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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_4	मॉड्यूल -1
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_6	रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_8	टिप्पणियाँ
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_9	SEG005
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_10	परमाणु, अणु और रासायनिक अंकगणित
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_12	रसायन शास्त्र पदार्थ और उनमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_13	रसायनशास्त्र प्राय: कोंद्रिय विज्ञान कहलाती है क्‍योंकि रसायन शास्त्र का मूल ज्ञान जीवविज्ञान, भौतिक शास्त्र, भूगर्भ विज्ञान, पारस्थितिकी विज्ञान और बहुत अन्य विषयों के अध्ययन के लिए आवश्यक होता है ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_15	यद्यपि रसायनशास्त्र पुरातन विज्ञान है इसकी आधुनिक आधारशिला उन्‍नीसवी सदी में डाली गई थी ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_16	जैव वैज्ञानिक और तकनीकी वैज्ञानिकों ने पदार्थों के छोटे घटकों में विखंडन का विचार दिया और उनके बहुत से भौतिक और रसायनिक गुणधर्मों का वर्णन किया ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_18	रसायनशास्त्र का विज्ञान और तकनीक के बहुत से क्षेत्रों में बहुत महत्व है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_19	उदाहरण के लिए स्वास्थ, औषधि, ऊर्जा और पर्यावरण, खाद्य, कृषि इत्यादि ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_21	जैसा कि आप जानते हैं कि अणु और परमाणु बहुत छोटे होते हैं, हम उन्हें आँखों से नहीं देख सकते, न ही सूक्ष्मदर्शा की सहायता से ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_22	अत: यह आवश्यक है कि द्रव्य के जिस नमूने को हम देख सकें और उपयोग में ला सकें उसमें परमाणुओं/अणुओं की बहुत बड़ी संख्या मौजूद हो ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_23	रासायनिक अभिक्रियाओं में परमाणु/अणु एक दूसरे से एक निश्चित संख्या अनुपात में संयुक्त होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_24	अत: यह उचित होगा कि दिए गए द्रव्य के नमूने में अणुओं/परमाणुओं की कुल संख्या ज्ञात हो ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_25	हम दैनिक जीवन में अनेक गणना मात्रक प्रयोग करते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_26	उदाहरण के लिए हम केलों या अंडों की संख्या 'दर्जन' में बतलाते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_27	रसायन विज्ञान में हम जिस गणना मात्रक का प्रयोग करते हैं उसे 'मोल' कहते हैं, यह बहुत बड़ा होता है ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_29	यह मोल संकल्पना की सहायता से संभव है जिसमें तोलकर अपेक्षित अणुओं/परमाणुओं की संख्या ली जा सकती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_30	प्रयोगशाला में रासायनिक यौगिकों का अध्ययन करने के लिए उन पदार्थों की मात्राओं की जानकारी आवश्यक है जिनमें परस्पर क्रिया होनी है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_31	समीकरणमिति (स्टाइकियोमेट्री stoichiometry) जिसे ग्रीक शब्द stoichion = तत्व और metron = नापना से लिया गया ) वह शब्द है जिसका प्रयोग रासायनिक अभिक्रियाओं और यौगिकों के मात्रात्मक अध्ययन के लिए किया जाता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_32	इस पाठ में आप पढ़ेंगे कि रासायनिक सूत्रों का निर्धारण कैसे किया जाता है और रासायनिक समीकरण की सहायता से अभिकारकों की उन मात्राओं की प्रागुक्ति कैसे की जाती है जिन्हें पूर्ण अभिक्रिया के लिए परस्पर मिलाया जाना चाहिए ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_33	दूसरे शब्दों में किसी अभिक्रिया के लिए अभिकारकों की उतनी मात्रा ले सकते हैं कि कोई भी अभिकारक आवश्यकता से अधिक मात्रा में नहीं हो ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_34	रसायन में इस पहलू का बड़ा महत्व है और उद्योगों में तो इसका विस्तृत उपयोग होता है ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_40	इस पाठ को पढ़ने के बाद आप :
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_42	- रसायन शास्त्र के महत्व एवं कार्यक्षेत्र को बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_44	- पदार्थ के कणिय प्रकृति का वर्णन कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_46	- रासायनिक संयोजन के नियम को बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_48	- द्रव्य के परमाणु सिद्धांत को बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_50	- तत्व, परमाणु और अणु को परिभाषित कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_52	- SI मात्रकों की आवश्यकता को बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_54	- मौलिक SI मात्रक को बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_56	- द्रव्ययान और कणों की संख्या के बीच संबंध की व्याख्या कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_58	- आवोगाद्रो स्थिरांक की परिभाषा और उसकी महत्ता बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_60	- विभिन्‍न तत्वों और यौगिकों के मोलर द्रव्यमान का परिकलन कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_62	- STP पर गैसों के मोलर आयतन की व्याख्या कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_64	- मूलानुपाती और आण्विक सूत्रों की परिभाषा दे सकेंगे;B66
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_66	- मूलानुपाती और आण्विक सूत्रों में अंतर बता सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_68	- किसी यौगिक में तत्व के द्रव्यमान प्रतिशत का परिकलन कर सकेंगे, और प्रतिशत संघटन से उसका मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_70	- मोल, द्रव्यमान और आयतन के बीच संबंधों की व्याख्या कर सकेंगे;
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_72	- संतुलित समीकरण और मोल संकल्पना की मदद से किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपयुक्त और निर्मित पदार्थों की मात्रा का परिकलन कर सकेंगे; और
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_74	- सीमांतकर्मक का निर्मित उत्पाद की मात्रा को सीमित कर देने कि मूलिका का वर्णन कर सकेंगे ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_76	रसायन शास्त्र के महत्व और कार्यक्षेत्र
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_78	रसायन विज्ञान हमारे जीवन के सभी आयामों में महत्वपूर्ण योगदान देता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_79	आइए कुछ ऐसे ही क्षेत्र में रसायन विज्ञान के योगदान को समझें ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_83	1.1.1 स्वास्थ और औषधि
