जाएंगी । वे पुरुष जो बांझपन की समस्या से ग्रस्त हैं, उन्हें भी इसका सेवन करना चाहिए । इसे एक कामोद्दीपक औषधी कहा गया है । शुक्राणुता से लेकर पार्किंसंस रोग तक के इलाज के लिए कौंच का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा में किया जाता है । कौंच के बीजों से तैयार किए गए पाउडर को दूध के साथ उबाल कर सेवन किया जाता है । सेक्स की शुरुआत करते ही थकान महसूस हो या फिर यौन इच्छा की कमी हो, कौंच बीजों का इस्तेमाल करें । भारत में 36% हाइपरटेंशन के मरीज बनते हैं किडनी प्रॉब्लम के शिकार, ज्यादातर बुजुर्ग हैं शामिल क्योंकि आजकल ज्यादातर लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या है इसलिए हो सकता है कि कुछ लोगों को यह आम स्वास्थ्य रोग लगता हो । लेकिन ऐसा सोचने वालों को बता दें कि हाइपरटेंशन एक बहत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे यदि समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है । एक रिपोर्ट में यह कहा गया कि 61 से 85 वर्ष की आयु के 26% उच्च रक्तचाप वाले मरीजों और 85 वर्ष से अधिक आयु के 36% लोगों में क्रिएटिनिन की अनियमितता देखी गई है । देश की विश्वसनीय डायग्नोस्टिक्स श्रृंखला में से एक एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स का कहना है कि अन्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर के मरीज किडनी संबंधी समस्या का शिकार जल्दी होते हैं । विश्लेषण में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में उच्च क्रिएटिनिन का स्तर भी बताया गया है जबकि एक जोन-वार विश्लेषण से पता चला है कि पूर्वी क्षेत्र में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों में क्रिएटिनिन के सबसे असामान्य मूल्यों का प्रदर्शन किया । डेटा को एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स द्वारा 29 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में अपने केंद्रों से 2017-2019 के दौरान तीन वर्षों में एकत्र किया गया था । एक वेबसाइट के अनुसार, डॉ अनुराग बंसल, तकनीकी प्रमुख एन एंड ई और निदेशक – लैब ऑपरेशन, एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के चलते आजकल ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में आ रहे हैं इसलिए जरूरी है कि लोगों को इसकी शुरुआती पहचान के तरीकों के बारे में शिक्षित किया जाए । ताकि समय रहते इसकी रोकथाम और इलाज पर काम किया जाए । साथ ही डॉक्टर कहते हैं हाई ब्लड प्रेशर तो किडनी समस्याओं का कारण बनता ही है साथ ही क्रोनिक किडनी रोग के कारण भी उच्च रक्तचाप हो सकता है, जिसे सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं । हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के तरीके 1. रोज लहसुन खाएं । इसमें एलीसीन होता है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्‍साइड के उत्पादन को बढ़ा देता है । इससे धमनियों और नसों पर पड़ने वाले दबाव कम हो जाता है । 2. कम से कम तनाव लें । स्ट्रेस या तनाव के कारण आपका हृदय तेज़ी से धड़कता है और ब्लड वेसल्स का संकुचन बढ़ जाता है । इसीलिए, तनाव को कंट्रोल करें । 3. तिल के तेल में पाए जाने वाले सेसामिन और सेसामिनाल तत्व ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं । इसका एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण ब्लड प्रेशर को कम करता है । 4. नमक का बहुत अधिक मात्रा में सेवन भी हाइपरटेंशन की एक वजह है । इसीलिए, कम मात्रा में नमक का सेवन करें । 5. समय पर सोएं और भरपूर नींद लें । इससे शरीर को आराम मिलेगा और तनाव भी कम होगा । आयुर्वेद में कॉन्स्टिपेशन से राहत पाने के लिए गुड़ को बताया गया है कारगर, खाली पेट पीएं गुड़ और गर्म पानी होगें ये 4 फायदे सुबह खाली पेट हम जो खाते या पीते हैं, उसका असर सीधा हमारी स्किन, बॉडी और शरीर के अन्य अंगों पर दिखायी पड़ता है । इसीलिए, आयुर्वेद में सुबह खाली पेट ऐसी चीज़ें ग्रहण करने की सलाह दी गयी है जिनसे शरीर को लाभ हो । कई लोग अपनी आदत और ज़रूरत के अनुसार सुबह गर्म पानी, शहद-नींबू पानी और अजवायन जैसी चीज़ों का सेवन करते हैँ । इसी तरह खाली पेट गुड़ और गुनगुना पानी पीने से भी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स ठीक होती हैं । खाली पेट गुड़-पानी पीने के हेल्दी फायदे वेट लॉस बढ़ते वज़न को कंट्रोल करने के लिए सुबह गुनगुने पानी के साथ गुड़ का सेवन बहुत लाभकारी है । दरअसल, गुण में विटामिन बी1, विटामिन बी6, विटामिन सी के अलावा मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम जैसे तत्व होते हैं । ये सभी तत्व शरीर का पोषण करते हैं और दिनभर एक्टिव रहने के लिए एनर्जी भी देते हैं । साथ ही गुड़ और पानी फैट बर्निंग में भी सहायता करते हैं । इससे बेली फैट कम होता है । डायजेस्टिव सिस्टम होता है बूस्ट कमज़ोर पाचन की वजह से लोगों को पेट से जुड़ी कई समस्याएं होने लगती हैं । पेट में अपच, कॉन्स्टिपेशन गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं खराब खान-पान और लाइफस्टाइल की वजह से बहुत अधिक बढ़ गयी हैं । इनसे राहत पाने के लिए आप सुबह खाली पेट थोड़ा-सा गुड़ खाएं और गुनगुना पानी पीएं । इससे, आपका पाचम तंत्र सुधरेगा और आपको इन समस्याओं से आराम भी मिलेगा । ओरल हेल्थ में होता है सुधार जिन लोगों को मसूड़ों में अक्सर दर्द और सूजन की शिकायत होती है उन्हे गुड़ खाना चाहिए । इससे, मुंह में छुपे बैक्टेरिया कम होते हैं और दांतों की सड़न, सांसों से आने वाली बदबू और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याएं कम होती हैं । नींद न आने की परेशानी होगी कम कई लोगों को रात में ठीक से सोने में बहुत अधिक परेशानी होती है । ये लोग पूरी रात बेचैन रहते हैं और ठीक से सो नहीं पाते । ऐसे लोगों को सुबह गुड़ और गुनगुना पानी पीना चाहिए । इससे आपका तनाव कम होगा और आप ठीक तरीके से सो भी पाएंगे । फायदे ही नहीं एक्यूपंक्चर के कई नुकसान भी हैं, जानें इसके 5 बड़े साइड इफेक्ट शरीर में एनर्जी के लेवल को बनाए रखने के लिए एक्यूपंक्चर का इस्तेमाल किया जाता है । इस प्रकिया में बारीक सुईयों को शरीर के कुछ खास हिस्सों में लगाकर रोग का इलाज किया जाता है । विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने के लिए यह एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है । यहां तक ​​कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी स्वीकार किया है कि एक्यूपंक्चर चिकित्सा पीठ दर्द, मुंहासे, इन्सोमनिया अस्थमा, इनफर्टिलिटी और मोटापा समेत इरिटेबल कोलन सिंड्रोम समेत 47 चिकित्सा स्थितियों के उपचार में प्रभावी है । यह एक कम-जोखिम वाला सुरक्षित और प्रभावी तरीका है, बशर्ते यह एक लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा किया गया हो । लेकिन किसी भी अन्य प्रक्रिया की तरह, एक्यूपंक्चर के भी कई साइड इफेक्ट्स हैं । आज इस लेख में हम आपको एक्यूपंक्चर के कुछ साइड इफेक्ट के बारे में बता रहे हैं । हालांकि इसके साइड इफेक्ट खतरनाक नहीं होते हैं लेकिन फिर भी आपका जानना जरूरी है । थकान कुछ लोगों को एक्यूपंक्चर के बाद थकावट महसूस होती है । हालांकि आमतौर पर ये थकान कुछ घंटो बाद दूर हो जाती है लेकिन कुछ लोगों को यह 2 से 3 दिन तक भी रहती है । यह सेशन की शुरुआत में काफी आम है और यदि किसी के साथ ऐसा होता है तो उसे चिंता नहीं करनी चाहिए । इसे बस एक चेतावनी संकेत की तरह लेना चाहिए कि आपके शरीर को आराम की आवश्यकता है और अपनी देखभाल करनी चाहिए । केवल एक्यूपंक्चर आपको पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता है, आपको कुछ आत्म देखभाल की भी आवश्यकता होती है । शरीर में दर्द एक्यूपंक्चर के दौरान शरीर में कई जगहों पर नीडल्स यानि कि सुई का इस्तेमाल किया जाता है । शरीर के जिन हिस्सों में सुई डाली जाती हैं वहां इलाज के बाद थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है । यह आमतौर पर हाथ, पैर या बड़ी आंत जैसे संवेदनशील जगहों पर होता है । आमतौर पर, उपचार से 24 घंटों के बाद दर्द चला जाता है । लेकिन कुछ लोगों को यह दर्द थोड़ा लंबे समय तक भी रह सकता है । मांसपेशियों में ऐंठन भी एक्यूपंक्चर का एक ​परिणाम हो सकता है । शरीर में नील पड़ना एक्यूपंक्चर के बाद सुइयों का एक साइड इफेक्ट शरीर में नील पड़ने के रूप में भी देखा जाता है । एक्यूपंक्चरर के बाद शरीर में हल्का नीला पड़ना बहुत आम है । इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि जब शरीर में नीडल्स लगाई जाती हैं तो रक्त इकट्टा हो जाता है । नील के दौरान शरीर में हल्का दर्द और सूजन भी हो सकती है । हालांकि यह कोई इतनी बड़ी खामी नहीं है जिसके बारे में चिंतित हुआ जाए । कुछ दिनों के आराम के बाद यह अपने आप सही हो जाती है । सिर में दर्द और भारीपन कुछ लोगों को उपचार के बाद सिर में दर्द और भारीपन की शिकायत हो सकती है । अगर आपको ऐसा लगता है, तो उपचार करने के बाद थोड़ा आराम करें । उपचार के तुरंत बाद न उठें, कुछ समय के लिए एक्यूपंक्चर टेबल पर लेट जाएं और गहरी सांस लेकर आराम करें । इसके अलावा, ऐसी स्थिति से बचने के लिए सेशन से पहले कुछ खा लें । खाली पेट इस सेशन को लेने से बचें । रोना या इमोश्नल फील होना कभी-कभी लोग एक्यूपंक्चर के दौरान रोते हैं या बहुत भावुक महसूस करते हैं । यह इसलिए नहीं होता है क्योंकि उपचार बहुत दर्दनाक होता है । बल्कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस सेशन को लेते वक्त शरीर से काफी एनर्जी निकल जाती है, जो एक भावनात्मक कनेक्शन को जन्म दे सकता है । एक्यूपंक्चर आपके शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य को प्रभावित करता है । इसलिए अगर आपको ऐसा फील हो तो तनाव न लें, इस स्थिति से आप कुछ समय बाद ही निकल जाएंगे । शोधकर्ताओं ने किया दावा, लगातार टेस्टिंग से कोविड-19 पर काबू पाए जाने की है संभावना । Covid-19 शोधकतार्ओं को अपने किए एक हालिया शोध में इस तथ्य का पता चला है कि कोविड-19 के निरंतर किफायती परीक्षणों के माध्यम से कुछ ही हफ्तों में वायरस को काबू में लाया जा सकता है । रिसर्चरों ने दावा किया है कि भले ही ये परीक्षण गोल्ड स्टैनडर्ड नैदानिक परीक्षणों की तुलना में कम संवेदशनशील हों, लेकिन इनका कराया जाना जरूरी है । अमेरिका में कोलारडो विश्वविद्यालय से शोध के मुख्य लेखक डेनियल लार्मर ने कहा, “शोध में सामने आए निष्कर्षों के मुताबिक, बात जब लोगों के स्वास्थ्य की आती है, तो ऐसे कम संवेदनशील परीक्षणों का कराया जाना बेहतर है, जिनके परिणाम हाथों-हाथ मिल जाएं, न कि ऐसे परीक्षण जिसके नतीजे के लिए हमें एक दिन का इंतजार करना पड़े । शोधकर्ताओं ने दी संक्रमितों को ही घर में रहने की सलाह उन्होंने आगे कहा, “लोगों को घर में इस वजह से रहने की सलाह देना ताकि किसी एक संक्रमित व्यक्ति की वजह से दूसरों में रोग का प्रसार न हो, हम सिर्फ संक्रमितों को ही घर पर रहने की सलाह दे सकते हैं, ताकि बाकियों की जिंदगी पर कोई असर न पड़े । इस शोध को जर्नल साइंस एडवांसेस में प्रकाशित किया गया । इसके लिए रिसर्च टीम ने हावर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इस बात को जानने की कोशिश की कि परीक्षण की संवेदनशीलता,उसकी आवृत्ति या उसका टर्नअराउंड टाइम कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कितना महत्वपूर्ण है । शोधकर्ताओं ने देखा कि जब किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस के लक्षण दिखते हैं या जब कोई संक्रमित हो जाता है, तो संक्रमण के दौरान शरीर के अंदर वायरल लोड का उतार-चढ़ाव कैसे होता है । फिर उन्होंने तीन काल्पनिक परिदृश्यों 10,000 व्यक्तियों, 20,000 व्यक्तियों और शहर में उपस्थित 84 लाख व्यक्तियों पर विभिन्न प्रकार के परीक्षणों के साथ स्क्रीनिंग के प्रभाव का पूवार्नुमान लगाने के लिए गणितीय मॉडलिंग का उपयोग किया । बात, जब वायरस के फैलने पर अंकुश लगाने की आई तो परीक्षण की संवेदनशीलता के मुकाबले उसका बार-बार कराया जाना या उसके टर्नअराउंड टाइम यानि कि प्रक्रिया को पूरा करने की समयावधि का अधिक महत्व है । नाभि पर तेल लगाने से दूर होती है कई बीमारियां, जानें कौन-से तेल से मिलती है हेल्दी स्किन और बॉडी नैचुरल ऑयल्स हमारी स्किन को हेल्दी बनाते हैं । शुद्ध और बिना मिलावट वाले नैचुरल ऑयल्स या प्राकृतिक तेलों का सेवन करने से ना केवल शरीर का पोषण होता है । बल्कि, सिर की मालिश के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नैचुरल ऑयल्स हमारे बालों की जड़ों का पोषण कर उन्हें काला, घना और नर्म-कोमल बनाते हैं । इसीलिए, कई चिकित्सा पद्धतियों में कुछ बीमारियों के इलाज के लिए  शुद्ध तेल से मसाज भी शामिल की जाती हैं । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि केवल नाभि में भी इन तेलोॆ की कुछ बूंदे लगाने से भी सेहत को बहुत अधिक लाभ होते हैं । क्या नाभि में तेल लगाने से होता है सेहत को फायदा ? यह एक पुरानी चिकित्सा पद्धति है । जिसमें, विभिन्न हेल्थ प्रॉब्लम्स से राहत के लिए नाभि में अलग-अलग प्रकार के तेल की कुछ बूंदे डाली जाती हैं । जैसा कि नाभि शरीर का सेंटर पॉइंट होता है । नाभि के ठीक पीछे स्थित ग्लैंड को पेकोटि ग्लैंड कहते हैं । यह ग्रंथि बॉडी के कई नर्व्स, सेल्स और अंगों से कनेक्टेड होती है । इसीलिए, जब आप अपनी बेली बटन पर तेल लगाते हैं तो, इससे नसों के माध्यम से शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर हेल्दी प्रभाव पड़ता है । यह एक आसान और बिना झंझटवाला तरीका है जो, हर उम्र के लोग आज़मा सकते हैं । यही वजह है कि विभिन्न हेल्थ प्रॉब्लम्स और त्वचा संबंधी परेशानियों के लिए नाभि में तेल लगाने का तरीका इस्तेमाल किया जाता है । नीम का तेल:  जिन लोगों के चेहरे पर पिम्पल्स या एक्ने की समस्या है । उनके लिए बेली बटन या नाभि में नीम का तेल लगाने से काफी फायदे होते हैं । रात में सोने से पहले अपनी नाभि पर  नीम के तेल की कुछ बूदें लगाएं । बादाम का तेल:  हेल्दी नैचुरल ग्लोइंग स्किन के लिए बादाम का तेल  अपनी नाभि पर लगाकर रात में सोएं । सरसों का तेल: ड्राई लिप्स, फटे हुए लिप्स की समस्या में सरसों का तेल लगाने से फायदा होता है । रूई या कॉटन बॉल पर थोड़ा-सा सरसों का तेल डालें और इसे अपनी नाभि पर लगाएं । कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखेगा । ये हैं नाभि में तेल लगाने के हेल्दी फायदे मानसिक थकान कम होती है आंखों की रोशनी बढ़ती है स्ट्रेस कम होता है डायजेशन सुधरता है । बढ़ते वजन को रोकना चाहते हैं तो खानपान के तरीकों में करें ये 5 सिंपल बदलाव, हमेशा रहेंगे फिट लंबे समय तक काम करने, आलस्‍यपूर्ण जीवन शैली और अत्‍यधिक तनाव के कारण वर्किंग प्रोफशनल्‍स महिलाओं और पुरुषों की सेहत खराब होती जा रही है । लगातार बैठकर काम करने वाले लोगों में मोटापा बढ़ता जा रहा है । परिणामस्वरूप, अधिक वजन या मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ रहे हैं । शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि थकान, एसिडिटी से लेकर जीवन की खतरनाक बीमारियों जैसे , स्लीप एपनिया, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं । हालांकि, अपने खाने की आदतों में बदलाव लाना मोटापे से निपटने की दिशा में पहला कदम हो सकता है । यहां हम आपकों खानपान के कुछ स्‍वस्‍थ तरीकों के बारे में बता रहे हैं । 1- शहद और नींबू का सेवन करें अपने दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म पानी से करें और इसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाएं । यह आपके शरीर को डिटॉक्स करने और ताज़ा महसूस करने में मदद करता है । 2- सुबह का नाश्ता कभी न छोड़ें ब्रेकफास्ट शरीर को दिन की शुरुआत में ही आवश्यक कैलोरी देता है, जिससे अवांछित कैलोरी की मात्रा कम होती है । के बजाय पौष्टिक फलों और सब्जियों का सेवन करें । 3- हर दिन मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स खाएं ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । 4- चीनी को कहें ना शहद या गुड़ की तरह प्राकृतिक मिठास के साथ चीनी बदलें अगर आप परीक्षा में महसूस करते हैं । 5- भोजन पर कंट्रोल रखें थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर कम मात्रा में भोजन करें । अवांछित चीजों को खाने से बचें । इस पर नियंत्रण रखने के लिए अपना एक डाइट चार्ट बनाएं और रूटीन को फॉलो करें । अनहेल्‍दी चीजों को खाने से बचें । इन सब के अलावा, आप रोजाना योग कर सकते हैं । , तैराकी, साइकिल चलाना या कार्डियो वर्कआउट जैसी गतिविधियों का चुनाव कर सकते हैं । एक्‍सरसाइज नियमित रूप से करें । गर्मियों के मौसम में एसिडिटी, गैस, कब्ज, ब्लोटिंग और अपच होना आम चीज हो जाती है । इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि पाचन को बेहतर किया जाए । आयुर्वेद में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए अदरक खाने की सलाह दी जाती है । आयुर्वेद के अनुसार, अदरक में कई ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो हर मौसम में लाभ करते हैं । अदरक कई गुणों से भरपूर होता है । अदरक का सेवन करने से सर्दी, खांसी और पेट संबंधी रोगों समेत कई बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है । लेकिन अदरक एक ऐसी चीज है जिसे हम ज्यादातर सर्दियों में पसंद करते हैं, खासकर चाय और सर्दियों के खाद्य पदार्थों में । आज हम आपको अदरक के लाभ बताने के साथ ही कुछ ऐसे रोग बता रहे हैं जो अदरक के सेवन से सही हो जाते हैं । पाचन के लिए अदरक अदरक पाचन के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि यह पेट संबंधी कई रोगों को दूर करने में मदद करता है । लोगों केा अदरम वाली चाय बहुत पसंद होती है । लेकिन गर्मियों में इसके सेवन से बचना चाहिए या कम करना चाहिए । क्योंकि अदरक की तासीर गर्म होती है जिसके चलते इसे गर्मियों में अवॉइड करना चाहिए । हालांकि गर्मियों में अदरक का सेवन नुकसान नहीं करता है बस इसे सर्दियों में लोग ज्यादा पसंद करते हैं । मेमोरी बढ़ाता है अदरक अदरक में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की याददाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं । अदरक में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर शामिल हैं । इसके सेवन से याददाश्त तेज होती है और दिमाग शांत रहता है । सर्दी और खांसी के लिए अदरक गले में खराश और सर्दी को ठीक करने के लिए अदरक सबसे बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार माना जाता है । यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सर्दी और खांसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है । सर्दी जुकाम होने पर अदरक को भून कर खाया जा सकता है । कैंसर के खतरे को राकता है कई तरह के शोधों में यह बात सामने आई है कि अदरक में कैंसर विरोधी तत्व पाए जाते हैं । साथ ही, यह डायबिटीज के खतरे को कम करने में फायदेमंद हो सकता है । खाना खाने के आधे घंटे पहले अदरक के छोटे टुकड़े को कच्चा चबाना बहुत फायदेमंद होता है । कोलेस्ट्रॉल के लिए अदरक अदरक में कई ऐसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो रक्त परिसंचरण में सुधार करने में फायदेमंद माने जाते हैं । अदरक को शरीर के विषहरण और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी लाने के लिए भी लाभकारी माना जाता है । गठिया के लिए अदरक अदरक में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में सूजन और गठिया के दर्द को कम कर सकते हैं । अदरक में विरोधी भड़काऊ और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो दर्द निवारक के रूप में कार्य कर सकते हैं । कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप तेज़ हो रहा है । दुनियाभर में संक्रमण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए  प्रयास किए जा रहे हैं । इस बीच सिंगापुर में एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी रोकना लोगों के हाथ में था । इस रिसर्च के अनुसार अगर लोगों ने शुरुआत से ही मास्क पहना होता तो कोरोना संक्रमण की समस्या इतनी गम्भीर नहीं होती । लेकिन, 70 फीसदी से अधिक लोगों ने मास्क नहीं पहना और संक्रमण फैलता गया । क्या मास्क ना पहनने की ग़लती से फैला कोरोना संक्रमण? इस रिसर्च के परिणामों के मुताबिक अगर 70 फीसदी लोग मास्क पहनते तो कोविड-19 इंफेक्शन के प्रसार को बढ़ने से रोका जा सकता था । इस रिपोर्ट में कपड़े से मुंह को कवर करने को कोरोना का प्रसार रोकने में प्रभावी बताया गया । यह रिसर्च पेपर जर्नल ‘फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स में छापा गया । इस स्टडी में, इस बात का आकलन किया कि फेस मास्क पहनने पर कोरोना का प्रसार रोकना कितना आसान होता है । इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि मास्क पहनने से एक कोविड-19 इंफेक्टेड व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक वायरस का प्रसार कम होता है । क्या कहती है रिसर्च रिसर्च के अनुसार, ‘ अगर 70 फीसदी लोगों ने भी सार्वजनिक स्थानों पर एक प्रभावकारी फेस मास्क, पहना होता तो कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोका जा सकता था । बता दें कि, इस रिसर्च में भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी शामिल थे । इन शोधकर्ताओं का दावा है कि किसी साधारण कपड़े से भी मुंह को कवर करना बहुत प्रभावी है । लोग दुपट्टे, रूमाल, स्कार्फ या गमछा जैसी चीज़ों से भी अपना मुंह, नाक ढंक सकते हैँ । मास्क की ही तरह ये कपड़े भी कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में प्रभावी हैं । नशे की लत छुड़ानी है तो पीएं दालचीनी की चाय, इम्यूनिटी बढ़ाने और वेट लॉस में भी कारगर दालचीनी एक आयुर्वेदित औषधि है । दालचीनी भारत में गरम मसाले के तौर पर इस्तेमाल होता है । इसका हल्का  मीठा स्वाद और खूश्बू ही इसकी पहचान है । दालचीनी मुख्यत पेड़ की छाल होती है । दालचीनी में एंटीबैक्टेरियल और एंटीमाइक्रोबायल तत्व होते हैं । दालचीनी में फाइबर, मैंगनीज, आयरन और विटामिन के बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है । ये सभी पोषक तत्‍व शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं, इसीलिए कुछ विशेष हेल्थ प्रॉब्लम्स में दालचीनी के सेवन की सलाह दी जाती है । लोग दालचीनी का पानी, दालचीनी पाउडर और दालचीनी की चाय बनाकर इस मसाले का सेवन करते हैं । दालचीनी के गुणों को प्राप्त करने के लिए आप घर में आसानी से दालचीनी की चाय बना सकते हैं । इस लेख में पढ़ें दालचीनी के फायदे और दालचीनी की चाय बनाने का तरीका । इन चीज़ों से बनाएं दालचीनी की चाय दालचीनी के डंठल शहद पानी नींबू का रस दालचीनी की चाय बनाने का तरीका इस गुणकारी चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक गिलास पानी को आंच पर गर्म होने के लिए रखें । इस पानी में दालचीनी का एक टुकड़ा डालें । पानी को 20-22 मिनट उबलनें दें । जब, पानी उबलकर आधा हो जाए तो उसे आंच से उतारें । फिर, इस मिश्रण को छान लें । वैसे तो यह चाय नैचुरली मिठास से भरपूर होती है । लेकिन आप इसमें अपने स्वादानुसार आधा चम्मच शहद और नींबू का रस भी मिला सकते हैं । दालचीनी की चाय पीने के फायदे इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर आप दालचीनी की चाय पी सकते हैं । गौरतलब है कि दालचीनी में एंटीऑक्‍सीडेंट की मात्रा अधिक होती है जो वायरस, इंफेक्शन और फ्री रैडिकल डैमेज़ से लड़ने में सहायता करता है । शराब, सिगरेट और अन्य प्रकार के नशे की तल को छुड़ाने में मददगार है दालचीनी की चाय वेट लॉस के लिए दालचीनी की चाय काफी कारगर मानी जाती है । इसीलिए, जो लोग वेट लॉस की कोशिश कर रहे हैं वे दिन में दो बार दालचीनी की चाय पी सकते हैं । डायबिटीज़ मैनेजमेंट के लिए भी डायबिटिक्स दालचीनी की चाय पी सकते हैं । दालचीनी ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करता है । यह इंसुलिन का स्तर भी बेहतर बनाता है । सेक्स पॉवर बूस्ट करने के लिए सौंफ के साथ पीएं दूध, इम्यूनिटी बढ़ेगी होंगे ये भी फायदे दूध के साथ सौंफ के बीजों को उबालकर पीएं । रात में सोने से पहले इस दूध का सेवन करने से आपको दूध और सौंफ के पोषक तत्वों का पूरा फायदा मिलेगा । आइए जानते हैं सौंफ के सेवन के कुछ ऐसे ही स्वास्थ लाभों के बारे में । सौंफ के बीज अपनी खूश्बू और पाचक गुणों के कारण जाने जाते हैं । इसीलिए, भोजन के बाद लोग आधा चम्मच सौंफ चबाकर डायजेशन को सही रखने का काम करते हैं । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि केवल माउथ फ्रेशनर के तौर पर ही आप इन हरे बीजों का सेवन ना करें । बल्कि, इन्हें अपनी सेहत को अन्य फायदे पहुंचाने के लिए भी खाएं । जी हां, सौंफ कई औषधिय गुणों से भरपूर होती है । इसीलिए, सौंफ के सेवन से कई बीमारियों से राहत मिलती है । सौंफ के बीजों में विटामिन सी का स्तर काफी अच्छा रहता है । इसमें, कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटैशियम, जैसे विभिन्न प्रकार के मिनरल्स भी होते हैं । ये सभी तत्व शरीर की कार्य प्रणालियों को सही तरीके से काम करने में सहायता करते हैं । इसके लिए आप दूध के साथ सौंफ के बीजों को उबालकर पीएं । सेक्स पॉवर बढ़ती है सौंफ का सेवन करने से सेक्स लाइफ से जुड़ी परेशानियों से राहत पाने के लिए पुरुषों और महिलाओं को सौंफ का सेवन करना चाहिए । लो सेक्स ड्राइव, शीघ्रपतन और कमज़ोरी जैसी समस्याओं को नैचुरली ठीक करता है सौंफ । सेक्स ड्राइव बूस्ट करने के लिए सौंफ वाला दूध पीएं । इसके अलावा सौंफ के पाउडर को गुड़ पाउडर या मिश्री के साथ खा सकते हैं । इम्यूनिटी होती है बूस्ट दूध में सौंफ मिलाकर पीने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है । दरअसल, सौंफ में  एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं । दूध का प्रोटीन और सौंफ के पोषक तत्व शरीर को नरिशमेंट देते हैं और रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाते हैं । सांस से जुड़ी परेशानियों से राहत रेस्पेरेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्याएं इन दिनों फैले कोरोना वायरस महामारी के प्रथम लक्षणों में शामिल है । गले में दर्द, सांस लेने में परेशानी और यहां तक कि अस्थमा जैसी बीमारियों में भी सौंफ का दूध पीने से लाभ होता है । इसीलिए रोज़ रात में सोने से पहले सौंफ वाला दूध पीएं । इससे अस्थमा के लक्षण धीरे-धीरे कम हो जाएंगे । पीरियडस की तकलीफों को कम करे लड़कियों को पीरियड्स के समय बहुत अधिक तकलीफ से गुज़रना पड़ता है । ऐसे में दूध में सौंफ मिलाकर पीने से पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलती है । इसके लिए एक गिलास दूध में एक चम्मच सौंफ के बीज डालें । इसे अच्छी तरह उबालकर पीएं । ऐसे में वजन घटाना चाहते हैं, तो कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ में कद्दू और इसके बीजों का सेवन करना लाभकारी कोरोना वायरस के फैलते प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है । इसी बीच भारत में इस बीमारी की दवा को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है । आईआईटी दिल्‍ली ने यह जानकारी शेयर की है । अश्वगंधा से क्‍यों हैं उम्मीदें अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक दवाई है । इसकी मदद से कोशिकाओं में कोविड-19 को विकसित  होने से रोका जा सकता है । अश्वगंधा किस तरह कोविड-19 को कोशिकाओं में फैलने से रोक सकता है, इसकी रूपरेखा तैयार की गई है । जापान में 15 वर्षों से अश्‍वगंधा पर कर रहे काम पिछले 15 सालों से प्रो डी. सुंदर जापान के इंस्टीट्यूट के साथ अश्वगंधा पर काम कर रहे हैं । इस बारे में प्रोफेसर ने बताया कि इस शोधपत्र की पहली रिपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका जर्नल ऑफ बायोमॉलिक्यूलर डायनामिक्स में पब्लिश करने की मंजूरी मिल गई है । कोविड-19 की दवाई बनाने की दिशा पर होगा काम इस शोधपत्र को दो दिनों में प्रकाशित होने की उम्मीद है । उन्होंने कहा कि इस रिसर्च को आगे बढ़ाते हुए अश्वगंधा से कोविड-19 की दवाई बनाने की दिशा में काम होगा । उन्होंने कहा कि अश्वगंधा से कोरोना वायरस की दवाई बनाने के लिए कई क्लीनिकल ट्रायल किए जाएंगे । आधुनिक लैब में इसका ट्रायल होना चाहिए । इस बारे में भी आगे बात की जाएगी । आयुर्वेदिक उपचार के लिए अश्वगंधा का होता है उपयोग भारत में अश्वगंधा का इस्तेमाल काफी समय से किया जा रहा है । कई आयुर्वेदिक दवाइयों में अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जाता है । हाल ही में केंद्र सरकार ने आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जोड़ते हुए एक टास्क टीम का गठन किया है । इस टीम को कहा गया है कि वे अश्वगंधा, गिलोय, यष्टिमधु,  गुडुची को पिपाली के साथ, आयुष-64 जैसी आयुर्वेद औषधियों पर कोविड-19 के संदर्भ में रिसर्च करें । डाइबिटीज एक पुरानी बीमारी है जो दुनिया भर में वयस्कों और बच्चों में महामारी के अनुपात में पहुंच गई है । अनियंत्रित डाइबिटीज के कई गंभीर परिणाम होते हैं, जिनमें हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, अंधापन और अन्य जटिलताएं शामिल हैं । यदि आपको टाइप 2 डाइबिटीज हैं, तो एक अच्छी तरह से संतुलित आहार खाने से आप अपनी ब्लड शुगर के स्तर और वजन को नियंत्रित कर सकते हैं । तो जानिए विस्तार से । शुगर सोडा न पिएं किसी भी प्रकार की शुगर युक्त ड्रिंक पीने में भले ही बहुत स्वादिष्ट हो परंतु यह आप की सेहत खास कर जब आप को डाइबिटीज हो तब बहुत अधिक हानिकारक है । इन ड्रिंक्स में पाई जाने वाली शुगर आप के ग्लूकोज लेवल को अचानक से बढ़ा देती है जिससे आप की शुगर में एक दम से उछाल आ सकता है । अतः ऐसी ड्रिंक्स पीने से बचें । इसकी जगह सादा पानी या फलों के जूस का सेवन करें । स्मूदी न खाएं स्मूदी को हम एक हेल्दी ड्रिंक मानते हैं परन्तु क्या आप जानते हैं कि स्मूदी भी आप की डाइबिटीज बढ़ा सकती है । यदि आप स्मूदी बनाते समय ऐसे फलों का प्रयोग करते हैं जिनमें शुगर अधिक होती है तो आप का ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है । इसके अलावा यदि आप स्मूदी में मीठी दही, सिरप या किसी भी अन्य चीनी युक्त चीजों का प्रयोग करते हैं तो स्मूदी आप के लिए नुक़सान दायक साबित हो सकती है । कॉफी कम पिएं कॉफी भी आप के लिए एक अन हेल्दी ड्रिंक है । एक कप कॉफी में आप को 65-67 ग्राम कार्ब मिलते हैं । जिन में से अधिकतर कार्ब शुगर के कारण होते हैं । कॉफी पीते समय आप सबसे पहले उसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू को जरूर चैक कर लें । हो सकता है उसमे बहुत अधिक मात्रा मे शुगर हो जोकि आप की ब्लड शुगर के लिए एक अभिशाप सिद्ध हो सकती है । फ्राइड फूड से बचें फ्राई किए गए पदार्थों में हालांकि शुगर नहीं होती है । परन्तु उनमें बहुत सारे कार्ब्स, अन हेल्दी फैट्स, कैलोरीज़ होते हैं जिनसे आप का वजन बढ़ने लगता है और इससे आप की ब्लड शुगर पर भी बुरा असर पड़ता है । इसलिए तले हुए या फ्राई किए गए पदार्थ जैसे चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, चिकन नगेट्स आदि को बिल्कुल भी न खाएं । फैट वाला मीट न खाएं यदि आप हाई फैट वाले मीट को खाना पसंद करते हैं तो उनमें बहुत अधिक खराब प्रकार के फैट होते हैं जो आप का वजन बढ़ाते हैं । अतः डाइबिटीज के मरीजों को ऐसा मीट नहीं खाना चाहिए । इसके बजाए आप लीन मीट खा सकते हैं परन्तु आप को पकाते समय इस बात का ध्यान रखना होगा । किसी डाइबिटीज फ्रेंडली तरीके से लीन मीट पकाएं और वह आप के लिए सुरक्षित रहेगा । अत: अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए, पोषक तत्वों से भरपूर सब रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन करें । उदाहरण के लिए, फल, सब्जियां, बीन्स और अन्य फलियां, नट और बीज, साबुत अनाज, मछली । ये सभी विटामिन, फाइबरऔर खनिजों के अच्छे स्रोत हैं । आंख में चली गई धूल या फिर घुस गया कीड़ा? मसले नहीं तुरंत शुरू कर दें ये काम, लालपन और दर्द होगा खत्म आंख हमारे शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से एक है, जिसमें जरा सी परेशानी आपके लिए चिंता का सबब बन सकती है । जी हां, परेशानी से यहां मतलब है कि अगर आप बाइक चला रहे हैं या फिर किसी काम के लिए पैदल ही चल रहे हैं और अचानक से कोई चीज आपकी आंख में चली जाए तो आपको न सिर्फ देखने में दिक्कत हो सकती है बल्कि इंफेक्शन भी हो सकता है । अक्सर हमारी आंख में धूल-मिट्टी, लकड़ी का बुरादा जैसी कुछ चीजें गिर जाती हैं, जो कॉर्निया या कंजाक्टिवा को प्रभावित करती हैं । कई बार पलकों का बाल भी टूटकर आंख में चला जाता है, जिसके कारण आंखों में चुभन और जलन होने लगती है । कई बार आंखें इतनी लाल हो जाती है कि आपको दवाईयां भी खरीदनी पड़ सकती हैं । अगर आपके साथ भी कई बार ऐसा हो चुका है और आप चाहते हैं कि अगली बार आपको परेशान न होना पड़े तो इस लेख में हम आपको ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जो आपको तुरंत राहत देने का काम करेंगे । आंख में परेशानी के लक्षण आंख पर दबाव महसूस होना । आंख की एक तरफ सनसनी सा महसूस होना । आंख में दर्द । आंख से बहुत अधिक पानी आना । उजाले में देखने पर दर्द होना । बार-बार पलक का झपकना । आंख का बहुत अधिक लाल होना । आंख में परेशानी के कारण अक्सर जब भी आप कुछ काम करते हैं तो दुर्घटनावश आपकी आंख में कुछ भी जा सकता है । धूल-मिट्टी रेत कॉस्मेटिक्स कॉन्टेक्ट लेंस धातु कण कांच के कण डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए आंख में किसी प्रकार का कोई केमिकल चला जाए । आंख में घाव हो जाना । आंख में किसी चीज के चले जाने पर पर उसे निकालने के चक्कर में रगड़ना । आंख से धूल-मिट्टी नहीं निकाल पाना । आंख से खून आना । आंखें सही से बंद न हो पाना । कॉर्निया के ऊपर दाग का दिखना । घर पर करें ये काम अगर आपको लगे कि आपकी आंख में कुछ चला गया है तो किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए सही उपचार की जरूरत है । आंखों को रगड़े नहीं और न ही दबाव दें । आंख में गई चीज को निकालने के लिए चिमटी या रुई का इस्तेमाल न करें । आंख में से धूल-मिट्टी के कण निकालते वक्त इन बातों का ध्यान रखें अपने हाथ अच्छी तरह धो लें । प्रभावित हिस्से को सही तरीके से देखने की कोशिश करें । निचली पलकें खींचते हुए ऊपर देखने की कोशिश करें । आंखों को पानी से धोने या कोई आई ड्रॉप डालने से कणों को बाहर निकालने में मदद मिलती है । जब आप खुद से कोशिश करने के बाद भी आंख में गई चीजें नहीं निकाल पा रहे हों तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है । इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से पाचनशक्ति को बनाएं मजबूत । अक्सर कुछ लोगों को खाना खाते ही पेट में ब्लोटिंग, दर्द, गैस, अपच, पेट में जलन, ज्यादातर लोग इन समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं । दरअसल, ये सभी पेट संबंधित समस्याएं पाचनशक्ति या पाचनतंत्र के कमजोर होने से होती हैं । डायजेशन या पाचनशक्ति कई बार आपके भोजन करने के समय, आप क्या खाते हैं, उससे भी प्रभावित होता है । आयुर्वेद में कहा गया है कि आप जो भी खाते हैं, उस पर ध्यान देने के साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी होता है कि आप भोजन कैसे करते हैं । पाचनशक्ति बेहतर होने से आपके द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों से बेहतर तरीके से पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाता है । इसी तरह से आपके संपूर्ण शरीर को महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है । यदि आपका भोजन जल्दी नहीं पचता तो आप नीचे बताए गए आयुर्वेदिक उपायों की मदद से पाचनशक्ति को बेहतर बना सकते हैं । पाचनशक्ति को बेहतर बनाने के उपाय 1 जब आपको भूख लगे तो ही खाएं । भूख नहीं होने पर कुछ भी खाने से गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है । भूख लगने पर ही खाएं । पेट खाली होने पर डाइजेस्टिव एंजाइम्स मजबूत होते हैं, जिससे वे भोजन को आसानी से तोड़ पाते हैं । इससे पाचनशक्ति मजबूत होता है । 2 जब भी खाना खाएं, तो अपने भोजन की तरफ ध्यान दें । कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपने ऑफिस का या घर का काम करते-करते भोजन करते हैं । इससे पाचन पर नकारात्मक असर पड़ता है । ऑफिस वर्क करते समय खाना, डेस्क एवं कार में बैठकर भोजन करना, इन सभी आदतों से पाचन प्रभावित होती है । खाद्य पदार्थों से आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए सुकून से बैठकर खाएं । 3 दोपहर के भोजन करते समय पाचन अग्नि सबसे अधिक मजबूत होती है । ऐसे में दिन के समय अच्छी तरह से भोजन करना चाहिए । इससे शरीर को भरपूर पोषण की आपूर्ति होती है । आयुर्वेद के अनुसार, रात में सबसे कम और हल्का भोजन करना चाहिए, क्योंकि इस दौरान पाचन तंत्र सबसे कमजोर होता है । 4 जब भी खाएं आप दही या दही से बनी लस्सी पी सकते हैं । दही में गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो आंतों को लुब्रिकेट करते हैं । खाना खाने के बाद आप लस्सी पी सकते हैं । इससे पाचनशक्ति मजबूत होती है और भोजन आसानी से पच जाता है । 5 खाना खाते ही सोने ना जाएं या कोई काम ना करें । इससे पाचन तंत्र की अवशोषण क्षमता कम हो जाती है, इसलिए खाना खाने के बाद थोड़ा ब्रेक लें । शरीर को रिलैक्स होने दें । थोड़ी देर टहलनें से भी पाचन को आराम मिलता है । दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर कर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सहित अन्य लोगों के खिलाफ झूठे दावे करने पर एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई है । अधिवक्ता तुषार आनंद द्वारा दायर एक याचिका में कहा गया है कि अभियुक्तों ने खुद को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के इरादे से गलत बयानी करके जनता को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची । बाबा रामदेव ने दावा किया है कि उनकी कंपनी ने एक ऐसी दवा तैयार कर ली है, जिससे कोरोना का उपचार किया जा सकता है । यह आयुर्वेदिक दवा गिलोय और अश्वगंधा से तैयार किया गया है । यह दवा जल्द ही लोगों के लिए उपलब्ध होगी । कोरोनावायरस को लेकर सुर्खियों में चल रहे आयुष क्वाथ का इंतजार अब खत्म हो गया है । यह इम्यूनिटी बूस्टर पहली बार सबसे छोटे सैशे में पेश किया गया है, ताकि हर तबके के लोग इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकें । इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुष क्वाथ को आयुष मंत्रालय के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने भी कारगर उपाय बताया है । आज हम आपको कुछ ऐसी  जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे शरीर को मजबूत करने में आपको मदद मिलेगी । इसके साथ ही ये किडनी और लिवर को डिटॉक्स करने में भी हमारी मदद करती हैं । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के प्रो डी.सुंदर ने जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर इस दवा की खोज की है । इनके मुताबिक, प्राकृतिक औषधि अश्वगंधा से कोविड-19 का इलाज किया जा सकता है । गर्मी में बाहर के साथ-साथ शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है । ना खाने की इच्छा होती है और ना ही चैन से नींद आती है । लेकिन, आप खुद को इस भीषण गर्मी में भी कूल रख सकते हैं । इसके लिए कुछ आयुर्वेदिक उपायों को आजमाना शुरू कर दें । ये कुछ ऐसे आयुर्वेदिक तरीके हैं, जो शरीर को अंदर से ठंडा रखते हैं । आयुष मंत्रालय लगातार इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए सुझाव शेयर कर रहा है । मंत्रालय ने आयुष क्वाथ के नाम से गोली या चूर्ण उपलब्ध कराने का फैसला किया है, ताकि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बने । जानें, कुछ आयुर्वेदिक तरीके जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं । कोरोनावायरस से बचने का एक मात्र उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना । इसके अलावा, आप अपनी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाकर अपने शरीर को संक्रमित होने से रोक सकते हैं । आयुर्वेद में कई ऐसी चिकित्सा पद्धतियां हैं, जिन्हें अपनाकर इम्यूनिटी को मजबूत किया जा सकता है । जानें, उन आयुर्वेदिक उपायों के बारे में यहां... पीपल के पेड़ के कुछ औषधिय प्रभाव भी होते हैं । जिसके चलते इसे आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर होता है । इसे चोट लगने से लेकर ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए अच्छा माना जाता है । इसके अलावा, पीपल के पत्ते, फल और इसकी छाल का सेवन कई हेल्थ प्रॉब्लम्स को ठीक करने में सहायता करता है । टाइप-2 डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखा जाए, तो आप बहुत हद तक दूसरी शारीरिक समस्याओं से बचे रह सकते हैं । गिलोय हर्ब के सेवन से आप टाइप-2 डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं । बनाने में आसान और स्वादिष्ट banana shake कई लोगों के पसंदीदा पेय में से एक है । हालांकि यह अद्भुत पेय यानी की दूध और केला आपको स्वादिष्ट लग सकता है, लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि केले और दूध का एक साथ सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है । जानें क्या कहता है आयुर्वेद । देर तक कम्प्यूटर पर काम करने से लेकर नींद की कमी, तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल जैसे कई कारणों से आंखों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है । अपनी आंखों को सुरक्षित, साफ और स्वस्थ रखने के लिए कुछ साधारण सी बातों का ध्यान रख सकते हैं । आइए जानते हैं कौन-से हैं वो घरेलू उपाय जो आपकी आंखों को हेल्दी रखने में आ सकते हैं काम- आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा है कि ऐसे मरीज़ जिनमें कोविड-19 के हल्के लक्षण दिख रहे हैं या किसी भी प्रकार के लक्षण नज़र नहीं आ रहे, उन मरीज़ों का इलाज आयुर्वेद की मदद से किया जाना चाहिए । मंत्रालय की तरफ से आयुर्वेद और योग पर आधारित एक नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल की भी घोषणा की गयी है । जिसका मतलब है कि, कोरोना वायरस के हल्के और बिना लक्षण वाले मरीज़ों का इलाज आयुर्वेद और योग की मदद से किया जाएगा । इन गाइडलाइंस को खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने किया । जिनमें, डायट, योगासान और  आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार किए गए फॉर्मूलाज़ के बारे में जानकारी दी गयी हैं । खाली पेट गुड़ और गुनगुना पानी पीने से भी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स ठीक होती हैं । कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों ने आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में जानने और इनके प्रयोग में रूचि दिखाना शुरू किया है । शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के साथ अश्वगंधा के सेवन के और भी कई फायदे हैं । आइए जानते हैं अश्वगंधा के सेहत लाभ - आयुर्वेद चिकित्सा में उड़द दाल का सेवन सही माना गया है, तो वहीं दूसरी ओर काली उड़द दाल के सेवन से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं । आइए जानते हैं आयुर्वेद में काली उड़द दाल को क्यों अधिक खाने से किया गया है मना माइग्रेन एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसमें मरीज के सिर के एक तरह या सिर के पीछे की तरह तेज दर्द होता हे । यह दर्द इतना तीव्र होता है कि कई बार तो मरीज को उल्टियां और चक्कर भी आने लगते हैं । यूं तो माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए कई तरह की दवाईयां और उपचार उपलब्ध हैं । लेकिन यदि इसका इलाज घरेलू नुस्खों या आयुर्वेदिक उपायों से किया जाए तो क्या बुरा है? इसलिए आज हम आपके लिए 5 ऐसे आयुर्वेदिक तरीके लेकर आए हैं जो माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे । सुशांत सिंह केस में सीबीडी ऑयल का जिक्र हुआ था, जिसमें कहा गया है कि रिया, सुशांत को सीबीडी ऑयल देती थी । इस ऑयल के जैविक प्रभाव अभी तक निर्धारित नहीं हुए हैं । भले ही भारत में इसकी बिक्री वैध नहीं है, लेकिन बहुत बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जाता है । अगर आप सुबह फ्रेश होने के बाद सीधा चाय या कॉफी लेना पसंद करते हैं या फिर नाश्ता करना पसंद करते हैं तो वक्त आ गया है इस आदत को सुधारा जाए । इस आदत को सुधारने के साथ-साथ जरूरी है कि आप इस ट्रिक को अपनाएं और अपनी सेहत को सुधारें । उत्तर प्रदेश स्टेट आयुष सोसायटी द्वारा कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए चार आयुर्वेद दवाओं की एक किट प्रदान की जा रही है । इसका प्रयोग कोरोना मरीजों के साथ-साथ संक्रमण के लक्षण वाली अन्य बीमारियों में भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है । स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को कोविड-19 से उबरने के बाद देखभाल के लिए जारी किए गए नए दिशा निर्देशों में आयुर्वेद को अपनाने पर जोर दिया है । किडनी की गंदगी को साफ करने के लिए दवाइयां नहीं, बल्कि आर्युवेदिक नुस्खों को अपनाएं । इससे आपको किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी । आयुर्वेद में कई ऐसे आहार बताए गए हैं, जो किडनी और लिवर की गंदगी को साफ करने में आपकी मदद कर सकता है । आइए आज हम आपको कुछ ऐसे ही आयुर्वेदिक आहार के बारे में बताने जा रहे हैं- आयुर्वेद में भी नाभि में तेल लगाने की बात कही गयी है । एक्सपर्ट्स के अनुसार, नाभि शरीर का सेंटर पॉइंट होने की वजह से शरीर की विभिन्न नसें इससे जुड़ी हुई हैं । डायबिटीज एक लाइफस्टाइल संबंधी रोग है । यदि आपका लाइफस्टाइल सही नहीं है तो आपको मधुमेह होने की संभावना काफी रहती है । हालांकि यह रोग जेनेटिक भी होता है । जिन बच्चों के माता या पिता में से किसी को डायबिटीज होता है तो उनके बच्चों को भी इसके होने की संभावना रहती है । हालांकि यदि आपका लाइफस्टाइल बहुत अस्त व्यस्त है तो आप इस भयानक रोग की चपेट में जल्दी आ सकते हैं । इसलिए जरूरी है कि अपने लाइफस्टाइल को नियमित करें और सही आदतों का पालन करें । आज हम आपको कुछ ऐसी आदतें बता रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आप डायबिटीज की चपेट में आने से बच सकते हैं । डाइट को करें सही जिन लोगों को मधुमेह के जोखिम का खतरा अधिक रहता है उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करने और उच्च कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त खाद्य पदार्थों से बचने की कोशिश करनी चाहिए । प्रोटीन समृद्ध आहार ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं । सिगरेट पीना छोड़ दें धूम्रपान आपके हृदय स्वास्थ्य और हार्मोनल स्राव को प्रभावित करता है जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह होने का खतरा अधिक होता है । धूम्रपान छोड़ने से न केवल मधुमेह का खतरा कम होगा, बल्कि यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देगा । इसलिए यदि आप अभी तक डायबिटीज का शिकार नहीं हुए हैं तो सिगरेट से दूर बना लें । शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है । जब आप भरपूर मात्रा में पानी पीते हैं तो आपके रक्त में एक्स्ट्रा शुगर एड नहीं होती है । प्रतिदिन ढेर सारा पानी पीने से न केवल शरीर के शारीरिक कार्यों को नियमित करने में मदद मिलती है, बल्कि यह हृदय और मधुमेह की समस्याओं की संभावना को भी कम करता है । साथ पेशाब के साथ शरीर में मौजूद टॉक्सिंस भी निकल जाते हैं । 7-8 घंटे की नींद लें हाल के कई अध्ययनों से पता चला है कि जो वयस्क हर रात 7-8 घंटे सोते हैं, उन्हें कम नींद लेने वालों की तुलना में मधुमेह की संभावना कम होती है । नींद की कमी शरीर के हार्मोनल संतुलन को परेशान कर सकती है, जो मधुमेह के लिए अनुकूल स्थिति हे । इसलिए नींद को बिल्कुल भी अनदेखा न करें । नियमित एक्सरसाइज एक स्वस्थ जीवनशैली जिसमें कुछ नियमित शारीरिक गतिविधि शामिल हैं, आसानी से मधुमेह को रोकने या कम करने में आपकी सहायता कर सकती है । मधुमेह सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए यह सबसे आसान और प्रभावी उपाय है । आप साइकिल चलाना या जॉगिंग जैसी सरल गतिविधियों से शुरुआत कर सकते हैं । फाइबरयुक्त डाइट लें फाइबर से भरपूर आहार रक्त में शर्करा के अवशोषण और इंसुलिन के स्राव को मधुमेह को सामान्य बनाने में मदद करता है । आप अपने आहार में पूरे गेहूं और बहु ​​अनाज और अन्य फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करके आसानी से मधुमेह से बच सकते हैं । डायबिटीज चेक करते रहें मधुमेह को रोकने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक नियमित रक्त शर्करा की जांच है । हर तीन साल में रक्त शर्करा के स्तर की जाँच करवाने की सलाह दी जाती है, जो 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए हो । हालांकि, यदि आपको उच्च रक्तचाप या मोटापा है, तो आप स्तरों को अधिक बार जांच सकते हैं और अपने चिकित्सक से साझा कर सकते हैं । वजन कम करने का राज छिपा है आयुर्वेद में, करें ये बातें फॉलो किडनी शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है । यदि किडनी के कार्यों की बात करें तो यह मेटाबॉलिज्म को बेहतर करने के साथ ही, रक्त की मात्रा और दबाव को नियंत्रित करते, लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने, हड्डियों को मजबूत करने और बॉडी में मौजूद टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है । आजकल लोगों का लाइफस्टाइल इतना बिगड़ गया है कि उसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है । ऐसी स्थिति में किडनी स्टोन, संक्रमण, सिस्ट, ट्यूमर और किडनी फेलियर जैसी समस्याएं देखने को मिल रही है । किडनी की बीमारियां अक्सर साइलेंट मोड में आती हैं । यानि कि शुरुआत में किसी तरह के लक्षण नहीं दिखते हैं । इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स दे रहे हैं तो आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में आपकीम मदद करेंगे । धूम्रपान को करें अवॉइड किडनी को खराब करने में या उसके कामों को प्रभावित करने में धूम्रपान बहुत बड़ी भूमिका निभाता है । धूम्रपान आपके ब्लड वेसल्स के लिए हानिकारक साबित हो सकता है, जिससे किडनी में खून का बहाव कम हो सकता है । यदि किडनी में ब्लड पहुंचने में दिक्कत आती है तो किडनी अपना कमा करना बंद कर सकती है । ऐसी स्थिति में किडनी फेल भी हो सकती है । धूम्रपान असामान्य रक्तचाप के स्तर और किडनी के कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है । एक्सपर्ट कहते हैं कि आपकी नींद का समय भी आपकी किडनी को हेल्दी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यदि कोई व्यक्ति 7-8 घंटे की लेता है तो उसकी किडनी महज 5 घंटे सोने वालों की तुलना में स्वस्थ रह सकती है । नींद की कमी किडनी के कार्यों को प्रभावित करती है । इसलिए जरूरी है कि आप अपने सोने का एक नियम बनाएं । यदि आपको नींद की समस्या है कि सोने से पहले हल्की फुल्की एक्सरसाइज करें, कॉफी या चाय के सेवन से बचें और टीवी व फोन आदि से दूर रहें । पोटेशियम का करें सेवन किडनी के कार्यों को सपोर्ट करने में पोटेशियम बहुत जरूरी होता है । यदि आप सही मात्रा में पोटेशियम का सेवन करते हैं तो आपकी किडनी स्वस्थ् रह सकती है । अंगूर, संतरे, कैटलॉग, केले, कीवी, खुबानी और दूध और दही पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं । इसके साथ ही सुनिश्चित करें कि आप अपने आहार में बहुत सारी ताजा उपज शामिल करते हैं ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर बना रहे और गुर्दे ठीक से काम कर सकें । यदि आप वर्तमान में किडनी की किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो सुबह एक ग्लास अंगूर का रस पीएं । चलते-फिरते रहें जब आप चलते फिरते रहते हैं तो इसका आपकी किडनी पर काफी गहरा असर पड़ता है । लंबे समय तक बैठने से बचें । यदि आपकी बैठने की जॉब है तो कोशिश करें कि हर घंटे बाद कम से कम 10 मिनट के लिए घूमें । फिट रहने से हमारा शरीर बेहतर तरीके से काम करता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता, मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और बॉडी में फैट भी जमा नहीं होता है । इसके लिए आप तेज चलना, जॉगिंग, बाइक राइडिंग या किसी भी तरह का एरोबिक व्यायाम कर सकते हैं । खूब पानी पीएं जब आप खूब सारा पानी पीते हैं तो बॉडी हाइड्रेट तो होती ही है साथ ही कई सारी बीमारियों से भी आप बच जाते हैं । क्योंकि जब आप पानी पीते हैं तो बॉडी में मौजूद टॉक्सिंस यूरिन और पसीने के माध्यम से निकल जाते है । इससे आपकी किडनी भी स्वस्थ रहती है । रोजाना कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पीएं । ब्रेन फंक्शन को बूस्ट करती है रोजमेरी, नियमित सेवन से दूर होती हैं कई अन्य बीमारियां रोजमेरी जिसे गुलमेंहदी भी कहते हैं, एक व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटी है, जो मुख्य रूप से अपने सुगंधित गुणों के लिए प्रसिद्ध है । यह पुदीना, नींबू बाम और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियों के एक ही परिवार से संबंधित है । यूनानियों ने तो प्राचीन समय में ही रोजमेरी की शक्तिशाली क्षमताओं की खोज कर ली थी । इस जड़ी-बूटी का उपयोग न केवल कई एसेंशियल ऑयल में किया जाता है बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है । इसकी सुई जैसी पत्तियों और साइट्रस जैसी खुशबू के साथ, यह जड़ी बूटी भूमध्यसागरीय क्षेत्र की मूल निवासी है । आज इस लेख में हम आपको इस अद्भुत जड़ी बूटी के स्वास्थ्य लाभ बता रहे हैं । बैक्टीरियल संक्रमण और सूजन के लिए चूंकि इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जिससे यह तमाम बैक्टीरिया से शरीर को बचाने के साथ ही स्टैफ संक्रमण को भी रोकती है । रोज़मेरी चाय में पॉलीफेनोलिक यौगिक भी होते हैं जो कि रोज़मिनिक एसिड और कार्नोसिक एसिड होते हैं । इन यौगिकों को अक्सर उनके एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण परिरक्षकों के रूप में उपयोग किया जाता है । मीठी खुशबू वाली ये जड़ी बूटी स्किन और स्कैल्प को सुरक्षित रखती है । ब्रेन फंक्शन को करता है बूस्ट यूनानी अपनी स्मृति को बढ़ावा देने और ब्रेन फंक्शन को बूस्ट करने के लिए रोजमेरी का इस्तेमाल करते थे । कई परीक्षणों और प्रयोगों ने संकेत दिया है कि दौनी एसिटाइलकोलाइन नामक एक रसायन को तोड़ने में मदद करती है जो याददाशत और एकाग्रता के लिए महत्वपूर्ण है । कुछ अन्य अध्ययनों से यह भी पता चला है कि रोजमेरी मनोभ्रंश यानि कि अल्जाइमर रोग से पीड़ित रोगियों के लिए फायदेमंद होती है । ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है कई अध्ययनों में यह भी पता चला है कि रोजमैरी के तेल की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता हैं जिन लोगों का ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है उन्हें रोजमेरी के तेल की मालिश करने से हथेलियों और पैरों को गर्म करने में मदद मिलती है । यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो अपने हाथों और पैरों को अपेक्षाकृत ठंडा महसूस करते हैं । चूहों और जानवरों पर किए गए प्रयोगों ने संकेत दिया कि दौनी में एंटीथ्रॉम्बोटिक प्रभाव होता है जो रक्त के थक्कों को रोकने में मदद करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है । स्ट्रेस को करता है दूर रोजमेरी का उपयोग अरोमाथेरेपी में व्यापक रूप से किया जाता है । अध्ययन बताते हैं कि यह कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है जिससे तनाव दूर होता है । अन्य सुगंधित जड़ी-बूटियों जैसे कि लैवेंडर के साथ रोजमेरी का एक संयोजन तनाव को दूर करने में मदद करता है । अध्ययन यह भी बताते हैं कि जिसने इस तरीके को अपनाया उन्होंने तनाव के स्तर को कम महसूस किया साथ ही उनकी नींद सबंधी समस्याएं भी दूर हुई । शोधकर्ताओं ने इस ट्रायल में अपने 200 कर्मचारियों को शामिल किया, जिसमें से आधे यानि 100 कर्मचारियों को च्यवनप्राश नहीं दी और 100 कर्मचारियों को च्यवनप्राश खाने के लिए दी । इसके बाद च्यवनप्राश खाने वाले और नहीं खाने वाले की इम्युनिटी परखी गई, जिसमें काफी सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं । लिवर की समस्याओं से निजात पाने में अश्वगंधा आपकी मदद कर सकता है । आइए जानते हैं कैसे अश्वगंधा से लिवर की किन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है । अदरक के सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है । इसीलिए, आप कोरोना काल में अदरक का सेवन ज़रूर करें । इसके लिए आप सुबह अदरक वाली चाय के अलावा अदरक का पानी भी पी सकते हैं । इन दिनों फ्लेवर्ड वॉटर पीने का चलन है और बहुत से लोग अपने साथ पानी की बोतल में अलग-अलग प्रकार की हर्ब्स और फल आदि मिलाकर रखते हैं । आप भी इसी तरह अपनी वॉटर बॉटल में अदरक के कुछ टुकड़े डाल दें और जब मौका मिले इस पानी के स्वाद और औषधिय गुणों को लाभ उठाएं । लेकिन, उससे पहले समझें कि इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ अदरक वाला पानी पीने के और क्या फायदे हैं । कोरोनावायरस महामारी के बीच छात्रों ने विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में बैठना शुरू कर दिया है । ऐसे में उन्हें ऐसी स्थितियों से निपटने के दौरान शांत रहने की जरूरत है । छात्रों को अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ परीक्षाओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन आज बच्चों में तनाव देखने को मिल रहा है । आप कुछ आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाकर बच्चों में होने वाले तनाव को कम कर सकते हैं । कमर दर्द का अनुभव लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी करता ही है । आमतौर पर महिलाओं को कमर दर्द की समस्या अधिक सताती है । इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं । कुछ लोग कमर दर्द को मामूली समझकर यूं ही नजरअंदाज कर देते हैं । ऐसे लोगों को पता होना चाहिए इसे लंबे समय पर इग्नोर करने से आप कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में घिर सकते हैं । आज हम आपको दशमूल काढ़े समेत कुछ ऐसे अन्य आयुर्वेदिक नुस्खे बता रहे हैं जो कमर दर्द को दूर करने में आपकी मदद करेंगे । अजवायन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं । अजवायन के सेवन की सलाह सेक्स लाइफ से जुड़ी परेशानियों से राहत के लिए भी दी जाती है । अजवायन खाने से लो लिबिडो, थकान, शीघ्रपतन और सेक्स ड्राइव की कमी जैसी प्रॉब्लम्स से आराम मिलता है । साथ ही यह इम्यूनिटी बढ़ाकर मौसमी बीमारियों और इंफेक्शन से भी शरीर को सुरक्षित रखती है । आइए जानें अजवायन के सेवन के स्वास्थ लाभ । इन फूड्स में मौजूद विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं । जो, पूरे शरीर का पोषण करते हैं और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं । सबसे खास बात यह है कि इन चीज़ों का सेवन हर उम्र के लोग कर सकते हैं । आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं । आजकल कई लोग काढ़ा, गिलोय, मसाला, विटामिन-सी, जिंक इत्यादि का सेवन बहुत ही अधिक कर रहे हैं । इनकी सही मात्रा की जानकारी न होने की वजह से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली इन चीजों का सेवन लोग बेहिसाब मात्रा में कर रहे हैं । अदरक, दालचीनी, लौंग जैसे मसाले तासीर को गर्म करते हैं । इनके अधिक इस्तेमाल से छाले, पेट की परेशानियां, कब्ज, हार्ट, बवासीर जैसी तमाम समस्याएं बढ़ रही हैं । क्या आप जानते हैं कि वयस्कों की तुलना में जब बच्चों के पेट के कीड़े होते हैं तो कुछ अलग प्रकार के लक्षण दिखते हैं । पतंजलि आयुर्वेद और योग गुरु के संस्थापक, बाबा रामदेव, दूध सहित मूल भोजन को पचाने में कठिनाई होने के अलावा बताते हैं कि “शिशुओं के गाल पर सफेद धब्बे पड़ना पेट में कीड़े होने का एक लक्षण हो सकता है । साथ ही जब बच्चों के पेट के पेड़ में कीड़े पड़ते हैं तो वह रात को सोते वक्त अपने दांतों को पीसकर सोते हैं और उनके मुंह से अतिरिक्त लार भी निकलती है । इसके साथ ही बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर कम होना निरंतर थकान और ज्यादा भूख लगना शामिल है । आर्टरी ब्लॉकेज को आप खानपान के जरिए ठीक कर सकते हैं । आज हम आपको आर्युवेद की एक खास रेसिपी बताने जा रहे हैं । आर्युवेद के इस काढ़े से आर्टरी ब्लॉकेज को ठीक किया जा सकता है । काढ़ा बनाने की सभी सामाग्री आपको किचन में काफी आसानी से मिल जाएगी । वैज्ञानिकों ने अनुसार, कोरोनावायरस मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है । ब्राह्मी के प्रयोग से आप मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ा सकते हैं । आयुर्वेद चिकित्सक ब्राह्मी का इस्तेमाल मस्तिष्क संबंधी कई बीमारियों को खत्म करने के लिए करते हैं । आइए जानते हैं ब्राह्मी के क्या हैं फायदे- आयुर्वेदिक उचार में थैरेपी बहुत असरकारी मानी जाती है । आमतौर पर आयुर्वेदिक उचार में सुगंधित तेलों के साथ प्रेशर, वाइब्रेशन और विभिन्न गतियों के संयोजन के साथ दिया जाता है । आज हम आपको कुछ आयुर्वेदिक मसाज करने के कुछ ऐसे बेस्ट तेल बता रहे हैं जो तनाव, सिर दर्द, बॉडी पेन और अन्य विकारों को भी दूर करते हैं । गिलोय एक ऐसी औषधि है, जो वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को दूर रखता है । कोरोना से बचाव के लिए आप गिलोय का काढ़ा पी सकते हैं । इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होगी । जानें, गिलोय का काढ़ा बनाने की रेसिपी... एक अध्ययन में पता चला है कि हल्दी में मौजूद मुख्य कम्पाउंड करक्युमिन कुछ खास प्रकार के कोरोनावायरस को खत्म करने की क्षमता रखता है । यह अध्ययन जर्नल ऑफ जनरल वायरोलॉजी में प्रकाशित हुई है । प्राचीन समय में लोग अपने दांतों को साफ करने के लिए कड़वे पौधों की टहनियों का इस्तेमाल करते थे । कड़वी टहनियों में मौजूद ऐन्टीमाइक्रोबीअल प्रॉप​र्टीज दांतों को स्वस्थ रखने और दांतों में मौजूद उन कीटाणुओं को दूर करने में मदद करती है जो दांतों की सड़न का कारण बनते हैं । मॉडर्न किचन्स में कई एडवांस्ड और सुविधाजनक अप्लायंसेस के अलावा आकर्षक, सुंदर और ईंधन और तेल बचाने वाले बर्तन भी उपलब्ध हैं । प्रेशर कूकर, एयर फ्रायर और नॉन-स्टिक कुकवेयर ऐसे ही बर्तन हैं जो, घर की रसोइयों में समय बचाने के साथ-साथ कम मात्रा में तेल का प्रयोग करते हुए खाना बनाने में कारगर हैं । नॉनस्टिक बर्तनों में तेल तो कम लगता ही है, साथ ही इनकी साफ-सफाई भी बहुत आसानी से हो जाती है । इसीलिए, लोग इन्हें इस्तेमाल करना पसंद करते हैं । लेकिन, इन बर्तनों का इस्तेमाल आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है । दरअसल, नॉन-स्टिक बर्तनों के बढ़ते प्रयोग के बीच अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि इन बर्तनों का सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है । आइए जानते हैं, नॉन-स्टिक बर्तनों में खाना पकाने से क्या नुकसान हो सकते हैं । नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाने के नुकसान: कैंसर का खतरा बढ़ता है नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने से शरीर में आयरन की कमी होती है, जिससे हड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं कॉग्‍निटिव डिसॉर्डर होने का रिस्क बढ़ता है नॉन स्टिक बर्तनों में मौजूद PFO की वजह से थायरॉइड होने की संभावना बढ़ जाती है हाई ट्राईग्लिसराइड की स्थिति बढ़ती है । जिससे, दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है प्रजजनन क्षमता हो सकती है कम इम्‍यून सिस्टम होता है कमज़ोर नॉन स्टिक के इस्तेमाल के साथ रखें इन बातों का ध्यान हमेशा नये बर्तनों को इस्तेमाल से पहले उनमें 5-10 मिनट गर्म पानी भरकर रखें । फिर, बर्तनों को अच्छी तरह साफ कर इस्तेमाल करें । नॉन स्टिक बर्तनों के लिए विशेष चम्मच, कलछी खरीदें बाज़ार में उपलब्ध होती हैं । उन्हीं का इस्तेमाल करें । क्योंकि, साधारण कलछी चम्मच से टेफलॉन की कोटिंग खुलकर खाने में मिक्स हो जाती है । जो सेहत के लिए नुकसानदायक है । ऐसे बर्तनों को तुरंत टिश्यू पेपर से पोंछ दें । इसी तरह हमेशा प्लास्टिक या नर्म स्पंज से इन्हें साफ करें । कभी भी नॉन स्टिक बर्तनों को घिसकर साफ नहीं करें । अगर, नॉन स्टिक कोटिंग निकलती हुई दिखायी पड़े तो इन बर्तनों का इस्तेमाल बंद कर दें । बच्चों के पेट में कीड़े होने पर अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपचार पेट में कीड़े होने के लक्षण बिना एक्सरसाइज या वर्कआउट किए वजन तेजी से कम होना मतली और उल्टी होना हर समय थकान महसूस होना निचले पेट में हल्का दर्द होना हर समय गैस पेट में कीड़े होने के कारण पेट के कीड़े किसी के भी हो सकते हैं । आपको यह भी समझना पड़ेगा कि पेट में कीड़े होने के कई कारण हो सकते हैं । पेट के कीड़ों को आंतों के कीड़े के रूप में भी जाना जाता है, ये टेपवर्म और राउंडवॉर्म सहित कई रूपों में होते हैं । यह मुख्य रूप से बिना पकी और कच्ची सब्जियों और मांस के सेवन के कारण होते हैं । इसके अलावा अस्वच्छ परिवेश, स्वच्छता की गुणवत्ता में कमी और दूषित मिट्टी जैसी चीजें भी शामिल हैं । जब एक बार पेट में कीड़े पड़ जाते हैं तो अंदर अंदर ही बढ़ते रहते हैं । कीड़े होने पर अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपचार 1. आड़ू के पत्ते, जैसा कि आयुर्वेद द्वारा सुझाया गया है कि आड़ू के फलों के पत्तों के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ हैं । इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और ई तो होता ही है साथ ही इस लो कैलोरी फूड में मैग्नीशियम, पोटेशियम और जिंक जैसे तत्व भी होते हैं । यह फल उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है जिन्हें मधुमेह है । इन सब लाभों के इतर आड़ू के पत्ते पेट के कीड़े मारने में भी बहुत लाभकारी है । इसके पत्तों का रस पीने से बच्चों में पाचन संबंधी विभिन्न बीमारियां भी दूर होती है । 2. पपीता और पपीते के पत्ते सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं । पपीता के कच्चे फलों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से भी पेट के कीड़े मरते हैं । इस रस को नियमित रूप से बच्चों को आधा चम्मच दें । ऐसा तीन दिन तक करना है । पेट के कीड़े काफी हद तक मर जाएंगे । 3. बेल एक ऐसा फल है जिसमें कई गुण होते हैं । बेल का गूदा अपच, गैस, कब्ज, ब्लोटिंग समेत पेट की अन्य बीमारियों को तो दूर करता ही है साथ ही यह पेट के कीड़े मारने में भी सक्षम है । बेल के जूस को हफ्तेभर तक पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं । 4.गोरखमुंडी के बीज भी बच्चों के पेट के कीड़े मारने के लिए प्रसिद्ध है । इसके सूखे फ़ूल को पीसकर चूर्ण तैयार कर लें और फिर बच्चों को दें । इससे पेट के कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाते हैं । 5. तेज पत्ता भी पेट के कीड़े मारने का एक अचूक तरीका है । तेजपात की पत्तियों में कृमिनाशक गुण पाए जाते हैं । रात को सोने से पहले तेजपत्ते का चूर्ण बनाकर बच्चों को गुनगुने पानी के साथ दें । कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाएंगे । बलगम वाली खांसी, सीजनल खांसी और खांसने में आए खून तो तुरंत करें ये एक्सपर्ट टिप्स फॉलो, बच जाएगी जान आम तौर पर खांसी जुखाम को बहुत ही मामूली या छोटी मोटी बीमारी के दायरे में रखा जाता है, और घरेलू नुस्खे या उपाय करके निजात के तरीके भी अपनाए जाते हैं । यह कुछ हद तक सही भी हो सकता है, क्योंकि बहुत से केसेस में ये तुरंत ठीक भी हो जाते हैं । इसके अलावा कोविड संक्रमण का दौर शुरू होने के बाद से बहुत से खांसी जुखाम के मामलों में सीधा कोविड संक्रमण के डर से जोड़कर देखा जाने लगा । यहां इस समस्या के प्रति संतुलित जानकारी विकसित करने की है । खांसी मामूली होने के साथ साथ अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकतीं हैं, या खुद ही कोई गंभीर परिणाम लेकर आ सकती हैं । लम्बे स्वस्थ जीवन जीने की प्रक्रिया में स्वस्थ फेफड़ों का बहुत बड़ा योगदान होता है, ऐसे में खांसी जुखाम आदि फेफड़ों को कमजोर कर सकते हैं । इसलिए खांसी जुखाम में कैसे देखभाल की जाए और कैसी खांसी गंभीर हो सकती हैं, इस विषय के बारे में बता रही हैं दिल्ली स्थित नैचुरोपैथ एंड योग एक्सपर्ट शुद्धि नैचुरोपैथ क्लिनिक की डॉक्टर अंजलि शर्मा । सीजनल खांसी जुखाम- इस तरह का खांसी ज़ुखाम एलर्जिक हो सकता है । यह 7 से 8 दिन में ठीक हो जाता है । लेकिन यदि यह इससे ज़्यादा रहे तो यह चिंता का विषय है । इसलिए यदि अभी के बदलते मौसम में जब सर्दियां आ चुकीं हैं अचानक खांसी की समस्या हो तो बेशक यह सीजनल खांसी हो सकती है लेकिन यदि खांसते वक्त जकड़न, दर्द या किसी तरह की तकलीफ हो तो बेहतर है तुरंत डॉक्टर की ही सलाह लें । लंबी खांसी कर सकती है फेफड़े कमजोर- अक्सर कई लोगों को किसी रोग के कारण या किसी समस्या के चलते लगातार खांसी रह सकती है । ऐसे में अक्सर देखा जाता है लोग खांसते रहते हैं लेकिन डॉक्टर से परामर्श नहीं करते क्योंकि उनको बहुत हद तक रोजमर्रा के काम करने में कोई बहुत अधिक तकलीफ नहीं महसूस होती इसलिए वे लगातार होती खांसी को सामान्य मानकर उसी के साथ जीना शुरू कर देते हैं । बहुत से धूम्रपान व नशे की लत से जूझ रहे लोगों में अक्सर यह समस्या देखने को मिलती है । लेकिन याद रखें किसी भी प्रकार की खांसी फेफड़ों को तकलीफ देती है और उनपर अतिरिक्त दबाव बनाती है, जिसके चलते समय बीतने के साथ फेफड़े कमज़ोर होने लगते हैं । इसलिए भले ही किसी प्रकार की खांसी मामूली समस्या के चलते भी हो रही हो लेकिन लगातार रहने पर इस विषय में भी डॉक्टर से परामर्श लें । बलगम वाली खांसी, जुखाम- इस तरह की खांसी को बिल्कुल नज़रंदाज़ न करें, हालाँकि यह मामूली बैक्टीरियल इन्फेक्शन से हो सकती है लेकिन डॉक्टर से परामर्श ही अंतिम विकल्प है । क्योंकि समस्या बढ़ने पर निमोनिया और टीबी में भी इसका परिणाम निकल सकता है । और यदि पहले से अस्थमा या सीओपीडी जैसी समस्या से जूझ रहें हैं तो परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं । इसलिए इस प्रकार की खांसी को नज़रअंदाज़ न करें । खून वाली खांसी- इसमें कोई शक नहीं कि खांसी के साथ यदि खून निकल रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श ही अंतिम विकल्प है. क्योंकि यह टीबी, लंग कैंसर या मामूली केसेस में गले में हलके ज़ख्म आदि के भी लक्षण हो सकते हैं, लेकिन सही जानकारी व इलाज के लिए बिना देरी के डॉक्टर से परामर्श लें । किसी भी प्रकार की खांसी 2 हफ्ते से अधिक हो जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं तो जांच करवाएं । ताकि आने वाले जोखिम को रोका जा सके । बीमारी भागने के लिए किसी भी घरेलु नुस्खे को यूं ही फॉलो करने की बजाय पहले बीमारी की गम्भीरता को समझें और बीमारी के अनुसार घरेलु नुस्खे अपनाने की बजाय सम्पूर्ण स्वास्थ्य और मौसमी मिजाज को ध्यान में रखकर अपनी जीवनशैली और खान पान में बदलाव लाएं जैसे:- सर्दियां शुरू होते ही क्योंकि खांसी जुखाम की समस्या आम हो जाती है इसलिए अपने भोजन में सिट्रस यानी विटामिन सी युक्त पदार्थ जोड़ना शुरू कर दें । विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए भी धूप में समय बिताएं । जुखाम आदि की स्थिति में स्टीम लें और ढके हुए कपडे पहनें, ठंडी हवा के संपर्क में तुरंत न आएं । यदि आपको सर्दियां शुरू होते ही खांसी या गला खराब होने की समस्या होने लगती है तो रोज़ सुबह उठकर गर्म पानी के गरारे करने की आदत डालें और यदि फिर भी आराम न हो तो डॉक्टर से परामर्श लें । बस ध्यान दें कि खांसी की स्थिति लगातार न बनी रहे । सर्दियों में फ्रिज से तुरंत निकली चीज़ों का सेवन करने से परहेज़ करें । फ्रिज से चीज़ें निकाल कर रख दें और सामान्य तापमान पर आने पर उसका सेवन करे । पानी भी सर्दियों हल्का गुनगुना पीने की आदत डालें । दही, छाछ आदि का फ्रेश सेवन करें, इन्हें फ्रिज से निकालकर तुरंत ठंडा न लें, सामान्य तापमान पर इनका सेवन करें । एक क्वालिफाइड नैचुरोपैथ की सलाह पर दिन में एक या दो बार काढ़ा पियें । योग, व्यायाम, प्राणायाम आदि में रूचि ले सकते हैं, क्योंकि इनसे भी फेफड़ों को भरपूर व्यायाम होता है और बीमारियों से राहत में मदद मिलती है । एक क्वालिफाइड नैचुरोपैथ की सलाह पर जल नेति, वामन धौती क्रिया करें । सही दिशानिर्देशन में यदि की जाएँ तो ये क्रियाएं बहुत फायदेमंद होतीं हैं । घर में डिफ्यूज़र की व्यवस्था करें । निर्देशानुसार उसमें कपूर, यूकेलिप्टस ऑइल आदि डाल कर बर्न करें । इससे फेफड़ों को सर्दी खांसी आदि में बहुत हद तक आराम मिलता है । उपरोक्त विषयों में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष रूप से ध्यान रखें । सर्दियों के मौसम को वायरल बीमारियों के मौसम के तौर पर भी जाना जाता है क्योंकि, सर्दियों की शुरुआत के साथ ही खांसी-ज़ुकाम, फ्लू, कॉमन कोल्ड और अन्य प्रकार की वायरल बीमारियों के मरीज़ बढ़ने लगते हैं । इसके कई कारण होते हैं । जैसे, ठंड के मौसम में हवा में रूखापन बढ़ जाता है जिससे सांस लेने में परेशानी होने लगती है और सर्दी-खांसी की यह समस्या महसूस होने लगती है । इसके साथ ही कॉमन कोल्ड या फ्लू होने पर लक्षणों  के तौर पर ये समस्याएं भी होने लगती हैं- बुखार बदन दर्द सिरदर्द खांसी क्यों बढ़ जाती है सर्दियों में कॉमन कोल्ड की समस्या? वायु प्रदूषण भी सर्दियों के मौसम में कॉमन कोल्ड बीमारियां बढ़ने का एक बड़ा कारण है । स्मॉग, कोहरा और धूल-मिट्टी सहित अन्य प्रदूषक बढ़ जाते हैं । इस प्रदूषित हवा में सांस लेने से भी श्वसन मार्ग से में तकलीफें होने लगती हैं । जिससे, श्वसन मार्ग में सूजन और अस्थमा जैसी कई प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं । इसीलिए, सर्दियों में इस वायरस को फैलने से रोकना बहुत आवश्यक है । राइनोवायरस से सुरक्षित रहने के लिए बार-बार हाथ धोएं । अगर आपको सर्दी-ज़ुकाम के लक्षण दिखते हैं तो बार-बार अपनी आंखों और चेहरे को छूने से बचें । छींक आने और खांसते समय चेहरे पर हाथ रखने की बजाय टिश्यू पेपर रखें और इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को फेंक दें । जैसा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए संघर्ष कर रही है । ऐसे में कॉमन कोल्ड की समस्या को भी नज़रअंदाज़ करना सही नहीं है । इसी तरह विटामिन डी की कमी ना होने दें । विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन भी कॉमन कोल्ड से निपटने में शरीर को सक्षम बनाता है । कॉमन कोल्ड से बचाव के उपाय : साफ-सफाई का ध्यान रखें तनाव से बचें । क्योंकि, इससे इम्यूनिटी कमज़ोर हो जाती है और आप आसानी से कॉमन कोल्ड की चपेट में आ सकते हैं । 8 घंटें की नींद लें शराब ना पीएं नियमित एक्सरसाइज़ करें आमतौर पर कॉमन कोल्ड की समस्या 10 दिनों में ठीक हो जाती है । लेकिन, अगर यह परेशानी 10 दिनों से अधिक रहे तो अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें । खासकर, बच्चों और बुज़ुर्गों में सर्दी-ज़ुकाम की परेशानी कई दिनों तक रहती है तो मेडिकल एक्सपर्ट की मदद लेना आवश्यक है । इसी तरह अगर आप हाल-फिलहाल किसी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए हैं तो बिना देर किए डॉक्टर को इस बारे में जानकारी दें । ताकि, जल्द से जल्द टेस्ट कराए जा सकें और सही तरीके से उपचार किया जा सके । दूध में जायफल मिलाकर पीने के हेल्दी फायदे, हेल्थ टिप । जायफल भारतीय रसोइयों में इस्तेमाल होने वाला एक मसाला है । जो खाने की लज़्ज़त बढ़ाता है । यह डायजेशन से जुड़ी परेशानियां कम करता है । इसीलिए, इसे अन्य मसालों के साथ मिक्स करके इसे विभिन्न डिशेज़ में मिलाया जाता है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि जायफल या नटमेग हमें बीमारियों से भी बचाने का काम करता है । जी हां, यह खूश्बूदार मसाला आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है । जिसस, बीमारियों और इंफेक्शन्स से लड़ने की शरीर की क्षमता बढ़ती है । कोविड-19 इंफेक्शन के खिलाफ अपनी इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए रोज़ रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में जायफल पाउडर मिलाकर पीएं । इससे, शरीर की इम्यूनिटी बढ़ेगी और अन्य कई फायदे भी होंगे । कैंसर से सुरक्षा देने और डायजेशन सुधारने वाले जायफल के कुछ ऐसे ही हेल्दी फायदों के बारे में हम लिख रहे हैं यहां- डायट में दे जायफल को जगह, होगें ये हेल्दी फायदे अनिद्रा की परेशानी करे दूर कई लोगों को इन दिनों नींद ना आने की परेशानी हो रही है । कोरोना वायरस से जुड़ी ख़बरें और लगातार बढ़ते लॉकडाउन की वजह से लोग चिंता, उदासी और असुरक्षा की भावना महसूस कर रहे हैं । इसके साथ ही लोगों को ठीक तरीके से सो ना पाने की परेशानी भी हो रही है । ऐसे में जायफल आपके काम आ सकता है । यह इंसोमेनिया यानि अनिद्रा की बीमारी को कम करता है । इंसोमेनिया में पीड़ित व्यक्ति ठीक से सो नहीं पाता, रात में नींद बार-बार टूट जाती है और नतीजतन अगले दिन सुस्ती, थकान, पेट में गैस और सिर दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं । ऐसे लोगों को सोने से पहले जायफल पाउडर दूध में मिलाकर पीना चाहिए । स्ट्रेस करे कम जायफल को अपनी डायट में शामिल करने से आपको तनाव से राहत मिलती है । इसके सेवन से बॉडी में सेरेटोनिन हार्मोन्स अधिक मात्रा में बनते हैं । ये हार्मोन्स शरीर के साथ-साथ दिमाग को शांत रखते हैं । जिससे, स्ट्रेस भी कम महसूस होता है । इम्यूनिटी बढ़ाए शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए नैचुरल फूड्स बड़ी भूमिका निभाते हैं । जायफल भी ऐसा ही एक फूड है । इसके सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है । साथ ही शररी की अन्य कार् प्रणालियां भी सही तरीके से कार्य करती हैं । सिर्फ 1 प्याज के इस्तेमाल से मस्सा को जड़ से करें खत्म मस्से अक्सर हमारी खूबसूरती को बिगाड़ देते हैं । चेहरे पर होने वाले मस्से हमारी खूबसूरती पर असर डालते हैं, ऐसे में लोग इससे छुटाकारा पाने के लिए कई तरह के उपाय अपनाते हैं । शरीर पर मस्से कई बार कैंसर का भी रूप धारण कर लेते हैं । ऐसी स्थिति में शरीर से मस्से को हटा देना चाहिए । आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मस्से को हटाने की विधि बताने जा रहे हैं । सिर्फ एक प्याज की मदद से आप इन मस्सों से छुटकारा पा सकते हैं । यह आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है । इस नुस्खे को आजमाकर आप घर में आसानी से मस्से को हटा सकते हैं । आइए जानते हैं प्याज की मदद से मस्से को कैसे हटाएं? कैंसर की वजह से भी हो सकते हैं मस्से यदि आपको जन्म से ही मस्सा है, तो यह हानिकारक नहीं होता है, लेकिन अगर मस्सा जन्म के बाद हुआ है या फिर वयस्क होने के बाद आपको मस्सा हुआ है, तो यह एक कैंसर का भी रूप हो सकता है । अगर किसी व्यक्ति को 30 की उम्र के बाद मस्से होते हैं, तो उस व्यक्ति को कैंसर का खतरा रहता है । किस स्थिति में होता है मस्सा का खतरा अगर आपके मस्से से खून निकल रहा है, तो इसे अनदेखा ना करें । मस्सों में खुजली हो रही है, तो इसे हल्के में ना लें । किसी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें । मस्से क्यों होते हैं? जन्मजात होने वाले मस्से सामान्य होते हैं, लेकिन पैदा होने के बाद होने वाले मस्सों का मुक्य कारण इंफेक्शन हो सकता है । इन मस्सों का कारण पेपीलोमा नामक वायरस है । स्किन पर पेपीलोमा नामक वायरस की वजह से छोटे, काले, खुरदुरे जैसे कठोर दाने उभर आते हैं, इसे ही मस्सा कहते हैं । मस्सा का सामान्य रंग गहरा काला या फिर भूरा भी होता है । लेकिन कई बार यह स्किन कलर का भी होता है, जो कई बार दिखाई नहीं देता है । मस्से 8 से 12 तरह के होते हैं, जो घरेलू उपचार और डॉक्टरी सलाह के खत्म किए जा सकते हैं । कुछ लोग मस्सा को अपने हाथों से खुद ही काट या फिर फोड़ लेते हैं । लेकिन ऐसा करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है । क्योंकि इसमें मौजूद वायरस शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैस सकते हैं । इसके अलावा यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान तक भी पहुंच सकता है । प्याज से ऐसे हटा सकते हैं मस्सा प्याज शरीर के लिए हर एक रूप में फायदेमंद होता है । कच्चे सलाद से लेकर इसका रस भी शरीर के लिए फायदेमंद है । मस्सा को हटाने के लिए प्याज रामबाण सिद्ध हो सकता है । शरीर पर मौजूद मस्सा को हटाने के लिए लगातार 30 दिनों तक प्याज के रस को मस्से पर लगाएं । प्याज के रस से वायरस मर जाएगा और यह जड़ से खत्म हो सकता है । बेशक बारिश से मौसम सुहाना हो जाता है लेकिन बीमारियों का भी उतना ही खतरा होता है! योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन का यौन संचारित रोगों से पीड़ित रोगियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है! क्या आप ऐसे फल खा रहे हैं जो हार्मोनल मुंहासे बढ़ाते हैं? क्या आप भी सब्जी या कोई करी वाली डिश बनाते समय उसमें दूध मिलाते हैं? जानिये ये सही है या गलत पतंजलि ने कहा कि 'आंवला स्वरस' के लेबल पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए । हार्ट अटैक के खतरे को कम करती हैं बेल की पत्तियां Sawan Month 202 बेल का शरबत गर्मियों में बहुत ही पिया जाता है । बेल के शरबत से लू और गर्मी से बचाव होता है । सिर्फ बेल ही नहीं, इसकी पत्तियां भी सेहत के लिए गुणकारी होती हैं । बेल की कोमल पत्तियों को सुबह चबाकर खाने से शूल और मानसिक रोगों से शांति मिलती है । शरीर में गर्मी बढ़ने और गर्मी के कारण मुंह में हुए छाले से बेल की पत्तियां राहत दिलाती है । इसके अलावा लू लगने पर भी यह हमारे लिए फायदेमंद होते हैं । इसके कई अन्य फायदे भी हैं । आइए जानते हैं बेल की पत्तियों के फायदे- आंखों की समस्या से दिलाए राहत बेल की पत्तियों का इस्तेमाल आंखों से संबंधित समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है । आंखों में दर्द होने पर बेल की पत्तियों से रस निकालें, इस रस को स्वच्छ और पतले कपड़े से छानें । अब इस रस की दो-तीन बूंदों को आंखों में डालें । इससे आंखों में होने वाली सभी समस्याएं ठीक हो जाएंगी । इसके साथ ही इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है । कंजक्टिवाइटिस की परेशानी होने पर आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं । दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद दिल के मरीजों के लिए बेल की पत्तियां अमृत के समान है । नियमित रूप से इसका काढ़ा बनाकर पीने से दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है । इसके साथ ही इससे हमारा दिल भी मजबूत होता है और अच्छे से कार्य करता है । दिल के साथ ही बेल की पत्तियां आंतों और पेट के लिए अच्छी होती हैं । इससे पेट में कीड़े बाहर निकलते हैं । कफ और वात को करे शांत बेल के पत्तों की तासीर काफी गर्म होती है । इसलिए यह कफ और वात को शांत करने में हमारी मदद करता है । मौसम में बदलाव के कारण होने वाले  सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या से राहत दिलाने का कार्य करता है । सर्दी-जुकाम होने पर आप बेलपत्र के रस में शहद ही कुछ बूंदें डालें । इससे आपको काफी राहत मिल सकता है । इसके साथ ही इससे सांस से संबंधित समस्याएं भी ठीक होती हैं । मोच और अंदरूनी चोट को करे ठीक मोच और अंदरूनी चोट से राहत दिलाने में बेलपत्र हमारी मदद करता है । बेलपत्र में मौजूद एंटीबैक्टीरियल के गुण चोट को भरने का कार्य करती है । मोच में इसका इस्तेमाल करने के लिए बेल के पत्रों को पीस लें । इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाइए । इससे एक गर्म पोटली तैयार करें और चोट वाले स्थान पर लगाएं । दिन में दो-चार बार पोटली बदलें । इससे मोच की समस्या ठीक हो सकती है । कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने और लोगों को इस संक्रमण की चपेट में आने से बचाने के लिए दुनियाभर में अलग-अलग तरीके के प्रयास किए जा रहे हैं । सेहत के लिए च्यवनप्राश फायदेमंद होता है. लेकिन च्यवनप्राश खाने के फायदे क्या-क्या हैं इसकी जानकारी जरूरी होती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि च्यवनप्राश महिलाओं से लेकर बच्चों, बुढ़ों सभी के लिए लाभदायक होता है. सर्दियों के मौसम में अदरक का पानी फायदेमंद होता है. ठंड में अदरक का सेवन करने से बीमारियों का खतरा कम होता है. कड़ाके की ठंड में अदरक खाने से सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा कम होता है. नियमति तौर पर अदरक का सेवन वेट लॉस और डायबिटीज से बचाता है. सर्दी से बचने के लिए खान-पान और जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी होते हैं. सर्दियों में ठंड से बचने के लिए गर्माहट देने वाले फूड खाने चाहिए. सर्दी से बचने के घरेलू उपाय आजमाने चाहिए. ठंड लगने से बचने के साथ सर्दी जुकाम से बचने के उपाय भी करने चाहिए. शरीर को गर्म रखने के लिए गर्माहट देने वाले फूड जैसे अदरक, लहसुन, काली मिर्च, अंडे, दूध और घी खाना चाहिए. सर्दी के मौसम में बॉडी मसाज जरूरी भी है और विशेष महत्व भी है. ज्यादातर लोगों की स्किन सर्दी के मौसम में ड्राई होने लगती है. स्किन के साथ-साथ बॉडी में जकड़न की भी समस्या होती है. फिटनेस एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सर्दी के मौसम में बॉडी मसाज करवाना हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. अब सवाल उठता है कि सर्दियों में कौन से तेल से बॉडी मसाज कराना चाहिए... हालिया सर्वे बताता है कि भारत की कुल आबादी का लगभग 89 प्रतिशत जनसंख्या स्ट्रेस की शिकार है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 86 प्रतिशत है । गिलोय का सेवन कब करना चाहिए इसकी जानकारी जरूरी है. गिलोय कब खाना चाहिए और गिलोय की तासीर कैसी होती है, यह जानना भी बेहद जरूरी होता है. गिलोय का सेवन बुखार में किया जाता है. गिलोय डायबिटीज में ब्लड शुगर कम करने और वजन कम करने में गिलोय फायदेमंद होती है. कुछ अन्य आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाकर आप अपना वजन तेजी से कम कर सकते हैं । आयुर्वेद की दवा गुर्दे को नुकसान पहुंचाने वाले घातक तत्वों को भी बेअसर करती है । कोलकात्ता में चल रहे भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले में पहली बार आयुर्वेद दवाओं पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें गुर्दे के उपचार में इसके प्रभाव पर चर्चा की गई । आयुर्वेद के बताए गए इन नुस्खों पेट में गुड़गुड़ और पेट फूलने पर पिएं ये 4 मसालों वाला हर्बल ड्रिंक, मिलेगा आराम और पास होगी गैस खाना अगर स्वादिष्ट बना हो तो जरूरत से ज्यादा खा लेना, जल्दबाजी में अधपका भोजन करन, अधिक शुगर वाले फूड्स का सेवन और शुगर वाले पेय पदार्थ आपको कुछ देर का मजा दिला सकते हैं । इस तरह के भोजन आपके मन को जरूर भा सकते हैं लेकिन सेवन के बाद शरीर को जो हानि पहुंचती है उसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा । पेट में ऐंठन, दर्द, ऊर्जा की कमी और जरूरत से ज्यादा खाने से होने वाली मिचली की भावना अक्सर आपको बाद में दोषी और असहज महसूस कर सकती है । वो तो खुशी की बात ये है कि दादी-नानी के नुस्खे के कुछ नुस्खे आज भी कामयाब हैं और हमारे आस-पास मौजूद प्रभावी जड़ी बूटियां कुछ स्थितियों में होने वाले पेट दर्द से तुरंत राहत प्रदान कर सकती हैं, जिसके कारण आपका फूला हुआ पेट अंदर हो सकता है और मिचली की भावना से राहत दिला सकता है । हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और पेट फूलने जैसी स्थति को रोकने के लिए हर्बल काढ़ा बेहद फायदेमंद माना जाता है । इस हर्बल काढ़े से न सिर्फ हमारा पेट का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि पेट से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर होती हैं । आइए जानते हैं पेट फूलने से बचने के लिए पिएं जाने वाले हर्बल काढ़े के बारे में । हर्बल काढ़ा ये हर्बल काढ़ा कई जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण है, जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और शारीरिक गतिविधियों में सुधार के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर हमें संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है । कब्ज और पेट में किसी भी प्रकार की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर सिर्फ इन चार चीजों, हरी इलायची, अदरक, जीरा और सौंफ का उपयोग करके काढ़ा बना सकते हैं । हर्बल काढ़े के स्वास्थ्य लाभ 1. प्रकृति में वातहर और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर इलायची पाचन को तेज करने में मदद करती है, एसिडिटी से राहत देती है, पेट की परत में सूजन को कम करती है, सीने में होने वाली जलन और मतली से लड़ती है । 2. अदरक पाचन अग्नि को बढ़ाकर काम करती है, जो भोजन को सही तरीके से तोड़ने और खाने के साथ पाचन में मदद करती है । इसके अलावा, अदरक आंत को भी बचाती है और ठीक करती है, जिससे ऐंठन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है । वहीं जीरा लिवर से पित्त को रिलीज करने में बढ़ाकर सामान्य पाचन को बेहतर बनाता है । 3. उच्च फाइबर से समृद्ध होने के कारण जीरा जठरांत्र संबंधी मार्ग को दुरुस्त करता है और एंजाइम स्राव को उत्तेजित कर ऐंठन का इलाज करता है । 4. सौंफ के बीज भी अपने इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण पाचन के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं । सौंफ के बीजों का सेवन करने से पेट की मांसपेशियां सुचारू रूप से काम करती हैं, गैस कम होती है, पेट फूलने के साथ अपच की समस्या दूर होती है । क्योंकि इस काढ़े में जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण होता है, इसलिए इस काढ़े को सीमित मात्रा में पीना सुनिश्चित करें । धनिए के बीजों का मिश्रण अगर आप लगातार पेट फूलने की समस्या से परेशान हैं तो एक चम्मच धनिया के बीज को पांच मिनट के लिए पानी में उबालें और नियमित रूप से इस काढ़े को पिएं । धनिए के बीज के मूत्रवर्धक गुण हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर में वॉटर रिटेंशन को भी कम करते हैं । यहां तक कि खूब पानी पीना और खाने के बाद टहलना भी पाचन समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है । डायबिटीज पेशेंट को दिवाली पर रखनी चाहिए ज्यादा सावधानी, जानिए क्‍या खाएं क्‍या न खाएं इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन भारत को डायबिटीज मेलिटस के एपिक सेंटर के रूप में देखता है और डायबिटीज से ग्रस्त लोगों की संख्या 2045 तक लगभग 134 मिलियन होने की उम्मीद है । यह देखते हुए कि इस साल दिवाली वर्ल्ड डायबिटीज डे पर मनाई जा रही है और पहले से चल रही महामारी में, स्थिति की रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है । डायबिटीज़ का सामना कर रहे लोगों के लिए व्रत करने या दावत दोनों के लिए ही रोक लगाई गई है । ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकते हैं और नियमित काम या व्यायाम न करने की स्थिति में, मिठाई और दूसरे वस्तुओं का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है । चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवा या इंसुलिन की खुराक को भी नहीं छोड़ना चाहिए । दिवाली पर डायबिटीज पेशेंट जरूर बरतें सावधानी त्यौहार एक ऐसा समय है जब लोग मिठाई और स्नैक्स का सेवन करते हैं । डायबिटीज जैसी अंदरुनी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए, प्रोसेस्ड फूड में यह हानिकारक हो सकता है । अपने ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने के अलावा, यह हाल ही में कोविड-19 जैसे संक्रमणों से लड़ने के लिए उनकी इम्यूनिटी को कम कर सकता है । दो प्राथमिक कारण हैं कि डायबिटीज का मरीज वायरल इन्फेक्शन के कारण जटिलताओं की चपेट में क्यों आ सकता है । डायबिटीज वाले लोगों में इम्यूनिटी सिस्टम असामान्य ग्लूकोज के उतार-चढ़ाव के कारण कमजोर होता है । बढ़ी हई ब्लड शुगर का लेवल शरीर में वायरल को बढ़ाने में मदद कर सकता है । इस प्रकार, जब डायबिटीज़ से पीड़ित लोग वायरल से संक्रमित हो जाते हैं, तो उनका इलाज करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है और इलाज की अवधि भी लंबी हो जाती है । इस अवधि के दौरान ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग नियमित रूप से आवश्यक है । यह आपको किसी भी उतार-चढ़ाव से सावधान रखेगी और आपको किसी भी मामले में समय पर कार्रवाई करने में सक्षम करेगी । यह ध्यान रखे कि जब आप कम खाते हैं, तब आप भोजन को छोड़ नहीं सकते और उस भोजन का चयन करते हैं जो ग्रील्ड या भुना हुआ होता है । उस समय के लिए कुछ हेल्दी स्नैक्स संभाल कर रखें और शराब के ज्यादा सेवन से बचें । डायबिटीज वाले लोगों के लिए कुछ सुझाव 1. कम भोजन करें क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने और आपको पोषण देने में मदद करेगा । यह ध्यान रहे कि आप पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड हों । 2. अनहेल्दी भोजन के साथ स्नैकिंग के सेवन से बचें या स्वस्थ विकल्प का चयन करें जैसे नट्स आदि । सफेद चावल और सफेद ब्रेड से बचें क्योंकि उनके पास हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स है । 3. यह ध्यान रखें कि आप पैदल चलें या किसी न किसी रूप में कम से कम 15 से 30 मिनट का शारीरिक व्यायाम करें । जैसे, लिफ्ट में जाने की बजाय सीढ़ियां चढ़ें । 4. नियमित मॉनिटरिंग के साथ अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करें । बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी दवा या उनके शेड्यूल में बदलाव न करें । इनपुट्स: डॉ. मनोज चावला, निदेशक और सलाहकार, डायबर्टोलॉजिस्ट, लीना डायबिटीज केयर एंड मुंबई डायबिटीज रिसर्च सेंटर । एंटी ऑक्सीडेंट से युक्‍त आयुर्वेदिक दवाएं डायबिटीज और कोरोना वायरस के उपचार में कारगर, शोध में हुआ खुलासा भारत में 25 साल से कम आयु के चार में से एक व्यक्ति में डायबिटीज के लक्षण दिखाई दे रहे हैं । आमतौर पर ये लक्षण 40-50 की आयु नें दिखाई देते हैं । इधर, डायबिटीज रोगियों के लिए कोरोना सबसे बड़ी मुसीबत बनकर आया है । डायबिटीज रोगी सबसे ज्यादा कोरोना के शिकार हो रहे हैं । हालांकि राहत की खबर यह है कि एक अध्ययन में दावा किया गया है कि एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा से प्रचुर हर्बल दवाएं ऐसे रोगियों को डायबिटीज के साथ-साथ कोरोना से भी राहत प्रदान कर रही हैं । तेहरान यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेस के अध्ययन का भारत के संदर्भ में भी बड़ा महत्व है क्योंकि देश में डायबिटीज के उपचार में आयुर्वेद की दवाएं खासी प्रचलित हैं । सीएसआईआर ने बीजीआर-34 जैसी सफल दवाएं विकसित की हैं जिसे एमिल फार्मास्युटिकल द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है । इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा है । एनबीआरआई के पूर्व वैज्ञानिक एवं बीजीआर-34 की खोज करने वाले वैज्ञानिक डॉ. एकेएस रावत शोध के दावों को महत्वपूर्ण मानते हैं । वे कहते हैं कि बीजीआर-34 में दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मजीठ तथा मैथिका जैसे हर्ब मिलाए गए हैं जिनमें रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित्र रखने के साथ-साथ एंटी आक्सीडेंट की मात्रा भी बढ़ाते हैं । अध्ययन के अनुसार जो लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं और कोरोना से भी संक्रमित हो रहे हैं, उनमें कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से हाईपरग्लेसिमिया की स्थिति पैदा हो रही है जिसमें रक्त में इंसुलिन की मात्रा एकदम से कम हो जाती है । दूसरे कोरोना की वजह से प्रतिरोधक कोशिकाओं की कार्यप्रणाली भी बिगड़ रही है । दोनों का नतीजा यह है कि बीमारी गंभीर हो रही है तथा मौत का कारण भी बन रही है । तेहरान यूनिवर्सिटी के एंड्रोक्रोनालाजी डिपार्टमेंट ने अपने शोध में पाया कि एंटी ऑक्सीडेंट से प्रचुर दवाएं डायबिटीज एवं कोरोना संक्रमित रोगियों में साइटोकिन्स को नियंत्रित कर रही हैं । जबकि अन्य उपचार करा रहे लोगों में साइटोकिन्स की अति सक्रियता देखी गई । दरअसल, साइटोकाइंस प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले प्रोटीन हैं । इनकी मौजूदगी शरीर की प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय और नियंत्रित रखती है । लेकिन कोविड-19 के संक्रमण में साइटोकाइंस अति सक्रिय हो जाते हैं जिसके चलते प्रतिरक्षा तंत्र काम नहीं कर पाता । –आईएएनएस । दांतों से पीलापन हटाने के साथ कैविटी को भी दूर करते हैं ये 4 आयुर्वेदिक तरीके ये हैं 4 आयुर्वेदिक तरीके 1. ऑयल पुलिंग मुंह में तेल डालकर कुल्ला करने के तरीके को ऑयल पुलिंग कहते हैं । यह मसूड़ों और दांतों से कीटाणुओं को हटाने में मदद करता है और मुंह के छालों को भी कम करता है । ऑयल पुलिंग से मुंह की मांसपेशियां दुरुस्त होती हैं और उन्हें मजबूती व टोनिंग मिलती है । इस प्रेक्टिस को नियमित रूप से करने से दांतों का पीलापन होता है । ऑयल पुलिंग करने के लिए आप नारियल का तेल, सरसों का तेल या जैतून का तेल कुछ भी चुन सकते हैं । 2. बबूल या नीम की डंडी ये जड़ी-बूटियाँ एंटी-माइक्रोबियल हैं । उन्हें चबाने से एंटी-बैक्टीरियल एजेंट निकलते हैं जो ओरल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं । इन्हें यूज करने के लिए नीम या बबूल की डंडी लें, इन्हें मुंह में रखकर चबाएं और फिर डंडी को दांतों पर रगड़ें । इससे बैक्टीरिया का विकास रुकता है और मुंह में टॉक्सिंस भी निकलते हैं । 3. हर्बल माउथवॉश त्रिफला या यष्टिमधु का काढ़ा एक जबरदस्त हर्बल माउथवॉश के रूप में कार्य करता है । दांतों से पीलापन हटाने के साथ ही यह ओरल हेल्थ को बनाए रखने और मुंह के छालों को कम करने में भी मदद करता है । 4. दिन में 2 बार ब्रश करना दिन में हर व्यक्ति को कम से कम 2 बार ब्रश करना चाहिए । इससे दांतों में छिपे बैक्टीरिया मर जाते हैं और दांतो का पीलापन भी हटता है । जब भी खाना खाएं तो तुरंत कुल्ला करें । इन 2 बातों को रखें ध्यान 1. आपको सब्र रखने की जरूरत है । कोई भी चीज रातोंरात नहीं होती है । आप ऊपर बताए गए किसी भी तरीके को फॉलो करें, इस चीज का यकीन रखें कि रिजल्ट दिखने में थोड़ा समय जरूर लगेगा । 2. किसी भी टिप्स को फॉलो कर रहे हैं तो उसकी प्रेक्टिस जरूर करें । ये ध्यान रखें कि आप जितनी ज्यादा प्रेक्टिस करेंगे उतनी ही जल्दी असर दिखेगा । दांतों से पीलापन हटाने के साथ कैविटी को भी दूर करते हैं ये 4 आयुर्वेदिक तरीके, मसूड़ों की सूजन भी होगी दूर ये हैं 4 आयुर्वेदिक तरीके 1. ऑयल पुलिंग मुंह में तेल डालकर कुल्ला करने के तरीके को ऑयल पुलिंग कहते हैं । इन 2 बातों को रखें ध्यान 1. आपको सब्र रखने की जरूरत है । Ayush Ministry) की अहमियत को समझा गया है । भारत के स्वास्थ्य मंत्रायल के आयुष विभाग ने लोगों को कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े के सेवन की सलाह दी है । जिसके लिए, नींबू , गिलोय और पिप्पली जैसी आयुर्वेदिक औषधियों के मिश्रण का प्रयोग करने के लिए कहा गया है । 25 काढ़ा पीने के फायदे Ayurvedic Kadha) काढ़ा पीने से ना केवल इम्यूनिटी बढ़ती है । बल्कि, इससे, सर्दी-खांसी, खराब गला और बुखार जैसी मौसमी बीमारियों से भी आराम मिलता है । के प्रकार और उनकी रेसिपी जो, इन सर्दियों में आप अपने इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए पी सकते हैं । कोरोना महामारी से बचाव के लिए कई राज्यों में सुरक्षा जवानों को दिए जा रहे हैं इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा । कोरोना महामारी से बचाव के लिए अब ज्यादातर राज्य अपने मानव संसाधन की इम्यूनिटी बढ़ाने की राह पर हैं । तमिलनाडु से लेकर दिल्ली और पंजाब तक में सुरक्षा जवानों को इम्यूनिटी बूस्टर दिए जा रहे हैं, ताकि संक्रमण से उनका बचाव हो सके । देश के सात लाख आयुष चिकित्सकों को गाइडलाइंस भी भेजी जा चुकी है । हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा था कि कोविड महामारी के प्रबंधन में आयुष चिकित्सा की भूमिका अहम है । उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय के जरिए देश भर के आयुष चिकित्सकों को इम्यूनिटी बूस्टर पर दिशा निर्देश भेजे जा चुके हैं । दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए गिलोय, अश्वगंधा और तुलसी इत्यादि औषधियों से निर्मित काढ़ा का इस्तेमाल जवान कर रहे हैं । जवानों को आयुरक्षा किट उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें काढ़ा के अलावा औषधियों से बनीं दवाएं शामिल हैं । पंजाब में भी कुछ ही समय पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पुलिस जवानों को किट वितरित करने का फैसला लिया था । इसमें एमिनिटी प्लस के अलावा मास्क, ऑक्सीमीटर व औषधियों से निर्मित दवाएं शामिल हैं । एमिनिटी प्लस का निर्माण करने वाली एमिल फॉर्मास्युटिकल के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने बताया कि एमिनिटी प्लस को 51 जड़ी बूटियों से बनाया है । इनमें अश्वगंधा, गुडुची, सुंठी, हरद बड़ी, यास्तीमधु, आमला, मजीठा, हरिद्रा, नीम इत्यादि शामिल हैं । रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के अलावा इसमें मौजूदा एंटी आक्सीडेंट तत्व शरीर में मौजूदा जहरीले तत्वों को बाहर निकालने में मददगार हैं । वहीं तमिलनाडु सरकार ने भी अपने यहां कोरोना योद्घाओं को अथिमाथुराम और काबसुरा कुदिनेर इम्यूनिटी बूस्टर का इस्तेमाल कराने का फैसला लिया है । इसे लेकर कोरोना योद्घाओं को किट वितरण का सिलसिला भी शुरू हो चुका है । मुख्यमंत्री एडाप्पडी के. पलानीस्वामी ने जारी बयान में कहा है कि अब तक कोरोना वायरस का कारगर उपचार सामने नहीं आया है । ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना ही एकमात्र विकल्प है । चूंकि कोरोना योद्घाओं को संक्रमण का खतरा ज्यादा है, इसलिए इम्यूनिटी बूस्टर के इस्तेमाल का फैसला लिया । उधर, आयुष मंत्रालय ने बताया कि इम्युनिटी बूस्टर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ई मैराथन का निर्णय लिया है । 28 सिंतबर से 10 अक्तूबर तक चलने वाले इस आयोजन का समापन ‘आयुष फॉर इम्यूनिटी अभियान के विहारा केंद्र बिंदु के साथ होगा । प्रतिभागी अपनी पंसद की जगह पर भाग ले सकेंगे । कंप्यूटर तकनीक आधारित एक ऐप के जरिए सभी प्रतिभागियों को जोड़ा जाएगा । हल्दी से दूर करें गठिया का दर्द, 4 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जो दूर करेंगी अर्थराइटिस का दर्द World Arthritis Day 202 अर्थराइटिस के इलाज में करें इन 4 हर्ब्स का सेवन, दर्द से मिलेगी राहत पूरी दुनिया में 12 अक्टूबर को 'वर्ल्ड अर्थराइटिस डे 2020' मनाया जाता है । अर्थराइटिस जोड़ों की एक बीमारी है । जब चलने में तकलीफ हो, जोड़ों में दर्द रहे, तो समझ लें कि आप अर्थराइिटस के शिकार हो रहे हैं । आप अर्थराइटिस से बचना चाहते हैं, तो कुछ हर्ब्स का सेवन करना शुरू कर दें । सर्दियों में चिरौंजी खाने के सेहत लाभ कोरोना से बचाव के लिए खाएं चिरौंजी, इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर सर्दी-जुकाम सहित इन 4 बीमारियों को रखेगी दूर चिरौंजी में प्रोटीन, विटामिन बी, सी, अमीनो एसिड होते हैं, जो सेहत को कई लाभ पहुंचाते हैं । जानें, सर्दियों के मौसम में चिरौंजी खाने के फायदे हर्षवर्धन ने की आयुष उपचारों की वकालत, कहा- कोरोनावायरस के बचाव के लिए करें अश्वगंधा, गुडुची, पिप्पली का सेवन । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को कोविड-19 बीमारी की रोकथाम और उपचार में आयुर्वेद आधारित उपचारों का बचाव करते हुए, इम्यूनिटी बढ़ाने में इसके प्रभाव की सराहना की । यह पूछे जाने पर कि आयुर्वेद दवाओं के इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर प्रामाणिकता अभी साबित नहीं हुई है, इसके बाद भी इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है । इस पर हर्षवर्धन ने कहा, “आयुर्वेद में रोग प्रबंधन को लेकर एक समग्र दृष्टिकोण है, जिसमें सलुटोजेनेसिस नाम की एक प्रमुख एप्रोच है, जो रोग की स्थिति और इसके रोकथाम के उपचार के लिए काम करती है । आयुर्वेद से संभव है कोरोना का इलाज उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक उपचारों को गहराई या रोकथाम में शामिल किया गया है । स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए परीक्षित प्राकृतिक आयुष उपचारों के उपयोग के बारे में सार्वजनिक तौर पर बढ़ावा दिया है । अश्वगंधा, गुडुची, पिप्पली का सेवन कोरोना से करे बचाव गुडुची, अश्वगंधा, गुडुची और पिप्पली कॉम्बिनेशन और आयुष 64 को लेकर पर्याप्त संख्या में अध्ययन किए गए हैं, जो उनके इम्युनो-मॉड्यूलेटरी, एंटी-वायरल, एंटीपीयरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को साबित करते हैं । इन उपचारों ने सिलिको स्टडीज में कोविड-19 वायरस को लेकर अच्छा असर दिखाया है । आयुर्वेद और योग के जरिए हल्के से मध्यम कोविड-19 मामलों की रोकथाम संभव हर्षवर्धन का बयान तब आया है, जब हाल ही में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुष आधारित नेशनल क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी करने को लेकर कड़ी आलोचना की थी । इस प्रोटोकॉल में आयुर्वेद और योग के जरिए हल्के से मध्यम कोविड-19 मामलों की रोकथाम और उपचार करने की सलाह दी गई थी । आईएमए ने सबूत-आधारित दवाओं की बजाय ‘प्रायोगिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए मंत्री की कड़ी आलोचना की थी । 15 आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी, ‘एन एप्पल अ डे, कीप्स द डॉक्टर अवे । जब आपके शरीर में खून की कमी नहीं होगी, तो आप हेल्दी रहेंगे । वजन नहीं बढ़ेगा, तो कई अन्य रोगों से भी बचाव होगा । ऐसे में प्रतिदिन एक सेब का सेवन बेहद जरूरी है । सेब में कई महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व जैसे फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम आदि भरपूर मात्रा में होते हैं । ऐसे में इस फल का सेवन हर दिन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है । सेब में मौजूद आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाता है । शरीर में खून की कमी दूर करता है । यदि आप सेब को छिलका सहित खाते हैं, तो छिलके में मौजूद गुण भी शरीर को प्राप्त होंगे । दरअसल, सेब के छिलकों में भी कई तरह के पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं । जानें, सेब के सेवन से शरीर को होने वाले 4 मुख्य लाभ कौन-कौन से हैं... सेब के सेवन से ब्लड प्रेशर नॉर्मल बना रहता है । यदि आपका ब्लड प्रेशर लेवल बहुत कम या बहुत अधिक रहता है, तो हर दिन एक सेब नाश्ते में जरूर खाएं । इसके छिलके में फेनोलिक कंपाउंड होता है, जो धमनियों में जमी गंदगी को साफ करता है । इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है । स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए पोस्ट कोविड केयर के लिए नए दिशा निर्देश, च्यवनप्राश, आयुष क्वाथ से बढ़ाएं इम्यूनिटी । कोरोना के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं । कई मामले तो ऐसे भी सामने आ रहे हैं, जिसमें मरीज के ठीक होने के बाद भी कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं । जो मरीज कोरोना से ठीक हो चुके हैं, वो दोबोरा संक्रमित हो रहे हैं । यदि ऐसे मामले बढ़ने लगे, तो स्थिति को संभालना काफी मुश्किल हो जाएगा । ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं, वो पोस्ट कोविड केयर का खास ध्यान रखें । इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को कोविड-19 से उबरने के बाद देखभाल के लिए जारी किए गए नए दिशा निर्देशों में आयुर्वेद को अपनाने पर जोर दिया है । बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए करें आयुष क्वाथ, संशमनी वटी का सेवन मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना से पूरी तरह से स्वस्थ होना है, तो च्यवनप्राश और आयुष दवाओं का इस्तेमाल जरूर करें । दिशानिर्देशों में मंत्रालय ने पोस्ट कोविड केयर में बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए आयुष क्वाथ और संशमनी वटी जैसी प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली दवाओं के दैनिक उपयोग की भी सिफारिश की । करें हर दिन योग और प्राणायाम का अभ्यास मंत्रालय द्वारा जारी सलाह में कहा गया है कि अन्य सुझावों के बीच योग , प्राणायाम और हर दिन की सैर को भी शामिल किया गया है । दिशानिर्देश के अनुसार, “क्लिनिकल प्रैक्टिस में च्यवनप्राश को रिकवरी के बाद की अवधि में प्रभावी माना जाता है । लोगों को व्यक्तिगत स्तर पर मास्क पहनने, हाथ धोने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और अन्य सांस-संबंधी साफ सफाई जैसे प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी । यदि स्वास्थ्य ठीक हो, तो नियमित रूप से घरेलू कामों में भी शामिल होने की बात कही गई है । वहीं पेशेवर काम को श्रेणीबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया जाना चाहिए । शरीर का तापमान और रक्तचाप की करें जांच घर में किसी के भी स्वास्थ्य की निगरानी करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मंत्रालय ने लोगों को नियमित रूप से शरीर के तापमान और रक्तचाप की जांच करने की सलाह दी । साथ ही डॉक्टर्स की सलाह पर पल्स ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन रीडिंग लेने को भी कहा । उसके अनुसार, “तेज बुखार, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, कंफ्यूजन की स्थिति और कमजोरी जैसे लक्षणों को शुरुआती चेतावनी के तौर पर देखें । दोस्त, रिश्तेदार दूर करें मिथक, फैलाएं कोविड के प्रति जागरूकता वहीं मंत्रालय ने इससे उबर चुके लोगों से मित्रों और रिश्तेदारों के साथ अनुभवों को साझा करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने की सलाह दी । दिशानिर्देश के अनुसार, “सोशल मीडिया पर इन अनुभवों को साझा करने से सार्वजनिक जागरूकता फैलाने, मिथकों को दूर करने और कलंक को दूर करने में मदद मिलेगी । साइंस ने माना वेट लॉस, डायबिटीज जैसी इन 4 बीमारियों में फायदेमंद है केले, जानें हरे या पीले कौन से केले फायदेमंद अक्सर फिट रहने के लिए लोग डाइट के ऐसे तरीके ढूंढते हैं, जो सस्ते और उपभोग में काफी आसान हो, जिसमें केला हर किसी का पसंदीदा फल है । बच्चा हो या बड़ा सभी को केले खाना पसंद होता है क्योंकि अपने विभिन्न पोषक तत्वों के कारण केला किसी पावरहाउस से कम नहीं है और ये आपके दिल के स्वास्थ्य, डायबिटीज, पाचन और वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है । जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा और अब विज्ञान भी इस बात से सहमत है कि अगर केले को नियमिय रूप से खाया जाए तो ये आपको अपने शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है । केले में मौजूद पोषक तत्व एक सामान्य आकार के केले में लगभग 110 कैलोरी होती है और यह आपको निम्नलिखित पोषक तत्व प्रदान करता है । प्रोटीन: 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट: 28 ग्राम शुगर: 15 ग्राम फाइबर: 3 ग्राम पोटेशियम: 450 मिलीग्राम मैग्नीशियम: 32 मिलीग्राम विटामिन सी: 10.3 मिलीग्राम विटामिन बी 6: 0.4 मिलीग्राम केले विटामिन बी 6 और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं । एक सामान्य आकार के केले से आपको पोटेशियम की दैनिक मात्रा का 9 प्रतिशत और मैग्नीशियम का 8 प्रतिशत मिलता है । इतना ही नहीं, यह आपकी रोजाना की विटामिन सी मात्रा की जरूरत का 11 प्रतिशत भी प्रदान करता है । इस लेख में हम आपको केले के ऐसे फायदों के बारे में बता रहे हैं, जिसको साइंस भी मानती है । वजन कम करने में मदद करता है केला वजन घटाने के संबंध में बहुत लंबे समय से केले को दोषी माना जाता रहा है । केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा लोगों को इसके प्रति संवेदनशील रह जाता है । लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केला वास्तव में आपको तेजी से फुल महसूस कराने में मदद कर सकता है । इसमें मौजूद पेक्टिन पेट खाली करने में देरी करता है, जो आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है । हरे केले वजन घटाने के लिए बेहतर होते हैं क्योंकि पके केलों में पेक्टिन नहीं होता है । केले में मौजूद कार्ब्स अधिक सेरोटोनिन का उत्पादन करने में मदद करते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में आपकी मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा के स्तर हाई रखते हैं । अध्ययनों से साबित हुआ है कि हरे केले को किसी भी रूप में ताजा, पकाया, सूखा कर खाया जा सकता है या फिर इसे आप आटे के रूप में भी खा सकते हैं । ये आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करता है । पाचन में सहायता करता है केला हरे केले खाने से दस्त जैसी समस्या ठीक होती है और इसे एक प्रभावी घरेलू उपचार का रूप दिया गया है । केले में मौजूद अघुलनशील फाइबर जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित करता है जबकि घुलनशील फाइबर शरीर के लिए पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है । हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है केला पोटेशियम और हृदय स्वास्थ्य बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं । पोटेशियम सोडियम के स्तर को संतुलित करके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है । सोडियम की बहुत कम या बहुत अधिक मात्रा का मतलब है रक्तप्रवाह में अधिक तरल पदार्थ और उच्च रक्त की मात्रा, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के अतिरिक्त जोखिम के साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है । 2017 के एक अध्ययन में ये पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में पोटेशियम की खुराक ब्लडप्रेशर को कम कर सकती है । एफडीए के मुताबिक, ऐसे खाद्य पदार्थ, जो पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होते हैं और सोडियम की कम मात्रा रखते हैं, वे हाई बीपी और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं । ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करते हैं केले ज्यादातर लोग सोचते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को केले जैसे मीठे फल खाने से बचना चाहिए । लेकिन केले में पेक्टिन और रेजिस्टेंट स्टार्च होता है, जो वास्तव में आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं । पेक्टिन फाइबर आपको संतृप्त रखता है और जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है और पाचन धीमा कर देता है । डायबिटीज रोगियों के लिए, केले का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका इसे फैट और प्रोटीन के साथ मैश करके खाने से है । इसलिए केले को अंडे, दही या पीनट बटर के साथ खाएं । तनाव अब हर किसी की ज़िंदगी का हिस्सा-सा बन गया है । तनाव का स्तर हर किसी के लिए अलग-अलग होता हैं, काम में रूची बनायें रखने के लिए थोड़ा-सा तनाव ज़रूरी होता है मगर जब यह आप पर हावी होने लगता है तभी यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगता है । तनाव से लड़ने के लिए पहले आपको कारणों को जानना पड़ेगा । जब तक तनाव के कारणों का पता नहीं चलेगा तब तक इससे उभरने का रास्ता भी नहीं मिलेगा । जिस काम को करने में आपको खुशी मिलती हैं उस काम को करें । तनाव से लड़ने के लिए ध्यान या मेडिटेशन करें । इसके अलावा इन आसान बातों पर ध्यान दें: सकारात्मक मनोभाव: सकारात्मक मनोभाव रखने पर ही आप तनाव से लड़ सकते हैं । कोई भी परिस्थिति हो आप अपने को शांत रखें और ज़्यादा न सोचें । व्यावहारिक मनोभाव: जब कोई बात या काम हमारे नियंत्रण से बाहर चला जाता है तब हम तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं । अगर कोई काम नहीं कर पा रहें हैं तो तनाव न लें । इससे आप अवांछित रूप से तनाव के कब़्जे में आ जायेंगे जिससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा । काम करें और व्यक्तिगत जीवन में रूची लें । शराब, धूम्रपान और ड्रग न लें: लोगों समझते हैं कि इन सबके सेवन से तनाव कम होता हैं मगर सच्चाई यह है कि इससे आप में एक नकारात्मक मनोभाव उत्पन्न हो जाता है और साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव पड़ता है । लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ समाज पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है । अपने मनोभाव को व्यक्त करें:  अपने परिवारजन, दोस्त, बॉस के समक्ष अपने मनोभाव को व्यक्त करें, इससे आप खुद को हल्का महसूस करेंगे । दिल की बात दिल में रखने से परिस्थिति और भी बिगड़ने लगती है । हेल्दी डायट: अनहेल्दी खाना भी तनाव के कारणों में से एक है । हमेशा अपनी डायट पर ध्यान दें । क्योंकि जैसा खाना आप खायेंगे उसका प्रभाव आपके शरीर और मन पर पड़ेगा । तनावग्रस्त लोगों को हेल्दी खाना खाना चाहिए । कैलोरीयुक्त खाना जैसे जंक फूड, कोला, तला हुआ खाना आदि खाने से परिस्थिति और भी भयानक हो जाती है । स्वास्थ्यवर्द्धक खाद्दों में सब्ज़ी ओर फल आपको तंदुरूस्त रखने के साथ-साथ मानसिक रूप से शांत रहने में भी मदद करता है । व्यायाम करें: व्यायाम तनाव से लड़ने में बहुत मदद करता है । इससे आप खुद को शांत और खुश महसूस करेंगे । रोज़ सुबह बाहर तेज कदमों से चलें या खुले में योगासन भी कर सकते हैं । रोज़ के नियमित काम में थोड़ा बदलाव लाने से भी तनाव से मुक्ति मिलती है । शरीर में जब हो ये परेशानी तो न पिएं Banana Milkshake! आयुर्वेद के मुताबिक दूध पीने के इतनी देर बाद खाना चाहिए केले हम सभी को मिल्कशेक और स्मूथी पसंद होती है और हो भी क्यों न क्योंकि इसका स्वाद और सेहत के लाभ अनेक है । बहुत कम लोग होंगे, जिन्हें इसके फायदों के बारे में न पता हो? हमारे पसंदीदा फल और कुछ बर्फ के टुकड़ों के साथ दूध का मिश्रण गर्मियों में इस पेय को हमारे पसंदीदा पेय में से एक बनाते हैं । जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा । केले और दूध का एक साथ सेवन करते वक्त आपको इन बातों के बारे में जानने की आवश्यकता है । तो आइए जानते हैं क्यों नहीं करना चाहिए केले और दूध का एक साथ सेवन । केले और दूध का मिश्रण जो लोग वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें अक्सर केले और दूध एक साथ लेने का सुझाव दिया जाता है । जबकि कई लोग सोचते हैं कि ये मिश्रण बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है लेकिन विशेषज्ञों को कुछ अलग ही कहना है । विशेषज्ञों का कहना है, भले ही आप दूध और केले का एक साथ सेवन करना चाहते हैं, फिर भी आप सबसे पहले दूध पिएं और केले को खाने के लिए कम से कम 20 मिनट तक का इंतजार करें । बनाना मिल्कशेक पाचन में बाधा डालता है और नींद में खलल डाल सकता है । जिन लोगों को अस्थमा जैसी एलर्जी है उन लोगों को बनाना मिल्कशेकल नहीं पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह बलगम बनाता है जिससे श्वास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं । क्या कहता है आयुर्वेद आयुर्वेद के अनुसार, दूध और केला सबसे असंगत खाद्य पदार्थों की सूची में आते हैं । जब इनका एक साथ सेवन किया जाता है, तो ये अग्नि को कम कर सकता है, विषाक्त पदार्थों का उत्पादन कर सकता है और साइनस के कारण होने वाली जकड़न, खांसी, सर्दी और एलर्जी का कारण बन सकता है । आयुर्वेद में, केले और दूध के एक साथ सेवन को विरुद अहार कहा गया है । इन दोनों का एक साथ सेवन अमा बनाता है, जो शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है । यह आंतों में होने वाले संतुलन को भी बाधित करता है । यह शरीर पर नकारात्मक प्रतिक्रिया करता है, अतिरिक्त पानी उत्पन्न करता है, शरीर के कोशिकाओं को अवरुद्ध करता है, उल्टी, दस्त और यहां तक कि हृदय रोग का भी कारण बन सकता है । पिएं या न पिएं बनाना मिल्कशेक केला और दूध का एक साथ सेवन अच्छी नहीं माना जाता है और कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है । इस प्रकार, कम से कम 20 मिनट के समय अंतराल में अलग-अलग सेवन करने से आप दोनों के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं और आयुर्वेद में इसे ही सबसे अच्छा माना गया है । दोनों खाद्य पदार्थों के अपने-अपने गुण होते हैं जो अलग-अलग उपभोग करने पर ही हमें कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं । डाइजेशन सिस्टम को रखना है मजबूत तो रखें इन 5 छोटी-छोटी बातों का ध्यान डाइजेशन सिस्टम को हेल्दी रखना और दुरुस्त रखना बहुत जरूरी है । हम जो भी खाते हैं या जैसा भी हमारा लाइफस्टाइल होता है उसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है । जब हमारा डाइजेशन सिस्टम गड़बड़ाता है तो पूरा शरीर इससे प्रभावित होता है । जिसके चलते पेट में दर्द, कब्ज, गैस और अपच आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं । आज हम आपको कुछ ऐसे आसान तरीके बता रहे हैं जो आपके डाइजेशन सिस्टम को दुरुस्त करने में मदद करेंगे । खुद को हाइड्रेट रखें डाइजेशन सिस्टम को हेल्दी रखने का सबसे आसान और बेहतर तरीका यह है कि अपने डाइजेशन सिस्टम को हेल्दी रखें । जब बॉडी डिहाइड्रेट होती है तो उसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है । अपने सिस्टम को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन में कम से कम 3 लीटर पानी पीने की ज़रूरत होती है । साथ ही इसे कब्ज और गैस जैसी दिक्कतें भी नहीं होती हैं और शरीर डिटॉक्स भी होती है । एक्सरसाइज करें और स्ट्रेस से दूर रहें बहुत अधिक तनाव या चिंता के कारण भी आपका पाचन तंत्र प्रभावित होता है । तनाव पाचन तंत्र की पारगम्यता को प्रभावित करता है, आंत बैक्टीरिया में असंतुलन का कारण बनता है और आपकी सूजन के जोखिम को बढ़ाता है । इसलिए नियमित एक्सरसाइज करें और स्ट्रेस से दूर रहें । हैवी मसालों से दूर रहें ऐसे मसालों के सेवन से बचें जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को इरिटेट करें । या फिर जो चीजें आपके पाचन तंत्र और एसोफेगस को परेशान करती हैं उनका सेवन न करें । लाल मिर्च, गर्म मसाले, कैफीन, शराब, चीनी, फैट और मिठाई ऐसी चीजें हैं जो आपके पाचन तंत्र को डिस्टर्ब कर सकती हैं । जबकि मसालेदार भोजन कुछ लोगों में पेट की परत को भी परेशान करता है, जिससे अल्सर होने की संभावना रहती है । फाइबर को बनाएं अपना दोस्त हमारे डाइजेशन को बेहतर तरह से काम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा फाइबर की जरूरत होती है । साबुत अनाज, दलिया, बीन्स, नट्स, फल और सारी सब्जियां इस लिस्ट में शामिल हैं । डाइट्री फाइबर आपके जठरांत्र संबंधी मार्ग को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है । यह सुनिश्चित करता है कि पाचन प्रक्रिया एक गति से चलती है जो आपके शरीर को अंतर्ग्रहण भोजन से पोषक तत्वों को कुशलता से अवशोषित करने में सक्षम बनाती है । डाइट में प्रोबायोटिक एड करें प्रोबायोटिक न सिर्फ पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं बल्कि ये आपकी आंतों के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं । जब आप प्रोबायोटिक का सेवन करते हैं तो हमारी बॉडी एंटीबायोटिक्स और तनाव के प्रभावों का झेलने के ​लिए सक्षम हो जाते हैं । प्रोबायोटिक्स भी बॉडी को पोषक तत्व के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और निश्चित ही आपके पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं । सुबह उठकर खाली पेट सिर्फ 1 चम्मच देसी घी से आपके शरीर को मिलेंगे ये 6 गजब के फायदे, शरीर रहेगा चुस्त-दुरुस्त हेल्दी रहने के लिए सही खान-पान बहुत जरूरी होता है और सही खान-पान के साथ-साथ समय पर खाना बहुत ही जरूरी होता है । पुराने जमाने में लोग देसी घी खाना पसंद करते थे लेकिन अब वक्त बदल चुका है और लोग अब रिफाइन्ड को अपनी डाइट का हिस्सा बना चुका हैं । आलम ये है कि आजकल लोग देसी घी खाना बहुत ही कम पसंद करते हैं । बदलती जीवनशैली के कारण लोगों का मानना है कि देसी घी खाने से चर्बी बढ़ती है और इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं । लेकिन अगर आप सुबह उठकर खाली पेट एक चम्मच देसी घी खाते हैं तो आप कई समस्याओं से दूर रह सकते हैं । जी हां, अगर आप सुबह फ्रेश होने के बाद सीधा चाय या कॉफी लेना पसंद करते हैं या फिर नाश्ता करना पसंद करते हैं तो वक्त आ गया है इस आदत को सुधारा जाए । कुछ लोग सुबह उठने के बाद गर्म पानी पीते हैं तो कुछ नेचुरल हेल्दी ड्रिंक्स लेते हैं । लेकिन हेल्दी रहने का एक और सस्ता तरीका आपके पास है देसी घी का सेवन करना । आयुर्वेद के अनुसार अगर आप सुबह खाली पेट नाश्ते से पहले देसी घी का सेवन करते हैं आपको ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं । तो आइए जानते हैं कैसे आप देसी घी के साथ अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं । सुबह खाली पेट एक चम्मच देसी घी और उसके फायदे शरीर को मिलती है मजबूती आयुर्वेद के अनुसार, देसी घी हमारे शरीर की सभी कोशिकाओं को मजबूती देने में मदद करता है । दरअसल दही में ऐसे न्यूट्रीएंट्स होते हैं, जिसे अगर खाली पेट खाया जाए तो यह आपके शरीर की कोशिकाओं को मजबूत बनाने का काम करता है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को दुरुस्त रखता है । त्वचा में निखार लाता है देसी घी नियमित रूप से देसी घी का सेवन करने पर आपकी कोशिकाओं को रिकवरी करने में मदद मिलती है, जिससे आपकी त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है और आपका चेहरा ग्लोइंग बना रहता है । देसी घी आपके स्किन की नेचुरल नमी बनाए रखता है और स्किन को ड्राई होने से भी बचाता है । गठिया में मिलता है आराम नियमित रूप से देसी घी का सेवन करने पर आप जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्या से निजात पा सकते हैं । दरअसल घी हमारे शरीर में जाकर एक नेचुरल लुब्रीकेंट के रूप में काम करता है । घी में ओमेगा 3 फैटी एसिड भी होता हैं, जो ऑस्टियो-पोरोसिस की संभावना को कम करता है और हड्डियों को स्वस्थ रखता है । दिमाग रहता है एक्टिव अगर आप सुबह खाली पेट एक चम्मच देसी घी का सेवन करते हैं तो आपके दिमाग की कोशिकाएं सक्रिय रहती है, जिसके कारण आपकी मेमोरी और सीखने की क्षमता भी बढ़ती है । देसी घी के सेवन से आप अल्जाइमर जैसी बीमारी से भी दूर रहते हैं । वजन होता है कम कुछ लोगों का मानना है कि देसी घी का इस्तेमाल शरीर पर चर्बी बढ़ाता है लेकिन अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट एक या दो चम्मच देसी घी का सेवन करते हैं तो इससे आपका मेटाबोलिक रेट बढ़ा रहता है और आपको वजन कम करने में मदद मिलती है । बालों का झड़ना होता है कम अगर आप सुबह उठकर नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो आपके बाल स्वस्थ रहते हैं क्योंकि देसी घी में मौजूद न्यूट्रीएंट्स आपके बालों को पोषण प्रदान करते हैं । देसी घी के पोषक तत्व आपके बालों को मुलायम, चमकदार बनाने में तो मदद करते है ही साथ ही उनका झड़ना भी बंद हो जाता है । कोविड 19- सुपर स्प्रेडर्स, ये लोग तेज़ी से फैलाते हैं कोरोना । Covid-19 कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर ने पूरी दुनिया को धीरे-धीरे अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है । कई देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया है तो, कहीं तेज़ी से मरीज़ों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है । दूसरी तरह इस वायरस के बारे में लगातार शोध किए जा रहे हैं । ऐसी ही एक ताज़ा रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि कोरोना वायरस संक्रमण किस तरह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है । साथ ही वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि किस तरह के लोगों से कोरोना संक्रमण तेज़ी से फैलता है । वैज्ञानिकों ने की कोरोना सुपर-स्प्रेडर्स की पहचान: यह रिसर्च अमेरिका की सेंट्रल फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्तारों द्वारा आयोजित की गयी । जहां, कोरोना वायरस के ‘सुपर स्प्रेडर की पहचान करने की कोशिश की गयी । वैज्ञानिक भाषा में ‘सुपर स्प्रेडर ऐसे लोगों को कहा जाता है जिनसे कोविड-19 संक्रमण बहुत तेज़ी से फैलता है । सबसे खास बात यह है कि, अक्सर इस तरह के लोगों में कोविड-19 संक्रमण होने के बावजूद लक्षण नहीं दिखायी देते हैं । इसी वजह से जब ये लोग दूसरों से मिलते-जुलते हैं तो छींक और खांसी के माध्यम से इंफेक्शन का प्रसार करते हैं । इन लोगों से फैलता है तेज़ी से कोरोना इन लोगों का छींकना है खतरनाक शोध के मुताबिक, संक्रमित लोगों के दांतों की संख्या, मुंह में लार की मात्रा और अलग-अलग तरह से छींकने का तरीका यह बताता है कि इनके ड्रॉप्लेट्स हवा में कितनी दूर तक जाएंगे और इनसे अन्य लोगों को संक्रमण होने का कितना खतरा है । रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि, ऐसे लोग जिनकी नाक साफ नहीं रहती और जिनके मुंह में दांत हैं ऐसे लोगों के मुंह से संक्रमण की बूंदें ज़्यादा निकलती हैं । क्योंकि जब छींक आती है तो दांत छींक के वेग को और बढ़ाते हैं । इससे छींक के साथ निकली छींटे बहुत दूर तक जाती हैं । रिसर्चर्स के अनुसार, इस तरह के लोगों से वायरस की खतरनाक बूंदे 60 प्रतिशत तक ज़्यादा फैलती हैं । लार से भी फैलता है कोरोना संक्रमण इसी तरह मुंह से निकलने वाला सलाइवा और लार भी छींक की बूंदों को फैलाती है । पतली लार से बूंदें भी छोटी होती है और अधिक समय तक हवा में मौजूद रहती हैं । वहीं, गाढ़े सलाइवा और लार से बनी बूंदें हवा में बहुत देर तक नहीं रहतीं और जल्दी ही ज़मीन पर गिरकर नष्ट हो जाती हैं । इसीलिए, ऐसे लोगों से संक्रमण का प्रसार का खतरा भी कम रहता है । जानें, डायबिटीज से बचाव के लिए सप्ताह में कितनी बार ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए? कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा उन लोगों के लिए सबसे अधिक है, जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी जैसे डायबिटीज , फेफड़े से संबंधित रोग आदि से पीड़ित हैं । ऐसे समय में, डायबिटीज रोगियों को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है । मधुमेह रोगियों को खासतौर से अपना शुगर लेवल चेक करते रहना चाहिए । इसमें जरा सी भी लापरवाही बरतना खतरनाक हो सकता है । ऐसे इसलिए जरूरी है, क्योंकि ब्लड शुगर लेवल चेक करने से दवाओं और इंसुलिन के संयोजन में मदद मिलती है, तब भी जब आप कोरोना या किसी अन्य संक्रमण से पीड़ित होते हैं । एक शोध के अनुसार, सिर्फ 28% मधुमेह रोगी ऐसे हैं, जो लॉकडाउन के समय नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा की जांच करते हैं । लोगों को नहीं होती ब्लड शुगर जांचने की जानकारी विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि ज्यादातर लोगों के पास ब्लड शुगर मापने की मशीन या उनकी स्ट्रिप नहीं होती है । इतना ही नहीं, अधिकतर लोग खुद से कभी भी अपने ब्लड शुगर लेवल को नहीं मापते हैं । लॉकडाउन में कम ही लोग करते हैं टेस्ट विशेषज्ञों के अनुसार, लॉकडाउन में ज्यादातर लोगों के ब्लड शुगर लेवल में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है, जबकि उनमें से 80% नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं और अपने डायट को कंट्रोल कर रहे हैं । अधिकांश डायबिटीज के मरीज बहुत कम ब्लड शुगर लेवल की जांच करते हैं या कोई भी परीक्षण नहीं करते हैं । हैरानी की बात तो यह है कि ये सभी लोग लंबे समय से इंसुलिन और गोलियों पर निर्भर हैं और हाइपोग्लाइकेमिया या लो ब्लड शुगर से पीड़ित हैं । लॉकडाउन के दौरान, यदि रक्त शर्करा में कोई परिवर्तन होता है, तो इसकी जांच बार-बार करते रहना चाहिए । कोरोना का खतरा किन्हें है अधिक एक स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोरोना काल में बहुत जरूरी है कि आप अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच नियमित रूप से करते रहें, क्योंकि यदि आपकी उम्र अधिक है या कोई गंभीर बीमारी है, जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, अस्थमा तो कोरोना होने पर ये सभी समस्याएं और भी अधिक गंभीर रूप धारण कर सकती हैं । ब्लड शुगर टेस्ट किसे कराना चाहिए विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करना महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि तब होती है, जब डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में स्ट्रेस हार्मोन के रिलीज होने के कारण वायरल से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है । जो लोग इंसुलिन थेरेपी ले रहे हैं, उन्हें दिन में कम से कम दो बार शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए । इसके अलावा जो लोग दवा पर निर्भर हैं और जिनका शुगर लेवल सही रहता है, वे सप्ताह में दो बार शुगर की जांच जरूर करें । जल्द उपलब्ध होगी 'आयुष क्वाथ गोली' करेगी इम्यूनिटी बूस्ट, तब तक इन 7 आयुर्वेदिक तरीकों को आजमाएं कोरोनावायरस संक्रमण से बचना है, तो आपको सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाना होगा । ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यह आपको संक्रमित होने से बचाए रख सकता है । हर दिन डॉक्टर्स, शोधकर्ता यहां तक कि सरकार भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने की बात कर रही है । ऐसे में बेहतर इम्यूनिटी ही कोरोनावायरस की रोकथाम का बेहतर इलाज है । लागातर लोगों से अपील कर रहा है कि आयुर्वेदिक तरीके से इम्यूनिटी को बूस्ट करने की कोशिश करें । आयुर्वेद में कई ऐसे नुस्खे मौजूद हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखते हैं । हाल ही में आयुष मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइंस में हर्बल काढ़ा पीने की सलाह दी थी । 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए कोरोना की इस लड़ाई को जीतने पर जोर दिया था । मन की बात में भी उन्होंने आयुष चिकित्सा की अहम भूमिका पर चर्चा की थी । जल्द उपलब्ध होगी आयुष क्वाथ नाम की गोली आयुष मंत्रालय ने आयुष क्वाथ के नाम से गोली या चूर्ण उपलब्ध कराने का फैसला किया है । तुलसी, सुन्थी, दालचीनी और काली मिर्च का मिश्रण ज्यादा से ज्यादा बनाने के लिए मंत्रालय ने आयुष उत्पाद निर्माता कंपनियों, राज्य व केंद्र शासित राज्यों को निर्देश देते हुए अपने-अपने राज्यों में इसका निर्माण शुरू करने के लिए कहा है । तीन तरह के फार्मूले आयुर्वेद के लिए आयुष क्वाथ, सिद्ध के लिए आयुष कुडीनीर तथा यूनानी के लिए आयुष जोशांदा के निर्माण का सुझाव दवा कंपनियों को दिया है । यह पाउडर और टैबलेट दोनों रूपों में उपलब्ध होगा । इस फैसले के बाद एमिल फार्मास्युटिकल ने आयुष क्वाथ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है । कोरोना महामारी में पारंपरिक चिकित्सा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । आयुर्वेदिक तरीकों से इम्यूनिटी बूस्ट करने के उपाय 1 इम्यूनिटी को बूस्ट करना है, तो आयुर्वेद पद्धति जरूर आजमाकर देखें । फीफाट्रोल एक बेहतर दवा है, इसमें संजीवनी बूटी, तुलसी, गिलोय, मृत्युंजय रासा जैसी औषधियां होती हैं, जो संक्रमण से बचाने के लिए शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती हैं । 2 तुलसी का काढ़ा पिएं । इसमें आप काली मिर्च, अदरक, दालचीनी भी डाल सकते हैं । इम्यूनिटी बूस्ट करने का बेजोड़ उपाय है । 3 इन दिनों मौसमी फलों को डायट में जरूर शामिल करें । दूध और घी का नियमित रूप से सेवन करें । दही खाना पसंद है, तो आप इसमें मिश्री और आंवले का चूर्ण मिलाकर खाएं । ताजे बने मट्ठे का सेवन हमेशा लाभकारी होता है । 4 चंद्रप्रभा वटी, त्रिफला चूर्ण इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ ही हाजमा बेहतर बनाते हैं । 5 हल्दी-दूध नहीं पीते तो इन दिनों जरूर रात में सोने से पहले एक कप गर्म हल्दी-दूध का सेवन करें । सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में खराश आदि से बचे रहेंगे । 6 पानी में अदरक को कूच कर डालें । इसे 5 मिनट उबलने दें । इस चाय को पीने से शरीर संक्रमण से बचा रहता है । 