Lecture 4 Urbanisation in Western Ghats and Biodiesel-uvSBN3nX2z0 31.4 KB
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आज के व्याख्यानों में हम सस्टेनेबल डेवलपमेंट (sustainable development) के दो पहलुओं पर गौर करेंगे।
 मेरा मतलब दो केस स्टडी (case study) से है, पहला भारत के पश्चिमी घाट के शहरीकरण के संबंध में और दूसरा बायो डीजल (biodiesel) है।
 कई शहरीकरण हैं जो पश्चिमी घाटों में विशेष रूप से मुंबई (Mumbai) और पुणे (Pune) के बीच के इलाकों में चल रहे हैं।
 आपको पश्चिमी घाटों (western ghats) में मुलशी रिजर्वायर (Mulshi reservoir) के पास एक गाँव दिखाई देगा, जिसमें बहुत अधिक निवास स्थान नहीं है, यह बहुत हरा-भरा और बहुत अच्छा है।
 अब टाउनशिप (township) के निर्माण में बहुत सारे निवेश किए जा रहे हैं और इस क्षेत्र में बहुत सारे घर हैं, इस क्षेत्र में, वह बड़े पैमाने पर होने वाला शहरीकरण है।
 अब जब आप इस पहाड़ी क्षेत्रों में घरों का निर्माण करते हैं, तो आप वहां की मिट्टी की स्थिति को गड़बड़ कर रहे होंगे और साथ ही आप उस क्षेत्र के स्थानीय हाइड्रोलॉजी (hydrology) को बदल रहे हैं, और इनमें से बहुत सारे छोटे नाले जो बहुत लंबे नहीं हैं।
 आप देख सकते हैं कि एक झरना जो यहाँ आ रहा है, और फिर यह छोटी-छोटी नदियाँ या पहाड़ी धाराएँ या जिन्हें वे नाला कहते हैं, और वे एक रिजर्वायर (reservoir) में भरती हैं, यह उस क्षेत्र में मुलशी जलाशय (Mulshi reservoir) है।
 और यह रिजर्वायर (reservoir) वास्तव में पानी के भंडारण और विकास के लिए उपयोग किया जाता है।
 यहाँ एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन (hydroelectric power station) है जो इस रिजर्वायर (reservoir) के पानी का उपयोग करता है।
 अब, इन स्थानों में विकास के साथ क्या समस्या है? जब बहुत अधिक शहरीकरण हो रहा है, तो यह लैंड यूज़ पैटर्न (land use pattern) को बदल देगा।
 जैसा कि कई क्षेत्रों में जमीन पक्की हो जाएगी और इसलिए बारिश - रनॉफ (runoff) का संबंध बदल जाएगा।
 तो, वर्षा की उतनी ही मात्रा के लिए, जो इन नालों के माध्यम से इन रेसेरवोयर्स (reservoirs में चलती है, इन छोटे छोटे नालों में पानी की मात्रा बदल जाएगी।
 और बल्कि यह इन छोटे नालों से बहने वाले पानी की वेलॉसिटी (velocity) भी बदल देगा, और आपने पास की मिट्टी को भी अशांत कर दिया है और फिर मिट्टी की मात्रा जो मिट रही है, वह बदल जाएगी।
 यह मिट्टी कहां जाती है? यह सारी मिट्टी पानी के साथ जा रही होगी, यह सब सेडीमेंट्स (sediments), जो कैचमेंट (catchment) से इरोड (erode) हो जाती है, यह कैचमेंट (catchment) क्षेत्र है, जो सभी सेडीमेंट्स (sediments) घिस कर, इस नाले में चली जाएगी और फिर पानी के साथ यह रिजर्वायर (reservoir) में चली जाएगी।
 हम यह नहीं जानते हैं कि जो शहरीकरण के कारण लैंड यूज़ पैटर्न (land use pattern) का परिवर्तन के हो रहा है इससे इरोड (erode) होने के कारण कितना सेडीमेंट्स (sediments) प्राप्त होगा।
 लेकिन निश्चित रूप से कुछ प्रभाव होगा, इसका कितना हिस्सा रिजर्वायर (reservoir) में जा रहा है और फिर यह वहां यह जाएगा, बैठेगा और फिर यह रिजर्वायर (reservoir) की क्षमता को कम करेगा।