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_85	इस सदी के तीन मुख्य विकासों ने हमें बिमारी को रोकने और उपचार के लिए प्रेरित किया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_86	जन स्वास्थ साधन लोगो को संक्रामक बिमारियों से बचाने के लिए, सफाई तंत्रों का निर्माण करना ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_87	एनसथैशिया के साथ सल्यशास्त्र तथा चिकित्सकों को समीवित घातक अवस्था में उपचार के लिए प्रेरित करने में बढ़ा जीन चिकित्सा औषधि में चौथी क्रांति है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_88	(जीन वंशानुगत सकल की एक मूल इकाई है) बहुत सारी स्थितियां जैसे कि सिस्टेटिक फाइब्रोसिस और हीमोफिलीया नवजातों में एकल जीन को हानि पहुचाते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_89	बहुत अन्य बिमारियों जैसे कि केंसर, हृदय बीमारी, एड्स और संधिशोध के परिणाम स्वरूप एक या अधिक जीनों, जो कि शरीर की रक्षा में शामिल होती हैं को दुर्बल कर देते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_90	जीन चिकित्सा में इस प्रकार की अव्यवस्था के इलाज व आराम के लिए बीमार कोशिकाओं में चयनित स्वस्थ जीन को पहुंचाया जाता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_91	इस प्रकार की प्रणाली के लिये चिकित्सक को सम्मलित सभी आणविक घटकों के रसायनिक गुणधर्मों एवं रासायनिक अभिक्रिया के क्रियाविधि का गहन ज्ञान होना चाहिए ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_93	फार्माक्यूटिकल (औषध) उद्योगों में रसायन शास्त्री शक्तिशाली भेषजों की खोज कर रहे हैं जिनका केसर, एड्स और अन्य बिमारियां के उपचार में अन्य प्रभाव कम या कोई न हो और औषधियाँ सफलतापूर्वक अंगों के प्रतिरोपण की संख्या में वृद्धि कर सकें ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_95	1.1.2 ऊर्जा और पर्यावरण
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_97	ऊर्जा बहुत से रासायनिक प्रक्रमों का सह-उत्पाद होती हैं और जैसे जैसे ऊर्जा के खर्च करने की मांग बढ़ रही है तकनिकी रूप से अमेरिका जैसे विकसित देशों और विकासशील देश जैसे कि भारत, में रसायनशास्त्री ऊर्जा के नये स्त्रोतो का पता लगाने में क्रियाशील है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_98	वर्तमान में ऊर्जा के मुख्य स्त्रोत जीवाश्म ईंधन (कोल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस) हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_99	आज के खर्च के कारण इन ईंधनों को भण्डारण हमारे लिए 50-100 सालों तक रहेगा इसलिए वैक्लपिक संसाध नों का पता लगाना हमारे लिए आवश्यक है ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_101	सौर ऊर्जा भविष्य के लिए ऊर्जा का एक अहम स्त्रोत है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_102	प्रत्येक वर्ष पृथ्वी पृष्ठ, सूर्य प्रकाश से लगभग 10 गुणा ऊर्जा प्राप्त होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_103	लेकिन बहुत सी यह ऊर्जा नष्ट हो जाती है क्योंकि यह आकाश में वापिस परावर्तित हो जाती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_104	विगत तीस सालों की हुई खोज से ज्ञात हुआ है कि सौर ऊर्जा को प्रभावित रूप से नियंत्रण करने की दो विधियाँ हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_105	एक प्रकाशीकीय बोल्टिक सेल का उपयोग करके सूर्य प्रकाश को सीधे विद्युत में परिवर्तित करना ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_106	और दूसरा सूर्य प्रकाश का उपभोग करके पानी से हाइड्रोजन प्राप्त करना ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_107	हाइड्रोजन को ईंधन सेल में प्रयोग करके विद्युत उत्पन्न की जाती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_108	2050 तक यह कल्पना की जाती है कि हमारी आवश्यकताओं के 50 प्रतिशत से अधिक सौर ऊर्जा की आपूर्ति होगी ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_109	ऊर्जा का एक अन्य अहम स्त्रोत नाभिकीय विखंडन है, लेकिन विखंडन प्रक्रमों से उत्पन्न रेडियोधर्मी अपशिष्टों से पर्यावरण के प्रदूषण के कारण अमेरिका में नाभिकीय उद्योग का भविष्य अनिश्चित है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_110	रसायनशास्त्री नाभिकीय अपशिष्ट को निपटाने के लिए उचित विधियों की खोज में सहायता कर सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_111	संलयन सूर्य और अन्य तारों में होने वाला प्रक्रम हैं जिसमें हानिकारक बिना अपशिष्ट पदार्थों के उत्पन्न हुये अत्यधिक ऊर्जा प्राप्त होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_112	अगले 50 वर्षों में ऊर्जा के महत्वपूर्ण स्त्रोतों में नाभिकीय संलयन भी होगा ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_116	ऊर्जा उत्पादन तथा ऊर्जा उपभोगिता हमारी पर्यावरणीय गुणवता से पूर्णतः जुड़ी हुई हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_117	जीवाश्मीय ईंधन के जलाने से मुख्य हानि यह है कि ये कार्बन-डाइआक्सॉइड छोड़ते हैं जो कि एक ग्रीन हाउस गैस है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_118	(जो कि पृथ्वी के वायुमंडल को गर्म करने को प्रोत्साहित करती है), इसके साथ-साथ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन ऑक्साइड भी छोड़ते हैं जिसके फलस्परूप अम्लीय वर्षा तथा धुंध बनती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_119	ऊर्जा-दक्षीय स्वचालित वाहनों तथा अधिक प्रभावी उत्प्रेरी परिवर्तकों के उपयोग द्वारा, हम हानिकारक स्वउत्सर्जनों के अत्यधिक मात्रा को कम कर सकते हैं तथा अधिक यातायात वाले क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_120	इनके साथ, विद्युतीय कार, जो कि अधिक देर तक चलने वाली बैटरियों से संचालित हों, अगली सदी में अधिक प्रचलित होनी चाहिए जिनके उपयोग से प्रदूषण को कम से कम किया जा सकेगा ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_122	1.1.3 द्रव्यात्मक और प्रौद्योगिकी
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_124	रासायनिक खोज और इक्कीसवी सदी के विकास ने नये पदार्थ दिये हैं जिससे हमारे जीवन में अत्यधिक सुधार हुआ है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_125	और अगिनत तरीको से हमारी विकसित प्रोद्योगिकी में सहायता की है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_126	बहुलक (नाइलॉन और रबड्‌ शामिल है) सिरेमिक्स (जैसे की खाना पकाने के बर्तन) द्रव क्रिस्टल (जैसे जो कि इलेक्ट्रानिक यंत्रों में) चिपकाने वाले और परत चढ़ाने (उदाहरण के लिए लेटेक्स्‌ पेंट) कुछ उदाहरण हैं
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_128	आने वाले भविष्य के लिए क्या भंडारण हैं ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_129	एक सम्भावना कक्षीय तापमान पर अधिसुचालक है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_130	कापर तारों में विद्युत का वाहन होता है, दूसरे जो कि पूर्ण रूप में चालक नहीं है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_131	इसके परिणामस्वरूप लगभग 20 प्रतिशत विद्युत ऊर्जा की ऊष्मा के रूप में हमारे घरों और पावर स्टेशनों के बीच में हानि हो जाती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_132	यह अत्यधिक फजूलखर्ची है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_133	अधिसुचालक वे पदार्थ होते हैं जिनमें विद्युत प्रतिगोेधिता नहीं होती है और जो कि ऊर्जा की हानि हुए बगैर विद्युत प्रवाहित करते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_134	SEG045
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_135	1.1.4 खाद्य और कृषि
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_136	SEG046
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_137	संसार में निरंतर शीघ्रता से बढ़ती हुई जनसंख्या को किस प्रकार खिलाया जा सकता है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_138	गरीब देशों में कृषि सक्रियता हमारी कार्य बलों का लगभग 80 प्रतिशत है और औसतन परिवार को औसतन बजट की आधी पूंजी खाद्य सामग्री पर व्यय हो जाती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_139	इससे राष्ट्र के संसाधन व्यर्थ चले जाते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_140	कृषि उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारक है मिट्टी की गुणवत्ता, कीड़े और बीमीरयां जो कि फसल को नष्ट कर देते हैं और खरपतवार पोषकों को खत्म कर देते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_141	सिचाई के अतिरिक्त कृषक फसल की पैदावार में वृद्धि करने के लिए उरवरकों और कीटनाशकों पर निर्भर रहते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_142	SEG047
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_143	1.2 द्रव्य की कणिकीय प्रकृति
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_144	SEG048
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_145	सभी द्रव्य प्रकृति में कण होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_146	इसका आधारिक अर्थ यह है कि द्रव्य के दो सिरों के बीच में रिक्त होता है जिसमें कोई द्रव्य नहीं होता ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_147	इस विज्ञान में इसे द्रव्य की परमाणुक प्रकृति कहते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_148	सामान्यतः यह माना जाता है कि इस तथ्य सबसे पहले लगभग 440 BC में ग्रीक दार्शनिक ल्यूसिपस तथा उसके शिष्य डेमोक्रिटस ने दिया था ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_149	यद्यपि महर्श कनाड ने इससे पहले (500 BC) में द्रव्य के परमाणुकीय संकल्पना को प्रस्तावित किया था और द्रव्य के सूक्ष्मतम कण को परमाणु नाम दिया था ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_151	page-5
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_152	SEG050
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_153	1.3 रासायनिक संयोजन के नियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_154	SEG051
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_155	अठारवीं सदी के बाद रासयनिक विज्ञान में अत्याधिक उन्नति की है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_156	इससे ऊष्मा की प्रकृति और किस प्रकार वस्तुएं जलती है को जानने में आनंद आया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_157	मुख्य उन्‍नति रासायनिक तुला का सावधानी से प्रयोग करके होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं में द्रव्यमान में होने वाले परिवर्तन का पता लगा सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_158	महान फ्रेंच रसायनविद एंटिमिनी लेवाइजर ने रासायनिक अभिक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए तुला का प्रयोग किया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_159	उसने मरकरी को बन्द फ्लास्क में जिसमें हवा थी गर्म किया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_160	बहुत दिनों के बाद मरकरी ऑक्साइड का लाल पदार्थ प्राप्त हुआ ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_161	फ्लास्क में बची गैस के द्रव्यमान में कमी आ गई ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_162	शेष गैस न तो दहन न ही जीवन में सहायक है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_163	फ्लास्क में बची हुई गैस की नाइट्रोजन के रूप में पहचान हुई ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_164	मरकरी के साथ संयुक्त होने वाली गैस ऑक्सीजन थी ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_165	आगे उसने इस प्रयोग को सावधानी से मरकरी (II) आक्साइड की तुली हुई मात्रा के साथ किया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_166	उसने पाया कि लाल रंग के मरकरी (II) आक्साइड को प्रबलता से गर्म करने पर मरकरी और आक्सलीन में विघटित हो जाता है उसने मरकरी और आक्सजीन में विघटित हो जाता है उसने मरकरी और आक्सीजन दोनों को तोला और पाया कि दोनों का संयुक्त द्रव्यमान लिए गए मरकरी (II) आक्साइड के द्रव्यमान के बराबर था ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_167	लेवाइजर ने अंतिम निष्कर्ष निकाला कि  प्रत्येक रासायनिक अभिक्रिया में सभी अभिकर्मकों का सम्पूर्ण द्रव्यमान सभी उत्पादों के सम्पूर्ण द्रव्यमान के बराबर होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_168	यह द्रव्यमान-संरक्षण का नियम माना जाता है।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_169	SEG052
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_170	रसायनविदों द्वारा अभिकर्मकों और उत्पादों का सही द्रव्यमानों का पता लगाने के बाद विज्ञान में शीघ्रता से उन्नति हुई ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_171	फ्रेन्च रसायविदो क्लाउडे बर्थोलेट और जोसेफ प्राडस्ट ने दो तत्वों जो कि संयुक्त होकर यौगिक बनाते हैं के अनुपातों (द्रव्यमान) पर कार्य किया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_172	सावधानी से कार्य करने के बाद प्राउस्ट ने 1808 में निश्चित या स्थिर अनुपात का नियम दिया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_173	दिये गये रासायनिक यौगिक में तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात जो कि संयुक्त होते हैं निश्चित होता है और यौगिक के स्रोत और विरचन पर निर्भर नहीं करता है।