7 दूध के साथ अश्वगंधा का चूर्ण मिलाकर पिएं । इसके अलावा, प्रत्येक दिन एक गिलास गर्म पानी में गिलोय पाउडर डालकर पीने से भी लाभ होगा । इन 5 कारणों से होती है एसिडिटी और एसोफेगस में जलन, तुरंत आराम दिलाएंगे ये तरीके कुछ लोग एसिडिटी, पेट में जलन और एसोफेगस में इरिटेशन के लिए सिर्फ अपने शरीर को दोष देते हैं । वो लोग अपनी आदतों और लाइफस्टाइल को सुधारने के बजाय सिर्फ अपने शरीर को कोसते रहते हैं । आज हम आपको एसिडिटी होने के 5 ऐसे कारण बता रहे हैं ​जिन्हें आप भी मानेंगे । साथ ही हम इन कारणों से बचने के उपाय भी बता रहे हैं । आयुर्वेद के इन चार उपायों से करें अपना वजन कम । क्या आपका वजन लगातार बढ़ रहा है? यदि हां, तो एक्सरसाइज, योगासन आदि करके करने की कोशिश करें । इसके साथ ही आप कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे आयुर्वेदिक नुस्खे वनज कम करने के लिए बेहतर होते हैं, क्योंकि इसका कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता है । वजन मुख्य रूप से खराब जीवनशैली और अनहेल्दी ईटिंग हैबिट के कारण बढ़ता है । आयुर्वेद के नीचे बताए गए इन नुस्खों त्रिफला चूर्ण शरीर का वजन लगातार बढ़ रहा है, तो आप त्रिफला का सेवन करना शुरू कर दें । त्रिफला चूर्ण तीन चीजों आंवला, बहेड़ा और हरड़ से मिलकर बनता है । त्रिफला आपको आयुर्वेदिक दुकान में आसानी से मिल जाएगा । रात में त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर रख दें । सुबह इसमें शहद डालकर पी जाएं । एक से दो महीने में ही आपका वजन तेजी से घटने लगेगा । दालचीनी दालचीनी तो आपके किचन में होगी ही । इसे भोजन में डालने के अलावा वजन कम करने के लिए भी यूज कर सकते हैं । दालचीनी खाने से मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होता है । वजन कम करने के लिए दालचीनी डली हुई चाय पिएं । मेटाबॉलिज्म तेज होने से वजन घटाने में मदद मिलती है । दालचीनी की चाय में कैलोरी की मात्रा ना के बराबर होती है । इस चाय को पीने से शरीर का फैट तेजी से कम होने लगता है । गुग्गुल गुग्गुल वजन कम करने लिए बेहतर आयुर्वेदिक नुस्खा है । यह शरीर में जमे फैट को कम करता है । मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, जिससे वजन नहीं बढ़ता है । पाचन क्रिया भी ठीक रहती है । गुग्गुल को आप गर्म पानी के साथ लें, वजन कम होगा साथ ही पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहेगी । एलोवेरा एलोवेरा जिस तरह चेहरे के लिए हेल्दी होता है, उससे कहीं ज्यादा काम यह वजन कम करने के आता है । एलोवेरा जेल, जूस और स्मूदी पिएं । वजन बहुत जल्दी कम होने लगेगा । इसमें कार्बोहाइड्रेट, अमीनो एसिड, मल्टी विटामिन्स, एंजाइम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं । दिल की सेहत के लिए माना जाता है अखरोट को बेस्ट । अखरोट दिल के लिए सबसे ज़्यादा फायदेमंद ड्राईफ्रूट है । रिसर्च के अनुसार अखरोट में  एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा सबसे ज़्यादा होती है । जो शरीर की कोशिकाओं को फ्री रैडिकल्स से नुकसान पहुंचाने में मदद करता है । इस प्रकार की क्षति से सबसे ज़्यादा दिल को ही नुकसान पहुंचता है । यह कोलेस्ट्रोल को भी कम करने में मदद करता है । अखरोट रक्त में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है । यह रक्त का थक्का बनने के खतरे को कम करके अचानक दिल के दौरा पड़ने की संभावना को कम करता है । क्यों है अखरोट इतना हेल्दी- अखरोट में एमिनो एसिड आई-आरजीनीन होता है जो दिल को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है । इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होता है । इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड अल्फा लियोलॉनिक एसिड होता है जो हृदयाघात के संभावना को कम करता है । इसमें फाइबर की मात्रा भी काफी अच्छी है होता है जो रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करने में मदद करता है । इसको खाने से भूख भी कम लगती है । अखरोट में विटामिन ई होता है जो धमनियों में प्लाक बनने से रोकता हैँ । इससे कोरोनरी धमनी रोग और दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम होती है । इसमें प्लान्ट स्टेराल होता है, यह भी कोलेस्ट्रोल की मात्रा को भी कम करता है । इसमें एल आरजनीन होता है जो धमनियों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उन्हें लचीला बनाये रखता है जिससे रक्त प्रवाह आसानी से हो पाता है । वैसे तो नट में 80% फैट रहता है लेकिन वह हेल्दी होता है । इसलिए अखरोट में कैलोरीज़ की मात्रा ज़्यादा होने के कारण संतुलित मात्रा में खाना चाहिए । इसके अलावा अखरोट बहुत सारे बीमारियों से राहत दिलाने में सहायता करता है । साथ ही मेमरी अच्छी बनाता है । आयुर्वेदिक टिप्स जो तनाव कम करने में करेंगे आपकी मदद । आजकल जिसे देखो वह तनाव ग्रस्त है । लोग किसी भी समय खुद को तनाव से दूर नहीं रख पाते हैं । छोटी-छोटी चीजें भी लोगों को इस समस्या का शिकार बना देती हैं । यह ना केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है । व्यायाम ना करना, सही आहार ना लेना और करीबियों के साथ समय ना बिताने के कारण तनाव और बढ़ जाता है । आयुर्वेद में इसका इलाज मौजूद है । आयुर्वेद के अनुसार बताई गई बातों को फॉलो करेंगे, तो आप जल्द ही तनाव से मुक्ति पा सकते हैं । जानें, तनाव से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स । धीमी गति से जीवन जिएं व्यस्त और भागदौड़ भरा जीवन हमें अधिक तनाव देता है । ऐसे में यह बेहद जरूरी होता है कि आप अपने जीवन जीने की गति को थोड़ा धीमा करें । हर रोज थोड़ा समय अपने लिए लें और इस समय में केवल खुद से जुड़ें । आराम करें नींद ना लेने से तनाव बढ़ सकता है । इससे राहत पाने के लिए नींद एक प्रभावी तरीका है । आजकल काम के दबाव के चलते हम लोग नींद और आराम करना भूल ही जाते हैं । पर्याप्त आराम हमारे शरीर को अगले दिन के काम के लिए तैयार करने में मदद करता है । पैरों की मालिश हर रोज सोने से पहले अपने पैरों पर तेल की मालिश करें । इससे आपके शरीर में रक्त का संचार बेहतर होगा साथ ही अच्छी नींद आएगी । अच्छी नींद तनाव को कम करने में मदद करेगी । तन-मन से रखें खुद को शांत तनाव ना केवल आपके दिमाग को परेशान करता है बल्कि यह आपके शरीर को भी प्रभावित करता है । सबसे पहले तनाव को कम करने के लिए अपने मन और शरीर को शांत करें । इसके लिए आप प्राणायाम, ध्यान, व्यायाम और योग का सहारा ले सकते हैं । संतुलित आहार लें आपका आहार आपके शरीर को सही पोषण देने में मदद करता है । सही पोषण मिलने से आपके शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है । अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करें । हवाई जहाज में तेज़ी से फैलता है कोरोना संक्रमण, भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें 31 दिसंबर तक की निलंबित Coronavirus  कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने और लोगों को इस संक्रमण की चपेट में आने से बचाने के लिए दुनियाभर में अलग-अलग तरीके के प्रयास किए जा रहे हैं । इसी कड़ी में कोरोना संकट को देखते हुए भारत सरकार ने गुरुवार को इंटरनेशनल फ्लाइट्स से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है । केंद्र ने अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस फ्लाइट्स की आवाजाही पर रोक लगा दी है । कोरोना के चलते अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें 31 दिसंबर तक की निलंबित यह रोक 31 दिसंबर 2020 तक लागू रहेगी । जिसके तहत भारत में ना तो कोई कमर्शियल इंटरनेशनल फ्लाइट  आ पाएगी और ना ही यहां से कोई उड़ान विदेश जा पाएगी । गुरुवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, “ये प्रतिबंध नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा अनुमोदित कार्गो संचालन और सेवाओं पर लागू नहीं होंगे । इस बयान में यह भी कहा गया कि कुछ सीमित रूट्स पर चुनिंदा इंटरनेशनल फ्लाइट्स को सक्षम अधिकारियों द्वारा मामले के आधार पर संचालन की अनुमति दी जा सकती है । एयर बबल व्यवस्था के ज़रिए चलेंगी फ्लाइट्स फिलहाल भारत में कुछ देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते के आधार पर ‘एयर बबल व्यवस्था के तहत विशेष अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवाओं का परिचालन हो रहा है । इस व्यवस्था के अंतर्गत दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को उनकी एयरलाइंस द्वारा संचालित करने की अनुमति दी गई है । इस लॉकडाउन के चलते 25 मार्च 2020 को यात्री हवाई सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था । हालांकि,  2 महीने के गैप के बाद 25 मई 2020 को घरेलू उड़ान सेवाएं दोबारा शुरू की गयी थीं । पर अब कोरोना वायरस महामारी की नयी लहर  के दौरान खतरे को देखते हुए फ्लाइट्स को दोबारा बंद करने का फैसला लिया गया है । एयर पॉल्यूशन: इस आयुर्वेदिक चाय की मदद से साफ होगी श्वसन नली की गंदगी, पॉल्यूशन के कण निकलेंगे बाहर! अगर हम दिल्ली एनसीआर की बात करें तो यहां की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है । तापमान में गिरावट अक्सर वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के साथ होती है । यह मौसम हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है । प्रदूषित हवा में सांस लेने से कई समस्याएं होती हैं जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और यहां तक ​​कि फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियां भी हो सकती है । ऐसे में इस मौसम में आपको अपने फेफड़ों और श्वास नली को धूल के कणों से बचाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है । ऐसा करके आप श्वसन समस्याओं को रोक भी सकते हैं । ल्यूक ने अपनी पोस्ट में एक विशेष हर्बल चाय का उल्लेख किया है जो आपके फेफड़ों को साफ रखने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है । आइये देखते हैं इस चाय को बनाने का तरीका । हर्बल चाय पीने के फायदे यह चाय प्राकृतिक जड़ी बूटियों और मसालों से तैयार होती है जो आमतौर पर हर घर में उपलब्ध होती हैं और अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं । इस चाय को पीने से प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद मिलती है, जो इस समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है खासकर जब कोरोनाव वायरस के ​​मामलों की संख्या बढ़ रही है । हर्बल चाय बनाने का तरीका सामग्री अदरक: 1 इंच दालचीनी: 1 छोटी स्टिक तुलसी के पत्ते: 10—l2 अजवायन: 1 चम्मच कालीमिर्च: 3 दाने इलायची: 2 दाने सौंफ: एक चौथाई चम्मच जीरा: एक चौथाई चम्मच बनाने का तरीका सभी सामग्री को एक गहरे पैन में डालें और इसमें एक गिलास पानी डालें । इन्हें 10 मिनट के लिए उबलने दें और फिर एक कप में चाय को छान लें । स्वाद को बेहतर बनाने के लिए आप अपनी चाय में शहद या गुड़ मिला सकते हैं । हर्बल चाय को पीने का सही समय आप अपनी रोजाना की चाय या कॉफी को छोड़ सकते हैं बदले में आप इस हर्बल चाय को पीएं । प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और अपने फेफड़ों को साफ रखने के लिए सुबह के समय इस हर्बल चाय का सेवन करें । आपको इसे दिन में कई बार पीने की जरूरत नहीं है । सुबह का एक निश्चित समय आपको पर्याप्त लाभ दे सकता है । कुछ जरूरी बातें पॉल्यूशन से आपके फेफड़ों की रक्षा करने के लिए हर्बल चाय फायदेमंद हो सकती है, मगर यह आपको प्रदूषण से नहीं बचाएगी । इसके लिए आपको मास्क लगाने की आवश्यकता है । जिस समय प्रदूषण ज्यादा हो उस समय घर से तभी निकलें जब ज्यादा जरूरी हो । हर्बल चाय पीने के फायदे यह चाय प्राकृतिक जड़ी बूटियों और मसालों से तैयार होती है जो आमतौर पर हर घर में उपलब्ध होती हैं और अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती हैं । हर्बल चाय बनाने का तरीका सामग्री अदरक: 1 इंच दालचीनी: 1 छोटी स्टिक तुलसी के पत्ते: 10—l2 अजवायन: 1 चम्मच कालीमिर्च: 3 दाने इलायची: 2 दाने सौंफ: एक चौथाई चम्मच जीरा: एक चौथाई चम्मच बनाने का तरीका सभी सामग्री को एक गहरे पैन में डालें और इसमें एक गिलास पानी डालें । हर्बल चाय को पीने का सही समय आप अपनी रोजाना की चाय या कॉफी को छोड़ सकते हैं बदले में आप इस हर्बल चाय को पीएं । कुछ जरूरी बातें पॉल्यूशन से आपके फेफड़ों की रक्षा करने के लिए हर्बल चाय फायदेमंद हो सकती है, मगर यह आपको प्रदूषण से नहीं बचाएगी । इस स्थिति में व्‍यक्ति रंगों की उचित पहचान नहीं कर पाता । कई बार तो हालत इतनी गंभीर हो जाती है कि व्‍यक्ति कुछ खास रंगों की पहचान ही खो देता है । आइए जानते हैं क्‍या हैं कलर ब्‍लाइंडनैस के कारण और कैसे रखा जाए आंखों का ख्‍याल । आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं । आंखों की वे समस्‍याएं जो साठ-पैंसठ की उम्र के बाद नजर आती थीं, अब कम उम्र में ही नजर आने लगी हैं । इन्‍हीं में से एक है कलर ब्‍लाइंडनैस यानी वर्णांधता । यह भी पढ़ें – केमिकल डेमैज सामान्‍यतया लोगों में तीन तरह की कोन होती हैं जिन्हें ट्राइक्रोमैटिक कहते हैं । इसके उलट वर्णान्ध लोगों में दो ही तरह की कोन होती हैं जो उन्हें डाइक्रोमैटिक बनाती है । आंखों के कोन का केमिकल के कारण डैमेज होने की स्थिति में वर्णांधता अर्थात कलर ब्‍लाइंडनेस बढ़ सकती है । यह भी पढ़ें –  ऑप्टिक नर्व डैमेज ऑप्टिक नर्व किसी भी चीज को देखने के लिए आंखों की मदद करती है । ऑप्टिक नर्व के डैमेज हो जाने के कारण भी विज़न में कठिनाई पैदा हो जाती है व आप सरलता से रंगों की पहचान नहीं कर पाते हैं । यह भी पढ़ें –  दिमाग में डैमेज होना हमारा शरीर दिमाग के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर कार्य करता है । दिमाग के वे हिस्से जो ऑप्टिकल नर्व को इशारा देते हैं के डैमेज हो जाने से आप वर्णांधता का शिकार हो सकते हैं । यह भी पढ़ेें –  बढ़ती उम्र आंखों की रोशनी की कठिनाई का सबसे मुख्य कारण आपकी बढ़ती आयु भी हो सकती है । आयु बढ़ने के साथ-साथ विज़न निर्बल होने व वर्णांधता की समस्या पैदा हो जाती है । इस तरह रखें आंखों का ख्‍याल आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं । इनके सहारे हम सारी दुनिया देख सकते हैं, लेकिन अगर यही आंखें खराब हो जाएं, तो हम दो कदम चलने के भी काबिल नहीं रह जाते । अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी आंखें दुनिया के सब रंग देख सकें तो उनके लिए कुछ अहतियात बरतने की जरूरत है । कंप्‍यूटर पर काम करते हुए रखें ध्‍यान आजकल गैजेट्स के बिना जिंदगी की कल्‍पना नहीं की जा सकती । दिन भर का ज्‍यादातर काम मोबाइल और कंप्‍यूटर स्‍क्रीन पर ही होता है । पर इससे बचने की कोशिश करें । अगर आप किसी ऐसे प्रोफेशन में हैं जहां आपको दिन भर कंप्‍यूटर स्‍क्रीन के सामने रहना है तो आपको आंखों का और ज्‍यादा ख्‍याल रखने की जरूरत है । आंखों को दें आराम काम करना जरूरी है पर बीच में कुछ सैंकेंड या कुछ मिनटों का ब्रेक लेने में कोई बुराई नहीं है । आंखों को आराम देने के लिए जरूरी है कि लगातार एकटक स्‍क्रीन पर कई घंटों तक न देखते रहें । बीच-बीच में आंखों को स्‍क्रीन से हटाकर अपनी ह‍थेलियों के द्वारा इन्‍हें आराम देने की कोशिश करें । इसे पामिंग कहा जाता है । दोनों हथेलियों को 10-15 मिनट धीरे-धीरे रगड़ें और आंखों पर रखें । गर्म हथेलियों को सीधे ही आईबॉल पर ना रखकर उसके चारों तरफ रब करें । पलक झपकाते रहें तीन से चार सैकंड में ब्लिंक करने से आंखों के तनाव को दूर किया जा सकता है । यह करना तब और जरूरी हो जाता है, जब आप देर तक टीवी देखते हैं या घंटों कंप्यूटर पर काम करते हैं । इसलिए कुछ-कुछ देर में पलक झपकते रहें । तीखी धूप से बचाएं जब भी बाहर धूप में निकलना हो तो अपनी आंखों को तीखी धूप से बचाएं । धूप में निकलने से पहले अच्‍छी कंपनी के ग्‍लासेज पहनें । वहीं कंप्‍यूटर स्‍क्रीन पर काम करते समय भी प्रोटेक्टिव ग्‍लास पहनें । केमिकल से बचाएं अगर आप आंखों में खूब गाढ़ा काजल लगाती हैं तो यह आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकता है । कई बार कुछ प्रोडक्‍ट में इतने घातक केमिकल होते हैं कि वे आंख भी डैमेज कर सकते हैं । तनाव न लें कलर ब्‍लाइंडनेस का एक बड़ा कारण तनाव है । तनाव का हमारे शरीर के प्रत्‍येक अंग पर असर पड़ता है । अगर आप स्‍वयं तनाव में होंगे तो इसका असर आंखों की मांसपेशियों पर भी पड़ेगा । इसलिए जरूरी है कि जितना हो सके खुद पर तनाव को हावी न होने दें । 17 World Oral दांत जितने ज्यादा साफ और चमकदार होते हैं, उतनी ही ज्यादा वो हमारी पर्सनालिटी को अट्रैक्टिव बनाती है । इसलिए दांतों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है । इस दिन को मनाने का मकसद, दांतों इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए दांतों को स्वस्थ कैसे रखें, इसके कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं । चलिए जानते हैं दांतों को स्वस्थ रखने के कुछ टिप्स- 27 केमिकलयुक्त टूथपेस्ट से रहें दूर - बाजार में कई तरह के टूथपेस्ट आ गए हैं । ये पेस्ट केमिकलयुक्त होते हैं । इसलिए टूथपेस्ट का चुनाव करते समय ऐसे पेस्ट को चुने, जिसमें केमिकल इस्तेमाल ना किया गया है । ज्यादा केमिकल आपके दांतों को हानि पहुंचा सकते हैं । दिल के लिए उपवास इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है जो हार्ट संबंधी परेशानियों का प्रमुख कारण है । हृदय हमारे जीवन का आधार है और हमें इसका पूरा ख्याल रखना चाहिए । हृदय स्वस्थ रहे, इस पर आज विज्ञान भी बल दे रहा है । मानव शरीर की सभी प्रमुख रक्त वाहिनियां मनुष्य के हृदय से पूरे शरीर में रक्त का संचार करती हैं । शरीर में प्राणों के संचार की प्रक्रिया भी हृदय से शुरू होकर हृदय पर ही आकर खत्म होती है । यही कारण है कि हृदय को प्राणवाहक स्रोत के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है । World Heart Day हर वर्ष इसलिए मनाया जाता है क्योंकि लोग इसके बारे में जरूरी जानकारी रख कर अपातकाल की स्थिति से बच सकें. आज “विश्व हृदय दिवस 2018 पर जीवा आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉ. प्रताप चौहान कहते हैं कि आयुर्वेद में हृदय को शरीर के तीन महत्वपूर्ण अंगों में से एक माना गया है । हृदय कई प्रकार के जीव द्रव्यों का निर्माता भी है और विभिन्न द्रव्यों जैसे धातु, तंतु, ऊर्जा, अपशिष्ट और प्राणवायु के शरीर में संचरण और संचलन के लिए जिम्मेदार हैं । आयुर्वेद के अनुसार रखें दिल का ख्याल – आयुर्वेद के अनुसार, अधपचा भोजन शरीर में जहरीले अम्ल का निर्माण करता है, जो कि हृदय संबंधित बीमारियों का कारण बनता है । – भूख से ज्यादा और तेजी में खाने से बचें । नाश्ते और डिनर में हल्के भोजन को शामिल करें । दोपहर के भोजन में संतुलित और पूर्ण आहार लें । दुग्ध उत्पादों, तले, ठंडे और अम्लीय खाद्य पदार्थों को कम मात्रा में लें । मैदे से बने उत्पादों और खाद्य पदार्थों में रासायनिक और योजक से बचा जाना चाहिए । पशुओं का मांस विशेष रूप से लाल मांस भोजन के लिए उचित नहीं है क्योंकि इसे पचाने में पेट को अधिक समय लगता है, जिससे पेट में बहुत सारे विषाक्त पदार्थ पैदा होते हैं । शक्कर के स्थान पर शहद और गुड़ लेने से दिल हेल्दी रहता है । – मौसमी फल और ताजी सब्जियां, आधी या पूरी तरह से पकाई गई सब्जियां, चपाती, सलाद, स्प्राउट्स, सब्जी का सूप, छाछ, पनीर, उचित मात्रा में ताजे दूध, घी और मक्खन को आदर्श भोजन की सूची बनाते हैं । भोजन में कुछ मीठा खाना चाहते हैं, तो शक्कर के स्थान पर शहद और गुड़ ले सकते हैं । – हृदय के लिए आंवला बहुत ही लाभकारी औषधि है । यह फल, सूखे और पिसे किसी भी रूप में लिया जा सकता है । – हृदय रोगों का एक सामान्य कारण मानसिक तनाव होता है, जिसे योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कम किया जा सकता है । ध्यान वैज्ञानिक रूप से हृदय रोगों की रोकथाम में सक्षम पाया गया है । – हफ्ते में एक बार तेल से या बिना तेल के सिर की मालिश फायदेमंद होती है । सप्ताह में एक बार शरीर की मालिश भी अच्छा विकल्प है । – चाय, कॉफी, शराब और धूम्रपान, हृदय और पाचनशक्ति को कमजोर कर देते हैं । इसे छोड़ देना चाहिए । – एक तांबे के बर्तन में रात भर रखा हुआ बासी पानी हृदय को मजबूती प्रदान करता है । – अर्जुन के पेड़ की छाल को पाउडर के रूप में या चाय के रूप में उबाल कर पिया जा सकता है । अर्जुन एक पेड़ है, वैज्ञानिक रूप से हृदय रोगों को रोकने और ठीक करने वाली जड़ी बूटी के रूप में सिद्ध किया गया है । – रुद्राक्ष का हृदय पर लाभकारी प्रभाव होता है । इसे माला के रूप में गले में पहना जा सकता है । रुद्राक्ष को पानी में भिगोकर सुबह-सुबह पानी लेना चाहिए । – मोटापा, हृदय रोगों का सामान्य कारण है । आपको इसे शारीरिक व्यायाम और आहार नियंत्रण से कम करना होगा । वर्ल्ड हार्ट डे 2018 दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है आयुर्वेद, जानें कुछ आयुर्वेदिक उपचार आज विश्व हृदय दिवस 2018'' पर जीवा आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉ. प्रताप चौहान कहते हैं कि आयुर्वेद में हृदय को शरीर के तीन महत्वपूर्ण अंगों में से एक माना गया है । आयुर्वेद के अनुसार रखें दिल का ख्याल - आयुर्वेद के अनुसार, अधपचा भोजन शरीर में जहरीले अम्ल का निर्माण करता है, जो कि हृदय संबंधित बीमारियों का कारण बनता है । - भूख से ज्यादा और तेजी में खाने से बचें । - हृदय के लिए आंवला बहुत ही लाभकारी औषधि है । - हृदय रोगों का एक सामान्य कारण मानसिक तनाव होता है, जिसे योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कम किया जा सकता है । - हफ्ते में एक बार तेल से या बिना तेल के सिर की मालिश फायदेमंद होती है । - चाय, कॉफी, शराब और धूम्रपान, हृदय और पाचनशक्ति को कमजोर कर देते हैं । - एक तांबे के बर्तन में रात भर रखा हुआ बासी पानी हृदय को मजबूती प्रदान करता है । - अर्जुन के पेड़ की छाल को पाउडर के रूप में या चाय के रूप में उबाल कर पिया जा सकता है । - रुद्राक्ष का हृदय पर लाभकारी प्रभाव होता है । - मोटापा, हृदय रोगों का सामान्य कारण है । इन्फर्टिलिटी की समस्या खत्म करने के लिए टिप्स । कोई तनाव का शिकार हो रहा है, तो किसी को डिप्रेशन की समस्या हो रही है । लॉकडाउन हटने के बाद भी अधिकतर लोग घर में अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रहने को मजबूर हैं । जिस तरह तनाव, डिप्रेशन, एंग्जायटी, अकेलापन आदि मानसिक समस्याएं सेहत को किसी ना किसी रूप में नुकसान पहुंचाती हैं, ठीक उसी तरह मानसिक समस्या आपकी प्रजनन क्षमता को भी काफी हद तक नुकसान पहुंचाती है । हालांकि, प्रजनन क्षमता पर मानसिक स्वास्थ्य के प्रत्यक्ष प्रभाव को साबित करने के लिए पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन इस विषय पर चिंता और चर्चा व्यापक रूप से देखी गई है । मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के परिणामस्वरूप ऐसे व्यक्तियों में मां-बाप ना बन पाने की समस्या हो सकती है । जीवनशैली के कारण भी बढ़ रही हैं मानसिक समस्याएं इंदिरा आईवीएफ के सीईओ, फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. क्षितिज मुर्डिया कहते हैं कि आज लोग जिस तरह से खराब जीवनशैली अपना रहे हैं, उसके कारण मानसिक तनाव उत्पन्न होता है । अनहेल्दी खानपान, अधिक शराब के सेवन, ड्रग्स और धूम्रपान के साथ अन्य आदतें मोटापे का कारण बन सकती हैं । खराब जीवनशैली सामान्य हार्मोनल कार्य में बाधा के साथ-साथ इंसुलिन संवेदनशीलता को भी प्रभावित कर सकती हैं । ये कारक महिलाओं में देरी से ओव्यूलेशन, अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं और पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं । कोरोना ने संतान की चाह रखने वाले दम्पतियों की समस्या को कैसे बढ़ाया है? डॉ. क्षितिज मुर्डिया कहते हैं, वैश्विक स्तर पर लोगों के लिए कोविड-19 और इसके प्रभाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं । जब लोगों की सुरक्षा के लिए शुरू में लॉकडाउन लगाया गया था, तो संतान की इच्छा रखने वाले कई जोड़े जो प्रजनन उपचार से गुजर रहे थे या इस तरह के उपचार शुरू करने की योजना बना रहे थे, उन्हें सरकारी नियमों के कारण बीच में रुकना पड़ा । हाल ही में कनाडा के रेजिना विश्वविद्यालय के जेनिफर गॉर्डन और एशले बाल्सोम द्वारा किया गया एक अध्ययन जो पीएलओएस वन में प्रकाशित हुआ है, में पता चला है कि निःसंतान दम्पतियों में से 86 प्रतिशत ने बताया कि निःसंतानता उपचार में देरी ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाला और 52 प्रतिशत ने क्लिनिकली डिप्रेशन के महत्वपूर्ण लक्षणों को महसूस करने के बारे में बताया । क्या अधिक तनाव और चिंता निःसंतानता का कारण बन सकते हैं? तनाव और चिंता के प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पर शोध किया गया है । कुछ शोध स्पष्ट रूप से बताते हैं कि उनका सह-संबंध नहीं है, जबकि कुछ ने पाया है कि तनाव और चिंता प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं । अत्यधिक तनाव और चिंता से कॉर्टिसोल नामक “तनाव हार्मोन का उत्पादन और स्राव बढ़ सकता है । कोर्टिसोल टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है और इस तरह यह पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित करता है । महिलाओं में यह कम कामेच्छा, नींद पूरी नहीं होना, ओवरी के कार्य में दखल और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है । ये स्वास्थ्य जटिलताएं आगे जाकर एक व्यक्ति की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं । 2018 में बोस्टन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एक अध्ययन में पाया कि तनाव के उच्च स्तर का अनुभव करने वाली महिलाओं में गर्भधारण करने की दर कम थी । ऐसे अन्य शोध बताते हैं कि अल्फा-एमाइलेज नामक एक पदार्थ के लम्बे समय तक उच्च स्तर पर होने से निःसंतानता का खतरा बढ़ जाता है । इन्फर्टिलिटी की समस्या खत्म करने के लिए टिप्स बांझपन के लिए उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं । कुछ जीवनशैली से संबंधित बातें हैं, जिनका पालन करके इस चुनौती से बचा जा सकता है या इसे कम किया जा सकता है । 1 शरीर में हार्मोन के स्तर को बनाए रखने के लिए पोषण से भरपूर और संतुलित आहार का सेवन करें । फोलेट और जिंक जैसी उच्च एंटीऑक्सिडेंट सामग्री को आहार में शामिल करने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है । जंक फूड से दूर रहें, क्योंकि यह इंसुलिन संवेदनशीलता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं । 2 अल्कोहल, तंबाकू, धूम्रपान और अत्यधिक कैफीन जैसे पदार्थों से बचना जरूरी है, क्योंकि ये किसी के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं । 3 नियमित व्यायाम और फिटनेस दिनचर्या मोटापे से लड़ने में मदद करती है और प्रजनन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव डालती है । सही मात्रा में कसरत आपके हार्मोन और इंसुलिन संवेदनशीलता को विनियमित करने में मदद कर सकती है । कुछ मामलों में यह प्रजनन क्षमता को बढ़ा भी सकती है । आपके शरीर को सक्रिय रखने और हार्मोन के स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा । थायरॉइड डिसॉर्डर से राहत पाने के लिए ना खाएं ये 6 चीज़ें थायरॉइड की समस्या से पीड़ित लोगों को नारियल और मूंगफली कम मात्रा में खानी चाहिए । हार्मोनल असंतुलन की समस्या को दूर करते हैं ये 5 फूड, रोजाना सेवन से नहीं होंगे हार्मोन इम्बैलेंस के शिकार हार्मोनल असंतुलन एक ऐसी सामान्य मेडिकल कंडीशन है, जिससे पुरुष और महिलाएं दोनों ही सामना करने के लिए मजबूर होते हैं । हालांकि बहुत से लोग अपने जीवन में कई बार हार्मोन से संबंधित समस्याओं का अनुभव करते हैं । इसलिए सभी को इनके लक्षणों और संकेतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए, जो उनके शरीर में हार्मोनल समस्याओं की ओर इशारा करते हैं । हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन यह निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि हम कैसा महसूस करते हैं, हम जीवन में आने वाली विभिन्न परिस्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और हमारा शरीर विभिन्न परिवर्तनों पर कैसा महसूस करता है । इन सभी समस्याओं में डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी होती है । हालांकि कभी-कभी, हमारे हार्मोन हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ से भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं । अगर आप अपने हार्मोन को संतुलित करने के लिए आसान भोजन विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको ऐसे 5 फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो हार्मोन संतुलन में आपकी मदद कर सकते हैं । तो आइए जानते हैं इन 5 फूड्स के बारे में । 5 फूड, जो हार्मोनल संतुलन में करेंगे आपकी मदद ब्रोकली ब्रोकली ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, साथ ही ये एस्ट्रोजन संतुलन को बनाए रखने में भी मदद कर सकती है । ब्रोकली में कैल्शियम की अधिक मात्रा होने के कारण यह महिलाओं में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से भी राहत दिलाने का काम करती है । ये सिंड्रोम मूड स्विंग, टेंडर ब्रेस्ट, फूड क्रेविंग, थकान, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसे लक्षणों को बढ़ा सकता है । ब्रोकली के अलावा, गोभी परिवार की सब्जियां जैसे कि ब्रसेल्स स्प्राउट, बॉक चॉय और गोभी भी हार्मोनल संतुलन में आपकी मदद कर सकती हैं । फैटी फिश सैल्मन, मैकेरल जैसी फैट फिश न केवल आपके दिल को हेल्दी दिल बनाए रखने में मदद कर सकती हैं, बल्कि हेल्दी हार्मोन संतुलन भी सुनिश्चित करती हैं । फैटी फिश ओमेगा -3 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो महिलाओं में मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने के लिए जाना जाती हैं । इतना ही नहीं यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से भी निपटने में मदद करता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन बिगड़ सकता है । एवोकेडो अगर आप हाल ही में बहुत अधिक तनाव का सामना कर रहे हैं, तो एवोकेडो के सेवन से आप अपने तनाव हार्मोन को संतुलित करने में मदद पा सकते हैं । इसके अलावा, एवोकाडो हाई कोलेस्ट्रॉल की संभावनाओं को भी कम कर सकते हैं और तो और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम कर सकता है । अनार एंटीऑक्सिडेंट गुणों से समृद्ध अनार शरीर में एस्ट्रोजन के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद करता है । इसके अलावा, अगर आप नियमित रूप से अनार का सेवन करते हैं तो यह एस्ट्रोजेन से जुड़े स्तन कैंसर के रूपों को भी रोकता है । अलसी का बीज फ्लैक्स सीड्स यानी की अलसी के बीज लिग्नन्स का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो पौधों में पाया जाने वाला फाइटोएस्ट्रोजन का एक प्रकार है । यह न केवल हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है, बल्कि इसमें मौजूद एस्ट्रोजेनिक और एंटी-एस्ट्रोजेनिक घटक महिलाओं को हार्मोन से संबंधित स्तन कैंसर से बचाने में भी मदद कर सकते हैं । आयुर्वेद के अनुसार, आप जो भी खाते हैं, उस पर ध्यान देने के साथ ही इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी होता है कि आप भोजन कैसे करते हैं । पाचनशक्ति बेहतर होने से आपके द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों से शरीर बेहतर तरीके से पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाता है । पेट से संबंधित समस्याओं जैसे कब्ज, पेट दर्द, गैस, बदहजमी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो रात में सोने से पहले लौंग खाकर पानी पी लें । तुलसी के पत्तों  में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं । साथ ही तुलसी एक दर्द निवारक की तरह भी असरदार है । एक्सपर्ट्स के अनुसार खाली पेट तुलसी का पानी पीने से सेहत को कई प्रकार के फायदे होते हैं । आइए जानते हैं क्यों पीना चाहिए खाली पेट तुलसी का पानी और क्या हैं इसके फायदे- नमक कई प्रकार से ओरल हेल्थ को बेहतर बनाता है । हालांकि, दांतों में नमक लगाने से दांतों को फायदे के साथ-साथ नुकसान का भी डर होता है । इसीलिए आवश्यक है कि हम दांतों से नमक की सफाई का सही तरीका समझें । वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जताते हुए लाइफस्टाइल और वेलनेस कोच ल्यूक कॉउटिन्हो ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक घरेलू उपाय शेयर किया है, जो आपके फेफड़ों को साफ करने में मदद कर सकता है । आइये जानते हैं इस चाय के फायदे और इसे बनाने का तरीका । क्या आप जानते हैं कि कुछ घरेलू उपायों के द्वारा आप अपनी किडनी को स्वयं डिटॉक्सिफाई कर सकते हैं? ताकि वह सुचारू रूप से अपना कार्य कर सके । जानिए कैसे । जिन लोगों को बवासीर जैसे रोग की समस्या हो जाती है उसे अत्यधिक कब्ज की शिकायत रहती है । मलद्वार में पीड़ा या फिर कांटे जैसी चुभन महसूस हो सकती है । बवासीर में मस्से या घाव और कई बार खून निकलने की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है, जिसके कारण रोगी अत्यंत कमजोर हो जाता है । हमने दिल्ली की आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर चंचल शर्मा से काढ़ा सेवन करने के तरीकों के बारे में बातचीत की, ​उन्होंने विस्तार से जानकारी दी । सेक्स पावर कम होने से आपके अंदर जोश की कमी महसूस होगी । आप तुरंत ही थका हुआ महसूस करने लगेंगे । परेशान होने की जरूरत नहीं, आप इन 3 आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करें, सेक्सुअल समस्याओं से मिल जाएगी छुटकारा । क्या आप जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर को अजवाइन के सेवन से भी कम किया जा सकता है । यदि नहीं तो पढ़ कर देखें । वायु प्रदूषण की समस्या के प्रति चिंता जताते हुए जाने-माने लाइफस्टाइल कोच ल्यूक कोटिन्हो ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक घरेलू उपाय साझा किया है जो आपके फेफड़ों और श्वासन मार्ग को साफ करने में मदद कर सकते हैं । कोरोना मरीजों को 500-500 एमजी फीफाट्रोल की दो डोज रोजाना दी गईं । साथ ही आयुष क्वाथ, च्वयनप्राश, शेषमणि वटी और लक्ष्मीविलासा रस का सेवन कराया गया । भर्ती होने के ठीक छह दिन बाद कुछ मरीजों की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट मिलने के बाद उन्हें डिस्चॉर्ज कर दिया गया । कई लोग अपनी सेक्स पॉवर की इस समस्या की वजह से पूरी तरह गम्भीर डिप्रेशन और खुद को कमज़ोर समझने जैसे अहसास होने लगते हैं । लेकिन, आपकी इस गम्भीर समस्या का एक आसार-सा इलाज आपके किचन में ही मौजूद है, जो है चुटकीभर हींग । स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल न करना, खराब खानपान, अधिक तनाव लेना और असुरक्षित गर्भपात समेत प्रजनन अंगों के अनुपचारित संक्रमण इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । आज हम आपको इनफर्टिलिटी को सही करने के लिए कुछ ऐसे नेचुरल तरीके बता रहे हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं । आयुर्वेदिक औषधि शिलाजीत का सेवन ना केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी किया जाता है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने वाली इस औषधि के सेवन कई और भी लाभ हैं, जिनके बारे में आप पढ़ेंगे इस लेख में । अदरक मौसमी बीमारियों को भी कम करता है । खासकर, ठंड के मौसम में जब सर्दी-ज़ुकाम और एलर्जिक रिएक्शन्स बढ़ जाते हैं । तब, अदरक का सेवन फायदेमंद साबित होता है । आइए जानते हैं सर्दियों में अदरक किन समस्याओं को करता है कम और क्या हैं अदरक के स्वास्थ्य लाभ । मौसम में जरा सा बदलाव आपकी तबीयत को नासाज बना देता है या फिर आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है । दरअसल होता यूं है कि आपके आसपास के वातावरण में बदलाव होने पर आपको सर्दी, जुकाम और गले में कफ की समस्या हो जाती है । सर्दी-जुकाम हो या न हो लेकिन गले में कफ की समस्या हर किसी व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, जिसके लिए कहीं न कहीं एलर्जी बहुत हद तक जिम्मेदार होती है । जब बोलते वक्त या हंसते वक्त पीले दांत दिखते हैं तो वो आपके हाइजीन स्टेटस के बारे में सब कुछ बता देते हैं । जब किसी से बात करते वक्त या मीटिंग में इंसान को इस चीज का एहसास होता है तो उसका कॉन्फीडेंस तुरंत गिर जाता है । और तो और कुछ लोग तो ऐसे होते हैं तो पीले दांतों के लिए सबसे सामने ही टोक देते हैं । उस मौके पर इंसान इतनी बेइज्जती महसूस करता है कि उसे समझ नहीं आता वह क्या करे! लेकिन अगर आप पहले से अपने दांतों के बारे में सोचें तो शायद आपको ऐसी घड़ी का सामना न करना पड़े । अभी तक दांतों से पीलापन हटाने के लिए आपने बेकिंग सोडा, नमक, नींबू, बनाना पील और कोलगेट का इस्तेमाल सुना होगा । लेकिन आज हम आपको दांतो से पीलापन हटाने और ​कैविटी को दूर करने के लिए ऐसे आयुर्वेदिक तरीके बता रहे हैं जो असर करने के साथ ही किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं देते हैं । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कोविड-19 बीमारी की रोकथाम और उपचार में आयुर्वेद आधारित उपचारों का बचाव करते हुए, इम्यूनिटी बढ़ाने में इसके प्रभाव की सराहना की । गुडुची, अश्वगंधा, पिप्पली कॉम्बिनेशन और आयुष 64 को लेकर पर्याप्त संख्या में अध्ययन किए गए हैं, जो इम्युनो-मॉड्यूलेटरी, एंटी-वायरल, एंटीपीयरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को साबित करते हैं । इम्यून सिस्टम बनाना हो मज़बूत, तो रोज़ाना करें इन 4 चीज़ों का सेवन इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए जिन फलों, सब्ज़ियों और हर्ब्स की सलाह इन दिनों हेल्थ एक्सपर्ट्स दे रहे हैं । उनमें से कई फूड्स का इस्तेमाल भारतीय घरों में घरेलू नुस्खों के तौर पर और आयुर्वेद जैसी पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों में किया जाता रहा है । रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए खाएं ये 4 फूड्स आंवला: विटामिन सी की दैनिक ज़रूरत पूरा करने के लिए आंवले का सेवन सर्वोत्तम माना जाता है । क्योंकि, इसमें विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है । जैसा कि विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाता है । इसीलिए, आंवले का सेवन बीमारियों और इंफेक्शन से बचाने का काम करता है । आंवलों के सेवन से ना केवल इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है । बल्कि, इससे हड्डियों, स्किन, बालों की हेल्थ भी बेहतर होती है । आप आंवले को कच्चा, अचार, चटनी या सूखी आंवला सुपारी के तौर पर खा सकते हैं । लहसुन: किचन में इस्तेमाल होने वाले सबसे आम मसालों में से है लहसुन । इसे, स्वाद के लिए तड़के में मिलाया जाता है । लहसुन में एलिसिन जैसे सल्फर-युक्त कई कम्पाउंड्स होते हैं । यह कम्पाउंड्स इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है । इसीलिए, लहसुन को अपने भोजन में शामिल करें । हां, इसे सीमित मात्रा में ही खाएं, क्योंकि अधिक मात्रा में खाने से नुकसान हो सकता है । अदरक: मौसमी बुखार, सर्दी-खांसी जैसी वायरल समस्याओं से राहत पाने के लिए अदरक का सेवन हममें, से ज़्यादातर लोगों ने किया होगा ही । एक्सपर्ट्स के अनुसार अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रापर्टीज़ रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने का काम करते हैं । इसके अलावा यह गले के दर्द से भी राहत पाने का अच्छा नुस्खा है । जो कि कोविड-19 का एक प्रमुख लक्षण है । हल्दी: आयुर्वद में हल्दी को हमेशा से शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाले फूड के तौर पर उल्लेख किया गया है । हल्दी शरीर के इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है । इसे आप अपनी डिशेज़ में ज़रूर मिलाएं । साथ ही हल्दी वाले दूध का सेवन करें । कोविड-19 इंफेक्शन जैसी परेशानियों से आपको सुरक्षित रखेगा । रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए खाएं ये 4 फूड्स आंवला: विटामिन सी की दैनिक ज़रूरत पूरा करने के लिए आंवले का सेवन सर्वोत्तम माना जाता है । लहसुन: किचन में इस्तेमाल होने वाले सबसे आम मसालों में से है लहसुन । अदरक: मौसमी बुखार, सर्दी-खांसी जैसी वायरल समस्याओं से राहत पाने के लिए अदरक का सेवन हममें, से ज़्यादातर लोगों ने किया होगा ही । हल्दी: आयुर्वद में हल्दी को हमेशा से शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने वाले फूड के तौर पर उल्लेख किया गया है । कोरोना से लोगों के मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा है बुरा असर, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करेंगी ये एक्टिविटीज । Mental महीनों से जारी कोविड-19 के चलते लोगों को अपने घरों में ही कैद होकर रहना पड़ा है । लोगों का वक्त इस कोरोनावायरस से बचाव करने के बारे में ही सोचकर गुजर रहा है, जिसकी वजह से उन्हें तनाव पड़ रहा है । कोविड-19 और मेंटल हेल्थ विशेष रूप से अश्वेत व एशियाई मूल के युवाओं पर वायरस का व्यापक प्रभाव देखा गया है । वह कहती हैं कि अलगाव, आर्थिक तंगी, पुलिस की बर्बरता और इसके प्रभावों और एशियाई विरोधी हिंसा आदि के चलते लोगों में तनाव व चिंता व्याप्त हो गयी है । चिंती, तनाव, अलगाव के कारण खराब हुई है लोगों की मानसिक सेहत अगर बढ़ती चिंता और अलगाव को एक साथ जोड़कर देखा जाए, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति खराब हुई है । इस तरह की स्थिति में लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए भी बाध्य हो रहे हैं । बकौल वीरसिंघे, कई समुदायों में स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच की कमी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की कमी तक बढ़ गई है । कोविड-19 महामारी के प्रभाव के चलते दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर हो रहा है, जिसके कारण करोड़ों लोगों के ऊपर रोजगार छिनने का संकट पैदा हो गया है । इसका सीधा असर पारिवारिक तनाव और मानसिक परेशानी के तौर पर सामने आ रहा है । जानकार कहते हैं कि अगर यह संकट और लंबा खिंचा तो परिणाम बहुत घातक हो सकते हैं । 1 हर हाल में सकारात्मक सोच रखने की कोशिश करें । 2 खुद का ध्यान कोरोना से संबंधित खबरों से हटाएं । इसके लिए अपनी दिनचर्या के बारे में लिखें । आपने जो पूरे दिन किया, उसे लिखें । अपने परिवार से बात करें । खुश रहने की कोशिश करें । 3 एक्सरसाइज को अपनी रूटीन में शामिल करें । एक्सरसाइज करने से दिमाग से एन्डॉर्फिन एक प्रकार का केमिकल रिलीज होता है, जिससे मूड बेहतर होता है । आउटडोर वर्कआउट करने से भी मानसिक परेशानियां कम होती हैं । दिमाग रिलैक्स मोड में आता है । 4 मानसिक सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए सुबह दूध वाली चाय पीने की बजाय आप ग्रीन टी पीना शुरू कर दें । इसमें एंटीऑक्सीडेंट अधिक होता है । एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क की गतिविधियों को बूस्ट करता है । इससे मानसिक सेहत बेहतर होती है । ग्रीन टी पीने से आपका वजन भी कंट्रोल में रहेगा । Plasma Therapy for Covid-19 कोविड-19 संक्रमण के मरीज़ों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल से जुड़ी नयी गाइडलाइन्स जारी की गयी हैं । बुधवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कोविड-19 मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने के लिए एक विशेष एडवायज़री जारी की । मिली जानकारी के अनुसार, इस एडवाज़री में कहा गया है कि विशिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाली प्लाज्मा थेरेपी को ही इज़ाज़त दी जाएगी । एडवाइजरी में लिखा  गया है कि , “क्लिनिकल टेस्ट्स में बेहतर नतीज़े प्राप्त होने,  संक्रमण की गंभीरता को कम करने, कोविड -19 मरीज़ों के आईसीयू या अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का खतरा अधिक होने पर सीपीटी के फायदे प्लाज्मा में मौजूद विशिष्ट एंटीबॉडी की मात्रा और एकाग्रता पर निर्भर होता हैं । यह सार्स कोवि-2 वायरस SARS-CoV-2 को निष्क्रिय कर सकता है । इसीलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि सार्स कोवि-2 के सामने विशिष्ट एंटीबॉडी की कम एकाग्रता वाले आक्षेपिक प्लाज्मा मरीज़ों के उपचार के लिहाज से कम फायदेमंद साबित हो सकते हैं । प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल  के लिए जारी की गयी नयी गाइडलाइन्स इस एडवायजरी में यह भी कहा गया कि,  प्लाज्मा डोनर में कोविड-19 का सामना करने वाली एंटीबॉडीज़ की पर्याप्त एकाग्रता होनी चाहिए । हम इसी सिद्धांत के आधार पर कह रहे हैं कि प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल से पहले एंटीबॉडीज की मात्रा पर ध्यान दिया जाए । इससे, यह बात भी गौर करने वाली है कि, प्लाज्मा प्राप्त कर रहे कोविड-19 मरीज़ यानि रिसिवर में भी कोविड -19 के खिलाफ एंटीबॉडी की मौजूदगी से कैन्फ्यूसेंट प्लाज्मा की स्थिति ना बने । ICMR एक्सपर्ट्स ने कहा है कि कोविड-19 इंफेक्शन के शुरुआती चरण में मरीज को पहले 3-7 दिनों में ही इसके लक्षण दिखायी देने लगते हैं, लेकिन 10 दिनों के बाद अधिक नहीं । इसीलिए, प्लाज्मा डोनेट करने और रिसीव करने के लिए इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए । साथ ही प्लाज्मा प्राप्तकर्ता के परिवार से लिखित सहमति के बाद ही इस प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए । ऐसी महिलाएं जिन्होंने कभी गर्भधारण नहीं किया है वही प्लाज्मा डोनेट कर सकती हैं । 18 से 65 वर्ष के बीच के लोग ही प्लाज्मा दान कर सकते हैं । इस टाइप का प्रोटीन बढ़ा सकता है आपकी उम्र, स्टडी से जानिए कौन सा प्रोटीन खाएं ताकि लंबी हो जाए आपकी उम्र प्रोटीन सबसे महत्वपूर्ण मैक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है, जिसकी हमारे शरीर को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है ताकि वे अपने कार्यों को सुचारू रूप से कर सके और दैनिक जीवन की विभिन्न गतिविधियों को दुरुस्त बनाए रखे । प्रोटीन को जीवन के निर्माण खंड के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह नई कोशिकाओं को बनाने और क्षतिग्रस्त टिश्यू और कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद करता है । लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इस बात को सिद्ध करते हुए एक नई थ्योरी दी है । वैज्ञानिकों के मुताबिक, अपने आहार में अधिक प्रोटीन युक्त भोजन को शामिल करने का एक और कारण सामने आया है । जी हां, हालिया शोध के अनुसार, एक विशेष प्रकार का प्रोटीन खाने से आपको अपनी उम्र बढ़ाने में मदद मिल सकती है । प्रोटीन और लंबा जीवन, क्या है अध्ययन 2020 में मेडिकल जर्नल बीएमजे में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अधिक प्रोटीन खाने, विशेष रूप से प्लांट बेस्ड प्रोटीन आपके जीवन में अधिक वर्षों को जोड़ने में मदद कर सकते हैं । यह पहली बार नहीं है जब शोधकर्ताओं ने प्रोटीन के सेवन के महत्व को रेखांकित किया है । पहले किए गए अध्ययनों से यह भी संकेत मिला है कि अधिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन खाने से हृदय रोग और कैंसर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है, जिससे आपकी उम्र बढ़ जाती है । क्यों खाना चाहिए प्रोटीन? प्रोटीन के सबसे अच्छा स्रोत का पता लगाने के लिए, शोधकर्ताओं ने पिछले अध्ययनों की अच्छी तरह से जांच की । उन्होंने 32 पूर्ण अध्ययनों का मूल्यांकन किया, जिसमें 18 साल की उम्र से अधिक के 715,128 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था । अंत में शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अधिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन खाने से लंबी और स्वस्थ जीवन की गारंटी मिलती है । प्लांट बेस्ड प्रोटीन आपके हृदय रोग और अन्य क्रॉनिक बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है । आपको अपने दैनिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन की मात्रा को केवल 3 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा और इससे आपके मृत्यु-दर के जोखिम में 5 प्रतिशत की कमी आएगी । प्रोटीन के दो उत्कृष्ट स्रोत सामान्य तौर पर, प्रोटीन के दो स्रोत हैं: प्लांट और एनीमल । प्रोटीन के प्लांट बेस्ड सोर्स को अधूरा प्रोटीन कहा जाता है और प्रोटीन के एनीमल- बेस्ड सोर्स को पूर्ण प्रोटीन कहा जाता है । प्रोटीन के एक पूर्ण स्रोत में सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं । चिकन, मछली, अंडे, डेयरी और सी फूड एक पूर्ण प्रोटीन है, जबकि क्विनोआ, बकवीट और सोया उत्पादों को छोड़कर सभी प्लांट बेस्ड खाद्य स्रोत अधूरे प्रोटीन हैं । प्लांट बेस्ड भोजन में संपूर्ण प्रोटीन बनाने के लिए आवश्यक सभी प्रकार के अमीनो एसिड नहीं हो सकते हैं, लेकिन फिर भी यह स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है और आपकी उम्र को बढ़ाने में मदद कर सकता है । इसलिए अगर आप अधिक समय तक जीवित रहना चाहते हैं, तो अधिक प्लांट बेस्ड खाद्य उत्पाद खाएं । स्टडी का दावा, गठिया संबंधी घुटने के दर्द से छुटकारा दिलाए हल्दी, इस तरह करें यूज । हल्दी का सेवन तो हम सभी हर दिन किसी ना किसी रूप में करते हैं । हल्दी को गुणों की खान कहते हैं । संक्रामक रोगों से बचाती है हल्दी । हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हल्दी के इस्तेमाल से जोड़ों के दर्द में राहत मिल सकती है । एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मुख्यरूप से सब्जी, दाल में डाली जाने वाली हल्दी प्लैसेबो या किसी अन्य दर्द-निवारक दवाओं की तुलना में अधिक जल्दी घुटने के पुराने दर्द से राहत देने में मददगार है । ऑस्ट्रेलिया में तस्मानिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने घुटनों के ऑस्टियोअर्थराइटिस से पीड़ित 40 साल से अधिक उम्र के 70 रोगियों का अध्ययन किया । इन्हें दो समूहों में बांटा गया । आधे मरीजों को 12 सप्ताह के लिए प्रत्येक दिन कुल 1000 मिलीग्राम हल्दी के साथ दो कैप्सूल दिए गए, जबकि दूसरे आधे समूह को एक प्लैसेबो दिया गया । हल्दी का सेवन करने वालों में घुटने का दर्द हुआ दूर उन्होंने पाया कि जिस समूह ने हल्दी का सेवन किया था, उनमें अध्ययन के अंत में घुटने का दर्द काफी कम हो चुका था । इसके लिए उनसे सवाल-जवाब भी किए गए, जिसमें अधिकतर मरीजों ने घुटने का दर्द कम होने की बात कही । इतना ही नहीं, पहले से उनका घुटना बेहतर तरीके से कार्य करने लगा और उन्होंने कम दर्द का अनुभव किया । इतना ही नहीं, इनमें से चार प्रतिभागियों ने घुटने का दर्द कम करने वाली दवाओं का सेवन भी करना बंद कर दिया । हल्दी का सेवन करने वाले किसी भी रोगियों में कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आए । कम्पाउंड करक्युमिन ऑस्टियोअर्थराइटिस का इलाज करने में कारगर हालांकि, हल्दी घुटने के ऑस्टियोअर्थराइटिस से संबंधित अन्य समस्याओं जैसे घुटने का कार्य, द्रव निर्माण या घुटने की कार्टिलेज की सेहत को बनाए रखने या इलाज में उतनी प्रभावी नहीं पाई गई । यह स्टडी सिर्फ 12 सप्ताह के लिए की गई थी, जो घुटने से संबंधित ऑस्टियोअर्थराइटिस में हल्दी से की जाने वाली इलाज के लॉन्ग-टर्म एफेक्ट्स को जांचने, परखने के लिए काफी नहीं है । ऐसे में इस पर अभी और अधिक शोध करने की जरूरत है । हालांकि, पहले हुए कई अध्ययनों में यह भी बात सामने आई है कि हल्दी में मौजूद मुख्य कम्पाउंड करक्युमिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज ऑस्टियोअर्थराइटिस का इलाज करने में कारगर होती हैं । करक्युमिन घुटने का दर्द ठीक करने में एक दर्दनिवारक दवा की ही तरह असर करता है । शरीर में दिख रहे हैं ये 7 लक्षण, तो समझ लें आप हो रहे हैं गंभीर रोगों का शिकार । रोजाना के जीवन में छोटी-छोटी स्वास्‍थ्य समस्याएं हमें इशारा करती हैं कि बॉडी बीमार हो रही है । अगर आप चाहते हैं कि आपकी सेहत दुरुस्त रहे, तो छोटी-छोटी परेशानियों को नजरअंदाज न करें । यह गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं । खाना निगलने में परेशानी गले में सूजन और खराश होना आम है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार होती है, तो इसे गंभीरता से लें । बैक्टीरिया और वायरस के कारण गले में इन्फेक्‍शन भी हो सकता है, जिसे टॉन्सिल्स कहा जाता है । अगर टॉन्सिल्स संक्रमण हो जाए तो खाना निगलने में परेशानी, गले में दर्द, गले के भीतर सफेद धब्बे पड़ना जैसे लक्षण सामने आते हैं । आहार नली का कैंसर और एसिडिटी के कारण भी खाना निगलने में दिक्कत होने लगती है । सांस लेने में तकलीफ ज्यादा भागदौड़, वर्कलोड या तनाव के कारण सांस लेने में परेशानी होती है, लेकिन अगर बिना इन कारणों के सांस लेने में परेशानी हो तो यह गंभीर है । यह संकेत दिल संबंधी बीमारी, श्वास नली की सिकुड़न, फेफड़ों में सूजन, निमोनिया के लक्षण भी हो सकते हैं । थोड़ी सी मेहनत पर सांस उखड़ना जैसे लक्षण एनीमिया यानि खून की कमी की ओर भी इशारा करते हैं । सीने में दर्द, ना करें नजरअंदाज सीने में उठने वाले दर्द को हम सर्दी या एसिडिटी से जोड़कर नजरअंदाज करते रहते हैं । अगर यह दर्द लंबे समय से बना हुआ है या बार-बार होता है तो इसे गंभीरता से लें । ज्यादातर मामलों में सीने का दर्द हार्टअटैक की ओर इशारा करता है । शोध के मुताबिक महिलाओं में हार्ट संबंधी समस्या होने पर उन्हें दर्द काफी समय पहले उठना शुरू हो जाता है । सीने में दर्द का कारण फेफड़ों की समस्या, ब्लड प्रेशर, नसों या हडिड्यों की समस्या, मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी होता है । महिलाओं में इस तरह का दर्द ब्रेस्ट कैंसर की ओर भी इशारा करता है । मल त्याग करते समय ब्लीडिंग होना मल त्याग के समय मल के साथ खून आने को ज्यादातर लोग कब्ज की समस्या समझते हैं । मल त्याग करते समय खून आने का एक कारण कब्ज तो है ही साथ ही यह लक्षण पेट के अल्सर, बवासीर, आंत का कैंसर, भंगदर, महिलाओं में ओवेरियन केंसर के भी हो सकते हैं । पेट दर्द लगातार बने रहना पेट दर्द का एक मुख्य कारण अनियमित खानपान व गैसटिक परेशानी तो होता ही है, लेकिन लगातार होने वाला पेट दर्द या तेज दर्द अन्य गंभीर रोग का लक्षण भी हो सकता है । पेट दर्द अगर लंबे समय से है ,तो खुद से डॉक्टर न बनें, चिकित्सक से सम्पर्क करें । दूषित भोजन या पानी से आंतों में संक्रमण, लीवर का कमजोर होना, आतों में जख्म गैस्ट्रिक अल्सर, दर्द निवारक दवाओं का ज्यादा सेवन, शराब का ज्यादा सेवन, आवेरियन कैंसर भी इसकी एक प्रमुख वजह है । सिर दर्द लंबे समय तक रहे तो अर्लट हो जाएं काम का तनाव, घरेलू समस्या, वर्कलोड, सिरदर्द का एक बड़ा कारण हैं, लेकिन अगर सिर में होने वाला दर्द लंबे समय से है और असामान्य है तो यह गंभीर है । सिरदर्द के अन्य कारणों में से एक माइग्रेन, ब्रेन हैमरेज, मेनिन्जाइटिस, साइनस, दिमाग में गांठ होना या इन्फेक्‍शन भी है । पैरों में दर्द होना, कई बीमारियों की तरफ इशारा रोजमर्रा के जीवन में पैरों में दर्द एक आम समस्या है । लेकिन पैरों में होने वाला दर्द भी कई बीमारियों की ओर इशारा करता है । ज्यादा भागदौड़ करने या थकान से तो पैरों में दर्द होता ही है, लेकिन बिना किसी कारण के अगर पैरों में दर्द रहता है तो यह मांसपेशियों में सिकुडन, खिंचाव, पैरों में खून की गांठ बनना, रक्त संचार असमान्य होना,पानी की कमी, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, कोशिकाओं का डैमेज होना, डायबीटीज, मोटापा, हार्मोनल बदलाव, नसों का हड्डियों में इन्फेक्‍शन, टयूमर, दिल, गुर्दे संबंधी बीमारी, थायराइड, खून की कमी के लक्षण हैं । कोविड-19 के इलाज में हेपेटाइटिस-सी की दवाइयां हो सकती हैं कारगर, नयी रिसर्च में किया गया दावा Covid-19  कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए हेपेटाइटिस-सी की दवाइयों के असरदार होने का दावा किया जा रहा है । जिसके बाद शोधकर्ताओं में कोविड-19 के इलाज के लिए नयी उम्मीद जगी है । साइंस जर्नल स्ट्रक्चर में प्रकाशित एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है । अमेरिका के ऊर्जा विभाग के शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च को पूरा किया । जहां, अध्ययन के दौरान एक्सपर्ट्स ने पाया कि हेपेटाइटिस-सी की दवाइओं की मदद से कोविड-19 का इलाज हो सकता है । दरअसल, इन दवाइयों में एक विशेष प्रकार के एंजाइम्स पाए जाते हैं । ये एंजाइम्स ह्यूमन सेल्स में कोरोना वायरस की तादाद बढ़ने से रोकने में सक्षम है । हेपेटाइटिस-सी की दवाओं से हो सकता है कोविड का इलाज इस रिसर्च को ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में आयोजित किया । रिसर्च में वैज्ञानिकों को पता चला कि हेपेटाइटिस-सी की दवाइयों से कोरोना वायरस के मुख्य प्रोटीन्ज़ को निष्क्रिय करने में आसानी होती है । यह एक अहम प्रोटीन  एंजाम्स हैं, जिन्हें प्रोटीज़ कहा जाता है । प्रोटीज़ कोरोना वायरस की प्रजनन क्षमता बढ़ाता है, जिससे शरीर में कोरोना वायरस की संख्या कई गुना बढ़ जाती है । रिसर्च में जुटे एक्सपर्ट्स का कहना कि  कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि, उसमें मौजूद प्रोटीज की क्षमता को कम किया जाए । शोधकर्ताओं ने पाया कि, हेपेटाइटिस-सी की दवा सार्स कोवि-2 वायरस प्रोटीज की संख्या बढ़ने से रोकता है । प्रोटीज को निष्क्रिय करने वाली पहली दवा इस रिसर्च के प्रमुख लेखक डैनियल नेलर के मुताबिक, अभी अमेरिकन फूड एंड ड्रग सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अनुमोदित ऐसी कोई दवा फिलहाल उपलब्ध नहीं है, जो कोरोना वायरस बढ़ाने वाले प्रोटीज को कम करने में सक्षम हो । एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस रिसर्च की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की गयी है कि, हेपेटाइटिस सी की दवाइओं को कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए अच्छे पर्यायों के रूप में देखा जा सकता है या नहीं । ब्लड प्रेशर को नार्मल होने में लगता है कितना समय? जानें प्राकृतिक तरीके से हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के आसान तरीके हाई ब्लड प्रेशर मौजूदा वक्त की एक आम स्वास्थ्य चिंता बन चुका है । भारत में हर पांच में से एक वयस्क को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है । पिछले दो दशकों में खराब जीवनशैली और खान-पान के कारण ये स्थिति वैश्विक बोझ के रूप में बढ़ी है और आगे भी इसके और बढ़ने की उम्मीद है । यह स्वास्थ्य समस्या इतनी व्यापक है कि अब लोग इसे सामान्य स्थिति मानने लगे हैं । लेकिन लगातार हाई ब्लड प्रेशर रहना दिल के दौरे और स्ट्रोक का एक बड़ा कारण हो सकता है । स्वस्थ और लंबा जीवन जीने के लिए अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है । दवा के अलावा, आपको अपने ब्लड प्रेशर को कम रखने के लिए जीवनशैली में कई बदलाव करने पड़ते हैं । इन सभी चीजों से गुजरते समय अधिकांश लोग इस बात को लेकर आश्चर्य करते हैं कि ब्लड प्रेशर को सामान्य सीमा तक लाने में कितना समय लगता है । अगर आप भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान हैं और सोचते हैं कि ब्लड प्रेशर को सामान्य होने में कितना समय लगता है तो इस लेख में हम आपकी इस दुविधा को दूर करने जा रहे हैं । तो आइए जानते हैं इस बारे में । ब्लड प्रेशर का सामान्य स्तर क्या है जब ब्लड प्रेशर 90 60mmHg और 120 80mmHg के बीच होता है तो इसे सामान्य माना जाता है । लेकिन जब बीपी 140 90mmHg या इससे अधिक होता है तो आपका ब्लड प्रेशर हाई होता है और 90 60mmHg या इससे कम होता है तो आपका बीपी लो है । बीपी लेवल को कम करने में लगता है कितना समय अगर आप हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर आपको कुछ दवाएं लिख सकते हैं, जो आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती हैं । यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है । आपको हर दिन दवाइयां लेनी होंगी । स्वस्थ रूप से भोजन करना और व्यायाम करना आपके ब्लड प्रेशर को स्वाभाविक रूप से कम करने के दो सबसे अच्छे तरीके हैं । अगर आप अपनी जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करते हैं, तो आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर आने में 3-4 सप्ताह लग सकते हैं । हाइपरटेंशन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर द्वारा ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिल सकती है । ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें स्वस्थ जीवनशैली में बदलाव करना आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य स्थिति में लाने का सबसे प्रभावी तरीका है । यहां कुछ जीवनशैली में बदलाव किए गए हैं जिन्हें आपको अवश्य करना चाहिए । सेहतमंद खाएं प्रोसेस्ड और तले हुए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट से हटाने का काम करें । स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां और फल लें । व्यायाम हर दिन 30-40 मिनट के लिए लो इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करें । हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए रनिंग, जॉगिंग और योग काफी प्रभावी हो सकता है । सोडियम का सेवन कम करें हृदय रोग के खतरे को कम करने के लिए अपने सोडियम सेवन पर कड़ी निगरानी रखें । अधिक मात्रा में सोडियम का सेवन करने से बहुत परेशानी हो सकती है । वजन कम करें हमारा वजन सीधे हमारे संचार प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है । इसलिए, यदि आप अधिक वजन वाले हैं तो कुछ किलो वजन कम करने की कोशिश करें । क्या हेल्दी डाइट से लिवर डैमेज को रोका जा सकता है? जानें डाइट में क्या शामिल करें और क्या नहीं? लिवर मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है । शरीर की बहुत ही क्रियाओं को करने में लिवर हमारी मदद करता है । इंसान ही नहीं, बल्कि रीढ़ की हड्डियों वाले जानवरों में भी यह मौजूद होता है । इसकी मदद से शरीर का वसा बर्न होता है, जिससे हमारे शरीर का वजन कंट्रोल में रहता है । इतना ही नहीं यह चयापचय की क्रिया में भी हमारी मदद करता है । हमारे खाने-पीने से लेकर सांस लेने की भी क्रिया में लिवर हमारी मदद करता है । शरीर के टॉक्सिन्स को निकालने में भी लिवर हमारी मदद करता है । जरूरत पड़ने पर ब्लड का थक्का जमाने में भी लिवर हमारी मदद कर सकता है । इसके साथ ही शरीर के हार्मोन्स को रेगुलेट करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । लेकिन आपको बता दें कि अगर लिवर काम करना बंद कर देता है, तो इससे व्यक्ति की मौत हो सकती है । लिवर को करता है डिटॉक्स बाहारी फूड्स और जंक फूड के अधिक सेवन से लिवर के आसपास बहुत सारे टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं, इससे लिवर की कार्यप्रणाली पर काफी बुरा असर पड़ता है । ऐसे में अगर आप अश्वगंधा का सेवन करते हैं, तो यह लिवर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में आपकी मदद करता है । इसके साथ ही इससे दोने वाले बुरे प्रभाव से भी बचाता है । डैमेज होने से लिवर का करता है बचाव अगर आप अश्वगंधा खाते हैं तो लिवर डैमेज के आसार कम हो जाते हैं । एंटी बायोटिक्स का सेवन करने से लिवर को काफी नुकसान पहुंचता है । अश्वगंधा का सेवन करने से लिवर डैमेज का खतरा बेहद कम हो जाता है और लिवर की कार्य प्रणाली बेहतर बनी रहती है । लिवर के सूजन को करता ह दूर अश्वगंधा, एंटी-इंफ्लेमेट्री के गुणों से भरपूर होता है, जो लिवर के सूजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है । अगर आप अपने लिवर को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो अश्वगंधा का सेवन नियमित रूप से करें । यह आपके लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है । रात में सोने से पहले दूध के साथ अश्वगंधा का सेवन करें । इससे लिवर की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी । फैटी लिवर की समस्या से दिलाता है छुटकारा अधिक शराब का सेवन करने से लिवर पर काफी बुरा असर पड़ता है, इसके कारण कई लोग फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं । फैटी लिवर की समस्या को कम करने के लिए आप नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं । यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है । बैली फैट, हाई कोलेस्ट्रॉल और पीसीओएस जैसी समस्या को कम करने के लिए अश्वगंधा लाभकारी हो सकता है । मोटापे ने बिगाड़ी किम जोंग की सेहत । हृदय रोग और मोटापा से बचाव  के उपाय । हॉन्गकॉन्ग के एक चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार देर रात किम जोंग की मौत हो गई । वहीं दूसरी मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि उनकी हार्ट की सर्जरी हुई है और वो स्वस्थ होकर अपने रिजॉर्ट में रह रहे हैं । कुछ इंटरनेशल मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो किम कई महीनों से हृदय रोग से परेशान थे । एक दिन जब वे चक्कर खाकर गिर गए, तो उन्हें आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया । फिलहाल, उनकी सर्जरी की जा चुकी है, लेकिन हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है । डॉक्टर्स के अनुसार, उनके हार्ट में स्टेंट डालने की जरूरत पड़ सकती है । मोटापे ने बिगाड़ी किम जोंग की सेहत बताया जा रहा है कि वे आखिरी बार 11 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से नजर आए थे । तब से उनकी खराब सेहत और मौत को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं । डेली एनके के अनुसार, 36 वर्षीय किम की सेहत मोटापा , स्मोकिंग और वर्क प्रेशर के कारण काफी खराब हो गई थी । उन्होंने सिगरेट छोड़ने की काफी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे । मोटापा हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ाने के लिए एक मुख्य कारक है । खराब जीवनशैली और हृदय रोग का खतरा ऑफिस में देर तक काम करना, काम का तनाव, अनियमित भोजन, नींद की कमी और गतिहीन दिनचर्या से हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है । एक शोध में यह भी कहा गया है कि पेट की चर्बी भी हृदय रोग के खतरे दिल के लिए खतरनाक है मोटापा मेलबर्न यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि मोटापा , खराब आहार, हृदय रोग से होने वाली मौतों के मुख्य कारण हैं । शोधकर्ताओं के अनुसार, मोटापा के अलावा दूसरे अन्य कारकों में धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ाते हैं । मोटापा और खराब आहार में कमी करके हृदय रोग और स्ट्रोक की दर कम की जा सकती है । अमेरिका और स्ट्रेलिया जैसे देशों में मोटापे से अधिक लोग ग्रस्त हैं । हार्ट सर्जरी के बाद यूं रहें फिट हार्ट सर्जरी के बाद आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंगे तो जल्दी ठीक हो सकते हैं । हेल्दी डायट लेना, सामान्य एक्सरसाइज रूटीन के साथ डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना तेजी से रिकवरी के लिए आवश्यक है । हार्ट सर्जरी के बाद डायट डॉक्टर की सलाह पर ही लें । अधिक तेल, मसाले, नमक युक्त भोजन ना करें । हृदय रोग और मोटापा से बचाव हार्ट की बीमारी का मुख्य कारण मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल को माना जाता है । मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल की मुख्य वजह खराब खान-पान है । मोटापा, हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर से बचने का सबसे सरल उपाय है अच्छा खान-पान, स्वस्थ जीवनशैली आदतों को अपनाना और वजन कम करना । 1. हेल्दी फैट से नहीं बल्कि बैड फैट के सेवन से मोटापा बढ़ता है । पॉलीअनसैचुरेटेड वसा से युक्त डायट लेने से कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार होता है, जिससे आप मोटापे के खतरे से बचे रहते हैं । 2. प्रोसेस्ड और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें । इनमें फैट, नमक और चीनी काफी होता है । ये सभी मोटापा बढ़ाते हैं । 3. अपनी डायट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें । डाइटरी फाइबर का सेवन करें । 4. एक्सरसाइज करना ना भूलें । प्रत्येक दिन एक घंटे एक्सरसाइज करेंगे, तो वजन कंट्रोल में रहेगा । तनाव भी नहीं होगा । दिल को हेल्दी रखने के टिप्स 1 एक अध्ययन के मुताबिक, अगर दिल की सेहत को दुरुस्त कर लिया जाए, तो 75 साल से कम उम्र के लोगों को होने वाले 80 फीसदी हार्ट अटैक और स्ट्रोक रोके जा सकते हैं । 2 दिल को स्वस्थ रखने के लिए वजन को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है । इसके लिए आधा घंटा नियमित रूप से एक्सरसाइज करें । 3 सीने में तकलीफ, तालमेल, सांस फूलने या चक्कर आने की स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें । कल पर ना टालें । दिल शरीर का सबसे जरूरी अंग है । इसमें थोड़ी सी भी दिक्कत आपके जान को खतरे में डाल सकती है । देसी गुड़ या ब्राउन शुगर दोनों में कौन ज्यादा बेहतर, जानें अंतर और उपयोग के लिए बेहतर विकल्प ब्राउन शुगर और गुड़ दोनों का उपयोग भोजन या पेय पदार्थों में मिठास बढ़ाने के लिए किया जाता है । दोनों में समान स्वाद और समान रंग होता है, लेकिन दोनों के बीच थोड़ा सा अंतर हैं, जो प्रत्येक को अपने में आप विशेष बनाने का काम करते हैं । ब्राउन शुगर निश्चित रूप से बाजार में बिकने वाली व्हाइट शुगर से कई बेहतर होती है, लेकिन क्या ब्राउन शुगर गुड़ से ज्यादा बेहतर है इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं । इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि दोनों में से बेहतर विकल्प आपके लिए कौन सा है, ताकि आप हेल्दी विकल्प को मीठे स्वाद के लिए अपनी डाइट में शामिल कर सकें । अपने भोजन में मिठास शामिल करने के लिए अक्सर व्हाइट शुगर के विकल्प के रूप में उपयोग किए जाने वाले इन दो सामग्रियों के बीच के अंतर को जानें । आइए जानते हैं गुड़ और ब्राउन शुगर के बीच अंतर । गुड़ और ब्राउन शुगर में अंतर गुड़ एक अलग प्रक्रिया और एप्रोच के साथ बनाया जाता है । गुड़ अनरिफाइन्ड शुगर से बनता है, जिसमें अलग से कोई भी चीज नहीं मिलाई जाती है । जबकि, ब्राउन शुगर रिफाइन्ड शुगर है और इसमें सेंट्रीफ्यूजिंग भी शामिल होती है । गुड़ को शाकाहारी माना जाता है जबकि ब्राउन शुगर के बारे में ऐसी राय नहीं है क्योंकि चारकोल उपचार व्हाइट शुगर को रिफाइनमेंट करने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है । गुड़, प्राकृतिक रूप से गन्ने से निकाला जाता है । वहीं ब्राउन शुगर में प्रमुख घटक के रूप में पाए जाने वाले शुगर क्रिस्टल गन्ने से आते हैं । गुड़ दुर्लभ होता है और ब्राउन शुगर की तुलना में अधिक महंगा होता है । ब्राउन शुगर का उपयोग आमतौर पर दुनिया भर में किया जाता है और गुड़ दुनिया के दुर्लभ भागों में पाया जाता है । गुड़ ब्राउन शुगर जितना मीठा नहीं होता है और इसका रंग विभिन्न रंगों में ब्राउन से लेकर डार्क ब्राउन रंग तक हो सकता है । ब्राउन शुगर बाजार में आसानी से मिल जाता है, यह मूल रूप से सफेद चीनी है, जिसे गुड़रस के साथ मिश्रित किया जाता है । गुड़ और ब्राउन शुगर कौन ज्यादा बेहतर गुड़ को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है और इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ और फिटनेस एक्सपर्ट सफेद चीनी के विकल्प के रूप में करते हैं । हालांकि, गुड़ ठोस रूप में आता है और अगर आप इसे भोजन में शामिल करना चाहते हैं तो इसे टुकड़ों में तोड़ना होगा । वहीं, ब्राउन शुगर का उपयोग कम हिस्से के रूप में किया जा सकता है और इससे आपके पेय या भोजन में बहुत अधिक मिठास भी नहीं होगी । गुड़ को व्यंजन में एक मीठा स्वाद जोड़ने के लिए एक प्रामाणिक भोजन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि ब्राउन शुगर सभी रूप से प्रयोग की जाने वाली स्वीटनर के रूप में कार्य करती है । 15% लोगों को है इनफर्टिलिटी की समस्या, अश्वगंधा और शतावरी करती हैं समस्या को दूर दुनियाभर में करीब 15% लोग इनफर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं । विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में यह संख्या अधिक पाई जाती है । कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विकसित देशों की तुलना में कुछ विकासशील क्षेत्रों में इनफर्टिलिटी तीन गुना अधिक है । हालांकि इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं । जैसे कि स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल न करना, खराब खानपान, अधिक तनाव लेना और असुरक्षित गर्भपात समेत प्रजनन अंगों के अनुपचारित संक्रमण इनफर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं । दालचीनी की जड़ का अर्क माना जाता है कि दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करती है, जो महिलाओं में पीसीओएस का कारण बनती है । आंकड़े बताते हैं कि 10 में से 1 महिला पीसीओएस का शिकार होती है, जो इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण बनता है । दालचीनी भारी मासिक धर्म के रक्तस्राव को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है । दालचीनी की जड़ के अर्क को टिंचर के रूप में लिया जा सकता है या छाल को कैप्सूल बनाने के लिए पीसा जा सकता है । हार्मोनल असंतुलन को सही करती है शतावरी शतावरी, जिसे शतावरी रेसमोसस के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग भारत में सदियों से इनफर्टिलिटी के उपचार के लिए किया जाता रहा है । 2018 में बायोमेडिसिन और फार्माकोथेरेपी में प्रकाशित एक पेपर ने सुझाव दिया कि यह जड़ी बूटी हार्मोनल असंतुलन और पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम जैसी स्थितियों में सुधार कर सकती है । इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने में भी मदद करता है । इसका सेवन अर्क के रूप में या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है । प्रजनन क्षमता में सुधार लाता है अश्वगंधा अश्वगंधा आयुर्वेद में सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है और इसका उपयोग कई बीमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता है । वैसे तो इस हर्ब के कई लाभ हैं लेकिन यह महिलाओं और पुरुष दोनों में फर्टिलिटी को एक्टिव करती है । इसके सेवन से पुरुषों और महिलाओं दोनों में स्वस्थ प्रजनन प्रणाली करने की क्षमता बढ़ती है । तनाव महिला हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है । अध्ययनों से पता चला है कि तनाव हार्मोन कोर्टिसोल प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है और प्रजनन क्षमता और स्वस्थ मासिक धर्म चक्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है । अश्वगंधा तनाव से निपटने और प्रजनन क्षमता में सुधार करने में आपके शरीर की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है । यौन समस्या करनी हो दूर या पेट साफ करें हरड़ का सेवन, जानें इसके 4 चमत्कारी फायदे । हरड़ एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो त्रिफला चूर्ण का एक अंग है । इसके सेवन से कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ होते हैं । इसे हरीतकी भी कहते हैं । इसका नियमित रूप से सेवन करने से उम्र लंबी होती है । आयुर्वेद में कई दावाओं में इसका उपयोग किया जाता है । बालों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है । हरड़ का इस्तेमाल बुखार, पेट फूलना, उल्टी, पेट में गैस और बवासीर जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में किया जाता है । हरड़ के फायदे 1 माना जाता है कि हरड़ अधिकांश रोगों का हरण करने की क्षमता वाली होती है, इसलिए इसे हरीतकी कहा जाता है । हरड़ पेट को साफ करने और पाचन तंत्र को सुधार कर इसे मजबूत करने के लिए जानी जाती है । आयुर्वेद के अनुसार, यह जड़ी-बूटी खाए गए पोषक तत्‍वों का अच्‍छे से समावेश कर शरीर को स्‍वस्‍थ बनाती है । इसके अलावा यह जड़ी बूटी शरीर को डिटॉक्‍स कर , वजन कम करने में भी मददगार साबित होती है । 2 यौन समस्याओं से परेशान हैं, तो इसके लिए आप हरड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं । लेकिन अधिक समय तक हरड़ का सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है, ऐसे में आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेकर ही सेवन करें । हरड़ यौन ऊर्जा को बढ़ाता है । इसके लिए आपको रोजाना 1 से 2 ग्राम हरड़ एक महीने तक खाना होगा । 3 हरड का काढ़ा बनाकर पीने से यह त्वचा संबंधी एलर्जी आदि में लाभ देती है । इसके सेवन के लिए हरड़ के फल को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाएं और दिन में दो बार इसाका नियमित रूप से सेवन करें । फंगल एलर्जी होने पर उपचार के लिए हरड़ के फल और हल्दी को पीस कर बनाए लेप को प्रभावित अंग पर दिन में दो बार लगाएं, एलर्जी जल्द ठीक हो जाएगी । इसके इस्तेमाल से बाल काले, चमकीले बनते हैं । उपयोग के लिए हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर लेप बनाएं और इसे अपने बालों पर लगाएं । 4 कब्ज की समस्या से परेशान लोगों के लिए हरड़ का प्रयोग वरदान की तरह होता है । जर्नल केमिको बायोलॉजिकल इंटरेक्शन में प्रकाशित एक अध्‍ययन के मुताबिक, हरड़ में गल्लिक एसिड नाम का तत्‍व मौजूद होता है जो एचडीएल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है और रक्त में प्लाज्मा इंसुलिन बढ़ जाता है । कब्ज दूर करने के लिए हरड़ के पल्प को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर 12 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ लें । भारतीय युवाओं में बढ़ती मृत्युदर का एक बड़ा कारण हार्ट फेलियर, जानें इसके लक्षण, इलाज, बचाव के उपाय । दिल की बिमारियों को भारत में मृत्युदर का एक प्रमुख कारण माना जाता है । डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 5 में से एक पुरुष और 8 में से एक महिला दिल की बीमारियों के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं । हार्ट फेलियर , रक्त वाहिकाओं की धमनी में वसा की परत जमने के कारण होता है । इसके लिए जीवनशैली की आदतें, धूम्रपान, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, उच्च-रक्तचाप और डायबिटीज को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जाता है । 20 से 40 की उम्र वाले लोग भी दिल की बीमारियों से हो रहे हैं ग्रस्त मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियक साइंसेज, चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह कहते हैं कि एक समय में हार्ट अटैक केवल बुढ़ापे से संबंधित हुआ करता था, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि 20, 30 और 40 की उम्र वाले लोग भी दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं । आमतौर पर अनुवंशिकता और पारिवारिक इतिहास सबसे आम और नियंत्रित न हो पाने वाले कारक माने जाते हैं । लेकिन, आज इनके अलावा कई कारणों से भारतीय युवा हृदय रोगों की चपेट में आ रहे हैं । इन कारणों में खराब जीवनशैली, तनाव, सही समय और सही मात्रा में न सोना आदि शामिल हैं । परिणास्वरूप, सूजन की समस्या होती है, जो हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाती है । गतिहीन जीवनशैली के साथ धूम्रपान से युवा पीढ़ी में हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है । हर 10 सेकेंड में होती है एक मौत हर दिन लगभग 9 हजार लोग दिल की बीमारियों से मरते हैं, जिसका मतलब है हर 10 सेकेंड में एक मौत । उनमें से 900 लोग 40 साल से कम उम्र के युवा होते हैं । भारत में हृदय रोगों की महामरी को रोकने का एकमात्र तरीका जनता को शिक्षित करना है अन्यथा 2020 तक हालात बद से बद्तर हो जाएंगे । हार्ट फेलियर के लक्षण? डॉ. बलबीर सिंह कहते हैं कि कोरोनरी हार्ट डिजीज के सभी मरीजों में लक्षण और सीने का दर्द एक समान हो, ऐसा जरूरी नहीं है । लक्षण शून्य से गंभीर तक भिन्न हो सकते हैं । कई मरीजों को अपच की समस्या हो सकती है, तो कइयों को गंभीर दर्द, भारीपन या कसाव महसूस हो सकता है । यह दर्द आमतौर पर सीने के बीचों-बीच होता है, जो हाथों, गर्दन, जबड़ा और पेट तक फैल सकता है । इसके साथ ही घबराहट और सांस लेने में मुश्किल हो सकती है । धमनियों के पूरी तरह ब्लॉक होने पर हार्ट अटैक हो सकता है, जिसके कारण दिल की मांसपेशियों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है । हार्ट अटैक के कारण होने वाला दर्द और असुविधा एंजाइना के समान होता है, लेकिन अक्सर अधिक गंभीर होता है । इसमें पसीना आना, उलझन, जी मिचलाना, सांस लेने में मुश्किल आदि समस्याएं होती हैं । यह डायबिटीज के मरीजों में आम है । हार्ट अटैक का सही समय पर इलाज न करने पर यह घातक साबित हो सकता है । हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर का निदान एक संदिग्ध सीएचडी के मरीज में बीमारी की पहचान के लिए चिकित्सा और पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली का आंकलन और रक्त परीक्षण शामिल हैं । इसके अलावा सीएचडी की पहचान में प्रत्येक हार्ट वॉल्व की संरचना, मोटाई और हलचल की पहचान के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम , दिल, फेफड़ों और सीने में दिखाई देने वाले लक्षणों को देखने के लिए एक्स-रे, एक्सरसाइज के दौरान दिल पर पड़ने वाले असर की पहचान के लिए ट्रेडमिल टेस्ट, कार्डियोवैस्कुलर कार्टोग्राफी, हार्ट फ्लो मैपिंग, सीटी एंजियोग्राफी और ब्लॉकेज की गंभीरता की पहचान के लिए इनवेसिव कोरोनरी एंजियोग्राफी आदि जैसे नॉन इनवेसिव टेस्ट शामिल हैं । हृदय रोगों की रोकथाम 1 कोरोनरी आर्टरी डिजीज को पूरी तरह से ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन इसका इलाज लक्षणों के नियंत्रण, दिल की कार्यप्रणाली में सुधार और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं के खतरे को कम करने आदि में सहायक होता है । इसमें जीवनशैली में बदलाव, दवाइयां और नॉन-इनवेसिव इलाज शामिल हैं । इनवेसिव और सर्जरी की जरूरत केवल गंभीर मामलों में पड़ सकती है । 2 जीवनशैली में कुछ आसान बदलावों की आवश्यकता पड़ती है जैसे पौष्टिक व संतुलित आहार, शारीरिक सक्रियता, नियमित व्यायाम, धूम्रपान बंद करना और कोलेस्ट्रॉल और शुगर के स्तर को नियंत्रित करना आदि । ये बदलाव सीएचडी, स्ट्रोक और कमजोर याददाश्त के खतरे को कम करते हैं । 3 दिल की विफलता खतरनाक होती है, लेकिन उचित निदान और देखभाल के साथ इसका इलाज संभव है । मोटापा, डायबिटीज और उच्च-रक्तचाप को बढ़ावा देने वाले आहार और जीवनशैली में बदलाव ही दिल की विफलता की रोकथाम का सबसे आसान तरीका है । 7 कारण जो सिद्ध करते हैं मंदिर जाना सेहत के लिए है फायदेमंद! घंटी बजाने से प्रदक्षिणा करने तक, मंदिर की हर गतिविधी का एक गुप्त उद्देश्य है, जिसे जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल । किडनी के मरीज़ों को है कोराना वायरस का अधिक ख़तरा । लेकिन, किडनी रोगों से ग्रस्तडायलिसिस करा रहे  मरीजों के लिए यह स्थिति अधिक जोखिमपूर्ण हो सकती है । एक नये अध्ययन में पता चला है कि किडनी रोगी कोविड-19 के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं । शोधकर्ताओं का कहना है कि किडनी रोगियों में कोविड-19 के नैदानिक लक्षणों और संक्रामकता में अधिक विविधता देखने को मिल सकती है । “कोविड-19 के संक्रमित होने के खतरे से ग्रस्त दूसरे व्यक्तियों की तुलना में किडनी रोगियों के लिए यह स्थिति अधिक चुनौतिपूर्ण है, क्योंकि जोखिम के बावजूद, उन्हें हर हफ्ते 2 से 3 बार डायलिसिस केंद्रों पर जाना पड़ता है । ऐसी स्थिति रोगियों के साथ-साथ उनकेपरिवार के सदस्यों, चिकित्सा कर्मचारियों और अन्य लोगों में संक्रमण के फैलने के लिए जिम्मेदार हो सकती है । जॉर्ज हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ-इंडिया के कार्यकारी निदेशकऔर इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के अध्यक्ष प्रोफेसर विवेकानंद झा ने यह बात कही है । उन्होंने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण में किडनी का संबंध भी होता है और जब संक्रमण गंभीर होता है, तो यह मृत्यु दर का एक अलग कारक बन जाता है । चीन और भारत समेत दुनिया के कई अन्य देशों के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किया गया यह अध्ययन शोध पत्रिका किडनी इंटरनेशनल में प्रकाशित किया गया है । शोधकर्ताओं का कहना है कि डायलिसिस के मरीजों के परिजनों को कोविड-19 का संक्रमण परिवार और दूसरे लोगों में फैलने से रोकने के लिए सावधानियों और रोकथाम के तरीकों का पालन सख्ती से करना चाहिए । इन सावधानियों में शरीर का तापमान मापना, बेहतर हाइजीन, हाथ धोना और बीमारी से ग्रस्त होने वाले लोगों की त्वरित रिपोर्टिंग मुख्य रूप से शामिल है । कोविड-19 के प्रति संवेदनशील लग रहे डायलिसिस के मरीजों की देखरेख में उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत पर भी जोर दिया जा रहा है, ताकि संक्रमण दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों में न फैले । ये सभी दिशा-निर्देश इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी की वेबसाइट पर विस्तार से दिए गए हैं । पूर्व रिपोर्टों का हवाला देते हुए जॉर्ज हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सार्स और मर्स कोरोना वायरस से ग्रस्त 05-15 प्रतिशत मरीजों में गंभीर किडनी रोग विकसित होते देखे गए हैं । इन मरीजों में से 60-90 प्रतिशत मरीजों को अपनी जान गवाँनी पड़ी है । कोविड-19 संक्रमण को लेकर कुछ शुरुआती रिपोर्टों में 03-09 प्रतिशत लोगों में गंभीर किडनी समस्याएँ उभरने की बात कही गई थी । हालाँकि, बाद में मिली रिपोर्टों में किडनी से जुड़ी समस्याओं की दर अधिक देखी गई है । अस्पताल में भर्ती कोविड-19 से ग्रस्त 59 लोगोंपर किए गए अध्ययन के दौरान करीब दो-तिहाई मरीजों के पेशाब में प्रोटीन का अत्यधिक रिसाव देखा गया है । शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार रोगियों की तरह इसके जोखिम से ग्रस्त व्यक्तियों को भीसमान देखरेख और सावधानियाँ बरतने की जरूरत है । ऐसे मरीजों को आराम के साथ-साथपोषण, उत्सर्जित द्रव का सही प्रबंधन, रक्तचाप का रखरखाव और ऑक्सीकरण, जटिलताओं का उपचार, हेमोडायनामिक स्थिरता बनाए रखना और द्वितीयक संक्रमण रोकने के लिए विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है । 5 तरह के सिरदर्द और उनके उपचार के तरीके, पढ़ें और आजमाएं बहुत से लोग अक्सर सिरदर्द के कारण असहजता और विचलित करने वाले दर्द का अनुभव करते हैं और ये एक ऐसी चीज है, जिससे हर कोई अपने जीवन में भलीभांति परिचित होता ही है । आप शायद न जानते हों लेकिन सिर दर्द के विभिन्न प्रकार होते हैं । कुछ मामलों में, सिरदर्द में तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है । अगर आपको सिरदर्द के साथ निम्न में से किसी भी एक का अनुभव हो रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और मेडिकल सलाह लेनी चाहिए: गर्दन में अकड़न दानें अब तक का सबसे तेज सिरदर्द उल्टी भ्रम की स्थिति बोलने में दिक्कत 100.4 ° F या उससे अधिक बुखार देखने में दिक्कत शरीर के किसी भी हिस्से में पक्षाघात लेकिन अगर आपका सिरदर्द कम गंभीर है, तो इस लेख में हम आपको ये बता रहे हैं कि आप किस प्रकार के सिरदर्द का अनुभव कर रहे हैं और अपने लक्षणों को कम करने के लिए आप क्या कर सकते हैं । तो आइए जानते हैं ,सिरदर्द के 5 प्रकार के बारे में और उनका उपचार । सिरदर्द के 5 प्रकार और उनका उपचार 1. तनाव से होने वाला सिरदर्द अगर आप तनाव से होने वाले सिरदर्द से परेशान हैं, तो आप सुस्त महसूस कर सकते हैं और पूरे सिर में सनसनी हो सकती है । यह धड़कना नहीं है बल्कि आपकी गर्दन, माथे, खोपड़ी, या कंधे की मांसपेशियों के आसपास संवेदनशीलता भी हो सकती है । किसी को भी तनाव से सिरदर्द हो सकता है, और ये अक्सर तनाव से ग्रस्त होने पर बढ़ जाता है । इस प्रकार के दर्द से निपटने के लिए आप मेडिकल शॉप से दर्द निवारक दवा ले सकते हैं, जिसमें यह भी शामिल है: एस्पिरिन इबुप्रोफेन नेप्रोक्सन एसिटामिनोफेन और कैफीन, जैसे एक्सेड्रिन तनाव सिरदर्द 2. क्लस्टर सिरदर्द क्लस्टर सिरदर्द को गंभीर जलन और पियरसिंग के कारण होने वाले दर्द के रूप में जाना जाता है । ये एक समय में एक आंख के आसपास या फिर पीछे की तरफ होता है । इस प्रकार के सिरदर्द में कभी-कभी सूजन, लालिमा, निस्तब्धता और पसीना भी आ सकता है । इसके अलावा इस प्रकार के सिरदर्द में नाक बंद और आंखों से पानी आना भी समान माना जाता है । ये सिरदर्द एक श्रृंखला में होते हैं । किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार का सिरदर्द 15 मिनट से तीन घंटे तक रह सकता है । अधिकांश लोग एक दिन में एक से चार बार सिरदर्द का अनुभव करते हैं । आमतौर पर इस प्रकार के सिरदर्द में एक ही समय के आसपास बार-बार सिरदर्द होता है जैसे ही एक सिरदर्द खत्म होगा दूसरा शुरू हो जाएगा । इस प्रकार के सिरदर्द के निदान के बाद आपका डॉक्टर आपको एक ऐसी रोकथाम योजना बनाकर देगा, जो आपके साथ काम करेगी । कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, मेलाटोनिन, टॉपिरामेट , और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स क्लस्टर सिरदर्द को रोकने में मदद कर सकते हैं । 3. माइग्रेन माइग्रेन का दर्द आपके सिर के भीतर गहराई में होने वाला एक तीव्र स्पंदन है । यह दर्द कई दिनों तक रह सकता है । सिरदर्द आपकी दैनिक दिनचर्या को पूरा करने की आपकी क्षमता को सीमित करता है । माइग्रेन आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है । माइग्रेन के सिरदर्द वाले लोग अक्सर प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशील होते हैं । मतली और उल्टी भी आमतौर पर होती है । उपयोगी निवारक दवाओं में शामिल हैं: प्रोप्रानोलोल मेटोप्रोलोल टोपीरेमेट एमीट्रिप्टीलाइन 4. एलर्जी या साइनस सिरदर्द एलर्जी की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप भी कभी-कभी सिरदर्द होता है । इस प्रकरा के सिरदर्द में होने वाला दर्द अक्सर आपके साइनस क्षेत्र में और आपके सिर के सामने होता है । साइनस सिरदर्द भी एक साइनस संक्रमण का लक्षण हो सकता है । इन मामलों में, आपका डॉक्टर संक्रमण को दूर करने और आपके सिरदर्द और अन्य लक्षणों को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स लिख सकता है । 5. हॉर्मोन का सिरदर्द आमतौर पर महिलाएं इस प्रकार के सिरदर्द का अनुभव करती हैं, जो हार्मोनल उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता हैं । मासिक धर्म, गर्भनिरोधक गोलियां और गर्भावस्था सभी आपके एस्ट्रोजन के स्तर को प्रभावित करती हैं, जो सिरदर्द का कारण बन सकता है । मासिक धर्म चक्र के साथ विशेष रूप से जुड़े उन सिरदर्द को मासिक धर्म माइग्रेन के रूप में भी जाना जाता है । ये मासिक धर्म के ठीक पहले, दौरान या बाद में हो सकते हैं, साथ ही ओव्यूलेशन के दौरान भी हो सकते हैं । ओटीसी दर्द निवारक नेप्रोक्सन कुछ दर्द निवारक दवाएं हैं, जो इस प्रकार के दर्द को नियंत्रित करने के लिए काम कर सकती हैं । मसूड़ों से खून आने पर आज़माएं ये आयुर्वेदिक उपाय, मिलेगा दर्द और सूजन से भी आराम मसूड़ों से खून आना मुंह की साफ-सफाई की कमी का एक संकेत हो सकता है । इसके अलावा कई बार यह किसी हेल्थ प्रॉब्लम की वजह से भी हो सकती है । आमतौर पर ब्रश करते समय अधिक प्रेशर लगाने या चोट लगने, किसी कठोर खाद्य पदार्थ के सेवन से मसूड़ों से खून बहने लगता है । वहीं कई बार, यह शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी या लीवर से जुड़ी बीमारियों का एक संकेत भी हो सकता है । Bleeding Gums) मसूड़ों से खून आना भले ही साधारण-सी बात मालूम होती है । लेकिन, जब यह समस्या बार-बार होने लगे तो इसे नज़रअंदाज़ करना ठीक नहीं होता । हेल्दी गम्स अच्छी ओरल हेल्थ के लिए ज़रूरी हैं । आयुर्वेद में मसूड़ों, दांतों और पूरे मुंह की सेहत के लिए कई फलों, हर्ब्स और मसालों का ज़िक्र किया गया है । जब, मसूड़ों से खून रिसने की समस्या हो तो आप इन आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रयोग कर सकते हैं । मसूड़ों से खून आने के कारण कैंसर विटामिन सी की कमी हार्मोन्स का असंतुलन लीवर से जुड़ी कोई गम्भीर बीमारी विटामिन के की कमी ओरल हाइजिन की कमी ब्लीडिंग गम्स के लक्षण मुंह में दर्द होना मसूड़ों में सूजन और दर्द मुंह से दुर्गंध आना दांत हिलना मसूड़ों से खून आने पर आज़माएं ये आयुर्वेदिक उपाय हर्बल टी पीएं: ग्रीन टी, फेनल सीड्स की चाय जैसी हर्बल चाय, दांतों की कैविटीज़, सांसों की बदबू और बैक्टेरिया से राहत दिलाता है । लौंग का तेल इस शक्तिशाली नैचुरल ऑयल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक तत्व होते हैं । इसीलिए, लौंग का इस्तेमाल करने से दांतों के दर्द से ना केवल राहत मिलती है । बल्कि, दांतों की सड़न  और बैक्टेरिया को भी कम करने में मदद होती है । लौंग के दाने चबाने से और लौंग के तेल में भीगी रूई अपनी कैविटी या दर्द वाले दांत पर रखें । इससे, आराम मिलेगा । सौंफ चबाएं सौंफ के बीज ना केवल सांसों की बदबू खत्म करता है । इससे, मुंह में लार यानि सलाइवा का उत्पादन बढाता है । जैसा कि लार में कीटाणु और बैक्टेरिया खत्म करने वाले तत्व होता है । जिससे, मुंह का वातावरण हेल्दी बनने में मदद होती है । वजन घटाने और अर्थराइटिस में आराम जैसे कई लाभ देता है जायफल, जानें इसके अन्य लाभ जायफल जिसे अंग्रेजी में नटमेग कहते हैं, एक लोकप्रिय मसाला है जिसका प्रयोग न केवल व्यंजनों में किया जाता है बल्कि इसकी सुगंध और स्वाद भी लोगों को खूब आकर्षित करती है । दरअसल, जायफल के पेड़ द्वारा दो जबरदस्त मसाले बनते हैं । एक है जायफल और दूसरा है जायत्री । आयुर्वेद में इस पेड़ को औषधीय गुणों का खजाना भी कहते हैं । जायफल का सेवन अर्थराइटिस के दर्द को कम करने के साथ ही वजन घटाने में भी लाभकारी है । आज हम आपको जायफल के कुछ ऐसे फायदे बता रहे हैं जिनके बारे में पढ़कर आप चौंक जाएंगे । वजन घटाने में मददगार इन दिनों, मोटापा और वजन बढ़ना सभी की समस्या बन गई है । लगभग हर तीसरा व्यक्ति अधिक वजन का शिकार है । डाइटिंग के अलावा अगर व्यक्ति सुरक्षित तरह से अपना वजन कम करना चाहता तो उसे आयुर्वेद की ओर आना चाहिए । सुबह लहसुन का पानी पीने, व्यायाम करने और अपनी डाइट में जड़ी बूटियों को शामिल करने से वजन घटाने में मदद मिलती है । वजन कम करने के लिए जायफल एक अद्भुत मसाला है । यदि आप अपना वजन कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं दिख रहा है तो जायफल का उपयोग करें । जायफल वजन घटाने को ट्रिगर करता है क्योंकि इसमें वजन कम करने वाले एजेंट होते हैं । कोलेस्ट्रॉल होता है कम ऐसी कई समस्याएं हैं जो शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर का कारण बन सकती हैं । ऐसे में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखना बहुत जरूरी है । इसमें मौजूद इथेनॉलिक अर्क शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मददगार होता है । डायबिटीज होता है कंट्रोल जायफल न केवल मोटापा कम करने में फायदेमंद है बल्कि टाइप -2 डायबिटीज को कम करने में मदद करता है । इन दिनों न केवल वयस्क बल्कि बच्चे भी मधुमेह से पीड़ित हो रहे हैं । डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए जायफल का सेवन करने से काफी मदद मिल सकती है । जायफल में मौजूद ट्राइटरपीन में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं । इसके अलावा यह मेटाबॉलिज्म में भी फायदेमंद है । बेहतर होता है पाचन तंत्र यदि आप अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित होते हैं, तो आपको अपने आहार में जायफल को अवश्य शामिल करना चाहिए । अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की अत्यधिक या अनावश्यक खपत हमारे पेट को परेशान करती है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों जैसे अपच, पेट फ्लू या वायरल गैस्ट्रोएंटेरिटिस आदि को ट्रिगर करती है । जायफल न केवल इन मुद्दों का इलाज करता है बल्कि दस्त और अम्लता भी करता है । यह पाचन को सुचारू बनाता है और गैस्ट्रिक परेशानियों से बचाता है । गठिया का दर्द जायफल गठिया में दर्द से राहत दिलाने में भी मदद करता है । गठिया ज्यादातर बुढ़ापे में होता है, लेकिन कभी-कभी गठिया कम उम्र में भी हो सकता है । ऐसे में अगर आप गठिया की स्थिति में जायफल खाते हैं या इसका तेल लगाते हैं, तो गठिया की सूजन और दर्द से राहत मिलती है । जायफल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया से राहत दिलाने में मदद करता है । इसके अलावा जायफल का उपयोग मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन और जोड़ों के दर्द के लिए भी किया जाता है । मांसपेशियों या जोड़ों के दर्द के लिए आप जायफल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं । वजन घटाने में मददगार इन दिनों, मोटापा और वजन बढ़ना सभी की समस्या बन गई है । कोलेस्ट्रॉल होता है कम ऐसी कई समस्याएं हैं जो शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर का कारण बन सकती हैं । डायबिटीज होता है कंट्रोल जायफल न केवल मोटापा कम करने में फायदेमंद है बल्कि टाइप -2 डायबिटीज को कम करने में मदद करता है । बेहतर होता है पाचन तंत्र यदि आप अक्सर पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित होते हैं, तो आपको अपने आहार में जायफल को अवश्य शामिल करना चाहिए । गठिया का दर्द जायफल गठिया में दर्द से राहत दिलाने में भी मदद करता है । किमोथेरपी के बिना कैंसर का इलाज क्या आने वाले समय में हो सकेगा ? ब्लड कैंसर के इलाज में अब आने वाले समय में कीमोथेरेपी बीती बात हो जाएगी । कैंसर का पता चलते ही सबसे पहले कीमोथेरेपी का ख्याल डरा देते हैं । कीमोथेरेपी के चलते बाल गिरना, शरीर कमजोर होना व उसके अन्य साइड इफेक्ट मरीज को भयभीत कर देते हैं । वजह यह है कि कीमोथेरेपी में जो दवाएं दी जाती हैं काफी जहरीली होती हैं । ब्लड कैंसर के इलाज में अब कीमोथेरेपी बीती बात हो जाएगी । कैंसर का इलाज महज एक टेबलेट से ही संभव हो गया है । इससे मरीज को बाल गिरने व अत्यधिक कमजोरी जैसी स्थिति से दो-चार नहीं होना पड़ेगा और न ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ेगी । कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं के साथ दूसरी कोशिकाएं भी जल जाती हैं । अभी तक कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी होती है जिसकी अपनी सीमाएं हैं । इलाज में अब बहुत बदलाव आया है । खासकर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी से बहुत सफलता मिली है । ह्यूमन जिनोम की खोज हुई तो क्रोमोसोम और मानव जीन के बारे में जानकारी मिली और मानव की पूरी जीन संरचना को डिकोड किया गया । इससे यह पता चला कि अलग-अलग मरीज में कैंसर भी अलग-अलग तरीके से होता है । इसके बाद टारगेटेड ड्रग या पर्सनलाइज्ड ड्रग की शुरुआत हुई जो सीधे जाकर कैंसर कोशिकाओं पर वार करती हैं । वर्तमान में बहुत सारी टारगेटेड ड्रग आ चुकी हैं जिनका प्रयोग कैंसर के उपचार में किया जा रहा है । इन्हें पर्सनलाइज्ड ड्रग या व्यक्तिगत दवा भी कहते हैं यानी हर इंसान के लिए अलग दवा । ब्लड कैंसर का इलाज क्या दवा से संभव है ? आने वाले समय में ब्लड कैंसर के इलाज में इंजेक्शन और कीमोथेरेपी कम हो जाएगी या बहुत कम हो जाएगी । केवल टेबलेट खाकर ही कैंसर से निजात मिल सकेगी । इससे मरीज को कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी और उसे अस्पताल में भी नहीं रहना पड़ेगा । सबसे बड़ी मदद यह मिलेगी कि मरीज कैंसर को भी अन्य बीमारियों की तरह ही समझेगा जिसमें महज दवा खाकर बीमारी से निजात मिल जाती है । नई दवाओं से बढ़ी उम्मीद शोध में देखा गया कि कैंसर जब शुरू होता है तो वह कैसे सफेद रक्त कोशिकाएं जो हमारे शरीर का डिफेंस सिस्टम है उसे परास्त करने या धोखा देने की कोशिश करता है । इम्यून सिस्टम को जिस-जिस तरह से परास्त करता है उसे ब्लॉक कर कैंसर पर विजय प्राप्त की जा सकती है । इस शोध को बीते वर्ष नोबेल पुरस्कार दिया गया था । ब्लड कैंसर से न डरें, इलाज उपलब्ध ब्लड कैंसर जैसे एक्यूट मायलॉयड ल्यूकीमिया (AML) या एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकीमिया (ALL) आदि से डरने या निराश होने की जरूरत नहीं । 50 से 60 फीसद मरीज केमोथेरेपी से पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं और जिनमें कीमोथेरेपी से सफलता नहीं मिलती उनका बोन मेरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) किया जाता है जिसके बाद वह स्वस्थ हो जाते हैं । बहुत सारी नई दवाएं आ चुकी हैं जो बेहद असरदार हैं । पीजीआइ में बीएमटी के साथ-साथ सफेद रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) चढ़ाने जैसी सुविधा है जो देश में कुछ गिनेचुने सेंटर में ही है । दरअसल कीमोथेरेपी से शरीर में डब्ल्यूबीसी की संख्या बहुत कम रह जाती है जिससे इंफेक्शन होने का जबर्दस्त खतरा रहता है । ऐसे में मरीजों को डब्ल्यूबीसी चढ़ाने की जरूरत पड़ती है । लेकिन इसके लिए ब्लड डोनर की जरूरत पड़ती है । इसलिए अधिक से अधिक लोग ब्लड डोनेट करें । इससे किसी की जिंदगी बचेगी । बच्चों को कुछ भी चीज खिलाना हर मां के लिए चुनौतीपूर्ण काम है । ब्रेस्ट मिल्क से लेकर कोई ठोस चीज खिलाने तक बच्चे खूब परेशान करते हैं । लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि बच्चों को फल और सब्जियों की प्यूरी फिडिंग बोतल से देनी चाहिए या चम्मच से? आमतौर पर बच्चे फल और सब्जियों से बनी प्यूरी को बोतल से लेना पसंद करते हैं । लेकिन आपको बता दें कि ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला मिल्क के अलावा अन्य चीजों को बोतल द्वारा बच्चों को देना सही विचार नहीं है । लेकिन कई मां अपने बच्चे को खिलाने के लिए बोतल और चम्मच दोनों यूज करती हैं । वैसे डॉक्टर बोतल या चम्मच की बजाय बच्चों को उंगलियों से खिलाने की सलाह देते हैं और उसके बाद आप चम्मच यूज कर सकते हैं । आपको बता दें कि जब आप बच्चे को कुछ नई चीज खिलाना शुरू करते हैं, तो साथ में आपको ब्रेस्फीडिंग भी जारी रखनी चाहिए । डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बच्चे को कुछ नई चीज खिलाना शुरू करने से पहले छह महीनों तक ब्रेस्फीडिंग कराएं । बच्चों को वीनिंग फूड्स खिलाने से पहले इन बातों का रखें ख्याल बोतल पर कम निर्भर रहें- बच्चों को पहले उंगलियों से खिलाने की कोशिश करें । इससे बच्चे को विभिन्न चीजों के टेस्ट और बनावट का पता चलेगा । बोतल से बच्चा चीजों को सिर्फ निगल लेता है । लेकिन उंगलियों से खिलाने से चीजें उसमे मुंह में रहती हैं और वो धीरे-धीरे उसे निगलता है । इससे उसे चीजों की निगलने में आसानी रहती है और वो चीजों का चबाना भी सीखता है । चम्मच का सावधानी से इस्तेमाल करें- जब आपका बच्चा उंगलियों से चीजों को क हना सीख जाए, तो आप एक सही आकार की चम्मच से खिलाना शुरू कर सकते हैं । लेकिन ध्यान रहे कि चम्मच भर-भरकर ना खिलाएं । बोटल का यूज केवल दूध के लिए करें- बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क या फार्मूला मिल्क देने के लिए ही बोटल यूज करें । वीनिंग फूड के लिए बोटल यूज न करें- बच्चे को खिलाने के लिए फिडिंग बोटल का यूज ना करें । घर में तो यह ठीक लग सकता है लेकिन अगर आप सफर में भी उसे फिडिंग बोटल से खिलाएंगे, तो अटपटा सा लग सकता है । इसके बजाय चम्मच यूज करें, ताकि उसके निगलने और चबाने की क्षमता में सुधार हो । बच्चों में कब्ज़ होने के शुरुआती लक्षण । जिसमें,  बड़ों को भी बहुत परेशानी भरा अनुभव होता है । तो सोचिए अगर किसी छोटे बच्चे को कब्ज़   की शिकायत होगी तो वो कितनी तकलीफ में होगा । जाहिर है कि छोटे बच्चे अपनी परेशानियों के बारे मे ठीक तरह से बता भी नहीं पाते । पेट दर्द या कॉन्स्टिपेशन जैसी परेशानियां होने पर बच्चे रोने लगते हैं । कुछ बच्चे बहुत अधिक घबरा भी जाते हैं । क्यों होता है बच्चों को कॉन्स्टिपेशन  : जहां तक बच्चों में कॉन्स्टिपेशन होने की बात है तो 6 महीने तक जो बच्चे ब्रेस्टफीड लेते हैं, उन्हें यह समस्या कम होती है । फॉर्मूला फीड लेने वाले बच्चों में गैस, एसिड रिफ्लेक्स और कॉन्स्टिपेशन जैसी परेशानियां थोड़ी ज़्यादा होती हैं । लेकिन, जब 6 महीने के बाद बच्चे को शुरु की जाती है, तो कब्ज़ जैसी परेशानियों का दौर शुरु होता है । लेकिन,  कई बारों मांओं को बच्चे की इस परेशानी का पता भी नहीं चलता । जब,  आपके बच्चे को कॉन्स्टिपेशन की समस्या हो तो, इस तरह की परेशानियां कॉन्स्टिपेशन के लक्षण के तौर पर देखी जा सकती हैं । बच्चों में कॉन्स्टिपेशन यानि कब्ज़ के लक्षण : पेट में दर्द: कॉन्स्टिपेशन से परेशान बच्चों में पेट में दर्द की शिकायत बहुत आम होती है । जब,  आपका बच्चा पेट दर्द की शिकायत करे तो,  इस ओर ध्यान दें कि उसे कब्ज़ की परेशानी तो नहीं । खाना खाने से इंकार: जैसा कि बच्चे स्टूल पास नहीं कर पाते । इस वजह से उनके पेट में दर्द जैसी परेशानियां होने लगती हैं । ऐसी स्थिति में अक्सर बच्चे खाना नहीं खाते । चिड़चिड़ापन: बाउल साफ ना होने पर बच्चे बहुत अधिक परेशान हो जाते हैं । इसके,  कारण वो साधारण तरीके से खेल नहीं पाते । ऐसे में बच्चे बहुत अधिक रोने-चिल्लाने जैसे काम  भी करते हैं । दरअसल,  कॉन्स्टिपेशन की वजह से उन्हें चिड़चिड़ापन महसूस होता है और इसीलिए वे बार-बार झल्लाने और रोने जैसे संकेत देते हैं । देखने में छोटे-छोटे मेथी के दाने गुणों का खजाना होते हैं । मेथी का यूज ज्यादातर सब्जी, तड़का मारने, मछली आदि बनाने में किया जाता है । मेथी के सौंदर्य लाभ भी कई हैं । यह बालों को जड़ से मजबूत बनाता है । रूसी की समस्या दूर होती है । बेशक मेथी का स्वाद कड़वा या तीखा होता है, लेकिन इसे अपने भोजन में जरूर शामिल करना चाहिए । खासकर, डायबिटीज रोगियों को शुगर लेवल कम करने के लिए इसका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए । मेथी दाना, मेथी का पानी, मेथी का साग या पत्ते ये सभी पौष्टिक होते हैं । मेथी में कई तरह के औषधीय गुण और सेहत लाभ होते हैं, जिन्हें आप जरूर जानें । मेथी में होते हैं कई पोषक तत्व- मेथी में प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, पोटैशियम, विटामिन सी, आयरन आदि अधिक मात्रा में होते हैं । इसमें गैलेक्टोमैनन और डाओस्जेनिन नाम का कम्पाउंड होता है, जो सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन को बढ़ाता है । इस तरह से मेथी पुरुषों में होने वाली कई सेक्सुअल समस्याओं को भी दूर करती है । यौन जीवन को रोमांचक बनाती है । यौन क्षमता को बढ़ाती है । बच्चों के लिए ऐसे बनाएं कपड़े का टीथर बाज़ार में मिलनेवाले टीथर से पेट के विभिन्न इन्फेक्शन होने का ख़तरा होता है । इससे, बालों का झड़ना और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है । मेथी को इन 4 तरीकों से कर सकते हैं इस्तेमाल । 5 प्रकार के दर्द और तकलीफें जो डिलिवरी के बाद महसूस करती हैं महिलाएं! ध्यान रखें डिलिवरी के बाद किसी भी प्रकार का संक्रमण आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है । इस मौसम का तोहफा है मेथी, सब्‍जी हो या सूप जैसे चाहें करें इस्‍तेमाल मेथी को सब्‍जी, साग या स्‍टफ की तरह भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है । कमर दर्द और कंधे की अकड़न दूर करने के लिए ये 2 योगासन बहुत लाभदायक होते हैं. अगर आपको कमर में दर्द रहता है तो नियमित तौर पर इन दो योगासनों को जरूर करें. बढ़ती उम्र के साथ लोगों में बोन मिनरल डेंसिटी घटने लगती है । उनका ''नॉन इंवेजिव वट्रिबोप्लास्टी स्पाइन सर्जरी'' किया गया । क्या है वर्टिब्रोप्लास्टी स्पाइन के ज्यादातर फ्रैक्चर को ठीक करने से पहले बेड रेस्ट कराया जाता है, ताकि दर्द पूरी तरह से खत्म हो जाए । क्या-क्या हैं इसके फायदे दर्द में कमी । कमर और घुटनों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवा से कहीं ज्यादा घरेलू नुस्खे और योग असरकारी होते हैं । आज हम आपको तीन ऐसे एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने कमर और घुटनों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं । भुजंगासन कमर दर्द को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है । घर से काम करना आसान नहीं है, क्योंकि अक्सर लोग गलत तरीके से बैठकर काम करते हैं । लगातार बैठे रहने, फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर होने से कमर दर्द लगातार बढ़ सकता है । बेहतर है कि आप कमर दर्द को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ टिप्स को जरूर फॉलो करें... अगर आपको पेट के बल सोने की आदत है तो आपको इस आदत को बदलने की जरूरत है क्योंकि ये आपके स्वास्थ्य को बहुत बुरी तरीके से प्रभावित कर रही है । अगर आप सोच रहे हैं कि कैसे तो आइए जानते हैं कैसे पेट के बल सोना आपके लिए है नुकसानदायक । एक्सपर्ट्स के अनुसार उठने बैठने का तरीका कमर में दर्द का मुख्य कारण है । इन सबके बावजूद कमर दर्द कभी-कभी बीमारी बन जाती है । कोरोना वायरस के चलते लोग लगातार वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं जिसके चलते सही पोजीशन में न बैठने और 9 के बजाय 12 घंटे तक काम करने से गर्दन में दर्द होना आम बात हो गई है । अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं और इससे बचने के लिए कोई प्राकृतिक तरीका खोज रहे हैं तो आपको एक्यूप्रेशर तकनीक को अपनाना चाहिए । इससे न सिर्फ आपको तुरंत आराम मिलेगा साथ ही कोई साइड इफेक्ट भी नहीं दिखेगा । कमर दर्द का इलाज योगा व्यायाम सर्दियों में कमर दर्द की परेशानी बढ़ जाती है. कमर दर्द का कारण कई होते हैं. ज्यादातर लोगों में कमर दर्द की समस्या लाइफ स्टाइल में लापरवाही के कारण होती है. कमर दर्द का इलाज घरेलू नुस्खों से करना बंद करें. कमर दर्द के लिए योग सबसे अच्छा उपाय हो सकता है. शरीर के दर्द और कमर दर्द से राहत पाने के लिए आपको अपनी लाइफ में योग को शामिल करना होगा. नियमित तौर पर योग करने से कमर दर्द का आसानी से इलाज किया जा सकता है. हमेशा के लिए कमर दर्द को दूर करने के लिए योगा और व्यायाम बहुत लाभदायक होता है. सर्दी के मौसम में कमर दर्द की परेशानी अक्सर बढ़ जाती है । ज्यादा देर तक एक ही जगह बैठे रहने और गलत तरीके से बैठने की वजह से कमर दर्द की परेशानी हो जाती है । कमर दर्द की परेशानी से आप भी रहते हैं परेशान तो आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, सिर्फ एक योगासन आपकी परेशानी को दूर कर सकता है । जो लोग कमर दर्द से परेशान रहते हैं उनके लिए अर्ध उत्तानासन एक ऐसा योग है जो बहुत फायदेमंद होता है । यह आसन आपकी अपर बॉडी को अच्छी तरह स्ट्रेच करता है, जिससे पसलियां और कंधे मजबूत बनते हैं । इस आसन से सिर, कमर पैर एवं रीढ़ की हड्डी का व्यायाम होता है । आइए आपको बताते हैं किस तरह कर सकते हैं आप अर्ध उत्तानासन और क्या हैं इसके फायदे । कमर व पीठ दर्द का मुख्य कारण रीढ़ की हड्डी के अलावा हमारी कमर की बनावट में कार्टिलेज, डिस्क, जोड़, मांसपेशियां और लिगामेंट आदि भी होते हैं । इनमें से किसी में भी कोई परेशानी होने पर कमर दर्द हो सकता है । कमर दर्द के कारण खड़े होने, झुकने और मुड़ने में बहुत दिक्कत होती है । दरअसल हमारी रीढ़ 32 हड्डियों से मिलकर बनी होती है, जिनमें से तकरीबन 22 सक्रिय भूमिका निभाती हैं । अर्ध उत्तानासन करने का तरीका कमर दर्द से राहत कैसे मिले ? इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, सांस लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं । शरीर को ऊपर खींचे और धीरे-धीरे सामने की तरफ झुकते हुए अपने पैरों को छूने की तरफ बढ़ें । अब सिर और गर्दन को आराम की मुद्रा में जमीन की दिशा में रखें और कूल्‍हों को ऊपर की तरफ उठायें । इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें । इस दौरान अपने पूरे शरीर का भार अपने तलवों पर छोड़ दें और घुटनों को सीधा रखें । अब धीरे-धीरे ऊपर उठते हुए सांस छोड़ते जाएं और पहले की स्थिति में आ जाएं । उत्तानासन से होने वाले फायदे कमर दर्द की परेशानी दूर होने के साथ-साथ स्ट्रेस भी होता है कम । पैर और कमर की मांसपेशियों में लचीलापन आता है । रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और आपको बैठकर काम करने में परेशानी नहीं होती है । यह आसन आपके हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, इनफर्टिलिटी की परेशानी को दूर करने में मदद करता है । इस तरह से झुकने से आपके पाचन अंगों को अच्छी मसाज मिलती है और आपके पाचन में सुधार होता है । किडनी और फेफड़े के लिए यह आसन फायदेमंद होता है । सावधानियां अगर आपको कमर में चोट ग्लूकोमा जैसी परेशानी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए । अगर आपको कमर में चोट लगी हुई है तो आप यह आसन घुटनों को मोड़ कर भी कर सकते हैं । इसे करते समय आप अपने हाथ दीवार पर भी रख सकते हैं । आप किसी भी समय इस योगासन को कर सकते हैं । केवल इतना ध्यान रखें कि खाना खाने के बाद इस योगासन को न करें और न ही आसन करने के बाद तुरंत खाना खाएं । इस आसन के 10-15 सेट से शुरुआत करें और जितनी देर आप कर सकते हैं करते रहें । कमर के नीचे का दर्द को भी योग ठीक करता है कुछ लोगों के कमर के नीचे वाले भाग में ज्यादा दर्द होता है. इन योगासन की मदद से आप अपने कमर के नीचे का दर्द भी ठीक कर सकते हो. नियमित तौर पर योग करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. शरीर का लचीलापन बढ़ने की वजह से हड्डियों और मांसपेशियों का दर्द आसानी से ठीक किया जा सकता है. । दिल्लीवालों को मिलेगा क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड । दिल्ली सरकार जारी करेगी । क्यूआर कोड आधारित ई-कार्ड के जरिए प्रत्येक मरीज की जन सांख्यिकीय और बुनियादी चिकित्सकीय जानकारी को ट्रैक किया जा सकेगा । इस कार्ड के माध्यम से दिल्ली के निवासियों को सभी योजनाओं और कार्यक्रमों के जानकारी दी जाएगी और स्वास्थ्य कार्ड को सहज सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली के साथ भी जोड़ा जाएगा । दिल्ली के अस्पतालों में ई-हेल्थ कार्ड व्यवस्था लागू की जाएगी । ई-स्वास्थ्य कार्ड के आने से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दिल्ली के लोगों के लिए इलाज कराना आसान होगा । इस विषय पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की । इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में ई-स्वास्थ्य कार्ड के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया । दिल्ली सरकार जल्द जारी करेगी ‘ई-हेल्थ कार्ड सरकार लोगों को एक ई-हेल्थ कार्ड जारी करेगी । क्यूआर कोड के जरिए प्रत्येक मरीज की जन सांख्यिकीय और बुनियादी चिकित्सकीय जानकारी को ट्रैक किया जा सकेगा । दिल्ली के निवासियों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली को लागू किया जाएगा । स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने एचआईएमएस के कार्यान्वयन और ई-हेल्थ कार्ड जारी करने को लेकर प्रजेंटेशन दिया । एचआईएमएस के तहत, दिल्ली के निवासियों के स्वास्थ्य की जानकारी के डाटा को एकत्रित रखने के लिए वेब पोर्टल, मोबाइल एप जैसी सुविधाएं लॉन्च की जाएंगी । स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली को अगस्त 2021 तक दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में लागू किया जाएगा । मरीजों के देखभाल की सभी सेवाएं जैसे अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं को इस प्रणाली के तहत लाया जाएगा । जहां तक मॉडल को लागू करने का सवाल है, तो पूरी प्रणाली डिजीटल और क्लाउड पर होगी । इससे दिल्ली के लोगों को एक जगह पर जानकारी हासिल करने और आपातकालीन मामलों में मदद मिलेगी । इसके साथ ही, देश में दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसके पास क्लाउड-आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी । यह सुविधा भविष्य में निजी अस्पतालों के लिए भी विस्तारित की जाएगी । 2021 तक दिल्ली के निवासियों को कार्ड जारी की जाएगी सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली के लोगों को कोई असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है । यह प्रबंधन प्रणाली लोगों को सभी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम होनी चाहिए । इसके अलावा, 2021 तक अस्पताल जाने वाले दिल्ली के प्रत्येक निवासी को कार्ड जारी किया जाना चाहिए, ताकि सरकारी अस्पतालों की सेवाओं का लाभ उठा सकें । इसके साथ, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह कार्ड एचआईएमएस के साथ एकीकृत हो । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “स्वास्थ्य सुविधाओं की लोगों तक प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हम एचआईएमएस के तहत लांच किए जाने वाले एप से कॉल सेंटर की सुविधाओं को भी जोड़ेंगे । यह लोगों से जुड़ी दिक्कतों को प्रभावी तरीके से दूर करेगा । इस प्रणाली के जरिए लोगों के लिए 24 घंटे डॉक्टर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी । ऑफिस में गलत तरीके से बैठने से, एक ही पोस्चर में लगातार काम करने से और गर्दन को कई घंटों तक एक ही अवस्था में रखने से व्यक्ति की रीढ़ गंभीर रूप से प्रभावित होती है जिससे पीठ दर्द की शिकायत होती है । पीरियड्स में क्या दर्द निवारक दवाएं लेना ठीक है? दर्द से बचने के लिए खुद से पेन किलर खाना सेहत के लिए ठीक नहीं । वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक कमर या पीठ के निचले हिस्से में दर्द से लोगों को काम करने में परेशानी होती है । कमर दर्द से राहत पाने का एक अच्छा तरीका है, एक्सरसाइज़ करना । बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति ज़िंटा ने एक ऐसी ही एक्सरसाइज के बारे में अपने फैंस को बताया जो कमर दर्द से राहत दिला सकती है । ग़लत डायट की वजह से आपकी पीठ में दर्द भी हो सकता है । पीठ दर्द से परेशान लोगों को अपनी डायट में पोषक तत्वों की मात्रा का सही ध्यान रखना ज़रूरी है । पीठ दर्द की वजह जिन पोषक तत्वों की कमी के कारण होती है, वे हैं विटामिन बी3 और विटामिन बी12 । अभिनेता टाइगर श्रॉफ ने हाल ही में एक पोस्ट शेयर की, जिसमें वह महामारी के बाद के समय की पृष्ठभूमि पर आधारित एक एक्शन फिल्म में नजर आने वाले हैं, जिसका शीर्षक है ‘गणपत । फिल्म के टीजर मोशन पोस्टर को साझा करते हुए टाइगर ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “यह मेरे लिए खास है और खासकर आपके लिए बेहद खास होने वाली है । पेश कर रहा हूं हैशटैगगणपत । और भी एक्शन, रोमांच और मनोरंजन के लिए हो जाएं तैयार । टीजर में टाइगर का एक डायलॉग कुछ इस प्रकार से है : “जब अपन डरता है ना, तब अपन बहुत मारता है । एक्शन से भरपूर इस फिल्म के निर्देशक विकास बहल हैं, जिन्होंने ‘क्वीन और ‘सुपर 30 जैसी फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं और निर्माता जैकी भगनानी हैं । कमर दर्द का अनुभव लगभग हर व्यक्ति कभी न कभी करता ही है । आमतौर पर महिलाओं को कमर दर्द की समस्या अधिक सताती है । इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं । कुछ लोग कमर दर्द को मामूली समझकर यूं ही नजरअंदाज कर देते हैं । ऐसे लोगों को पता होना चाहिए इसे लंबे समय पर इग्नोर करने से आप कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में घिर सकते हैं । आज हम आपको दशमूल काढ़े समेत कुछ ऐसे अन्य आयुर्वेदिक नुस्खे बता रहे हैं जो कमर दर्द को दूर करने में आपकी मदद करेंगे । स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या युवा आबादी को जन्म संबंधी कारणों से प्रभावित करती है, लेकिन विशेषकर 50 या उससे अधिक उम्र के लोगों को यह समस्या ज्यादा होती है । जानिए, क्या है स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्या... 45 वर्षीय शिल्पा सुडौल, छरहरी व स्वस्थ काया के लिए रोजाना योग करने के साथ ही संतुलित आहार का सेवन भी करती हैं । शिल्पा ने उन लोगों को कुछ खास और आसान से योग टिप्स दिए हैं, जिन्हें घर बैठे-बैठे मांसपेशियों और पीठ में दर्द की समस्या रहने लगी है । घंटों तक घर के सोफा,बेड या बाल्कनी के किसी कोने में अपना लैपटॉप लिए लोग वर्क फ्रॉम होम करते हैं । इसके कारण लोगों की गर्दन, पीठ, कमर और यहां तक कि हाथों और पैरों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है । इन मांसपे तकलीफों से राहत पाने के लिए आप कुछ विशेष योगसनों का अभ्यास कर सकते हैं । रिसर्च में किया गया दावा, वेजिटेरियन डाइट लेने वालों को होता है इस खतरनाक बीमारी का खतरा वेजिटेरियन डाइट लेना हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है । ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शरीर को ​जिन जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है जैसे कि कैल्शियम, बी12 विटामिन, जिंक और आयरन वह सब वेजिटेरियन डाइट से मिल जाते हैं । डॉक्टर्स और एक्सपर्ट कहते हैं कि वेगन डाइट लेने से व्यक्ति बीमारियों से दूर रहता है । लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि जो लोग वेजिटेरियन डाइट लेते हैं उन्हें बोन फ्रेक्चर का खतरा ज्यादा रहता है । BMC के ओपन-एक्सेस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग शाकाहारी आहार यानि कि वेजिटेरियन डाइट लेते हैं और साथ में ​मछली खाते हैं लेकिन मांस नहीं, ऐसे लोगों के शरीर में आवश्यक कैल्शियम और प्रोटीन की कमी नहीं होती है साथ ही ऐसे लोगों में बोन फ्रेक्चर की संभावना भी 43 प्रतिशत तक बढ़ जाती है । सिर्फ यही नहीं मांस खाने वाले लोगों की तुलना में हड्डी के फ्रैक्चर के साथ-साथ कूल्हों, पैरों और कशेरुकाओं के साइट-विशिष्ट फ्रैक्चर का भी अधिक जोखिम होता है । डॉ टैमी टोंग, न्यूफ़िल्ड एपिडेमियोलॉजिस्ट, न्यूफ़िल्ड डिपार्टमेंट ऑफ़ पॉपुलेशन हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड में और प्रमुख लेखक का कहना है कि हमने अपनी रिसर्च में पाया है कि वेगन डाइट लेने वाले लोगों को मीट खाने वाले लोगों की तुलना में बोन फ्रेक्चर का 2.3 गुना ज्यादा खतरा रहता है । ये हैं हड्डी टूटने के लक्षण जब भी शरीर के किसी अंग की हड्डी में फ्रेक्चर आता है या फिर वह टूटती है तो मुख्य रूप से तीन लक्षण दिखते हैं । जो बहुत तेज दर्द होना, जिस जगह की हड्डी टूटी है वहां पर सूजन आना या फूलना और उस अंग का टेढ़ा-मेढ़ा हो जाना । यदि हड्डी चमड़ी से उभरी हुई नजर आती है, तो यह संकेत है कि आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । डॉक्टर हड्डी में फ्रैक्चर या बोन डिस्प्लेस होने पर एक्सरे कर सकते हैं । बोन फ्रेक्चर होने पर करें ये काम ऐसी स्थिति में हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होता है । दरअसल, हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुण फ्रैक्चर में होने वाले दर्द को कम करते हैं । एक कप गर्म हल्दी वाला दूध पीने के लिए दें । इसके साथ ही आप हल्दी और प्याज के पेस्ट को फ्रैक्चर वाले भाग पर लगा सकते हैं । इसके साथ ही फ्रेक्चर वाली जगह पर सरसों का तेल भी लगाया जा सकता है । सरसों के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं । हड्डी को मजबूती देने के लिए यह तेल काफी फायदेमंद होता है । शरीर के जिस भाग की भी हड्डी फ्रैक्चर हुई है या चोट लगने से वह भाग सूज गया है, तो गर्म सरसों के तेल से मालिश करें । सरसों के तेल से गर्मी निकलती है, जो दर्द को कम करने में मदद करता है । इस तेल से 2 से 3 बार हल्के हाथों से मसाज करें । वर्ल्ड एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस डे 2019 : एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ितों को कमर और कूल्हे में होता है दर्द, जानें बचने के उपाय चिकित्सकों का कहना है कि धूम्रपान करने वालों को, खासतौर से पुरुषों को एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है । धूम्रपान बंद करने से सेहत में सुधार होता है । स्टेम सेल से कई लाइलाज बीमारियों का उपचार संभव हो गया है । इनमें से एक है- स्पाइनल इंजरीज । ओवेरियन सिस्ट का लक्षण है अचानक पीठ में तेज दर्द होना, जानें रोग के अन्य शुरुआती लक्षण इसकी वजह खान-पान से जुड़ी ग़लत आदतें भी हो सकती हैं । जी हां, ग़लत डायट की वजह से आपकी पीठ में दर्द भी हो सकता है । और विटामिन बी12 । पीठ में होता है बहुत दर्द तो, खाएं विटामिन बी12 रिच फूड : जैसा कि, नर्व्स को सिग्नल भेजने और विटामिन बी3 शरीर में कैल्शियम अवशोषण में सहायता करता है । इसीलिए, इन पोषक तत्वों की कमी होने पर हड्डियों की मज़बूती कम होती है । कमज़ोर हड्डियों का एक लक्षण पीठ में दर्द भी है । इसीलिए, अपनी डायट में विटामिन बी3 और विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं । सेरेल्स, अंडा, सीफूड, मीट जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन बी3 और विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत हैं । विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत हैं ये खाद्य पदार्थ: अंडा (खासकर, अंडे के पीले भाग यानि एग यॉग में विटामिन बी12 की अच्छी मात्रा होती है । दही, चीज़, दूध और डेयरी प्रॉडक्ट्स ओटमील प्रॉन्स, मछली फूड्स जिनसे मिलता है विटामिन बी3 : मूंगफली मशरूम सनफ्लॉवर सीड्स ब्रोकली साबुत अनाज और दलहनें । व्हाइट डिस्चार्ज यानी ल्यूकोरिया की समस्या से अक्सर महिलाएं परेशान रहती हैं । कई बार वेजाइना की साफ-सफाई नहीं करने, शारीरिक कमजोरी, पोषक तत्वों की कमी के कारण भी यह रोग होता है । जानें व्हाइट डिस्चार्ज के कारण, लक्षण और घरेलू नुस्खे... आज की हेल्थ टिप्स में जानें, किस तरह भुजंगासन करने से कमर दर्द से आपको मिल सकती है राहत... निपाह वायरस का केरल में कहर जारी, 10 मरे, 2 की हालत गंभीर | निपाह वायरस का केरल में कहर जारी, 10 मरे, 2 की हालत गंभीर एम्स के चिकित्सकों के एक दल के बुधवार को पहुंचने की उम्मीद है । पीठ में दर्द गलत तरीके से बैठने के कारण विकसित होता है, जिससे रीढ़ की हड्डी बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है । इससे पीठ दर्द की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं । आदतें जो रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचाती हैं । कमर दर्द का इलाज योगा और व्यायाम के माध्यम से किया जा सकता है. सर्दियों में अगर आपको कमर दर्द होता है तो उत्तानासन योग लाभदायक होगा. कमर दर्द की परेशानी से आप भी रहते हैं परेशान तो आपको योगा के कुछ और व्यायाम करना चाहिए. मिसेज अंजुम की उम्र 58 वर्ष है । करीब 2 साल से लगातार गंभीर बैक पेन से पीड़ित हैं । उनका वजन 104 किलो है । उन्हें डायबिटीज की भी समस्या है । लगातार गंभीर बैक पेन के कारण उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी गई थी । कई डॉक्टर्स को दिखाने के बाद करीब एक साल तक दवाइयां लीं, लेकिन दर्द में सुधार नहीं हुआ । एक्स-रे और एमआरआई की जांच में सामने आया कि उनकी स्पाइन के एल 3 लेवल में फ्रैक्चर था । मोटापे और बढ़ती डायबिटीज को ध्यान में रखते हुए उनका ट्रीटमेंट किया गया, जो अपने आप में एक बड़ा चैलेंज था । उनका नॉन इंवेजिव वट्रिबोप्लास्टी स्पाइन सर्जरी किया गया । डायबिटीज को धीरे-धीरे कंट्रोल करके ही इस सर्जरी को करना बेहतर विकल्प होता है । इसमें लोकल एनेस्थीसिया और लाइट सीडेशन देने के बाद मिनिमल इंवेजिव प्रोसीजर फॉलो किया जाता है । स्पेशल नीडल से त्वचा पर दो बारीक छेद किए गए । नीडल को एक्सरे की मदद से वर्टिब्रा कॉलम में डाला गया । बोन सीमेंट से बनी पीएमएमए को फ्रैक्चर की जगह पर इंजेक्ट किया गया और कुछ मिनट के लिए छोड़ा गया । प्रभावित जगह को बोन सीमेंट तुरंत ही सपोर्ट देती है । यह वर्टिब्रा को मजबूत बनाती है । भविष्य में होने वाले फ्रैक्चर से बचाती है । बढ़ रहा है फ्रैक्चर रिस्क भारत में करीब 5 करोड़ से अधिक लोग ऑस्टियोपोरोसिस से परेशान हैं । मुंबई स्थित बॉम्बे हॉस्पिटल, मुंबई स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्क रिप्लेसमेंट सेंटर के हेड डॉ. अरविंद कुलकर्णी का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ लोगों में बोन मिनरल डेंसिटी घटने लगती है । ऐसे में हड्डियों में फ्रैक्चर का रिस्क बढ़ रहा है, खासकर स्पाइन में । कंप्रेशन फ्रैक्चर तब होता है, जब स्पाइन की कमजोर हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाती है । इसमें बैक पेन अधिक होता है । जब कई हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो लंबाई पर असर पड़ने के साथ बॉडी पोस्चर भी प्रभावित होती है । कई मरीजों में दर्द लगातार होता है, क्योंकि लगातार हड्डियां क्षतिग्रस्त होती रहती हैं । क्या है वर्टिब्रोप्लास्टी स्पाइन के ज्यादातर फ्रैक्चर को ठीक करने से पहले बेड रेस्ट कराया जाता है, ताकि दर्द पूरी तरह से खत्म हो जाए । दर्द निवारक दवाएं, बैक ब्रेसेस और फिजिकल थेरेपी भी दी जा सकती है । कभी-कभी मरीज की स्पाइन को तत्काल बचाने के लिए सर्जरी की जाती है । इसमें बोन ग्राफ्ट या इंटरनल मेटल डिवाइस की मदद ली जाती है । हाल ही नई नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट का प्रयोग किया गया है, जिसे वर्टिब्रोप्लास्टी कहते हैं । यह उन मरीजों के लिए अच्छा विकल्प है, जिन्हें बेड रेस्ट, एनालजेसिक्स और बैक ब्रेसिंग देने के बाद भी राहत नहीं मिलती । अरविंद कुलकर्णी का कहना है कि वर्टिब्रोप्लास्टी में मेडिकल ग्रेड सीमेंट को एक नीडल के माध्यम से दर्द वाले में हिस्से में इंजेक्ट किया जाता है । इसकी मदद से मरीज अपने रोजमर्रा के काम निपटा सकता है, साथ ही एनालजेसिक्स लेने से भी बच सकता है । मल्टीपल मायलोमा, हिमेंजीओम और कई स्पाइनल बोन कैंसर में जहां परंपरागत थेरेपी भी काम नहीं करती, ऐसे में वर्टिब्रोप्लास्टी कारगर साबित होती है । वर्टिब्रोप्लास्टी सुरक्षित भी है । अगर आपको हड्डी टूटने के बाद काफी बैक पेन रहता है, तो दो हफ्तों का बेड रेस्ट, दर्दनिवारक दवाएं लेने की जरूरत नहीं है । आप वर्टिब्रोप्लास्टी भी करवा सकते हैं । क्या-क्या हैं इसके फायदे दर्द में कमी । कुछ मामलों में दर्द निवारक दवाओं की भी जरूरत नहीं होती है । कार्यक्षमता बढ़ाता है । फ्रैक्चर में राहत देकर दर्द कम करता है । रोजमर्रा की एक्टिविटी करने के लिए तैयार करता है । ऑस्टियोपोरोसिस और स्ट्रेंथनिंग के दौरान हड्डियों के बीच में हुई जगह को भरने के लिए सीमेंट का इस्तेमाल होता है, जिससे भविष्य में फ्रैक्चर होने की आशंका कम हो जाती है । संक्रमण का खतरा नहीं रहता है । यह प्रक्रिया 30 मिनट से भी कम समय में की जाती है, क्योंकि सीमेंट जल्द ही सख्त हो जाती है और दर्द भी कम हो जाता है । जल्द ही मरीज चलने-फिरने लगता है और उसी दिन घर भी जा सकता है । कमर दर्द अक्सर उन लोगों में अधिक देखने को मिलता है, जो फिजिकल वर्क ज्यादा करते हैं । यदि आपको भी रहता है कमर दर्द, तो होमियोपैथी चिकित्सा एक बार जरूर आजमाकर देखें । महिलाएं, इन घरेलू नुस्खों से दूर करें अपना कमर दर्द सोंठ और गोखरू का काढ़ा बनाकर पीने से कमर दर्द में राहत पा सकती हैं । इसका सेवन नियमित रूप से एक सप्ताह तक करने से लाभ होगा । विश्व योग दिवस पर जानें अर्ध चक्रासन के फायदे । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को है, लेकिन अभी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर दिन एक योगासन के फायदे बताते हुए वीडियो शेयर कर रहे हैं । इसके पीछे उनका मकसद सिर्फ इतना है कि योग के महत्व को लोग समझें । इसका नियमित रूप से अभ्यास करके खुद को हेल्दी बनाएं । ऐसे में लोगों को प्रोत्साहित और जागरूक करने के लिए ही वो हर दिन एक आसन का वीडियो शेयर कर रहे हैं । आज उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर अर्ध चक्रासन के फायदे बताने वाला एक वीडियो शेयर किया है । आप भी जानें अर्ध चक्रासन के फायदे और इसे करने के तरीके के बारे में- क्या है अर्ध चक्रासन अर्धचक्रासन में शरीर आधा चक्र बनाता है, इसलिए इसे अर्ध चक्रासन कहते हैं । नाम की तरह यह शरीर को आधा नहीं, बल्कि संपूर्ण लाभ पहुंचाता है । इस आसन को करते वक्स सांस लेने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देना चाहिए । इसकी एक वजह यह है कि अर्ध चक्रासन के दौरान सांस की गति में हेर-फेर होने से स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ सकता है । ऐसे में जरूरी है कि इसकी शुरुआत करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह ले लें । इस आसन में गलती करने से हड्डी पर असर हो सकता है । यहां तक कि कमर को पीछे की ओर ज्यादा मोड़ने की कोशिश भी खतरनाक साबित हो सकती है । इससे रीढ़ की हड्डी प्रभावित हो सकती है । अर्ध चक्रासन के सेहत पर कई लाभ होते हैं । कमर दर्द से लेकर मांसपेशियों तक को यह सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है । इससे हमारे शरीर में लचीलापन आता है । आप अच्छी तरह से सीधे होकर खड़े होना सीख जाते हैं । आप ऑफिस में अक्सर झुककर काम करते हैं या बैठते हैं । इसका परिणाम यह होता है कि कमर आगे की ओर झुक जाती है, जिससे कमर दर्द की समस्या शुरू हो जाती है । इसके फायदे कमर दर्द, स्लिप डिस्क और सायटिका के मरीजों को तमाम आसन करने से बचना चाहिए, लेकिन यह एक ऐसा आसन है जिसे करने से उन्हें भी लाभ पहुंच सकता है । यही नहीं इसके नियमित करने से पीठ, गर्दन और कमर की मांसपेशियों को बल मिलता है । इसके नियमित अभ्यास से आप सीधे होकर चलना सीख सकते हैं । कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए । जब भी कमर में अकड़न हो, पीठ में दर्द हो या गर्दन दर्द से परेशान हों, इस आसन को एक बार कर लेने से इस तरह की समस्याओं से छुट्टी मिल जाती है । अर्ध चक्रासन ब्रेस्ट साइज भी करता है कम यह योगासन आपके अपर-आर्म्स वाले हिस्से पर काम करता है । ब्रेस्ट के नीचे वाले हिस्से से फैट को कम करता है । ब्रेस्ट साइज कम करने के लिए भी इस आसन का नियमित अभ्यास किया जा सकता है । इस आसन को करते समय 15 सेकेंड्स तक इसी मुद्रा में रहें और इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं । बरतें सावधानी इसे करते समय यह ध्यान रखें कि कभी भी अपनी कमर को अतिरिक्त मोड़ने की कोशिश न करें । इससे कमर में लचक आ सकती है । गर्दन को भी कभी भी झटके से पीछे ना ले जाएं । इससे गर्दन के अकड़ने की आशंका बढ़ जाती है । यह आसन शरीर को संतुलित बनाए रखना सिखाता है, इसलिए हमेशा अपने शरीर के संतुलन में फोकस करें । फिर चाहे वह कमर हो या गर्दन । कोरोना के प्रकोप के बीच मध्य प्रदेश में बढ़ा स्वाइन फ्लू का खतरा, स्वाइन फ्लू के इन 9 लक्षणों को पहचानें । इससे निपटने और रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं । स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को लिखा गया है कि मौसम के बदलाव के कारण स्वाइन फ्लू सीजनल इन्फ्लूएन्जा एच-1 एन-1 के मरीजों की स्क्रीनिंग, निदान, उपचार व रोकथाम के लिए और उपचार के लिए भारत शासन द्वारा तय किए गए प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का पालन व कार्यवाही की जाए । स्वाइन फ्लू का खतरा किसे होता है अधिक बताया गया है कि इस बुखार का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किसी घातक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को होता है, इसलिए उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत ज्यादा है । सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रतिदिन दो बार फीवर क्लीनिक में सर्दी-खांसी मरीजों की रिपोर्ट राज्य सर्विलेंस इकाई को भेजें तथा पूरा ब्यौरा रखा जाए । रेगुलर फ्लू और सांस लेने से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है । जिन्हें अस्थमा, डायबिटीज है, उनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं । यदि आपको सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, पेट दर्द, चक्कर या भ्रम जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें । क्या है स्वाइन फ्लू एच1एन1 टाइप ए इन्फ्लूएंजा एक वायरल इंफेक्शन है, जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला था । अब, यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है । स्वाइन फ्लू के लक्षण नियमित इन्फ्लूएंजा से बहुत मिलते-जुलते हैं । इसमें बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, दस्त, खांसी और छींक आने जैसे लक्षण शामिल हैं । फ्लू सीजन में बेसिक हाइजीन का ख्याल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है । स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए विभिन्न टीकों के साथ ही कई तरह के एंटीवायरल ट्रीटमेंट भी मौजूद हैं । बुखार सिरदर्द ठंड लगना डायरिया खांसी छींकें आना गले में खराश थकान नासिका मार्ग का ब्लॉक होना । पटना में बर्ड फ्लू का खतरा । पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान को के कारण मंगलवार से अनिश्चतकाल तक के लिए बंद कर दिया गया है । इधर, चिड़ियाघर के अचानक बंद कर दिए जाने के कारण 25 दिसंबर को छुट्टी के मौके पर यहां घूमने आए लोगों को निराशा हाथ लगी । वन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पिछले एक सप्ताह के दौरान संजय गांधी जैविक उद्यान में छह मोरों की मौत हो गई थी । मृत मोरों की जांच मध्यप्रदेश के भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में कराई गई थी, जांच में मृत मोरों में पाया गया था । उन्होंने बताया, “पूरे इलाके की घेराबंदी कर एक प्रोटोकॉल के तहत जांच कराई जा रही है और संक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है । संक्रमणमुक्त होने के बाद ही उद्यान को आम लोगों के लिए खोला जाएगा । वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि सभी पक्षियों की जांच की जाएगी । जांच पूरी होने के बाद जब क्लियरेंस मिल जाएगा तभी चिड़ियाघर को फिर से खोला जाएगा । इधर, 25 दिसंबर को छुट्टी के मौके पर यहां घूमने आने वाले लोगों को चिड़ियाघर के बंद होने पर निराश होकर वापस लौटना पड़ा । क्रिसमस के दिन यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं । बर्ड फ्लू क्यों होता है, क्या चिकन खाने से बर्ड फ्लू होता है ? बर्ड फ्लू क्या है और बर्ड फ्लू के कारण क्या-क्या होते हैं.? इस तरह के सावाल का जवाब हर किसी के पास होना चाहिए. बर्ड फ्लू के नाम से पॉपुलर यह बीमारी H5N1 की वजह से होती है । यह वायरस पक्षियों और इंसानों को अपना शिकार ज्यादा बनाता है । चिकन, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है । बर्ड फ्लू के लक्षण की जानकारी हर किसी को होनी चाहिए. क्योंकि कुछ लोग बर्ड फ्लू के शिकार होते हैं और फ्लू का इलाज करा रहे होते हैं. अभी तक बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है. लेकिन कई बार यह इंसान से इंसान को भी हो जाता है. एवियन इन्फ्लूएंजा के शिकार इंसान पर मौत का खतरा भी होता है. बर्ड फ्लू के लक्षण बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं लेकिन सांस लेने में समस्या और हर वक्त उल्टी होने का एहसास इसके खास लक्षण हैं । कुछ सामान्य लक्षण निम्नवत हैं । बुखार हमेशा कफ रहना नाक बहना सिर में दर्द रहना गले में सूजन मांसपेशियों में दर्द दस्त होना हर वक्‍त उल्‍टी-उल्‍टी सा महसूस होना पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना सांस लेने में समस्या, सांस ना आना, निमोनिया होने लगता है । आंख में कंजंक्टिवाइटिस इंसान कैसे होता है बर्ड फ्लू का शिकार सामान्यतया इंसान में यह बीमारी मुर्गियों या संक्रमित पक्षी के बेहद निकट रहने से फैलती है । मुर्गी से अगर अपका संपर्क किसी प्रकार से होता है और वह इस वायरस के चपेट में होती है तो यह आपको भी हो जाता है । इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है । कैसे बचें संक्रमित पक्षियों से दूर रहें खासकर मरे पक्षियों से बिल्कुल दूर रहें । बर्ड फ्लू का संक्रमण अगर फैला है तो नॉनवेज ना खाएं । नॉनवेज खरीदते समय साफ-सफाई पर नजर रखें । संक्रमण वाले एरिया में कोशिश करें कि ना जाएं अगर जाएं तो मास्क पहनकर जाएं । बर्ड फ्लू का इलाज बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर से किया जाता है । इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना चाहिए । हेल्दी डायट लेनी चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो । बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए । बिहार में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद पशुपालन निदेशालय के पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान की ओर से भेजे गए मरी मुर्गियों के नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद अब संबंधिक क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गियों को मारने का काम शुरू कर दिया है । बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, गीस, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है । यह इन्फ्लूएंजा वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे इंसान व पक्षियों की मौत हो जाती है । पटना के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डी़ क़े शुक्ला ने बताया कि सोमवार को मृत मोरों की जांच रिपोर्ट मिली, जिसके बाद मंगलवार से संजय गांधी जैविक उद्यान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है । यह संक्रमण इंफ्लूएंजा वायरस से होता है । स्वाइन फ्लू एच1 एन1 वायरस के जरिए होता है । पिछले साल स्वाइन फ्लू के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई थी । हालांकि, सावधानी बरत कर आप स्वाइन फ्लू से अपना बचाव कर सकते हैं । कुछ घरेलू उपचारों को आजमाकर भी स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है । जानें, क्या है स्वाइन फ्लू और इसके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में सबकुछ… कैसे होता है स्वाइन फ्लू स्वाइन फ्लू बीमारी एच1एन1 वायरस की वजह से ही फैलती है । बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, डायबीटिज के रोगी व नशे के आदी लोगों को यह वायरस तेजी से अपनी चपेट में ले लेता है । इनके अलावा जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उनको भी इस बीमारी के होने का खतरा रहता है । स्वाइन फ्लू के लक्षण नजला, सर्दी-जुकाम, खांसी, तेज बुखार, थकान, शरीर, गले और सिर में दर्द, उल्टी व दस्त इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं । स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए मुख्य बातें • छींकते और खांसते समय मुंह पर रूमाल रखें । • भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोएं । • स्वाइन फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के पास मास्क पहनकर ही जाएं । • साफ रूमाल का प्रयोग करें । • खूब पानी पिएं और पोषण युक्त खाना खाएं । • मरीज से मिलते समय दूरी बनाकर रखें । • भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें । घरेलू उपचार जो ठीक करेंगे स्वाइन फ्लू कपूर कपूर का इस्तेमाल वर्षों से हर तरह के इंफेक्शन से बचाव के लिए किया जाता रहा है । एक साफ कपड़े में कपूर बांध कर रख दें । जब बाहर जाएं, तो इसे थोड़ी-थोड़ी देर में सूंघते रहें । गिलोय गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, साथ ही हमें स्वाइन फ्लू जैसे संक्रमित रोगों से भी दूर रखता है । गिलोय की कुछ शाखाओं को लें । इसके साथ तुलसी, काली मिर्च व सेंधा नमक लेकर पानी में उबालें । जब पानी आधा बच जाए तो ठंडा करके पिएं । तुलसी तुलसी में कई चमत्कारी गुण मौजूद होते हैं । तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बना लें । इसे पीने से इसके संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है । यह फेफड़ों और गले को साफ करती है और इंफेक्शन को होने नहीं देती है । बर्ड फ्लू के लक्षण बर्ड फ्लू के लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं लेकिन सांस लेने में समस्या और हर वक्त उल्टी होने का एहसास इसके खास लक्षण हैं । आंख में कंजंक्टिवाइटिस इंसान कैसे होता है बर्ड फ्लू का शिकार  सामान्यतया इंसान में यह बीमारी मुर्गियों या संक्रमित पक्षी के बेहद निकट रहने से फैलती है । कैसे बचें  संक्रमित पक्षियों से दूर रहें खासकर मरे पक्षियों से बिल्कुल दूर रहें । बर्ड फ्लू का इलाज बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर से किया जाता है । यदि आप टीवी, लैपटॉप आदि पर प्रोग्राम या फिल्म देखते हुए खाना खाते हैं तो इससे ओवर ईटिंग हो जाती है । ऐसे में आपके शरीर में फैट की मात्रा बढ़ सकती है, इसलिए खाना खाते हुए किसी और चीज में ध्यान ना लगाएं । घंटों एक ही जगह बैठने से रुक सकता है पैरों में ब्लड सर्कुलेशन, करें ये 2 आसान लेग एक्सरसाइज । गठिया समेत कई स्वास्थ्य समस्याओं का सीधा संबंध मोटापे से जुड़ा हुआ है । यह खास तौर पर घुटनों के पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस यानि गठिया की स्थिति को गंभीर करता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति असहज और घातक पीड़ा का अनुभव करता है । वेट लॉस और वेट गेन का यह सिलसिला कई लोगों के साथ अक्सर चलता रहता है । लेकिन इसकी वजहें जानते हैं आप? चलिए समझने की कोशिश करते हैं क्या है वेट लॉस के बाद अचानक से वजन बढ़ने की वजहें । जंक फूड खाने की बजाय, हेल्दी स्नैकिंग खाएं । एक गिलास दूध, सेब और मुट्ठीभर नट्स आदि नाश्ते में खा सकती हैं । इस स्वस्थ आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें । वजन कई बार आपकी खुद की आदतों और गलतियों से भी बढ़ने लगता है । जानें, कौन सी हैं वो वजहें, जिनके कारण आपका वजन बढ़ने लगता है । As many of us tend to find comfort in food, lockdown is quite likely. कुछ लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान रहते हैं । इसके लिए सारा दिन डायटिंग, एक्सरसाइज, वर्कआउट आदि करते रहते हैं । वजन कम करने के लिए प्रॉपर रूटीन फॉलो करते हैं, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने कम वजन को बढ़ाने के लिए कई प्यास करते हैं । दरअसल, हद से ज्यादा दुबला शरीर भी देखने में अच्छा नहीं लगता । साथ ही कोई भी ड्रेस सही तरीके से फिट नहीं आता है । ऐसे में शरीर पर  थोड़ी बहुत चर्बी तो होनी ही चाहिए । इसके लिए आप कुछ चीजों का सेवन करके देखें । शतावरी परंपरागत रूप से इसका कई स्त्री रोगों के लाभों के लिए इस्तेमाल किया जाता है । यह वजन बढ़ाने में भी मदद करता है । यह जड़ी-बूटी भूख बढ़ाती है । साथ ही इसके सेवन से थकान और तनाव भी दूर होता है । जीरा जीरा तो हर घर के किचन में मौजूद होता है । यह बहुत कॉमन मसाला है, जिसके इस्तेमाल से आप दाल, सब्जी आदि में तड़का, छौंक लगाते हैं । स्वाद के अलावा, जीरा का इस्तेमाल चिकित्सीय रूप में भी किया जाता है । यह इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करता है । पाचन में सुधार करता है और भूख बढ़ाने में भी मदद करता है । सौंफ सौंफ में भूख बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं । यह एनोरेक्सिया यानी भूख ना लगने की समस्या को भी दूर करता है । इसके अलावा यह भूख भी बढ़ाता है । आप इसे अपने भोजन में भी मिला सकते हैं या फिर ऐसे भी चबाकर खा सकते हैं । सफेद मुसली यह स्ट्रेंथ बढ़ाती है । कमजोरी को कम करने में मदद करती है । यह मांसपेशियों को भी मजबूत बनाती है । यह तनाव और अवसाद को कम करने का एक प्राकृतिक उपाय है । तनाव काफी हद तक भूख ना लगने का कारण बनता है । सफेद मुसली का सेवन आप जरूर करें, कुछ ही दिनों में आपका वजन बढ़ने लगेगा । ठंड में अक्सर लोगों का वजन बढ़ने लगता है । क्यों होता है ऐसा, किन कारणों से सर्दियों में वजन बढ़ने लगता है और वजन को नियंत्रित रखने के उपाय क्या हैं? जानें यहां... मस्की वेजाइनल ओडर: जब आपकी योनि स्वस्थ होती है, तो इसकी गंध आपकी गतिविधि के स्तर के आधार से अलग हो सकती है । जब आप तीव्र स्पिन करती हैं तो महिलाओं को इसके आस-पास के क्षेत्र में कसूरी जैसी गंध महसूस करते हैं ऐसा पसीने की ग्रंथियों के मॉइश्चर रिलीज करने की वजह से होता है । नहाने के बाद यह गंध दूर हो जाती है । ये हैं 4 मुख्य कारण जो वजन घटाने की बजाय बढ़ा देते हैं क्या है अर्ध चक्रासन अर्धचक्रासन में शरीर आधा चक्र बनाता है, इसलिए इसे अर्ध चक्रासन कहते हैं । नाम की तरह यह शरीर को आधा नहीं, बल्कि संपूर्ण लाभ पहुंचाता है । इस आसन को करते वक्स सांस लेने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान देना चाहिए । इसकी एक वजह यह है कि अर्ध चक्रासन के दौरान सांस की गति में हेर-फेर होने से स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर पड़ सकता है । ऐसे में जरूरी है कि इसकी शुरुआत करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह ले लें । इस आसन में गलती करने से हड्डी पर असर हो सकता है । यहां तक कि कमर को पीछे की ओर ज्यादा मोड़ने की कोशिश भी खतरनाक साबित हो सकती है । इससे रीढ़ की हड्डी प्रभावित हो सकती है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मथुरा में स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरूआत करते हुए देश भर से सिंगल यूज प्‍लास्टिक के इस्‍तेमाल पर रोक की मांग की है । यह सेहत के लिए इतना ज्‍यादा खतरनाक है कि इससे कैंसर होने का भी जोखिम रहता है । अधिक बेली फैट के नुकसान  बेली फैट के कारण तनाव, डिप्रेशन, एंग्जायटी, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज, सुस्ती, नींद में कमी जैसी शारीरिक समस्याएं आपको घेर सकती हैं । महिलाओं में अधिक बेली फैट होना किस तरह से नुकसानदायक हो सकता है, जानें... 1 सूजन की समस्या से हो सकती हैं परेशान बेली फैट अधिक होने से आपको सूजन की समस्या हो सकती है । 2 महिलाओं में बेली फैट डायबिटीज के खतरे को बढ़ाए महिलाओं के पेट के आसपास एक्सेस फैट एकत्रित होने से डायबिटीज के रिस्क को भी बढ़ा सकता है । 3 अधिक बेली फैट से बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर जब आपके शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ता है, तो ब्लड प्रेशर हाई होने लगता है । 4 नींद नहीं आती यदि आपका वजन अधिक है, बेली फैट हद से ज्यादा बढ़ गया है, तो आपको रात में नींद आने में समस्या हो सकती है । 5 हार्ट डिजीज का बढ़ जाता है रिस्क वजन अधिक होने या बेली फैट के कारण कार्डियोवैस्कुलर रोगों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है । बीन्स में किसी भी हरी सब्जियों से कहीं ज्यादा प्रोटीन और सॉल्यूबल फाइबर्स होते हैं । कुछ आयुर्वेदिक चीजों के सेवन से भी वजन में इजाफा किया जा सकता है । जानें, आप आयुर्वेदिक तरीके से कैसे अपना वजन बढ़ा सकते हैं । Obesity and Coronavirus: कोरोना की वैक्सीन का इंतजार हर किसी को बेसब्री से है । वैक्सीन आने पर कितनी कारगर साबित होगी, यह तो बाद की बात है, लेकिन एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है कि मोटे लोगों पर कोरोना वैक्सीन का असर ही नहीं होगा । इस समय भारत के साथ-साथ रूस, ब्रिटेन, अमेरिका सहित कई देश वैक्सीन बनाने की रेस में आगे चल रहे हैं । रूस ने दावा किया है कि 12 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण करा लेगा । मोटे लोगों पर बेअसर होगी कोरोना की वैक्सीन? पहले हुई स्टडी में ये बात सामने आई थी कि मोटापे के शिकार लोगों में कोरोनावायरस से संक्रमित होना का खतरा अधिक रहता है । अब मोटापा और वैक्सीन से संबंधित एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है । यह अध्ययन अमेरिका की अलबामा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है । अध्ययन में कहा गया है कि  मोटे लोगों में वैक्सीन ज्यादा असरदार साबित नहीं होगी । सार्स-कोव-2 वायरस पर अधिक असरदार साबित नहीं हो पाएगी । इसकी वजह है शरीर में अधिक मात्रा में चर्बी मौजूद होना । इसके लिए शोधकर्ताओं ने अध्ययन में फ्लू के टीके का हवाला देते हुए कहा कि 2017 में एक शोध किया गया था, जिसमें मोटापे से ग्रस्त लोगों को फ्लू और हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया गया था, जो संबंधित संक्रमण का मुकाबला करने में कारगर साबित नहीं हुए थे । उनमें एंटीबॉडी भी पैदा नहीं हो पाई थी । अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि मोटे लोग फ्लू और हेपेटाइटिस के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं । उनमें कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका रहती है । शोध के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त लोगों में कोरोना की वैक्सीन दो कारणों से काम नहीं करेगी । पहला, टी-कोशिकाओं का ठीक तरह से काम ना करना । टी-कोशिकाएं वे कोशिकाएं होती हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता   को एंटीबॉडी पैदा करने का संदेश देती हैं । दूसरा कारण है, इम्यूनिटी के सक्रिय होने से शरीर में सूजन की समस्या बढ़ सकती है । सूजन होने से ‘मैक्रोफेज नामक कोशिकाओं का निर्माण होना बंद हो जाता है । मैक्रोफेज कोशिकाएं शरीर में मौजूद घातक तत्वों को नष्ट करने का काम करती हैं । शोध में कहा गया है कि भले ही फ्लू और हेपेटाइटिस-बी के टीके की तरह वैक्सीन मोटे लोगों पर प्रभावी ना हो, लेकिन कुछ हद तक सुरक्षा जरूर प्रदान करेगी । कहने का तात्पर्य ये है कि वैक्सीन थोड़ी भी असर करती है, तो मृत्यु या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है । ऐसे में हर किसी को कोरोना का टीका आने पर टीकाकरण जरूर करा लेना चाहिए । कुछ जूस का सेवन नियमित रूप से करने से पेट की चर्बी कम होने लगती है । जानें, कौन से जूस या हेल्दी ड्रिंक्स बेली फैट कम करने में मदद करती हैं । कभी भी भोजन करना, नाश्ता ना करना, जल्दी-जल्दी खाना आदि कुछ ऐसी गलत आदतें हैं, जो वजन को कम होने की बजाय बढ़ाते हैं । जानें, कुछ ऐसी गलतियों के बारे में जिन्हें आप अक्सर करते हैं और ये ही गलतियां आपके वजन बढ़ने का कारण बनती हैं... सुबह की इन पांच आदतों के अक्सर लोग शिकार हैं. ये पांच आदते वजन बढ़ाने के साथ कई बीमारियों का कारण भी बन रही हैं. आप इन आदतों को बदलकर मोटापा से बच सकते हैं. मोटापा बन सकता है अर्थराइटिस का सबसे बड़ा कारण यदि आप अपने दुबलेपन को दूर करना चाहती हैं तो आपको अपने पाचन का ध्यान रखते हुए दही, दूध तथा घी का अधिक सेवन करना चाहिए । जानें, आप कौन सी 4 गलतियां हर दिन करते हैं, जो आपका वजन कम करने की बजाय बढ़ा रहे हैं... हेल्दी डाइट और वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय  अपने फूड में कैलोरी, फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड की मात्रा बढ़ाकर वजन को बढ़ाया जा सकता है । ऐसे फूड जो वजन बढ़ाते हैं  प्रोटीन की मात्रा वजन बढ़ाने के लिए सबसे ज्याादा कारगर होती है । दूध और शहद से वजन बढ़ाएं  दूध और शहद के सेवन से वजन आसानी से बढ़ सकता है । हेल्दी फैट वाले फूड जो वजन बढ़ाते हैं  अगर आप वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय अपना रहे हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि फैट वाले फूड हेल्दी हों । कौन सी रोटी वजन बढ़ाती है  अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा कम हो तो आपको साबुत अनाज वाली रोटियों का सेवन करना चाहिए । ड्राई फ्रूट्स से वजन बढ़ाएं  ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हेल्दी माना जाता है । हरी सब्जियों का इस्तेमाल  कम वजन की वजह से अगर छुटकारा चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट में हरी सब्जियों को भी शामिल करना चाहिए । वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय कैसे कारगर हो   कम वजन है तो आपको डाइट के साथ एक्सरसाइज पर भी ध्यान देने की जरूरत है । जब भी बात वजन कम करने की होती है तो एक्सरसाइज का शरीर पर से चर्बी घटाने में एक बहुत बड़ा हाथ होता है । एक सही वर्कआउट रूटीन का चुनाव करना वास्तव में आपके लक्ष्य को पूरा करने में आपकी काफी मदद कर सकता है । अपनी जरूरतों के अनुरूप वजन कम करने वाली एक्सरसाइज का चुनाव लंबे समय तक आपको सही वजन बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है । लेकिन कभी-कभार सब कुछ सही करते हैं हुए भी आपका वजन कम नहीं हो पाता । बढ़ती उम्र के साथ वजन भी बढ़ता है. यह किसी से छुपा नहीं है कि इसे एक सीमा के बाद रोका भी नहीं जा सकता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है ? जानें एक्सपर्ट की राय कि क्या आम खाने से बढ़ जाता है वजन ? अंजीर खाने से पुरुषों में लो स्पर्म काउंट की समस्या दूर होती है । यदि आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो भी इस फल को खा सकते हैं । इस फल के फायदे इतने ही नहीं हैं । अंजीर खाने के अन्य स्वास्थ्य लाभ ये रहे... जो लोग काफी स्लिम होते हैं वे सप्लीमेंट, जिम या किसी भी तरह अपना वजन बढ़ाना तो चाहते हैं लेकिन उन्हें उस तरह का रिजल्ट मिल नहीं पाता है । अगर आप भी उन्हीं लोगों में से एक हैं तो आज से ही मखाना खाना शुरू कर दीजिए । यह एक ऐसा सुपरफूड है जो तेजी से वजन बढ़ाने के साथ ही आपकी मसल्स को भी मजबूत करेगा । तो आइए जानते हैं वजन बढ़ाने के लिए कैसे करना है मखाने का सेवन । मैदा के अधिक सेवन से भी वजन कम नहीं होता है । इसमें चोकर और विटमिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी होती है । मैदे से शरीर में ब्लड शुगर तेजी से बढ़ती है । इसके कारण डायबीटीज और कैंसर तक के होने के चांसेज रहते हैं । क्या आपने कभी सोचा कि जो बहुत मोटे-मोटे लोग वजन कम करने के बाद इतने पतले हो गये उनकी चर्बी का क्या हुआ होगा ? शोध में कहा गया है कि अगर नितंबों का वजन बहुत अधिक न हो यानी थोड़ा सा ही अधिक हो, तो इससे दिमाग की सुरक्षा भी होती है । अंडरवेट लोगों के लिए वरदान हैं ये 4 आसान एक्सरसाइज, मसल्स बनने के साथ होगा वेट गेन इसलिए अगर आप भी इन्हीं में से हैं जो जरूरत से ज्यादा पतले हैं और वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आज हम आपको 4 ऐसी एक्सरसाइज बता रहे हैं जो वाकई फायदेमंद हैं । तो आइए जानते हैं क्या हैं ये एक्सरसाइज- ट्राइसेप्स डिप्स जो लोग अंडरवेट हैं जो अब वजन बढ़ाना चाहते हैं लेकिन कर्वी फिगर के साथ तो अपने दिनभर के वर्कआउट में ट्राइसेप्स डिप्स शामिल करें । इस एक्सरसाइज को करने से बाहों को सही शेप मिलती है और मसल्स मजबूत होती है । इस एक्सरसाइज को करने से बैक बॉडी भी टोन्ड होती है । इस एक्सरसाइज को करने में आपको थोड़ी सी मेहनत लगानी पड़ सकती है । इसे करने के लिए दोनों हाथों को पीठ के पीछे बेंच पर टिकाएं और पैरों को सामने वाले बेंच पर रखें । अब हाथों की मदद से अपने शरीर को ऊपर उठाएं और नीचे लाएं । आप एक दिन छोड़कर इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं । पुश अप्स यदि आप वजन बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करना चाहते हैं तो पुश अप्स सबसे बेस्ट है । पुश अप्स करने से आपकी ऊपरी बॉडी टोन्ड रहती है और एक्स्ट्रा मसल्स गेन होने में मदद मिलती है । इन दिनों इस बॉडी वर्कआउट करने का एक लाभ यह भी है कि इससे पीठ, गर्दन और शोल्डर के दर्द से भी राहत मिलती है । लेकिन अगर आप पहली बार पुश अप्स करना ट्राई कर रहे हैं तो शुरुआत में किसी की निगरानी में करें या फिर सीमित संख्या में करें । बेंच प्रेस वजन बढ़ाने के लिए बेंच प्रेस एक्सरसाइज भी बहुत कारगार है । यह एक्सरसाइज महिलाओं को लिए अधिक सुझाई जाती है । जिन महिलाओं के स्तन छोटे हैं इस एक्सरसाइज को करने से उन्हें बढ़ाया जा सकता है । इसे करना भी बेहद आसान है । एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले बेंच पर पीठ के बल लेटें और फिर दोनों हाथों से बार्बेल को पकड़ें । अब करीब 12 से 15 मिन​ट तक आपको बार्बेल को ऊपर से नीचे लाना है । इस एक्सरसाइज को करने से पुरुषों का सीना चौड़ा होता है । डंबल चेस्ट प्रेस अगर आप भी अंडरवेट हैं और तेजी से वजन बढ़ाना चाहते हैं तो आज से ही डंबल चेस्ट प्रेस करना शुरू कर दें । इस एक्सरसाइज को करने के लिए आपको डंबल्स की जरूरत पड़ेगी । इसे करना भी आसान है । डंबल चेस्ट प्रेस को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और फिर डंबल की मदद से हाथों को ऊपर नीचे लाएं । इससे बाइसेप्स तो स्ट्रॉंग होंगे ही साथ ही सीना भी चौड़ा होगा । पीएम मोदी ने देश से सिंगल यूज प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल बंद कर देने की अपील की है । दुनिया भर में प्‍लास्टिक का प्रदूषण एक बड़ी चिंता बन चुका है । इससे जल निधियां तो प्रभावित हो ही रहीं हैं, मनुष्‍यों की सेहत पर भी गंभीर खतरे मंडरा रहे हैं । जल, जमीन और खाद्य पदार्थों में शामिल होकर ये मनुष्‍यों की सेहत के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर रहा है । आइए जानते हैं क्‍या है सिंगल यूज प्‍लास्टिक  और क्‍या हैं इसे इस्‍तेमाल करने के जोखिम । क्‍या है सिंगल यूज प्‍लास्टिक सिंगल यूज प्‍लास्टिक वह प्‍लास्टिक के उत्‍पाद हैं जिनका हम केलव एक बार उपयोग करते हैं और उसके बाद उसे फेंक देते हैं । पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने में प्लास्टिक की भूमिका सबसे ज्यादा है । इसके अतिरिक्त मानव तथा मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए भी ये बहुत खतरनाक साबित हो रहा है । इसे डिस्पोजेबल प्‍लास्टिक भी कहा जा सकता है । इसमें प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट्स, छोटे बोतल और प्लास्टिक से बने दूसरे सामान शामिल हैं । प्‍लास्टिक स्‍ट्रॉ, अन्‍य डिस्‍पोजेबल सामान भी इसमें शामिल हैं । क्‍या कहा पीएम मोदी ने नदियों, झील और तालाब में रहने वाले प्राणियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है । सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा । हमें यह कोशिश करनी है कि इस वर्ष 2 अक्टूबर तक अपने घर, दफ्तर, कार्यक्षेत्र को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें । सिंगल यूज प्लास्टिक यानी ऐसा प्लास्टिक जिसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है । रीसाइक्लिंग भी नहीं है समाधान हालांकि, इसकी रीसाइक्लिंग की जा सकती है, पर केवल 7.5 फीसदी प्‍लास्टिक की ही रीसाइक्लिंग हो पाती है । शेष जमीन और पानी में मिलकर हानिकारक प्रदूषण का हिस्‍सा बन जाता है । केवल 7.5 फीसदी प्‍लास्टिक की ही रीसाइक्लिंग हो पाती है । Belly fat in women: कई शोध में बात सामने आई है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक बेली फैट होना घातक हो सकता है । इससे कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है । कुछ लोगों के साथ कोई परेशानी नहीं होती फिर भी वो दुबले नजर आते हैं । यदि आप चाहते हैं कि दो-तीन किलो आपका वजन बढ़ जाए तो, निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को आज से ही अपने भोजन में शामिल करें । कई बार कुछ आपकी ही गलतियों के कारण वजन बढ़ने लगता है और आपको इसके कारणों का पता ही नहीं चल पाता है । आप अपनी दिनचर्या में जो कुछ भी करते हैं, वह आपकी सेहत के साथ-साथ आपके वजन बढ़ने का कारण भी हो सकता है । बेशक आप हर दिन एक्सरसाइज करते हों, जिम जाकर वर्कआउट करते हों, लेकिन इन चीजों के करने का असर शरीर पर तभी होगा जब आप अपनी लाइफस्टाइल को सुधारेंगे । आप कितना भी एक्सरसाइज करें या बैलेंस डायट लें, लाइफस्टाइल सही नहीं करेंगे, तो वजन बढ़ना तय है । इससे आपको कई शारीरिक समस्याओं को भी आगे चलकर सामना करना होगा । कभी भी कुछ भी खा लेना, नाश्ता ना करना आदि कुछ बातें हैं, जो काफी हद तक होती हैं । 4 कारण, जो बढ़ा सकते हैं आपका वजन 1 अक्सर लोग सुबह इतने जल्दीबाजी में होते हैं कि वो हर दिन नाश्ता नहीं करते । यह आदत भी काफी हद तक वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है । लोग सोचते हैं कि सुबह में हेवी ब्रेकफास्ट करने से वजन बढ़ता है, लेकिन ऐसा नहीं है । वजन कम करने के लिए आप हर दिन नाश्ता जरूर करें । इससे आप फिट और हेल्दी लंबी उम्र तक बने रहेंगे । इसकी वजह ये है कि जब आप सुबह कुछ नहीं खाते तो अचानक 12-1 बजते-बजते जोर की भूख लगती है और फिर आप कैंटीन में एक ही बार में ढेर सारा खाना खा लेते हैं । जो भी कैंटीन में उपलब्ध होता है जैसे जंक फूड, अनहेल्दी फैटी फूड्स भी आप तब खा लेते हैं । आप हर दिन ऐसा करते हैं, तो इससे वजन बढ़ सकता है 2. पानी जो लोग कम पीते हैं, उनका भी वजन बढ़ने लगता है । पानी ना पीने से शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार तो होगा ही, त्वचा भी ड्राई रहेगी और वजन भी बढ़ेगा । दरअसल, वजन कम करने के लिए भी हर दिन वयस्कों को 3 लीटर पानी पीना चाहिए । पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, पाचन ठीक रहती है । डिब्बा बंद फ्रूट जूस या अन्य कोल्ड ड्रिंक्स में कैलोरी अधिक होती है, जो वजन बढ़ा सकता है । बेहतर विकल्प है खूब पानी पीना । 3. मीठा खाने से भी तेजी से वजन बढ़ता है । डायबिटीज होने की संभावना बढ़ सकती है । मीठा खाना इतना ही पसंद है, तो दिन के समय ही मीठी चीजें खाएं, रात में सोने से पहले भूलकर भी मीठी चीजें ना खाएं, खासकर वे लोग जिनका वजन बढ़ रहा है । 4. शारीरिक गतिविधियां नहीं करने से भी वजन बढ़ने लगता है । फिट रहने के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है । सारा दिन बैठे ना रहें, इससे भी वजन बढ़ता है । संतुलित डायट ले रहे हैं, तो अपना वजन बिल्कुल भी कम नहीं कर सकते हैं, क्योंकि बैलेंस डायट के साथ एक्सरसाइज भी जरूरी है । बचपन का बढ़ा हुआ वजन आने वालेे जीवन में भी स्‍वास्‍थ्‍य का प्रभावित करता है । इसलिए जरूरी है कि बच्‍चों के रूटीन में शारीरिक श्रम, व्‍यायाम और वर्कआउट को शामिल किया जाए । विश्व योग दिवस पर जानें अर्ध चक्रासन के फायदे । यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका वजन कम है या अधिक है, तो कुछ कुछ संकेतों से जान सकते हैं कि आपका वजन कम है या अधिक है । इस तरीके से आप शरीर को स्वस्थ और हेल्दी रख सकते हैं । आलू को लेकर कई भ्रम लोगों के मन में रहता है. आलू क्या सच में वजन बढाता है ? अगर आपके भी मन में यह सवाल है तो इसके बारे में आपको विस्तार से समझना होगा. आइए जानते हैं आलू खाने का सही तरीका और इसके फायदे व नुकसान के बारे में.... वेजाइनल ओडर यानी महिलाओं की योनि से दुर्गंध आना । कई महिलाएं वेजाइनल ओडर की समस्या से परेशान रहती हैं । यह कई बार शर्मिंदगी का कारण भी बन जाता है । योनि से दुर्गंध आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे वेजाइनल इंफेक्शन । यदि बार-बार आपको यह समस्या हो तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा । डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है । वेजाइनल ओडर कई प्रकार के हो सकते हैं । जानें, वेजाइनल ओडर से आने वाले दुर्गंध के प्रकार और इस समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय ... दस दिन या एक महीने में वजन कम करने का कोई नायाब तरीका नहीं होता । यह सिर्फ एक मिथ है । यदि आपको लगता है कि कोई भी प्रोडक्ट कम समय में ही वजन कम करने का दावा करती है, तो यह पूरी तरह से असंभव है । वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है गुड मेटाबॉलिक रेट का होना । हेल्दी और बैलेंस डायट लेना, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, प्रत्येक दिन अच्छी नींद लेना एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी बाते हैं । कुछ लोगों का मेटाबॉलिक रेट वाकई काफी अच्छा होता है, लेकिन कुछ लोगों को अपनी मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने के लिए उस पर काम करना होता है, पर कैमोमाइल हर्बल टी कर सकते हैं । कैमोमाइल टी कैसे करती है वजन कम कैमोमाइल टी पीने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है । तेजी से जब आपका चयापचय दर होता है । कैमोमाइल टी पीने का एक और लाभ यह है कि यह चाय संभवतः पहले से ही आपके किचन कैबिनेट में बैठी है – कैमोमाइल चाय । इसका अधिक लाभ पाने के लिए हर रात सोने से पहले कैमोमाइल चाय पिएं । वजन घटाने के अलावा इसके कई फायदे हैं । जानें, उनके बारे में… वजन करे कम कैमोमाइल चाय वजन कम करने के आपके प्रयासों को बढ़ावा देती है । यह स्वस्थ खाने का पूरक है और सूजन को भी कम करती है । यह चाय गैस्ट्रिक रस को उत्तेजित करती है, जो भोजन को तोड़ने में मदद करती है, जिससे पाचन तेज होता है । डिटॉक्सिफिकेशन कैमोमाइल चाय कैल्शियम और पोटैशियम में समृद्ध होता है । यह शरीर को डिटॉक्स करती है । अतिरिक्त वाटर रिटेंशन से भी छुटकारा दिलाती है । कैमोमाइल टी पेट को शांत करने और भूख पर अंकुश लगाने के लिए अद्भुत काम करती है । यह आपके वजन घटाने की यात्रा को आसान बनाता है । इम्यूनिटी करे बूस्ट कैमोमाइल टी पीने से शरीर की इम्यून पावर मजबूत होती है । स्ट्रेस कम करके रात में अच्छी नींद दिलाती है । सर्दी-खांसी से परेशान रहते हैं, तो यह चाय जरूर पिएं । पीरियड्स के दिनों में होने वाले पेट दर्द और ऐंठन को भी काफी हद तक कम करती है । डाइजेस्टिव सिस्टेम करे ठीक डाइजेस्टिव सिस्टेम ठीक करना यानी गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, दस्त, बदहजमी, उल्टी या मतली का एहसास, पेट में गैस की तकलीफ जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है । एक अध्ययन के अनुसार, इस चाय को पीने से गैस्ट्रिक निकलता है, जो फैट और कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने में मदद करता है । ये चाय ग्लूकोज को एब्जॉर्ब  करने में बाधा उत्पन्न करता है, जो वजन बढ़ने नहीं देता है । Know why practising Ardha Chakrasana is helpful. — Narendra Modi बीमारियों को दूर करे अर्ध चक्रासन के सेहत पर कई लाभ होते हैं । कमर दर्द से लेकर मांसपेशियों तक को यह सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है । इससे हमारे शरीर में लचीलापन आता है । आप अच्छी तरह से सीधे होकर खड़े होना सीख जाते हैं । आप ऑफिस में अक्सर झुककर काम करते हैं या बैठते हैं । इसका परिणाम यह होता है कि कमर आगे की ओर झुक जाती है, जिससे कमर दर्द की समस्या शुरू हो जाती है । इसके फायदे कमर दर्द, स्लिप डिस्क और सायटिका के मरीजों को तमाम आसन करने से बचना चाहिए, लेकिन यह एक ऐसा आसन है जिसे करने से उन्हें भी लाभ पहुंच सकता है । यही नहीं इसके नियमित करने से पीठ, गर्दन और कमर की मांसपेशियों को बल मिलता है । इसके नियमित अभ्यास से आप सीधे होकर चलना सीख सकते हैं । कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए । जब भी कमर में अकड़न हो, पीठ में दर्द हो या गर्दन दर्द से परेशान हों, इस आसन को एक बार कर लेने से इस तरह की समस्याओं से छुट्टी मिल जाती है । अर्ध चक्रासन ब्रेस्ट साइज भी करता है कम यह योगासन आपके अपर-आर्म्स वाले हिस्से पर काम करता है । ब्रेस्ट के नीचे वाले हिस्से से फैट को कम करता है । ब्रेस्ट साइज कम करने के लिए भी इस आसन का नियमित अभ्यास किया जा सकता है । इस आसन को करते समय 15 सेकेंड्स तक इसी मुद्रा में रहें और इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं । बरतें सावधानी इसे करते समय यह ध्यान रखें कि कभी भी अपनी कमर को अतिरिक्त मोड़ने की कोशिश न करें । इससे कमर में लचक आ सकती है । गर्दन को भी कभी भी झटके से पीछे ना ले जाएं । इससे गर्दन के अकड़ने की आशंका बढ़ जाती है । यह आसन शरीर को संतुलित बनाए रखना सिखाता है, इसलिए हमेशा अपने शरीर के संतुलन में फोकस करें । फिर चाहे वह कमर हो या गर्दन । अगर आप बेली फैट कम करने की सोच रहे हैं तो पहले उसके प्रकार के बारे में जरूर जान लें । कम वजन की परेशानी अगर आपको है तो वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं । एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट की मदद से आप अपने वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय को सफल बना सकते हैं । वजन बढ़ाने के लिए कुछ लोग कई तरह के घरेलू उपायों को अपनाते हैं । लेकिन क्या वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय वास्तव में ठीक होते हैं ? कुछ लोगों का वजन जरूरत से ज्यादा कम होता है जिसके कारण वो कमजोर नजर आते हैं । अगर आप भी वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय अपना रहे हैं तो आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है । एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट की मदद से आप अपने कम वजन से छुटकारा पा सकते हैं । हेल्दी डाइट और वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय अपने फूड में कैलोरी, फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड की मात्रा बढ़ाकर वजन को बढ़ाया जा सकता है । वजन बढ़ाने के लिए जब भी आप डाइट चार्ट बनाएं तो इन पोषक तत्वों के बारे में जरूर ध्यान रखें । हम यहां कुछ ऐसे ही फूड के बारे में बात कर रहे हैं जो वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय के सबसे अच्छे विकल्प हैं । ऐसे फूड जो वजन बढ़ाते हैं प्रोटीन की मात्रा वजन बढ़ाने के लिए सबसे ज्याादा कारगर होती है । प्रोटीन शेक और प्रोटीन वाले फूड वजन बढ़ाने में मदद करते हैं । प्रोटीन फूड के तौर पर देखें तो मछली, अंकुरित चना, चिकन, चावल, दूध, अंडा, सोया मिल्क, फलियां, बींस में पर्याप्त प्रोटीन पाया जाता है । दूध और शहद से वजन बढ़ाएं दूध और शहद के सेवन से वजन आसानी से बढ़ सकता है । दूध और शहद वजन बढ़ाने में सबसे ज्यादा कारगर माना जाता है । रात के समय सोने से पहले एक ग्लास दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से वजन बढ़ने लगता है । हेल्दी फैट वाले फूड जो वजन बढ़ाते हैं अगर आप वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय अपना रहे हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि फैट वाले फूड हेल्दी हों । हेल्दी फैट वाले फूड में आप पनीर, मक्खन, घी और देसी तेल का उपयोग कर सकते हैं । कौन सी रोटी वजन बढ़ाती है अगर आपका वजन जरूरत से ज्यादा कम हो तो आपको साबुत अनाज वाली रोटियों का सेवन करना चाहिए । गेहूं, चने, बाजरे की रोटियां वजन बढ़ाने में कारगर हैं । जो भी आटा उपयोग में लाएं वो कम से कम प्रोसेस्ड हो तो ज्यादा असर होता है । ड्राई फ्रूट्स से वजन बढ़ाएं ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हेल्दी माना जाता है । अगर आप भी वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय अपना रहे हैं तो आपको अखरोट, किशमिश, बादाम, खरबूज के बीज को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए । हरी सब्जियों का इस्तेमाल कम वजन की वजह से अगर छुटकारा चाहते हैं तो आपको अपनी डाइट में हरी सब्जियों को भी शामिल करना चाहिए । हरी सब्जियों में शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो जरूरी पोषण देकर सामान्य वजन प्रदान करती हैं । वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय कैसे कारगर हो कम वजन है तो आपको डाइट के साथ एक्सरसाइज पर भी ध्यान देने की जरूरत है । जब आप वजन बढ़ाने वाली डाइट ले रहे हों तो एक्सरसाइज करना न भूलें । डाइट के साथ एक्सरसाइज करते रहने से एक्ट्रा कैलोरी बर्न होती रहती है । घरेलू उपाय से वजन बढ़ाने के लिए सबसेअहम बात होती है कि आपको नाश्ता अच्छा करना होता है और डिनर बहुत ही हल्का करना होता है । कम वजन से छुटकारा पाने के लिए फैट वाले फूड, प्रोटीन फूड और मिनर्लस वाले फूड की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए । जब आप डाइट ले रहे हों तो वजन पर नजर जरूर रखें । महीने में दो बार अपने वजन की जांच अवश्य करें । अगर आपको भूख नहीं लगती है तो दिन में हर दो घंटे पर कुछ न कुछ खाने की आदत बनाएं । अनहेल्दी फूड को खाने से बचे । पिज्जा, बर्गर, चिप्स जैसे फूड खाने से बचना चाहिए । खाली पेट सोने से सेहत पर क्या असर पड़ता है इसके बारे में लोग बीना सोचे ही ऐसा करते रहते हैं । अगर आप भी खाली पेट सोते हैं तो आपको इसके खतरे के बारे में जरूर जान लेना चाहिए । क्योंकि खाली पेट सोना खतरे से खाली नहीं है । आइए जानते हैं खाली पेट सोने से होने वाले प्रमुख खतरों के बारे में । कुछ लोगों को लगता है कि चावल खाने से वजन बढ़ता है, पर यह एक गलत धारणा है । चावल में कैलोरी अधिक नहीं होती है, ऐसे में इसे खाने से वजन नहीं बढ़ता है । जानें, चावल से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथक के बारे में यहां... बच्चों को एक्सरसाइज करवाना इसलिए भी जरूरी हो गया है, क्योंकि आजकल बच्चे अपना अधिकतर समय कंप्यूटर, टीवी और मोबाइल पर गेम खेलते हुए बिताते हैं । कोई भी फिजिकल एक्टिविटी ना होने के कारण बच्चों को मोटापा और डायबिटीज की समस्याएं हो रही हैं । सेब : सेब फैट-बर्निंग फल होता है जो आपके बेली फैट को कम करता है । इसके अलावा सेब में फाइबर होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आपको अधिक भूख नहीं लगती है । इसके अलावा सेब में कैलोरी भी कम मात्रा में होता है । मोटापा एक ऐसी समस्या है, जो एक या दो नहीं बल्कि अनगिनत बीमारियों को जन्म देता है, जिसमें फैटी लिवर एक गंभीर बीमारी भी शामिल है । यह मध्यम आयु वर्ग की आबादी के बीच एक आम बीमारी बनती जा रही है । पर्याप्त नींद हर दिन लें । 8 से 9 घंटे की नींद हर किसी के लिए जरूरी है । नींद पूरी न होने से भी वजन तेजी से बढ़ता है । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को है, लेकिन अभी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर दिन एक योगासन के फायदे बताते हुए वीडियो शेयर कर रहे हैं । इसके पीछे उनका मकसद सिर्फ इतना है कि योग के महत्व को लोग समझें । इसका नियमित रूप से अभ्यास करके खुद को हेल्दी बनाएं । ऐसे में लोगों को प्रोत्साहित और जागरूक करने के लिए ही वो हर दिन एक आसन का वीडियो शेयर कर रहे हैं । आज उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर अर्ध चक्रासन के फायदे बताने वाला एक वीडियो शेयर किया है । आप भी जानें अर्ध चक्रासन के फायदे और इसे करने के तरीके के बारे में- हेल्थ एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि वीरभद्रासन 2 वजन बढ़ाने में मददगार है । वीरभद्रासन वैसे तो 3 प्रकार का होता है लेकिन वजन बढ़ाने में वीरभद्रासन 2 ही ज्यादा कारगर होता है । 2 कोरोनावायरस अपडेट्सCOVID-19 से रहें अप-टू-डेट एक गिलास शेक में 300 से 500 कैलोरी की संख्या होती है, इसलिए इनका सेवन कम से कम करें, जिससे जरूरत से ज्यादा कैलोरी शरीर में एकत्रित न हो और आपका वजन भी ना बढ़ने पाए । पेट में गुड़गुड़ और पेट फूलने पर पिएं ये 4 मसालों वाला हर्बल ड्रिंक, मिलेगा आराम और पास होगी गैस खाना अगर स्वादिष्ट बना हो तो जरूरत से ज्यादा खा लेना, जल्दबाजी में अधपका भोजन करन, अधिक शुगर वाले फूड्स का सेवन और शुगर वाले पेय पदार्थ आपको कुछ देर का मजा दिला सकते हैं । इस तरह के भोजन आपके मन को जरूर भा सकते हैं लेकिन सेवन के बाद शरीर को जो हानि पहुंचती है उसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा । पेट में ऐंठन, दर्द, ऊर्जा की कमी और जरूरत से ज्यादा खाने से होने वाली मिचली की भावना अक्सर आपको बाद में दोषी और असहज महसूस कर सकती है । वो तो खुशी की बात ये है कि दादी-नानी के नुस्खे के कुछ नुस्खे आज भी कामयाब हैं और हमारे आस-पास मौजूद प्रभावी जड़ी बूटियां कुछ स्थितियों में होने वाले पेट दर्द से तुरंत राहत प्रदान कर सकती हैं, जिसके कारण आपका फूला हुआ पेट अंदर हो सकता है और मिचली की भावना से राहत दिला सकता है । हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और पेट फूलने जैसी स्थति को रोकने के लिए हर्बल काढ़ा बेहद फायदेमंद माना जाता है । इस हर्बल काढ़े से न सिर्फ हमारा पेट का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि पेट से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर होती हैं । आइए जानते हैं पेट फूलने से बचने के लिए पिएं जाने वाले हर्बल काढ़े के बारे में । हर्बल काढ़ा ये हर्बल काढ़ा कई जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण है, जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और शारीरिक गतिविधियों में सुधार के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर हमें संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है । कब्ज और पेट में किसी भी प्रकार की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर सिर्फ इन चार चीजों, हरी इलायची, अदरक, जीरा और सौंफ का उपयोग करके काढ़ा बना सकते हैं । हर्बल काढ़े के स्वास्थ्य लाभ 1. प्रकृति में वातहर और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर इलायची पाचन को तेज करने में मदद करती है, एसिडिटी से राहत देती है, पेट की परत में सूजन को कम करती है, सीने में होने वाली जलन और मतली से लड़ती है । 2. अदरक पाचन अग्नि को बढ़ाकर काम करती है, जो भोजन को सही तरीके से तोड़ने और खाने के साथ पाचन में मदद करती है । इसके अलावा, अदरक आंत को भी बचाती है और ठीक करती है, जिससे ऐंठन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है । वहीं जीरा लिवर से पित्त को रिलीज करने में बढ़ाकर सामान्य पाचन को बेहतर बनाता है । 3. उच्च फाइबर से समृद्ध होने के कारण जीरा जठरांत्र संबंधी मार्ग को दुरुस्त करता है और एंजाइम स्राव को उत्तेजित कर ऐंठन का इलाज करता है । 4. सौंफ के बीज भी अपने इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण पाचन के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं । सौंफ के बीजों का सेवन करने से पेट की मांसपेशियां सुचारू रूप से काम करती हैं, गैस कम होती है, पेट फूलने के साथ अपच की समस्या दूर होती है । क्योंकि इस काढ़े में जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण होता है, इसलिए इस काढ़े को सीमित मात्रा में पीना सुनिश्चित करें । धनिए के बीजों का मिश्रण अगर आप लगातार पेट फूलने की समस्या से परेशान हैं तो एक चम्मच धनिया के बीज को पांच मिनट के लिए पानी में उबालें और नियमित रूप से इस काढ़े को पिएं । धनिए के बीज के मूत्रवर्धक गुण हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर में वॉटर रिटेंशन को भी कम करते हैं । यहां तक कि खूब पानी पीना और खाने के बाद टहलना भी पाचन समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है । अंडे में प्रोटीन की उच्चतम मात्रा होती है । यदि आप अंडे का सेवन हर दिन करते हैं, तो आपका वजन जरूर बढ़ेगा । वजन को रखना है कंट्रोल में तो करें नाश्ता, जानें कैसे फायदेमंद है नाश्ता करना । वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या आप भी अपनाते हैं ? जानें सावधानियां आयुर्वेद में कई ऐसी चीजें हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपने वजन को थोड़ा बहुत बढ़ा सकते हैं । इलाज और अन्य मेडिकल सेवाओं की हालात देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत अच्छी नहीं है । इसी स्थिति को बदलने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मेडिकल स्टुडेंट्स को प्रोत्साहित किया है । महाराष्ट्र सरकार ने स्टुडेंट्स को एक प्रस्ताव  दिया है कि वह राज्य के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा दें और बदले में उन्हें आरक्षण मिलेगा । महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि एमबीबीएस की 10 प्रतिशत और मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन की 20 प्रतिशत सीटों को उन डॉक्टरों के लिए आरक्षण मिलेगा जो 5 और 7 साल के लिए ग्रामीण क्षेत्र में अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं । हालांकि कोटा सीटों के साथ सख्त नियम भी हैं । कोर्स खत्म होने के बाद जो लोग राज्य संचालित अस्पतालों में अपनी सेवा नहीं देंगे उन्हें पांच साल की सजा दी जाएगी और यहां तक कि उनकी डिग्री भी रद्द की जा सकती है । सोमवार को राज्य कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को पास कर दिया है । अब इसे कानून बनाने के लिए सरकार विधेयक लेकर आएगी । ये आरक्षित सीटें राज्य और सरकार संचालित मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ उन उम्मीदवारों के लिए भी उपलब्ध होंगी जो सरकारी केंद्रों में लंबे समय तक काम करना चाहते हैं । शुरुआती आंकलन के अनुसार 450-500 एमबीबीएस सीटें इस कोटा के तहत निर्धारित होंगी । वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन में इन सीटों की संख्या 300 होगी । चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख डॉक्टर टी पी लहाणे ने कहा, ‘यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों और पहाड़ी या दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके । कोटा के तहत सीट पाने वाले छात्रों को एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने होंगे । किसी भी तरह के उल्लंघन पर पांच साल की जेल के साथ ही डिग्री रद्द करने का प्रावधान होगा । चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ ने कहा कि इसी तरह की अवधारणा सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में भी मौजूद है । महाराष्ट्र के 2018-19 आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में प्रति 1,330 लोगों पर एक डॉक्टर उपलब्ध है जबकि  डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार प्रति एक हजार व्यक्तियों पर एक डॉक्टर होना चाहिए । महिलाओं में अधिक बेली फैट हो सकता है घातक, बढ़ जाता है इन 5 बीमारियों का खतरा वायरस एडनोवायरस-36 शरीर का 15 प्रतिशत तक वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है । यह फैट सेल्स में उत्तेजना पैदा करता है, जिससे उनमें जलन और सूजन आ जाती है । मोटे लोग प्रतिदिन 5-6 बार भोजन करने की तुलना में दिन भर में कम कैलोरी और अधिक प्रोटीन युक्त भोजन लेकर अधिक संतुष्ट और कम भूखे रहते हैं । एक ही जगह घंटों बैठकर काम करते रहने से शरीर के साथ-साथ पैरों में सही तरीके से रक्त संचार नहीं होता है । पैरों में जब ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है, तो पैरों के टिशू स्वस्थ रहते हैं । इन्हें पोषक तत्व प्राप्त करने और वर्जित पदार्थों से छुटकारा भी मिलता है । ब्रुकलिन बेस्ड पर्सनल ट्रेनर लॉरेन श्रैम के अनुसार, अधिक दर तक बैठे रहने से पैरों और तलवों में ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है, जिससे शरीर के निचले हिस्से में ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स सही ढंग से वितरित नहीं हो पाते हैं । इसलिए, आपको 30 मिनट से ज्यादा बैठने से बचना चाहिए । हालांकि, जब आप मीटिंग में होते हैं, तो ऐसा करना संभव नहीं हो पाता । ऐसे में कुछ ईजी एक्सरसाइज बेहतर बनाते हैं । आपको ऑफिस का काम तो करना ही, लेकिन पैरों की सेहत का भी ख्याल रखना है । ऐसे में पैरों में रक्त संचार लगातार बना रहे, इसके लिए पैरों की कुछ एक्सरसाइज करना शुरू कर दें । साथ ही नीचे बताए गए टिप्स को भी फॉलो करें । ग्लूट या हिप ब्रिज मैट पर लेट जाएं । पैरों को घुटनों से मोड़ लें । हाथों को दोनों तरफ फर्श पर बिल्कुल सीध में जमीन पर सटा कर रखें । अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे कमर या हिप को ऊपर उठाएं । बिल्कुल पुल की पोजीशन में रहें । हाथों को ना हिलाएं । अब धीरे-धीरे हिप को नीचे लाते हुए सांस छोड़ें । शुरुआत में इसे ज्यादा ना करें । शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज को करें । इसका एडवांस वर्जन भी आप कर सकते हैं । जैसे एक पैर को ऊपर बिल्कुल सीधा कर लें और कमर को जीमन से उठाएं और फिर नीचे लाएं । यही प्रक्रिया दूसरे पैर से भी करें । ग्लूट ब्रिज एक्सरसाइज आप 15-20 बार करें खासकर तब, जब आप घंटों बैठकर काम करते हैं । इससे पैरों और कूल्हों को मजबूती मिलती है । कमर और घुटनों में होने वाला दर्द कम होगा । लेग स्विंग्स सीधे खड़े हो जाएं । दोनों हाथों को कमर पर रखें । अब एक पैर को हवा में स्विंग करें । ऐसा 6-7 बार करें । इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी दोहराएं । लेग स्विंग्स करने से पैरों में रक्त संचार बढ़ता है । यह वॉर्म-अप करने का बेहतरीन तरीका है । इससे पैरों की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो बढ़ने के साथ ही जोड़ों में गति भी बनाए रखता है । पैरों के लिए अपनाएं ये स्वस्थ आदतें 1 लंबे समय तक बैठने वाला काम है, तो हर एक घंटे में कुर्सी से उठ जाएं । दिन-भर चलते रहें । जब आप देर तक बैठे रहते हैं, तो रक्त संचार सही से नहीं होता है । खून एक ही जगह इकट्ठा होने लगता है । यह सेहत पर नकारात्मक असर डालता है । कुर्सी पर एक ही मुद्रा में बैठे रहते हैं, तो बीच-बीच में एक मिनट चल-फिर लें । अपने पैरों को हिलाते-डुलाते रहें । 2 अपने पैरों को ना तो एक-दूसरे पर चढ़ा करके बैठें और ना ही कुर्सी पर पालथी मारकर बैठें । इनसे पैरों में रक्त संचार ऊपर से नीचे की तरफ ठीक से नहीं हो पाता है । बेहतर होगा कि आप दोनों पैरों को थोड़ा फैलाकर फर्श पर रखें । पैरों में रक्त संचालन सही रखने के लिए इन्हें एक स्टूल पर फर्श से 6 से 12 इंच ऊपर रखें । 3 एक्सरसाइज करना संपूर्ण सेहत के लिए फायदेमंद होता है । अगर आप अपनी दिनचर्या में पैरों से जुड़े एक्सरसाइज शामिल करें जैसे टहलना, दौड़ना, साइकलिंग, तैराकी तो पैरों की मांसपेशियां मजबूत होने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहेगा । बेहतर परिणाम पाना चाहते हैं, तो हर दिन ब्रिस्क वॉक आधा घंटा करें । इससे पैरों की सेहत अच्छी बनी रहेगी । एक ओर जहां भारी संख्या में लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अंडरवेट होते हैं और हर तरीके से अपना वजन बढ़ाने में लगे रहते हैं । ऐसे लोग अपनी डाइट से लेकर अपने लाइफस्टाइल को लेकर काफी गंभीर होते हैं, लेकिन कई बार इन्हें सकारात्मक रिजल्ट नहीं मिल पाता है । फिट रहना और स्ल्पि बॉडी हर किसी को पसंद होती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पतलापन भी सही नहीं है । कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में लोगों की ज़िंदगी में कई बदलाव आए हैं । वायरस और इंफेक्शन से बचने के लिए लोगों नें खुद को घरों में बंद कर लिया है । सुरक्षा के लिहाज से यह एक अच्छा कदम है । लेकिन, इससे भागदौड़ और शारीरिक गतिविधियां कम हो गयी हैं । साथ ही लोग घर पर रहकर बहुत अधिक मात्रा में और बार-बार खाते भी रहते हैं । ऐसे में वेट लॉस प्लान फॉलो करना मुश्किल हो जाता है । साथ ही वजन बढ़ भी सकता है । इसीलिए, हेल्दी वेट मेंटेन करने के लिए आइसोलेशन और क्वारंटाइन के इस दौर में फॉलो करें ये डायट टिप्स । प्लानिंग करें, भोजन से जुड़े नियम बनाएं- एक्सपर्ट्स के अनुसार भोजन का समय निश्चित करें । इसके अलावा थाली मे क्या और कितनी मात्रा में रखना है यह भी तय करें । एक निश्चित समय सीमा के अंदर ही भोजन खत्म करना है, जैसे 20 मिनट में आप सामान्य गति से  जितना भोजन कर सकें, उतना ही खाएं । इससे, पोर्शन कंट्रोल होगा और  इस तरह आप खाद्य और अनाज की भी बचत कर सकेंगे । धीमे-धीमे चबाकर खाना खाएं- चबाकर भोजन खाने से ओवरइटिंग की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है । इससे, आपको कम मात्रा में खाकर भी संतुष्टि होगी । जिससे, ओवर इटिंग से बचने और वजन को कंट्रोल में रखने में मदद होगी । इसी तरह, जब भी कोई पैकेटबंद चीज़ खानी हो तो, उसे किसी प्लेट में निकालें और फिर खाएं । सीधे पैकेट से निकाल कर खाने से संभावना होती है कि आप अधिक मात्रा में खा लें । इस तरह बहुत अधिक कैलोरी, फैट और नमक-शक्कर जैसी चीज़ें आपके शरीर में पहुंच जाएंगी । जिनसे, वजन बेतहाशा बढ़ सकता है । खाना खाने के बाद करें मेडिटेशन- भोजन समाप्त करने  के बाद आधे घंटे रूके । फिर, किसी गतिविधि में हिस्सा लें । जैसे, घर में मेडिटेशन करें, टीवी देखें या फोन पर बातें करें । इससे, आपको और अधिक खाना खाने की इच्छा को कंट्रोल करने में मदद होगी । फिर भी, अगर आपको  लगता है कि आपका पेट नहीं भरा तो, थोड़ा-सा और खा सकते हैं । लो इम्यूनिटी मौसमी बीमारियों का सामना करने में शरीर की मदद नहीं कर पाती और इसीलिए लोग जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं । इम्यूनिटी बढ़ाने का एक अच्छा और सस्ता तरीका है विटामिन-सी से भरपूर चीज़ें खाना । विटामिन-सी की सही मात्रा आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाती है और इस तरह आप  सर्दियों, गर्मियों और बरसात के मौसम ंमें हेल्दी रहने में मदद करती है । क्यों ज़रूरी है विटामिन सी : विटामिन सी शरीर के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर को कई तरीकों से फायदा पहुंचाता है । नैचुरली विटामिन सी खट्टे फलों से प्राप्त होता है । विटामिन सी नींबू, संतरा, मौसमी या स्वीट लाइम, चकोतरा, हरी सब्ज़ियां आदि विटामिन सी के नैचुरल स्रोत हैं, जिन्हें अपनी डायट में शामिल कर आप विटामिन सी की अपनी दैनिक ज़रूरत पूरी कर सकते हैं । अपनी चाय में थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाएं या गुनगुने पानी में नीबूं का रस और शहद मिलाकर पीने से भी बिमारियों से ठीक होने में मदद होती है । इसी तरह लेमनेड जैसे ड्रिंक्स भी विटामिन सी प्राप्त करने में मदद करते हैं । यह भी पढ़ें-  विटामिन सी के फायदे : इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाना विटामिन सी का एक प्रमुख कार्य है । इम्यूनिटी बढ़ाने के अलावा विटामिन सी कुछ और भी काम करता है । नींबू का रस पीने से बॉडी से विषैले पदार्थों को बाहर फेंकने में मदद होती है । रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और उससे जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में भी विटामिन सी काम करता है । विटामिन सी स्किन कोलाजन बनने की प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है । यह त्वचा को हेल्दी रखता है और उसकी इलास्टिसिटी बढ़ाता है । इस तरह विटामिन सी त्वचा पर उम्र के असर को दिखाने में देर करता है । लेस्बियन महिला या लड़कियों में तनाव की भी परेशानी होती हैं. जो लेस्बियन महिला या लड़कियों में अपनी लाइफ स्टाइल को लेकर बहुत लापरवाही भी देखी जाती है. आप वजन कम करने के लिए वेट लॉस डाइट प्लान फॉलो करते होंगे, उसमें कुछ फलों को भी शामिल करते होंगे, लेकिन यह भी जानना बहुत जरूरी है कि आप जो फल खा रहे हैं, वो वजन कम करने की बजाय बढ़ा तो नहीं रहे हैं? रनिंग और वॉकिंग करने वाले लोगों का डाटा इकट्ठा किया गया । लंबे वक्त के बाद इसमें देखा गया कि जो लोग दौड़ लगाते हैं, वह वॉकिंग करने वाले लोगों की तुलना में खुद को ज्यादा फिट रखते हैं । रनिंग करने वाले लोग लंबे समय तक एक समान फिट और तंदरुस्त रहते हैं । पेट के आसपास का फैट तुरंत होगा दूर, बस करने होंगे ये 3 आसान काम Risk of Belly Fat in women: वजन बढ़ना या अधिक बैली फैट होना ना तो पुरुषों के लिए सही है और ना ही महिलाओं की सेहत के लिए हेल्दी होता है । बेली फैट बढ़ने से कई तरह के रोगों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है । कई शोध में यह कहा गया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक बेली फैट होना घातक हो सकता है । बेली फैट होने से आपके शरीर पर कोई भी ड्रेस सही से ना तो फिट होता है और ना ही जंचता है । ऐसे में आपके अंदर का आत्मविश्वसा कमजोर होता है, आपको शर्मिंदगी महसूस होती है । अधिक बेली फैट के नुकसान बेली फैट के कारण तनाव, डिप्रेशन, एंग्जायटी, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज, सुस्ती, नींद में कमी जैसी शारीरिक समस्याएं आपको घेर सकती हैं । शरीर में दो तरह के फैट होते हैं सबक्यूटेनियस फैट और विसेरल फैट । फैट का मुख्य कार्य होता है शरीर में ऊर्जा स्टोर करने में सहायता करना । विसेरल फैट सेहत के लिए नुकसानदायक होता है, क्योंकि यह शरीर के कुछ हिस्सों जैसे दिल, लिवर, पेट, फेफड़ों के आसपास जमा होता है । महिलाओं में अधिक बेली फैट होना किस तरह से नुकसानदायक हो सकता है, जानें… 1 सूजन की समस्या से हो सकती हैं परेशान बेली फैट अधिक होने से आपको सूजन की समस्या हो सकती है । सूजन से दूसरी कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है । शरीर में यदि विसेरल फैट अधिक हुआ तो इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है, क्योंकि इससे लिवर पर असर होता है । सूजन होने से शरीर में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं । इससे शरीर की मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होती है । 2 महिलाओं में बेली फैट डायबिटीज के खतरे को बढ़ाए महिलाओं के पेट के आसपास एक्सेस फैट एकत्रित होने से डायबिटीज के रिस्क को भी बढ़ा सकता है । बेली फैट कूल्हों, जांघों, बाहों पर जमे फैट से अधिक नुकसानदायक होता है । इससे टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है । 3 अधिक बेली फैट से बढ़ जाता है ब्लड प्रेशर जब आपके शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ता है, तो ब्लड प्रेशर हाई होने लगता है । शरीर में बढ़े हुए हाई शुगर लेवल और रक्त में इंसुलिन लेवल के प्रति प्रतिरोध करता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर होता है । हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक, स्ट्रोक का कारण बन सकता है । 4 नींद नहीं आती यदि आपका वजन अधिक है, बेली फैट हद से ज्यादा बढ़ गया है, तो आपको रात में नींद आने में समस्या हो सकती है । ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि वजन या एक्सेस बेली फैट खर्राटे, चिंता, स्लीप एप्निया जैसे रोगों को बढ़ाता है । ये समस्याएं सेहत पर नकारात्मक असर डालती हैं । इन समस्याओं से बचना चाहती हैं, तो अतिरिक्त बेली फैट को कम करने के उपायों और तरीकों को आज से ही फॉलो करना शुरू कर दें । 5 हार्ट डिजीज का बढ़ जाता है रिस्क वजन अधिक होने या बेली फैट के कारण कार्डियोवैस्कुलर रोगों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है । हाई ब्लड प्रेशर होने से रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ता है । साथ ही, इंफ्लेमेशन के कारण भी हार्ट डिजीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है । दावत खाने के अगले दिन आपका वज़न ज्यादा दिख सकता है । 3 सेहत के लिए खतरनाक है प्‍लास्टिक विशेषज्ञों की मानें तो प्लास्टिक के गिलास में चाय पीने से कैंसर का भी जोखिम रहता है । प्लास्टिक के डिस्पोजेबल कप के उपरी भाग में मोम की परत होती है, जो गरम चीजों के डालने पर पिघलने लगती है और खाद्य एवं पेय पदार्थों साथ हमारे शरीर में चली जाती है एवं हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है । इसके अलावा प्लास्टिक के बैग में रखे हुए चिप्स भी हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं l प्लास्टिक धूप और गर्मी से पिघलने लगती है, जिसके कारण जिन पदार्थों को मिलाकर उसका निर्माण किया जाता है, वह जहरीला पदार्थ भी पिघलने लगता है । ये जहरीले पदार्थ खाने के साथ हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं और कैंसर, लीवर का खराब होना, किडनी में पथरी आदि जानलेवा बीमारियों को जन्म देते हैं l क्यों है खतरनाक जब प्लास्टिक गरम हो जाता है तो यह बीपीए नामक रसायनिक पदार्थ की मदद से प्लास्टिक को नरम और लचीला बनाया जाता है l ये दोनों ही रसायन मनुष्‍यों में प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं और इनसे कैंसर का जोखिम 90 फीसदी तक बढ़ जाता है । कई देशों में है प्रतिबंधित यूरोप ने साल 2005 में ही प्लास्टिक से बने समान के उपयोग पर बैन लगा दिया था, जबकि जापान समेत अन्य 9 देशों ने भी बाद में इस पर पाबंदी लगा दी है l । जो लोग शाकाहारी होते हैं उनमें विटामिन की कमी होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है इसलिए उनको अपनी डाइट में दूध को जरूर शामिल करना चाहिए । अगर आप नॉनवेज खाने के बाद सही पाचन नहीं कर पाते हैं तो आपको दूध का सेवन सबसे अच्छा हो सकता है । फटी एड़ियों से आ रहा खून तो ट्राई करें ये 5 घरेलू नुस्खे, खून आना होगा बंद और मुलायम हो जाएंगी आपकी एड़ियां सर्दियों में एडियों का फटना एक सामान्य तकलीफ है, जिसले हमारी घर की माताएं और बहनें परेशान रहती हैं । फटी एड़ियों में बार-बार दर्द महिलाओं को ज्यादा परेशान करता है और उनके लिए अपने घरेलू काम करना मुश्किल हो जाता है । ध्यान रखें कि जब ये दरारें गहरी हो जाती हैं तो ये ना सिर्फ दर्दनाक साबित हो सकती हैं, बल्कि इनसे कभी-कभार खून भी आ सकता है । दरअसल होता ये है कि शुष्क त्वचा आमतौर पर फटी एड़ियों का कारण बनती है । जब एड़ी के नीचे फैट पैड पर वजन से दबाव पड़ने लगता है, तो एड़ी के किनारे की स्किन फैल जाती हैं । इसके अलावा त्वचा में नमी की कमी होने के कारण स्किन कठोर हो जाती है और लचीलापन कम हो जाता है, जिसके कारण एड़ियां फटने का कारण बन जाता है । सर्दियों में एड़ियों को फटने से बचाने के लिए आप ये उपाय अपना सकते हैं या सकती है । तो आइए जानते हैं इन नुस्खों के बारे में । सर्दियों में एड़ियां के फटने से बचने के 5 उपाय 1-फटी एड़ियों से डेड स्किन को हटाने के लिए स्क्रबिंग को बेहद कारगर माना जाता है । इसके लिए आपको स्क्रबिंग करने से पहले अपने पैर को थोड़ी देर के लिए गुनगुने पानी में डुबोकर रखना चाहिए और स्क्रबिंग से त्वचा मुलायम हो जाती है । फटी एड़ियों से राहत पाने के लिए आप 3 चम्मच चावल का आटा, एक चम्मच शहद और एप्पल साइडर विनेगर की 2-3 बूंदें मिलाएं । ये एक प्रकार का स्क्रब है, जिसका इस्तमाल हफ्ते में आपको 2 या 3 बार कर सकते है । शायद आप इस बात को नहीं जानते होंगे कि चावल का आटा त्वचा को एक्सफोलिएट, साफ और पोषण प्रदान करता है । शहद, प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है, जो फटी एड़ियों को ठीक करने में मदद करता है । वहीं विनेगर हल्का एसिड होता है, जो शुष्क और मृत त्वचा को मुलायम करता है, जिससे फटी एड़ियों को राहत मिलती है । 2- फटी एड़ियों से राहत पाने के लिए आप रात को सोने से पहले एक बड़ा चम्मच नारियल तेल हल्का गर्म कर अपनी फटी हुई एड़ियों पर अच्छे से लगाएं । नारियल का तेल गुनगुना कर एड़ियों पर मसाज करने से थकान कम होती है । उसके बाद आप जुराब पहन लें और सुबह उठकर पैरों को पानी से धो लें । लगातार 2 हफ्ते तक इस प्रक्रिया को आजमाने से एड़ियां मुलायम हो जाती हैं । 3- सर्दियों में फटी एड़ियों से आपको राहत पाने का एक और नुस्खा है । इसके लिए आप थोड़ा सा शहद एक कप गर्म पानी में मिलाएं । इस मिश्रण में अपने पैरों को भिगोएं और धीरे-धीरे 20 मिनट तक मालिश करें । इसके बाद आप अपने पैरों को सूखा लें और एक गाढ़ा मॉइस्चराइजर लगाएं । इस नुस्खे को सोने से पहले नियमित रूप से करें । 4- इन सबके अलावा बेकिंग सोडा भी आपको फटी एड़ियों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है । इस नुस्खे को करने के लिए आप एक कटोरी गुनगुने पानी में 3 चम्मच बेकिंग सोडा डालकर अच्छी तरह मिलाएं । उसके बाद अपने पैरों को 15 मिनट तक इस मिश्रण में भिगोएं । 15 मिनट बाद अपने पैरों को साफ पानी से धो लें और एक साफ तौलिया इस्तेमाल कर पैरों को सूखा लें । सप्ताह में दो बार इस नुस्खे को जरूर दोहराएं । 5.-एलोवेरा, एक प्राकृतिक औषधि है, जो स्किन को मुलायम बनाने का काम करता है । इस नुस्खे को आजमाने के लिए पहले पैरों को गर्म पानी में भिगोएं, और स्क्रब करें । जब पैर अच्छे से सूख जाएं तो उन पर एलोवेरा जेल लगा लें । इसे हर रात 10 दिनों तक करें आपकी एड़ियां ठीक हो जाएंगी । एलोवेरा में विटामिन ए , सी और ई होता है साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण फटी एड़ियों के घाव भरने में मदद करते हैं । वजन बढ़ना एक गम्भीर समस्या है, इसलिए यहां बताए गए कुछ आदतों को आज से ही बदल लें, तो आप आसानी से वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं, साथ ही कई बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं । सेलेना गोमेज ने कहा, मैं ल्यूपस से पीड़ित थी और किडनी की समस्याओं और उच्च रक्तचाप से जूझ रही थी । ऐसी कई सारी परेशानियां थीं, जिनसे मैं घिरी हुई थी । उस वक्त मैंने बॉडी-शेमिंग जैसी चीजों को पहली बार नोटिस करना शुरू किया । बॉडी बिल्डिंग शाकाहारी आहार से भी हो सकती है । बॉडी बिल्डिंग की बात आती है तो हमें एक बहुत बड़ा मिथ सुनने को मिलता है कि अच्छी बॉडी केवल नॉन वेजिटेरियन की ही बन सकती है. मगर ऐसा बिल्कुल भी नही हैं । भारत में कई ऐसे बॉडी बिल्डर और पहलवान हुए हैं जो शाकाहारी रहकर अच्छी बॉडी बना पाने में सफल ही नहीं रहे बल्कि, उन्होंने दुनिया में अपना नाम किया है । अगर बॉडी बिल्डिंग शाकाहारी आहार से बनाना चाहते हैं तो हम आपको 5 ऐसे फूड्स के बारे में बता रहें, जिन्हें आप ट्राई कर सकते हैं । अश्‍वगंधा अश्‍वगंधा ऐसी जड़ी-बूटी है जो दुनिया भर में मशहूर है । इसे शक्तिवर्धक हर्ब्‍स के तौर पर भी जाना जाता है । यह टेस्‍टोस्‍टेरॉन लेवल को प्राकृतिक रूप से बढ़ाता है, जिससे व्‍यक्ति की शारीरिक ताकत और मसल्‍स बिल्डिंग भी बढ़ती है । यह कोलेस्‍ट्रॉल को कंट्रोल कर हृदय संबंधी समस्‍याओं को दूर करता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । स्‍ट्रेस लेवल को भी कम करता है । बॉडी बिल्डिंग शाकाहारी आहार में अश्वगंधा सबसे अच्छा आहार है । आप दिन भर जो भी खाते हैं, उसमें सबसे महत्वपूर्ण है नाश्ता करना । दिन का खाना बेशक आप स्किप कर दें, लेकिन बिना नाश्ता किए घर से नहीं निकलना चाहिए । नाश्ता करने से आप दिन भर एनर्जेटिक बने रहते हैं । न्यूट्रिशन गाइडलाइन के अनुसार, नाश्ता इसलिए भी करना चाहिए, क्योंकि इससे दिन भर चुस्ती-फूर्ति से आप काम कर पाते हैं । कई शोध में यह भी दावा किया गया है कि नाश्ता करने से वजन कम होता है और जो लोग नाश्ता नहीं करते, उनमें मोटापा का खतरा बढ़ जाता है । नाश्ता करने का सेहत पर असर जो लोग नाश्ता करते हैं, वे नाश्ता नहीं करने वालों की तुलना में अधिक स्वस्थ रहते हैं । उनका वजन नहीं बढ़ता । इस तरह वे मोटापे से ग्रस्त नहीं होते । साथ ही उनमें क्रोनिक डिजीज के होने का खतरा भी कम होता है । इन्हीं वजहों से कई विशेषज्ञों ने नाश्ता करने को सेहत के लिए फायदेमंद बताया है । कई शोधों में यह बात भी सामने आई है कि शाम के समय आप जो भी खाते हैं, उसी चीज को यदि सुबह में खाएं, तो मेटाबॉलिज्म अधिक बूस्ट होता है । कम करते हैं एक्सरसाइज शोध के अनुसार, जो लोग प्रतिदिन नाश्ता नहीं करते, वे स्मोकिंग अधिक करते हैं । एल्कोहल अधिक लेते हैं । ऐसे लोग एक्सरसाइज भी कम करते हैं । जो प्रतिदिन नाश्ता करते हैं, वे इसलिए लंबी उम्र तक स्वस्थ रह सकते हैं, क्योंकि वे हेल्दी डायट लेते हैं । हालांकि, कुछ शोध तो यह भी दावा करते हैं कि नाश्ता करना या न करने से सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है । हां, जो नाश्ता करते हैं, वे स्वस्थ और दुबले जरूर रहते हैं । वजन बढ़ता है नाश्ता न करना बहुत हद तक वजन बढ़ने का कारण भी हो सकता है । ऐसा इसलिए, क्योंकि नाश्ता नहीं करने पर आपको दिन में अचानक तेज भूख लगती है । ऐसे में आपको जो भी खाने को मिलता है, उसे हद से ज्यादा आप खा लेते हैं । नाश्ते में हो क्या-क्या यदि आपको सुबह भूख लगती है, तो बिना नाश्ता किए घर से न निकलें । हेल्दी ब्रेकफास्ट करें । नाश्ते में प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करें । मौसमी फल, दूध, ओट्स, अंडा, जूस, दलिया, अंकुरित अनाज आदि नाश्ते में जरूर खाएं । इससे आप दिन भर ऊर्जावान और तरोताजा महसूस करेंगे । साइंस ने माना वेट लॉस, डायबिटीज जैसी इन 4 बीमारियों में फायदेमंद है केले, जानें हरे या पीले कौन से केले फायदेमंद अक्सर फिट रहने के लिए लोग डाइट के ऐसे तरीके ढूंढते हैं, जो सस्ते और उपभोग में काफी आसान हो, जिसमें केला हर किसी का पसंदीदा फल है । बच्चा हो या बड़ा सभी को केले खाना पसंद होता है क्योंकि अपने विभिन्न पोषक तत्वों के कारण केला किसी पावरहाउस से कम नहीं है और ये आपके दिल के स्वास्थ्य, डायबिटीज, पाचन और वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है । जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा और अब विज्ञान भी इस बात से सहमत है कि अगर केले को नियमिय रूप से खाया जाए तो ये आपको अपने शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है । केले में मौजूद पोषक तत्व एक सामान्य आकार के केले में लगभग 110 कैलोरी होती है और यह आपको निम्नलिखित पोषक तत्व प्रदान करता है । प्रोटीन: 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट: 28 ग्राम शुगर: 15 ग्राम फाइबर: 3 ग्राम पोटेशियम: 450 मिलीग्राम मैग्नीशियम: 32 मिलीग्राम विटामिन सी: 10.3 मिलीग्राम विटामिन बी 6: 0.4 मिलीग्राम केले विटामिन बी 6 और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं । एक सामान्य आकार के केले से आपको पोटेशियम की दैनिक मात्रा का 9 प्रतिशत और मैग्नीशियम का 8 प्रतिशत मिलता है । इतना ही नहीं, यह आपकी रोजाना की विटामिन सी मात्रा की जरूरत का 11 प्रतिशत भी प्रदान करता है । इस लेख में हम आपको केले के ऐसे फायदों के बारे में बता रहे हैं, जिसको साइंस भी मानती है । वजन कम करने में मदद करता है केला वजन घटाने के संबंध में बहुत लंबे समय से केले को दोषी माना जाता रहा है । केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा लोगों को इसके प्रति संवेदनशील रह जाता है । लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केला वास्तव में आपको तेजी से फुल महसूस कराने में मदद कर सकता है । इसमें मौजूद पेक्टिन पेट खाली करने में देरी करता है, जो आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है । हरे केले वजन घटाने के लिए बेहतर होते हैं क्योंकि पके केलों में पेक्टिन नहीं होता है । केले में मौजूद कार्ब्स अधिक सेरोटोनिन का उत्पादन करने में मदद करते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में आपकी मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा के स्तर हाई रखते हैं । अध्ययनों से साबित हुआ है कि हरे केले को किसी भी रूप में ताजा, पकाया, सूखा कर खाया जा सकता है या फिर इसे आप आटे के रूप में भी खा सकते हैं । ये आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करता है । पाचन में सहायता करता है केला हरे केले खाने से दस्त जैसी समस्या ठीक होती है और इसे एक प्रभावी घरेलू उपचार का रूप दिया गया है । केले में मौजूद अघुलनशील फाइबर जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित करता है जबकि घुलनशील फाइबर शरीर के लिए पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है । हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है केला पोटेशियम और हृदय स्वास्थ्य बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं । पोटेशियम सोडियम के स्तर को संतुलित करके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है । सोडियम की बहुत कम या बहुत अधिक मात्रा का मतलब है रक्तप्रवाह में अधिक तरल पदार्थ और उच्च रक्त की मात्रा, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के अतिरिक्त जोखिम के साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है । 2017 के एक अध्ययन में ये पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में पोटेशियम की खुराक ब्लडप्रेशर को कम कर सकती है । एफडीए के मुताबिक, ऐसे खाद्य पदार्थ, जो पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होते हैं और सोडियम की कम मात्रा रखते हैं, वे हाई बीपी और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं । ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करते हैं केले ज्यादातर लोग सोचते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को केले जैसे मीठे फल खाने से बचना चाहिए । लेकिन केले में पेक्टिन और रेजिस्टेंट स्टार्च होता है, जो वास्तव में आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं । पेक्टिन फाइबर आपको संतृप्त रखता है और जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है और पाचन धीमा कर देता है । डायबिटीज रोगियों के लिए, केले का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका इसे फैट और प्रोटीन के साथ मैश करके खाने से है । इसलिए केले को अंडे, दही या पीनट बटर के साथ खाएं । वजन कम करने के लिए कर रहे हैं कड़ी मेहनत, तो बाहर खाना खाने से पहले रखें इन बातों का ख्याल जब आप भूखे पेट रेस्तरां जाएंगे तो खाना देखते ही उस पर टूट पड़ेंगे । ऐसे में घर से थोड़ा बहुत खाकर ही रेस्तरां में जाएं । भूख अस्वास्थ्यकर भोजन विकल्पों से जुड़ी हुई है । कुछ भी हेल्दी खाएं जैसे कोई फल, एक रोटी, दही आदि । मक्का न आपको केवल भारी मात्रा में कैलोरी देता है बल्कि यह विटामिन, प्रोटीन और अच्छी गुणवत्ता वाले फाइबर का भी सीधा स्त्रोत है । आप मक्के को भून कर, उबाल कर और मक्के के आटे की रोटी बनाकर कैसे भी खा सकते हैं । एक्सपर्ट कहते हैं कि दिन में 2 बार उबला हुआ माक्का खाने से वजन तेजी से बढ़ सकता है । मक्के को उबालते वक्त अगर आप इसमें थोड़ा सा नमक डालना चाहें तो डाल सकते हैं, यह स्वाद को बढ़ाता है । लेकिन इसके अलावा इसमें और कुछ न डालें । ऐसे उबले हुए मक्के का दिन में 2 बार सेवन करने से वजन जल्दी बढ़ता है साथ ही पेट भी हेल्दी रहता है । वजन बढ़ाना एक मुश्किल काम हो सकता है । इसलिए ट्राई करें यह आयुर्वेदिक तरीका । स्वस्थ तरीके से वजन बढ़ाने के लिए सबसे आसान तरीका प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन है । इसकी वजह से हमारा शरीर थुलथुला सा दिखने लगता है । बढ़ता वजन कई स्वास्थ्य जोखिमों का कारण बनता है । आज के समय में अधिकतर लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं । बॉडी मास इंडेक्स से मोटापे का पता लगाया जा सकता है । व्यक्ति का वजन और उसकी ऊंचाई के वर्ग को विभाजित करके बॉडी मास इंडेक्स निकाला जाता है । 30 या उससे अधिक के बीएमआई वाले व्यक्ति मोटे माने जाते हैं । 25 या इससे अधिक बीएमआई वाले व्यक्ति अधिक वजन की श्रेणी में आते हैं । विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार, मोटापे की वजह से व्यक्ति डायबिटीज, कैंसर, ब्लड प्रेशर, हृदय रोग जैसे गंभीर परेशानियों का शिकार हो जाता है । पहले के समय में मोटापा सिर्फ उच्च आय वाले देशों की समस्या थी, लेकिन अब मोटापा निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लोगों में भी बढ़ता जा रहा है । शहरी इलाकों में इसकी समस्या अधिक हो रही है । मोटापे से संबंधित आकड़े WHO के अनुसार, 1975 के बाद से दुनियाभर में मोटापा लगभग 3 गुना बढ़ा है । 2016 में 190 करोड़ से अधिक वयस्क अधिक वजन वाले थे । इस में से 65 करोड़ से अधिक वजन वाले थे । 2016 में 5 वर्ष से कम आयु के लोग अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त थे । 5-19 आयु वर्ग के 340 मिलियन से अधिक बच्चे अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त थे । मोटापा और अधिक वजन का कारण बढ़ते मोटापे का कारण कैलोरी और वसायुक्त भोजन का अधिक सेवन करना । अधिक वजन होने के कारण निम्न है- 1. उच्च वसा वाले फूड का सेवन 2. शहरीकरण, परिवहन और शारीरिक निष्क्रियता के तरीकों की वजह से 3. आहार और शारीरिक पैटर्न में परिवर्तन 4. सामाजिक जागरूकता में कमी के परिणाम मोटापा कम करने के उपाय 1. फैट और शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों का कम सेवन करें । 2. फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां और नट्स का सेवन करें । 3. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें । 4. स्वस्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करें । 5. भोजन में अधिक नमक का इस्तेमाल ना करें । वजन बढ़ने से कई दूसरी बीमारियां जैसे मधुमेह, दिल संबंधी रोग व कैंसर आदि होने का खतरा भी रहता है । दुबले-पतले शरीर से गिर रहा कॉन्फिडेंट? तो डाइट में शामिल करें ये फूड्स । शरीर दुबला होने के कारण लोगों में कॉन्फिडेंट लेवल काफी लो हो जाता है । वे चाहते हैं कि उनकी पर्सनालिटी भी दूसरों की तरह दिखे और लोग उनके प्रति आकर्षित हों । लाख कोशिशों के बावजूद कुछ लोग अपना वजन नहीं बढ़ा पाते हैं । अगर आप भी पतले शरीर को आकर्षक बनाना चाहते हैं, तो अपने डायट प्लान को चेंज करें । अपने नियमित डायट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करें, जिससे आपका वजन बढ़ सके । इससे आपका दुबला-पतला शरीर सुडौल और आकर्षक बनेगा । आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ फूड्स के बारे में- आलू आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है, इसके सेवन से आप अपनी पर्सनालिटी पर निखार ला सकते हैं । आलू को रोजाना अपने डाइट में शामिल करें । इसमें कार्बोहाइड्रेट्स और कॉम्प्लेक्स शुगर होता है, जो वजन बढ़ाने में मदद करता है । इसके लिए आप आलू किसी भी तरीके से खा सकते हैं । कोशिश करें कि ज्यादा तला-भुना आलू ना खाएं, इससे सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है । घी घी खाने से भी आपका वजन बढ़ेगा, क्योंकि इसमें स्टैंड्रेटेड और कैलोरी की काफी अच्छी मात्रा होती है । खाने में डालकर भी आप भी का सेवन कर सकते हैं । इसके अलावा घी को आप चीनी के साथ खा सकते हैं, ऐसा करने से आपका वजन काफी तेजी से बढ़ सकता है । लेकिन ध्यान रखें कि घी की मात्रा सीमित रहे । किशमिश किशमिश स्वास्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है । रोजाना एक मुट्ठी किशमिश खाने से आपका वजन तेजी से बढ़ेगा । इसके अलावा किशमिश और अंजीर को बराबर भागों में बांटकर, रातभर भिगोने के बाद इसका सेवन करें । ऐसा करने से आपका वजन काफी तेजी से बढ़ेगा । अंडा अंडे में फैट और कैलोरी काफी होती हैं और इसका रोजाना सेवन करेंगे तो वजन बढ़ेगा, लेकिन ध्यान रखें कि कच्चा अंडा भूलकर भी ना खाएं । बहुत से हमारे ऐसे साथी हैं, जो जिम जाने के साथ-साथ कच्चा अंडा खाते हैं । उन्हे लगता है कि ऐसा करने से हमारा वजन बढ़ेगा । लेकिन ये आपके स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं को पैदा कर सकती हैं । इसलिए वजन को बढ़ाने के लिए हमेशा उबला हुआ अंडा खाएं । केला केला वजन बढ़ाने का सबसे बेस्ट आहार माना जाता है । रोजाना केले का सेवन करने से आपका वजन जरूर बढ़ेगा । केले में भरपूर मात्रा में कैलोरी होती हैं, जो शरीर को ना सिर्फ एनर्जी देती हैं बल्कि वजन बढ़ाने में भी सहायक है । केले का सेवन आप दूध के साथ भी खा सकते हैं, इसके अलावा बनाना शेक भी आप पी सकते हैं । बादाम बादाम भी काफी हद तक वजन बढ़ाने में कारगर होता है । इसके लिए 3-4 बादाम रातभर पानी में भिगोकर रख दें और अगले दिन पीसकर दूध में घोलकर इसे पी लें । एक महीने तक लगातार ऐसा करने से आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है । पीनट बटर यानि मूंगफली के मक्खन से भी आप वजन बढ़ा सकते हैं । आप इसका सेवन किसी भी रूप में कर सकते हैं । बहुसे लोग मक्खन ब्रेड पर लगाकर या फिर रोटी के साथ इसका सेवन करते हैं । पीनट बटर में हाई कैलोरी के साथ कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा भी अधिक होती है । क्या मोटे लोगों पर असर नहीं करेगी कोरोना की वैक्सीन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान । Chamomile Tea Benefits : वजन कम करने की प्रक्रिया को बढ़ा देती है कैमोमाइल टी, जानें कैसे । वजन बढ़ने के 5 कारण, जान लेंगे तो बढ़ते वजन पर पा लेंगे काबू कई बार कोई शारीरिक गतिविधि नहीं होने के कारण भी वजन बढ़ने लगता है । ज्यादा समय तक बैठे रहने से शरीर में फैट स्टोर हो जाता है और वजन बढ़ने लगता है । हमेशा शारीर को सक्रिय रखने की कोशिश करें । घर से कर रहे हैं ऑफिस का काम, तो यूं बढ़ाएं वर्क प्रोडक्टिविटी । Work from Home Tips : आज मनाया जाता है । इस दिन का उद्देश्य है लोगों को कार्यस्थल पर सुरक्षा और सेहत सुनिश्चित कराना । साथ ही साथ कार्यस्थल पर स्वस्थ मानकों को बरकरार रखने पर भी जोर दिया जाता है । ऐसा इसलिए ताकि किसी भी तरह की चोट, दुर्घटना आदि से बचा जा सके । लोगों को जागरूक करने के लिए ही ‘विश्व कार्यस्थल स्वास्थ्य एवं सुरक्षा दिवस मनाया जाता है । ‘वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क 2020 का थीम हर साल इस दिन को एक थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है । इस बार इसका थीम ‘स्टॉप द पैनडेमिक: सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क कैन सेव लाइव्स है । कोविड-19 महामारी के कारण अब तक कई स्वास्थ्य कर्मी लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान गंवा चुके हैं । इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार का थीम रखा गया है, ताकि कोरोनावायरस महामारी को कम करने में जुटे विभिन्न क्षेत्रों के  कर्मचारियों की सेहत और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए । उन्हें सुरक्षा प्रदानी की जाए । कोविड-19 करने की परमिशन दी है । हालांकि, ऑफिस में काम करने जैसा माहौल और वातावरण घर पर नहीं मिलता, लेकिन काम है, तो करना ही है । अधिकतर लोगों को लगता है कि घर से काम करना है, तो टेंशन किस बात की । आराम से खाते-पीते कभी काम पूरा कर लेंगे । ना तो रोज सुबह उठकर ऑफिस जाने का झंझट और ना ही बॉस के साथ रोज की मीटिंग । यदि आप भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं, तो इससे वर्क प्रोडक्टिविटी काफी हद तक प्रभावित हो सकती है । यदि आप चाहते हैं कि आपकी वर्क प्रोडक्टिविटी और आउटपुट सही बना रहे, तो आपको प्रॉपर प्लानिंग के तहत अपना काम करना होगा । जानें, लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम करते हुए किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए ताकि आप घर और ऑफिस के कामों के बीच सही रूप से तालमेल बिठा सकें । 1 सही जगह का करें चुनाव काम की शुरुआत करने से पहले सबसे जरूरी है एक प्रॉपर वर्क प्लेस बनाना । अधिकतर लोग कहीं भी बैठकर काम करने लगते हैं । कोई लिविंग रूम में सोफा पर, तो कोई बिस्तर पर बैठकर काम करने लगता है । कहीं भी बैठकर काम करने से बचें । इससे आपके कमर में तो दर्द होगा ही, काम में ध्यान भी नहीं लगेगा । घर में स्टडी रूम है, तो उसे अपना वर्कस्टेशन बनाएं, इससे बेहतर जगह घर से काम करने के लिए कोई और नहीं हो सकता है । स्टडी रूम नहीं है, तो अपने बेडरूम में एकांत में काम करें, लेकिन बेड पर नहीं टेबल-कुर्सी पर । वहां अपना लैपटॉप या डेस्कटॉप, काम की फाइल्स, इंटरनेट कनेक्शन, डायरी, पेन सब कुछ रखें, ताकि बार-बार उठना ना पड़े । 2 ऑफिस वर्क टाइमिंग में ही करें काम पूरा कुछ लोग सोचते हैं कि घर पर हैं, तो 9 घंटे का काम 12 घंटे में आराम से पूरा कर सकते हैं, लेकिन यह सही नहीं है । बेशक आप घर से काम कर रहे हैं, अपने काम को ऑफिस वर्क टाइम के अनुसार ही पूरा करने की कोशिश करें । नेट स्लो होने के कारण आधा-एक घंटा ऊपर नीचे चलता है, लेकिन 9 घंटे के काम को 12 घंटे में पूरा करना कहीं से भी उचित नहीं है । इससे आउटपुट और वर्क प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है । आप जितनी जल्दी अपना काम निपटा लेंगे, अपने परिवार को उतना ही अधिक वक्त भी दे पाएंगे । टाइम मैनेजमेंट सीखें । 3 ऑफिस कलीग्स और टीम से बात करते रहें वर्क फ्रॉम होम का मतलब ये नहीं कि आप अपने काम से मतलब रखें । अपने जूनियर्स के काम को भी देखते रहें । सीनियर्स और बॉस से मेल, फोन, चैट के जरिए काम से संबंधित सलाह लेते रहें । अपनी टीम के सभी सदस्यों से प्रॉपर कम्युनिकेशन बनाकर रखें, ताकि कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी मिस ना हो । मेल टाइम टू टाइम चेक करते रहें । 4 शिफ्ट के अनुसार करें काम आपके सीनियर ने जिस भी शिफ्ट में आपको कहा है काम करने के लिए उसे फॉलो करें । सुबह की शिफ्ट है, तो टाइम से काम शुरू कर दें । ऐसा ना करें कि 8 बजे की शिफ्ट है, तो 10 बजे काम करने बैठें । अगर तबीयत ठीक नहीं लग रही, तो पहले ही बॉस को बताएं कि आप सुबह काम नहीं कर पाएंगे, ताकि किसी दूसरे को आपकी शिफ्ट में काम करने के लिए पहले से ही सूचना दी जा सके । सूचना पाकर आपका दूसरा सहकर्मी पहले से अपना माइंड मेकअप कर लेगा । 5 ब्रेक भी लेना है जरूरी लगातार एक ही पोस्चर में ना बैठें । बीच-बीच में काम से ब्रेक लें । इससे पीठ, कमर, पैरों में दर्द नहीं होगा । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सही तरीके से बना रहेगा । कंप्यूटर के सामने काम करके आंखें थक गई हैं, तो चेहरे को ठंडे पानी से धोएं । बच्चों के साथ 10 मिनट बातें करें । चाय-कॉफी पिएं या बालकनी में जाकर ताजी हवा खा आएं । ऐसा करेंगे तो मूड फ्रेश होगा और दोबारा काम करने के लिए आप फिजिकली और मेंटली चार्ज हो जाएंगे । कहीं आप अपने दिन की शुरुआत तो गलत आदतों से नहीं करते? जी हां, सुबह की कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो आपके वजन कम करने के प्रयास को असफल बना सकती हैं । जानिए, उन चार गलत आदतों के बारे में जिनसे बढ़ रहा है आपका वजन... Food for Diabetics: 3 रूटी वेजिटेबल्स या जड़ें, जो हैं डायबिटिक्स के लिए फायदेमंद है, इनके सेवन से कंट्रोल में लेवल रहता है ब्लड ग्लूकोज़ हाई ब्लड शुगर कहा जाता है । जब, इंसुलिन के प्रति सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं होती तो,टाइप 2 डायबिटीज़ की स्थिति बनती हैं । जैसा कि, डायबिटीज़ का असर शरीर के बाकी हिस्सों पर भी पड़ता है । इसीलिए, अगर डायबिटीज़ को सही तरीके से मैनेज या कंट्रोल नहीं किया जाए तो, इससे, शरीर के बाकी हिस्से जैसे किडनी, और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है । टाइप 2 डायबिटीज़ की सबसे बड़ी वजह है ग़लत डायट और लाइफ स्टाइल । इसीलिए,  डायबिटीज़ से बचने और डायबिटीज़ को नियंत्रित रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि लोग अपनी डायट और लाइफस्टाइल पर ध्यान दें । food for diabetics)0, कई नैचुरल खाद्य ऐसे हैं,  जिनमें एंटी-डायबिटीक तत्व होते हैं । ये सभी तत्व ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को मेंटेन करने में मदद करते हैं । इनमें,  पेड़ों की पत्तियां, फल, सब्ज़ियां और जड़ें भी शामिल हैं । इसीलिए,   में इन्हें शामिल करने से फायदा होता है । डायबिटिक्स : अदरक: डायबिटीज़ मैनेजमेंट या हाई ब्लड शुगर लेवल्स को कंट्रोल करने में अदरक असरदार है । जी हां,  कुछ समय पहले प्रकाशित एक स्टडी में यह बात कही गयी । जिसमें,  कहा गया कि अदरक के सेवन से हाई ब्लड शुगर लेवल या ब्ल़ड ग्लूकोज़ लेवल्स कंट्रोल करने में मदद होती है । इसके,  पीछे जिंजरोल्स  नामक वह तत्व है जो अदरक में पाया जाता है । गाजर: जिन,  सब्ज़ियों या फलों में बीटा-केरोटिन होता है उन्हें डायबिटीज़    के लिए अच्छा माना जाता है । दरअसल,   एक स्टडी में यह कहा गया कि बीटा-केरोटिन से टाइप 2 डायबिटीज़  का खतरा कम करता है । चूंकि,  बीटा-केरोटिन का अच्छा स्रोत है । इसीलिए,  यह डायबिटिक्स के लिए अच्छा फूड है । शकरकंद: कॉम्प्लेक्स कॉर्बोहाइड्रेट्स का अच्छा स्रोत होने के कारण स्वीट पोटैटो या शकर कंद, डायबिटिक्स  के लिए एक अच्छा फूड है । खासकर,  यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है । जो,  वेट लॉस करना चाहते हैं । कई शोध में यह पता चला है कि अंडरवेट जो लोग होते हैं उनमें हार्ट स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा होता है. अगर आप भी बहुत पतले हैं और वजन बढ़ाने के तरीके खोज रहे हैं तो आपके लिए हम कुछ आसान वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय और वजन बढ़ाने वाले व्यायाम या एक्सरसाइज के बारे में यहां बता रहे हैं. मेनोपॉज के दौरान अंडे का उत्पादन होना बंद हो जाता है । इस वजह से भी कई मानसिक और शारीरिक समस्या हो जाती हैं । कई महिलाओं का वजन अनियमित रूप से बढ़ने लगता है । लॉकडाउन में बढ़ रहा है लोगों का वज़न : अमिताभ बच्चन की तरह बहुत से लोग इन दिनों शिकायत करते नज़र आ रहे हैं कि, उनका वज़न लॉकडाउन के दौरान बहुत बढ़ गया है । तो वहीं कई लोग ऐसे हैं जो चाहकर भी लॉकडाउन के दौरान अपने वेट को बढ़ने से नहीं रोक पा रहे हैं । अगर आपकी ही ये समस्या है तो  घबराइए मत, आप अकेले नहीं है । आप की ही तरह बहुत से लोगों का वजन लॉकडाउन के बाद बहुत अधिक बढ़ गया है । चूंकि, ज़्यादा वज़न सेहत के लिए अच्छा नहीं है । ऊपर से इन दिनों घर में रह रहे लोगों की फिज़िकल एक्टिविटीज़ भी बहुत कम हो गयी हैं । साथ ही लगातार एक जगह बैठकर वर्क फ्रॉम होम करना और दिन भर अनाप-शनाप खाने जैसी आदतें भी ज़्यादातर लोगों में आ गयी हैं । इन सबका असर मोटापे और वेट गेन के तौर पर दिखायी पड़ता है । अब सवाल उठता है कि इस बढ़े हुए वज़न को कम कैसे किया जा सकता है । साथ ही आगे और अधिक वज़न बढ़ने से कैसे बचा जा सकता है? इसके लिए आप बस कुछ बातों का ध्यान रखें । जैसे- घर पर रहते हुए ऐसे करें वेट लॉस: अपनाएं जल्दी सोने और जागने की आदत रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है । लेकिन, क्वारंटाइन और  लॉकडाउन के कारण बहुत-से लोगों का स्लीपिंग पैटर्न बिगड़ गया है । लोग रात में देर तक जागते हैं । नतीज़तन सुबह भी वह जल्दी नहीं उठ पाते । इससे, सेहत पर बुरा असर पड़ता है और बॉडी क्लॉक बिगड़ने के कारण लोगों का वज़न बेतहाशा बढ़ने लगता है । खाली पेट पीएं हेल्दी ड्रिंक्स सुबह उठने के बाद सीधे चाय या कॉफी पीने की बजाय कोई हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक पीएं । जो लोग सुबह खाली पेट पानी पीते हैं, उनकी यह आदत भी वेट लॉस में मददगार साबित होती है । पानी पीने से बॉडी डिटॉक्स में मदद होती है और कैलोरी बर्निंग प्रोसेस भी तेज़ होता है । इसीलिए, सुबह की शुरुआत पानी, नींबू पानी या हर्बल टी के साथ करें । एक्सरसाइज़ क्वारंटाइन के दौरान लोगों ने जिम जाना बंद कर दिया है, जो वज़न बढ़ने की एक बड़ी वजह है । तो वहीं, कई लोग सुबह देर तक सोते हैं । ऐसे में, लोगों को दफ्तर का काम शुरु करने की जल्दी के कारण हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ेस करना का भी समय नहीं मिलता । ऐसा ना करें । रोज़ाना, सुबह और शाम घर में थोड़ा टहलें । इसके अलावा, स्ट्रेचिंग, योगा, मेडिटेशन, रस्सी कूदने और सीढ़ियां चढ़ने जैसी एक्सरसाइज़ेस करें । इनके लिए आपको घर के बाहर जानें की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और आप एक्टिव भी रह सकेंगे । Breakfast tip for इसी तरह कुछ लोग ऐसे भी हैं जो, बहुत कम मात्रा में नाश्ता खाते हैं । लेकिन, क्या इस तरह की कोशिशों से वेट लॉस होता है? स्‍वास्‍थ्‍य के लिए गंभीर खतरा उत्‍पन्‍न कर सकता है लगातार एयर कंडीशनर का इस्‍तेमाल । सतावरी सतावरी में फाइबर, फोलिक एसि‍ड, विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा में पाई जाती है । यह एक एंटीऑक्‍सीडेंट हर्ब है जो सेल डैमेज को सही करता है । सतावरी में हाई लेवल अमीनो एसिड पाया जाता है । जो शरीर से अतिरिक्‍त पानी और नमक को यूरीन के रास्‍ते से बाहर करता है, इससे बॉडी बनाने में सहायता मिलती है । बीन्‍स बीन्‍स में किसी भी हरी सब्जियों से कहीं ज्‍यादा प्रोटीन और सॉल्‍यूबल फाइबर्स होते हैं । लेकिन अमिनो एसिड चेन पूरे न होने के कारण इसका प्रोटीन अधूरा होता है, अगर बीन्‍स को ब्राउन राइस के साथ खाया जाए तो यह पूरा हो जाता है । हैवी वर्कआउट के बाद इसे ले सकते हैं । वजन बढ़ाने के लिए अपने आहार में फैटी फूड्स को भी शामिल करें । Fruits that Burn Belly Fat in Hindi: बेली फैट यानी पेट में चर्बी बढ़ने से पूरा शरीर बैडॉल से नजर आने लगता है । ना तो कोई पैंट फिट आती है और ना ही कोई ड्रेस जंचता है । पेट की चर्बी को घटाने के लिए लोग घंटों एक्सरसाइज, योग, रनिंग, डायटिंग आदि का अभ्याय करना शुरू कर देते हैं, पर कुछ लोगों की पेट की चर्बी एक इंच भी कम नहीं होती । निराश होकर वे वजन कम करने और चर्बी गलाने वाले सप्लिमेंट्स का सेवन करने लगते हैं । पर किसी भी तरह की दवाओं का सेवन अंत में आपको नुकसान ही पहुंचाता है । बेहतर है कि आप बेली फैट कम करने के लिए कोई प्राकृतिक तरीका अपनाएं । इसके लिए आप अपनी डायट में कुछ फलों को शामिल करना शुरू कर दें । हां, जब आप इन फलों को सेवन करें, तो बाहर का खाना, जंक फूड्स, अनहेल्दी स्नैक्स, फैटी और कैलोरी युक्त चीजों का सेवन कम कर दें । हम जिन फलों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उनमें एंथोसाइनिन्स फ्लेवोनॉएड्स मौजूद होते हैं, जो बेली फैट को तेजी से कम करने में मदद करते हैं । इन फलों में ना तो फैट और ना ही कैलोरी होती है । कम वजन की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है । वजन बढ़ाने के घरेलू उपाय अगर आप भी अपना रहे हैं तो आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है । भारत में सुबह के नाश्ते में पोहा की जगह समोसा और बड़ा पाव खाने का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है । वजन बढ़ाना है, तो घी का नियमित सेवन करें । इसे रोटी पर लगाकर और दाल में मिलाकर खाएं । चीनी में घी मिलाकर खाने से भी वजन बढ़ाने में मदद मिलती है । रेबीज कुत्ते के मांस के सबसे बड़े खतरों में से एक है रेबीज का प्रसार । फिलीपींस में हर साल लगभग 10,000 कुत्ते और 300 लोग रेबीज से मारे जाते हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन और बिक्री की प्रक्रियाओं के माध्यम से रेबीज के प्रसार को कम करने के लिए सामूहिक टीकाकरण भी करवाया गया, बावजदू इसके कुत्ते के मांस का व्यापार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर लगातार हो रहा है, जिससे रेबीज की रोकथाम काफी मुश्किल हो जाती है । कुत्तों को मारने के दौरान स्लॉटर हाउस में काम करने वाले वर्कर्स रेबीज से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं । और यह बीमारी अन्य कुत्तों और मनुष्यों में समान रूप से फैला सकता है । 2008 में, वियतनाम के होई ड्यूक में बूचड़खानों में 20 प्रतिशत कुत्तों को रेबीज पाया गया था । पिछले वर्ष, वियतनाम में मांस के लिए कुत्तों को मारने के कारण लगभग 30 प्रतिशत मौत रेबीज के कारण हुई थीं । सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के रिकॉर्ड के अनुसार, केवल 10 लोग ही इस भयावह बीमारी से बच पाए हैं । रेबीज एक खतरनाक और घातक बीमारी है, जो आसानी से फैल सकती है । हैजा कुत्ते के मांस में हैजा पैदा करने वाले बैक्टीरिया पाए जाते हैं । यदि आप उन स्थानों पर बैठकर खाना भी खाते हैं, जहां कुत्ते का मांस परोसा जाता है, तो आप इस बैक्टीरिया के शिकार हो सकते हैं । डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कुत्ते का मांस खाने से हैजा होने की संभावना 20 गुना बढ़ जाती है । ट्राइकिनेलोसिस यह एक जूनोटिक परजीवी है, जो कुत्तों से मनुष्यों में फैलता है । यह रक्त वाहिकाओं में सूजन का कारण बनता है । इससे नेल बेड्स होता है । यह मांसपेशियों में अत्यधिक कमजोरी भी पैदा कर सकता है और कुछ मामलों में घातक भी हो सकता है । कई अन्य बीमारियों के होने का रहता है खतरा कुत्ते के मांस के सेवन से कई अन्य बीमारियों और संक्रमण के होने का खतरा बढ़ जाता है । कुत्ते के मांस जैसे परजीवी हो सकते हैं । यदि आप कुत्ते का मांस खाते हैं, तो एंथ्रेक्स जैसे बैक्टीरियल इंफेक्शन आपको हो सकते हैं । शतावरी   परंपरागत रूप से इसका कई स्त्री रोगों के लाभों के लिए इस्तेमाल किया जाता है । जीरा जीरा तो हर घर के किचन में मौजूद होता है । सौंफ   सौंफ में भूख बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं । सफेद मुसली   यह स्ट्रेंथ बढ़ाती है । यह व्‍हे प्रोटीन और  बहुत अच्‍छा जरिया होता है । व्‍हे प्रोटीन एग प्रोटीन के मुकाबले ज्‍यादा अच्‍छा होता है । जबकि कैसिइन प्रोटीन थोड़ा स्‍लो डाइजेस्टिव प्रोटीन होता है जो व्‍हे प्रोटीन के साथ मिलकर पॉजिटिव नाइट्रोजन को बॉडी में बैलेंस करता है और बॉडी में लंबे समय तक प्रोटीन की जरूरत को पूरा करता है, जिससे बॉडी बिल्डिंग में मदद मिलती है । पीनट बटर यह प्रोटीन का बहुत अच्‍छा जरिया है जो कि मसल्‍स बनाने और उसकी मरम्‍मत करने के लिए बहुत अच्छा होता है । इसमें मोनो और पॉलीसेचुरेटेड फैट्स पाए जाते हैं जो मसल्‍स के लिए बहुत फायदेमंद है । बॉडी बिल्डिंग शाकाहारी आहार से चाहते हैं तो एक हैवी वेट वर्कआउट के बाद इसे ले सकते हैं । इसके अलावा ड्राई फूड और केले का भी सेवन मसल्‍स बनाने के लिए किया जा सकता है । एक्सपर्ट्स के अनुसार वज़न धीरे-धीरे और हेल्दी तरीके से होना चाहिए । एक सप्ताह में आधे से एक किलो तक वजन कम होना सही और हेल्दी होता है । इस तरह, आपकी सेहत पर इसके साइड-इफेक्ट्स भी नहीं दिखते । लेकिन, अगर आपका वज़न अचानक से बहुत कम हो गया है तो, इस प्रकार की परेशानियां हो सकती हैं आपको । प्रोटीन हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है, खासकर जब आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हों । प्रोटीन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने, भूख को कम करने और कई वजन को कंट्रोल करने वाले हार्मोन को बदलने में मदद करने का काम करता है । प्रोटीन शरीर में तृप्ति के स्तर को बढ़ाता है, जबकि आपके हंगर हार्मोन के स्तर को कम करता है । प्रोटीन अपने उच्च थर्मिक प्रभाव और कई अन्य कारकों के कारण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जो आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करते हैं । इसके अतिरिक्त, प्रोटीन रात के वक्त होने वाली क्रेविंग और स्नैक की इच्छा दोनों पर एक शक्तिशाली प्रभाव डालता है । इसलिए, अगर आप नाश्ते के दौरान पर्याप्त प्रोटीन लेते हैं तो संभावना है कि आपको दिन भर में कम भूख लगेगी और आपके बेवजह का अनहेल्दी चीजें नहीं खानी होंगी । अब, जब आप जान चुके हैं कि आपके शरीर के लिए प्रोटीन कितना जरूरी है, खासकर जब आप पेट के उभार को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो हम आपको इस पोषक तत्वों के मुख्य स्रोत बताते हैं और आपको उन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए । ऐसे कई अमीनो एसिड होते हैं जो शरीर में उत्पन्न होते हैं, जबकि दूसरों को आपके भोजन के साथ सेवन करने की आवश्यकता होती है । यही कारण है कि शाकाहारियों को उनके लिए उपलब्ध प्रोटीन युक्त आहार स्रोतों की विविधता के बारे में पता होना चाहिए । प्रोटीन के स्रोत सबसे ज्यादा प्रोटीन मीट, चिकन और मछली में पाया जाता है । वजन घटाने के लिए शाकाहारी प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ 1.दाल लगभग एक कप पकी हुई दाल में 18 ग्राम प्रोटीन होता है । दाल को न केवल तरी के रूप में पिया जा सकता है, बल्कि सलाद और सूप में भी डाला जा सकता है । दाल में धीरे-धीरे पचने वाले कार्ब्स की अच्छी मात्रा होती है और इसे फाइबर के अच्छे स्रोत के रूप में जाना जाता है, जो आपके वजन घटाने की कोशिश के लिए महत्वपूर्ण है । इसके अलावा इनमें फोलेट, मैंगनीज और आयरन भी होता है, जो सभी को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं । 2. चना चना फलियों की श्रेणी में आता है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है । एक कप पके या उबले हुए चने में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन होता है । इसके अलावा ये आयरन, कॉम्पलेक्स कार्ब्स, फाइबर, फोलेट, फास्फोरस, पोटेशियम, मैंगनीज और कई अन्य प्लांट कम्पाउंड का एक बड़ा स्रोत हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं । 3. अमरनाथ और क्विनोआ ये ग्लूटन मुक्त अनाज दिन के लिए पर्याप्त प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए जाना जाता है । अमरनाथ और क्विनोआ प्रोटीन का पूर्ण स्रोत हैं और कहा जाता है कि यह आपको अधिक समय तक फुल रखता है, जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं । 4. पालक क्या आप जानते हैं कि पालक में उबले हुए अंडे जितना प्रोटीन होता है और वो भी सिर्फ आधी कैलोरी के साथ? कच्चा खाने के बजाय इसे भाप देकर उबाल लें और इसके पोषक मूल्य को अधिकतम कर सकते हैं । उबले हुए पालक विटामिन को बनाए रखने में मदद करते हैं, कैल्शियम के अवशोषण में मदद करते हैं और सूजन को दूर कर सकते हैं । 5. बादाम बादाम, प्राकृतिक रूप से वजन घटाने की प्राकृतिक गोलियां हैं । रोजाना बस कुछ बादाम का सेवन करने से प्रभावी रूप से वजन कम करने में मदद मिल सकती है । जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिम जाने से ठीक पहले आप बादाम खा सकते हैं क्योंकि ये एमिनो एसिड एल-आर्जिनिन से भरपूर होते हैं, जो वर्कआउट के दौरान अधिक फैट और कार्ब्स को बर्न करने में मदद करते हैं । 6. पनीर पनीर कैलोरी और फैट में बहुत कम होते है, और प्रोटीन में उच्च । इसके अलावा, यह कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन बी 12, राइबोफ्लेविन, और कई अन्य पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है जो स्वस्थ तरीके से वजन कम करने के लिए आवश्यक है । 7. ब्रोकोली ब्रोकोली एक सुपर-हेल्दी सब्जी है, जो विटामिन सी, प्रोटीन, विटामिन के और फाइबर से भरी होती है, ये सभी वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं । आप इसे उबालें, भाप देकर या इसे बेक कर खा सकते हैं, जो आपके वजन घटाने के लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी मदद कर सकती है । सुनिश्चित करें कि आप इन शाकाहारी उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें, जो आपको स्वस्थ तरीके से वजन कम करने में मदद करेंगे । सुनिश्चित करें कि आप व्यायाम और एक फिट जीवन शैली के साथ इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें । यदि आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो कीटो मील प्लान और कीटो डाइट फूड को नियमित रूप से फॉलो करना होगा, तो ही आपको लाभ होगा । जानें, क्या है कीटो डाइट प्लान , कीटो मील प्लान, कीटो डाइट फूड के बारे में सबकुछ यहां... इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि आपको वजन कम करने के लिए एक अच्छे नाश्ते के बारे में पता होना चाहिए । वजन होगा कम झटपट, जब डाइट में शामिल करेंगी ये चीजें अपनी डाइट में कॉम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स वाली चीजें जैसे चौकर, ज्वार, गेहूं, बाजरा आदि को शामिल करें । सीजनल फ्रूट्स तथा सब्जियों को खाएं । ऐसी डाइट लेने पर आपका वजन जल्दी ही काम होने लगता है । बाजरा  में स्टार्च अधिक होता है । जो,  कि एक हाई-एनर्जी फूड है । जैसा कि स्टार्च के विघटन में अधिक समय लगता है । इसीलिए,  बाजरे का सेवन करने से देर तक आपको एनर्जी मिलती रहेगी । इसके सेवन से बहुत देर तक पेट भरा हुआ होता है । जिससे,  आपको बहुत देर तक भूख नहीं लगती । वेट लॉस करने में बहुत मेहनत लगती है और टाइम भी । लेकिन कई बार वेट लॉस गोल अचीव होने के कुछ दिन बाद ही फिर से वेट बढ़ जाता है । हेल्दी वेट लॉस एक अच्छी अचीवमेंट मानी जाती है । लेकिन कई बार वेट लॉस गोल अचीव होने के कुछ दिन बाद ही फिर से वेट बढ़ जाता है   बहुत से लोगों के साथ ऐसा होता है । वेट लॉस और वेट गेन का यह सिलसिला कई लोगों के साथ अक्सर चलता रहता है । वजन कम करना है, तो इन सेक्स पोजीशन को जरूर करें ट्राई । पीरियड्स में अच्छा महसूस करने के लिए अपनाएं ये टिप्स पर्याप्त नींद लेने से आप पीरियड्स में अच्छा महसूस कर सकती हैं । खूश्बूदार की पंखुड़ियों को ठंडाई की लज़्ज़त बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है । गुलाब की पंखुड़ियां डायजेशन और पीरियड्स से जुड़ी परेशानियां कम करती है । हम आपको तीन हेल्दी ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन करके ना सिर्फ शारीरिक कमजोरी दूर कर सकती हैं, बल्कि वजन कम करके दोबारा आकर्षक फिगर भी पा सकती हैं । अगर आप वजन घटाने के लिए तैयारी कर रहे हैं या वजन घटाने के प्रयास में असफल रहे हैं तो अपको हम कुछ खास बातें बता रहें हैं जो वजन घाटाने में सहायक होती हैं । आप इस डाइट और फिटनेस प्लान को एक महीने तक ठीक से अपनाएं तो आपका वजन 3 से 4 किलो तक घट सकता है । एक महीने में कितना वजन घटाया जा सकता है ? दरअसल ये बात विभिन्‍न कारकों पर निर्भर करती है । एक्‍सरसाइज का वजन घटाने में रोल  बहुत से लोग वजन कम करने के लिए केवल डाइट का सहारा लेते हैं । सप्ताह में कितने दिन वर्कआउट करें  ज्‍यादा कैलोरी बर्न करने के लिए रोजाना 30 से 40 मिनट वर्कआउट ज़रूर करें । कार्डियो एक्सरसाइज क्यों है जरूरी  ये निर्भर करता है कि आप कितना वजन कम करना चाहते हैं । कार्डियो के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग  कार्डियो के साथ-साथ स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से वजन घटाने में ज्‍यादा मदद मिलती है । योग से कैसे वजन घटाएं  कार्डियों और वेट ट्रेनिंग के साथ-साथ योग भी कर सकते हैा । वजन कम करने के लिए डाइट का रोल  अगर आपको बॉड़ी की सही शेप चाहिए तो आपको अपनी लाइफस्‍टायल और डाइट बदलनी पड़ेगी । मीठा कितना खाएं  वजन कम करने की क्रिया के दौरान मीठा और ज्‍यादा तेल वाला खाना ना खाएं । सोडियम वाले फूड कम खाएं सोडिमम और ज्‍यादा नमक वाले फूड खाने से बचें । खाने में करे बदलाव  वजन घटाने के क्रिया में सबसे पहला काम मेटाबॉलिज्‍म को सही रखना ज़रूरी है । वर्कआउट के बाद की डाइट  वर्कआउट के बाद खाना ज़रूरी होता है । ग्रीन टी को करें शामिल  रोजाना दो कप पीने से वजन घटाने में सहायता मिलती है । मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं  पर्याप्‍त नींद से आपका मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है और वजन कम होता है । नाश्‍ते की डाइट और वजन घटाना  अपना दिन गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पीने से शुरु करें । लंच की डाइट  सही और संतुलित खाना खाएं । डिनर में क्‍या खाएं रात को हल्‍का खाना खाएं । सेब का सिरका सेब के सिरके में मौजूद एसिटिक एसिड शरीर में फैट जमा नहीं होने देता है, जिससे आप मोटापे से बचे रहते हैं । ग्रीन टी ग्रीन टी को वजन कम करने के लिए बेस्ट माना गया है । शहद और नींबू शहद, नींबू और पानी को एक साथ मिलाकर पीने से भी आप अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते हैं । काली मिर्च काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन फैट कम करता है । एलोवेरा जूस एलोवेरा जूस मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे वजन कम होता है । इसे आप कई चीजों के साथ मिलाकर हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक बना सकते हैं । हरा सेब, पालक, एप्पल सिडर वेनेगर खाने से सेहत को कई तरह से लाभ होता है । पालक और सेब में भरपूर आयरन होता है । एप्पल सिडर वेनेगर भी वजन कम करने में काफी उपयोगी होता है । एप्पल सिडर वेनेगर बना सकते हैं । यह ड्रिंक काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है । पाचन में भी मदद करता है । कैलोरी की मात्रा काफी कम होने के कारण यह वजन कम करने में बहुत मदद करता है । वजन कम करने के लिए एप्पल सिडर वेनेगर ड्रिंक्स कैसे बनाएं, जानें यहां… क्रीमी स्मूदी से घटाएं अपना वजन । चाइल्डहुड ओबेसिटी बच्चों में बढ़ा सकता है हाई ब्लड प्रेशर, यूं बचाएं बच्चों को ओवरवेट होने से विश्व स्वास्थ्य संगठन 21वीं सदी की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है । यह समस्या वैश्विक है और इसकी व्यापकता खतरनाक दर से बढ़ रही है । ठंड में अक्सर लोगों का वजन बढ़ने लगता है । क्यों होता है ऐसा, किन कारणों से सर्दियों में वजन बढ़ने लगता है और वजन को नियंत्रित रखने के उपाय क्या हैं? जानें यहां... मोटापा कम करने के लिए तमाम तरह के डाइट टिप्स बरसात में नहीं अपनानी चाहिए. क्योंकि इस मौसम में तमाम तरह के इंफेक्शन और वायरल संक्रमण का खतरा होता है. मोटापा घटाने के लिए इस मौसम में ऐसी डाइट लेनी चाहिए जो शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने वाली हो. मोटापा न केवल आपकी पर्सनैलिटी को खराब करता है बल्कि कई तरह की बीमारियों जैसे डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, ब्‍लड प्रेशर और किडनी का शिकार भी बना देता है । खाने की गलत आदतें, खराब लाइफस्‍टाइल और गलत आदतों के चलते आज हम मोटापे के शिकार हो रहे हैं । इसलिए हमें मोटापा कम करने के उपायों की खोज करनी चाहिए । लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि नॉर्मल रूटीन में थोड़ा सा बदलाव करके आप आसानी से अपना वजन तेजी से कम कर सकती हैं । जी हां आज हम आपको कुछ नॉर्मल टिप्‍स के बारे बताने जा रहे हैं, जिसकी हेल्‍प से आप 3 दिन में 1 किलो तक कम कर सकती हैं । वेट कम करना इतना भी मुश्किल नहीं है जितना हमें लगता है । अगर आप यहां दिए टिप्‍स को अच्‍छे से फॉलो करेंगी तो बहुत ही आसानी से 3 दिन में ही अपने वजन में फर्क महसूस करेंगी । गर्म पानी पिएं जैसा ही हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि गर्म पानी पीने से आप अपना वजन तेजी से कम कर सकती हैं । डॉक्‍टर अबरार मुल्तानी का कहना हैं कि जब आप गर्म पानी पीती हैं, तो इससे बॉडी में जमा फैट दूर होता है । जिससे आपका वेट कम होने लगता है । साथ ही बॉडी को डिटॉक्‍स करने के लिए गर्म पानी पीना बेहद जरूरी है । जी हां जब आपकी बॉडी डिटॉक्‍स होगी तब मेटाबॉलिज्‍म बढ़ने लगेगा और आप पतली होने लगेगी । रोज करें एक्‍सरसाइज वजन कम करने के लिए डाइट के साथ एक्‍सरसाइज करना भी बेहद जरूरी होता है । जी हां फैट बर्न करने के लिए बॉडी को एक्‍टिव रखना बेहद जरूरी है । आपको एक्‍सरसाइज करने के लिए जिम जाने की जरूरत नहीं है आप घर में ही वॉकिंग, जॉगिंग या सीढि़यों को चढ़ कर अपना फैट बर्न कर सकती हैं । जी हां एक्सरसाइज से ज्यादा यह बात मायने रखती है कि आप वर्कआउट कैसे करती हैं । जब आप छोटी-छोटी एक्सरसाइज करती हैं और इसके बात बीच में आसान एक्सरसाइज करती हैं तो आपकी बॉडी को सबसे ज्यादा फायदा होता है क्योंकि बीच में तरोताजा होने के लिए शरीर को पर्याप्त रेस्ट मिल जाता है । शुगर से बचें वजन कम करने के लिए शुगर वाली चीजे खाने से बचें । जी हां मोटापा कम करने के लिए आपको शुगर से बनी मिठाइयों और चॉकलेट से दूरी बना कर रखना चाहिये क्‍योंकि ये आपके शरीर का मेटाबॉलिज्‍म धीमा कर देते हैं । इसके अलावा कुछ भी ऐसा न खाएं जिसमें आर्टिफिशियल शुगर मौजूद हो । इसे खाने से एक ओर जहां वजन बढ़ता है वहीं ऐसी चीजें मीठे की क्रेविंग बढ़ाने का भी काम करती है । प्रोटीन लें मोटापा कम करने में प्रोटीन का अहम रोल होता है । प्रोटीन से बॉडी को सही शेप में लाया जा सकता है । प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से बॉडी में मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है । साथ ही प्रोटीन का सेवन पेट को भरा रखता है जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है और बार-बार खाने की इच्‍छा कम होती है । यह कई तरह के वजन कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स में भी बदलाव लाता है । अगर आप नॉन वेज नहीं खाती हैं तो प्रोटीन के लिए पनीर, दही, दालें और राजमा का सेवन करें । मक्के के दाने और कॉर्न फ्लेक्स कार्बोहाइड्रेड से भरपूर होते हैं, जो कि एनर्जी का स्रोत है । कॉर्न फ्लेक्स खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में एनर्जी मिलती है साथ ही पेट को देर तक भरा हुआ रखता है । कॉर्न में जो फाइबर होता है वह मलाशय या कोलन में जमे हुए खाद्द पदार्थों को निकालने में सहायता कर कब्ज़ के कष्ट से राहत दिलाता है । भुट्ठे या कॉर्न में बीटा-कैरोटीन होता है जो विटामिन ए के उत्पादन में सहायता करता है । यह आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ शरीर में खून की कमी जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है । ज़िंक, फॉस्फोरस, मैग्नेशियम और आयरन  जैसे मिनरल्स से भरपूर मक्के हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं । प्रेगनेंट महिलाओं, स्कूल जाने वाले बच्चों के अलावा गठिया या अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से परेशान लोगों के लिए मक्का एक अच्छा भोजन साबित हो सकता है । The ICS said that the long working hours and continuous exposure to high risk patients is the cause behind the increasing risk of contracting Covid-19. ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है । इस वायरस से अब तक लाखों लोग संंक्रमित हो चुके हैं । वहीं, बहुत ही बड़ी तादाद में इस वायरस से लोगों की जान चली गई है । ऐसे में कई विशेषज्ञ इससे बचने की सलाह दे रहे हैं । हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, वे वायरस की जकड़ में जल्दी आते हैं । अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो आप कई बीमारियों के शिकार जल्दी ही हो सकते हैं । जानें क्या कहती हैं हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. गौरी कुलकर्णी आपने कितनी बार कहा है कि आपके पास कसरत करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है? लेकिन अगर आप वाकई अपनी पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं तो आपको एक्सरसाइज के लिए समय निकालने की आवश्यकता है । पेट में गुड़गुड़ और पेट फूलने पर पिएं ये 4 मसालों वाला हर्बल ड्रिंक, मिलेगा आराम और पास होगी गैस खाना अगर स्वादिष्ट बना हो तो जरूरत से ज्यादा खा लेना, जल्दबाजी में अधपका भोजन करन, अधिक शुगर वाले फूड्स का सेवन और शुगर वाले पेय पदार्थ आपको कुछ देर का मजा दिला सकते हैं । इस तरह के भोजन आपके मन को जरूर भा सकते हैं लेकिन सेवन के बाद शरीर को जो हानि पहुंचती है उसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा । पेट में ऐंठन, दर्द, ऊर्जा की कमी और जरूरत से ज्यादा खाने से होने वाली मिचली की भावना अक्सर आपको बाद में दोषी और असहज महसूस कर सकती है । वो तो खुशी की बात ये है कि दादी-नानी के नुस्खे के कुछ नुस्खे आज भी कामयाब हैं और हमारे आस-पास मौजूद प्रभावी जड़ी बूटियां कुछ स्थितियों में होने वाले पेट दर्द से तुरंत राहत प्रदान कर सकती हैं, जिसके कारण आपका फूला हुआ पेट अंदर हो सकता है और मिचली की भावना से राहत दिला सकता है । हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और पेट फूलने जैसी स्थति को रोकने के लिए हर्बल काढ़ा बेहद फायदेमंद माना जाता है । इस हर्बल काढ़े से न सिर्फ हमारा पेट का स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि पेट से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर होती हैं । आइए जानते हैं पेट फूलने से बचने के लिए पिएं जाने वाले हर्बल काढ़े के बारे में । हर्बल काढ़ा ये हर्बल काढ़ा कई जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण है, जो स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और शारीरिक गतिविधियों में सुधार के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर हमें संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है । कब्ज और पेट में किसी भी प्रकार की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए आप घर पर सिर्फ इन चार चीजों, हरी इलायची, अदरक, जीरा और सौंफ का उपयोग करके काढ़ा बना सकते हैं । हर्बल काढ़े के स्वास्थ्य लाभ 1. प्रकृति में वातहर और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर इलायची पाचन को तेज करने में मदद करती है, एसिडिटी से राहत देती है, पेट की परत में सूजन को कम करती है, सीने में होने वाली जलन और मतली से लड़ती है । 2. अदरक पाचन अग्नि को बढ़ाकर काम करती है, जो भोजन को सही तरीके से तोड़ने और खाने के साथ पाचन में मदद करती है । इसके अलावा, अदरक आंत को भी बचाती है और ठीक करती है, जिससे ऐंठन और सूजन को कम करने में मदद मिलती है । वहीं जीरा लिवर से पित्त को रिलीज करने में बढ़ाकर सामान्य पाचन को बेहतर बनाता है । 3. उच्च फाइबर से समृद्ध होने के कारण जीरा जठरांत्र संबंधी मार्ग को दुरुस्त करता है और एंजाइम स्राव को उत्तेजित कर ऐंठन का इलाज करता है । 4. सौंफ के बीज भी अपने इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण पाचन के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं । सौंफ के बीजों का सेवन करने से पेट की मांसपेशियां सुचारू रूप से काम करती हैं, गैस कम होती है, पेट फूलने के साथ अपच की समस्या दूर होती है । क्योंकि इस काढ़े में जड़ी-बूटियों और मसालों का मिश्रण होता है, इसलिए इस काढ़े को सीमित मात्रा में पीना सुनिश्चित करें । धनिए के बीजों का मिश्रण अगर आप लगातार पेट फूलने की समस्या से परेशान हैं तो एक चम्मच धनिया के बीज को पांच मिनट के लिए पानी में उबालें और नियमित रूप से इस काढ़े को पिएं । धनिए के बीज के मूत्रवर्धक गुण हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करते हैं और शरीर में वॉटर रिटेंशन को भी कम करते हैं । यहां तक कि खूब पानी पीना और खाने के बाद टहलना भी पाचन समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है । एंटी-बायोटिक दवाओं की जगह यूं बचाएं खुद को पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से मानसून के दिनों में पानी से फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए अक्सर लोग डाॅक्टर की सलाह के बिना एंटी-बायोटिक दवाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं । ऐसा करने से आप अन्य बीमारियों के लिए अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, क्योंकि इससे शरीर में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं । ऐसे में पानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को पहचान कर उनका उचित इलाज जरूरी है । मोटापा कम करने के उपाय आपको अक्सर सोशल साइट पर मिल जाते हैं । अगर आप फेसबुक, इंस्टाग्राम पर वजन घटाने वाली डाइट के बारे में देखते हैं तो अक्सर चिया सीड वजन घटाने के बारे में जानकारी मिल जाती है । चीया सीड से बनने वाली तरह तरह की रेसिपी के बारे में भी तमाम जानकारियां आपको मिलती ही रहती हैं । लेकिन क्या आपने इस बारे में सोचा कि क्या वास्तव में चिया सीड वजन घटाने में मदद करता है ? डाइट से वजन घटाना जितना आसान लगता है उतना आसान होता नहीं है । हम यहां पर चिया सीड के बारे में विस्तार से समझेंगे कि आखिर यह कैसे काम करता है और क्यों वजन घटाने की सबसे अच्छी डाइट मानी जाने लगी है । चिया सीड क्या है चीया सीड वास्तव में छोटे काले बीज हैं । चीया सीड को हिंदी में तकमरिया या तुकमलंगा के नाम से भी जाना जाता है । भारत ही नहीं चिया सीड विश्व में सबसे अधिक वजन घटाने वाली डाइट के रूप में प्रसिद्ध है । चिया सीड कैसे वजन कम करता है चिया सीड के सेवन से क्या वजन आसानी से घटने लगता है ? अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन द्वारा प्रकाशित एक अकादमिक मेडिकल जर्नल एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन के अनुसार फाइबर और प्रोटीन से भरपूर डाइट या भोजन करने से वजन घटाने में मदद मिलती है । जो लोग अपनी डाइट में 30 प्रतिशत तक प्रोटीन डाइट या फूड लेते हैं उनके फूड की कैलोरी कम होती है और वजन को तेजी से घटाने में मदद मिलती है । क्या सिर्फ चिया सीड खाने से वजन कम हो सकता है ? यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी एक चीज के खाने से वजन घट जाना तार्किक नहीं है । अगर हम डाइट एक्सपर्ट्स की मानें तो वजन घटाने के लिए सही डाइट और वर्कआउट दोनों जरूरी हैं । किसी एक चीज को अधिक या कम खाने से वजन घटाना संभव नहीं है । मेडिकल एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि कोई एक खाद्य पदार्थ या फूड वजन कम नहीं कर सकता है । क्या चिया सीड के साइड इफेक्ट नहीं हैं ? कोई भी हेल्थ टिप्स या हेल्थ केयर की चीज जब हम उपयोग करते हैं तो सबसे पहला सवाल होता है कि क्या इसका साइड इफेक्ट है ? लेकिन जैसे की किसी आयुर्वेदिक या खाने की चीज के बारे में बात करते हैं तो यह देखते हैं कि इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता है । लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी एक चीज की मात्रा अचानक बढ़ा देने से शरीर पर अचानक प्रभाव पड़ता है जो किसी नुकसान को जन्म दे सकता है । चिया सीड में भी फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है अगर आप अचानक फाइबर की मात्रा बढ़ा देते हैं तो शरीर का तरल पदार्थ कम होने की संभावना बढ़ जाती है । चिया सीड खाने से लोगों का पेट भरा-भरा सा रहता है जो फाइबर की वजह से ही होता है । चिया सीड के सेवन में इन बातों का रखें ध्यान अगर आप चिया सीड का सेवन वजन घटाने के लिए कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है । सबसे पहली बात तो यह की इसकी कितनी मात्रा लेनी है इसके बारे में किसी डाइट एक्सपर्ट्स से सलाह जरूर लें । चिया सीड का सेवन करने के लिए किसी जरूरी पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थ को न छो़ड़ें । अपने खाद्य पदार्थ की विविधता को बनाएं रखें ऐसा न करें कि चिया सीड्स के सेवन को बढ़ा दें और अन्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें । शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व देने वाले खाद्य पदार्थों को अपने खाने में जरूर शामिल करें । चिया सीड वजन घटाने में मदद करता है यह बात सच है लेकिन इसे लेकर सतर्कता भी जरूरी है । वजन घटाने के समय भूख को कंट्रोल करने के लिए कई डाइट टिप्स आप पढ़ते रहते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज ऐसी हैं जो भूख को कंट्रोल करने में आपकी मदद करती हैं । 5 ऐसी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज होती हैं जो आपको फिट रखने के साथ भूख कंट्रोल करने में भी मदद करती हैं । इन 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के मदद से शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने के साथ भूख को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं । भूख कंट्रोल करने में स्ट्रेचिंग कैसे मदद करती है ? स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज का मुख्य काम होता शरीर के पूरे अंग को संचालित करना और लचीलेपन को बढ़ाना । खराब और अनहेल्दी खाने की आदत को कंट्रोल करने में स्ट्रेचिंग  एक्सरसाइज मददगार होती है । कई शोधों में यह पाया गया है कि स्ट्रेचिंग करने से अधिक खाने की आदत को कंट्रोल करने में यह मददगार होती है । अगर आप में भी अधिक खाने की आदत है तो स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें । आइए जानते हैं उन 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में जो भूख को कंट्रोल करती हैं । ब्रिज स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जब आप  करते हैं तो यह पेट के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करता है । अधिक खाने की वजह से पेट के बढ़े हुए आकार को नियंत्रित करता है और भूख को कंट्रोल करने में मदद करता है । कैसे करें ब्रिज स्ट्रेचिंग  अपने हाथों से अपनी पीठ के बल लेट जाएं और हथेलियां फर्श पर सपाट रहें । अपने पैरों को हिप-चौड़ाई से अलग रखें और अपने घुटनों को मोड़ें । आपके पैरों को जमीन पर सपाट रखा जाना चाहिए । अब अपने बट और चेस्ट को छत की तरफ ऊपर ले जाएं । हमारे कंधे और पैरों के पीछे अपने शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें । कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और साँस अंदर और बाहर करते रहें । स्पाइनल ट्विस्ट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज यह व्यायाम तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है और आपको ओवरईटिंग से बचाता है । यह आपके महत्वपूर्ण अंगों के माध्यम से रक्त प्रवाह को बेहतर करने में भी मदद करता है । स्पाइनल ट्विस्ट स्ट्रेचिंग कैसे करें जमीन में अपनी पीठ के बल लेट जाएं । अपने हाथों को एक टी-आकार में फैलाएं और अपने दाहिने घुटनों को अपने पैरों को जमीन पर फ्लैट करें । अपने बाएं पैर को सीधा रखें और अपने दाहिने पैर को अपनी बाईं तरफ इस तरह मोड़ें कि आपके दोनों पैर एक-दूसरे के ऊपर रहें । पैरों को जमीन पर सपाट रखें । अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर खींचें, सुनिश्चित करें कि आपके कंधे जमीन पर सपाट हैं । पैरों को वापस बीच में लाएं और दूसरी तरफ उसी तरह दोहराएं । एबीएस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कोर और पेट की मांसपेशियों को एबीएस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज मजबूत करता है । बेली फैट को अगर कम करना है तो यह सबसे बेहतर स्ट्रेचिंग होती है । एबीएस स्ट्रेचिंग कैसे करें अपने घुटनों को मोड़कर और कूल्हे-चौड़ाई को अलग रखते हुए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं । अब अपने दोनों हाथों को अपने सिर के पीछे रखें और अपनी कोहनी को छत की तरफ ले जाएं । इसके बाद दोनों पैर को साथ में जोड़ते हुए छत की तरफ ले जाएं । इस स्थिति में कुछ देर रूके और वापस नार्मल स्थिति में आ जाएं । जब आप यह करें तो सांस अंदर की तरफ लें और नार्मल होने पर सांस को छोड़ें । वारियर 2 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज छाती और पैरों की मजबूती के लिए वारियर 2 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज सबसे अच्छी होती है । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करने के लिए वारियर 2 स्ट्रेचिंग फायदे वाली होती है. कैसे करें वारियर 2 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज  पैरों को जितना संभव हो उतना सीधा खड़ा करें । अब अपने दाहिने पैर की उंगलियों को दाईं ओर मोड़ें और अपने घुटनों को 90 डिग्री के कोण पर झुकें । बाएं पैर को लगभग 15 डिग्री तक अंदर की ओर मोड़ें । सुनिश्चित करें कि आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर के केंद्र से जुड़ी हुई है । अपने दोनों हाथ बग़ल में उठाएं, ताकि वे आपके कंधे के स्तर पर हों । आपकी हथेलियां ऊपर की तरफ होनी चाहिए । अब एक गहरी साँस लें और साँस छोड़ें । अपने सिर को देखें और अपने दाईं ओर देखें । धीरे से अपने श्रोणि को जितना हो सके उतना नीचे धकेलने का प्रयास करें । कोबरा पोज स्ट्रेचिंग कोर और शरीर को मजबूत करने के लिए कोबरा पोज स्ट्रेचिंग अच्छी होती है. रीढ़ और तंत्रिका तंत्र को बेहतर संचालित करने में मदद करता है । कैसे करें कोबरा पोज स्ट्रेचिंग जमीन पर अपने पैर की उंगलियों के साथ अपने पेट के बल लेट जाएं और आपका माथा जमीन पर टिका हुआ है । अपने दोनों पैरों को साथ रखें । अपने हाथों को अपने कंधों के पास इस तरह रखें कि आपकी कोहनी समानांतर और आपके धड़ के करीब हो । श्वास लें और धीरे-धीरे अपने सिर, छाती और पेट को ऊपर उठाएं, जिससे आपकी नाभि जमीन पर टिका रहे । अपने हाथों के सहारे अपने धड़ को पीछे खींचें । अपनी रीढ़ को मोड़ते हुए सांस लेते रहें और अपने हाथों को सीधा रखें । अपने सिर को पीछे झुकाएं और ऊपर देखें । अपने आप को ओवरस्ट्रेन न करें । कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं । यदि आपको लगता है कि कार्ब्स खाना छोड़ देने से जल्दी वजन कम होता है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है । वजन घटाने के लिए पुरूषों के लिए कुछ कार्ब्स का सेवन भी जरूरी है, जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल । हमारे आसपास के परिसर में मौजूद चीज़ों का रंग देखकर हमारे दिमाग को एक विशिष्ट संदेश मिलता है । इन रंगों का हम पर मानसिक, भावनात्मक और साइकोलॉजिकल प्रभाव पड़ता है । नवरात्री 9 रातों 10 दिनों का त्योहार है । इन 9 रातों में देवी  दुर्गा से जुड़ी कहानियों के आधार पर उनका श्रृंगार होता है । इसी तरह लोग अपने कपड़ों में भी इन रंगों को शामिल करने की कोशिश करते हैं । अब तो कॉर्पोरेट ऑफिसेस में भी इन रंगों के आधार पर थीम बनायी जाती है औऱ लोग उसी थीम के आधार पर कपड़े पहनकर आते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों का हमारी सेहत भी कनेक्शन है । साफ और हेल्दी स्किन के लिए घर पर ही करें ये 3 स्टेप वाला फेशियल, स्किन दिखाई देगी जवां दुनियाभर में कोरोना से मची तबाही के कारण लगे लॉकडाउन और उसके बाद अनलॉक की प्रक्रिया ने लोगों को नए तरीके से सोचने के लिए मजबूर किया है । इस नई जिंदगी में सैलून तक सीमित पहुंच के साथ अपने घर पर ही आराम से फेशियल रूटीन को फॉलो करना क्या आपके लिए अच्छा नहीं होगा? जब हम जीवनशैली में बदलाव की बात करते हैं, तो हम बेसिक स्किन केयर रूटीन की अनदेखी नहीं कर सकते हैं । आपकी स्किन को एक सप्ताह में 3 स्टेप स्किन केयर रूटीन की आवश्यकता होती है, ताकि आपका चेहरा अच्छा दिखे और आापकी स्किन पहले से अच्छी महसूस करे । कोरोना के कारण जीवन में नए बदलावों को स्वीकार करने से आपकी स्किन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है । इन बदलावों से आपकी त्वचा सुस्त और रूखी हो सकती है या सूख सकती है । इन सबके अलावा तनाव, विटामिन डी की कमी, आहार में बदलाव, शारीरिक कसरत की कमी, सही से नींद न लेना और सबसे जरूरी बात, अपनी स्किन की देखभाल की दिनचर्या में बदलाव के कारण ये सभी समस्याएं पैदा हो सकती हैं । इसके अलावा सप्ताह के अंत में ये 3 स्टेप वाला ब्यूटी रूटीन चेहरे की सफाई और स्किन को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है । इसके साथ ही, प्राकृतिक अवयवों जैसे नीम के बने उत्पादों के साथ रोजाना की स्किन केयर रूटीन त्वचा की सेहत सुधारने में मदद कर सकता है । आइए जानते हैं कौन सा है ये 3 स्टेप वाला ब्यूटी रूटीन । 3 स्टेप वाला ब्यूटी रूटीन रखेगा स्किन को साफ और हेल्दी चेहरे की गंदगी को धोएं त्वचा की देखभाल का सबसे बेसिक और जरूरी कदम है अपने चेहरे को सौम्य, साबुन रहित फेस वॉश से धोना । यह न सिर्फ चेहरे की गंदगी को हटाता है बल्कि चेहरे की अशुद्धियों को दूर करता है, जिससे त्वचा को ताजा और साफ महसूस कराने में मदद मिलती है । आप अशुद्धियों को प्रभावी ढंग से हटाने के लिए नीम और हल्दी के साथ एक फेस वॉश का विकल्प चुन सकते हैं । इन अवयवों को उनके एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है जो, चेहरे पर मौजूद दानों को कम करते हैं और त्वचा की अन्य सामान्य स्थिति बरकरार रखने में मदद करते हैं । त्वचा को साफ करने के लिए अपने तरीके का स्क्रब चुनें अपने चेहरे को साफ करने और धोने के अलावा त्वचा की देखभाल की प्रक्रिया में स्क्रबिंग अगला सबसे महत्वपूर्ण कदम है । एक्सफोलिएट करने से ब्लैकहेड्स और डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है, साथ ही बंद छिद्रों को खोलने में भी आसानी होती है । स्क्रब प्रभावी रूप से मृत त्वचा कोशिकाओं और त्वचा की गहराई में छिपी अशुद्धियों को एक्सफोलिएट करता है । गहराई में छिपी अशुद्धियों को दूर करने के लिए फेस पैक एक अच्छे मास्क का उपयोग करने से चेहरे की स्किन की गहराई में छिपी अशुद्धियों को दूर करने और त्वचा को फिर से जीवंत बनाने में मदद मिलती है । इसके अलावा फेस पैक से त्वचा के रोमछिद्रों को साफ करने में मदद मिलती है । आप चाहें तो मुल्तानी मिटटी का होममेड फेस पैक आज़मा सकती हैं । मुल्तानी मिट्टी एक सुपर ऑब्जर्बेंट है, जो अतिरिक्त तेल और गहराई में छिपी अशुद्धियों को हटाता है । अगर आप अपने लिए घर में ऐसी हर्बल टी तैयार करना चाहते हैं जो, फ्लेवर से भरपूर हो और वेट लॉस में भी मदद करें । तो, आप ट्राई कर सकते हैं अजवायन, अदरक और नींबू से बनी यह खास चाय । गर्मी में खाए जाने वाले कुछ फल, जो वजन करते हैं तेजी से कम । मौसम बदलने के कारण शरीर में हो रहा है दर्द, तो काम आएंगे ये 4 घरेलू नुस्खे । मेक्सिको और मध्‍य एशिया में ज्‍यादा खाया जाने वाला यह ड्रेगन फ्रूट सुपर फ्रूट माना जाता है । यह सेहत को कई लाभ देता है, साथ ही इसे एंटी एजिंग भी माना जाता है । कोरोना वायरस के प्रसार की घोषणा की गयी है । जिससे, ज़्यादातर लोग घरों में बंद रह रहे हैं । इस वायरस इंफेक्शन में फ्लू जैसे लक्षण दिखायी पड़ते हैं और इसमें रेस्पेरटरी सिस्टम पर भी असर पड़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है । तो वहीं, अधिक उम्र के लोगों, और ऐसे व्यक्ति जिन्हें अस्थमा या हायपरटेंशन जैसी कोई हेल्थ प्रॉब्लम है तो यह कोरोना वायरस इंफेक्शन का ख़तरा उसके लिए और अधिक बढ़ जाता है । क्योंकि,  इसमें फिजिकल एक्टिविटीज़ के अलावा डायट पर भी काफी ध्यान देना पड़ता है । सही समय पर और सही मात्रा में वेट लॉस में मददगार फूड्स खाने से ही वेट लॉस में सहायता होती है । इसके अलावा मॉर्निग वॉक और खासकर धूप में टहलने से भी वेट लॉस होता है । जी हां, कुछ स्टडीज़ में दावा किया गया है कि जो लोग सुबह धूप में टहलते हैं उनका वेट लॉस आसानी से होता है । जैसा कि, वेट लॉस इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप दिन में किस समय और कितनी देर धूप में रहते हैं । कुछ समय से मिलिट्री डायट को भी काफी लोगों ने फॉलो करना शुरु कर दिया है । इस तरह की डायट को वेट लॉस के लिहाज से बहुत कारगर माना जा रहा रहै । मौसम बदलने पर सबसे ज्यादा लोग सर्दी-जुकाम और बुखार से परेशान होते हैं । आयुर्वेद में बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए कई नेचुरल जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जिसका उपयोग कर बुखार को जड़ से ठीक किया जा सकता है... दालचीनी का इस्तेमाल अधिकतर भारतीय खाने में किया जाता है । यह एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है । इसकी मदद से खून के जमाव को रोकने में मदद मिलती है । इसके अलावा ये हानिकारण बैक्टीरिया पर लगाम कसने में काम आता है । वहीं, अगर आप रोजाना दालचीनी का पानी पीते हैं, तो वजन कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है । दूध की तुलना में दही में अधिक कैल्शियम होता है । इसके अलावा दही में कई तरह के गुड बैक्टीरिया और पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में  मदद करता है । दही में कई तरह के विटामिन्स, प्रोटीन, लैक्टोज, फॉस्फोरस, कैल्शियम जैसे अनेक तत्व पाए जाते हैं । अगर आप रोजाना दही का इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा । अलसी अलसी कई गुणों से भरपूर होता है । इसे इम्यूनिटी बूस्टर भी कहते हैं । अगर आप नियमित रूप से अलसी का सेवन करते हैं, तो कई बीमारियों से दूर रहेंगे । विशेषज्ञों के अनुसार, अलसी में ओमेगा थ्री, अल्फा लिनोलेनिक और फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । हमारे शरीर में ओमेगा थ्री का निर्माण नहीं होगा, बल्कि यह आहार के जरिए शरीर को प्राप्त होता है । इसलिए शाकहारी लोगों को अलसी का सेवन करना चाहिए, ताकि उनमें ओमेगा थ्री और फैटी एसिड की कमी ना हो । सूखे मेवे यानी ड्राय फ्रूट्स वजन कंट्रोल करने का हेल्‍दी विकल्‍प हैं । पर अगर इनका जरूरत से ज्‍यादा सेवन किया जाए तो इनसे वजन बढ़ने लगता है । साथ ही और भी कई तरह की समस्‍याएं हो सकती हैं । पीठ और कंधे के दर्द से हैं परेशान, तो करें हस्त उत्तानासन, जानें अन्य लाभ पीठ या कंधे के दर्द से परेशान हैं, तो आप हस्त उत्तानासन करें । यह एक मात्र ऐसा आसन है, जिसके नियमित अभ्यास से आप इन शारीरिक दर्द को दूर कर सकते हैं । जानें, हस्त उत्तानासन करने के लाभ... हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि आपके द्वारा किए गए मामूली से बदलाव भी आपके जीवन पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकते हैं । 2 मिनट की जापानी टेक्नीक से घटाएं शरीर से एक्स्ट्रा चर्बी और बेली फैट, जानें करने का सही तरीका । स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कैसे करना चाहिए. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज वजन कम में फायदेमंद है. क्या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भूख कंट्रोल होती है. स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भूख कंट्रोल करने में लाभदायक है. चलिए अब जानते हैं आखिर विटामिन डी क्या है? क्या है विटामिन-डी? विटामिन-डी को बहुत से लोग सनशाइन विटामिन भी कहते हैं । क्योंकि यह विटामिन सूर्य के प्रकाश की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा उत्पन्न होता है । यह एक घुलनशील विटामिन के ग्रुप में शामिल है । ये हमारी वसा कोशिकाओं में एकत्रित होता है और लगातार कैल्शियम के मेटाबोलिज्म और हड्डियों के निर्माण में हमारी मदद करता है । यह हमारे शरीर में फॉस्फेट और कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है । इससे इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है । विटामिन डी का प्रमुख स्त्रोत दालें, मच्छली, अंडे और मटन इत्यादि है । कोरोना से क्या विटामिन डी कर सकता है बचाव? प्रतिरक्षा प्रणाली के सभी कार्यों में विटामिन डी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । विटामिन डी शरीर में वायरस और कीटाणुओं के खिलाफ सबसे पहले बचाव करता है । रिसर्च की मानें तो इसमें इम्यूनो रेगुलेटर की और एंटी-इंफ्लामेटरीके गुण पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं । अगर शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो इससे संक्रमण और प्रतिरक्षा संबंधी स्थितियों का खतरा बढ़ता है । कई रिसर्च में इस बात को साबित किया गया है कि विटामिन डी से सांस संबंधी इंफेक्शन से बचा जा सकता है । क्या लॉकडाउन में होगी विटामिन डी की कमी? सूर्य की किरणें विटामिन डी का प्रमुख स्त्रोत मानी जाती हैं । लॉकडाउन के कारण लोगों को घर में लॉक होना पड़ रहा है । घर में रहने की वजह से उन्हें पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पा रही है । ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि शरीर में विटामिन डी की कमी हो रही है । लॉकडाउन नहीं होता तो लोग ज्यादातर घर से बाहर निकल जाते हैं । कोई ऑफिस के काम से, तो कोई अपने घरेलू काम से, लेकिन इस दौरान ऐसा नहीं हो रहा । यही कारण है कि बहुत से लोगों में विटामिन-डी की कमी हो सकती है । ऐसा इसलिए, क्योंकि छोटे लोगों का मेटाबॉलिज्म लंबे लोगों से उतना अधिक बेहतर नहीं होता है । लंबे लोगों का मेटाबॉलिज्म इसलिए भी बेहतर होता है, क्योंकि उनमें मांसपेशियां अधिक होती हैं । ऐसे में वो कम समय में ही अधिक कैलोरी बर्न कर पाते हैं । जो लोग लंबे होते हैं, उनकी मांसपेशियां भी काफी लचीली होती हैं, इस वजह से भी कैलोरी तेजी से और आसानी से बर्न होती है । दरअसल, शरीर की मांसपेशियां जितनी पतली होती हैं, मेटाबॉलिज्म उतना ही अच्छा होता है । मेटाबॉलिज्म अच्छा होने का मतलब है कि आप काफी तेजी से वजन कम कर सकते हैं । एक बात और है कि जो लोग लंबे होते हैं वो कम कद वालों की तुलना में एक्सरसाइज भी तेजी से और अधिक एक्सरसाइज कर पाते हैं, ऐसे में उन्हें वजन घटाने में आसानी होती है । परेशान होने की जरूरत नहीं है, यदि आपका कद कम है, तो आप नीचे बताए गए कुछ बातों को फॉलो करके वजन कम कर सकते हैं । कम कद वालों यूं करें वजन कम 1 यदि आप छोटी हाइट के हैं, तो अपने खाने में नमक थोड़ा कम ही डालें । सोडियम का सेवन अधिक करने से कई तरह की शारीरिक समस्याएं आपको घेर सकती हैं । रात में मेटाबॉल्जिम फंक्शन काफी धीरे हो जाता है, ऐसे में कम खाएं और लो सोडियम युक्त डिनर ही करें । 2 लंबाई कम है, तो अपनी फास्ट फूड और जंक फूड खाने की आदत पर लगाम लगाना शुरू कर दें । वजन घटाने के लिए यह बेहद जरूरी है । शुगरी फूड्स जैसे पेस्ट्री, कुकीज, केक आदि का सेवन भी कम कर दें । वेट लॉस डाइट प्लान जो 1 महीने में 4 से 5 किलो वजन कम करता है. लोग बहुत मेहनत करते हैं लेकिन कुछ लोगों में वजन कम करना आसान नहीं होता है । मोटापा विश्व में सबसे ज्यादा लोगों की बीमारी का कारण बन रहा है । खराब खान-पान और जीवनशैली में हो रहे बदलाव मोटापा के मुख्य कारण हैं । का होना सबसे जरूरी होता है । अगर आप वजन कम करने के लिए तैयारी कर रहे हैं या वजन घटाने के प्रयास में असफल रहे हैं तो अपको हम कुछ खास बातें बता रहें हैं जो वजन कम करने के लिए सहायक होती हैं । 1 महीने में वजन कम करने के लिए अगर आप टिप्स खोज रहे हैं तो आपको इन वेटलॉस टिप्स के बारे में जरूर जानना चाहिए । आप इस डाइट और  को एक महीने तक ठीक से अपनाएं तो आपका वजन 3 से 4 किलो तक घट सकता है । वजन कम करने के लिए आपको बहुत ज्यादा प्रयास नहीं करना है आपको कुछ खास नियमों का पालन करना है । आइए जानते हैं वजन कम करने के लिए खास नियम जो एक महीने में वजन घटाते हैं । जब आप 1 महीनें में वजन कम करने के टिप्स के बारे में पढ़ रहे हैं तो इनको अपनी लाइफ स्टाइल में जरूर अपनाएं एक महीने में कितना वजन घटाया जा सकता है ? दरअसल ये बात विभिन्‍न कारकों पर निर्भर करती है । मसलन आपका वर्तमान शरीर का वजन, डाइट और व्‍यायाम की तीव्रता । आप दैनिक शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ अपने आहार और कैलोरी की मात्रा में संशोधन करके एक महीने में 3-4 किलो वजन कम कर सकते हैं । अगर आप एक हफ्ते में एक किलो वजन कम कर रहे हैं तो, इसका मतलब ये हुआ कि आपका फैट कम नहीं हो रहा बल्कि मांसपेशियाँ दुबली हो रही हैं और शरीर में पानी कम हो रहा है । तेजी से वजन घटने से आप कमजोर और बीमार हो सकते हैं । इसलिए आदर्श रूप में वजन घटाने से पहले अपनी  BMI की गणना सुनिश्चित कर लें । एक्‍सरसाइज का वजन घटाने में रोल बहुत से लोग वजन कम करने के लिए केवल डाइट का सहारा लेते हैं । लेकिन इसके लिए एक्‍सरसाइज बहुत ज़रूरी होती है । एक्‍सरसाइज से ना केवल आपका मोटापा कम होता है बल्कि आप मजबूत भी रहते हैं और आपकी स्किन पर चमक भी आती है । सप्ताह में कितने दिन वर्कआउट करें ज्‍यादा कैलोरी बर्न करने के लिए रोजाना 30 से 40 मिनट वर्कआउट ज़रूर करें । रोजाना जिम जाएं । 