ID Sentence hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_1 SEG001 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_2 page-1 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_3 SEG002 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_4 मॉड्यूल -1 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_5 SEG003 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_6 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_7 SEG004 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_8 टिप्पणियाँ hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_9 SEG005 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_10 परमाणु, अणु और रासायनिक अंकगणित hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_11 SEG006 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_12 रसायन शास्त्र पदार्थ और उनमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_13 रसायनशास्त्र प्राय: कोंद्रिय विज्ञान कहलाती है क्‍योंकि रसायन शास्त्र का मूल ज्ञान जीवविज्ञान, भौतिक शास्त्र, भूगर्भ विज्ञान, पारस्थितिकी विज्ञान और बहुत अन्य विषयों के अध्ययन के लिए आवश्यक होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_14 SEG007 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_15 यद्यपि रसायनशास्त्र पुरातन विज्ञान है इसकी आधुनिक आधारशिला उन्‍नीसवी सदी में डाली गई थी । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_16 जैव वैज्ञानिक और तकनीकी वैज्ञानिकों ने पदार्थों के छोटे घटकों में विखंडन का विचार दिया और उनके बहुत से भौतिक और रसायनिक गुणधर्मों का वर्णन किया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_17 SEG008 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_18 रसायनशास्त्र का विज्ञान और तकनीक के बहुत से क्षेत्रों में बहुत महत्व है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_19 उदाहरण के लिए स्वास्थ, औषधि, ऊर्जा और पर्यावरण, खाद्य, कृषि इत्यादि । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_20 SEG009 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_21 जैसा कि आप जानते हैं कि अणु और परमाणु बहुत छोटे होते हैं, हम उन्हें आँखों से नहीं देख सकते, न ही सूक्ष्मदर्शा की सहायता से । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_22 अत: यह आवश्यक है कि द्रव्य के जिस नमूने को हम देख सकें और उपयोग में ला सकें उसमें परमाणुओं/अणुओं की बहुत बड़ी संख्या मौजूद हो । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_23 रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु/अणु एक दूसरे से एक निश्चित संख्या अनुपात में संयुक्त होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_24 अत: यह उचित होगा कि दिए गए द्रव्य के नमूने में अणुओं/परमाणुओं की कुल संख्या ज्ञात हो । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_25 हम दैनिक जीवन में अनेक गणना मात्रक प्रयोग करते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_26 उदाहरण के लिए हम केलों या अंडों की संख्या 'दर्जन' में बतलाते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_27 रसायन विज्ञान में हम जिस गणना मात्रक का प्रयोग करते हैं उसे 'मोल' कहते हैं, यह बहुत बड़ा होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_28 SEG010 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_29 यह मोल संकल्पना की सहायता से संभव है जिसमें तोलकर अपेक्षित अणुओं/परमाणुओं की संख्या ली जा सकती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_30 प्रयोगशाला में रासायनिक यौगिकों का अध्ययन करने के लिए उन पदार्थों की मात्राओं की जानकारी आवश्यक है जिनमें परस्पर क्रिया होनी है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_31 समीकरणमिति (स्टाइकियोमेट्री stoichiometry) जिसे ग्रीक शब्द stoichion = तत्व और metron = नापना से लिया गया ) वह शब्द है जिसका प्रयोग रासायनिक अभिक्रियाओं और यौगिकों के मात्रात्मक अध्ययन के लिए किया जाता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_32 इस पाठ में आप पढ़ेंगे कि रासायनिक सूत्रों का निर्धारण कैसे किया जाता है और रासायनिक समीकरण की सहायता से अभिकारकों की उन मात्राओं की प्रागुक्ति कैसे की जाती है जिन्हें पूर्ण अभिक्रिया के लिए परस्पर मिलाया जाना चाहिए । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_33 दूसरे शब्दों में किसी अभिक्रिया के लिए अभिकारकों की उतनी मात्रा ले सकते हैं कि कोई भी अभिकारक आवश्यकता से अधिक मात्रा में नहीं हो । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_34 रसायन में इस पहलू का बड़ा महत्व है और उद्योगों में तो इसका विस्तृत उपयोग होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_35 SEG011 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_36 page-2 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_37 SEG012 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_38 उद्देश्य hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_39 SEG013 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_40 इस पाठ को पढ़ने के बाद आप : hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_41 SEG014 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_42 - रसायन शास्त्र के महत्व एवं कार्यक्षेत्र को बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_43 SEG015 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_44 - पदार्थ के कणिय प्रकृति का वर्णन कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_45 SEG016 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_46 - रासायनिक संयोजन के नियम को बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_47 SEG017 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_48 - द्रव्य के परमाणु सिद्धांत को बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_49 SEG018 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_50 - तत्व, परमाणु और अणु को परिभाषित कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_51 SEG019 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_52 - SI मात्रकों की आवश्यकता को बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_53 SEG020 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_54 - मौलिक SI मात्रक को बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_55 SEG021 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_56 - द्रव्ययान और कणों की संख्या के बीच संबंध की व्याख्या कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_57 SEG022 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_58 - आवोगाद्रो स्थिरांक की परिभाषा और उसकी महत्ता बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_59 SEG023 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_60 - विभिन्‍न तत्वों और यौगिकों के मोलर द्रव्यमान का परिकलन कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_61 SEG024 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_62 - STP पर गैसों के मोलर आयतन की व्याख्या कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_63 SEG025 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_64 - मूलानुपाती और आण्विक सूत्रों की परिभाषा दे सकेंगे;B66 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_65 SEG026 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_66 - मूलानुपाती और आण्विक सूत्रों में अंतर बता सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_67 SEG027 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_68 - किसी यौगिक में तत्व के द्रव्यमान प्रतिशत का परिकलन कर सकेंगे, और प्रतिशत संघटन से उसका मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_69 SEG028 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_70 - मोल, द्रव्यमान और आयतन के बीच संबंधों की व्याख्या कर सकेंगे; hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_71 SEG029 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_72 - संतुलित समीकरण और मोल संकल्पना की मदद से किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपयुक्त और निर्मित पदार्थों की मात्रा का परिकलन कर सकेंगे; और hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_73 SEG030 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_74 - सीमांतकर्मक का निर्मित उत्पाद की मात्रा को सीमित कर देने कि मूलिका का वर्णन कर सकेंगे । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_75 SEG031 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_76 रसायन शास्त्र के महत्व और कार्यक्षेत्र hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_77 SEG032 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_78 रसायन विज्ञान हमारे जीवन के सभी आयामों में महत्वपूर्ण योगदान देता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_79 आइए कुछ ऐसे ही क्षेत्र में रसायन विज्ञान के योगदान को समझें । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_80 SEG033 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_81 page-3 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_82 SEG034 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_83 1.1.1 स्वास्थ और औषधि hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_84 SEG035 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_85 इस सदी के तीन मुख्य विकासों ने हमें बिमारी को रोकने और उपचार के लिए प्रेरित किया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_86 जन स्वास्थ साधन लोगो को संक्रामक बिमारियों से बचाने के लिए, सफाई तंत्रों का निर्माण करना । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_87 एनसथैशिया के साथ सल्यशास्त्र तथा चिकित्सकों को समीवित घातक अवस्था में उपचार के लिए प्रेरित करने में बढ़ा जीन चिकित्सा औषधि में चौथी क्रांति है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_88 (जीन वंशानुगत सकल की एक मूल इकाई है) बहुत सारी स्थितियां जैसे कि सिस्टेटिक फाइब्रोसिस और हीमोफिलीया नवजातों में एकल जीन को हानि पहुचाते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_89 बहुत अन्य बिमारियों जैसे कि केंसर, हृदय बीमारी, एड्स और संधिशोध के परिणाम स्वरूप एक या अधिक जीनों, जो कि शरीर की रक्षा में शामिल होती हैं को दुर्बल कर देते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_90 जीन चिकित्सा में इस प्रकार की अव्यवस्था के इलाज व आराम के लिए बीमार कोशिकाओं में चयनित स्वस्थ जीन को पहुंचाया जाता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_91 इस प्रकार की प्रणाली के लिये चिकित्सक को सम्मलित सभी आणविक घटकों के रसायनिक गुणधर्मों एवं रासायनिक अभिक्रिया के क्रियाविधि का गहन ज्ञान होना चाहिए । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_92 SEG036 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_93 फार्माक्यूटिकल (औषध) उद्योगों में रसायन शास्त्री शक्तिशाली भेषजों की खोज कर रहे हैं जिनका केसर, एड्स और अन्य बिमारियां के उपचार में अन्य प्रभाव कम या कोई न हो और औषधियाँ सफलतापूर्वक अंगों के प्रतिरोपण की संख्या में वृद्धि कर सकें । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_94 SEG037 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_95 1.1.2 ऊर्जा और पर्यावरण hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_96 SEG038 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_97 ऊर्जा बहुत से रासायनिक प्रक्रमों का सह-उत्पाद होती हैं और जैसे जैसे ऊर्जा के खर्च करने की मांग बढ़ रही है तकनिकी रूप से अमेरिका जैसे विकसित देशों और विकासशील देश जैसे कि भारत, में रसायनशास्त्री ऊर्जा के नये स्त्रोतो का पता लगाने में क्रियाशील है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_98 वर्तमान में ऊर्जा के मुख्य स्त्रोत जीवाश्म ईंधन (कोल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस) हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_99 आज के खर्च के कारण इन ईंधनों को भण्डारण हमारे लिए 50-100 सालों तक रहेगा इसलिए वैक्लपिक संसाध नों का पता लगाना हमारे लिए आवश्यक है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_100 SEG039 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_101 सौर ऊर्जा भविष्य के लिए ऊर्जा का एक अहम स्त्रोत है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_102 प्रत्येक वर्ष पृथ्वी पृष्ठ, सूर्य प्रकाश से लगभग 10 गुणा ऊर्जा प्राप्त होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_103 लेकिन बहुत सी यह ऊर्जा नष्ट हो जाती है क्योंकि यह आकाश में वापिस परावर्तित हो जाती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_104 विगत तीस सालों की हुई खोज से ज्ञात हुआ है कि सौर ऊर्जा को प्रभावित रूप से नियंत्रण करने की दो विधियाँ हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_105 एक प्रकाशीकीय बोल्टिक सेल का उपयोग करके सूर्य प्रकाश को सीधे विद्युत में परिवर्तित करना । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_106 और दूसरा सूर्य प्रकाश का उपभोग करके पानी से हाइड्रोजन प्राप्त करना । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_107 हाइड्रोजन को ईंधन सेल में प्रयोग करके विद्युत उत्पन्न की जाती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_108 2050 तक यह कल्पना की जाती है कि हमारी आवश्यकताओं के 50 प्रतिशत से अधिक सौर ऊर्जा की आपूर्ति होगी । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_109 ऊर्जा का एक अन्य अहम स्त्रोत नाभिकीय विखंडन है, लेकिन विखंडन प्रक्रमों से उत्पन्न रेडियोधर्मी अपशिष्टों से पर्यावरण के प्रदूषण के कारण अमेरिका में नाभिकीय उद्योग का भविष्य अनिश्चित है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_110 रसायनशास्त्री नाभिकीय अपशिष्ट को निपटाने के लिए उचित विधियों की खोज में सहायता कर सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_111 संलयन सूर्य और अन्य तारों में होने वाला प्रक्रम हैं जिसमें हानिकारक बिना अपशिष्ट पदार्थों के उत्पन्न हुये अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_112 अगले 50 वर्षों में ऊर्जा के महत्वपूर्ण स्त्रोतों में नाभिकीय संलयन भी होगा । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_113 SEG040 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_114 page-4 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_115 SEG041 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_116 ऊर्जा उत्पादन तथा ऊर्जा उपभोगिता हमारी पर्यावरणीय गुणवता से पूर्णतः जुड़ी हुई हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_117 जीवाश्मीय ईंधन के जलाने से मुख्य हानि यह है कि ये कार्बन-डाइआक्सॉइड छोड़ते हैं जो कि एक ग्रीन हाउस गैस है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_118 (जो कि पृथ्वी के वायुमंडल को गर्म करने को प्रोत्साहित करती है), इसके साथ-साथ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड भी छोड़ते हैं जिसके फलस्परूप अम्लीय वर्षा तथा धुंध बनती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_119 ऊर्जा-दक्षीय स्वचालित वाहनों तथा अधिक प्रभावी उत्प्रेरी परिवर्तकों के उपयोग द्वारा, हम हानिकारक स्वउत्सर्जनों के अत्यधिक मात्रा को कम कर सकते हैं तथा अधिक यातायात वाले क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_120 इनके साथ, विद्युतीय कार, जो कि अधिक देर तक चलने वाली बैटरियों से संचालित हों, अगली सदी में अधिक प्रचलित होनी चाहिए जिनके उपयोग से प्रदूषण को कम से कम किया जा सकेगा । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_121 SEG042 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_122 1.1.3 द्रव्यात्मक और प्रौद्योगिकी hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_123 SEG043 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_124 रासायनिक खोज और इक्कीसवी सदी के विकास ने नये पदार्थ दिये हैं जिससे हमारे जीवन में अत्यधिक सुधार हुआ है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_125 और अगिनत तरीको से हमारी विकसित प्रोद्योगिकी में सहायता की है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_126 बहुलक (नाइलॉन और रबड्‌ शामिल है) सिरेमिक्स (जैसे की खाना पकाने के बर्तन) द्रव क्रिस्टल (जैसे जो कि इलेक्ट्रानिक यंत्रों में) चिपकाने वाले और परत चढ़ाने (उदाहरण के लिए लेटेक्स्‌ पेंट) कुछ उदाहरण हैं hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_127 SEG044 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_128 आने वाले भविष्य के लिए क्या भंडारण हैं ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_129 एक सम्भावना कक्षीय तापमान पर अधिसुचालक है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_130 कापर तारों में विद्युत का वाहन होता है, दूसरे जो कि पूर्ण रूप में चालक नहीं है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_131 इसके परिणामस्वरूप लगभग 20 प्रतिशत विद्युत ऊर्जा की ऊष्मा के रूप में हमारे घरों और पावर स्टेशनों के बीच में हानि हो जाती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_132 यह अत्यधिक फजूलखर्ची है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_133 अधिसुचालक वे पदार्थ होते हैं जिनमें विद्युत प्रतिगोेधिता नहीं होती है और जो कि ऊर्जा की हानि हुए बगैर विद्युत प्रवाहित करते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_134 SEG045 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_135 1.1.4 खाद्य और कृषि hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_136 SEG046 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_137 संसार में निरंतर शीघ्रता से बढ़ती हुई जनसंख्या को किस प्रकार खिलाया जा सकता है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_138 गरीब देशों में कृषि सक्रियता हमारी कार्य बलों का लगभग 80 प्रतिशत है और औसतन परिवार को औसतन बजट की आधी पूंजी खाद्य सामग्री पर व्यय हो जाती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_139 इससे राष्ट्र के संसाधन व्यर्थ चले जाते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_140 कृषि उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारक है मिट्टी की गुणवत्ता, कीड़े और बीमीरयां जो कि फसल को नष्ट कर देते हैं और खरपतवार पोषकों को खत्म कर देते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_141 सिचाई के अतिरिक्त कृषक फसल की पैदावार में वृद्धि करने के लिए उरवरकों और कीटनाशकों पर निर्भर रहते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_142 SEG047 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_143 1.2 द्रव्य की कणिकीय प्रकृति hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_144 SEG048 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_145 सभी द्रव्य प्रकृति में कण होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_146 इसका आधारिक अर्थ यह है कि द्रव्य के दो सिरों के बीच में रिक्त होता है जिसमें कोई द्रव्य नहीं होता । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_147 इस विज्ञान में इसे द्रव्य की परमाणुक प्रकृति कहते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_148 सामान्यतः यह माना जाता है कि इस तथ्य सबसे पहले लगभग 440 BC में ग्रीक दार्शनिक ल्यूसिपस तथा उसके शिष्य डेमोक्रिटस ने दिया था । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_149 यद्यपि महर्श कनाड ने इससे पहले (500 BC) में द्रव्य के परमाणुकीय संकल्पना को प्रस्तावित किया था और द्रव्य के सूक्ष्मतम कण को परमाणु नाम दिया था । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_150 SEG049 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_151 page-5 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_152 SEG050 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_153 1.3 रासायनिक संयोजन के नियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_154 SEG051 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_155 अठारवीं सदी के बाद रासयनिक विज्ञान में अत्याधिक उन्नति की है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_156 इससे ऊष्मा की प्रकृति और किस प्रकार वस्तुएं जलती है को जानने में आनंद आया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_157 मुख्य उन्‍नति रासायनिक तुला का सावधानी से प्रयोग करके होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं में द्रव्यमान में होने वाले परिवर्तन का पता लगा सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_158 महान फ्रेंच रसायनविद एंटिमिनी लेवाइजर ने रासायनिक अभिक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए तुला का प्रयोग किया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_159 उसने मरकरी को बन्द फ्लास्क में जिसमें हवा थी गर्म किया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_160 बहुत दिनों के बाद मरकरी ऑक्साइड का लाल पदार्थ प्राप्त हुआ । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_161 फ्लास्क में बची गैस के द्रव्यमान में कमी आ गई । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_162 शेष गैस न तो दहन न ही जीवन में सहायक है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_163 फ्लास्क में बची हुई गैस की नाइट्रोजन के रूप में पहचान हुई । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_164 मरकरी के साथ संयुक्त होने वाली गैस ऑक्सीजन थी । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_165 आगे उसने इस प्रयोग को सावधानी से मरकरी (II) आक्साइड की तुली हुई मात्रा के साथ किया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_166 उसने पाया कि लाल रंग के मरकरी (II) आक्साइड को प्रबलता से गर्म करने पर मरकरी और आक्सलीन में विघटित हो जाता है उसने मरकरी और आक्सजीन में विघटित हो जाता है उसने मरकरी और आक्सीजन दोनों को तोला और पाया कि दोनों का संयुक्त द्रव्यमान लिए गए मरकरी (II) आक्साइड के द्रव्यमान के बराबर था । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_167 लेवाइजर ने अंतिम निष्कर्ष निकाला कि प्रत्येक रासायनिक अभिक्रिया में सभी अभिकर्मकों का सम्पूर्ण द्रव्यमान सभी उत्पादों के सम्पूर्ण द्रव्यमान के बराबर होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_168 यह द्रव्यमान-संरक्षण का नियम माना जाता है। hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_169 SEG052 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_170 रसायनविदों द्वारा अभिकर्मकों और उत्पादों का सही द्रव्यमानों का पता लगाने के बाद विज्ञान में शीघ्रता से उन्नति हुई । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_171 फ्रेन्च रसायविदो क्लाउडे बर्थोलेट और जोसेफ प्राडस्ट ने दो तत्वों जो कि संयुक्त होकर यौगिक बनाते हैं के अनुपातों (द्रव्यमान) पर कार्य किया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_172 सावधानी से कार्य करने के बाद प्राउस्ट ने 1808 में निश्चित या स्थिर अनुपात का नियम दिया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_173 दिये गये रासायनिक यौगिक में तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात जो कि संयुक्त होते हैं निश्चित होता है और यौगिक के स्रोत और विरचन पर निर्भर नहीं करता है। hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_174 SEG053 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_175 उदाहरण के लिए शुद्ध जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 1:8 होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_176 दूसरे शब्दों में द्रव्यमान के रूप में शुद्ध जल में हाइड्रोजज 11.11% और ऑक्सीजन 88.89% होती है चाहे जल को कुआं, नदी या तलाब से लिया गया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_177 इस प्रकार यदि 9.0 ग्राम जल का विघटन किया जाए तो हमेशा 1.0 ग्राम हाइड्रोजज और 8.0 ग्राम ऑक्सीजन प्राप्त होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_178 यदि 3.0 ग्राम हाइड्रोजन को 8.0 ग्राम ऑक्सीजन के साथ मिश्रित करते हैं और मिश्रण को जलाया जाता है तो 9.0 ग्राम जल बनता है और 2.0 ग्राम हाइड्रोजज अन अनिभिकृत बच जाती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_179 इसी प्रकार सोडियम क्लोराइड में 60.66% क्लोरीन और 39.34% सोडियम द्रव्यमान के रूप में होते है चाहे हम इसे लवण खदानों, समुद्र के जल या सोडियम और क्लोरीन से बनाये । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_180 वास्तव में इस वाक्य में शुद्ध मुख्य शब्द है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_181 पुनः प्रयोगात्मक परिणाम वैज्ञानिक विचारों की विशिष्टता होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_182 वास्तव में आधुनिक विज्ञान प्रयोगात्मक अनुसंधान पर निर्भर करती है पुनः परिणाम अप्रत्यक्ष रूप सत्य की तरफ संकेत करते हैं जो कि छिपे होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_183 वैज्ञानिक हमेशा इस सत्य पर अनुसंधान करते हैं और इस प्रकार बहुत से सिद्धांत और नियमों की खोज की । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_184 इस सत्य की खोज विज्ञान के विकास में अहम कार्य करती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_185 SEG054 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_186 page-6 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_187 SEG055 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_188 डाल्टन परमाणु सिद्धांत केवल द्रव्यमान संरक्षण और स्थिर अनुपात के नियमों का उल्लेख करता है लेकिन नए की भी कल्पना करता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_189 उसने अपने सिद्धांत के आधार पर गुणित अनुपात नियम दिया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_190 इस नियम के अनुसार यदि दो तत्व संयोजित होकर एक से अधिक यौगिक बनाते हैं, तो एक तत्व के साथ दूसरे तत्व के संयुक्त होने वाले द्रव्यमान छोटे पूर्णाकों के अनुपात में होते हैं। उदाहरण के लिए कार्बन और आक्सीजन दो यौगिक कार्बन मोनोक्साइड और कार्बनडाई आक्साइड बनाते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_191 कार्बन मोनोक्साइड में प्रत्येक 1.0000 ग्राम कार्बन के लिए 1.3321 ग्राम ऑक्सीजन होती है जबकि कार्बनडाई ऑक्साइड में प्रत्येक 1.0000 ग्राम कार्बन के लिए 2.6642 ग्राम ऑक्सीजन होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_192 दूसरे शब्दों में कार्बन डाईआक्साइड में कार्बनममोनोआक्साइड (2x1.3321 = 2.6642) की तुलना में दिये गये कार्बन के द्रव्यमान में दो गुणा आक्सीजन होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_193 परमाणु सिद्धांत यह उल्लेख करता है कि दिये गये कार्बन परमाणुओं में कार्बन मोनोक्साइड की तुलना में कार्बन डाईआक्साइड में आक्सीजन परमाणुओं की संख्या दो गुणी होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_194 परमाणु सिद्धांत से उत्पन्न गुणित अनुपात रसायनविदो के लिए इस सिद्धांत की वैधता को स्वीकार करने में महत्वपूर्ण था । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_195 SEG056 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_196 1.4 द्रव्य का परमाणु सिद्धांत hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_197 SEG057 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_198 जैसा कि हम पहले पढ़ चुके हैं कि लेवाइजर ने आधुनिक रसायन की प्रयोगात्मक नींव रखी । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_199 लेकिन ब्रिटिश रसायनविद्‌ डाल्टन (1766-1844) ने मूल सिद्धांत दिया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_200 सभी तत्व, यौगिक या मिश्रण सभी द्रव्य होते है छोटे कणों जिन्हें परमाणु कहते हैं से बने होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_201 इस खंड में डाल्टन की अवधारणाएं या मूल कथनों का उल्लेख किया गया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_202 SEG058 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_203 1.4.1 डाल्टन परमाणु सिद्धांत की अवधारणाएं hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_204 SEG059 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_205 बहुत छोटे कणों के विभिन्‍न संयोजनों के चरणों में द्रव्य की संरचना का उल्लेख करना डाल्टन सिद्धांत का मुख्य बिंदु है यह निम्नलिखित अवधारणाओं द्वारा दिया गया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_206 SEG060 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_207 1. सभी द्रव्य अविभाजित परमाणुओं के बने होते है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_208 एक परमाणु द्रव्य का अत्यधिक छोटा कण है जो रासायनिक अभिक्रिया के समय अपनी पहचान बनायें रखता हे । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_209 SEG061 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_210 2. एक तथ्य केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से बना द्रव्य होता है दिये गये एक प्रकार में प्रत्येक परमाणु के गुणधर्म एक समान होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_211 द्रव्यमान एक ऐसा गुणधर्म है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_212 इस प्रकार दिये गये परमाणुओं का अभिलाक्षणिक द्रव्यमान होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_213 SEG062 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_214 3. यौगिक एक प्रकार का द्रव्य है जो कि दो या अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोजन से बनता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_215 यौगिक में दो प्रकार के परमाणुओं सापेक्ष संख्या एक साधारण अनुपात में होती है उदाहरण के लिए पानी हाइड्रोजज और आक्सीजन तत्वों से बना होता है जिसमें हाइड्रोज और आक्सीजन का अनुपात 2 :1 होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_216 SEG063 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_217 4. रासयनिक अभिक्रियाः अभिकृत पदार्थों में उपस्थित परमाणुओं को पुनः व्यवस्थित करके, नये रासायनिक संयोजनों देते है जो पदार्थ कि अभिक्रिया के द्वारा बनते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_218 परमाणु किसी भी रासायनिक अभिक्रिया द्वारा न तो पैदा, न ही नष्ट या छोटे कणों में तोड़े जा सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_219 SEG064 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_220 page-7 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_221 SEG065 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_222 आज हम जानते हैं कि परमाणु सत्य रूप में अविभाजित नहीं होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_223 ये स्वयं कणों से बने होते डॉल्टन की अवधारणाएं आवश्यक रूप में सत्य हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_224 SEG066 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_225 1.4.2 परमाणु क्‍या है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_226 SEG067 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_227 जैसा कि हमने पिछले खंड में देखा कि परमाणु एक तत्व का छोटे से छोटा कण है जो कि इसके तत्व रासायनिक गुणधर्मों को धारण करता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_228 एक तत्व का परमाणु दूसरे तत्व के परमाणु से आकार और द्रव्यमान में भिन्‍न होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_229 शुरू में भारतीय और ग्रीक दार्शनिकों ने परमाणु नाम दिया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_230 आज हम जानते हैं यह मूल दार्शनिकता को दर्शाता है कि परमाणु अविभाजित नहीं होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_231 उन्हें छोटे कणों में तोड़ा जा सकता है यद्यपि इस प्रक्रम में रासायनिक पहचान खो देते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_232 लेकिन इन विकासों के बावजूद परमाणु द्रव्य का नींव का पत्थर हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_233 SEG068 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_234 1.4.3 अणु hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_235 SEG069 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_236 रासायनिक बलों के द्वारा जुड़े हुए कम से कम दो परमाणुओं के निश्चित व्यवस्थित समूहों को अणु कहते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_237 स्थिर अनुपात के नियम के अनुसार एक अणु में एक समान तत्व और दो या अधिक तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_238 इस प्रकार यह आवश्यक नहीं है कि अणु एक यौगिक हो जो कि परिभाषा के अनुसार दो या अधिक तत्वों से बना होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_239 उदाहरण के लिए हाइड्रोजन गैस एक शुद्ध तत्व है लेकिन इसमें अणु होते हैं जो कि दो प्न परमाणुओं के बने होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_240 दूसरी ओर पानी एक आणविक यौगिक है जिसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात दो और एक (2:1) परमाणु होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_241 परमाणुओं के समान अणु विद्युतीय उदासीन होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_242 SEG070 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_243 हाइड्रोजन अणु जिसे H_2 से संकेतिक किया जाता है द्विपरमाणुविक अणु कहलाता है क्योंकि इसमें केवल दो परमाणु हाते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_244 अन्य द्विपरमाणुविक है नाइट्रोजन (N_2), ऑक्सीजन (O_2)और वर्ग 17 के तत्व फ्लोरीन (F_2), क्लोरीन (Cl_2), ब्रोमीन (Br_2), और आयोडीन (I_2) वास्तव में ट्विपरमाणुक अणु विभिन्‍न तत्वों के परमाणुओं से भी बनते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_245 उदाहरण के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और कार्बन मोनोक्‍साइड (CO) । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_246 SEG071 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_247 अधिकतर अणुओं में दो से अधिक परमाणु होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_248 ये एक ही तत्व के परमाणु हो सकते परमाणुओं से बना है या दो या दो से अधिक तत्वों के संयोजन से बन सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_249 दो से अधिक परमाणुओं से बनने वाले अणुओं को बहु-परमाणुविक अणु कहते हैं जैसे कि ओजोन, पानी (H_2O)और अमोनिया (NH_3) बहुपरमाणुविक अणु है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_250 SEG072 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_251 1.4.4 तत्व (Elements) hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_252 SEG073 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_253 पदार्थ तत्व या योगिकों के बने हो सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_254 एक तत्व एक पदार्थ है जिसे रासायनिक विधियों द्वारा सरल पदार्थों में अलग नहीं किया जा सकता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_255 अब तक 118 तत्वों को निश्चित रूप से पहचाना जा चुका है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_256 जिनमें से 83 तत्व पृथ्वी में प्राकृतिक रूप में पाये जाते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_257 और शेष को वैज्ञानिकों ने कृत्रिम रूप से नाभकीय क्रिया पद्धतियों (प्रक्रमों) द्वारा संशलेषित किया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_258 सुविधा के लिये रसायन शास्त्रीयों ने तत्वों को एक, दो या तीन अक्षरों से बने संकेतों द्वारा प्रदर्शित किया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_259 संकेत का पहला अक्षर सदैव बड़ा अक्षर होता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_260 SEG074 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_261 page-8 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_262 SEG075 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_263 जब शेष अक्षर बड़े नहीं होते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_264 उदाहरण के लिये Co कोबाल्ट तत्व का संकेत है जबकि कार्बन मोनोक्साइड अणु का सूत्र है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_265 तालिका-1 में अधिक प्रचलित तत्वों में से कुछ के नाम व संकेत दिये हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_266 तत्वों की पूर्ण सूचि पुस्तक के मुख्य पृष्ठ के पीछे दी गई है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_267 कुछ तत्वों के संकेत उनके लेटिन नामों से लिये गये हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_268 उदाहरणतया Au को औरम (सोना) से, Fe को फेरम (लोहा) से और Na को नट्रियम (सोडियम) से है जबकि अधिकतर नाम इंगलिश नामों से आये हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_269 SEG076 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_270 तालिका-1 कुछ सामान्य तत्व व उनके संकेत hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_271 SEG077 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_272 नाम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_273 SEG078 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_274 एल्युमिनियमस hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_275 SEG079 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_276 आर्सेनिक hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_277 SEG080 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_278 बेरियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_279 SEG081 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_280 बिस्मथ hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_281 SEG082 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_282 ब्रोमीन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_283 SEG083 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_284 कैल्सियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_285 SEG084 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_286 कार्बन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_287 SEG085 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_288 क्लोरीन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_289 SEG086 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_290 क्रोमियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_291 SEG087 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_292 कोबाल्ट hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_293 SEG088 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_294 कॉपर hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_295 SEG089 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_296 फ्लोरीन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_297 SEG090 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_298 सोना hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_299 SEG091 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_300 हाइड्रोजन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_301 SEG092 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_302 आयोडीन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_303 SEG093 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_304 आयरन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_305 SEG094 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_306 लैड hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_307 SEG095 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_308 मैग्निशियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_309 SEG096 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_310 मैगंनिज hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_311 SEG097 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_312 मरकरी hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_313 SEG098 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_314 निकल hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_315 SEG099 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_316 नाइट्रोजन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_317 SEG100 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_318 ऑक्सीजन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_319 SEG101 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_320 फास्फोरस hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_321 SEG102 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_322 प्लेटिनम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_323 SEG103 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_324 पोटाशियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_325 SEG104 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_326 सिलिकान hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_327 SEG105 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_328 सिल्वर hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_329 SEG106 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_330 सोडियम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_331 SEG107 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_332 सल्फर hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_333 SEG108 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_334 टिन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_335 SEG109 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_336 टंगस्टेन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_337 SEG110 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_338 जिंक hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_339 SEG111 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_340 रसायन शास्त्री अणुओं के संघटन के प्रदर्शित करने के लिये किये रासायनिक सूत्रों तथा आयनिक यौगिकों को प्रदर्शित करने के लिए रासायनिक संकेतों का प्रयोग करते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_341 संघटन का अर्थ न केवल तत्वों के उपस्थिति से है बल्कि परमाणु किस अनुपात में संयोग करते हैं से भी है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_342 यहाँ हमारा सम्बन्ध दो प्रकार के सूत्रों से है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_343 आणिवक सूत्र और मूलानुपाति सूत्र । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_344 SEG112 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_345 पाठगत प्रश्न 1.1 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_346 SEG113 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_347 1. रसायन विज्ञान, विज्ञान एवं प्राद्योगिकी के विभिनन क्षेत्रों में अपना योगदान देता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_348 वे सभी क्षेत्र क्या हैं ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_349 SEG114 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_350 2. पदार्थ के कणिय प्रकृति को किसने प्रतिस्थापित किया था ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_351 SEG115 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_352 3. द्रव्यमान सरेक्षण का नियम क्‍या है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_353 SEG116 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_354 4. परमाणु क्‍या है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_355 SEG117 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_356 5. अणु क्‍या है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_357 SEG118 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_358 