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_175	उदाहरण के लिए शुद्ध जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 1:8 होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_176	दूसरे शब्दों में द्रव्यमान के रूप में शुद्ध जल में हाइड्रोजज 11.11% और ऑक्सीजन 88.89% होती है चाहे जल को कुआं, नदी या तलाब से लिया गया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_177	इस प्रकार यदि 9.0 ग्राम जल का विघटन किया जाए तो हमेशा 1.0 ग्राम हाइड्रोजज और 8.0 ग्राम ऑक्सीजन प्राप्त होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_178	यदि 3.0 ग्राम हाइड्रोजन को 8.0 ग्राम ऑक्सीजन के साथ मिश्रित करते हैं और मिश्रण को जलाया जाता है तो 9.0 ग्राम जल बनता है और 2.0 ग्राम हाइड्रोजज अन अनिभिकृत बच जाती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_179	इसी प्रकार सोडियम क्लोराइड में 60.66% क्लोरीन और 39.34% सोडियम द्रव्यमान के रूप में होते है चाहे हम इसे लवण खदानों, समुद्र के जल या सोडियम और क्लोरीन से बनाये ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_180	वास्तव में इस वाक्य में शुद्ध मुख्य शब्द है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_181	पुनः प्रयोगात्मक परिणाम वैज्ञानिक विचारों की विशिष्टता होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_182	वास्तव में आधुनिक विज्ञान प्रयोगात्मक अनुसंधान पर निर्भर करती है पुनः परिणाम अप्रत्यक्ष रूप सत्य की तरफ संकेत करते हैं जो कि छिपे होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_183	वैज्ञानिक हमेशा इस सत्य पर अनुसंधान करते हैं और इस प्रकार बहुत से सिद्धांत और नियमों की खोज की ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_184	इस सत्य की खोज विज्ञान के विकास में अहम कार्य करती है ।
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_187	SEG055
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_188	डाल्टन परमाणु सिद्धांत केवल द्रव्यमान संरक्षण और स्थिर अनुपात के नियमों का उल्लेख करता है लेकिन नए की भी कल्पना करता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_189	उसने अपने सिद्धांत के आधार पर गुणित अनुपात नियम दिया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_190	इस नियम के अनुसार यदि दो तत्व संयोजित होकर एक से अधिक यौगिक बनाते हैं, तो एक तत्व के साथ दूसरे तत्व के संयुक्त होने वाले द्रव्यमान छोटे पूर्णाकों के अनुपात में होते हैं। उदाहरण के लिए कार्बन और आक्सीजन दो यौगिक कार्बन मोनोक्साइड और कार्बनडाई आक्साइड बनाते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_191	कार्बन मोनोक्साइड में प्रत्येक 1.0000 ग्राम कार्बन के लिए 1.3321 ग्राम ऑक्सीजन होती है जबकि कार्बनडाई ऑक्साइड में प्रत्येक 1.0000 ग्राम कार्बन के लिए 2.6642 ग्राम ऑक्सीजन होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_192	दूसरे शब्दों में कार्बन डाईआक्साइड में कार्बनममोनोआक्साइड (2x1.3321 = 2.6642) की तुलना में दिये गये कार्बन के द्रव्यमान में दो गुणा आक्सीजन होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_193	परमाणु सिद्धांत यह उल्लेख करता है कि दिये गये कार्बन परमाणुओं में कार्बन मोनोक्साइड की तुलना में कार्बन डाईआक्साइड में आक्सीजन परमाणुओं की संख्या दो गुणी होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_194	परमाणु सिद्धांत से उत्पन्न गुणित अनुपात रसायनविदो के लिए इस सिद्धांत की वैधता को स्वीकार करने में महत्वपूर्ण था ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_195	SEG056
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_196	1.4 द्रव्य का परमाणु सिद्धांत
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_197	SEG057
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_198	जैसा कि हम पहले पढ़ चुके हैं कि लेवाइजर ने आधुनिक रसायन की प्रयोगात्मक नींव रखी ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_199	लेकिन ब्रिटिश रसायनविद्‌ डाल्टन (1766-1844) ने मूल सिद्धांत दिया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_200	सभी तत्व, यौगिक या मिश्रण सभी द्रव्य होते है छोटे कणों जिन्हें परमाणु कहते हैं से बने होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_201	इस खंड में डाल्टन की अवधारणाएं या मूल कथनों का उल्लेख किया गया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_202	SEG058
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_203	1.4.1 डाल्टन परमाणु सिद्धांत की अवधारणाएं
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_204	SEG059
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_205	बहुत छोटे कणों के विभिन्‍न संयोजनों के चरणों में द्रव्य की संरचना का उल्लेख करना डाल्टन सिद्धांत का मुख्य बिंदु है यह निम्नलिखित अवधारणाओं द्वारा दिया गया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_206	SEG060
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_207	1. सभी द्रव्य अविभाजित परमाणुओं के बने होते है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_208	एक परमाणु द्रव्य का अत्यधिक छोटा कण है जो रासायनिक अभिक्रिया के समय अपनी पहचान बनायें रखता हे ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_209	SEG061
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_210	2. एक तथ्य केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से बना द्रव्य होता है दिये गये एक प्रकार में प्रत्येक परमाणु के गुणधर्म एक समान होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_211	द्रव्यमान एक ऐसा गुणधर्म है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_212	इस प्रकार दिये गये परमाणुओं का अभिलाक्षणिक द्रव्यमान होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_213	SEG062
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_214	3. यौगिक एक प्रकार का द्रव्य है जो कि दो या अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में रासायनिक संयोजन से बनता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_215	यौगिक में दो प्रकार के परमाणुओं सापेक्ष संख्या एक साधारण अनुपात में होती है उदाहरण के लिए पानी हाइड्रोजज और आक्सीजन तत्वों से बना होता है जिसमें हाइड्रोज और आक्सीजन का अनुपात 2 :1 होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_216	SEG063
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_217	4. रासयनिक अभिक्रियाः अभिकृत पदार्थों में उपस्थित परमाणुओं को पुनः व्यवस्थित करके, नये रासायनिक संयोजनों देते है जो पदार्थ कि अभिक्रिया के द्वारा बनते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_218	परमाणु किसी भी रासायनिक अभिक्रिया द्वारा न तो पैदा, न ही नष्ट या छोटे कणों में तोड़े जा सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_219	SEG064
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_220	page-7
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_221	SEG065
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_222	आज हम जानते हैं कि परमाणु सत्य रूप में अविभाजित नहीं होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_223	ये स्वयं कणों से बने होते डॉल्टन की अवधारणाएं आवश्यक रूप में सत्य हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_224	SEG066
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_225	1.4.2 परमाणु क्‍या है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_226	SEG067