30 मिनट योग और वॉक करने से भी आपको एक महीने में वजन घटाने में मदद मिलेगी । कार्डियो एक्सरसाइज क्यों है जरूरी ये निर्भर करता है कि आप कितना वजन कम करना चाहते हैं । आप पहले हफ्ते 10 से 15 मिनट कार्डियो कर सकते हैं । अगले दो हफ्ते में समय को बढ़ाकर 30 से 45 मिनट कर लें । अगर आप पहली बार एक्‍सरसाइज की शुरुआत कर रहे हैं, तो आप वॉकिंग और जॉगिंग कर सकते हैं । कार्डियो के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कार्डियो के साथ-साथ स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से वजन घटाने में ज्‍यादा मदद मिलती है । इससे आपकी मसल्‍स शेप में आएंगी और ज्‍यादा कैलोरी बर्न होगी । इसके लिए आप शोल्‍डर प्रेस, बेंच प्रेस, पुल-अप्स, स्‍क्‍वैट्स और डीडलिफ्ट्स कर सकते हैं । योग से कैसे वजन घटाएं कार्डियों और वेट ट्रेनिंग के साथ-साथ योग भी कर सकते हैा । विभिन्‍न योग से शरीर की विभिन्‍न मांसपेशियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी । इससे आपकी मसल्‍स में दर्द भी दूर होगा । आप अर्ध चंद्रासन, वीरभद्रासन, उत्‍कटासन, वृक्षासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन आसन कर सकते हैं । वीरभद्रासन से जांघों के आसपास वसा कम होगा । इसके अलावा आप रोजाना 20 राउंड सूर्य नमस्‍कार भी कर सकते हैं । वजन कम करने के लिए डाइट का रोल अगर आपको बॉड़ी की सही शेप चाहिए तो आपको अपनी लाइफस्‍टायल और डाइट बदलनी पड़ेगी । वजन घटाने में 20 फीसदी भूमिका एक्‍सरसाइज और 80 फीसदी भूमिका डाइट की होती है । मीठा कितना खाएं वजन कम करने की क्रिया के दौरान मीठा और ज्‍यादा तेल वाला खाना ना खाएं । अपनी चाय और कॉफी में चीनी का कम इस्‍तेमाल करें । मिठाई और बिस्‍कुट भी ना खाएं । सोडियम वाले फूड कम खाएं सोडिमम और ज्‍यादा नमक वाले फूड खाने से बचें । कम नमक खाने से ना केवल वजन घटाने में मदद मिलती है बल्कि आप स्‍वस्‍थ भी रहते हैं । इसके बजाय आप पोटेशियम युक्‍त फूड जैसे केला और शकरकंदी खा सकते हैं । खाने में करे बदलाव वजन घटाने के क्रिया में सबसे पहला काम मेटाबॉलिज्‍म को सही रखना ज़रूरी है । इसके लिए दिन में एक  जैसे फूड ना खाएं । नाश्‍ते में ज्‍यादा कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन वाला आहार, लंच में फाइबर और कम वसा वाला और डिनर में कम कार्बोहाइड्रेड और अधिक खाएं । वर्कआउट के बाद की डाइट वर्कआउट के बाद खाना ज़रूरी होता है । कई लोग ऐसा मानते हैं कि कसरत के बाद ज्‍यादा खाया जाता है । ये कथन सत्‍य नहीं है । वर्कआउट के बाद कितना खाना चाहिए ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितनी मेहनत की है । ग्रीन टी को करें शामिल रोजाना दो कप पीने से वजन घटाने में सहायता मिलती है । इसमें मौजूद कैफीन, थियोब्रोमाइन, सैपोनिन, थियोफाइलिइन और विटामिन आपके मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाते हैं और भूख कम कर देते हैं । मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं पर्याप्‍त नींद से आपका मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है और वजन कम होता है । इसलिए 8 घंटे सोएं । भूखा ना रहें । इससे आप कुछ भी उल्‍टा-सीधा खाना खा लेंगे । एक साथ ज्‍यादा ना खाकर थोड़ा-थोड़ा खाएं । लगाातार पानी पीते रहें । इससे आपको ज्‍यादा भूख नहीं लगेगी और आपके शरीर के टॉक्सिन भी बाहर निकलेंगे । नाश्‍ते की डाइट और वजन घटाना अपना दिन गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पीने से शुरु करें । दूध और पोहा खाएं । इसके अलावा आप कम तेल वाला परांठा खा सकते हैं । इनके अतिरिक्‍त इडली, डोसा और उथप्‍पा खा सकते हैं । लंच की डाइट सही और संतुलित खाना खाएं । इसमें सब्जियां, सलाद और , चावल, दाल, रोटी और दही शामिल हो । नॉन वेज में अंडे, मछली और चिकन खा सकते हैं । अचार और पापड़ से बचें । स्‍नैक्‍स में सूखे मेवे और फल खा सकते हैं । डिनर में क्‍या खाएं रात को हल्‍का खाना खाएं । इसमें सब्‍जी, दाल और दो रोटी हो सकती है । इसके अलावा एक कटोरी सूप भी पी सकते हैं । ऊपर दिये गये सारे वेटलॉस टिप्स अगर आप अपनाते हैं तो . इसके अलावा यह 1 महीने में वजन कम करने वाला प्लान आपको वजन नियंत्रित करने में भी मदद करता है. । एक महीने के लिए अजवायन-जीरा पानी पीकर देखें । जीरा और अजवायन मिला पानी शरीर पर जादुई असर करता है । कब पिएं यह अजवायन और जीरा पानी अजवायन और जीरा पानी रोज सुबह खाली पेट पिएं । आपको चाहिए जीरा  1 चम्मच 1 चम्मच अजवायन 1 गिलास पानी बनाने का तरीका अजवायन और जीरा को रात में 1 गिलास पानी में भिगो कर रख दें । वजन घटाने के लिए महिलाएं जरूर करें इस डाइट चार्ट को फॉलो जिसे घटाने में वक़्त और मेहनत ज़्यादा लगती है । आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं थकान की वजह से सुस्त हो जाती हैं । जिसके चलते वे एक्सरसाइज़ करने से बचती हैं । इसी तरह, बच्चे को ब्रेस्टफीड कराने के लिए वे हाई-फैट, हाई-कैलोरी डायट भी लेती हैं । जिससे, उनका वज़न और अधिक बढ़ने लगता है । नतीजतन पोस्ट-प्रेगनेंसी पीरियड में बेली फैट निकलने लगता है और महिलाओं की फिगर भी बिगड़ जाती है । लेकिन, डायट पर ध्यान देने और कुछ योगासनों की मदद से यह प्रेगनेंसी वेट कम करने में मदद हो सकती है । एक हेल्दी अनाज होने के कारण बाजरा आमतौर पर सेफ ही होता है । लेकिन,  बाजरे के बहुत अधिक सेवन से थायरॉयड ग्लैंड्स के एक्टिव होने का डर होता है । जिससे,  गले में थायरॉयड हो सकता है । रोजाना की डाइट में अगर आप Apple को शामिल करते हैं तो आप आसानी से वजन कम कर पाते हैं. एप्पल डाइट वेट लॉस कैसे करती है इसके लिए कुछ टिप्स जानना जरूरी है. …20 कोविड-19 महामारी कम होने का नाम नहीं ले रही है । दिन-ब-दिन इस संक्रमण के मरीज़ों की संख्या बढ़ती ही जा रही है । जिसके कारण लोगों को अपनी सेहत को लेकर चिंता भी होने लगी है । वहीं, आर्थिक नुकसान को काबू में करने के लिए सरकार ने धीरे-धीरे अब लॉकडाउन में ढील देने की शुरुआत कर दी है । लेकिन, सरकार के इस कदम से फायदा कम और नुकसान ज़्यादा हुआ है । क्योंकि, अनलॉक और बरसात का मौसम शुरु होने के बाद, कोविड-19 के मामलों में फिर से उछाल देखा गया । अब देश में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 10 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है । अस्पतालों में इलाज के लिए सुविधाओं की भारी कमी है । जिससे, मरीज़ों को बहुत अधिक परेशानी हो रही है । ऐसे में व्यक्तिगत स्तर पर जितना भी हो सके । इस संक्रमण की चपेट में आने से बचना चाहिए । इसीलिए, हाथ धोते रहें, मास्क पहनकर ही बाहर निकलें । साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों और ड्रिंक्स का सेवन करें । ये रहे कुछ ऐसे ही हेल्दी और नैचुरल ड्रिंक्स, जो आपके इम्यून सिस्टम को काम करने में सहायता करते हैं । खानपान में अगर प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में ना हो, तो वज़न कम करने में खासी मुश्किल आ सकता ही । वेट लॉस के लिए प्रोटीन की भूमिका इसलिए महत्वपूर्ण है । क्योंकि, यह पाचन तंत्र को बेहतर रखता है । प्रोटीन धीरे-धीरे डायजेस्ट होता है । जिससे, आपको जल्दी भूख नहीं लगती है । साथ ही प्रोटीन से मेटाबॉलिज्म भी सही तरीके से काम करता है । तेज़ मेटाबॉलिक रेट से कैलोरी बर्न भी तेज़ी से होती है । जिससे, वज़न कम होने की प्रक्रिया भी तेज़ बनती है । सिट्रस फ्रूट्स के सेवन से शरीर में क्रिस्टल्स डिसॉल्व होते हैं, जिससे शरीर साफ भी होता है । नींबू पानी पिएं । यह शरीर में मौजूद टॉक्सिंस को नष्ट करता है, जिससे यूरिक एसिड भी कम होता है । कौन से फूड्स के सेवन से बचना चाहिए शेल फिश, रेड मीट, मसूर, चना, राजमा, छोले, अन्य साबुत दाल, मटर, पालक, फूल गोभी, फ्रेंच बीन्स, बैगन, फूल गोभी, चीकू, शरीफे आदि खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, खासकर तब जब यूरिक एसिड की मात्रा आपके मेडिकल रिपोर्ट में बहुत ज्यादा हो । गर्मी का सुपर कूल ड्रिंक है आम पन्ना, पिएंगे तो होंगे ये 5 टॉप फायदे । स्टीमिंग का एक और बड़ा फायदा है फलों के रंग और आकार को बनाए रखना । इससे सब्ज़ियां और फल ज़्यादा क्रंची और स्वादिष्ट नज़र आते हैं । इससे भोजन चिपचिपा नहीं महसूस होगा, और भोजन का स्वाद भी बरकरार रहता है । नवरात्री का त्योहार 9 रातों तक चलता है और हमारी सोशल लाइफ, फैमिली लाइफ और भक्ति के अलावा हमारी सेहत को भी कई तरीकों से प्रभावित करता कुछ लोग नवरात्री के दिनों में खुद को हेल्दी बनाने के लिए  किसी खास तरीके की डायट प्लान करते हैं, तो कुछ गरबा में हिस्सा लेकर थोड़ी एक्सरसाइज़ करने का मौका भी तलाश लेते हैं । तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इस समय खूब खा-पीकर अपनी सेहत बिगाड़ लेते हैं । तो क्या आप भी नवरात्री में पूरी तरह बेपरवाह हो जाते हैं, और अपनी डायट या फिटनेस पर ध्यान नहीं देते तो थोड़ा संभल जाएं । - भाप में पकाए जाने की वजह से इस तरह के भोजन में तेल बहुत कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है । लो-फैट होने के साथ-साथ स्टीम्ड फूड लो-कैलोरी भी होता है । स्टीम्ड फूड पचने में भी आसान होता है । आयुर्वेदिक दवाओं से बढ़ेगी इम्यूनिटी । आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेद की दवाओं और नुस्खे का सेवन किया जा सकता है । इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है । आयुष इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन की मानें, तो आयुर्वेद में तमाम ऐसी दवाइयां मौजूद हैं, जिनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है । वायरस या बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश होने के बावजूद शरीर में रोग का संक्रमण नहीं हो पाता है । उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पाराशर ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के लिहाज से लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए । इसके लिए आयुर्वेद में दवाएं भी हैं और कुछ ऐसे नुस्खे भी, जिनका घर पर इस्तेमाल किया जा सकता है । रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से संक्रमण ही नहीं, अन्य तरह की बीमारियों से भी बचा जा सकता है । इसी तरह की दवा फीफाट्रोल पर भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने अध्ययन में पाया कि फीफाट्रोल एक मल्टी ड्रग कॉम्बिनेशन है, जिसमें मृत्युंजय रासा, संजीवनी बूटी, तुलसी और गिलोई का इस्तेमाल किया गया है । ये औषधियां वायरल संक्रमण से बचाव के लिए शरीर की रक्षात्मक शक्ति को बढ़ावा देती है । केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 महामारी के इस वक्त में आयुर्वेद के जरिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रमण से बचाव किया जा सकता है । वहीं विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोनावायरस एक इन्फ्लुएंजा है, जिसके लक्षण एक फ्लू की भांति ही हैं । आमतौर पर बुखार, सर्दी, जुकाम, नजला, सूखी खांसी जैसी परेशानियों से निपटने में आयुर्वेद के नुस्खे काफी मददगार साबित होते हैं । इसके अलावा खाद्य पदार्थों से भी इम्यूनिटी को बूस्ट किया जा सकता है । इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थ इसमें विटामिन सी और ए काफी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है । इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्व भी पाए जाते हैं । रोजमर्रा की जिंदगी में इस सब्जी को आप शामिल कर सकते हैं । नींबू, संतरा, चकोतरा और अनानास जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है । इसके सेवन से एंटी बॉडीज कोशिकाओं की सतह पर एक लेयर बनाती है, जो बॉडी के अंदर वायरस को जाने से रोकती है । हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर होता है । हल्दी शरीर में इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करती है । हल्दी शरीर में मौजूद खून को शुद्ध करने में भी सहायक है । हल्दी के सेवन से रूप-रंग में भी निखार आता है । हल्दी में पाए जाने वाले गुण कैंसर और गठिया जैसे बीमारियों से बचाने में कारगर हैं । ज़्यादातर लोग डिनर के बाद सीधा सोने चले जाते हैं । इसीलिए, डिनर से प्राप्त कैलोरी बर्न नहीं होती और वेट लॉस भी नहीं होता । इसीलिए, ज़रूरी है कि आप सही तरीके से डिनर खाएं । एक्सपर्ट्स के अनुसार डिनर हमेशा, हल्का, पोषक तत्वों से भरपूर और पेट के लिए आराम देने वाला होना चाहिए । यहां हम लिख रहे हैं कुछ ऐसी ही डायट टिप्स, जो, आप डिनर के समय फॉलो कर सकते हैं । इन टिप्स की मदद से आप अपने लिए सही तरीके के भोजन का प्लान कर सकते हैं, जो आपको वेट लॉस में मदद करेगा । क्या आप वजन कम करने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं, तो जान लें आप खुद अपने शरीर के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । इससे आपका वजन तो कम नहीं होगा, बल्कि आपको कई अन्य साइट एफेक्ट जरूर नजर आने लगेंगे । ऐसे में बेहतर है कि आप मोटापा घटाने के लिए किसी भी तरह की दवाओं पर निर्भर ना रहें । आप आसान से कुछ घरेलू उपायों को नियमित रूप से फॉलो करें, तो वजन एक से तीन महीने के अंदर कम हो जाएगा । तो देर किस बात की, जानें कौन से हैं वो ईजी होम रेमडीज… चीनी से दूरी यदि आप चाहते हैं कि आपका वजन एक से दो महीने में कम होने लगे, तो चीनी और मीठी चीजों से दूरी बना लें । आप चाहें तो इसके बदले स्‍टेविया जड़ी बूटी का उपयोग करें । चीनी की जगह इसका यूज करना सेहत के लिए अच्छा होगा । इसे आप अपने गार्डन में भी उगा सकते हैं । यह एक शून्य कैलोरी स्वीटनर है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है । नींबू-शहद  नींबू के रस में वजन घटाने के आयुर्वेदिक गुण मौजूद होते हैं । नींबू वजन कम करने में काफी मदद करती है । इसे सुबह खाली पेट एक चम्मच नींबू के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ पिएं । ऐसा करने से वजन तेजी से घटता है । खाते वक्त पानी ना पिएं गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में खूब पानी पीना चाहिए । पानी कई रोगों को दूर भगाने का रामबाण इलाज है । कुछ लोगों की बहुत गलत आदत होती है कि जब वो खाना खाते हैं, तो बीच-बीच में पानी भी पीते रहते हैं । इससे भी वजन बढ़ता है । इसका सीधा असर पाचन शक्ति पर होता है, इसलिए पानी हमेशा खाना खाने से एक घंटा पहले या खाना खाने के एक घंटे बाद ही पिएं । प्‍याज और लहसुन भोजन में करें शामिल जो लोग खेतों में काम करते हैं या मजदूर काफी दुबले-पतले होते हैं । उनका पेट बिल्‍कुल भी नहीं निकला होता है । ऐसा प्‍याज, लहसुन और हरी मिर्च के सेवन के कारण होता है । आपने देखा होगा कि उनके खाने में प्याज जरूर होता है । अगर आप भी इन तीनों चीजों का सेवन कच्‍चा या चटनी के रूप में करें, तो मोटापा कम होगा और चर्बी भी गायब हो जाएगी । कम खाएं कुछ लोग ओवर-ईटिंग करते हैं । इससे बचें । कम खाने से वजन कम होगा । हां, बिल्कुल ही खाना ना छोड़ दें । अगर आप दिन में 10 रोटियां खाते हैं तो पहले हफ्ते में 10 प्रतिशत की कमी करें और लगभग 9 रोटियां खाएं । फिर ऐसे ही लगातार अपने भोजन में हर हफ्ते में 10 प्रतिशत तक कटौती करना शुरू करें । बढ़ानी है मेमोरी, तो हर रोज करें 30 मिनट व्‍यायाम व्यायाम सिर्फ आपकी सेहत ही ठीक नहीं रखता, बल्कि इससे ब्रेन पावर और मेमोरी में भी इजाफा होता है । पेट में रहता है दर्द कहीं कारण पेट के कीड़े तो नहीं, ये हैं घरेलू इलाज पेट में कीड़े हो तो कद्दू की सब्जी भी उपयोगी रहती है । एक सप्ताह तक खाली पेट ही कद्दू के आठ-दस बीज खाएं । साथ ही नीचे बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खों को भी आजमाकर देखें... वजन घटाने के आयुर्वेदिक नुस्खे 1 एक गिलास गर्म पानी लें । आपने सोया मिल्क, कोकोनट मिल्क का सेवन किया होगा, लेकिन क्या कभी ओट मिल्क पिया है? यदि नहीं, तो इसे डायट में जरूर शामिल करें । ओट मिल्क लैक्टोज फ्री होता है, जिसे फिटनेस फ्रीक लोग ज्यादा पसंद करते हैं । अब अधिकतर लोग दूध की जगह वेगन डाइट में ओट मिल्क को शामिल कर रहे हैं । एक शोध के अनुसार गाय और भैस की दूध की जगह ओट मिल्क का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह काफी हेल्दी होता है । जो लोग वजन कम करने के लिए डायटिंग कर रहे हैं, उनके लिए भी ओट मिल्क एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें फैट की मात्रा बहुत कम होती है । इस मिल्क को वेगन मिल्क भी कहते हैं । जानें, ओट मिल्क के फायदे और इसे बनाने का तरीका… क्या है ओट मिल्क? अन्य नॉन-डेयरी पेय पदार्थों की तरह, ओट मिल्क गाय के दूध का एक वेगन विकल्प है । ओट मिल्क को जई से बनाया जाता है । पानी और ओट या जई को एक साथ ब्लेंड करके तैयार किया जाता है । उसके बाद इसे छान लिया जाता है । इसे किसी जार में रख दें । यह बिल्कुल दूध की तरह दिखता है । इसे आप एक से दो दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं । वेगन डाइट प्लान या शाकाहारी डाइट प्लान में ओट मिल्क का सेवन किया जाता है । बाजार में ओट मिल्क अलग-अलग फ्लेवर में उपलब्ध होता है । ओट मिल्क में मौजूद न्यूट्रिशन कैलोरी- 100 फैट- 7 ग्राम सोडियम- 100 एमजी कार्बोहाइड्रेट्स- 9 ग्राम शुगर- 2 ग्राम फाइबर- 1 ग्राम प्रोटीन- 2 ग्राम कैल्शियम- 254 एमजी कैसे करें ओट मिल्क का इस्तेमाल ओट मिल्क की खासियत ये है कि इसका फ्लेवर माइल्ड और टेक्सचर स्मूद होता है । इस दूध में आप चाय और कॉफी दोनों बनाकर पी सकते हैं । स्मूदीज, बेक्ड गुड्स बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है । ध्यान रखें यह बात जो लोग डेयरी, सोया या नट्स का सेवन नहीं करते हैं, उनके लिए ओट मिल्क एक बेहतर नॉन-डेयरी या गाय के दूध की जगह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है । हां, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-12 और विटामिन डी की कमी होती है, इसलिए अन्य स्रोतों से अपने आहार में इन पोषक तत्वों को प्राप्त करना ना भूलें । ओट मिल्क के फायदे 1 यह एक डेयरी उत्पाद का विकल्प है । जो लोग वेगन डाइट प्लान अपनाते हैं, उनके लिए बेस्ट है । 2 ग्लूटेन फ्री डाइट वाले लोगों के लिए भी ओट्स मिल्क सबसे अच्छा होता है । 3 वेट लॉस डाइट प्लान के लिए भी बेस्ट दूध होता है । ओट मिल्क में फैट की मात्रा नहीं होती है । इसमें फाइबर और कैल्शियम की मात्रा भी बहुत अधिक होती है । 4 जिन्हें डेयरी उत्पादों से एलर्जी होती है, उनके लिए बेस्ट है ओट मिल्क । 5 डायबिटीज रोगियों को भी इसका सेवन करने से फायदा होता है । ब्‍लेंडर की मदद से मौसमी और अनार का जूस निकाल लें. फिर उसे ग्‍लास में डालकर शहद मिलाएं और जरूरत मुताबिक नमक डाल लें । उसे कसकर मिला लें और रोज पीना शुरू कर दें । कॉफी और डार्क चॉकलेट कॉफी में कैफीन होता है जो मेटाबॉलिज्‍म को मजबूत करता है । इससे भूख भी बढ़ती है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कॉफी में क्‍लोरोजेनिक एसिड भी होता है जिससे वजन जल्‍दी घटता है । विभिन्‍न शोधों में यह तथ्‍य सामने आया है कि डार्क चॉकलेट में काफी ऊर्जा प्रदान करने वाले इन्‍ग्रेडिएंट होते हैं । इनमें फैटी एसिड होता है, जो फैट बर्न करने में मददगार होते हैं । 1 चम्‍मच ब्‍लैक कॉफी लें यह हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन आदि से खुद को बचाए रखने का सबसे बेहतरीन उपाय है । आम पन्ना में मौजूद पोषक तत्व आम पन्ना एक कूलिंग एजेंट की तरह काम करता है, जो शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है । इसे पीने से शरीर को जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स मिलता है । इसमें विटामिन, मिनरल और पोटैशियम होता है, जो शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते हैं । हेल्दी ड्रिंक जिसे पिएंगे लगातार 5 दिन, तो वजन होने लगेगा कम आपको इस ड्रिंक का सेवन पांच दिनों के लिए लगातार करना है । बीच में एक दिन भी इसे ना छोड़ें । अगर आप बीच में एक भी दिन इसे नहीं पी पाते हैं तो इस विधि को फिर से शुरू करें । क्या आप जानते हैं कि दिन की शुरुआत यदि हेल्दी ब्रेकफास्ट के साथ हो तो आप आसानी से वजन कम सकते हैं । जानिए कैसे? ढेर सारा पानी पीएं, खुद को हाइड्रेट रखें । यह आपके पाचन तंत्र की सफाई में मदद करेगा और शरीर में पड़े विषैले तत्वों को बाहर निकालने और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद होगी । यह भी पढ़ें- परिवार, अनुशासन,लगन और समानता जैसी हैं । वेट लॉस के दौरान कार्ब्स और प्रोटीन की मात्रा बहुत ज़रूरी है । लेकिन जंक फूड खाने या ओवर इटिंग जैसी ग़लतियां हम वेट लॉस के दौरान भी कर जाते हैं । वेट लॉस की कोशिश कर रहे लोगों में ज़्यादातर लोग एक सही डायट फॉलो नहीं करते, इसीलिए वेट लॉस होने के बाद अचानक से उनका वजन बढ़ जाता है । आज हम कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वजन को कंट्रोल करने के लिए काफी प्रभावी उपाय हो सकते हैं । इन आसनों की मदद से आप अपने पेट पर जमा जिद्दी फैट को तेज़ी से कम कर सकते हैं । आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में- गाजर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और यह शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करता है । साथ ही हड्डियों में होने वाली सूजन को भी कम करता है । एंटीऑक्सीडेंट से शरीर में एन्जाइम्स का उत्पादन भी काफी हद तक कम होता है, जिससे यूरिक एसिड कम होता है । सही समय पर अगर बॉडी डिटॉक्स किया जाता है तो उसका अधिक फायदा होता है. शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर करने का समय आ गया है उसे जानने के लिए इन लक्षणों के बारे जरूर जानना चाहिए. मोटापा कम करने के लिए हर दिन दबाएं अपने शरीर के ये 5 एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स तेजी से मोटापा कम करने के लिए नाभि के निचले हिस्से पर दो-दो उंगुलियों से प्रेशर दें । इसके बाद एक उंगुली की मदद से पिंडली की हड्डी को 1 मिनट तक दबाकर रखें । इस प्वाइंट को दबाने से डाइजेशन सिस्टम सुधरता है और वजन भी कम होता है । तेजी से वजन कम करने के लिए फॉलो करें ये तीन लो कार्ब डायट टिप्स । वजन कम करने के कई तरीके होते हैं । कुछ लोग घंटों वर्कआउट करते हैं, तो कोई वेट लॉस डायट फॉलो करता है । हालांकि, वेट लॉस डायट को फॉलो करना हर किसी के बस की बात नहीं । कई ऐसे डायट प्लान हैं, जो आपको असंतुष्ट या भूखा महसूस कराते हैं । ऐसे में अधिकतर लोग वेट लॉस डायट प्लान को सही ढंग से फॉलो नहीं कर पाते । आप चाहते हैं तेजी से वजन कम करना वह भी बिना भूख महसूस किए, तो लो कार्ब डायट प्लान फॉलो करें । इसे वजन कम करने के लिए सबसे आसान और बेहतर माना गया है । वजन कम करने के लिए आप लो कार्ब डायट प्लान के तीन स्टेप्स को फॉलो करना शुरू कर दें । लो कार्ब डायट के 3 फायदे 1 भूख को कम करता है । 2 तेजी से वजन कम करता है । 3 मेटाबॉलिक हेल्थ को भी सुधारता है । 1 वजन कम करने के लिए कार्ब्स कम लें वजन कम करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी डायट से कार्ब्स इनटेक की मात्रा कम करनी होगी । शुगर, स्टार्च, कार्बोहाइड्रेट्स के अधिक सेवन से बचें । जब आप ऐसा करेंगे, तो आपको भूख कम लगेगी, इससे आप दिन भर बहुत कम कैलोरी का सेवन कर पाएंगे । ऊर्जा के लिए कार्ब्स बर्न करने की बजाय आपका शरीर एनर्जी के लिए शरीर में एकत्रित फैट को बर्न करेगा । मोटापे से ग्रस्त स्वस्थ महिलाओं पर हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि लो फैट डायट के मुकाबले लो कार्ब डायट वजन घटाने के लिए अधिक प्रभावी है । शोधकर्ताओं का कहना है कि लो कार्ब डायट भूख को कम कर सकता है, जिससे आप बहुत कम कैलोरी का सेवन करते हैं । ऐसे में आपको जल्दी-जल्दी भूख भी नहीं लगती है । डायट में कार्ब को कम करने से इंसुलिन लेवल भी कम होता है, जिससे आपकी किडनी अधिक सोडियम और वाटर शरीर से निकालने का काम करती है । इससे ब्लोटिंग या सूजन और वाटर वेट में कमी आती है । 2 प्रोटीन, फैट और सब्जियों का करें सेवन यदि आपको वजन कम करना है, तो आप आज से ही अपने भोजन में प्रोटीन, फैट और लो कार्ब सब्जियां शामिल करना शुरू कर दें । हर दिन दो या तीन बार ही खाएं । यदि आपको दोपहर में भूख लगती है, तो चौथी बार खा सकते हैं । इस तरीके से खाना खाएंगे, तो आप प्रतिदिन 20-25 ग्राम कार्ब का सेवन कम कर सकेंगे । डायट में अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें । प्रतिदिन प्रोटीन का सेवन अधिक करने से 80-100 कैलोरी कम होता है । प्रोटीन युक्त फूड्स बीफ, चिकन, मछली जैसे सैल्मन, अंडा, बींस, लिगम्स, सोया, दालें आदि । लो कार्ब वेजिटेबल्स जितना हो सके लो कार्ब वेजिटेबल्स को अपनी प्लेट में जगह दें । ये न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं । ब्रोकली, फूलगोभी, साग, टमाटर, केल, पत्तागोभी, खीरा आदि लो कार्ब वेजिटेबल्स हैं । हेल्दी फैट्स अधिकतर लोग सोचते हैं कि फैट के सेवन से वजन घटने की बजाय बढ़ने लगेगा, पर ऐसा हेल्दी फैट्स के साथ नहीं है । हेल्दी लो फैट के लिए आप ऑलिव ऑयल, नारियल तेल, एवोकाडो ऑयल, बटर आदि का सेवन कर सकते हैं । 3 प्रत्येक सप्ताह तीन बार वेट लिफ्ट करें वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज , वर्कआउट करना बहुत जरूरी है । इसके लिए आप वेट लिफ्ट करें । इससे आप अधिक कैलोरी बर्न कर पाएंगे और अपने चयापचय को धीमा होने से भी रोक पाएंगे, जो वजन कम करने का एक कॉमन साइड एफेक्ट होता है । आप सप्ताह में तीन-चार बार जिम जाकर वेट लिफ्टिंग का अभ्यास करें । जिम में नए हैं, तो अपने ट्रेनर से इस बारे में सलाह लें । जिम नहीं जा पाते हैं, तो कार्डियो वर्कआउट्स जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, रनिंग, साइकलिंग, स्विमिंग करने से भी तेजी से वजन कम किया जा सकता है । वजन कम करने के घरेलू उपाय । कुछ लोग तो हमेशा यही सवाल करते मिल जाते हैं कि थकान क्यों होती है ? वहीं कुछ लोगों को पैरों की थकान बार-बार होती है. शारिरिक थकान के अलावा लोगों को मानसिक थकान भी होती है. कुछ लोगों में थकान कमजोरी की वजह से होती है. Lethargy in Hindi – थकान की जब बात आती है तो अक्सर लोगों को इसकी शिकायत मिल जाती है. कुछ लोगों की शिकायत होती है कि वो हमेशा थकान महसूस करते हैं. कुछ लोग तो हमेशा यही सवाल करते मिल जाते हैं कि थकान क्यों होती है ? वहीं कुछ लोगों को पैरों की थकान बार-बार होती है. शारिरिक थकान के अलावा लोगों को मानसिक थकान भी होती है. कुछ लोगों में थकान कमजोरी की वजह से होती है. तो कुछ लोगों को काम करने की वजह से थकान होती है. थकान की वजह से शरीर में सुस्ती महसूस होती है. थकान के मुख्य कारण ज्यादातर लोगों में थकान कमजोरी की वजह से होती है. तो वहीं कुछ लोगों को डायबिटीज और थायरॉइड की वजह से थकान होती है. अगर आपको भी अक्सर थकावट लगती है या सुस्ती महसूस होती है तो जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए. ज्यादा मेहनत करने वालों में मांसपेशियों में थकान महसूस होती है. पैरों में थकान उन लोगों को ज्यादा होती है जो ज्यादा पैदल चलते हैं या उम्र की वजह से भी थकान लगती है. थकान दूर करने के उपाय जब हम थकान दूर करने के उपाय के बारे में बात करते हैं तो हमें अलग-अलग थकान के बारे में सोचना होगा. शरीर की थकान कैसे दूर करें ? अगर आपका यह सवाल है तो आपके लिए अलग उपाय होंगे. अगर आपको मानसिक थकान है तो उसके लिए अलग उपाय करने होंगे. आइए जानते हैं थकान दूर करने के कुछ आसान से उपाय. हेल्दी नाश्ता जरूरी अगर आपको बार-बार थकान या सुस्ती लगती है तो आपको अपने नाश्ते पर ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि जब आप नाश्ता हेल्दी नहीं करते हैं तो शरीर को थकान तो लगती ही है. साथ में आप मानसिक थकान के भी शिकार होने लगते हैं. नाश्ते में अंकुरित अनाज के साथ फाइबर और प्रोटीन वाली डाइट शामिल करके थकान की परेशानी दूर कर सकते हैं. मानसिक थकान दूर करने का तरीका अगर आप ज्यादा तनाव या स्ट्रेस लेते हैं तो मानसिक थकान लगती है. इसके अलाव जिनके खाने में विटामिन की मात्रा कम होती है उनको भी मानसिक थकान का अनुभव होता है. मानसिक तनाव और मानसिक थकान दूर करने के लिए आपको पर्याप्त नींद लेने के साथ हेल्दी डाइट लेनी चाहिए. मांसपेशियों की थकान कैसे दूर करें जो लोगो रोजाना एक्सरसाइज करते हैं उनको कभी-कभी मांसपेशियों की थकान का अनुभव होता है. इसके लिए आपको अपने डाइट में तरल पदार्थों के सेवन पर ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर आपको मांसपेशियों की थकान बार-बार लगती है तो एक्सरसाइज और तरल पदार्थों पर ध्यान जरूर दें. क्या थकान और कमजोरी की दवा होती है ? ज्यादातर लोग सोचते हैं कि थकान और कमजोरी दूर करने की कोई दवा होती है. जबकि ऐसा नहीं होता है, क्योंकि शरीर में अगर पोषक तत्वों की कमी है तो उनकी पूर्ति करना ही असली दवा है. अगर आप भी सुस्ती और थकान के शिकार होते हैं तो अपनी डाइट पर विशेष ध्यान दें. एक्सरसाइज करें रोजाना एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित रहता है । इसके साथ ही एक्सरसाइज से शरीर के हर अंग में ऑक्सीजन प्रदान करती है. जिसकी वजह से हम हमेशा सक्रिय रहते हैं और थका हुआ महसूस नहीं करते हैं. थकावट दूर करने के लिए आप योग, एरोबिक्स, स्वीमिंग कर सकते हैं. तरल पदार्थ और पानी पिएं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना 8-9 गिलास पानी पीना जरुरी होता है । इससे शरीर हाइड्रेट रहता है और ऊर्जावान बनते हैं । जब भी आपको शरीर में ऊर्जा की कमी हो तो एक गिलास पानी पी लें । इससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है. पर्याप्त नींद लें सुबह ताजा और ऊर्जावान उठने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरुरी होता है । व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए 7-8 घंटे सोना चाहिए । यह शरीर की खोई ऊर्जा को वापिस लाने में मदद करती है । अगर आप दिन में थका हुआ महसूस करते हैं तो नींद की एक झपकी ले सकते हैं. हेल्दी फूड अगर आप कम ऊर्जावान या थका हुआ महसूस करते हैं तो फल या सूखे मेवों का सेवन कर लें । इससे आपको तुरंत ऊर्जा मिलती है और आप ऊर्जावान महसूस करने लगते हैं. थकान क्यों होती है. पैरों की थकान दूर करने के उपाय. मानसिक थकान मिटाना. थकान कमजोरी. थकान और कमजोरी की दवा. सुस्ती दूर करने के उपाय. मांसपेशियों में थकान. ये सब सवाल ऐसे हैं जो आसानी से दूर किये जा सकते हैं. । जो लोग जिम जाकर घंटों वर्कआउट करते थे, उनके लिए अपनी फिटनेस को बरकरार रखना मुश्किल हो रहा है । अधिकतर लोग घर से ऑफिस का काम कर रहे हैं । सारा दिन घर में पड़े रहने से वजन बढ़ने की चिंता सताने लगती है । एक बार वजन बढ़ जाए, तो उसे कम करना भी आसान नहीं है । आप चाहें तो घर पर योग, एक्सरसाइज और कुछ घरेलू उपायों की मदद से अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल कर सकते हैं । हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं, जो फैट को जल्दी बर्न करने में मदद करते हैं । सेब का सिरका सेब के सिरके में मौजूद एसिटिक एसिड शरीर में फैट जमा नहीं होने देता है, जिससे आप मोटापे से बचे रहते हैं । इसे इस्तेमाल में लाने के लिए आप 1 गिलास पानी लें । इसमें 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाएं और इसे पी जाएं । आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं । ग्रीन टी ग्रीन टी को वजन कम करने के लिए बेस्ट माना गया है । इन दिनों आप घर से ही काम कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप ग्रीन टी पिएं । इसमें कैचीन अधिक होता है, जो वजन को बढ़ने नहीं देता है । दिन भर में आप दो या तीन कप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं । इसके सेहत पर कई अन्य लाभ भी होंगे । शहद, नींबू और पानी को एक साथ मिलाकर पीने से भी आप अपने वजन को बढ़ने से रोक सकते हैं । नींबू में विटामिन सी होता है, जो फैट ऑक्सीडेशन में मदद करता है । शहद में भी ऐसे गुण होते हैं, जो वजन को कंट्रोल में रखता है । आप एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस एक चम्मच और शहद दो चम्मच मिलाकर दिन भर में दो-तीन बार पिएं । काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन फैट कम करता है । इसे अधिक से अधिक अपने भोजन में इस्तेमाल करें । वजन निश्चित रूप से काबू में रहेगा । एलोवेरा जूस एलोवेरा जूस मेटाबॉलिक एक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे वजन कम होता है । एलोवेरा जूस पाचन को भी बेहतर बनाता है, जिससे आपके पेट की सेहत भी दुरुस्त रहेगी । वजन कम करने वाली डाइट के बारे में आप सब पढ़ते ही रहते हैं. लेकिन अगर कब्ज की परेशानी और पाचन तंत्र भी खराब रहता है तो यह सूप बहुत फायदेमंद होता है. ग्रीन टी पिएं हर दिन तीन कप ग्रीन टी पीने से आपका मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो सकता है । अपने भोजन में प्रोटीन शामिल करें प्रोटीन आपको तृप्त रखता है और आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है, जो अंततः आपको वजन कम करने में मदद करता है । मखाना खीर भारतीय खान-पान में खीर का खास महत्व है. मखाना के फायदे के बारे में आप सभी अवगत भी हैं. मखाना बड़े से लेकर बच्चों तक को पसंद आता है. टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होती है. तो देर किस बात की इस बार रक्षाबंधन में अपने भाई को राखी बांधने के साथ मखाने की खीर जरूर खिलाएं. घेवर उत्तर भारत में बनने वाली यह मिठाई पूरे भारत में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है. में घी और दूध का उपयोग किया जाता है. हेल्द की नजर से देखें तो ये दोनों ही चीजें लाभदायक होती है. बाजार से घेवर खरीदने की जगह इसे घर पर ही बनाएं. अपने भाई को अपने हाथों से बने घेवर का स्वाद जरूर चखाएं. फिरनी भारत में ईद और रक्षाबंधन और ईद थोड़ा आगे पीछे ही आते हैं. फिरनी वैसे तो ईद की खास मिठाई है. लेकिन इसका सेवन रक्षाबंधन में हेल्दी मिठाई के तौर पर किया जा सकता है. रक्षाबंधन में अपने भाई को का टेस्ट जरूर दें. यह हेल्दी होने का टेस्टी भी होती है. बेसन के लड्डू भारत में सबसे ज्यादा पंसद किया जाने वाला लड्डू बेसन का लड्डू है. अगर आप भी इसे पसंद करती हैं तो इसे इस रक्षाबंधन पर जरूर बनाएं. बेसन का लड्डू सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इस लड्डू को आप कई दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं. बेसन लड्डू के साथ भी बना सकती है. बेसन लड्डू में ड्राई फ्रूट मिलाकर इसे और ज्यादा हेल्दी बनाया जा सकता है. काजू कतली सेहत की नजर से देखें तो काजू का अपना एक स्थान है. हैं. भाई की कलाई में राखी बांधने के साथ काजू कतली जरूर खिलाएं. हेल्दी औ टेस्टी मिठाई के लिए इस घर पर ही बनाएं. घर पर बनी मिठाई रक्षाबंधन पर आपको विशेष सुख देती है. इन पांच रक्षाबंधन हेल्दी रेसिपी को घर पर ही बनाएं. घर पर बनाने से रिश्ते में मिठास के साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होगीं । गर्मी में भी बढ़ सकता है वजन, अगर खाएंगे ये चीजें एक गिलास शेक में 300 से 500 कैलोरी की संख्या होती है, इसलिए इनका सेवन कम से कम करें, जिससे जरूरत से ज्यादा कैलोरी शरीर में एकत्रित न हो और आपका वजन भी ना बढ़ने पाए । लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि ग्रीन टी को सही समय पर पीने से ही आप वजन कम कर सकते हैं । तो आइए जानते हैं ग्रीन टी पीने का सही समय । Waterborne Diseases in hindi, पानी से फैलने वाली बीमारियों के रोकथाम के उपाय होम्योपैथी और वेटलॉस । तमाम एक्सरसाइज़ या डायट प्लान के बावजूद भी अगर आपका वजन कम नहीं हो रहा है, तो आप होम्योपैथी भी ट्राई कर सकते हैं । यूरोप और दक्षिण एशिया में वजन घटाने के लिए कई सालों से होम्योपैथी का सहारा लिया जा रहा है । विचित्र होम्यो एंड योगा क्लिनिक, नोएडा के डायरेक्टर  के अनुसार, वास्तव में वजन कम करने के लिए होम्योपैथी कोई चमत्कार इलाज नहीं है, लेकिन इसके लिए सही खान-पान और व्यायाम ज़रूरी है । होम्योपैथी ही क्यों आमतौर पर चिकित्सक सिर्फ लक्षणों की पहचान के आधार पर अन्य परंपरागत दवाओं का इस्तेमाल करते हैं । लेकिन होम्योपैथी में मोटापे के लिए गड़बड़ी का पता लगाने के लिए केस हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री की जरूरत होती है । डॉक्टर के अनुसार, चिकित्सक होम्योपैथी के इलाज के दौरान मरीज से उसके खानपान, जीवनशैली संबंधी आदतों और अन्य स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछ सकते हैं । अधिक मात्रा में खाना, खाने में वसा का अधिक उपयोग और शरीर में वसा को आसानी से पचाना आदि सभी आदतें आनुवंशिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं । किसी व्यक्ति का फूडी होना और मोटापे से संबंधित परिस्थिति भी आनुवंशिक हो सकती है । ये भी पढ़ेंः  होम्योपैथी वजन घटाने के लिए कैसे काम करता है ? होम्योपैथिक उपचार पौधों के रस, जड़ी बूटियों और अन्य प्राकृतिक पदार्थ से तैयार किये जाते हैं । इसलिए वजन घटाने की गोलियाँ या उपचार के दौरान इनका शरीर पर किसी भी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं पड़ता है । विचित्र होम्यो एंड योगा क्लिनिक, नोएडा के डायरेक्टर डॉक्टर डी.डी. विचित्र के अनुसार, होम्योपैथी पाचन संबंधी विकार को दूर करने, चयापचय में मदद करने में सहायक है । वजन कम करने के लिए इन तीनों चीजों का सही होना बहुत ज़रूरी है । चिकित्सक रोगी में लक्षणों के पहचान करने के बाद ही दवाओं की सलाह देता है । दूसरी दवाएं पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रतिबंधित करके आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती हैं लेकिन होम्योपैथी दवाएं वजन बढ़ने के लक्षणों का इलाज करती हैं । डॉक्टर के डी.डी. विचित्र अनुसार, होम्योपैथी एक जादू नहीं है । वजन कम करने के लिए आपको उचित आहार और व्यायाम की भी जरूरत होती है । होम्योपैथिक उपचार बहुत ज्यादा जरूरत पर ही लेना चाहिए । यह हैं होम्योपैथिक दवाएं कैल्केरिया कार्बोनिका ये भी पढ़ेंः  ये भी पढ़ेंः । वजन कम करने के लिए पिएं ये तीन हेल्दी जूस । सर्दी के मौसम में लोग आलसी हो जाते हैं । ठंड के मारे घर से क्या कंबल से भी बाहर जल्दी निकलने का मन नहीं करता । ऐसे में आलस करने की ये आदत उन लोगों के लिए भारी पड़ सकती है, जिनका वजन पहले से ही अधिक है । वजन कम करने के लिए वो घर में एक्सरसाइज, पार्क में घंटों दौड़ना और जिम में जाकर वर्कआउट करते थे, लेकिन कड़ाके की सर्दी ने उनकी सभी वर्कआउट रूटीन पर पानी फेर दिया है । ऐसे में आपका वजन बढ़ना तय है । यदि आपको भी लग रहा है कि आपकी सारी मेहनत बेकार हो रही है, तो परेशान ना हों । आप, पूरी सर्दी ये तीन जूस पीते रहें । वजन बढ़ना कंट्रोल हो जाएगा । ये जूस ऐसे हैं कि इन्हें पीने से आपको कई सेहत लाभ भी होंगे । गाजर का जूस इन दिनों गाजर की कोई कमी नहीं है सब्जी के बाजार में, तो आप हर दिन गाजर खरीद कर जूस पीना शुरू कर दें । गाजर आंखों के लिए भी काफी अच्छी होती है । गाजर खाने से भी आप कई बीमारियों से बचे रहते हैं । गाजर में मौजूद कई पौष्टिक तत्व और फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त करते हैं । गाजर खाएं या फिर इसका जूस पिएं, वजन जल्द कम होगा । गाजर का जूस बनाते समय आप चाहें तो इसमें चुकंदर और आंवले का जूस भी मिला सकते हैं । टमाटर का जूस टमाटर भी सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाता है । टमाटर का जूस पीने से वजन कंट्रोल में रहता है । टमाटर में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी कम होती है । वजन कम करने के लिए इसे एक बेस्ट जूस माना गया है । इसमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है । टमाटर का जूस बहुत खट्टा लगे, तो आप इसमें चुकंदर का रस मिलकार भी पी सकते हैं । इससे चुकंदर के भी फायदे आपको प्राप्त होंगे । सेब का जूस सेब बहुत ही हेल्दी और पोषत तत्वों से भरपूर फल है । इसके नियमित सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है । सेब में भी कौलोरी काफी कम होती है, ऐसे में वजन कम करते समय सेब का सेवन जरूर करें । इसका जूस पिएं या फिर ऐसे ही खाएं, लाभ होगा । सेब का सिरका भी वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है । ब्राउन राइस के कई फायदे हैं. अगर आप वेट लॉस डाइट ले रहे हैं तो आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. डायबिटीज के खतरे से बचकर रहना है तो ब्राउन राइस को को डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं. वेट लॉस के लिए रोज़ धूप में टहलें । वजन कम करने के लिए डाइट में कॉफी शामिल करने को ''कॉफी डाइट'' नाम दिया गया है । क्या है कॉफी डाइट ?   शरीर से अतिरिक्त कैलोरी, चर्बी और वजन कम करने के लिए आपको प्रत्येक दिन एक से तीन कप कॉफी अपनी डाइट में शामिल करना होगा । वजन कैसे करती है कम  - इस डाइट प्लान में आपको प्रत्येक दिन लगभग 3 कप हल्‍की रोस्‍ट कॉफी का सेवन करना होगा । - साथ ही खानपान भी हेल्दी लें । भूख करे कम कॉफी डाइट आपकी भूख को कम करने के साथ कैलोरी की मात्रा कम करने में मदद करती है । मेटाबॉलिज्‍म बढ़ाए कैफीनयुक्त कॉफी शरीर द्वारा बर्न की जाने वाले कैलोरी और वसा की मात्रा को बढ़ाती है, जिससे वजन कम करना आसान हो जाता है । क्या आप ये जानते हैं कि सिर्फ 30 मिनट की सैर आपकी जिंदगी के 7 साल बढ़ा देती है । अगर आप यह बात नहीं जानते हैं तो आप अपनी उम्र कम कर रहे हैं । एक्सरसाइज को लेकर हुए शोध में यह पाया गया है कि उम्र बढ़ाने का यह सबसे अच्छा तरीका है । एक्सरसाइज करना हेल्थी होता है । ये सभी करते है और इससे उनकी सेहत को काफी लाभ भी पहुँचता है । बड़े-बुजुर्ग भी आज की युवा पीढ़ी को सुबह की सैर और रोजाना वॉक करने की सलाह देते हैं । कसरत करना हर किसी के लिए अच्छा होता है । रोजाना टहलने से आप सेहतमंद रहते हैं । रोजाना की लाइफ में आप अगर एक्सरसाइज नहीं कर पा रहे हैं तो आप अपनी उम्र भी कम कर रहे हैं । ऐसा नहीं है कि एक्सरसाइज सिर्फ आपकी उम्र बढ़ाती है बल्कि यह आपको ताउम्र फिट रखने के साथ सेहतमंद भी रखती है । आइए जानते हैं एक्सरसाइज के बारे में कुछ खास तथ्य । एक्सरसाइज पर क्या कहता है शोध दरअसल, यह स्टडी जर्मनी के सारलैंड यूनिवर्सिटी में 30 से 60 साल के 69 स्वस्थ लोगों पर शोध करके किया गया, जो रोज व्यायाम नहीं करते थे । वहीं बता दें शोधकर्ताओं के अनुसार केवल 30 मिनट सैर कर आपकी उम्र सात साल तक बढ़ सकती है । शोधकर्ताओं के अनुसार रोजाना थोड़ी सी कसरत कर दिल का दौरा पड़ने की संभावना को काफी कम किया जा सकता है । आज हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह के लाभ होते हैं थोड़ी देर के व्यायाम से । उम्र बढ़ाने में एक्सरसाइज कैसे मदद करती है परिश्रम कर बुढ़ापे को भी कम किया जा सकता है । रोजाना के व्यायाम से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम किया जा सकता है । इस तरह लोग 70 की उम्र में भी जवान दिख सकते हैं और 90 से 95 साल तक जी सकते हैं । खाने का तरीका और फूड खान-पान से शरीर पर सबसे ज्यादा असर होता हैं इसलिए अच्छा व स्वस्थ खान-पान लेना चाहिए । इस शोध के अनुसार सभी को रोजाना कम से कम 30 मिनट तक टहलना चाहिए ताकि आपकी उम्र बढ़ सकें । आज अधिकतर लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं । वजन बढ़ने से कई सारी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है । आप वजन कम करने के लिए कई तरीके आजमाते हैं, डायटिंग करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ता है । निराश होने की जरूरत नहीं । वजन कम करने के लिए दवाइयों का सहारा न लें । आप योग के कुछ आसान से आसनों के जरिए भी अपना वजन कम कर सकते हैं । प्रतिदिन इन आसनों को सिर्फ 10 मिनट करें और मोटापे की समस्या से निजात पा सकते हैं । जानें, कौन से हैं वे आसन जो वजन को कम करते हैं । हस्तपादासन हस्तपादासन करने के लिए पैरों को साथ में जोड़े हुए सीधे खड़े हो जाएं । हाथों को शरीर के साथ लगाएं । शरीर के वजन को दोनों पैरों पर सामान रूप से डालें । फिर सांस को बाहर छोड़ते हुए कमर के ऊपरी भाग को धीरे-धीरे सामने की ओर झुकाएं । घुटनों को बिल्कुल सीधा रखें । सांस छोड़ते समय छाती को घुटनों की तरफ ले जाएं । शुरुआत में इस स्थिति में 10 सेकेंड तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आकर 5 सेकेंड आराम करें और इस आसन को कम से कम 5-6 बार करें । भुजंगासन । कुछ ऐसे प्रोटीन शेक हैं, जिसे आप आसानी से घर पर बना सकते हैं । इसे प्रतिदिन या सप्ताह में एक-दो बार डायट में शामिल करके देखें, आपका वजन धीरे-धीरे   कम होने लगेगा । पीनट बटर-बनाना प्रोटीन शेक इसे बनाने के लिए 2 केले, 2 टेबलस्पून पीनट बटर, 2 कप योगर्ट, 100 मि.ली. दूध, 1 टेबलस्पून सब्जा, आधा टीस्पून कोको पाउडर को मिलाकर ब्लेंड कर लें । चॉकलेट प्रोटीन शेक यदि आप वेट कम करना चाहते हैं, तो चॉकलेट प्रोटीन शेक पिएं । इसे बनाने के लिए 1 सेब, 1 टेबलस्पून ऑमंड बटर, 1-1 टेबलस्पून डार्क चॉकलेट को मिलाकर ब्लेंड कर लें । इसे सप्ताह में दो-तीन बार पिएं । प्रोटीन शेक पीने के फायदे – वेट लॉस के दौरान प्रोटीन अधिक मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि प्रोटीन खाने से आप हेल्दी रहते हैं और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं । – शोधकर्ताओं के अनुसार, वेट लॉस के दौरान नियमित रूप से प्रोटीन शेक पीने से वजन बहुत जल्दी घटता है । – यदि आप जल्दी वेट लॉस करना चाहते हैं, तो प्रोटीन पाउडर भी ले सकते हैं । – वेट लॉस के लिए सोया मिल्क बेस्ट ऑप्शन है । नियमित रूप से प्रोटीन शेक पीने से आपका वजन जल्द ही नियंत्रित होने लगेगा । – अगर आप वेट लॉस करने के लिए प्रोटीन शेक पी रहे हैं, तो 1 गिलास से ज्यादा न पिएं । कब पिएं प्रोटीन शेक? प्रोटीन शेक एनर्जी बूस्टर का काम करता है, इसलिए वर्क आउट करने के 30-45 मिनट बाद प्रोटीन शेक पी लेना चाहिए । चाहें तो इसे वर्कआउट करने के आधे घंटे पहले भी पी सकते हैं । आधे घंटे पहले पीने से स्टैमिना बूस्ट होता है । आजकल जिस तरह लोगों का लाइफस्टाइल हो गया है इसमें वजन कम करना किसी चुनौती से कम नहीं है । हर कोई चाहता है कि वह फिट रहे और उसका वजन भी उसकी हाईट के अनुसार हो । लकिन हर बार ऐसा हो नहीं पाता है । अगर आप अपने बैली फैट को कम करने के लिए तरह तरह के तरीके अपनाकर परेशान हो गए हैं और कुछ फर्क नहीं दिख रहा है तो आज आपकी ये समस्या हमेशा के लिए दूर होने वाली है । आज हम आपको 3 ऐसी ड्रिंक्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें पीने से आपको काफी फायदा दिख सकता है । योगासन, पेट कम करने के उपायों में से एक है । दो योगासनों के नियमित अभ्यास से दो-तीन महीने के अंदर पेच की चर्बी कम होने लगेगी । वजन घटाने के लिए नींबू पानी में कौन सा नमक मिलाएं सफेद या गुलाबी ? जानें कौन सा नमक चर्बी कम करने में करेगा मदद दुनियाभर में सभी जगह बनने वाली आम सब्जियों या फिर व्यंजनों में एक चीज जो कॉमन है वह है नमक । नमक के बिना आप सब्जी या फिर किसी भी खाई जाने वाली चीज की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । एक चुटकी नमक न केवल आपके भोजन को स्वाद देने का काम करता है बल्कि आपके खाने को और अधिक पौष्टिक व हेल्दी भी बनाता है । नमक यानी की सोडियम-क्लोराइड, हमारे शरीर में मौजूद पोषक तत्वों को एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने और उन्हें अवशोषित करने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने और तंत्रिका संकेतों को प्रसारित करने जैसे कई कार्यों को करने के लिए एक आवश्यक मिनरल्स है । दुनियाभर में सफेद नमक सबसे आम प्रकार का नमक है, जिसका उपयोग भोजन बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन जब स्वास्थ्य की बात आती है, तो पिंक नमक को हमेशा बेहतर माना जाता है । इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो इन दोनों में से कौन से रंग का नमक आपके लिए सबसे अच्छा माना जाता है । नमक और वजन घटाने के बीच क्या है संबंध अच्छे स्वास्थ्य के लिए नमक को हमेशा से बेहतर माना जाता है, बशर्ते इसे सीमित मात्रा में लिया जाए । नमक का अधिक सेवन या अपने भोजन के ऊपर छिड़कने से वजन बढ़ने जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं । भोजन में अत्यधिक सोडियम के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे आपके वजन का स्तर कम हो सकता है । लेकिन यह एकमात्र तरीका नहीं है जब अधिक नमक का सेवन आपके शरीर को प्रभावित करता है । अध्ययनों से पता चलता है कि डाइट में नमक की अधिक मात्रा लेने से शरीर में फैट प्रतिशत बढ़ सकता है, खासकर कमर के आसपास । पिंक सॉल्ट वहीं दूसरी ओर, पिंक सॉल्ट कम रिफाइन्ड होता है और इसमें अधिक पोषक तत्व होते हैं । यह हिमालय की तलहटी से निकाला जाता है और प्राकृतिक रूप से गुलाबी रंग का होता है, जो आयरन की उपस्थिति के कारण होता है । यही कारण है कि इसे हिमालयी गुलाबी नमक या हिमालयन नमक के नाम से भी जाना जाता है । यह अनुमान लगाया जाता है कि गुलाबी नमक में 84 विभिन्न खनिज और ट्रेस तत्व होते हैं । इस प्रकार के नमक का उपयोग खाना पकाने के बाद उसके स्वाद और कुरकुरा बनाने के लिए किया जाता है । सफेद नमक सफेद नमक आमतौर पर आयोडीन युक्त होता है और हर घर में पाया जाता है । इसका मतलब यह है कि यह आयोडीन के साथ फोर्टिफाई किया जाता है ताकि गोइटर और थायरॉइड जैसी बीमारियों से बचाव के लिए इस सामान्य पोषक तत्व की कमी को दूर किया जा सके । लेकिन एक और सच्चाई यह है कि यह नमक अत्यधिक संसाधित होता है । इस नमक को निकाले जाने के बाद, यह आपके टेबल पर पहुंचने से पहले एक एंटी-केकिंग, ब्लीचिंग और कई अन्य प्रक्रियाओं से गुजरता है । इन सभी प्रक्रियाओं के दौरान, इसके अधिकांश प्राकृतिक खनिजों खत्म हो जाते हैं । वजन घटाने के लिए कौन सा नमक है बेहतर इसमें कोई संदेह नहीं है, पिंक सॉल्ट सफेद नमक की तुलना में अधिक हेल्दी होता है क्योंकि यह कम रिफाइन्ड होता है और इसमें अधिक पोषक तत्व होते हैं । पिंक नमक का सेवन करने से आपको जिंक, आयरन, कैल्शियम और यहां तक ​​कि आयोडीन मिलेगा । अगर हम केवल स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें, तो पिंक नमक अधिक पौष्टिक और बेहतर है । हालांकि, जब वजन घटाने की बात आती है, तो इन दोनों में मामूली अंतर है । दोनों प्रकार के नमक में वजन के हिसाब से समान मात्रा में सोडियम होता है । इसका मतलब है कि अगर आप नमक का सेवन अधिक करते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तरह के नमक का सेवन कर रहे हैं । हां, सीमित मात्रा में नमक का उपभोग करने की कोशिश करें और इसे अपने पके हुए भोजन के ऊपर छिड़कने से बचें । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक व्यक्ति को दिन में 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए, जो कि एक चम्मच के बराबर है । केले का सेवन करने के बाद यदि आप गर्म पानी पिएंगी तो निश्चित ही आप अपने वजन से छुटकारा पा सकती हैं । खीर, एनर्जी बार और अन्य स्वीट डिशेज़ में मुनक्का या किशमिश के दाने मिलाए जाते हैं, ताकि, उसका स्वाद और न्यूट्रिशन लेवल बढ़ जाए । किशमिश बच्चों को भी खूब पसंद आती है इसीलिए, बच्चों के लिए तैयार स्नैक्स में भी किशमिश मिलायी जाती है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर किशमिश कई बीमारियों से भी बचाते हैं । 3 जितना हो सके अपने भोजन में सलाद को शामिल करें । हरी सब्जियों, स्प्राउ्टस युक्त सलाद खाएं । ब्रोकली सलाद में जरूर डालें । यह वजन घटाने में मदद करती है । सलाद खाने से आप कई तरह की शारीरिक समस्याओं से बचे रहते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन और फाइबर काफी होता है । फाइबर खाने से पेट साफ होता है, जिससे पेट अधिक निकला हुआ नजर नहीं आएगा । 4 सुबह गर्म पानी पिएं । शरीर में एकत्रित फैट कम होने लगती है । साथ ही हर दिन एक्सरसाइज, वर्कआउट करना होगा । डाइट पर कंट्रोल करना होगा । साइकिल चलाएं, रोज सुबह-शाम टहलने जाएं । इन उपायों को अपनाकर कम कद वाले लोग भी जल्दी वजन घटा सकते हैं । वजन घटाने के लिए डाइट प्लान वजन घटाने के लिए आप एक्सरसाइज करते हैं, जिम में घंटों वर्कआउट करके पसीना बहाते हैं, लेकिन जब तक आपका डाइट सही नहीं होगा वजन कम नहीं होगा । जानें, ओट्स से बनने वाले इन फूड्स के बारे में...... ओट्स पालक पनीर खाएं, वजन घटाएं आपके रोज के पालक पनीर में कुछ नयापन लाने के लिए इस रेसिपी को ट्राइ कीजिए । ओट्स उपमा भी है लाभदायक यह उपमा लो फैट, पौष्टिकता से भरपूर और स्वादिष्ट होता है । ओट्स और कॉर्नफ्लेक्स का लड्डू ओट्स कॉर्नफ्लेक्स को साथ मिलाकर जो लड्डू बनेगा वह यम्मी और हेल्दी के सिवा कुछ भी नहीं हो सकता । ओट्स चाट स्नैक टाइम में छोटे भूख के लिए इससे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है । जंक फूड खाने से अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है । इसका एक प्रमुख कारण लोगों की आज की जीवनशैली है । दौड़ते-भागते और तेज-रफ्तार जीवन के कारण अक्सर लोग सुबह नाश्ता नहीं कर पाते और दिन के बाकी समय अस्वास्थ्यकर और फटाफट वाला भोजन खाते हैं । जंक फूड और फास्ट फूड को हम अक्सर एक समझ लेते हैं. जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार दोनों तरह के फूड में बहुत अंतर है. जंक फूड खाने के नुकसान अलग हैं, तो फास्ट फूड खाने के फायदे और नुकसान अलग हैं.  और फास्ट फूड में अंतर को समझना बेहद जरूरी है । एक नए अध्ययन में संकेत मिला है कि जो कर्मचारी कार्यस्थल पर अस्वास्थ्यकर भोजन खाते हैं, ऐसे लोगों में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा अधिक होता है । चिकित्सक की सलाह है कि ऑफिस में जंक फूड और फास्ट फूड में से फास्ट फूड को तरजीह देना चाहिए । जंक फूड और फास्ट फूड में अंतर अगर आप समझते हैं तो हेल्दी डाइट लेते हैं । अस्वास्थ्यकर भोजन के विकल्प भी समय के साथ मोटापे का कारण बन सकते हैं । इस तथ्य पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां के चलते ऑफिस में अनुपस्थिति, कम उत्पादकता की शिकायतें झेलनी पड़ सकती हैं । हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि जंक फूड खाने से अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है । जंक फूड की जगह ऑफिस में खाएं फास्ट फूड उन्होंने कहा कि काम के दौरान जंक फूड की जगह लेना चाहिए । लोगों को कैफेटेरिया या वर्कप्लेस में फल और सब्जियां स्टॉक करना, मिठाई की जगह फल पर अधिक जोर देना चाहिए । अधिक खाने से कैसे बचें डॉ. अग्रवाल ने कहा, “किसी को भी जरूरत से अधिक भोजन नहीं करना चाहिए । स्वाद कलिकाएं केवल जीभ के सिरे और किनारे पर होती हैं । यदि आप जल्दी-जल्दी भोजन करते हैं, तो मस्तिष्क को संकेत नहीं मिलेंगे । छोटे ग्रास बनाकर खाने और उन्हें ठीक से चबाने से स्वाद कलियों के माध्यम से संकेत दिमाग को मिलते हैं । मस्तिष्क को केवल तभी संकेत मिलता है, जब पेट 100 प्रतिशत भरा होता है । इस प्रकार, कोई कितना खा सकता है, यह पेट की परिपूर्णता पर निर्भर करता है । डॉ. अग्रवाल के कुछ सुझाव कम खाएं और धीरे-धीरे खाकर अपने भोजन का आनंद लें । अपनी आधी थाली फल और सब्जियों से भरें । बड़े कौर न खाएं, उनकी वजह से वजन बढ़ सकता है । कम से कम आधा अनाज साबुत होना चाहिए । ट्रांस फैट और चीनी की अधिकता वाली चीजें न खाएं । स्वस्थ वसा चुनें । वसा रहित या कम वसा वाले दूध और डेयरी उत्पादों का उपयोग करें । खूब पानी पिएं । शर्करा युक्त पेय से बचें । उन खाद्य पदार्थों से बचें, जिनमें सोडियम का स्तर उच्च होता है, जैसे स्नैक्स और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ । इस सबसे बढ़कर, अपनी गतिविधि के हिसाब से अपने भोजन के विकल्पों को संतुलित करें । अगर आप अपने पेट की चर्बी यानी की बैली फैट को कम करना चाहते हैं और अपने शरीर को उचित आकार में बदलना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि आपको अपने आहार और दैनिक व्यायाम से जुड़े 2 पहलुओं पर काम करने की आवश्यकता होती है । इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि कैसी होनी चाहिए आपकी डेली डाइट और बिना जिम के कैसे घटाएं वजन । आपकी कमर मोटी है और उसे पतली करने के लिए उपाय ढूंढ रही हैं । आप कमर की चर्बी को कम करने और उसे पतली बनाने के लिए योगासन का सहारा लें । इससे आपकी कमर पतली नजर आने लगेगी । फलों का सेवन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आप जितना अधिक सेब, बेरिज आदि का सेवन करेंगे, आपको वजन कम करने में उतनी ही कम समय लगेगा । फाइबर से भरपूर हो आहार ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जैसे अनाज, फल, हरी सब्जियां आदि वजन को कम करने में काफी मदद करते हैं । कार्बोहाइड्रेट्स भी खूब खाएं वजन कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर चीजों को भी डाइट में शामिल करना चाहिए । नाश्ता ना करें स्किप अधिकतर लोगों को लगता है कि नाश्ता करने से वजन बढ़ता है, पर ऐसा नहीं है । चीनी की विकल्प ढूढें चीनी का सेवन करना बंद नहीं कर सकते हैं, तो आप शहद या गुड़ का सेवन करें । हर दिन एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित करने के लिए शरीर में एनर्जी होना जरूरी है, इसलिए आपको हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए । पर्याप्त नींद है जरूरी कम सोने से भी वजन बढ़ता है । भूखी ना रहें कुछ लोग सोचते हैं कि भूखे रहने से वजन कम किया जा सकता है । बोन हेल्‍थ पूरे शरीर की सक्रियता और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अपरिहार्य है । इसके प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है । ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों का एक गंभीर रोग है । जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे इतनी कमजोर हो जाती हैं कि व्‍यक्ति चलने-फि‍रने और अपने रूटीन वर्क निपटाने से भी लाचार हो जाता है । महिलाओं में यह समस्‍या पुरुषों से ज्‍यादा होती है । आइए जानें आखिर क्‍यों । वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों से संबंधित बीमारी है । सही पोषण न मिल पाने और विभिन्‍न शारीरिक बदलावों के कारण इस बीमारी में हड्डियों की सेहत को बहुत ज्‍यादा नुकसान पहुंचता है । इस गंभीर बीमारी की ओर लोगों का ध्‍यान दिलाने के लिए वर्ष 1999 से इंटरनेशनल ओस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन हर वर्ष 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जा रहा है । हालांकि इस दिवस की शुरुआत यूनाइटेड किंगडम में 1996 में नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसायटी द्वारा की गई थी । महिलाओं को होता है ज्‍यादा जोखिम पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम ज्‍यादा रहता है । आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में हर तीन सैकेंड में एक फ्रैक्‍चर ऑस्टियोपोरोसिस के कारण होता है । आंकड़े बताते हैं कि हर साल 10 मिलियन लोग ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित होते हैं । हॉर्मोनल बदलाव के कारण इनमें बड़ी संख्‍या महिलाओं की होती है । पर ऐसा नहीं है कि पुरुषों पर इस बीमारी का प्रकोप नहीं होता । बल्कि उम्र के साथ होने वाले कई बदलावों में उनकी बोन हेल्‍थ पर भी असर पड़ता है । रोज एक्सरसाइज करने और अच्छी डाइट लेने पर भी नहीं घट रहा है बैली फैट? आज ही सुधार लें ये 4 आदतें आपके शरीर में कार्ब्स की कमी से कब्ज, थकान, पेट में दर्द और मरोड़व सांसों की बदबू सहित कई जटिलताएं हो सकती हैं । इसलिए आपको अपनी डाइट में कार्ब्स को शामिल करना चाहिए । भले ही आप अपने वजन घटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हों । केवल एक चीज जो आपको ध्यान में रखने की आवश्यकता है, वह है स्वास्थ्यवर्धक कार्ब्स । चावल और चपाती जैसे स्टेपल कार्ब स्रोतों के लिए न जाएं क्योंकि वे कैलोरी से भरपूर होते हैं । इसलिए आपको ऐसे आटे का चुनाव करना चाहिए जो वजन घटाने के लिए जाने जाते हैं । आज हम आपको आटे के कुछ ऐसे विकल्प दे रहे हैं जो वजन घटाने के लिए काफी मददगार हैं । वजन बढ़ना आज की तारीख में एक कॉमन सेहत समस्या बनती जा रही है । इतना ही नहीं, मोटापा कई बीमारियों का भी कारण बनता है । ऐसे में आपका भी पेट बाहर की तरफ तेजी से निकल रहा है, तो इन पांच उपायों को आज से ही आजमाना शुरू कर दें । 1. मीठी चीजें खाएं कम  वजन कम करना चाहते हैं, सबसे पहले अपने खानपान से चीनी युक्त चीजों को निकाल दें । 2. प्रोटीन हो डाइट में अधिक मोटापा कम करना चाहते हैं, तो डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें । 3. ग्रीन टी पिएं हर दिन ग्रीन टी पीने से भी वजन कम होता है । 4. एक्‍सरसाइज करना कर दें शुरू सारा दिन बैठे रहेंगे, तो पेट बाहर होने के साथ ही कमर, जांघों पर फैट जमा होगा ही । 5. गर्म पानी से बनेगी बात गर्म पानी पीने से शरीर में मौजूद गंदगी आसानी से निकलता है । कुछ ड्राई फ्रूट्स वजन कम करने में मदद करते हैं । जानें, कौन से हैं वो ड्राई फ्रूट्स । जानें वेट लॉस के लिए हर्बल टी पीने का सही तरीका, नहीं करेंगे ये ग़लतियां तो होगा पूरा फायदा अधिकतर महिलाओं को अपना वजन घटाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । वजन घटाने के लिए कई महिलाएं तरह-तरह के घरेलू नुस्खों ट्राई करती हैं । डाइटिंग पर चली जाती हैं । कुछ तो जिम में घंटो पसीना बहाती हैं । समय निकाल कर कई तरह के प्रयास करती हैं, ताकि वजन कम हो जाए । अब आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है । आप एक खास डाइट चार्ट को कुछ दिनों के लिए नियमित रूप से फॉलो करके देखें । इससे आपका वजन बहुत जल्द कम हो जाएगा । जानें, इस डाइट चार्ट के बारे में… कुछ लोगों का मेटाबॉलिक रेट वाकई काफी अच्छा होता है, लेकिन कुछ लोगों को अपनी मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाने के लिए उस पर काम करना होता है । पर कैमोमाइल हर्बल टी के सेवन से ना सिर्फ अपना मेटाबॉलिक रेट बढ़ा सकते हैं, बल्कि इससे वजन भी कम कर सकते हैं । दस दिन या एक महीने में वजन कम करने का कोई नायाब तरीका नहीं होता । यह सिर्फ एक मिथ है । यदि आपको लगता है कि कोई भी प्रोडक्ट कम समय में ही वजन कम करने का दावा करती है, तो यह पूरी तरह से असंभव है । वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है गुड मेटाबॉलिक रेट का होना । हेल्दी और बैलेंस डायट लेना, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, प्रत्येक दिन अच्छी नींद लेना एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी बाते हैं । स्पर्म काउंट कम हो जाने की वजह से पुरुषों का यौन जीवन प्रभावित होता है । इससे इंफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है । स्पर्म काउंट कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं । जेनेटिक प्रॉबल्म, शरीर में पोषक तत्वों की कमी, अत्यधिक मात्रा में एल्कोहल का सेवन, विषाक्त पदार्थ, धूम्रपान जैसे कई चीजें स्पर्म काउंट कम होने के कारण बनते हैं । इस समस्या को दूर करने में योग मदद करता है । योग आपके पेल्विक फ्लोर, लोअर बैक और एब्डोमिन को मजबूती प्रदान करने के साथ पेल्विक रीजन में रक्त का संचार और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है । योग की मदद से तनाव कम होता है और रिप्रोडक्टिव ग्लैंड के स्वास्थ्य में सुधार होता है जो स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है । जानें, कौन से योगासन स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करते हैं । हलासन तेजी से बढ़ाए स्पर्म काउंट हलासन करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं । उस दौरान आपके हाथ फर्श पर होने चाहिए । अब सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाते हुए सिर के ऊपर से लाते हुए फर्श से पंजे को टच कराएं । इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रुकें । यह योगासन पेल्विक एरिया में रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है । नौकासन करने से लो स्पर्म काउंट में होती है वृद्धि नौकासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं । उसके बाद पैरों को जितना ऊपर ला सकते हैं लेकर आएं । फिर कमर को सीधा रखते हुए शरीर को आगे की तरफ लेकर आइए और हाथों से पैर की उंगली छूने की कोशिश करें । नौकासन आपके कूल्हों, पैरों और एब्डॉमिन को मजबूत बनाने में मदद करता है । यह पेल्विक मसल्स को भी टोन करता है । भुजंगासन पेट की चर्बी को कम करने के लिए भुजंगासन बहुत फायदेमंद है । इस आसन को करने से वजन बहुत जल्दी वजन घटने लगता है । भुजंगासन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं । अब अपने दोनों हाथों को माथे के नीचे टिकाएं । दोनों पैरों के पंजों के साथ रखें । फिर अपने माथे को ऊपर ऊठाएं और दोनों बाजुओं को कंधों के समान लाएं । ऐसा करने पर शरीर का सारा भार बाजुओं पर पड़ेगा । अब शरीर के अगले भाग को बाजुओं के सहारे ऊपर उठाएं । शरीर को स्ट्रेच करके लंबी सांस लें । कुछ समय तक इस आसन को करें । फिर दोबारा पेट के बल लेट जाएं । बालासन मन को शांत करना हो या पेट की चर्बी को कम करना हो दोनों के लिए बालासन बहुत फायदेमंद है । इस आसन को करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं और कमर बिल्कुल सीधी रखें । अब गहरी सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को सामने की ओर झुकाएं । दोनों हाथ पीछे की ओर रखें और कोशिश करें कि सिर सामने जमीन को छुए । अब जितना हो सके उतनी देर इसी अवस्था में रहने की कोशिश करें । फिर सांस छोड़ते हुए शरीर के ऊपरी भाग को उठाते हुए फिर से वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं । नारियल और नारियल का तेल भारतीय परम्परा का हिस्सा हैं । देश के हर हिस्से में नारियल के तेल का इस्तेमाल बालों को काला और घना बनाने के लिए किया जाता है । वहीं देश के एक बड़े हिस्से में नारियल का तेल रसोई में तड़का, ड्रेसिंग और अन्य तरीकों से भोजन तैयार करने के लिए भी मिलाया जात है । पूजा और हिंदू धर्म से जुड़े अनुष्ठानों में नारियल के फल को विशेष महत्व दिया जाता है । नारियल के प्रति अपना सम्मान ज़ाहिर करने के लिए जहां भारत में नारियल पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है । वहीं, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोकोनट डे भी मनाया जाता है । नारियल का सेवन करने से शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं । वहीं नारियल का तेल हमारी त्वचा और बालों से जुड़ी लगभग हर समस्या में काम आता है । यहां पढ़ें कुछ ऐसी ही ब्यूटी प्रॉब्लम्स के बारे में जिनमें नारियल के तेल लगाने से आपको फायदा हो सकता है । सूप एक ऐसी डिश है जो व्यक्ति को अंदर से मजबूत करने का काम करती है । सुपर हेल्दी और जल्दी बनने वाला सूप लो कैलोरी वाला होता है जो वेट लॉस में तेजी से मदद करता है । सूप पीने का एक लाभ यह भी है कि यह इम्युनिटी को मजबूत करता है । ऐसे में यदि आप एक ही समय में ऐसी डाइट लेना चाहते हैं जो हेल्दी होने के साथ ही वजन घटाने में भी मदद करे तो आपको सूप का विकल्प चुनना चाहिए । Coconut oil contains medium-chain fatty acids which oil have antimicrobial properties that can help protect against harmful skin infections like acne टमाटर खाने से होने वाले ये 7 नुकसान भी जान लें टमाटर के बीज सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं । अगर आप टमाटर सलाद में खा रहे हैं तो कोशिश करें कि कम से कम बीज आपके पेट में जाए । दरअसल, ये बीज आसानी से पचते नहीं हैं और अक्सर किडनी में पथरी की वजह बनते हैं । लेकिन नाश्ते में क्या खाएं और क्या नहीं इस बात को लेकर हम हमेशा में असमंजस रहते हैं । हालांकि जब आपके दिमाग में एक बेहतरीन नाश्ते का ख्याल आता है तो आपको अपने सामने मिक्स फ्रूट जूस का एक गिलास और साथ में बटर टोस्ट से ज्यादा अच्छा कुछ नहीं लग सकता है । लेकिन जब भी बात वजन कम करने और शरीर पर चढ़ी थुलथुली चर्बी को हटाने की आती है तो आपको अपने नाश्ते में हाई शुगर और हाई कार्ब फूड्स को शामिल करने से बचना चाहिए । अगर आप सोच रहे हैं कि अच्छा नाश्ता कौन सा हो सकता है इस लेख में हम अपकी इस दुविधा को क्लीयर करने जा रहे हैं । कैसे बनाएं अपने नाश्ते को हेल्दी अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपके नाश्ते में कॉम्पलेक्स कार्ब, हेल्दी फैट, फाइबर और प्रोटीन जरूर होना चाहिए । जी हां, हेल्दी नाश्ता इन्हीं सब चीजों को मिलाकर बनता है और ये सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी है । इसलिए सुनिश्चित करें कि आप जो नाश्ता हर दिन खा रहे हैं उसमें ये सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व हों । क्यों महत्वपूर्ण है नाश्ता? हाल ही में कुछ अध्ययनों में ये पाया गया है कि जो लोग किंग साइज नाश्ता करते हैं उन्हें उन लोगों की तुलना में अधिक वजन कम करने में मदद मिलती, जो हल्का नाश्ता करते हैं या फिर नाश्ता स्किप करते हैं । अच्छा और किंग साइज नाश्ता आपको ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है और आपको बेहतर तरीके से काम करने में सहायता प्रदान करता है । ऐसे करें अपने नाश्ते में जरूरी पोषक तत्वों को शामिल कॉम्पलेक्स कार्ब्स दरअसल, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स वे कार्ब्स होते हैं, जिनमें से प्राकृतिक फाइबर और स्टार्च को नहीं निकाला जाता है । इस प्रकार के कार्ब्स में शुगर मॉलिक्यूल बहुत ज्यादा होते हैं, जिन्हें पचाने में बहुत अधिक समय लगता है, जिसके कारण आप अधिक समय तक ऊर्जावान महसूस करते हैं और आपका पेट ज्यादा देर तक फुल रहता है । कॉम्पलेक्स कार्ब के कुछ सामान्य उदाहरणों में आलू, मक्का, सेम, छोले और दाल शामिल हैं । हेल्दी फैट आपने फैट के बारे में बहुत सी ऐसी बुरी बातें सुनी होंगी, जिसके बाद आपको फैट से चिढ़ हो गई होगी लेकिन फैट को डाइट का हिस्सा होना बहुत ही जरूरी है । अपने भोजन में अनसैच्यूरेटेड फैट को शामिल करें, जो आपके खराब कोलेस्ट्रॉल यानी की एलडीएल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी की एचडीएल को बढ़ाने में मदद कर सकता है । हेल्दी फैट के कुछ उदाहरणों में एवोकाडो, नट बटर, नट्स, बीज और कुछ तेल शामिल हैं । प्रोटीन आपके नाश्ते में प्रोटीन का होना बहुत ही जरूरी है ये आपके शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व में शामिल है । अंडा, ग्रीक योगर्ट, बेकन, पनीर और पीनट बटर प्रोटीन के कुछ सामान्य स्रोत हैं । फाइबर अगर आप अपने नाश्ते में ऊपर दिए गए सभी तीन पोषक तत्वों को शामिल करते हैं, तो आप किसी न किसी रूप में फाइबर को प्राप्त कर लेंगे । लेकिन फाइबर इनटेक बढ़ाने के लिए आपको अपने नाश्ते में फल, सब्जियां और बेरी को शामिल करना चाहिए । लोगों का मानना है कि बहुत देर तक भूखे रहने या मील स्किप करने से वेट लॉस में मदद होती है । लेकिन सच यह है कि बहुत देर तक भूखे रहने से हमारी भूख बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है । जिसके चलते हम ज़्यादा खा लेते हैं, और इस तरह ज़्यादा कैलोरी हमारे भोजन के साथ हमारे शरीर में पहुंच जाती है । यह भी पढ़ें- । क्या छोटे कद वालों के लिए वजन कम करना होता है मुश्किल? जानें कारण । व्रत, उपवास और वेट लॉस के कुछ नियम होते हैं । अगर आपने एक का भी पालन नहीं किया है तो हो सकता है कि फास्टिंग के बाद भी आपका वजन घटने की बजाए बढ़ना शुरू हो जाए । आज छठा नवरा‍त्र है । अगर पांच दिन के उपवास के बाद भी आपको अपने शरीर में भारीपन महसूस हो रहा है, तो निश्चित ही आपने कुछ गलतियां की होंगी । पर घबराएं नहीं अभी कुछ दिन शेष हैं, जिनमें आप इन ग‍लतियों को दूर कर अपने वेट लॉस के लक्ष्‍य को पा सकते हैं । फास्टिंग मिस्‍टेक्‍स ज्‍यादा फ्राइड खाना अगर नवरात्रि का लाभ के लिए लेना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए कुछ नियम फॉलो करने होते हैं । वेट लॉस के लिए आपको बैलेंस्‍ड डाइट की जरूरत है । जिसमें फाइबर, फल, सलाद और लिक्विड का सही संतुलन होना चाहिए । इसे भूलकर कुछ लोग नवरात्रि के दौरान डीप फ्राइड फूड का ही सेवन करते रहते हैं । कुट्टू  की पूडि़यां, चिप्‍स और टिक्‍की में काफी ज्‍यादा फैट होता है । इनका सेवन सीमित मात्रा में करें । इनकी जगह फल, सूखे मेवे और सलाद को अपनी डाइट में स्‍थान दें । लिक्विड की उपेक्षा व्रत में अकसर ऐसा होता है कि लोग जब भी भूख लगती है चाय या कॉफी पीना शुरू कर देते हैं । ये दिखने में तो लिक्विड हैं पर आपके शरीर के लिए जरूरी लिक्विड की आवश्‍यकता को पूरा नहीं करते । इनमें मौजूद कैफीन आपके शरीर में खुश्‍की बढ़ा देता है । इनके ज्‍यादा सेवन से वजन भी बढ़ने लगता है । इससे बचने के लिए आपको लिक्विड को ज्‍यादा से ज्‍यादा स्‍थान देना चाहिए । के लिए खूब पानी पिएं । दिन भर में दो कप चाय या कॉफी पर्याप्‍त है । इससे ज्‍यादा होने पर नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, फ्रेश जूस आदि को चुनें । यह बॉडी को डिटॉक्‍स करने में मदद करते हैं । वर्कआउट छोड़ देना क्‍या आपको ऐसा लगता है कि नवरात्रि व्रत के दौरान आपको वर्कआउट की जरूरत नहीं हैं? तो इस तरह आप वेट लॉस के लिए की गई अपनी अब तक की सारी मेहनत पर पानी फेर रहे हैं । उपवास यानी व्रत का अर्थ भूखे रहना नहीं है, बल्कि डाइट में थोडा सा बदलाव ही है । यकीनन आप नवरात्रि उपवास में भी भूखे नहीं हैं । तो फि‍र वर्कआउट स्किप करने से आपका वजन बढ़ सकता है । व्रत उपवास के दौरान में सैर करें, योगा-प्राणायाम के लिए समय निकालें और अपने ट्रेनर से वर्कआउट के लिए एडवाइज लें । आपने अब तक लेमन राइस या राइस से बनने वाली कई नमकीन डिशेज खाई होंगी पर क्या कभी मैंगो राइस खाया या बनाया है? यदि नहीं बनाया, तो हम बताते हैं इसे बनाने की विधि । मैंगो राइस चावल को एक हेल्दी और टेस्टी फ्लेवर देता है । मैंगो राइस बनाने की विधि काफी आसान है । इसे कच्चे आम के साथ बनाया जाता है । इसे मैंगाई सदाम भी कहते हैं । इसे आप कभी भी बनाकर अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों के मुंह का स्वाद बदल सकती हैं । जानें, मैंगो राइस बनाने की विधि- मैंगो राइस बनाने के लिए आपको चाहिए 500 ग्राम- उबला हुआ चावल हर कोई चाहता है कि उसका शरीर टोन और फिट दिखे और वजन कंट्रोल में रहे । वजन को कंट्रोल में रखने के लिए लोग अक्सर जिम जाते हैं या फिर डाइटिंग करते हैं । वजन कंट्रोल करने के लिए आप अपने खानपान की आदतों को सुधार कर देखें, क्योंकि कई बार अधिक वजन का कारण बेतरतीब खानपान होता है । आप अपने डायट में कुछ चीजों को नियमित रूप से शामिल करके भी आसानी से अपना वजन कंट्रोल में रख सकती हैं । ऐसा करके ना सिर्फ आप शारीरिक रूप से हेल्दी रहेंगी, बल्कि काफी हद तक बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में आप सफल भी होंगी । फलों का सेवन एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि आप जितना अधिक सेब, बेरिज आदि का सेवन करेंगे, आपको वजन कम करने में उतनी ही कम समय लगेगा । ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें एंटी-इंफ्लामेटोरी और एंटीऑक्सीडेंट्स तत्व मौजूद होते हैं । फाइबर से भरपूर हो आहार ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जैसे अनाज, फल, हरी सब्जियां आदि वजन को कम करने में काफी मदद करते हैं । इनका सेवन करेंगे, तो आपको भूख कम लगेगी । कार्बोहाइड्रेट्स भी खूब खाएं वजन कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर चीजों को भी डाइट में शामिल करना चाहिए । नाश्ता ना करें स्किप अधिकतर लोगों को लगता है कि नाश्ता करने से वजन बढ़ता है, पर ऐसा नहीं है । नाश्ता नहीं करने से आपको दिन भर की एनर्जी नहीं मिलेगी और आप शरीर से कमजोर भी होने लगेंगे । नाश्ता करना कभी ना छोड़ें । चीनी की विकल्प ढूढें चीनी का सेवन करना बंद नहीं कर सकते हैं, तो आप शहद या गुड़ का सेवन करें । ये सेहत के लिए काफी हेल्दी होते हैं । इनके सेवन से शरीर में खून की कमी नहीं होती है, त्वचा भी हेल्दी होता है । आप अधिक चीनी खाएंगे, तो वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है । हर दिन एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित करने के लिए शरीर में एनर्जी होना जरूरी है, इसलिए आपको हर दिन कम से कम 30 मिनट के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए । इससे आपके शरीर में मौजूद कैलोरी बर्न हो जाएंगी और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ेगा । पर्याप्त नींद है जरूरी कम सोने से भी वजन बढ़ता है । आप जिनता कम सोएंगे शरीर को उतनी ही भूख लगेगी, जिससे आप कुछ भी खाने लगती हैं । ऐसे में जरूरी है कि आप हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की अपनी नींद पूरी करें । भूखी ना रहें कुछ लोग सोचते हैं कि भूखे रहने से वजन कम किया जा सकता है । ऐसा करने से आपका वजन और भी बढ़ जाएगा, इसलिए कभी भी आप वजन कम करने के लिए यह गलती ना करें । इन 5 ट्रिक्स से डबल चिन की समस्या को करें हाइड, गाल और गर्दन की चर्बी नहीं आएगी नजर खूबसूरत और निखरी त्वचा हर कोई चाहता है । लेकिन कई छोटे-मोटे कारणों से हमारी खूबसूरती खराब हो जाती है । जिसके कारण चेहरे पर कई सारी समस्याएं होने लगती हैं । इन्हीं समस्याओं में से एक है डबल चिन की समस्या । इस समस्या से अधिकतर पुरुष और महिलाएं परेशान रहती हैं । डबल चिन का मुख्य कारण चेहरे के आसपास जमा चर्बी है । चेहरे पर इस चर्बी के कारण ही गाल के नीचे मांस लटकने लगते हैं, जिसे लोग ‘डबल चिन का नाम दे देते हैं । वजन को कम करके डबल चिन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है । लेकिन कुछ ऐसे भी कारण होते हैं, जिससे मोटापा कम नहीं होता है । इनमें अनुवांशिक कारण शामिल हैं । ऐसे में हम कुछ टिप्स और ट्रिक्स अपनाकर अपने डबल चिन को छुपा सकते हैं । आइए जानते हैं कुछ ऐसे स्मार्ट तरीके, जिससे डबल चिन को सकता है हाइड- सही ड्रेस का करें चयन ड्रेसअप सही तरीके से किया जाए, तो वे आपके शरीर के कई कमियों को छुपा सकता है । इसलिए जब भी ड्रेस पहनें, तो ऐसे कलर का चुनाव करें, जिससे आपके ड्रेस से लोगों की नजर ना हटे । इसके साथ ही थोड़ी ढीली ड्रेस पहनें, जिससे आपका लुक बेहतर नजर आए । आप चाहें, तो कॉलर वाली ड्रेसेज पहनें । इससे चेहरे के फैट को कुछ हद तक छिपाया जा सकता है । हेयरस्टाइल का भी पड़ता है असर हेयरस्टाइल से भी डबल चिन को छुपाया जा सकता है । यदि आपके बाद आपके गर्दन के आस-पास झूलते हैं, तो इससे डबल चिन आसानी से दिखने लगते हैं । ऐसे में आपको अपने डबल चिन से ध्यान हटाने के लिए कई तरीके अपनाने चाहिए, जिससे डबल चिन को हाइड किया जा सके । खुले बालों की जगह आप पोनीटेल कर सकती हैं । इसके साथ ही आप चाहें, तो बॉब कट हेयर स्टाइल से भी डबल चिन को छुपा सकती हैं । लिप्स को बनाएं अट्रैक्टिव डबल चिन से लोगों का ध्यान हटाने के लिए आप अपने लिप्स को अट्रैक्टिव बनाएं । इसके लिए आप सही लिपस्टिक और मेकअप का इस्तेमाल करें । यदि आप बोल्ड कलर की लिपस्टिक लगाएंगी, तो इससे आपको होंठ काफी आकर्षक दिखेंगे । इसके साथ ही डबल चिन भी छिप जाएगी । लिपस्टिक लगाने के बाद लिप्स पर शाइनी लिप ग्लॉस लगाना ना भूलें । मेकअप से आंखों और गालों को करें हाइलाइट आंखों और गालों को हाइलाइट करके आप अपने डबल चिन की समस्या को काफी हद तक छुपा सकते हैं । अगर आपके गर्दन के आसपास भी डबल चिन नजर आते हैं, तो अपने गाल को सटल ब्लशर की मदद से थोड़ा ज्यादा हाइलाइट करें । इसके साथ ही आंखों को हाइलाइट करने से भी गर्दन के हिस्से का मोटापा कम नजर आता है । दरअसल, बोल्ड मेकअप करने से आपके ये हिस्से अधिक हाइलाइट होते हैं, इसलिए लोगों की नजर आपको चिन पर नहीं जाती है । फेस एक्सरसाइज करें इन ट्रिक्स को अपनाने के साथ-साथ आप डबल चिन को कम करने के भी उपाय अपनाएं । ताकि परमानेंट आप इसे खत्म कर करें । इसके लिए रोजाना फेस एक्सरसाइज करें । इन एक्सरसाइजेस से गाल और गर्दन पर जमा चर्बी खत्म हो जाती है । जिससे, जिम जाकर वर्कआउट करने और वेट लॉस प्लान्स को भी  कंटिन्यू करना मुश्किल हो जाता है । अगर, आपकी परेशानी भी है तो, घर में मौजूद चीज़ों के सेवन से वेट लॉस करने और हेल्दी वेट मेंटेन करने की कोशिश करें । क्योंकि इन चीज़ों से नैचुरली वेट लॉस में मदद होती होती है । इनके साइड-इफेक्ट्स भी नहीं होते । इसीलिए, ज़्यादातर लोगों के लिए इनका सेवन सेफ ही माना जाता है । करना है वजन कम तो करें लहसुन का सेवन- वेट लॉस के लिए लहसुन भी एक कारगर नुस्खा है । इसके सेवन से एक्स्ट्रा फैट बर्न करना आसान हो जाता है । तो वहीं इससे मौसमी एलर्जी भी कम होती है । सर्दी-ज़ुकाम जैसी परेशानियां लहसुन के सेवन से कम होती हैं । कैंसर जैसी बीमारियों से सुरक्षा से लेकर पेट की छोटी-मोटी प्रॉब्लम्स को कम करना हो, लहसुन का सेवन इन सभी तरीकों से फायदेमंद  माना जाता है । दरअसल, इसमें, एंटी बायोटिक तत्व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं । जो हमारी सेहत के लिए कई तरीकों से बहुत लाभदायक होते हैं । ये तत्व इम्यूनिटी बढ़ाने से का काम करते हैं । साथ ही सेक्सुअल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए भी लहसुन की चाय पी जा सकती है । गार्लिक टी बनाने के लिए इन चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी चम्मच शहद आधा चम्मच कटा हुआ अदरक 2 लहसुन की कलियां 100 मिली पानी नींबू का रस ऐसे बनाएं गार्लिक टी सबसे पहले किसी बर्तन में आधा कप या 100 मिली पानी उबलने के लिए रखें । जब, पानी उबलने लगे तो इसमें अदरक और लहसुन के टुकड़े काट कर डाल दें । 5-8 मिनट इसे अच्छी तरह पकने दें । फिर, इसे आंच से उतार लें । अब इसे ढंक कर 5 मिनट के लिए रखें थोड़ी देर बार,  इस मिश्रण को छान लें । इसमें, स्वादानुसार शहद या हनी मिलाएं । आधा नींबू का रस निचोड़ कर भी इस चाय में डालें । एक चम्मच की मदद से  सारी चीज़ों को अच्छी तरह मिक्स होने दें । फिर, इस धीरे-धीरे पीएं । इंटरमिटेंट फास्टिंग से सिर्फ वजन ही नहीं घटता बल्कि घटती है शरीर की ये चीज भी, जानें कौन सा अंग होता है कमजोर अगर आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपने इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में जरूर सुना होगा । जी हां, इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डाइट प्लान है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में लोगों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है । जी हां, आपने बिल्कुल ठीक सुना इस अध्ययन का दावा है कि अगर आप लगातार इस डाइट प्लान को फॉलो करेंगे तो आपका मसल्स मास कम हो सकता है । क्या कहता है अध्ययन सैन फ्रांसिस्को स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में ये सामने आया है कि अन्य डाइट पैटर्न के मुकाबले सिर्फ इंटरमिटेंट फास्टिंग भी अधिक फायदेमंद नहीं है और इस डाइट के परिणामस्वरूप आपके मसल्स मास को काफी नुकसान पहुंच सकता है । अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के दो समूहों की तुलना की । जिसमें से एक समूह को नियमित डाइट और स्नैक दिए गए जबकि दूसरे समूह में शामिल प्रतिभागियों ने सीमित कैलोरी का सेवन किया, जिन्होंने दोपहर और 8 बजे के बीच कुछ भी नहीं खाया-पिया । क्या निकला अध्ययन का निष्कर्ष 12 सप्ताह तक चले इस अध्ययन के अंत में शोधकर्ताओं ने पाया कि दोनों समूहों के बीच वजन घटाने, फैट मास, ब्लड शुगर कंट्रोल और कोलेस्ट्रॉल के स्तर के मामले में कोई बड़ा अंतर नहीं है । अगर बात करें संक्षेप में तो ये पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वास्तव में मेटाबॉलिक स्वास्थ्य या वजन घटाने में ज्यादा सुधार नहीं करती है । शोधकर्ताओं ने ये पाया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वाले प्रतिभागियों के समूह ने थोड़ा अधिक वजन कम किया, लेकिन यह थोड़ा सा वजन उनके लिए अधिक परेशान करने वाली समस्या अपने साथ लेकर आया । इंटरमिटेंट फास्टिंग समूह वाले प्रतिभागियों में कुल वजन का लगभग 65 प्रतिशत मसल्स मास होता है । यह उन लोगों में बहुत अधिक है जो नियमित रूप से सीमित कैलोरी वाली डाइट लेते हैं, जिनका मसल्स मास लगभग 20-30 प्रतिशत होता है । अध्ययन में शामिल लोगों को एक विशिष्ट कैलोरी डाइट, मैक्रोज या एक्सरसाइज रूटीन को बनाए रखने के निर्देश नहीं दिए गए थे । उन्हें बस 8 घंटे की समयावधि में अपने सभी कैलोरी सेवन को फिट करने के लिए कहा गया था, जिसका उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ खासकर उन लोगों की तुलना में जिन्होंने इस तरह के कठोर नियम का पालन नहीं किया था । क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग फायदेमंद है? शरीर पर चढ़े अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए इस तरह के सख्त उपाय करने का निर्णय लेने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि फास्टिंग के लाभों को प्राप्त करने के लिए आप क्या और कितना खा सकते हैं और मसल्स लॉस को कैसे रोक सकते हैं । कीटो डायट प्लान में आपको उन खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करना होता है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है । बढ़ते वजन को रोकना चाहते हैं तो खानपान के तरीकों में करें ये 5 सिंपल बदलाव, हमेशा रहेंगे फिट लंबे समय तक काम करने, आलस्‍यपूर्ण जीवन शैली और अत्‍यधिक तनाव के कारण वर्किंग प्रोफशनल्‍स महिलाओं और पुरुषों की सेहत खराब होती जा रही है । लगातार बैठकर काम करने वाले लोगों में मोटापा बढ़ता जा रहा है । परिणामस्वरूप, अधिक वजन या मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ रहे हैं । शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि थकान, एसिडिटी से लेकर जीवन की खतरनाक बीमारियों जैसे , स्लीप एपनिया, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं । हालांकि, अपने खाने की आदतों में बदलाव लाना मोटापे से निपटने की दिशा में पहला कदम हो सकता है । यहां हम आपकों खानपान के कुछ स्‍वस्‍थ तरीकों के बारे में बता रहे हैं । 1- शहद और नींबू का सेवन करें अपने दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म पानी से करें और इसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाएं । यह आपके शरीर को डिटॉक्स करने और ताज़ा महसूस करने में मदद करता है । 2- सुबह का नाश्ता कभी न छोड़ें ब्रेकफास्ट शरीर को दिन की शुरुआत में ही आवश्यक कैलोरी देता है, जिससे अवांछित कैलोरी की मात्रा कम होती है । के बजाय पौष्टिक फलों और सब्जियों का सेवन करें । 3- हर दिन मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स खाएं ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है और है जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । 4- चीनी को कहें ना शहद या गुड़ की तरह प्राकृतिक मिठास के साथ चीनी बदलें अगर आप परीक्षा में महसूस करते हैं । 5- भोजन पर कंट्रोल रखें थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर कम मात्रा में भोजन करें । अवांछित चीजों को खाने से बचें । इस पर नियंत्रण रखने के लिए अपना एक डाइट चार्ट बनाएं और रूटीन को फॉलो करें । अनहेल्‍दी चीजों को खाने से बचें । इन सब के अलावा, आप रोजाना योग कर सकते हैं । , तैराकी, साइकिल चलाना या कार्डियो वर्कआउट जैसी गतिविधियों का चुनाव कर सकते हैं । एक्‍सरसाइज नियमित रूप से करें । वजन घटाने के लिए ईजी टिप्स । चीनी के प्राकृतिक विकल्पों में आप ब्राउन शुगर, गुड़, शहद, घर पर बनें फलों का रस पिएं । डाइट प्लान बनाएं वजन कम करने के लिए एक डाइट प्लान बनाना बेहद जरूरी है । डाइट प्लान बनाकर उसे फॉलो करके ही आप वजन घटा सकते हैं । डाइट प्लान बनाने का मतलब कम खाना नहीं होता है । इसमें न्यूट्रीशन से भरपूर फूड्स को शामिल करना होता है । मोटापा घटाने के लिए न्यूट्रीशनल डायट में 50% कार्बोहाइड्रेट, 20% प्रोटीन और 30% फैट युक्त खाना खाएं । कभी भूखे ना रहें आप देर तक भूखे रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में चटपटा, मीठा या जंक फूड खाने की तलब बढ़ जाती है । यह सभी चीजें अनहेल्दी होती हैं । भूख लगने पर जब आप खाना खातें हैं, तो जल्दबाजी मैं जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं । दोनों ही कारणों से आप कैलोरीज का उपभोग अधिक कर लेते हैं, इसलिए कमर पतली करने के लिए थोड़ा-थोड़ा खाते रहें । दिन में 6 बार खाएं मतलब हर 3 घंटो में कुछ खाएं, ताकि कभी जोर की भूख ही ना लगे । 5 हेल्दी कार्ब्स जिन्हें खाकर पुरुष जल्दी वजन कम कर सकते है! कार्ब्स को अक्सर हमारे लिए अस्वस्थ माना जाता है । लेकिन पुरुषों द्वारा भी प्रभावी ढंग से वजन कम करने के लिए स्वस्थ कार्ब्स को आपके आहार योजना में शामिल किया जाना चाहिए । कार्ब्स भी दो प्रकार के होते हैं हेल्दी व गैर हेल्दी । यदि आप हेल्दी कार्ब्स खाते हैं तो आप को ऊर्जा भी मिलेगी और आप का वजन भी कम होने में मदद मिलेगी । तो आइए जानते हैं कि वजन कम करने के लिए कौन कौन से हेल्दी कार्ब्स आप के पास उपलब्ध हैं । कुछ ब्राउन चीजें जैसे ब्राउन राइस या ब्राउन होल व्हीट पास्ता आप की सेहत के लिए अच्छा होती हैं । ऐसा इसलिए है क्योंकि होल व्हीट में तीन प्रकार के फाइबर उपलब्ध होते हैं जो कि न्यूट्रिएंट्स व फाइबर्स से भरपूर होते हैं । इस पास्ता के साथ साथ आप दाल, चिक पीस, ब्लैक बीन आदि भी ट्राई कर सकते हैं । इसके अलावा अन्य कार्ब्स डाइट निम्न प्रकार हैं । आज के दिन ऐसे मेनटेन करें सोशल डिस्टेंसिंग, हंसते हंसते मनेगा रक्षाबंधन राखी का त्योहार इस बार 15 अगस्त 2019 को मनाया जायेगा. इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार बेहद खास है, क्योंकि यह स्वतंत्रता दिवस के दिन पड़ रहा है. भाई-बहन का यह त्योहार भारतीय सेना के लिए भी खास है. क्योंकि इस दिन पूरे भारत से लोग सेना के लिए राखी भेजते हैं. रक्षाबंधन के त्योहार में बहन भाई को राखी बांधने के साथ मिठाई और पकवान भी खिलाती है. इस रक्षाबंधन में अपने भाई के लिए 5 स्वीट जो स्वीट होे के साथ हेल्दी भी हैं. वजन को नियंत्रित और सेहत को दुरुस्‍त रखने के लिए दिन भर में एक मुट्टी नट्स और ड्राय फ्रूट्स काफी होते हैं । इनमें आप सीड्स भी शामिल कर सकते हैं । यह हर व्‍यक्ति के लिए बढि़या पैमाना है । आपकी जितनी बड़ी मुट्ठी हो बस उतने ही मेवे आपको दिन भर में खाने हैं । अगर आप डायबिटीज या हाइपरटेंशन से पीडि़त हैं, तो आपको इनके लिए अपने डॉक्‍टर से परामर्श करना चाहिए । कुछ ड्राय फ्रूट्स संतृप्‍त और असंतृप्‍त वसा एवं शुगर की मात्रा ज्‍यादा होती है । जबकि कुछ की तासीर गर्म होती है । इन्‍हें बिना भिगोए नहीं खाना चाहिए । वेट लॉस के लिए पीएं एलो वेरा जूस, बेली फैट होगा कुछ दिनों में ही कम आयरन से भरपूर होने के कारण रागी या नाचनी को बच्चों के लिए एक बहुत ही फायदेमंद फूड माना जाता है । आमतौर पर रागी का इस्तेमाल भोजन में थोड़ा कम ही होता है । लेकिन,  इसके फायदे जानकर विशेष डायट्स और वीनिंग फूड्स में अब लोग इसको शामिल करने लगे हैं । आइए जानते हैं इस अनाज की खूबियां जो इसे बनाती हैं एक इंडियन सुपरफूड । शरीर में रक्त का संचार बेहतर रूप से होते रहना बेहद जरूरी है । ब्लड सर्कुलेशन सही होता है, तो शरीर के महत्वपूर्ण अंग अपना कार्य अच्छी तरह से कर पाते हैं । दिल की सेहत अच्छी रहती है, तो आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज नहीं होते हैं । सिर से लेकर पांव तक जब लगातार बिना रुकावट के खून आपकी नसों में दौड़ता रहता है, तो आप कई बीमारियों से भी बचे रहते हैं । जब ब्लड सर्कुलेशन किसी भी तरीके से प्रभावित होता है, तो हृदय रोग जैसे हार्ट अटैक, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा आदि का खतरा बढ़ जाता है । खून के जरिए शरीर के अलग-अलग हिस्सों में ऑक्सीजन, मिनरल्स, पोषक तत्वों का संचार होता है । इससे शरीर के महत्वपूर्ण अंग अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते हैं और आप स्वस्थ रहते हैं । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होने के कारण आजकल की सेडेंटरी लाइफस्टाइल से नहीं होता है । सेडेंटरी लाइफस्टाइल यानी अधिक देर तक बैठे रहना । इसके अलावा, एक्सरसाइज नहीं करना, स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स जैसे जंक और फास्ट फूड का अधिक सेवन आदि शरीर में रक्त संचार को प्रभावित करते हैं । ब्लड सर्कुलेशन कई बार नसों और धमनियों में ब्लड क्लॉट जमने या ब्लॉकेज होने से भी प्रभावित होता है । नसों में रक्त का थक्का जमना जानलेवा साबित हो सकता है । दिल की धमनियां जब ब्लॉक हो जाती हैं, तो दिल को ब्लड पंप करके पूरे शरीर में पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है । हार्ट की आर्टरीज में किसी भी तरह की ब्लॉकेज हार्ट अटैक, हृदय गति का रुकना, स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकता है । आप चाहते हैं कि शरीर में रक्त का संचार सही तरीके से होता रहे, तो योगासन का भी सहारा ले सकते हैं । कुछ योग ऐसे हैं, जो नसों को साफ करके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं । 1 त्रिकोणासन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन हो बेहतर यदि आप करते हैं, तो ब्लड सर्कुलेशन शरीर में सही होता है । साथ ही अन्य रोग जैसे कब्ज, ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से भी आप बचे रहते हैं । प्रेग्नेंसी में भी महिलाएं त्रिकोणासन का अभ्यास कर सकती हैं । त्रिकोणासन करने का तरीका दोनों पैरों को कंधों के समान एक समान अंतर पर फैलाकर खड़े हो जाएं । अब दाहिने तरफ झुकें और अपने पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें । दूसरे हाथ को उसी दिशा में ऊपर की ओर उठाकर रखें । हथेली खुली हुई होनी चाहिए । इस मुद्रा में 20-30 सेकेंड तक रहें । इसी तरह से अब बाईं तरफ झुकें । पैरों के उंगलियों को नहीं छू पा रहे हैं, तो घुटनों को छू सकते हैं । जिन लोगों को स्लिप डिक्स, पेट की कोई सर्जरी हुई है या साइटिका दर्द है, तो इस योगासन को करने से बचें । 2 उष्ट्रासन करें रक्त संचार होगा बेहतर उष्ट्रासन करने से शरीर में ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बेहतर होता है । जिन लोगों को सांस से संबंधित कोई रोग है, उन्हें भी इस योग का अभ्यास करना चाहिए । उष्ट्रासन करने के लिए पैरों को लंबाई में फैलाकर बैठें । दाएं पैर के घुटने को मोड़ते हुए, दाईं एड़ी को दाएं नितंब के नीचे रखें । इसी तरह बाएं पैर को मोड़ते हुए बाईं एड़ी को बाएं नितंब के नीचे रखें । घुटनों के बल खड़े हो जाएं । ध्यान रहे कि दोनों घुटने और पैरों के पंजे समान दूरी पर खुले हों । लंबी सांस लें और सांस छोड़ते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर ले जाएं । दाईं हथेली से दाईं एड़ी को और बाईं हथेली से बाईं एड़ी को पकड़ने की कोशिश करें । ध्यान रहे, पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे । 3 रक्त परिसंचरन होगा तेज जब करेंगे नौकासन इस योगासन से पेट के अंगों को मजबूती मिलती है, जिससे पाचन प्रणाली बेहतर होती है । इसे करने से शरीर में रक्त संचार तेज होता है । नौकासन करने के लिए सीधे लेट जाएं । एड़ी और दोनों पंजे आपस में जुड़े हों । गहरी सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर 45 डिग्री के एंगल में उठाएं । दोनों हाथों को घुटनों की सीध में स्थापित करें । धड़ को भी धीरे-धीरे ऊपर उठाएं । सांस छोड़ते हुए उसी अवस्था में वापस आएं । यह प्रक्रिया 5 बार दोहराएं । कई बार तो ऐसा होता है कि जब आप वजन कम कर लेते हैं तो चर्बी कम होने के कारण बॉडी पर स्‍ट्रेच मार्क्‍स भी पड़ जाते हैं । अगर आप भी वजन कम करने में सफल हो चुके हैं लेकिन आपकी स्किन लटकी हुई और ढीली हो गई है तो इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी ढीली त्वचा में कसाव पैदा कर सकते हैं । भोजन को भाप में पकाने से उनमें मौजूद फाइबर नरम हो जाता है । फलों और सब्ज़ियों का फाइबर नरम होने से उनके लिए इसे पचाना आसान हो जाएगा । फाइबर की मदद से शरीर को सभी पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद होती है । वजन और पेट की चर्बी कम करने के लिए कई हर्बल टी पीने के बाद भी फायदा नहीं हुआ, तो ट्राई करें त्रिफला चाय । कुछ ही दिनों में आपको अपने वजन में फर्क नजर आने लगेगा । जानें, त्रिफला चाय पीने से सेहत पर होने वाले इन आठ फायदों के बारे में... महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी इसके लिए जिम्मेदार हैं । माहवारी, गर्भावस्था और मेनोपॉज तक उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं । जिसका असर बोन हेल्थ पर भी पड़ता है । डाइट प्लान की खास बातें साधारण नमक की जगह सेंधा नमक चीनी के स्थान पर शहद का उपयोग रिफाइंड ऑयल की जगह ऑलीव ऑयल या सरसो का तेल रोजाना एक चम्मच देशी घी 4-6 लीटर पानी रोजाना किसी भी प्रकार की फ्रिज आइटम का सेवन नहीं ताजा पका हुआ ही भोजन करना फ्रिज की जगह मटके के पानी का उपयोग तूलिका का वर्कआउट प्लान तूलिका बताती हैं कि शुरूआत में मैं अपने डायट प्लान के साथ 6-7 किमी का वॉक करती थी और सप्ताह में 3 दिन डांस क्लास करती थी । डाइट में स्पेशल बातें तूलिका कहती हैं की एक्सरसाइज के दौरान मुझे दो नींबू के साथ एक लीटर पानी को खत्म करना रहता है । वजन कम करने के लिए मेटाबॉलिज्‍म का ठीक होना जरूरी, जानिए मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए कौन-कौन से खाद्य पदार्थ लेने चाहिए यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो आप के लिए आप का मेटाबॉलिज्म मजबूत बनाना बहुत आवश्यक है । हो सकता है आप खाना न खा कर अपना वजन कम कर पाने में सफल हो जायें । पर यह आप केवल कुछ ही समय के लिए कर पाएंगे । पर जब आप फिर से खाना शुरू करेंगे तो आप दोबारा वजन बढ़ा लेंगे । लेकिन वहीं यदि आप का मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा तो आप वजन आसानी से कम कर सकने में सफल हो पाएंगें । इससे आप स्वस्थ भी रहेंगे और एक्सरसाइज आदि करना भी आप के लिए आसान हो जाएगा । इन कुछ खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट मे शामिल करके आप अपना मेटाबॉलिज्म बढ़ा सकते हैं । आयोडीन से भरपूर भोजन का चुनाव करें आप का बढ़ाने, आप की कैलोरीज़ को बर्न करने व आप की भूख को नियंत्रित करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है । अपना काम करने के लिए थायराइड ग्लैंड को आयोडीन की आवश्यकता पड़ती है । अतः अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजें शामिल करें जो आयोडीन से भरपूर हों । आप नमक, अंडे, दूध व अन्य डेयरी उत्पाद, मछली आदि को खा सकते हैं । फलियों को अपनी डाइट मे शामिल करें कुछ फलियां जैसे दाल, मटर व बीन्स आदि फाइबर से युक्त होती हैं । इनको खाने से आप को जल्दी भूख नहीं लगती और आप का पेट भरा रहता है । अतः दाल आदि खाने से आप का वजन कम होने में भी आप को मदद मिलती है । बीन्स में रेसिस्टेंट स्टार्च नामक पदार्थ होता है, जो आप के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में आप की मदद करता है । खूब पानी पिएं क्या आप जानते हैं कि पानी भी एक प्रकार से आप का मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है । अतः आप को जितना बाकी दिन पानी पीते हैं उससे ज्यादा पानी पीना शुरू कर देना चाहिए । साथ ही आप कोल्ड ड्रिंक या अन्य ऐसी ड्रिंक जिनमे कैलोरीज़ होती हैं, उन की बजाए सादा पानी पीयें । पानी से आप के शरीर के अंदर कम कैलोरीज़ जाएंगी और कैलोरीज़ बर्न होंगी । अपनी कैल्शियम की कमी को पूरी करें यदि आप को मजबूत हड्डियां व अच्छा मेटाबॉलिज्म चाहिए तो आप को ध्यान रखना होगा कि आप की कैल्शियम की मात्रा पूरी हो । कुछ रिसर्च दर्शाती हैं कि कैल्शियम आप के शरीर से कुछ कैलोरीज़ को बर्न करने में भी सहायता पहुंचता है । इस के लिए आप साल्मन, लो फैट डेयरी उत्पाद, ब्रोकली, आदि चीजों को अपनी डाइट मे शामिल कर सकते हैं । अदरक को अपनाएं कुछ अध्ययनों ने यह भी साबित किया है कि अदरक हमारा वजन कम करने में काफी सहायक है । अपने मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए आप अदरक की ड्रिंक्स जैसे अदरक को पानी में उबाल कर पी सकते हैं । यह आप की भूख को नियंत्रण करने के साथ साथ आप की को भी नियंत्रित रखता है । अतः अदरक को जैसे हो सके वैसे अपनी डाइट मे जरूर शामिल करें । इसका सेवन मेटाबॉलिक रिएक्शन के लिए बहुत लाभदायक है । मूंग की दाल शरीर को कई रोगों से बचाने के साथ ही वजन को संतुलित रखने में भी मदद करती है । ऐसे में जो लोग अपने वजन को लेकर काफी कान्शियस रहते हैं उन्हें अपनी डाइट में मूंग की दाल को शामिल करना चाहिए । यह दाल वजन को मेनटेन रखने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने, मेटाबॉलिज्म बढ़ाने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य रखने के साथ ही एनर्जी लेवल को भी तेजी से बढ़ाने में मदद करती है । सोने से पहले खाए ये 5 फूड्स, कुछ ही दिनों में कम हो जाएगा बेली फैट कई लोग वेट लॉस के लिए रात में भोजन नहीं करते । लेकिन, यह तरीका वेट लॉस में मदद नहीं करता । क्योंकि कई बार लोग डिनर ना करने की वजह से ठीक से सो नहीं पाते । इसी तरह बहुत-से लोगों को रात में भूख भी लग जाती है और वे कई बार हाई कैलोरी स्नैक्स खा लेते हैं । ऐसे में आप रात में ऐसी चीज़ों का सेवन करें जो आपका वज़न कम करने में मदद करती हैं । यहां पढ़ें कुछ ऐसी ही चीज़ों के बारे में जिनका रात में सेवन करने से आपका वेट लॉस होता है । वजन कम करने के लिए कई तरीके अपनाना जरूरी होता है । एक्सरसाइज, डायटिंग और योगा जैसी कई चीजों को नियमित रूप से करना जरूरी होता है । यह सब चीजें वजन कम करने में मददागर होती हैं । इन सभी के साथ कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी वजन कम किया जा सकता है । इन घरेलू उपायों की मदद से जल्दी फैट बर्न करने में मदद मिलती है और आसानी से वजन कम होता है । कुछ घरेलू उपायों की मदद से बहुत जल्द वजन कम किया जा सकता है । जानें, कैसे 2 हफ्तों में वजन कम किया जा सकता है । सेब के सिरके में एसिटिक एसिड होता है जो शरीर में सूजन और मोटापे को कम करने में मदद करता है । इससे वजन कम करने में मदद मिलती है । इसका सेवन करने के लिए 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पिएं । आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं । वजन कम करने के लिए नींबू का शहद का सेवन फायदेमंद होता है । वजन कम करने के लिए नींबू का रस और शहद बहुत फायदेमंद माना जाता है । नींबू में मौजूद विटामिन सी फैट ऑक्सीडेशन में मदद करता है तो वहीं शहद लिपिड-कम करने वाली गतिविधियों को प्रदर्शित करता है । इसके लिए दिन में 3-4 बार 1 गिलास गरम पानी में आधा नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पिएं । वजन कम करने के लिए ग्रीन टी का सेवन फायदेमंद होता है । ग्रीन टी कैचीन का स्रोत होती है जो वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । इसके लिए रोजाना दिन में 2-3 बार ग्रीन टी का सेवन करें । कीटो डाइट वजन कम करने के लिए जरूर करें फॉलो वजन कम करने के लिए कीटो डाइट फायदेमंद है, लेकिन इसे फॉलो कर रहे हैं, तो कुछ खास पदार्थों से दूरी बना लें । इसमें गेंहू, मक्का, चावल व अनाज का सेवन करना वर्जित होता है । साथ ही चीनी, सेब, केले, नांरगी, आलू आदि खाने से भी बचें । हाइड्रेटेड रहने से भी वेट लॉस में सहायता होती है । पानी पीने से नसों में तनाव भी कम महसूस होता है । साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपका पाचनतंत्र भी सही तरीके से काम करता है । डायजेस्टिव सिस्टम सही रहने से आपको पेट से जुड़ी तकलीफें कम होती हैं । ब्लोटिंग, गैस और नींद ना आने की समस्याएं भी पानी पीने से कम होती हैं । हेल्दी कार्ब्स का भी करें चुनाव वेट लॉस के लिए हेल्दी कार्बोहाइड्रेट्स और हेल्दी फैट्स का भी सेवन करना चाहिए । इसीलिए, जब आप त्योहारों के बाद वेट लॉस की तैयारी करें तो  अपनी डायट में मौसमी फल, ताज़ी सब्ज़ियां, बीन्स, नट्स और हेल्दी सीड्स को शामिल करें । समय पर सोएं और जागें कम सोना सेहत को नुकसान पहुंचाता है और मोटापा बढ़ाता है । इसीलिए, त्योहारों की धूमधाम के बीच अपने स्लीपिंग पैटर्न का भी ख्याल रखें । इसी तरह त्योहारों के बाद भी सोने-जागने का समय फिक्स करें । इससे वेट लॉस की प्रक्रिया तेज़ होगी । क्या कहता है शोध जापान के क्योटो मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने उन कारकों की जांच की, जो धूम्रपान छोड़ने वाले लोगों में वजन बढ़ाते हैं । नतीजा यह था कि एक व्यक्ति को अधिक भारी आदी निकोटीन था, जितना वजन वह छोड़ने के बाद हासिल करता है । अध्ययन में लगभग 60 की औसत आयु वाले 186 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था जिन्होंने एक दिन में एक से अधिक पैक धूम्रपान किया था । तीन महीने के बाद, इन लोगों ने धूम्रपान छोड़ दिया, जो लोग निकोटीन पर अधिक निर्भर थे, उन्होंने 2.5 पाउंड अधिक वजन प्राप्त किया । यही कारण है कि कई लोगों द्वारा धूम्रपान छोड़ने की इच्छा को इस तथ्य से बाधित किया जाता है कि इससे उनका वजन बढ़ेगा । धूम्रपान छोड़ने के बाद कितना वजन बढ़ सकता है धूम्रपान छोड़ने के बाद वजन बढ़ना, भूख में वृद्धि, चयापचय में कमी, शारीरिक गतिविधियों में कमी और लिपोप्रोटीन लाइपेस गतिविधि को बढ़ाने वाले विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार है, जो शरीर में वसा के परिवहन को प्रभावित करता है । इसी अध्ययन में पाया गया कि औसतन, पुरुषों ने धूम्रपान छोड़ने के बाद केवल छह पाउंड वसा प्राप्त की, जबकि महिलाओं ने केवल आठ पाउंड प्राप्त किए । हालांकि, धूम्रपान छोड़ने के बाद प्राप्त वजन सिर्फ तीन साल तक रहता है, जबकि धूम्रपान छोड़ना लंबे समय तक स्वास्थ्य निर्णय के लिए अच्छा रहता है । धूम्रपान करने के समय वजन कम क्यों रहता है ? किसी भी रूप में तम्बाकू का उपयोग उनके चयापचय को बढ़ाकर किसी व्यक्ति के वजन को प्रभावित करता है । इसके अलावा, निकोटीन की खपत कैंसर, अंधापन, अपक्षयी डिस्क रोग और नपुंसकता की एक सरणी के साथ पंक्तिबद्ध है । धूम्रपान छोड़ते समय क्या करना चाहिए ? अध्ययन के शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित व्यायाम और धूम्रपान के बाद के आहार में स्वस्थ आहार को शामिल करने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है । डाइटिंग और एक्सरसाइज से न केवल वजन बढ़ने से रोका जा सकेगा बल्कि दिल की समस्याओं और ग्लूकोज असहिष्णुता के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी । इसलिए, यदि आप धूम्रपान छोड़ने से जुड़े वजन बढ़ने से चिंतित हैं, तो इसे अभी करें । जितना अधिक आप निर्भर होते हैं, उतने ही अधिक वजन आप एक परिणाम के रूप में प्राप्त करेंगे । कॉफी की खूश्बू से नींद खुल जाती है । लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आपको फ्रेश रखने के अलावा कॉफी वेट लॉस में भी मदद करती है । जी हां,  हाल में सामने आयी एक स्टडी में कहा गया कि है कि कॉफी के सेवन से मोटापे और डायबिटीज़ को कम किया जा सकता है । गर्मी के दिनों में आप अपने शरीर को जितना हाइड्रेट रखने की कोशिश करेंगे, उतने ही आप इन दिनों होने वाली समस्याओं से बचे रहेंगे । शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि शरीर में पानी की कमी के कारण आप डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं । डॉक्टर भी गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करने की सलाह देते हैं । आप भी सादा पानी खूब पीते होंगे लेकिन खुद को एनर्जी से भरपूर रखना है, तो सिर्फ पानी पीने से काम नहीं बनेगा । आपको एनर्जी देने वाला ड्रिंक का सेवन करना होगा । आपने नारियल पानी, जूस, आम पन्ना तो पिया ही होगा, अब खस का शर्बत पीकर देखें । बढ़ते तापमान में खस का शर्बत आपको अंदर से कूल रखेगा । यह ऐसा पेय पदार्थ है, जो टेस्टी और हेल्दी दोनों होता है । अपनी दिनचर्या में खस का शर्बत जरूर शामिल करें । इससे दिमाग को ठंडक तो मिलेगी ही साथ ही शरीर भी हाइड्रेट रहेगा । यदि आप नहीं जानते हैं कि खस क्या है और कैसे यह हमें फायदा पहुंचाता है, तो आपको बता दें कि खस एक प्रकार की सुगंधित घास होती है, जिसका इस्तेमाल कई खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है । खस में मौजूद कई पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गर्मियों में शरीर को कई बीमारियों से दूर रखते हैं । जानें, खास का शर्बत पीने के फायदे- देता है इंस्टेंट एनर्जी खस का शर्बत आपको इंस्टेंट एनर्जी देता है । इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी । शरीर को गर्मियों में होने वाले हीट स्ट्रोक से भी खस का शर्बत बचाता है । ब्लड सर्कुलेशन होता है ठीक खस का शर्बत आपके ब्लड सर्कुलेशन को भी कंट्रोल करके रखता है । खस के अंदर, आयरन, मैंगनीज और विटामिन बी 6 होता है । आयरन जहां खून को साफ करता है वहीं मैग्नीज शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है । आंखों की जलन हो दूर गर्मी में आंखों में जलन और इनके लाल होने की समस्या अक्सर बढ़ जाती है । ऐसा तभी होता है जब शरीर के भीतर गर्मी बढ़ जाती है । इससे निजात पाने के लिए आप रोजाना खस के शर्बत का इस्तेमाल कीजिए । आंखों के लाल होने और जलन की समस्या आसानी से दूर हो जाएगी । इम्यूनिटी करे बूस्ट खस का शर्बत आपके शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने में मदद करता है । इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑर्गन और टिशूज को भी फ्री रेडिकल्स की समस्या से बचाते हैं । एक नए शोध से पता चलता है कि निकोटीन पर किसी व्यक्ति की निर्भरता यह निर्धारित करती है कि उसे छोड़ने के बाद उसका वजन कितना बढ़ सकता है. आप स्वस्थ आहार और एक्सरसाइज के जरिए पेट की चर्बी कम कर सकती हैं । साथ ही कुछ आदतों को दूर करके भी बेली फैट को कम करने में मदद मिल सकती है । जानें, आप किन आदतों को दूर करके पा सकती हैं सुडौल और आकर्षक बेली । प्रोटीन - बालों के लिए प्रोटीन बहुत जरूर है । ये बालों को टूटने से बचाते हैं । इससे बालों में पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है । ऐसे में अपने आहार में प्रोटीनयुक्त भोजन शोमिल करना चाहिए । बालों को सुंदर, घना और चमकदार बनाने के लिए प्रोटीन मीट, मछली, अंडे, बींस और मेवों के जरिए पा सकते हैं । मोटापा घटाने की बात जब आती है तो पानी कितना पीना है यह महत्वपूर्ण हो जाता है. लेकिन पानी कब पीना है यह उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि जब आप सही समय पर पानी पीते हैं तो तेजी से वजन घटाने में कामयाब रहते हैं. कई अध्ययन में यह भी पाया गया है कि आप सेक्स के दौरान जो भी मूव्स करते हैं, वह आपको पेट की चर्बी कम करने में काफी मदद कर सकती है । बेड पर 25 मिनट सेक्स करने से 68 किलो वजन की महिला लगभग 88 कैलोरी बर्न कर सकती है, जबकि 82 किलो वजन वाला एक व्यक्ति 106 कैलोरी बर्न कर सकता है । सेक्स करने से आपका ऑक्सीटोसिन लेवल भी बढ़ता है, जिससे वजन कम होता है । जानें कौन से सेक्स पोजीशन वजन कम करने में करते हैं मदद कुछ सेक्स पोजीशन ऐसे हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं । इन्हें करने से आप अधिकतम कैलोरी बर्न कर सकते हैं । यदि आपको भी करना है अपना वजन कम, तो जरूर ट्राई करें ये सेक्स पोजीशन… डॉगी स्टाइल डॉगी स्टाइल के बारे में आप नहीं जानते हैं, तो जरूर जानें । इस पोजीशन में सेक्स करने से आपके ग्लूटल मसल्स की अच्छी एक्सरसाइज होती है । क्वॉड्रिसेप मसल्स भी मजबूत होती है । यह पोजीशन बिल्कुल पुशअप्स करने जैसा होता है । इसमें लगभग वह सारे फायदे मिलते हैं, जो पुशअप्स करने से मिलते हैं । अब पुशअप्स करेंगे तो वजन तो कम होगा ही । लोटस ‍ लोटस पोजीशन करने के दौरान शरीर का अधिक पसीना बहता है । इसमें महिला, अपने पार्टनर की ओर मुंह करके उसकी गोद में बैठती है । इसमें बैठ कर सेक्स करना होता है । यह ग्लूटल मसल्स, बट्स और जांघों को मजबूती देने के लिए एक ‌बढ़िया एक्सरसाइज है । मिशिनरी मिशिनरी एक ऐसी पोजीशन है, जो कपल्स के द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है । आमतौर पर ज्यादातर लोग इसी पोजीशन में सेक्स करना आसान समझते हैं । इस पोजीशन में सेक्स करना आपके नितंबों के लिए एक बेहतरीन व्यायाम साबित होता है । ग्लूटल मसल्स, जांघों के अंदरूनी हिस्से और कोर मसल्स इस पोजीशन में सबसे ज्यादा मजबूत होते हैं । यह पेल्विक एरिया और पीठ के निचले हिस्से का भी ख्याल रखती है । स्टैंडिंग यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो स्टैंडिंग पोजीशन को ट्राई करके देखें । खड़े-खड़े सेक्स करना कई कपल्स के लिए काफी रोमांचक होता है । जब आप स्टैंडिंग पोजीशन में सेक्स करते हैं, तब आपके कोर मसल्स की एक्सरसाइज होती है । इस पोजीशन को सेक्स रूटीन में शामिल करेंगे, तो पैरों की मांसपेशियां भी मजबूत होंगी । इसमें पसीना भी खूब निकलता है, क्योंकि इसमें अधिक शारीरिक मेहनत की जरूरत होती है । इससे स्टैमिना भी बढ़ता है । वजन कम करना आसान नहीं है । इसके लिए कई तरीके अपनाना जरूरी होता है । वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज, डायटिंग और योग जैसी कई चीजों को करना जरूरी होता है । इन सभी के साथ कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी वजन कम किया जा सकता है । कुछ घरेलू उपायों की मदद से दो हफ्तों में वजन कम किया जा सकता है । जानें, डेली हेल्थ टिप्स के बारे में जिन्हें आजमाकर आप सिर्फ 2 सप्ताह में ही अपना वजन कम कर सकते हैं । वजन कम करने के लिए पिएं नींबू-शहद पानी वजन कम करने के लिए नींबू का शहद का सेवन फायदेमंद होता है । इसके लिए दिन में 3-4 बार 1 गिलास गर्म पानी में आधा नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर पिएं । काली मिर्च भी है वजन कम करने में कारगर काली मिर्च में पाइपरिन नामक कंपाउंड होता है जो खाने में स्वाद बढ़ाने में मदद करता है । पाइपरिन में फैट कम करने वाले गुण होते हैं जिसकी वजह से यह । इसके लिए अपने भोजन में 1 चम्मच काली मिर्च मिलाएं । एलोवेरा जेल से घटाएं वजन मेटाबोलिक एक्टिविटी को बढ़ाकर एलोवेरा जेल वजन कम करने में मदद करता है । इसके साथ ही यह पाचन को बेहतर बनाकर वजन कम करने में मदद करता है । सेब का सिरका वजन करे कम ग्रीन टी पिएं हर दिन ग्रीन टी कैचीन का स्रोत होती है जो वजन कम करने में महत्वपूरण भूमिका निभाती है । लेमन टी या ग्रीन टी, जानें सुबह खाली पेट कौन-सी चाय पीना है ज़्यादा फायदेमंद ठंडियों की सुबह गर्मागर्म चाय का एक पीना आपा मूड एक रिफ्रेश कर जाता है । दूध और चीनी से बननेवाली चाय हर घर में और दिन में कई बार पी जाती है । वहीं, कई लोगों को हर्बल चाय का स्वाद पसंद आता है । इसीलिए, लोग घर में काली मिर्च की चाय, नींबू की चाय और ग्रीन टी जैसी हर्बल चाय बनाकर पीते हैं । ग्रीन टी को जहां वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर खूब पसंद किया जाता है । तो वहीं, देश के कई हिस्सों में मौसम बदलते ही नींबू की चाय पी जाती है । लेकिन, कई बार लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि कौन-सी चाय ज़्यादा हेल्दी है । खासकर जो लोग सुबह चाय पीना पसंद करते हैं, उन्हें कौन-सी चाय पीनी चाहिए? इसी बात को समझने की कोशिश की हमने । आइए जानते हैं कौन-सी चाय है आपकी हेल्थ के लिए बेस्ट । लेमन टी या ग्रीन टी, जानें कौन-सी चाय पीना है फायदेमंद ? देश के कई हिस्सों में मौसम बदलते ही नींबू की चाय पी जाती है । लेमन टी पीने के फायदे साइट्रस फ्रूट्स में शामिल नींबू इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाता है । नींबू बॉडी डिटॉक्स के लिए फायदेमंद होता है । नींबू लो-कैलोरी फूड होता है जो  वेट लॉस में मददगार साबित होता है । इसी तरह लेमन टी डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए भी फायदेमंद है जो, इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाता है । नींबू वाली चाय पीने से कार्डियोवैस्कुलर डिज़िज़ेज़ का रिस्क कम होता है । एंटी-बैक्टेरियल इंफेक्शन और वायरस इंफेक्शन से भी मिलती है सुरक्षा । ग्रीन टी पीने के फायदे पिछले कुछ वर्षों में ग्रीन टी सबसे हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर पहचाना जाने लगा है । ग्रीन टी पीने से वायरस और इंफेक्शन्स के प्रति शरीर का इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग बनती है । यह दिल की बीमारियों और ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई बीमारियों का खतरा कम करती है । विभिन्न स्टडीज़ और रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ग्रीन टी पीने से विभिन्न प्रकार के कैंसर से भी शरीर सुरक्षित रहता है । ग्रीन टी एक नैचुरल ब्लड थिनर के तौर पर भी काम करता है और यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है । ग्रीन टी को हेल्दी वेट लॉस ड्रिंक के तौर पर खूब पसंद किया जाता है । क्या है बेस्ट-लेमन टी या ग्रीन टी ? जैसा कि दोनों ही प्रकार की चाय नैचुरल और हर्बल हैं । इसीलिए, इन दोनों का ही सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है । नींबू के रस में एंटी-बैक्टेरियल, एंटी-वायरल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं । जिससे, यह विभिन्न प्रकार के संक्रमण का सामना करने के लिए शरीर को सक्षम बनाता है । वहीं, कई लोगों को सुबह एसिडिक फूड्स का सेवन करने से एसिडिटी और गैस की समस्या होती है । इसीलिए, उन लोगों को यह चाय पीने से परेशानी हो सकती है । ग्रीन-टी पाए जाते हैं । यह एक ऐसा तत्व है जो एंटी-बैक्टेरियल, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-वायरल और एंटीथ्रैटिक गुण होते हैं । इसीलिए, जब आप ग्रीन टी पीते हैं तो आपके शरीर पर इसके बेहतर परिणाम हो सकते हैं । क्योंकि कई लोग वेट लॉस के लिए नुस्खे अपनाते हैं या एक्सरसाइज़ करते हैं तो उनके शरीर का वेट लॉस तो हो जाता है । लेकिन, कई बार पेट और कमर के आसपास जमा फैट कम नहीं होता । इसीलिए, वेट लॉस के ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिससे, आपके बॉडी फैट के साथ-साथ बेली फैट भी कम हो सके । ऐसा ही एक तरीका है सही कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करना । क्या कार्बोहइड्रेट्स करते हैं वेट लॉस में मदद? वैसे तो कार्बोहाइड्रेट्स के अधिक सेवन से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है । इसीलिए, डायबिटीज़ और वेट लॉस की कोशिश में हाई कार्ब्स डायट नुकसानदायक साबित हो सकती है । लेकिन, जैसा कि कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को ग्लूकोज़ के तौर पर एनर्जी देने का काम करता है । इसीलिए, शरीर को एक निश्चित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स की ज़रूरत होती है । जब शरीर हाई कार्ब डायट से प्राप्त एनर्जी को इस्तेमाल नहीं कर पा सकता तो यह एक्स्ट्रा एनर्जी फैट के रुप में जमा होने लगती है और मोटापा बढ़ने लगता है । दरअसल, जिन खाद्य पदार्थों में कार्ब्स की मात्रा कम होती है, उन्हें वेट लॉस के लिहाज से अच्छा माना जाता है । इस तरह के फूड्स बॉडी फैट बर्न करने में मदद करते हैं । इसीलिए अगर आप भी फ्लैट टमी और अच्छा बॉडी शेप पाने के लिए वेट लॉस करना चाहते हैं तो, अपनी डायट में इस तरह के फूड शामिल करें, जो लो-कार्ब हों । वेट लॉस के लिए खाएं ये लो-कार्ब्स फूड्स जो लोग लो कार्ब डायट लेना चाहते हैं पर उन्हें इस तरह के फूड्स के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है । वे, यहां लिखी इन कुछ चीज़ों का सेवन कर सकते हैं- ककड़ी, मशरूम, टमाटर, प्याज़ और हरी पत्तेवाली सब्जियां फूल गोभी और ब्रोकोली अंडे, मछली ड्राईफ्रूट्स, नट्स और सीड्स एवोकाडो नारियल का तेल । मोटापा कई रोगों का जड़ होता है । हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, याद्दाश्त कमजोर होना, जोड़ों में दर्द , हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल आदि का खतरा बढ़ जाता है । आपको भी लग रहा है कि आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है या आप पहले से ही मोटापे का काम शुरू कर दें । आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए, जो तेजी से शरीर में जमी चर्बी यानी फैट गलाते हैं । इन एक्सरसाइज को करने के लिए आपको जिम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । घर या पार्क में भी इन सभी एक्सरसाइज को किया जा सकता है । हम आपको 5 ईजी वेट लॉस एक्सरसाइजेज मोटापा को कम कर सकते हैं… मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए 5 ईजी एक्सरसाइज 1 साइकिलिंग से घटाएं मोटापा मोटापा तेजी से कम करने के लिए साइकिल चलाना शुरू कर दें । मोटापा हार्ट अटैक आने, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज जैसे रोगों को बढ़ाने का मुख्य कारण होता है । चाहते हैं कि आपको कम उम्र में ये रोग ना हों, तो आज से ही रोज साइकिल चलाना शुरू कर दें । साइकिल चलाने से कैलोरी तेजी से बर्न होती है । साथ ही पैरों और जांघों के फैट बर्न होने से वे दोबारा शेप में आएंगे । 2 रोज सुबह 30 मिनट करें रनिंग दौड़ने से कई शारीरिक समस्याएं दूर होती हैं । इससे हड्डियों और मांशपेशियों को मजबूती मिलती है । शरीर लचीला बनता है । शरीर में रक्त का प्रवाह सही तरीके से बना रहता है । हार्ट अपना काम प्रॉपर तरीके से करता है । 3 मोटापा कम करना है तो जॉगिंग भी है जरूरी चाहे मोटापे से ग्रस्त लोग हों या दुबले-पुतले लोग, हर किसी को जॉगिंग करनी चाहिए । यह तेजी से वजन कम करने और फिट रहने में मदद करती है । जॉगिंग आसानी से कैलोरी बर्न करती है । सुबह के समय 30 मिनट जॉगिंग करना सबसे बेहतर माना गया है । इससे आप कई रोगों से बचे भी रह सकते हैं । 4 एरोबिक्स से घटाएं वजन मोटे होने पर हेवी वर्कआउट करना आसान नहीं, ऐसे में आप एरोबिक्स और डांस का अभ्यास करें । इससे आपका शरीर पूरी तरह से मूव करता है । जुम्बा, एरोबिक्स, कोई भी डांस फॉर्म या वेट ट्रेनिंग का अभ्यास दिन में 15 से 20 मिनट जरूर करें । 5 स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी जरूरी है । इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है । शरीर को ताकत मिलती है । शरीर के सभी अंग सही तरीके से अपना कार्य कर पाते हैं । बेली फैट कम करने के लिए दो हर्बल चाय जरूर पिएं । दिन का वो समय जब आप सबसे अधिक कैलौरी बर्न करते हैं कैलोरी बर्न करने में सबसे अधिक रोल सर्कैडियल लय का होता है । सर्कैडियन लय को शरीर की आंतरिक घड़ी के साथ-साथ जैविक घड़ी के नाम से भी जाना जाता है । सर्कैडियल लय हमारे शरीर की अधिकांश गतिविधि को निर्धारित करती है । वजन घटाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अपनी डाइट पर ध्यान देना होगा । आप 4 सप्ताह में अपना वजन घटा सकते हैं, लेकिन उसके लिए खास इंडियन डाइट प्लान फॉलो करना होगा । जब आप इस इंडियन डाइट प्लान का सही तरीके से अनुसरण करेंगे तो परिणाम भी दो सप्ताह के अंदर नजर आने लगेगा । इस डाइट में वो सभी पौष्टिक चीजें शामिल होती हैं, जिससे शरीर कमजोर नहीं होता और वजन भी घटने लगता है । इससे फैट भी बर्न होता है । जानें, इस डाइट प्लान में क्या शामिल करके आप 4 सप्ताह में घटा सकते हैं अपना वजन... सुबह में क्या खाएं सुब आप जूस पिएं । वजन कम करने में मदद करता है । इसके लिए आप फलों या फिर सब्जियों से बना जूस पिएं । आप अपना पसंदीदा फल भी खा सकते हैं । नाश्ते में क्या लें नाश्ते में आप स्प्राउटेड पोहा लें । ओट्स, इडली व सांभर लें । आप चाहें तो लो फैट दही के साथ मेथी पराठा भी एक या दो खा सकते हैं । 11-12 बजे क्या लें आपको जो भी फल पसंद है, वो खाएं । मुठ्ठी भर नट्स । दिन का लंच करने से पहले  एक कटोरी स्प्राउटेड सलाद खाएं । आप चाहें तो वेजिटेबल सूप भी एक बाउल पी सकते हैं । लंच में क्या करें शामिल दोपहर के भोजन में आप मल्टीग्रेन आटे से बनी दो रोटी और एक कटोरी सब्जी  या फिर मछली, चिकन, सी फूड्स खा सकते हैं । एक कटोरी दाल, एक कटोरी चावल भी खा सकते हैं । आप चाहें तो दाल की जगह पर एक कटोरी सांभर या लो फैट दही का भी सेवन कर सकते हैं । शाम में स्नैक्स तिल, मूंगफली से बनी चिक्की, 1 कप वेजिटेबल जूस का सेवन करें । रात के खाने में डिनर हमेशा सुपाच्य, लाइट और हेल्दी होना चाहिए । इसमें मिक्स वेज सलाद हो । एक कटोरी सब्जी के साथ 2 रोटी शामिल करें । आप एक कटोरी दाल भी पी सकते हैं । डिनर लेने के थोड़ी देर बाद प्रोटीन शेक चाहें तो पिएं, इससे भी वजन कम होता है । देर रात तक काम करना हो, तो भूख लगने पर उल्टा-सीधा खाने की बजाय आप प्रोटीन शेक पी सकते हैं । आज जिसे देखो वह कमर और पीठ दर्द से परेशान रहता है । इसकी मुख्य वजह है आज की भागदौड़ भरी जिंदगी । इसके कारण लोगों की जीवनशैली बहुत अधिक प्रभावित हुई है, जिसकी वजह से कमर दर्द, शरीर में अकड़न जैसी समस्याएं आम हो गई हैं । जिन लोगों को सर्वाइकल की समस्या है, उनमें भी गलत तरीके से उठने-बैठने के कारण यह समस्या बढ़ जाती है । आज की हेल्थ टिप्स से आपको मिल सकती है राहत… कमर दर्द दूर करने के टिप्स लगातार ऑफिस में घंटों एक ही पोजिशन में बैठकर काम करने से कमर पर दबाव पड़ता है । बैठे रहने पर हमारी स्पाइन पर खड़े होने के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा दबाव पड़ता है । कमर दर्द को हम बेशक आम समस्या मानते हों , लेकिन इसे बार-बार नजरअंदाज करना ठीक नहीं है । अगर हम थोड़ी सी सावधानी के साथ अपनी जीवनशैली को सुधार लें तो इस दर्द से आराम पा सकते हैं । कई योगासन के अभ्यास से भी कमर और सर्वाइकल के दर्द को कम किया जा सकता है । इन्हीं में से एक है भुजंगासन । भजुंगासन के फायदे भुजंगासन हमारे विशुद्धि, अनाहत, मणिपुर और स्वाधिष्ठान चक्र को प्रभावित करता है । यह सर्वाइकल और कमर दर्द के अलावा अस्थमा में भी लाभकारी है । इसमें पेट पर बल पड़ने के कारण पाचन प्रजनन अंग संबंधी रोग भी दूर होते हैं । कैसे करें भुजंगासन पेट के बल लेट जाएं । सांस भरते हुए कमर से ऊपर वाला हिस्सा आगे की ओर उठाएं । पैर आपस में मिले रहें । गर्दन को पीछे की ओर मोड़ें और कुछ पल इसी अवस्था में रखें । सांस को सहज हो जाने दें और कुछ देर रुकें ताकि दबाव रीढ़ के निचले हिस्से पर पड़े । सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस आएं । गर्दन पीछे ही रखें और धीरे-धीरे पहले छाती तथा बाद में सिर को भी जमीन से लग जाने दें । लगातार इस आसन को करने से कमर दर्द से छुटकारा मिल सकता है । बहुत ज्यादा सर्वाइकल की समस्या होने पर किसी भी आसन को करने से पहले विषेशज्ञ की सलाह ले लें । पेट के आसपास का फैट तुरंत होगा दूर, बस करने होंगे ये 3 आसान काम इसलिए जरूरी है कि आप पेट को कम करने के लिए मेहनत करें । यूं तो वजन को मेनटेन रखने का सबसे अच्छा तरीका वर्कआउट होता है । जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी पूरी बॉडी फिट रहती है । लेकिन अगर आपको नहीं पता कि बैली फैट को कम करने के लिए कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए तो आजज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं । आइए जानते हैं पेट की चर्बी कम करने के आसान तरीके । नियमित रूप से कूदें रस्सी आप घर पर ही रोजाना कम से कम आधे घंटे रस्सी कुदने और पुश अप्स वाली एक्सरसाइज कर सकती हैं । पहले पांच मिनट आप रस्सी कूदें और कुछ देर के बाद पुश अप्स करें । ऐसा आप कई बार कर सकती हैं । शुरु में अगर ज्यादा नहीं कर पा रही हैं तो धीरे-धीरे बढ़ाएं । फिर आपको आदत हो जाएगी तो रस्सी कूदना और पुश अप्स करना आसान हो जाएगा । इस ड्रिंक का करें सेवन आप अपने पेट की चर्बी को कम करने के लिए घर में नेचुरल ड्रिंक बना सकती हैं । इसके लिए आपको 4 लहसुन की कलियां, आधा नींबू, छोटा अदरक का टूकड़ा चाहिए होगा । अब ड्रिंक बनाने के लिए सबसे पहले अदरक, लहसुन, नींबू के छिलके को एकसाथ कद्दूकस कर लें । आपको बता दें कि नींबू हमारा पाचन क्रिया को अच्छा रखता है । ये स्किन और बालों के लिए भी काफी अच्छा होता है । चलने का पॉस्चर रखें सही छोटी छोटी चीजों का हमारी हेल्थ पर काफी असर पड़ता है । एक्सरसाइज करने के साथ आप अपने बैठने और चलने के पॉस्चर पर भी ध्यान दें । अगर आप सही तरीके से बैठती नहीं हैं तो आपका पेट बाहर आने लगता है । जब भी बैठें तो पीठ को सीधा रखें । जब चलना हो तो सीधा और तेज चाल चलें । छुककर या सुस्त होकर न चलें । इन टिप्स को भी जरूर करें फॉलो 1. पेट कम करने वाले व्यायामों को नियमित रूप से करें । उनमें किसी तरह की लापरवाही न बरतें । 2. चर्बी घटाने के लिए चाय और कैफीन का सेवन कम करें । 3. बाहर के भोजन को ज्यादा तरजीह ना दें । 4. ग्रीन टी का सेवन करें । हर्बल टी, जिन्हें पीकर आप कम कर सकते हैं अपना बेली फैट । कुछ लोगों का बेली फैट यानी पेट में कुछ ज्यादा ही चर्बी जम जाती है । पेट लटका हुआ सा नजर आने लगता है । कोई भी ड्रेस बॉडी को सूट नहीं करता है । काफी एक्सरसाइज करने के बाद भी बेली फैट कम नहीं होता । यदि आप भी बेली फैट से परेशान हैं, तो आप हर्बल टी पीनी शुरू कर दें । आप अपने दिन की शुरुआत दूध वाली चाय पीकर करते होंगे, लेकिन अब इस आदत को बदल दें । हम आपको यहां 4 ऐसी चाय के बारे में बता रहे हैं, जो बेली फैट कम करने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं । 1.ग्रीन टी ग्रीन टी का सेवन अब बहुत से लोग करने लगे हैं, क्योंकि यह वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । ग्रीन टी में कैटाचीन नाम का एक एंटीऑक्सीडेंट तत्व होता है, जो बेली फैट कम करने में आपकी मदद कर सकता है । इसे दिन में दो बार पिएं । 2. ओलोंग टी ओलोंग टी मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मदद करता है । इसके अलावा इस चाय को पीने से शरीर में मौजूद फैट भी तेजी से बर्न होता है । बेली फैट कम करने के लिए ओलोंग टी प्रतिदिन सुबह में पी सकते हैं । 3. व्हाइट टी आप सोच रहे होंगे कि ये व्हाइट टी कैसी चाय होती है । दरअसल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंजाइम्स से भरपूर व्हाइट टी फैट को बहुत तेजी और कम समय में ही कम करती है । आप इसका सेवन बेली फैट बर्न करने के लिए जरूर करें । 4. हर्बल टी हर्बल टी का सेवन भी अधिकतर लोग कई चीजों को मिलाकर जैसे तुलसी, अदरक, गुड़हल आदि जड़ी-बूंटियों को मिलाकर तैयार करते हैं । हर्बल टी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वजन नहीं बढ़ता । साथ ही बेली फैट भी कम होता है । शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बाधित होने के कारण? 3 योगासन जो रक्त संचार को बनाते हैं बेहतर । 5 स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से भूख कंट्रोल करके वजन घटाएं हैशटैग मलाइकामूवऑफदवीक में जानें हैंडस्टैंड कैसे करें फर्श पर लेट जाएं । अपनी हथेलियों को फर्श पर फैला लें । अब दोनों हथेलियों के बल अधो मुख श्वानासन के पोज में आएं । धीरे-धीरे अपने पैरों या फूट को उठाने की कोशिश करें । इस दौरान सारा भार आपके तलवे पर हो । जब दोनों पैर ऊपर की तरफ उठ जाएं, तो धीरे-धीरे पैरों को कैंची की तरह बाहर की तरफ फैलाने की कोशिश करें । इस दौरान लगातार डीप सांस लेते और छोड़ते रहें । पहले दाएं पैर को और फिर बाएं पैर को नीचे धीरे-धीरे लाएं । थोड़ी देर के लिए चाइल्ड पोज यानी बालासन में आराम करें । एक एनर्जी से भरपूर दिन और सप्ताह की शुरुआत करने के लिए इसका अभ्यास जरूर करके देखें । मलाइका ने इस योग को सभी महिलाओं को करने के लिए भी आग्रह किया है । हैंडस्टैंड योग के फायदे यह योगा पोज सिर और गर्दन की ओर रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है । यह योग मन को स्फूर्ति देता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ाता है । यह मल त्याग और श्वास-प्रश्वास पर भी नियंत्रण रखता है । मलाइका अरोड़ा के इस पोस्ट को हैंडस्टैंड स्टेप्स के लिए फॉलो कर सकते हैं । वॉकिंग और रनिंग में आपके लिए कौन सा बेहतर है, यह आपके फिटनेस गोल पर निर्भर करता है । इन दोनों के फायदे क्‍या हैं, जानिए । वाटर वर्कआउट करें, तेजी से कम होगी पेट की जर्बी और वजन वाटर वर्कआउट को नियमित रूप से करने से शरीर के सभी अंगों की कसरत होती है और वजन भी बड़ी तेजी से कम होने लगता है । इसीलिए अलग-अलग रंग देखकर हमारी भावनाएं अलग-अलग तरीके से उत्तेजित होते हैं, और इन भावनाओं के आधार पर हमारा मूड बनता और बिगड़ता है । खाने की गलत आदतें, गतिहीन जीवन शैली और कई अन्य कारणों से लोगों के शरीर पर अतिरिक्त वजन बढ़ जाता है । एक्सरसाइज आप केवल सही डाइट का पालन करके अपना वजन कम नहीं कर सकते । गर्म पानी पिएं गर्म पानी पीना सबसे आसान चीजों में से एक है जो वजन कम करने के लिए आप कर सकते हैं । मीठा खाना बंद करें अपने आहार से शुगर को कम करना वजन कम करने के सबसे तेज तरीकों में से एक है । हड्डियां बनती हैं मज़बूत रागी वेट लॉस से लेकर शरीर की प्रोटीन और कैल्शियम की दैनिक ज़रूरत को पूरा करने में मदद करती है । महिलाओं और बच्चों के लिए रागी बहुत फायदेमंद होती है । इसके सेवन से बच्चों के विकास के लिए ज़रूरी आयरन, प्रोटीन और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा उन्हें मिलती है । जिससे हड़्डियां मज़बूत बनती हैं । वेट लॉस नाचनी यानि रागी में आयरन और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है । अगर वज़न घटाना चाहते हैं तो यह आपके लिए अच्छा विकल्प होगा क्योंकि इसमें फैट ज़्यादा नहीं होता है । डायबिटिक-फ्रेंडली फूड इसी तरह डायबिटिक्स के लिए भी रागी यानि नाचनी एक अच्छा भोजन है क्योंकि, इसमें डायबिटीज़ कंट्रोल करने वाले पॉलिफेनॉल्स होते हैं । जो, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में सहायता करते हैं । इसी तरह नियमित रुप से रागी का सेवन करने से ग्लाइसेमिक रिस्पॉंनस भी कम होता है । ठंड से सुरक्षा सर्दियों के मौसम में ठंड से बचने के लिए रागी का भी सेवन करना चाहिए । रागी आपके सिस्‍टम को वार्म रखता है । जैसा कि सर्दियों में शरीर को अतिरिक्‍त पोषण की ज़रूरत होती है । ये फूड पोषक तत्‍वों को अवशोषित करने और मसल्‍स के टिशू के निर्माण में मदद करता है । लॉकडाउन में बच्चों के लिए बनाए हेल्दी रागी पैनकेक बच्चों के लिए चूंकि रागी एक हेल्दी और बहुत ही पौष्टिक अनाज है । लेकिन, इसके स्वाद की वजह से बहुत से बच्चे इसे खाना पसंद नहीं करते । ऐसे में बच्चों को रागी के फायदे पाने के लिए उन्हें यह स्वादिष्ट पैनकेक बनाकर खिलाएं । बहुत ही कम और आसानी से घर में मौजूद चीज़ों के साथ बन सकती है यह रेसिपी । इसीलिए, इसे आप लॉकडाउन के दौरा बच्चों के आसानी से बनाकर खिला सकते है । हेल्दी रागी पैनकेक रेसिपी एक पका हुआ केला लेकर उसे चम्मच की मदद मैश कर लें । अब इसमें, 2-3 चम्मच रागी का आटा मिलाएं । इस मिश्रण में एक चम्मच शहद, चुटकीभर इलायची पाउडर मिलाएं । अब, आधा गिलास दूध मिलाएं और अच्छी तरह फेंटकर इसका एक गाढ़ा घोल तैयार करें । ज़रूरत के अनुसार इसमें थोड़ा और दूध या पानी मिला सकते हैं । 10 मिनट के लिए इस मिश्रण को एक तरफ रखें । पैनकेक बनाने के लिए एक तवे पर घी गर्म करें । फिर, इसमें रागी के आटे का घोल किसी कटोरी या बड़ी कलछी की मदद से फैलाएं । इसे, पलट कर दोनों तरफ से पका लें । स्वाद और बच्चे की पसंद के अनुसार, इसे ऊपर से शहद, शक्कर, मैपल सिरप या किसी अन्य मीठी चीज़ के साथ परोस सकते हैं । वेजाइनल ओडर यानी महिलाओं की योनि से दुर्गंध आना । कई महिलाएं वेजाइनल ओडर की समस्या से परेशान रहती हैं । यह कई बार शर्मिंदगी का कारण भी बन जाता है । योनि से दुर्गंध आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे वेजाइनल इंफेक्शन । यदि बार-बार आपको यह समस्या हो तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा । डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है । वेजाइनल ओडर कई प्रकार के हो सकते हैं । जानें, वेजाइनल ओडर से आने वाले दुर्गंध के प्रकार और इस समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय ... शरीर को डिटॉक्स रखने के लिए जरूर खाएं ये 4 फूड चुकंदर में मौजूद बीटेन गॉलब्लैडर और डिटॉक्स फंक्शन के लिए बहुत फायदेमंद होता है । तेजी से वजन करना है कम, तो हर दिन फॉलो करें ये ईजी टिप्स हमेशा फिट और स्लिम-ट्रिम रहना चाहते हैं, तो अपने लिए किसी अच्छी डायटिशियन से अपना डायट चार्ट बनवाएं या फिर ऐसी डायट लें, जो आपको तेजी से वजन घटाने में मदद करे । अभी से ही दिन के समय में धूप में थोड़ी देर रहने से ही गर्मी लगनी शुरू हो गई है । जरा सोचिए, अप्रैल आते-आते क्या हाल होगा । गर्मी अधिक पड़ने से सबसे ज्यादा प्यास लगती है, लेकिन यह मौसम अपने साथ कई समस्याएं भी लाता है । ऐसे में सिर्फ पानी पीने से कुछ नहीं होगा । इसके लिए कुछ समर हेल्दी कूल ड्रिंक पीने की जरूरत होती है । लू या हीट स्ट्रोक , डिहाइड्रेशन से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं । वजन कम करने के लिए आसान उपाय आप भी कुछ महीने आजमाकर देखें । आज जिसे देखो वह बढ़ते वजन से परेशान है । उल्टा-सीधा खानपान, बैठे-बैठे घंटों टीवी देखना, ऑफिस में काम करना जैसी आदतें उनके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है, जिनका वजन तुरंत बढ़ने लगता है । इन आदतों से आपको कई शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं । यदि आपका भी पेट बाहर की तरफ तेजी से निकल रहा है, तो पांच उपायों को आज से ही आजमाना शुरू कर दें । एक महीने में ही आपको फर्क नजर आने लगेगा । 1. मीठी चीजें खाएं कम वजन कम करना चाहते हैं, सबसे पहले अपने खानपान से चीनी युक्त चीजों को निकाल दें । मोटापा कम करने के लिए मिठाई, बिस्किट, चॉकलेट, मीठे पेय पदार्थों से दूरी बना लें । अधिक मीठा खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्‍म धीमा होने लगता है । 2. प्रोटीन हो डाइट में अधिक मोटापा कम करना चाहते हैं, तो डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें । प्रोटीन आपको दही, दूध, दाल, पनीर, राजमा आदि से मिल जाएगा । प्रोटीन के सेवन से भूख कम लगती है, साथ ही शरीर में प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों से भी आप बचे रह सकते हैं । 3. ग्रीन टी पिएं हर दिन ग्रीन टी पीने से भी वजन कम होता है । ग्रीन टी  पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्‍म रेट बढ़ता है, इससे आप अपना वजन कम कर सकते हैं । दिन भर में दो-तीन बार ग्रीन टी पिएंगे, तो तेजी से शरीर का फैट बर्न होगा । 4. एक्‍सरसाइज करना कर दें शुरू सारा दिन बैठे रहेंगे, तो पेट बाहर होने के साथ ही कमर, जांघों पर फैट जमा होगा ही । ऐसे में खुद को जितना हो सके एक्‍टिव रखें । सुबह-शाम टहलें, जॉगिंग करें । लिफ्ट की बजाय सीढ़‍ियों से ऊपर-नीचे जाएं । इससे फैट बर्न करने में मदद मिलेगी । 