 कैचमेंट (catchment) क्षेत्र में होने वाली शहरीकरण की वजह से होने वाली इस सेडीमेंट्स (sediments) के कारण रिजर्वायर (reservoir) की क्षमता में क्या कमी है, यह एक ऐसा सवाल है जिस पर गंभीरता से गौर करना चाहिए।
 और अगर यह एक गंभीर समस्या है, तो हम मूल रूप से उस इलाके में शहरीकरण की कितनी अनुमति दे सकते हैं, इस बारे में किसी तरह की नीति हो सकती है।
 यह न केवल रिजर्वायर (reservoir) का सेडीमेंटेशन (sedimentation) है, बल्कि वह लैंड यूज़ पैटर्न (land use pattern) है जो घटित हो रहा है, और शहरीकरण का हाइड्रोलॉजी (hydrology) पर पड़ने वाला प्रभाव है।
 और पानी की मात्रा जो इस नाले से होकर जाती है और फिर जब वे इन नालों से गुजरेंगे उसकी वेलॉसिटी (velocity) में क्या वृद्धि होगी और उन सभी चीजों का धारा बायोटा (biota) पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
 बहुत से बायोटा(biota), वनस्पतियां और जीव हैं जो इन छोटे नालों के लिए बहुत ही अनोखे हैं।
 जब आप इन नालों के माध्यम से प्रवाह पैटर्न (pattern) बदलते हैं, आपने लैंड यूज पैटर्न(land use pattern) को बदल दिया है, हो सकता है, कि इन-स्ट्रीम बायोटा (stream biota) पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है और इकोलॉजी (ecology) को बदल सकते हैं, इसलिए किसी को इन पहलुओं पर गौर करना चाहिए।
 इसलिए, वास्तव में, हमने इस बात पर गौर करने के लिए एक अध्ययन किया है कि पुणे के पास पश्चिमी घाट में नालों में प्रवाह और सामग्री परिवहन कैसे प्रभावित होता है।
 और निश्चित रूप से, एक अतिरिक्त प्रभाव है जो भविष्य में आ सकता है वह क्लाइमेट चेंज (climate change) है।
 लैंड यूज़ पैटर्न (land use pattern) और क्लाइमेट चेंज (climate change) का एक साथ में इन नालों में पानी पर प्रभाव कैसे पड़ता है।
 मुलशी रिजर्वायर (reservoir) पर इसका क्या असर होगा, इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है।
 इस क्षेत्र में इस अर्थ में- क्या बदलाव होने वाला है।
 हम इसके बारे में कैसे सीखते हैं और प्रभाव का अनुमान लगाते हैं, और फिर उस शोध को किसी तरह की नीति में कैसे अनुवाद करते हैं, यह भी एक मुद्दा है।
 अगला मुद्दा बायो डीजल (biodiesel) है।
 दुनिया भर में आबादी में तेजी से वृद्धि हो रही है, और जीवन स्तर भी जबरदस्त रूप से बढ़ रहे हैं और लोगों को एयर कंडीशनर (air conditioner) की अधिक आवश्यकता, अधिक कारों की, ट्रकों और वाहनों और ईंधन की जरूरतों में महत्वपूर्ण वृद्धि होने जा रही है।
 और ईंधन की जरूरतों में यह महत्वपूर्ण वृद्धि समाज के लिए बहुत अधिक चिंता का कारण बन रही है क्योंकि अधिक मात्रा में ईंधन जलने से अधिक ग्रीनहाउस गैस (greenhouse gas) एमिशन्स (emissions) होता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग (global warming) होती है।
 और कई देशों के लिए ऊर्जा असुरक्षा का सवाल है, जो अन्य देशों से इस ईंधन का इनपुट (input) करते हैं, और निश्चित रूप से, ईंधन की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
 इस संदर्भ में, बायो डीजल (biodiesel) एक अच्छी चीज है जिसे किसी को बाजार में आगे बढ़ाना चाहिए।
 बायो डीजल (biodiesel) क्या है? यह एक रासायन है, इसका उत्पादन कैसे किया जाता है? रासायनिक रूप से प्राकृतिक तेल को एल्कोहल (alcohol) के साथ मिलाने से, उदाहरण के लिए जैव ईथेनोल्स (bioethanols) और बायोडीज़ेल (biodiesel)।