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_227	जैसा कि हमने पिछले खंड में देखा कि परमाणु एक तत्व का छोटे से छोटा कण है जो कि इसके तत्व रासायनिक गुणधर्मों को धारण करता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_228	एक तत्व का परमाणु दूसरे तत्व के परमाणु से आकार और द्रव्यमान में भिन्‍न होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_229	शुरू में भारतीय और ग्रीक दार्शनिकों ने परमाणु नाम दिया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_230	आज हम जानते हैं यह मूल दार्शनिकता को दर्शाता है कि परमाणु अविभाजित नहीं होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_231	उन्हें छोटे कणों में तोड़ा जा सकता है यद्यपि इस प्रक्रम में रासायनिक पहचान खो देते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_232	लेकिन इन विकासों के बावजूद परमाणु द्रव्य का नींव का पत्थर हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_233	SEG068
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_234	1.4.3 अणु
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_235	SEG069
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_236	रासायनिक बलों के द्वारा जुड़े हुए कम से कम दो परमाणुओं के निश्चित व्यवस्थित समूहों को अणु कहते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_237	स्थिर अनुपात के नियम के अनुसार एक अणु में एक समान तत्व और दो या अधिक तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_238	इस प्रकार यह आवश्यक नहीं है कि अणु एक यौगिक हो जो कि परिभाषा के अनुसार दो या अधिक तत्वों से बना होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_239	उदाहरण के लिए हाइड्रोजन गैस एक शुद्ध तत्व है लेकिन इसमें अणु होते हैं जो कि दो प्न परमाणुओं के बने होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_240	दूसरी ओर पानी एक आणविक यौगिक है जिसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात दो और एक (2:1) परमाणु होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_241	परमाणुओं के समान अणु विद्युतीय उदासीन होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_242	SEG070
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_243	हाइड्रोजन अणु जिसे H_2 से संकेतिक किया जाता है द्विपरमाणुविक अणु कहलाता है क्योंकि इसमें केवल दो परमाणु हाते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_244	अन्य द्विपरमाणुविक है नाइट्रोजन (N_2), ऑक्सीजन (O_2)और वर्ग 17 के तत्व फ्लोरीन (F_2), क्लोरीन (Cl_2), ब्रोमीन (Br_2), और आयोडीन (I_2) वास्तव में ट्विपरमाणुक अणु विभिन्‍न तत्वों के परमाणुओं से भी बनते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_245	उदाहरण के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और कार्बन मोनोक्‍साइड (CO) ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_246	SEG071
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_247	अधिकतर अणुओं में दो से अधिक परमाणु होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_248	ये एक ही तत्व के परमाणु हो सकते परमाणुओं से बना है या दो या दो से अधिक तत्वों के संयोजन से बन सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_249	दो से अधिक परमाणुओं से बनने वाले अणुओं को बहु-परमाणुविक अणु कहते हैं जैसे कि ओजोन, पानी (H_2O)और अमोनिया (NH_3) बहुपरमाणुविक अणु है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_250	SEG072
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_251	1.4.4 तत्व (Elements)
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_252	SEG073
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_253	पदार्थ तत्व या योगिकों के बने हो सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_254	एक तत्व एक पदार्थ है जिसे रासायनिक विधियों द्वारा सरल पदार्थों में अलग नहीं किया जा सकता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_255	अब तक 118 तत्वों को निश्चित रूप से पहचाना जा चुका है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_256	जिनमें से 83 तत्व पृथ्वी में प्राकृतिक रूप में पाये जाते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_257	और शेष को वैज्ञानिकों ने कृत्रिम रूप से नाभकीय क्रिया पद्धतियों (प्रक्रमों) द्वारा संशलेषित किया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_258	सुविधा के लिये रसायन शास्त्रीयों ने तत्वों को एक, दो या तीन अक्षरों से बने संकेतों द्वारा प्रदर्शित किया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_259	संकेत का पहला अक्षर सदैव बड़ा अक्षर होता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_260	SEG074
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_261	page-8
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_262	SEG075
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_263	जब शेष अक्षर बड़े नहीं होते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_264	उदाहरण के लिये Co कोबाल्ट तत्व का संकेत है जबकि कार्बन मोनोक्साइड अणु का सूत्र है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_265	तालिका-1 में अधिक प्रचलित तत्वों में से कुछ के नाम व संकेत दिये हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_266	तत्वों की पूर्ण सूचि पुस्तक के मुख्य पृष्ठ के पीछे दी गई है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_267	कुछ तत्वों के संकेत उनके लेटिन नामों से लिये गये हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_268	उदाहरणतया Au को औरम (सोना) से, Fe को फेरम (लोहा) से और Na को नट्रियम (सोडियम) से है जबकि अधिकतर नाम इंगलिश नामों से आये हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_269	SEG076
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_270	तालिका-1 कुछ सामान्य तत्व व उनके संकेत
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_271	SEG077
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_272	नाम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_273	SEG078
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_274	एल्युमिनियमस
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_275	SEG079
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_276	आर्सेनिक
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_277	SEG080
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_278	बेरियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_279	SEG081
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_280	बिस्मथ
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_281	SEG082
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_282	ब्रोमीन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_283	SEG083
