diff --git a/Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_29_mohfw_1 b/Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_29_mohfw_1 new file mode 100644 index 0000000000000000000000000000000000000000..66305c21abb98799bb2868aff005f58b1bdafa3b --- /dev/null +++ b/Data Collected/Odia/IIIT-BH/Parallel_corpora/Hindi_files/sent_hindi_PIB_jan_29_mohfw_1 @@ -0,0 +1,32 @@ +डॉ. मनसुख मांडविया ने 5 पूर्वी राज्यों के साथ कोविड- 19 के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य की तैयारियों और राष्ट्रीय कोविड- 19 टीकाकरण प्रगति की समीक्षा की +कोविड के खिलाफ लड़ाई केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयास तथा संयुक्त जिम्मेदारी है: डॉ. मनसुख मांडविया +“महामारी खत्म नहीं हुई है, हमें 'सतर्क' रहना है और अपनी सुरक्षा को कम नहीं करना है" +राज्यों को ईसीआरपी-II निधियों के पूर्ण उपयोग, 15-17 साल आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण की गति तेज करने, परीक्षण में बढ़ोतरी, चिकित्सा अवसंरचना में सुधार और टेली-परामर्श पर ध्यान देने की सलाह दी गई +केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज वर्चुअल माध्यम के जरिए पांच पूर्वी राज्यों- ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य मंत्रियों, प्रधान सचिवों/अतिरिक्त प्रधान सचिवों व सूचना आयुक्तों के साथ बैठक की । +यह वर्चुअल बैठक कोविड- 19 की रोकथाम व प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों और राष्ट्रीय कोविड- 19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आयोजित की गई । +इस बैठक के दौरान डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, “कोविड के खिलाफ लड़ाई केंद्र और राज्यों का संयुक्त प्रयास और संयुक्त जिम्मेदारी है और मुझे प्रसन्नता है कि हमने इस सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का एक सहयोगी भावना के साथ सामना किया है । +" इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल भी उपस्थित थे । +इस उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी एस सिंह देव और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय ने हिस्सा लिया । +इन्होंने एक साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कोविड महामारी के प्रबंधन के लिए भारत सरकार की ओर से दी जा रही निरंतर सहायता के लिए धन्यवाद दिया । +डॉ. मांडविया ने कहा कि कोविड वेरिएंट्स का विचार किए बिना 'परीक्षण-निगरानी-उपचार-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन' कोविड प्रबंधन की परीक्षण की गई रणनीति जारी है । +उन्होंने बताया, "हालांकि पिछले दो हफ्ते में अधिकांश राज्यों में सक्रिय मामलों और संक्रमित होने की दर में गिरावट देखी गई है, इसके बावजूद हमें सतर्क रहने की जरूरत है और अपनी सुरक्षा को कम नहीं करना चाहिए । +डॉ. मांडविया ने राज्यों से दैनिक आधार पर संक्रमित होने की दर की निगरानी करने और आरटी-पीसीआर परीक्षण दरों में बढ़ोतरी करने का अनुरोध किया, क्योंकि अधिकांश राज्यों ने कम संख्या में आरटीपीसीआर परीक्षण किए हैं । +इसके अलावा राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे अस्पताल में भर्ती होने मरीजों और मौतों की संख्या पर कड़ी निगरानी रखें । +उन्होंने आगे कहा, "राज्य स्तर पर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में टीका लेने वाले व टीका न लेने वाले, मौत और वेंटिलेटर व ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों के अनुपात का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है । +केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने सभी राज्‍यों को मौजूदा स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने व जरूरत के अनुरूप नई अवसंरचना तैयार करने के लिए ईसीआरपी-II निधि का पूरी तरह और प्रभावी ढंग से उपयोग करने की अपनी सलाह को दोहराया । +चूंकि ईसीआरपी-II के तहत आवंटित निधि 31, मार्च 2022 को समाप्त हो जाएगी, इसे देखते हुए राज्यों से नियमित आधार पर इसकी प्रगति की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया । +इस स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे का उपयोग न केवल मौजूदा महामारी के दौरान किया जाएगा, बल्कि भविष्य में भी लोग इससे लाभान्वित होंगे । +उन्होंने राज्यों को त्वरित गति से पीएसए संयंत्रों, एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) भंडारण टैंकों और एमजीपीएस की स्थापना और इसे शुरू करने का पूरा करने की याद दिलाई । +डॉ. मांडविया ने महामारी प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में टीकाकरण को रेखांकित किया । +उन्होंने राज्यों को सभी योग्य लोगों के टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह दी, विशेष रूप से 15-17 आयु वर्ग के बच्चों और जिनकी दूसरी खुराक बाकी है । +डॉ. मांडविया ने ई-संजीवनी जैसे मंचों के जरिए टेली-परामर्श के महत्व को रेखांकित किया । +उन्होंने हर जिला अस्पताल में टेली-परामर्श केंद्र स्थापित करने और सभी एबी-एचडब्ल्यूसी में जल्द से जल्द स्पोक (सीढ़ी का डंडा) बनाने का सुझाव दिया, क्योंकि यह लोगों की सहायता करेगा और देश के सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को सक्षम बनाएगा । +उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इनका उपयोग न केवल मौजूदा महामारी के दौरान, बल्कि गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवा के लिए भी किया जा सकता है । +इस बैठक में कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा की गई । +इनमें अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार, परीक्षण में बढ़ोतरी, संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कड़े प्रतिबंधात्मक उपाय और जनता के बीच कोविड उपयुक्त व्यवहार पर जोर देना शामिल हैं । +इस समीक्षा बैठक में राज्यों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को साझा किया । +झारखंड ने टीकाकरण के लिए प्रवासी श्रमिकों के डेटा एकत्रित करने की जानकारी दी । +वहीं, छत्तीसगढ़ ने इस बात का उल्लेख किया कि जिन मरीजों के परीक्षण परिणाम पॉजिटिव आए हैं, उनमें टीका लेने वाले और टीका नहीं लेने वालों का एक समुचित विश्लेषण किया जा रहा है । +इसके अलावा बिहार ने स्पीड पोस्ट के जरिए होम आइसोलेशन में कोविड संक्रमित मरीजों के घर तक दवाओं के वितरण की पहल को रेखांकित किया । +इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य मंत्रालय) डॉ. मनोहर अगनानी, एम्स- नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य मंत्रालय) श्री लव अग्रवाल, एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे । +