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प्रधानमंत्री ने विख्यात हॉकी खिलाड़ी श्री चरणजीत सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विख्यात हॉकी खिलाड़ी श्री चरणजीत सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है ।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः
“विख्यात हॉकी खिलाड़ी श्री चरणजीत सिंह के निधन से दुखी हूं ।
उन्होंने भारतीय हॉकी टीम की सफलताओं में मुख्य भूमिका निभाई थी, खासतौर से साठ के दशक में रोम और टोक्यो ओलंपिक्स में ।
उनके परिजनों और मित्रों के प्रति संवेदनायें ।
ओम् शांति!”
प्रधानमंत्री 28 जनवरी को करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी पीएम रैली को संबोधित करेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 28 जनवरी, 2022 को दोपहर लगभग 12 बजे दिल्ली के करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) पीएम रैली को संबोधित करेंगे ।
यह रैली दरअसल एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का समापन है और यह हर साल 28 जनवरी को आयोजित की जाती है ।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे, एनसीसी टुकड़ियों के मार्च पास्ट की समीक्षा करेंगे और एनसीसी कैडेटों को सैन्‍य कार्रवाई, स्लिदरिंग, माइक्रोलाइट विमानों में उड़ान, पैरासेलिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने उत्‍कृष्‍ट कौशल का प्रदर्शन करते हुए देखेंगे ।
सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को प्रधानमंत्री की ओर से मेडल और बैटन दिया जाएगा ।
भारत - मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की प्रथम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्घाटन भाषण
Excellencies,
पहले India-Central Asia शिखर सम्मेलन में आप सभी का स्वागत है ।
भारत और Central Asia देशों के डिप्लोमेटिक संबंधों ने 30 सार्थक वर्ष पूरे कर लिए हैं ।
पिछले तीन दशकों में हमारे सहयोग ने कई सफलताएं हासिल की हैं ।
और अब, इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर, हमें आने वाले सालों के लिए भी एक महत्वकांक्षी vision परिभाषित करना चाहिए ।
ऐसा vision, जो बदलते विश्व में हमारे लोगों की, विशेषकर युवा पीढ़ी की, आकांक्षाओं को पूरा कर सके ।
Excellencies,
द्विपक्षीय स्तर पर भारत के आप सभी Central Asian देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं ।
Excellencies,
कज़ाकिस्तान भारत की energy security के लिए एक महत्वपूर्ण partner बन गया है ।
मैं कज़ाकिस्तान में हाल में हुई जान-माल की हानि के लिए संवेदना प्रकट करता हूँ ।
उज्बेकिस्तान के साथ हमारे बढ़ते सहयोग में हमारी राज्य सरकारें भी active भागीदार हैं ।
इनमें मेरा home state गुजरात भी शामिल है ।
कीर्गीस्तान के साथ हमारी शिक्षा और high altitude research के क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी है ।
हजारों भारतीय छात्र वहां पढ़ रहे हैं ।
ताजीकिस्तान के साथ हमारा सुरक्षा के क्षेत्र में पुराना सहयोग है ।
और हम इसे निरंतर और अधिक सुदृढ़ कर रहे हैं ।
तुर्कमेनिस्तान रीजनल connectivity के क्षेत्र में भारतीय vision का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो अश्गाबात agreement में हमारी भागीदारी से स्पष्ट है ।
Excellencies,
क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंताएं और उद्देश्य एक समान हैं ।
अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं ।
इस सन्दर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है ।
Excellencies,
आज की summit के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं ।
पहला, यह स्पष्ट करना कि भारत और Central Asia का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य है ।
भारत की तरफ से मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा कि Central Asia is central to India’s vision of an integrated and stable extended neighbourhood.
दूसरा उद्देश्य, हमारे सहयोग को एक प्रभावी structure देना है ।
इससे विभिन्न स्तरों पर, और विभिन्न stakeholders के बीच, regular interactions का एक ढांचा स्थापित होगा ।
और, तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वकांक्षी roadmap बनाना है ।
इसके माध्यम से हम अगले तीस सालों में रीजनल connectivity और cooperation के लिए एक integrated approach अपना सकेंगे ।
Excellencies,
मैं एक बार फ़िर India - Central Asia शिखर सम्मेलन की प्रथम बैठक में आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ ।
भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जनवरी 2022 को डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की ।
इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने हिस्सा लिया ।
भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ पर यह पहली भारत-मध्य एशिया समिट आयोजित की गई ।
शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और मध्य एशियाई नेताओं ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा की ।
एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, नेताओं ने हर दो साल में शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति व्यक्त जताई ।
वे शिखर सम्मेलन की बैठकों को लेकर आवश्यक तैयारी के लिए विदेश मंत्रियों, वाणिज्य मंत्रियों, संस्कृति मंत्रियों और सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठकों पर सहमत हुए ।
नई व्यवस्था का सहयोग करने के लिए नई दिल्ली में एक भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित किया जाएगा ।
नेताओं ने व्यापार और संपर्क, विकास सहयोग, रक्षा और सुरक्षा तथा विशेष रूप से सांस्कृतिक व लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों में आगे सहयोग के लिए दूरगामी प्रस्तावों पर चर्चा की ।
इसमें ऊर्जा और संपर्क पर गोलमेज बैठक; अफगानिस्तान और चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर वरिष्ठ आधिकारिक स्तर पर संयुक्त कार्य समूह; मध्य एशियाई देशों में बौद्ध प्रदर्शनी और सामान्य शब्दों का भारत-मध्य एशिया शब्दकोश, संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास, मध्य एशियाई देशों से भारत में हर साल 100 सदस्यीय युवा प्रतिनिधिमंडल की यात्रा और मध्य एशियाई राजनयिकों के लिए विशेष पाठ्यक्रम शामिल हैं ।
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एशियाई नेताओं के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की ।
नेताओं ने एक वास्तविक प्रतिनिधि और समावेशी सरकार के साथ शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया ।
प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की जनता को निरंतर मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया ।
नेताओं की ओर से एक व्यापक संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया गया, जिसमें स्थायी और व्यापक भारत-मध्य एशिया साझेदारी के लिए उनके साझा दृष्टिकोण को व्यक्त किया गया ।
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