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_284	कैल्सियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_285	SEG084
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_286	कार्बन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_287	SEG085
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_288	क्लोरीन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_289	SEG086
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_290	क्रोमियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_291	SEG087
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_292	कोबाल्ट
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_293	SEG088
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_294	कॉपर
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_295	SEG089
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_296	फ्लोरीन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_297	SEG090
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_298	सोना
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_299	SEG091
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_300	हाइड्रोजन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_301	SEG092
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_302	आयोडीन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_303	SEG093
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_304	आयरन
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_306	लैड
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hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_308	मैग्निशियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_309	SEG096
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_310	मैगंनिज
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_311	SEG097
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_312	मरकरी
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_313	SEG098
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_314	निकल
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_315	SEG099
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_316	नाइट्रोजन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_317	SEG100
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_318	ऑक्सीजन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_319	SEG101
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_320	फास्फोरस
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_321	SEG102
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_322	प्लेटिनम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_323	SEG103
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_324	पोटाशियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_325	SEG104
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_326	सिलिकान
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_327	SEG105
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_328	सिल्वर
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_329	SEG106
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_330	सोडियम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_331	SEG107
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_332	सल्फर
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_333	SEG108
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_334	टिन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_335	SEG109
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_336	टंगस्टेन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_337	SEG110
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_338	जिंक
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_339	SEG111
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_340	रसायन शास्त्री अणुओं के संघटन के प्रदर्शित करने के लिये किये रासायनिक सूत्रों तथा आयनिक यौगिकों को प्रदर्शित करने के लिए रासायनिक संकेतों का प्रयोग करते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_341	संघटन का अर्थ न केवल तत्वों के उपस्थिति से है बल्कि परमाणु किस अनुपात में संयोग करते हैं से भी है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_342	यहाँ हमारा सम्बन्ध दो प्रकार के सूत्रों से है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_343	आणिवक सूत्र और मूलानुपाति सूत्र ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_344	SEG112
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_345	पाठगत प्रश्न 1.1
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_346	SEG113
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_347	1. रसायन विज्ञान, विज्ञान एवं प्राद्योगिकी के विभिनन क्षेत्रों में अपना योगदान देता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_348	वे सभी क्षेत्र क्या हैं ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_349	SEG114
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_350	2. पदार्थ के कणिय प्रकृति को किसने प्रतिस्थापित किया था ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_351	SEG115
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_352	3. द्रव्यमान सरेक्षण का नियम क्‍या है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_353	SEG116
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_354	4. परमाणु क्‍या है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_355	SEG117
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_356	5. अणु क्‍या है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_357	SEG118
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_358	6. सोडियन का संकेत Na क्‍यों है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_359	SEG119
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_360	7. कैसे यौगिक किसी तत्व से अलग है ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_361	SEG120
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_362	page-9
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_363	SEG121
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_364	1.5 SI मात्रक ( पुनरावृत्ति )
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_365	SEG122