 और इस बायो फ्यूल (biofuel) के उपयोग के माध्यम से बायो फ्यूल (biofuel) और बायोएथेनॉल (bioethanol) ईंधन की मांग का 15% प्रदान कर सकते हैं।
 विशेष रूप से यूरोप के कई देशों में बहुत सक्रिय बायोडीजल (biodiesel) कार्यक्रम हुए हैं, माना जाता है -फ्रांस, उत्तरी अमेरिका, कनाडा अधिक से अधिक मात्रा में बायोडीजल (biodiesel का उत्पादन कर रहा है।
 अब अगर अपने देश की तेल अर्थव्यवस्था को देखें।
 हम बहुत सारे तेल का आयात करते हैं, इसका नौकरियों में, हमारी अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, हमारे कच्चे तेल का आयात बिल (bill) वर्ष 2016-2017 में 70 बिलियन डॉलर (billion dollars) था, और उम्मीद है कि भविष्य में हम एक महत्वपूर्ण और लंबे समय तक चलने वाले तेल संकट का सामना करेंगे।
 और इस संदर्भ में -बायोडीजल (biodiesel) के उपयोग से जबरदस्त आर्थिक लाभ हो सकता है, और यह कम भी हो सकता है मतलब यह भी कि, बाजार में बायोडीजल (biodiesel) की शुरूआत हमारी वल्निरेबिलिटी (vulnerability) की घटौती कर सकती है।
 अन्य लाभ क्या हैं? हमें आपूर्ति की सुरक्षा होती है, सस्टेनेबिलिटी (Sustainability) होती है, ग्रीनहाउस गैस (greenhouse gas) कम करता है, ग्रामीण विकास होता है क्योंकि आपको इस बायो फ्यूल (biofuel) के उत्पादन के लिए कच्चे माल का उत्पादन करना है और ग्रामीण विकास बढ़ता है।
 बायोडीजल(biodiesel) के विभिन्न मिश्रणों के लिए एमिशन्स (emissions) को कम करने का अध्ययन किया गया है।
 यहाँ हम उदाहरण देते हैं कि बी20 (B20) मिश्रण के लिए एमिशन्स (emissions) को कम करना है, इससे कुल असंतुलित हाइड्रोकार्बन (hydrocarbon) में लगभग 20% की घटौती है, कार्बन मोनोऑक्साइड (carbon monoxide) में 12% की घटौती है और कण में 12% की घटौती है, इसमें थोड़ी कमी है नाइट्रोजन (Nitrogen) के ऑक्साइड (Oxides) के एमिशन्स (emissions) में वृद्धि है लेकिन फिर जीएचजी (GHG) एमिशन्स (emissions) में घटौती का मान 54 से 40% के बीच रहने की उम्मीद है।
 और ये संख्याएं मिश्रण के साथ बदलती हैं।
 और लोगों ने CO2 एमिशन्स (emissions) के लिए लाइफ साइकिल एमिशन्स (life cycle emissions) का पता किया है।
 बायोडीजल (biodiesel) के लिए कार्बनडाई ऑक्साइड (CO2) का लाइफ साइकिल एमिशन्स (life cycle emissions) का मतलब है कि क्रेडल से ग्रेव के विश्लेषण।
 जोकि बायोडीजल (biodiesel) के लिए 78.45% कम माना जाता है, और सीधे सोयाबीन के पौधों द्वारा कार्बन साइकिल (carbon cycle) से परिणाम , इसलिए बायो फ्यूल (biofuel) के साथ पेट्रोल की जगह के लिए बहुत पुश है।
 लेकिन फिर इससे पहले कि हम कुछ प्रासंगिक प्रश्न करें, हमें पूछना चाहिए, और कई लोगों को लगता है कि हमें कुछ कठिन प्रश्न पूछना है, क्या यह वास्तव में एक व्यवहार्य समाधान है? क्या यह किफायती है, छिपी हुई समस्याएं क्या हैं? इस अर्थ में, क्या हम सब कुछ जानते हैं कि इकोलॉजी (ecology) पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? और हम पूरी तरह से समझ गए हैं, या कोई भी छिपी हुई समस्या है, क्या यह ग्लोबल वार्मिंग (global warming) का एक अच्छा समाधान है या यह ग्लोबल वार्मिंग (global warming) का एकमात्र समाधान है या ग्लोबल वार्मिंग (global warming) को हल करने के बेहतर तरीके हैं।