5. गर्म पानी से बनेगी बात गर्म पानी पीने से शरीर में मौजूद गंदगी आसानी से निकलता है । शरीर डिटॉक्‍स होगा, तो मेटाबॉलिज्‍म दर भी बढ़ने लगेगा । इससे वजन भी कंट्रोल में रहेगा । Lack of oxygen supply can make you more prone to lung problems or even heart diseases. Practising regular deep breathing exercises can help strengthen your lungs as well as clear out toxins that may have built up in the organs. कोविड-19 के पीड़ितों की संख्या खतरनाक स्तर से बढ़ रही है । अब तक दुनिया भर में 42 हजार लोगों की मृत्यु इंफेक्शन से हो चुकी है । कोरोना वायरस अब एक महामारी का रूप ले चुका है और यह लगातार फैलता ही जा रहा है । ऐसे में, खुद को कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए सभी सुरक्षा कदम उठाना ज़रूरी है । बाजरे में महत्वपूर्ण अमिनो एसिड होते हैं । जो, बाजरे को की तुलना में आसानी से पचने वाला अनाज बनाते हैं । बाजरे में इनसोल्यूबल फाइबर होता है जो,  कब्ज़ यानि से बचाता है । Hasta Uttanasana in hindi, पीठ-कंधे का दर्द करे दूर हस्त उत्तानासन, जानें लाभ क्या कभी आपने वेजिटेबल कबाब बनाया या खाया है? यदि नहीं, तो हम आपको बताते हैं सब्जियों से बनने वाली वेजिटेबल शामी कबाब की रेसिपी । यह हेल्दी तो है ही साथ ही टेस्टी इतनी कि आप इसे बार-बार बनाकर खाना चाहेंगी । जानें, वेजिटेबल शामी कबाब की रेसिपी... जो महिलाएं अपना वजन कम करने के लिए कई तरीके अपना चुकी हैं, फिर भी शरीर में फर्क नजर नहीं आया है, तो खास डाइट चार्ट फॉलो करें । यदि आप जिम जा सकती हैं, तो अच्छा है, पर यदि आपके पास जिम जाने के लिए समय नहीं है तो कम से कम 45 मिनट तक शाम व सुबह में वॉक जरूर करें । जानें, इस डाइट चार्ट के बारे में... महिलाओं के लिए डाइट चार्ट यदि आप अपना वजन घटाने की कोशिश कर रही हैं, तो सुबह उठकर सबसे पहले 2 गिलास गुनगुना पानी पीजिए । इन बातों का रखें ध्यान सुबह सोकर उठती हैं तो नाश्ता करने में बहुत ज्यादा देरी ना करें । साइट्रस फ्रूट्स या खट्टे फल खाली पेट खाने से एसिडिटी हो सकती है । इसीलिए, इनके सेवन से सुबह बचना चाहिए । साथ ही फलों में मौजूद फाइबर और फ्रूक्टोज़ की अधिक मात्रा भी पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने से रोकते हैं । वजन कम करने के लिए आपको कई तरह के टिप्स मिलते ही रहते हैं लेकिन डायट को लेकर आप हमेशा परेशान रहते हैं कि क्या खाएं और क्या न खाएं । इस तरह की परेशानी सही भी होती है लेकिन आप उसे आसानी से पूरा भी नहीं कर पाते हैं । दिन में सबसे महत्वपूर्ण भोजन अगर माना जाय तो सुबह का नाश्ता होता है और अगर अपने नाश्ता सही समय और सही फूड करना शुरू कर दिया तो आपको वजन जरूर कम होने लगता है । नाश्ते को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां भी हैं कोई कहता है कि कम कैलोरी का नाश्ता होना चाहिए तो कोई कहता है ज्यादा कैलोरी का नाश्ता होना चाहिए । आइए हम आपको आज 5 ऐसे आसान डायट बता रहें हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर आपके हेल्थ के लिए बेहतर नाश्ता हो सकते हैं । चीज और एप्पल स्लाइस नाश्ते के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं । वो लोग जो वजन घटाना चाह रहें हैं उन लोगों के लिए ये नाश्ते का एक बेहतरीन विकल्प हैं क्योंकि इस नाश्ते से आपको प्रचुर मात्रा में फाइबर मिलेगा साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा कम होगी । भुना चना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है तथा नाश्ते के रूप में अच्छा विकल्प होता है । भुने चने में प्रोटीन और फाइबर की प्रचुर मात्रा पायी जाती है वहीं इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है । इसकी ये विशेषता इसे नाश्ते का अच्छा विकल्प बनाती है । इसे बनाने की जरूरत नहीं होती और ये रखने में भी आसान होता है । ज्यादा देर तक उबला अंडा और संतरा नाश्ते का एक बेहतरीन और पोषक विकल्प है । इस नाश्ते के सेवन से शरीर को दिनभर के लिए जरुरी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं तथा वजन भी नहीं बढ़ता है । पनीर प्रोटीन का एक बेहद अच्छा स्रोत होता है । पनीर के साथ केले का सेवन अन्य कई तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करता है । नाश्ते का ये कॉम्बिनेशन सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है तथा इसके सेवन से वजन भी नियंत्रित रहता है । सुबह शरीर को दोबारा से रिचार्ज करने के लिए एक कटोरी कम वसा वाली दही और एक कटोरी स्ट्रॉबेरी नाश्ते के लिए एक बेहतरीन विकल्प होता है । स्ट्रॉबेरी और दही के इस कॉम्बिनेशन से प्रोटीन और शरीर के लिए जरुरी आवश्यक तत्वों की पूर्ति होती है इसलिए सुबह के नाश्ते के लिहाज से ये नाश्ता बेहद ही फायदेमंद होता है । अच्छी बात ये है की इसके सेवंन से वाजान बढ़ने की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती । शकरकंद क्यों? शकरकंद में फाइबर होता है, जो स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है, साथ ही साथ यह कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग के खतरे को कम करता है । शकरकंद बढ़ाता है आपकी उम्र इस बात को शोधकर्ता भी प्रमाणित कर चुके हैं । वजन कम करने के लिए कौन से कार्ब्स फायदेमंद होते हैं डायटिंग करते समय विविधता महत्वपूर्ण है और केवल शकरकंद खाना किसी के लिए भी उबाऊ हो सकता है । अपने आहार में शामिल करें ये 5 कार्ब्स शकरकंद सबसे अच्छा विकल्प हैः अपने भोजन के दौरान इसका अधिकतर उपयोग करें । क्विनोआ एक्सरसाइज के बाद एक अच्छा फूड, लेकिन इसे प्रेशर कूकर में पकाने के कारण इसके लेक्टिन गुण खत्म हो जाते हैं इसलिए यह पाचन समस्या वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा है । दाल और फलियां फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स में उच्च दाल और फलियां उन लोगों के लिए अच्छे हैं, जो अधिक शाकाहारी प्रोटीन विकल्प खाना पसंद करते हैं । फल और केले केले में नींद हार्मोन मेलाटोनिन को बढ़ाने और साथ ही रक्त एंटीऑक्सीडेंट के स्तर में सुधार करने की क्षमता है । ओट्स ये अत्यधिक पौष्टिक होते हैं, जिनमें फाइबर, बीटा ग्लूकन होता है । आपके घर वाले 9 दिनों का व्रत करते हैं बस यही सोचकर आप भी व्रत करना शुरु ना कर दें । अगर आप प्रेगनेंट हैं, डायबिटिक हैं या किसी ऐसी नौकरी में हैं जहां आपको अलग-अलग शिफ्ट्स में काम करना पड़ता है , तो व्रत करने से पहले डॉक्टर से बात करें । पता करें कि आपकी बॉडी इस तरह के व्रत के लिए तैयार है या नहीं । साथ ही किन बातों का ध्यान व्रत के समय रखना चाहिए, वह भी पता कीजिए । वर्कआउट करना अच्छी बात है और हमें आपने वर्कआउट सेशन में तरह-तरह की एक्सरसाइज को शामिल करना चाहिए । लेकिन अगर आप वेट लॉस करने के हिसाब से एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आपको कुछ एक्सरसाइज को अपने रुटीन से बाहर रखना चाहिए । क्योंकि ये एक्सरसाइज आपको न मात्र का लाभ देती हैं । इसलिए बेहतर होगा कि आप उन एक्सरसाइज पर फोकस करें जो आप कम समय में अच्छा रिजल्ट दें । तो आइए जानते हैं क्या हैं ये एक्सरसाइज- रेड या लाल रंग जीवन, ऊर्जा और उन्माद का प्रतिक माना जाता है । साथ ही इस प्यार का रंग भी कहा जाता है । लाल रंग को देखकर शरीर में एनर्जी का संचार होता है, एक्टिविटी बढ़ती है और हम फूर्ति महसूस करते हैं । स्ट्रेस और डिप्रेशन कम करने के लिए पीले रंग को प्रभावी माना जाता है । यह उम्मीद का रंग है । साथ ही यह खुशहाली का भी रंग माना जाता है । शांति के प्रतिक सफेद रंग से एंग्जायटी और स्ट्रेस कम होता है । हरी घास पर नंगे पैर चलने की हेल्थ टिप आपको भी कई लोगों ने दी ही होगी । जी हां, ग्रीनरी और हरा रंग हमारी आंखों की सेहत को सुधारते हैं । इस रंग को देखने से भी मन शांत होता है और सम्पन्नता प्राप्त करने वाली खुशी भी मिलती है । ऑरेंज या केसरिया रंग ऊर्जा का प्रतिक है । यह चटक पीले या लाल रंगों की तुलना में अधिक प्रेरणादायक माना जाता है । यह एक एंटी-डिप्रेसेंट रंग है जो खुशी देने के साथ निराशा और स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है । यह भी पढ़ें- ,खीर और आलू-फ्राई की जगह लें हेल्दी डायट । एक अध्ययन में कहा गया है कि किस करने से मोटापा कम होता है । यदि आप एक मिनट किस करते हैं, तो शरीर की 2-6 कैलोरी तेजी से बर्न होती है । इतना ही नहीं, किस करने के सेहत पर कई अन्य लाभ भी होते हैं... एंटी एजिंग है ड्रेगन फ्रूट, जानें इसके फायदे बॉडी डिटॉक्स गैस से राहत कॉन्स्टिपेशन से मिलता है आराम क्रेविंग्स होती हैं कम । होली में ठंडाई पीने के हेल्दी फायदे । होली का त्योहार धीरे-धीरे मौसम में बढ़ रही गर्मी से राहत दिलाता है । रंगों और अपनों के साथ के अलावा इस त्योहार में पानी और खूश्बूदार ऑर्गेनिक कलर्स सूकून दिलाते हैं । लेकिन,  होली में परोसी जाने वाली ठंडाई पीने जो राहत मिलती है उसका कोई जोड़ नहीं । ठंडाई होली का मुख्य ड्रिंक है जिसे, खासतौर पर उत्तर भारत से होते हुए अब पूरे देश में होली के जश्न का हिस्सा बन गयी है । ठंडाई में कई फलों और सब्ज़ियों के बीज यानि हेल्दी सीड्स, बादाम-पिस्ते जैसे ड्राई-फ्रूट्स के अलावा केसर और दूध जैसी पौष्टिक चीज़ें मिलायी जाती हैं । इसीलिए, ठंडाई एक हेल्दी ड्रिंक बन जाती है । गले और पेट को आराम दिलाने के साथ-साथ ठंडाई के कुछ और भी हेल्दी फायदे होते हैं । मोटापा कम करने में रोबोटिक सर्जरी एक लोकप्रिय विकल्प । बढ़ते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के साथ गतिहीन जीवनशैली के कारण मोटापा महामारी का रूप लेता जा रहा है । आजकल मध्यम आयु वर्ग के लोगों में मोटापे की समस्या आम हो गई है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, नींद की बीमारी, जोड़ों में दर्द, बांझपन और कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है । ऐसे में समय रहते के लिए  कुछ बातों और नई तकनीकों पर गौर करना चाहिए । वजन बढ़ने के प्रमुख कारण अनुवांशिक, पोषण, जीवनशैली, नींद के पैटर्न और साइकोलॉजी आदि सब वजन बढ़ाने में प्रमुख योगदान देते हैं । वजन मैनेज करना कैलोरी संतुलन से भिन्न लोग अक्सर कहते हैं, ‘अपने मुंह को मंद रखें, खुद पर कंट्रोल रखें, मोटीवेटेड रहें, लेकिन ज्यादातर ऐसी सलाह सभी पर काम नहीं करती हैं । खुद के जीवन को संतुलित करना एक कठिन काम है, जो लगभग सभी के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं है । वजन को मैनेज करना कैलोरी संतुलन से परे है, क्योंकि कई अन्य कारक हैं, जिन्हें समझने और इससे निपटने की आवश्यकता है । वजन कम करने में ये चीजें निभाती हैं मुख्य भूमिका मैक्स हॉस्पिटल और बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि एक अहम भूमिका निभाती है । गलत समय पर सोने की आदत के कारण गलत समय पर खाने की लालसा बढ़ती है, जिससे चयापचय में गड़बड़ी होती है । हर दिन 7 से 9 घंटों की नींद सही समय पर पूरी करना जरूरी है । “ मोटापा लाइलाज नहीं मोटापे का इलाज संभव है, लेकिन इसमें सिर्फ दवा खाने या डाइटिंग करने से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है । यह इन सब चीजों से बिल्कुल अलग है । इसके लिए एक बहु-विषयक मूल्यांकन की आवश्यकता है, जैसे आहार विशेषज्ञ, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक, कार्डियोलॉजिस्ट, परिवार चिकित्सक, बैरिएट्रिक शल्य चिकित्सक । इसमें सर्जिकल मैनेजमेंट यानी बैरियाट्रिक सर्जरी निरंतर वजन घटाने और मोटापे से संबंधित सभी बीमारियों के सुधार के लिए सबसे प्रभावी उपचार विकल्प साबित हुआ है । “ वजन कम करने में उपयोगी बैरियाट्रिक सर्जरी डॉ. वशिष्ठ कहते हैं कि बैरियाट्रिक सर्जरी या वजन कम करने की सर्जरी में विभिन्न प्रक्रियाएं शामिल होती हैं । इस प्रक्रिया में मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति के पेट का कुछ हिस्सा काट कर बाहर कर दिया जाता है । रोबोटिक बैरियाट्रिक सर्जरी की सलाह उन मरीजों को दी जाती है, जिनका बॉडी मास इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है । इसकी सलाह उन्हें भी दी जाती है, जिनको मोटापे के कारण अन्य गंभीर बीमारियां होने लगती हैं । इस सर्जरी के अच्छे परिणामों के कारण यह अधिक लोकप्रिय हो रही है । गैस्ट्रिक बाइपास के साथ इस सर्जरी के फायदे अधिक देखने को मिलते हैं । बेली फैट कम करने के लिए करें ये 4 आसन । बेली फैट बढ़ने से आपका पूरा शरीर बेडौल सा नजर आने लगता है । बेली फैट कम करने के लिए आप कई तरीके आजमाते होंगे, पर अधिक असर नहीं हो रहा है, तो अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर देखें । बेली फैट कम करने के कठीन उपाय आजमाने की बजाय कुछ आसन का अभ्यास करना शुरू कर दें । अधिक मुश्किल तरीके अपनाएंगे, तो आप खुद ही उसे फॉलो करना छोड़ देंगे । कुछ लोग आलस में भी इन उपायों को फॉलो नहीं करते । लेकिन, योगासन का नियमति अभ्यास ना सिर्फ आपको बेली फैट से छुटकारा दिलाएगा, बल्कि सेहत को भी कई लाभ होंगे । जानें, कौन-कौन से आसन करके आप कुछ ही महीनों में बेली फैट कम कर सकते हैं । शलभासन शलभासन करने से भी आप बेली फैट को तेजी से बर्न कर सकते हैं । इस आसन को करने से पेट के साथ ही कमर के आसपास जमी चर्बी भी कम होने लगती है । ऑब्लीक मसल्स पर काम करके वेस्टलाइन फैट को कम कर देता है । अधोमुख शवासन अधोमुख शवासन के सेहत पर कई लाभ होते हैं । इसे करने से बालों का विकास भी तेजी से होता है । यह सिर के भागों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे हेयर फॉलिकल्स को पोषण मिलता है । पेट के निचले हिस्से की चर्बी को कम करना चाहते हैं, तो इसका अभ्यास नियमित रूप से करें । यह आसन बांह, कमर, कूल्हों, कंधों और जांघों की चर्बी कम करके इन सभी हिस्सों को टोन करता है । वीरभद्रासन बेली फैट कम करने में वीरभद्रासन भी प्रभावी आसन है । इसे करने से नितंबों, पेट और जांघों में खिचाव आता है और मजबूती मिलती है । इससे शरीर का बैलेंस भी बेहतर होता है । कुंभकासन कुंभकासन करने से नितंबों, जांघों, पीठ, बांह, कंधों और एब्स को मजबूती मिलती है । इन हिस्सों से तेजी से चर्बी कम करने के लिए कुंभकासन करें । इससे एब्स भी बना सकते हैं । सूर्य स्नान क्या है ? जानें इसे करने के नियम और सेहत लाभ सूर्य स्नान करते समय व्यक्ति का सिर छांव में हो । आप चाहें तो इसे ढक भी सकते हैं । ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि सूर्य स्नान करते समय सूर्य की किरणें सीधे सिर पर नहीं पड़नी चाहिए । कॉर्न फ्लेक्स एक पॉप्युलर ब्रेकफास्ट आइटम है । यह शक्ति देता है और पेट भरता है । लेकिन जो लोग इसे खाना नहीं पसंद करते या जिन्हें दूध के साथ रोज़-रोज़ कॉर्नफ्लेक्स खाकर बोरियत हो गयी है उनके लिए हम लिख रहे हैं एक एक्सपर्ट रेसिपी -जो है कॉर्नफ्लेक्स शेक । वेट लॉस में जो चीज़ें आड़े आती हैं, उनमें से एक है अनहेल्दी इटिंग और ओवरइटिंग । लोग लालच में आकर कई बहुत कुछ अनहेल्दी खा लेते हैं और फिर उनका मोटापा बढ़ने लगता है । लेकिन, किशमिश भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स लेप्टिन के लेवल को संतुलित करती है । जिससे, आपको क्रेविंग कम होती है और वेट लॉस में मदद होती है । कुछ लोगों को भोजन का स्वाद तब तक नहीं आता जब तक कि उसमें अदरक और लहसुन का पेस्ट ना मिलाया जाए । अदरक ना केवल खाने की लज़्ज़त बढ़ाता है, बल्कि, यह खाने को पचने में आसान भी बनाता है । अदरक डायजेशन के लिए हमेशा से प्रयोग की जाने वाला एक कॉमन नुस्खा भी है । यह डायजेशन से जुड़े समस्याएं जैसे, गैस, पेट दर्द,  पेट फूलना या ब्लोटिंग, खट्टी डकारें और पेट में भारीपन आदि से आराम दिलाता है । इसके अलावा यह कुछ मौसमी बीमारियों को भी कम करता है । खासकर, ठंड के मौसम में जब सर्दी-ज़ुकाम और एलर्जिक रिएक्शन्स बढ़ जाते हैं । तब, अदरक का सेवन फायदेमंद साबित होता है । आइए जानते हैं सर्दियों में अदरक किन समस्याओं को करता है कम और क्या हैं अदरक के स्वास्थ्य लाभ । अदरक के सेवन के हेल्दी फायदे कैंसर से सुरक्षा कुछ स्टडीज़ का दावा है कि अदरक का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर का ख़तरा कम होता है । यही नहीं, अदरक इन बीमारियों के उपचार और जल्द रिकवरी में मदद करता है । कुछ समय पहले जर्नल ऑफ बायोमेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी में एक रिसर्च पेपर के परिणाम छापे गए । इस रिसर्च के अनुसार, अदरक के पौधे में कुछ ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो, ब्रेस्ट कैंसर को फैलने से रोकते हैं । यह हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचने से भी रोकता है । ब्लड शुगर लेवल करे कंट्रोल सर्दियों का मौसम डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए मुश्किलभरा होता है । इसीलिए, इस मौसम में आपको अदरक का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है । कुछ समय पहले ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च में बताया गया कि, अदरक के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज़ को ब्लड शुगर मैनेजमेंट में आसानी होती है । कुछ स्टडीज़ के अनुसार, अदरक डायबिटीज़ से जुड़ी कॉम्प्लिकेशन्स को भी कम करता है । साथ ही नर्वस सिस्टम, किडनी और लिवर को भी हाई ब्लड शुगर के दुष्परिणामों से बचाता है । दिल की बीमारियों का रिस्क करे कम हेल्दी हार्ट के लिए भी अदरक का सेवन कारगर है । सदियों से दिल की सेहत अच्छी रखने के लिए अदरक का सेवन किया जाता रहा है । चीन की पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों में अदरक को कई बीमारियों के उपचार के लिए भी प्रयोग किया जाता है । दिल की बीमारियों का रिस्क कम करने के लिए अदरक के तेल का सेवन किया जाता है । कुछ स्टडीज़ में यह भी कहा गया है कि अदरक का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है । साथ ही यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने का भी काम करता है । जिससे, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है । इसके अलावा सर्दियों में अदरक का सेवन इन समस्याओं से भी आराम दिलाता है- सर्दी-खांसी होने पर अदरक वाली चाय पीने से आराम मिलता है । अदरक सर्दियों में होने वाले जॉइंट पेन और आर्थराइटिस के लक्षणों से आराम दिलाता है । पाचन तंत्र को उत्तेजित कर सर्दियों में यह पेट की समस्याएं कम करता है । अकड़न और दर्द से आराम दिलाता है । पेट की चर्बी को कम कर उसे सुडौल और आकर्षक बनाने के लिए आप नियमित रूप से ताड़ासन, वृक्षासन और त्रिकोणासन करें । प्रोटीन की सही मात्रा का करें सेवन वेट लॉस के लिए प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन भी आवश्यक होता है । यह एक ऐसा माइक्रोन्यूटिएंट्स है जो वेट लॉस के लिए मददगार होता है । साथ ही मसल्स ग्रोथ के लिए प्रोटीन आवश्यक है । वेट लॉस के लिए आप अपनी डायट में दूध, अंडे, बीन्स, चिकन और  दालों को शामिल करें । इनसे आपका पेट भरेगा और आपको आवश्यक मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी प्राप्त होगी । 6 मील्स का नियम करें फॉलो दिन में छोटे-छोटे 6 मील्स खाएं और अपना डायट प्लान पहले से बनाएं । इससे, आप हेल्दी फूड्स को अपने मील में शामिल कर सकेंगे और एक बार में बहुत अधिक खाने से भी बच सकते हैं । क्या कभी आपने सोचा कि कुछ लोग बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी वजन घटाने में नाकाम रहते हैं । वहीं कुछ लोग बहुत ही आसानी से कई किलो अपना वजन कम कर लेते हैं । भारत में मोटापा के शिकार लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है । कुल आबादी का अधिकांश हिस्सा वजन घटाने के लिए संघर्ष कर रहा है । वजन घटाने के लिए तमाम तरह के डाइट टिप्स और एक्सरसाइज टिप्स लोग लेत रहते हैं । लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि कुछ लोग बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी वजन घटाने में नाकाम रहते हैं । इसके बारे में आपको ज्यादा अब परेशान होने की जरूरत नहीं है । हेल्थ रिपोर्ट और शोध में यह पाया गया है कि दो ब्लड ग्रुप ऐसे होते हैं जो वजन कम करने की प्रक्रिया को बहुत धीमा कर देते हैं । न्यूट्रिशनिस्ट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इंसान में पाये जाने वाले AB+ और AB- ब्लड ग्रुप ऐसे हैं जो वजन कम करने की प्रक्रिया को बहुत मुश्किल बना देते हैं । न्यूट्रिशनिस्ट और डाइट एक्सर्ट्स की मानें तो ये दोनों ब्लड ग्रुप ऐसे होते हैं जो इंसान को खाने की आदत बदलने नहीं देते हैं । जो लोग अपने खाने की आदत को आसानी से बदल नहीं पाते हैं वो अपना वजन भी नहीं घटा पाते हैं । वहीं जो लोग अपने खाने की आदत को आसानी से बदल लेते हैं वो आसानी से वजन कम कर लेते हैं । आसानी से वजन घटाने वाले लोगों में O+ और B+ ब्लड ग्रुप वाले लोग होते हैं । B+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों का वजन भी बहुत कम बढ़ता है । हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि B+ ब्लड ग्रुप वालों का बेसल मेटाबॉलिक रेट बहुत अधिक होता है । BMR अधिक होने की वजह से इन लोगों का वजन बहुत अधिक नहीं बढ़ पाता है । वहीं A+ ब्लड ग्रुप वालों का वजन उनके अनुवांशिक लक्षणों पर निर्भर करता है । इस समस्या से कैसे छुटकारा पाएं ब्लड ग्रुप के अनुसार वजन कम या ज्यादा होने की समस्या को देखते हुए इससे कैसे निपटा जाय यह सवाल आपके भी मन में आ रहा होगा । इसके लिए भी आजकल हल निकाल लिया गया है । ब्लड ग्रुप के अनुसार खान-पान करके आप अपने वजन को नियंत्रित रख सकते हैं । वजन नियंत्रित करने के साथ वजन कम करना हो तो आपको अपने ब्लड ग्रुप के हिसाब से डाइट का चयन कर सकते हैं । ब्लड ग्रुप के अनुसार डाइट बताने वाले एक्सपर्ट्स की मानें तो डाइट इंसान की प्रकृति के हिसाब से हो तो सेहत अच्छी रहने के साथ इंसान मोटापे जैसी परेशानी का शिकार भी नहीं होता है । ब्लड ग्रुप के हिसाब से जो डाइट बनाई गयी हैं वो पचने में आसान होने के साथ शरीर को जरूरी पोषण देती हैं । ब्लड ग्रुप के हिसाब से खान-पान में बदलाव करने से इंसान ज्यादा समय तक जीवित रहने के साथ-साथ हमेशा स्वस्थ्य रह सकता है । आइए जानते हैं अलग-अलग ब्लड ग्रुप वालों को कैसे अपने खान-पान को नियंत्रित करना चाहिए । O ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ, बहुत सारी सब्जियां और मछली खाना चाहिए लेकिन सीमित बीन्स, फलियां और अनाज खाने चाहिए । वजन कम करने के लिए इन लोगों को समुद्री भोजन, रेड मीट, ब्रोकोली, पालक और जैतून का तेल खाना चाहिए । उन्हें डेयरी, मक्का और गेहूं खाने से बचना चाहिए । A ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों को सब्जियां, फल, टोफू, टर्की, साबुत अनाज और समुद्री भोजन चुनना चाहिए और मांस से बचना चाहिए । वजन कम करने के लिए, आपको अधिक अनानास, जैतून का तेल, समुद्री भोजन, सब्जियां और सोया खाना चाहिए । आपको डेयरी, मक्का, किडनी बीन्स और गेहूं खाने से भी बचना चाहिए । B ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  बी रक्त समूह के लोगों को एक विविध आहार का विकल्प चुनना चाहिए जिसमें मांस, फल, समुद्री भोजन, डेयरी और अनाज शामिल हैं । वजन कम करने के लिए आपको हरी सब्जियां, जिगर, अंडे और नद्यपान का अधिक सेवन करना चाहिए और मकई, चिकन, गेहूं और मूंगफली खाने से बचना चाहिए । AB ब्लड ग्रुप वालों की डाइट  एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों को डेयरी, मेमने, टोफू, मछली, फल, सब्जियां और अनाज खाने चाहिए । वजन कम करने के लिए आपको अधिक टोफू, समुद्री भोजन, हरी सब्जियां और केल्प खाना चाहिए । चिकन, मकई, किडनी बीन्स और एक प्रकार का अनाज बचना चाहिए । खस का शर्बत पीने के फायदे अघुलनशील फाइबर, जो भोजन को आपके पाचन तंत्र से गुजरने में मदद करता है और जो पानी में घुलता नहीं है । वहीं दूसरी तरह का फाइबर घुलनशील होता है, जो फैट और लो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को खत्म करने में मदद करता है और पानी में आसानी से घुल जाता है । फाइबर एक तरह का कार्बोहाइड्रेट होता है जिसे शरीर डाइजेस्‍ट नहीं कर सकता, हालांकि जहां अधिकांश कार्बोहाइड्रेट चीनी के कणों में टूट जाते हैं, वहीं फाइबर को चीनी के कणों में तोड़ा नहीं जा सकता । फाइबर कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है । अगर आप वजन कम कर रहे हैं तो अपको अपनी फाइबर डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है । फाइबर डाइट इंसान के पाचन तंत्र को बेहतर तो करती ही है साथ में यह शरीर के बढ़ने का काम करती है । आइए जानते हैं वजन कम करने के लिए फाबर डाइट कैसे लेनी चाहिए । फाइबर बॉडी में शूगर के उपयोग को कंट्रोल करने में मदद करता है, भूख और ब्‍लड शूगर को कंट्रोल रखता है । फाइबर का पर्याप्त सेवन पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है । लेने से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है, आंतों के स्वास्थ्य में सुधार होता है, वजन कम होता है, हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है और गुर्दे की पथरी और के विकास के जोखिम से भी कुछ हद तक छुटकारा मिलता है । फाइबर दो तरह के होते हैं अघुलनशील फाइबर, जो भोजन को आपके पाचन तंत्र से गुजरने में मदद करता है और जो पानी में घुलता नहीं है । फाइबर युक्त डाइट आपके लिए बेहद आवश्यक है क्योंकि यह पाचन में मददगार होता है और आपको कब्ज, सूजन और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी अन्य डाइजेशन से जुड़ी समस्‍याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है । फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से बवासीर और फैटी लिवर की बीमारी होने का खतरा भी कम होता है । चूंकि फाइबर पेट और आंतों से होकर गुजरता है, यह पानी को अवशोषित करता है और आपको कब्‍ज जैसी समस्‍या में आराम देता है । डायबिटीज रोगी के लिए जरूरी है फाइबर डाइट  हालांकि, जो लोग डायबिटीज से परेशान हैं उन्‍हें अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर खाने को शामिल जरूर करना चाहिए, क्‍योंकि यह शूगर को अवशोषित करने और ब्‍लड शूगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है । जिन खाद्य पदार्थों में घुलनशील फाइबर होते हैं, वे आपके लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं । ये कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं । साथ ही, बीन्स, ओट्स, फ्लैक्स सीड और ओट ब्रान जैसे खाद्य पदार्थ जो घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं, आपके हार्ट को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं । वजन घटाने में फाइबर डाइट कैसे मदद करती है  फाइबर का सबसे इम्‍पॉर्टेंट हेल्‍थ बेनिफिट यह है कि ये वजन घटाने में मदद करता है । हाई फाइबर फूड लेने से आपका पेट लम्‍बे समय तक भरा हुआ रहता है । क्योंकि ये पेट और आंतों में विस्तार करते हैं । यह आपको कम खाने और लंबे समय तक संतुष्ट रहने में मदद करता है । फाइबर से युक्‍त खाद्य पदार्थ भूख को कंट्रोल करने में मदद करते हैं जिससे आप अगले भोजन में ओवरईटिंग से बच जाते हैं । इसके साथ ही फाइबर आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से आपकी बॉडी को मिली कैलोरी को अवशोषित करने से रोकने में भी मदद करता है । कुट्टू का या फिर सिंगाड़े का नवरात्रों में बॉडी को फिट और शेप में रखने के लिए कौन सा आटा खाएं! जानें कौन सा आटा है बेस्ट क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि नवरात्रि हमेशा मौसम में बदलाव के आसपास ही क्यों पड़ते हैं? ऐसा माना जाता है कि साल में इस वक्त के दौरान उपवास रखने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं । नवरात्रि में उपवास के दौरान हमें कुछ खाद्य पदार्थों को बिल्कुल छोड़ने और उन्हें हल्के फूड के साथ बदलना होता है । नवरात्रि में व्रत रखने वाले पुरुष और महिलाएं कुट्टू के आटे और सिंघाड़े के आटे का उपयोग कर उनकी रोटियां और पूरियां तैयार करते हैं । और इन दोनों आटे का प्रयोग इस त्यौहार के दौरान सबसे अधिक किया जाता है । लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों प्रकार के आटे में ऐसे पौष्टिक गुण पाए जाते हैं, जो आपको वजन घटाने में मदद कर सकते हैं । अगर आप इन दोनों के बारे में नहीं जानते हैं तो इस लेख में हम आपको कुट्टू के आटे और सिंघाड़े के आटे में कौन ज्यादा हेल्दी है और कौन सा आटा आपको वजन घटाने में मदद कर सकता है इस बारे में बता रहे हैं । तो आइए जानते हैं कौन सा आटा ज्यादा हेल्दी है । कुट्टू का आटा कुट्टू एक प्रकार का फल बीज है, इसीलिए इसे उपवास के दौरान सेवन करने की अनुमति होती है । इस आटे में नट्स जैसा स्वाद होता है और यह सफेद आटे की तुलना में ग्लूटन मुक्त होता है । कुट्टू का आटा शरीर में गर्मी पैदा करता है और इसीलिए इस मौसम में इसे अच्छा माना जाता है । वजन कम करने की कोशिश कर रहे किसी भी व्यक्ति के लिए और तो और हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल से पीड़ित लोगों के लिए भी ये आटा अच्छा होता है । इसके अलावा, यह फास्फोरस, विटामिन, मैग्नीशियम और जिंक से भी समृद्ध होता है । सिंघाड़े का आटा सिंघाड़े एक ऐसा फल है जो पानी के नीचे पैदा होता और बढ़ता है । सिंघाड़ा सर्दियों में खाया जाने वाला एक प्रसिद्ध फल है, लेकिन सिंघाड़े का आटा पूरे वर्ष उपलब्ध रहता है । ये आटा घने पोषक तत्वों से भरपूर है और इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों को बनाने के लिए किया जा सकता है । वजन घटाने के लिए कुट्टू का आटा कुट्टू का आटा वजन घटाने के लिए अद्भुत तरीके से काम करता है क्योंकि इसमें 75 प्रतिशत तक कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और 25 प्रतिशत तक हाई क्वालिटी वाला प्रोटीन होता है, जो इसे वजन कम करने वाले लोगों के लिए एक आदर्श भोजन विकल्प बनाता है । कुट्टू का आटा खाने से वजन कम होता है और इसमें गेहूं के आटे की तुलना में कम कैलोरी भी होती है । इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल और सैच्यूरेटेट फैट और फाइबर व प्रोटीन से भरपूर होता है । कुट्टू का आटा आयोडीन, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी 1 और बी 6 से भी समृद्ध होता है । इतना ही न हीं यह ग्लूटेन मुक्त होता है, जो इसे हमारे पाचन के लिए भी अच्छा बनाता है । अपनी डाइट में से ग्लूटेन को हटाना कुछ व्यक्तियों के लिए वजन घटाने के रूप में अद्भुत तरीके से काम कर सकता है । वजन घटाने के लिए सिंघाड़े का आटा सिंघाड़े का आटा फाइबर से भरपूर होता है । दरअसल होता यूं है कि फाइबर को पचाने में अधिक समय लगता है और इस तरह आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं । सिंघाड़े का आटा पोटेशियम से भी समृद्ध होता है और इसमें सोडियम की मात्रा भी कम होती है, जो शरीर में वॉटर रिटेंशन में मदद करती है । इतना ही नहीं, सिंघाड़े का आटा कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट और अन्य ऊर्जा बढ़ाने वाले पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, आयरन, जिंक और फास्फोरस का एक उत्कृष्ट स्रोत भी है । व्रत के दौरान ऊर्जा का अभाव होना स्वाभाविक है क्योंकि आप जो भोजन खाते हैं वह आपके नियमित भोजन से अलग होता है । अपनी व्रत की डाइट में सिंघाड़े को शामिल करने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ा रहता है । इस आटे में किसी प्रकार का कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और ये विभिन्न खनिजों, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध होता है । यह कॉपर, राइबोफ्लेविन से भरा होता है और आपकी थायराइड की समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है । दोनों के बीच बेहतर कौन कुट्टू और सिंघाड़े का आटा दोनों ही स्वस्थ हैं और हमारे शररी को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं । कुट्टू का आटा शरीर को गर्मी प्रदान करता है, वहीं सिंघाड़े का आटा शरीर को ठंडा रखने वाले गुण होते हैं । दोनों ही आटे पोषक तत्वों से भरपूर हैं और वजन कम करने के लिए बढ़िया हैं । बस सुनिश्चित करें कि आप इनका सीमित मात्रा में उपभोग करें । 26 नवंबर को हर साल एंटी-ओबेसिटी डे मनाया जाता है । आज इस मौके पर हम आपको वजन नियंत्रित करने के कुछ उपाय बता रहे हैं । आइए विस्‍तार से जानते हैं । ऑस्टियोपोरोसिस को बढ़ाने वाले कारण विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस आपको इन 6 कारणों के बारे में जरूर जानना चाहिए. क्योंकि यही मुख्य वजह होती है हड्डियों के कमजोर होने की और जिसकी वजह से ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होती है. उम्र के बदलाव यह ऑस्टियोपोरोसिस का एक बड़ा कारण है । 30 वर्ष की उम्र के बाद ज्‍यादातर महिलाओं की बोन हेल्‍थ प्रभावित होने लगती है । बोन्‍स टिश्‍यूज जो बोन्‍स को मजबूती देते हैं, ये टूटते तो हैं पर नए टिश्‍यू उस गति से नहीं बन पाते । यानी अब उनकी बोन्‍स कमजोर होना शुरू हो जाती हैं । जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है बोन्‍स का कमजोर होना जारी रहता है । 60 की उम्र तक पहुंचते ज्‍यादातर पुरुषों और महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो चुकी होती हैं । हॉर्मोनल बदलाव महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं । माहवारी, गर्भावस्‍था और मेनोपॉज तक उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं । जिसका असर बोन हेल्‍थ पर भी पड़ता है । यही वजह है कि महिलाओं में जहां हड्डियों में दर्द और फ्रेक्‍चर की समस्‍या 40 की उम्र में ही शुरू हो जाती है, वहीं पुरुषों की बोन हेल्‍थ 50 के बाद भी अच्‍छी रहती है । अगर परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या रही है तो बच्‍चों में इसके होने का जोखिम और ज्‍यादा बढ़ जाता है । Cycling) होती है । वॉकिंग रोज सुबह-शाम आधा घंटा पैदल चलें । इससे भी पेट की चर्बी कम होने लगती है । तेज कदमों से चलें । पेट कम करने के उपाय में इसे आसान और सुरक्षित माना गया है । वेट ट्रेनिंग अगर जिम जाते हैं, तो वहां वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज करना शुरू कर दें । भार उठाने से शरीर को आकर्षक शेप मिलेती है, साथ ही आपकी पाचन क्रिया भी मजबूत होगी । एक बार वजन बढ़ने लग जाए, तो उसे कम करना आसान नहीं होता है । एक्सरसाइज, डाइटिंग, वर्कआउट के जरिए लोग अपने वजन को कम करने में लग जाते हैं । कुछ लोग तो वजन कम करने वाली दवाइयों को भी सेवन करने लगते हैं, जिसके शरीर पर कई साइड एफेक्ट्स भी हो सकते हैं । कई बार इन उपायों को आजमाने से भी वजन बहुत अधिक कम नहीं होता है, ऐसे में वो निराश हो जाते हैं । आप इन चीजों को तो फॉलो करे हीं, साथ में कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों को भी ट्राई करके देखें । ये कुछ ऐसे नुस्खे हैं, जो फैट बर्न करके वजन कम करने में मदद करते हैं । वजन को कम ना किया जाए तो आप कई गंभीर रोगों की चपेट में आ सकते हैं । शरीर में फैट जमा होने से आपको दिल के रोग हो सकते हैं । कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है । डायबिटीज की समस्या हो सकती है । मोटापे से बचना है, तो सबसे पहले अपनी लाइफस्‍टाइल में सुधार करें । साथ ही नीचे बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खों को भी आजमाकर देखें… वजन घटाने के आयुर्वेदिक नुस्खे 1 एक गिलास गर्म पानी लें । उसमें एक चम्मच काली मिर्च पाउडर, दो चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद मिला  दें । हर रोज सुबह के समय इसे पिएं । वजन कम होने लगेगा । सुबह के समय खाली पेट यदि आप गर्म पानी में नींबू का रस और शहद डालकर पीते हैं, तो इससे भी वजन कम होगा । 2 गोभी का सीजन आने ही वाला है । आप इसके पत्तों का सेवन करें । इससे भी वजन कम होता है । चाहें, तो सलाद में मिला लें या फिर इसके पत्तों को उबाल कर सूप पिएं । 3 आप खाना खाने से पहले टोमैटो सूप या फिर कच्चा टमाटर खाएं । 4 भोजन में सभी तरह की ग्रीन लीफी वेजिटेबल्स शामिल करें । इनके सेवन से ना तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जाएगी और ना ही पोषक तत्वों की कमी होगी । 5 नाश्ता हमेशा हल्का करें, लेकिन कुछ ऐसे पोषक तत्वों को शामिल करें, जिनसे आप दिन भर ऊर्जावान रहें । फैट भी ना बढ़े । दिन में खाना भर पेट खाएं, क्योंकि दोपहर के समय पाचन तंत्र अधिक सक्रिय होता है । 6 रात में खाना सोने से 2 घंटे पहले जरूर खा लें । रात में जब आप सोते हैं, तो पाचन तंत्र को भोजन पचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है । रात में आप लो कैलोरी डाइट ही लें । 7 जब भी खाना खाएं आराम से चबाते हुए खाएं । जल्दबाजी में खाना खाने से बचें । ऐसा करेंगे तो वजन कंट्रोल में रहेगा । ठंडा नहीं बल्कि गर्म खाना खाएं । गर्म खाना आसानी से पच जाता है । 8 पानी कम पीते हैं, तो आज से ही पीना शुरू कर दें । इससे शरीर तो हाइड्रेट रहेगा ही, साथ ही खाना भी पचाने में आसानी होती है । हर समय थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें । पानी की कमी होगी, तो भोजन पचाना मुश्किल हो जाएगा । हां, खाते समय पानी पीने से बचें । 9 बासी खाना, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें । आजकल यह ट्रेंड बन गया है कि कुछ घर पर बनाने का मन नहीं किया तो बाहर से जंक फूड ऑर्डर कर दिया । इनसे वजन बढ़ता है, क्योंकि ये ठीक से रात में सोते समय पचते नहीं हैं । इनमें मौजूद फैट शरीर को नुकसान पहुंचाता है । नींबू पानी खाली पेट रोजाना पीने से होने वाले साइड-इफेक्ट । वजन कम करने के लिए नींबू पानी का उपयोग सुबह खाली पेट करना चाहिए ये तो आप सभी लोग जानते हैं लेकिन क्या इस बात से वाकिफ हैं की रोजाना खाली पेट नींबू पानी का सेवन घातक भी हो सकता है ? अगर नहीं जानते हैं तो आपको इस बात की जानकारी जरूर रखना चाहिए । हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजाना खाली पेट नींबू पानी का सेवन हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है । विटामिन सी की मात्रा नींबू में बहुत अधिक होती है इसकी वजह से अगर आप दिन में अन्य खाद्य पदार्थों से भी विटामिन सी प्राप्त करते हैं तो विटामिन सी की अधिक मात्रा शरीर में की तरह के साइड-इफेक्ट्स पैदा कर सकती है । अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट नींबू पानी पीते हैं और आपको एसिडिटी जैसी समस्या दिखती है तो इसका प्रयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए । नींबू पानी से होने वाला नुकसान इसलिए भी ज्यादा असर करता है क्योंकि एक साथ ज्यादा मात्रा में विटामिन सी शरीर में जाता है । नींबू में ज्यादा मात्रा में साइट्रिक एसिड होता है जो हमारे दांतों को नुकसान पहुंचाता है । इसलिए नींबू पानी को सीधा ग्लास से ना पिए हमेशा इसे पीने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल करें । इस तरीका से पीना आपके दांतों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा । कुछ लोग नीबूं को अपने फेश पर भी लगाते हैं । ऐसा लगातार करने से उनके चेहरे की प्राकृतिक चमक जा सकती है । नींबू को इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में पता करें फिर इस्तेमाल करें । नींबू पानी का ज्यादा सेवन कब होता है घातक ? एसिडिटी वाले मरीजों के लिए है घातक  एसिडिटी कि समस्या वाले लोगों को गलती से भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आपके पेट में असर डालता है और आपको खट्टी डकार जैसी समस्या हो जाती है । अल्सर की परेशानी में रहें दूर  जिन लोगों को अलसर की समस्या हो उन्हें इसका सेवन गलती से भी नहीं करना चाहिए । यह उनके स्वास्थ और भी खराब कर सकता है और फिर अल्सर जैसी समस्या से छुटकारा पाना मुश्किल हो जाएगा । खाने के बाद भी नींबू पानी का सेवन कर सकता है नुकसान  अगर आपको नींबू-पानी का सेवन करके खाना पचाने की आदत है तो इसे जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें क्योंकि यह आपके पेट को खराब कर सकते हैं । जितना ज्यादा हो सके इसे खाने में मिलाकर खाएं । यह आपके शरीर के लाभदायक साबित हो सकता है । कैसे करें उपयोग ?  नींबू का उपयोग आप खाने में कई अन्य तरीकों से कर सकते हैं । खाने में आप सलाद के साथ नींबू का उपयोग करते हैं तो इसके साइड-इफेक्ट का खतरा कम रहता है । आप चाहें तो नींबू के अचार का भी इस्तेमाल कर सकते हैं । जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का इस्तेमान नुकसानदेह होता है । हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर गौरी कुलकर्णी के अनुसार, कोरोना वायरस से बचने के लिए इम्यूनिटी को बढ़ाना बहुत ही ज़रूरी होता है । बातचीत के दौरान उन्हें कहा इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए राइट डायट लेना बहुत ही ज़रूरी होता है । हमारे भोजन में  मिनरल, विटामीन-सी, विटामिन- डी अधिक होना चाहिए । इसके साथ ही जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स को भी भोजन में ज़रूर शामिल करें । इसके अलावा डॉक्टर कुलकर्णी ने कहा कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए डायट के साथ-साथ एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना जरूरी होता है । इसके अलावा उन्होंने समय-समय पर पानी पीने की सलाह दी है । ताकि बॉडी में पानी की कमी ना हो । शरीर में पानी की कमी से कई तरह की समस्या हो सकती है । कुछ ऐसे फूड्स के बारे में भी डॉक्टर गौरी ने बताया है, जिससे आप   कर सकते हैं । इन्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स विटामिन सी और ए के काफी प्रचूर मात्रा  पाई जाती है ब्रोकली में । इसमें एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं । ये सभी पोषक तत्व हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में हमारी सहायता करता है । रोज़मर्रा की जिंदगी में इस सब्जी को आप शामिल कर सकते हैं । खट्टे फल नींबू, संतरा चकोतरा और अनन्नास जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है । इन फलों से हर तरह के संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है । खट्टे फल ब्लड सेल्स के निर्माण में सहायक होते हैं । इसके सेवन से एंटी बॉडीज कोशिकाओं की सतह पर एक लेयर बनती है, जो बॉडी के अंदर वायरस को जाने से रोकती है । हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर रूप से होता है । हल्दी बॉडी में इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है, इस बात से हर को वाकिफ है । ये हमारे ब्लड को शुद्ध करने में सहायक है । हल्दी के सेवन से शरीर के रूप और रंग में भी निखार आता है । हल्दी में पाए जाने वाले गुण कैंसर और गठिया जैसे बीमारियों से बचाने में कारगर है । इसमें करक्यूमिन तत्व मौजूद होता है, जो ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करता है । साइंस ने माना वेट लॉस, डायबिटीज जैसी इन 4 बीमारियों में फायदेमंद है केले, जानें हरे या पीले कौन से केले फायदेमंद अक्सर फिट रहने के लिए लोग डाइट के ऐसे तरीके ढूंढते हैं, जो सस्ते और उपभोग में काफी आसान हो, जिसमें केला हर किसी का पसंदीदा फल है । बच्चा हो या बड़ा सभी को केले खाना पसंद होता है क्योंकि अपने विभिन्न पोषक तत्वों के कारण केला किसी पावरहाउस से कम नहीं है और ये आपके दिल के स्वास्थ्य, डायबिटीज, पाचन और वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है । जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा और अब विज्ञान भी इस बात से सहमत है कि अगर केले को नियमिय रूप से खाया जाए तो ये आपको अपने शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है । केले में मौजूद पोषक तत्व एक सामान्य आकार के केले में लगभग 110 कैलोरी होती है और यह आपको निम्नलिखित पोषक तत्व प्रदान करता है । 1 ग्राम 28 ग्राम 3 ग्राम 450 मिलीग्राम 32 मिलीग्राम 10.3 मिलीग्राम 0.4 मिलीग्राम केले विटामिन बी 6 और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं । एक सामान्य आकार के केले से आपको पोटेशियम की दैनिक मात्रा का 9 प्रतिशत और मैग्नीशियम का 8 प्रतिशत मिलता है । इतना ही नहीं, यह आपकी रोजाना की विटामिन सी मात्रा की जरूरत का 11 प्रतिशत भी प्रदान करता है । वजन कम करने में मदद करता है केला वजन घटाने के संबंध में बहुत लंबे समय से केले को दोषी माना जाता रहा है । केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा लोगों को इसके प्रति संवेदनशील रह जाता है । लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केला वास्तव में आपको तेजी से फुल महसूस कराने में मदद कर सकता है । इसमें मौजूद पेक्टिन पेट खाली करने में देरी करता है, जो आपको जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है । हरे केले वजन घटाने के लिए बेहतर होते हैं क्योंकि पके केलों में पेक्टिन नहीं होता है । केले में मौजूद कार्ब्स अधिक सेरोटोनिन का उत्पादन करने में मदद करते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में आपकी मदद करते हैं और आपकी ऊर्जा के स्तर हाई रखते हैं । अध्ययनों से साबित हुआ है कि हरे केले को किसी भी रूप में ताजा, पकाया, सूखा कर खाया जा सकता है या फिर इसे आप आटे के रूप में भी खा सकते हैं । ये आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करता है । पाचन में सहायता करता है केला हरे केले खाने से दस्त जैसी समस्या ठीक होती है और इसे एक प्रभावी घरेलू उपचार का रूप दिया गया है । केले में मौजूद अघुलनशील फाइबर जरूरी पोषक तत्वों को अवशोषित करता है जबकि घुलनशील फाइबर शरीर के लिए पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को साफ करने का काम करता है । हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है केला पोटेशियम और हृदय स्वास्थ्य बहुत निकटता से जुड़े हुए हैं । पोटेशियम सोडियम के स्तर को संतुलित करके हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है । सोडियम की बहुत कम या बहुत अधिक मात्रा का मतलब है रक्तप्रवाह में अधिक तरल पदार्थ और उच्च रक्त की मात्रा, जो दिल के दौरे और स्ट्रोक के अतिरिक्त जोखिम के साथ ब्लड प्रेशर को बढ़ाती है । 2017 के एक अध्ययन में ये पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में पोटेशियम की खुराक ब्लडप्रेशर को कम कर सकती है । एफडीए के मुताबिक, ऐसे खाद्य पदार्थ, जो पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होते हैं और सोडियम की कम मात्रा रखते हैं, वे हाई बीपी और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं । ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में मदद करते हैं केले ज्यादातर लोग सोचते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को केले जैसे मीठे फल खाने से बचना चाहिए । लेकिन केले में पेक्टिन और रेजिस्टेंट स्टार्च होता है, जो वास्तव में आपके ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं । पेक्टिन फाइबर आपको संतृप्त रखता है और जरूरत से ज्यादा खाने से रोकता है और पाचन धीमा कर देता है । डायबिटीज रोगियों के लिए, केले का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका इसे फैट और प्रोटीन के साथ मैश करके खाने से है । इसलिए केले को अंडे, दही या पीनट बटर के साथ खाएं । फलियां, दाल व बीन्स आदि आप के लिए वजन कम करने का एक मंत्र है । कुछ शोध में बताया है कि यदि आप कम कैलोरी वाली डाइट लेना चाहते हैं तो फलियां आप के लिए एक बेस्ट ऑप्शन है । यह आप को वजन कम करने में पूरी मदद करेगा । जो लोग फलियां खाते हैं उनका बेड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी होती है । रनिंग और वॉकिंग कम से कम 30 मिनट के लिए दिन में 2 बार दौड़ने की आदत बनाएं, पसंदीदा समय सुबह और शाम को होना चाहिए, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दौड़ने के बाद हार्ड भोजन न करें, बल्कि अपनी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए फलों का रस लें । स्वीमिंग एक 155 पाउंड का व्यक्ति एक घंटे तक तैरकर 704 कैलोरी बर्न कर सकता है । साइकिल चलाना 13 से 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से साइकिल चलाने से एक घंटे में लगभग 500 कैलोरी बर्न की जा सकती है । रस्सी कूदना आप प्रत्येक दिन में दो बार 10 मिनट के सेशन में 200 से अधिक कैलोरी बर्न कर सकते हैं । ताज़े ऑरेंज़ जूस का ना केवल स्वाद अच्छा होता है । बल्कि, यह आपके वजन को कम करने में भी सहायक हो सकता है । संतरे को एंटी-कैलोरी फ्रूट भी कहा जाता है । क्योंकि, इसमें बहुत कम कैलोरीज़ होती हैं और इसे पीने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं । वजन घटाने के हालांकि बहुत से उपाय अपनाए जा सकते हैं, जिनका आप अपनी सहुलियत के अनुसार चयन कर सकते हैं । धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल की सीनियर डायटीशियन एंड कंसल्टेंट, न्यूट्रीशिनिस्ट पायल शर्मा आपको कुछ ऐसे उपाय के बारे में बता रही हैं जिन्हें ध्यान में रखकर वजन घटाने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है । पीनट बटर-बनाना प्रोटीन शेक इसे बनाने के लिए 2 केले, 2 टेबलस्पून पीनट बटर, 2 कप योगर्ट, 100 मि.ली. दूध, 1 टेबलस्पून सब्जा, आधा टीस्पून कोको पाउडर को मिलाकर ब्लेंड कर लें । चॉकलेट प्रोटीन शेक यदि आप वेट कम करना चाहते हैं, तो चॉकलेट प्रोटीन शेक पिएं । प्रोटीन शेक पीने के फायदे – वेट लॉस के दौरान प्रोटीन अधिक मात्रा में खाना चाहिए क्योंकि प्रोटीन खाने से आप हेल्दी रहते हैं और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं । कब पिएं प्रोटीन शेक? प्रोटीन शेक एनर्जी बूस्टर का काम करता है, इसलिए वर्क आउट करने के 30-45 मिनट बाद प्रोटीन शेक पी लेना चाहिए । कमर, जांघ और पैरों के आसपास जमी चर्बी से अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं । रोज ट्रेडमिल पर दौड़ती हैं, फिर भी बात नहीं बनती । कमर और जांघों के आसपास जमी चर्बी और कैलोरी बर्न करने के लिए खास योजना बनानी होगी । महिलाओं को खासकर इन भागों के वजन घटाने की योजना शुरू करने से पहले खास बातों को ध्यान रखना होगा । यदि आप स्थायी रूप से फिट शरीर पाना चाहती हैं, तो लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाएं । इन तीन टिप्स को फॉलो कर आप कमर, जांघ और पैरों के फैट को कम कर सकती हैं… डाइट पर ध्यान दें हेल्दी और फिट शरीर तभी पा सकती हैं, जब डाइट और न्यूट्रिशन पर ध्यान देंगी । डाइट आपके शरीर की संरचना, वजन और स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव डालता है । अधिक फाइबर वाले फल और सब्जियां खाएं । मछली, लीन मीट, नट्स, बीजों से हेल्दी वसा प्राप्त करें । साबुत अनाज पेट और जांघों सहित पूरे शरीर के फैट को कम करने में मदद करेंगे । हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पिएं । इससे टॉक्सिन बाहर निकालता है और पाचन तंत्र सुचारू रूप से चालू रहता है । वर्कआउट करें स्मार्ट तरीके से व्यायाम करें । वजन कम करने, पेट या निचले शरीर को टोन करने के लिए वर्कआउट करें । ऐसे कई वर्कआउट हैं जो पैरों और बट की चर्बी कम करते हैं । प्रति सप्ताह 2-3 कार्डियो इंटरवल-ट्रेनिंग सेशंस करें । यह हार्मोनल प्रतिक्रिया को बढ़ाकर तेजी से फैट कम करता है । ये टोन्ड करने में मदद करता है । पैरों को टोन करने के लिए आप स्क्वैट, डेडलिफ्ट, लंग्स और लेग प्रेस आदि व्यायाम करें । नींद पूरी लें पर्याप्त नींद लेने से शरीर की पुरानी सेल्स ठीक होती हैं । फैट बनाने वाले हार्मोन को बाहर निकालता है । आप जो खाती हैं और जैसा व्यायाम करती हैं, इससे भी शरीर के आकार को प्रभावित कर सकती हैं । कॉर्नफ्लेक्स शेक बनाने के लिए इन चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी- 100ग्राम या एक कटोरी कॉर्नफ्लेक्स एक गिलास दूध शहद पुदीने के पत्ते इलायची पाउडर चिरौंजी-पिस्ते और बादाम कॉर्नफ्लेक्स शेक बनाने का तरीका- एक मिक्सी या ब्लेंडर में कॉर्नफ्लेक्स, शहद, पुदीने के पत्ते और ड्राईफ्रूट्स डालें । इसमें एक गिलास दूध मिलाएं और अच्छी तरह ब्लेंड करें । अब इसमें अपनी पसंद के अनुसार, शहद, इलायची पावडर और प्रून्स डालकर एक बार और ब्लेंड करें । यह  हेल्दी शेक एक प्रोटीन से भरपूर नाश्ता हो सकता है जो काफी देर तक आपको एनर्जी देगा और आपका पेट भी भरेगा । जो लोग वजन घटाते हैं उन्हें लगता है कि खाना छोड़ने से उनका वजन नहीं बढ़ेगा । ऐसे लोग फिर सुबह ब्रेकफास्ट करने के बजाय दूसरे विकल्प तलाशते हैं, जैसे कि जूस, चाय, कॉफी या फ्लेवर्ड मिल्क आदि । आप सोच रहे होंगे कि आपकी सुबह की ड्रिंक वेट लॉस में आपकी मदद करेंगे । जबकि ऐसा नहीं है । वास्तव में, कुछ मॉर्निंग ड्रिंक्स ऐसी होती हैं जो वजन घटाने के बजाय बढ़ाने का काम करती हैं । आज हम आपको कुछ ऐसे पेय पदार्थ बता रहे हैं जिन्हें सुबह के समय अवॉइड करना चाहिए । 3… हार्मोनल असंतुलन की समस्या को दूर करते हैं ये 5 फूड, रोजाना सेवन से नहीं होंगे हार्मोन इम्बैलेंस के शिकार हार्मोनल असंतुलन एक ऐसी सामान्य मेडिकल कंडीशन है, जिससे पुरुष और महिलाएं दोनों ही सामना करने के लिए मजबूर होते हैं । हालांकि बहुत से लोग अपने जीवन में कई बार हार्मोन से संबंधित समस्याओं का अनुभव करते हैं । इसलिए सभी को इनके लक्षणों और संकेतों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए, जो उनके शरीर में हार्मोनल समस्याओं की ओर इशारा करते हैं । हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन यह निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि हम कैसा महसूस करते हैं, हम जीवन में आने वाली विभिन्न परिस्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और हमारा शरीर विभिन्न परिवर्तनों पर कैसा महसूस करता है । इन सभी समस्याओं में डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी होती है । हालांकि कभी-कभी, हमारे हार्मोन हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ से भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं । अगर आप अपने हार्मोन को संतुलित करने के लिए आसान भोजन विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको ऐसे 5 फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो हार्मोन संतुलन में आपकी मदद कर सकते हैं । तो आइए जानते हैं इन 5 फूड्स के बारे में । 5 फूड, जो हार्मोनल संतुलन में करेंगे आपकी मदद ब्रोकली ब्रोकली ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ और पोषक तत्वों से भरपूर होती है, साथ ही ये एस्ट्रोजन संतुलन को बनाए रखने में भी मदद कर सकती है । बालों का झड़ना आज हर किसी के लिए एक परेशानी का कारण बन चुकी है । बाल आखिर झड़ते क्यों हैं, क्या आप इसकी मुख्य वजह बता सकते हैं? यदि आपका जवाब है दूषित पर्यावरण और खराब जीवनशैली, तो आप बिल्कुल सही हैं । इन दोनों ही कारणों से बालों में पोषण की कमी हो जाती है । बाल रूखे और बेजान होने के साथ बालों की ग्रोथ भी रुक जाती है । बालों के गिरने की इस परेशानी से निजात पा सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको कुछ आसान तरीकों को नियमित रूप से फॉलो करना होगा । अपनी डायट में कुछ पोषण से भरपूर चीजों को शामिल करना होगा, जिससे बालों की ग्रोथ अच्छी होगी । साथ ही प्राकृतिक चमक भी बालों की बरकरार रहेगी । जानें, कौन से हैं वे पोषक तत्व जो बालों में नई जान डाल सकते हैं । अदरक का सेवन करें ऐसे, वजन होगा झटपट कम क्या आप यह जानते हैं कि अदरक में ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो वजन कम करने में मदद करते हैं? जी हां, यह पाचन को उत्तेजित करता है और भूख को दबाता है, जिससे आपकी अधिक खाने की इच्छा समाप्त होती है । जानना चाहते हैं कैसे, तो जानें इसे इस्तेमाल करने का तरीका... हम नीचे बता रहे हैं कि किस तरह आप अपने डाइट में नारियल तेल को शामिल करें... कुकिंग ऑयल की तरह करें इस्तेमाल नारियल तेल एक ऐसा तेल है, जो वसा को तेजी से बर्न करने में मदद करता है । कॉफी में मिलाएं नारियल तेल जब वजन घटाने की बात आती है, तो क्या पीना चाहिए और क्या नहीं समझ नहीं आता है । सावधानी से करें नारियल तेल का इस्तेमाल जिस तरह इस तेल में वजन को कम करने के फायदे और गुण मौजूद होते हैं, वहीं इसमें दूसरे फॉर्म के फैट्स भी मौजूद होते हैं । प्याज घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं जो आपकी गट हेल्थ को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं । जब आपकी गट हेल्थ मजबूत होती है तो वजन घटाने में आसानी होती है । प्याज एक प्रोबॉयोटिक फूड है जिसे कच्चा खाने से वजन तेजी से कम होता है । वैसे तो प्याज का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, लेकिन आज हम आपको 2 ऐसे खास तरीके बता रहे हैं जो वजन घटाने में काफी प्रभावी हैं । लंच- बीएलटी लेटिस रैप कीटो डाइट फूड बनाने के लिए आपको चाहिए 3 बड़े पत्ते रोमनिक लेटिस बेकन के 6 टुकड़े ग्रिल्ड चिकन 5 छोटे चेरी टमाटर चीज मेयोनीज 3 चम्मच इस लंच में 632 कैलोरी, फैट 48 ग्राम, कार्ब 8 ग्राम और प्रोटीन 42 ग्राम होती है । कीटो डाइट फूड में दिन में तीन टाइम इन चीजों का सेवन करें । इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए कैसे करें एप्पल सिडर विनेगर का इस्तेमाल, जानें किस टाइम पिएं ताकि रोगों से हमेशा रहें दूर बदलते वक्त में एप्पल साइडर विनेगर लोगों के बीच एक ट्रेंड बन चुका है फिर चाहे बात वजन घटाने की हो या फिर अपनी बॉडी को टोन करना हो एप्पल साइडर विनेगर सबमें आपकी मदद करती है । एप्पल साइडर विनेगर, एप्पल को क्रश कर बिना कुछ मिलाए फर्मेटेंड तरीके से बनाया जाता है । ये विनेगर प्रकृति में अत्यधिक अम्लीय होता है और इसकी गंध बरसों से रखी शराब के समान होती है । इस पेय में विटामिन सी और फाइबर की अत्यधिक मात्रा होती है, जिसे इम्यूनिटी को बढ़ाने के सबसे शक्तिशाली स्त्रोत माना जाता है और ये आपको सर्दी से होने वाले बलगम को कम करता है । एप्पल साइडर विनेगर विभिन्न तरीके से आपकी इम्यूनिटी को बढ़ा सकता है । इस फर्मेंटेड ड्रिंक में लाभकारी बैक्टीरिया और प्री-बायोटिक्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं । एप्पल साइडर विनेगर प्रकृति में एंटी-बैक्टीरियल होता है और शरीर में पनप रहे रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है । यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने का काम करता है । इस पूरी प्रक्रिया के दौरान शरीर में मौजूद कीड़े को जल्दी से मारने में मदद मिलती है । तो आइए जानते हैं कि कैसे इन 3 तरीकों से एप्पल साइडर विनेगर आपकी इम्यूनिटी को बढ़ा सकता है और सर्दी से राहत देने में मदद कर सकता है । सुबह लें विनेगर के शॉट एप्पल साइडर विनेगर आपके शरीर के पीएच को संतुलित करने का एक बेहतरीन नुस्खा है । हमारे शरीर का पीएच 1 से 14 तक होता है और यह 7.3 से 7.45 के बीच के पीएच स्तर को अच्छा माना जाता है । 7.3 से कम पीएच का मतलब बहुत अधिक एसिडिक है और 7.45 से अधिक को बहुत एल्कलाइन माना जाता है । सुबह के वक्त विनेगर को पीने से आंत के सूक्ष्मजीव को बेहतर तरीके से संतुलित रखने में मदद मिल सकती है, जो आखिर आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं । शहद के साथ लें एप्पल साइडर विनेगर शहद के साथ एप्पल साइडर विनेगर लेने से सर्दी को दूर करने का एक अचूक उपाय माना जाता है । इस उपाय का उपयोग बरसों से किया जा रहा है ताकि सर्दी का इलाज किया जा सके और इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सके । सर्दी से राहत पाने के लिए आपको बस एक ढक्कन एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास से कुछ कम गर्म पानी और 2 बड़े चम्मच शहद के साथ मिलाना है और उस मिश्रण को गटक जाना है । एप्पल साइडर विनेगर पिल्स अगर आपको एप्पल साइडर विनेगर का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसकी गोलियां खरीदने पर भी विचार कर सकते हैं । हालांकि गोलियों में विटामिन सी की समान मात्रा नहीं होती है, लेकिन ये गोलियां एप्पल साइडर विनेगर के समान लाभ प्रदान कर सकती हैं । ध्यान देने वाली बात एप्पल साइडर विनेगर का सेवन करने से पहले इसमें हमेशा पानी मिलाना सुनिश्चित करें क्योंकि इसके सीधे सेवन से आपकी भोजन नलिका और इनर फूड लाइनिंग को नुकसान पहुंच सकता है । लंचः सफेद मक्खन के साथ मशरूम और पालक का सूप पिएं । डिनरः हरी सब्जियों का सलाद या सब्जियों और पनीर का सलाद रात में खाने में शामिल करें । कीटो डाइट हेल्थ बेनिफिट्स कीटोजेनिक डाइट प्लान को लोग वजन घटाने के लिए सबसे ज्यादा फॉलो करते हैं । इसमें शरीर ऊर्जा के स्रोत के रूप में फैट का इस्तेमाल करता है । इस वजह से वजन घटाना आसान हो जाता है । आप भी चाहते हैं फॉलो करके अपना वजन घटाना, तो किसी डाइटिशियन से सलाह लेकर कीटो मील प्लान फॉलो करना शुरू कर दें । डाइटिशियन आपको जिस तरह से दिशा-निर्देश दे, वैसा ही करें वरना वजन कम नहीं हो पाएगा । मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए 5 ईजी एक्सरसाइज । वजन कम करना  कोई आसान काम नहीं है खासकर तब जब किसी का वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया हो । इसके लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज, डाइटिंग, हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना पड़ती है । यदि आपका भी वजन काफी बढ़ गया है, तो इन चीजों की तरफ तो ध्यान देना ही होगा साथ ही आप कुछ हेल्दी फूड्स के सेवन से भी अपने बढ़ते पा सकते हैं । यदि आप चाहते हैं कि आपके शरीर की चर्बी जल्दी कम हो जाए, तो एक्सरसाइज करने के बाद कुछ फूड्स को जरूर खाएं । नीचे बता रहे हैं कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जिन्हें डेली करें सेवन । 1. ग्रीन टी ग्रीन टी में एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होता है । यह सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हर्बल टी है । खासकर, वजन कम करने में यह सबसे उपयोगी चाय मानी जाती है । इसे पीने से मेटाबॉलिज्म का कार्य बेहतर होता है । आप हर दिन ग्रीन टी पीना शुरू कर दें । अतिरिक्त वजन कम होने लगेगा । 2. सेब सेब में फाइबर अधिक होने के कारण इसका सेवन हर दिन करना चाहिए । इसे खाने से आपका पेट देर तक भरा हुआ रहता है, जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है । इसमें कैलोरी भी अधिक नहीं होता, ऐसे में वजन बढ़ने का डर भी नहीं । सेहत के लिए यह काफी हेल्दी फ्रूट है, जो पाचन तंत्र भी दुरुस्त रखता है । शरीर में आयरन की कमी नहीं होना देता है । एक्सरसाइज करने के बाद आप एक सेब जरूर खाएं । 3. बादाम बादाम में प्रोटीन और फाइबर काफी होता है, यदि आप प्रतिदिन एक्सरसाइज के बाद इसे खाते हैं, तो जल्दी भूख नहीं लगेगी । यह हेल्दी भी है, जिससे शरीर कमजोर नहीं होगा । एक मुट्ठी बादाम खाने से पेट भरा रहता है और आप एनर्जेटिक भी महसूस करेंगे । 4. अंडे का सफेद भाग अंडा तो आप खाते ही होंगे, लेकिन वजन कम करना है, तो अंडे का सफेद भाग खाएं, क्योंकि इसमें वसा की मात्रा काफी कम होती है । अंडे के व्हाइट हिस्से में कोलेस्ट्रॉल अधिक नहीं होता है । साथ ही इसमें प्रोटीन भी होता है, जो आंखों, बाल, त्वचा के लिए भी जरूरी है । एक्सरसाइज करने के बाद आप एक अंडा जरूर खाएं, खासकर जब आप सुबह के समय एक्सरसाइज करते हैं । 5. दही इस दही में कैल्शियम के साथ प्रोटीन भी होता है । ग्रीक योगर्ट में नॉर्मल दही की तुलना में प्रोटीन काफी अधिक मात्रा में होता है । कार्बोहाइड्रेट आधा होता है, इसलिए यह वजन कम करने के लिए हेल्दी विकल्प है । शादी है नजदीक और डबल चिन करनी है जल्दी कम? तो रोज 5 मिनट करें फिश फेस एक्सरसाइज क्या आप बस किसी भी तरह से डबन चिन से छुटकारा पाना चाहते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो आज आप एकदम सही जगह पर आ गए हैं । क्योंकि डबल चिन को कम करने के लिए आपको किसी नुस्खे की नहीं बल्कि हल्की फुल्की एक्सरसाइज की जरूरत होती है । असल में डबल चिन जिनती जिद्दी दिखती है, उतनी होती नहीं है । अगर आप सही तरीके और सही एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें तो आप कुछ ही दिनों में डबल चिन से छुटकारा पा सकते हैं । डबल चाइन तब बनती है जब आपके जबड़े और कॉलर बोन के बीच की मांसपेशी फैट को स्टोर करने लगती है । डबल चिन होने से आप अपनी उम्र से काफी बड़े भी लग सकते हैं । नियमित व्यायाम और उचित आहार आपको इस जगह के फैट को करने में मदद कर सकता है और आपकी चिन को टोन में ला सकता है । आज हम आपको डबल चिन को कम करने के लिए जो फिश फेस एक्सरसाइज बता रहे हैं तह तभी फायदेमंद होंगी जब आप उन्हें बार बार करेंगे । तो आइए जानते हैं क्या हैं फिश फेस एक्सरसाइज समेत 3 अन्य एक्सरसाइज और- फिश फेस यह व्यायाम आपके गाल और ठोड़ी की मांसपेशियों को टोन करने का एक प्रभावी तरीका है । यह आपके गाल की मांसपेशियों को खींचकर आपके गर्दन के क्षेत्र में होने वाली अकड़ को काफी कम करने में मदद करती है । इसे करने के लिए एक जगह पर आराम से बैठें और फिर अपने गालों में हवा भरकर अपने मुंह को मछली की तरह आगे की ओर करें । इस मुद्रा में कम से कम 5 सेकंड तक रुकें । जब आप ऐसा कर रहे होंगे तो आपको अपने गाल और जबड़े में अकड़न या जलन महसूस होगी, जो इस एक्सरसाइज के दौरान होनी भी चाहिए । इस व्यायाम को जितना हो सके उतनी बार दोहराएं । आपको रिजल्ट बहुत जल्दी दिखेगा । नेक रोटेशन गले की चर्बी को कम करने के लिए नेक रोटेशन कमाल का फायदा करती है । इस एक्सरसाइज से डबल चिन कम होने में भी मदद मिलती है । इस करना भी बेहद आसान है और किसी इक्यूपमेंट की जरूरत भी नहीं पड़ेगी । इसे करने के लिए अपनी गर्दन को घड़ी की तरह गोल गोल घुमाएं । एक बार में एक तरफ कम से कम 10 फेर करें । उसके बाद​ फिर दूसरी तरफ करें । इससे आपके कंधों और गर्दन में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छी तरह से होगा और कंधे से संबंधित समस्याएं भी नहीं होंगी । बॉल एक्सरसाइज क्या अपनी घिसी पिटी फेशियल एक्सरसाइज से बोर आ गए हैं और कुछ मजेदार करना चाहते हैं? अगर हां तो बॉल एक्सरसाइज करना शुरू करें । ये आपके ​फेशियल फैट को कम करने के साथ ही आपको इंट​रेस्टिंग भी लगेगी । इसे करने के लिए एक छोटी, आसानी से पकड़ने वाली बॉल लें । अब इस गेंद को अपनी ठोड़ी के नीचे रखें और गेंद पर दबाव डालते हुए धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को नीचे की ओर करें । एक बार में इसे 20 से 30 बार करें । च्यूइंग गम चबाना आपने भी कभी कभी जरूर सुना होगा कि च्यूइंग गम चबाना डबल चिन या गालों को कम करने में मदद करता है । आपको बता दें कि आपने एकदम सही सुना है । जब आप च्यूइंग गम चबाते हैं तो आपके मुंह की एक्सरसाइज होती है । यह एक्सरसाइज आपके फेस और जॉ मसल्स के लिए भी काफी अच्छी होती है । वे लोग, जिन्हें जिम जाना पसंद नहीं या फिर जिन्हें इंटेंस वर्कआउट करना अच्छा नहीं लगता उनके लिए फिट और स्वस्थ रहना का सबसे अच्छा तरीका है वॉकिंग । इन सबमें दिलचस्प बात यह है कि एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि भोजन के बाद टहलना आपको अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है । मौसम बदलते ही कई तरह की शारीरिक समस्याएं नजर आने लगती हैं, इसमें मुख्य समस्या है शरीर में दर्द होना । अक्सर, सर्दी के मौसम रहने लगता है । कई बार चोट लगने से भी शरीर में दर्द होता है, तो कई बार शरीर में दर्द के कई अन्य कारण भी होते हैं । अधिक काम करने, एक्सरसाइज करने, तेज दौड़ने से भी शरीर में दर्द का अनुभव होता है । इसके अलावा, शरीर में दर्द फ्लू, इंफेक्शन आदि होने पर भी हो सकता है । वैसे बदन या शरीर दर्द की समस्या आज कॉमन होती जा रही है । इसके पीछे बेतरतीब जीवनशैली भी जिम्मेदार है । इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं । बार-बार दर्द से पीछा छुड़ाने के लिए पेनकिलर खाने के कुछ साइड एफेक्ट्स भी हो सकते हैं । हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जिसके सेवन से आप शरीर के दर्द से राहत पा सकते हैं । शरीर में दर्द होने के कारण 1 क्रोनिक फटीग सिंड्रोम होने पर भी थकान महसूस होता है । इसमें मांसपेशियों, गले और सोते समय शरीर के कई हिस्सों में दर्द महसूस हो सकता है । 2 हाइपोथाइरॉइड होने पर भी शरीर में दर्द, सूजन और थकान होती है । 3 जब शरीर में सही तरीके से ब्लड सर्कुलेशन ना हो, तो आपको हाथ-पैर, अन्य मांसपेशियों में दर्द होने लगता है । 4 सीजनल फ्लू होने पर भी बुखार में शरीर में दर्द होने लगता है । मसल्स में दर्द होने लगता है । 5 इंफ्लेमेटरी डिसऑर्डर पोलिमेल्जिया रुमेटिका रोग होने पर भी गर्दन, कंधों, कूल्हों और जांघों में दर्द होता है । हल्दी हल्दी कई रोगों का इलाज करती है । इसमें सूजन को दूर करने के गुण मौजूदि होते हैं । आयुर्वेद में हल्दी को प्राकृतिक दर्द निवारक दवा बताया गया है । यदि मौसम बदलने के कारण, बुखार में या मांसपेशियों में चोट लगने के कारण दर्द हो रहा है, तो आप हल्दी का सेवन करें । शरीर में दर्द हो या कोई चोट या घाव हो गया हो, आप हल्दी को दूध में मिलाकर पिएं या इसका लेप लगाएं । सेब के सिरके से भी शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा पा सकते हैं । बाल्टी में गर्म पानी डालकर उसमें एक से दो कप सेब का सिरका मिलाएं । पैरों में दर्द है, तो बाल्टी में पैरों को डुबाकर रखें । आप सिरका मिला पानी से स्नान करेंगे,  तो सर्दियों में होने वाले बदन दर्द से छुटकारा मिलेगा । अदरक सूजन को कम करता है । बदन दर्द होने पर आप अदरक वाली चाय पी सकते हैं । अदरक के पेस्ट को भी दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द कम होता है । अदरक आपको कई अन्य रोगों से बचाकर रखता है । इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं । सर्दी-खांसी, गले में खराश होने पर अदरक की चाय या काढ़ा पीना फायदेमंद होता है । बढ़ते मोटापे से आज काफी लोग परेशान हैं । बढ़ते वजन से शरीर काफी बेडौल हो जाता है । शरीर की फिनटनेस के लिए हम ना जाने क्या-क्या उपाय करते हैं, पर मोटापा और पेट की बढ़ रही चर्बी से छुटकारा पाने में असमर्थ ही रहते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि घर पर रखी उपयोगी चीजों को खाकर आप घर बैठे ही आराम से शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को कम कर सकते हैं? वजन कम करना चाहते हैं, तो फिर केला खाने के बाद गुनगुना पानी पिएंगे, तो निश्चित ही आप अपने वजन से छुटकारा पा सकते हैं । यूं करें गुनगुने पानी के साथ केले का सेवन – यदि आप पूरे दिन केले का सेवन करें तो, इसका प्रभाव आपके शरीर के वजन पर नहीं पड़ेगा, लेकिन यदि आप सुबह इसका सेवन करेंगे, तो इससे सेहत पर काफी अच्छा असर पड़ता है । सुबह के समय खाली पेट एक केले को खाने के बाद गुनगुने पानी का सेवन करें । इससे जल्द ही पेट की बढ़ती चर्बी से आपको छुटकारा मिल सकता है । – केले का सेवन सुबह करने से यह आपके शरीर पर काफी अच्छा असर डालता है । इसे आप बहुत आसानी के साथ रोज की दिनचर्या में शामिल कर इसका पालन कर सकते हैं । इसका सेवन रोज सुबह करने से ये आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाता है और आपके पाचन में सुधार करता हैं । केले में ग्लाइसेमिक और स्टार्च की मात्रा पाई जाती है, जो हमारे आहार को पचानें में सहायता करती है । इसका सेवन करने से शरीर में दिन भर ताजगी बनी रहती है । केला ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है । – जो इस आहार का सेवन करना चाहते हैं, उन्हे कुछ नियमों का पालन करना काफी आवश्यक है । केले का सेवन आप हमेशा सुबह 8 बजे से पहले ही करें । इसके बाद खाना खाने के लिए सलाह दी जाती है । रात के खाने के बाद आप मीठे का सेवन ना करके एक ताजा केले का सेवन करें । इसके अलावा नीचे दिए गए नमूने को अमल करें । – यदी आप केले का सेवन करने का बाद गुनगुने पानी पी रहे हैं, तो ये आपके सेहत पर सही असर करेगा पर यदि आप केले के साथ ठंडे पानी के सेवन के बारें में सोच रहे हैं, तो इससे आपकी पाचन क्रिया धीमी गति से काम करेगी । इससे वजन भी कम नहीं होगा । यह आपके पाचन क्रिया को भी धीमा कर देती है । मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता है । यानी ये इतनी पौष्टिक है जितना कि बादाम । जबकि इसके रेट इतने कम होते हैं कि कोई भी इसे आराम से खरीद सकता है । इसलिए लोग मूंगफली को बड़े शौक से खाते हैं । है । इसे आहार विशेषज्ञ हेल्‍दी स्‍नैक्‍स मानते हैं, जिससे सेहत के साथ-साथ वेट मेंटेन रखने में भी मदद मिलती है । ये है मूंगफली की पौष्टिकता प्रोटीन का हेल्‍दी और हाई सोर्स है मूंगफली । प्रोटीन के साथ ही इसमें विटामिन डी, विटामिन ई, मिनरल्‍स, फोलेट, पोटेशियम, नियासिन और थियामिन भी पाया जाता है । जो अन्‍य किसी आहार में इतनी ज्‍यादा मात्रा में उपलब्‍ध नहीं होते हैं । इसमें मौजूद विटामिन डी बोन हेल्‍थ को बनाए रखने में भी काफी मददगार है । जिससे ये बढ़ते बच्‍चों और महिलाओं के लिए बहुत जरूरी मानी जाती है । हेल्‍दी स्‍नैक्‍स है मूंगफली लंच के बाद और डिनर से पहले एक लंबा अंतराल होता है । इस दौरान । पर डीप फ्राईड फूड या जंक फूड खाने से बेहतर है कि आप इस दौरान मूंगफली का सेवन करें । इसमें मौजून मोनोअनसैचुरेटेड फैट आपका वजन नहीं बढ़ने देते । जबकि सेहत भी बनाए रखते हैं । इनडोर जॉब करने वाले लोगों में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो जाती है । जिससे उनमें मानसिक अवसाद बढ़ने का खतरा भी हो जाता है । उससे बचने के लिए मूंगफली का सेवन किया जा सकता है । मूंगफली के साथ करें वेट लॉस इसमें मौजूद फाइबर और मोनोअनसैचुरेटेड फैट कैलोरी बर्न करने में काफी मददगार साबित होते हैं । इससे आपका मेटाबॉलिज्‍म सुधरता है । पाचन तंत्र ठीक होने से आप जो भी आहार ग्रहण करते हैं, वह जल्‍दी ही पच जाता है और वजन नहीं बढ़ने देता । अगर आप वेटलॉस करना चाहते हैं तो फ्राइड मूंगफली की बजाए । ये है बेस्‍ट ऑप्‍शन मूंगफली को अपनी डाइट में शामिल करने का बेस्‍ट ऑप्‍शन है कि आप भुनी हुई मूंगफली का चयन करें । हालांकि मूंगफली का सेवन करने के कई तरीके हो सकते हैं । इसे पोहा, उपमा, नमकीन आदि में भी मिक्‍स किया जा सकता है । पीनट बटर भी एक हेल्‍दी ऑप्‍शन है । कुछ लोग मूंगफली को मसाले के साथ फ्राई करके खाना भी पसंद करते हैं । पर भुनी हुई बिना मसाले की मूंगफली सबसे हेल्‍दी विकल्‍प है । क्या आप बढ़ते वजन, बाहर निकलते हुए तोंद, बेली फैट, कब्ज, गैस जैसी समस्याओं से परेशान हैं? यदि हां, तो अजवायन-जीरा पानी पीकर अपनी इन समस्याओं समाधान कर सकते हैं । यह एक खास औषधि पेय है, जिसे पीते ही आपका वजन और तोंद कम होने लगेगा । यकीन नहीं, तो एक महीने के लिए इस पेय पदार्थ को पीकर देखें । जीरा और अजवायन पानी शरीर पर जादुई असर करता है । यह मोटापा, वजन, बेली फैट घटाने के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों को जड़ से मिटाने में सहायक है । कब पिएं यह अजवायन और जीरा पानी अजवायन और जीरा पानी रोज सुबह खाली पेट पिएं । लगातार 20 से 25 दिन पीने पर ही असर दिखने लगेगा । जीरा-अजवायन पानी पीकर कोई भी शरीर के बढ़ते वजन पर काबू पा सकता है । यदि आप इसे लगातार 2-3 महीने पी लिए, तो शरीर पहले जैसा दुबला-पतला हो जाएगा । तेजी से वजन घटाने में अजवायन और जीरा मिला हुआ पानी का सेवन अचूक औषधि रूप है । आपको चाहिए जीरा  1 चम्मच 1 चम्मच अजवायन 1 गिलास पानी बनाने का तरीका अजवायन और जीरा को रात में 1 गिलास पानी में भिगो कर रख दें । सुबह उठकर हल्की आंच में उबालें । फिर उबले हुए इस पानी को छान लें । इसे गुनगुना होने पर पिएं । अजवायन और जीरा को चबाएं नहीं सिर्फ पानी ही पिएं । अजवायन-जीरा पानी पीने के 1 घंटे के बाद ही हेल्दी चाय, काॅफी आदि पिएं । जल्दी फायदे के लिए जीरा-अजवायन पानी दिन के खाने से 1 घंटे पहले भी पी सकते हैं । इस पानी को पीने के साथ तलीभुनी चीजें, जंकफूड, फास्टफूड्स, शराब, बीयर, आलू, चावल अधिक मीठी चीजें खाना कम कर दें । सुबह शाम सैर, योग, व्यायाम, वर्कआउट करें । भोजन सीमित मात्रा में खाएं । भूख से 20 प्रतिशत तक कम खाएं । रात में हल्का भोजन करें । हरी सब्जियां, फल, फलों का जूस, संतुलित आहार डाइट में शामिल करें । गर्मियों में वजन घटाना आसान होता या नहीं इसको लेकर लोग बहुत सर्च करते हैं । एक्सपर्ट्स की मानें तो गर्मियों में वजन घटाना आसान होने के साथ-साथ वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है । गर्मियों में जितना आसान होता है उतनी ही सतर्कता की जरूरत होती है । अगर आप भी कुछ किलो वजन घटाना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में जरूर रखें । वजन घटाना तब और आसान हो जाता है जब आप डाइट में ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेते हैं । गर्मी के मौसम में इंसान खुद भी ज्यादा हैवी खाना नहीं खाना चाहता है । जब आप गर्मी के मौसम में ज्यादा तरल पदार्थ उपयोग करते हैं और वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज करते हैं तो वजन कम करने का प्रोसेस आसान हो जाता है । आइए जानते हैं गर्मी में वजन घटाने के लिए कौन-कौन सी बातें जरूरी होती हैं । गर्मी के मौसम में वजन घटाने के लिए स्पेशल डाइट गर्मी के मौसम में वजन घटाने के लिए स्पेशल डाइट रूल बनाना होता है । इस डाइट में आपको कोई भी चीज को बहुत ज्यादा हैवी नहीं बनाना है । तेल और अन्य फैट वाले खाद्य पदार्थों को कम से कम खाना है । ऐसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना है जो तरह होने के साथ आपको पर्याप्त पोषण भी देने वाली हो । आइए जानते हैं 5 ऐसे फूड के बारे में जो गर्मी के मौसम में वजन घटाने में आपकी मदद करती हैं । गर्मी में वजन घटाने के लिए दही का सेवन अगर आप गर्मियों में वजन घटाना चाह रही हैं तो आपको दही का सेवन जरूर करना चाहिए । दही का सेवन आप वैसे भी रोजाना डाइट में कर सकते हैं. अगर आप वजन नहीं घटा रहे हैं. दही का सेवन पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए भी किया जाना जरूरी होता है । दही में पर्याप्त प्रोबायोटिक तत्व पाये जाते हैं जो शरीर में वजन बढ़ाने वाले तत्वों को भी कम करते हैं । वजन घटाने में छाछ का सेवन है फायदेमंद वजन घटाना चाहते हैं तो आपको गर्मी के मौसम में छाछ का सेवन जरूर करना चाहिए । छाछ में पर्याप्त मात्रा में पानी तो होती ही है साथ में पाचन तंत्र को ठीक करने में भी मददगार होता है । छाछ ऐसा तरल खाद्य पदार्थ है जो पोषण देने के साथ आपको गर्मियों में हाइड्रेट भी रखता है । गर्मियों में वजन घटाना आसान करती है लौकी गर्मियों में सबसे ज्यादा लौकी की सब्जी पैदा होती है । गर्मी के मौसम में लौकी का सेवन आपको गर्मी की वजह से होने वाली बीमारियों से भी बचाता है । अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं तो आपको सप्ताह में 2 दिन लौकी की सब्जी जरूरी खाना चाहिए । गर्मी के मौसम में आप लौकी के जूस का भी सेवन कर सकते हैं । नींबू पानी गर्मी में वजन घटाता है गर्मियों में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाल नींबू आपका वजन भी घटा सकता है । लेकिन इसके लिए आपको नींबू के उपयोग के बारे में सतर्क होना पड़ेगा । गर्मी के मौसम में सुबह खाली पेट नींबू पानी पी सकते हैं । खाने में सलाद के साथ और खाने में मिलाकर भी आप नींबू का उपयोग कर सकते हैं । सलाद का सेवन गर्मियों में वजन घटाना करता है आसान 'बदकिस्मती है कि सरकार डॉक्टरों को सैल्यूट करती है, लेकिन उन्हें काम के समय रुकने के लिए अलग कमरे नहीं दे सकती। पाकिस्तान में मरीज का इलाज करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित हुई एक महिला चिकित्सक डॉ शारबत ने पाकिस्तान की बदइंतजामी की पोल खोलते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर यह टिप्पणी की। उन्हाेंने मरीजों को संभालने में हुई इन बदइंतजामियों को संक्रमण फैलने की वजह बताया। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के बाल एवं महिला चिकित्सालय में कार्यरत इस डॉक्टर ने एक कमरे में खुद को कैद करने के बाद यह वीडियो तैयार किया। वीडियो में डॉ. शारबत ने बताया कि लक्षण मिलने के बावजूद उनकी एक सहकर्मी चिकित्सक को जबरन काम करवाया गया। इसके बाद मंगलवार को संबंधित अस्पताल के 15 लोग संक्रमित मिले। सरकार ने इसे सील करवा दिया। डॉक्टरों को जहां ठहराया गया है, वहां शौचालय व अन्य सुविधाएं नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वे घर नहीं जाना चाहती क्योंकि वहां उनके बेटे व पति को संक्रमण होने का अंदेशा है। कई बार अधिकारियों से बात करने पर भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। जिस पर उन्होंने दुख और नाराजगी जताई। पाकिस्तान में संक्रमितों की संख्या 30 हजार के करीब पहुंच रही है, यहां रोजाना 1500 से 2000 मामले मिल रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय समन्वय समिति अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार से लॉकडाउन में ढील देने की घोषणा की है। 'बदकिस्मती है कि सरकार डॉक्टरों को सैल्यूट करती है, लेकिन उन्हें काम के समय रुकने के लिए अलग कमरे नहीं दे सकती। पाकिस्तान में मरीज का इलाज करते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित हुई एक महिला चिकित्सक डॉ शारबत ने पाकिस्तान की बदइंतजामी की पोल खोलते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर यह टिप्पणी की। उन्हाेंने मरीजों को संभालने में हुई इन बदइंतजामियों को संक्रमण फैलने की वजह बताया। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के बाल एवं महिला चिकित्सालय में कार्यरत इस डॉक्टर ने एक कमरे में खुद को कैद करने के बाद यह वीडियो तैयार किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्मीद है कि प्रदेश जल्द ही कोरोना संकट से उबर जाएगा। वह मानते हैं कि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है और पहले से चल रही योजनाएं प्रभावित हुई हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि अगले तीन-चार माह में स्थिति सामान्य हो जाएगी और एक साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले की तरह पटरी पर आ जाएगी। सीएम योगी के अनुसार यूपी कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अभी प्रदेश में रोजाना 10 हजार टेस्ट हो रहे हैं। 15 जून तक यह क्षमता 15 हजार प्रतिदिन हो जाएगी। योगी ने कहा कि अगर मार्च में लॉकडाउन न होता तो भारत जैसे 135 करोड़ की आबादी वाले देश में आज स्थिति भयावह होती। प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इनकी ऊर्जा व प्रतिभा का इस्तेमाल किया जाएगा। बीते तीन माह में कोरोना के कारण सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों समेत अन्य मुद्दों पर सीएम योगी ने बृहस्पतिवार को राजीव सिंह व अनिल श्रीवास्तव से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंशः- कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने में कहां तक कामयाब रहे हैं? कोरोना से निपटने के लिए हमारी तैयारी पूरी है। इस समय हमारे पास एक लाख एक हजार बेड हैं। भगवान करे ऐसी स्थिति न आए, लेकिन अगर संक्रमण फैलता है तो हमारे पास 15 लाख लोगों को क्वारंटीन सेंटर में रखने की व्यवस्था है। आज एक दिन में 10 हजार लोगों की जांच कर सकते हैं। 15 जून तक यह क्षमता बढ़कर 15 हजार तक पहुंचा देंगे। नॉन कोविड हास्पिटल में भी बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर फोकस है। जिनको कोरोना नहीं, अन्य बीमारियां हैं उनके लिए भी इमरजेंसी सेवाएं चलें इसके लिए खास ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का पीक अभी बाकी है। लॉकडाउन खुल गया है। ऐसे में सरकार की क्या रणनीति है? विशेषज्ञ कहते थे कि मई अंत तक यूपी में 65 से 70 हजार केस होंगे। हम लोगों ने उसे 8 हजार तक सीमित कर दिया। इनमें से 5000 से ज्यादा ठीक होकर घर जा चुके हैं। लॉकडाउन का मकसद लोगों को जागरूक करना था। इसी का नतीजा है आज हम लोग संक्रमण की स्टेज को हर स्तर पर रोकते गए, तोड़ते गए। अब हर व्यक्ति घर से बाहर निकलने पर मास्क लगा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है। सरकार की कोशिश है कि लोग स्वयं इसका कड़ाई से पालन करें। सावधानी ही कोरोना जैसे संक्रमण से उन्हें बचा पाएगी। कोरोना से जंग की चुनौतियों को कैसे संभाला? मैं मूल रूप से आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। जीवन में संतुलन ही अध्यात्म है। संतुलन बनाए रखना ही जीवन की कला होती है। इसी को जीना कहते हैं। व्यक्ति जब अपने जीवन में संतुलन ला देता है तो सफलता का रास्ता अपने आप खुल जाता है। सकारात्मक और नकारात्मक चीजें चलती रहती हैं। इनमें संतुलन ही कामयाबी की ओर ले जाता है। - योगी आदित्यनाथ क्या आपको लगता है कि लॉकडाउन का निर्णय सही समय पर किया गया? प्रधानमंत्री ने जिस समय लॉकडाउन की घोषणा की थी, वह सबसे उपयुक्त समय था। अगर लॉकडाउन मार्च में नहीं होता तो भारत की स्थिति बहुत खराब होती। यह सही समय पर उठाया गया सही कदम था। लॉकडाउन का फायदा यह हुआ कि 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में संक्रमण के केस दो लाख हैं। मौत के आंकड़े 6000 के अंदर हैं। अमेरिका की आबादी के हिसाब से देखें तो दोनों देशों में कोरोना संक्रमण एक साथ आया था। अमेरिका का हेल्थ सिस्टम हमसे ज्यादा मजबूत है। इसके बावजूद अमेरिका में संक्रमण 18 लाख और मौत का आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है। कम आबादी के बावजूद वहां संक्रमण ज्यादा फैल गया। भारत ने समय पर निर्णय लेकर और कोरोना के संक्रमण को रोकने के साथ ही लोगों की जान बचाने का काम किया। चीन से पलायन करने वाली कंपनियों के यूपी में निवेश करने की कितनी संभावनाएं देखते हैं? हमारे यहां अनुकूल परिस्थितियां हैं। देश का सबसे बड़ा बाजार है। हम इसका फायदा उठाएंगे। निवेशकों को हर तरह की सुविधाएं व सहूलियतें देंगे। यूपी इसके लिए पूरी तरह तैयार है। यूपी की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। राजस्व वसूली में भी भारी गिरावट आई है। भरपाई कैसे करेंगे? जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है तो आर्थिक समृद्धि जनता की खुशहाली के लिए होती है। पहले जनता की जान बचाना आवश्यक था। उसमें काफी हद तक सफलता मिली। अब चार चरणों के लॉकडाउन के बाद अनलॉक की घोषणा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की ही दिशा में एक बड़ा कदम है। लगभग सभी चीजें अपने रूटीन पर आ चुकी हैं। मुझे लगता है कि एक-दो महीने में सारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। हमारी अपनी कार्ययोजनाएं थीं, लेकिन हमें कोरोना में उलझना पड़ा। सारे संसाधन और सारी शक्ति लगानी पड़ी। जैसे ही हम इससे उबरेंगे, सभी कार्य पुरानी स्थिति में आ जाएंगे। तीन-चार महीने का गैप तो आ ही जाएगा। इसकी भरपाई करने में एक साल लग जाएगा। अगर इस दौरान हम कोरोना पर काबू कर लेंगे तो एक साल के अंदर पुरानी वाली स्थिति प्राप्त कर लेंगे। कोरोना के कारण पैदा हुए हालात में यूपी के लिए क्या संभावनाएं देखते हैं? ढेर सारी संभावनाएं हंै। निवेश के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ का जो पैकेज घोषित किया है, उससे समाज का कोई तबका वंचित नहीं रहेगा। एमएसएमई सेक्टर के लिए जिस प्रकार की घोषणाएं की गई हैं, वे नए सिरे से एक स्वावलंबी व आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करेंगी। यूपी एमएसएमई का सबसे बड़ा हब रहा है। पटरी व्यवसायी, ठेला, रेहड़ी, खोमचा लगाने वाले स्ट्रीट वेंडर आदि के बारे में जो घोषणाएं व कार्यक्रम, किसानों के लिए ब्लाॅक व पंचायत स्तर पर किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) के माध्यम से भंडारण की व्यवस्था और उस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने की कार्यवाही, एक देश एक बाजार की व्यवस्था को लागू करना देशहित में उठाए गए बड़े कदम हैं। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 8 जून से धार्मिक स्थल खुलने हैं। इसे लेकर आपकी क्या रणनीति है? इसके लिए भी नियमावली बनाएंगे। उसी के अनुसार सारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की कार्यवाही की जाएगी। भारत सरकार के अनुरूप प्रदेश सरकार भी गाइडलाइन तैयार करेगी। सभी स्वयंसेवी, सामाजिक संगठनों और सभी धर्म गुरुओं ने बहुत सहयोग किया है। संक्रमण और न फैले, इसके लिए क्या इंतजाम किए गए हैं? संक्रमण से सबको बचाया जा सकता है बशर्ते मरीज की समय पर जांच हो जाए। कोरोना के इलाज की सारी व्यवस्थाएं भी हैं, लेकिन इसमें विलंब होने से स्थिति बिगड़ रही है। सबसे बड़ी चुनौती लोगों को जागरूक करने की है कि वे बीमारी न छिपाएं। सरकार ने सर्विलांस सिस्टम तैयार कराया है, लेकिन लोगों को भी आगे आना होगा। बीमारी को छिपाने का सीधा अर्थ है कि वे इसे फैला रहे हैं। इस जटिल समय में आप कैसे अपने को मजबूत रखकर शासन चला रहे हैं? यह टीम वर्क है। केंद्र सरकार का सहयोग है। एक टीम काम कर रही है। जनप्रतिनिधि हैं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हैं, कोरोना वारियर्स हैं। मीडिया की पॉजिटिव खबरें इन चीजों को आगे बढ़ाने में योगदान दे रही हैं। कोरोना काल में कई बार नकारात्मक सूचनाएं ज्यादा आती हैं। ऐसे में तनाव से दूर कैसे रह पाते हैं? ये चीजें चलती रहती हैं। अच्छी हों या बुरी। जीवन एक संतुलन का नाम है। यह संतुलन आप कैसे करते हैं? मैं मूल रूप से आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। जीवन में संतुलन ही अध्यात्म है। संतुलन बनाए रखना ही जीवन की कला होती है। इसी को जीना कहते हैं। व्यक्ति जब अपने जीवन में संतुलन ला देता है, तो सफलता का रास्ता अपने आप खुल जाता है। क्या प्रवासियों के कारण स्थिति कुछ बिगड़ी है या उनमें संक्रमण फैलने का डर अब भी है? ऐसा कुछ नहीं। प्रवासी मजदूरों के सामने भी परेशानी थी। उनकी परेशानी का समाधान होना आवश्यक था। हम लोगों ने भारत सरकार के सहयोग से उनको राहत देने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाई। आज बाहर से आया हर व्यक्ति अपने गांव-घर पहुंचकर सुकून महसूस कर रहा है। वहां उन्हें सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गांरटी देने जा रही है। हम सभी को पूरी मजबूती के साथ सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देंगे। यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का उनकी ऊर्जा व प्रतिभा का इस्तेमाल होगा। किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में विशेष घोषणा करके सहायता उपलब्ध कराई गई। हर किसान को 2000 रुपये महीने उनके अकाउंट में सीधे भेजा जा रहा है। खाते में दो बार पैसा आ चुका है। तीसरी बार आने जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि कोरोना संकट में सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं है? कांग्रेस को जमीनी हकीकत नहीं दिख रही है। या यूं कहें कि कांग्रेसी नेता जमीन पर उतरना ही नहीं चाहते हैं। उन्हें प्रदेश की व्यवस्था को देखने के लिए धरातल पर आना होगा। क्या प्रदेश में पंचायत चुनाव टलने की संभावना है? इस बारे में अभी कुछ कह नहीं सकते। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हर परिस्थिति पर विचार करने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा। प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल संक्रमण न फैले इस दिशा में क्या प्रयास किए जा रहे हैं? जब कोरोना संकट शुरू हुआ तब केजीएमयू से कोविड अस्पताल की शुरूआत की गई। फिर प्रदेश में त्रिस्तरीय अस्पताल की व्यवस्था बनाई गई। इनमें लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 के अस्पताल बनाए गए। लेवल-1 में सामान्य बेड और आक्सीजन की व्यवस्था भी की गई। लेवल-2 को कोविड अस्पताल बनाया गया, इनमें सभी बेडों पर ऑक्सीजन के साथ कुछ वेंटीलेटर की व्यवस्था की गई। लेवल-3 के अस्पताल में सभी बेड पर वेंटीलेटर के साथ साथ डायलिसिस समेत तमाम प्रकार की सुविधाएं दी गईं। प्रदेश में लेवल-1 के 403 अस्पताल बनाए गए हैं, जिनमें 22,934 बेड हैं। प्रदेश के हर जिले में एक-एक लेवल-2 के अस्पताल हैं। इन 75 अस्पतालों में 16,212 बेड हैं। जबकि लेवल-3 के 25 अस्पतालों में 12,090 बेड की व्यवस्था है। कोविड अस्पतालों की मॉनिटरिंग के लिए क्या इंतजाम हैं? प्रदेश में कोविड अस्पताल में हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। इनमें पीपीई किट, एन 95 मास्क, ग्लव्स समेत सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। हर जगह इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था की गई है। आरटीपीसीआर से सैंपल की रिपोर्ट आते-आते 12 घंटे लग जाते थे। सरकार ने ट्रूनेट मशीनें मंगवाई। इससे एक घंटे में रिपोर्ट आ जाती है। इन मशीनों को नान कोविड अस्पतालों के इमरजेंसी सेवाओं में लगाया जा रहा है। कोविड व नान कोविड अस्पतालों, कम्युनिटी किचन और क्वारंटीन सेंटर की मॉनिटरिंग के लिए हर जिले में विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। बहुत से श्रमिक-कामगार बेरोजगार हो गए। इनके लिए आपकी सरकार क्या कर रही है? लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के 119 चीनी मिलों में पेराई जारी रही। 12 हजार ईंट भट्ठे चले। 2500 कोल्ड स्टोरेज पर काम जारी रहा। लॉकडाउन के दूसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ किया गया। 850 उद्योगों में काम शुरू हुआ। इसमें 65 हजार से ज्यादा कामगारों ने काम शुरू किया। एमएसएमई की 3.25 लाख इकाइयां शुरू हुईं, जहां 25.50 लाख से ज्यादा लोगों को काम मिला। सूक्ष्म श्रेणी के 80 हजार से ज्यादा उद्यम में 2.50 लाख से ज्यादा कामगारों और श्रमिकों को काम मिला। मनरेगा में 40 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। वापस आए श्रमिकों की वजह से कोरोना फैल रहा है, इसकी रोकथाम के लिए क्या योजना है? वापस आए कामगारों-श्रमिकों की स्क्रीनिंग के लिए एक लाख टीमें कार्य कर रही हैं। अब तक 4.85 करोड़ से अधिक मेडिकल स्क्रीनिंग की गई है। इसके अलावा शहरों व गांवों में निगरानी समितियां कार्य कर रही हैं। ये होम क्वारंटीन लोगों की निगरानी में जुटी हैं। वापस आ रहे श्रमिकों-कामगारों को 15 दिन क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है। जहां उन्हें भोजन से लेकर मेडिकल परीक्षण की व्यवस्था मुहैया करवाई गई है। जिनमें लक्षण दिखे, उनकी जांच की गई। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बाहरी राज्यों से लौटे श्रमिक हमारे लिए संपदा बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिकों-कामगारों की स्किल मैपिंग हुई है। उनके हुनर के मुताबिक उन्हें प्रदेश में ही रोजगार और नौकरी मुहैया करवाई जा रही है। इसके लिए प्रवासी आयोग बनाया जा रहा है। सरकार के साथ उद्योग एमओयू कर रहे हैं। फिक्की समेत कई बड़े औद्योगिक संगठन रोजगार देने के लिए आगे आ रहे हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिक हमारे लिए संपदा हैं। इन्हें रोजगार मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता है। दूसरे राज्यों में काम करने वाले श्रमिक व कामगार यूपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती थे? लॉकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली व हरियाणा से पलायन कर रहे श्रमिक-कामगार थे। ये यूपी-बिहार के थे। हमने 24 घंटे के अंदर इस समस्या का समाधान किया। इसके बाद हमारे लिए तब्लीगी जमात चुनौती बनकर सामने आई। उनसे संक्रमण न फैले, इसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा कर इलाज करवाया गया। पहले चरण के बाद संक्रमण फैलने से रोकने की चुनौती थी। इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ करने की चुनौती। लॉकडाउन में हमने कोटा से बच्चों को निशुल्क व सुरक्षित घर पहुंचाया। लॉकडाउन के तीसरे चरण में हमारे लिए बाहरी राज्यों से वापस आने वाले श्रमिक व कामगार बड़ी चुनौती थे। सरकार ने अपने संसाधन व खर्च से इनकी सुरक्षित वापसी के लिए काम शुरू किया। हम 28 लाख से अधिक श्रमिकों-कामगारों को दूसरे राज्यों से यूपी लाए, जबकि 4 लाख से अधिक कामगार-श्रमिक अपने साधन से वापस आए। शुरुआत में दिल्ली से लगे जिलों में मामले ज्यादा आए। अब ये पूर्वांचल के जिलों में भी पहुंच गया है। अब जो नए तरीके से केस सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए क्या रणनीति में कुछ बदलाव की जरूरत महसूस कर रहे हैं? हमें पता है कि कोरोना प्रभावित प्रदेशों से करीब 32 लाख से अधिक श्रमिक-कामगार वापस आए हैं। हम इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं कि उन्हें बचना है और साथ आ रहे संक्रमण को फैलने से रोकना है। हमने उन सभी क्षेत्रों पर फोकस किया है। गाजियाबाद में देखा जाए तो दिल्ली से अप-डाउन करने वालों में भी संक्रमण पाया गया। दोनों सीमाओं के जिला प्रशासन को काफी सख्ती करनी पड़ी। पहले लॉकडाउन था तो आदमी का फ्री मूवमेंट बंद था। आज फ्री मूवमेंट है, इसलिए अब सावधानी और सतर्क ता पहले की तुलना में ज्यादा आवश्यक है। सार लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पहला इंटरव्यू कोरोना की चुनौती के लिए यूपी पूरी तरह तैयार जरूरत पड़ी तो 15 लाख लोगों को कर सकते हैं क्वारंटीन 15 जून तक 15 हजार तक पहुंचा देंगे जांच की क्षमता विस्तार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्मीद है कि प्रदेश जल्द ही कोरोना संकट से उबर जाएगा। वह मानते हैं कि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है और पहले से चल रही योजनाएं प्रभावित हुई हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि अगले तीन-चार माह में स्थिति सामान्य हो जाएगी और एक साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले की तरह पटरी पर आ जाएगी। सीएम योगी के अनुसार यूपी कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अभी प्रदेश में रोजाना 10 हजार टेस्ट हो रहे हैं। 15 जून तक यह क्षमता 15 हजार प्रतिदिन हो जाएगी। योगी ने कहा कि अगर मार्च में लॉकडाउन न होता तो भारत जैसे 135 करोड़ की आबादी वाले देश में आज स्थिति भयावह होती। प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इनकी ऊर्जा व प्रतिभा का इस्तेमाल किया जाएगा। बीते तीन माह में कोरोना के कारण सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों समेत अन्य मुद्दों पर सीएम योगी ने बृहस्पतिवार को राजीव सिंह व अनिल श्रीवास्तव से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंशः- कोरोना वायरस को हराने में देश के स्वास्थ्यकर्मी दिन रात एक किए हुए हैं। नर्स दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रयासों की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नर्सों के योगदान के लिए देश हमेशा उनका आभारी रहेगा। ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा, 'अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस हमारी धरती को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए दिन-रात काम करने वाली हमारी नर्सो के प्रति आभार व्यक्त करने का एक विशेष दिवस है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वे (नर्स) कोविड-19 को पराजित करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। हम उन नर्सों और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति आभारी हैं । मोदी ने कहा कि फ्लोरेंस नाइटिंगल से प्रेरित हमारी कठिन परिश्रमी नर्स जबरदस्त करुणा से भरी हुई हैं। हम उनके कल्याण के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर पुष्टि करते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में अधिक ध्यान देने को प्रतिबद्ध हैं ताकि इनकी कमी न हो। इनके बिना हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई नहीं जीतेंगे: हर्षवर्धन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने नर्सों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि नर्सों और दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के बिना इस महामारी के खिलाफ लड़ाई नहीं जीती जा सकेगी। हर्षवर्धन ने इस बात पर जोर दिया कि नर्सों को सभी तरह के प्रोटोकॉल, बीमारी, संक्रमण एवं इसके नियंत्रण के बारे में सूचना दी जाए ताकि वे न सिर्फ अपनी सुरक्षा कर सकें, बल्कि दूसरों को भी उचित सलाह दे सकें। उन्होंने कहा, 'मैं पुणे की स्टाफ नर्स ज्योति विठल रक्षा, पुणे की ही सहायक मेट्रॅन अनीता राठौड़ और ईएसआई अस्पताल (झिलमिल) की नर्सिंग अधिकारी मार्गरेट को याद करता हूं जिन्हें हमने हाल ही में खोया है। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। कोरोना वायरस को हराने में देश के स्वास्थ्यकर्मी दिन रात एक किए हुए हैं। नर्स दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रयासों की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में नर्सों के योगदान के लिए देश हमेशा उनका आभारी रहेगा। टीवी और फिल्मों के महासंघ फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज (एफडब्लूआईसीई) ने बंद पड़ी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों की शूटिंग को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री से गुजारिश की है कि जो फिल्में पूरी हो चुकी हैं उनके पोस्ट प्रोडक्शन का काम करने के लिए फिल्म निर्माताओं को सरकार की तरफ से इजाजत दे दी जाए। फेडरेशन की तरफ से जारी की गई एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि देश में अकस्मात हुए लॉकडाउन की वजह से मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री को भारी नुकसान से गुजरना पड़ रहा है। सभी फिल्मों और टीवी की शूटिंग रुकी हुई है जबकि कुछ फिल्में ऐसी हैं जिनकी शूटिंग पूरी हो चुकी है लेकिन सिर्फ पोस्ट प्रोडक्शन का काम जैसे; एडिटिंग, म्यूजिक रिकॉर्डिंग, साउंड रिकॉर्डिंग, आदि ही बाकी हैं। यह कुछ ऐसे काम है जिनको थोड़े से ही कर्मचारी एक बंद स्टूडियो में अंजाम दे सकते हैं। पढ़ें: टिकटॉक की ब्रांड इमेज को कोरोना ने दिया जोर का झटका, इमेज बचाने के लिए फैजल सिद्दीकी का अकाउंट बैन पत्र में सरकार से विनती करते हुए कहा गया है कि जिन फिल्म निर्माताओं ने फिल्मों में एक बड़ी रकम लगाई है उनके लिए यह पोस्ट प्रोडक्शन का काम हो जाना ही एक बड़ी राहत होगी। कृपया निर्माताओं को इतनी छूट दी जाए कि वह थोड़े से टेक्नीशियन लेकर अपनी तैयार हो चुकी फिल्मों के बाद का काम खत्म कर सकें। साथ ही फेडरेशन सरकार को यह भरोसा दिलाती है कि इस काम के दौरान सरकार स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित जो भी गाइडलाइन तय करेगी उनका कार्य स्थलों पर पूरी तरह से पालन होगा। बता दें कि सलमान खान और अक्षय कुमार जैसे हिंदी सिनेमा के बड़े बड़े अभिनेताओं की 'राधे- योर मोस्ट वांटेड भाई' और 'लक्ष्मी बम' जैसी कुछ फिल्में सिर्फ पोस्ट प्रोडक्शन का काम पूरा ना होने की वजह से रुकी पड़ी हैं। इसके अलावा कई छोटे बजट की फिल्में भी हैं जो फिल्म की शूटिंग खत्म होने के बावजूद अभी तक पर्दे पर अपनी जगह नहीं बना पा रही हैं। पढ़ें: नवाज और उनके बेटे ने अपनी अपनी मां के साथ मनाया जन्मदिन, पत्नी ने शुरू किया शादी से पहले के. .. सार शूटिंग को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है सभी फिल्मों और टीवी की शूटिंग रुकी हुई है जबकि कुछ फिल्में ऐसी हैं जिनकी शूटिंग पूरी हो चुकी है विस्तार टीवी और फिल्मों के महासंघ फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज (एफडब्लूआईसीई) ने बंद पड़ी फिल्मों और टीवी धारावाहिकों की शूटिंग को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री से गुजारिश की है कि जो फिल्में पूरी हो चुकी हैं उनके पोस्ट प्रोडक्शन का काम करने के लिए फिल्म निर्माताओं को सरकार की तरफ से इजाजत दे दी जाए। देश में सरकार ने घरेलू उड़ानों को शुरू करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, उड़ान सेवा शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि एक विमान में कोरोना वायरस से संक्रमित यात्री यात्रा करते पाया गया है। दरअसल, एयर इंडिया की दिल्ली-लुधियाना उड़ान में एक कोरोना मरीज की यात्रा करने के बाद एहतियातन सभी यात्रियों और क्रू सदस्यों को क्वारंटीन किया गया है। देश में सरकार ने घरेलू उड़ानों को शुरू करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, उड़ान सेवा शुरू हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि एक विमान में कोरोना वायरस से संक्रमित यात्री यात्रा करते पाया गया है। दरअसल, एयर इंडिया की दिल्ली-लुधियाना उड़ान में एक कोरोना मरीज की यात्रा करने के बाद एहतियातन सभी यात्रियों और क्रू सदस्यों को क्वारंटीन किया गया है। महाराष्ट्र में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को राज्य में 2436 नए कोरोना संक्रमित सामने आए। जबकि 60 संक्रमितों की मौत हो गई। इसमें से 38 मरीजों की मौत मुंबई में हुई है। इससे राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1695 हो गई है। सूबे में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 52, 667 हो गई जिसमें से 35,178 ऐक्टिव मरीज बताए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि एक दिन में 15, 786 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए गए हैं। जिसमें से सर्वाधिक मरीज मुंबई के हैं। मुंबई में खतरा बढ़ा: धारावी, माहिम और दादर में मिले 96 संक्रमित देश में कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बनी मुंबई में खतरा बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी और उससे सटे माहिम व दादर में 96 नए संक्रमित सामने आए। इनमें धारावी में 42, माहिम में 34 और दादर के 20 मरीज शामिल है। वहीं, मुंबई एक दिन में 1430 नए मरीज मिले। इससे मुंबई और आसपास में कोरोना संक्रमितों की संख्या 40, 438 तक पहुंच गई है। कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप से बेहाल महाराष्ट्र सरकार ने इससे निपटने के लिए केरल से मदद मांगी है। महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) ने कोरोना से जंग में अस्थायी आधार पर डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम भेजने का आग्रह किया है। केरल सरकार ने अपनी मेडिकल टीम भेजकर राज्य की मदद करने की पेशकश की थी। इस प्रस्ताव के बाद ही औपचारिक अनुरोध किया गया। डीएमईआर के डॉ. टीपी लहाणे ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इससे राज्य के स्वास्थ्य ढांचे खासकर मानव संसाधन की कमी के मामले में भारी दबाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमारे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपनी पूरी क्षमता से काम रहे हैं। राज्य सरकार निजी डॉक्टरों की भी सेवाएं ले रही है लेकिन हमें और डॉक्टरों व नर्सों की आवश्यकता है। इसके लिए हमने केरल सरकार को 50 डॉक्टर और 100 नर्सों को भेजने का अनुरोध किया है। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और केरल की उनकी समकक्ष केके शैलजा के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लंबी चर्चा हुई थी। इस दौरान कोरोना वायरस से निपटने पर भी अनुभव साझा हुए थे। सार सोमवार को राज्य में 2436 नए कोरोना संक्रमित सामने आए कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1695 हो गई धारावी, माहिम और दादर में मिले 96 संक्रमित विस्तार महाराष्ट्र में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को राज्य में 2436 नए कोरोना संक्रमित सामने आए। जबकि 60 संक्रमितों की मौत हो गई। इसमें से 38 मरीजों की मौत मुंबई में हुई है। इससे राज्य में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1695 हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए भारत को वेंटिलेटर देने का एलान किया है। शनिवार को ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व है कि अमेरिका भारत में हमारे दोस्तों को वेंटिलेटर दान करेगा। हम इस महामारी के वक्त भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं। हम वैक्सीन बनाने में भी सहयोग कर रहे हैं। हम साथ मिलकर इस अदृश्य दुश्मन से लड़ेंगे। ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, 'भारत बहुत महान देश है और प्रधानमंत्री मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। मैं कुछ दिन पहले ही भारत से लौटा हूं और हमलोग एक साथ (पीएम मोदी) रहे। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में नई दिल्ली, अहमदाबाद और आगरा दौरे का जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि दोनों देश कोरोना वायरस महामारी को हराने के लिए एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि अमेरिका और भारत एक टीके को विकसित करने में एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि दोनों देश मिलकर इस अदृश्य शत्रु को हरा देंगे। ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को घातक कोरोना वायरस के लिए दवाएं और वैक्सीन विकसित करने में उनके प्रयासों की सराहना की। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका महामारी से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी भारतीय आबादी है और आप जिन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं, उनमें से कई वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं। उनमें महान वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल हैं। इससे पहले भारत ने कोविड-19 से लड़ने में मदद करने के लिए अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजी थी। अमेरिका में कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौत के आंकड़े बहुत ज्यादा हैं। यहां वायरस के कारण 87 हजार लोगों की जान जा चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 14 लाख पर पहुंच गई है। वहीं भारत की बात करें तो कोरोना मरीजों के मामले में शुक्रवार को चीन को पीछे छोड़ दिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आ रहे आंकड़े के अनुसार देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 85,000 को पार कर गई और जो कि चीन में वर्तमान मरीजों की संख्या से अधिक है, जहां अब तक कुल 82,933 मामले सामने आए हैं। चीन का वुहान शहर, जहां से यह महामारी उत्पन्न हुई थी वहां कुछ नए मामले आए हैं। इसके बावजूद भारत संक्रमित मरीजों की संख्या के मामले में आगे निकल गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन में 4,633 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई थी जबकि 78,000 से अधिक लोग संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं। सार कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए भारत को वेंटिलेटर देगा अमेरिका। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और भारत एक टीके को विकसित करने में एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण 87 हजार लोगों की जान जा चुकी है। विस्तार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए भारत को वेंटिलेटर देने का एलान किया है। शनिवार को ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व है कि अमेरिका भारत में हमारे दोस्तों को वेंटिलेटर दान करेगा। हम इस महामारी के वक्त भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं। हम वैक्सीन बनाने में भी सहयोग कर रहे हैं। हम साथ मिलकर इस अदृश्य दुश्मन से लड़ेंगे। ' अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस की हिरासत में हत्या को लेकर लंदन में भी जारी प्रदर्शन शनिवार को उग्र हो उठे। ब्रिटिश राजधानी में नस्लवाद के खिलाफ हो रहे मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए। इस दौरान जमकर हाथापाई हुई, जिसमें 23 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस के लाठीचार्ज में सैकड़ों प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए। लंदन के पुलिस अधीक्षक जो एडवर्ड्स ने बताया, कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद पार्लियामेंट स्क्वायर पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए। वे सरकारी इमारतों की ओर कूच करने लगे। ऐसे में जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। इसके बाद घुड़सवार पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। हालांकि हालातों पर जल्द ही काबू पा लिया गया। बता दें कि अमेरिका और लंदन के अलावा फ्लॉयड की हत्या के विरोध में इटली, ग्रीस, जर्मनी, फ्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस की हिरासत में हत्या को लेकर लंदन में भी जारी प्रदर्शन शनिवार को उग्र हो उठे। ब्रिटिश राजधानी में नस्लवाद के खिलाफ हो रहे मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए। इस दौरान जमकर हाथापाई हुई, जिसमें 23 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस के लाठीचार्ज में सैकड़ों प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए। श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा ने कहा कि क्रिकेट सामाजिक खेल है और यह देखना रोचक होगा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद खेल की बहाली होने पर खिलाड़ी आईसीसी के नए दिशा निर्देशों का कैसे पालन करते हैं। कोरोना महामारी के कारण मार्च से क्रिकेट बंद है। अब आईसीसी ने इसकी बहाली के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिनमें सामाजिक दूरी के नियम का पालन और गेंद को सुरक्षित रखना शामिल है। आईसीसी की क्रिकेट समिति ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया है। मेरिलबोन क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष संगकारा ने स्टार स्पोटर्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' से कहा, 'स्पिनरों या तेज गेंदबाजों के लिए गेंद को चमकाने की प्रक्रिया स्वाभाविक है। वे बचपन से ऐसा करते आए हैं। उन्होंने कहा, 'क्रिकेट सामाजिक खेल है। आप ड्रेसिंग रूम में समय बिताते हैं, बात करते हैं। ऐसे में बिना अभ्यास के सीधे खेलने आना और चुपचाप घर चले जाना। यह देखना रोचक होगा कि खिलाड़ी यह कैसे कर पाते हैं। श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा ने कहा कि क्रिकेट सामाजिक खेल है और यह देखना रोचक होगा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद खेल की बहाली होने पर खिलाड़ी आईसीसी के नए दिशा निर्देशों का कैसे पालन करते हैं। न्यूजीलैंड में कोरोना वायरस का लगभग उन्मूलन हो गया है और 50 लाख की आबादी वाले इस देश में आज की तारीख में महामारी का केवल एकमात्र सक्रिय मामला बचा है, लेकिन दुनिया के अन्य देशों में स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और पाकिस्तान में इस विषाणु के कहर से बड़ी संख्या में मौत होने की खबर है। अमेरिका में धीरे-धीरे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खुलने के बावजूद पिछले सप्ताह महामारी से उत्पन्न स्थितियों के चलते 20 लाख से अधिक लोग बेरोजगार हो गए। अब यह डर बढ़ता जा रहा है कि कोरोना वायरस दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है। लोगों की नौकरी छिनने संबंधी अमेरिकी श्रम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस के चलते मार्च के मध्य में हुई तालाबंदी के बाद से चार करोड़ दस लाख अमेरिकी लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया है। न्यूजीलैंड में एक सप्ताह से कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। देश में कोरोना वायरस की चपेट में आए 1,504 लोगों में से 22 की मौत हो गई है और एक व्यक्ति को छोड़कर शेष अन्य ठीक हो गए हैं। पाकिस्तान में शुक्रवार को कोरोना वायरस से 57 लोगों की मौत दर्ज की गई जो देश में महामारी के शुरू होने के बाद से एक दिन में मौतों का सर्वाधिक आंकड़ा है। इसके साथ ही देश में महामारी से मरनवालों की कुल संख्या 1,300 के आंकड़े को पार कर गई है और संक्रमण के मामलों की संख्या 64 हजार से अधिक हो गई है। फिलीपीन में दो महीने से अधिक समय से चली आ रही कड़ी पाबंदी के बाद राजधानी मनीला में लॉकडाउन में ढील देने का निर्णय किया गया है जहां हाल में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखने को मिली थी। अमेरिका में इस महामारी से सर्वाधिक मौत हुई हैं और मृतकों की संख्या 1,01,000 के आंकड़े को पार कर गई है। हालांकि, देश के आर्थिक आंकड़ों में कुछ उत्साहजनक संकेत दिखे हैं। संकट शुरू होने के बाद से बेरोजगारी भत्ते का लाभ ले रहे लोगों की संख्या ढाई करोड़ से घटकर दो करोड़ दस लाख रह गई है। अमेरिका में अप्रैल में बेरोजगारी की दर 14.7 प्रतिशत थी और कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मई में यह 20 प्रतिशत रहेगी। सार 50 लाख की आबादी वाले इस देश में कोरोना का सिर्फ एक सक्रिय मामला। दुनिया के अन्य देशों में स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। न्यूजीलैंड में एक सप्ताह से कोरोना वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। विस्तार न्यूजीलैंड में कोरोना वायरस का लगभग उन्मूलन हो गया है और 50 लाख की आबादी वाले इस देश में आज की तारीख में महामारी का केवल एकमात्र सक्रिय मामला बचा है, लेकिन दुनिया के अन्य देशों में स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और पाकिस्तान में इस विषाणु के कहर से बड़ी संख्या में मौत होने की खबर है। लॉकडाउन को ध्यान में रखकर डीटीएच कंपनी टाटा स्काई (Tata Sky) ने यूजर्स को खास तोहफा दिया है। दरअसल, कंपनी ने 10 फ्री चैनल को 30 अप्रैल तक मुफ्त में उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि यह 10 चैनल वही है, जिनको 14 अप्रैल तक मुफ्त में उपलब्ध कराया गया था। इससे पहले कंपनी ने टाटा स्काई ब्रॉडबैंड के तहत अनलिमिटेड इंटरनेट उपयोग करने वाले यूजर्स के लिए एफयूपी लिमिट तय करने की बात कही थी। कंपनी के मुताबिक, डांस स्टोडियो को चैनल नंबर 123, फन लर्न को चैनल नंबर 664, कुकिंग क्लास को चैनल नंबर 127, फिटनेस को चैनल नंबर 110, स्मार्ट मैनेजर को चैनल नंबर 701, Vedic Maths को चैनल नंबर 702, क्लासरूम को चैनल नंबर 660 और ब्यूटी को चैनल नंबर 150 पर देखा जा सकेगा। टाटा स्काई ने इससे पहले ब्रॉडबैंड यूजर्स को झटका देते हुए इंटरनेट पर एफयूपी लिमिट लगाने का फैसला लिया था। वहीं, कंपनी का कहना था कि यूजर्स को डाटा एफयूपी लिमिट के साथ ही दिया जाएगा। आपको बता दें कि इस समय टाटा स्काई के चार ब्रॉडबैंड प्लान बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक प्लान शामिल हैं। भारत में कोरोना वायरस की स्थिति कोरोना वायरस की वजह से अब तक 437 लोगों की मौत हो गई हैं और 13,387 लोग इससे संक्रमित हैं। वहीं, अभी तक 1,749 लोग ठीक हो चुके हैं। लॉकडाउन को ध्यान में रखकर डीटीएच कंपनी टाटा स्काई (Tata Sky) ने यूजर्स को खास तोहफा दिया है। दरअसल, कंपनी ने 10 फ्री चैनल को 30 अप्रैल तक मुफ्त में उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि यह 10 चैनल वही है, जिनको 14 अप्रैल तक मुफ्त में उपलब्ध कराया गया था। इससे पहले कंपनी ने टाटा स्काई ब्रॉडबैंड के तहत अनलिमिटेड इंटरनेट उपयोग करने वाले यूजर्स के लिए एफयूपी लिमिट तय करने की बात कही थी। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझने में लगी हुई है। भारत भी इस जानलेवा वायरस से मुकाबले के लिए अपना सबकुछ झोंकने में लगा हुआ है और इस कड़ी मेहनत का फल भी हमें दिख रहा है। कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों की तुलना करें तो दुनिया के मुकाबले हम कहीं बेहतर स्थिति में हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान, उपचार से कुल 2,350 कोविड-19 रोगी ठीक हो चुके हैं। इसके साथ ही ठीक हो चुके रोगियों की कुल संख्या 39,174 हो गई है। रोगियों के ठीक होने की दर  38.73 प्रतिशत हो चुकी है। रोगियो के ठीक होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। प्रति लाख आबादी पर मृत्यु दर के मामले में, भारत का आंकड़ा अभी तक प्रति लाख आबादी पर 0.2 मौतों का है जबकि पूरी दुनिया में प्रति लाख आबादी पर मौत की दर 4.1 है। डब्ल्यूएचओ ने ऐसे देशों की सूची जारी की, जहां प्रति लाख जनसंख्या पर सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। देश कुल मौत प्रति लाख मौत विश्व 311847 4.1 अमरीका 87180 26.6 ब्रिटेन 34636 52.1 इटली 31908 52.8 फ्रांस 28059 41.9 स्पेन 27650 59.2 ब्राजील 15633 7.5 बेल्जियम 9052 79.3 जर्मनी 7935 9.6 ईरान 6988 8.5 कनाडा 5702 15.4 नीदरलैंड 5680 33 मेक्सिको 5045 4 चीन 4645 0.3 टर्की 4140 5 स्वीडन 3679 36.1 भारत 3163* 0.2 यह आंकड़े 19 मई की शाम तक हैं। इस टेबल के अनुसार भारत की स्थिति कई देशों की तुलना में ज्यादा बेहतर है। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस से जूझने में लगी हुई है। भारत भी इस जानलेवा वायरस से मुकाबले के लिए अपना सबकुछ झोंकने में लगा हुआ है और इस कड़ी मेहनत का फल भी हमें दिख रहा है। कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों की तुलना करें तो दुनिया के मुकाबले हम कहीं बेहतर स्थिति में हैं। भारत में कोरोना परीक्षणों की संख्या गुरुवार को 20 लाख के पार हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, 'हमारा लक्ष्य मई के अंत तक 20 लाख परीक्षणों को पार करना था लेकिन हमने इसे अपने लक्ष्य से दो सप्ताह पहले ही पूरा कर लिया है। भारत में कोरोना की जांच करने वाली 504 प्रयोगशालाएं हैं। इसमें 359 सरकारी और 145 निजी प्रयोगशालाएं हैं। हमने एक लाख परीक्षणों की दैनिक क्षमता को भी पार कर लिया है। अभी तक भारत ने अपनी प्रति मिलियन जनसंख्या में 1,540 लोगों का परीक्षण किया है। यह मार्च के अंत में 94.5 प्रति मिलियन जनसंख्या की तुलना में अधिक था लेकिन अभी भी अन्य देशों में प्रति मिलियन परीक्षणों की तुलना में यह बहुत कम है। अमेरिका, स्पेन, रूस, ब्रिटेन और इटली में यह संख्या क्रमशः 31,080, 52,781, 42,403, 32,691, और 45,246 है। मंत्री ने कहा कि संक्रमण का डबलिंग (दोहरीकरण) रेट 13.9 दिन हो गया है। जो 14 दिन पहले 11.1 दिन था। हर्षवर्धन ने कहा, मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत है और मरीजों के ठीक होने की दर में सुधार हुआ है जो बुधवार को 32.83 प्रतिशत से बढ़कर 33.6 प्रतिशत हो गई है। आईसीयू में सक्रिय मामलों की संख्या तीन प्रतिशत है। इसमें से 0.39 प्रतिशत वेंटिलेटर पर और 2.7 को ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। अप्रैल एक से कोविड-19 परीक्षणों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है। कोविड-19 रोग का पता रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) का उपयोग करके किया जाता है, जोकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित कोरोना के लिए एकमात्र नैदानिक परीक्षण है। पर्यावरण सचिव और स्वास्थ्य आपातकाल की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री की उच्च-स्तरीय समिति के सह-अध्यक्ष सीके मिश्रा ने कहा, यदि आवश्यक हो तो भारत के पास वर्तमान में आराम से परीक्षण करने के लिए पर्याप्त बैक-अप संसाधन उपलब्ध हैं। हमने आयात पर अपनी निर्भरता काफी हद तक कम कर दी है और स्थानीय विनिर्माण बढ़ने के बाद इसमें कोई कमी नहीं आ रही है। हमारे पास जुलाई तक चलने के लिए पर्याप्त परीक्षण किट, आरएनए किट, वीटीएम और अन्य घटक हैं। भारत में कोरोना परीक्षणों की संख्या गुरुवार को 20 लाख के पार हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा, 'हमारा लक्ष्य मई के अंत तक 20 लाख परीक्षणों को पार करना था लेकिन हमने इसे अपने लक्ष्य से दो सप्ताह पहले ही पूरा कर लिया है। भारत में कोरोना की जांच करने वाली 504 प्रयोगशालाएं हैं। इसमें 359 सरकारी और 145 निजी प्रयोगशालाएं हैं। हमने एक लाख परीक्षणों की दैनिक क्षमता को भी पार कर लिया है। ' कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में सरकार के शराब के होम डिलीवरी के आदेश के बाद से कई ग्राहकों ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बना कर ग्राहकों को लूटने का अनूठा तरीका अपनाया है। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि आरोपी नकली फेसबुक अकाउंट पर नामी शराब कंपनियों के ऑर्डर लेने का दावा करते हैं और उसके बाद क्रेडिट/डेबिट कार्ड से ग्राहकों से पैसे ले लेते हैं। एक फिल्म निर्माता ने बताया कि उन्होंने फेसबुक पर उल्लिखित जुहू स्थित किसी दुकान के नंबर पर 40,000 रुपये के शराब का ऑर्डर दिया था। ऑर्डर लेने वाले के कहने पर उन्होंने 5,000 रुपये जमा करवाए। डिलीवरी नहीं मिलने पर  उन्होंने पता किया तो उनके होश उड़ गए। पता चला कि ये लोग धोखेबाज हैं और पश्चिम बंगाल के आसनसोल व बिहार में किसी स्थान से यह फर्जीवाड़ा चला रहे हैं। एक पूर्व नौसेना अधिकारी ने बताया कि फेसबुक पर दिए नंबर पर जब उन्होंने एक नामी ब्रांड की दुकान पर फोन लगाया तो उसने पहले डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने को कहा। जब ओटीपी नंबर साझा करने को कहा गया तो उन्हें शक हुआ। यहां के एक पूर्व विधायक ने कहा कि उनके कुछ दोस्तों ने ऐसी शिकायतें की हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से इसकी जांच करने को कहा है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में सरकार के शराब के होम डिलीवरी के आदेश के बाद से कई ग्राहकों ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बना कर ग्राहकों को लूटने का अनूठा तरीका अपनाया है। सरकार ने कॉरपोरेट जगत को बड़ी राहत देते हुए दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के प्रावधानों को निलंबित कर दिया है। इन कानूनों के तहत होने वाली कार्रवाई में लॉकडाउन के दिनों को नहीं गिना जाएगा। इस संबंध में सरकार ने शुक्रवार को दो अधिसूचना जारी की हैं। हालांकि अधिसूचना में लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख का उल्लेख नहीं है। जानकारी के अनुसार, पहली अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि के दौरान कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत कोई भी गतिविधि जो इस दौरान पूरी नहीं हो सकती है, उसे इस प्रक्रिया की टाइम-लाइन में नहीं गिना जाएगा। दूसरी अधिसूचना में भी लॉकडाउन की अवधि को गणना से बाहर किया गया है। इसमें कहा गया है कि परिसमापन (लिक्वीडिशन) प्रक्रिया के तहत आने वाली गतिविधि जो लॉकडाउन के दौरान पूरी नहीं हो सकती है, उसे इस प्रक्रिया की टाइम-लाइन में गणना से बाहर रखा गया है। लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर गौरव गुप्ते ने कहते हैं कि कानून के तहत सीमित समय-सीमा में कॉर्पोरेट व्यक्ति के संबंध में परिसमापन प्रक्रिया को पूरा करने का प्रावधान है, जब तक कि अधिनिर्णय प्राधिकारी द्वारा इसे विस्तारित नहीं किया जाता है। इसी तरह, एक मॉडल टाइमलाइन दी गई है जिसके भीतर विभिन्न आईबीसी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाना चाहिए। सरकार ने दो दिन पहले लिया था निर्णय बता दें कि सरकार ने दो दिन पहले कॉरपोरेट जगत को बड़ी राहत देते हुए बुधवार को दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के प्रावधानों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था। साथ ही कहा था कि वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस निलंबन को एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को कैबिनेट बैठक में ही आईबीसी की धारा 7, 9 और 10 लागू किए जाने पर छह महीने की रोक लगाने का फैसला किया गया था। अब कर्ज न चुकाने वाली कंपनियों के खिलाफ नए सिरे से दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें वे कंपनियां शामिल नहीं होंगी, जो पहले से ही प्रक्रिया में चली गई हैं। कोरोना महामारी के बीच कॉरपोरेट जगत को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है, जहां डिफाल्टर को अब न्यूनतम छह महीने तक दिवालिया कानून से छूट मिलेगी। इस कदम से बैंकों को भी अब कर्ज का पुनर्गठन करना होगा। अध्यादेश जारी होने के साथ ही नया नियम लागू हो जाएगा। अभी 90 दिन तक कर्ज न चुकाने पर डिफाल्टर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। नियमों में बदलाव को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही संकेत दे दिए थे। धारा 7, 9, 10 के मौजूदा प्रावधान धारा 7 : यह वित्तीय कर्जदाताओं को डिफॉल्टर्स के खिलाफ दिवालिया प्रावधान शुरू करने का अधिकार देता है। धारा 9 : यह संचालन कर्जदाताओं (आपूर्तिकर्ता कंपनियों) को डिफॉल्टर्स के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन का अधिकार देता है। धारा 10 : यह डिफॉल्ट करने वाली कंपनी को कॉरपोरेट दिवालिया प्रक्रिया में जाने के लिए आवेदन का अधिकार देता है। सरकार ने कॉरपोरेट जगत को बड़ी राहत देते हुए दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) के प्रावधानों को निलंबित कर दिया है। इन कानूनों के तहत होने वाली कार्रवाई में लॉकडाउन के दिनों को नहीं गिना जाएगा। इस संबंध में सरकार ने शुक्रवार को दो अधिसूचना जारी की हैं। हालांकि अधिसूचना में लॉकडाउन के खत्म होने की तारीख का उल्लेख नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को साफ किया कि सामान की आपूर्ति में लगे ट्रकों की अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए अलग से किसी पास (अनुमति पत्र) की कोई आवश्यकता नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे ट्रक चालकों का लाइसेंस ही काफी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ट्रकों की बिना रूकावट आवाजाही सुनिश्चित करने की बात कहते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि इस तरह की सूचनाएं हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों में राज्य की सीमाओं पर ट्रकों को आवाजाही में परेशानी आ रही है और स्थानीय अधिकारी अलग से पास की मांग कर रहे हैं। भल्ला ने राज्यों से कहा कि सभी ट्रकों और अन्य सामान ले जाने वाले वाहनों के साथ ही वैध लाइसेंसधारी दो चालकों और एक सहायक को बिना रूकावट आवाजाही की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, खाली अथवा भरे ट्रकों समेत और सामान ले जाने वाले वाहनों को अलग से किसी पास की जरूरत नहीं है। भल्ला ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान देशभर में जरूरी सामान और सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह बेहद जरूरी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को साफ किया कि सामान की आपूर्ति में लगे ट्रकों की अंतरराज्यीय आवाजाही के लिए अलग से किसी पास (अनुमति पत्र) की कोई आवश्यकता नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे ट्रक चालकों का लाइसेंस ही काफी है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इस वायरस से पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता। डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन बनने में कम से कम एक से डेढ़ साल लग सकते हैं। कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि वायरस से लड़ने के लिए सिर्फ इसकी वैक्सीन पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। दुनिया के जाने माने जानकारों ने ये चेतावनी दी है कि वैक्सीन कोरोना को हमेशा के लिए खत्म कर दें इस बात की कोई गारंटी नहीं है। इंपीरियल कॉलेज के वैश्विक स्वास्थ्य विभाग के प्रोफेसर डेविड नाबेरो ने ये कड़वा सच सबके सामने रखा है। यूनाइटेड किंगडम में अब तक 15,000 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। शनिवार को कोरोना से 888 नई मौतें हुई, जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या 5,525 से बढ़कर 1,14,217 पर पहुंच गई। मार्च के अंत में यूनाइटेड किंगडम सरकार के स्वास्थ्य सलाहकारों ने कहा था कि अगर देश में महामारी से कुल 20,000 ही मौतें होती हैं तो यह देश के बहुत अच्छा परिणाम होगा। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक केयर होम में ही छह हजार कोरोना मरीजों की मौत हो गई जिसे आधिकारिक आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया है। प्रो. नाबेरो के मुताबिक लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोरोना को खत्म करने के लिए बहुत जल्द एक वैक्सीन तैयार हो जाएगी। ऐसा जरूरी नहीं है कि हर वायरस को खत्म करने के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन बनाई जाए। कुछ वायरस बहुत ज्यादा खतरनाक होते हैं। इस वायरस के डर के साथ ही जिंदगी को दोबारा सामान्य करने के बारे में विचार करना होगा। प्रो नाबेरो के मुताबिक कोरोना से संक्रमित मरीजों को आइसोलेट करें और उनके संपर्क में जो व्यक्ति आए हैं उन पर निगरानी करें। बुजुर्ग लोगों की ज्यादा से ज्यादा देखभाल की जा सकती है। ऐसे मरीजों के लिए अस्पताल की सुविधाओं को बढ़ाया जाए। कुछ इस तरह इस वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है। यूनाइटेड किंगडम के स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि देश की सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के चलते ही इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। इसके अलावा अमीर देश गरीब देशों की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में ज्यादा से ज्यादा मदद करें। कोरोना वायरस महामारी से एक सबक यह सीखने को मिलता है कि वही देश सबसे ज्यादा मजबूत या शक्तिशाली है जहां संक्रमण की चेन कमजोर है। गरीब देशों को अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और स्वास्थ्य सुविधाओं की सप्लाई ही प्राथमिकता होनी चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के दूसरे बड़े पद पर अधिकारी के तौर पर बैठे प्रो नाबेरो का संदेश कई मायनों में सख्त है। इसस पहले डब्ल्यूएचओ की मारिया ने चेतावनी दी थी कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एक बार कोरोना होने के बाद दूसरी बार इंफेक्शन नहीं हो सकता। गौरतलब है कि कोरोना से अब तक दुनियाभर में 23 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और डेढ़ लाख के पार मौत का आंकड़ा पहुंच चुका है। कोरोना को हराने के लिए कई देशों ने लॉकडाउन लगाया हुआ है लेकिन इस वायरस का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है। जानकारों की माने तो ज्यादा से ज्यादा घरों में रहकर और एक दूसरे से दूरी बनाकर ही कोरोना को हराया जा सकता है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इस वायरस से पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता। डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन बनने में कम से कम एक से डेढ़ साल लग सकते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से संक्रमण के भारत में मामलों के बीच केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन की घोषणा की है। हालांकि इसके बावजूद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग के लिए सरकार ने देश में कोरोना के मामलों की संख्या के आधार पर विभिन्न इलाकों को तीन जोन में बांटा है। इनमें पहला है हॉटस्पॉट यानि रेड जोन, दूसरा है गैर हॉटस्पॉट यानि ऑरेंज जोन और तीसरा है ग्रीन जोन। आइए जानते हैं किस राज्य में कितने और कौन से जिले हैं जहां कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। किस जोन में कितने जिले हॉटस्पॉट-रेड जोन: 170 जिले। 123 में सर्वाधिक संक्रमण, 47 जिलों में क्लस्टर। यहां सघन अभियान चलाया जाएगा। गैर हॉटस्पॉट-ऑरेंज जोन: 207 जिले, इन जिलों में 15 से कम मरीज, इन्हें हर हाल में रेड जोन बनने से रोका जाना है। ग्रीन जोन: यह वो जिले हैं जहां संक्रमण के मामले नहीं हैं। नीचे उन जिलों की राज्यवार सूची दी गई है जहां कोरोना वायरस से संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। राज्य जिले आंध्रप्रदेश कुरनूल, गुंटूर, नेल्लोर, प्रकासम, कृष्णा, वायएसआर, पश्चिम गोदावरी, चित्तूर, विशाखापट्टनम, पूर्वी गोदावरी, अनंतपुर बिहार सिवान चंडीगढ़ चंडीगढ़ छत्तीसगढ़ कोरबा दिल्ली दक्षिण दिल्ली, दक्षिण—पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, पश्चिमी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, केंद्रीय दिल्ली, नई दिल्ली, पूर्व दिल्ली, दक्षिण—पश्चिमी दिल्ली गुजरात अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, भावनगर, राजकोट हरियाणा नूंह, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद जम्मू और कश्मीर श्रीनगर, बांदीपोरा, बारामूला, जम्मू, उधमपुर, कुपवाड़ा कर्नाटक बंगलूरू अर्बन, मैसूर, बेलागावी केरल कासरागोद, कुन्नूर, एर्नाकुलम, मलप्पुरम, तिरुवनंतपुरम, पथानाम्थित्ता मध्यप्रदेश इंदौर, भोपाल, खरगौन, उज्जैन, होशंगाबाद महाराष्ट्र मुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर, सांगली, अहमदनगर, यवतमाल, औरंगाबाद, बुलढाणा, मुंबई सबअर्बन, नासिक ओडिशा खोर्धा पंजाब साहिबजादा अजीत सिंह नगर, शहीद भगत सिंह नगर, जलंधर, पठानकोट राजस्थान जयपुर, टोंक, जोधपुर, बांसवाड़ा, कोटा, झुंनझुनूं, जैसलमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, झालावाड़, भरतपुर तमिलनाडु चेन्नई, त्रिचुरापल्ली, कोयंबटूर, तिरुनेलवेली, ईरोड, वेल्लोर, डिंडीगुल, विलुप्पुरम, तिरुप्पुर, तेनी, नामक्कल, चेंगलपट्टु, मदुरै, तूतीकोरिन, करुर, विरुद्धुनगर, कन्याकुमारी, कडलूर, थिरूवल्लूर, थिरूवरूर, सालेम, नागापट्टिनम तेलंगाना हैदराबाद, निजामाबाद, वारंगल अर्बन, रंगा रेड्डी, जोगुलाम्बा गद्वाल, मेडचल मल्काजगिरी, करीमनगर, निर्मल उत्तर प्रदेश आगरा, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, लखनऊ, गाजियाबाद, सहारनपुर, शामली, फिरोजाबाद, मुरादाबाद उत्तराखंड देहरादून पश्चिम बंगाल कोलकाता, हावड़ा, मेदिनीपुर पूर्व, 24 परगना उत्तर नीचे दी गई सूची उन जिलों की है, जहां कोरोना वायरस से निपटने के लिए क्लस्टर बनाए गए हैं। नीचे दी गई सूची उन गैर हॉटस्पॉट जिलों की है जहां मामले रिपोर्ट किए गए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से संक्रमण के भारत में मामलों के बीच केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन की घोषणा की है। हालांकि इसके बावजूद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग के लिए सरकार ने देश में कोरोना के मामलों की संख्या के आधार पर विभिन्न इलाकों को तीन जोन में बांटा है। इनमें पहला है हॉटस्पॉट यानि रेड जोन, दूसरा है गैर हॉटस्पॉट यानि ऑरेंज जोन और तीसरा है ग्रीन जोन। आइए जानते हैं किस राज्य में कितने और कौन से जिले हैं जहां कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। करीब एक महीने तक कोरोना से लड़ाई में सरकार को सहयोग का भरोसा देने के बाद अब कांग्रेस ने आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और खुद राहुल गांधी व उनकी टीम ने संभाली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को यह कहने में कोई संकोच नहीं होता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के रणनीतिकार भारतीय अर्थव्यवस्था का बेसिक्स नहीं समझ पा रहे हैं। चिदंबरम की यह टिप्पणी सरकार के आर्थिक क्षेत्र में लिए जाने वाले निर्णय को लेकर है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी आर्थिक मोर्चे पर सरकार की नीतियों को लेकर कुछ इसी तरह का सवाल उठाते हैं। कांग्रेस पार्टी की आर्थिक समझ का दारोमदार पिछले कुछ दशक से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निर्भर कर रहा है। इस पूरी टीम का मानना है कि केंद्र सरकार कोविड-19 से पैदा हुए जटिल हालात में यदि कुछ महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाती, तो अगले कुछ महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगने वाला है। कांग्रेस पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि यह एक गंभीर मुद्दा है। लोगों को जीवन के साथ-साथ रोजगार, गुणवत्ता का जीवन चाहिए। सुरजेवाला का कहना है कि कांग्रेस पार्टी कोविड-19 संक्रमण को लेकर लगातार रचनात्मक, सकारात्मक सहयोग कर रही है। हम इसे जारी रखेंगे, लेकिन इसके साथ-साथ महत्वपूर्ण मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान भी आकर्षित करेंगे। कांग्रेस करीब-करीब एक मत सुरजेवाला का कहना है कि यह हमारी जिम्मेदारी भी है। इसको केंद्र में रखकर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगातार एमएसएमई क्षेत्र के करीब 5000 लोगों से राय ली है। यह क्षेत्र लॉकडाउन के बाद भारी आर्थिक मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी समेत तमाम क्षेत्रों पर पड़ेगा। सुरजेवाला से पहले खुद राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को देश की अर्थव्यवस्था में पैसा डालना होगा ताकि आर्थिक क्षेत्र में तरलता आए। गरीब, मजदूर, किसान के जेब में पैसा होगा, अनाज होगा तो वह भूखा नहीं मरेगा। इससे अर्थव्यवस्था में गति आएगी। राहुल गांधी खुद इसे न्याय योजना की संज्ञा देते हैं। समझा जा रहा है कि इसको लेकर कांग्रेस करीब-करीब एक मत है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार को आर्थिक मामले में सुझाव देने के साथ घेराबंदी की जानी चाहिए। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इसी इरादे से लगातार केंद्र सरकार और उ.प्र. सरकार पर ट्वीट के जरिए हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दूसरी बार पांच बिन्दुओं पर सुझाव दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय सामने आनी तेज हुई है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि अब यह सिलसिला चलेगा। करीब एक महीने तक कोरोना से लड़ाई में सरकार को सहयोग का भरोसा देने के बाद अब कांग्रेस ने आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और खुद राहुल गांधी व उनकी टीम ने संभाली है। कोरोना संक्रमण को लेकर हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में आज आईसीएमआर ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने रखीं। डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कोरोना वायरस म्यूटेशन से लेकर बीसीजी टीके के इस्तेमाल और इससे बचाव की संभावना पर पत्रकारों के कई सवालों के जवाब दिए। सवाल- गुजरात बायोलॉजिकल रिसर्च सेंटर ने पाया कि वायरस का म्यूटेशन हो रहा है, क्या कहेंगे इसपर। गुजरात के रिसर्च सेंटर में होम जीनोम सीक्वेंसिंग हुआ है, ये पहला नहीं है, पहले भी कई जगहों पर हुआ है। अलग-अलग देशों के लोग अलग-अलग वायरस लेकर आए। हमारे यहां वुहान सीक्वेंसिंग वाले वायरस आए। फिर इटली और ईरान से संक्रमित लोग आए। ईरान से जो वायरस आया वो भी वुहान जैसा ही था। इटली वालों में यूरोप और यूएस वाले वायरस हमें दिखे। मुख्य कारण है कि ये लोग ज्यादा घूमते हैं। इस तरह से हमारे देश में अलग अलग किस्म के वायरस हैं। तो देखना होगा कि किस किस्म वाले वायरस से क्या बीमारी  हो रही है। ये वायरस जब बच्चे पैदा करता है तो वहीं एंजाइम इस्तेमाल करता है कि टाइप ए का रहूं, बी का या फिर सी का। ऐसे में दवा का असर भी नहीं होगा। वैक्सीन बनता है तो वो म्यूटेशन पर काम कर सकता है। लेकिन ये सहजता से नहीं होगा। ये वायरस बहुत जल्दी म्यूटेट नहीं होता है। अगर हम वैक्सीन बना पाए वो आगे भी काम करेगी। सवाल- आपने बीसीजी वैक्सीन के बारे में भी कहा था, इसका इस्तेमाल स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों पर पर कैसे होगा। इस सवाल पर उन्होंने कहा- बीसीजी वैक्सीन बच्चे के पैदा होते ही दी जाती है। लेकिन बीसीजी वैक्सीन टीबी रोकने का खतरा रोक नहीं पाती है। वैक्सीन लेने के बाद भी नई बीमारी को ये रोक नहीं सकती। सवाल ये कि क्या ये फायदेमंद है, तो मैं कहना चाहूंगा कि ये हमारे इम्यून सिस्टम को सुधारता है। लेकिन इस मामले में काम करेगा इसका चांस कम दिखता है। हालांकि इसका असर 15 साल तक रहता है। लोगों का कहना है कि 15 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को बीसीजी देकर क्या सुरक्षित हो सकते हैं, तो कहूंगा कि इसका सबूत मिला नहीं है। फिलहाल हम इसका लैब में परीक्षण कर रहे हैं, नतीजा जल्द आ जाएगा। सवाल- निजी अस्पतालों में पूलिंग टेस्ट शुरू हो गए हैं, ये किस तरह होंगे? इस सवाल पर डॉ. आर गंगाखेड़कर ने कहा- कल हमने पूल टेस्ट पर गाइडलाइन जारी की थी। जहां सेरोपॉजिटिविटी दो फीसदी से कम है, वहां पांच सैंपल लिए जाएं। इस तरह से कम टेस्ट करके ही हमें पता चल जाएगा कि ये संक्रमण कैसे बढ़ रहा है। हमने एकल टेस्ट (इंडिविजुअल डायग्नोसिस) के लिए इसलिए नहीं कहा क्योंकि इससे टेस्ट की कीमत पर असर पड़ेगा। निजी अस्पतालों को इस पर सोचना होगा। कोरोना संक्रमण को लेकर हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में आज आईसीएमआर ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने रखीं। डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने कोरोना वायरस म्यूटेशन से लेकर बीसीजी टीके के इस्तेमाल और इससे बचाव की संभावना पर पत्रकारों के कई सवालों के जवाब दिए। केंद्र सरकार ने 25 मई से घरेलू उड़ानों का परिचालन बहाल करने का फैसला किया है। देश में हवाई सेवा दो महीने के बाद शुरू होगी। इस क्रम में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यात्रा के लिए तय किराया और इससे जुड़ी शर्तें बताईं। साथ ही कहा कि अभी तक वंदे भारत मिशन के तहत 20 हजार से अधिक लोगों को वापस लाया गया है। इस दौरान नागरिक उड्डयन सचिव  क्या-क्या कहा हरदीप पुरी और उड्डयन सचिव ने पढ़ें- हमनें जब पांच मई को वंदे भारत मिशन की शुरुआत की थी तब हम वर्चुअली मिले थे। लेकिन 21 मई को आज हम आमने-सामने मिल रहे हैं, यह सबूत है कि हालात को सामान्य करने के लिए हमें काफी आत्मविश्वास मिला है। अबतक वंदे भारत मिशन के तहत 20 हजार से अधिक लोगों को वापस लाया गया है। वंदे भारत मिशन के तहत हमारा प्रयास सभी को वापस लाने का नहीं था, बल्कि हमारा पूरा जोर उन नागरिकों को निकालने का था जो सही मायनों में विदेशों में फंसे थे। हम 20,000 से अधिक नागरिकों को विभिन्न देशों से वापस लाए हैं। उस दौरान समय हमने यहां से विदेश जा रहे विमानों में अपने उन नागरिकों की वापसी का भी प्रबंध किया जो सामान्य रूप से विदेशों में रहने वाले हैं और नौकरियों और अन्य व्यवसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण यात्रा करने के इच्छुक थे। वंदे भारत मिशन के दूसरे सप्ताह में हमने संख्या में वृद्धि की, इसे दोगुना से अधिक किया। हम लोगों को वापस लाने की संख्या को और बढ़ाने जा रहे हैं। एयर इंडिया के अलावा निजी कंपनियों के विमान भी इस प्रयास में शामिल हो रहे हैं। घरेलू उड़ानों को शुरू करने के अनुभव के आधार पर हमें कुछ प्रक्रियाओं को बदलना पड़ सकता है, तभी हम अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बारे में सोचेंगे। 25 मई से हम घरेलू विमानों के संचालन को फिर से शुरू करेंगे। इस दौरान सभी यात्रियों को फेस मास्क और सैनिटाइजर बोतल साथ रखनी होगी। एयरलाइंस खाना नहीं देगी। पानी की बोतलें गैलरी एरिया या सीटों पर दी जाएंगी। एक सेल्फ डिक्लेरेशन या आरोग्य सेतु ऐप की मदद से यात्रियों के कोरोना के लक्षणों से मुक्त होने का पता लगाया जाएगा। आरोग्य सेतु ऐप पर लाल स्टेट्स वाले यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी केबिन क्रू को पूर्ण सुरक्षात्मक गियर में होना आवश्यक होगा। केवल एक चेक-इन बैग की अनुमति होगी। यात्रियों को प्रस्थान के समय से कम से कम 2 घंटे पहले रिपोर्ट करना होगा। किराये में एक तय सीमा में बदलाव होगा। यह आदेश जो आज जारी किया जा रहा है वह 24 अगस्त को 23:59 बजे तक लागू रहेगा। हमने एक न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित किया है। दिल्ली, मुंबई के मामले में 90-120 मिनट के बीच की यात्रा के लिए न्यूनतम किराया 3500 रुपये होगा, अधिकतम किराया 10,000 रुपये होगा। यह 24 अगस्त तक के लिए 3 महीने तक निर्धारित है। उड़ान मार्गों को कुल 7 मार्गों में वर्गीकृत किया गया है। 1) 40 मिनट से कम की फ्लाइट 2) 40-60 मिनट 3) 60-90 मिनट 4) 90-120 मिनट 5) 120-150 मिनट  6) 150-180 मिनट 7) 180-210 मिनट। देश के भीतर सभी मार्ग इन 7 मार्गों के भीतर आते हैं। 40% सीटें बैंड के मिडपॉइंट से कम किराये पर बेची जानी हैं। उदाहरण के लिए 3500 रुपये और 10000 रुपये का मिडपॉइंट 6700 रुपये है। इसलिए 40% सीटों को 6700 रुपये से कम कीमत पर बेचा जाना है। इस तरह हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किराया नियंत्रण से बाहर न हो: नागरिक उड्डयन सचिव मेट्रो से मेट्रो शहरों और मेट्रो से नॉन मेट्रो शहरों के लिए अलग नियम होंगे। मेट्रो से मेट्रो शहरों के लिए एक तिहाई उड़ानों को इजाजत मिली है। मेट्रो से मेट्रो शहरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे शहर शामिल हैं। केंद्र सरकार ने 25 मई से घरेलू उड़ानों का परिचालन बहाल करने का फैसला किया है। देश में हवाई सेवा दो महीने के बाद शुरू होगी। इस क्रम में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यात्रा के लिए तय किराया और इससे जुड़ी शर्तें बताईं। साथ ही कहा कि अभी तक वंदे भारत मिशन के तहत 20 हजार से अधिक लोगों को वापस लाया गया है। इस दौरान नागरिक उड्डयन सचिव  क्या-क्या कहा हरदीप पुरी और उड्डयन सचिव ने पढ़ें- हमनें जब पांच मई को वंदे भारत मिशन की शुरुआत की थी तब हम वर्चुअली मिले थे। लेकिन 21 मई को आज हम आमने-सामने मिल रहे हैं, यह सबूत है कि हालात को सामान्य करने के लिए हमें काफी आत्मविश्वास मिला है। अबतक वंदे भारत मिशन के तहत 20 हजार से अधिक लोगों को वापस लाया गया है। वंदे भारत मिशन के तहत हमारा प्रयास सभी को वापस लाने का नहीं था, बल्कि हमारा पूरा जोर उन नागरिकों को निकालने का था जो सही मायनों में विदेशों में फंसे थे। हम 20,000 से अधिक नागरिकों को विभिन्न देशों से वापस लाए हैं। उस दौरान समय हमने यहां से विदेश जा रहे विमानों में अपने उन नागरिकों की वापसी का भी प्रबंध किया जो सामान्य रूप से विदेशों में रहने वाले हैं और नौकरियों और अन्य व्यवसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण यात्रा करने के इच्छुक थे। वंदे भारत मिशन के दूसरे सप्ताह में हमने संख्या में वृद्धि की, इसे दोगुना से अधिक किया। हम लोगों को वापस लाने की संख्या को और बढ़ाने जा रहे हैं। एयर इंडिया के अलावा निजी कंपनियों के विमान भी इस प्रयास में शामिल हो रहे हैं। घरेलू उड़ानों को शुरू करने के अनुभव के आधार पर हमें कुछ प्रक्रियाओं को बदलना पड़ सकता है, तभी हम अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बारे में सोचेंगे। 25 मई से हम घरेलू विमानों के संचालन को फिर से शुरू करेंगे। इस दौरान सभी यात्रियों को फेस मास्क और सैनिटाइजर बोतल साथ रखनी होगी। एयरलाइंस खाना नहीं देगी। पानी की बोतलें गैलरी एरिया या सीटों पर दी जाएंगी। एक सेल्फ डिक्लेरेशन या आरोग्य सेतु ऐप की मदद से यात्रियों के कोरोना के लक्षणों से मुक्त होने का पता लगाया जाएगा। आरोग्य सेतु ऐप पर लाल स्टेट्स वाले यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी केबिन क्रू को पूर्ण सुरक्षात्मक गियर में होना आवश्यक होगा। केवल एक चेक-इन बैग की अनुमति होगी। यात्रियों को प्रस्थान के समय से कम से कम 2 घंटे पहले रिपोर्ट करना होगा। किराये में एक तय सीमा में बदलाव होगा। यह आदेश जो आज जारी किया जा रहा है वह 24 अगस्त को 23:59 बजे तक लागू रहेगा। हमने एक न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित किया है। दिल्ली, मुंबई के मामले में 90-120 मिनट के बीच की यात्रा के लिए न्यूनतम किराया 3500 रुपये होगा, अधिकतम किराया 10,000 रुपये होगा। यह 24 अगस्त तक के लिए 3 महीने तक निर्धारित है। उड़ान मार्गों को कुल 7 मार्गों में वर्गीकृत किया गया है। 1) 40 मिनट से कम की फ्लाइट 2) 40-60 मिनट 3) 60-90 मिनट 4) 90-120 मिनट 5) 120-150 मिनट  6) 150-180 मिनट 7) 180-210 मिनट। देश के भीतर सभी मार्ग इन 7 मार्गों के भीतर आते हैं। 40% सीटें बैंड के मिडपॉइंट से कम किराये पर बेची जानी हैं। उदाहरण के लिए 3500 रुपये और 10000 रुपये का मिडपॉइंट 6700 रुपये है। इसलिए 40% सीटों को 6700 रुपये से कम कीमत पर बेचा जाना है। इस तरह हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किराया नियंत्रण से बाहर न हो: नागरिक उड्डयन सचिव मेट्रो से मेट्रो शहरों और मेट्रो से नॉन मेट्रो शहरों के लिए अलग नियम होंगे। मेट्रो से मेट्रो शहरों के लिए एक तिहाई उड़ानों को इजाजत मिली है। मेट्रो से मेट्रो शहरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे शहर शामिल हैं। भारत में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जिलों की संख्या बुधवार सुबह तक घटकर 129 हो गई। यह संख्या एक पखवाड़ा पहले तक 170 थी। लेकिन, इस दौरान संक्रमण मुक्त इलाके या ग्रीन जोन की संख्या में कमी भी आई है। इन की संख्या अब 325 से घटकर 307 हो गई है। वहीं, इसी समयकाल के दौरान नॉन हॉटस्पॉट जिले या ऑरेंज जोन की संख्या में बढ़त हुई है जो 207 से 297 हो गई है। केंद्र ने 15 अप्रैल को जिलों को तीन वर्गों में बांटा था। इसके अनुसार ऐसे जिले जहां कोरोना वायरस के कई मामले सामने आ रहे हों या जहां संक्रमण तेजी से फैल रहा हो वे जिले रेड जोन या हॉटस्पॉट में आते हैं। जबकि, ऐसे जिले जहां रेड जोन के मुकाबले संक्रमण के कम मामले हैं, ऑरेंज जोन या नॉन हॉटस्पॉट में आते हैं। वहीं, ऐसे जिले जहां कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है, उन जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है। इसके साथ ही अगर किसी रेड जोन या ऑरेंज जोन के जिले में एक निश्चित अवधि तक कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आता है तो उसे ग्रीन जोन में रखा जा सकता है। रेड जोन को ग्रीन जोन में करने के लिए जरूरी है कि वहां 28 दिन तक वहां से कोविड-19 संक्रमण का कोई मामला सामने न आए। वहीं, ऑरेंज जोन के लिए यह अवधि 14 दिन तय की गई है। 15 अप्रैल को केंद्र सरकार ने 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 170 जिलों को कोरोना वायरस हॉटस्पॉट की श्रेणी में रखा था। केंद्र ने यह भी कहा था कि 325 जिलों से कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है क्योंकि वहां जमीनी स्तर पर सही कदम उठाए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा था कि देश के 80 जिलों में पिछले सात दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है जबकि 47 जिलों में 14 दिन से कोई नया केस नहीं आया है। भारत में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जिलों की संख्या बुधवार सुबह तक घटकर 129 हो गई। यह संख्या एक पखवाड़ा पहले तक 170 थी। लेकिन, इस दौरान संक्रमण मुक्त इलाके या ग्रीन जोन की संख्या में कमी भी आई है। इन की संख्या अब 325 से घटकर 307 हो गई है। वहीं, इसी समयकाल के दौरान नॉन हॉटस्पॉट जिले या ऑरेंज जोन की संख्या में बढ़त हुई है जो 207 से 297 हो गई है। मध्यप्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बने इंदौर के इतवारा बाजार की दुकानों में शनिवार दोपहर आग लग गई। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है। अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बने इंदौर के इतवारा बाजार की दुकानों में शनिवार दोपहर आग लग गई। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है। अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग (Samsung) ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हैंड वॉश एप तैयार किया है। यह एप गैलेक्सी वॉच के यूजर्स के लिए पेश किया गया है। हैंड वॉश एप में यूजर्स को समय-समय पर हाथ धोने का रिमांडर देता है। इसके अलावा यूजर्स को हाथ धोने के बाद इस एप से फीडबैक भी मिलता है। वहीं, एप को विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें लोगों से कम-से-कम 20 सेकेंड तक हाथ धोने के लिए कहा गया था। सैमसंग का लेटेस्ट हैंड वॉश एप यूजर्स को समय-समय पर हाथ धोने के लिए रिमांडर देता है, जिससे यूजर्स खतरनाक कोरोना वायरस से बचे रह सके। इसके साथ ही यह मोबाइल एप अपने यूजर्स हाथ धोने से जुड़ी जानकारी भी देता है। वहीं, इस एप की खास बात यह है कि यूजर्स अपने हिसाब से इसमें रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। सैमसंग ने इस एप में 25 सेकेंड का टाइमर दिया है, जिसमें 5 सेकेंड साबुन लगाने के हैं और बांकि के बचे 20 सेकेंड हाथ धोने के लिए मिलते हैं। कंपनी ने इस एप को विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर बनाया है। इसके अलावा यूजर्स को इस एप से फीडबैक भी मिलता है। कोविड-19 के खिलाफ जंग में सहयोग करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत सैमसंग ने कुछ दिनों पहले केंद्र व राज्य सरकारों को 20 करोड़ रुपये की मदद देने की थी। सैमसंग ने महामारी को रोकने के लिए पीएम केयर्स फंड में 15 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश व तमिलनाडू राज्य सरकारों को 5 करोड़ रुपये का सहायता की थी। इसके अलावा, संपूर्ण भारत में सैमसंग के कर्मचारी भी अपना व्यक्तिगत योगदान दिया है। वहीं, कंपनी का कहना था कि हम कर्मचारियों के बराबर राशि का योगदान करेंगे और कुल राशि को आने वाले हफ्तों में पीएम केयर्स फंड में दान किया जाएगा। कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी सैमसंग (Samsung) ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हैंड वॉश एप तैयार किया है। यह एप गैलेक्सी वॉच के यूजर्स के लिए पेश किया गया है। हैंड वॉश एप में यूजर्स को समय-समय पर हाथ धोने का रिमांडर देता है। इसके अलावा यूजर्स को हाथ धोने के बाद इस एप से फीडबैक भी मिलता है। वहीं, एप को विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें लोगों से कम-से-कम 20 सेकेंड तक हाथ धोने के लिए कहा गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आरोप लगाया कि चीन नहीं चाहता कि इस साल होने वाले चुनावों में मेरा निर्वाचन हो क्योंकि वह आयात शुल्क के तौर पर उससे अरबों डॉलर वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह वुहान में शुरू हुए कोरोना वायरस को लेकर चीन की जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 का वायरस वुहान लैब से निकला है। उन्होंने संकेत दिया कि वे चीन पर कोरोना वायरस को लेकर टैरिफ लगा सकते हैं। ट्रंप ने दावा किया कि चीन नंवबर में होने वाले चुनाव में उनके स्थान पर पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन को अगला राष्ट्रपति बनाना चाहती है। बाइडेन को विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रबल उम्मीदवार माना जा रहा है। उन्होंने कहा, 'चीन मुझे निर्वाचित नहीं देखना चाहता है और इसका कारण यह है कि हमें अरबों डॉलर मिल रहे हैं। हमें एक महीने में चीन से अरबों डॉलर मिल रहे हैं। उन्होंने अमेरिका में चीनी उत्पादों के आयात पर लगाए गए भारी शुल्क का जिक्र करते हुए कहा, 'चीन ने हमारे देश को कभी कुछ नहीं दिया है। फिर चाहे चीन के प्रभारी बिडेन हों जो एक मजाक है क्योंकि उन्होंने आठ सालों तक हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है। बिडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में रहने तक यह जारी रहा। चीन के जनसंपर्क की तरह काम कर रहा है डब्ल्यूएचओ: ट्रंप डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तुलना चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर करते हुए कहा कि संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस पर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच शुरू की है और वह अमेरिका की ओर से दी जाने वाली आर्थिक सहायता को भी अस्थायी रूप से रोक चुका है। ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में संवाददाताओं से कहा, 'मेरे विचार में विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह चीन की जनसंपर्क एजेंसी के तौर पर काम कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि अमेरिका, डब्ल्यूएचओ को एक साल में करीब 50 करोड़ डॉलर देता है जबकि चीन 3.8 करोड़ डॉलर देता है। चीन पर टैरिफ लगा सकता है अमेरिका अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को चीन पर टैरिफ लगाने का संकेत दिया लेकिन कोरोना वायरस की सजा के तौर के रूप में देश पर जारी अमेरिकी ऋण को रद्द करने पर विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऋण रद्द करना एक कठिन फैसला है और यह अमेरिकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हम ऐसा टैरिफ के साथ कर सकते हैं। हम ऐसा करने के अलावा इसे अन्य तरीकों (अमेरिकी ऋण दायित्वों को रद्द करने) से कर सकते हैं। यह एक कठिन फैसला है। वुहान की लैब से निकला कोरोना वायरस डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दुनियाभर में फैल चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान में स्थित वायरोलॉजी लैब से हुई है। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें किस चीज से इस बात का विश्वास हुआ है कि वायरस वुहान की लैब से निकला है तो उन्होंने कहा, 'मैं आपको नहीं बता सकता हूं। मुझे आपको ये बताने की अनुमति नहीं है। हालांकि उन्होंने इसके लिए चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग को जिम्मेदार नहीं ठहराया। उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा नहीं कहना चाहता। लेकिन निश्चित रूप से इसे रोका जा सकता था। यह चीन से निकला है और इसे रोका जा सकता था। पूरी दुनिया भी यही चाहती है कि इसे रोक देना चाहिए था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को आरोप लगाया कि चीन नहीं चाहता कि इस साल होने वाले चुनावों में मेरा निर्वाचन हो क्योंकि वह आयात शुल्क के तौर पर उससे अरबों डॉलर वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को शर्म आनी चाहिए क्योंकि वह वुहान में शुरू हुए कोरोना वायरस को लेकर चीन की जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने दावा किया कि कोविड-19 का वायरस वुहान लैब से निकला है। उन्होंने संकेत दिया कि वे चीन पर कोरोना वायरस को लेकर टैरिफ लगा सकते हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कथित ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के खिलाफ नफरत की भावना) को भारत को बदनाम करने का प्रयास करार देते हुए मंगलवार को कहा कि देश में अल्पसंख्यक फल-फूल रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अल्पसंख्यक वर्ग के लोग सम्मान के सशक्तीकरण में बराबर के भागीदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में हो रहे समावेशी विकास को ‘मोदी फोबिया क्लब’ हजम नहीं कर पा रहा है और इसलिए वह असहिष्णुता, सांप्रदायिकता और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के आरोपों के जरिए दुष्प्रचार में लगा है। नकवी ने ‘इस्लामोफोबिया-बोगस बैशिंग ब्रिगेड की बोगी’ शीर्षक से लिखे एक ब्लॉग में यह टिप्पणी करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही योजनाओं और उनसे अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को हो रहे लाभ का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब भारत में कोरोना संकट के समय कथित इस्लामोफोबिया का माहौल होने को लेकर कई अरब देशों में आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई हैं। भारत ने इस्लामोफोबिया के आरोपों को खारिज किया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने आरोप लगाया कि एक तरफ हर भारतवासी प्रभावशाली नेतृत्व पर गौरवान्वित है, वहीं बौखलाया-बदहवास पेशेवर 'मोदी फोबिया क्लब' ने 'इस्लामोफोबिया' कार्ड के जरिए झूठे, मनगढंत तर्कों, तथ्यों से कोसों दूर दुष्प्रचारों से भारत के शानदार समावेशी संस्कृति, संस्कार और संकल्प पर पलीता लगाने की फिर से साजिशी सूत्र का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है। मंत्री ने आरोप लगाया कि साजिशी सियासी सनक से सराबोर लोग भारत को बदनाम करने और हिंदुस्तान की 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया' के संकल्प पर चोट पहुंचाने की घटिया साजिश में लग गए हैं। यह वो लोग हैं जो नरेंद्र मोदी के कामकाज, परिश्रम एवं देश की समावेशी प्रगति को हजम नहीं कर पा रहे हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कथित ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के खिलाफ नफरत की भावना) को भारत को बदनाम करने का प्रयास करार देते हुए मंगलवार को कहा कि देश में अल्पसंख्यक फल-फूल रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अल्पसंख्यक वर्ग के लोग सम्मान के सशक्तीकरण में बराबर के भागीदार हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत कोविड-19 संकट के मद्देनजर मौजूदा स्थिति पर आज अपने कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करेंगे। वह शाम 5:00 बजे देशभर के स्वयंसेवकों से यू-ट्यूब और फेसबुक के माध्यम से रूबरू होंगे। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अनुसार, संघ के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आभासी मंच के माध्यम से इसके प्रमुख अपना भाषण देंगे। संघ ने एक ट्वीट में कहा कि भागवत 26 अप्रैल को शाम पांच बजे ‘वर्तमान स्थिति और हमारी भूमिका’ पर संबोधन देंगे। संघ ने कहा कि आप सभी को परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के साथ इस सत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। संघ के सूत्रों ने कहा कि यह संबोधन इस संकट से निपटने के उपायों पर केंद्रित होगा। वहीं, संघ के विभाग प्रचारक श्रीकृष्ण चंद्र ने बताया कि कोरोना वायरस और लॉकडॉन की चुनौती के बीच भारत ने दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, इसी सिलसिले में संघ प्रमुख रविवार शाम 5:00 से 6:00 के बीच फेसबुक यू-ट्यूब के माध्यम से बौद्धिक वर्ग में शिरकत करेंगे। संघ के सभी प्रमुख पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक इस आयोजन का सीधा प्रसारण देखेंगे। दूसरी तरफ कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वे रविवार शाम 4:30 बजे  #SanghKiBaat हैशटैग के साथ ट्वीट करें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत कोविड-19 संकट के मद्देनजर मौजूदा स्थिति पर आज अपने कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करेंगे। वह शाम 5:00 बजे देशभर के स्वयंसेवकों से यू-ट्यूब और फेसबुक के माध्यम से रूबरू होंगे। देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात कर रहे हैं। बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे जा सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने 27 अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। बैठक रात आठ बजे तक चलेगी, जिसमें सभी मुख्यमंत्रियों को बात रखने का मौका मिलेगा। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को खत्म हो रहा है। केंद्र सरकार अब इकोनॉमी को गति देने के लिए राज्यों में कामकाज शुरू करने पर विचार कर रही है। राज्यों के सीएम के साथ इसपर भी चर्चा होगी। अपनी शुरुआती टिप्पणी में पीएम मोदी ने प्रवासी मजदूरों के बारे में बोला। उन्होंने कहा कि क घर जाने की उनकी जरूरत को समझते हैं। हमारे लिए यह चुनौती है कि कोविड -19 को गांवों तक नहीं फैलने दें। पीएम मोदी ने कहा कि हमने जोर देकर कहा कि लोगों को वहीं रहना चाहिए जहां वे हैं। लेकिन यह मानवीय स्वभाव है कि लोग घर जाना चाहते हैं और इसलिए हमें अपने निर्णयों को बदलना होगा, कुछ निर्णय को हमें बदलने भी पड़े हैं। इसके बावजूद, यह सुनिश्चित करना है कि कोविड-19 गांवों में ना फैले। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है। देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात कर रहे हैं। बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे जा सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने 27 अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लोग अपने घरों में बंद हैं। लोगों के घर से बाहर नहीं निकलने के कारण ऑनलाइन गेमिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है। इसी मौके को देखते हुए दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने एक गेमिंग एप लॉन्च किया है जिसे Facebook Gaming: Watch, Play, and Connect नाम दिया गया है। लॉकडाउन में कुछ लोग टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया एप पर व्यस्त हैं तो कुछ लोग गेमिंग में अपना समय व्यतित कर रहे हैं। फेसबुक का गेमिंग उनलोगों के लिए खास तोहफा है जो गेम एप को बिना डाउनलोड किए गेम खेलना चाहते हैं। फेसबुक गेमिंग एप को गूगल प्ले-स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। फेसबुक गेमिंग एप की खासियतों की बात करें तो इसमें गेम खेलने के साथ अपने पसंद का गेम खेलने वालों का ग्रुप भी ज्वाइन कर सकते हैं। इस एप पर आपको गेम पब्लिशर्स और गेम स्ट्रीमर्स के वीडियो भी देखने को मिलेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि गेम खेलने के लिए आपको कोई एप डाउनलोड करने की दरकार नहीं है। गेमिंग के दौरान आप दोस्तों से चैटिंग भी कर सकेंगे। फेसबुक का यह गेमिंग एप जून में लॉन्च होने वाला था लेकिन लॉकडाउन के मौके को देखते हुए कंपनी ने इसे अप्रैल में ही लॉन्च कर दिया है। फेसबुक गेमिंग एप पर फिलहाल कोई विज्ञापन भी नहीं है लेकिन भविष्य में फेसबुक इस पर विज्ञापन दे सकता है। ख़बर सुनें कोरोना वायरस को हराने के लिए अभी तक वैक्सीन का इजात नहीं हो पाया है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन ना बनने तक सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की अपील की है। डब्ल्यूएचओ की अपील के बाद ज्यादातर देशों ने सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाने का फैसला किया। दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का एक तबका झुंड उन्मुक्ति (हर्ड इम्यूनिटी) के जरिए इस वायरस को काबू करने की ओर इशारा कर रहे हैं। कुछ लोग इस विचार का समर्थन नहीं कर रहे हैं, उनका कहना है कि हर्ड इम्यूनिटी के जरिए ज्यादा लोगों की जान को खतरा हो सकता है। आइए समझते हैं कि हर्ड इम्यूनिटी क्या होती है... अमरीकी हार्ट एसोसिएशन के चीफ मेडिकल अफसर डॉक्टर एडुआर्डो सांचेज ने हर्ड इन्यूनिटी को समझाते हुए कहा कि इंसानों के किसी झुंड (अंग्रेजी में हर्ड) के ज्यादातर लोग अगर वायरस से इम्यून हो जाएं तो झुंड के बीच मौजूद अन्य लोगों तक वायरस का पहुँचना बहुत मुश्किल होता है। एक सीमा के बाद दूसरे लोगों में वायरस के फैलने की गति भी रुक जाती है लेकिन इस प्रक्रिया में समय लगता है। एक अनुमान के मुताबिक किसी समुदाय में कोरोना के खिलाफ हर्ड  इम्यूनिटी तभी विकसित हो सकती है जब 60 फीसद आबादी को कोरोना संक्रमण हो चुका हो और वे उससे इम्यून भी हो गए हो। इसे एक और उदाहरण से समझा जा सकता है कि अगर जनसंख्या का 80 फीसद हिस्सा वायरस से इम्यून हो जाता है तो हर पांच में से चार लोग इंफेक्शन के बावजूद भी बीमार नहीं पड़ेंगे। जिससे असुरक्षित लोगों तक वायरस के फैलने का डर कम हो जाएगा। हर्ड इम्यूनिटी की प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब कुल जनसंख्या का 80-90 फीसद हिस्सा वायरस की चपेट में आ जाता है। ये लोग प्राकृतिक तरीके से बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित करते हैं और इसी इम्यूनिटी के जरिए ही खुद को वैक्सीन कर लेते हैं। क्या पहले हर्ड इम्यूनिटी से इंफेक्शन कम हुआ है? व्यापक टीकाकरण से दुनिया से स्मॉलपॉक्स जैसी बीमारी खत्म करने में मदद मिली, वहीं भारत समेत कई देशों से पोलियो को खत्म करने में भी टीकाकरण का बड़ा हाथ रहा है। पिछले कई दशकों से खसरा, कंठरोग और चिकनपॉक्स जैसी बीमारी से लड़ने में टीकाकरण काफी मददगार रहा है। हर्ड इम्यूनिटी के इस्तेमाल पर कई अलग अलग विचार हैं। कुछ लोग इसके पक्ष में है तो कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। वैज्ञानिकों की माने तो हर्ड इम्यूनिटी तब इस्तेमाल की जा सकती है जब बीमारी से लड़ने के लिए हमारे पास पहले से ही वैक्सीन हो। वैक्सीन के ना होने की वजह से हर्ड इम्यूनिटी का इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है। हर्ड इम्यूनिटी कैसे काम करती है इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है... मान लीजिए एक समुदाय के 50 लोगों में से कुछ लोग इम्यून नहीं है और बीमार हैं लेकिन दूसरी तरफ इसी समुदाय के कुछ लोग इम्यून नहीं है पर स्वस्थ हैं। अब अगर लॉकडाउन की स्थिति ना हो तो बीमार लोग धीर-धीरे स्वस्थ लोगों में संक्रमण का खतरा पैदा कर देंगे। एक समय के बाद उस समुदाय के ज्यादातर लोग वायरस से संक्रमित हो जाएंगे और दो या चार लोग ही स्वस्थ रहेंगे। जो लोग संक्रमण से इम्यून हो जाएंगे वो दूसरे लोगों तक वायरस को फैलने से रोकेंगे। अब जैसे जैसे जनसंख्या इम्यून होती जाएगी वैसे ही संक्रमण पर काबू पा लिया जाएगा। भारत के संदर्भ में अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के सीनियर रिसर्च स्कॉलर डॉ रामानन लक्ष्मीनारायण का कहना है कि अगर भारत की 65 फीसद आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो जाए तो बाकी की 35 फीसद आबादी को कोविड-19 से सुरक्षा मिल जाएगी। रामानन लक्ष्मीनारायण ने सवाल उठाते हुए कहा कि देश के बुजुर्ग, दिल की बीमारी या पहले से डायबिटीज झेल रहे मरीजों की जिंदगी को खतरे में रखकर क्या हर्ड इम्यूनिटी की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो हम अभी हर्ड इम्यूनिटी के इस्तेमाल से काफी दूर हैं। चीन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई देशों में कोरोना से अभी तक कुल आबादी की 2-14 प्रतिशत आबादी ही संक्रमित हुई है। अगर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर्ड इम्यूनिटी का इस्तेमाल करना है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों में कोरोना के संक्रमण को फैलाना होगा जिससे उनका शरीर वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बना विकसित कर सके। जब तक वैक्सीन का निर्माण ना हो जाए तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़भाड़ वाले इलाकों पर सख्ती जैसे कदमों को अपनाकर ही कोरोना से लड़ा जा सकता है। कम से कम एक से दो साल के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाना होगा ताकि वायरस की दूसरी लहर से बचा जा सके। कोरोना वायरस को हराने के लिए अभी तक वैक्सीन का इजात नहीं हो पाया है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन ना बनने तक सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की अपील की है। डब्ल्यूएचओ की अपील के बाद ज्यादातर देशों ने सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाने का फैसला किया। ईसाई धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लोग निराशावादी हुए हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों को निराशावादी बनने से बचाना होगा। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि लंबे वक्त से लगाए गए लॉकडाउन से बाहर आने के बाद लोग कह रहे हैं कि अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रह जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को सेंट पीटर बैसिलिका के समारोह में पोप फ्रांसिस ने ये बातें कहीं। फ्रांसिस ने कहा कि लोगों में ये धारणा बन चुकी है कि अब कुछ भी पहले जैसा सामान्य नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच से एक बात तो सौ फीसदी होगी और वो है उम्मीद वापस नहीं लौटेगी। उन्होंने खुद के चर्च के बंटवारे की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा है कि ऐसे वक्त में हमें एक-दूसरे के साथ रहना होगा। पोप फ्रांसिस ने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन सभी चीजों से बढ़कर है कि हम सब भगवान की संतान हैं। सभी आस्तिकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वो कैसे एक दूसरे के साथ मिलकर रहें। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि महामारी ने हमें सिखाया है कि अहंकार कितना गलत है। सिर्फ अपनी जरूरतों का ख्याल रखना, लोगों से भेदभाव रखना, अपनी गलती को स्वीकार नहीं करना, कितना गलत है। अहंकार को कैसे खत्म क्या जाए, इसके बारे में सोचना है। हर चीज को खराब नजरिए से देखने से रोकना है और हर बार ये कहना कि कोई भी चीज पहले की तरह नहीं रह जाएगी, इससे बचना है। पोप फ्रांसिस ने कहा कि अगर हर वक्त यही सोचते रहेंगे कि कोई भी चीज पहले की तरह नहीं जाएगी तो हम सारी उम्मीदें खो देंगे। पोप फ्रांसिस के इस समारोह में कुछ लोग मास्क लगाकर उपस्थित हुए थे। वेटिकन को खोल दिया गया है लेकिन सुरक्षा के उपायों का अभी तक इस्तेमाल किया जा रहा है। पोप के आदेश से संक्रमण को फैलने से रोकने के एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। पोप फ्रांसिस ने कहा कि अर्थव्यवस्था से अधिक लोगों का जीवन महत्वपूर्ण है। ईसाई धर्मगुरु की यह टिप्पणी उस परिप्रेक्ष्य में आई है कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण न पाने के बावजूद अनेक देशों ने अपने देश की अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया है। सेंट पीटर्स स्क्वॉयर में अपने संदेश में पोप ने कहा, बीमार लोगों की मदद जरूरी है। उनका जीवन बचाना जरूरी है। लोगों का जीवन बचाना अर्थव्यवस्था बचाना से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हालांकि, अपने संबोधन में पोप ने किसी देश का नाम नहीं लिया। कोरोना जैसी महामारी के बीच अनेक देशों ने नौकरियों और लोगों के जीवन संघर्ष को देखते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी तक इस महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका है। पोप के संबोधन के दौरान सेंट पीटर्स स्क्वॉयर में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। अधिकांश लोग मास्क लगाए हुए थे। एक दूसरे से वे लोग शारीरिक दूरी बनाए हुए थे। बता दें कि सेंटपीटर्स स्क्वॉयर को गत सोमवार से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। ईसाई धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लोग निराशावादी हुए हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों को निराशावादी बनने से बचाना होगा। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि लंबे वक्त से लगाए गए लॉकडाउन से बाहर आने के बाद लोग कह रहे हैं कि अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रह जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को सेंट पीटर बैसिलिका के समारोह में पोप फ्रांसिस ने ये बातें कहीं। फ्रांसिस ने कहा कि लोगों में ये धारणा बन चुकी है कि अब कुछ भी पहले जैसा सामान्य नहीं रह जाएगा। मंत्रालय की ‘कोविड-19 के लिए रोकथाम योजना’ के अनुसार कंटेनमेंट अभियान को उस जोन में जहां संक्रमण के अधिक मामले हैं, अंतिम मामला निगेटिव आने की तिथि से 28 दिन तक माना जाता है। इसमें कहा गया है कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन क्षेत्रों में इस महामारी से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और संक्रमण की चेन को तोड़ा जाए। इसमें कहा गया है कि जहां संक्रमण के अधिक मामले आए हैं, उनके लिए निगरानी का बंद होना, एक अन्य क्षेत्र से भिन्न हो सकता है यदि इन क्षेत्रों के बीच कोई भौगोलिक निरंतरता नहीं हो। हालांकि गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लिए निगरानी जारी रहेगी। देश में महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और राजस्थान से बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं। केंद्र ने 170 जिलों को हॉटस्पॉट घोषित किया है । इसके अलावा 207 जिलों की पहचान गैर-हॉटस्पॉट जिलों के रूप में की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार अधिकारी निषिद्ध क्षेत्र में सक्रिय मामलों का पता लगाएंगे और सभी संदिग्ध मामलों तथा जोखिम वाले संपर्कों की जांच करेंगे, सभी संदिग्ध या पुष्ट मामलों को अलग करेंगे और सामाजिक दूरी को बनाए रखने संबंधी कदमों को लागू करेंगे। मंत्रालय ने कहा, ‘कंटेनमेंट जोन के लिए चलाए जाने वाले अभियान का उद्देश्य संक्रमण की चेन को तोड़ना है ताकि कोरोना वायरस के कारण प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर को कम किया जा सके। सार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संक्रमण की पुष्टि वाले व्यक्ति को अलग-थलग रखे जाने और उसके संपर्क में आए लोगों की 28 दिन तक निगरानी करने के बाद कम से कम चार सप्ताह तक किसी पृथक जोन से अगर कोरोना वायरस का कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आता है तो कंटेनमेंट जोन (निषिद्ध क्षेत्र) के लिए चलाए जाने वाले अभियान को सीमित कर दिया जाएगा। विस्तार मंत्रालय की ‘कोविड-19 के लिए रोकथाम योजना’ के अनुसार कंटेनमेंट अभियान को उस जोन में जहां संक्रमण के अधिक मामले हैं, अंतिम मामला निगेटिव आने की तिथि से 28 दिन तक माना जाता है। इसमें कहा गया है कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन क्षेत्रों में इस महामारी से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और संक्रमण की चेन को तोड़ा जाए। अमेरिका में 24 घंटों में 3,176 लोगों की मौत के साथ कुल मृतक आंकड़ा पिछले 10 दिन के अंदर दोगुना होकर 50 हजार के पार पहुंच गया है। देश में रोजाना 2000 लोगों की औसतन मौत हो रही है। दुनिया में कोरोना से जान गंवा चुके 1.90 लाख से अधिक लोगों में यह सर्वाधिक संख्या है। अमेरिका में मौत का असली आंकड़ा माना जा रहा है कि 50 हजार से भी कहीं ज्यादा है, क्योंकि ज्यादातर राज्य केवल अस्पतालों में मरने वाली संख्या को ही रिपोर्ट कर रहे हैं और घरों में मरने वालों का आंकड़ा इसमें नहीं जोड़ा जा रहा है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, देश में हर साल फैलने वाले सीजनल फ्लू से पिछले 9 सीजन में से 7 को मिलाकर भी कोरोना वायरस के बराबर मौत नहीं हुई हैं। फ्लू से 2011-12 में सबसे कम 12 हजार और 2017-18 में सबसे ज्यादा 61 हजार मौत दर्ज की गई थी। हालांकि कोरोना वायरस का आंकड़ा साल 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के कहर से बहुत पीछे है, जिसने 6.75 लाख अमेरिकी नागरिकों की जान ली थी। कोरोना वायरस के आंकड़े ने 1950-53 के बीच हुए कोरियाई युद्ध में मारे गए 36,516 अमेरिकियों की संख्या को भी बहुत ज्यादा पीछे छोड़ दिया है। इस बीच, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में शुक्रवार सुबह तक 8,67,459 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 50,243 लोग जान गंवा चुके हैं। 1930 के स्तर को छू चुकी है अमेरिकी महामंदी महामारी के चलते अमेरिकी महामंदी 1930 के स्तर को छू चुकी है। बेरोजगारी भत्ते की लाइन में 2.6 करोड़ से ज्यादा लोग हैं, जो जल्द 4 करोड़ हो सकते हैं। ऐसे में ट्रंप ने चरणों में अर्थव्यवस्था खोलने का समर्थन किया है। गहराते आर्थिक संकट का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी संसद ने करीब 484 अरब डॉलर के पैकेज को भी मंजूरी दे दी है, जिसका उपयोग बेरोजगारों और मेडिकल क्षेत्र में किया जाएगा। ट्रंप ने फिर किया अर्थव्यवस्था खोलने का समर्थन ट्रंप ने संकेत दिए कि सख्त दिशा निर्देश एक मई के बाद भी जारी रह सकते हैं लेकिन अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना बेहद जरूरी हैै। राष्ट्रपति विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के 2020 में नकारात्मक वृद्धि के अनुमान को लेकर भी चिंतित हैं। मौजूदा हालातों में कोरोना वायरस के कारण हर छह में से एक अमेरिकी कर्मचारी को नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। ट्रंप ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण हम भारी नुकसान झेल रहे हैं, लेकिन यह और जारी नहीं रह सकता। अमेरिका में 24 घंटों में 3,176 लोगों की मौत के साथ कुल मृतक आंकड़ा पिछले 10 दिन के अंदर दोगुना होकर 50 हजार के पार पहुंच गया है। देश में रोजाना 2000 लोगों की औसतन मौत हो रही है। दुनिया में कोरोना से जान गंवा चुके 1.90 लाख से अधिक लोगों में यह सर्वाधिक संख्या है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार देर शाम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के संबंध में बात की। इस दौरान शाह ने मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस के बारे में उनके विचार जाने। वार्ता में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने या न बढ़ाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन की शुरुआत की गई थी। देश में लॉकडाउन का फिलहाल चौथा चरण चल रहा है जो 31 मई को समाप्त होगा। माना जा रहा है कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में आम जनजीवन को पूरी तरह से रोक दिया गया था, लोगों को घरों में ही रहने के निर्देश दिए गए थे। आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, समय के साथ लॉकडाउन में राहतें दी गई हैं। देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है, जिनमें से 86,110 सक्रिय मामले हैं, 67,692 लोग ठीक हो चुके हैं और अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है। सार लॉकडाउन को लेकर शाह ने जाने मुख्यमंत्रियों के विचार 25 मार्च को हुई थी देशव्यापी लॉकडाउन ओकी शुरुआत 31 मई को समाप्त होना है लॉकडाउन का चौथा चरण विस्तार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार देर शाम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन के संबंध में बात की। इस दौरान शाह ने मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस के बारे में उनके विचार जाने। वार्ता में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने या न बढ़ाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। कोरोना वायरस से पाकिस्तान में मेजर मुहम्मद असगर की मौत हो गई है। ड्यूटी के दौरान वे कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। डीजीआईएसपीआर के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट में बताया गया, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मेजर मुहम्मद असगर ने तोरखम बॉर्डर पर ड्यूटी के लिए अपनी जान लगा दी। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें सीएमएच पेशावर में ले जाया गया, वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन कोरोना वायरस के सामने वे हार गए। राष्ट्र की सेवा करने से बड़ा कोई कारण नहीं है। " रविवार को पाकिस्तान दुनियाभर में कोरोना वायरस रैंकिंग में 20वें पायदान पर आ गया। पाकिस्तान के सिंध में कोरोना वायरस के 709 नए मामले सामने आए। पाकिस्तान में अब कोरोना वायरस का कुल आंकड़ा 30,000 के पार पहुंच गया है। कोरोना वायरस से पाकिस्तान में मेजर मुहम्मद असगर की मौत हो गई है। ड्यूटी के दौरान वे कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सोमवार को ‘जन से जग’ का नारा देते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से संक्रमण गांवों तक न पहुंचने देने की रणनीति बनाने का आग्रह भी किया। उन्होंने  कहा कि जरूरत संतुलित रणनीति के साथ आगे बढ़ने और चुनौतियों से निपटने का रास्ता तय करने की है। इस दौरान, पांच राज्यों ने लॉकडाउन 17 मई के बाद भी बढ़ाने की मांग की है। जबकि गुजरात ने इसका विरोध किया। राजस्थान व केरल ने लॉकडाउन में अधिक फैसले ले सकने के लिए राज्यों को और अधिकार देनेे की वकालत की। चर्चा के दौरान बिहार, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र ने लॉकडाउन बढ़ाए जाने का समर्थन किया, तो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और तेलंगाना ने 12 मई से ट्रेनें चलाने का विरोध किया। राजस्थान ने कहा-रेड, ग्रीन व ऑरेंज जोन तय करने का अधिकार राज्यों को मिले। जबकि, केरल ने लॉकडाउन से जुड़े दिशा-निर्देशों में उचित बदलाव करने की आजादी की मांग की। लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति तय करने के लिए दो दौर की यह बैठक करीब छह घंटे चली। पीएम मोदी और मुख्यमंत्रियों की यह पांचवीं बैठक थी। उन्होंने कहा, संक्रमण से निपटने की अब तक रणनीति को सफल रही है इसके कई सुखद परिणाम आए हैं। राज्यों के सहयोग से देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। आर्थिक सहित सभी मोर्चों पर अब रणनीति क्या हो, इस पर 15 मई तक राज्यों से कार्ययोजना मांगी, जिसके बाद ही केंद्र दिशा-निर्देश तय करेगा। तो लॉकडाउन 4.0 भी लॉकडाउन 17 मई के बाद भी जारी रह सकता है। हालांकि, चौथे चरण में और छूट मिल सकती है। पीएम मोदी के बैठक में दिए बयान से यह संकेत मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि लॉकडाउन के पहले चरण में जिन नियमों की दरकार थी, वो दूसरे चरण में जरूरी नहीं रह गईं। उसी तरह तीसरे चरण के नियमों की दरकार चौथे चरण के लॉकडाउन में नहीं है। कंटेनमेंट जोन छोड़ शुरू हो गतिविधि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर दिल्ली सरकार सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां खोलने को तैयार है, इससे दिल्ली में अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी। ममता के तेवर...विशेष ट्रेनों पर खड़े किए सवाल प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने तेवर दिखाते हुए केंद्र पर राज्यों की सहमति के बिना निर्णय लेने का आरोप लगाया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने केंद्र पर भेदभाव का भी आरोप लगाया और श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेनें चलाने पर सवाल खड़े किए। कहा, ट्रेनों से  श्रमिकों के गृह राज्य लौटने से संकट बढ़ेगा। राज्यों की अपील, मौजूदा हालात में ट्रेन-विमान सेवा न की जाए शुरू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों से कहा कि भारत ने कोरोना को जिस तरह हैंडल किया है, उसका लोहा दुनिया ने माना है। उन्होंने कहा, ये राज्यों के सहयोग से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा ‘जैसे हम सब एक साथ आगे बढ़ रहे थे वैसे ही बढ़ते रहेंगे’। आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी। इस दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने ट्रेनों व उड़ानों पर रोक की मांग की। वहीं कुछ ने जांच मशीनों, आर्थिक मदद व नई रणनीति बनाने की मांग की। घर जाना इंसानी फितरत हमने लोगों से कहा था-जो जहां पर है, वहीं रुका रहे। पर लोग अपने घर जाना चाहते हैं, ये इंसानी फितरत है। इसके चलते फैसले बदलने पड़े। संक्रमण से निपटने के लिए ‘दो गज दूरी’ जरूरी शर्त है। -नरेंद्र मोदी, पीएम लॉकडाउन पर केंद्र का फैसला मंजूर : योगी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लॉकडाउन पर केंद्र सरकार के हर फैसले का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया, अब तक 9 लाख से ज्यादा कामगारों और श्रमिकों को होम क्वारंटीन में भेजा जा चुका हैं। हम उन्हें नौकरी व रोजगार देने की तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश में 2.99 लाख निगरानी पर हैं और 56 हजार से ज्यादा घरों का सर्वे किया गया है। 26 सरकारी लैब में जांच हो रही है। 660 निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत के रेट पर इमरजेंसी सेवाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। चार दिनों में तीन लाख से ज्यादा प्रवासी आए सीएम योगी ने कहा कि पिछले चार दिनों में तीन लाख से ज्यादा लोग बसों व ट्रेनों के माध्यम से आए हैं। निकट भविष्य में 10 लाख से ज्यादा और आने हैं। 20 लाख को रोजगार देने की तैयारी के लिए हम लेबर रिफॉर्म लेकर आए हैं। लेबर रिफॉर्म उन्हीं जगह लागू किए जाएंगे, जहां नई यूनिट लगेंगी। महाराष्ट्र : मुंबई में लोकल  रेल चलाने को मिले मंजूरी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र लॉकडाउन को लेकर ठोस और गंभीर निर्देश दे जिसका पालन सभी राज्य करें। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि मुंबई में लोकल ट्रेनों के संचालन को मंजूरी दी जाए ताकि जरूरी सेवा से जुड़े लोग आसानी से आ जा सकें। पंजाब : लॉकडाउन का फैसला सही मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला सही है लेकिन राज्यों को आर्थिक मदद दी जाए। रेड, ऑरेंज, येलो और ग्रीन जोन को जारी रखा जाएगा। तमिलनाडु : परिवहन से हालात बिगड़ेंगे मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि मामले बढ़ने के मद्देनजर 31 मई तक ट्रेन-विमान शुरू न किए जांए। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में और लोग आएंगे तो स्थिति बिगड़ सकती है। आंध्र प्रदेश : संक्रमण पर नई रणनीति बने... मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा मौजूदा हालात के हिसाब से रणनीति बनानी होगी  ताकि वायरस के बीच जीने को तैयार हो सके। मरीज या उसके परिवारों को हीन भावना से देखा जा रहा है, जिसे खत्म करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सोमवार को ‘जन से जग’ का नारा देते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से संक्रमण गांवों तक न पहुंचने देने की रणनीति बनाने का आग्रह भी किया। देश में इस हफ्ते सोमवार से शनिवार सुबह तक के आंकड़े देखे जाएं तो कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की दर 40 प्रतिशत रही। यह बढ़ोतरी पिछले पांच दिनों (29 प्रतिशत) के मुकाबले काफी ज्यादा है। भारत में संक्रमितों की संख्या और मृतकों की दर कई देशों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले दो दिनों में सामने आए कोरोना वायरस मामलों की संख्या 13 प्रतिशत बढ़कर 59,662 हो गई। इसमें 48 घंटों के मुकाबले हल्की सी वृद्धि हुई है। 48 घंटे पहले दर्ज मामलों की संख्या 52,952 थी। लगभग 11 दिन पहले भारत में मामलों के दोगुने होने की दर 11 दिन थी। यह अप्रैल की शुरुआत के हिसाब से काफी धीमा था, तब चार दिनों में मामले दोगुने हो रहे थे। मृत्यु दर भी अप्रैल की शुरुआत में कम थी लेकिन पिछले हफ्ते से यह बढ़ने लगी है। शनिवार सुबह तक कोविड-19 के कारण 1,981 लोगों की मौत हो चुकी है। यह दस दिनों के मुकाबले दोगुनी है। यदि मामले बढ़ने की रफ्तार ऐसी ही रही तो चार दिन में संक्रमितों की संख्या 75 हजार हो सकती है। ऐसा होने पर पहले से ही दवाब झेल रहे अस्पतालों पर और प्रभाव पड़ेगा। संक्रमित मामलों की संख्या में सबसे ज्यादा 14,862 मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर गुजरात हैं जहां सक्रिय मामलों की संख्या 5,081 है। इसके बाद 4,364 मामलों के साथ तमिलनाडु का नंबर आता है। देश की राजधानी दिल्ली 4,230 सक्रिय मामलों के साथ चौथे स्थान पर है। वहीं 1,792 के साथ मध्यप्रदेश पांचवे पर है। पांचों राज्यों में देश के 76 प्रतिशत मरीज हैं। पिछले सात दिनों में पंजाब, तमिलनाडु और दिल्ली में सबसे ज्यादा मामले सामने आए। इन तीन राज्यों में इस अवधि के दौरान सक्रिय मामलों का प्रतिशत 44 है। इसी अवधि में पश्चिम बंगाल, गुजरात और राजस्थान में मृतकों की दर बढ़ी। देश में इस हफ्ते सोमवार से शनिवार सुबह तक के आंकड़े देखे जाएं तो कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की दर 40 प्रतिशत रही। यह बढ़ोतरी पिछले पांच दिनों (29 प्रतिशत) के मुकाबले काफी ज्यादा है। भारत में संक्रमितों की संख्या और मृतकों की दर कई देशों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का पहला प्रयोग किया गया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोविड-19 रोगी पर इस उपचार पद्धति का प्रयोग सफल होने का दावा किया था, लेकिन बृहस्पतिवार को कोरोना संक्रमित की मौत होने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने बुधवार को कहा था कि देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगी के इलाज का पहला प्रयोग सफल हो गया है। इसके बाद अन्य मरीजों पर भी इसका प्रयोग जारी है। लेकिन बृहस्पतिवार को मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि लीलावती अस्पताल में जिस कोरोना संक्रमित 52 वर्षीय मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया गया था उसकी मौत हो गई। मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का पहला प्रयोग किया गया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कोविड-19 रोगी पर इस उपचार पद्धति का प्रयोग सफल होने का दावा किया था, लेकिन बृहस्पतिवार को कोरोना संक्रमित की मौत होने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने बुधवार को कहा था कि देश में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए महाराष्ट्र में प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 रोगी के इलाज का पहला प्रयोग सफल हो गया है। इसके बाद अन्य मरीजों पर भी इसका प्रयोग जारी है। लेकिन बृहस्पतिवार को मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि लीलावती अस्पताल में जिस कोरोना संक्रमित 52 वर्षीय मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया गया था उसकी मौत हो गई। लॉकडाउन 5.0 में दिल्ली आने-जाने वाले लोगों और व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। राज्य सरकार की तरफ दिशा-निर्देश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने रविवार देर रात को गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि दिल्ली से जुड़ी सीमा अभी अग्रिम आदेशों तक सील रहेगी। यानी कड़े प्रतिबंधों के बीच वैध पास पर ही लोगों की आवाजाही हो सकेगी। इसी तरह से बाजारों के खुलने और बंद होने के समय में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। जबकि सैलून, ब्यूटी पार्लर, पार्क व सरकारी दफ्तर 100 स्टॉफ क्षमता के साथ खुल सकेंगे। बाजार और सीमा से जुड़े मामलों में सीलिंग का फैसला स्थानीय प्रशासन ने लिया है। जबकि अन्य मामलों में राज्य सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देश लागू रहेंगे। प्रशासन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि बॉर्डर को सील रखने का फैसला स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की सहमति के बाद लिया गया है। दिल्ली की सीमा से सटे इलाकों में कोरोना का संक्रमण अधिक है और जिले में कोरोना संक्रमित होने वाले अधिकांश लोग दिल्ली से जुड़े है, जिनकी आवाजाही को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अभी बाजार खुलने व बंद होने के समय में भी विस्तार नहीं किया जा सकता। इसी तरह से अभी बाजार सुबह 10 से शाम पांच बजे तक ही खुलेंगे और एक दिन खुलने के बाद अगले दिन बंद रहेंगे। रविवार के दिन सभी बाजार पूर्ण रूप से बंद रखे जाएंगे। प्रशासन का कहना है कि आगे चलकर ढील दी जा सकती है लेकिन वो सब कोरोना की स्थिति पर निर्भर करेगा। तीन पॉली में खुलेंगे सरकारी दफ्तर सभी सरकारी कार्यालय 100 स्टाफ के साथ खुल सकेंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार की तरफ से तीन पाली भी निर्धारित की गई हैं। पहली सुबह नौ से शाम पांच, दूसरी सुबह 10 से शाम 6 बजे और तीसरी पॉली सुबह 11 बजे से शाम के सात बजे के बीच की होगी। कंटेनमेंट जोन के बाहर चलेगी इंडस्ट्री सभी तरह की इंडस्ट्री जो कंटेनमेंट जोन के बाहर होगी वो संचालित की जा सकेंगी। उन्हें कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु सभी इंतजाम करने होंगे। आवासीय क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन के ये नियम होंगे लागू - यदि मल्टीस्टोरी सोसायटी में एक या एक से अधिक मामले कई टॉवरों में आते हैं तो जिस टॉवर में संक्रमण का केस होगा। उसी को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किया जाएगा। - अगर किसी सोसायटी में एक से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले पाए जाते हैं तो सोसायटी के सभी टॉवर कंटेनमेंट जोन होंगे। ऐसी स्थिति में पूरी सोसायटी के पार्क, जिम, स्वीमिंग पुल, बैंक्वेट हॉल इत्यादि को कंटेनमेंट जोन में मानकर सील कर दिया जाएगा। दफ्तर व इंडस्ट्री को 24 घंटे के लिए किया जाएगा बंद अगर किसी विशेष परिसर, निजी दफ्तर, इंडस्ट्री में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आता है तो संबंधित परिसर व दफ्तर को 24 घंटे की अवधि के लिए सील कर सैनिटाइज किया जाएगा, जिससे कि बीमारी का प्रसार न हो सके। परिसर को संचालित करने वाली संस्था एवं कंपनी को ही सैनिटाइजेशन की लागत स्वयं वहन करनी होगी। सब्जी मंडी सुबह 4 से 7 बजे तक खुलेंगी। सब्जी का फुटकर वितरण सुबह 6 बजे से 9 बजे तक होगा। शहरी क्षेत्र में सप्ताहिक पैठ बाजार नहीं लेगेंगे, ग्रामीण क्षेत्र में पैठ बाजार लगाने की इजाजत होगी लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। शादी या अन्य किसी तरह के समारोह में 30 लोग ही आ सकेंगे। जिसके लिए स्थानीय प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। सैलून व ब्यूटी पार्लर को खोलने की इजाजत होगी लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए फेस मास्क, ग्लब्स व सैनिटाइजेशन का प्रयोग करना होगा। काम करने वाले स्टॉफ को फेस मास्क, फेस कवर भी पहनना अनिवार्य होगा। पार्क सुबह पांच से आठ बजे और शाम को पांच से रात के आठ बजे के बीच सैर करने के लिए खोला जाएगा। प्रदेश के अंदर बस सेवा संचालित होगी लेकिन बैठने से पहले बस अड्डे पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। बसों को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाएगा। बसों में खड़े होकर यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी। इन्हें धारा-144 का माना जाएगा उल्लंघन प्रशासन ने गाइडलाइन जारी करते हुए धारा-144 को लेकर भी देर रात को आदेश पारित किया है। अगर ब्यूटी पार्लर, सैलून में कोई व्यक्ति बिना मास्क, फेस कवर के बाल काटते हुए पाया जाता है तो उसे धारा-144 का उल्लंघन माना जाएगा। किसी भी संस्थान को पांच से अधिक लोगों के साथ बैठक करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक व पूजा स्थल सात जून तक पूरी तरह से बंद रहेंगे। सार्वजनिक स्थल पर बिना मास्क के निकलना प्रतिबंधित होगा। किसी भी ऑटो, टैक्सी व ई रिक्शा को बिना मास्क व फेस कवर के यात्रियों को बैठाने की इजाजत नहीं होगी। खेल परिसर में दर्शकों के जुटाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। रात के नौ बजे से सुबह पांच बजे के बीच किसी भी वाहन का आवागमन नहीं होगा। - सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार व सभागार आदि अग्रिम आदेश तक नहीं खोले जाएंगे। तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच प्रशासन ने वैशाली में भी सेक्टर स्कीम लागू कर दी है। आधी रात से वैशाली को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। लोगों का आना-जाना अग्रिम आदेश तक पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह से प्रशासन की निगरानी में डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से की जाएगी। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए वैशाली क्षेत्र को चार सेक्टर व दो जोन में बांटा गया है। खोड़ा और लोनी के बाद वैशाली तीसरा क्षेत्र है जहां पर सेक्टर स्कीम को लागू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की रिपोर्ट मिलने के बाद रविवार रात को जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने वैशाली में भी सेक्टर स्कीम को लागू करने का आदेश जारी किया। सेक्टर स्कीम लागू होने के बाद ऐसे लोग जो दिल्ली में तैनात है लेकिन वैशाली में उनका निवास स्थान है, उन्हें लॉकडाउन की अवधि में अपने रहने का इंतजाम दिल्ली में ही करना होगा। इसमें डॉक्टर, पुलिस, स्वास्थ्य व बैंककर्मी आदि शामिल हैं। प्रशासन ने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि वैशाली क्षेत्र के ऐसे लोग जो दिल्ली या नोएडा में कार्यरत हैं, उन्हें यथासंभव वहीं पर रहने का इंतजाम करना होगा। विशेष परिस्थितियों में अपर नगर मजिस्ट्रेट (तृतीय) को निर्णय लेने का अधिकार होगा, लेकिन मजिस्ट्रेट भी चिकित्सकीय आधार पर ही जाने की अनुमति दे सकेंगे। प्रशासन का मानना है कि मौजूदा हालात में वैशाली के अंदर सेक्टर स्कीम को लागू करना बेहद जरूरी था क्योंकि तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें अधिकांश केस वो हैं जो दिल्ली व नोएडा में नौकरी करते हैं लेकिन रहते वैशाली में हैं। इससे साफ है कि दिल्ली व नोएडा के जरिए वैशाली तक कोरोना संक्रमण पहुंच रहा है, जिसे रोकने के लिए सेक्टर स्कीम को लागू करना जरूरी हो गया था। सार सैलून, ब्यूटी पार्लर, पार्क और सरकारी दफ्तर 100 फीसदी स्टाफ क्षमता के साथ खुल सकेंगे प्रशासन की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि बॉर्डर को सील रखने का फैसला स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की सहमति के बाद लिया गया है यानी कड़े प्रतिबंधों के बीच वैध पास पर ही लोगों की आवाजाही हो सकेगी विस्तार लॉकडाउन 5.0 में दिल्ली आने-जाने वाले लोगों और व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। राज्य सरकार की तरफ दिशा-निर्देश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने रविवार देर रात को गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि दिल्ली से जुड़ी सीमा अभी अग्रिम आदेशों तक सील रहेगी। यानी कड़े प्रतिबंधों के बीच वैध पास पर ही लोगों की आवाजाही हो सकेगी। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम मई तक रेलवे यात्रा, हवाई यात्रा, अंतरराज्यीय बस सेवा, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थलों को बंद रखना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से वार्ता में कहा था कि हमें कोरोना वायरस से जंग जारी रखने के साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को स्पष्ट संकेत दिए थे कि पूरे देश में जारी लॉकडाउन को तीन मई के बाद आगे भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन साथ ही लोगों को कुछ राहतें दी जाएंगी और कई जिलों में कुछ सेवाओं को भी छूट दी जाएगी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि रेड जोन में आक्रामक नियंत्रण की रणनीति की जरूरत है और ग्रीन जोन में भी राहतें देते हुए पूरी निगरानी करने की आवश्यकता है। बुधवार को एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था कि देश में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जिलों की संख्या बुधवार सुबह तक घटकर 129 हो गई है। यह संख्या एक पखवाड़ा पहले तक 170 थी। लेकिन, इस दौरान संक्रमण मुक्त इलाके या ग्रीन जोन की संख्या में कमी भी आई है। इन की संख्या अब 325 से घटकर 307 हो गई है। वहीं, इसी समयकाल के दौरान नॉन हॉटस्पॉट जिले या ऑरेंज जोन की संख्या में बढ़त हुई है जो 207 से 297 हो गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनॉलॉजी एंड क्रिटिकल केयर के अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि यह समझना बहुत जरूरी है कि लॉकडाउन से वायरस मरता नहीं है, इससे केवल वायरस के प्रसार की रफ्तार कम होती है। उन्होंने कहा रेड जोन में अभी कम से कम दो सप्ताह तक और लॉकडाउन जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा, मई का महीना कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में 'आर या पार' का महीना साबित हो सकता है और यह जरूरी है कि उन मामलों में बंदी बरकरार रहे जहां संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। डॉ. गुप्ता ने कहा कि ग्रीन जोन में राहतें दी जा सकती हैं लेकिन पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां किसी तरह से वायरस न पहुंचे और क्षेत्र संक्रमण मुक्त रहे। वहीं, सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि यह बहुत जरूरी था कि रेलवे, हवाई यात्राओं, अंतरराज्यीय बस सेवाओं, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थानों आदि को बंद किया जाए। उन्होंने कहा, ग्रीन जोन की सीमाओं को सील कर दिया जाना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग आदि मानकों का इस्तेमाल करते हुए जरूरी राहतें दी जानी चाहिए। सार भारत में तीन मई को लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो रही है। जैसे-जैसे यह तारीख नजदीक आ रही है, चिकित्सा विशेषज्ञ महसूस कर रहे हैं कि अगला महीना यानी मई कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में 'आर या पार' वाला महीना साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ राहतें देने के साथ-साथ हॉटस्पॉट इलाकों में आक्रामक कंटेनमेंट नीति बनाने की बहुत जरूरत है। विस्तार विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम मई तक रेलवे यात्रा, हवाई यात्रा, अंतरराज्यीय बस सेवा, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और धार्मिक स्थलों को बंद रखना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के सभी मुख्यमंत्रियों से वार्ता में कहा था कि हमें कोरोना वायरस से जंग जारी रखने के साथ देश की अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान देना होगा। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया आहत है। वहीं जानलेवा वायरस की दहशत के बाद धूम्रपान छोड़ने की इच्छा रखने वालों की संख्या बढ़ गई है। कई लोगों की जिंदगी बदल चुकी है। पांच देश भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और दक्षिण अफ्रीका में हुए सर्वे में पता चला कि इन देशों के लोगों में धूम्रपान करने वाले लोग इसे छोड़ने के इच्छुक हैं। उन्हें डर है कि धूम्रपान से वे वायरस की चपेट में आ सकते हैं। स्मोक फ्री वर्ल्ड फाउंडेशन की ओर से नीलसन कंपनी ने तंबाकू उत्पादों, निकोटीन और सोशल डिस्टेंसिंग के बिंदुओं पर 6,801 लोगों पर स्मोकिंग पूल किया। फाउंडेशन के डॉ. डेरेक याच ने बताया कि भारत में कुल 1500 लोग सर्वे में शामिल हुए जिसमें एक तिहाई लोगों ने धूम्रपान छोड़ने की इच्छा जताई। खास बात ये है कि इस तरह की अपील युवाओं में अधिक दिखी। लॉकडाउन के दौरान 18 से 24 वर्ष के 72 फीसदी युवाओं और 25 से 39 वर्ष के 69 फीसदी ने धूम्रपान छोड़ने की कोशिश कर चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में अन्य देशों की तुलना में धूम्रपान छोड़ने की इच्छा रखने वालों की संख्या अधिक है। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया आहत है। वहीं जानलेवा वायरस की दहशत के बाद धूम्रपान छोड़ने की इच्छा रखने वालों की संख्या बढ़ गई है। कई लोगों की जिंदगी बदल चुकी है। पांच देश भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और दक्षिण अफ्रीका में हुए सर्वे में पता चला कि इन देशों के लोगों में धूम्रपान करने वाले लोग इसे छोड़ने के इच्छुक हैं। उन्हें डर है कि धूम्रपान से वे वायरस की चपेट में आ सकते हैं। देश में कोरोना वायरस शायद अलग-अलग समय पर अपने चरम पर आएगा। स्वास्थ्य पर वित्त आयोग के 15वें उच्च स्तरीय पैनल का ऐसा मानना है। आयोग ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को सलाह दी है कि संसाधनों को इकट्ठा कर लें ताकि हर राज्य में बेहतर स्वास्थ्य इंफास्ट्रक्चर बन पाए। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक ऐसी प्रणाली की जरूरत है जिसमें मानवशक्ति औऱ स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को आसानी से एक राज्य से दूसरे राज्य ले जा सके। डॉ गुलेरिया ने कहा कि कुछ राज्य ऐसे हैं जहां संसाधनों की कमी नहीं है और कोरोना के मरीजों का बेहतर इलाज कर रहे हैं लेकिन कुछ राज्यों के लिए यह एक चुनौती है। स्वास्थय पर बने वित्त आयोग के पैनल ने कहा कि हर राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मामले अलग हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, बंगाल और दिल्ली ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और केरल राज्यों में संतुलन है। एक अध्ययन के मुताबिक 14-18 मई के बीच कोरोना संक्रमण की दर 5.1 फीसदी मानी जा रही है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि मृत्युदर को पांच फीसदी से नीचे रखना बेहद जरूरी है। अगर रोजाना मरने वालों की संख्या 1,000-2,000 होगी तो यह सरकार के लिए खतरे की घंटी होगी। कोरोना पर बने उच्च स्तरीय समूह ने तीन बड़े समूहों को बनाने की सलाह दी है। इन समूहों का नाम है बहुत छोटा, छोटा और मध्यम अवधि। बहुत छोटी अवधि में निगरानी के लिए सर्विलांस, कंटेन्मेंट, दवाइयों की आपूर्ति, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा, वेंटिलेटर, पीपीई किट, मास्क और ऑक्सीजन आपूर्ति शामिल किए गए हैं। छोटी अवधि मापदंडों में वायरस के प्रबंध के लिए बनाई जा रही योजनाएं, वैक्सीन के लिए वित्तीय सहायता को शामिल किया गया है। मध्यम अवधि मापदंड के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की तरह भारतीय मेडिकल सेवा का गठन किया जाए। सार वित्त आयोग के 15वें पैनल की स्वास्थ्य संशोधनों को इकट्ठा करने की सलाह देश में कोरोना वायरस अलग-अलग समय पर चरम पर आएगा 14-18 मई के बीच कोरोना मामलों में वृद्धि दर 5.1 फीसद रही विस्तार देश में कोरोना वायरस शायद अलग-अलग समय पर अपने चरम पर आएगा। स्वास्थ्य पर वित्त आयोग के 15वें उच्च स्तरीय पैनल का ऐसा मानना है। आयोग ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्यों को सलाह दी है कि संसाधनों को इकट्ठा कर लें ताकि हर राज्य में बेहतर स्वास्थ्य इंफास्ट्रक्चर बन पाए। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे अमेरिका में अफ्रीकी मूल के जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों की आंच व्हाइट हाउस तक जा पहुंची है। वहीं जॉर्ज की ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक वह किसी भी बीमारी से पीड़ित नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्ज की मौत गर्दन और पीठ पर पड़े दबाव के बाद दम घुटने की वजह से हुई है। जॉर्ज के परिवार के वकील की ओर से यह दावा किया गया है। ऑटोप्सी रिपोर्ट बनाने वाले एक डॉक्टर ने उन्हें बताया कि फ्लॉयड के मस्तिष्क में रक्त की कमी हो गई थी और गर्दन और पीठ पर दबाव के चलते उसे सांस लेने में मुश्किल हो रही थी। बता दें कि यह रिपोर्ट उस आधिकारिक रिपोर्ट से अलग है जो संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के दौरान बनाई गई थी। पहले की रिपोर्ट में जॉर्ज की मौत की वजह उसका नशीली दवाओं का सेवन करना और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित होना बताया गया था। इसके साथ ही दम घुटने जैसी बात के समर्थन में इस रिपोर्ट में कुछ भी नहीं कहा गया था। बता दें कि अफ्रीकी मूल के जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों की आंच सोमवार को व्हाइट हाउस तक जा पहुंची। व्हाइट हाउस से कुछ मीटर की दूरी पर मौजूद 200 साल पुराने सेंट जॉन चर्च में आग लगा दी गई। सुरक्षा के तहत राष्ट्रपति ट्रंप को कुछ समय के लिए एक भूमिगत बंकर में छिपाना पड़ गया। हिंसा के चलते अमेरिका के वाशिंगटन डीसी समेत 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। अमेरिका में अश्वेत की हत्या के बाद से लगातार छठे दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहे। बीते रविवार की रात प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर एकत्रित हो गए थे, उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया। उधर, भारतीय समयानुसार शनिवार देर शाम व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शनों के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कम से कम एक घंटे से कम समय के लिए भूमिगत बंकर में ले जाना पड़ा था। इस बीच, देश में बढ़ती हिंसा और प्रदर्शनों के चलते करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया, लेकिन लोगों ने इसकी अनदेखी की और सड़कों पर उतरे। इस कारण न्यूयॉर्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया और लॉस एंजिलिस जैसे शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच सीधा संघर्ष हुआ। शेर्लोट शहर में 15 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। लगातार जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े और काली मिर्च की गोलियों का भी इस्तेमाल करना पड़ा। जबकि प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे। कई शहरों में दुकानों को लूटा गया और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। हालातों से निपटने के लिए रिजर्व मिलिट्री द नेशनल गार्ड के पांच हजार जवान वाशिंगटन के अलावा 15 राज्यों में लगाए गए। हजारों को लिया हिरासत में वाशिंगटन डीसी में जहां 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं करीब 17 शहरों से करीब 1,400 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया। जबकि विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 पुलिस अधिकारियों के घायल होने की सूचना थी। लगातार बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए देश के 40 बड़े शहरों में पुलिस ने कर्फ्यू का एलान किया गया। थाने को आग लगाए जाने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट किया था कि जब लूटिंग शुरू होती है तो शूटिंग भी होती है। उनके इस ट्वीट की काफी आलोचना भी हुई, जिसके बाद ट्विटर ने इसे हाइड करते हुए कहा कि इस ट्वीट में हिंसा की प्रशंसा की गई है और इस तरह यह ट्विटर के नियमों का उल्लंघन है। हालांकि ट्विटर ने ट्रंप के इस ट्वीट को डिलीट नहीं किया। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे अमेरिका में अफ्रीकी मूल के जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों की आंच व्हाइट हाउस तक जा पहुंची है। वहीं जॉर्ज की ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक वह किसी भी बीमारी से पीड़ित नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्ज की मौत गर्दन और पीठ पर पड़े दबाव के बाद दम घुटने की वजह से हुई है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देश में तीन मई तक लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में आपको पैसों की जरूरत है, तो आप अपने प्रोविडेंट फंड (PF) खाते से निकासी कर सकते हैं। ईपीएफओ अंशधारक अपनी बचत का 75 फीसदी या अधिकतम तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते को अपने पीएफ खाते से निकाल सकते हैं (जो भी कम हो)। EPFO ने बदला यह नियम हालांकि EPFO ने निकासी को लेकर कुछ बदलाव किए हैं, जिनमें जन्मतिथि से लेकर बैंक खाता नंबर तक शामिल हैं। आपको क्लेम फाइल करते समय अब पूरा अकाउंट नंबर फॉर्म में डालना होगा। जबकि पहले बैंक खाते के अंतिम चार अंक ही खाते को वेरिफाई करने के लिए भरने पड़ते थे। जन्मतिथि को सुधारने के नियम में भी बदलाव जो नौकरीपेशा पीएफ में कॉन्ट्रिब्यूशन करते हैं, उनको ईपीएफओ ने रिकॉर्ड में अपनी जन्मतिथि को सुधारने की सुविधा दे दी है। हालांकि यह सशर्त है। ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों को दिए गए निर्देश के मुताबिक, कोई भी पीएफ सदस्य अपनी जन्म तिथि बदलवा सकता हैं। लेकिन आधार कार्ड और पीएफ खाते में दर्ज तिथि में 3 साल का ही अंतर होना चाहिए। 72 घंटे में खाते में आ जाएंगे पैसे कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) दावों के लिए विशेष कोरोना वायरस निकासी योजना के तहत प्राथमिकता से काम किया जा रहा है। ईपीएफओ के अनुसार, कोविड-19 के तहत ऑनलाइन दावों पर ऑटो मोड से क्लेम सेटल किए जा रहे हैं और सिर्फ 72 घंटे में पैसे आपके खाते में आ जाएंगे। । नए महामारी वापसी प्रावधान के अलावा, ईपीएफओ ने ग्राहकों को वर्तमान में घर निर्माण, शादी, बच्चों की शिक्षा, बीमारी और बेरोजगारी को वापस लेने की भी अनुमति दी है। 1.37 लाख निकासी दावों का निपटान ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान अंशधारकों को राहत देने के लिए 279.65 करोड़ रुपये के 1.37 लाख निकासी दावों का निपटान किया है। हाल ही में श्रम मंत्रालय ने कहा था कि अंशधारकों को उनके द्वारा की गई निकासी का पैसा मिलना शुरू हो गया है। ईपीएफओ ने दस दिन में इन दावों का निपटान किया है। ईपीएफओ ने कहा कि उसकी प्रणाली में पूरी तरह से अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) अनुपालन वाले अंशधारकों के दावों का निपटान तीन दिन से कम के समय में किया जा रहा है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देश में तीन मई तक लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में आपको पैसों की जरूरत है, तो आप अपने प्रोविडेंट फंड (PF) खाते से निकासी कर सकते हैं। ईपीएफओ अंशधारक अपनी बचत का 75 फीसदी या अधिकतम तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते को अपने पीएफ खाते से निकाल सकते हैं (जो भी कम हो)। मध्यप्रदेश के भोपाल में एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मौत हो गई लेकिन बेटे ने पिता का शरीर लेने से इनकार कर दिया। प्रशासन के काफी समझाने के बाद भी बेटा नहीं माना। आखिर में बैरागढ़ तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया। दरअसल, शुजालपुर निवासी एक व्यक्ति को आठ अप्रैल को पैरालिसिस का दौरा पड़ा था। उन्हें एक मल्टीकेयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। व्यक्ति में कोरोना के लक्षण देखकर डॉक्टरों ने बेटे और पिता से कोरोना की का टेस्ट कराने के लिए कहा। 10 अप्रैल को जांच के लिए उनके नमूने लिए गए और 14 अप्रैल को जब रिपोर्ट आई तो पता चला कि पिता कोरोना वायरस पॉजिटिव है। उसके बाद व्यक्ति को भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान सोमवार देर रात उनकी मौत हो गई। प्रशासन ने मौत की जानकारी परिजनों को दी तो मरीज की पत्नी, बेटा और साला गांव से अस्पताल पहुंचे। जब बेटे को पता चला कि कोरोना संक्रमण के डर से पिता का शव गांव नहीं ले जा पाएंगे तो वह घबरा गया। उसने पॉलिथीन में लिपटे पिता के शरीर को हाथ तक लगाने से इनकार कर दिया। मौके पर मौजूद अफसरों ने उसे काफी समझाया लेकिन वह नहीं माना। अफसरों ने बेटे को बताया कि डॉक्टर, नर्स और चिकित्साकर्मी भी तो मरीजों का इलाज कर रहे हैं उनके पास जा रहे हैं। लेकिन बेटा फिर भी नहीं माना। उसने पिता का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया। बेटे ने लिखकर दे दिया कि उसे पीपीई किट पहननी नहीं आती है इसीलिए प्रशासन ही अंतिम संस्कार करे। जब बेटा नहीं माना तो मां ने भी प्रशासन को इसकी इजाजत दे दी। इसके बाद तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने रीति-रिवाजों के अनुसार श्मशान में ही नहाकर और पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार किया। बेटा 50 मीटर दूर से ही पिता की चिता को जलते देखता रहा। मध्यप्रदेश के भोपाल में एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मौत हो गई लेकिन बेटे ने पिता का शरीर लेने से इनकार कर दिया। प्रशासन के काफी समझाने के बाद भी बेटा नहीं माना। आखिर में बैरागढ़ तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में शनिवार को हुई मुठभेड़ में सेना के दो अफसरों समेत सुरक्षा बलों के पांच जवान लापता हो गए हैं। इनका टीम से संपर्क कट गया है। बताते हैं कि जिस घर में आतंकी छिपे हुए हैं उसमें दाखिल होने के बाद इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इनके साथ अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। सेना की ओर से इनका पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया गया है। हालांकि, सेना की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। कुपवाड़ा में तलाशी अभियान के 20 घंटे बाद आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच शनिवार को दोपहर बाद मुठभेड़ शुरू हुई। लश्कर के टॉप कमांडर के फंसे होने की आशंका बताया जा रहा है कि लश्कर के टॉप कमांडर अपने ग्रुप के साथ फंसा हुआ है। इससे पहले करीब दो बार आतंकी जंगल क्षेत्र की ओर भाग खड़े हुए थे। देर शाम तक मुठभेड़ जारी थी। पुलिस के अनुसार हंदवाड़ा के चंज मोहल्ला में शनिवार को दोपहर बाद मुठभेड़ शुरू हुई। आतंकी घटनास्थल से फरार न हो जाएं, इसके लिए सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर कर रखा है। रिहायशी इलाका होने के चलते सुरक्षाबल एहतियात के साथ कार्रवाई कर रहे हैं। तलाशी अभियान के दौरान तीसरी बार आतंकी और सुरक्षाबल हुए आमने-सामने यह तीसरी बार है कि आतंकी और सुरक्षाबल आमने-सामने हुए हैं। इलाके में शुक्रवार से सुरक्षाबलों द्वारा करीब 20 घंटे से तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, क्योंकि उन्हें सूचना मिली थी कि लश्कर का उत्तरी कश्मीर का कमांडर हैदर अपने एक ग्रुप के साथ पाकिस्तान से घुसपैठ कर आने वाले नए ग्रुप को रिसीव करने जा रहा है। इसके आधार पर हंदवाड़ा के रजवाड़ा वडरबाला जंगल क्षेत्र में सुरक्षाबलों को शुक्रवार दोपहर को सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), 9 पैरा, 92 बटालियन सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवानों ने इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। सूत्रों के अनुसार जैसे ही टीम उस जगह पहुंची जहां आतंकी मौजूद थे, तो वहां छिपे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि कुछ देर तक मुठभेड़ चलने के बाद आतंकी जंगल क्षेत्र की ओर भाग खड़े हुए। इसके बाद एक बार फिर से उन्हें ढूंढने के लिए शनिवार को तलाशी अभियान चलाया गया। शाम को फिर से आतंकियों के साथ जवानों का आमना-सामना हुआ। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलाबाग सिंह ने बुधवार को दो टूक कहा था कि आतंकवादियों के खिलाफ हमारा काउंटर टेररिस्ट ग्रिड अपने ऑपरेशन को जारी रखेगा। कोविड 19 महामारी के बीच इसमें किसी प्रकार की कमी नहीं आएगी। सुरक्षाबलों ने कोरोना से जंग के बीच पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ शानदार काम करते हुए घुसपैठ के अनेक प्रयासों को विफल किया है। डीजीपी ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से इस मोर्चे पर हमारे संघर्ष में कोई कमी नहीं आएगी। सीमापार से लगातार घुसपैठ की कोशिश हो रही है परंतु सुरक्षाबलों की सतर्कता के कारण हम सीमाओं पर अलर्ट हैं। दूसरी ओर हमारे अधिकारी और जवान कोरोना से जंग में भी अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं की भूमिका निभा रहे हैं। वह जरूरतमंद लोगों की मदद कर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश कर रहे हैं। हम विश्वास दिलाते हैं कि हम पूरी प्रतिबद्धता के साथ लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे। सार जिस घर में आतंकी छिपे हैं उसमें दाखिल होने के बाद से संपर्क कटा इलाके में तीसरी बार मुठभेड़, लश्कर कमांडर ग्रुप के साथ फंसा तलाशी अभियान के 20 घंटे बाद फिर शुरू हुई मुठभेड़ विस्तार उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में शनिवार को हुई मुठभेड़ में सेना के दो अफसरों समेत सुरक्षा बलों के पांच जवान लापता हो गए हैं। इनका टीम से संपर्क कट गया है। बताते हैं कि जिस घर में आतंकी छिपे हुए हैं उसमें दाखिल होने के बाद इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इनके साथ अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। सेना की ओर से इनका पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया गया है। हालांकि, सेना की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। कुपवाड़ा में तलाशी अभियान के 20 घंटे बाद आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच शनिवार को दोपहर बाद मुठभेड़ शुरू हुई। लश्कर के टॉप कमांडर के फंसे होने की आशंका बताया जा रहा है कि लश्कर के टॉप कमांडर अपने ग्रुप के साथ फंसा हुआ है। इससे पहले करीब दो बार आतंकी जंगल क्षेत्र की ओर भाग खड़े हुए थे। देर शाम तक मुठभेड़ जारी थी। पुलिस के अनुसार हंदवाड़ा के चंज मोहल्ला में शनिवार को दोपहर बाद मुठभेड़ शुरू हुई। आतंकी घटनास्थल से फरार न हो जाएं, इसके लिए सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर कर रखा है। रिहायशी इलाका होने के चलते सुरक्षाबल एहतियात के साथ कार्रवाई कर रहे हैं। तलाशी अभियान के दौरान तीसरी बार आतंकी और सुरक्षाबल हुए आमने-सामने यह तीसरी बार है कि आतंकी और सुरक्षाबल आमने-सामने हुए हैं। इलाके में शुक्रवार से सुरक्षाबलों द्वारा करीब 20 घंटे से तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, क्योंकि उन्हें सूचना मिली थी कि लश्कर का उत्तरी कश्मीर का कमांडर हैदर अपने एक ग्रुप के साथ पाकिस्तान से घुसपैठ कर आने वाले नए ग्रुप को रिसीव करने जा रहा है। इसके आधार पर हंदवाड़ा के रजवाड़ा वडरबाला जंगल क्षेत्र में सुरक्षाबलों को शुक्रवार दोपहर को सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), 9 पैरा, 92 बटालियन सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवानों ने इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को लॉकडाउन पालन को लेकर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। मंत्रालय ने राज्यों से लॉकडाउन का सही तरीके से पालन करवाने का निर्देश दिया। गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को रात के कर्फ्यू या सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच ही सुनिश्चित कराना चाहिए। साथ ही कंटेनमेंट जोन को सही तरीके से चिन्हित कर उनमें रोकथाम के उपायों को लागू किया जाना चाहिए। देशभर में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। इसकी वजह से पूरे देश में चौथे चरण का लॉकडाउन भी जारी है। हालांकि 30 मई तक लागू इस बार के लॉकडाउन में कई तरह की राहतें भी दी गई हैं। रेलवे से लेकर हवाई उड़ानों को भी चलने की मंजूरी मिली है। वहीं, केंद्र सरकार ने इस बार राज्य सरकारों को अपने हिसाब से दिशा-निर्देश बनाने के साथ ही कई अन्य तरह के अधिकार भी दिए हैं। इसके तहत कई राज्यों में दुकानें खुल रही हैं और सड़कों पर लोग नजर आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को लॉकडाउन पालन को लेकर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। मंत्रालय ने राज्यों से लॉकडाउन का सही तरीके से पालन करवाने का निर्देश दिया। गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को रात के कर्फ्यू या सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे के बीच ही सुनिश्चित कराना चाहिए। साथ ही कंटेनमेंट जोन को सही तरीके से चिन्हित कर उनमें रोकथाम के उपायों को लागू किया जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया के देश अगर कोरोना को नियंत्रित करना चाहते हैं तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जरूरी सावधानियों पर ध्यान देना होगा। जांच, निगरानी और क्वारंटीन की रणनीति पर अधिक जोर देने से ही बचाव संभव है। महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियां शुरू करने से हालात बिगड़ सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के प्रमुख माइर रायन ने शुक्रवार को कहा कि हमें पहले की तरह ही सतर्क रहना होगा। मरीजों का पता लगाने को अधिक से अधिक लोगों की जांच करनी होगी, जांच के बाद आइसोलेट करना होगा और संपर्क में आने वालों को क्वारंटीन करना होगा। उन्होंने कहा कि नया संक्रमण रोकने के लिए पाबंदियां लगानी होंगी, दूसरों को संक्रमण से बचाना होगा। सभी सुरक्षित नहीं, तब तक कोई सुरक्षित नहीं: रायन ने कहा कि वायरस देश-देश फैल रहा है। कहीं इसकी रफ्तार धीमी है तो कहीं तेज। ऐसे में सावधानी ही इससे बचाव है। ये सभी को समझना होगा कि जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं हैं तब तक कोई सुरक्षित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय एकजुटता से ही जीत संभव: डब्ल्यूएचओ के डीजी टेड्रॉस एडहानोम घेबरेसस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एकजुटता से ही वायरस को मात दी जा सकती है। 40 साल पहले स्मॉल पॉक्स को इसी सहयोग की बदौलत खत्म किया गया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया के देश अगर कोरोना को नियंत्रित करना चाहते हैं तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जरूरी सावधानियों पर ध्यान देना होगा। जांच, निगरानी और क्वारंटीन की रणनीति पर अधिक जोर देने से ही बचाव संभव है। महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियां शुरू करने से हालात बिगड़ सकते हैं। एक तरफ पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है दूसरी तरफ उनकी तस्वीर एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है कि वो लंदन के एक कैफे में अपनी पोतियों के साथ खाना खा रहे हैं। नवाज शरीफ पिछले कई महीनों से कोर्ट की इजाजत लेकर इलाज के सिलसिले में लंदन में हैं। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद कहा जा रहा है कि वो पूरी तरह ठीक हैं और बीमारी का बहाना करके वापस पाकिस्तान नहीं आना चाहते। नवाज शरीफ की फोटो वायरल होने पर उनकी बेटी मरियम औरंगजेब ने कहा है कि वह अपने पिता को स्वस्थ देखकर खुश हैं, लेकिन उनके खिलाफ इस तरह की अफवाह उड़ाना सरासर उन्हें बदनाम करने की साजिश है कि वो लंदन की गलियों में मौज मस्ती कर रहे हैं। उन्होंने फोटो वायरल करने को साजिश बताते हुए कहा कि ये उनके पिता की छवि खराब करने की सियासी कोशिश है। मरियम पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने द डॉन को बताया कि नवाज शरीफ के समर्थक उन्हें पहले से स्वस्थ देखकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि जब उनकी मां गंभीर रूप से बीमार थीं और आईसीयू में भर्ती थीं, तब भी ऐसे लोगों ने उनकी फोटो लेने की कोशिश की थी। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि इस तरह की शर्मनाक हरकतें बंद होनी चाहिए। इससे पहले भी जनवरी में लंदन के एक रेस्तरां में परिवार के सदस्यों के साथ खाना खाते हुए नवाज़ शरीफ की एक तस्वीर वायरल हुई थी। इसके लिए उनकी पार्टी ने पाकिस्तान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी पर हमला बोला था और कहा था कि उनके विरोधी उनकी बीमारी का मजाक उड़ा रहे हैं। उन्होंने इमरान खान सरकार से कहा है कि वह  ‘ शरीफ फोबिया ’  से बाहर निकले और देश के जरूरी सवालों और मुद्दों पर ध्यान दे। हालांकि नवाज शरीफ की बीमारी को लेकर लंबे समय से पाकिस्तान के सियासी गलियारों में चर्चा है कि उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों और मुकदमों से बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाया है और महीनों से लंदन में है। जबकि उनकी पार्टी बार बार ये दावा कर रही है कि नवाज़ को लेकर जबरन सियासी खेल खेला जा रहा है और उन्हें फंसाया गया है। जाहिर है पाकिस्तान में कोरोना के गंभीर सवालों और पूरी तरह चरमाई अर्थव्यवस्था को लेकर इमरान खान सरकार निपक्ष के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की अंदरूनी सियासी विवाद नवाज समर्थकों को फिर से एकजुट करने में मददगार साबित हो सकता है। सार नवाज के खिलाफ पाकिस्तान में गैर जमानती वारंट, महीनों से लंदन में हैं नवाज नवाज की पार्टी ने लगाया इमरान की पार्टी पर छवि खराब करने का आरोप विस्तार एक तरफ पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है दूसरी तरफ उनकी तस्वीर एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है कि वो लंदन के एक कैफे में अपनी पोतियों के साथ खाना खा रहे हैं। नवाज शरीफ पिछले कई महीनों से कोर्ट की इजाजत लेकर इलाज के सिलसिले में लंदन में हैं। इस तस्वीर के वायरल होने के बाद कहा जा रहा है कि वो पूरी तरह ठीक हैं और बीमारी का बहाना करके वापस पाकिस्तान नहीं आना चाहते। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन के चलते एक जोड़े को शादी के लिए चेक-पोस्ट पर लगभग नौ घंटे इंतजार करना पड़ा। शादी के कपड़ों में तैयार कर्नाटक का दूल्हा और केरल की दुल्हन आखिरकार लंबे चले इंतजार के बाद एक-दूसरे से शादी कर पाए। सूत्रों ने बताया कि इन्हें शादी के लिए सोमवार सुबह 11 बजे के निर्धारित ‘मुहूर्तम’ में पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दुल्हन के परिवार को लगभग 4 बजे ई-पास की मंजूरी मिलने के बाद ही उन्हें केरल को पार करने की अनुमति दी गई। अधिकारियों ने कोविड-19 लॉकडाउन के मद्देनजर एक वैध अंतर-राज्य यात्रा पास नहीं होने पर सोमवार सुबह 7 बजे के आसपास थलपाडी चेक-पोस्ट पर पहुंची दुल्हन विमला और उसकी मां को दूल्हे के घर की ओर जाने देने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। विमला ने मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देते हुए 15 दिन पहले ही पास के लिए आवेदन किया था। लेकिन कोई चिकित्सा प्रमाण पत्र संलग्न नहीं होने की वजह से उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया था। इस बात का दुल्हन को पता नहीं होने की वजह से उससे फिर से ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया और शाम 4 बजे के आसपास उसे मंजूरी मिल गई। विमला और उसकी मां को लेने आए दूल्हे पुष्पराज को केरल की तरफ की चौकी के पास इंतजार करना पड़ा। हालांकि अनुमति मिलने में देरी होने की वजह से उनके द्वारा निर्धारित समय पर शादी नहीं हो पाई। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि महिला के दूसरे राज्य से आने के कारण नवविवाहित जोड़े को 14 दिनों के होम क्वारंटीन से गुजरना होगा। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन के चलते एक जोड़े को शादी के लिए चेक-पोस्ट पर लगभग नौ घंटे इंतजार करना पड़ा। शादी के कपड़ों में तैयार कर्नाटक का दूल्हा और केरल की दुल्हन आखिरकार लंबे चले इंतजार के बाद एक-दूसरे से शादी कर पाए। सूत्रों ने बताया कि इन्हें शादी के लिए सोमवार सुबह 11 बजे के निर्धारित ‘मुहूर्तम’ में पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दुल्हन के परिवार को लगभग 4 बजे ई-पास की मंजूरी मिलने के बाद ही उन्हें केरल को पार करने की अनुमति दी गई। छत्तीसगढ़ और झारखंड में कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन 1.0 और 2.0 का व्यापक असर अब नक्सल प्रभावित इलाकों में देखने को मिल रहा है। रोड ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण नक्सलियों को रोजमर्रा की वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा अफीम की खेती का कारोबार भी ठप हो गया है। इन दोनों राज्यों में निर्माण स्थलों और इंडस्ट्री से जो अवैध वसूली होती थी, वह भी अब बंद हो गई है। खाने-पीने के सामान और पैसे की सप्लाई चेन टूट चुकी है, इसलिए अब उन्होंने ग्रामीणों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। वहां से खाने-पीने का सामान और पैसा लूटा जा रहा है। ग्रामीणों को धमकी दी जा रही है कि उन्हें सामान या रुपये-पैसे देने से इंकार किया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। हर घर से दो सौ रुपये मांगे जा रहे हैं। सीआरपीएफ के एक बड़े अधिकारी के अनुसार, लॉकडाउन 1.0 में नक्सलियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। खासतौर पर, उनकी जरूरी वस्तुओं की सप्लाई चेन पूरी तरह टूट गई है। पहले ये लोग एक माह का अग्रिम राशन जमा कर लेते थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार उनके राशन की सप्लाई नहीं हो सकी। नतीजा, जंगलों में बहुत अंदर रह रहे नक्सलियों को खाने-पीने के सामान की किल्लत महसूस होने लगी। अब 15 अप्रैल से लॉकडाउन 2.0 शुरू हो गया है, ऐसे में 3 मई से पहले उन्हें सामान की सप्लाई नहीं हो सकती। साथ ही उनकी कमाई का अहम जरिया यानी अफीम की खेती और इंडस्ट्री से अवैध वसूली, यह सब बंद हो चला है। रोड ट्रांसपोर्ट चालू न होने के कारण अफीम को इधर-उधर नहीं पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में अब नक्सलियों ने ग्रामीण क्षेत्रों को निशाना बनाया है। इन गांवों में जो लोग इनकी सप्लाई चेन जारी रखने में मदद करते थे, अब उन्हीं के जरिए लोगों को धमकी दिलाई जा रही है कि वे अनाज और दूसरा राशन एकत्रित कर गांव के बाहर रख दें। इसके अलावा हर घर से दो सौ रुपये भी मांगे जा रहे हैं। सुरक्षाबलों के अनुसार, जो लोग ऐसा नहीं करते, नक्सली रात को वहां पहुंचकर लूटमार करने लगते हैं। दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के अनुसार, लॉकडाउन की वजह से चूंकि नक्सलियों की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है, इसलिए वे बौखला गए हैं। इसी के चलते वे ग्रामीणों का राशन लूट रहे हैं। अरनपुर, बारसूर और कटेकल्याण थाना क्षेत्र से राशन लूटने की शिकायतें मिली हैं। हालांकि ये कोई तीन क्षेत्रों की बात नहीं है, हमें सूचना मिली है कि ये लूटपाट बड़े पैमाने पर हो रही है। डर के चलते ज्यादातर ग्रामीण मुंह नहीं खोल रहे हैं। सुरक्षाबल और लोकल पुलिस के जवान अपने स्तर पर ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। सार लॉकडाउन में नक्सलियों कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है कमाई का अहम जरिया यानी अफीम की खेती और इंडस्ट्री से अवैध वसूली हुई बंद ट्रांसपोर्ट न होने से जंगलों में अंदर रह रहे नक्सलियों की भूखे मरने की नौबत विस्तार छत्तीसगढ़ और झारखंड में कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन 1.0 और 2.0 का व्यापक असर अब नक्सल प्रभावित इलाकों में देखने को मिल रहा है। रोड ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण नक्सलियों को रोजमर्रा की वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा अफीम की खेती का कारोबार भी ठप हो गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ देश में जंग जारी है। अन्य देशों के मुकाबले इस लड़ाई में भारत के प्रयासों की पूरी दुनिया में जमकर सराहना की जा रही है। प्रशंसा के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से हैं। वैसे तो इस खतरनाक वायरस के खिलाफ सभी देश अपने-अपने स्तर से लड़ाई लड़ रहे हैं। मगर भारत जिस सख्ती से इस महामारी के खिलाफ डटा है, उसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है। भारत में कोरोना वायरस ने 30 जनवरी 2020 को दस्तक दी थी। पहला केस केरल में मिला था। चीन के वुहान विश्वविद्यालय से आए एक छात्र में कोरोना वायरस का लक्षण पाया गया था। इसके 54-55 दिन बाद यानी 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का एलान किया था। इन 55 दिनों में देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 400 के करीब थी और लगभग नौ से दस लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने उठाए जरूरी कदम लॉकडाउन में सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, लगातार हाथ धोने, सैनिटाइजर का खूब इस्तेमाल करने, मास्क पहनने और घरों में ही रहने आदि की सलाह दी थी। लोगों ने पीएम को सहयोग दिया। हालांकि जमातियों के संक्रमण के मामलों में भारत की कोरोना की लड़ाई को कमजोर किया। देश के तकरीबन 23 राज्यों में जो पॉजिटिव मरीज मिले उनमें जमात के लोग शामिल रहे। इन सभी जमातियों ने निजामुद्दीन मरकज सभा में शामिल होकर इस वायरस का और विस्तार कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समय-समय पर जारी मेडिकल बुलेटिन में यह तथ्य भी सामने आए कि अलग-अलग राज्यों से जितने भी संक्रमित मरीजों की संख्या आती थी, उनमें से ज्यादातर लोग मरकज से संबंधित थे। हालांकि, पूरा संक्रमण जमातियों ने ही नहीं फैलाया, लेकिन देश में जो अचानक मामले बढ़ने लगे, उसकी सबसे बड़ी वजह यही थी। क्या लॉक डाउन का तीसरा चरण भी होगा? लॉक डाउन के दूसरा चरण के खत्म होने की तारीख तीन मई को है, लेकिन इस पर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रतीत तो यही हो रहा है कि लॉकडाउन को आगे और बढ़ाया जा सकता है। खैर, यह बात 27 अप्रैल को साफ हो जाएगी। क्योंकि इस दिन पीएम मोदी एक बार फिर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए लॉकडाउन के हालात पर चर्चा करेंगे और जो फैसला लेंगे वो सबके लिए और देशहित में मान्य होगा। लॉकडाउन वन और लॉकडाउन 2.0 के दौरान कोरोना महामारी को लेकर पीएम मोदी के नेतृत्व और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना जितनी की जाए उतनी कम है। वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत जिस मजबूती से डटा है, पूरी दुनिया इसका कायल है और यही वजह है कि डब्लूएचओ (WHO) से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय संगठन ने भी भारत की जमकर प्रशंसा की है। और तो और सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका की डेटा रिसर्चर कंपनी ने दावा भी किया कि कोरोना से निपटने के प्रयासों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनियाभर में सबसे आगे हैं। दरअसल, अमेरिकी डेटा रिसर्चर कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट ने अमेरिका पर पड़े कोरोना के असर को लेकर एक रिसर्च किया। इस तुलनात्मक रिसर्च में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ दुनिया के अन्य नौ बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों की तुलना की गई है। इस रिसर्च में यह पता लगाने कोशिश की गई कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में कौन सा देश और उसके नेता का कैसा काम रहा है। और हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के खिलाफ भारत के प्रयासों के लिए उनकी खूब तारीफ की। उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी के नेतृत्व और कोरोना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मैं कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए आपके नेतृत्व के साथ-साथ आपकी और आपकी सरकार के सक्रिय कदमों की सराहना करता हूं। देश में हॉटस्पॉट चिह्नित करने और लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए लॉकडाउन, क्वारंटीन के साथ-साथ इस महामारी से लड़ने के लिए जरूरी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना सराहनीय है। आपने रिसर्च और डेवलेपमेंट के साथ-साथ डिजिटल इनोवेशन पर भी काफी जोर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संकट की घड़ी में लगातार अन्य देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ टेलीफोन पर बात कर रहे हैं। वह यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके देशों में कोरोना महामारी की स्थिति कैसी है? इसमें भारत क्या योगदान कर सकता है। इस पर भी बात कर रहे हैं। अपनी क्षमतानुसार भारत ने इस संकट की घड़ी में दुसरे देशों को भी हरसंभव मदद किया है और भारत का यह एहसान शायद ही कोई देश भूल पाएगा। यही वजह है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री अन्य देशों की नजर में पहले से भी और महान बन गए हैं। धैर्य और साहस ने पीएम मोदी को इस विपदा की घड़ी में साहसिक और कठोर फैसले लेने पर मजबूर किया और इस फैसले को सवा सौ करोड़ देशवासियों ने स्वीकार किया। इसी का नतीजा है कि हम अन्य देशों की तुलना में कोरोना से निपटने में थोड़ा बेहतर हैं। इस संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री मोदी को महान सिर्फ हम ही नहीं कह रहे हैं बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पीएम मोदी को महान नेता कह चुके हैं। हाल ही में कोरोना वायरस की मार से बेहाल अमेरिका के राष्ट्रपति ने ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान नेता बताया था। ट्रंप ने कहा था कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्छे हैं। लेकिन इन प्रशंसाओं के साथ ही प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की चुनौतियां पहले से बढ़ गई हैं। संक्रमितों की संख्या के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे भारत को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बड़ी रणनीति की दरकार होगी। देखने वाली बात होगी पीएम इस मोर्चे पर कैसे आगे बढ़ते हैं। डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें  [email protected]  पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ देश में जंग जारी है। अन्य देशों के मुकाबले इस लड़ाई में भारत के प्रयासों की पूरी दुनिया में जमकर सराहना की जा रही है। प्रशंसा के केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष रूप से हैं। वैसे तो इस खतरनाक वायरस के खिलाफ सभी देश अपने-अपने स्तर से लड़ाई लड़ रहे हैं। मगर भारत जिस सख्ती से इस महामारी के खिलाफ डटा है, उसकी तारीफ पूरी दुनिया कर रही है। दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। वायरस से निपटने के लिए सभी देशों की सरकारें हरसंभव कोशिश कर रही है। इस बीच, रूस में पिछले 24 घंटे में 9709 नए मामले सामने आए हैं। इन नए मामलों के साथ देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,81,752 तक पहुंच गई है जो कि अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। 24 घंटे में 94 लोगों की मौतें भी हुईं हैं जिससे मृतकों की संख्या 2631 हो गई है। रूस की राजधानी मॉस्को की बात करें तो यहां का आंकड़ा सबसे अधिक डराने वाला है जहां कुल संक्रमितों की संख्या 142,824 हो गई है जो कि देश के कुल संक्रमितों की संख्या का आधा है। यानि कि रूस के कुल कोरोना मरीजों में आधा राजधानी मॉस्को से है। सीएनसीएन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस मॉस्को में तबाही मचाने के बाद अब दूरस्थ एवं बीमार क्षेत्रों में अपना पांव पसार रहा है। जो कि रूस की सरकार के लिए काफी चिंताजनक है। रूस के 85 क्षेत्रीय प्रमुखों के साथ सोमवार को एक वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अब स्थानीय लोगों को तय करना होगा कि क्या लॉकडाउन को अब भी जारी रखना है या अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने के लिए सावधानीपूर्वक कुछ प्रतिबंधों के साथ इसमें ढ़ील देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुत बड़ा है और विज्ञान के अनुसार महामारी का प्रभाव हर क्षेत्रों में अलग-अलग होता है। उन्होंने आगे कहा कि अगले चरण में हमें सावधानीपूर्वक कदम उठाने होंगे। वहीं आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अलास्का से लेकर बेरिंग जलसन्धि एवं पोलैंड और लिथुआनिया के बीच कैलिनिनग्राद एक्सक्लेव से लेकर रूस के लगभग सभी घटक भागों में महामारी पहुंच चुकी है। मौत के आंकड़े को लेकर संदेह हालांकि इन आधिकारिक आंकड़ों के बावजूद रूस में कोरोना से मरने वालों वालों की संख्या कम होने को लेकर लगातार लोगों ने शक भरी निगाह से देखा है और ऐसे संकेत दिए हैं कि रूस मौत के आंकड़ों को छुपा रहा है लेकिन अधिकारियों ने इससे इनकार किया और ऐसे बयानों को झूठा एवं भ्रामक बताया। रूस में ही कई संस्था संक्रमितों एवं मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग आंकड़े पेश कर रहे हैं। एक वेबसाइट स्टॉपकोरोनोवायरस.आरएफ और स्थानीय सरकारी वेबसाइटों पर प्रकाशित मृत्यु दर और संक्रमितों की संख्या अलग-अलग हैं। वहीं एक रिपोर्ट में कैलिनिनग्राद क्षेत्र ने शुक्रवार तक 13 मौतों की सूचना दी, जबकि राष्ट्र के कोरोनोवायरस मुख्यालय द्वारा मृतकों की संख्या 11 बताई गई । स्थानीय रिपोर्ट पेश करने वाली संस्था और राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े पेश करने वाली संस्था अपनी- अपनी रिपोर्ट को सही ठहरा रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में, पुतिन ने स्थानीय नेतृत्व से सलाह लेकर देश भर में प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की थी लेकिन मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने बाद में स्पष्ट किया कि वह लॉकडाउन को समाप्त करने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिबंधों का समयपूर्व हटाने से दूसरे बार महामारी के संक्रमण का खतरा बना रहता है। मेयर ने आगे कहा कि मॉस्को के पास उपयुक्त बजट है और हम इस बजट से कोरोना के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था वाला अस्पताल एक महीनें के अंदर इसका निर्माण करवा दिया। उन्होंने आगे कहा कि हमने लॉकडाउन को कड़ाई से पालन करवाने के लिए इलेक्ट्रोनिक पास भी जारी करवाया है। उन्होंने आगे कहा कि यहां अब रूस में एक दिन में 40 हज़ार से अधिक लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं। जल्द मामलों को पकड़ना और अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू करना भी रूस के लिए मददगार साबित हो रहा है जिससे बहुत ज़्यादा मौतों से भी बचा जा सका है। यूरोप के कई हिस्सों में मरने वालों की संख्या इतनी अधिक रही है कि मॉर्चरी में भी जगह नहीं रही। बढ़ रही है बेरोजगारी रूस में बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है. महामारी की शुरुआत से अब तक में बेरोज़गारी के आधिकारिक आँकड़े दोगुना हो चुके हैं। स्वतंत्र पोलिंग फर्म लेवाडा ने इस मंत्र अपने पोल में पाया कि हर चार में से एक शख़्स की नौकरी जा चुकी है या नौकरी जाने के संकट में है। एक तिहाई लोगों का वेतन कटा है या उनके काम के घंटे कम कर दिए गए हैं। सार रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,81,752 तक पहुंच गई संक्रमितों की संख्या के मामले में अमेरिका से मात्र एक कदम पीछे रूस में मौत के आंकड़े को लेकर लोग कर रहे संदेह विस्तार दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। वायरस से निपटने के लिए सभी देशों की सरकारें हरसंभव कोशिश कर रही है। इस बीच, रूस में पिछले 24 घंटे में 9709 नए मामले सामने आए हैं। इन नए मामलों के साथ देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,81,752 तक पहुंच गई है जो कि अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। 24 घंटे में 94 लोगों की मौतें भी हुईं हैं जिससे मृतकों की संख्या 2631 हो गई है। कोविड-19: एक दिन में संक्रमितों के बढ़ने की सबसे धीमी रही रफ्तार देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार को अच्छी खबर आई है। अभी तक औसतन हर 9.1 दिन में मरीज दोगुने हो रहे थे। परंतु शुक्रवार सुबह 8 बजे से शनिवार 8 बजे के बीच देश में 6 फीसदी की दर से नए मरीज बढ़े। देश में 100 मामले सामने आने के बाद से किसी एक दिन में मरीजों के बढ़ने की यह सबसे कम दर है। पढ़ें पूरी खबर 'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी फिर मांग सकते हैं जनता से सहयोग! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश की जनता से 'मन की बात' करेंगे। सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा करेंगे। केंद्र सरकार के रणनीतिकारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री एक बार फिर जनता का सहयोग मांग सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर लॉकडाउन खत्म होते ही लौटेंगे विदेशों में फंसे भारतीय, तैयारी शुरू वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लागू लॉडाउन के चलते विदेश में फंसे भारतीय जल्द ही स्वदेश लौट आएंगे। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसके लिए तैयारी शुरू कर दी। इसके तहत विशेष उड़ानों से विदेशों में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा। इस दौरान आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष अस्पतालों की भी व्यवस्था की गई है। पढ़ें पूरी खबर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा: एक से ज्यादा बार भी संक्रमित कर सकता है कोरोना वायरस विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर दुनिया को चेताया है। उसका कहना है कि कोविड-19 से बचने के लिए इससे संक्रमित मरीजों और अन्य मामलों का पता लगा लेना और इलाज करा लेना ही काफी नहीं है, क्योंकि यह ठीक हुए शख्स को दोबारा संक्रमित कर सकता है। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भविष्य में 'इम्युनिटी पासपोर्ट' जारी किए जाने के विचार को भी खारिज किया है। पढ़ें पूरी खबर गांव हो या शहर: नहीं खुलेंगे हेयर सैलून, तंबाकू और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध जारी केंद्र सरकार ने शनिवार को साफ कर दिया है कि गांव हो या शहर कहीं भी हेयर सैलून, नाई की दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने साफ कहा है कि सरकार के नए दिशा-निर्देश के अनुसार अगले आदेश तक शराब की दुकानों, गुटखा, पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा। पढ़ें पूरी खबर सार देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1490 नए मामले सामने आए हैं और 56 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 24,942 हो गई है, जिसमें 18,953 सक्रिय हैं, 5210 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 779 लोगों की मौत हो गई है। विस्तार कोविड-19: एक दिन में संक्रमितों के बढ़ने की सबसे धीमी रही रफ्तार कोरोना संकट से जूझ रहे मध्यप्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का दौर जारी है। शनिवार को एक बार फिर से प्रदेश में दर्जन भर से जयादा अधिकारियों के तबादले किए गए। इनमें देवास, धार, मण्डला, नरसिंहपुर, रीवा, सिंगरौली, आगर-मालवा जिलों के कलेक्टर को इधर से उधर किया गया। सरकार द्वारा जारी आदेश में कुल 15 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। कोरोना संकट से जूझ रहे मध्यप्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल का दौर जारी है। शनिवार को एक बार फिर से प्रदेश में दर्जन भर से जयादा अधिकारियों के तबादले किए गए। इनमें देवास, धार, मण्डला, नरसिंहपुर, रीवा, सिंगरौली, आगर-मालवा जिलों के कलेक्टर को इधर से उधर किया गया। सरकार द्वारा जारी आदेश में कुल 15 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। मरीज के दिल, दिमाग और फेफड़ों में संक्रमण से रक्त का थक्का बन सकता है। चीन के वुहान में मरने वाले लोगों के पोस्टमार्टम से यह खुलासा होने से भारतीय अस्पताल भी सतर्क हो चुके हैं। मरीजों को रक्त पतला करने की दवा दी जा रही है, ताकि थक्का जमने से स्ट्रोक या हार्ट अटैक से बचाया जा सके। दिल्ली एम्स ने प्रोटोकॉल बदलते हुए रक्त पतला करने की दवाएं देने के निर्देश दिए हैं। मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद व चेन्नई जैसे महानगरों के अस्पतालों में भी यह तरीका अपनाया जा रहा है। प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेंट’ में प्रकाशित चीनी वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, रक्त के थक्के (क्लॉट) दिखाई दिए। मौत के बाद मरीजों के फेफड़े, दिमाग और दिल में भी थक्के मिले। इटली में मृत रोगियों में भी रक्त के थक्के दिखाई दिए। 183 मरीजों पर हुए चीन के अध्ययन में सलाह दी गई है कि इन मरीजों को ब्लड क्लॉट रोकने वाली दवाएं दी जा सकती हैं। इटली के वैज्ञानिकों ने भी इसकी पुष्टि की है। न्यूयॉर्क से भी खबर थी कि संक्रमित टीवी अभिनेता निक कॉर्डेरो के दाएं पैर को खून के थक्के जमने के कारण काटना पड़ा। इन अध्ययनों के आधार पर चीन, अमेरिका, यूरोप, इटली सहित तमाम देशों में कोविड चिकित्सीय प्रोटोकॉल में बदलाव किए गए हैं। छह मरीजों पर प्लाज्मा ट्रायल चल रहा दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में 241 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। इनमें से 13 मरीज ऐसे हैं जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इनमें से छह मरीजों पर प्लाज्मा ट्रायल चल रहा है। जबकि तीन मरीज ऐसे हैं जिनमें खून के थक्के देखने को मिले हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार मरीजों को रक्त पतला होने की दवा दी जा रही है। मुंबई में भी संक्रमित मरीजों में परेशानी दिखी एम्स के एक वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ के मुताबिक, एम्स के ट्रामा और झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में उपचार चल रहा है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के डॉ. यतीन मेहता का कहना है कि उनके यहां मरीजों को प्रोटोकॉल के तहत ऐसी दवाएं दे रहे हैं। मुंबई स्थित सेवन हिल्स अस्पताल के डॉ. महेश का कहना है कि कुछ मरीजों में खून के थक्के जमने की परेशानी देखने को मिली है। कोविड-19 पर अभी तक के अध्ययन के आधार पर मरीजों को दवाएं देना शुरू कर दिया है। आईसीएमआर ने नहीं किया है बदलाव आईसीएमआर की ओर से मरीजों को खून का थक्का नहीं जमने की दवा देने की अनुमति नहीं दी है। इनके चिकित्सा प्रोटोकॉल में बदलाव भी नहीं किए गए हैं। आईसीएमआर मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि दूसरे देशों से भारत अलग है। यहां मरीजों की स्थिति, संक्रमण का स्तर, उसका स्वरूप इत्यादि भिन्न हैं। हालांकि एक अध्ययन इस पर चल रहा है, जिसके परिणाम आने के बाद आगे की कार्रवाई पूरी होगी। मरीज के दिल, दिमाग और फेफड़ों में संक्रमण से रक्त का थक्का बन सकता है। चीन के वुहान में मरने वाले लोगों के पोस्टमार्टम से यह खुलासा होने से भारतीय अस्पताल भी सतर्क हो चुके हैं। मरीजों को रक्त पतला करने की दवा दी जा रही है, ताकि थक्का जमने से स्ट्रोक या हार्ट अटैक से बचाया जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने अन्य देशों की तुलना में कोरोना संक्रमण और मौतों को कम रखने के लिए भारत की सराहना की। कहा, भारत कोविड-19 का टीका बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। भारत इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा तो दुनियाभर के लिए पर्याप्त मात्रा में टीके का निर्माण नहीं हो पाएगा। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर ऑनलाइन संबोधन में डॉ. सौम्या ने कहा, विश्व को संक्रमण प्रसार के लिए कई महीनों यहां तक कि कई सालों तक के लिए तैयार रहना चाहिए। इसे टीका विकसित करने और परीक्षण तक सीमित नहीं रखा जा सकता। महत्वपूर्ण है टीके का बड़े पैमाने पर निर्माण के साथ ही  स्वास्थ्य प्रणाली द्वारा आबादी का टीकाकरण हो सके। उन्होेंने कहा कि भारत के सामने बड़ी जनसंख्या, कई शहरी इलाकों में अत्यधिक भीड़ व ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी हैं। इस समय में हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य कार्यबल को मजबूत करना चाहिए। एजेंसी आयुर्वेदिक दवा संक्रमण में कारगर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवा ‘फीफाट्रोल’ कोरोना के इलाज में रामबाण हो सकती है। नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (कंपेंडियम) की ओर से जारी 200 तकनीक की सूची में यह दवा भी शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी तो संक्रमण का खतरा कम होगा। संक्रमित भी आसानी से ठीक हो सकता है। फीफाट्रॉल इम्युनिटी बूस्टर होने के साथ मल्टी ड्रग है, जिसमें आयुर्वेद का पूरा मिश्रण हैं। ये दवा प्राकृतिक एंटीबोटिक से युक्त है, जो फ्लू के संक्रमण और दर्द जैसी तकलीफों में आराम देती है। कंपेडियम का कहना है कि दवा से नाक संबंधी तकलीफ दूर होने के साथ गले में खराश, सिर दर्द और बदन दर्द में आराम मिलता है जो कोरोना का लक्षण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने अन्य देशों की तुलना में कोरोना संक्रमण और मौतों को कम रखने के लिए भारत की सराहना की। कहा, भारत कोविड-19 का टीका बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। भारत इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा तो दुनियाभर के लिए पर्याप्त मात्रा में टीके का निर्माण नहीं हो पाएगा। देश में कोरोना वायरस के चलते सेनेटरी नैपकिन खरीदने से वंचित रहने वाली गरीब महिलाओं को महिला कांग्रेस मदद देगी। महिला कांग्रेस इन महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने का काम करेगी। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे गरीब परिवारों की महिलाओं को आने वालो दिनों में उनका संगठन 25 लाख सेनेटरी नैपकिन बांटेगा। सुष्मिता के मुताबिक श्रमिक ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं, क्वारंटीन केंद्र में रह रहीं महिलाओं और दूसरी गरीब महिलाओं को अब तक करीब पांच लाख नैपकिन बांटी जा चुकी हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि महिला कांग्रेस का संकल्प 25 लाख सेनेटरी नैपकिन उन महिलाओं तक पहुंचाना है जो लॉकडाउन की वजह से इनको खरीद नहीं पा रही हैं। हम सेनेटरी नैपकिन के साथ साबुन और अखबार भी दे रहे हैं ताकि महिलाएं साफ-सफाई का पूरा ध्यान रख सकें। सुष्मिता ने सवाल किया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बार-बार महिलाओं को बता रहा है कि वे सस्ती दरों पर सेनेटरी नैपकिन जन औषधि केंद्र से खरीदें। लेकिन जो महिला चिकित्सा प्रमाणपत्र के लिए 12 से 18 घंटा आज कतार में खड़ी हैं, ट्रेन में सफर रही हैं, पैदल चल रही हैं, क्वारंटीन सेंटर में हैं, वह जन औषधि केंद्र तक कैसे पहुंचेंगी? उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार की महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का स्तर यह है कि इन्होंने पहले सेनेटरी नैपकिन को आवश्यक उत्पादों की श्रेणी में नहीं रखा और जब लोगों ने इसकी आलोचना की तब मंत्रालय ने एक परिपत्र के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन को आवश्यक उत्पाद में शामिल किया। सरकार को यह समझ नहीं आ रहा है कि माहवारी महामारी के वक्त नहीं रुकती। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा कि सुरक्षित माहवारी एक मानव अधिकार है। यह महिला की गरिमा, समानता और स्वास्थ्य का अधिकार से जुड़ा है। देश में कोरोना वायरस के चलते सेनेटरी नैपकिन खरीदने से वंचित रहने वाली गरीब महिलाओं को महिला कांग्रेस मदद देगी। महिला कांग्रेस इन महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने का काम करेगी। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे गरीब परिवारों की महिलाओं को आने वालो दिनों में उनका संगठन 25 लाख सेनेटरी नैपकिन बांटेगा। कोरोना वायरस को हराने के लिए भारत सरकार युद्धस्तर पर जुटी हुई है। लगातार टेस्ट सैंपल लिए जा रहे हैं, इनकी जांच जारी है। कोविड-19 को हराने के लिए सख्त दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है। संयुक्त पत्रकार वार्ता में रोजाना कोविड-19 से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी, आवश्यक दिशा-निर्देश और सूचनाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। 16 अप्रैल यानी गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिचर्स (ICMR) के डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एंटीबॉडी टेस्ट का जिक्र किया। उन्होंने तफसील से इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस टेस्ट का हर क्षेत्र में इस्तेमाल का फायदा नहीं है। इसे केवल हॉटस्पॉट वाले इलाके में इस्तेमाल किया जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट है क्या और कैसे काम करता है? किसी के शरीर में जब विषाणुओं का प्रवेश होता हैं तो उनसे लड़ने के लिए शरीर कुछ शस्त्र तैयार करता है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में एंटीबॉडी कहते हैं। विषाणु के आकार से ठीक विपरित आकार की एंटीबॉडी खुद-ब-खुद शरीर में तैयार होकर वायरस से चिपक जाती है और उसे नष्ट करने का काम करती है। एंटीबॉडी कई प्रकार के होते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक खून में मौजूद एंटीबॉडी से ही पता चलता है कि किसी शख्स में कोरोना या किसी अन्य वायरस का संक्रमण है या नहीं। यानी एंटीबॉडी शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने क्लस्टर और हॉटस्पॉट इलाकों में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट करने का फैसला किया था। इस ब्लड टेस्ट में मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है। आसान भाषा में कहे तो अंगुली में सुईं चुभोकर खून का सैंपल लेते हैं, जिसका परिणाण भी 15 से 20 मिनट में आ जाता है। इसमें यह देखते हैं कि संदिग्ध मरीज के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रही है या नहीं। अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्ट किया जाता है, जिसमें रूई के फाहे की मदद से मुंह के रास्ते से श्वास नली के निचले हिस्सा में मौजूद तरल पदार्थ का नमूना लिया जाता है। लॉकडाउन के दौरान एंटीबॉडी टेस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि इसका इस्तेमाल उनलोगों की पहचान के लिए किया जा रहा है, जिनमें कोरोना का खतरा है। एंटीबॉडी टेस्ट को ही सेरोलॉजिकल टेस्ट कहा जाता है। किसी संक्रमण के लक्षण को पहचानने में एंटीबॉडी को तीन-चार दिनों तक का वक्त लगता है, क्योंकि मानव शरीर एंटीबॉडी प्रोटीन को तभी पैदा करता है जब शरीर में कोई संक्रमण होता है। आईसीएमआर के मुताबिक खांसी, जुकाम आदि के लक्षण दिखने पर पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाता है और उसके बाद एंटीबॉडी टेस्ट होता है। यदि रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट निगेटिव आता है तो मरीज का आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट होगा। यदि उसके बाद यदि रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो इसका मतलब कोरोना संक्रमण है। इसके बाद शख्स को प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन में रखा जाएगा, उसका इलाज होगा और उसके संपर्क में आए लोगों को खोजा जाएगा। सेरोलॉजिकल टेस्ट जेनेटिक टेस्ट के मुकाबले काफी सस्ता होता है। सेरोलॉजिकल टेस्ट में रिवर्स-ट्रांसक्रिप्टेस रीयल-टाइम पोलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) के जरिए बहुत ही कम समय में रिजल्ट मिल जाता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा, हमारे पास चीन की दो कंपनियों से कुल पांच लाख रैपिड जांच किट आई हैं। इन दोनों की जांच का तरीका अलग है। ये एंटी बॉडी की जांच के लिए हैं। ये रैपिड एंटी बॉडी जांच किट कोरोना की शुरुआती जांच के लिए बल्कि सर्विलांस के लिए उपयोग में लाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की संयुक्त प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच के लिए लोगों को लैब पर ही निर्भर रहना होगा, आम जन इस रैपिड टेस्ट की मांग न करें। इसका इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए नहीं बल्कि महामारी के प्रसार का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही डॉ. रमन ने कहा कि देश में हम 24 लोगों की जांच कर रहे हैं तब एक मरीज पॉजिटिव आ रहा है। जापान में यह आंकड़ा 11.7 जांच में एक पॉजिटिव का और इटली में हर 6.7 लोगों की जांच पर एक पॉजिटिव है। वहीं, अमेरिका में यह 5.3 और ब्रिटेन में 3.4 है। सार देश में आज तक हुए 2 लाख 90 हजार 401 टेस्ट पिछले 24 घंटे में 941 नए मामले सामने आए 325 जिलों में अबतक नहीं पहुंच पाई यह घातक बीमारी विस्तार कोरोना वायरस को हराने के लिए भारत सरकार युद्धस्तर पर जुटी हुई है। लगातार टेस्ट सैंपल लिए जा रहे हैं, इनकी जांच जारी है। कोविड-19 को हराने के लिए सख्त दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है। संयुक्त पत्रकार वार्ता में रोजाना कोविड-19 से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी, आवश्यक दिशा-निर्देश और सूचनाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। 16 अप्रैल यानी गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिचर्स (ICMR) के डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने एंटीबॉडी टेस्ट का जिक्र किया। उन्होंने तफसील से इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस टेस्ट का हर क्षेत्र में इस्तेमाल का फायदा नहीं है। इसे केवल हॉटस्पॉट वाले इलाके में इस्तेमाल किया जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट है क्या और कैसे काम करता है? विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी समूह ने कोरोना के इलाज के तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है, जबकि डेटा की समीक्षा डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी समूह ने कोरोना के इलाज के तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है, जबकि डेटा की समीक्षा डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा किया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के कारण बेलारूस में महिला फुटबॉल के नए सत्र को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन पुरुष लीग अब भी जारी है। महिला लीग का 2020 सत्र गुरुवार को शुरू होना था, लेकिन बेलारूस सॉकर महासंघ ने बुधवार कहा कि इसे अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। महासंघ ने साथ ही कहा कि ‘कई’ खिलाड़ी कोरोना वायरस के ‘संभावित संक्रमितों’ के संपर्क में हैं। हजारों लोग पहुंच रहे मैच देखने यूरोप में बेलारूस एकमात्र देश है जहां अब भी पेशेवर पुरुष फुटबॉल मैच जारी हैं और दर्शक स्टेडियम में मुकाबले देखने पहुंच रहे हैं। बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्सांद्र लुकाशेंको ने लॉकडाउन के कड़े कदमों का विरोध किया है और पिछले महीने दर्शकों की मौजूदगी में आईस हॉकी मुकाबले में भी खेले थे। लीग रद्द करने का कोई आधार नहीं खेल एवं पर्यटन मंत्री सर्जेई कोवालचुक ने सार्वजनिक बेलारूस 5 टीवी चैनल पर बुधवार को प्रसारित साक्षात्कार में पुरुष लीग के संदर्भ में कहा, ‘चैंपियनशिप को बंद करने का कोई आधार नहीं है। कोवालचुक ने महिला लीग को स्थगित करने की घोषणा से पूर्व यह बयान दिया था। बेलारूस में कोरोना का कहर दुनियाभर में मौत का दूसरा नाम बन चुके कोरोना वायरस से अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं तो मृतकों की संख्या 1 लाख 35 हजार से पार हो चुकी है। बेलारूस में 40 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के कारण बेलारूस में महिला फुटबॉल के नए सत्र को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन पुरुष लीग अब भी जारी है। महिला लीग का 2020 सत्र गुरुवार को शुरू होना था, लेकिन बेलारूस सॉकर महासंघ ने बुधवार कहा कि इसे अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। महासंघ ने साथ ही कहा कि ‘कई’ खिलाड़ी कोरोना वायरस के ‘संभावित संक्रमितों’ के संपर्क में हैं। हजारों लोग पहुंच रहे मैच देखने यूरोप में बेलारूस एकमात्र देश है जहां अब भी पेशेवर पुरुष फुटबॉल मैच जारी हैं और दर्शक स्टेडियम में मुकाबले देखने पहुंच रहे हैं। बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्सांद्र लुकाशेंको ने लॉकडाउन के कड़े कदमों का विरोध किया है और पिछले महीने दर्शकों की मौजूदगी में आईस हॉकी मुकाबले में भी खेले थे। लीग रद्द करने का कोई आधार नहीं खेल एवं पर्यटन मंत्री सर्जेई कोवालचुक ने सार्वजनिक बेलारूस 5 टीवी चैनल पर बुधवार को प्रसारित साक्षात्कार में पुरुष लीग के संदर्भ में कहा, ‘चैंपियनशिप को बंद करने का कोई आधार नहीं है। कोवालचुक ने महिला लीग को स्थगित करने की घोषणा से पूर्व यह बयान दिया था। बेलारूस में कोरोना का कहर दुनियाभर में मौत का दूसरा नाम बन चुके कोरोना वायरस से अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं तो मृतकों की संख्या 1 लाख 35 हजार से पार हो चुकी है। बेलारूस में 40 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। लॉकडाउन का चौथा चरण महज हॉटस्पॉट इलाकों तक ही सीमित किया जा सकता है। तीसरा चरण 17 मई को खत्म हो रहा है। बाद की रणनीति पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर मंत्रियों ने लॉकडाउन को पूरे जिले में लागू करने के बजाय हॉटस्पॉट के तौर पर चिह्नित इलाकों तक सीमित करने पर सहमति जताई। हालांकि, संक्रमण कई हिस्सों में होने पर पूरे जिले में लॉकडाउन लागू होगा। गृह राज्य लौटे श्रमिकों को तत्काल रोजगार देने के लिए मनरेगा व सड़क प्रोजेक्ट आदि में तेजी लाने का भी फैसला किया गया। एक मंत्री के मुताबिक, योजना धीरे-धीरे देश में उत्पादन इकाइयों को शुरू करनेे की है। सार्वजनिक परिवहन बहाली पर सहमति बैठक के दौरान महानगरों में सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सार्वजनिक परिवहन शुरू करने पर भी सहमति बनी। सरकार सीमित संख्या में रेल सेवा बहाल कर चुकी है और हवाई सेवा भी चालू करने की घोषणा की जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में रेल सेवा को जल्द ही सामान्य स्तर पर बहाल करने की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया गया। यह भी तय किया गया है कि विभिन्न महानगरों की स्थिति को देखते हुए बस और टैक्सी सेवा शुरू करने की भी इजाजत दी जाए। सरकार के एक साल के कार्यकाल पर चर्चा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष 30 मई को पूरा हो रहा है। इसकी तैयारी पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, पहले साल की उपलब्धियों के रूप में कोरोना संकट के बीच उठाए राहत उपायों की व्यापक  प्रचार की रणनीति बनी। सरकार के स्तर पर उपलब्धियों का बुकलेट छापने की रणनीति बनाई गई थी। सूचना प्रसारण मंत्रालय को बुकलेट छापने की जिम्मेदारी देते हुए कहा गया था कि इसमें अनुच्छेद 370 हटाने, नागरिकता संशोधन कानून लागू करने जैसी उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन किया जाए। लॉकडाउन का चौथा चरण महज हॉटस्पॉट इलाकों तक ही सीमित किया जा सकता है। तीसरा चरण 17 मई को खत्म हो रहा है। बाद की रणनीति पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा की। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि 2019 में पाकिस्तान का मानवाधिकार के मामलों में रिकॉर्ड बेहद चिंताजनक रहा, जिसमें राजनीतिक विरोध के सुर पर व्यवस्थित तरीके से लगाम लगाने के साथ ही मीडिया की आवाज भी दबाई गई। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कमजोरों और खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और खराब होगी। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया कि धार्मिक अल्पसंख्यक अपनी धार्मिक स्वतंत्रता या मान्यता का लाभ पूरी तरह उठाने में सक्षम नहीं हैं जिसकी गारंटी संविधान के तहत उन्हें दी गई है। 2019 में मानवाधिकार की स्थिति शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से समुदायों के लिए उनके धर्मस्थल के साथ भेदभाव किया जाता है, युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है और रोजगार तक पहुंच में उनके साथ भेदभाव होता है। एचआरसीपी ने कहा कि व्यापक तौर पर सामाजिक और आर्थिक रूप से हाशिए पर डाले जाने के कारण समाज का सबसे कमजोर तबका अब न लोगों को दिखता है न उनकी आवाज सुनी जाती है। एचआरसीपी के मानद प्रवक्ता आई ए रहमान ने रिपोर्ट को जारी किए जाने के अवसर पर 2019 में पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड को बेहद चिंताजनक करार दिया और कहा कि अभी जारी वैश्विक महामारी के मानवाधिकारों पर लंबी छाया डालने की उम्मीद है। एचआरसीपी के महासचिव हारिस खालिक ने कहा कि बीते साल को, राजनीतिक विरोध के सुर को व्यवस्थित तरीके से दबाने, मीडिया की आजादी को कम करने और आर्थिक व सामाजिक अधिकारों की गंभीरतम अनदेखी के लिए याद किया जाएगा। पाकिस्तान द्वारा अपने सबसे कमजोर तबके को बचाने में विफल रहने का जिक्र करते हुए आयोग ने कहा कि बलोचिस्तान में खदानों में बाल श्रमिकों के यौन शोषण की खबरें आईं जबकि हर पखवाड़े बच्चों से दुष्कर्म किए जाने, उनकी हत्या और उन्हें छोड़ दिए जाने की खबरें आम हैं। मानवाधिकारों की विफलताओं को रेखांकित करते हुए रिपोर्ट में अहम की खातिर हत्या, अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और ईशनिंदा कानून का लगातार इस्तेमाल लोगों को डराने और बदला लेने के लिए किए जाने का जिक्र है। सिख और हिंदू लड़कियों के जबरन विवाह से जुड़ी कई खबरें हाल में सामने आई हैं, जिसकी वजह से भारत को पाकिस्तान सरकार के सामने यह मामला उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने चुनाव अभियान में कहा था कि उनकी पार्टी का एजेंडा हर धार्मिक समूह को आगे ले जाना है। उन्होंने यह भी कहा था कि हिंदू लड़कियों का जबरन विवाह रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। हालांकि हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय की लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और विवाह के कई मामले हाल में सामने आए हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि 2019 में पाकिस्तान का मानवाधिकार के मामलों में रिकॉर्ड बेहद चिंताजनक रहा, जिसमें राजनीतिक विरोध के सुर पर व्यवस्थित तरीके से लगाम लगाने के साथ ही मीडिया की आवाज भी दबाई गई। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कमजोरों और खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और खराब होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्मीद है कि प्रदेश जल्द ही कोरोना संकट से उबर जाएगा। वह मानते हैं कि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है और पहले से चल रही योजनाएं प्रभावित हुई हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि अगले तीन-चार माह में स्थिति सामान्य हो जाएगी और एक साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले की तरह पटरी पर आ जाएगी। सीएम योगी के अनुसार यूपी कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अभी प्रदेश में रोजाना 10 हजार टेस्ट हो रहे हैं। 15 जून तक यह क्षमता 15 हजार प्रतिदिन हो जाएगी। योगी ने कहा कि अगर मार्च में लॉकडाउन न होता तो भारत जैसे 135 करोड़ की आबादी वाले देश में आज स्थिति भयावह होती। प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इनकी ऊर्जा व प्रतिभा का इस्तेमाल किया जाएगा। बीते तीन माह में कोरोना के कारण सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों समेत अन्य मुद्दों पर सीएम योगी ने बृहस्पतिवार को राजीव सिंह व अनिल श्रीवास्तव से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंशः- कोरोना के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त करने में कहां तक कामयाब रहे हैं? कोरोना से निपटने के लिए हमारी तैयारी पूरी है। इस समय हमारे पास एक लाख एक हजार बेड हैं। भगवान करे ऐसी स्थिति न आए, लेकिन अगर संक्रमण फैलता है तो हमारे पास 15 लाख लोगों को क्वारंटीन सेंटर में रखने की व्यवस्था है। आज एक दिन में 10 हजार लोगों की जांच कर सकते हैं। 15 जून तक यह क्षमता बढ़कर 15 हजार तक पहुंचा देंगे। नॉन कोविड हास्पिटल में भी बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर फोकस है। जिनको कोरोना नहीं, अन्य बीमारियां हैं उनके लिए भी इमरजेंसी सेवाएं चलें इसके लिए खास ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना का पीक अभी बाकी है। लॉकडाउन खुल गया है। ऐसे में सरकार की क्या रणनीति है? विशेषज्ञ कहते थे कि मई अंत तक यूपी में 65 से 70 हजार केस होंगे। हम लोगों ने उसे 8 हजार तक सीमित कर दिया। इनमें से 5000 से ज्यादा ठीक होकर घर जा चुके हैं। लॉकडाउन का मकसद लोगों को जागरूक करना था। इसी का नतीजा है आज हम लोग संक्रमण की स्टेज को हर स्तर पर रोकते गए, तोड़ते गए। अब हर व्यक्ति घर से बाहर निकलने पर मास्क लगा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है। सरकार की कोशिश है कि लोग स्वयं इसका कड़ाई से पालन करें। सावधानी ही कोरोना जैसे संक्रमण से उन्हें बचा पाएगी। कोरोना से जंग की चुनौतियों को कैसे संभाला? मैं मूल रूप से आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। जीवन में संतुलन ही अध्यात्म है। संतुलन बनाए रखना ही जीवन की कला होती है। इसी को जीना कहते हैं। व्यक्ति जब अपने जीवन में संतुलन ला देता है तो सफलता का रास्ता अपने आप खुल जाता है। सकारात्मक और नकारात्मक चीजें चलती रहती हैं। इनमें संतुलन ही कामयाबी की ओर ले जाता है। - योगी आदित्यनाथ क्या आपको लगता है कि लॉकडाउन का निर्णय सही समय पर किया गया? प्रधानमंत्री ने जिस समय लॉकडाउन की घोषणा की थी, वह सबसे उपयुक्त समय था। अगर लॉकडाउन मार्च में नहीं होता तो भारत की स्थिति बहुत खराब होती। यह सही समय पर उठाया गया सही कदम था। लॉकडाउन का फायदा यह हुआ कि 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में संक्रमण के केस दो लाख हैं। मौत के आंकड़े 6000 के अंदर हैं। अमेरिका की आबादी के हिसाब से देखें तो दोनों देशों में कोरोना संक्रमण एक साथ आया था। अमेरिका का हेल्थ सिस्टम हमसे ज्यादा मजबूत है। इसके बावजूद अमेरिका में संक्रमण 18 लाख और मौत का आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है। कम आबादी के बावजूद वहां संक्रमण ज्यादा फैल गया। भारत ने समय पर निर्णय लेकर और कोरोना के संक्रमण को रोकने के साथ ही लोगों की जान बचाने का काम किया। चीन से पलायन करने वाली कंपनियों के यूपी में निवेश करने की कितनी संभावनाएं देखते हैं? हमारे यहां अनुकूल परिस्थितियां हैं। देश का सबसे बड़ा बाजार है। हम इसका फायदा उठाएंगे। निवेशकों को हर तरह की सुविधाएं व सहूलियतें देंगे। यूपी इसके लिए पूरी तरह तैयार है। यूपी की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। राजस्व वसूली में भी भारी गिरावट आई है। भरपाई कैसे करेंगे? जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है तो आर्थिक समृद्धि जनता की खुशहाली के लिए होती है। पहले जनता की जान बचाना आवश्यक था। उसमें काफी हद तक सफलता मिली। अब चार चरणों के लॉकडाउन के बाद अनलॉक की घोषणा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की ही दिशा में एक बड़ा कदम है। लगभग सभी चीजें अपने रूटीन पर आ चुकी हैं। मुझे लगता है कि एक-दो महीने में सारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। हमारी अपनी कार्ययोजनाएं थीं, लेकिन हमें कोरोना में उलझना पड़ा। सारे संसाधन और सारी शक्ति लगानी पड़ी। जैसे ही हम इससे उबरेंगे, सभी कार्य पुरानी स्थिति में आ जाएंगे। तीन-चार महीने का गैप तो आ ही जाएगा। इसकी भरपाई करने में एक साल लग जाएगा। अगर इस दौरान हम कोरोना पर काबू कर लेंगे तो एक साल के अंदर पुरानी वाली स्थिति प्राप्त कर लेंगे। कोरोना के कारण पैदा हुए हालात में यूपी के लिए क्या संभावनाएं देखते हैं? ढेर सारी संभावनाएं हंै। निवेश के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ का जो पैकेज घोषित किया है, उससे समाज का कोई तबका वंचित नहीं रहेगा। एमएसएमई सेक्टर के लिए जिस प्रकार की घोषणाएं की गई हैं, वे नए सिरे से एक स्वावलंबी व आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करेंगी। यूपी एमएसएमई का सबसे बड़ा हब रहा है। पटरी व्यवसायी, ठेला, रेहड़ी, खोमचा लगाने वाले स्ट्रीट वेंडर आदि के बारे में जो घोषणाएं व कार्यक्रम, किसानों के लिए ब्लाॅक व पंचायत स्तर पर किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) के माध्यम से भंडारण की व्यवस्था और उस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने की कार्यवाही, एक देश एक बाजार की व्यवस्था को लागू करना देशहित में उठाए गए बड़े कदम हैं। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 8 जून से धार्मिक स्थल खुलने हैं। इसे लेकर आपकी क्या रणनीति है? इसके लिए भी नियमावली बनाएंगे। उसी के अनुसार सारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की कार्यवाही की जाएगी। भारत सरकार के अनुरूप प्रदेश सरकार भी गाइडलाइन तैयार करेगी। सभी स्वयंसेवी, सामाजिक संगठनों और सभी धर्म गुरुओं ने बहुत सहयोग किया है। संक्रमण और न फैले, इसके लिए क्या इंतजाम किए गए हैं? संक्रमण से सबको बचाया जा सकता है बशर्ते मरीज की समय पर जांच हो जाए। कोरोना के इलाज की सारी व्यवस्थाएं भी हैं, लेकिन इसमें विलंब होने से स्थिति बिगड़ रही है। सबसे बड़ी चुनौती लोगों को जागरूक करने की है कि वे बीमारी न छिपाएं। सरकार ने सर्विलांस सिस्टम तैयार कराया है, लेकिन लोगों को भी आगे आना होगा। बीमारी को छिपाने का सीधा अर्थ है कि वे इसे फैला रहे हैं। इस जटिल समय में आप कैसे अपने को मजबूत रखकर शासन चला रहे हैं? यह टीम वर्क है। केंद्र सरकार का सहयोग है। एक टीम काम कर रही है। जनप्रतिनिधि हैं, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी हैं, कोरोना वारियर्स हैं। मीडिया की पॉजिटिव खबरें इन चीजों को आगे बढ़ाने में योगदान दे रही हैं। कोरोना काल में कई बार नकारात्मक सूचनाएं ज्यादा आती हैं। ऐसे में तनाव से दूर कैसे रह पाते हैं? ये चीजें चलती रहती हैं। अच्छी हों या बुरी। जीवन एक संतुलन का नाम है। यह संतुलन आप कैसे करते हैं? मैं मूल रूप से आध्यात्मिक व्यक्ति हूं। जीवन में संतुलन ही अध्यात्म है। संतुलन बनाए रखना ही जीवन की कला होती है। इसी को जीना कहते हैं। व्यक्ति जब अपने जीवन में संतुलन ला देता है, तो सफलता का रास्ता अपने आप खुल जाता है। क्या प्रवासियों के कारण स्थिति कुछ बिगड़ी है या उनमें संक्रमण फैलने का डर अब भी है? ऐसा कुछ नहीं। प्रवासी मजदूरों के सामने भी परेशानी थी। उनकी परेशानी का समाधान होना आवश्यक था। हम लोगों ने भारत सरकार के सहयोग से उनको राहत देने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाई। आज बाहर से आया हर व्यक्ति अपने गांव-घर पहुंचकर सुकून महसूस कर रहा है। वहां उन्हें सुविधाएं दी जा रही हैं। सरकार उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गांरटी देने जा रही है। हम सभी को पूरी मजबूती के साथ सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देंगे। यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का उनकी ऊर्जा व प्रतिभा का इस्तेमाल होगा। किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में विशेष घोषणा करके सहायता उपलब्ध कराई गई। हर किसान को 2000 रुपये महीने उनके अकाउंट में सीधे भेजा जा रहा है। खाते में दो बार पैसा आ चुका है। तीसरी बार आने जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि कोरोना संकट में सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं है? कांग्रेस को जमीनी हकीकत नहीं दिख रही है। या यूं कहें कि कांग्रेसी नेता जमीन पर उतरना ही नहीं चाहते हैं। उन्हें प्रदेश की व्यवस्था को देखने के लिए धरातल पर आना होगा। क्या प्रदेश में पंचायत चुनाव टलने की संभावना है? इस बारे में अभी कुछ कह नहीं सकते। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हर परिस्थिति पर विचार करने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा। प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल संक्रमण न फैले इस दिशा में क्या प्रयास किए जा रहे हैं? जब कोरोना संकट शुरू हुआ तब केजीएमयू से कोविड अस्पताल की शुरूआत की गई। फिर प्रदेश में त्रिस्तरीय अस्पताल की व्यवस्था बनाई गई। इनमें लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 के अस्पताल बनाए गए। लेवल-1 में सामान्य बेड और आक्सीजन की व्यवस्था भी की गई। लेवल-2 को कोविड अस्पताल बनाया गया, इनमें सभी बेडों पर ऑक्सीजन के साथ कुछ वेंटीलेटर की व्यवस्था की गई। लेवल-3 के अस्पताल में सभी बेड पर वेंटीलेटर के साथ साथ डायलिसिस समेत तमाम प्रकार की सुविधाएं दी गईं। प्रदेश में लेवल-1 के 403 अस्पताल बनाए गए हैं, जिनमें 22,934 बेड हैं। प्रदेश के हर जिले में एक-एक लेवल-2 के अस्पताल हैं। इन 75 अस्पतालों में 16,212 बेड हैं। जबकि लेवल-3 के 25 अस्पतालों में 12,090 बेड की व्यवस्था है। कोविड अस्पतालों की मॉनिटरिंग के लिए क्या इंतजाम हैं? प्रदेश में कोविड अस्पताल में हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। इनमें पीपीई किट, एन 95 मास्क, ग्लव्स समेत सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। हर जगह इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था की गई है। आरटीपीसीआर से सैंपल की रिपोर्ट आते-आते 12 घंटे लग जाते थे। सरकार ने ट्रूनेट मशीनें मंगवाई। इससे एक घंटे में रिपोर्ट आ जाती है। इन मशीनों को नान कोविड अस्पतालों के इमरजेंसी सेवाओं में लगाया जा रहा है। कोविड व नान कोविड अस्पतालों, कम्युनिटी किचन और क्वारंटीन सेंटर की मॉनिटरिंग के लिए हर जिले में विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। बहुत से श्रमिक-कामगार बेरोजगार हो गए। इनके लिए आपकी सरकार क्या कर रही है? लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के 119 चीनी मिलों में पेराई जारी रही। 12 हजार ईंट भट्ठे चले। 2500 कोल्ड स्टोरेज पर काम जारी रहा। लॉकडाउन के दूसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ किया गया। 850 उद्योगों में काम शुरू हुआ। इसमें 65 हजार से ज्यादा कामगारों ने काम शुरू किया। एमएसएमई की 3.25 लाख इकाइयां शुरू हुईं, जहां 25.50 लाख से ज्यादा लोगों को काम मिला। सूक्ष्म श्रेणी के 80 हजार से ज्यादा उद्यम में 2.50 लाख से ज्यादा कामगारों और श्रमिकों को काम मिला। मनरेगा में 40 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। वापस आए श्रमिकों की वजह से कोरोना फैल रहा है, इसकी रोकथाम के लिए क्या योजना है? वापस आए कामगारों-श्रमिकों की स्क्रीनिंग के लिए एक लाख टीमें कार्य कर रही हैं। अब तक 4.85 करोड़ से अधिक मेडिकल स्क्रीनिंग की गई है। इसके अलावा शहरों व गांवों में निगरानी समितियां कार्य कर रही हैं। ये होम क्वारंटीन लोगों की निगरानी में जुटी हैं। वापस आ रहे श्रमिकों-कामगारों को 15 दिन क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है। जहां उन्हें भोजन से लेकर मेडिकल परीक्षण की व्यवस्था मुहैया करवाई गई है। जिनमें लक्षण दिखे, उनकी जांच की गई। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बाहरी राज्यों से लौटे श्रमिक हमारे लिए संपदा बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिकों-कामगारों की स्किल मैपिंग हुई है। उनके हुनर के मुताबिक उन्हें प्रदेश में ही रोजगार और नौकरी मुहैया करवाई जा रही है। इसके लिए प्रवासी आयोग बनाया जा रहा है। सरकार के साथ उद्योग एमओयू कर रहे हैं। फिक्की समेत कई बड़े औद्योगिक संगठन रोजगार देने के लिए आगे आ रहे हैं। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिक हमारे लिए संपदा हैं। इन्हें रोजगार मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता है। दूसरे राज्यों में काम करने वाले श्रमिक व कामगार यूपी के लिए कितनी बड़ी चुनौती थे? लॉकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली व हरियाणा से पलायन कर रहे श्रमिक-कामगार थे। ये यूपी-बिहार के थे। हमने 24 घंटे के अंदर इस समस्या का समाधान किया। इसके बाद हमारे लिए तब्लीगी जमात चुनौती बनकर सामने आई। उनसे संक्रमण न फैले, इसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा कर इलाज करवाया गया। पहले चरण के बाद संक्रमण फैलने से रोकने की चुनौती थी। इसके साथ ही आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ करने की चुनौती। लॉकडाउन में हमने कोटा से बच्चों को निशुल्क व सुरक्षित घर पहुंचाया। लॉकडाउन के तीसरे चरण में हमारे लिए बाहरी राज्यों से वापस आने वाले श्रमिक व कामगार बड़ी चुनौती थे। सरकार ने अपने संसाधन व खर्च से इनकी सुरक्षित वापसी के लिए काम शुरू किया। हम 28 लाख से अधिक श्रमिकों-कामगारों को दूसरे राज्यों से यूपी लाए, जबकि 4 लाख से अधिक कामगार-श्रमिक अपने साधन से वापस आए। शुरुआत में दिल्ली से लगे जिलों में मामले ज्यादा आए। अब ये पूर्वांचल के जिलों में भी पहुंच गया है। अब जो नए तरीके से केस सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए क्या रणनीति में कुछ बदलाव की जरूरत महसूस कर रहे हैं? हमें पता है कि कोरोना प्रभावित प्रदेशों से करीब 32 लाख से अधिक श्रमिक-कामगार वापस आए हैं। हम इसका पूरा ध्यान रख रहे हैं कि उन्हें बचना है और साथ आ रहे संक्रमण को फैलने से रोकना है। हमने उन सभी क्षेत्रों पर फोकस किया है। गाजियाबाद में देखा जाए तो दिल्ली से अप-डाउन करने वालों में भी संक्रमण पाया गया। दोनों सीमाओं के जिला प्रशासन को काफी सख्ती करनी पड़ी। पहले लॉकडाउन था तो आदमी का फ्री मूवमेंट बंद था। आज फ्री मूवमेंट है, इसलिए अब सावधानी और सतर्क ता पहले की तुलना में ज्यादा आवश्यक है। सार लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पहला इंटरव्यू कोरोना की चुनौती के लिए यूपी पूरी तरह तैयार जरूरत पड़ी तो 15 लाख लोगों को कर सकते हैं क्वारंटीन 15 जून तक 15 हजार तक पहुंचा देंगे जांच की क्षमता विस्तार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्मीद है कि प्रदेश जल्द ही कोरोना संकट से उबर जाएगा। वह मानते हैं कि कोरोना के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है और पहले से चल रही योजनाएं प्रभावित हुई हैं लेकिन उन्हें भरोसा है कि अगले तीन-चार माह में स्थिति सामान्य हो जाएगी और एक साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले की तरह पटरी पर आ जाएगी। सीएम योगी के अनुसार यूपी कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अभी प्रदेश में रोजाना 10 हजार टेस्ट हो रहे हैं। 15 जून तक यह क्षमता 15 हजार प्रतिदिन हो जाएगी। योगी ने कहा कि अगर मार्च में लॉकडाउन न होता तो भारत जैसे 135 करोड़ की आबादी वाले देश में आज स्थिति भयावह होती। प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में इनकी ऊर्जा व प्रतिभा का इस्तेमाल किया जाएगा। बीते तीन माह में कोरोना के कारण सरकार के सामने खड़ी चुनौतियों समेत अन्य मुद्दों पर सीएम योगी ने बृहस्पतिवार को राजीव सिंह व अनिल श्रीवास्तव से विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंशः- देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, जहां संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में मुंबई की स्थिति बेहद खराब है। वहीं, मुंबई में सोमवार को 53 पत्रकार कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी पत्रकारों को आइसोलेशन में रखा गया है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इस बात की जानकारी दी। बृहन्मुंबई नगर निगम ने बताया कि मुंबई में 53 पत्रकार कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं, एहतियात के तौर पर इन सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। फील्ड में काम कर रहे फोटोग्राफरों, वीडियो पत्रकारों और रिपोर्टर्स सहित फील्ड से रिपोर्टिंग करने वाले 171 पत्रकारों के नमूने एकत्र किए गए थे और उनकी जांच की गई थी। पॉजिटिव पाए गए अधिकतर पत्रकारों में शुरू में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए थे। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। रविवार को राज्य में रिकॉर्ड 552 मामले सामने आए और 12 लोगों की मौत हुई। राज्य में अबतक 4200 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना वायरस को लेकर महाराष्ट्र में जिस तरह के हालात हैं उससे देखकर लग रहा है कि वह भारत का 'वुहान' न बन जाए। राजधानी मुंबई की स्थिति सबसे ज्यादा बुरी है। राज्य के कुल मामलों में से अकेले 2700 से ज्यादा मामले यहीं सामने आए हैं, जबकि 132 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1553 नए मामले सामने आए हैं और 36 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 17,656 हो गई है और इस वायरस से 559 लोगों की मौत हो चुकी है। उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन को लेकर लोगों को किया सचेत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि लॉकडाउन को हटा दिया गया है। हमने सिर्फ अर्थव्यवस्था के पहिये को थोड़ा सा घुमाने की कोशिश की है। मैंने सुना है कि कुछ लोग लॉकडाउन के दौरान मिली इस ढील को लॉकडाउन खत्म होने के रूप में मान रहे हैं। यदि वे इस तरह का व्यवहार करते रहे तो हम सख्त कदम उठाएंगे। देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, जहां संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में मुंबई की स्थिति बेहद खराब है। वहीं, मुंबई में सोमवार को 53 पत्रकार कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी पत्रकारों को आइसोलेशन में रखा गया है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इस बात की जानकारी दी। सरकार और प्रशासन द्वारा कई कहे जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में अब भी जमाती छिपे हुए हैं। सोमवार को प्रयागराज में ऐसी सूचना मिलने पर पुलिस ने देर रात छापेमारी कर 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में क्वारंटीन किए गए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व 16 विदेशी जमातियों समेत कुल 30 लोग शामिल हैं। विदेशियों की गिरफ्तारी फॉरेनर्स एक्ट के तहत की गई, जबकि इविवि प्रोफेसर के खिलाफ जमातियों को चोरी-छिपे शहर में शरण दिलाने और महामारी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया। इससे पहले शाहगंज के काटजू रोड पर स्थित अब्दुल्लाह मस्जिद मुसाफिर खाने में 31 मार्च को इंडोनेशिया के सात नागरिकों समेत नौ लोग छिप कर रहते मिले थे। यह सभी दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तब्लीगी जमात के जलसे में शामिल हुए थे। इसी तरह करेली के हेरा मस्जिद में थाईलैंड के नौ नागरिकों समेत कुल 11 जमाती मिले थे। शाहगंज व करेली थाने में मुकदमा दर्ज कर इन सभी को क्वारंटीन कर दिया गया था। कुछ दिनों बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि शिवकुटी के रसूलाबाद में रहने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर भी दिल्ली में आयोजित तब्लीगी जमात के जलसे में शामिल होकर लौटे और चुपचाप शहर में रह रहे हैं। इसके बाद उन्हें भी परिवार समेत क्वारंटीन करा दिया गया था। विदेशी जमातियों के साथ दिल्ली से लौटे उनके चार सहयोगियों और करेली की हेरा मस्जिद व शाहगंज में अब्दुल्ला मस्जिद मुसाफिरखाना के नौ अन्य लोगों को भी क्वारंटीन किया गया था। पुलिस ने बताया कि सोमवार रात में इविवि प्रोफेसर समेत सभी 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रोफेसर व 16 विदेशियों समेत कुल 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी को मंगलवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। जिसके बाद इन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। भेजे जा सकते हैं अस्थाई जेल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए सभी 30 लोगों को मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। एहतियातन इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया था। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इन्हें कुछ दिनों के लिए अस्थाई जेल में भेजने पर भी विचार किया जा रहा है। सरकार और प्रशासन द्वारा कई कहे जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में अब भी जमाती छिपे हुए हैं। सोमवार को प्रयागराज में ऐसी सूचना मिलने पर पुलिस ने देर रात छापेमारी कर 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस आज महामारी का रूप ले चुका है और इस वक्त दुनिया के 200 से अधिक देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक कोरोना के संक्रमण को सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए ही रोका जा सकता है। कोरोना की वजह से तमाम देशों में लॉकडाउन की घोषणा की गई है जिसके बाद लोग अपने घरों में कैद हैं। ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर ये कोरोना कब खत्म होगा? कोरोना वायरस के खत्म होने को लेकर एक अध्य्यन किया गया है। यह अध्य्यन एसआईआर (susceptible-infected-recovered)  मॉडल के तहत किया गया है। इसमें महामारी के जीवनचक्र को लेकर इसके खत्म होने का अनुमान लगाया गया है। कोरोना के खत्म होने की यह भविष्यवाणी अभी तक विभिन्न देशों में कोरोना के बढ़ते-घटते संक्रमण के आधार पर की गई है। समय के साथ यह भविष्यवाणी बदल भी सकती है। यह भविष्यवाणी लुओ जियानक्सी 2020 की थ्योरी और कार्यप्रणाली पर आधारित है और इसे SUTD डाटा ड्राइवेन इनोवेशन लैब और सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन ने संयुक्त रूप से प्रकाशित की है। आइए जानते हैं किस देश में कब तक कोरोना खत्म हो सकता है। भारत- भारत में कोरोना 22 मई तक कोरोना के 97 फीसदी मामले खत्म हो जाएंगे, जबकि 1 जून तक 99 फीसदी और 26 जुलाई तक भारत से कोरोना का पूरी तरह खात्मा हो सकता है। इटली- इटली में 8 मई तक कोरोना का संक्रमण 97 फीसदी तक, 21 मई तक 99 फीसदी और 25 अगस्त तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। पाकिस्तान- पाकिस्तान में 27 अप्रैल से कोरोना काबू में आने लगेगा, 9 जून तक 97 फीसदी कम हो जाएगा, 23 जून तक 99 फीसदी संक्रमण खत्म हो जाएगा और 1 सितंबर तक पाकिस्तान कोरोना मुक्त हो जाएगा। अमेरिका- अमेरिका की बात करें तो 12 मई तक यहां 97 फीसदी संक्रमण कम हो जाएगा, 24 मई  तक 99 फीसदी और 27 अगस्त तक अमेरिका में कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया- यहां 20 अप्रैल तक 99 फीसदी मामले खत्म हो चुके हैं और 23 मई तक ऑस्ट्रेलिया कोरोना से फ्री हो जाएगा। सिंगापुर- सिंगापुर में 5 मई से कोरोना के केस अचानक से कम होने लगेंगे और 4 जून तक 97 फीसदी संक्रमण खत्म हो जाएगा, जबकि 14 जुलाई तक 97 फीसदी मामले खत्म हो जाएंगे और 8 अगस्त तक सिंगापुर कोरोना मुक्त हो जाएगा। स्पेन- स्पेन में कोरोना 7 अगस्त तक पूरी तरह खत्म हो सकता है। इस्रायल- इस्रायल में 4 मई तक कोरोना के 97 फीसदी, 15 मई तक 99 फीसदी और 4 जुलाई तक 100 फीसदी मामले खत्म हो जाएंगे। जर्मनी- जर्मनी में 3 मई तक कोरोना के 97 फीसदी मामले खत्म हो जाएंगे और 1 अगस्त तक जर्मनी कोरोना से मुक्त हो जाएगा। विश्व- पूरी दुनिया में 29 मई तक कोरोना के 97 फीसदी मामले खत्म हो जाएंगे, हालांकि कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से 8 दिसंबर तक खत्म होगा। चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस आज महामारी का रूप ले चुका है और इस वक्त दुनिया के 200 से अधिक देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक कोरोना के संक्रमण को सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए ही रोका जा सकता है। कोरोना की वजह से तमाम देशों में लॉकडाउन की घोषणा की गई है जिसके बाद लोग अपने घरों में कैद हैं। ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर ये कोरोना कब खत्म होगा? कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए तमिलनाडु में चेन्नई समेत कुछ शहरी इलाकों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। मुख्यनमंत्री के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै को चार दिन के लिए पूरी तरह से बंद रखने का निर्देश दिया है। इस दौरान लोगों की आवाजाही के साथ-साथ किराना की दुकानें भी बंद रहेंगी। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए तमिलनाडु में चेन्नई समेत कुछ शहरी इलाकों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। मुख्यनमंत्री के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै को चार दिन के लिए पूरी तरह से बंद रखने का निर्देश दिया है। इस दौरान लोगों की आवाजाही के साथ-साथ किराना की दुकानें भी बंद रहेंगी। कोरोना संक्रमण के दौर में भारत द्वारा दुनिया को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा देना कारगर साबित हुआ है। ब्रिटेन में सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी कश्मीर मसले पर भारत के साथ रही है लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी ने इस मुद्दे पर पाक का साथ दिया है। अब दवा कूटनीति के बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नवनियुक्त नेता कीर स्टर्मर ने कहा कि वे कश्मीर या भारत के किसी भी संवैधानिक मसले में दखल नहीं देंगे। स्टर्मर ने स्पष्ट कहा कि भारत में कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद के अधीन आता है और कश्मीर भारत-पाक का द्विपक्षीय मसला ही है। कीर स्टर्मर ने यह भी कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि उनके नेतृत्व में इस विवाद को लेबर पार्टी ब्रिटिश लोगों को बांटने के लिए इस्तेमाल न करे। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही के हफ्तों में हमने देखा कि भारत और ब्रिटेन के बीच कितना अहम रिश्ता है। भारत ने मुश्किल वक्त में बेहद जरूरी पैरासिटामोल हमें दी है। कीर ने भारत के साथ मजबूत व्यापारिक रिश्तों को बढ़ाने की पैरवी भी की और भारतीय उच्चायुक्त से मिलने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा दो देशों के बीच शांतिपूर्ण ढंग से हल होना चाहिए। बता दें कि इससे पहले जेरेमी कॉर्बिन के नेतत्व में पिछले साल पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित कर कश्मीर में वैश्विक दखल की मांग की गई थी। ब्रिटेन में भारतीय समुदाय का दबदबा बढ़ा लेबर पार्टी के इस रणनीतिक तेवरों को वहां भारतीय समुदाय के सियासत में बढ़ते दबदबे के रूप में देखा जा रहा है। लेबर पार्टी पर यह तमगा लग गया है कि वह प्रवासी भारतीय समुदाय की विरोधी है और इसका नतीजा ब्रिटेन में होने वाले चुनाव में पार्टी की करारी हार को देखकर लगाया जा सकता है। स्टर्मर का बदलता रुख ब्रिटेन में भारतीय समुदाय में लेबर पार्टी के आधार को मजबूत बनाने के रूप में देखा जा रहा है। भारतीयों का भरोसा बहाल करने को प्रतिबद्ध स्टर्मर ने कहा, ‘भारतीय मूल के ब्रिटेन वासी ब्रिटेन और लेबर पार्टी के लिये काफी योगदान देते हैं। मैं इस समुदाय का भरोसा बहाल करने के लिए ‘लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ (एलएफआईएन) के साथ करीबी रूप से काम करने के लिये प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने कहा कि वह वेस्टमिंस्टर में और स्थानीय सरकार के स्तर पर निर्वाचित पदों पर और अधिक भारतीय मूल के ब्रिटेन वासियों को प्रोत्साहित करेंगे। हिंदूफोबिया छोड़ समुदाय से अच्छे रिश्ते बनाएंगे लेबर पार्टी के नेता चुने जाने के बाद कीर स्टर्मर ने ये बातें हिंदू फोरम ब्रिटेन की अध्यक्ष तृप्ति पटेल को एक पत्र में लिखते हुए कहा कि  मैंने अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद अपने कार्यालय को आपसे संपर्क करने के लिए कहा ताकि लेबर पार्टी और हिंदू समुदाय में अहम रिश्ते फिर से बनाया जाएं। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसी लेबर पार्टी का नेतृत्व करूंगा जो हिंदूफोबिया समेत सभी तरह के भेदभाव के विरुद्ध होगी। कोरोना संक्रमण के दौर में भारत द्वारा दुनिया को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा देना कारगर साबित हुआ है। ब्रिटेन में सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी कश्मीर मसले पर भारत के साथ रही है लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी ने इस मुद्दे पर पाक का साथ दिया है। अब दवा कूटनीति के बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नवनियुक्त नेता कीर स्टर्मर ने कहा कि वे कश्मीर या भारत के किसी भी संवैधानिक मसले में दखल नहीं देंगे। कोरोना महामारी के कारण इस साल भारत से हज पर लोगों के जाने की संभावना बहुत कम है, हालांकि सऊदी अरब की ओर से आगे की स्थिति के बारे में जानकारी दिए जाने के बाद इस पर कोई अंतिम निर्णय होगा। शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी। उधर, भारतीय हज कमेटी ने एक परिपत्र के माध्यम से हज-2020 पर जाने के लिए चयनित लोगों से कहा है कि हज पर नहीं जाने की इच्छा रखने वाले लोग अपने पैसे वापस ले सकते हैं। एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि सऊदी अरब में भी कोरोना मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हमारे यहां से दो लाख लोगों को जाना है। हमारी तैयारी थी, लेकिन अब समय बहुत कम बचा है। हम सऊदी अरब की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी आने का इंतजार कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बार भारत से हज पर लोगों के जाने की संभावना बहुत कम है। हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान की तरफ से जारी परिपत्र के मुताबिक हज-2020 में कुछ सप्ताह का समय बचा है और अब तक सऊदी अरब की तरफ से आगे की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में फैसला किया गया है कि हज यात्रा पर नहीं जाने के इच्छुक लोगों को उनके द्वारा जमा कराई गई रकम वापस की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को पैसे बिना किसी कटौती के वापस किए जाएंगे। गौरतलब है कि सऊदी अरब में कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं तथा वहां की सरकार ने अब तक हज को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। इस बीच कुछ देशों ने अपने लोगों को इस बार हज के लिए नहीं भेजने का फैसला कर लिया है। इनमें सबसे प्रमुख नाम इंडोनिशया का है जो दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। इस साल हज-2020 जुलाई के आखिर और अगस्त महीने की शुरुआत के बीच की अवधि में प्रस्तावित है। कोरोना महामारी के कारण इस साल भारत से हज पर लोगों के जाने की संभावना बहुत कम है, हालांकि सऊदी अरब की ओर से आगे की स्थिति के बारे में जानकारी दिए जाने के बाद इस पर कोई अंतिम निर्णय होगा। शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी। हॉलीवुड की सबसे प्रसिद्ध फिल्म सीरीजों में से एक 'स्टार वॉर्स' की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'स्टार वॉर्स: द राइज ऑफ स्काईवॉकर' को अब अपने तय समय से दो महीने पहले ही डिज्नी प्लस पर प्रसारित किया जा रहा है। स्टार वॉर्स सीरीज की यह अंतिम फिल्म है, इसलिए निर्माताओं ने इसे 'स्टार वॉर्स डे' यानी 4 मई को रिलीज करने का फैसला किया है। सिर्फ इतना ही नहीं है, इस सीरीज के प्रशंसक डिज्नी प्लस पर इस सीरीज की सभी नौ फिल्मों को एक साथ देख सकते हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लागू होने के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस पहले से भी बहुत ज्यादा सक्रिय हो गया था। हाल ही में डिज्नी प्लस में लॉकटाउन के इस दौर में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एनिमेशन फिल्म 'फ्रोजन 2' को भी समय से पहले अपने प्लेटफार्म पर जगह दी। इसका असर यह हुआ कि घर में बैठे लोगों ने डिज्नी प्लस का सब्सक्रिप्शन लेना इतनी तेजी से शुरू किया के 8 अप्रैल तक ही कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार इसके उपभोक्ता 50 मिलियन को भी पार कर गए। बात करें अगर 'स्टार वॉर्स: द राइज ऑफ स्काईवॉकर' फिल्म की, तो यह फिल्म इस सीरीज की अब तक की सभी नौ फिल्मों में सबसे बुरे रिव्यूज के साथ सामने आई। जेजे अब्रम्स के निर्देशन में बनी यह फिल्म सिनेमाघरों में 20 दिसंबर को रिलीज हुई थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर एक बिलियन डॉलर की कमाई की है। 'द फोर्स अवेकेन्स' और 'द लास्ट जेडाई' के बाद यह फिल्म इस सीरीज की अंतिम फिल्म है। फिल्म में डेजी रिडल, एडम ड्राइवर, जॉन बोएगा, ऑस्कर आइजक, कैरी फिशर, मार्क हैमिल, एंथनी डेनियल्स, नाओमी ऐकी, रिचर्ड ई ग्रांट, केरी रसल आदि कलाकारों ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। हॉलीवुड की सबसे प्रसिद्ध फिल्म सीरीजों में से एक 'स्टार वॉर्स' की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'स्टार वॉर्स: द राइज ऑफ स्काईवॉकर' को अब अपने तय समय से दो महीने पहले ही डिज्नी प्लस पर प्रसारित किया जा रहा है। स्टार वॉर्स सीरीज की यह अंतिम फिल्म है, इसलिए निर्माताओं ने इसे 'स्टार वॉर्स डे' यानी 4 मई को रिलीज करने का फैसला किया है। सिर्फ इतना ही नहीं है, इस सीरीज के प्रशंसक डिज्नी प्लस पर इस सीरीज की सभी नौ फिल्मों को एक साथ देख सकते हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लागू होने के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस पहले से भी बहुत ज्यादा सक्रिय हो गया था। हाल ही में डिज्नी प्लस में लॉकटाउन के इस दौर में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एनिमेशन फिल्म 'फ्रोजन 2' को भी समय से पहले अपने प्लेटफार्म पर जगह दी। इसका असर यह हुआ कि घर में बैठे लोगों ने डिज्नी प्लस का सब्सक्रिप्शन लेना इतनी तेजी से शुरू किया के 8 अप्रैल तक ही कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार इसके उपभोक्ता 50 मिलियन को भी पार कर गए। बात करें अगर 'स्टार वॉर्स: द राइज ऑफ स्काईवॉकर' फिल्म की, तो यह फिल्म इस सीरीज की अब तक की सभी नौ फिल्मों में सबसे बुरे रिव्यूज के साथ सामने आई। जेजे अब्रम्स के निर्देशन में बनी यह फिल्म सिनेमाघरों में 20 दिसंबर को रिलीज हुई थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर एक बिलियन डॉलर की कमाई की है। 'द फोर्स अवेकेन्स' और 'द लास्ट जेडाई' के बाद यह फिल्म इस सीरीज की अंतिम फिल्म है। फिल्म में डेजी रिडल, एडम ड्राइवर, जॉन बोएगा, ऑस्कर आइजक, कैरी फिशर, मार्क हैमिल, एंथनी डेनियल्स, नाओमी ऐकी, रिचर्ड ई ग्रांट, केरी रसल आदि कलाकारों ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में देश की जानी-मानी हस्तियों ने राहत कोष में सहयोग दिया है। सभी ने इस बीमारी से लड़ने में मदद के लिए कदम बढ़ाए हैं। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार और उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना कोरोना राहत कोष में सहयोग करने वाले सूचकांक ‘हार्टफुलनेस इंडेक्स’ में शीर्ष पर हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा 25 करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में सहयोग के लिए दिए हैं। दूसरे स्थान पर 11 करोड़ रुपये दान करने वाले म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार हैं। अभिनेता कार्तिक आर्यन तीसरे स्थान पर हैं, उन्होंने एक करोड़ रुपए सहयोग के रूप में राहत कोष में दिए हैं। कार्तिक की लोकप्रियता सबसे अधिक रही है, क्योंकि वह कोरोना महामारी के प्रति शुरू से ही सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण इस सूची में सबसे नीचे हैं। उन्होंने राहत कोष के लिए किसी प्रकार की घोषणाएं नहीं की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूम ब्रांड्स ने ‘हार्टफुलनेस इंडेक्स’ जारी किया है। एक पैनल द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में सहयोग राशि के हिसाब से अंक दिए गए हैं। सब्यसाची और विक्की कौशल क्रमशः चौथे और पांचवे नंबर पर हैं। दोनों ने एक-एक करोड़ रुपये की राशि राहत कोष में सहयोग के रूप में दी है। टॉप-पांच में शामिल हैं ये सेलेब्रिटीज नाम सहयोग राशि रेटिंग अक्षय कुमार 25 करोड़ 10 भूषण कुमार 11 करोड़ 9 कार्तिक आर्यन एक करोड़ 8 सब्यसाची एक करोड़ 8 विक्की कौशल एक करोड़ 8 कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में देश की जानी-मानी हस्तियों ने राहत कोष में सहयोग दिया है। सभी ने इस बीमारी से लड़ने में मदद के लिए कदम बढ़ाए हैं। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार और उनकी पत्नी ट्विंकल खन्ना कोरोना राहत कोष में सहयोग करने वाले सूचकांक ‘हार्टफुलनेस इंडेक्स’ में शीर्ष पर हैं। उन्होंने सबसे ज्यादा 25 करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में सहयोग के लिए दिए हैं। कोरोना के कहर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को देने वाली फंडिंग पर रोक लगाने का एलान किया है। अमेरिका ने दो से तीन महीने के लिए फंडिंग देने पर रोक लगा दी है। अमेरिका ने 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग की थी जो कि पूरे बजट का 15 फीसद है लेकिन अमेरिका ने फंडिंग क्यों रोकी और ये फैसला लेने के बाद दुनिया के दूसरे देशों पर क्या असर पड़ेगा, आइए समझते हैं... डब्ल्यूएचओ का गठन क्यों हुआ? 1948 में डब्ल्यूएचओ का गठन संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक स्वास्थ्य संगठन के तौर पर हुआ था। डब्ल्यूएचओ के गठन का मुख्य लक्ष्य वैश्विक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद डब्ल्यूएचओ जैसे संगठन बनाने पर जोर दिया गया था। अतिसंवेदनशील या कमजोर देशों को संक्रमित बीमारियों के फैलने से बचाना डब्ल्यूएचओ क काम है। हैजा, पीला बुखार और प्लेग जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए डब्ल्यूएचओ ने अहम भूमिका निभाई है। डब्ल्यूएचओ मौजूदा समय में एक कार्यक्रम चला रहा है जिसके तहत दुनियाभर के अरबों लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देना है और स्वास्थ्य इमरजेंसी के लिए लोगों की उचित मदद करनी है। ट्रंप के बयान के बाद डब्ल्यूएचओ पर असर? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को योगदान राशि ना देने का एलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने में देरी की और चीन को केंद्र में रखा। अमेरिका डब्ल्यूएचओ में कुल बजट का 10-15 फीसद योगदान करता है। डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अमेरिका से एक बिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता की अपील की थी। राष्ट्रपति ट्रंप और उनके समर्थकों ने संगठन पर आरोप लगाया कि इंसान से इंसान में संक्रमण पर डब्ल्यूएचओ ने बहुत देर में प्रतिक्रिया दी थी और चीन की पारदर्शिता पर भी सवाल नहीं खड़े किए थे। जनवरी की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ ने व्यक्तिगत संक्रमण के फैलने की बात कही। जब ट्रंप ने चीन से आने वाली उड़ानों पर आंशिक रोक लगाने का एलान किया उससे ठीक एक दिन पहले डब्ल्युएचओ ने दुनिया के लिए कोरोना वायरस को इमरजेंसी घोषित किया। 2014-15 में इबोला और कोरोना पर काबू पाने में डब्ल्युएचओ के प्रदर्शन की तुलना? 2014-15 में जब इबोला ने दुनिया में अपना कहर बरपाना शुरू किया था, उस समय डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक मार्गरेट चान थे। इबोला के समय चान को दुनिया में हर तरफ से आलोचना का शिकार होना पड़ा था। चान ने इबोला के फैलने पर देर से प्रतिक्रिय दी थी। इबोला गिनी के एक छोटे से जंगल से शुरू हुआ था जहां सिएरा लियोन और लाइबेरिया की सीमा लगती है लेकिन छह महीने में ही इबोला देखते ही देखते घने शहरों में फैल गया। डब्ल्यूएचओ की देर से दी गई प्रतिक्रिया की दुनिया में काफी आलोचना हुई। अमेरिका के कुछ एक्सपर्ट ने डब्ल्यूएचओ को भंग कर नया संगठन बनाने को कहा लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने इसका समर्थन नहीं किया। बाद में चान ने जानकारी दी कि डब्ल्यूएचओ को मिलने वाली फंडिंग पर्याप्त नहीं थी और सरकारों ने अपने योगदान में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। हालांकि कई स्वास्थ्य जानकार मानते हैं कि डॉ टेड्रोस के नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बेहतर काम किया है। अमेरिका के एलान के बाद क्या असर पड़ेगा? अमेरिका का 60-90 दिनों के लिए फंडिंग रोक देने का फैसला छोटा भले ही है लेकिन कम नहीं है। ट्रंप के एलान से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन कम फंड वाले कार्यक्रमों में संभावित राशि निकालने पर विचार कर रहा था। इससे कोरोना वायरस से संबंधित चल रहे प्रयासों पर प्रभाव पड़ सकता है जैसे कि कोरोना के लिए वैक्सीन बनाना। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर देवी श्रीधर ने ट्रंप के फैसले को परेशानी का सबब बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में डब्ल्यूएचओ को ज्यादा से ज्यादा फंडिंग देने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ इस फंडिंग से ही जरूरतमंद देशों को कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराएगा। ट्रंप की तरफ से डब्ल्यूएचओ पर लगाए गए आरोपों को चीन के प्रति अमेरिका के एजेंडे के तौर पर भी देखा जा रहा है। चीन जैसे देश जहां बोलने की आजादी, पारदर्शिता, मानवाधिकार की कमी है, डब्ल्यूएचओ संतुलन बैठाने का काम कर रहा है। डब्ल्यूएचओ की ओर से दिए गए आंकड़ों से कोरोना के संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिली है। कोरोना के कहर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को देने वाली फंडिंग पर रोक लगाने का एलान किया है। अमेरिका ने दो से तीन महीने के लिए फंडिंग देने पर रोक लगा दी है। अमेरिका ने 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन में 400 मिलियन डॉलर की फंडिंग की थी जो कि पूरे बजट का 15 फीसद है लेकिन अमेरिका ने फंडिंग क्यों रोकी और ये फैसला लेने के बाद दुनिया के दूसरे देशों पर क्या असर पड़ेगा, आइए समझते हैं... कोरोना वायरस से जंग हारने वाले पुलिस इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने उनके परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी पत्नी को उप-निरीक्षक का पद देने की घोषणा की है। बता दें कि जूनी इंदौर थाने के प्रभारी रहे चंद्रवंशी का देर रात दो बजे निधन हो गया है। उनका अरविंदों अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले शहर के पुलिस अधिकारी थे। इंस्पेक्टर के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट कर कहा, 'इंदौर की हमारी पुलिस टीम के कर्तव्यनिष्ठ सदस्य, पूर्व थाना प्रभारी, निरीक्षक श्री देवेंद्र कुमार जी ने कोरोना से जंग में कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनकी मौत पर दुख जताते हुए शिवराज ने लिखा, 'इंदौर के अरविंदों अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और हाल ही में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी और ये हमारे लिए एक अच्छी खबर थी। लेकिन कल देर रात अचानक ही दो बजे उनकी मृत्यु का दुःखद समाचार मिला। मुख्यमंत्री ने इंस्पेक्टर चंद्रवंशी के परिवार को आर्थिक सहायता और पत्नी को उप निरिक्षक का पद देने की घोषणा की। उन्होंने लिखा, 'मैं उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इस संकट की घड़ी में मेरे साथ पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है। शोकाकुल परिवार को राज्य शासन की ओर से सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपये की राशि और उनकी पत्नी श्रीमती सुषमा जी को विभाग में उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति दी जा रही है। 2007 में एसआई बने थे चंद्रवंशी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद इंस्पेक्टर चंद्रवंशी को निमोनिया हो गया था। वे शाजापुर जिले के निवासी थे और साल 2007 में एसआई बने थे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका अरविंदो अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आई थी। वे संक्रमित होने वाले शहर के पहले पुलिस अधिकारी थे। इसके बाद उनके साथ रहने वाले कांस्टेबल की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। एहतियातन सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन (एकांतवास) कर दिया गया था। तेजी से हो रहा था स्वास्थ्य में सुधार कोरोना के इलाज के दौरान पुलिस अधिकारी तेजी से ठीक हो रहे थे। दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनका स्वास्थ्य ठीक हो गया था। हालांकि फेफड़े कमजोर होने की वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शनिवार-रविवार की दरमियानी देर रात ढाई बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा। कोरोना वायरस से जंग हारने वाले पुलिस इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने उनके परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी पत्नी को उप-निरीक्षक का पद देने की घोषणा की है। बता दें कि जूनी इंदौर थाने के प्रभारी रहे चंद्रवंशी का देर रात दो बजे निधन हो गया है। उनका अरविंदों अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले शहर के पुलिस अधिकारी थे। कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्तर पर भारत की एक और बड़ी छलांग देखने को मिली है। दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत नौंवे और एशिया में पहले स्थान पर पहुंच चुका है। तीन दिन पहले ही ईरान को पीछे छोड़ते हुए भारत 10वें स्थान पर आ गया था। वर्ल्डोमीटर वेबसाइट और जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार बृहस्पतिवार रात तक भारत में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1,63,120 दर्ज की गई है। इससे पहले तक सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में नौंवे स्थान पर तुर्की था, जहां अब तक कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1,59,797 पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कोरोना संक्रमण के हालात यही रहे तो अगले दो से तीन दिन में जर्मनी और फ्रांस को पछाड़ते हुए भारत दुनिया का सातवां सबसे प्रभावित देश बन जाएगा। दरअसल बृहस्पतिवार तक देश में कोरोना वायरस को 120 दिन पूरे हो चुके हैं। 16 मई को भारत ने चीन और पेरू से आगे निकलते हुए 11वें स्थान पर था। इसके 8 दिन बाद एक और छलांग लगाते हुए 10वें स्थान पर पहुंचा था। फिलहाल अमेरिका, ब्राजील, रूस, स्पेन, यूके, इटली, फ्रांस और जर्मनी दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में भारत से आगे हैं। सार भारत कोरोना के मामले में एशिया में पहले पर व विश्व में 9वें स्थान पर पहुचा यही हाल रहा तो तीन दिनों में जर्मनी, फ्रांस से आगे 7वें स्थान पर आ सकता है विस्तार कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्तर पर भारत की एक और बड़ी छलांग देखने को मिली है। दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत नौंवे और एशिया में पहले स्थान पर पहुंच चुका है। तीन दिन पहले ही ईरान को पीछे छोड़ते हुए भारत 10वें स्थान पर आ गया था। कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉक डाउन  में ढील देने की घोषणा हो चुकी है। इससे कोरोना के संक्रमण में विस्फोट जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस खतरे के बाद भी यह सही निर्णय है और सरकार के पास इसके आलावा और कोई विकल्प नहीं है। सरकार और देश की जनता को देर-सबेर इस स्थिति का सामना करना ही था। ऐसे में और अधिक आर्थिक नुक्सान से बचते हुए बाज़ार खोलने का फैसला सही कहा जा सकता है। अब कोरोना के खतरे से निबटने की अंतिम जिम्मेदारी जनता के ऊपर रहेगी। उसकी सावधानी ही उसे इस संक्रमण से बचा सकती है। संजीवनी हॉस्पिटल के एमएस डॉक्टर अरविंद चोपड़ा ने अमर उजाला डॉट कॉम को बताया कि कोरोना से अंतिम लड़ाई जनता को ही लड़नी पड़ेगी। देर-सबेर इस स्थिति से हमारा सामना होना ही था और हमारे पास इसका सामना करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। लॉक डाउन से पहले हो या लॉक डाउन के बाद, कोरोना से संक्रमण का खतरा हमेशा बना हुआ था और यह आगे भी बना ही रहेगा। कोरोना से बचने का एकमात्र रास्ता शारीरिक दूरी बनाये रखना, फेस मास्क पहनना और समय-समय पर हाथ धुलते रहना है। यह अंतिम जिम्मेदारी जनता को ही निभानी पड़ेगी क्योंकि इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। डॉक्टर अरविंद चोपड़ा के मुताबिक़ लॉक डाउन का लाभ केवल इतना ही हुआ है कि हमने कोरोना के फैलाव को कुछ दिन कम करके रखा और इस दौरान सरकारों ने अस्पतालों, आईसीयू और वेंटीलेटर जैसी सुविधाओं को बढ़ाया। लॉक डाउन का इससे अधिक कोई लाभ नहीं हुआ है। पिछला अनुभव बताता है कि लॉक डाउन के दौरान भी कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि होती रही है। ऐसे में अब लॉक डाउन को आगे बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं बचा रह गया था। डॉक्टर एन. राम कहते हैं कि लॉक डाउन खोलने से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ेंगे। लेकिन हम यह भी जान चुके हैं कि इसमें से दो-तीन फीसदी मामले ही ज्यादा गंभीर और जानलेवा होंगे। जबकि इससे बहुत बड़ी संख्या स्वस्थ होने वाले लोगों की है। अब जनता को ही इस मामले में समझदारी दिखानी पड़ेगी और समझदारी के साथ इसका सामना करना पड़ेगा। जनता नहीं दिखा रही जागरूकता पूर्वी दिल्ली के एक एसडीएम स्तर के अधिकारी ने बताया कि लॉक डाउन के दौरान भी जनता की गतिविधयों पर पूर्ण रोक लगाना संभव नहीं हुआ। होम क्वारंटीन किये गये लोगों ने भी बार-बार नियमों की अवहेलना की और घर से बाहर निकले। इस दौरान एक हजार से अधिक लोगों के ऊपर होम क्वारंटीन नियमों के उल्लंघन के मामलों में केस भी हो चुका है। अधिकारी के मुताबिक़ लोगों की इस लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा और तमाम प्रयास के बाद भी कोरोना को रोकना संभव नहीं हुआ। इस दौरान सामान्य लोगों के साथ-साथ पुलिस और स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना की चपेट में आते रहे हैं। सार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉक डाउन  में ढील देने की घोषणा हो चुकी है। इससे कोरोना के संक्रमण में विस्फोट जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस खतरे के बाद भी यह सही निर्णय है और सरकार के पास इसके आलावा और कोई विकल्प नहीं है। विस्तार कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी देश के अलग-अलग हिस्सों में लॉक डाउन  में ढील देने की घोषणा हो चुकी है। इससे कोरोना के संक्रमण में विस्फोट जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस खतरे के बाद भी यह सही निर्णय है और सरकार के पास इसके आलावा और कोई विकल्प नहीं है। सरकार और देश की जनता को देर-सबेर इस स्थिति का सामना करना ही था। ऐसे में और अधिक आर्थिक नुक्सान से बचते हुए बाज़ार खोलने का फैसला सही कहा जा सकता है। अब कोरोना के खतरे से निबटने की अंतिम जिम्मेदारी जनता के ऊपर रहेगी। उसकी सावधानी ही उसे इस संक्रमण से बचा सकती है। दुनियाभर में इस वक्त कोरोना महामारी से स्थिति भयावह बनी हुई है। चीन के वुहान शहर से फैली इस जानलेवा महामारी की वजह से अब तक पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे समय में अब एक नई रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। एक वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 से भी घातक एक महामारी का आना बाकी है जो वैश्विक आबादी का आधा हिस्सा मिटा सकती है। लोकप्रिय पुस्तक 'हाउ नॉट टू डाई’ के लेखक डॉ. माइकल ग्रेगर ने दावा किया है कि मुर्गियां अगली महामारी का कारण हो सकती हैं, जो और भी भयावह हो सकती है। उनके अनुसार, मुर्गी के फार्मों से एक खतरनाक वायरस निकल सकता है, जिसकी वजह से दुनिया में कोरोना से भी अधिक मौतें हो सकती हैं। अपनी नई किताब 'हाउ टू सर्वाइव अ पेंडेमिक' में, शाकाहारी अमेरिकी पोषण विशेषज्ञ डॉ माइकल ग्रेगर लिखते हैं कि पोल्ट्री द्वारा निकला वायरस कोरोनोवायरस की तुलना में मनुष्यों के लिए और भी अधिक खतरा पैदा कर सकता है। ग्रेगर के मुताबिक जब तक इंसान मांसाहार पर आश्रित रहेगा और इसका इस्तेमाल करता रहेगा, नई महामारियों की संभावना बनी रहेगी। गौरतलब है कि कोविड-19 नाम का वायरस चीन के वुहान स्थित मीट मार्केट से निकला था जो एक इंसान से होते हुए दूसरे में पहुंचता गया और देखते-देखते दुनियाभर में फैल गया और अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका। दुनियाभर में इस वक्त कोरोना महामारी से स्थिति भयावह बनी हुई है। चीन के वुहान शहर से फैली इस जानलेवा महामारी की वजह से अब तक पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे समय में अब एक नई रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है। बहुरूपिया कोरोना रोज पहचान व लक्षण बदल रहा है। फेफड़ों के बाद ये दूसरे अंगों को भी चपेट में लेने लगा है। ऐसे में  सही पहचान और इलाज तक सतर्क रहने में ही भलाई है। वैज्ञानिकों का मानना है, वायरस की चपेट में आने वालों को आगे भी सतर्क रहना होगा, क्योंकि वायरस शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। भविष्य में यह छह समस्याएं आ सकती हैं... फेफड़ों में तकलीफ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. खालिहा गेट्स का कहना है कि वायरस जितना अधिक फेफड़े को नुकसान पहुंचाएगा, तकलीफ उतनी अधिक होने की संभावना है। सांस संबंधी तकलीफ बढ़ने के साथ ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। लिवर को नुकसान 34 संक्रमितों के लिवर फंक्शन टेस्ट में पता चला कि वायरस से ठीक होने पर भी लिवर के काम की प्रक्रिया बदल चुकी है। ऐसे में पेट में मरोड़ और पाचन में तकलीफ हो सकती है। संक्रमण से  मुक्ति के बाद लिवर में तकलीफ पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। हृदय पर असर... न्यूयॉर्क के लेनॉक्स हिल अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. लेन होरोवित्ज के मुताबिक, तेज बुखार से हृदय की मांशपेशियों को नुकसान हो सकता है। वायरस के कारण हृदय प्रभावित होता हैै। हार्ट अटैक आ सकता है। संक्रमित हृदय रोगी खास ध्यान रखें। मांसपेशी को नुकसान अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अध्ययन के अनुसार, बिस्तर पर रहने से मरीज की मांसपेशियों की ताकत 3 से 11 फीसदी तक घटती है। 14 से अधिक दिन तक इलाज चलने फिर क्वारंटीन अवधि के कारण कोरोना मरीज को ये खतरा और ज्यादा है। सांस फूलने की समस्या टेक्सास टेक हेल्थ साइंसेसज सेंटर स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. स्टीवन बर्क का कहना है कि स्वस्थ हुए मरीज में एक माह बाद भी सांस फूलने की समस्या हो सकती है। इसे ठीक होने में समय लगता है। संभव है कि कुछ लोगों में पूरी जिंदगी ये समस्या रहे। मानसिक समस्या... अमेरिकी की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. मेलिसा नोलन का कहना है कि सार्स के मरीजों में चिंता और घबराहट जैसी समस्या रही। महामारी मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालती है। कुछ तनाव व अवसाद में आ जाते हैं। इन लक्षणाें पर डॉक्टरी सलाह लें। 1000 केंद्रों पर जेनेटिक सीक्वेंसिंग सीएसआईआर और जैव प्रौद्योगिकी विभाग 1000 स्थानों पर कोरोना की जेनेटिक स्क्विेंसिंग पर काम कर रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया, देश में करीब छह टीकों पर काम चल रहा है। इनमें से चार पर काम ठीकठाक आगे बढ़ चुका है। देश में रोज डेढ़ लाख पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि हम तेजी से स्वदेशी एंटीबॉडी टेस्ट किट का उत्पादन कर रहे हैं। अंतिम व्यक्ति तक पहुंचें... सिविल सोसायटी संगठनों और स्वयंसेवी संगठनों से वर्चुअल संवाद में हर्षवर्धन ने कहा कि अंतिम जरूरतमंद तक जरूरी संसाधनों की पहुंच सुनिश्चित करने में ही सफलता निहित है। कुछ हफ्तों में जंग जीतेंगे... स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग में दूसरे प्रभावित देशों की तुलना में भारत हर मोर्चे पर अच्छा कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कुछ हफ्तों में देश इससे जीतने में सक्षम होगा। बहुरूपिया कोरोना रोज पहचान व लक्षण बदल रहा है। फेफड़ों के बाद ये दूसरे अंगों को भी चपेट में लेने लगा है। ऐसे में  सही पहचान और इलाज तक सतर्क रहने में ही भलाई है। वैज्ञानिकों का मानना है, वायरस की चपेट में आने वालों को आगे भी सतर्क रहना होगा, क्योंकि वायरस शरीर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। भविष्य में यह छह समस्याएं आ सकती हैं... भारतीय स्टेट बैंक के बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने भी बचत खातों पर ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है। बैंक ने इस संबंध में मंगलवार को जानकारी दी। आईसीआईसीआई बैंक ने नियामकीय सूचना में जानकारी देते हुए कहा है कि नई दरें गुरुवार से प्रभावी होंगी। बता दें कि निजी क्षेत्र के इस बैंक ने 50 लाख रुपये से कम की सभी जमाओं पर ब्याज दर को मौजूदा 3.25 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया है। वहीं 50 लाख रुपये अथवा इससे अधिक की जमा पर भी ब्याज दर 3.75 प्रतिशत से घटकर 3.50 प्रतिशत कर दी गई है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश में लागू लॉकडाउन के कारण कर्ज की मांग कमजोर रही है। ऐसे में बैंकों में इस समय नकदी उपलब्ध है। इससे बैंक में संपत्ति-देनदारी का असंतुलन भी पैदा हो गया है और बैंक पर ग्राहकों की जमा पर ब्याज भुगतान का दबाव बढ़ गया है। यही वजह है कि बैंक ने ब्याज दर में कटौती की है। इससे पहले देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने मई में नए खुदरा सावधि जमा और परिपक्व होने वाली जमा के नवीनीकरण पर ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती की थी। बता दें कि स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि मौजूदा परिदृश्य में ब्याज दरें नीचे आएंगी। उन्होंने हाल ही में यह भी कहा कि ब्याज दरों में कटौती बैंक से कर्ज लेने वालों और बैंक में पैसा रखने वालों दोनों के लिए होगी। भारतीय स्टेट बैंक के बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने भी बचत खातों पर ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है। बैंक ने इस संबंध में मंगलवार को जानकारी दी। आईसीआईसीआई बैंक ने नियामकीय सूचना में जानकारी देते हुए कहा है कि नई दरें गुरुवार से प्रभावी होंगी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप सरकार की जमकर आलोचना की है। ओबामा ने अमेरिकी प्रशासन के रवैये को 'अराजक आपदा' करार दिया है। पूर्व राष्ट्रपति ने एक फोन कॉल पर बातचीत में ट्रंप सरकार द्वारा कोरोना वायरस के खिलाफ अपनाए गए तरीकों की तीखी आलोचना की और अमेरिका के नए राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडेन का समर्थन किया। समाचार चैनल अल जजीरा के मुताबिक, बराक ओबामा ने शुक्रवार को ओबामा अलुम्नाई असोसिएशन के उन 3000 लोगों से बातचीत की, जिन्होंने ओबामा के शासनकाल में काम किया था। इसी मीटिंग में ओबामा ने लोगों से अपील की कि वे राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैट के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन का साथ दें। एक प्राइवेट कॉल के 30 मिनट तक लोगों से बात करते हुए ओबामा ने कहा, 'आने वाला चुनाव हर स्तर पर काफी अहम होने वाला है क्योंकि हम सिर्फ एक व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं। हम लंबे समय तक चलने वाले स्वार्थी होने, दूसरों को दुश्मन की तरह देखने, आपस में बंटे होने और अराजक होने के ट्रेंड के खिलाफ लड़ रहे हैं। हम वैश्विक स्तर पर भी यही देख रहे हैं। ओबामा ने आगे कहा, 'यही कारण है कि इस वैश्विक महामारी के खिलाफ हमारा जवाब इतना निराशाजनक और ठंडा है। 'बाकी सब भाड़ में जाएं' वाली मानसिकता के साथ यह काफी अराजक आपदा जैसा हो गया है। बराक ओबामा ने खुलकर कहा है कि आने वाले चुनाव में वह जो बाइडेन के लिए जमकर प्रचार करने वाले हैं। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका की स्थिति बेहद खराब हो गई है, यहां रोजाना औसतन हजार से अधिक मौतें हो रही हैं और मृतकों की संख्या 78000 से अधिक हो चुकी है। इतना ही नहीं यहां संक्रमितों की संख्या भी दुनिया में सर्वाधिक 13 लाख से अधिक है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप सरकार की जमकर आलोचना की है। ओबामा ने अमेरिकी प्रशासन के रवैये को 'अराजक आपदा' करार दिया है। पूर्व राष्ट्रपति ने एक फोन कॉल पर बातचीत में ट्रंप सरकार द्वारा कोरोना वायरस के खिलाफ अपनाए गए तरीकों की तीखी आलोचना की और अमेरिका के नए राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडेन का समर्थन किया। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया परेशान है और लगभग हर देश लॉकडाउन में कैद है। इस वैश्विक महामारी से मरने वालों की संख्या रोजाना बढ़ रही है और संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है। वहीं चीन जहां से पांच महीने पहले यह जानलेवा वायरस फैला था, वहां अब चीजें पटरी पर लौटनी शुरू हो गई हैं। लॉकडाउन हटाने के साथ ही यहां फैक्टरियों और परिवहन को भी खोल दिया गया है। पर्यटन में तेजी से हुई बढ़ोतरी यहां तक कि यहां पर्यटन में भी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मई महीने के शुरुआती दो दिनों में शंघाई शहर में करीब 10 लाख लोग घूमने पहुंचे। चीनी सरकार द्वारा मई दिवस के मौके पर कुछ पर्यटन स्थलों को खोलने के आदेश के बाद एक मई को 456,000 और दो मई को 633,000 लोग पहुंचे। पांच दिन की छुट्टी के पहले दो दिनों में चीन में 50 लाख से अधिक लोगों द्वारा यात्राएं की गईं, राज्य मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मंगलवार को छुट्टियों के अंत तक अनुमानित 90 लाख यात्राएं पूरी होने की उम्मीद है। संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय (एमसीटी) के अनुसार, घरेलू पर्यटन राजस्व 9.7 अरब युआन (लगभग 1.38 अरब डॉलर) से अधिक होने के साथ, अवकाश के पहले दिन शुक्रवार तक 23 लाख घरेलू पर्यटन यात्राएं की गईं। घरेलू पर्यटन में वृद्धि के बाद चीन ने अपनी महामारी संबंधी आपातकालीन प्रतिक्रिया को दूसरी या निचली श्रेणियों में सबसे गंभीर से कम कर दिया। मंत्रालय ने कहा कि देश भर में कुल 8,498 ए-स्तरीय पर्यटक आकर्षण शुक्रवार को जनता के लिए खोले गए, जो कुल 70 प्रतिशत को कवर करते हैं। बात अगर चीन में कोरोना के प्रभाव की करें तो चीनी आंकड़ों के मुताबिक वहां कोरोना वायरस से 82,877 लोग संक्रमित हुए थे और 4633 लोगों की मौत हुई थी। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया परेशान है और लगभग हर देश लॉकडाउन में कैद है। इस वैश्विक महामारी से मरने वालों की संख्या रोजाना बढ़ रही है और संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है। वहीं चीन जहां से पांच महीने पहले यह जानलेवा वायरस फैला था, वहां अब चीजें पटरी पर लौटनी शुरू हो गई हैं। लॉकडाउन हटाने के साथ ही यहां फैक्टरियों और परिवहन को भी खोल दिया गया है। पर्यटन में तेजी से हुई बढ़ोतरी यहां तक कि यहां पर्यटन में भी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मई महीने के शुरुआती दो दिनों में शंघाई शहर में करीब 10 लाख लोग घूमने पहुंचे। चीनी सरकार द्वारा मई दिवस के मौके पर कुछ पर्यटन स्थलों को खोलने के आदेश के बाद एक मई को 456,000 और दो मई को 633,000 लोग पहुंचे। देश के नौ राज्यों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है। पहले इन राज्यों में मरीज 4 दिन में दोगुना हो रहे थे। ओडिशा और केरल में क्रमश: 39.8 और 72.2 दिन में मरीज दोगुने हो रहे हैं। अंडमान-निकोबार, हरियाणा, हिमाचल , चंडीगढ़, असम, उत्तराखंड व लद्दाख में 20 से 30 दिन में दोगुना संक्रमण। बिहार में 16.4 दिन, तमिलनाडु में 14, छत्तीसगढ़ में 13.3, पंजाब में 13.1, जम्मू-कश्मीर में 11.5, आंध्र प्रदेश में 10.6 दिन में मरीज दोगुने हुए। दिल्ली, कर्नाटक व तेलंगाना : दोगुनी होने की रफ्तार 10 दिन से कम दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना में मरीजों के दोगुनी होने की रफ्तार क्रमश: 8.5, 9.2 व 9.4 दिन है। राजस्थान के डूंगरपुर व पाली, गुजरात के मोरबी व जामनगर, उत्तरी गोवा में 14 दिन से केस नहीं। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में पिछले 28 दिन से नया कोरोना संक्रमित नहीं। 32 राज्यों के 408 जिलों में संक्रमण, 36 फीसदी मरीज सिर्फ 17 जिलों में 32 राज्यों के 408 जिले संक्रमण की चपेट में हैं। 36 फीसदी मरीज सिर्फ 17 जिलों में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यहां 6,205 से भी ज्यादा मरीज हैं। कोलकाता में 105, आगरा 241, हैदराबाद 345, कोयंबटूर 127, चेन्नई 223, जयपुर 485, जोधपुर 105, ठाणे 288, पुणे 470, मुंबई 2,070, इंदौर 707, भोपाल 196, कासरगोड 162, वडोदरा 116, अहमदाबाद 405, कुरनूल 113 और गुंटूर में सर्वाधिक 121 मरीज मिले हैं। एक सप्ताह पहले तक की स्थिति। इसमें 13,835 मरीजों की जानकारी। मनरेगा : मजदूरी में 20 रुपये की औसत बढ़ोतरी केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय ने बताया कि मनरेगा के मजदूरों के पारिश्रमिक में 20 रुपये की औसत वृद्धि की गई है। वहीं, कृषि मंत्रालय की एक प्रतिनिधि ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अनाज की औसत मात्रा दोगुनी कर दी है। गैर सरकारी संगठन भी एफसीआई से सीधे अनाज खरीद सकते हैं। देश के नौ राज्यों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है। पहले इन राज्यों में मरीज 4 दिन में दोगुना हो रहे थे। ओडिशा और केरल में क्रमश: 39.8 और 72.2 दिन में मरीज दोगुने हो रहे हैं। अंडमान-निकोबार, हरियाणा, हिमाचल , चंडीगढ़, असम, उत्तराखंड व लद्दाख में 20 से 30 दिन में दोगुना संक्रमण। बिहार में 16.4 दिन, तमिलनाडु में 14, छत्तीसगढ़ में 13.3, पंजाब में 13.1, जम्मू-कश्मीर में 11.5, आंध्र प्रदेश में 10.6 दिन में मरीज दोगुने हुए। दिल्ली, कर्नाटक व तेलंगाना : दोगुनी होने की रफ्तार 10 दिन से कम दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना में मरीजों के दोगुनी होने की रफ्तार क्रमश: 8.5, 9.2 व 9.4 दिन है। राजस्थान के डूंगरपुर व पाली, गुजरात के मोरबी व जामनगर, उत्तरी गोवा में 14 दिन से केस नहीं। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में पिछले 28 दिन से नया कोरोना संक्रमित नहीं। 32 राज्यों के 408 जिलों में संक्रमण, 36 फीसदी मरीज सिर्फ 17 जिलों में 32 राज्यों के 408 जिले संक्रमण की चपेट में हैं। 36 फीसदी मरीज सिर्फ 17 जिलों में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यहां 6,205 से भी ज्यादा मरीज हैं। कोलकाता में 105, आगरा 241, हैदराबाद 345, कोयंबटूर 127, चेन्नई 223, जयपुर 485, जोधपुर 105, ठाणे 288, पुणे 470, मुंबई 2,070, इंदौर 707, भोपाल 196, कासरगोड 162, वडोदरा 116, अहमदाबाद 405, कुरनूल 113 और गुंटूर में सर्वाधिक 121 मरीज मिले हैं। एक सप्ताह पहले तक की स्थिति। इसमें 13,835 मरीजों की जानकारी। मनरेगा : मजदूरी में 20 रुपये की औसत बढ़ोतरी केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय ने बताया कि मनरेगा के मजदूरों के पारिश्रमिक में 20 रुपये की औसत वृद्धि की गई है। वहीं, कृषि मंत्रालय की एक प्रतिनिधि ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अनाज की औसत मात्रा दोगुनी कर दी है। गैर सरकारी संगठन भी एफसीआई से सीधे अनाज खरीद सकते हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा चालकों ने रोजी-रोटी के संकट के चलते अपने मूल निवास स्थानों को लौटने का सिलसिला तेज कर दिया है। इनमें से ज्यादातर तिपहिया वाहन चालक मुंबई से आगरा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन का इस्तेमाल करते हुए मध्यप्रदेश से होकर गुजर रहे हैं। लंबी दूरी के इस मुश्किल सफर में इंदौर भी मुंबई के ऑटो रिक्शा वालों के बड़े पलायन का गवाह बन रहा है। मध्यप्रदेश के इस प्रमुख शहर के बाईपास रोड पर काले और पीले रंग वाली तिपहिया गाड़ियों में सैकड़ों चालकों को अपने परिवार के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को भी साथ ले जाते हर रोज देखा सकता है। इंदौर बाईपास रोड पर एक सामाजिक संस्था की तरफ से चलाई जा रही भोजनशाला से पूरी और सब्जी ले रहे बालेश्वर यादव (54) अपने तिपहिया वाहन से झारखंड के हजारीबाग जिले स्थित गांव लौट रहे हैं। इस तिपहिया वाहन में दो महिलाओं और तीन बच्चों समेत आठ लोग सवार हैं। यादव ने सोमवार को बताया, मैं मुंबई में पिछले 12 साल से ऑटो रिक्शा चला रहा हूं। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पिछले कई दिनों से वहां सब बंद है। मैंने करीब दो महीने तक अपनी जमा-पूंजी से गुजारा किया। लेकिन अब पैसा खत्म हो गया है और गांव लौटने के अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं है। यादव इस सवाल पर कुछ पल तक शून्य में ताकने लगते हैं कि वह मुंबई कब लौट सकेंगे? फिर अपने तिपहिया वाहन की ओर इशारा करते हुए जवाब देते हैं, छह महीने लगें या सालभर, मुंबई तो एक न एक दिन लौटना ही पड़ेगा क्योंकि यह गाड़ी मैंने बैंक से कर्ज लेकर खरीदी है और इसकी किश्तें अभी चुकानी बाकी हैं। उन्होंने कहा, मुंबई में हालात सामान्य होने तक मैं अपने गांव में मवेशी पालूंगा और खेती करूंगा। उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले के रहने वाले अजय यादव (36) ने बताया कि वह पिछले चार साल से मुंबई के गोरेगांव (वेस्ट) में ऑटो रिक्शा चला रहे थे। यादव दो दिन पहले मुंबई से अपने मूल निवास स्थान के लिए दो दोस्तों के साथ निकले थे। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा चालकों ने रोजी-रोटी के संकट के चलते अपने मूल निवास स्थानों को लौटने का सिलसिला तेज कर दिया है। इनमें से ज्यादातर तिपहिया वाहन चालक मुंबई से आगरा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन का इस्तेमाल करते हुए मध्यप्रदेश से होकर गुजर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कहा है कि जिनके पास कार्ड नहीं है, उन्हें राशन देने पर विचार करना चाहिए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की एकसमान व्यवस्था बनाए जाने पर भी गौर किया जाना चाहिए। जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने वीसी से सुनवाई में दिए आदेश में कहा, चूंकि यह नीतिगत मामला है, इसलिए इस तरह की राहत देने के मामले को केंद्र, राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों पर छोड़ा जाता है। इसी के साथ पीठ ने इस याचिका का निपटारा कर दिया। बता दें कि शीर्ष कोर्ट ने हाल ही में केंद्र से लॉकडाउन में अस्थायी तौर पर एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना की संभावना पर भी विचार करने को कहा था। केंद्र की यह योजना जून में लॉन्च होनी है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इनकार सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए लैंड यूज बदली जाने वाली अधिसूचना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, लॉकडाउन में कोई अभी कुछ करने नहीं जा रहा। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजीव सूरी द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सूरी ने इस परियोजना पर 20 मार्च को जारी केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की गुहार लगाई थी। वीसी से सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा, मामले में कोई अर्जेंसी नहीं है। ब्यूरो कोरोना के इलाज के तरीके में बदलाव का आदेश नहीं दे सकते शीर्ष अदालत ने कोरोना के मरीजों के इलाज को लेकर दिशा-निर्देश में बदलाव का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाने वाली मलेरियारोधी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन व एंटीबायोटिक अजीथ्रोमाइसिन दवा को लेकर दिशा-निर्देश में बदलाव के निर्देश देने का आग्रह किया गया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा, वह इस मामले का जानकार नहीं है, अत: कोई निर्देश नहीं दे सकता। तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ ‘पीपल फॉर बेटर ट्रीटमेंट’ की याचिका को आईसीएमआर को एक ज्ञापन के तौर पर लेने को कहा है। सुनवाई के दौरान ओहियो स्थित एनजीओ के अध्यक्ष डॉ. कुणाल साहा ने कहा, इन दवाओं से इससे मौत भी हो रही है। ब्यूरो सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कहा है कि जिनके पास कार्ड नहीं है, उन्हें राशन देने पर विचार करना चाहिए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की एकसमान व्यवस्था बनाए जाने पर भी गौर किया जाना चाहिए। कोरोना संकट के बीच विश्व बैंक ने भारत को एक बड़ी राहत दी है। सरकार के कार्यक्रमों के लिए बैंक ने एक बिलियन डॉलर (लगभग 7,500 करोड़ रुपये) पैकेज की घोषणा की है। यह सामाजिक सुरक्षा पैकेज है। इससे पहले कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) ने भारत को एक अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता राशि देने का एलान किया था। भारत के लिए विश्व बैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, 'सामाजिक दूरी के कारण अर्थव्यवस्था में मंदी आई है। भारत सरकार ने गरीब कल्याण योजना पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि गरीबों और कमजोर लोगों को बचाने में मदद मिल सके। एक स्वास्थ्य पुल बनाया जा रहा है और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। विश्व बैंक द्वारा दी जाने वाली राशि का इस्तेमाल देश में कोरोना वायरस रोगियों की बेहतर जांच, कोविड-19 अस्पताल के उच्चीकरण और लैब को बनाने में किया जा सकता है। बैंक ने पहले ही 25 विकासशील देशों को पैकेज देने का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही विश्व बैंक की तरफ से भारत में आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया के लिए दी गई राशि दो बिलियन डॉलर हो गई है। भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को समर्थन देने के लिए पिछले महीने एक बिलियन अमेरीकी डॉलर सहायता की घोषणा की गई थी। । वहीं, आपातकालीन सहायता राशि का एलान करते हुए एनडीबी ने कहा था कि वह यह कर्ज इसलिए दे रहा है ताकि भारत को कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद मिले और कोरोना वायरस महामारी के कारण होने वाले मानवीय, सामाजिक और आर्थिक नुकसान को कम किया जा सके। वहीं, भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 81,970 हो गई है, जिनमें 51,401 सक्रिय हैं, 27,920 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 2649 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना संकट के बीच विश्व बैंक ने भारत को एक बड़ी राहत दी है। सरकार के कार्यक्रमों के लिए बैंक ने एक बिलियन डॉलर (लगभग 7,500 करोड़ रुपये) पैकेज की घोषणा की है। यह सामाजिक सुरक्षा पैकेज है। इससे पहले कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) ने भारत को एक अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता राशि देने का एलान किया था। World Bank announces USD 1 billion social protection package for India linked to Govt of India programmes. pic.twitter.com/a1YpTpAt1O — ANI (@ANI) May 15, 2020 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 राज्यों के 38 जिलों में 45 नगर निकायों के अधिकारियों से कहा है कि वह अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करें और जांच करें। ये वो स्थान हैं जहां हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल देखा गया है। मंत्रालय ने कहा है कि अधिकारी घर-घर जाकर जांच करें और निगरानी रखें जिससे संक्रमण के प्रसार को और मृत्यु दर को कम किया जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने 45 नगर निगम के जिला कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों, जिला अस्पतालों के अधीक्षकों और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। ये 38 जिले महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के हैं। मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन में राहद देने और प्रतिबंध हटाने को ध्यान में रखते हुए राज्यों को सलाह दी गई है कि आने वाले महीनों के लिए वह जिलों के अनुसार योजना तैयार कर लें। बैठक के दौरान अधिक जनसंख्या वाले शहरी इलाकों में संक्रमण के तेज प्रसार, घर-घर सर्वे करने का महत्व, लगातार जांच, चिकित्सकीय व्यवस्थाएं और कंटेनमेंट रणनीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'राज्य के अधिकारियों को सलाह दी गई है कि कंटेनमेंट जोन में कोरोना के मामलों के प्रबंधन, बफर जोन में निगरानी गतिविधियों को लेकर और उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए उचित मानक लागू करें। सक्रिय निगरानी उपायों, पर्याप्त जांच और मामलों की समय पर पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लक्षणों को बढ़ाए बिना रोगियों का समय पर स्थानांतरण सुनिश्चित करें। कोविड-19 के कंटेनमेंट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के लिए उचित योजना तैयार करनी चाहिए, पर्याप्त संख्या में निगरानी दल उपलब्ध कराए जाने चाहिए और पलंग के प्रबंधन के लिए एक व्यवस्था स्थापित की जानी चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 राज्यों के 38 जिलों में 45 नगर निकायों के अधिकारियों से कहा है कि वह अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करें और जांच करें। ये वो स्थान हैं जहां हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में उछाल देखा गया है। मंत्रालय ने कहा है कि अधिकारी घर-घर जाकर जांच करें और निगरानी रखें जिससे संक्रमण के प्रसार को और मृत्यु दर को कम किया जा सके। इलेक्ट्रॉनिक कंपनी डीटेल ने मोबाइल और स्पीकर के बाद अब इंफ्रारेड थर्मामीटर Detel Pro को लॉन्च करने की घोषणा की है। Detel Pro को 2,999 रुपये में कंपनी की वेबसाइट से खरीदा जा सकता है। इसके साथ एक साल की वारंटी मिल रही है। कंपनी का दावा है कि Detel Pro की सटीकता + - 0.2 सेल्सियस तक है। फीचर्स की बात करें तो Detel Pro इंफ्रारेड थर्मामीटर एक डिजिटल सेंसर के साथ आता है और इसका तापमान 32℃-42.99℃ है। डिवाइस बिना टच सेंसर के साथ काम करता है जो संपर्क से बचने और क्रॉस-संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए 3-5 सेमी की दूरी से तापमान रिकॉर्ड करने में मदद करता है। थर्मामीटर एलसीडी डिस्प्ले के साथ आता है जो अंधेरे वातावरण में भी काम कर सकता है। इसमें एक स्वचालित पावर-ओ फंक्शन भी है। कंपनी विभिन्न चैनलों के साथ मिलकर मेट्रो और टियर 2, 3 शहरों सहित देश के कोने-कोने में उत्पादों को उपलब्ध कराने के लिए भी काम कर रही है। बता दें कि कंपनी ने फेस शील्ड्स, मास्क, दस्ताने, पीपीई किट और कई अन्य उत्पाद भी लॉन्च किए हैं। इस लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए डीटेल के संस्थापक योगेश भाटिया ने कहा, 'महामारी के समय, न केवल अस्पतालों बल्कि व्यवसायों, संगठनों और व्यक्तिगत रूप से तापमान की नियमित जांच रखने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को एहतियाती उपाय के रूप में मदद करने की आवश्यकता होती है। परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमने उत्पाद को गैर-संपर्क संचालन और अल्ट्रा-फास्ट परिणामों के साथ लॉन्च किया है, जो पर्याप्त रूप से अधिक सेवा प्रदान करेगा। सार Detel Pro की 2,999 रुपये है कोरोना के संक्रमण के कारण बढ़ी इंफ्रारेड थर्मामीटर की मांग 3-5 सेमी की दूरी से माप सकेंगे शरीर का तापमान विस्तार इलेक्ट्रॉनिक कंपनी डीटेल ने मोबाइल और स्पीकर के बाद अब इंफ्रारेड थर्मामीटर Detel Pro को लॉन्च करने की घोषणा की है। Detel Pro को 2,999 रुपये में कंपनी की वेबसाइट से खरीदा जा सकता है। इसके साथ एक साल की वारंटी मिल रही है। कंपनी का दावा है कि Detel Pro की सटीकता + - 0.2 सेल्सियस तक है। कोरोना के संक्रमण को ट्रैक करने के लिए सरकार ने आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया है। उत्तर प्रदेश में इस घर से बाहर निकलने के लिए आरोग्य सेतु एप अनिवार्य हैं, वहीं केंद्र सरकार ने भी देशभर में उन लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया है जो ऑफिस में काम करने जा रहे हैं। आरोग्य सेतु एप की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरोग्य सेतु एप की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाया है। आधार कार्ड की सिक्योरिटी पर सवाल खड़े चुके फ्रांस के हैकर Robert Baptiste ने आरोग्य सेतु एप की सिक्योरिटी को कमजोर बताया है। इसके बाद सरकार ने इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि एप की सिक्योरिटी मजबूत है। यदि हम एप की सिक्योरिटी को एक किनारे रख भी दें तो आरोग्य सेतु एप में इतनी कमियां हैं कि इसका कोई फायदा सरकार को नहीं शायद ही मिलने वाला है, क्योंकि आरोग्य सेतु एप को आसानी से कोई भी वेबकूफ बना सकता है। आइए जानते हैं कैसे.... एप में सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसे जल्दबाजी में लॉन्च कर दिया गया है, क्योंकि समय के साथ इसमें कोई अपडेशन नहीं दिया जा रहा है। देश में पिछले 40 दिनों से अधिक दिन से लॉकडाउन लगा हुआ है, जबकि एप पूछ रहा है कि क्या आपने पिछले 14 दिनों में कोई विदेश यात्रा की है। आमतौर पर जब कोई एप यूजर से सवाल-जवाब पूछने के लिए बनाया जाता है तो उसमें यूजर्स के पास भी सवाल पूछने का विकल्प होता है, जबकि आरोग्य सेतु एप के साथ ऐसा नहीं है। आरोग्य सेतु एप में जब आप आत्म परीक्षण करते हैं तो आपके सामने कुछ सीमित सवाल आते हैं जिन्हें जिनमें बुखार और खांसी जैसे लक्षणों के बारे में पूछा जाता है। अब यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पहले कोरोना के तीन लक्षण थे, लेकिन अब नौ हो गए हैं, जबकि आरोग्य सेतु एप पुराने लक्षण के बारे में ही पूछता है। आरोग्य सेतु एप में आप खुद लक्षण बताकर अपनी जांच नहीं कर सकते हैं। ऐसे में देखा जाए तो यह एप दो तरफा संचार वाला नहीं है। एप में जो लक्षण पूछे जा रहे हैं, उनके बारे में लोग झूठ बोल सकते हैं, जबकि सरकार ने खुद कहा है कि कोरोना बीमारी छुपाने वालों पर कार्रवाई होगी, तो सवाल यह है कि यदि कोई आरोग्य सेतु एप को गुमराह करता है तो उसके बारे में सरकार को कैसे पता चलेगा। आरोग्य सेतु एप में हाल ही में एक खतरे का सिंबल दिखने लगा है जिसपर क्लिक करने के बाद एप आपसे पूछता है कि 'टेस्टिंग के लिए सैंपल कलेक्ट हो गया है? कोविड 19 का टेस्ट पॉजिटिव है? अब यहां भी कोई एप से झूठ बोल सकता है, उदाहरण के तौर पर यदि कोई 'कोविड 19 का टेस्ट पॉजिटिव है?' के विकल्प पर क्लिक कर देता है तो सरकार के पास झूठी जानकारी पहुंचेगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो आरोग्य सेतु एप में आत्म परीक्षण जैसी कई खामियां हैं। इसके अलावा समय के साथ एप में अपडेशन नहीं हो रहा है। सिक्योरिटी के साथ-साथ सरकार को इन बिंदुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है, तभी इस एप की उपयोगिता हो पाएगी। कोरोना के संक्रमण को ट्रैक करने के लिए सरकार ने आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया है। उत्तर प्रदेश में इस घर से बाहर निकलने के लिए आरोग्य सेतु एप अनिवार्य हैं, वहीं केंद्र सरकार ने भी देशभर में उन लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया है जो ऑफिस में काम करने जा रहे हैं। आरोग्य सेतु एप की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरोग्य सेतु एप की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाया है। कैद में रहना इंसान को ना पहले पसंद था और ना ही आज है, हालांकि यदि किसी एक जगह कैद रहने से इंसान को फायदा होता है तो वह कैद में रहना भी पसंद करता है। उदाहरण के लिए आप बिग बॉस टीवी शो को देख सकते हैं। वहां करीब 90 दिनों तक एक ही घर में रहने के लिए पैसे मिलते हैं। लॉकडाउन के कारण इंसान आज अपने घरों में कैद है। इस लॉकडाउन के कारण घरेलू हिंसा में भी काफी इजाफा देखने को मिला है जो कि चिंताजनक है। लॉकडाउन में लोग घर पर कई तरह के काम कर रहे हैं। कोई झाड़ू-पोंछा कर रहा है तो कोई अपनी पत्नी से ही बाल कटवा रहा है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने खुद से ही बाल काटते हुए एक वीडियो शेयर किया है। कई लोग लॉकडाउन के बाद की प्लानिंग भी कर रहे होंगे कि मैं सबसे पहले फलां काम करूंगा। खैर, चलिए आज हम आपको उन पांच कामों के बारे में बताते हैं जिन्हें लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद आपको नहीं करना चाहिए। पार्टी और बार में जाने से बचें लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई लोग घर पर दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ पार्टी करने की सोच रहे होंगे। कई लोग बार में जाकर पार्टी करने की सोच रहे होंगे लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी आपको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए। यह बात आपको हमेशा ध्यान में रखना होगा कि कोरोना का संक्रमण कम हुआ है, कोरोना नहीं। लॉकडाउन तभी खत्म होगा जब संक्रमण का दर काफी कम हो जाएगा। जैसा कि आप भी इस बात से परिचित हैं कि कोरोना वायरस दुबारा भी लोगों को परेशान कर रहा है और कई मामलों में लक्षण भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी आपको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पार्टी वगैरह से बचना चाहिए, क्योंकि आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि आपकी पार्टी में जो शख्स आया है उसमें संक्रमण है या नहीं। हाथ मिलाने और गले मिलने से बचें लॉकडाउन खत्म होने के बाद खुशी में दोस्तों के गले लगने और हाथ मिलाने से परहेज ठीक उसी तरह करना होगा जिस तरह आप इस वक्त लॉकडाउन के दौरान कर रहे हैं। जब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक एक-दूसरे से दूर रहना ही इसका सबसे बड़ा इलाज है, हालांकि एंटी बॉडी टेस्ट यह बताने में सक्षम है कि आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या नहीं। तो बेहतर है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी उन इलाकों में जाने से पहरेज करें जहां पर जोखिम ज्यादा है और साथ ही लोगों से मिलने से भी बचें। हाथ धोने की आदत ना छोड़ें लॉकडाउन खत्म होने का मतलब कोरोना का संक्रमण खत्म होना नहीं है। इसलिए लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बार-बार हाथ धोते रहे हैं और साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें। साफ-सफाई रखना कोई बुरी बात नहीं है। घर से बाहर निकलें तो मास्क या गमछा जरूर लेकर निकलें। डॉकडाउन खत्म होने के बाद स्कूल, कॉलेज, मॉल और फैक्ट्रीज को खोला जाएगा तो भीड़ होने की वजह से कोरोना के फैलने का खतरा अधिक रहेगा। ऐसे में आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होगी। विदेश की यात्रा की प्लानिंग ना करें लॉकडाउन खत्म होते ही परिवार या दोस्तों के साथ विदेश की यात्रा पर निकलना आपको महंगा पड़ सकता है। कई लोगों ने उन देशों की लिस्ट भी बनाई होगी जहां वे लॉकडाउन के बाद घूमने जाना चाहते हैं, लेकिन जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक आपको लंबी यात्राओं से परहेज करने की जरूरत है। यह भी संभव है कि विमानन कंपनियां कम कीमत में विदेश यात्रा का पैकेज ऑफर करें, लेकिन आपके लिए यही बेहतर होगा कि आप ऐसे ऑफर्स के चक्कर में ना पड़ें। जंक या फास्ट फूड खाने से बचें लॉकडाउन में कई लोग पिज्जा, बर्गर, गोलगप्पे, चाउमीन जैसे फास्ट फूड के लिए तड़प रहे हैं लेकिन डॉकडाउन के बाद यह तड़प बरकरार रहे तो आपकी सेहत के लिए बेहतर होगा, क्योंकि किसी चीज से दो महीने दूर रहना कम नहीं होता है। अचानक से तेल वाले और फास्ट फूड खाने से आपकी तबीयत खराब हो सकती है, क्योंकि पिछले दो महीने में शरीर को इन सबकी आदत छूट गई है। तो डॉकडाउन खत्म होने के बाद जंक फूड पर टूट पड़ने की गलती ना करें। कैद में रहना इंसान को ना पहले पसंद था और ना ही आज है, हालांकि यदि किसी एक जगह कैद रहने से इंसान को फायदा होता है तो वह कैद में रहना भी पसंद करता है। उदाहरण के लिए आप बिग बॉस टीवी शो को देख सकते हैं। वहां करीब 90 दिनों तक एक ही घर में रहने के लिए पैसे मिलते हैं। लॉकडाउन के कारण इंसान आज अपने घरों में कैद है। इस लॉकडाउन के कारण घरेलू हिंसा में भी काफी इजाफा देखने को मिला है जो कि चिंताजनक है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना की जांच के लिए किट विकसित की है, जिससे महज 20 मिनट में नतीजे आ जाएंगे। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि उनके द्वारा विकसित कोविड-19 जांच किट मौजूदा समय में इस्तेमाल किए जा रहे रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि किट 550 रुपये की कीमत पर विकसित की गई है और बड़े पैमाने पर उत्पादन होने पर इसकी कीमत 350 रुपये तक हो सकती है। शोधकर्ताओं ने जांच किट के पेटेंट के लिए आवेदन किया है और हैदराबाद स्थित ईएसआईसी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में नैदानिक परीक्षण चल रहा है है एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से मंजूरी मांगी गई है। आईआईटी हैदराबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर शिव गोविंद सिंह ने बताया, 'हमने कोरोना जांच किट विकसित किया है, जिससे 20 मिनट के अंदर लक्षण और गैर लक्षण वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इसकी विशेषता यह है कि यह आरटी-पीसीआर की तरह काम करता है। सिंह ने कहा, 'कम मूल्य की यह जांच किट आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जा सकती है और मरीज के घर में ही जांच की जा सकती है। इस जांच किट को मौजूदा जांच प्रणाली के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने कोविड-19 जीनोम के संरक्षित क्षेत्रों के एक विशेष अनुक्रम की पहचान की है। आईआईटी हैदराबाद देश का दूसरा शिक्षण संस्थान है जिसने कोरोना वायरस की जांच किट विकसित की है। आईआईटी दिल्ली पहला शिक्षण संस्थान है जिसके द्वारा विकसित वास्तविक समय पीसीआर जांच किट को आईसीएमआर से मंजूरी मिली है। शोधकर्ताओं ने दावा मौजूदा जांच पद्धति 'अनुसंधान आधारित' है जबकि उनके छात्रों द्वारा विकसित किट 'अनुसंधान मुक्त' पद्धति पर आधारित है, जिससे गुणवत्ता से समझौता किए बिना जांच की लागत में कमी आती है। उल्लेखनीय है कि भारत इटली को पीछे छोड़कर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित दुनिया का छठा देश बन गया है। देश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 9,887 नए मरीज सामने आने के साथ ही कोविड-19 के मामले बढ़कर 2,36,657 हो गए हैं। भारत में शनिवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के कारण 294 मरीजों ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 6,642 हो गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना की जांच के लिए किट विकसित की है, जिससे महज 20 मिनट में नतीजे आ जाएंगे। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने अपने खास डिवाइस एलेक्सा ( Amazon Alexa) के लिए नया फीचर पेश किया है। इस फीचर के तहत एलेक्सा स्मार्ट डिवाइस अपने यूजर्स को कोरोना वायरस से जुड़ी हर तरह की जानकारी देगा। इसके साथ ही यूजर्स एलेक्सा से वायरस से संबंधित सवाल भी पूछ सकेंगे। वहीं, कंपनी का कहना है कि हमने इस फीचर को कोविड-19 से जुड़ी जानकारियों के साथ अपडेट किया है। एलेक्सा यूजर्स को मिलेगी सही जानकारी अमेजन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि हम अपने यूजर्स तक कोरोना वायरस से जुड़ी सही जानकारी पहुंचाना चाहते हैं, इसलिए हमने इस फीचर को लॉन्च किया है। हम कोरोना वायरस की सही जानकारी के लिए सरकारी संस्थानों और न्यूज सोर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा है कि यूजर्स लॉकडाउन के दौरान फन गेम भी खेल सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान खेलें गेम लॉकडाउन के दौरान यूजर्स टाइम पास करने के लिए अमेजन एलेक्सा पर गेम खेल सकते हैं। इसके लिए यूजर्स को कमांड करना होगा कि 'Alexa, open Akinator', 'Alexa, play impossible bollywood quiz', 'Alexa, open Number Guessing Game' या 'Alexa, play tur or false'। इन कमांड के जरिए यूजर्स फन गेम खेल पाएंगे। पहले भी जारी किया था अपडेट हाल ही में अमेजन ने वॉइस असिस्टेंट एलेक्सा के लिए अपडेट जारी किया था। इस अपडेट के तहत यूजर्स एलेक्सा के माध्यम से कोविड-19 के लक्षण के बारे में जान सकेंगे। आपको बता दें कि अमेजन ने इस अपडेट को आईसीएमआर की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर तैयार किया था। ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने अपने खास डिवाइस एलेक्सा ( Amazon Alexa) के लिए नया फीचर पेश किया है। इस फीचर के तहत एलेक्सा स्मार्ट डिवाइस अपने यूजर्स को कोरोना वायरस से जुड़ी हर तरह की जानकारी देगा। इसके साथ ही यूजर्स एलेक्सा से वायरस से संबंधित सवाल भी पूछ सकेंगे। वहीं, कंपनी का कहना है कि हमने इस फीचर को कोविड-19 से जुड़ी जानकारियों के साथ अपडेट किया है। देश में कोरोना वायरस के मामलों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। देश की प्रशासनिक और सरकारी इमारतों तक भी यह वायरस पहुंच गया है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया, जब संसद में तैनात राज्यसभा सचिवालय का अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। बताया गया है कि अधिकारी के संक्रमित पाए जाने के बाद पूरे सचिवालय में हड़कंप मच गया। संसदीय परिसर में कोविड-19 संक्रमण का यह चौथा मामला है। सूत्रों ने यहां बताया कि निदेशक स्तर का अधिकारी और उसके परिवार के सदस्य संक्रमित पाए गए हैं। अधिकारी 28 मई को काम पर आया था। सूत्रों ने बताया कि संसदीय सौध भवन की दो मंजिल सील कर दी गई है। यह भवन में कार्यरत किसी अधिकारी के संक्रमित पाए जाने का दूसरा मामला है। माना जा रहा है कि यहां मौजूद लोगों को एहतियात के तौर पर क्वांरटीन में रहने के लिए कहा जा सकता है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 7,466 नए मामले सामने आए हैं और 175 लोगों की मौत हुई है। खास तौर पर राजधानी दिल्ली में मामले लगातार बढ़ रहे हैं। गुरुवार को 24 घंटे के दौरान संक्रमितों का आंकड़ा रिकॉर्ड एक हजार को पार कर गया जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,65,799 हो गई है, जिनमें से 89,987 सक्रिय मामले हैं, 71,106 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 4,706 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस के मामलों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। देश की प्रशासनिक और सरकारी इमारतों तक भी यह वायरस पहुंच गया है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया, जब संसद में तैनात राज्यसभा सचिवालय का अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1823 नए मामले सामने आए हैं और 67 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 33,610 हो गई है, जिसमें 24,162 सक्रिय हैं, 8373 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 1075 लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश का महाराष्ट्र राज्य है। मुंबई के धारावी में आज 25 नए मामले सामने आए। धारावी में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या अब 369 हो गई है, जिनमें 18 मौतें शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में 11 और लोगों की कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई है, जिसके साथ ही राज्य में इस महामारी से मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। सरकार लोगों से लगातार अपील कर रही है कि वे ज्यादा से ज्यादा सामाजिक दूरी का पालन करें और नियमित तौर पर हाथ धोएं। वहीं, अब तक किस राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में कितने मामले सामने आए, उसे एक सूची के रूप में देखें... (ये संख्या शाम 7:00 बजे तक की है) राज्यवार सूची राज्य और केंद्रशासित प्रदेश संक्रमित मामले अस्पताल से छुट्टी मौत 1 अंडमान एवं निकोबार 33 15 0 2 आंध्र प्रदेश 1403 321 31 3 अरुणाचल प्रदेश 1 1 0 4 असम 41 29 1 5 बिहार 407 65 2 6 चंडीगढ़ 68 18 0 7 छत्तीसगढ़ 40 36 0 8 दिल्ली 3439 1092 56 9 गोवा 7 7 0 10 गुजरात 4082 527 197 11 हरियाणा 329 227 3 12 हिमाचल प्रदेश 41 27 2 13 जम्मू कश्मीर 581 192 8 14 झारखंड 107 19 3 15 कर्नाटक 565 229 21 16 केरल 497 383 3 17 लद्दाख 22 16 0 18 मध्यप्रदेश 2560 461 130 19 महाराष्ट्र 9915 1593 432 20 मणिपुर 2 2 0 21 मेघालय 12 11 1 22 मिजोरम 1 1 0 23 नागालैंड 0 0 0 24.. ओडिशा 142 39 1 25 पुडुचेरी 9 5 1 26 पंजाब 375 104 19 27 राजस्थान 2556 592 58 28 तमिलनाडु 2223 1258 27 29 तेलंगाना 1016 409 25 30 त्रिपुरा 3 2 0 31 उत्तराखंड 55 36 0 32 उत्तर प्रदेश 2203 513 39 33 पश्चिम बंगाल 744 139 23 देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1823 नए मामले सामने आए हैं और 67 लोगों की मौत हो गई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 33,610 हो गई है, जिसमें 24,162 सक्रिय हैं, 8373 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 1075 लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश का महाराष्ट्र राज्य है। मुंबई के धारावी में आज 25 नए मामले सामने आए। धारावी में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या अब 369 हो गई है, जिनमें 18 मौतें शामिल हैं। पश्चिम बंगाल में 11 और लोगों की कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई है, जिसके साथ ही राज्य में इस महामारी से मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। मैनपुरी जनपद के बरनाहल थाना क्षेत्र के गांव बीनेपुर के पास चार बच्चे गड्ढे में भरे पानी में डूब गए। रविवार देर शाम पुलिस ने तीन बच्चों के शव बरामद किए। एक बच्चे को गंभीर हालत में सैफई भेजा गया। बच्चों के शव मिलते ही घर में कोहराम मच गया। सैफई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने चौथे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। गांव बीनेपुर निवासी गजराज कठेरिया का दस वर्षीय पुत्र सनी कुमार, वीरेंद्र जाटव का नौ वर्षीय पुत्र सूरज कुमार, गांव के ही अनुज (9) पुत्र हरपाल व धर्मवीर (9) पुत्र मुकेश के साथ रविवार शाम बकरी चराने के लिए खेतों की ओर गए थे। काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश शुरू की। मैनपुरीः मौत के बाद वृद्घ की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव, सील किया मोहल्ला परिजनों ने गांव के पास ही स्थित एक भट्ठे के पास पानी से भरे गड्ढे के किनारे बच्चों के कपड़े देखे। आनन-फानन में जानकारी थाना पुलिस को दी गई। रात करीब नौ बजे बरनाहल और घिरोर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और गड्ढे में बच्चों की तलाश शुरू की। कड़ी मशक्कत के बाद बच्चों को पानी से बाहर निकाला गया। हादसे में सनी, धर्मवीर उर्फ बहादुर व अनुज की मौत हो गई। सूरज को गंभीर हालत में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज सैफई भेजा गया है जहां चिकित्सकों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। एक साथ चार बच्चों की मौत से गांव में मातम पसर गया। ग्रामीणों ने बताया कि ईंट पथाई के लिए भट्ठे के पास मिट्टी की खोदाई की गई थी। हाल ही में हुई बारिश का पानी गड्ढे में भर गया। पानी में नहाते समय हादसा हुआ। थानाध्यक्ष बरनाहल सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि पानी में डूबने से बच्चों की मौत हुई है। सार चार बच्चों की मौत के बाद गांव में मचा कोहराम विस्तार मैनपुरी जनपद के बरनाहल थाना क्षेत्र के गांव बीनेपुर के पास चार बच्चे गड्ढे में भरे पानी में डूब गए। रविवार देर शाम पुलिस ने तीन बच्चों के शव बरामद किए। एक बच्चे को गंभीर हालत में सैफई भेजा गया। बच्चों के शव मिलते ही घर में कोहराम मच गया। सैफई मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने चौथे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएएल) ने बंगलूरू की एमएएफ क्लोथिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर कोरोना वॉरियर्स के लिए एक खास सुरक्षा कवच तैयार किया है। कई परत वाले पॉलीप्रोपलिलिन स्पून लैमिनेटेड सिंथेटिक से बना ये कवच स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह संक्रमण से दूर रखेगा। यह कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और हेल्थ केयर वर्कर्स की 24 घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। डॉ. हरीश सी बरशिलिया और डॉ. हेमंत कुमार शुक्ला के नेतृत्व में सीएसआईआर-एनएएल की टीम ने पूरी तरह स्वदेशी सामग्री से नई तरह की प्रक्रियाओं की पहचान कर इसे बनाया है। इसका सीआईटीआरए कोयंबटूर में सख्त कसौटी पर कसा गया। टेस्ट में पास होने के बाद ही इसके विनिर्माण को अनुमति दी गई है। अब इस सुरक्षा कवच का उत्पादन बढ़ाने की योजना है। अभी चार सप्ताह के भीतर हर दिन 30 हजार सुरक्षा कवच बनाए जा सकेंगे। सीएसआईआर-एनएएल के निदेशक जितेंद्र जे जाधव ने कहा, इस कवच की खास बात यह है कि इस तरह के अन्य कवर बनाने वाली कंपनियों की तुलना में यह खासा विश्वसनीय है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएएल) ने बंगलूरू की एमएएफ क्लोथिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर कोरोना वॉरियर्स के लिए एक खास सुरक्षा कवच तैयार किया है। कई परत वाले पॉलीप्रोपलिलिन स्पून लैमिनेटेड सिंथेटिक से बना ये कवच स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह संक्रमण से दूर रखेगा। यह कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ और हेल्थ केयर वर्कर्स की 24 घंटे सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोरोना वॉरियर्स के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें सलाम किया। शाह ने कहा कि उनके साहस और जज्बे का पूरा देश सम्मान करता है और उनके साथ खड़ा है। डॉक्टर, पैरामेडिक्स, पुलिस, सफाई कर्मी और कोरोना के खिलाफ जंग में कार्य कर रहे लोगों को कोरोना वॉरियर्स कहा जाता है। अमित शाह ने ट्वीट किया, 'भारत अपने साहसी कोरोना वॉरियर्स को सलाम करता है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मोदी सरकार और पूरा देश आपके साथ खड़ा है। हमें चुनौतियों को मौकों में बदलते हुए देश को कोरोना वायरस से मुक्त कराना होगा और एक स्वस्थ, संपन्न और मजबूत भारत बनाकर दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। जय हिंद। कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई में देश के डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी अगली पंक्ति में खड़े हैं। इस गंभीर परिस्थिति में अपनों की परवाह किए बिना ये रात-दिन लोगों की सेवा में लगे हैं। भारतीय सशस्त्र बलों ने रविवार को इन्हें सलामी दी। सेना ने जहां कोविड-19 अस्पतालों के पास बैंड बजाए तो वायुसेना ने अस्पतालों पर फूल बरसाए। भारतीय सैन्य बलों के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश को जानलेवा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से मुक्त करने के लिए दिन-रात काम में जुटे डॉक्टरों, नर्सों और पुलिस कर्मियों के प्रति जो सम्मान दिखाया है वह दिल को छू लेने वाला है। कोरोना से जंग में इन योद्धाओं की बहादुरी निश्चित रूप से सराहनीय और सम्माननीय है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में कोरोना वॉरियर्स के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें सलाम किया। शाह ने कहा कि उनके साहस और जज्बे का पूरा देश सम्मान करता है और उनके साथ खड़ा है। डॉक्टर, पैरामेडिक्स, पुलिस, सफाई कर्मी और कोरोना के खिलाफ जंग में कार्य कर रहे लोगों को कोरोना वॉरियर्स कहा जाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। राज्य के 36 में से 34 जिलों में संक्रमण से प्रभावित हैं। राज्य में कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आगे की रणनीति पर मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करूंगा। उन्होंने कहा कि मुंबई, पुणे, ठाणे, नागपुर, नासिक, औरंगाबाद, शोलापुर समेत सभी जिलों में हालात बिगड़ रहे हैं, जो हमारे लिए बेहद चिंता की बात है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि महाराष्ट्र के जिलों से कोई नया मामला नहीं आए। इसके लिए आने वाले दिनों में राज्य सरकार को हरसंभव मदद की जाएगी। बता दें कि मौजूदा समय में महाराष्ट्र में 1026 कन्टेंमेंट जोन हैं। केंद्र और डॉक्टरों की टीम वहां मौजूद है और जरूरत के हिसाब से मदद करने को तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में बुधवार तक 15,525 मामले मिल चुके हैं। इनमें से 617 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2819 लोग ठीक हो चुके हैं या इलाज के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। राज्य के 36 में से 34 जिलों में संक्रमण से प्रभावित हैं। राज्य में कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आगे की रणनीति पर मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करूंगा। कोरोना अब तक दुनिया के 20 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। कोरोना ने एक लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में भी लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश में 11,000 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी दुनिया में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है लेकिन दुनिया के नक्शे में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां कोरोना से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। ये ऐसे देश हैं जहां कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत सीमित हैं। कोरोना ने विकसित देशों के स्वास्थ्य तंत्र को हिला कर रख दिया है लेकिन इन देशों ने कोरोना को काबू पाने में सफलता हासिल की है। दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां कोरोना के 100 से ज्यादा मामले देखने को मिले लेकिन इस महामारी से एक भी मौत नहीं हुई है। आइए जानते हैं कि कौन-से वो देश जहां कोरोना फैला तो लेकिन किसी व्यक्ति की मौत का कारण नहीं बना... रीयूनियन आइलैंड पहला मामला - 11 मार्च कुल मामले - 391 कुल जनसंख्या - 8.9 लाख गिनी पहला मामला - 13 मार्च कुल मामले - 363 कुल जनसंख्या - 1.3 करोड़ वियतनाम पहला मामला - 23 जनवरी कुल मामले - 266 कुल जनसंख्या - 9.7 करोड़ फेरो आइलैंड पहला मामला - 4 मार्च कुल मामले - 184 कुल जनसंख्या - 48,863 रवांडा पहला मामला - 14 मार्च कुल मामले - 134 कुल जनसंख्या - 1.2 करोड़ जिब्राल्टर पहला मामला - 4 मार्च कुल मामले - 129 कुल जनसंख्या - 33,693 कंबोडिया पहला मामला - 7 मार्च कुल मामले - 122 कुल जनसंख्या - 1.6 करोड़ मेडागास्कर पहला मामला - 20 मार्च कुल मामले - 108 कुल जनसंख्या - 2.7 करोड़ ये तो रही दुनिया की बात लेकिन भारत में भी ऐसे कई राज्य हैं जहां कोरोना से संक्रमित मरीज तो हैं लेकिन मौत का आंकड़ा शून्य है। कौन से वो राज्य आइए देखते हैं... अंडमान और निकोबार आइलैंड कुल मामले - 11 ठीक हुए मरीज - 10 सक्रिय मामले - 1 अरुणाचल प्रदेश कुल मामले - 1 ठीक हुए मरीज - 0 सक्रिय मामले - 1 चंडीगढ़ कुल मामले - 21 ठीक हुए मरीज - 7 सक्रिय मामले - 14 छत्तीसगढ़ कुल मामले - 33 ठीक हुए मरीज - 13 सक्रिय मामले - 20 दादर और नागर हवेली कुल मामले - 1 ठीक हुए मरीज - 0 सक्रिय मामले - 1 गोवा कुल मामले - 7 ठीक हुए मरीज - 5 सक्रिय मामले - 2 लद्दाख कुल मामले - 17 ठीक हुए मरीज - 12 सक्रिय मामले - 5 मणिपुर कुल मामले - 2 ठीक हुए मरीज - 1 सक्रिय मामले - 1 मिजोरम कुल मामले - 1 ठीक हुए मरीज - 0 सक्रिय मामले - 1 नागालैंड कुल मामले - 1 ठीक हुए मरीज - 0 सक्रिय मामले - 1 पुडुचेरी कुल मामले - 7 ठीक हुए मरीज - 1 सक्रिय मामले - 6 त्रिपुरा कुल मामले - 2 ठीक हुए मरीज - 0 सक्रिय मामले - 2 उत्तराखंड कुल मामले - 37 ठीक हुए मरीज - 28 सक्रिय मामले - 9 स्रोत- www.covid19india कोरोना अब तक दुनिया के 20 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। कोरोना ने एक लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में भी लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश में 11,000 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि 350 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि राज्य में कोई स्वास्थ्य मंत्री नहीं है, मुख्यमंत्री खुद स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में हैं। बता दें कि कांग्रेस सांसद विवेक तनखा ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग बिना किसी प्रमुख मंत्री के चल रहा है। मध्यप्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य विभाग) मोहम्मद सुलेमान ने कहा, 'यह तथ्यात्मक रूप से गलत है कि मेरे पास स्वास्थ्य मंत्री नहीं है। मेरे पास स्वास्थ्य मंत्री है। फिलहाल मुख्यमंत्री ही स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में हैं। जहां तक इस मुद्दे की वैधानिकता का सवाल है, मेरे लिए यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि एक सरकारी अधिकारी के तौर पर मेरे पास स्वास्थ्य मंत्री है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों के कोरोना के चपेट में आने के सवाल पर उन्बोंने कहा कि इस मुद्दे ने विभाग की छवि को आहत किया है, लेकिन इसका काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बता दें कि मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के अभी तक 1355 मामले आ चुके हैं वहीं, 69 लोगों की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा है कि यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि राज्य में कोई स्वास्थ्य मंत्री नहीं है, मुख्यमंत्री खुद स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में हैं। बता दें कि कांग्रेस सांसद विवेक तनखा ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग बिना किसी प्रमुख मंत्री के चल रहा है। देश में 31 मई तक लॉकडाउन 4.0 लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इस बार अनेक ढील दी हैं, मगर बहुत सी बातें राज्य सरकारों पर छोड़ दी हैं। केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की हैं, उनमें आरोग्य सेतु एप को लेकर भी कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी बताते हैं कि हम लॉकडाउन 4.0 में कोरोना की लड़ाई काफी हद तक जीत लेंगे, बशर्ते राज्य सरकारें केंद्र की सलाह पर काम करें। खासतौर पर, उन्हें आरोग्य सेतु एप को लेकर केंद्र सरकार के निर्देशों पर खरा उतरना होगा। देखने में आया है कि अनेक राज्यों में सरकारी कर्मियों ने यह एप डाउनलोड तो किया है, मगर वे सही तरह से इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। अधिकांश लोग अपना ब्लूटूथ बंद रखते हैं। इससे एप का मकसद ही खत्म हो जाता है। इस बार राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे जिला स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर एप का पूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करें। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 के दौरान कोरोना की लड़ाई में आरोग्य सेतु एप को एक अहम उपकरण बताया था। पीएम मोदी ने खुद लोगों से अपील की थी कि वे इसे अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करें। इसके बाद आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने वाले लोगों की संख्या दस करोड़ के पार पहुंच गई। इस बीच मालूम हुआ कि देश के पांच सौ से अधिक जिलों में बहुत से लोग, जिनमें सरकारी और निजी कर्मचारी शामिल थे, वे अपने फोन का ब्लूटूथ बंद रखते हैं। हालांकि उन सभी ने यह एप डाउनलोड कर रखा है। बिहार के किशनगंज कंटेनमेंट जोन में इस एप के मात्र तीन हजार यूजर मिले थे। इसी तरह हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम, मणिपुर, नागालैंड, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात आदि राज्यों में सरकारी कर्मियों ने भी पूर्ण रूप से आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल नहीं किया है। सभी कर्मचारी दिखावे के लिए इस एप को डाउनलोड कर लेते हैं, मगर फोन का ब्लूटूथ बंद रखते हैं। इससे एप की प्रासंगिकता ही खत्म हो जाती है। लॉकडाउन 4.0 के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक शक्तिशाली माध्यम है, जो कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों की त्वरित पहचान की सुविधा देता है। अगर कोई व्यक्ति संक्रमित होने के जोखिम में है तो यह बात इस एप से पता लग जाती है। एक प्रकार से यह एप व्यक्तियों और समुदाय के लिए एक ढाल के रूप में कार्य करता है। कार्यालयों और कार्य स्थानों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सर्वश्रेष्ठ प्रयास के आधार पर नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन में यह एप्लिकेशन स्थापित हो। इसके लिए जिला अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। वे सभी व्यक्तियों को सलाह दें कि वे अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप स्थापित करें। एप पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति को नियमित रूप से अपडेट करें। ब्लूटूथ हरगिज बंद न करें। आरोग्य सेतु पूरी तरह सुरक्षित भारत के सूचना तकनीकी मंत्रालय में सीईओ अभिषेक सिंह के अनुसार, आरोग्य सेतु पूरी तरह सुरक्षित है। इसके बारे में गोपनीयता लीक होने की जो बातें की जा रही हैं, वे सब निराधार हैं। किसी व्यक्ति की कोरोना जांच कुछ समय पहले हुई है और वह आपके संपर्क में आया है तो यह एप आपके संक्रमण के जोखिम की गणना कर सकता है। आरोग्य सेतु एप यह बता देगा कि वह व्यक्ति पिछले दिनों आपके कितने निकट रहा है। अब आपको कौन से उपाय करने चाहिए, यह जानकारी भी देता है। यह एप एक मौलिक थ्योरी पर काम करता है। इसमें पूर्ण रूप से गोपनीयता बनी रहती है। इसमें कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और जोखिम मूल्यांकन की प्रक्रिया बिल्कुल अज्ञात तरीके से पूरी की जाती है। लॉकडाउन 4.0 में यह एप सभी नागरिकों, सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य किया गया है। सभी राज्य इस बाबत केंद्र को एक रिपोर्ट पेश करेंगे। सार आरोग्य सेतु एप लोकेशन और ब्लूटूथ के आधार पर करता है काम केंद्रीय कर्मचारियों के फोन में है एप लेकिन ब्लूटूथ है बंद 10.50 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड हुआ है एप विस्तार देश में 31 मई तक लॉकडाउन 4.0 लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने इस बार अनेक ढील दी हैं, मगर बहुत सी बातें राज्य सरकारों पर छोड़ दी हैं। केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की हैं, उनमें आरोग्य सेतु एप को लेकर भी कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना महामारी के कारण ब्यूटी पार्लर, स्पा, सैलून और कॉस्मोटोलॉजी के कोर्स के सिलेबस (पाठ्यक्रम) में बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय कोविड-19 को देखते हुए पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है। इसके तैयार होने में दो से तीन महीने का समय लगेगा। अगस्त या सितंबर में जब भी आईटीआई और नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुलेंगे तो नए पाठ्यक्रम के तहत ही काम करेंगे। कौशल विकास मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के मुताबिक, कोरोना के चलते रोजमर्रा के जीवन में बड़े बदलाव आए हैं। नए पाठ्यक्रम में कोरोना से बचाव के तहत सामाजिक दूरी, मास्क, ग्लव्स और साफ-सफाई पर मुख्य फोकस करना होगा। क्योंकि ब्यूटी पार्लर, सैलून आदि में संक्रमण के प्रसार का खतरा रहता है। छह महीने की फील्ड ट्रेनिंग एक साल के कोर्स में छह महीने क्लासरूम और छह महीने फील्ड ट्रेनिंग होती है। ऐसे में छात्रों को पहले कक्षा में ग्राहकों और खुद को संक्रमण से बचाने का लाइव डेमो दिया जाएगा। इसके अलावा डिजिटल पाठ्यक्रम पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए खासतौर पर वीडियो आधारित ट्रेनिंग और पाठ्यक्रम तैयार हो रहा है। इसके तहत सेवाओं के दौरान बार-बार हाथों को सेनेटाइज करना, जमीन, चेयर, औजार को एक कस्टमर के­­­­ इस्तेमाल के बाद सैनेटाइज करना सिखाया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण ब्यूटी पार्लर, स्पा, सैलून और कॉस्मोटोलॉजी के कोर्स के सिलेबस (पाठ्यक्रम) में बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय कोविड-19 को देखते हुए पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है। इसके तैयार होने में दो से तीन महीने का समय लगेगा। अगस्त या सितंबर में जब भी आईटीआई और नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खुलेंगे तो नए पाठ्यक्रम के तहत ही काम करेंगे। दुबई में रहने वाली भारतीय मूल की चार साल की बच्ची ने कैंसर से जंग जीतने के बाद अब कोविड-19 को भी मात दे दी है। माना जा रहा है कि यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) में सबसे कम उम्र में कोरोना वायरस को मात देने वालों में से वह एक है। ‘गल्फ न्यूज’ की एक खबर के मुताबिक शिवानी ने पिछले साल कैंसर पर जीत हासिल की थी। कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद उसे एक अप्रैल को अल-फुतैमिम हेल्थ हब में भर्ती कराया गया था। उसकी मां एक स्वास्थ्य कर्मी हैं, जिनके संपर्क में आने के बाद ही वह संक्रमित हुई। खबर के अनुसार, कोई लक्षण नहीं होने के बावजूद शिवानी और उनके पिता की जांच की गई,जिसमें शिवानी संक्रमित पाई गई जबकि उसके पिता पूरी तरह ठीक हैं। शिवानी और उसकी मां को एक ही जगह भर्ती किया गया। बच्ची के इलाज लिए विशेष इंतजाम किए गए क्योंकि पिछले साल ही वह किडनी के एक दुर्लभ कैंसर से उबरी थी। खबर के अनुसार, शिवानी को 20 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अल-फुतैमित हेल्थ हब के चिकित्सा निदेशक डॉ. थोल्फकर अल बाज ने कहा, ‘शिवानी को पिछले साल ही कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ा था इसलिए उसकी प्रतिरोधक क्षमता अब भी कमजोर है। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों को डर था कि उसकी हालत बिगड़ सकती है, इसलिए उसे निगरानी में रखा गया। सौभाग्यवश संक्रमण के कारण उसे अतिरिक्त कोई परेशानी नहीं हुई। दो बार जांच में उसके कोविड-19 से अब पीड़ित न होने की पुष्टि से पहले 20 दिन तक उसका इलाज चला। अब वह घर पर 14 दिन तक पृथक भी रहेगी। खबर के अनुसार शिवानी की मां का इलाज भी पूरा हो गया है लेकिन अभी उन्हें निगरानी में रखा गया है लेकिन जल्द ही छुट्टी दी जा सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि यूएई में वायरस को मात देने वालों में शिवानी की उम्र सबसे कम है। बच्चों की बात करें तो उसके अलावा अबूधाबी में सात वर्षीय सीरियाई बच्ची और फिलीपींस के नौ वर्षीय एक लड़के ने वायरस को मात दी है। दुबई में रहने वाली भारतीय मूल की चार साल की बच्ची ने कैंसर से जंग जीतने के बाद अब कोविड-19 को भी मात दे दी है। माना जा रहा है कि यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) में सबसे कम उम्र में कोरोना वायरस को मात देने वालों में से वह एक है। ‘गल्फ न्यूज’ की एक खबर के मुताबिक शिवानी ने पिछले साल कैंसर पर जीत हासिल की थी। कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद उसे एक अप्रैल को अल-फुतैमिम हेल्थ हब में भर्ती कराया गया था। उसकी मां एक स्वास्थ्य कर्मी हैं, जिनके संपर्क में आने के बाद ही वह संक्रमित हुई। अगले एक महीने में डेढ़ लाख से ऊपर जा सकती है देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या कोरोना वायरस संक्रमण की भविष्यवाणी को लेकर आईआईटी गुवाहाटी और सिंगापुर का ड्यूक एनयूएस मेडिकल स्कूल ने साथ मिलकर वैकल्पिक मॉडल बनाया है जो देश के अलग अलग राज्यों में अगले 30 दिन में होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की जानकारी दे सकता है। पढ़ें पूरी खबर आरोग्य सेतु एप से निजता का हनन नहीं, अधिकतम 60 दिन तक रखा जाएगा डेटा प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एम्पावर्ड ग्रुप-9 के चेयरमैन अजय साहनी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से निजता का हनन नहीं होगा, अधिकतम 60 दिन तक डेटा रखा जाएगा। साथ ही कहा कि आईसीएमआर ने कोविड 19 जांच के लिए एलिसा टेस्ट विकसित किया है। पढ़ें पूरी खबर कब और कितनी जगह रुकेंगी स्पेशल ट्रेनें, टाइम टेबल से लेकर रूट तक जानें सबकुछ भारतीय रेलवे मंगलवार से राजधानी दिल्ली से 15 स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू कर रहा है। हालांकि एक मई से शुरू की गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा। कल से 15 शहरों के लिए शुरू होने वाली स्पेशल ट्रेनों के लिए आज शाम चार बजे से टिकट बुकिंग शुरू हो जाएगी। इन ट्रेनों का किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। पढ़ें पूरी खबर कोविड-19 की उत्पत्ति के पीछे चमगादड़ और पैंगोलिन का हाथ, नए अध्ययन में हुआ खुलासा सार्स-सीओवी-2 को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि जिस वायरस के कारण कोविड-19 सामने आया है, वह चमगादड़ और पैंगोलिन में कोरोना वायरस के पुनर्संयोजन से उत्पन्न हुआ है। इस निष्कर्ष से इस सिद्धांत को मजबूती मिलती है कि पैंगोलिन से ही मनुष्यों में सार्स-सीओवी-2 का संचरण हुआ है। पढ़ें पूरी खबर दो घंटे देरी से शुरू हुई स्पेशल ट्रेनों की बुकिंग, 10 मिनट में बिके हावड़ा-दिल्ली AC-1, AC-3 के टिकट कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन के बीच रेलवे 12 मई से आशिंक रूप से ट्रेन सेवा बहाल करने जा रही है। राजधानी दिल्ली से 15 स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए सोमवार से आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुकिंग शुरू हुई। बुकिंग शुरू होने के महज 10 मिनट से भी कम समय में हावड़ा-नई दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन में एसी-1 और थर्ड एसी की सारी टिकटें बुक हो गईं। पढ़ें पूरी खबर सार कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन के बीच देश के 15 शहरों को जोड़ने के लिए ट्रेनें पटरी पर दौड़ना शुरू करेंगी। आज से टिकट की बुकिंग शुरू हुई और जमकर टिकटें बुक हुई हैं। हालांकि यात्रियों को आईआइसीटीसी की वेबसाइट ने काफी परेशान किया, लेकिन आखिरी में यात्रियों को टिकटें मिलीं। आरोग्य सेतु एप के बारे में बताया गया कि इस एप से निजता का हनन नहीं होगा। कोरोना वायरस को लेकर लगातार रिसर्च जारी है। इसको लेकर कुछ और नए तथ्य सामने आए हैं। जानिए दिन भर की पांच बड़ी खबरें विस्तार अगले एक महीने में डेढ़ लाख से ऊपर जा सकती है देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या कोरोना वायरस संक्रमण की भविष्यवाणी को लेकर आईआईटी गुवाहाटी और सिंगापुर का ड्यूक एनयूएस मेडिकल स्कूल ने साथ मिलकर वैकल्पिक मॉडल बनाया है जो देश के अलग अलग राज्यों में अगले 30 दिन में होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की जानकारी दे सकता है। पढ़ें पूरी खबर आरोग्य सेतु एप से निजता का हनन नहीं, अधिकतम 60 दिन तक रखा जाएगा डेटा प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद एम्पावर्ड ग्रुप-9 के चेयरमैन अजय साहनी ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से निजता का हनन नहीं होगा, अधिकतम 60 दिन तक डेटा रखा जाएगा। साथ ही कहा कि आईसीएमआर ने कोविड 19 जांच के लिए एलिसा टेस्ट विकसित किया है। पढ़ें पूरी खबर कब और कितनी जगह रुकेंगी स्पेशल ट्रेनें, टाइम टेबल से लेकर रूट तक जानें सबकुछ भारतीय रेलवे मंगलवार से राजधानी दिल्ली से 15 स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू कर रहा है। हालांकि एक मई से शुरू की गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा। कल से 15 शहरों के लिए शुरू होने वाली स्पेशल ट्रेनों के लिए आज शाम चार बजे से टिकट बुकिंग शुरू हो जाएगी। इन ट्रेनों का किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। पढ़ें पूरी खबर कोविड-19 की उत्पत्ति के पीछे चमगादड़ और पैंगोलिन का हाथ, नए अध्ययन में हुआ खुलासा सार्स-सीओवी-2 को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि जिस वायरस के कारण कोविड-19 सामने आया है, वह चमगादड़ और पैंगोलिन में कोरोना वायरस के पुनर्संयोजन से उत्पन्न हुआ है। इस निष्कर्ष से इस सिद्धांत को मजबूती मिलती है कि पैंगोलिन से ही मनुष्यों में सार्स-सीओवी-2 का संचरण हुआ है। पढ़ें पूरी खबर दो घंटे देरी से शुरू हुई स्पेशल ट्रेनों की बुकिंग, 10 मिनट में बिके हावड़ा-दिल्ली AC-1, AC-3 के टिकट कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन के बीच रेलवे 12 मई से आशिंक रूप से ट्रेन सेवा बहाल करने जा रही है। राजधानी दिल्ली से 15 स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए सोमवार से आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर बुकिंग शुरू हुई। बुकिंग शुरू होने के महज 10 मिनट से भी कम समय में हावड़ा-नई दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन में एसी-1 और थर्ड एसी की सारी टिकटें बुक हो गईं। पढ़ें पूरी खबर इस समय कोरोना से पूरा देश लड़ रहा है, कहीं सरकार और कहीं व्यक्तिगत स्तर पर इंसान अपनी तरफ से कोरोना की लड़ाई में योगदान दे रहा है। महाराष्ट्र के औरांगाबाद में एक सातवीं कक्षा के बच्चे ने रोबोट बनाया है, जो बिना किसी के संपर्क में आए दवाइयों और खाने की डिलिवरी करेगा। सातवीं कक्षा का बच्चा साई सुरेश रंगदाल ने मरीजो को दवाइयां और खाना देने के लिए एक रोबोट का विकास किया है जो बिना कॉन्टैक्ट में आए डिलिवरी करेगा। साई सुरेश ने बताया कि इस रोबोट का संचालन बैटरी से होगा, जिसे किसी भी स्मार्टफोन से नियंत्रित किया जाएगा। महाराष्ट्र के औरांगाबाद में रहने वाले साई सुरेश ने रोबोट के बारे में और जानकारी देते हुए बताया कि यह एक किलोग्राम तक भार ले जा सकता है। साई सुरेश रंगदाल ने कोरोना के मौजूदा हाल और बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रोबोट का विकास किया है। साई सुरेश का कहना है कि रोबोट बनाने का मुख्य उद्देश्य कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के संख्याबल को कम करना है ताकि उन लोगों में कोरोना फैलने का डर कम हो और संक्रमित मरीजों की संख्या पर भी रोक लग सके। देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले डेढ़ लाख के पार पहुंच गए हैं और 4,700 से ज्यादा लोगों की सिर्फ कोविड-19 से मौत हो चुकी है। भारत ने दुनिया में कोरोना संक्रमित देशों की सूची में नौवें स्थान पर है। सार सातवीं कक्षा के बच्चे ने बनाया कॉन्टैक्ट लेस रोबोट कोविड-19 मरीजों के कम से कम संपर्क में आने के लिए बनाया रोबोट मरीजों को बिना किसी संपर्क के दवाई और खाने की करेगा डिलिवरी विस्तार इस समय कोरोना से पूरा देश लड़ रहा है, कहीं सरकार और कहीं व्यक्तिगत स्तर पर इंसान अपनी तरफ से कोरोना की लड़ाई में योगदान दे रहा है। महाराष्ट्र के औरांगाबाद में एक सातवीं कक्षा के बच्चे ने रोबोट बनाया है, जो बिना किसी के संपर्क में आए दवाइयों और खाने की डिलिवरी करेगा। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन जारी है। हालांकि लॉकडाउन 4.0 के दौरान कई तरह की छूट दी गई है, लेकिन चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में और तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 6,654 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ शनिवार को संक्रमण की कुल संख्या 1,25,101 पर पहुंच गई। इस अवधि में 137 मरीजों की मौत हुई और मृतकों की संख्या बढ़कर 3,720 हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। Coronavirus in India Live Updates: संक्रमितों की संख्या 1 लाख 25 हजार के पार, जानें दिनभर का अपडेट मंत्रालय के बुलेटिन के मुताबिक फिलहाल देशभर में कुल 69,597 सक्रिय संक्रमितों का इलाज चल रहा है, 51,783 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं और एक मरीज देश से बाहर चला गया। जिन 137 लोगों की मौत हुई है उनमें से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 63, गुजरात में 29, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14-14, पश्चिम बंगाल में छह, तमिलनाडु में चार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश में दो-दो और हरियाणा में एक मरीज की मौत शामिल हैं। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन जारी है। हालांकि लॉकडाउन 4.0 के दौरान कई तरह की छूट दी गई है, लेकिन चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में और तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करने को सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 से लड़ने के लिए रामबाण है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित ऐतिहासिक राहत पैकेज न केवल कोविड-19 से लड़ने के लिए बल्कि देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी है। नड्डा ने कहा कि देश के गरीब लोगों, मजदूरों और मध्यम एवं छोटे उद्योगों के लिए इस पैकेज में विशेष ध्यान दिया गया है। मध्य वर्ग को भी ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह पैकेज ऐतिहासिक है और भारत की आर्थिक गति को उछाल देने में आधार बनेगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के समय में प्रधानमंत्री मोदी आगे से देश का नेतृत्व कर रहे हैं। 21वीं सदी को भारत द्वारा परिभाषित किया जाएगा, पीएम के संदेश ने इसे लागू करने के लिए आधारशिला रखी है। उन्होंने कहा कि भारत को नए परिवर्तन में ले जाने में आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारा नया मंत्र है। साथ ही उन्होंने इस पैकेज को दुनिया का सबसे बड़ा समग्र राहत पैकेज बताया। 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पीएम ने बताया था कि यह भारत की जीडीपी का 10 फीसदी हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता कोरोना वायरस से हार स्वीकार नहीं करेगी लेकिन लोगों को सुरक्षित रहना होगा और आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमने पहले कभी ऐसे संकट के बारे में नहीं सुना था। यह निश्चित रूप से मानव जाति के लिए अकल्पनीय है। लेकिन मानवता इस वायरस से हार स्वीकार नहीं करेगी। हमें न केवल अपनी रक्षा करनी है बल्कि आगे भी बढ़ना है। सार भाजपा अध्यक्ष ने राहत पैकेज को बताया ऐतिहासिक कहा, यह कोविड-19 से लड़ने के लिए रामबाण है महामारी के समय में प्रधानमंत्री आगे से देश का नेतृत्व कर रहे हैं विस्तार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करने को सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह कोविड-19 से लड़ने के लिए रामबाण है। भारतीय वैज्ञानिकों के अध्ययन में सबसे ज्यादा पुड्डुचेरी के 26.09 फीसदी सैंपल संक्रमित मिले। वैज्ञानिकों के अनुसार, 2018-19 में चमगादड़ों पर एक अध्ययन के लिए संबंधित राज्यों के प्रशासनिक विभागों से अनुमति लेने के बाद चमगादड़ों को स्थानीय वन्य संरक्षण कर्मचारियों की मदद से एक जाल के जरिए पकड़ा। उन्हें एनीस्थिसिया देकर बेहोश कर दिया था। इनके गले और मलाशय से सैंपल वायरस ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) में लेने के बाद सूखी बर्फ के बॉक्स में रख पुणे स्थित एनआईवी लैब लाया गया। इसके बाद अध्ययन शुरू हुआ था। केवल केरल में ही दूसरी प्रजाति के सैंपल मिले संक्रमित अध्ययन के अनुसार रोस्टस प्रजाति के चमगादड़ों के सैंपल सात राज्यों से लिए गए थे, लेकिन इनमें से केवल केरल के 42 में से 04 सैंपल संक्रमित पाए गए। इन्हीं सात राज्यों में पेट्रोपस प्रजाति के चमगादड़ों के सैंपल भी लिए थे और केरल को छोड़ सभी सैंपल निगेटिव मिले। जानकारी के अनुसार चमगादड़ों में मिलने वाला कोरोना वायरस जो इंसानों को संक्रमित करता है वह अल्फा और बीटा कोरोना जेनेरेशन से संबंधित है। जबकि एल्फा जेनेरेशन से एनएल 63 और 229ई नामक दो स्ट्रेन मानवों को संक्रमित करते हैं। बैट कोरोना वायरस इंसान में अभी नहीं पहुंचा आईसीएमआर पुणे की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया कि इस वक्त पूरी दुनिया में नाेवल कोरोना वायरस चल रहा है। जबकि यह अध्ययन बैट कोरोना वायरस पर है। हमारे अध्ययन में कुछ चमगादड़ों में बैट कोरोना वायरस मिला है। बैट कोरोना वायरस का अभी तक इंसानों में कोई केस नहीं मिला है। इसलिए वर्तमान में चल रहा कोरोना वायरस इससे एकदम अलग है। बैट कोरोना वायरस का अभी इंसानों में कोई केस नहीं मिला है। पेट्रोपस और रोस्टस प्रजाति के दो चमगादड़ों पर हुआ अध्ययन पेट्रोपस प्रजाति की 508, रोस्टस की 78 चमगादड़ों के सैंपल पर हुई जांच एमसीएल-20 बैट-76 के गुर्दा और आंत में वायरस मिला था। यह चमगादड़ कर्नाटक में मिली थी। एमसीएल-19 बैट-606 की आंत और मलाशय के सैंपल में कोरोना संक्रमण मिला। यह चमगादड़ केरल में मिली थी। भारतीय वैज्ञानिकों के अध्ययन में सबसे ज्यादा पुड्डुचेरी के 26.09 फीसदी सैंपल संक्रमित मिले। वैज्ञानिकों के अनुसार, 2018-19 में चमगादड़ों पर एक अध्ययन के लिए संबंधित राज्यों के प्रशासनिक विभागों से अनुमति लेने के बाद चमगादड़ों को स्थानीय वन्य संरक्षण कर्मचारियों की मदद से एक जाल के जरिए पकड़ा। कोरोना वायरस अपडेट्स:- पाकिस्तान: संक्रमितों की संख्या 72 हजार पार पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 72 हजार पार हो गई है। देश में मई में कोरोना वायरस के लगभग 52 हजार मामले सामने आए। पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 2,964 मामले सामने आए और 60 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही यहां मरीजों की संख्या 72,460 हो गई है और अब तक 1,543 लोगों की मौत हो चुकी है। बांग्लादेश में लॉकडाउन हटाया बांग्लादेश सरकार ने लॉकडाउन में ढील दी है, यहां शहरों में घनी आबादी होने के कारण संक्रमण का खतरा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हम लॉकडाउन हटा रहे हैं। जिंदगी अब पहले जैसी हो जाएगी। लोग पहले की तरह काम पर जा सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना जरूरी होगा। यहां पढ़ें 1 जून (सोमवार) के सभी अपडेट्स सार पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 63 लाख 34 हजार से ज्यादा हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर तीन लाख 76 हजार से ज्यादा हो गई है। जबकि 28 लाख 86 हजार से ज्यादा लोगों ने कोरोना को मात दे दी है। यहां पढ़ें दुनियाभर में कोरोना से संबंधित सभी अपडेट्स... विस्तार कोरोना वायरस अपडेट्स:- निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में सामने आया है कि मरकज से लोग विदेश भी जाते थे, जिनका उद्देश्य धर्म प्रचार नहीं बल्कि पैसा लाना था। पुलिस को इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इन्हें पैसा देते थे। साथ ही जांच में ये बात भी सामने आई है कि मरकज से लोग चीन भी गए थे और चीन से लोग मरकज में भी आए थे। जांच से जुड़े अपराध शाखा के पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले अधिकारी ने बताया कि मरकज से 150 से ज्यादा देशों में जाने बात सामने आ चुकी है। मरकज से जुड़े लोगों को दूसरे देशों में कहने को धर्म प्रचार के लिए भेजा जाता था, लेकिन असल उद्देश्य पैसा लेना था। धर्म का प्रचार करने के नाम पर विदेशों से पैसा इकट्ठा किया जाता था। मरकज से जाने वाला व्यक्ति खुद ही अपना विदेश जाने का खर्च भी उठाता था। हैसियत के हिसाब से व्यक्ति को विदेश भेजा जाता था। यदि कोई पैसे वाला है तो उसे विदेश भेजा जाता था और कम पैसे वाला है तो उसे भारत में किसी भी राज्य में भेज दिया जाता था। मरकज के खातों में विदेशों से बड़ा फंड भी आया है। संगम विहार में रहने वाले जिस जमाती ने संगम विहार व देवली में जो तीन हॉटस्पॉट बनाए हैं वह मरकज के कहने पर फिजी गया था। फिजी से दिल्ली आने के बाद वह अपने घर जाने के बजाय मरकज में गया था और वहीं पर तीन दिन रहा था। ये बात भी सामने आई है कि मरकज में चीन से भी नौ जमाती आए थे। इन जमातियों को पुल प्रह्लादपुर रेलवे कंपाउंड में बने क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। माना जा रहा है कि विदेश जाने वाले लोग कोरोना महामारी से पीड़ित हो गए हों। अपराध शाखा ने मौलाना साद को टेस्ट कराने का कहा दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मरकज के मौलाना मोहम्मद साद को कहा है कि वह सरकारी अस्पताल में कोरोना का टेस्ट कराएं, ताकि पूछताछ में शामिल किया जा सके। अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद ही पुलिस मौलाना साद को जांच के लिए बुलाएगी। साद काफी समय से जामिया नगर के जाकिर नगर में रह रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि वह जानबूझकर टेस्ट नहीं करा रहे हैं। सार -अपराध शाखा की जांच में हुआ सनसनीखेज खुलासा -कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी देते थे रुपया, यहां से जाते थे लोग विस्तार निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले में एक और खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच में सामने आया है कि मरकज से लोग विदेश भी जाते थे, जिनका उद्देश्य धर्म प्रचार नहीं बल्कि पैसा लाना था। पुलिस को इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी इन्हें पैसा देते थे। साथ ही जांच में ये बात भी सामने आई है कि मरकज से लोग चीन भी गए थे और चीन से लोग मरकज में भी आए थे। नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) ने नए राजनीतिक नक्शे के लिए किए जा रहे संविधान संशोधन पर 9 जून को मुहर लगाने की तैयारी कर ली है। नेपाली मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, संविधान संशोधन के पास होते ही इस विवादित नक्शे को नेपाल के अंदर कानूनी वैधता मिल जाएगी, जिसमें भारत के उत्तराखंड राज्य के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी नेपाल ने अपना क्षेत्र दिखाया है। भारत इस नक्शे पर आपत्ति जता रहा है। कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमाया तुमबाहंगफे ने नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे को मंजूरी देने के लिए प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयक 31 मई को प्रतिनिधि सभा में पेश किया था। सरकार ने 22 मई को इस विधेयक को पारित करने के लिए सदन की कार्यसूची में शामिल किया था। इस विधेयक के जरिए नेपाल के राजनीतिक नक्शे को अपडेट करने के लिए संविधान के शेड्यूल-3 में संशोधन की अनुमति मांगी थी। लेकिन निचले सदन में सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के पास संशोधन के लिए आवश्यक दो तिहाई बहुमत नहीं होने के कारण मामला अटक गया था। प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने इस पर चर्चा के लिए समय मांगा था। इसके बाद केपी शर्मा औली की सरकार ने 27 मई को संविधान संशोधन की योजना को टाल दिया था। लेकिन 30 मई को सदन में 63 सीट रखने वाली नेपाली कांग्रेस ने पलटी मारते हुए अचानक संशोधन प्रस्ताव के समर्थन की घोषणा कर दी थी, जिससे 174 सीटों वाली एनसीपी को आवश्यक दो तिहाई बहुमत हासिल हो गया था और उसने 31 मई को प्रस्ताव पेश कर दिया था। निचले सदन में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद उच्च सदन में इसका पारित होना महज औपचारिकता रह जाएगा, जहां एनसीपी के पास पहले ही दो तिहाई बहुमत मौजूद है। चीन के इशारे पर उठाया नेपाल ने विवाद दरअसल, इस सारे विवाद की जड़ में चीन को माना जा रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के मुद्दे पर दुनियाभर में घिरे चीन ने एकतरफ खुद भारत से लगने वाली सीमाओं पर शिकंजा कसना चालू किया है, वहीं माना जा रहा है कि नेपाल को भी उसी ने विवाद में कूदने का हौसला दिया है। नेपाल ने यह विवाद तब शुरू किया, जब भारत ने कैलाश-मानसरोवर जाने वाले बीहड़ मार्ग पर सड़क बनाते हुए चीन सीमा तक गाड़ी में पहुंचने की उपलब्धि का उद्घाटन किया था। नेपाल का आरोप है कि भारत ने यह सड़क उसकी संप्रभुता वाले क्षेत्र में बनाई है। हालांकि भारत ने उसके दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) ने नए राजनीतिक नक्शे के लिए किए जा रहे संविधान संशोधन पर 9 जून को मुहर लगाने की तैयारी कर ली है। नेपाली मीडिया में आई रिपोर्ट के मुताबिक, संविधान संशोधन के पास होते ही इस विवादित नक्शे को नेपाल के अंदर कानूनी वैधता मिल जाएगी, जिसमें भारत के उत्तराखंड राज्य के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को भी नेपाल ने अपना क्षेत्र दिखाया है। भारत इस नक्शे पर आपत्ति जता रहा है। लॉकडाउन के कारण भारत में जो जिस जगह पर है, वह वहीं का हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि जो जहां है, वहीं रहे, घर से बाहर ना निकले। कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स भी शेयर हुए कि कोरोना वायरस बहुत ही स्वाभिमानी है, जब तक आप उसके पास नहीं जाते, तब तक वह आपके पास नहीं आएगा। कोरोना वायरस के कारण लोगों में तनाव बढ़ा है और लॉकडाउन की वजह से लोगों को अपने परिवार की चिंता सता रही है। एशियन जर्नल ऑफ सायकाइट्री की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 72 फीसदी लोग परिवार और खुद की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। यह सर्वे अप्रैल के पहले सप्ताह में 662 लोगों पर हुआ है जिसमें 18 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल थे। सर्वे में शामिल 40 फीसदी लोगों ने माना की कोरोना महामारी के बारे में सोचते ही वे विचलित हो जाते हैं। उनका दिमाग स्थिर नहीं रहता। 