6. सोडियन का संकेत Na क्‍यों है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_359 SEG119 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_360 7. कैसे यौगिक किसी तत्व से अलग है ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_361 SEG120 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_362 page-9 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_363 SEG121 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_364 1.5 SI मात्रक ( पुनरावृत्ति ) hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_365 SEG122 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_366 जीवन के हर क्षेत्र में मापन की आवश्यकता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_367 जैसा कि आप जानते हैं हर मापन के लिए एक मात्रक या एक निश्चित मानक की आवश्यकता होती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_368 विभिन्‍न देशों ने मात्रकों की भिन्‍न-भिन्‍न प्रणालियाँ विकसित कीं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_369 इससे एक देश को दूसरे देश के साथ व्यापार आदि में समस्याओं का सामना करना पड़ता था । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_370 वैज्ञानिकों को अक्सर एक दूसरे के आंकड़े इस्तेमाल करने पड़ते थे इससे उन्हें अत्यधिक परेशानी होती थी । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_371 प्रयोग में लाने के लिए, पहले आंकड़ों को स्थानीय.टिप्पणियाँ प्रणाली में बदलना पड़ता था । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_372 SEG123 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_373 सन्‌ 1960 में, 'General Confrence of Weights and Measures' मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने मीट्रिक प्रणाली पर आधारित एक नई प्रणाली को प्रस्तावित किया । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_374 इसे 'International System of Units' कहा गया, इसको संक्षेप में SI लिखते हैं जोकि इसके फैंच नाम 'System Internationale unites' से लिया गया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_375 आप अपनी पिछली कक्षाओं में SI मात्रकों के बारे में पढ़ चुके हैं और जानते हैं कि ये सात मौलिक मात्रकों पर आधारित हैं जो सात मौलिक भौतिक राशियों के संगत हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_376 अन्य भौतिक राशियों के मात्रकों की व्युत्पत्ति मूल मात्रकों से की जाती है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_377 सात मौलिक 1 मात्रकों को सारणी 1.2 में दिया गया है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_378 SEG124 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_379 सारणी 1.2: SI भौतिक मात्रक hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_380 SEG125 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_381 भौतिक राशि hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_382 SEG126 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_383 लंबाई hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_384 SEG127 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_385 द्रव्यमान hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_386 SEG128 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_387 समय hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_388 SEG129 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_389 विधुत धारा hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_390 SEG130 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_391 ताप hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_392 SEG131 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_393 तत्व मात्रा hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_394 SEG132 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_395 प्रदीप्त की गहनता hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_396 SEG133 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_397 मात्रक का नाम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_398 SEG134 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_399 मीटर hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_400 SEG135 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_401 किलाग्रोम hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_402 SEG136 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_403 सेकंड hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_404 SEG137 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_405 ऐम्पियर hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_406 SEG138 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_407 केल्विन hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_408 SEG139 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_409 मोल hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_410 SEG140 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_411 केंडेला hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_412 SEG141 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_413 SI मात्रक के लिए संकेत hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_414 SEG142 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_415 बहुत बड़ी या बहुत छोटी राशियों को मापने के लिए इन मात्रकों के गुणजों और अपवर्तकों का प्रयोग किया जाता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_416 प्रत्येक के लिए प्रतीक हैं जिन्हें मात्रकों में उपसर्ग की तरह लगाया जाता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_417 उदाहरण के लिए लंबी दूरी को नापने के लिए किलोमीटर मात्रक का प्रयोग किया जाता है, यह लंबाई के मौलिक मात्रक मीटर का गुणांक है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_418 यहाँ 10^3 गुणज के लिए किलो उपसर्ग है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_419 इसे k से निरूपित करते हैं जिसे मीटर के प्रतीक m के आगे लगाया जाता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_420 अत: किलोमीटर का प्रतीक हुआ km और hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_421 SEG143 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_422 इसी प्रकार, छोटी दूरी नापने के लिए सेंटीमीटर (cm) और मिलीमीटर (mm) का प्रयोग करते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_423 SEG144 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_424 यहाँ hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_425 SEG145 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_426 SI मात्रकों के साथ लगाए जाने वाले कुछ उपसर्ग सारणी 1.3 में दिखाए गए हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_427 SEG146 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_428 page-10 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_429 SEG147 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_430 सारणी 1.3: SI मात्रक के साथ प्रयुक्त होने वाले उपसर्ग hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_431 SEG148 