 क्या वे कुछ अन्य इकोलॉजिकल (ecological) समस्याएं पैदा करेंगे, हम एक समस्या को हल कर रहे हैं जैसे कि मैं ग्लोबल वार्मिंग (global warming) को कम कर रहा हूं, लेकिन फिर क्या हम इसके स्थान पर कुछ अन्य इकोलॉजिकल (ecological) समस्या पैदा करने जा रहे हैं।
 बाजार में बड़े पैमाने पर बायोडीजल (biodiesel) को पेश करने के परिणाम क्या हैं, फिर से बायोडीजल (biodiesel) शुरू करने के लिए कौन है और बाजार में बायोडीजल (biodiesel) लाने के खिलाफ कौन है, और इसके क्या कारण हैं? विभिन्न हितधारकों (stakeholders) के छिपे हुए एजेंडे (agendas) क्या हैं? जैव प्रौद्योगिकी में बहुत सारी प्रौद्योगिकियां (technologies) विकसित हो रही हैं, अब ये सकारात्मक परिणाम प्रदान करती हैं, कौन सी प्रौद्योगिकियां अच्छी हैं? कौन सी तकनीकें इतनी अच्छी नहीं हैं? ये प्रश्न हैं, जिन्हें हमें बाजार में बायो फ्यूल (biofuel) के बड़े पैमाने पर लागू होने से पहले पूछने की आवश्यकता है।
 तेल की कीमतों पर क्या प्रभाव है, क्या वास्तव में परिनियम तेल की कीमतों पर प्रभाव डाल रहा है? बायोडीजल (biodiesel) का परिचय खाद्य बनाम ईंधन बहस के बारे में क्या है, अगर आप में से बहुत से लोग हमारी बात जानते हैं।
 बहुत सारी कृषि भूमि अगर यह कच्चे माल के उत्पादन के लिए ले जाती है जो बायो फ्यूल (biofuel) के उत्पादन के लिए आवश्यक है,तो भोजन के उत्पादन के लिए इतनी जमीन उपलब्ध नहीं होगी।
 हम इससे कैसे निपटेंगे? यह वही है जो भोजन बनाम ईंधन की बहस के बारे में है, क्या हम वास्तव में बायो फ्यूल (biofuel) के लिए कच्चे माल के उत्पादन के लिए सभी भूमि को स्थानांतरण करते हैं, हम इसे कहां कैप (cap) करते हैं? इन बायो डीजल (biodiesel), और कार्बन एमिशन्स (carbon emissions) स्तरों को लाने से गरीबी में घटौती की संभावना क्या है? क्या हमने कार्बन उत्सर्जन के स्तर के बारे में सब कुछ समझ लिया है या कार्बन उत्सर्जन के स्तर में हम जो निवेश कर रहे हैं उसकी मात्रा के अनुरूप घटता है।
 फिर सस्टेनेबल (sustainable) बायो फ्यूल (biofuel) उत्पादन की बात है, यानी हम बायो फ्यूल (biofuel) को बाजार में पेश करते हैं, और फिर, बाद में, हम बहुत सारी कारों (cars) को बदलते हैं वाहन जो बायो फ्यूल (biofuel) पर चलते हैं और बहुत सारी तकनीकी अन्य बातें हैं।
 और फिर अचानक बायो फ्यूल (biofuel) की वह मात्रा, जो कारों और वाहनों के लिए आवश्यक है, का उत्पादन करने में असमर्थ हैं।
 बायो फ्यूल (biofuel) उत्पादन, क्या सस्टेनेबल (sustainable) है, या इसमें कुछ बाधाएं हैं।
 एक और सवाल, जब हम इस बायो फ्यूल (biofuel) के लिए जाते हैं या जब हम अधिक कच्चा माल बनाते हैं जिसका उपयोग बायो फ्यूल (biofuel) के लिए किया जाता है, तो इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव होता है? यह वनों की कटाई और मिट्टी का अपक्षरण होता है और जमीन के बड़े हिस्से जिनमें कुछ विशेष प्रकार की फसलों को उगाते हैं, जो अब वे बायो फ्यूल (biofuel) के लिए कच्चे माल के रूप में विकसित कर रहे हैं, इसका बायो डाइवर्सिटी (biodiversity) पर क्या प्रभाव पड़ता है? क्या बायो डाइवर्सिटी (biodiversity) का नुकसान होने वाला है? क्या यह महत्वपूर्ण होने जा रहा है? और एक और मुद्दा, वह यह है कि हमारे पास मौजूद जल संसाधनों पर भी बायो फ्यूल (biofuel) उत्पादन में वृद्धि का प्रभाव है।