41 फीसदी लोगों ने कहा है कि जैसे ही पता चलता है कि कोई पहचान वाला बीमार हो गया तो हमारी बेचैनी दोगुनी हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ दिन पहले लोगों को आगाह करते हुए कहा था कि कोरोना के बारे में चिंता और घबराहट बढ़ाने वाली खबरों से दूर रहें। कोरोना के कारण लोगों को नींद नहीं आ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 12 फीसदी भारतीयों को कोरोना के डर के कारण नींद नहीं आ रही है। इसके अलावा लॉकडाउन और कोरोना की वजह से लोगों में अवसाद की शिकायतें सामने आ रही हैं। बता दें कि भारत में सामान्य स्थिति में भी 7.5 फीसदी लोग मानसिक रोगी हैं जिनमें से बहुत ही कम लोगों को इलाज मिल पाता है। लॉकडाउन और कोरोना की वजह से सिर्फ भारत के लोग ही अवसादग्रस्त नहीं हो रहे हैं, बल्कि अमेरिका और ब्रिटेन में भी ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है। ब्रिटेन में लॉकडाउन के कारण कमाई ना होने से 35 साल से कम उम्र के बहुत सारे लोग अवसाद से पीड़ित हो गए हैं। ब्रिटेन में करीब 38 फीसदी लोग तनाव में हैं और 36 फीसदी लोगों को किसी-ना-किसी बात को लेकर घबराहट हो रही है। बता दें कि लॉकडाउन से पहले यही आंकड़ा 16 और 17 फीसदी था। सर्वे में यह भी सामने आया है कि कोरोना के कारण 45 फीसदी अमेरिकियों की मानसिक स्थिति बिगड़ी है, जबकि 61 फीसदी पुरुषों और 77 फीसदी महिलाओं में कोरोना के कारण डर पैदा हो गया है। सार 72 फीसदी भारतीय परिवार की सुरक्षा को लेकर हैं परेशान कोरोना के डर से 12 फीसदी लोगों को नहीं आती नींद 40 फीसदी लोगों ने माना कोरोना के बारे सोचने से बढ़ती है बेचैनी विस्तार लॉकडाउन के कारण भारत में जो जिस जगह पर है, वह वहीं का हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि जो जहां है, वहीं रहे, घर से बाहर ना निकले। कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स भी शेयर हुए कि कोरोना वायरस बहुत ही स्वाभिमानी है, जब तक आप उसके पास नहीं जाते, तब तक वह आपके पास नहीं आएगा। कोरोना वायरस के कारण लोगों में तनाव बढ़ा है और लॉकडाउन की वजह से लोगों को अपने परिवार की चिंता सता रही है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 9,987 नए मरीज सामने आए हैं जिसके बाद देश में कोविड-19 के मामले 2,66,598 हो गए हैं। भारत में मंगलवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के कारण 266 मरीजों ने दम तोड़ दिया जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 7,466 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब भी 1,29,917 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। मंत्रालय ने बताया कि कुल 1,29,215 लोग बीमारी से स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 9,987 नए मरीज सामने आए हैं जिसके बाद देश में कोविड-19 के मामले 2,66,598 हो गए हैं। बेल्जियम की प्रधानमंत्री सोफी विल्मेस जब अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान ब्रुसेल्स के सेंट पीटर अस्पताल पहुंची तो चिकित्सा कर्मचारियों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत करने की बजाए मुंह फेर लिया। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी तरफ देखा तक नहीं। वे यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंची थीं। दरअसल, विल्मेस का काफिला जब अस्पताल पहुंचा तो कर्मचारी कॉरिडोर के दोनों ओर कतार में प्रधानमंत्री की ओर पीठ करके खड़े हो गए। मेडिकल स्टाफ की यह नाराजगी पीपीई सूट और अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी को लेकर थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना का वीडियो एक पत्रकार ने साझा करते हुए लिखा, 'सेंट पीटर अस्पताल में प्रधानमंत्री सोफी विल्मेस का विरोध। ब्रुसेल्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा कोविड-19 संकट के बीच चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति सरकार के दृष्टिकोण की वजह से हुआ है। यहां कोरोना की वजह से नौ हजार लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्यकर्मी कम तनख्वाह, कम बजट और ट्रेंड नर्सों की जगह सस्ते में लोगों को भर्ती करने के भी खिलाफ हैं। वीडियो पर लोग कई तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। जहां कुछ लोग सरकार के रवैये के प्रति निराश हैं तो कुछ ने स्वास्थ्यकर्मियों के इस अनोखे विरोध की सराहना की है। बता दें कि बेल्जियम में कोरोना वायरस के 55,200 मामले सामने आए हैं। सार बेल्जियम में स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनसे मुंह फेर लिया। मेडिकल स्टाफ की नाराजगी पीपीई सूट और अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी को लेकर है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। विस्तार बेल्जियम की प्रधानमंत्री सोफी विल्मेस जब अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान ब्रुसेल्स के सेंट पीटर अस्पताल पहुंची तो चिकित्सा कर्मचारियों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत करने की बजाए मुंह फेर लिया। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी तरफ देखा तक नहीं। वे यहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंची थीं। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवा के उपयोग को लेकर उठे विवाद पर भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों में मतभेद दिख रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को माना कि खाली पेट दवा लेने से दुष्प्रभाव होते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हमारे पास कोई पूर्ण रूप से दवा या वैक्सीन नहीं आ जाती है, हम इसका आपात मामलों में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके उलट अन्य विशेषज्ञों ने देश में इसके इस्तेमाल को लेकर हुए शोध पर सवाल उठाए हैं। एचसीक्यू दवा पर विवाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सोमवार को कोरोना संक्रमण के इलाज में इसके उपयोग पर अस्थायी रोक लगाए जाने के कारण चालू हुआ है। भारत में दो दिन पहले ही आईसीएमआर ने इस दवा को प्रभावी बताते हुए नए दिशा निर्देश जारी किए थे, लेकिन अन्य देशों के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में इस दवा को कोविड  उपचार में प्रभावी नहीं पाया था। प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल द लासेंट में प्रकाशित अध्ययन में भी एचसीक्यू दवा पर सवाल खड़े किए गए हैं। यह अध्ययन करीब 15 हजार कोरोना संक्रमितों के इलाज पर आधारित है। लेकिन आईसीएमआर महानिदेशक से जब भारत और दुनिया के बाकी मेडिकल अध्ययनों के बीच एचसीक्यू को लेकर मिल रहे अंतर पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब न देते हुए कहा कि यह दवा फिलहाल एक आशा के रूप में है। भारत में इस दवा पर अध्ययन अभी चल रहे हैं। जो लोग खाली पेट इस दवा का सेवन करते हैं, उन्हें पेट से संबंधित समस्या होती है। इसलिए इस दवा का सेवन कुछ खाने के बाद ही करना चाहिए। आईसीएमआर ने इस दवा का उपयोग हर मरीज के लिए करने को मंजूरी नहीं दी है। लेकिन आपातकालीन स्थिति में इस दवा का इस्तेमाल चिकित्सीय निगरानी में किया जा सकता है। उधर, जैव नैतिकता विशेषज्ञ प्रो. अनंत भान का मानना है कि दुनिया भर के अध्ययनों में एचसीक्यू दवा को लेकर तमाम सबूत सामने आ चुके हैं। वहीं फोर्टिस अस्पताल के डॉ. अनूप मिश्रा का कहना है कि आईसीएमआर ने जिन आंकड़ों को सार्वजनिक किया है वह पर्याप्त नहीं हैं। वहीं वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एसपी कालांत्री का कहना है कि किसी भी अध्ययन में मरीजों की संख्या अहम भूमिका रखती है। भारत में बहुत सीमित लोगों पर यह अध्ययन हुआ है, जिसकी पूरी जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। दरअसल एचसीक्यू को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना के इलाज में प्रभावी बताए जाने पर चर्चा मिली थी। इसके बाद आईसीएमआर ने एनआईवी पुणे, दिल्ली एम्स और तीन अन्य अस्पतालों के अध्ययन का हवाला देते हुए कोविड उपचार में इसे प्रभावी बताया है। इस दवा को दो महीने पहले भारत से अमेरिका भी भेजा गया था। इसके बाद ट्रंप ने स्वयं दवा का सेवन करने की पुष्टि भी की थी। इस दवा को लेकर चीन, अमेरिका, यूके, जापान सहित दुनिया के कई देशों में अध्ययन शुरू हुए, लेकिन अभी भारत को छोड़कर बाकी जगह अध्ययनों के परिणाम एक समान मिले हैं। देश की एक और कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने भी मंगलवार को कहा कि वह कोरेना संक्रमण के इलाज की तलाश के लिए दो एंटी वायरल दवाओं फेविपीराविर और यूमीफेनोविर के कॉम्बिनेशन का नया चिकित्सकीय परीक्षण चालू करेगी। इसके लिए उसे दवा नियामक से अनुमति मिल चुकी है। कंपनी ने कहा, इस अध्ययन के लिए देश के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 संक्रमण के मध्यम स्तर वाले 158 मरीजों को पंजीकृत करेगी। फेविपीराविर का निर्माण जापान की फ्यूजीफिल्म होल्डिंग्स कॉरपोरेशन द्वारा एविगान ब्रांडनेम के तहत किया जा रहा है। इसे 2014 में एंटी-फ्लू दवा के तौर पर मंजूरी मिली थी। यूमीफेनोविर को कुछ प्रकार के संक्रमित बुखारों के इलाज लिए रूस और चीन में उत्पादित किया जाता है। ग्लेनमार्क पहले से ही फेविपीराविर से कोरोना संक्रमण के इलाज का चिकित्सकीय परीक्षण कर रही है, जिसके रिजल्ट जुलाई या अगस्त में आने हैं। कई अन्य देश भी इस दवा पर परीक्षण कर रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवा के उपयोग को लेकर उठे विवाद पर भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों में मतभेद दिख रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को माना कि खाली पेट दवा लेने से दुष्प्रभाव होते हैं। असली हीरो... ईश्वर... सुपरहीरो.. फरिश्ता... भगवान... मसीहा.., ऐसे ही कई नाम आजकल एक अभिनेता के लिए सोशल मीडिया पर इस्तेमाल हो रहे हैं। एक ऐसा अभिनेता जो कोरोना काल में फंसे हजारों लोगों को उनके घर पहुंचा चुका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अभिनेता सोनू सूद की। सोनू सूद पिछले कुछ दिनों से प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों को बसों के माध्यम से न सिर्फ सुरक्षित उनके घर पहुंचा रहे हैं, बल्कि साथ ही साथ कई लोगों के हर दिन भोजन की भी व्यवस्था कर रहे हैं। इसके साथ ही सोनू अपने होटल को भी काफी पहले कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सहायता के लिए दे चुके हैं। कोरोना काल में अमर उजाला न सिर्फ आपके लिए सबसे जल्दी और सबसे सही खबरें ला रहा है साथ ही साथ आपके मनोरंजन का भी ख्याल रख रहा है। ऐसे में अखिल सचदेवा, दीपिका चिखलिया, बिदिता बाग, भारती सिंह सहित कई हस्तियों से आपको अमर उजाला अब तक रुबरू करवा चुका है। वहीं पिछले कुछ दिनों से पाठकों के कई मैसेज अभिनेता सोनू सूद से बातचीत के लिए आ रहे थे। जिसके चलते अब अमर उजाला के पाठक और दर्शक  कोरोना काल के मसीहा सोनू सूद से मिल सकेंगे। सोनू सूद अमर उजाला के फेसबुक और यूट्यूब पेज पर 30 मई 2020 दोपहर 12 बजे लाइव रहेंगे। बता दें कि तमिल फिल्मों से सिनेमा में बतौर अभिनेता कदम रखने वाले सोनू सूद आज सोशल मीडिया पर कई उपनामों से जाने जा रहे हैं। शायद ही इससे पहले कोई अभिनेता अलग- अलग दिन पर अलग अलग हैशटैग के साथ ट्रेंड किया होगा। #SonuSoodMissionHome , #Sonu_Sood #SonuSoodsuperhero , #SonuSoodTheRealHero , #SonuSood_A_Real_Hero सहित कई और हैशटैग्स पिछले कुछ वक्त में सोशल मीडिया पर अलग अलग दिन ट्रेंड हुए हैं। फिल्मों में अधिकतर विलेन का किरदार निभाने वाले सोनू सूद को उनके फैंस अब 'रील लाइफ विलेन, रियल लाइफ हीरो' बुला रहे हैं। सोनू सूद ट्विटर पर काफी एक्टिव हैं, वो न सिर्फ लोगों की बढ़-चढ़कर मदद कर रहे हैं बल्कि साथ ही साथ कई लोगों को मजेदार जवाब भी दे रहे हैं। सोनू सूद के कई ट्वीट्स पिछले कुछ दिनों में वायरल भी हुए हैं। कुछ लोगों को सोनू जहां मां के हाथों के पराठे खिलाने की बात कर रहे हैं तो वहीं कुछ के साथ बैठकर चाय पीने का जिक्र। लोगों की मदद के लिए सोनू सूद न सिर्फ ट्विटर पर बल्कि टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर और वाट्सएप नंबर के साथ भी अब मौजूद हैं। पढ़ें: अमर उजाला का असर: कलाकारों को पैसा न देने वाले निर्माताओं की बनेगी सूची, हर महीने करना होगा भुगतान असली हीरो... ईश्वर... सुपरहीरो.. फरिश्ता... भगवान... मसीहा.., ऐसे ही कई नाम आजकल एक अभिनेता के लिए सोशल मीडिया पर इस्तेमाल हो रहे हैं। एक ऐसा अभिनेता जो कोरोना काल में फंसे हजारों लोगों को उनके घर पहुंचा चुका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अभिनेता सोनू सूद की। सोनू सूद पिछले कुछ दिनों से प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य जरूरतमंदों को बसों के माध्यम से न सिर्फ सुरक्षित उनके घर पहुंचा रहे हैं, बल्कि साथ ही साथ कई लोगों के हर दिन भोजन की भी व्यवस्था कर रहे हैं। इसके साथ ही सोनू अपने होटल को भी काफी पहले कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सहायता के लिए दे चुके हैं। निपाह वायरस पर 2018 में बनी मलयालम फिल्म 'वायरस' को देखकर देश के आईएएस ऑफिसर्स का नया बैच महामारी रोग अधिनियम को समझने की कोशिश कर रहा है। आसान शब्दों में कहे तो लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से स्नातक होने वाले आईएएस अधिकारी कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए अपनी कमर कस रहे हैं। अकादमी के 182 अधिकारी अगले महीने तक देश के हर कोने में बतौर प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर अपनी सेवाएं देते नजर आएंगे। इन मुश्किल हालातों में देश को कोविड-19 से बचाने के लिए उन्हें हर तरह से तैयार किया जा रहा है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के ये अधिकारी 8 मई को अपना पाठ्यक्रम पूरा करेंगे। आपदा प्रबंधन केंद्र ने इन अधिकारियों को कोरोना वायरस से निपटने के तरीकों के बारे में निर्देश देने के लिए अपने पाठ्यक्रम को पुनर्गठित किया। अकादमी के निदेशक संजीव चोपड़ा ने बताया, अकादमी में ऑनलाइन पाठ्यक्रम कोविड-19 के आसपास कानूनी पारिस्थितिकी तंत्र पर केंद्रित है। इसके लिए दो घंटे का परिचयात्मक सत्र गुरुवार को अकादमी के ई-लर्निंग प्लेटफार्म, GYAAN पर आयोजित किया गया था। असम-मेघालय कैडर के एक प्रशिक्षु अधिकारी ने कहा, 'सत्र मुख्यत: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (NDMA) के इर्द-गिर्द था। इसका आयोजन हमारे फैक्लिटिज ने किया था, जिनमें से कुछ को तमिलनाडु और अन्य राज्यों में आपदाओं से निपटने का अनुभव था। कोविड-19 एक अनजान बीमारी है, जिसने लाखों लोगों की जान ले ली। हालांकि इसका निपटारा भी अन्य महामारियों की तरह ही होगा। हम अभी भी कोरोना वायरस के बारे में कई नई चीजों की खोज कर रहे हैं, निपटने का तरीका कुछ-कुछ उसी तरह का हो सकता है जैसा हम बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान उठाते हैं। उत्तर प्रदेश कैडर के एक दूसरे प्रशिक्षु अधिकारी ने कहा कि कानूनों के बारे में जानकारी जिलों में उनके काम में मदद करेगी। आपदा प्रबंधन अधिनियम हमें बताते हैं कि बतौर जिला मजिस्ट्रेट और उप मंडल मजिस्ट्रेट आपकी क्या जिम्मेदारियां हैं। हमने राशन पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेने से लेकर जरूरत पड़ने पर निजी कंपनियों को उपकरण और मानव संसाधन प्रदान करने तक की बारीकियां समझीं। दूसरे प्रशिक्षु अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए हम कितनी भी तैयारी कर लें, लेकिन असल चुनौती तो तभी सामने होगी जब हम ग्राउंड पर उतरेंगे। हालातों के मुताबिक हमें हमारी योजनाओं और अगले कदम में बेहद तेजी से बदलाव लाना होगा। प्रावधान या अधिनियम सामान्य आपदाओं पर लागू होते हैं, हमें यह देखना होगा कि कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लड़ने के लिए हम उनका उपयोग कैसे कर पाते हैं। इस दौरान नए आईएएस अधिकारियों को राहत शिविर लगाने, उसके आसपास स्वच्छता सुनिश्चित करने। सामाजिक समानता के साथ-साथ किसी के साथ किसी भी तरह का कोई भेदभाव न हो इसकी विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रवासी मजदूरों का पलायन और इससे जुड़े संकट को निपटाने की खास योजना भी इसमें शामिल है। अकादमी के ही एक अन्य अधिकारी की माने तो बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में तुरंत एक्शन लेना पड़ता है। राहत कार्य में जुटना होता है, लेकिन महामारी इससे अलग है। संक्रमण से बचने के लिए बेहतर योजना के साथ तकनीक और क्रियांवयन बेहद अहम होता है। इस दौरान बैच को 'वायरस' और '93 दिन' जैसी फिल्में और डॉक्यमेंट्री देखने कहा गया। इबोला पर बनी एक नाइजीरियन फिल्म का भी सुझाव दिया गया, जिसके पीछे मकसद उस विचार को जानना है जो भावी IAS अधिकारियों को दुनियाभर के देशों में महामारी से निपटने के तरीके से परिचित कराने के लिए जरूरी है। उप-मंडल मजिस्ट्रेट और उप-विभागीय अधिकारी आमतौर पर सामान्य समय में आपदा प्रबंधन में शामिल होते हैं। जिला मजिस्ट्रेट जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण है। इस बैच को वह दस्तावेज और मॉड्यूल भी उपलब्ध कराए गए, जिससे पता लगता है कि कैसे जिला स्तर से लेकर विभिन्न राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इस महामारी से निपट रहे हैं। अकादमी के एक अधिकारी ने कहा, 'अंतर-विभागीय समन्वय पर बल दिया जा रहा है। कोरोनावायरस को सरकार ने पहले ही राष्ट्रीय आपदा घोषित कर रखा है, इसलिए कोविड-19 स्वत: ही आपदा प्रबंधन के पाठ्यक्रम के दायरे में आता है। इस वक्त पूरे देश को एकजुट होने की जरूरत है। इस बीमारी से सिर्फ तभी जीत मिल सकती है, जब सामूहिक प्रयास हो इसलिए इन प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को पुलिस, रेलवे, या अन्य विभागों के साथ सामंजस्य और संवाद में पारंगत होना पड़ेगा। एक अन्य अधिकारी की माने तो आपदा प्रबंधन हमेशा से ही पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग था, लेकिन इस साल इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी अधिनियम और राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि पर अपना ध्यान केंद्रित किया है ताकि अधिकारियों को उनके आगामी कार्य के लिए तैयार किया जा सके। निपाह वायरस पर 2018 में बनी मलयालम फिल्म 'वायरस' को देखकर देश के आईएएस ऑफिसर्स का नया बैच महामारी रोग अधिनियम को समझने की कोशिश कर रहा है। आसान शब्दों में कहे तो लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से स्नातक होने वाले आईएएस अधिकारी कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए अपनी कमर कस रहे हैं। चीन की स्मार्टफोन निर्माता शाओमी (Xiaomi) ने अपने लेटेस्ट डिवाइस एमआई 10 (Xiaomi Mi 10) को नए साल की शुरुआत में ग्लोबली लॉन्च किया था। वहीं, अब कंपनी इस स्मार्टफोन को भारत में 8 मई के दिन पेश करने वाली है। इस बात की जानकारी कंपनी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मिली है। आपको बता दें कि इस स्मार्टफोन मार्च के अंत में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसके लॉन्चिंग कार्यक्रम को रोक दिया गया था। कंपनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा है कि इस स्मार्टफोन को 8 मई के दिन भारतीय बाजार में उतारा जाएगा। वहीं,ग्राहक इस स्मार्टफोन के लॉन्चिंग कार्यक्रम को कंपनी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं। कंपनी ने इस फोन को तीन रैम वेरिएंट के साथ बाजार में उतारा है, जिसमें 8 जीबी रैम + 128 जीबी स्टोरेज, 8 जीबी रैम + 256 जीबी स्टोरेज और 12 जीबी रैम + 256 जीबी स्टोरेज वाला वेरिएंट शामिल है। कंपनी ने इस फोन के पहले वेरिएंट की कीमत चीनी युआन 3,999 (करीब 40,000 रुपये), दूसरे वेरिएंट की कीमत चीनी युआन 4,299 (करीब 43,000 रुपये) और तीसरे वेरिएंट की कीमत चीनी युआन 4,699 (करीब 47,000 रुपये) रखी है। वहीं, इस फोन की सेल 14 फरवरी से चीनी स्मार्टफोन बाजार में शुरू हो जाएगी। कंपनी ने इस फोन में 6.67 इंच का फुल एचडी प्लस कर्व्ड एमोलेड डिस्प्ले दिया है, जिसका रिजॉल्यूशन 1080 x 2340 पिक्सल है। साथ ही बेहतर परफॉर्मेंस के लिए क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 865 चिपसेट दिया गया है। वहीं, यह फोन एंड्रॉयड 10 पर आधारित एमआईयूआई 11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। कैमरे की बात करें तो कंपनी ने इस फोन में क्वाड कैमरा सेटअप (चार कैमरे) दिया है, जिसमें 108 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर, 13 मेगापिक्सल का वाइड एंगल लेंस और 2-2 मेगापिक्सल के सेंसर मौजूद हैं। इसके अलावा यूजर्स को इस फोन के फ्रंट में 20 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा मिला है। कनेक्टिविटी के लिहाज से कंपनी ने इस डिवाइस में डुअल-मोड 5G, वाई-फाई, जीपीएस, ब्लूटूथ और यूएसबी टाइप-सी पोर्ट जैसे फीचर्स दिए हैं। इसके साथ ही यूजर्स को इसमें 4,780 एमएएच की बैटरी मिली है, जो 30 वॉट वायर और वायरलैस चार्जिंग फीचर से लैस है। चीन की स्मार्टफोन निर्माता शाओमी (Xiaomi) ने अपने लेटेस्ट डिवाइस एमआई 10 (Xiaomi Mi 10) को नए साल की शुरुआत में ग्लोबली लॉन्च किया था। वहीं, अब कंपनी इस स्मार्टफोन को भारत में 8 मई के दिन पेश करने वाली है। इस बात की जानकारी कंपनी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मिली है। आपको बता दें कि इस स्मार्टफोन मार्च के अंत में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसके लॉन्चिंग कार्यक्रम को रोक दिया गया था। अमेरिका के हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं के अनुसार एक 58 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला को बुखार और खांसी की तकलीफ के साथ भ्रम, उलझन और थकावट महसूस हो रही थी। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन जांच कराई तो पता चला कि महिला के मस्तिष्क में काले धब्बे बने हैं यानि कोशिकाएं संक्रमण के कारण मर चुकी हैं और कोरोना वायरस इसकी मूल वजह है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि मस्तिष्क में गांठ है और रक्तस्राव भी हो रहा है जिसके कारण उसे मस्तिष्क से जुड़ी तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों के अनुसार वायरल संक्रमण से एक्यूट नेक्रोटाइजिंग इंसेफलाइटिस की समस्या होती है जो दुलर्भ बीमारी है। इसके कारण मस्तिष्क को नुकसान होता है। पहले ऐसी तकलीफ फ्लू और चिकनपॉक्स के मरीजों में देखने को मिलती थी। कोरोना में भी ऐसे मामले सामने आने लगे हैं। सतर्क रहें...संक्रमण के कारण मस्तिष्क में रक्तस्राव से भी बढ़ रही है तकलीफ वायरस का फैलाव जिस तरह से बढ़ रहा है संक्रमित मरीजों में मस्तिष्क संबंधी तकलीफ भी बढ़ रही है। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. हलीम फादिल का कहना है कि कुछ मरीजों को चलने-फिरने में दिक्कत, सिर में दर्द, झटके आना, सुनने-देखने, चिड़चिड़पान, गुस्सा, अनिद्रा जैसी शिकायतें मिल रही हैं जिसका सीधा संबंध मस्तिष्क से है। संक्रमित मरीज इस तरह की तकलीफ बता रहा है तो डॉक्टरों को इस ओर ध्यान देना होगा नहीं मरीज गंभीर स्थिति में जा सकता है। मरीजों में बढ़ रहा आईसीयू डिलेरियम टेक्सास हेल्थ आरलिंग्टन मेमोरियल हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. केविन कॉर्नर का कहना है कि आईसीयू में भर्ती होने वाले अधिकतर मरीजों में आईसीयू डिलेरियम की तकलीफ होती है। इसका कारण सेप्सिस, बुखार, संक्रमण या अंगों का काम न करना हो सकता है। कोविड-19 के मरीजों में ऐसा इसलिए देखने को मिल रहा है क्योंकि संक्रमण के चलते मरीजों के फेफड़े काम करना बंद कर रहे हैं। फेफड़े की कार्यक्षमता प्रभावित होने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है। तेज बुखार के कारण भी ऐसा होता है। सार कोरोना मस्तिष्क के लिए खतरनाक है ये साबित हो चुका है। हैरान करने वाली बात ये है कि वायरस की चपेट में आने वाले जो रोगी मस्तिष्क संबंधी तकलीफ को लेकर आईसीयू में भर्ती होते हैं उनमें बेहोशी की हालत में बड़बड़ाने के मामले सामने आने लगे हैं जिसे मेडिकल की भाषा में 'आईसीयू डिलेरियम' कहते हैं। कुछ मरीजों के मस्तिष्क में काले धब्बे दिखे हैं जिससे साबित होता है कि कोरोना कोशिकाओं का मार रहा है। विस्तार अमेरिका के हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं के अनुसार एक 58 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला को बुखार और खांसी की तकलीफ के साथ भ्रम, उलझन और थकावट महसूस हो रही थी। डॉक्टरों ने सीटी स्कैन जांच कराई तो पता चला कि महिला के मस्तिष्क में काले धब्बे बने हैं यानि कोशिकाएं संक्रमण के कारण मर चुकी हैं और कोरोना वायरस इसकी मूल वजह है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया कि जुलाई-अगस्त तक हैदराबाद में कोविड-19 की वैक्सीन तैयार हो सकती है। उन्होंने सोमवार को पीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में इस बात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए विज्ञप्ति के अनुसार, राव ने प्रधानमंत्री से कहा, 'कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। एक संभावना है कि वैक्सीन हमारे देश में ही तैयार हो जाएगी। हैदराबाद में कंपनियां इसके लिए काफी मेहनत कर रही हैं। इस बात की संभावना है कि हैदराबाद में वैक्सीन को जुलाई-अगस्त तक तैयार कर लिया जाएगा। यदि वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी तो यह परिस्थिति को बदलने में सहायक होगी। उल्लेखनीय है कि भारत बायोटेक ने हाल ही में सीएम को अवगत कराया है कि कोविड-19 वैक्सीन पर काम प्रगति पर है। कुछ अन्य कंपनियां भी इसी तरह की कवायद में लगी हुई हैं। ट्रेनों के संचालन का किया विरोध वहीं, बैठक के दौरान सीएम राव ने प्रधानमंत्री को ट्रेनों को फिर से संचालित नहीं करने का आग्रह किया। गौरतलब है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए एहतियातन रेलवे के संचालन पर रोक लगाई गई थी। उन्होंने कहा कि ट्रेनों के संचालन से वायरस फैलने का खतरा है, क्योंकि हो सकता है कुछ यात्री संक्रमित हो या उनमें वायरस के हल्के लक्षण हो। सीएम ने बैठक में कहा कि कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादातर देश के मुख्य शहरों में देखने को मिला है। जिनमें, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहर शामिल हैं। कोविड-19 मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या इन्हीं शहरों में हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह, यदि ट्रेनों का संचालन होता है तो यहां से लोगों का एक जगह से दूसरी जगह आवागमन होगा, जो वायरस के खतरे को दावत देने जैसा है। यह संभव नहीं है हर किसी की जांच की जाए। साथ ही ट्रेन में यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को क्वारंटीन में रखना भी संभव नहीं है। इस तरह यात्री ट्रेनों का संचालन नहीं होना चाहिए। कोरोना वायरस से राज्य की आर्थिक स्थिति पर पड़े प्रभाव को चिन्हित करते हुए राव ने केंद्र सरकार से राज्य सरकारों के ऋणों के पुनर्निर्धारण, एफआरबीएम सीमा को बढ़ाने और प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों में लौटने की अनुमति देने की मांग की। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया कि जुलाई-अगस्त तक हैदराबाद में कोविड-19 की वैक्सीन तैयार हो सकती है। उन्होंने सोमवार को पीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत में इस बात की जानकारी दी। कोरोना वायरस महामारी का पूरी दुनिया में प्रकोप जारी है। सभी देशों में इसकी वैक्सीन बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए कुल आठ वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। वहीं, 110 वैक्सीन पूरी दुनिया में विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रही हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, दुनिया के सभी देश एकजुट होकर संक्रमण को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका, चीन और जर्मनी इस घातक वायरस को जड़ से खत्म करने वाली प्रक्रिया के विकास का नेतृत्व कर रहे हैं। मौजूदा हालात में अमेरिका और चीन समेत अनेकों देशों ने वैक्सीन तैयार करने को लेकर तारीखों को एलान कर दिया है। शनिवार को चीन के स्वास्थ्य अधिकारी झांग वेनहोंग ने कहा है कि 2021 के मार्च में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन बना ली जाएगी। उन्होंने बताया, वैक्सीन को विकसित करने में काफी अनिश्चितता है। मार्स और सार्स समेत कोरोना वायरस के खात्मे के लिए अब तक किसी बेहतर वैक्सीन का विकास नहीं किया जा सका है। हालांकि, यदि एक भी वैक्सीन इसके लिए प्रभावी हो सकी तो उसकी संभावना अगले साल मार्च से जून तक ही हो सकेगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के वर्चुअल टाउन हॉल में बताया, मेरा मानना है कि इस साल के अंत तक हमें वैक्सीन मिल जाएगी। इसी तरह दुनिया के और भी कई देशों की ओर से यही दावा किया जा रहा है कि शीघ्र ही वैक्सीन तैयार हो जाएगी। दुनिया के तमाम शीर्ष नेताओं ने वैक्सीन की तारीख में तेजी लाने की बात कही है वहीं, कोरोना का कहर दुनियाभर में जारी है। दुनियाभर में इस जानलेवा बीमारी से 46 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं जबकि तीन लाख 11 हजार से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। सार कोरोना वायरस पर दुनिया को जल्द मिल सकती है अच्छी खबर डब्ल्यूएचओ ने कहा- आठ वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल जारी दुनियाभर में विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रहीं 110 वैक्सीन विस्तार कोरोना वायरस महामारी का पूरी दुनिया में प्रकोप जारी है। सभी देशों में इसकी वैक्सीन बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए कुल आठ वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। वहीं, 110 वैक्सीन पूरी दुनिया में विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रही हैं। कोरोना वायरस से दुनिया भर में 40 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। वही, इस खतरनाक बीमारी से अब तक 2.81 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस, जो पिछले साल चीन के हुबेई प्रांत में पैदा हुआ था, आग की तरह 200 से अधिक देशों में कहर बन कर टूटा है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने एक टाइमलाइन बनाई है, जिसमें बताया गया है कि कैसे हुबेई प्रांत से पैदा हुआ वायरस दुनियाभर में महामारी का रूप ले रहा है। टाइमलाइन में कोरोना वायरस से जुड़ी बड़ी घटनाओं की शुरुआत दिसंबर 2019 के अंत से होती है, जहां वुहान शहर की सरकार ने कोविड -19 मामलों का पता लगाना शुरू किया था। इसमें चीन की तरफ से अप्रैल में संशोधित मौत और मामले की गिनती जारी नहीं की थी तब तक के घटनाक्रमों के बारे में बताया गया है। 29 दिसंबर: वुहान शहर की सरकार ने मामलों का पता लगाना शुरू किया। 4 जनवरी: शंघाई लैब 'सार्स' जैसी कोरोना वायरस का पता लगाती है। 7 जनवरी:  बीमारी को कोरोना वायरस के रूप में पहचाना गया। 23 जनवरी: वुहान को क्वारंटीन के तहत रखा गया, 10 दिनों के भीतर एक नया अस्पताल बनाने की घोषणा हुई। इस समय तक, चीन में कोरोना वायरस के 500 मामले सामने आ चुके थे और 20 से अधिक लोगों की मौतों हो चुकी थी। 1 फरवरी: चीनी विज्ञान अकादमी के सदस्य वुहान का समर्थन करने के लिए टीम का नेतृत्व करते हैं। 3 फरवरी: पहला वुहान फील्ड अस्पताल खुला। रातोंरात कई अस्पताल बनाए गए। इस समय, चीन में कोविड-19 मामलों की संख्या लगभग 500 मौतों के साथ 13,000 से अधिक हो गई। 14 फरवरी: वुहान ने ठीक हुए मरीजों से प्लाज्मा दान करने को कहा। 19 फरवरी: 1,299 चिकित्साकर्मियों की एक अन्य टीम को वुहान शहर में भेजा गया। इस दौरान चीन में 2,000 से अधिक लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी थी। वहीं, 60,000 से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके थे। 24 फरवरी: चीन ने व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया और वार्षिक संसदीय बैठक स्थगित कर दी। 26 फरवरी: चीन के बाहर रोज नए मामले देश के अंदर मौजूद मामलों से आगे निकल जाते हैं। 12 मार्च: चीन ने कहा कि उसकी कोविड-19 चोटी खत्म हो गई है क्योंकि नए मामले लगातार घट रहे हैं और महामारी की स्थिति सबसे नीचे पहुंच गई है। बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक प्रवक्ता एमआई फेंग ने कहा कि वुहान में नए कोविड-19 मामलों की संख्या सिंगल डिजिट तक गिर गई। 8 अप्रैल: वुहान ने लगभग 11 सप्ताह के लॉकडाउन और मामलों में नाटकीय कमी की रिपोर्ट के बाद 8 अप्रैल को यात्रा पर प्रतिबंध हटा दिया। 15 अप्रैल: चीन ने एक संशोधित मौत और केस काउंट जारी किया। राज्य के मीडिया ने कहा कि लगभग 1,300 लोग, जो चीनी शहर वुहान में कोरोना वायरस के कारण मारे गए, को मृत्यु के टोलों में नहीं गिना गया। 10 मई: चीन ने रविवार को 14 नए कोरोना वायरस मामले दर्ज किए। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि वुहान से एक नया मामला शामिल है, जहां एक महीने में कोई नया कोविड-19 मामला दर्ज नहीं किया गया था। देश में कोविड-19 मामलों की कुल संख्या 4,600 से अधिक मौतों के साथ 82,901 है। कोरोना वायरस से दुनिया भर में 40 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। वही, इस खतरनाक बीमारी से अब तक 2.81 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस, जो पिछले साल चीन के हुबेई प्रांत में पैदा हुआ था, आग की तरह 200 से अधिक देशों में कहर बन कर टूटा है। कोरोना वायरस अपडेट्स:- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पिता बन गए हाल ही में कोरोना वायरस से जंग जीतकर लौटे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पिता बन गए हैं। जॉनसन की मंगेतर कैरी सायमंड्स ने आज लंदन के एक हॉस्पिटल में एक बेटे को जन्म दिया है। सिंगापुर में 690 नए मामले सामने आए सिंगापुर में बुधवार को कोरोना के 690 नए मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को 690 नए मामले दर्ज किए गए, इसके बाद कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 15,641 हो गई है। इनमें से अधिकांश विदेशी हैं। सिर्फ ऑनलाइन प्रसारण वाली फिल्मों को ही 93वें ऑस्कर समारोह में मिलेगी जगह अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (ऑस्कर) ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से घोषणा की है कि आने वाले ऑस्कर में सिर्फ ऑनलाइन प्रसारण वाली फिल्मों को ही जगह मिलेगी। सालाना पुरस्कार समारोह आयोजित करने वाले आयोजकों ने मंगलवार को घोषणा की कि कोविड-19 महामारी ने अकेडमी को ‘अस्थायी अपवाद’ के लिए मजबूर किया है क्योंकि इसकी वजह से सिनेमाघरों में ताले लगे हैं। अकेडमी ने कहा कि जब सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार सिनेमाघर खोले जाएंगे तो एक तारीख तय की जाएगी और उसके बाद यह नियम लागू नहीं होगा। अगले साल ऑस्कर समारोह 28 फरवरी को आयोजित होगा। जापान में आपातकाल बढ़ाने की मांग टोक्यो की गवर्नर यूरिको कोइको ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में जारी आपातकाल की अवधि बढ़ाने की बुधवार को मांग की। इसके तहत लोगों को घर में रहना और सामाजिक दूरी बनाए रखना होता है। उन्होंने पत्रकारों से कहा से कहा कि टोक्यो में अब भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, इसलिए मैं चाहूंगी यह (आपातकाल) अभी जारी रहे। जापान में वायरस के कारण जान गंवाने वाले 400 लोगों में से 100 टोक्यो के थे। आपात स्थिति छह मई को खत्म हो रही है। पाक में संक्रमितों की संख्या 14,885 हुई, मृतकों का आंकड़ा 327 पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 14,885 हो गई है जबकि महमारी से मरने वालों की तादाद 327 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बुधवार को बताया कि संक्रमण से 3,425 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 129 रोगियों की हालत गंभीर हैं। मंत्रालय ने बताया कि पंजाब में कोरोना वायरस के 5,827, सिंध में 5,291, खैबर-पख्तूनख्वा में 2,160, बलूचिस्तान में 915, गिलगित-बाल्तिस्तान में 330, इस्लामाबाद में 297 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 65 मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक 1,65,911 नमूनों की जांच की गई हैं जिनमें से 8,530 नमूनों की जांच 28 अप्रैल को की गई थी। थरपारकर जिले के उपायुक्त शहजाद ताहिर ने बताया कि सिंध प्रांतीय विधानसभा के अहम हिंदू सदस्य राणा हमीर सिंह मंगलवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। सिंध में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की कोशिश के तहत रमजान के महीने में सभी धार्मिक सभाओं पर रोक लगा दी गई है। चीन 22 मई से संसद का वार्षिक सत्र आयोजित करेगा चीन 22 मई से संसद का वार्षिक सत्र आयोजित करेगा। सरकारी मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि 13वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस का तीसरा सत्र मार्च के शुरुआत में आयोजित किया जाना था लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब यह 22 मई से बीजिंग में शुरू होगा। अमेरिका में 24 घंटे में 2200 से ज्यादा मौतें जॉन्स हॉपकिंस के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 2208 लोगों की मौत हुई है। आइसलैंड की आइसलैंडएयर 2000 कर्मचारियों को हटाएगी कोरोना की वजह से उड़ानों के प्रभावित होने के बाद अब आइसलैंड की एयरलाइन आइसलैंडएयर ने अपने यहां से 2000 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया है। यहां पढ़ें 28 अप्रैल (मंगलवार) के सभी अपडेट्स यहां पढ़ें 27 अप्रैल (सोमवार) के सभी अपडेट्स यहां पढ़ें 26 अप्रैल (रविवार) के सभी अपडेट्स यहां पढ़ें 25 अप्रैल (शनिवार) के सभी अपडेट्स यहां पढ़ें 24 अप्रैल (शुक्रवार) के सभी अपडेट्स सार दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 17 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 31 लाख 38 हजार को पार कर गई है। जबकि नौ लाख 55 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 59 हजार को पार कर गई है और 10 लाख 35 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। यहां पढ़ें दुनियाभर में कोरोना से संबंधित सभी अपडेट... विस्तार कोरोना वायरस अपडेट्स:- कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में तीन मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ऐसे में गृह मंत्रालय ने कुछ चीजों में रियायतें दी हैं। सरकार ने बेशक ई-कॉमर्स कंपनियों को कार्य करने की अनुमति दी है लेकिन वे गैर-जरूरी सामान की डिलिवरी नहीं पाएंगी। कंपिनयों को केवल जरूरी सामान की डिलीवरी करने की इजाजत है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में तीन मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ऐसे में गृह मंत्रालय ने कुछ चीजों में रियायतें दी हैं। सरकार ने बेशक ई-कॉमर्स कंपनियों को कार्य करने की अनुमति दी है लेकिन वे गैर-जरूरी सामान की डिलिवरी नहीं पाएंगी। कंपिनयों को केवल जरूरी सामान की डिलीवरी करने की इजाजत है। कोरोना वायरस महामारी को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना के प्रसार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि वह अभी अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से बात नहीं करना चाहते हैं। व्हाइट हाउस में ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, अभी उनसे बात नहीं करना चाहते। हम देखेंगे कि अगले थोड़े समय में क्या होता है। इस वर्ष की शुरुआत में व्यापार समझौते के अनुसार चीन पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक अमेरिकी सामान खरीद रहा है। ट्रंप ने कहा, 'वे व्यापार समझौते पर काफी खर्च कर रहे हैं, लेकिन व्यापार समझौते को लेकर मेरा मजा थोड़ा किरकिरा हो गया है, आप समझ सकते हैं। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि वह व्यापार समझौते के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा, 'मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं कह सकता हूं कि चीन हमारे काफी उत्पाद खरीद रहा है, लेकिन व्यापार समझौता अभी स्याही सूखी भी नहीं थी कि चीन से यह (कोरोना वायरस) आ गया। इसलिए, ऐसा नहीं है कि हम खुश हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। यह चीन से आया। इसे दुनिया में फैलने से पहले चीन में ही रोका जा सकता था। कुल 186 देश प्रभावित हुए हैं। रूस बुरी तरह प्रभावित है, फ्रांस बुरी तरह प्रभावित है। आप किसी भी देश की ओर देखिए और आप यह कह सकते हैं कि वह प्रभावित है या यह कह सकते हैं कि वह संक्रमित है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव केलीग मैकेनानी ने संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप चीन से हताश हैं। इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी नागरिकों की निजता या विश्वभर में आगामी पीढ़ी के नेटवर्कों की अखंडता को कमजोर करने के चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के प्रयासों को सहन नहीं करेगा। पिछले कई हफ्तों से ट्रंप पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है। सांसदों और विचारकों का कहना है कि चीन की निष्क्रियता की वजह से वुहान से दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला है। कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में 45 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सार डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ जाहिर की नाराजगी ट्रंप बोले- अभी शी जिनपिंग से बात नहीं करना चाहता अमेरिका और चीन व्यापार सौदे पर बात नहीं करना चाहता: ट्रंप विस्तार कोरोना वायरस महामारी को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना के प्रसार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि वह अभी अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से बात नहीं करना चाहते हैं। देश में कोरोना वायरस संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानि सोमवार को दोपहर तीन बजे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। बताया गया है कि इस बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे जा सकते हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल को भी सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की थी। बातचीत के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया था कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था को महत्व देना होगा और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को भी जारी रखना होगा। बैठक को लेकर पीएमओ ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश के प्रयासों को बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक लोग आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें। उन्होंने राज्यों के लिए हॉटस्पॉट्स यानी रेड जोन क्षेत्रों में सख्ती से दिशानिर्देश लागू करने के महत्व पर प्रकाश डाला था। प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा था कि कोरोना वायरस का प्रभाव आने वाले महीनों में दिखाई देगा और मास्क और फेस कवर जीवन का हिस्सा बन जाएंगे। इस बैठक में कुछ मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया था। बता दें कि, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 17 मई तक लॉकडाउन किया हुआ है। इस दौरान इलाकों को तीन जोन में बांटा गया है। जिनमें रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन शामिल हैं। लॉकडाउन के नियमों में जोन के आधार पर ही छूट दी गई है। वहीं, देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 3277 नए मामले सामने आए हैं और 127 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 62,939 हो गई है, जिनमें 41,472 सक्रिय हैं, 19,358 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 2109 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानि सोमवार को दोपहर तीन बजे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। बताया गया है कि इस बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे जा सकते हैं। कोरोना महामारी के चलते डांवाडोल अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस हालत में आ गई है कि उसे 30 खरब के कर्ज लेना होगा। यह सब अमेरिका में जारी लॉकडाउन और अन्य खर्चों की वजह से हुआ है। अमेरिका का कहना है कि कोरोना संबंधी राहत पैकेज के कारण उसका बजट 250 खरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया है और अब दूसरी तिमाही में उसे यह ऋण लेना ही होगा। दरअसल, अमेरिकी सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़कर 250 खरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया है जो जानकारों के मुताबिक 2008 की मंदी से भी बुरे हालातों की तरफ इशारा कर रहे हैं। जबकि 2019 में अमेरिका ने महज 12.8 खरब डॉलर का ही कर्ज लिया था। कोरोना संक्रमण के चलते देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने के चलते अमेरिका को हेल्थ सेक्टर के लिए 30 खरब डॉलर के राहत पैकेज का एलान करना पड़ा है। यह राहत पैकेज अमेरिकी अर्थव्यवस्था का 14 फीसदी है। जबकि कोरोना के चलते टैक्स वसूलने की तारीख भी 15 अप्रैल से आगे बढ़ानी पड़ी है। इस कारण सरकार के पास कर्ज लेने के अलावा कोई दूसरा रास्ता ही नहीं बचा है। हालांकि इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 37 खरब डॉलर राजकोषीय घाटा होने का अनुमान लगाया गया है जो देश की जीडीपी का 100 फीसदी माना जा रहा है। ट्रंप ने अर्थव्यवस्था खोलने पर दिया जोर राष्ट्रपति ट्रंप ने लोगों की जान को जोखिम में डाले बिना आर्थिक गतिविधियों को दोबारा बहाल करने पर जोर दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आप राज्यों को देखें, जो धीरे-धीरे लॉकडाउन खोल रहे हैं और साथ ही कोरोना वायरस की महामारी से लोगों की रक्षा भी कर रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि दोनों पक्षों का भय उचित है। उन्होंने कहा, कुछ लोग बीमारी से चिंतित हैं जबकि बाकी नौकरी जाने की आशंका से डरे हैं। अमेरिका के केंद्रीय बैक के अध्यक्ष जेरोमे पॉवेल ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए इस वक्त खर्च करने की जरूरत है क्योंकि लॉकडाउन ने तीन करोड़ो लोगों की नौकरियां छीन ली हैं। कोरोना महामारी के चलते डांवाडोल अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस हालत में आ गई है कि उसे 30 खरब के कर्ज लेना होगा। यह सब अमेरिका में जारी लॉकडाउन और अन्य खर्चों की वजह से हुआ है। अमेरिका का कहना है कि कोरोना संबंधी राहत पैकेज के कारण उसका बजट 250 खरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया है और अब दूसरी तिमाही में उसे यह ऋण लेना ही होगा। बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना से जंग जीत चुकी हैं और अभी क्वारंटीन हैं। हालांकि, अभी उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सोमवार को पुलिस टीम ने महानगर स्थित शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट में कनिका को नोटिस दिया। जांच अधिकारी जेपी सिंह का कहना है कि 30 अप्रैल को कनिका का बयान दर्ज किया जाएगा जिसके लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जेपी सिंह का कहना है कि कनिका जांच में सहयोग कर रही हैं। बता दें कि कनिका कपूर के खिलाफ सरोजनी नगर थाने में दूसरों की जान खतरे में डालने सहित आईपीसी की धारा 188,269 और 270 के तहत केस दर्ज किया गया है। कनिका अभी अपने घर पर अपने परिवार के साथ वक्त गुजार रही हैं। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपना पक्ष रखा, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताया। कनिका ने सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट में कही ये बातें बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना से जंग जीत चुकी हैं और अभी क्वारंटीन हैं। हालांकि, अभी उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सोमवार को पुलिस टीम ने महानगर स्थित शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट में कनिका को नोटिस दिया। कोरोना वारियर्स को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही सफाईकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और प्रत्येक कोरोना वॉरियर की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बना दिया है। सीएम योगी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 कैबिनेट से पास हो गया है। नए कानून के तहत स्वास्थ्य कर्मियों, सभी पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिसकर्मियों, व स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ से तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर से की गई अभद्रता या हमले पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान, पचास हजार से लेकर पाच लाख तक का जुर्माना भी देना होगा। चिकित्सकों, सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों व किसी भी कोरोना वारियर्स पर थूकने या गंदगी फेंकने पर व आइसोलेशन तोड़ने पर भी इस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। कोरोना वॉरियरिर्स के ख़िलाफ़ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी नए क़ानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी। दो वर्ष से पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान, पचास हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना होगा। नए अध्यायदेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा। जिसके अध्यक्ष डीएम होंगे। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा। कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटीन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा। अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष  सजा और जुर्माना दस हजार एक लाख तक होगा। अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना पचास हजार से एक लाख तक का होगा। लॉकडाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है। अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 वर्ष से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है, और 50000 से एक लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए 1 वर्ष से 3 साल तक की सजा और 50000 से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। कोरोना वारियर्स को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही सफाईकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और प्रत्येक कोरोना वॉरियर की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बना दिया है। सीएम योगी की अगुवाई में उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 कैबिनेट से पास हो गया है। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले छह हजार से ऊपर पहुंच गए हैं। जबकि कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 117 हो गई है। जबकि 1,446 लोग वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। दुनियाभर में इस वायरस के कारण 1.3 लाख लोगों की जान जा चुकी है। देश में कुल मामलों की संख्या 6297 पर पहुंच गई है, जिसमें पंजाब 3,016 मामलों के साथ सबसे बुरी तरह प्रभावित प्रांत है। वहीं सिंध में वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 1,688 हो गई है। खैबर पख्तूनख्वा में कोरोना वायरस के 47 नए मामले सामने आए हैं। जिससे प्रांतीय मामलों की संख्या 912 पर पहुंच गई है। कोरोना संक्रमित ज्यादातर मामले तब्लीगी जमात के सदस्यों से हैं जो विदेश से लौटे हैं। प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता लियाकत शाहवानी के अनुसार, बलूचिस्तान में कोविड-19 के चार नए मामले सामने आए हैं, जिससे प्रांत में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 281 हो गई है। मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ क्षेत्रों में छूट के साथ राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के विस्तार की घोषणा की थी। इस्लामाबाद में मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए खान ने कहा था, 'हमने देश में लॉकडाउन लागू करने का कठोर निर्णय लिया है, जो लोगों के सहयोग की वजह से बहुत अच्छी तरह से लागू हो पाया। कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पाकिस्तान में देशव्यापी लॉकडाउन को पिछले महीने लागू किया गया था। 14 अप्रैल को कुछ प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन की अवधि को दो और हफ्तों के लिए बढ़ा दिया गया है। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले छह हजार से ऊपर पहुंच गए हैं। जबकि कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 117 हो गई है। जबकि 1,446 लोग वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। दुनियाभर में इस वायरस के कारण 1.3 लाख लोगों की जान जा चुकी है। हॉलीवुड में डिज्नी इंडिया और मुंबई में शूजीत सरकार ने भले कोरोना के सामने अपनी फिल्मों को ओटीटी के जरिए दर्शकों तक पहुंचाने का फैसला कर लिया हो लेकिन धमाकेदार फिल्में बनाने वाले निर्देशक क्रिस्टोफर नोलान अपनी फिल्म टेनेट लेकर आ रहे हैं सिनेमाघरों में। नोलान की ये फिल्म जुलाई में सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। जॉन डेविड वाशिंगटन और रॉबर्ट पैटिनसन स्टारर फिल्म टेनेट में रोंगटे खड़े कर देने वाले एक्शन दृश्य फिल्माए गए हैं। फिल्म की कहानी दूसरे विश्वयुद्ध को रोकने में लगे कुछ जाबांजों की कहानी है। फिल्म के किरदार यहां समय में सफर नहीं करते बल्कि समय को ही उल्टा कर देते हैं। अपनी अलग तरह की कहानियों और इनके फिल्मांकन के चलते पूरी दुनिया में युवाओं के बीच अपना एक अलग फैन बेस बना चुके क्रिस्टोफर नोलान की फिल्म टेनेट दुनिया के सात देशों में शूट हुई है। मशहूर भारतीय अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया भी फिल्म में एक अहम किरदार में हैं। फिल्म को आईमैक्स तकनीक से 70 एमएम फिल्म पर शूट किया गया है। फिल्म का पहला ट्रेलर पिछले साल 2019 में रिलीज हुआ था लेकिन फिर कोरोना की खबरें आने के बाद निर्माताओं ने इसके प्रचार से हाथ खींच लिए थे। अब जबकि पूरी दुनिया ये मान चुकी है कि कोरोना वायरस का खात्मा होने में समय लगेगा और लोगों को इसके साथ जीने की ही आदत डालनी होगी तो सिनेमाघर फिर से खुलने लगे हैं। फिल्म की निर्माता कंपनी ने टेनेट को 17 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज करने का फैसला किया है। कोरोना के बाद फिल्म इंडस्ट्री के सामने मानसून का रोना, तोड़ने पड़ेंगे इन दो बड़ी फिल्मों के सेट्स हॉलीवुड में डिज्नी इंडिया और मुंबई में शूजीत सरकार ने भले कोरोना के सामने अपनी फिल्मों को ओटीटी के जरिए दर्शकों तक पहुंचाने का फैसला कर लिया हो लेकिन धमाकेदार फिल्में बनाने वाले निर्देशक क्रिस्टोफर नोलान अपनी फिल्म टेनेट लेकर आ रहे हैं सिनेमाघरों में। नोलान की ये फिल्म जुलाई में सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया हुआ है। साथ ही गुटखा, तंबाकू समेत नशीले पदार्थों की बिक्री पर पाबंदी लगाई हुई है। लेकिन फिर भी कुछ लोग मानवता के दुश्मन बनकर इन उत्पादों को बेचने में लगे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सामने आया। जहां लॉकडाउन के बीच तंबाकू उत्पादों को बेचने के आरोप में विदिशा के एक व्यापारी को गिरफ्तार किया गया। चूना भट्टी पुलिस ने बताया कि व्यापारी की पत्नी एक निजी अस्पताल में भर्ती है। जहां उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस कारण व्यापारी को राजधानी आने-जाने के लिए पास दिया गया है। जिसका वह तंबाकू उत्पादों को बेचकर दुरुपयोग कर रहा था। वह आने-जाने के समय कार में गुटखा, पान मसाला, तंबाकू आदि रखकर उन्हें रास्ते में महंगे दामों पर बेचता था। डीएसपी ऋचा जैन ने बताया कि व्यापारी का नाम राधावल्लभ अग्रवाल है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन और तंबाकू उत्पाद अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। ऐसा ही एक मामला एमपी नगर में भी सामने आया। जहां एक व्यापारी किराने की दुकान में पान मसाला, सिगरेट जैसे नशीले पदार्थ बेचते हुए पाया गया। पुलिस ने उस पर भी तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम लिली गुप्ता है, जिस पर कलेक्टर आदेश की अवहेलना का आरोप है। उन्होंने बताया कि आरोपी पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। लॉकडाउन तोड़ने पर 22 मार्च से अब तक 2456 मामले दर्ज मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में पिछले 24 घंटे में 74 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने 22 मार्च से अब तक कुल 2456 लोगों पर लॉकडाउन उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया है। बताया गया है कि इन मामलों में 80 फीसदी ऐसे मामले हैं, जिनमें आरोपी बिना वजह सड़क पर पैदल या वाहनों से घूमते मिले। दूसरी तरफ, एमपी नगर पुलिस ने भी एक डिलीवरी ब्वॉय पर मास्क और ग्लव्स न लगाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया हुआ है। साथ ही गुटखा, तंबाकू समेत नशीले पदार्थों की बिक्री पर पाबंदी लगाई हुई है। लेकिन फिर भी कुछ लोग मानवता के दुश्मन बनकर इन उत्पादों को बेचने में लगे हुए हैं। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद समेत 15 जगहों को "हाई केस लोड" बताया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने में भारत की सफलता इन जगहों पर निर्भर करती है। इन 15 जगहों में जिन सात जिलों में सबसे ज्यादा मामले पाए गए हैं। उनमें, तेलंगाना का हैदराबाद महाराष्ट्र का पुणे राजस्थान का जयपुर मध्य प्रदेश का इंदौर गुजरात का अहमदाबाद महाराष्ट्र का मुंबई दिल्ली शामिल हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में गंभीर होने वाले दूसरे ज्यादा मामलें जिन जगहों पर सबसे ज्यादा पाए गए हैं उनमें, गुजरात का वडोदरा आंध्र प्रदेश का कुरनूल मध्य प्रदेश का भोपाल राजस्थान का जोधपुर उत्तर प्रदेश का आगरा महाराष्ट्र का ठाणे तमिलनाडु का चेन्नई गुजरात का सूरत शामिल हैं। अमिताभ कांत ने एक ट्वीट में कहा, "ये 15 जिले हमारी लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण हैं। खास कर इनमें से सात जिलों में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं। कोविड-19 से जूझने में भारत की सफलता उन पर निर्भर है। हमें इन जिलों में आक्रामक निगरानी, परीक्षण और उपचार करना चाहिए। " भारत में कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है। इस खतरनाक बीमारी से देश में 29,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं। वहीं, इस बीमारी से देशभर में 900 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 मार्च को 11 समूहों का गठन किया था, ताकी स्वास्थ्य सेवा में सुधार के उपाय सुझाए जा सकें, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सके और कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन को जल्द से जल्द कम किया जा सके। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद समेत 15 जगहों को "हाई केस लोड" बताया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने में भारत की सफलता इन जगहों पर निर्भर करती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए डॉक्टर को सलाह दी कि कोविड-19 मरीज के शरीर में कीटाणुनाशक दवाई का इंजेक्शन लगाकर कोरोना वायरस का इलाज किया जा सकता है। डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद कुछ डॉक्टरों की व्यंगात्मक प्रतिक्रिया आने लगी। थॉमस जैफरन यूनिवर्सिटी के गैस्ट्रोएन्टरालॉजिस्ट ऑस्टिन चियांग अपने लैब कोट और गले में आला लगाकर कैमरे में देखकर बोले कि मैं वादा करता हूं कि मैं नहीं दिखावा करूंगा कि देश कैसे चलाया जाता है अगर आप (डोनाल्ड ट्रंप) मेडिसिन प्रैक्टिस करने का दिखावा करना बंद कर देंगे। ये वीडियो डोनाल्ड ट्रंप के थोड़ी देर बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी और इस वीडियो को लाखों लोगों ने देख लिया था। ऑस्टिन चियांग मेडिकल प्रोफेशनल और डॉक्टरों की नई पीढ़ी में से हैं जो टीकटोक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर पहले ही अपनी धाक जमा चुके हैं। हालांकि टेलीविजन से लोकप्रिय हुए कुछ डॉक्टरों ने वायरस के महत्व को कम बताने के लिए माफी मांगी है। जानकारों के एक साथ आने से गलत सूचना के फैलने पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है। न्यू जर्सी के एक डॉक्टर मिकैल वर्शास्की ऊर्फ डॉक्टर माइक जिनके यूट्यूब पर पांच मिलियन सब्सक्राइबर है का कहना है कि सोशल मीडिया पर चिकित्सकों की गुणवत्ता में कमी की वजह से सोशल मीडिया पर चमत्कारिक इलाज देने वाले प्रभावशाली लोगों की तादाद बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर कुछ मेडिकल सोशल मीडिया है जिनमें डॉक्टर शामिल नहीं है, क्योंकि ज्यादातर डॉक्टर ये मानते हैं कि गैर प्रोफेशनल तरीके से अपनी बात सोशल मीडिया पर नहीं रख सकते हैं, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं ज्यादा बढ़ने लगी है। डॉक्टरों के लिए सोशल मीडिया पर लोकप्रियता मिल जाना जोखिम से कम नहीं है। डॉक्टर की कही बात को उसके दर्शक समझें या वैसे ही लें जैसे डॉक्टर बताना चाहता है, ये थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऑस्टिन को टिकटोक में मिली सफलता के पीछे का कारण उनका मजाकिया ढंग हो सकता है। दुनिया में ऐसे कई डॉक्टर्स हैं जो अपने मरीजों को ठीक करने या उनका मनोबल बढ़ाने के लिए टिकटोक जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा कई बार देखा गया है कि सही सूचना और विचार साथ होने के बावजूद कई डॉक्टर ऐसे माध्यमों में खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं। जैफरी वैनविंगेन एक निजी क्लीनिक चलाते हैं। लोगों की मदद करने के लिए उन्होंने ऑनलाइन वीडियो बनाने की सोची। डॉ जैफरी ने कोविड-19 काल में सामान कैसे खरीदा जाए इस पर एक वीडियो बनाया। वीडियो जारी करने के पीछ कारण यह था कि लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके कि किराने की दुकान से भी कोरोना हो सकता है। डॉ जैफरी ने अपनी 13 मिनट की वीडियो में लोगों को जानकारी दी कि खाने के सामान को कैसे कीटाणुनाशक बनाना है और कैसे खाने के डब्बों को फेंकना है। ये वीडियो धड़ल्ले से सोशल मीडिया पर फैली और लोगों के बीच कोरोना वायरस को लेकर चिंता और बढ़ गई। इस वीडियो को 25 मिलियन से ज्यादा लोगों ने देखा लेकिन वीडियो में कुछ गलत जानकारी भी थी। वीडियो की शुरुआत में डॉ ने कहा कि फल और सब्जियों को साबून से ना धोएं, ऐसा करने से पाचन प्रक्रिया में दिक्कत हो सकती है। डॉ जैफरी पर आरोप लगा कि सब्जियों और फलों की प्रक्रिया पर कोई गाइडलाइन नहीं है तो वो इस वीडियो पर सफाई दें। डॉ जैफरी ने उस हिस्से को एडिट करने की पेशकश सामने रखी और पूरी वीडियो जारी रखने का फैसला किया। डॉ जैफरी ने कहा कि उनसे नादानी में गलती हुई है, जिसके खतरनाक परिणान नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वो ऐसे कई डॉक्टर को जानते हैं जो हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन जैसी दवाई को प्रमोट कर रहे हैं। डॉक्टर माइक का कहना है कि अगर आप लोकप्रिय डॉक्टर हैं तो लोग आपकी गाइडेंस का इंतजार करते हैं और आप बिना किसी शोध वाली जानकारी पर विश्वास रखते हैं कि यह जानकारी सीडीसी और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडेंस की पुष्टि करती है तो यह गलत हो जाता है। मौजूदा समय में यह बड़ी समस्या है कि लोग किसी भी परेशानी का हल इंटरनेट पर ढूढ़ते हैं। सीडीसी कोरोना वायरस पर किए गए शोधों पर वीडियो जारी करता है जिसमें कई बार ये दावा किया गया है कि डॉक्टर नहीं चाहते कि आम लोगों को यह पता चले। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान भी लोगों के भीतर डर फैलाने का काम करते हैं। डोनाल्ड ट्रंप के विचारों से रोचक खबरें बनाने में फायदा मिलता है लेकिन सार्वजनिक मंच पर यह खतरनाक है। ऑनलाइन लोकप्रियता लोगों को ब्रांड बना देती है। डॉ चियांग का कहना है कि खुद को ब्रांड बनाना कुछ लोगों को अलग दिशा में ले जाता है। डॉक्टर माइक दूसरे लोगों की तरह अपने इंस्टाग्राम और यूट्यूब चैनल पर स्पॉन्सर लेते हैं लेकिन ये स्पॉन्सरशिप मेडिकल सामानों की नहीं होती है। डॉ चियांग अपने अस्पताल में सोशल मीडिया के चीफ मेडिकल अफसर के तौर पर भी काम करते हैं। चियांग इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी टिकटोक वीडियो में किसी तरह की कोई अभद्र बातें ना कही गई हो। चियांग का कहना है कि मेडिकल की पढ़ाई करते समय यह नहीं सिखाया जाता है कि सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर कैसे बात करनी है और अपने समुदाय के लोगों के साथ सोशल मीडिया पर कैसे संवाद करना है। सोशल मीडिया पर काम करना आसान नहीं है। चियांग ने कहा कि कुछ कंपनियां सोशल मीडिया से मेडिकल प्रोफेशनल के विचार चुराकर उन्हें अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए इस्तेमाल करती हैं। हालांकि डॉ चियांग औक डॉ माइक दोनों का कहना है कि डॉक्टरों का ऑनलाइन आना जोखिम से भरा है लेकिन ऐसा करने से लोगों को अपने स्वास्थ्य के लिए उचित सूचनाएं मिल जाती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए डॉक्टर को सलाह दी कि कोविड-19 मरीज के शरीर में कीटाणुनाशक दवाई का इंजेक्शन लगाकर कोरोना वायरस का इलाज किया जा सकता है। डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद कुछ डॉक्टरों की व्यंगात्मक प्रतिक्रिया आने लगी। पिछले 30 दिनों में टेस्टिंग 33 गुना बढ़ी, भारत में स्थिति बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ी: आईसीएमआर पूरा देश वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रहा है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1409 नए मामले सामने आए हैं, इस तरह देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 21,393 हो गई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा है कि भारत में पिछले 30 दिनों में टेस्टिंग 33 गुना बढ़ी है और देश में कोरोना से स्थिति बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ी है। पढ़ें पूरी खबर लॉकडाउन में ऑनलाइन इलाज का चला ट्रेंड, अस्पताल की भीड़ हुई कम चीन के छोटे से शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया में महामारी का रूप ले चुका है। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लोग अपने घरों में कैद हैं। ऐसे में लोगों की निर्भरता इंटरनेट पर है। स्कूल, कॉलेज की क्लासेज भी ऑनलाइन ही हो रही हैं। इसी बीच एक नया ट्रेंड टेलीमेडिसिन का शुरू हुआ है। टेलीमेडिसिन का मतलब फोन या वीडियो कॉल पर इलाज करवाना है। पढ़ें पूरी खबर अच्छी खबर: नौ महीने के बच्चे ने छह दिन में जीती कोरोना से जंग, सबसे कम दिन में हुआ ठीक देहरादून के राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित नौ महीने के बच्चे ने छह दिन में कोरोना की जंग जीत ली है। यह बच्चा उत्तराखंड में कोरोना से सबसे कम समय में स्वस्थ होने वाला मरीज बन गया है। पढ़ें पूरी खबर हिंदू रीति रिवाज से मुस्लिमों ने उठाई अर्थी, तो हर जुबां से निकला 'ये हमारा भारत है' देश इस समय कोरोना वायरस की मार झेल रहा है लेकिन इसके बीच कुछ वाकये हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी बता रहे हैं। ऐसा ही वाकया कानपुर में देखने को मिला। जब यहां हिंदू-मुस्लिम मजहब की दीवार तोड़कर लोग एक दूसरे के सुख-दुख में कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़े हुए ताे हर किसी की जुबां से निकला, ये हमारा भारत है। पढ़ें पूरी खबर कोविड-19 संकट के बीच सुरक्षाबलों के हथियार अधिग्रहण प्रक्रिया पर लगी रोक कोरोना वायरस संकट के बीच सुरक्षाबलों के नए हथियार अधिग्रहण प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। तीनों सेनाओं से कहा गया है कि कोविड-19 से उपजी परिस्थिति के सामान्य होने तक नए हथियार अधिग्रहण पर रोक लगा दें। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सैन्य मामलों के विभाग द्वारा एक पत्र लिखा गया है। जिसमें देश में कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने तक सुरक्षा बलों को अपने नए हथियार अधिग्रहण प्रक्रियाओं पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। पढ़ें पूरी खबर सार कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के लगातार बढ़ते संक्रमण के मामले पूरे देश के लिए समस्या का सबब बने हुए हैं। इस जानलेवा महामारी ने देश की रफ्तार थाम दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1229 नए मामले सामने आए हैं और 34 लोगों की मौत हो गई है। देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 21,700 हो गई है, जिसमें 16,689 सक्रिय हैं, 4325 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस वायरस के चलते देश भर में अब तक 686 लोगों की मौत हो चुकी है। विस्तार पिछले 30 दिनों में टेस्टिंग 33 गुना बढ़ी, भारत में स्थिति बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ी: आईसीएमआर कोरोना वायरस के संकट बीच विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए केंद्र सरकार ने वंदे भारत मिशन शुरू किया है। इसके पहले चरण में अब तक करीब 12 हजार लोग स्वदेश आ चुके हैं। वहीं अब दूसरे चरण में करीब 32 हजार लोगों को वापस लाने की तैयारी है। बता दें कि विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के अभियान का दूसरा चरण 16 से 22 मई तक चलाया जाएगा। इसके तहत 31 देशों से करीब 32 हजार से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाने का लक्ष्य रखा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू किया था। इसके पहले चरण में खाड़ी देशों और अमेरिका, ब्रिटेन, फिलीपिन, बांग्लादेश, मलेशिया और मालदीव जैसे देशों से करीब 12 हजार लोगों को अब तक भारत वापस लाया गया है। सूत्रों ने बताया कि स्वदेश लौटने को इच्छुक भारतीय नागरिकों को वापस लाने के बाद ओसीआई (प्रवासी भारतीय) कार्डधारकों पर भी विचार किया जाएगा। बता दें कि पहले चरण में भारत सरकार ने 64 उड़ानों के माध्यम से 12 देशों से करीब 15000 लोगों को वापस लाने की योजना बनाई थी। कोरोना वायरस के संकट बीच विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए केंद्र सरकार ने वंदे भारत मिशन शुरू किया है। इसके पहले चरण में अब तक करीब 12 हजार लोग स्वदेश आ चुके हैं। वहीं अब दूसरे चरण में करीब 32 हजार लोगों को वापस लाने की तैयारी है। महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनस से बिहार जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रा करने के लिए मंगलवार को हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर स्टेशन के पास सड़क और पुल पर जमा हो गए। भगदड़ जैसा माहौल हो जाने पर पुलिस ने मजदूरों को वहां से हटाया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि बहुत सारे ऐसे लोग स्टेशन के पास जमा हो गए जिनका न तो पंजीकरण था और न ही उन्हें राज्य के अधिकारियों ने बुलाया था। इन लोगों का ट्रेन से जाने के लिए पंजीकरण नहीं था और यह ट्रेन केवल उन्हीं यात्रियों को ले जा रही है जो पंजीकृत हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानकों की धज्जियां उड़ गईं। बता दें कि महाराष्ट्र देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। यहां अभी तक कोरोना के 35 हजार से ज्यादा पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं और अभी तक राज्य में 1249 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र के बांद्रा टर्मिनस से बिहार जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से यात्रा करने के लिए मंगलवार को हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर स्टेशन के पास सड़क और पुल पर जमा हो गए। भगदड़ जैसा माहौल हो जाने पर पुलिस ने मजदूरों को वहां से हटाया। कोरोना वायरस आने वाले 18 से 24 महीने तक दुनियाभर में तबाही मचाएगा। ऐसा इसलिए संभव हो सकता है कि कोरोना वायरस का प्रजनन दर दूसरे मौसमी फ्लू की तुलना में अधिक है। अमेरिकी संक्रामक रोग वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दुनियाभर के देशों की सरकारों को अभी से भविष्य की रणनीति बनानी होगी क्योंकि वायरस झोंके की तरह कई बार दस्तक देगा। ऐसे में होशियारी और समझादारी से ही इससे बचा जा सकता है। 70% आबादी हो सकती है संक्रमित यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के सेंटर फॉर इंफेक्सियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी (सीआईडीआरएपी) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वायरस की दूसरी लहर पतझड़ या सर्दियों के समय भी आ सकती है। सीआईडीआरएपी के निदेशक और प्रो. माइक ऑस्टरहोल्म का कहना है 'ये वायरस तब तक तबाही मचाएगा जब तक 60 से 70 फीसदी लोगों को संक्रमित नहीं कर देता। रिपोर्ट में लिखा है कि वायरस गर्मी में भी नहीं मरेगा जैसा दूसरे सिजनल फ्लू में होता है। कोरोना लंबे समय तक जीवित रहने वाला वायरस है, बिना लक्षणों के भी मिलता है और इसकी प्रजनन दर जिसे आरओ (रिप्रोडक्शन रेट) कहते हैं। इस कारण ये वायरस दूसरे फ्लू की तुलना में तेजी से फैलेगा और देर तक रहेगा। तेज प्रजनन दर के कारण वायरस अधिक से अधिक लोगों में फैलेगा। नतीजा ये होगा कि महामारी के खत्म होने से पहले हर किसी के भीतर इम्युनिटी बन चुकी होगी। पहला झटका वसंत के मौसम में भी आ सकता है और गर्मी तक कई बार छोटे-छोटे हमले करेगा। हो सकता है कि एक से दो साल तक ऐसे ही रहे और 2021 तक धीरे-धीरे खत्म हो। पतझड़ के मौसम या सर्दियों में वायरस सक्रिय हो सकता है और बड़े पैमाने पर इसका असर देखने को मिल सकता है। 2021 में खत्म होने से पहले भी कहर बरपा सकता है। वायरस का मौजूदा प्रकोप धीरे-धीरे कम होगा। इसमें जैसे हालात अभी हैं वैसे ही रह सकते हैं। सरकारों को रणनीति बनानी होगी जिससे वे आपात स्थिति में इससे लंबे समय तक निपट सकें। दूसरा आक्रमण खतरनाक वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार वायरस तीसरे तरीके से आक्रमण करता है तो सरकार को सतर्क होना होगा क्योंकि ये बेहद भयावह और खतरनाक होगा। अभी से लॉकडाउन में छूट चौंकाने वाला...हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ डज्ञॅ. मार्क लिपसिट का कहना है कि अभी से लॉकडाउन में जो छूट दी जा रही है वो चौंकाने वाला है। अगर ये एक प्रयोग है तो ये लोगों के जीवन पर भारी पड़ने वाला है। वैक्सीन से मदद मिल सकती है लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम हमारे सामने नहीं है और जल्दी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अभी के हालात को देखते हुए लगता है कि वैक्सीन भी 2021 तक ही मिल पाएगी। सबसे बड़ी चुनौती ये है कि जब वैक्सीन बनेगी तब हालात क्या होंगे इसपर भी सबकुछ निर्भर करेगा। कोरोना वायरस आने वाले 18 से 24 महीने तक दुनियाभर में तबाही मचाएगा। ऐसा इसलिए संभव हो सकता है कि कोरोना वायरस का प्रजनन दर दूसरे मौसमी फ्लू की तुलना में अधिक है। अमेरिकी संक्रामक रोग वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दुनियाभर के देशों की सरकारों को अभी से भविष्य की रणनीति बनानी होगी क्योंकि वायरस झोंके की तरह कई बार दस्तक देगा। ऐसे में होशियारी और समझादारी से ही इससे बचा जा सकता है। 70% आबादी हो सकती है संक्रमित यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के सेंटर फॉर इंफेक्सियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी (सीआईडीआरएपी) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वायरस की दूसरी लहर पतझड़ या सर्दियों के समय भी आ सकती है। सीआईडीआरएपी के निदेशक और प्रो. माइक ऑस्टरहोल्म का कहना है 'ये वायरस तब तक तबाही मचाएगा जब तक 60 से 70 फीसदी लोगों को संक्रमित नहीं कर देता। ' कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 30 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक बीमारी से प्रभावित हैं। ऐसे में मौजूदा समय में इसे रोकने के लिए केवल एक मात्र तरीका है, वह है सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन। दुनियाभर के कई देश इस समय लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं। इस बीच हर किसी को इंतजार है उस वैक्सीन का जो इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सके, लेकिन क्या होगा अगर ऐसा कोई वैक्सीन कभी बन  ही नहीं पाया तो? दरअसल लोगों में एक चिंता यह भी है कि अगर कोरोना वायरस को खत्म करने वाला टीका विकसित नहीं हो पाता है तो फिर क्या होगा? कई विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोरोना वायरस को खत्म करने वाला टीका नहीं बन पाता है, तो ऐसा हो सकता है कि लोग कोविड -19 के साथ जीना सीख जाएं। उनका कहना है कि धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने लगेंगे और सरकारों की तरफ से कुछ छूट दी जाने लगेंगी, लेकिन यह छोटे अंतराल के लिए होगा और वो भी विशेषज्ञों की सिफारिशों का पालन करने पर। अगर टीका नहीं बनता है तो टेस्टिंग और फिजिकल ट्रेसिंग हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएंगे। लेकिन कई देशों में, किसी भी समय लोगों को सेल्फ आइसोलेट होने का अचानक निर्देश आ सकता है। हालांकि, हो सकता है कि इसका उपचार विकसित किया जा सकता है, लेकिन बीमारी का प्रकोप कभी भी किसी भी देश में गिर सकता है और वैश्विक मौत का सिलसिला अचानक से बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नेता टीका विकसित होने को लेकर कई आश्वासन या दावे कर सकते हैं, लेकिन टीका न बन पाने की संभावना सच साबित हो सकती है, जिसे हमें गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यह पहले भी बहुत बार हो चुका है। इंपीरियल कॉलेज लंदन में वैश्विक स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ डेविड नाबरो कहते हैं, "कुछ वायरस हैं, जिनके खिलाफ अभी भी हमारे पास टीके नहीं हैं। " डॉ डेविड नाबरो, कोविग-19 पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेष दूत के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा, "हम एक पूर्ण धारणा नहीं बना सकते हैं कि अचानक से एक टीका हमारे सामने आ जाएगा। अगर टीका बन भी जाता है , तो क्या यह प्रभावी होगा और सुरक्षा के सभी परीक्षणों को पारित कर पाएगा। " नाबरो ने कहा, "यह बिल्कुल जरूरी है कि सभी समाज हर जगह खुद को एक ऐसी स्थिति में ले जाएं, जहां वे कोरोना वायरस से लगातार खतरे के रूप में बचाव कर सकें, और वायरस के साथ सामाजिक जीवन और आर्थिक गतिविधि के बारे में जान सकें। " उन्होंने कहा कि अधिकांश विशेषज्ञ आश्वस्त हैं कि एक कोविड-19 टीका आखिरकार बना लिया जाएगा, क्योंकि एचआईवी और मलेरिया जैसी पिछली बीमारियों से अलग, कोरोना वायरस तेजी से उत्परिवर्तित नहीं होता है। कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 30 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक बीमारी से प्रभावित हैं। ऐसे में मौजूदा समय में इसे रोकने के लिए केवल एक मात्र तरीका है, वह है सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन। दुनियाभर के कई देश इस समय लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं। इस बीच हर किसी को इंतजार है उस वैक्सीन का जो इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सके, लेकिन क्या होगा अगर ऐसा कोई वैक्सीन कभी बन  ही नहीं पाया तो? कोरोना संक्रमण से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया में पिछले 24 घंटे में केवल चार मामले सामने आए हैं। जबकि मार्च के आखिर तक यहां रोजाना 450-460 संक्रमित मामले सामने आ रहे थे। देशभर में टेस्टिंग के बाद पिछले 24 घंटे में 12 हजार और टेस्ट किए गए। जिससे यहां कोरोना की गंभीरता का पता चलता है। यदि जी-20 देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और स्पेन) में कोरोना संक्रमण के मामलों की तुलना ऑस्ट्रेलिया से की जाए तो यहां के आंकड़े पूरी तरह से उलट हैं। यहां वायरस की चपेट में मौजूद लोगों की संख्या 6,661 है जबकि पांच हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना की वजह से देश में एक मौत हुई है। यहां के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी पॉल कैली के अनुसार तीन हफ्तों में देश की स्थिति सामान्य हो जाएगी। इसकी एक वजह ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपनाए गए कई सारे उपाय हैं। यहां 23 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद ड्राइव थ्रू टेस्ट शुरू किया गया था। जिसके तहत अहम स्थानों पर छोटे बूथ शुरू किए गए जहां मुफ्त टेस्टिंग होती है। देश में हर 10 लाख लोगों पर 20 हजार की जांच की गई। इसके अलावा सरकार ने एप शुरू की जिससे यह पता लगाया जाता है कि कौन सा व्यक्ति किस समय कोरोना संक्रमित से मिला। वायरस के खिलाफ लड़ रहे स्वास्थ्य और सुरक्षाकर्मियों को छह हफ्तों में 10 करोड़ मास्क और सुरक्षा किट दी गईं। विदेश से आने वाले हर व्यक्ति के लिए दो हफ्ते का क्वारंटाइन (एकांतवास) अनिवार्य किया गया। संक्रमण फैलने के बाद यहां ‘महामारी ड्रोन’ से भीड़ में छींकने वालों के साथ ही तापमान और हृदय गति पर नजर रखनी शुरू की गई। ‘महामारी ड्रोन’ एयरपोर्ट, स्टेशन, क्रूज शिप और ऑफिस में छींकने-खांसने वाले लोगों की पहचान करते हैं। यहां नियमों का सख्ती से पालन किया गया। लॉकडाउन के पहले दिन 23 मार्च को पार्क में बैठकर खाना खाने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ा। वहीं पिछले हफ्ते विक्टोरिया के महापौर टोनी हर्बर्ट पर 78 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया क्योंकि वह सामाजिक दूरी को भूलकर सड़क किनारे बीयर पी रहे थे। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे ऑस्ट्रेलिया में पिछले 24 घंटे में केवल चार मामले सामने आए हैं। जबकि मार्च के आखिर तक यहां रोजाना 450-460 संक्रमित मामले सामने आ रहे थे। देशभर में टेस्टिंग के बाद पिछले 24 घंटे में 12 हजार और टेस्ट किए गए। जिससे यहां कोरोना की गंभीरता का पता चलता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष जेएन पांडेय का शुक्रवार शाम को निधन हो गया। वह कोरोना से संक्रमित थे और पिछले कई दिनों से अपने घर में ही आइसोलेशन में थे। देश की राजधानी दिल्ली में कुल संक्रमितों की संख्या 12,910 हो गई है, वहीं इनमें से 6,412 एक्टिव केस हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक यहां कोरोना से अब तक 231 लोगों की मौत हो चुकी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष जेएन पांडेय का शुक्रवार शाम को निधन हो गया। वह कोरोना से संक्रमित थे और पिछले कई दिनों से अपने घर में ही आइसोलेशन में थे। चीन में लॉकडाउन खुल गया है, लेकिन कर्मचारियों को नए नियमों के दायरे में जीना पड़ रहा है। कहीं दिन में तीन बार तापमान मापना जरूरी है, तो दस्तावेजों को छूने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोना अनिवार्य है। कई कंपनियों ने सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल से भी मना कर दिया है। कैब चालकों को गाड़ी सैनिटाइज करते वक्त वीडियो बनाकर भेजना होता है, तो रेस्तरां कर्मचारियों को बाहर नहीं जाने देते। गिने-चुने कर्मचारी ही आ रहे हैं और बाकी को घर से काम करने को कहा गया है। इससे भी बढ़कर सरकारी हैल्थ एप्लीकेशनों पर कर्मचारियों की आवाजाही ट्रैक की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद चीन में जनजीवन देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि जब अन्य देशों के लोग काम पर लौटेंगे, तो दुनिया पहले जैसी नहीं रहने वाली है। चीन मॉडल पर निर्भर बाकी देशों की गतिविधियां चीन में तीन माह बाद फैक्टरियां, बाजार और दफ्तर खुले हैं। जानकारों का कहना है कि अगर ये बिना बड़े संक्रमण के गतिविधियां कर पाते हैं, तो यह सफलता बाकी देशों के लिए भी मॉडल बन सकती है। विफल रहा, तो सबक भी मिल जाएंगे। कंपनियों की बात करें, तो फेस मास्क और डिसइंफेक्टेंट के इस्तेमाल से लेकर निश्चित दूरी रखना अनिवार्य है। ट्रैकिंग के लिए एप्लीकेशन होना जरूरी है। कई कर्मचारियों ने बताया कि जीवन पहले जैसा नहीं रहा है। कर्मचारियों की निगरानी संक्रमित इलाके में जाने पर कर्मचारियों की बारीकी से निगरानी की जा रही है। कंपनी के मुख्य द्वार पर किसी कर्मचारी का तापमान बढ़ा हुआ पाया जाता है, तो उसे फौरन अस्पताल ले जाया जाता है। लक्षण आने पर उसके साथियों को क्वारंटीन किया जाता है। कंपनी प्रबंधन स्थानीय प्रशासन को संबंधित कर्मचारी के किसी ट्रेन या विमान में होकर आने की जानकारी देता है। कार्यस्थलों पर बैठकें बंद, दरवाजे-खिड़कियां खोले रखना जरूरी बड़ी कंपनियां कर्मचारियों को कार्यस्थल पर आचरण में बदलाव पर जोर दे रही हैं। आईफोन बनाने वाली ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन ने सार्वजनिक परिवहन से बचने और पैदल न आने के लिए कहा है। कार या बाइक से आने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दफ्तर में एलिवेटर के बटन दबाने में सावधानी बरतने, सतहों और दस्तावेजों को छूने के बाद फौरन हाथ धोना अनिवार्य किया गया है। कार्यस्थलों पर बैठकें बंद कर दी गई हैं। खिड़कियां व दरवाजे खुले रखे जा रहे हैं। आपूर्ति शृंखला के कर्मचारियों के लिए नियम काफी सख्त हालांकि शहरों में अलग-अलग नियमों का पालन कराया जा रहा है। मसलन, लॉजिस्टिक और आपूर्ति शृंखला से जुड़े लोगों के लिए नियम काफी सख्त हैं। कर्मचारी भी नियमों की पालना कर रहे हैं। सुरक्षित रहने के लिए अधिकांश लोग अली-पे और वीचैट जैसे एप में सरकार द्वारा स्वीकृत स्वास्थ्य संहिता अपना रहे हैं। ये एप लोगों के किसी संक्रमित क्षेत्र में आवाजाही पर पूरी नजर रखते हैं। हालांकि चीनी सरकार ने ट्रैकिंग तंत्र की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। खाना से लेकर डिलीवरी तक विशेष व्यवस्था वहीं रेस्तराओं की बात करें तो काफी जगह कर्मचारियों को वहीं ठहरने की व्यवस्था कराई जा रही है। ऑनलाइन फूड डिलिवरी के लिए खाना बनाने, पैक करने वाले से लेकर सप्लाई करने वाले व्यक्तियों का नाम और तापमान ऑर्डर के साथ एक कार्ड पर लिखकर दिया जाता है। रेस्तरां मालिक कर्मचारियों को बाहरी लोगों से घुलने-मिलने भी नहीं दे रहे हैं। कैब सैनिटाइज करना, वीडियो भेजना अनिवार्य कैब सेवाओं की बात करें, तो दीदी चुझिंग कंपनी के ड्राइवरों को हर रोज खुद के तापमान के साथ कार को सैनिटाइज करके वीडियो बनाकर भेजना होता है। साथ ही कार चलाते वक्त मास्क और हाथों में दस्ताने पहनना जरूरी किया गया है। डिलिवरी बॉय पहन रहे सुरक्षा किट ई-कॉमर्स कंपनियों के पार्सलों को गोदामों में सैनिटाइज किया जाता है। फिर डिलिवरी करने वाले व्यक्तियों के तापमान लेने से लेकर उनके हाथ सैनिटाइज कराए जाते हैं। हरेक व्यक्ति को मास्क, दस्ताने और अपना सैनिटाइजर रखना अनिवार्य है। वुहान जैसे इलाकों में तो डिलिवरी बॉय सामान देने जाते वक्त सुरक्षा किट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। कहीं दो से तीन शिफ्ट तो कहीं वर्क फ्रॉम होम कई कंपनियों ने एलिवेटरों को किसी निश्चित मंजिल पर उतरने के लिए ही डिजाइन कर दिया है। खड़े होने के लिए  गोले बना दिए गए हैं। कई कंपनियों ने दो से तीन शिफ्ट तय की हैं। ज्यादातर ने लंबे समय के लिए घर से फुल टाइम वर्क कराने का निर्णय लिया है। चीन में लॉकडाउन खुल गया है, लेकिन कर्मचारियों को नए नियमों के दायरे में जीना पड़ रहा है। कहीं दिन में तीन बार तापमान मापना जरूरी है, तो दस्तावेजों को छूने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोना अनिवार्य है। कई कंपनियों ने सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल से भी मना कर दिया है। कैब चालकों को गाड़ी सैनिटाइज करते वक्त वीडियो बनाकर भेजना होता है, तो रेस्तरां कर्मचारियों को बाहर नहीं जाने देते। गिने-चुने कर्मचारी ही आ रहे हैं और बाकी को घर से काम करने को कहा गया है। इससे भी बढ़कर सरकारी हैल्थ एप्लीकेशनों पर कर्मचारियों की आवाजाही ट्रैक की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद चीन में जनजीवन देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि जब अन्य देशों के लोग काम पर लौटेंगे, तो दुनिया पहले जैसी नहीं रहने वाली है। 17 मई को हर साल दूरसंचार दिवस मनाया जाता है। दूरसंचार दिवस को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित किया। साल 2005 के बाद से 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस (WTISD) के रूप में मनाया जाने लगा। विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था। आइए आज इस खास मौके पर इस दिवस के बारे में कुछ खास बाते जानते हैं... 17 मई को पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन के हस्ताक्षर की वर्षगांठ भी है। खास बात यह है कि यूएन ने जब विश्व दूरसंचार दिवस की घोषणा हुई तो उस दिन भी 17 मई ही थी। नवंबर 2006 में, तुर्की के अंताल्या में आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन ने 17 मई को दोनों विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। विश्व दूरसंचार दिवस पूरी दुनिया में इंटरनेट और संचार के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विश्व संचार दिवस का मकसद वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के बारे में सकारात्मकता फैलाना है। विश्व दूरसंचार दिवस का उद्देश्य सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सूचना और संचार दोनों को आसानी से सुलभ बनाना है। 5G: साल 2020 को 5जी का साल कहा गया है लेकिन कोरोना ने इस पर ब्रेक लिया गया है, हालांकि 5जी नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव देखने को मिला है और आने वाले समय में इसमें काफी विकास होगा। गार्टनर ने भविष्यवाणी की है कि 2020 में दुनियाभर में 5G नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर रेवेन्यू 4.2 बिलियन डॉलर को छू जाएगा, जो 89 प्रतिशत की साल-दर-साल की वृद्धि दर्ज करेगा। क्लाउड कम्यूनिकेशन: 2020 में, क्लाउड कंम्यूनिकेशन पर होने वाला खर्च कुल तकनीक पर होने वाले खर्च का 70 फीसदी है। 2025 तक दुनिया भर में लगभग 80 फीसदी व्यवसाय क्लाउड कम्यूनिकेशन पर निर्भर होंगे। खास बात यह है कि कोरोना महामारी इसके विकास को और तेज कर दिया है। डाटा एंड इंफ्रास्ट्रक्चर: डाटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट (DCIM) ने टेक्नोलॉजी को ऊपर ले जाने में काफी मदद की है। इसकी मदद से बिजली की खपत और स्वामित्व की लागत को कम करने में मदद मिलती है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसकी वजह से वैश्विक व्यापार में अरबों डॉलर बचते हैं। कंपनियों के साथ अब बिजली की खपत पर नजर रखने और नियंत्रण में मदद मिलेगी। बिजनेस के लिए चैट एप: आपको जानकर हैरानी होगी कि बिजनेस चैट एप्स पर एक मिनट में 41 मिलियन मैसेज भेजे जाते हैं और 2020 के अंत तक तीन अरब लोग चैट एप्स पर चैटिंग करेंगे। इसकी सबसे बड़ी खासियत चैट एप्स 24*7 उपलब्ध रहते हैं। इसके अलावा चैट एप्स आम सवालों के जवाब देने में सक्षम होंगे। सार हर साल 17 मई को मनाया जाता है विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था विश्व दूरसंचार दिवस विस्तार 17 मई को हर साल दूरसंचार दिवस मनाया जाता है। दूरसंचार दिवस को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व सूचना समाज दिवस के रूप में घोषित किया। साल 2005 के बाद से 17 मई को विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस (WTISD) के रूप में मनाया जाने लगा। विश्व दूरसंचार दिवस पहली बार 1969 में मनाया गया था। आइए आज इस खास मौके पर इस दिवस के बारे में कुछ खास बाते जानते हैं... 17 मई को पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन के हस्ताक्षर की वर्षगांठ भी है। खास बात यह है कि यूएन ने जब विश्व दूरसंचार दिवस की घोषणा हुई तो उस दिन भी 17 मई ही थी। नवंबर 2006 में, तुर्की के अंताल्या में आईटीयू प्लेनिपोटेंटरी सम्मेलन ने 17 मई को दोनों विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। विश्व दूरसंचार दिवस पूरी दुनिया में इंटरनेट और संचार के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विश्व संचार दिवस का मकसद वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के बारे में सकारात्मकता फैलाना है। विश्व दूरसंचार दिवस का उद्देश्य सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सूचना और संचार दोनों को आसानी से सुलभ बनाना है। दुनिया इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है। ऐसे वक्त में भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत के साथ छद्म युद्ध के बाद अब साइबर वॉर शुरू किया है। एजेंसियों की ओर से भारत सरकार को भेजी गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पाकिस्तान सोशल मीडिया का सहारा लेकर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत फैला रहा है। खासतौर पर खाड़ी देशों में जिनसे भारत के अच्छे संबंध हैं। बुधवार को सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी माहौल बनाने की कोशिश की और 'इस्लामोफोबिया इन इंडिया' के नाम से भारत और खास तौर पर यूएई में झूठा प्रचार किया। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पीएम मोदी पर हमला कर के भारत और खाड़ी देशों के करीबी सहयोगियों के बीच एक दरार डालने की कोशिश कर रहा है। एजेंसियों के मूल्यांकन के बाद नॉर्थ ब्लॉक को उन ट्रोल अकाउंट की जानकारी दी गई है जो पाकिस्तान और खाड़ी देशों से भारत में प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। देखा जाए तो पाकिस्तान के लिए यह कोई नई बात नहीं है, पाक ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर में लॉकडाउन लगाने और अनुच्छेद-370 हटाने के बाद भी सोशल मीडिया पर लगातार झूठा प्रचार किया था और भारत के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं हाल के गतिविधियों पर नजर रखने के बाद एजेंसियों ने इस पूरे मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' का हाथ बताया है। दुनिया इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है। ऐसे वक्त में भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत के साथ छद्म युद्ध के बाद अब साइबर वॉर शुरू किया है। केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा नेता अमित शाह एक महीने चलने वाले ऑनलाइन रैली अभियान के तहत वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए ओडिशा जन-संवाद वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे हैं, पढ़िए उनके भाषण की खास बातें। मैं ओडिशा की भूमि और भगवान जगन्नाथ को नमन करता हूं। ओडिशा के लोगों ने हमेशा अपनी स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी। भाजपा राजनीति में सिर्फ सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं बल्कि जनसंवाद करने के लिए आई है। हम जनता की समस्या को जानने की कोशिश करते हैं और उनके मुद्दों को हल कर उसके नतीजे जनता के सामने पेश करते हैं। कोविड-19 एक वैश्विक महामारी है। पीएम मोदी ने सामाजिक दूरियों के लिए भी सलाह दी है लेकिन यह कभी भी लोगों और भाजपा के बीच नहीं हो सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में, हम अब आभासी रैलियों के माध्यम से लोगों के साथ संपर्क कर रहे हैं। ये जो संवाद परंपरा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जी ने चालू रखी है वो दुनिया की राजनीति को रास्ता दिखाने वाली होगी कि ऐसी महामारी के समय भी कोई पार्टी अपने देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए किस तरह से जनसंवाद कर सकती है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट के समय 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को भोजन कराया है। मैं इस काम के लिए पार्टी अध्यक्ष, उनकी टीम और सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने 50 करोड़ गरीब भारतीयों के लिए आयुष्मान भारत की शुरुआत की, उन्हें स्वास्थ्य का अधिकार दिया, 5 लाख रुपये के इलाज का खर्च मोदी सरकार उठा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा नेता अमित शाह एक महीने चलने वाले ऑनलाइन रैली अभियान के तहत वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए ओडिशा जन-संवाद वर्चुअल रैली को संबोधित कर रहे हैं, पढ़िए उनके भाषण की खास बातें। मैं ओडिशा की भूमि और भगवान जगन्नाथ को नमन करता हूं। ओडिशा के लोगों ने हमेशा अपनी स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी। भाजपा राजनीति में सिर्फ सत्ता प्राप्त करने के लिए नहीं बल्कि जनसंवाद करने के लिए आई है। हम जनता की समस्या को जानने की कोशिश करते हैं और उनके मुद्दों को हल कर उसके नतीजे जनता के सामने पेश करते हैं। कोविड-19 एक वैश्विक महामारी है। पीएम मोदी ने सामाजिक दूरियों के लिए भी सलाह दी है लेकिन यह कभी भी लोगों और भाजपा के बीच नहीं हो सकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में, हम अब आभासी रैलियों के माध्यम से लोगों के साथ संपर्क कर रहे हैं। ये जो संवाद परंपरा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा जी ने चालू रखी है वो दुनिया की राजनीति को रास्ता दिखाने वाली होगी कि ऐसी महामारी के समय भी कोई पार्टी अपने देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए किस तरह से जनसंवाद कर सकती है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कोरोना संकट के समय 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को भोजन कराया है। मैं इस काम के लिए पार्टी अध्यक्ष, उनकी टीम और सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने 50 करोड़ गरीब भारतीयों के लिए आयुष्मान भारत की शुरुआत की, उन्हें स्वास्थ्य का अधिकार दिया, 5 लाख रुपये के इलाज का खर्च मोदी सरकार उठा रही है। हॉकी लीजेंड और तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा रहे बलबीर सिंह सीनियर की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। बीते आठ मई से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती सीनियर की तबीयत बुधवार को फिर उस समय और बिगड़ गई जब उन्हें तीसरी बार दिल का दौरा पड़ा। हालांकि डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। तब से उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। बलबीर सिंह सीनियर के नाती कबीर ने बताया बीते बुधवार को नानाजी को दो बार दिल का दौरा पड़ा था। उनकी हालत ठीक नही है और उन्हें अभी भी वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इससे पहले मंगलवार सुबह बलबीर सिंह को दिल का दौरा पड़ चुका है। बता दें कि 8 मई को अचानक उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। लगातार बिगड़ती तबीयत के चलते हॉकी के प्रशंसक उनके लिए दुआ मांग रहे हैं। यह भी पढ़ें-  बड़ी राहतः कोरोना संक्रमित चंडीगढ़ के पांच और पंजाब का एक मरीज डिस्चार्ज होकर लौटे घर कैप्टन ने ट्वीट कर जल्द ठीक होने की कामना की पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बलबीर सिंह सीनियर के जल्द ठीक होने की कामना की। मंगलवार को ट्वीट करते हुए कैप्टन ने लिखा कि, यह जानकर दुख हुआ कि बलबीर सिंह सीनियर जी को दिल का दौरा पड़ा है और वह अभी गंभीर अवस्था में आईसीयू में हैं। सर, आपके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। बता दें कि बीते 8 मई को अचानक तबीयत खराब होने पर बलबीर सिंह सीनियर को मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तब से वह फोर्टिस के जनरल आईसीयू में भर्ती हैं। सीनियर को पिछले साल जुलाई 2019 में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस वक्त पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे। यह हैं बलबीर सिंह सीनियर की उपलब्धियां बलबीर सिंह सीनियर लंदन ओलंपिक 1948, हेलसिंकी ओलंपिक 1952 और मेलबर्न ओलंपिक 1956 में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। 1956 के ओलंपिक में वह भारतीय हॉकी टीम के कप्तान बने थे। इसके अलावा वह वर्ल्ड कप 1971 में ब्रॉन्ज और वर्ल्ड कप 1975 में गोल्ड जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच थे हॉकी लीजेंड और तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता टीम का हिस्सा रहे बलबीर सिंह सीनियर की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। बीते आठ मई से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती सीनियर की तबीयत बुधवार को फिर उस समय और बिगड़ गई जब उन्हें तीसरी बार दिल का दौरा पड़ा। हालांकि डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं। तब से उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य में 4666 मामलों की पुष्टि की है, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। कोरोना के कारण राज्य में 232 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ और पुणे ग्रामीण को 27 अप्रैल तक पूरी तरह सील कर दिया गया है। पुणे में अब तक 669 पॉजिटिव मामले मिल चुके हैं, जबकि 51 लोगों की जान जा चुकी है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुणे व पिंपरी चिंचवाड़ में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह पहला मामला है जब किसी पूरे शहर को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। इससे पहले शहरों में कुछ चिह्नित इलाकों की कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है। पुणे के नगर निगमायुक्त शेखर गायकवाड़ ने बताया, उपमुख्यमंत्री के आदेश के बाद नगर निगम की सीमाएं सील कर दी गई हैं। संबंधित पुलिस स्टेशनों ने भी अपने क्षेत्र की सीमाओं को सील कर दिया है। नगर निगम के तहत आने वाले 15 वार्डों में से 12 में कोरोना से संक्रमित मरीज मिले हैं, जिसके बाद यह फैसला किया गया। संक्रमण को रोकने के लिए लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोकने की आवश्यकता है। केवल आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को आवाजाही की अनुमति दी गई है। भोपाल में नौ दिन की बच्ची पॉजिटिव, इंदौर पहुंची विशेष टीम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक नौ दिन की बच्ची को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। बच्ची का जन्म सुल्तानिया अस्पताल में हुआ था, जहां की दो नर्सों को संक्रमित पाया गया था। बच्ची के माता-पिता का भी टेस्ट किया गया है, जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है। इस बीच, राज्य में मरीजों का आंकड़ा 1407 पहुंच गया है, जिनमें से 890 केस इंदौर से हैं। केंद्र सरकार की ओर से एक विशेष मेडिकल टीम इंदौर पहुंची है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। राजस्थान के नागौर में नवजात को संक्रमण... राजस्थान के नागौर जिले में एक नवजात में कोरोना संक्रमण मिला है। जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सुकुमार कश्यप ने सोमवार को बताया, बच्चे का जन्म शनिवार को हुआ था। उसकी मां, पिता और परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना संक्रमित हैं। बच्ची की जांच रिपोर्ट रविवार को आई थी। बसनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची का जन्म हुआ था। आंध्र प्रदेश में सब इंस्पेक्टर की मौत... आंध्र प्रदेश में बीते 24 घंटे में 75 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जिसके बाद राज्य में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 722 हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बताया, बीते 24 घंटे में तीन लोगों की मौत हुई है, जिनमें अनंतपुरामू का सब इंस्पेक्टर भी शामिल है। वहीं, श्रीकलाहस्ती में एक महिला सब इंस्पेक्टर व सात सरकारी अधिकारी भी संक्रमित मिले हैं। कर्नाटक में  जमात में शामिल लोगों के लिए एडवाइजरी... कर्नाटक में पांच नए मरीज मिलने के साथ राज्य में संक्रमितों की संख्या 395 हो गई है। इस बीच, दिल्ली में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें जमातियों को 08029711171 आरोग्य सहायवाणी पर संपर्क करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को एडवाइजरी के साथ ट्वीट किया। मुंबई में 53 मीडियाकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव, आइसोलेशन में मुंबई में कम से कम 53 मीडियाकर्मियों को कोरोना से संक्रमित पाया गया है। बृह्नमुंबई नगर पालिका (बीएमसी) ने सोमवार को बताया, शहर के आजाद मैदान में 16 से 17 अप्रैल के बीच एक कैंप लगाया गया था, जिसमें 171 मीडियाकर्मियों के सैंपल लिए गए थे। इनमें इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में काम करने वाले पत्रकार, कैमरामैन भी शामिल हैं। इनमें से 53 की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सभी को आइसोलेशन में रखा गया है। इनके उच्च या कम जोखिम का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। मुंबई में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3032 हो गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीते 36 घंटे में 835 नए मामलों की पुष्टि की। ठाकरे ने कहा, कुछ इलाकों में सीमित औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है, लेकिन इसे कोरोना का खतरा कम होने के नजरिये से न देखा जाए। नॉन हॉटस्पॉट इलाकों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू की गई हैं। इस बीच राज्य में सोमवार को कोरोना के 466 नए मरीज मिले। 24 घंटे में 9 और कोरोना पीड़ितों की मौत हो गई। मृतकों में मुंबई के 7 और मालेगांव के दो मरीज शामिल हैं। इस बीच 65 कोरोना मरीज स्वस्थ्य होकर घर पहुंचे हैं। गुजरात में 1800 के पार हुए मरीज गुजरात में सोमवार को कोरोना के 108 नए मरीज मिले, जिसके बाद राज्य में कुल मरीजों का आंकड़ा 1851 हो गया है। चार और मौतों के साथ 67 लोगों की जान जा चुकी है। उपायुक्त विजय पटेल ने बताया, नौ ट्रैफिक पुलिसकर्मियों समेत 24 को कोरोना संक्रमित पाया गया है। इनमें से दो साथियों के संपर्क में आने के बाद पॉजिटिव हुए। जबलपुर अस्पताल से भागा कोविड-19 मरीज पकड़ा मध्य प्रदेश के जबलपुर अस्पताल से फरार कोरोना संक्रमित आरोपी को सोमवार सुबह नरसिंहपुर बार्डर से गिरफ्तार कर लिया गया। इंदौर में डॉक्टरों पर पथराव मामले में आरोपी रविवार शाम को सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से फरार हो गया था। गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पथराव मामले में उस पर रासुका लगाया गया था। सरकार राशन दुकानों को देगी 50 लाख मास्क मध्य प्रदेश सरकार ने पचास लाख सस्ते मास्क उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। सरकार ये मास्क राशन की दुकानों के जरिये उपलब्ध कराएगी। जनसंपर्क अधिकारी ने सोमवार को बताया कि सरकार यह मास्क शहरी इलाकों में महिलाओं द्वारा तैयार करवाएगी। रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बुलाई गई बैठक में इसका फैसला लिया गया। ड्राइवरों को मिलेगी ढाबों की जानकारी भूतल परिवहन मंत्रालय ने सोमवार को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे ड्राइवरों की मदद के लिए ढाबों और ट्रक की मरम्मत की दुकानों की सूची वाला एक डैशबोर्ड लॉन्च किया। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कॉल नंबर 1033 पर भी ड्राइवर यह जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मंत्रालय ने कहा, इसका उद्देश्य चुनौतीपूर्ण समय में आवश्यक वस्तुओं के वितरण में लगे ड्राइवरों और क्लीनरों को सुविधा प्रदान करना है। आंध्र प्रदेश में संक्रमण से एएसआई का निधन आंध्र प्रदेश के अनंतपुरम जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 51 वर्षीय सहायक सब इंस्पेक्टर (एएसआई) एस हबीबुल्ला का निधन हो गया। हबीबुल्ला पारिगी पुलिस स्टेशन में तैनात थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। हिंदूपुरम कस्बे के निवासी हबीबुल्ला पिछले तीन साल से पारिगी में तैनात थे। 20 दिन पहले बीमार होने पर पारिगी एसआई ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया था। हालांकि वह कुछ दिनों बाद ही काम पर लौट आए थे। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए एसआई ने उन्हें कोनापुरम पिकेट पर ड्यूटी पर भेजा था। 16 अप्रैल को फिर से हबीबुल्ला बीमार पड़ गए। परिजन उन्हें हिंदूपुरम जीजीएस ले गए। इसके बाद उसे अनंतपुरम कोविड-19 अस्पताल ले जाया गया था। विदेशों में फंसे छात्रों की मदद कर रहे पूर्व छात्र दूसरे देशों में फंसे आईआईटी के विद्यार्थियों की मदद को पूर्व छात्र आगे आए हैं। सेमेस्टर एक्सचेंज, इंटर्नशिप और कई देशों में छोटी अवधि वाली परियोजनाओं के तहत ये छात्र विदेश गए थे। सभी आईआईटी ने पूर्व छात्रों से अपील की है कि वे विदेशों में फंसे छात्रों की रहने व अन्य तरह से मदद करें। विदेशी छात्रों ने इनकी मदद करने की इच्छा जताई है। क्वारंटीन कराने वालों पर हमला, 59 गिरफ्तार कर्नाटक में बंगलूरू के पदरायणपुरा में संदिग्ध कोरोना संक्रमित लोगों को क्वारंटीन कराने पहुंचे पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों पर लोगों ने हमला कर दिया। इस मामले में पुलिस ने सोमवार को 59 लोगों को गिरफ्तार किया और पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। अल्पसंख्यक बहुल पदरायणपुरा कोरोना हॉटस्पॉट है। प्रशासन ने इस इलाके को सील किया है। प्रशासन को इसकी सूचना मिली थी कि वहां पर कुछ ऐसे लोग हैं जो कोरोना संक्रमितों के सीधे संपर्क थे। इन लोगों को क्वारंटीन करने के लिए महानगरपालिका की एक टीम पुलिस के साथ पहुंची थी। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य में 4666 मामलों की पुष्टि की है, जो देश में सबसे ज्यादा हैं। कोरोना के कारण राज्य में 232 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ और पुणे ग्रामीण को 27 अप्रैल तक पूरी तरह सील कर दिया गया है। पुणे में अब तक 669 पॉजिटिव मामले मिल चुके हैं, जबकि 51 लोगों की जान जा चुकी है। एक ओर देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है तो दूसरी ओर असम में स्वाइन फ्लू की आहट हुई है। असम सरकार ने रविवार को बताया कि अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। अब तक राज्य के सात जिलों के 306 गांवों में करीब 2500 सूअरों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है। राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद भी राज्य तुरंत सूअरों को मारने के स्थान पर इस अत्यधित संक्रामण बीमारी को रोकने के लिए दूसरा तरीका अपनाएगा। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल ने इस बात की पुष्टि की है कि यह अफ्रीकी स्वाइन फ्लू है। केंद्र सरकार ने में जानकारी दी है कि यह इस बीमारी का देश में पहला मामला है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की गई साल 2019 की जनगणना के मुताबिक असम में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, लेकिन अब यह बढ़ कर करीब 30 लाख हो गई है। बोरा ने कहा, 'हमने विशेषज्ञों से चर्चा की है कि क्या हम तुरंत मारने के स्थान पर सूअरों को बचा सकते हैं। इस बीमारी से प्रभावित सूअर की मृत्यु लगभग निश्टित होती है। इसलिए हमने अभी तक बीमारी से बचे सूअरों को बचाने के लिए कुछ योजनाएं बनाई हैं। एक ओर देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है तो दूसरी ओर असम में स्वाइन फ्लू की आहट हुई है। असम सरकार ने रविवार को बताया कि अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। अब तक राज्य के सात जिलों के 306 गांवों में करीब 2500 सूअरों की इसकी वजह से मौत हो चुकी है। देश में कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और मुसीबतों का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहयोग करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ओर से कमियां रही हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को आवास, भोजन और यात्रा की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। बता दें कि लॉकडाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर उन राज्यों में फंस गए थे जहां वह काम करने गए थे। आय और भोजन का कोई साधन न होने के चलते कई श्रमिक घर जाने के लिए पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल गए थे। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस सुविधा संचालित करने का फैसला किया था। मजदूरों के पलायन के बाद मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं सामने आई हैं। कहीं, गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया और उसके कुछ घंटे बाद फिर यात्रा शुरू कर दी। वहीं, कुछ मजदूरों की ट्रेन के नीचे आ जाने से हुई मौत ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। देश में कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और मुसीबतों का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहयोग करने को कहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना के चार मरीजों पर हुए प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी की गई जो काफी हद तक सफल रही। इन पर मंगलवार को थेरेपी की गई थी। हमने एलएनजेपी अस्पताल के 4 मरीज़ों पर प्लाज्मा का ट्रायल करके देखा, उसके अब तक के नतीजे उत्साहवर्धक हैं। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों से इसके लिए ब्लड डोनेट करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने से आप कई लोगों की जान बचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि करीब दस दिन पहले हमें केंद्र सरकार से अनुमति मिली थी कि हम एलएनजेपी अस्पताल के सबसे गंभीर मरीजों पर इसका ट्रायल कर सकते हैं। उन्होंने प्लाज्मा थेरेपी के बारे में बताते हुए कहा कि जो कोरोना के मरीज ठीक होकर घर चले जाते हैं, उनका प्लाज्मा निकालकर हम जो संक्रमित मरीज हैं उनमें डालते हैं, तो वो ठीक हो सकते हैं। हमने इस थेरेपी का इस्तेमाल एलएनजेपी के चार गंभीर रूप से कोरोना पीड़ितों पर किया था। उन्होंने कहा कि परिणाम काफी उत्साहवर्धक हैं। मुख्यमंत्री ने इसके बाद आईएलबीएस अस्पताल के डॉक्टर सरीन को पूरी बात समझाने के लिए आमंत्रित किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना के चार मरीजों पर हुए प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी की गई जो काफी हद तक सफल रही। इन पर मंगलवार को थेरेपी की गई थी। इस साल ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अक्तूबर-नवंबर में होने वाले टी-20 विश्व कप को 2022 तक के लिए टाला जा सकता है। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ICC के सूत्रों की मानें तो कोरोना संकट को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कल होने वाली बैठक में इस फैसले पर मुहर लग सकती है। इसे अनिश्चितकाल के लिए टाले गए आईपीएल 2020 के लिए खुशखबरी मानी जा सकती है। मतलब स्पष्ट है कि अब साल 2022 में वर्ल्ड T-20 का आयोजन किया जाएगा क्योंकि 2021 के टी-20 विश्व कप की अगुवाई भारत को करनी है। संभावना तो यह भी जताई जा रही है कि बीसीसीआई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के बीच समझौते के तहत 2021 का विश्व कप भारत की जगह ऑस्ट्रेलिया में हो सकता है। सार इस साल ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्तूबर से 15 नवंबर के बीच होना है वर्ल्ड टी-20 विस्तार इस साल ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर अक्तूबर-नवंबर में होने वाले टी-20 विश्व कप को 2022 तक के लिए टाला जा सकता है। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ICC के सूत्रों की मानें तो कोरोना संकट को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कल होने वाली बैठक में इस फैसले पर मुहर लग सकती है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत सरकार की ओर से लॉन्च किए गए आरोग्य सेतु एप के फर्जी संस्करण ने भारतीय सेना की चिंता बढ़ा दी है। सेना ने अपने जवानों को इस संबध में आगाह किया है। सेना ने एक परामर्श जारी कर कहा है कि यह फर्जी एप संवेदनशील जानकारियां चुरा सकता है। दरअसल, सुरक्षा एजेंसियों ने सैनिकों और अर्द्धसैनिक बलों को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बनाए गए आरोग्य सेतु एप से मिलते-जुलते एप्लीकेशन के प्रति सचेत किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से आरोग्य सेतु एप से मिलता-जुलता मोबाइल एप्लीकेशन बनाया गया है। इसका मकसद संवेदनशील जानकारियां चुराना है। अधिकारियों ने बुधवार को एक परामर्श में कहा है कि यह फर्जी एप उपयोगकर्ता को व्हाट्सएप पर संदेश के जरिये या एसएमएस के जरिये, ईमेल के जरिये या इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया के मार्फत किसी लिंक से प्राप्त हो सकता है। परामर्श में सभी कर्मियों को सुझाव दिया गया है कि आरोग्य सेतु एप को अपने फोन में डाउनलोड करने के लिए अधिकृत वेबसाइट माईजीओवी डॉट इन पर ही जाएं। कैसे सेंध लगाता है फर्जी एप परामर्श के मुताबिक, डाउनलोड किए जाने के दौरान फर्जी एप उपयोगकर्ता से इंटरनेट का इस्तेमाल करने और अतिरिक्त एप्लीकेशन पैकेज इंस्टॉल करने की इजाजत देने के लिए कहता है। इसके बाद, यह दुर्भावनापूर्ण लिंक फेस डॉट एपीके, आईएमओ डॉट एपीके, नॉर्मल डॉट एपीके, ट्रूसी डॉट एपीके, स्नैप डॉट एपीके और वाइबर डॉट एपीके डालता (इंस्टॉल करता) है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसके बाद ये वायरस हैकर को उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन में मौजूद जानकारियों और फोन की गतिविधियों को जानने में सक्षम कर देते हैं। उपयोगकर्ता के फोन से निकाली गई जानकारियां एप की कमान एवं नियत्रण केंद्र में रखी जाती है, जिसके नीदरलैंड में स्थित होने की बात कही जा रही है। लिंक खोलते समय रहें सावधान उन्होंने कहा कि सभी सैनिकों को अपने मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया और ईमेल पर संदिग्ध लिंक खोलते समय सावधान रहने के लिए कहा गया है। साथ ही उनसे एंटी वायरस अपडेट करने के लिए भी कहा गया है। बता दें कि भारत सरकार ने आरोग्य सेतु एप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति जोखिम का आकलन करने में मदद करने के लिए लॉन्च किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सरकारी अधिकारियों के लिए इसे डाउनलोड करना और अपने फोन में इस एप का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत सरकार की ओर से लॉन्च किए गए आरोग्य सेतु एप के फर्जी संस्करण ने भारतीय सेना की चिंता बढ़ा दी है। सेना ने अपने जवानों को इस संबध में आगाह किया है। सेना ने एक परामर्श जारी कर कहा है कि यह फर्जी एप संवेदनशील जानकारियां चुरा सकता है। विदेश मंत्रालय अपने यहां फंसे सभी विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने की व्यवस्था कर रहा है। इसमें पाकिस्तान के नागरिक भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया, हमें पाक उच्चायोग से पता चला है कि हमारे देश में मौजूद उनके 180 नागरिक वापस जाना चाहते हैं। हम इसे लेकर संबंधित अधिकारियों से बात कर रहे हैं। बता दें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की वजह से पूरी दुनिया में हर तरह की यात्री सेवाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ है। कोरोना के चलते भारत ने सभी देशों के लिए अपनी सीमाएं पहले ही बंद कर दी हैं। ऐसे में विदेश मंत्रालय अपने यहां फंसे विदेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजने की तैयारी कर रहा है। अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए पाकिस्तानी उच्चायोग लगातार भारत से संपर्क में है। पाकिस्तान ने अपने नागरिकों की अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए जांच करवाने की भी मांग की है। बता दें, पिछले महीने पांच पाकिस्तानी नागरिक अट्टारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते अपने देश वापस गए थे। सार भारत में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने भारत से मदद मांगी है। पाक उच्चायोग ने कहा है कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में मौजूद नागरिकों को वाघा बॉर्डर के रास्ते 16 अप्रैल को सुबह 10 बजे पाकिस्तान भिजवाया जाए। विस्तार विदेश मंत्रालय अपने यहां फंसे सभी विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजने की व्यवस्था कर रहा है। इसमें पाकिस्तान के नागरिक भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया, हमें पाक उच्चायोग से पता चला है कि हमारे देश में मौजूद उनके 180 नागरिक वापस जाना चाहते हैं। हम इसे लेकर संबंधित अधिकारियों से बात कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सौरव गांगुली का कद बढ़ता नजर आ रहा है. मौजूदा वक्त में बीसीसीआई के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान गांगुली की छवि की वजह से अब उनका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर भी बढ़ता जा रहा है, शायद यही कारण है कि क्रिेकेट दक्षिण अफ्रीका के निदेशक ग्रीम स्मिथ ने आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के चेयरमैन पद के लिये गांगुली का समर्थन किया है। शंशाक मनोहर इस वक्त आईसीसी के चेयरमैन हैं और इसी महीने उनका कार्यकाल समाप्त हो जायेगा, ऐसे में इस बड़े पद के लिए नए उम्मीदवारों की खोज भी शुरू हो जाएगी। इस स्थिति में पूर्व दक्षिण अफ्रीकी कप्तान और मौजूदा निदेशक स्मिथ का गांगुली को समर्थन देना बड़ा मायने रखता है. स्मिथ ही नहीं गांगुली के नाम का समर्थन मुख्य कार्यकारी अधिकारी जाक फॉल ने भी किया और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड गॉवर ने भी भारत के इस पूर्व कप्तान को आईसीसी अध्यक्ष बनने के लिये सही व्यक्ति करार दिया था। मौजूदा हालात में ऐसा भी हो सकता है कि मनोहर का कार्यकाल दो महीने के लिये बढ़ा दिया जाये लेकिन स्मिथ का खुले तौर पर गांगुली का समर्थन करना नई संभावनाओं को बल देता है, क्योंकि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कोलिन ग्रेव्स अब तक प्रबल दावेदार के तौर पर आगे चल रहे थे। स्मिथ ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘हमारे लिए सौरव गांगुली जैसे क्रिकेटर को आईसीसी के अध्यक्ष पद पर बैठे देखना शानदार होगा। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह खेल के लिए भी अच्छा होगा। वह इसे समझते हैं, वह उच्च स्तर तक क्रिकेट खेल चुके हैं, उनका सम्मान किया जाता है और उनकी नेतृत्व क्षमता इसके लिये अहम होगी। स्मिथ ने टी-20 वर्ल्ड कप को लेकर भी अपनी सोच जाहिर की। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट के निदेशक और पूर्व कप्तान ने इस साल होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के आयोजन को लेकर नाउम्मीदी जताई, उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति और कोरोना की वजह से क्रिकेट पर लगे ब्रेक को देखकर मुझे लगता है कि क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप का विश्व कप इस साल टल जाएगा और अगले साल की शुरुआत में होगा। स्मिथ ने कहा, चाहे जैसे भी परिस्थिति हो, वे और उनकी टीम तैयार है और हालात के हिसाब से खिलाड़ियों का चयन करेंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सौरव गांगुली का कद बढ़ता नजर आ रहा है. मौजूदा वक्त में बीसीसीआई के अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान गांगुली की छवि की वजह से अब उनका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर भी बढ़ता जा रहा है, शायद यही कारण है कि क्रिेकेट दक्षिण अफ्रीका के निदेशक ग्रीम स्मिथ ने आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के चेयरमैन पद के लिये गांगुली का समर्थन किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य वापस लौटने वाले मजदूर और छात्रों के रेल टिकट का खर्चा उठाने का एलान किया है। साथ में नीतीश ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि हम केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं कि जिन्होंने हमारा सुझाव माना। हमने पहले ही कहा था कि ट्रेन से ही आने पर बाहर से फंसे लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है। एक वीडियो संदेश में सीएम नीतीश ने साफ किया कि बाहर से आ रहे छात्रों को रेल का भाड़ा नहीं देना है बल्कि राज्य सरकार रेलवे को पैसा दे रही है। उन्होंने कहा कि बिहार लौटने वालों में से किसी को भी टिकट के पैसे नहीं देने होंगे। उनके लिए यहां एक क्वारंटीन केंद्र स्थापित किया गया है। सभी लोग 21 दिन क्वारंटीन रहेंगे उसके बाद उन्हें बिहार सरकार की तरफ से न्यूनतम एक हजार रुपये प्रति व्यक्ति दिए जाएंगे। इस योजना के तहत राज्य में 19 लाख लोगों को पहले ही 1000 रुपये दिए जा चुके हैं। नीतीश ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि हम लोगों के हित में काम कर रहे हैं लेकिन लोगों की बयानबाजी के कारण मैंने सोचा कि मैं ही इस विषय में सभी को बता दूं। नीतीश ने कहा कि कोटा से आने वाले छात्रों से रेल की सुविधा शुरू की गई है और ये लगातार जारी भी है। नीतीश ने कहा कि हमारी सरकार का विश्वास काम करने में है न कि केवल बातें और आरोप-प्रत्यारोप में। सीएम ने बाहर से आ रहे लोगों से अपील की और कहा कि केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन बनाया है उसके तहत ही बाहर से फंसे लोग बिहार आएं। बिहार में अब तक कोरोना के 503 मामले बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 503 तक पहुंच गई। प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) संजय कुमार ने कहा कि चार नए मामलों में कटिहार से एक, बक्सर से दो और कैमूर से एक मामला सामने आया। कटिहार जिले में 30 वर्षीय महिला संक्रमित पाई गई जबकि बक्सर जिले में एक 22 वर्षीय युवक और एक डेढ़ वर्षीय बच्ची में वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। कैमूर जिले में 45 वर्षीय व्यक्ति संक्रमित पाया गया। कुमार ने कहा कि राज्य में 117 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि चार मरीजों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि 364 मरीज अब भी संक्रमण की चपेट में हैं। वहीं, अब तक राज्य में 27,738 नमूनों की जांच की जा चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य वापस लौटने वाले मजदूर और छात्रों के रेल टिकट का खर्चा उठाने का एलान किया है। साथ में नीतीश ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि हम केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं कि जिन्होंने हमारा सुझाव माना। हमने पहले ही कहा था कि ट्रेन से ही आने पर बाहर से फंसे लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है। एक वीडियो संदेश में सीएम नीतीश ने साफ किया कि बाहर से आ रहे छात्रों को रेल का भाड़ा नहीं देना है बल्कि राज्य सरकार रेलवे को पैसा दे रही है। टूंडला के एक रेल अधिकारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एफएच हॉस्पिटल में क्वारंटीन कराए गए एक रेलकर्मी ने आत्महत्या कर ली। कर्मचारी के इस कदम से साथी बेहद हताश हैं। बताया गया है कि आत्महत्या करने वाला 50 वर्षीय कर्मचारी कंट्रोल रूम ऑफिस में काम करता था। अन्य रेल कर्मचारियों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। टूंडला के एफएच हॉस्पिटल में विगत 20 अप्रैल से एक दर्जन से अधिक रेल कर्मचारी क्वारंटीन हैं। बुधवार सुबह 50 वर्षीय रेल कर्मचारी ने फंदे से लटकरकर आत्महत्या कर ली। माना जा रहा है कि वह कोरोना वायरस के चलते बेहद तनावग्रस्त थे। इस घटना की जानकारी सुबह तब हुई जब कर्मचारियों के लिए नाश्ता देने एक युवक आया। रेलकर्मी के इस खौफनाक कदम से साथी दहशत में हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले रेलवे अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद उनके संपर्क में आने वाले करीब एक दर्जन से अधिक कर्मियों को क्वारंटीन किया गया था। टूंडला के एक रेल अधिकारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एफएच हॉस्पिटल में क्वारंटीन कराए गए एक रेलकर्मी ने आत्महत्या कर ली। कर्मचारी के इस कदम से साथी बेहद हताश हैं। बताया गया है कि आत्महत्या करने वाला 50 वर्षीय कर्मचारी कंट्रोल रूम ऑफिस में काम करता था। अन्य रेल कर्मचारियों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने गुरुवार को कहा कि जून-जुलाई में कोरोना वायरस के मामले चरम पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को देखते हुए और जिस तरह से भारत में कोरोना के मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है, जून-जुलाई में महामारी अपने चरम पर होगी। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक, इसमें कई बदलाव भी हो सकते हैं। केवल समय के साथ ही पता चल पाएगा कि यह कितना प्रभावी होगा और लॉकडाउन बढ़ाने के इस पर क्या असर पडे़गा। कुल 52,952 कोरोना संक्रमित केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में अबतक 52,952 कोरोना संक्रमित मरीज हैं और 1,783 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भारत में 35902 सक्रिय केस हैं, जबकि 15266 मरीज ठीक हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 16758 मरीज हैं, इसके बाद गुजरात में 6652 और दिल्ली में 5532 कोरोना मरीज हैं। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने गुरुवार को कहा कि जून-जुलाई में कोरोना वायरस के मामले चरम पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़ों को देखते हुए और जिस तरह से भारत में कोरोना के मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है, जून-जुलाई में महामारी अपने चरम पर होगी। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर में एक समय पर 50 से अधिक व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वर्चुअल क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (आभासी पंक्ति नियंत्रण व्यवस्था) का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में लागू लॉकडाउन में धीरे-धीरे अब राहतें दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि पूजा के स्थानों, रेस्टोरेंट और मॉल केरल में नौ मई से खुलेंगे। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में शुक्रवार को कोरोना वायरस के कुल 11 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ यहां कोरोना को कुल मामलों की संख्या 1697 हो गई है, इनमें 973 सक्रिय मामले हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार कर्नाटक के बंगलूरू में आठ जून से मंदिरों को खोलने की तैयारी भी लगभग पूरी हो गई है। बंगलूरू में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम मंदिरों के सचिव केटी रामाराजू ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगा और साथ ही उनका तापमान जांचने की व्यवस्था भी की जाएगी। रामाराजू ने रहा कि मंदिरों का सैनिटाइजेशन करने का काम पूरा हो गया है। हमने मंदिरों में गोले के निशान बनाए हैं जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन किया जा सके। ये निशान श्रद्धालुओं के लिए दो-दो मीटर की दूरी पर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल मंदिरों में यह व्यवस्था रहेगी कि एक घंटे में 60 से 100 के बीच श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। सार देश में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। इसके पहले चरण यानी अनलॉक 1 में आठ जून से मंदिरों, रेस्टोरेंट और अन्य सेवाओं को दोबारा शुरू करने की इजाजत दी गई है। इसके तहत केरल और कर्नाटक में मंदिरों के दोबारा खुलने से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि, केरल में मंदिर आठ के स्थान पर नौ मई से खुलेंगे। विस्तार केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर में एक समय पर 50 से अधिक व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वर्चुअल क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (आभासी पंक्ति नियंत्रण व्यवस्था) का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में लागू लॉकडाउन में धीरे-धीरे अब राहतें दी जा रही हैं। दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट हर सूरत में 48 घंटे में आ जानी चाहिए। इसमें देरी होने पर संबंधित लैब पर सरकार कार्रवाई करेगी। साथ ही उस लैब को सैंपल लेने का अधिकार भी नहीं होगा। दिल्ली सरकार का यह आदेश ऐसे मामलों पर संज्ञान लेने के बाद आया है, जिसमें रिपोर्ट देने में 10-15 दिन लग रहे थे। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का मानना है कि अगर रिपोर्ट आने में 15 दिन से ज्यादा लग रहे हैं तो फिर इसका कोई मतलब नहीं बनता है। कई लैब ने बहुत सारे सैंपल एकत्र कर लिए हैं और 10-15 दिन में रिपोर्ट दे रहे हैं। 15-20 दिन में रिपोर्ट लेकर क्या करेंगे। उसकी कोई प्रमाणिकता नहीं होती है। ऐसा होने पर लैब सैंपल नहीं ले सकते। सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार ने आदेश दिया कि सैंपल की जांच रिपोर्ट आने का आदर्श समय 24 घंटे है। फिर भी, सरकार ने 48 घंटे का समय दिया है। अगर जांच रिपोर्ट दो दिन में नहीं आती तो सरकार लैब पर कार्रवाई करेगी। वजह यह कि इससे ज्यादा वक्त लगने पर मरीज की हालत बेकाबू हो जाएगी। साथ ही जानकारी नहीं होने पर वह दूसरे कई लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। प्लंबर व इलेक्ट्रिशियन कॉलोनी में कर सकेगा प्रवेश सतेंद्र जैन ने साफ किया है कि कॉलोनियों के भीतर प्लंबर और इलेक्ट्रिशियन खुद नहीं जाएंगे। आरडब्ल्यूए में रहने वाले किसी निवासी के बुलाने पर ही उनको कॉलोनी में घुसने की इजाजत होगी। ऐसी हालत में आरडब्ल्यूए उनको रोक नहीं सकेंगे। हालांकि, संबंधित मकान में सेवा देने के बाद वह वापस लौट जाएंगे। उनको कॉलोनी के भीतर घूमने की इजाजत नहीं होगी। ऐसा भी नहीं है कि कोई प्लंबर बिना बुलाए जा सकता है। मंत्री ने संक्रमण बढ़ने की जताई आशंका जून और जुलाई में कोरोना के मामले ज्यादा बढ़ने की संभावना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा कि यह मॉड्यूल बड़े वैज्ञानिक और डॉक्टर बनाते हैं। पहले भी मैथमेटिकल मॉड्यल की गई थी। उस मॉड्यूल के हिसाब से जो संभावना जताई गई थी, उससे फिलहाल केस कम हैं। उन्होंने कहा कि यदि डॉक्टर कह रहे हैं कि जून-जुलाई में बढ़ेगा, तो संभव हो सकता है। दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट हर सूरत में 48 घंटे में आ जानी चाहिए। इसमें देरी होने पर संबंधित लैब पर सरकार कार्रवाई करेगी। साथ ही उस लैब को सैंपल लेने का अधिकार भी नहीं होगा।