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_366	जीवन के हर क्षेत्र में मापन की आवश्यकता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_367	जैसा कि आप जानते हैं हर मापन के लिए एक मात्रक या एक निश्चित मानक की आवश्यकता होती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_368	विभिन्‍न देशों ने मात्रकों की भिन्‍न-भिन्‍न प्रणालियाँ विकसित कीं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_369	इससे एक देश को दूसरे देश के साथ व्यापार आदि में समस्याओं का सामना करना पड़ता था ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_370	वैज्ञानिकों को अक्सर एक दूसरे के आंकड़े इस्तेमाल करने पड़ते थे इससे उन्हें अत्यधिक परेशानी होती थी ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_371	प्रयोग में लाने के लिए, पहले आंकड़ों को स्थानीय.टिप्पणियाँ प्रणाली में बदलना पड़ता था ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_372	SEG123
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_373	सन्‌ 1960 में, 'General Confrence of Weights and Measures' मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने मीट्रिक प्रणाली पर आधारित एक नई प्रणाली को प्रस्तावित किया ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_374	इसे 'International System of Units' कहा गया, इसको संक्षेप में SI लिखते हैं जोकि इसके फैंच नाम 'System Internationale unites' से लिया गया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_375	आप अपनी पिछली कक्षाओं में SI मात्रकों के बारे में पढ़ चुके हैं और जानते हैं कि ये सात मौलिक मात्रकों पर आधारित हैं जो सात मौलिक भौतिक राशियों के संगत हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_376	अन्य भौतिक राशियों के मात्रकों की व्युत्पत्ति मूल मात्रकों से की जाती है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_377	सात मौलिक 1 मात्रकों को सारणी 1.2 में दिया गया है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_378	SEG124
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_379	सारणी 1.2: SI भौतिक मात्रक
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_380	SEG125
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_381	भौतिक राशि
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_382	SEG126
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_383	लंबाई
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_384	SEG127
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_385	द्रव्यमान
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_386	SEG128
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_387	समय
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_388	SEG129
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_389	विधुत धारा
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_390	SEG130
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_391	ताप
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_392	SEG131
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_393	तत्व मात्रा
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_394	SEG132
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_395	प्रदीप्त की गहनता
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_396	SEG133
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_397	मात्रक का नाम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_398	SEG134
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_399	मीटर
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_400	SEG135
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_401	किलाग्रोम
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_402	SEG136
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_403	सेकंड
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_404	SEG137
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_405	ऐम्पियर
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_406	SEG138
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_407	केल्विन
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_408	SEG139
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_409	मोल
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_410	SEG140
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_411	केंडेला
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_412	SEG141
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_413	SI मात्रक के लिए संकेत
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_414	SEG142
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_415	बहुत बड़ी या बहुत छोटी राशियों को मापने के लिए इन मात्रकों के गुणजों और अपवर्तकों का प्रयोग किया जाता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_416	प्रत्येक के लिए प्रतीक हैं जिन्हें मात्रकों में उपसर्ग की तरह लगाया जाता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_417	उदाहरण के लिए लंबी दूरी को नापने के लिए किलोमीटर मात्रक का प्रयोग किया जाता है, यह लंबाई के मौलिक मात्रक मीटर का गुणांक है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_418	यहाँ 10^3 गुणज के लिए किलो उपसर्ग है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_419	इसे k से निरूपित करते हैं जिसे मीटर के प्रतीक m के आगे लगाया जाता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_420	अत: किलोमीटर का प्रतीक हुआ km और
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_421	SEG143
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_422	इसी प्रकार, छोटी दूरी नापने के लिए सेंटीमीटर (cm) और मिलीमीटर (mm) का प्रयोग करते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_423	SEG144
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_424	यहाँ
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_425	SEG145
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_426	SI मात्रकों के साथ लगाए जाने वाले कुछ उपसर्ग सारणी 1.3 में दिखाए गए हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_427	SEG146
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_428	page-10
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_429	SEG147
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_430	सारणी 1.3: SI मात्रक के साथ प्रयुक्त होने वाले उपसर्ग
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_431	SEG148
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_432	उपसर्ग
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_433	SEG149
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_434	टेरा
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_435	SEG150
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_436	गीगा
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_437	SEG151