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_432 उपसर्ग hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_433 SEG149 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_434 टेरा hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_435 SEG150 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_436 गीगा hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_437 SEG151 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_438 मेगा hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_439 SEG152 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_440 किलो hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_441 SEG153 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_442 हेक्टा hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_443 SEG154 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_444 डेका hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_445 SEG155 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_446 डेसी hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_447 SEG156 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_448 सेंटी hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_449 SEG157 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_450 मिली hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_451 SEG158 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_452 माइक्रो hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_453 SEG159 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_454 नैनो hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_455 SEG160 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_456 पीको hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_457 SEG161 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_458 संकेत hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_459 SEG162 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_460 अर्थ hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_461 SEG163 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_462 उदाहरण hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_463 SEG164 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_464 1 टेरामीटर (Tm) = 1.0 x 10^{12} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_465 SEG165 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_466 1 गीगा (Gm) = 1.0 x 10^9 m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_467 SEG166 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_468 1 मेगामीटर (Mm) = 1.0 x 10^6 m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_469 SEG167 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_470 1 किलोमीटर (Km) = 1.0 x 10^3 m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_471 SEG168 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_472 1 हेक्टामीटर (hm) = 1.0 x 10^2 m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_473 SEG169 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_474 1 डेकामीटर (dam) = 1.0 x 10^1 m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_475 SEG170 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_476 1 डेसीमीटर (dm) = 1.0 x 10^{-1} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_477 SEG171 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_478 1 सेंटीमीटर (cm) = 1.0 x 10^{-2} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_479 SEG172 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_480 1 मिलीमीटर (mm) = 1.0 x 10^{-3} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_481 SEG173 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_482 1 माइक्रोमीटर (μm) = 1.0 x 10^{-6} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_483 SEG174 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_484 1 नैनोमीटर (nm) = 1.0 x 10^{-9} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_485 SEG175 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_486 1 पीकोमीटर (pm) = 1.0 x 10^{-12} m hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_487 SEG176 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_488 आगे बढ़ने से पहले निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयत्न करें । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_489 SEG177 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_490 पाठगत प्रश्न 1.2 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_491 SEG178 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_492 1. द्रव्यमान का SI मात्रक बताइए ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_493 SEG179 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_494 2. 1.0x10^{-6} g के लिए किस प्रतीक का उपयोग होना चाहिए ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_495 SEG180 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_496 3. (i) 10^2 और (ii) 10^{-9} के लिए प्रयोग होने वाले उपसर्गों के नाम लिखिए । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_497 SEG181 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_498 4. निम्नलिखित प्रतीक क्‍या व्यक्त करते हैं ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_499 SEG182 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_500 1.5.1 द्रव्यमान और कणों की संख्या में संबंध hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_501 SEG183 hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_502 मान लीजिए आप 500 पेंच (स्क्रू) खरीदना चाहते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_503 आप कया सोचते हैं, दुकानदार आपको यह संख्या कैसे देगा ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_504 प्रत्येक पेंच गिनकर ? hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_505 नहीं, वह उन्हें तोल कर देगा क्‍योंकि गिनने में उसे बहुत समय लगेगा । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_506 यदि प्रत्येक पेंच का भार 0.8g है तो वह 400g पेंच तोलेगा क्योंकि (0.8 x 500 = 400 g) यह 500 पेंचों का भार है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_507 आपको आश्चर्य होगा कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया सिक्‍कों की इच्छित संख्या तोलकर देता है गिनकर नहीं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_508 जैसे-जैसे वस्तुओं की संख्या बड़ी होती जाती है यह तोल से गिनती का प्रक्रम बहुत मेहनत बचाने वाला होता जाता है । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_509 हम इस प्रक्रम का उल्टा भी कर सकते हैं । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_510 उदाहरण के लिए, अगर हम 5000 बहुत छोटी कमानी (स्प्रिग, जो घडियों में प्रयोग होते हैं) लें, और उनका भार लें । hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_511 यदि इनका भार 1.5g हो तो हम प्रत्येक स्प्रिग का भार ज्ञात कर सकते हैं - 1.5g ÷ 5000 = 3 x 10^{-4}