 हमारे जल संसाधन पहले से ही घटते जा रहे हैं, पीने योग्य पानी की मात्रा या उपयोग योग्य पानी की मात्रा कम हो रही है और गुण प्रभावित हो रहे हैं।
 इसलिए, यदि आप देश में बायो फ्यूल (biofuel) का उत्पादन बढ़ाते हैं, तो उपलब्ध जल संसाधनों पर इसका क्या परिणाम होता है? जल संसाधन जो अन्य उद्देश्यों के लिए उपलब्ध हैं विशेष रूप से पीने के पानी, अन्य कृषि उत्पादन वगैरह, वगैरह।
 इनमें से कुछ प्रश्नों को हमें पहले पता करने की आवश्यकता है और तब बायो फ्यूल (biofuel) को पेश करें और ये प्रश्न हैं जो हमें पूछने चाहिए जब भी हम नई प्रौद्योगिकियों को बाजार में पेश करते हैं।
 बेशक, इन पहलुओं पर बहुत काम हो रहा है, और मैं एक रिसर्च पेपर से एक उद्धरण दूंगा, जिन्होंने इस क्षेत्र में बहुत सारे शोध किए हैं।
 और यह उस विशेष अनुसंधान समूह की राय है कि, अगर बायो फ्यूल (biofuel) ऐसे तरीकों से निर्मित होते हैं जो निवास स्थान के रूपांतरण को कम करते हैं; उदाहरण के लिए, भूमि, जो चावल उत्पादन या गेहूं उत्पादन या खाद्य उत्पादन के लिये है, को बदलने के लिए जाने के बजाय, अपशिष्ट उत्पादों (waste products) या सुरक्षा फसलों के उपयोग करें।
 क्या हम ऐसा कर सकते हैं, कि आवास का रूपांतरण कम से कम हो? और इन दिनों पैदा होने वाले कचरे का भरपूर उपयोग करें और इस अपशिष्ट उत्पादों का उपयोग बायो फ्यूल (biofuel) बनाने के लिए या बायो फ्यूल (biofuel) को बनाने के लिए सुरक्षा फसलों का उपयोग करें और पैदावार बढ़ाएं।
 हम कहते हैं कि आप उतनी ही राशि लेते हैं, मेरा मतलब है कि भूमि का क्षेत्रफल लेकिन बायो फ्यूल (biofuel) के लिए उस विशेष भूमि से उपज में वृद्धि, बायो फ्यूल (biofuel) के लिए कच्चा माल, उपज में वृद्धि हो।
 और निम्नीकृत चरागाह को छोड़ दिया गया और क्रॉपलैंड (cropland) को छोड़ दिया गया, बहुत सी भूमि है जिसका उपयोग नहीं किया जा रहा है जो कि एक निम्नीकृत चारागाह है या जो मूल रूप से एक क्रॉपलैंड (cropland) है जिसे कई कारणों से छोड़ दिया गया है, उन भूमि का उपयोग करें।
 अब अगर ऐसा है, तो यदि आप उन मुद्दों को संबोधित करते हैं तो बायो फ्यूल (biofuel) क्लाइमेट चेंज (climate change) को कम करने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं।
 और आप जिस जीवन चक्र का विश्लेषण करते हैं, उसके बारे में कई शोध अध्ययनों से पता चला है कि यह पर्यावरण की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
 इसलिए, यहाँ जो कहा जा रहा है, वहाँ बहुत सारे मुद्दे हो सकते हैं, साथ में, जब हम ईंधन में बायोडीज़ल (biodiesel) का परिचय देते हैं, तो मेरा मतलब है कि बायोडीज़ल (biodiesel) बाज़ार में है, मुझे खेद है।
 लेकिन फिर, यदि हम यह परिचय देते हैं, या यदि हम बायो फ्यूल (biofuel) का उत्पादन इसके अन्य सभी प्रभावों पर विचार करके, और फिर उन मुद्दों को संबोधित करते हैं, तो हम बायोडीज़ल (biodiesel) का एक सस्टेनेबल (sustainable) उपयोग करने में सक्षम होते हैं।
 और यही सब है, कि कुछ व्याख्यान जो मैं अब तक दे रहा हूं और भविष्य में शायद कुछ और।
 हम वही हैं, जो संदेश हम भेजना चाहते हैं।
 इस बात पर नज़र रखें कि एक नई तकनीक के किस तरह के प्रभाव हो सकते हैं या एक नई प्रक्रिया हो सकती है और फिर उन मुद्दों को हल कर सकती है ताकि सस्टेनेबिलिटी (sustainability) प्राप्त हो।
 धन्यवाद।