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_438	मेगा
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_439	SEG152
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_440	किलो
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_441	SEG153
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_442	हेक्टा
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_443	SEG154
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_444	डेका
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_445	SEG155
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_446	डेसी
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_447	SEG156
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_448	सेंटी
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_449	SEG157
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_450	मिली
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_451	SEG158
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_452	माइक्रो
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_453	SEG159
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_454	नैनो
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_455	SEG160
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_456	पीको
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_457	SEG161
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_458	संकेत
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_459	SEG162
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_460	अर्थ
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_461	SEG163
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_462	उदाहरण
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_463	SEG164
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_464	1 टेरामीटर (Tm) = 1.0 x 10^{12} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_465	SEG165
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_466	1 गीगा (Gm) = 1.0 x 10^9 m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_467	SEG166
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_468	1 मेगामीटर (Mm) = 1.0 x 10^6 m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_469	SEG167
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_470	1 किलोमीटर (Km) = 1.0 x 10^3 m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_471	SEG168
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_472	1 हेक्टामीटर (hm) = 1.0 x 10^2 m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_473	SEG169
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_474	1 डेकामीटर (dam) = 1.0 x 10^1 m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_475	SEG170
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_476	1 डेसीमीटर (dm) = 1.0 x 10^{-1} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_477	SEG171
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_478	1 सेंटीमीटर (cm) = 1.0 x 10^{-2} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_479	SEG172
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_480	1 मिलीमीटर (mm) = 1.0 x 10^{-3} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_481	SEG173
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_482	1 माइक्रोमीटर (μm) = 1.0 x 10^{-6} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_483	SEG174
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_484	1 नैनोमीटर (nm) = 1.0 x 10^{-9} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_485	SEG175
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_486	1 पीकोमीटर (pm) = 1.0 x 10^{-12} m
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_487	SEG176
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_488	आगे बढ़ने से पहले निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयत्न करें ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_489	SEG177
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_490	पाठगत प्रश्न 1.2
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_491	SEG178
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_492	1. द्रव्यमान का SI मात्रक बताइए ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_493	SEG179
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_494	2. 1.0x10^{-6} g के लिए किस प्रतीक का उपयोग होना चाहिए ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_495	SEG180
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_496	3. (i) 10^2 और (ii) 10^{-9} के लिए प्रयोग होने वाले उपसर्गों के नाम लिखिए ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_497	SEG181
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_498	4. निम्नलिखित प्रतीक क्‍या व्यक्त करते हैं ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_499	SEG182
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_500	1.5.1 द्रव्यमान और कणों की संख्या में संबंध
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_501	SEG183
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_502	मान लीजिए आप 500 पेंच (स्क्रू) खरीदना चाहते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_503	आप कया सोचते हैं, दुकानदार आपको यह संख्या कैसे देगा ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_504	प्रत्येक पेंच गिनकर ?
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_505	नहीं, वह उन्हें तोल कर देगा क्‍योंकि गिनने में उसे बहुत समय लगेगा ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_506	यदि प्रत्येक पेंच का भार 0.8g है तो वह 400g पेंच तोलेगा क्योंकि (0.8 x 500 = 400 g) यह 500 पेंचों का भार है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_507	आपको आश्चर्य होगा कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया सिक्‍कों की इच्छित संख्या तोलकर देता है गिनकर नहीं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_508	जैसे-जैसे वस्तुओं की संख्या बड़ी होती जाती है यह तोल से गिनती का प्रक्रम बहुत मेहनत बचाने वाला होता जाता है ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_509	हम इस प्रक्रम का उल्टा भी कर सकते हैं ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_510	उदाहरण के लिए, अगर हम 5000 बहुत छोटी कमानी (स्प्रिग, जो घडियों में प्रयोग होते हैं) लें, और उनका भार लें ।
hin_tel_ebs_chemistry_20-2-2021_511	यदि इनका भार 1.5g हो तो हम प्रत्येक स्प्रिग का भार ज्ञात कर सकते हैं - 1.5g ÷ 5000 = 3 x 10^{-4}